Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 जिन ढूँढ़ा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 4 जिन ढूँढ़ा Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(१) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

(२) उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 3
उत्तर:
i – ग
ii – ख
iii – ङ
iv – क

(३) शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए :

१. कस्तूरी की खोज करने वाला
उत्तर:
मृग

२. किनारे पर बैठा रहने वाला।
उत्तर:
बसेरा

३. तीन नोकों वाला अस्त्र
उत्तर:
त्रिशूल

४. जो बलहीन है
उत्तर:
शक्तिहीन

(४) दोहों में आए सुवचन
उत्तर:
(i) दुर्बल की रक्षा करना सबल का कर्तव्य है।
(ii) जिस पर ईश्वर की कृपा हो, उसका कोई कुछ भी बुरा नहीं कर सकता।

(५) निम्नलिखित अर्थ के शब्द दोहों से ढूँढ़कर लिखिए:

१. पुत्र ……..
२. इत्र विक्रेता ……….
३. परमात्मा ……….
४. खुद ……….
उत्तर:
१. लाल
२. सुगंधि बेचने वाला
३. पीव
४. दुनिया

(६) दोहों में प्रयुक्त निम्न शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 2
उत्तरः
१. हिरण, एक नक्षत्र का नाम
२. कलश या घड़ा, एक राशि का नाम
३. परिक्षा फल, नतिजा
४. बच्चा, केश

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(७) अपनी पसंद के किसी एक दोहे के भावार्थ से प्राप्त प्रेरणा लिखिए।
उत्तरः
दोहा : जिन ढूँढ़ा ……………. किनारे बैठ ।।
प्रेरणा: प्रस्तुत दोहे से हमें साहस जैसे महान गुण का संचय करने की प्रेरणा मिलती है। साहस में बड़ी शक्ति होती है। उसके बल पर हम पानी की गहराई तक जाकर अनमोल रत्न पा सकते हैं। साहस व्यक्ति का महत्त्वपूर्ण गुण हैं।

उपयोजित लखन

शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए:
शैली. जल, तस्वीर, अंगूठी
उत्तरः
मेल-मिलाप

रामपुर नामक गाँव में घनश्याम नाम का एक जौहरी रहता था। वह अपने दाहिने हाथ की एक ऊँगली में सोने की एक अंगूठी पहनता था। उसे उस अंगूठी से बेहद लगाव था। अत: कभी-भी वह उसे अपनी ऊँगली से अलग नहीं करता था। वह अपने परिवार से अलग रहता था। उनके लिए अलग घर की व्यवस्था थी। वह उन्हें मिलने कभी नहीं जाता था। एक दिन जौहरी को मिलने के लिए पड़ोस के गाँव से एक व्यक्ति आया। उसके पास एक थैली थी। उस थैली में एक घोड़े की तस्वीर थी । उस तस्वीर को बाहर निकालकर उसने जौहरी से कहा, “मालिक, यह बहुत ही अद्भुत तस्वीर है।

यह मुझे साधु महाराज ने दी है। मैं इसे बेचना चाहता हूँ। जो कोई इस तस्वीर को खरीद लेगा उसका पूरा जीवन बड़े आराम से कटेगा और उसे किसी भी प्रकार की विपत्तियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। उस व्यक्ति की बातें सुनकर जौहरी ने जिज्ञासा से पूछा, “तो फिर इसका मूल्य कितना है?” उस व्यक्ति ने बताया सिर्फ पाँच जल की बूंदे और वह भी वे बूंदें एक दूसरी से अलग होनी चाहिए यानी एक साथ मिलनी नहीं चाहिए।

यह सुनकर जौहरी हैरान रह गया। थोड़ी देर तक सोचने के बाद उसने तुरंत अपने नौकर के जरिए एक गिलास में पानी मैंगवाया। उसने एक प्लेट में पानी की बूंद गिराने की कोशिश की, पर उसके प्रयत्न निष्फल रहे क्योंकि पानी की बूंदें एक-दूसर से मिलने लगी। कई बार कोशिश करने के बाद जौहरी थक गया। वह व्यक्ति मन ही मन हँस रहा था। हैरान होकर जौहरी ने उसकी ओर देखा।

तब तपाक से उस व्यक्ति ने कहा, “एक-दूसरे के साथ मिलना तो बूंदों का स्वभाव है। फिर इंसान होकर तुम क्यों अपने परिवार वालों से अलग रहते हो?” उस आदमी की बातें सुनकर जौहरी की आँखें खुल गई और वह तुरंत अपने परिवार वालों के पास चला गया। सीख : हमें जीवन में मेल-मिलाप से रहना चाहिए।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 10
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 5

समझकर लिखिए।

Question 1.
बड़ा व्यक्ति वही कहलाता है
Answer:
जिसके बड़े होने से दूसरों का भला होता है।

Question 2.
संसार में उन्हीं गुरु शिष्य को लोग याद करते हैं
Answer:
जो शिष्य अपने गुरु पर सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहता है और जो गुरु अपने शिष्य से कुछ भी नहीं लेता है।

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. राहगीर
  2. छाया
  3. संगत
  4. इत्र विक्रेता

Answer:

  1. राहगीर – पंथी
  2. छाया – छाँव
  3. संगत – संगति
  4. इत्र विक्रेता – गंधी

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विलोम शब्द लिखिए।

  1. बड़ा x …….
  2. छाया x ……
  3. साधु x …….

Answer:

  1. बड़ा x छोटा
  2. छाया x धूप
  3. साधु x असाधु

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. छाया
  2. गुरु

Answer:

  1. परछाई, बाधा
  2. अध्यापक, बड़ा

निम्नलिखित शब्द का लिंग बदलिए।

  1. साधु
  2. शिष्य

Answer:

  1. साध्वी
  2. शिष्या

Question 1.
निम्नलिखित पद्यांश में से तत्सम शब्द पहचानकर लिखिए।
Answer:
साधु
गुरु

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गुरु से शिक्षा प्राप्त करने वाला
Answer:
शिष्य

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘छात्र जीवन में सत्संगति का असाधारण महत्त्व होता है।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
सत्संगति का अर्थ है – अच्छी संगति। अच्छे मनुष्यों के साथ रहने से हम सद्गति की ओर अग्रसर होते हैं। सत्संगति के संसर्ग से मनुष्य सदाचरण का पालन करता है। विद्यार्थियों को हमेशा अच्छे संस्कार वाले छात्रों की संगति में रहना चाहिए। सत्संगति हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है। सत्संगति में रहकर हम चरित्रवान बन सकते हैं। हमें जीवन में किसी से दोस्ती करते समय यह नहीं सोचना चाहिए कि वह गरीब है या अमीर । हमें दूसरे व्यक्ति के संस्कार एवं उसकी अच्छाइयों को ध्यान में रखते हुए उससे दोस्ती करनी चाहिए। सत्संगति में रहने से हम जीवन में कभी
भी गलत रास्ते पर नहीं जा सकते हैं।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति आ (१): आकलन कृति

Question 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
कमजोर व्यक्ति को सताने से –
(अ) उन्हें बुरा लगता है।
(आ) उनकी हाय लगती है।
(इ) उनकी पीड़ा और बढ़ जाती है।
Answer:
कमजोर व्यक्ति को सताने से उनकी हाय लगती है।

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समझकर लिखिए।

Question 1.
यह निर्जीव है
Answer:
लुहार की धौंकनी।

Question 2.
धौंकनी से यह निकलती है
Answer:
हवा रूपी श्वास

Question 3.
पद्यांश में प्रयुक्त एक धातु का नाम
Answer:
लोहा

उचित जोड़ियाँ मिलाइए।।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 9
Answer:
i – ग
ii – घ
iii – क
iv – ख

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 11
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 6

उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।

Question 1.
बल
Answer:
उपसर्ग – दुर्बल, प्रत्यय – बलवान

Question 2.
जीव
Answer:
उपसर्ग – सजीव, प्रत्यय – जीवधारी

विलोम शब्द लिखिए।

  1. दुर्बल x ………..
  2. बाहर x ………

Answer:

  1. दुर्बल x सबल
  2. बाहर x अंदर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

लिंग बदलिए।

  1. कुम्हार
  2. गुरु

Answer:

  1. कुम्हारिन
  2. गुरुआइन

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. साईं
  2. अंतर
  3. बैरी
  4. खोट

Answer:

  1. ईश्वर
  2. भीतर
  3. दुश्मन
  4. दोष

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जिसमें बल न हो
Answer:
दुर्बल

कृति आ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में गुरु का महत्त्व अनन्यसाधारण होता है। गुरु बिना गति नहीं अर्थात गुरु के बिना छात्र प्रगति नहीं कर सकता; वह ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता। गुरु हमारे दुर्गुणों को हटाकर सद्गुणों का संवर्धन करता है। संतकवि कबीर जी ने कहा है कि गुरु के बिना व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिल सकता है। हमारे सभी धर्मग्रंथों में गुरु की महिमा का गुणगान किया गया है।

जिसे जीवन में गुरु का साथ मिलता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में भवसागर पार कर जाता है। जिस प्रकार सूर्य के निकलने से अंधकार का नाश हो जाता है; ठीक उसी प्रकार गुरु के मुख से निकले वचनों से मोहरूपी अंधकार का नाश हो जाता है। गुरु अज्ञान का निराकरण करता है और हमें सच्चाई का मार्ग दिखाता है।

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति इ (१): आकलन कृति

निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों

Question 1.
ईश्वर
Answer:
संत कबीर को किसकी महिमा सब जगह दिखाई देती है?

Question 2.
कस्तूरी
Answer:
हिरण की नाभि में क्या होती है?

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समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 12
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 7

कृति इ (२):शब्द संपदा

Question 1.
पद्यांश में से देशज शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
नैन
पीव

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. मृग
  2. दुनिया
  3. घट
  4. नैन

Answer:

  1. हिरण
  2. संसार
  3. घड़ा
  4. नयन

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. मृग –
  2. कुंडल –

Answer:

  1. मृग – हिरण, एक नक्षत्र का नाम
  2. कुंडल – नाभि, कड़ा, बाली

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ दोहों से ढूंढकर लिखिए।

  1. परमात्मा
  2. संसार
  3. खुद
  4. पुत्र

Answer:

  1. पीव
  2. दुनिया
  3. मैं
  4. लाल

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘ईश्वर सर्वव्यापक है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
ईश्वर ने ही इस सुंदर सृष्टि का निर्माण किया है। उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता है। संपूर्ण सृष्टि में ईश्वर का अस्तित्व है। वह हमारे हृदय में विराजमान है। लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं होता। अत: हम उसे ढूँढ़ने के लिए चारों और भटकते रहते हैं। अलग-अलग तीर्थस्थलों पर जाकर उसे पाने का प्रयास करते हैं। कोई उसे मंदिर मैं ढूँढ़ता है तो कोई उसे मस्जिद में ढूँढ़ता है।

परंतु वह तो हर जगह है। उसे पाने के लिए हमें यहाँ-वहाँ भटकने की जरूरत नहीं है। ईश्वर को पाने के लिए मनुष्य को बाह्य-आडंबरों का त्याग करना चाहिए। कर्मकांड व बाहरी आडंबर के जरिए हमें उसकी प्राप्ति नहीं होती है। सच्चे भाव से ईश्वर को याद करने पर वह हमारे साथ होते हैं। इसके लिए हमें यहाँ-वहाँ जाने की जरूरत नहीं है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ई (१) आकलन कृति

पद्यांश के आधार पर समझकर निम्नलिखित वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
किनारे पर वही बैठा रहता है –
Answer:
जो डूबने से डरता है।

Question 2.
पानी की गहराई में उतरने से –
Answer:
व्यक्ति को अनमोल रत्न की प्राप्ति होती है।

निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
बौरा
Answer:
डूबने से कौन डरता है?

Question 2.
फूल
Answer:
जो हमारे जीवन में काँटा बोता है, उसके जीवन में हमें क्या बोना चाहिए?

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 13
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा 8

कृति ई (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. फूल
  2. किनारा
  3. काँटा
  4. पानी

Answer:

  1. सुमन
  2. तट
  3. कंटक
  4. जल

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 जिन ढूँढ़ा

विलोम शब्द लिखिए।

  1. फूल x ……….
  2. ढूँढना x ………

Answer:

  1. फूल x काँटा
  2. ढूँढना x पाना

वचन बदलिए।

  1. किनारा
  2. फूल

Answer:

  1. किनारा – किनारे
  2. फूल – फूल

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
तीन नोकों वाला अस्त्र
Answer:
त्रिशूल

कृति ई (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘साहस व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण होता है’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
साहस ही जीवन है। साहस ही हमें जीवन में सफलता के लक्ष्य तक पहुंचाता है। जिस व्यक्ति के पास साहस होता है वह व्यक्ति दूसरों से अलग होता है और वह अद्भुत कार्य कर दिखाता है। साहस के कारण जीवन में उत्साह का संचार होता है और व्यक्ति का जीवन जीने योग्य बनता है। साहस मनुष्य-जीवन को सोने जैसा चमकाता है और उसे उन्नति की ओर आगे बढ़ाता है।

जीवन की उन्नति, प्रगति और उच्चतम विकास के लिए साहस बहुत ही आवश्यक है। साहस के बल पर ही कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में जा सकीं। साहस के बल पर ही कोलंबस ने अमेरीका की खोज की। साहस के बल पर ही सिकंदर ने पूरी दुनिया पर अपना वर्चस्व स्थापित किया था। इसी साहस के बल पर हम भारतीयों ने अंग्रेजों का सामना करके उन्हें वापस जाने के लिए मजबूर किया था। इसलिए साहस सबसे बड़ा गुण है।

जिन ढूँढ़ा Summary in Hindi

जिन ढूँढ़ा कवि – परिचय

जीवन-परिचय : संत कबीरदास जी का जन्म सन १३९८ उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में हुआ। ये भक्तिकालीन निर्गुण काव्यधारा के संतकवि थे। इनकी भाषा सधुक्कड़ी है। हिंदी भाषा की बोलियों का उल्लेख और प्रयोग इनकी रचनाओं में झलकता है। इनकी रचनाओं में धार्मिक आडंबर और सामाजिक रूढ़ियों के प्रति विद्रोह दिखाई देता है। ये समाज में जागरण युग के अग्रदूत के रूप में जाने जाते हैं।

प्रमुख कृतियाँ : ‘साखी’, ‘सबद’, ‘रमैनी’, इन तीनों का संग्रह ‘बीजक’ नामक ग्रंथ में किया गया है।

जिन ढूँढ़ा पद्य-परिचय

दोहे : दोहा एक अर्धसममात्रिक छंद है। इसमें प्रथम और तृतीय चरण में १३-१३ तथा द्वितीय और चतुर्थ चरण में ११-११ मात्राएँ होती हैं। चरण के अंत में लघु होता है।

प्रस्तावना : ‘जिन ढूँढा’ इस दोहे में संतकवि जी ने बड़प्पन का लाभ, गुरु और शिष्य की मनोवृत्ति, संगति का फल, अच्छा व्यवहार, परोपकार, साहस, सहानुभूति, जीव व आत्मा-परमात्मा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए हैं। संत कबीर के इन नीतिपरक दोहों से जीवन जीने की कला और जीवन को समृद्ध करने की सीख मिलती है।

जिन ढूँढ़ा सारांश:

संतकवि कबीर जी ने अपने नीतिपरक दोहों के माध्यम से मनुष्य को जीवन समृद्ध करने की सीख दी है। कबीर कहते हैं कि व्यक्ति को सिर्फ बड़ा नहीं होना चाहिए। उसके बड़े होने से दूसरों को लाभ पहुंचाने की क्षमता व्यक्ति के पास होनी चाहिए। गुरु-शिष्य का आपसी रिश्ता पवित्र होना चाहिए। शिष्य के पास गुरु पर सर्वस्व अर्पण करने की भावना होनी चाहिए। गुरु के पास भी शिष्य से कुछ भी न लेने की मनोवृत्ति होनी चाहिए।

मनुष्य को सज्जनों की संगति में रहना चाहिए। सज्जनों की संगति से व्यक्ति को अपने चरित्र में सुधार कर लेना चाहिए। दुर्बल या कमजोर व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। उनकी हाय कभी नहीं लेनी चाहिए। बलवान व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह दुर्बल व्यक्ति की सुरक्षा करें। एक गुरु ही शिष्य के जीवन को आकार देने का कार्य करता है। वही उसका भाग्यविधाता होता है। जिस पर सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा होती है, उसे कोई भी नहीं मार सकता है। हमें ईश्वर को अपने नयनों में बंद करके रखना चाहिए; ताकि हम उसे सदैव देख सकें। ईश्वर की अद्भुत महिमा हर जगह दिखाई देती है।

अत: व्यक्ति को ईश्वर के साथ एकाकार होना चाहिए। साहस के द्वारा व्यक्ति बड़े से बड़ा कार्य कर सकता है । हमें जीवन में दूसरों का हित ही करना चाहिए। संत कबीर के इन नीतिपरक दोहों को अपने जीवन में उतारने और उसका पालन करने से हम जीवन में सफलता हासिल कर सकते हैं।

जिन ढूँढ़ा शब्दार्थ

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जिन ढूँढ़ा भावार्थ

बड़ा हुआ तो …………………………. लागें अति दूर।।

कबीरदास जी कहते हैं कि केवल शरीर से बड़ा होना पर्याप्त नहीं होता है। अपने बड़प्पन से दूसरों को लाभ पहुँचाने की क्षमता व्यक्ति के पास होनी चाहिए। खजूर का पेड़ बहुत ऊँचा होता है परंतु राह से आने-जाने वाले राहियों को उसके छाया का लाभ नहीं मिलता है और फल अधिक दूर लगने के कारण राहगीर उसके फलों का आस्वाद भी नहीं ले सकते हैं। यदि व्यक्ति के बड़े होने से दूसरे लोगों का भला हो सकता है, तो ही व्यक्ति सचमुच का बड़ा होता है।

सिष को ऐसा …………………………….. कुछ नहीं लेय।।

कबीरदास जी कहते हैं कि शिष्य का ऐसा स्वभाव होना चाहिए कि वह गुरु पर अपना सर्वस्व अर्पण कर दे। जैसा शिष्य हो वैसे गुरु को | भी होना चाहिए। गुरु भी ऐसे स्वभाव वाला होना चाहिए कि वह शिष्य से कुछ भी न लेने की इच्छा रखता हो।

कबिरा संगत …………………………….. बास सुबास।।

कबीरदास जी कहते हैं कि सज्जन व्यक्ति की संगति इन बेचने वाले की सुगंध की तरह महकती है। इन बेचने वाला व्यक्ति हमें कुछ दे । । या न दे, फिर भी उसके पास रहने से सुगंध मिलती ही है।

दुर्बल को न सताइए …………………………….. भसम हवै जाय।

कबीरदास जी कहते हैं कि दुर्बल या कमजोर व्यक्ति को नहीं सताना चाहिए। उनकी हाय या उनके मुख से निकली बटुआ बड़ी प्रभावशाली व असरदार होती है। जिस प्रकार लुहार के पास जो धौंकनी होती है, वह निर्जीव होती है; पर जब उससे हवा निकलती है तब उस हवारूपी श्वास से लोहा भी भस्म हो जाता है।

गुरु कुम्हार सिष …………………………….. बाहर बाहै चोट।।

कबीरदास जी ने यहाँ गुरु को कुम्हार की संज्ञा दी है और शिष्य को कच्चे घड़े की। जिस प्रकार कुम्हार घड़े को सुंदर बनाने के लिए । भीतर से एक हाथ से सहारा देता है और बाहर दूसरे हाथ से थपथपाकर उसे सही आकार देता है, ठीक उसी प्रकार गुरु भी शिष्य को अंतर (हृदय) से प्रेम भावना तथा बाहर से कठोर अनुशासन में रखकर योग्य बनाता है।

जाको राखै …………………………….. जग बैरी होय।।

कबीरदास जी कहते हैं कि जिस पर सर्वशक्तिमान ईश्वर की कृपा होती है, उसे कोई भी नहीं मार सकता है। भले ही पूरी दुनिया उसका बैरी अर्थात दुश्मन हो जाए तो भी उसका बाल बाँका नहीं हो सकता।

नैनों अंतर आव …………………………….. तोहि देखन देवें।।

कबीरदास जी कहते हैं कि हे सर्वशक्तिमान ईश्वर ! तू मेरे नयनों में आकर बस जा और मैं तुझे अपने नयनों में बंद कर लूँ। ऐसा करके । न मैं किसी और को देखूगा और न तुझे किसी और को देखने दूंगा।

लाली मेरे लाल …………………………….. हो गई लाल।।

कबीरदास जी ने इस दोहे में ईश्वर को लाल कहा है और उसकी महिमा को लाली कहकर संबोधित किया है। वे कहते हैं, “मुझे मेरे । ईश्वर की अद्भुत महिमा हर जगह दिखाई देती है। जब मैं उस अद्भुत महिमा को देखने गया तब मैं भी उसमें विलीन हो गया।”

कस्तूरी कुंडल …………………………….. जानै नाहिं।।

कबीरदास जी कहते हैं कि ईश्वर सर्वव्यापक है। वह हमारे हृदय में भी स्थित है। जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में होती है, परंतु उसे इस बात का पता नहीं होता और वह उसकी सुगंध से मस्त होकर पूरे वन में उसे खोजता फिरता है। उसी प्रकार ईश्वर भी हमारे हृदय में ही वास करते हैं पर हमें इस बात का ज्ञान नहीं होता है और हम उसे ढूँढ़ने के लिए चारों ओर घूमते-भटकते रहते हैं।

जिन ढूँढा …………………………….. रहा किनारे बैठ।।

कबीरदास जी कहते हैं कि जीवन में साहस का होना अत्यावश्यक है। यदि व्यक्ति के पास अनमोल रल पाने की चाह है, तो उसे पानी । की गहराई में उतरना ही पड़ेगा। यदि उस बावले को डुबने का डर है तो वह किनारे ही बैठा रह जाएगा है। ऐसा व्यक्ति जीवन में कुछ भी नहीं कर पाएगा।

जो तोको …………………………….. बाको है तिरसूल।।

कबीरदास जी कहते हैं कि हमें जीवन में दूसरों का हित ही करना चाहिए। भले ही दूसरा व्यक्ति तुम्हारी राहों में काँटा बोए; फिर भी तुम्हें उसके लिए फूल ही बोने चाहिए। तुम्हारे बोए फूल से तुम्हारा आँगन तो महक उठेगा पर उस व्यक्ति को काँटों के बदले त्रिशूल का कष्ट । मिलेगा, जिससे उसका जीवन यातनाओं से भर जाएगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 2 खोया हुआ आदमी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 2 खोया हुआ आदमी Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(१) कृति पूर्ण कीजिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी
(२) उत्तर लिखिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 4

(३) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों :

भविष्यवाणी
Answer:
गाँव वालों को मुसीबत से बचाने के लिए खोया हुआ आदमी क्या बताता था?

झमाझम बारिश
Answer:
बच्चे-बड़े सभी किसमें भीगने का भरपूर आनंद लेने लगे?

खुशहाली
Answer:
खोए हुए आदमी की मदद गाँव वालों के लिए क्या लेकर आई?

गंधक
Answer:
जिस रात मौसम बौराया उस रात किसकी तेज गंध पूरे गाँव में फैल गई?

(४) दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 2
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 5

अभिव्यक्ति

‘मानवता ही सच्चा धर्म है।’ पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
मानवता शब्द का सरल शब्दों में मतलब है – मनुष्यता मानवता
मनुष्य का धर्म होता है। आज मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा है। इंसान स्वार्थ की पट्टी के कारण अंधा होता जा रहा है। इंसान को स्वार्थ, लोभ, मोह आदि से परहेज करना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य की सहायता करनी चाहिए। मानवता के बदले हम सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। मानवता से भरा जीवन जीने से व्यक्ति के अंदर सहज रूप से शक्ति और स्फूर्ति आ जाती है।

एक-दूसरे की मदद करने से हम एक-दूसरे की पीड़ा, व्यथा, वेदना को दूर कर सकते हैं। इससे बढ़कर कोई अन्य धर्म नहीं हो सकता। जीवन में जो महापुरूष हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन में मानवता के धर्म को ही अपनाया था। महाकवि गुप्त जी ने ठीक ही लिखा है – ‘वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।’ मानवता का धर्म मानव जाति को एक-दूसरे से प्रेम करना सिखाता है।

भाषा बिंदु

(१) निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए अव्ययों को रेखांकित करते हुए उनके भेद लिखिए :

उसके जहन से उसका नाम और पता पूरी तरह खो चुके थे। —–
Answer:
परंतु

ओह ! दिव्या मैं ठीक हूँ। —–
Answer:
अरेरे!

उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँववाले मुसीबतों से बच जाते । —-
Answer:
के समान

वहाँ से तुलसीनगर पास पड़ता है । —–
Answer:
धीरे-धीरे

काश, अपने गाँव-शहर में हमें भी ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता ! —–
Answer:
इसलिए

कभी-कभी मेरा मन उच्चाकाश में उड़ने वाले पक्षियों के साथ अनंत के ओर-छोर नापना चाहता है। —————
Answer:
छि !

ब्लडप्रेशर भी ज्यादा है पर चिंता की कोई बात नहीं । ——–
Answer:
ऊपर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

इतनी जल्दी लौट जाते हैं । —–
Answer:
के अलावा

(२) निम्नलिखित अव्ययों का सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए।

परंतु :
Answer:
मैं तुम्हें मिलने आने ही वाला था परंतु कुछ कारण वश नहीं आ सका।

अरेरे! :
Answer:
अरेरे! यह क्या हो गया?

के सामान :
Answer:
उसके समान कोई भी बहादुर नहीं है।

धारे-धीरे :
Answer:
गाड़ी धीरे-धीरे जा रही थी।

इसलिए :
Answer:
वह बीमार है इसलिए आज स्कूल नहीं गया।

छि! :
Answer:
छि! कितनी गंदगी है।

ऊपर :
Answer:
उसके ऊपर एक किताब है।

के अलावा :
Answer:
मुझे इसके अलावा और कुछ नहीं अच्छा लगता।

उपयोजित लेखन

‘विश्व बंधुता : वर्तमान युग की माँग’ इस विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
Answer:
संस्कृत में एक सुभाषित है – सर्वे भवन्तु सुखिन। सर्वे सन्तु निरामयाः । इसका अर्थ यह है कि संसार में सब सुखी रहें, सब निरोग रहें और विश्व में कोई दुखी न हो। इसे ही विश्व बंधुत्व कहते है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ ऐसा जो कहा गया है, वह शत-प्रतिशत उचित है। जब तक व्यक्ति विश्व बंधुत्व को नहीं अपनाएगा; तब तक मानवता अधूरी रहेगी, मानव अधूरा रहेगा, राष्ट्र अधूरा रहेगा और विश्व भी अधूरा ही रहेगा। आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में अशांति, अराजकता, हिंसा आदि प्रवृत्तियाँ दिखाई दे रही हैं। इनके कारण व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की हानि हो रही है।

आज हमारे समाज में ईर्ष्या, द्वेष, नफरत की भावनाएँ बढ़ रही हैं। इस कारण समाज में दुश्मनी का भाव पनपने लगा है। ये दशा राष्ट्र की भी है। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र की सीमा पर आए दिन हमला कर रहा है। इस कारण अशांति निर्माण हो रही है। इसी कारण ‘विश्व-बंधुत्व’ वर्तमान युग की माँग है। विश्व बंधुत्व की भावना मानव अधिकारों की सुरक्षा की कुंजी है। विश्व-बंधुत्व की भावना को अपनाने से सभ्य मानवी समाज विकसित होगा।

गरीबी, जाति, धर्म, ऊंच-नीच आदि समस्याओं का समाज से निर्मूलन होगा। विश्व-बंधुत्व की भावना को अपनाने से विश्व में अहिंसा का प्रचार होगा। विश्व में शांति निर्माण होगी। युद्ध व हिंसा खत्म हो जाएगी। सर्वत्र समानता दिखाई देगी। सर्वत्र भाईचारा निर्माण होगा। मानवीय मूल्यों का संवर्धन होगा। आखिर, प्रत्येक मानव को श्रेष्ठ समाज के निर्माण के लिए विश्व बंधुत्व की भावना को आत्मसात करना ही होगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

लेखनीय

प्रतिभा जन्मजात होती है; परंतु उसके पल्लवन हेतु उचित वातावरण की आवश्यकता होती है।
Answer:
प्रतिभा ईश्वर से मिलती है। प्रत्येक मानव के पास प्रतिभा होती है। फर्क सिर्फ इतना ही होता है कि वह किसी व्यक्ति में अत्यधिक रूप से विकसित होती है, तो किसी व्यक्ति में वह विकसित नहीं होती। प्रतिभा का पल्लवन एक उचित वातावरण में ही होता है। उदाहरण के तौर पर देखिए – बचपन में इंदिरा गांधी को रवींद्रनाथ टैगोर व महात्मा गांधी का साथ मिला। उनके साथ वह पली-बढ़ीं। उनके विचार एवं सिद्धांतों से प्रभावित हुई। तब जाकर उनकी प्रतिभा रग लाई। प्रतिभा वृद्धि की कोई सीमा नहीं होती।

टाटा और अंबानी जैसे व्यक्ति उद्योगपतियों के रूप में सफल हुए हैं, तो सचिन तेंदुलकर व पी. टी. ऊषा जैसे खिलाड़ी क्रीडा क्षेत्र में सफल हुए हैं। ये सब अद्भुत प्रतिभा के ही उदाहरण हैं। व्यक्ति को अपने भीतर की प्रतिभा को पहचानकर मनचाहे क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। किसी ने ठीक ही कहा है – ‘जीवन का आनंद स्वयं को जानने में है।’ अत: हर व्यक्ति को स्वयं का निरीक्षण करके अपनी प्रतिभा का पता लगाना चाहिए और उसके विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। व्यक्ति को स्वयं की प्रतिभा के पल्लवन हेतु स्वयं ही अग्रसर होकर उचित माहौल या परिस्थिति निर्माण करनी जाहिए। आखिर जहाँ चाह होती है, वहाँ राह भी होती है।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 25
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 7

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 26
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 8

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

किसने, किससे कहा?

Question 1.
“शायद मैं खो गया हूँ।”
Answer:
गाँव में आए एक आदमी ने गाँव के एक भले आदमी से कहा।

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

Question 1.
गाँव में आया हुआ आदमी कुत्तों को पागल लगा क्योंकि ……….
(क) वह चीथड़ों में लिपटा था।
(ख) उसका शरीर रेशमी कपड़ों में लिपटा था।
(ग) उसका शरीर कंबल में लिपटा था।
Answer:
गाँव में आया हुआ आदमी कुत्तों को पागल लगा क्योंकि वह चीथड़ों में लिपटा था।

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. प्रतिष्ठा
  2. निशान
  3. बड़ी तेजी से
  4. देहात

Answer:

  1. गरिमा
  2. चिह्न
  3. बेतहाशा
  4. गाँव

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
अचानक आ जाने वाला
Answer:
आंगतुक

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
बेतहाशा
Answer:
अचानक, वेगपूर्वक, बिना सोचे-समझे

Question 2.
‘ग्राम’ तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
Answer:
गाँव

दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए।

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘खोया हुआ आदमी’ इस संकल्पना से आप क्या समझते हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘खोया हुआ आदमी’ वह है जिसके चेहरे पर खोने के भाव मौजूद होते हैं। जिस व्यक्ति को अपनी जाति एवं धर्म के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं होता है, वह खोए हुए आदमी की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति अपने घर, परिवार एवं रिश्तेदारों को भूल गया हो और अकेले यत्र-तत्र घुमक्कड़ की भाँति भटकता-फिरता हो, वह खोया हुआ आदमी होता है। जीवनकाल में व्यक्ति के हृदय पर भारी आघात हो जाने पर या गहरा सदमा पहुँचने पर व्यक्ति की दशा खोए हुए आदमी के जैसी हो जाती है। जीवन की आपाधापी में जिन लोगों के मन में भावों का ऊहापोह मचना शुरू हो जाता है, ऐसे लोग मेरे मतानुसार खोए हुए आदमी की श्रेणी में आते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

प्रश्न २ (आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (१): आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 27
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 9

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
गाँव के लोगों को खोया हुआ आदमी बेहद अपना-सा लगा।
Answer:
सत्य

Question 2.
खोया हुआ आदमी गाँव में रहने के लिए राजी नहीं हुआ।
Answer:
असत्य

कृति आ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. जहन
  2. लिहाजा
  3. स्मृति
  4. लोप

Answer:

  1. दिमाग
  2. इसलिए
  3. याद
  4. अभाव

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गायब या खत्म हो जाने का भाव
Answer:
लोप

विलोम शब्द लिखिए।

  1. परिचित x ………….
  2. अपना x …………

Answer:

  1. परिचित x अपरिचित
  2. अपना x पराया

वचन बदलिए।

  1. जाति
  2. तैयारी
  3. स्मृति
  4. फैसला

Answer:

  1. जातियाँ
  2. तैयारियाँ
  3. स्मृतियाँ
  4. फैसले

उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।

Question 1.
धर्म
Answer:
उपसर्ग : अधर्म, प्रत्यय : धार्मिक

निम्नलिखित वाक्यों में विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
गाँव के लोगों ने कहा अरे बह खोया हुआ आदमी तो बेहद अपना-सा लग रहा है।
Answer:
गाँव के लोगों ने कहा, “अरे, यह खोया हुआ आदमी तो बेहद अपना-सा लग रहा है।”

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कृति आ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
स्मृति का लोप हो जाने वाले व्यक्ति के साथ आप किस प्रकार का व्यवहार करेंगे? अपने विचार लिखिए।
Answer:
हम स्मृति का लोप हो जाने वाले व्यक्ति के साथ मित्रवत व्यवहार करेंगे। उनके साथ आवश्यकता से अधिक बात नहीं करेंगे। उन्हें ईश्वर के प्रति ध्यान करने के लिए कहेंगे, जिससे उनके मन को परिवर्तित किया जा सके। ऐसे व्यक्ति के साथ हर परिस्थिति में संतोष व सहनशीलता दिखाएँगे। उन्हें दूध, ग्लूकोज, नारियल पानी और तरल पदार्थ पीने के लिए देंगे। हम इस बात की सावधानी बरतेंगे कि ऐसे व्यक्ति अत्यधिक क्रोधित एवं अत्यधिक भावुक न बनें। उन्हें प्रतिदिन बगीचे में सैर के लिए लेकर जाएँगे; ताकि उनका मन सदैव प्रसन्न रहे। उनसे यदि कोई गलती हो जाती है, तो उन्हें बड़े प्यार से समझाएँगे।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (१)आकलन कृति

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो –

Question 1.
मधुर
Answer:
खोए हुए आदमी की आवाज कैसी थी?

Question 2.
गाय-भैंसें
Answer:
खोए हुए आदमी के गीत से कौन मंत्रमुग्ध होते थे?

कृति इ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
गाय-भैंसें
स्वर-लहरियों
बड़े-बुजुर्गों
कभी-कभी

लिंग बदलिए।

  1. गाय
  2. कुत्ता
  3. भैंस

Answer:

  1. बैल
  2. कुतिया
  3. भैंसा

वचन बदलिए।

  1. तितलियाँ
  2. भैंसा

Answer:

  1. तितली.
  2. भैंसें

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. सगा x …..
  2. पुराना x ……….
  3. सुरीला x …..
  4. गाँव x ……..

Answer:

  1. सगा x सौतेला
  2. पुराना x नया
  3. सुरीला x बेसुरा
  4. गाँव x शहर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
कमाल
Answer:
चमत्कारिक कार्य, निपुणता, सर्वोत्तम

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सुरीली आवाज किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
सुरीली आवाज किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है। वाणी व्यक्ति के व्यक्तित्व की भी पहचान होती है। सुरीली और मधुर आवाज हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। सुरीली आवाज लोगों पर अपना प्रभाव निर्माण करती है। लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार आदि महान गायकों की आवाज ने आज भी लोगों को अपना दीवाना बनाए रखा है। इसलिए स्वर कोकिला लता दीदी बड़े शान से कहती हैं – ‘मेरी आवाज ही मेरी पहचान है।’ सुरीली आवाज के कारण कई व्यक्तिओं को सफलता मिली है। कई लोगों को यश, नाम, कीर्ति, धन आदि सुरीली आवाज के कारण प्राप्त हुआ है। इसलिए कहा गया है कि व्यक्ति की आवाज उस व्यक्ति की पहचान होती है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 28
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 10

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की बात नहीं मानी।
Answer:
खोए हुए आदमी ने खुशी-खुशी गरीब वृद्धा की बात मान ली।

Question 2.
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की देखभाल नहीं की।
Answer:
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की इतनी सेवा की कि वृद्धा को लगा कि उसका जीवन धन्य हो गया।

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 29
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति ई (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विरामचिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
खोया हुआ आदमी आँधी तूफान चक्रवात व ओले पड़ने से पहले सबको आगाह कर देता था
Answer:
खोया हुआ आदमी आँधी, तूफान, चक्रवात व ओले पड़ने से पहले सबको आगाह कर देता था।

दिए गए निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 30
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 12

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

Question 1.
जीवन
Answer:
उपसर्ग : आजीवन, प्रत्यय : जीवनदीप

गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
धीरे-धीरे
पशु-पक्षियों
पेड़-पौधों
बच्चे-बड़े

कृति ई (३) : स्वंमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘गुणी व्यक्ति के लिए संसार में कोई भी कार्य असाध्य नहीं होते।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
गुणी व्यक्ति के पास अद्भुत गुण होते हैं। वह अपने गुणों के द्वारा समाज में अपना प्रभाव स्थापित करता है। जिसके पास सदबुद्धि होती है वही इंसान गुणी व्यक्ति कहलाता है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, नेल्सन मंडेला आदि महापुरुषों का व्यक्तित्व गुणी था। वे हमेशा समय के अनुसार चलते रहे और दूरदृष्टा भी रहें। उन्होंने सिर्फ अपने मन की आवाज को महत्त्व दिया था और अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्य के लिए ही प्रयोग की थी।

गुणी व्यक्ति जीवन में संकटों को देखकर विचलित नहीं होता; बल्कि आने वाले संकट से स्वयं को बाहर निकालने के लिए और उनका सामना करने के लिए तैयार हो जाता है। गुणी व्यक्ति एक बार कार्य स्वीकार करने पर उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। गुणी व्यक्ति के पास प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए सफल होने की इच्छा शक्ति होती है। उनके लिए कोई भी कार्य असाध्य नहीं होता।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (१): आकलन कृति

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी के कारण दलितों में परिवर्तन हुआ।
Answer:
सत्य

Question 2.
खोए हुए आदमी के कारण गाँव में सांप्रदायिकता व जातिवाद की भावना पनपने लगी।
Answer:
असत्य

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 31
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 13

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 32
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 14

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 33
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 15

गद्यांश से ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
Question 1.
स्त्रियाँ
Answer:
कौन पुरुषों की ज्यादतियों के खिलाफ एकजुट हो गईं?

Question 2.
अधिकार
Answer:
खोए हुए आदमी ने किसके लिए स्त्रियों को लड़ना सिखाया?

कृति उ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मित्रता
  2. कर्तव्य
  3. दशा
  4. विरुद्ध

Answer:

  1. दोस्ती
  2. कार्य
  3. अवस्था
  4. खिलाफ

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
दूसरे के श्रम का अनुचित लाभ उठाना
Answer:
शोषण

Question 2.
धर्म को लेकर विवाद या झगड़ा
Answer:
सांप्रदायिकता

Question 3.
आपस में बंधु और भाई होने का भाव
Answer:
भाईचारा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

Question 4.
अपनी जाति को सर्वश्रेष्ठ मानने का सिद्धांत
Answer:
जातिवाद

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
विरुद्ध
Answer:
बाधित, अवरुद्ध

Question 2.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्द ढूंडकर लिखिए।
Answer:
मित्रता
भाईचारा
सांप्रदायिकता
जातिवाद

निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।

Question 1.
कर्तव्य
Answer:
कार्य

कृति उ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘परिवर्तन संसार का नियम है’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी। नए दौर में लिखेंगे हम, मिलकर नई कहानी। कितनी सच्चाई है इस गीत में। इस संसार में कुछ भी अपरिवर्तनशील नहीं है। व्यक्ति को समय के अनुसार बदलना पड़ता है। समय व परिस्थिति के सामने नतमस्तक होकर व्यक्ति को अपनी पुरानी परंपरा एवं रीति-रिवाजों का त्याग करना ही पड़ता है।

आज विज्ञान व तकनीकी के इस युग में सर्वधर्म समभाव, भाईचारा व स्त्री-पुरुष समानता आदि मूल्यों का प्रचार-प्रसार होता दिखाई दे रहा है। आज शिक्षा का सर्वत्र प्रसार हो गया है। इस कारण लोगों की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव होता दिखलाई दे रहा है। आज गाँव में रहने वाली लड़कियाँ एवं स्त्रियाँ भी स्कूल-कॉलेज जाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। सर्वत्र परिवर्तन की धूम मची हुई है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऊ (१): आकलन कृति

गद्यांश से ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

Question 1.
खुशहाली
Answer:
खोए हुए आदमी की मदद गाँव वालों के लिए क्या लेकर आई?

Question 2.
मछलियों
Answer:
गाँव का तालाब किससे भर गया?

Question 3.
प्रश्नवाचक
Answer:
शुरू-शुरू में कुछ लोग खोए हुए आदमी को किस निगाहों से देखते थे?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 34
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 16

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 35
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 36

Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 17
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 18

उचित विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी के अनुसार सफलता का मंत्र है –
(क) गाँववालों के विश्वसनीय व्यवहार में हैं।
(ख) गाँववालों के सहज और सरल व्यवहार के परिणाम में है।
(ग) गाँववालों के कठिन परिश्रम के परिणाम में छिपा हैं।
Answer:
खोए हुए आदमी के अनुसार सफलता का मंत्र है गाँववालों के कठिन परिश्रम के परिणाम में।

कृति ऊ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
शुरू-शुरू
धीरे-धीरे
खेती-बाड़ी

Question 2.
गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आलोचक x प्रशंसक

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

वचन बदलिए।

  1. सफलता
  2. निगाह

Answer:

  1. सफलताएँ
  2. निगाहें

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. सगा x ……….
  2. पुराना x ………
  3. सुरीला x ………
  4. गाँव x …………

Answer:

  1. सगा x सौतेला
  2. पुराना x नया
  3. सुरीला x बेसुरा
  4. गाँव x शहर

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. आलोचना करने वाला –
  2. प्रशंसा करने वाला –
  3. लोगों में प्रिब

Answer:

  1. आलोचक
  2. प्रशंसक
  3. लोकप्रिय

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. बरकत
  2. मछली

Answer:

  1. बढ़ती या लाभ
  2. मीन या मत्स्य

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
निगाह
Answer:
दृष्टि, राय

कृति ऊ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘परिश्रम सफलता की कुंजी है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
मनुष्य जीवन में सफलता और परिश्रम एक-दूसरे से सिक्के के दो पहलू की तरह जुड़े हुए हैं। जीवन में सफलता हर व्यक्ति चाहता है। हर व्यक्ति के पास जीतने की इच्छा होती है। लेकिन जीतना इतना आसान नहीं होता। जीतने के लिए व्यक्ति को अपने जीवन में परिश्रम करना पड़ता है। एक चीज को लक्ष्य बनाकर उस दिशा में सतत प्रयास करना होता है।

नियमित रूप से लगातार परिश्रम करने से व्यक्ति में गुणों की वृद्धि होने लगती है और वह अपने मनचाहे लक्ष्य की ओर अग्रसर होना शुरू कर देता है। एकाग्रता से किया हुआ परिश्रम मानव को सफलता दिला सकता है। हमारा इतिहास इस बात का साक्षी है कि मनुष्य ने कठोर परिश्रम द्वारा असंभव को संभव कर दिखाया है। जीवन में कुछ पाना है या सफल होना है, तो व्यक्ति को कठोर परिश्रम करने पड़ेंगे। परिश्रम करने से साधारण व्यक्ति भी बड़ा और महान बन सकता है।

गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ए (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 37
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 19

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 38
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 39
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 20
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 21

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने लोगों को गुमराह करने का कार्य किया।
Answer:
खोए हुए आदमी ने विश्वास, नया जोश व नया उत्साह भर दिया।

Question 2.
सारी रात मौसम खुशनुमा रहा।
Answer:
सारी रात मौसम बौराया रहा।

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
गंधक
Answer:
जिस रात मौसम बौराया उस रात किसकी तेज गंध पूरे गाँव में फैल गई?

Question 2.
बिजली
Answer:
भयावह गड़गड़ाहट के साथ गाँव में क्या गिरी?

कृति ए (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने लोगों से कहा आप अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक कामों में लगाओ
Answer:
खोए हुए आदमी ने लोगों से कहा, “आप अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक कामों में लगाओ।”

Question 2.
दिए गए गद्यांश में से देशज शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
गड़गड़ाहट
धुक-धुकी
झिर्रियों
चौंधिया

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए।

Question 1.
विश्वास
Answer:
उपसर्ग – अविश्वास, प्रत्यय – विश्वासपात्र

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
खिड़कियों-दरवाजों
अपने-अपने
धुक-धुकी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
सहसा होने वाला बहुत बड़ा अनिष्ट
Answer:
वज्रपात

कृति ए (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
प्रेरणादायी व्यक्ति दूसरों के जीवन बदल देने का सामर्थ्य रखता है।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘प्रेरणादायी व्यक्ति सच्चे दोस्त की तरह होते हैं। वे दूसरों को जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं। वे नकारात्मक स्थिति एवं मुश्किल दौर से निकलने में दूसरों की मदद करते हैं। वे हमें सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं। ऐसे लोगों के संपर्क में आने के कारण व्यक्ति की सोच बदल जाती है और अंत में उनका जीवन भी पूरी तरह से बदल जाता है। प्रेरणादायी व्यक्ति के व्यक्तित्व में ऊर्जा, लगन, जोश, उमंग व उत्साह होता है। वह अपने परिपूर्ण व्यक्तित्व से दूसरों के जीवन में आशाएँ निर्माण करता है। इस प्रकार प्रेरणादायी व्यक्ति आम लोगों के जीवन में नया विश्वास भर देता है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऐ (१): आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 40
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 43

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी को किसी ने गायब करवाया था।
Answer:
असत्य

Question 2.
खोए हुए आदमी के चले जाने पर लोग दुखी हो गए।
Answer:
सत्य

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 41
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 42
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 23
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 24

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
पंचायत
Answer:
किसकी बैठक मूर्ति के नीचे हुआ करती थीं?

Question 2.
सुबह
Answer:
मौसम कब साफ हुआ?

कृति ऐ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मूर्ति
  2. कुत्ता
  3. प्रण
  4. गायब

Answer:

  1. प्रतिमा
  2. श्वान
  3. प्रतिज्ञा
  4. नदारद

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जन समूह के बारे में विधिवत रूप से सूचना प्राप्त करना एवं उसे रेकार्ड करना
Answer:
जनगणना

Question 2.
पंचों की सभा
Answer:
पंचायत

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
पंचायत
Answer:
पंचों की सभा, निरर्थक पूछताछ

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आस-पास
गाँव-शहर

Question 3.
गद्यांश में से कोई भी दो तत्सम शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:
सदा
धर्म

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति ऐ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘असाधारण प्रतिभा के लोग या असामान्य व्यक्ति हमारे पथ-प्रदर्शक होते हैं।’ उनके चले जाने के बाद भी हम उनका अनुसरण करते रहते हैं। अपने विचार लिखिए।
Answer:
असाधारण प्रतिभा के लोग या असामान्य व्यक्ति हमार पथ-प्रदर्शक होते हैं। उनके चले जाने के बाद भी हम उनका अनुसरण करते रहते हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, मदर टेरेसा, बाबा आमटे आदि असामान्य लोग आज हमारे बीच नहीं हैं; फिर भी उनके विचार एवं सिद्धांत आज भी हमारे साथ हैं। आज भी हम उनके बताए हुए मार्ग पर चल रहे हैं। पूज्य बापूजी को स्वर्ग सिधारे पचहत्तर साल हो गए हैं।

फिर भी आज हमारे देश में सत्य व अहिंसा जैसे विचार कायम हैं। आज हमने जो भी उपलब्धि पाई है; वह सब हमारे महापुरुषों के महान विचारों व कार्यों की ही देन है। हम तो सिर्फ उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर उनका अनुसरण कर रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए कहा भी गया है कि पथ प्रदर्शक के बिना जीवन में सफलता मिलना मुश्किल ही; नहीं बल्कि असंभव भी है।

खोया हुआ आदमी Summary in Hindi

खोया हुआ आदमी  लेखक – परिचय
जीवन–परिचय : सुशांत सुप्रिय जी का जन्म २८ मार्च, १९६८ में बिहार राज्य के पटना शहर में हुआ। इन्होंने पंजाब व अमृतसर से शिक्षा ग्रहण की। इनकी रचनाएँ भाषा विभाग (पंजाब) तथा प्रकाशन विभाग (भारत सरकार) द्वारा पुरस्कृत हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ जीवन की सच्चाइयों और विडंबनाओं का सहज रूप से साक्षात्कार करवाती हैं। आप हिंदी, अंग्रेजी व पंजाबी भाषा में लेखन करते आ रहे हैं।

प्रमुख कृतियाँ : ‘एक बूँद यह भी’ (कविता संग्रह), ‘हत्यारे तथा हे राम’ (कथा संग्रह), ‘इन गांधीजीज कंट्री’ (अंग्रेजी कविता संग्रह) आदि।

खोया हुआ आदमी गद्य – परिचय
वर्णनात्मक : साहित्य की सभी विधाओं में कहानी सबसे पुरानी विधा है। जनजीवन में यह सबसे अधिक लोकप्रिय है। कहानी का मुख्य

कहानी : उद्देश्य जीवन की विभिन्न समस्याओं एवं संवेदनाओं को सहज रूप से व्यक्त करना है।

प्रस्तावना : ‘खोया हुआ आदमी’ इस कहानी के माध्यम से लेखक सुशांत सुप्रिय जी ने यह संदेश दिया है कि समाज में व्याप्त सांप्रदायिकता, जातीयता, संकीर्णता आदि कुरीतियों को भुला देने में ही मानव समाज की भलाई है। व्यक्ति की पहचान उसके कार्य से होती है, जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा कार्य करेगा; वह समाज में पूजनीय बन जाएगा।

खोया हुआ आदमी सारांश

‘खोया हुआ आदमी’ एक वर्णनात्मक कहानी है। इस कहानी को कहानीकार ने निवेदन की शैली में लिखा है। इसलिए कहानी के पात्र आपस में वार्तालाप करते हुए दिखलाई नहीं देते। ‘खोया हुआ आदमी’ कहानी का प्रमुख पात्र है। वह एक गाँव में कहीं से आ जाता है। उसे गाँव का एक भला आदमी देखता है। उस भले आदमी को उसके चेहरे पर गरिमा के चिह्न दिखाई देते हैं। भले आदमी द्वारा पूछने पर वह कहता है कि वह शायद से खो गया है। इस कारण उसका नाम ‘खोया हुआ आदमी’ पड़ जाता है। उसके गाँव में आने से गाँव का कायापलट हो जाता है।

खोया हुआ आदमी प्रतिभा का धनी है। उसकी आवाज मधुर है। सुरीली आवाज के कारण गाँव के जानवर एवं बच्चे उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। गाँव की एक वृद्धा उसे अपना बचपन में खोया हुआ बेटा मान लेती है। वह भी उस वृद्धा की पूरी निष्ठा से सेवा करता है। वह गाँववालों को परिश्रम का महत्त्व समझाता है। गाँव वाले परिश्रम करना शुरू कर देते हैं। इस प्रकार गाँव के खेतों में फसलें लहलहाने लगती हैं और गाँव का तालाब भी पानी से भर जाता है। धीरे–धीरे गाँव के सभी लोग उसके प्रशंसक बन जाते हैं।

उसके द्वारा गाँव वालों को समझाने के कारण गाँव में आपसी भाईचारा बढ़ने लगा और दलितों का शोषण बंद हो गया। गाँव के सभी जाति–धर्म के लोग एक–दूसरे के साथ मिल–जुलकर रहने लगे और मिलकर त्योहार मनाने लगे। इस कारण गाँव से सांप्रदायिकता एवं जातिवाद की भावना दूर हो गई। गाँव की स्त्रियों की दशा में सुधार आया और उन्हें भी सम्मान मिलने लगा। उन पर होने वाले अत्याचार खत्म हो गए। एक रात गाँव में मौसम खराब हो गया। भीषण गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरी। जब दूसरे दिन सुबह मौसम साफ हुआ तो खोए हुए आदमी का कहीं पता नहीं था।

सभी लोगों ने उसे बहुत ढूँढ़ा; परंतु उसका कोई पता नहीं चला। इससे गाँव के सभी लोग दुखी हुए। गाँववाले उस आदमी की याद में गाँव के बीचोंबीच उसकी मूर्ति स्थापित करते हैं और अब पंचायत की सभी बैठक उसी मूर्ति के पास होने लगती है। वे उसके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की ठान लेते हैं। कुछ समय बाद जनगणना अधिकारी गाँव में जनगणना के लिए आते हैं तो किसी को भी न अपनी जाति याद होती है और न ही धर्म; जैसे जाति और धर्म के बारे में उनकी स्मृतियाँ खोए हुए आदमी के साथ सदा के लिए खो चुकी थीं। अंत में कहानीकार कहते हैं – ‘काश, हमें भी अपने गाँव और शहर में ऐसा ही ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता।।

खोया हुआ आदमी शब्दार्थ

  • दूर–दराज – दूर तक फैला हुआ
  • तंग – परेशान
  • जहन – दिमाग, मन
  • लिहाजा – इसलिए
  • स्मृति – याद, याददाश्त, स्मरण शक्ति
  • लोप – अभाव, नाश
  • मित्रता – दोस्ती
  • कर्तव्य – कार्य
  • दशा – अवस्था
  • विरुद्ध – खिलाफ
  • मूर्ति – प्रतिमा
  • कुत्ता – श्वान
  • प्रण – प्रतिज्ञा
  • गायब – नदारद
  • बरकत – लाभ, समृद्धि, संपन्नता
  • बेतहाशा – बड़ी तेजी से, बहुत घबराकर और बिना सोचे समझे
  • गरिमा – गौरव
  • फैसला – निर्णय, निपटारा
  • ज्यादतियाँ – अन्याय, परेशान करने की वृत्ति
  • चीथड़ा – गंदे और फटे हुए कपड़े
  • अतीत – पुरानी, बीती हुई
  • तृप्त – संतुष्ट
  • कस्बा – छोटा शहर
  • प्रण – सौगंध
  • वज्रपात – सहसा होनेवाला बहुत बड़ा अनिष्ट, आघात

खोया हुआ आदमी मुहावरे

  • आगाह कर देना – सचेत करना।
  • खाली हाथ लौटना – कुछ भी न पाना।
  • जमीन का निगल जाना – लापता हो जाना।
  • आसमान का खा जाना – लापता हो जाना।
  • मंत्रमुग्ध होना – आकर्षित होना।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokvani Chapter 1 सोंधी सुगंध Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 1 सोंधी सुगंध Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

(१) कृति पूर्ण कीजिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

(२) कृति पूर्ण कीजिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 2
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 6

(३) गीत में प्रयुक्त क्रियारूप लिखिए:

बाग-बगीचे, ताल-तलैया …………
Answer:
मुसकाएँ

झूम-झूमकर मस्ती में तरु गीत ………..
Answer:
सुनाएँ

मधुमास आस-विश्वास ………..
Answer:
किया

धरती ने ………….
Answer:
बढ़ाता

(४) उपसर्ग-प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 5

अभिव्यक्ति

प्रस्तुत गीत की प्रथम चार पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
Answer:
वर्षा ऋतु के आगमन पर धरती पर बारिश की बूंदों का गिरना शुरू हो जाता है। बारिश की बूंदें धरती पर गिरकर मिट्टी को स्पर्श करती हैं, जिस कारण मिट्टी से सोंधी सुगंध आने लगती है। यह सोंधी सुगंध मिट्टी से बातें करने लगती हैं।

बारिश की बूंदों की अनुभूति से धरती प्रफुल्लित हो गई है। इसलिए जैसे ही बारिश थम जाती है; वैसे ही वह अपनी आँखें खोलती हैं। मोर को भी वर्षाऋत अत्यंत प्रिय है। अत: वह भी वर्षाऋत में खश होकर कह रहा है कि चारों ओर हरियाली ही हरियाली छा गई है। भीषण गरमी के कारण धरती बंजर हो गई थी। बादल बरसने के बाद हरियाली-सा हरा वस्त्र धारण करने का धरती का जो सपना था; वह अब वह पूरा हो गया है।

भाषा बिंदु

वर्तनी के अनुसार शुद्ध शब्द छाँटकर लिखिए:

  1. विश्वास/विशवास/विसवास ……..
  2. मसतक/मस्थक/मस्तक ……….
  3. पथ्थर/पथ्तर/पत्थर …………
  4. कुरीति/कूरिति/कुरिती …………
  5. चिन्ह/चीहन/चिह्न …………..
  6. इकठठा/इकट्टा/इकट्ठा ………….
  7. खुबसुरत/खूबसुरत/खूबसूरत …………
  8. विदयापीठ/विद्यापीठ/विद्यापिठ ………….
  9. बुद्धी/बुध्दी/बुद्धि ………….
  10. परिक्षार्थि/परीक्षार्थि/परीक्षार्थी ………….

Answer:

  1. विश्वास
  2. मस्तक
  3. पत्थर
  4. कुरीति
  5. चिह्न
  6. इकट्ठा
  7. खूबसूरत
  8. विद्यापीठ
  9. बुद्धि
  10. परीक्षार्थी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित सुवचन पर आधारित कहानी लिखिए:

‘स्वास्थ्य ही संपदा है।’
Answer:
श्रीरामपुर गाँव में धनसुखलाल नाम का एक धनी व्यक्ति रहता था। वह बहुत ही कंजूस प्रवृत्ति का था। रईस होने के बावजूद भी वह स्वयं पर कभी भी पैसे खर्च नहीं करता था। वह दिन में सिर्फ एक वक्त का भोजन करता था। इतना ही नहीं वह अपने परिवार वालों पर भी धन खर्च नहीं करता था। उसकी कंजूसी के कारण उसका परिवार प्रतिदिन भूखे पेट ही सोता था। एक दिन धनसुखलाल बीमार पड़ गया।

भरपेट खाना न खाने के कारण उसका शरीर कमजोर हो गया था। उसकी शक्ति कम हो गई थी। परिवार के लोग उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहते थे। लेकिन डॉक्टर के पास जाकर काफी रूपया खर्च हो जाएगा। इसलिए उसने घरेलू औषधियों लेना प्रारंभ कर दिया। आहिस्ता-आहिस्ता उसका शरीर अत्यधिक अस्वस्थ और कमजोर हो गया।

यहाँ तक कि अब उठकर चलने की शक्ति भी उसमें शेष नहीं थी। फिर भी वह डॉक्टर के पास जाने के लिए राजी नहीं हुआ। उसी शाम गाँव में एक महात्मा आए। उन्होंने धनसुखलाल के बारे में सुना और वे स्वयं उसे मिलने गए। महात्मा को देखकर धनसुखलाल ने सोचा कि यह महात्मा उसका इलाज कर देंगे। उसने आशा से महात्मा को प्रणाम किया। महात्मा ने उसे स्पष्ट कहा – ‘मूर्ख धनसुखलाल, मैं तुम्हारा भविष्य जानता हूँ। यदि तुम अभी डॉक्टर के पास नहीं जाओगे; तो कल सुबह तक तुम्हारी मृत्यु निश्चित है।’

महात्मा की भविष्यवाणी सुनकर धनसुखलाल के हाथ-पाँव काँपने लगे और महात्मा को प्रणाम करके वह तुरंत अपने परिवार वालों के साथ डॉक्टर के पास चला गया। डॉक्टर ने पूरी निष्ठा से उसका इलाज किया। कुछ दिनों के बाद वह ठीक हो गया। अब उसकी समझ में आ गया था कि ‘स्वास्थ्य ही संपदा होती है।’ सीख : स्वास्थ्य से बढ़कर दूसरी कोई संपत्ति नहीं होती। व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य का सदैव ध्यान रखना चाहिए।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 14
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 7

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 13
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 8

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

‘सदियों का जो सपना है हो जाए पूरा।’ इससे आप समझते हैं
Answer:
भीषण गरमी के कारण धरती बंजर हो गई थी। अब बारिश के आने से वह फिर से हरी-भरी हो जाएगी।

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. मेघ
  2. मोर
  3. मृदा
  4. ख्वाब

Answer:

  1. बादल
  2. मयूरा
  3. माटी
  4. सपना

विलोम शब्द लिखिए।

  1. सुगंध x ……..
  2. पूरा x ………

Answer:

  1. सुगंध x दुर्गंध
  2. पूरा x अधूरा

वचन बदलिए।

  1. सदी
  2. हरियाली
  3. टोली
  4. आँखें

Answer:

  1. सदियाँ
  2. हरियालियाँ
  3. टोलियाँ
  4. आँख

निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।

  1. मयूर
  2. हरित

Answer:

  1. मोर
  2. हरा या हरी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

निम्नलिखित शब्द का देशज व तत्सम शब्द लिखिए।

Question 1.
मिट्टी
Answer:
देशज शब्द : माटी, तत्सम शब्द: मृदा

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

आपने पहली बारिश के बाद चारों और महकने वाली मिट्टी की सुगंध को जरूर महसूस किया होगा। उस वक्त जो अनुभूति हुई थी, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
Answer:
बारिश के पहले भीषण गरमी के कारण मिट्टी तपती है। जैसे ही वर्षा की पहली बूंदें धरती पर आती हैं, वैसे ही तपती हुई मिट्टी शीतलता का अनुभव करने लगती है। फिर उसमें से जो गंध उठती है, उसका क्या कहना? मिट्टी की सोंधी सुगंध सभी को आकर्षित करती है। मैं पिछले वर्ष बरसात शुरू होने से पहले अपने गाँव गया था। वहाँ पर मैंने पहली बरसात का अनुभव किया था। बारिश रुकते ही अचानक से सारा वातावरण मिट्टी की भीनी-भीनी सोंधी खुशबू से प्रफुल्लित हो उठा। मानो वह सोंधी महक मुझे बता रही थी कि हम सब उससे जुड़े हैं। हमारा शरीर भी उसी से बना है। आखिर मिट्टी हमें जीवन देती है। सचमुच मिट्टी की उस सोंधी महक ने मेरे चित्त को प्रसन्न कर दिया था। आज भी वह महक मेरे रोम-रोम में समाई हुई है। उस सोंधी महक को महसूस हुए मुझे मनुष्य और मिट्टी के बीच जो गहरा रिश्ता है इसका एहसास भी हुआ था।

संजाल पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 12
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 9

कृति आ (२) : शब्द संपदा

‘रोली’ शब्द का अनेकार्थी शब्द लिखिए।
Answer:
सिंदूर, प्रसिद्ध भूमि, हल्दी व चूने का चूर्ण

निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम रूप लिखिए।

  1. माथा
  2. पेड़

Answer:

  1. मस्तक
  2. तरु

वचन बदलिए।

  1. बोली
  2. रोली
  3. झोली
  4. बगीचा

Answer:

  1. बोलियाँ
  2. रोलियाँ
  3. झोलियाँ
  4. बगीचे

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

कृति आ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

‘बारिश के बाद प्रकृति में होने वाला परिवर्तन’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
वर्षा ऋतु समस्त ऋतुओं की रानी है। बारिश होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है। वर्षा होने से तालाबों और नहरों में पानी भर जाता है। सागर अपनी मस्ती में लहरों के साथ नर्तन करता रहता है। वर्षा से सूखे पेड़-पौधों में भी जीवन आ जाता है। संपूर्ण वातावरण खुशनुमा हो जाता है। मिट्टी से सोंधी महक आनी शुरू हो जाती है। यह महक हमारे चित्त को प्रसन्न कर देती है। बारिश के बाद कृषकों में उल्लास बढ़ जाता है और वे अपने खेतों में लगन के साथ जुट जाते हैं। मोर प्रसन्न होकर नाचने लगते हैं और मेंढक टर्र-टर्र की आवाज करते रहते हैं। इस प्रकार बारिश के बाद प्रकृति की शोभा देखने लायक होती है।

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 10
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध 11

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (१): आकलन कृति

Question 1.
सदा-सदा से यह चली आई है –
Answer:
हँसी-ठिठोली

Question 2.
यह नतमस्तक हो गए हैं –
Answer:
कवि ‘अचूक’

निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों

Question 1.
माटी
Answer:
सोंधी-सौंधी-सी सुगंध किससे बात कर रही है?

Question 2.
मधुमास
Answer:
कवि ने पावस को किसकी उपमा दी है। (३) कृति पूर्ण कीजिए।

कृति इ (२) : शब्द संपदा

पद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आस-विश्वास,
सदा-सदा,
हँसी-ठिठोली,
सोंधी-सौंधी-सी

निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।

  1. पद
  2. मास

Answer:

  1. पाँव या पैर
  2. महीना

निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम रूप लिखिए।

  1. हँसी

Answer:

  1. हास्य

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 सोंधी सुगंध

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मधुमास
  2. पुष्प
  3. आस
  4. नत

Answer:

  1. वसंत ऋतु
  2. फूल
  3. आशा
  4. विनीत

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

‘मनुष्य जीवन में वर्षा का महत्त्व’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
हमारा भारत देश कृषिप्रधान देश है। यदि बारिश समय पर न होगी, तो सूखा या दुर्भिक्ष (अकाल) की स्थिति निर्माण होने में देर नहीं लगेगी। वर्ष के बारह महीने में से तीन या चार महीनों तक लगातार बारिश होने के कारण प्रकृति का संतुलन बना रहता है। जल के बिना मनुष्य जीवन संभव नहीं। इसलिए हमारे जीवन में वर्षा का अत्यधिक महत्त्व है। वर्षा का मौसम तपती गरमी से राहत दिलाता है। बारिश की बूंदें धरती के बढ़े हुए तापमान को अपने अंदर समा लेती हैं। वर्षाकाल में लोग वर्षा का आनंद लेने के लिए पिकनिक मनाते हैं। वर्षा में सूखे हए तालाब, कुएँ और नदियाँ फिर से भर जाती हैं। इस कारण पूरे वर्ष तक मनुष्य को पीने के लिए पानी उपलब्ध होता है।

सोंधी सुगंध Summary in Hindi

सोंधी सुगंध कवि-परिचय

जीवन-परिचय : डॉ. कृपाशंकर शर्मा जी का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा शहर में हुआ। हिंदी साहित्य में इन्हें ‘अचूक’ इस उपनाम से जाना
जाता है। इन्हें बालगीतकार एवं बालकहानीकार के रूप में अधिक जाना जाता है। इन्होंने कविता के विविध अंगों को सूक्ष्मता से जाना-पहचाना है। गीत, गजल, कविता एवं दोहे इनकी रचना का प्रमुख विषय रहे हैं। समीक्षा के क्षेत्र में भी इनका कार्य उल्लेखनीय हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में भी इनकी सक्रियता रही है।

प्रमुख कृतियाँ : ‘फिर भी कहना शेष रह गया’, ‘नदी उफान भरे’ (गीत संग्रह), ‘गीत खुशी के गाओ तुम’ (बालगीत संग्रह) आदि।

सोंधी सुगंध पद्य-परिचय

गीत : गीत हिंदी साहित्य की एक लोकप्रिय विधा है। स्वर, पद और ताल से युक्त जो गान होता है, वह ‘गीत’ कहलाता है। इसमें एक मुखड़ा तथा कुछ अंतरे होते हैं। प्रत्येक अंतरे के बाद मुखड़े को दोहराया जाता है। इसमें गेयता विद्यमान होती है।

प्रस्तावना : ‘सोंधी सुगंध’ इस गीत में कवि डॉ. कृपाशंकर शर्मा ‘अचूक’ जी ने वर्षा ऋतु का आगमन होने पर प्रकृति में छाई प्रसन्नता एवं खुशहाली का बड़ा ही सजीव एवं मनोहारी वर्णन किया है। वर्षा ऋतु में प्रकृति के विविध रूपों में होनेवाले परिवर्तन का अत्यंत आहलाददायी वर्णन प्रस्तुत कविता में किया गया है।

सोंधी सुगंध सारांश

प्रस्तुत कविता के माध्यम से स्पष्ट किया गया है कि प्रत्येक ऋतु का अपना महत्त्व और अपनी विशेषता है। भीषण गर्मी के कारण तापमान बढ़ता है। सभी भीषण गर्मी से व्याकुल हो जाते हैं। वर्षा तपती गर्मी से राहत दिलाती है। छम-छम करता हुआ पानी देख सबके चेहरे पर रौनक आ जाती है। पहली बारिश की बूंदें धरती को स्पर्श करती हैं, जिस कारण मिट्टी से सोंधी सुगंध आने लगती है। यह सोंधी सुगंध मिट्टी से बातें करने लगती हैं। वह वर्षा के कारण प्रकृति के विविध रूपों, वन्य-जीव, पेड़-पौधों, नदी-तालाबों आदि में होने वाले परिवर्तनों से सभी को रूबरू कराती हैं। वर्षा ऋतु एक प्रेरणादायी ऋतु है। वह प्रत्येक मानव के मन में आस एवं विश्वास भर देती है। इसलिए सदियों से वर्षा का स्वागत होता आ रहा है। सदियों से वर्षा के आगमन पर लोग खुश होते हैं और होते रहेंगे।

सोंधी सुगंध शब्दार्थ

  • सोंधी – सुगंधित
  • रोली – हल्दी-चूने का चूर्ण
  • मंसूबा – विचार, इरादा
  • मधुमास – वसंत ऋतु
  • माटी – मिट्टी
  • धरती – पृथ्वी
  • मयूरा – मोर
  • टोली – दल
  • ताल-तलैया – तालाब-झरने
  • पवन – हवा
  • तरू – पेड़
  • ‘अचूक’ – कवि का उपनाम

सोंधी सुगंध भावार्थ

सोंधी-सौंधी-सी …………………………. माटी से बोली।

वर्षा ऋतु के आगमन पर धरती पर बारिश की बूंदों का गिरना शुरू हो जाता है। बारिश की बूंदें धरती पर गिरकर मिट्टी को स्पर्श करती। हैं, जिस कारण मिट्टी से सोंधी सुगंध आने लगती है। यह सोंधी सुगंध मिट्टी से बातें करने लगती है। बारिश की बूंदों की अनुभूति से धरती प्रफुल्लित हो गई है। इसलिए जैसे ही बारिश थम जाती है; वैसे ही वह अपनी आँखें खोलती हैं। मोर को भी वर्षाऋतु अत्यंत प्रिय है।

अत: वह भी वर्षाऋतु में खुश होकर कह रहा है कि चारों ओर हरियाली ही हरियाली छा गई है। भीषण गरमी के कारण धरती बंजर हो गई थी। बादल बरसने के बाद हरियाली-सा हरा वस्त्र धारण करने का धरती का जो सपना था; वह अब पूरा हो गया है। भला वर्षा के आगमन से कौन खुश नहीं होता?

प्रकृति के सभी अपादान अपनी-अपनी टोली में एकत्रित होकर आनंद व्यक्त कर रहे हैं। वर्षाऋतु के इस सुहावने व मनभावन मौसम में कोई भी अकेला रहना नहीं चाहता। सोंधी सुगंध मिट्टी से कह रही है कि इसमें जो इत्र है, उसमें बारिश का जिक्र है अर्थात वर्षा में सर्वत्र मोहक खुशबू छा गई है।

बाग बगीचे …………………………. माटी से बोली।

वर्षा के आगमन से प्रकृति का प्रत्येक अंग हर्षित एवं प्रफुल्लित हो उठा है। बाग-बगीचे, ताल-तलैया आदि सब मुस्करा रहे हैं। पेड़ भी बरसात के मौसम में अपनी मस्ती में झूम रहे हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि वे खुशी के गीत गा रहे हैं। वर्षा का साथ पाकर पवन भी आनंदविभोर हो गया है। उसने अपनी ठंड हवा की झोली प्रसन्न होकर खोल दी है। जिससे वातावरण और अधिक खुशनुमा हो गया है। सोंधी सुगंध मिट्टी से कह रही है कि इसमें जो इत्र है, उसमें बारिश का जिक्र है अर्थात वर्षा में सर्वत्र मोहक खुशबू छा गई है।

सागर का जो …………………………. माटी से बोली।

वर्षा के आगमन से सागर की अपनी खुशी का इरादा भी सफल हो गया है। वह खुशी के उफान से भर गया है। सागर वर्षाऋतु में अपनी ही खुशियों की दुनिया में खो गया है। अत: वह अपनी लहरों के साथ नृत्य कर रहा है। वर्षा के आगमन के कारण धरती ने अपने तन पर हरियालीयुक्त हरित वस्त्र का परिधान धारण किया। धरती ने अपने मस्तक पर रोली लगाई है। वर्षा-उत्सव के लिए उसने श्रृंगार किया है।

सोंधी सुगंध मिट्टी से कह रही है कि इसमें जो इत्र है, उसमें बारिश का जिक्र है अर्थात वर्षा में सर्वत्र मोहक खुशबू छा गई है।

पावस का मधुमास …………………………. माटी से बोली।

पावस का मधुमास यानी वर्षाऋतु में वसंत जिस प्रकार वसंत ऋतु में वृक्षों पर नए पत्ते एवं फूल आते हैं। वैसे ही वर्षा ऋतु में प्रकृति सजती-संवरती है। सर्वत्र आनंद व्याप्त होता है। वर्षा ऋतु प्रत्येक मानव के मन में आस एवं विश्वास भर देती है। कवि भी वर्षा के इस आनंद से अछूते नहीं है। वह भी वर्षा ऋतु के सामने नतमस्तक होकर उसके स्वागत में पुष्प अर्पण करते हैं।

यह तो प्रतिवर्ष आने वाला उत्सव है। सदियों से वर्षा का स्वागत होता आ रहा है। सदियों से वर्षा के आगमन पर लोग खुश होते हैं और होते रहेंगे। यह हँसी-ठिठोली सदा से चलती आ रही है। सोंधी सुगंध मिट्टी से कह रही है कि इसमें जो इत्र है, उसमें बारिश का जिक्र है अर्थात वर्षा में सर्वत्र मोहक खुशबू छा गई है।

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Balbharti Maharashtra State Board Class 10 English Solutions My English Coursebook Chapter 3.1 If … Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If ….

My English Coursebook Standard Ten Guide Chapter 3.1 If … Textbook Questions and Answers

Warming up:
Chit-chat:

Form groups and chat.

Question 1.
How do you react when your parents scold you?
Answer:
My parents do not scold me without any rhyme or reason. If they scold me, it should be my mistake. Whenever they get angry and scold me, I try to keep mum so that they cool down. I also accept my mistake frankly if that is the only reason of their scolding.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

Question 2.
How do you feel when someone insults you?
Answer:
When someone insults me, I try to find out the reason why he/she behaves like that. If there is a mistake from my side I try to avoid the same mistake again. I never get angry even if someone insults me for my petty mistake.

Question 3.
How would you react when you are cheated by your friend?
Answer:
I am quite sure that any of my friend wouldn’t dare to cheat me. But if it happens I would try to make him/her realize whatever he/she has done is very wrong. And whatever he/she has done is not good for him/her too.

Question 4.
Why is it wrong to make a difference among friends who belong to a different class, colour or community?
Answer:
We are friendly with those who are good at soul and mind. When our behaviour and mind match with each other, we become friends. I personally feel that friendship is not built on the basis of caste, colour or community. It develops on the basis of how we understand one another.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

1. Complete the table by providing suitable responses to the given actions:

Question 1.
Complete the table by providing suitable responses to the given actions:
(Answers are directly given.)
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 1
Answer:

Action Response
1. You are punished by the teacher without any reason. I shall not lose my temper but I shall talk to the teacher afterwards to clear the doubt.
2. Your friends spread rumour about you. I shall try to keep myself cool and confident and try to find out the reason.
3. Someone doubts you. I shall try to clear his/her doubts about me personally.
4. Your relative blames you for something. I shall try to find out the reason and I shall convince him/her not to blame me un­necessarily.
5. Someone hurts you. I shall try to keep away from such people but I shall definitely introspect.

2. Complete the sentences meaningfully and share them with the class:

Question 2.
Complete the sentences meaningfully and share them with the class:
(Answers are directly given and underlined.)

  1. If you read books, you will gain knowledge.
  2. If you do exercise daily, ………………………… .
  3. If ……………………… , you will pass the exam.
  4. If ……………………….., …………………………….. .
  5. ……………………………, If …………………………… .

Answer:

  1. If you read books, you will gain knowledge.
  2. If you do exercise daily, you will become healthy.
  3. If you work hard, you will pass the exam.
  4. If you respect others, others will respect you.
  5. We should accept the truth, if we know it very well.

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3. Classify the following into weaknesses and strengths:

Question 1.
Classify the following into weaknesses and strengths:
fear, confidence, clarity, confusion, worry, courage, cowardice, compassion, bravery, hesitation, punctuality, laziness, anger, faith, patience, ambition, generous, impatient, cheerful, tolerant, arrogant, aggressive.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 2
Answer:

Weaknesses Strengths
fear, confusion, worry, cowardice, hesitation, laziness, anger, impatience, arrogant, aggressive confidence, clarity, courage, compassion, bravery, punctuality, faith, patience, generous, cheerful, tolerant, ambition

English Workshop:

1. Read the following bits of advice and state whether you Agree or Disagree with them:

Question 1.
Read the following bits of advice and state whether you Agree or Disagree with them:
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 3
Answer:

Advice Answer
1. Get angry when others commit mistakes. Disagree
2. Run away from troubles. Disagree
3. Get angry when others blame us Disagree
4. Reconstruct something we have built with care even if it has been broken by others. Agree

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2. Pick out and enlist the positive and negative qualities in respective columns from the extract:

Question 2.
Pick out and enlist the positive and negative qualities in respective columns from the extract:
(Answers are directly given)
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 4
Answer:

Positive qualities Negative qualities
keep your head lose your head
1. trust yourself 1. doubt others.
2. be truthful 2. deal in lies.
3. be smart 3. give way to hating.

3. Why do the lines in the poem begin with, ‘If you can …?’ What effect does this have?

Question 1.
Why do the lines in the poem begin with, ‘If you can …?’ What effect does this have?
Answer:
The lines in the poem begin with ‘If you can… ’ because the poet insistently wants to emphasise the importance of his good advice and attract his son’s attention to every piece of advice given by him. The repetition of the lines has a musical effect.

4. Look at the use of opposite reactions in the Poem.

Question 1.
Look at the use of opposite reactions in the Poem.
For example, “If you can keep your head when all about you are losing theirs”. Find four other such opposite reactions from the extract.
Answer:

  1. or being lied about, don’t deal in lies.
  2. or being hated, don’t give way to hating.
  3. you can think and not make thoughts your aim.
  4. you can trust yourself when all men doubt you.

5. Complete the following:
(Answers are directly given and underlined.)

Question (a)
Say WHAT …………….
are the two imposters ? …………………….. .
can the unforgiving minute be made up of? …………………….. .
Answer:
Say WHAT …………….
are the two imposters ? Triumph and Disaster.
can the unforgiving minute be made up of? sixty seconds, worth of distance run.

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Question (b)
Say WHO …………….
should you trust, when doubted? …………………….. .
can you talk with and walk with? ……………………… .
Answer:
Say WHO …………….
should you trust, when doubted? oneself.
can you talk with and walk with? crowd and kings.

Question (c)
Say WHEN ……………..
can the Earth become yours? …………………….. .
should you start re-building with old tools? …………………….. .
Answer:
Say WHEN ……………..
can the Earth become yours? when we can make good use of every single minute.
should you start re-building with old tools? when we watch things created by us being broken up.

Question (d)
Say WHY ………….
do knaves twist the truth? …………………….. .
should you consider all men equally important? …………………….. .
Answer:
Say WHY ………….
do knaves twist the truth? to make trap for fools.
should you consider all men equally important? because neither foe nor friend can hurt us.

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6. What should be our attitude towards the people of different strata and classes?

Question 1.
What should be our attitude towards the people of different strata and classes?
Answer:
Our attitude towards the people of different strata and classes should be positive and fair. We should treat all of them equally. We should not discriminate them on the ground of race, gender, class or religion. We may keep company with the rich but at the same time you should connect with the common man and the poor. Whatever their place in the society intermingle with them wholeheartedly. We should make efforts to integrate with all of them.

7. What, according to Rudyard Kipling, is the highest quality that makes a man a true human being?

Question 1.
What, according to Rudyard Kipling, is the highest quality that makes a man a true human being?
Answer:
According to Rudyard Kipling, treating all people equally without any discrimination makes a man a true human being.

8. Identify the figures of speech used in the following lines : (Choose from the brackets.)

Question 1.
Identify the figures of speech used in the following lines : (Choose from the brackets.)
(Simile/Repetition/Antithesis/Personification/ Metaphor/Alliteration/Apostrophe)
Answer:

  1. “If you can keep your head when all about you are losing theirs” – Antithesis
  2. “If you can meet with Triumph and Disaster and treat those two imposters just the same” – personification
  3. “And yet don’t look too good, nor talk too wise” – Repitition
  4. With worn-out tools – Alliteration

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

9. Write a letter to your parents, thanking them for advising you; when you were in a confused state of mind. Cover up the following points in the body of the letter:

Question 1.
Write a letter to your parents, thanking them for advising you; when you were in a confused state of mind. Cover up the following points in the body of the letter:

  • Your problem and confusion.
  • The advice of your parents.
  • How you followed their advice.
  • How the problem got solved.
  • Your deep gratitude to them.

Answer:
Prathamesh Purandare,
10, K.B.P. Boy’s Hostel,
Satara – 415 001.
23rd Nov., 2020.
Dear Aai and Baba,

I am extremely happy to write this letter and thank both of you for your good advice. Actually when I joined the hostel, I was not willing to stay here any longer. I couldn’t adjust to the environment and even with the boys here. But in Diwali vacation you both convinced me and told me, how to mingle with the boys here and even how to get accustomed to the conditions here, so now I am quite sure that I would live here happily. Whatever advice you have given, is definitely good for me.

When I came back here, the whole scenario of the hostel and my preconceptions about the hostel life got totally changed. Why I don’t know, but now I am very much happy to live here and intermingle with my hostel mates. If you had not advised me on this issue, I would have left the hostel long before. And my whole academic year would have gone wasted. Thank you very much for making me realize the importance of education and adjustment in the life. Thank you once again for whatever you have done for me. Convey my regards to Grandma and love to little Preksha. Waiting for your next letter as early as possible.

Your loving son,
Prathamesh

10. Draft a speech to be given during the farewell for Standard X on the topic Changes, I would like in the School Education of our State.

Question 1.
Draft a speech to be given during the farewell for Standard X on the topic Changes, I would like in the School Education of our State.

  • Greeting and salutation
  • Self introduction and introduction of the topic
  • A catchy thought/episode/news etc. to start with
  • 2 to 3 changes that you suggest with their reason
  • Conclusion
  • Thank you/greeting

Answer:
“Changes, I would like in School Education of our State ”

Honourable Chairperson, respected Headmaster and teachers.

I, Nikita Desai from Std. X-A wishing you a very pleasant morning. I am here to express my views on behalf of all my classmates and to bid farewell to our school, teachers and all of you.

After spending almost 10-12 years in this school, we are now capable to keep our steps out in a very different world. And I am sure being the students of this school; we would never fall short anywhere and in any field. I know the Chief Guest of today’s programme is the Education Minister of our state. So I take this opportunity to suggest some changes in the school education of our state.

The first and very important thing I would recommend is about the option. There should be internal option to each and every subject. The child should be free to opt whatever he or she likes. Teaching and learning process should not be monotonous. It should be interesting. Every child should take part in this process. Teacher should not be an authoritarian.

One more thing, I would suggest about the examination. Examination should not be mandatory. Even upgradation of a child should be based on his / her internal performance. Written examination should not be given the whole credit. There should not be a burden of homework. It should be done at school.

I know, it is quite difficult to implement everything all of a sudden. But if you go step-by-step, it is quite a feasible suggestion. I know education in Maharashtra is better than other states. But if we make these changes, teaching and learning will be more enjoyable. I hope you will try to understand the views of every child.

Wishing my friends all the best for their examination and for their bright future life. Thank you for listening to me carefully and attentively.

Jai Hind.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

Project:

Question 1.
Rudyard Kipling’s work is known to all of us. Write at least five poems of Kipling in your ; notebook and submit it to your teacher. You f can take help of your school library or search for these poems on the internet.

Question 2.
Rudyard Kipling’s book, entitled ‘The Jungle Book’ is famous world wide. Its theme and setting of the story attracts the readers from the beginning. Write a book review of Kipling’s book ‘The Jungle Book’ in 100 to 150words.

Language Study:

1. Look at the following sentences:

Question 1.
Look at the following sentences:
1. If I practise hard, I shall win the game.
2. If you buy a new car, it will cost you a lot of money.
Each of those sentences has two clauses – main clause and subordinate clause.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 5
Here, the subordinate clause indicates ‘possibility’ or ‘likelihood’. The tense of a subordinate clause depends on the main clause.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If 6

Complete the following sentences:

Question 1.
Complete the following sentences:
(Answers are directly given and underline.)
a. If I like it, ………………………….. .
b. If it rains, ………………………….. .
c. If ………………………….., you would catch the train.
d. If she had obeyed her parents, ………………………….. .
Answer:
a. If I like it, I will buy it at any cost.
b. If it rains, I will remain at home.
c. If you came on time, you would catch the train.
d. If she had obeyed her parents, she would have saved her life.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

2. Pick out lines that contain the following figures of speech.

Question (a)
Antithesis (Opposite ideas): ………………………………………… .
……………………………………………………………………………….. .
Answer:
Antithesis (Opposite ideas): If you can trust yourself when all men doubt you.

Question (b)
Personification: …………………………………………………………. .
……………………………………………………………………………….. .
Answer:
Personification: If you can meet with Triumph and Disaster….

Question (c)
Repetition: ………………………………………………………………. .
……………………………………………………………………………….. .
Answer:
Repetition: If you can dream and not make dreams your master.

Question (d)
Metaphor: ………………………………………………………………… .
……………………………………………………………………………….. .
Answer:
Metaphor: And stoop and rebuilt them up with worn-out tools.

My English Coursebook 10th Digest Chapter 3.1 If … Additional Important Questions and Answers

Simple Factual Activities:

Question 1.
Complete the following sentences:
(Answers are directly given and underlined.)
Answer:

  1. When the people around us doubt us, we should trust ourselves.
  2. We can dream but we should not be slave to our dreams.
  3. We can bear to hear the truth spoken by dishonest people.
  4. When all people around us are unable to act in sensible way, we should keep our head cool.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

Question 2.
Read the following bits of advice and state whether you Agree or Disagree with them:
Answer:

Advice Answer
1. Keep friendship with all classes of people. Agree
2. Hate the rich people and help the poor. Disagree
3. We should treat everyone equally. Agree
4. If we use every minute for the sake of good, we will be a real ‘human being’. Agree

Question 3.
Complete the following sentences:
(Answers are directly given and underlined.)
Answer:

  1. We should not lose the common touch even while walking with the kings.
  2. If we treat everyone equally, neither foes nor loving friends can hurt us.
  3. The speaker in this poem is ‘the father’.
  4. The poem is addressed to ‘the son’.

Complex Factual Activities:

Find the line/lines from the extract as a proof for the following explanations:

Question 1.
If you watch the things created by you are being broken, you can build them up by using worn out tools.
Answer:
or watch the things you gave your life to broken, And stoop and build’em up with worn-out tools :

Question 2.
You should treat both Triumph and Disaster in the same way as they treat you.
Answer:
If you can meet with Triumph and Disaster. And treat those two imposters just the same;

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

Question 3.
How should you react when someone lies about you and hates you?
Answer:
If someone lies about me, I will not tell such lies to others about him/her. And if someone hates me I will not allow myself to be controlled by his / her hatred and I would not appear to be perfect or show off my knowledge.

Question 4.
What does the poet call people who twist the truth to suit them?
Answer:
The poet calls “knaves” to the people who twist the truth to suit them.

Question 5.
Match the following idiomatic expressions in column ‘A’ with meaning in column ’B’:

Column ‘A’ Column ‘B’
1. lose the common touch (a) keep one’s goodness or morals under any condition
2. unforgiving minute (b) refuse to interact with common people
3. keep one’s virtue (c) to be a good, perfect human being
4. to be a man (d) time that does not wait for anyone

Answer:

  1. lose the common touch – refuse to interact with common people
  2. unforgiving minute – time that does not wait for anyone
  3. keep one’s virtue – keep one’s goodness or morals under any condition
  4. to be a man – to be a good, perfect human being

Question 6.
Pick out and enlist the positive and negative qualities in respective columns from the extract: (Answers are directly given.)
Answer:

Positive qualities Negative qualities
1. walk with the kings lose the connect with common man
2. treat all people equally differentiate people unfairly

Activities based on Poetic Devices:

Question 1.
Write down all musical pairs from the extract and add your own rhyming word for each of them.
Answer:

Musical pairs Added rhyming word
you  – too two
waiting – hating rating
lies – wise prize
master – disaster monster
aim – same claim
spoken – broken grown
fools – tools wools

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 3.1 If

Question 2.
Name the figures of speech:
Answer:
1. If neither foes nor loving friends can hurt you. – Antithesis
2. Yours is the Earth and everything that’s in it. – Tautology

Question 3.
Find and write the rhyming pairs from the extract and add your own rhyming word for each of them
Answer:

Rhyming pairs Added rhyming word
1. virtue – you too
2. touch – much such
3. minute- it wit
4. run – son fun

Appreciation of Poem:

  1. Title: The title of the poem is ‘If’.
  2. Poet: The poet of this poem is Rudyard Kipling.
  3. Rhyme scheme: The rhyme scheme for the ; first stanza is ‘aaaa’. All the other five stanzas have the rhyme scheme ‘abab’.
  4. Figure of speech (Any 1): Antithesis, Tautology, Personification anaphora.
  5. Theme / Central Idea: The central idea of the poem is certain valuable pieces of advice ; imparted by a father to his son.

Several of the lines in the poem begin with the conjunction ‘if’. ; (The very title of the poem is ‘If’.) The theme j running through the poem is that ‘if the son ; fulfils certain conditions, he can be rest assured of certain favourable results’. Both the conditions and the results have a direct bearing upon the lives of all young people.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 English Solutions My English Coursebook Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

My English Coursebook Standard Ten Guide Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer Textbook Questions and Answers

Warming up!
Chit-chat

1. Form Groups of 5 to 6 and discuss. Give a rating of 1 to 5 to each of the following.
When you have to make important decisions what do you generally do?
(a) Consult parents/elders [ ]
(b) Contact friends for advice [ ]
(c) Pray to God for guidance [ ]
(d) Think deeply in silence [ ]
(e) Ask your teacher for help [ ]
(f) Toss a coin to decide [ ]

Question 1.
Form Groups of 5 to 6 and discuss. Give a rating of 1 to 5 to each of the following.
When you have to make important decisions what do you generally do?
(Answer is directly given in the box.)
(a) Consult parents/elders [b]
(b) Contact friends for advice [d]
(c) Pray to God for guidance [e]
(d) Think deeply in silence [a]
(e) Ask your teacher for help [c]
(f) Toss a coin to decide [f]
Note: Students may note their own rating after discussion.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

2. In poetry, very often, there are lines in which the poet seems to talk directly to an absent person, an abstract idea or thing/object.
Such a tactic/device used by the poet is the Figure of Speech ‘Apostrophe’.
For example,
Twinkle, twinkle little star …………
Death! Where is thy sting?
O Cave man! I wish I could live with you.
Now, complete the following, creating examples of Apostrophe of your own.
(a) O, Life! How ………………………………………………………………………..
(b) Dear God, Please ………………………………………………………………….
(c) Books! You are ……………………………………………………………………..
(d) Exams! I wish ………………………………………………………………………
(e) O, You beautiful sky ……………………………………………………………….

Question 1.
complete the following, creating examples of Apostrophe of your own.
(a) O, Life! How ………………………………………………………………………..
(b) Dear God, Please ………………………………………………………………….
(c) Books! You are ……………………………………………………………………..
(d) Exams! I wish ………………………………………………………………………
(e) O, You beautiful sky ……………………………………………………………….
Answer:
(a) O, Life! How Strange are your ways?
(b) Dear God, Please keep me calm in my difficult days.
(c) Books! You are my dear companions.
(d) Exams! I wish you were never there, never!
(e) O, you beautiful sky send all your beauty to the earth.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

English Workshop:

1. Choose the correct alternatives and complete the sentences :

Question 1.
Choose the correct alternatives and complete the sentences :
(a) According to the poet, …………. are brought by each new day. (new beginnings/new endings)
(b) We must decide to take the road which leads to ……………. . (great distress/great success)
(c) The poet prays to the Lord to help him stand for what is ………………. . (might! right)
(d) The poet wants to see that his teenage years have been the ………… years of his life. (worst/best)
Answer:
(a) According to the poet, new beginnings are brought by each new day. (new beginnings / new endings)
(b) We must decide to take the road which leads to great success. (great distress/great success)
(c) The poet prays to the Lord to help him stand for what is right. (might/right)
(d) The poet wants to see that his teenage years have been the best years of his life, (worst/ best)

2. Find and write the pairs of rhyming words from the poem.
1. …………, 2. …………., 3. …………., 4. …………, 5. ……………

Question 1.
Find and write the pairs of rhyming words from the poem.
Answer:
1. make – take
2. success – distress
3. see – me
4. way – day

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

3. What is the rhyme scheme of the poem? Choose the correct one from the following options.
(i) aabb (ii) abcd (iii) abcb (iv) abba

Question 1.
What is the rhyme scheme of the poem? Choose the correct one from the following options.
(i) aabb (ii) abed (iii) abeb (iv) abba
Answer:
(iii) abeb.

4. Match the lines in Column A with the Figures of Speech in Column B.

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 1
Answer:

Column ‘A’ Column ‘B’
(i) Decisions, I must make (a) Apostrophe
(ii) Please open up my eyes, dear Lord. (b) Alliteration
(iii) Travel down the darkened road (c) Metaphor
(iv) I can choose to take the road of life. (d) Inversion

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

5. Elements of Planning An Interview : (Group Activity)
Form groups and discuss each element of planning an interview and prepare notes on each element.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 2

6. Prepare a set of 10 questions to interview any successful teenager. You may use the following guidelines.

Question 1.
Prepare a set of 10 questions to interview any successful teenager. You may use the following guidelines.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 3
Answer:
Interview questions for blind musician :

  1. Could you please tell me about your family?
  2. How did your blindness affect your career as a musician and composer?
  3. Who supported you in your venture?
  4. Who were your Gurus and what sort of training did you receive?
  5. What is your speciality in singing?
  6. Which was the best performance in your life according to you?
  7. What are the awards you have received?
  8. What are your plans for future?
  9. What is your advice to young aspirants?
  10. What can you do to encourage them?

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

7. Read the poem. Write an appreciation of the poem in about 12 to 15 sentences with the help of the following points.

Question 1.
Read the poem. Write an appreciation of the poem in about 12 to 15 sentences with the help of the following points.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 4
Answer:

  1. Title: ‘A Teenager’s Prayer’.
  2. The name of the Poet: J. Morse.
  3. Rhyme scheme: The rhyme scheme of the poem is ‘abeb.’
  4. Figure of speech (Any 1): Apostrophe, Inversion, Metaphor.
  5. Theme/Central Idea: The theme of the poem is a teenager’s dilemma about making the right decisions.

The responsibility of choice falls fully on him/her. A wrong decision may ruin the whole life. Hence the teenager in the poem prays to God for His help and guidance.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

8. Compose a short prayer in English asking God to guide you in your teenage years. Later, you can even try to make the lines rhyme to give it a poetic form.

Question 1.
Compose a short prayer in English asking God to guide you in your teenage years. Later, you can even try to make the lines rhyme to give it a poetic form.
Answer:

  • O God, bless me with friends
  • with purest heart,
  • Who’ll always stand by me in dark and dust.
  • Let our friendship grow clean and right.
  • My future bright will be in my sight.

9. Look around in your vicinity – your family, friends, neighbours, classmates, etc. and write about any four teenagers who have made a name for themselves by doing something extraordinary.

Question 1.
Look around in your vicinity – your family, friends, neighbours, classmates, etc. and write about any four teenagers who have made a name for themselves by doing something extraordinary.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 5
Answer:

Teenager Group Name Special/extraordinary tasks/things performed
1. Family Vishal Healthy young boy-body-building was his passion-trained-hard work-took part in various competitions-became ‘Mumbai Shree’at the age of 20-opened his own Gym-trained many body-builders-they won many titles-became rich and famous.
2. Friends Meera Disabled-lost a leg in an accident-prosthetic leg at the age of 15-she excelled in studies-after graduation she appeared for Maharashtra Public Service Commission exams-passed at first attempt-ranked 5th among all-became Tehsildar-worked for common man-all people loved and admired her administration.
3. Neighbours Yashraj Special child-born blind-inclined to music since childhood-distressful life-did not give up-used to listen to songs on transistor and TV.-practised-learnt harmonium, guitar, tabla, etc.-sang classical songs-mastered every type of music-arranged many concerts-today he is a famous music director at the age of 30.
4. Classmates Jacob Wealthy family-were in big business-father wanted him to get into business-but he wanted to change the face of villages-adopted some backward villages-worked selflessly with the poor and needy people-with great patience, perseverance and sacrifice did his noble work-brought transformation in their life-improved their overall quality of life-he is respected as God by the villagers.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

My English Coursebook 10th Digest Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer Additional Important Questions and Answers

Complex Factual Activity :
Complete the webs : (Answer is directly given.)

1.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 6

2.
Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer 7

Complex Factual Activities :

Question 1.
Complete the sentences with the help of the extract:
(Answers are directly given and underlined.)

  1. The person should strictly say ‘no’ to any temptation that comes in his way,
  2. It’ll keep a person’s body clean and fit.

Question 2.
Whose company does the poet wish for, in the walk of life? Why?
OR
What effect does the speaker wish to see in himself at the end of his teens?
Answer:
The poet wishes the company of God because, by the time his teenage years are over, he will know that the life he lived under the guidance and help of the Almighty, was the best.

Maharashtra Board Class 10 My English Coursebook Solutions Chapter 1.1 A Teenager’s Prayer

Question 3.
In what condition does the poet wish to maintain his body?
Answer:
The poet wishes to maintain his body and keep it clean and fit each day, when temptation attracts him to do anything bad or wrong.

Activities based on Poetic Devices :

Question 1.
Identify the following figures of speech :
Answer:

  1. Please open up my eyes, – Apostrophe dear Lord.
  2. And fit for life each day. – Alliteration

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

(१) असत्य विधान को सत्य करके लिखिए:

(क) लेखक को सुपरफास्ट ट्रेन के बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करना ज्यादा पसंद नहीं है।
Answer:
लेखक को सुपरफास्ट ट्रेन के बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करना ज्यादा पसंद है।

(ख) लेखक को पेटदर्द हो रहा था।
Answer:
लेखक को सिरदर्द हो रहा था।

(ग) लेखक को भागते वक्षों का साथ निभाने में कम मजा आता था।
Answer:
लेखक को भागते वृक्षों का साथ निभाने में बड़ा मजा आता था।

(घ) सभी सिरवालों को सिरदर्द होना अस्वाभाविक है ।
Answer:
सबको सिरदर्द होना स्वाभाविक है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

(२) उत्तर लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 6

(३) पाठ में प्रयुक्त रेल विभाग से संबंधित शब्दों की सूची बनाइए:
Answer:

  1. शटिंग
  2. एट अप
  3. सेवन डाइन
  4. आउटर
  5. मेल
  6. बड़ी लाइन
  7. छोटी लाइन
  8. सिग्नल
  9. स्टेशन मास्टर

(४) कारण लिखिए:

Question 1.
कभी कभी ‘मेल’ को रोककर ‘माल’ को पास करना पड़ता है।
Answer:
क्योंकि मालगाड़ी में भरे माल के बिगड़ने का डर रहता है; जबकि मेल में बैठा आदमी बिगड़ता नहीं।

Question 2.
लेखक को सिरदर्द की गोली लेनी पड़ी।
Answer:
क्योंकि लेखक थककर चूर हो गए थे।

(५) दिए गए शब्दों से तद्धित तथा कृदंत शब्द बनाइए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 2
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 5

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

अभिव्यक्ति

‘मेक इन इंडिया’ नीति पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘मेक इन इंडिया’ यह नीति भारत सरकार द्वारा बनाई गई है। देशी और विदेशी कंपनियों द्वारा भारत में वस्तुओं का निर्माण हो इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इस नीति की शुरूआत हुई है। भारत में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए इस योजना का शुभारंभ हुआ है। इसका उद्घाटन भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा हुआ। हर वस्तु ‘भारत में बनाओ’ सभी को रोजगार उपलब्ध हो एवं भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो, इस ध्येय को सामने रखकर यह नीति कार्यान्वित हुई। इस नीति की शुरुआत होने के बाद अगले साल भारत में विदेशी निवेश में उछाल देखने को मिला। भारत देश का विकास हो और वह विकसित देशों की सूची में आए. इन बातों को ध्यान में रखते हुए इस अभियान की शुरुआत हुई।

भाषा बिंदु

(१) निम्नलिखित वाक्यों के काल पहचानकर कोष्ठक में लिखिए:

Question 1.
उनकी वेशभूषा की ग्रामीणता तो और भी दृष्टि को उलझा लेती थी।
Answer:
अपूर्ण भूतकाल

Question 2.
किसी दूसरे माँगने वालों की ओर इस तरह शान से बढ़ा देंगे।
Answer:
सामान्य भविष्यकाल

Question 3.
कहाँ तक चल रहे हैं?
Answer:
अपूर्ण वर्तमानकाल

Question 4.
लोगों के बिल बनाते-बनाते अपना भी वेतन निकल आता है।
Answer:
सामान्य वर्तमानकाल

Question 5.
कल क्या खाया था?
Answer:
पूर्ण भूतकाल

Question 6.
बासी पूरी-कचौड़ी को उबलती कड़ाही में डालकर ताजा के नाम पर बेचते थे।
Answer:
अपूर्ण भूतकाल

Question 7.
तभी तीर की तरह शब्द उछलेगा।
Answer:
सामान्य भविष्यकाल

(२) सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:

Question 1.
किसी प्राकृतिक मनोरम दृश्य को देखना चाहता हूँ। (अपूर्ण भूतकाल)
Answer:
किसी प्राकृतिक मनोरम दृश्य को देखना चाह रहा था।

Question 2.
एक-दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बे के चक्कर काटने लगेंगे। (सामान्य वर्तमानकाल)
Answer:
एक-दूसरे से जुदा होकर पूरे डिब्बे के चक्कर काटने लगते हैं।

Question 3.
मुझे अभिवादन का ध्यान आया। (पूर्ण भूतकाल)
Answer:
मुझे अभिवादन का ध्यान आया था।

Question 4.
मानो वे किसी हड़बड़ी में चलते-चलते कपड़े पहनकर आए हैं। (सामान्य भूतकाल)
Answer:
मानो वे किसी हड़बड़ी में चलते-चलते कपड़े पहनकर आए।

Question 5.
पानी अब निर्मल नहीं रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
Answer:
पानी अब निर्मल नहीं रहेगा।

Question 6.
मुझे देखते ही चाय हाजिर कर देती है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
मुझे देखते ही चाय हाजिर कर दी है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Question 7.
वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला ही कहती है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
Answer:
वह तुम्हें हमेशा बुरा-भला ही कह रही है।

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर विज्ञापन तैयार कीजिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 20
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 7

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 21
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 8

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

Question 1.
सौंदर्य
Answer:
कभी-कभी लेखक की दृष्टि नदी के किनारे क्या निहारना चाहती है?

Question 2.
रेल
Answer:
लेखक किससे यात्रा करते हैं?

कृति अ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. यात्रा
  2. नदी
  3. सौंदर्य
  4. डाली

Answer:

  1. सफर
  2. सरिता
  3. सुंदरता
  4. टहनी

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
प्रकृति से संबंधित –
Answer:
प्राकृतिक

Question 2.
मन को लुभाने वाला –
Answer:
मनोरम

Question 3.
गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
सूर्योदय – सूर्यास्त

Question 4.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
रेल

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 22
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 9

नीचे दिए हुए शब्द में उचित प्रत्यय लगाइए।

Question 1.
अंतरंग
Answer:
अंतरंगता

निम्नलिखित शब्दों के समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. साथ
  2. गिर

Answer:

  1. सात
  2. घिर

कृति अ (३): अभिव्यक्ति

Question 1.
अपनी किसी रेलयात्रा का अनुभव अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
Answer:
जी हाँ, मैंने रेल से कई बार यात्रा की है। गर्मियों की छुट्टियों का आनंद लूटने के लिए मैं अपने मामा जी के गाँव जोधपुर गया था। मैं अपनी माता जी के साथ मुंबई से निकला था। जब हम मुंबई रेल स्थानक पर पहुँचे, उस वक्त रेल्वे प्लेटफार्म पर काफी भीड़ थी। सब लोग इधर-उधर भाग-दौड़ कर रहे थे। प्लेटफार्म पर कई दुकानें थीं। हमने रास्ते में पढ़ने के लिए कुछ पत्रिकाएँ खरीद लीं। थोड़ी देर बाद जोधपुर जाने वाली रेल आ गई और हम उसमें बैठ गए।

बीस मिनट के बाद रेल चल पड़ी। जैसे ही हम मुंबई से बाहर आए; वैसे ही दूर-दूर तक फैले हुए खेत और पर्वत देखकर हम आनंदविभोर हो गए। थोड़ी देर बाद घाटियाँ आई। रेल घाटियों से बहुत ही धीमी गति से जा रही थी। सर्वत्र शीतल हवा बह रही थी। वातावरण बड़ा ही खुशनुमा था। प्राकृतिक दृश्यों का मनोहारी रूप देखकर मेरा मन प्रफुल्लित हो गया। करीब चौदह घंटे रेल में बीताने के बाद हम जोधपुर पहुँच गए।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (१): आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 23
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 10

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

उचित विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
लेखक को मन मारकर सुरंग की पतली लकीर में से निकलने को बाध्य होना पड़ता है क्योंकि ……..
(अ) लेखक जिस बस से यात्रा कर रहे हैं; वह किसी जंगल में प्रवेश कर जाती है।
(आ) लेखक जिस रेल से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।
(इ) लेखक जिस कार से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।
Answer:
लेखक जिस रेल से यात्रा कर रहे है; वह किसी गुफा में प्रवेश कर जाती है।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 24
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 11

कृति आ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. गुफा
  2. नाज

Answer:

  1. कंदरा
  2. गर्व

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जिसका अंत नहीं वह
Answer:
अनंत

Question 2.
जमीन के अंदर बना रास्ता
Answer:
सुरंग

विलोम शब्द लिखिए।

  1. धीमी x ……
  2. पसंद x …..
  3. उपेक्षा x …….

Answer:

  1. धीमी x तेज
  2. पसंद x नापसंद
  3. उपेक्षा x अपेक्षा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
उपेक्षा
Answer:
उदासीनता, तिरस्कार

वचन बदलिए।

  1. पत्नी
  2. साथी

Answer:

  1. पत्नियाँ
  2. साथी

लिंग बदलिए।

  1. साथी
  2. आदमी

Answer:

  1. साथिन
  2. औरत

कृति आ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
यात्रा के समय सहयात्री से बात करते समय आप क्या अनुभव करते हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
मैंने कई बार रेल व बस से यात्रा की है। यात्रा के दरम्यान कई लोगों से पहचान हो जाती है। यात्रा करते समय हम अपने अनुभवों को उनके साथ बाँटते हैं। उनके साथ घुल-मिलकर बातें करते हैं। मुझे यात्रा करते समय ऐसे कई लोग मिलें जिनके साथ मैंने अपने अनुभवों को बाँटा । जब मैं जबलपुर जा रहा था तब मुझे अधेड़ उम्र के सहयात्री रेल में मिले थे। वे बिल्कुल हमारी सामने वाली सीट पर बैठे थे।

वास्तव में वे एक प्रसिद्ध कवि थे। यात्रा के दरम्यान उन्होंने मुझे अपनी कविताओं से परिचित करवाया। उन्होंने हिंदी साहित्य के प्रति मेरी रूचि जगाई और मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया। पाँच-छ: घंटे की उस आपसी वार्तालाप ने मेरे हृदय में पढ़ने की इच्छा का संचार किया। इस कारण मैं आज भी उन्हें मन ही मन याद करता हूँ।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (१): आकलन कृति

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

Question 1.
दुनिया
Answer:
रेल की खिड़की से क्या देखने में मजा आता है?

Question 2.
यात्री
Answer:
रेल में सामने की सीट पर कौन बैठा होता है?

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 25
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

उतर लिखिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 26
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 33

कृति इ (२): शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उतर:
देखत-देखते
एक-दूसरे
अभी-अभी

Question 2.
परिच्छेद में प्रयुक्त श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उतर:
उतर: उतर
कोई: कई
संपत्ति: संप्रति

वचन बदलिए।

  1. डिब्बे
  2. पन्ना

Answer:

  1. डिब्बा
  2. पन्ने

कृति इ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘समाचारपत्र की आवश्यकता’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
समाचारपत्र जीवन की आवश्यकता है। समाचारपत्र वैचारिक रूप से बहुत ही प्रभावशाली व शक्तिशाली होते हैं। समाचारपत्र हमें धर्म, समाज, खेल, रोजगार, अर्थव्यवस्था, फिल्म, उद्योग, नीति आदि के बारे में जानकारी देते हैं। यह हमें देश-विदेश के खबरों की जानकारी देते हैं। यह बच्चों के लिए भी उपयोगी है। बच्चों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें कई प्रकार की रोचक जानकारी भी देता है।

इससे बच्चों के वाचन कौशल का विकास होता है। समाचारपत्र में तरहतरह के विज्ञापन प्रकाशित होते हैं। कोई भी सरकारी योजना हो; वह समाचारपत्र के द्वारा ही प्रकाशित होती है। व्यापार को समाचारपत्रों से ही प्रोत्साहन मिलता है। समाचारपत्र एक व्यक्ति, समाज व राष्ट्र को एकसूत्र में बाँधकर रखने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (१): आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Question 1.
लेखक हबीबगंज उतरना चाहते हैं क्योंकि –
Answer:
वहाँ से तुलसीनगर पास पड़ता है।

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
लेखक को भोपाल में स्थित अरोरा कॉलोनी जाना है।
Answer:
लेखक को भोपाल में स्थित तुलसीनगर जाना है।

Question 2.
हबीबगंज से तुलसीनगर जाने समय टेंपो मिल जाता है।
Answer:
हबीबगंज से तुलसीनगर जाते समय ऑटो मिल जाता है।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 27
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 14

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 28
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 15

कृति घ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
लेखक ने कहा टाइम बदल गया
Answer:
लेखक ने कहा, “टाइम बदल गया।”

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

दिए गए निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 29
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 16

गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।

  1. बनाते
  2. पाँच

Answer:

  1. बनते
  2. सात

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. गनीमत
  2. निश्चल

Answer:

  1. बड़ी बात
  2. स्थिर

कृति ई (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
सहयात्री का बातूनी व्यवहार आपके लिए परेशानी का सबब बनें तब आप क्या करेंगे? अपने विचार लिखिए।
Answer:
रेल या बस से यात्रा करते समय आपके पास कौन आकर बैठने वाला है, इसके बारे में आप को कुछ भी पता नहीं होता है। न आप उसके नाम से परिचित होते हैं और न उसके स्वभाव के बारे में आपको कुछ पता होता है। सहयात्री की कुछ आदतें हमारे लिए परेशानी का कारण बन सकती हैं। जैसे कि वह अपनी आदत के अनुसार ढेर सारे प्रश्न पूछकर आपको परेशान कर सकता है।

ऐसे में आप संयमपूर्वक अपने आप को नियंत्रण में रख सकते हैं। उसके द्वारा बार-बार पूछे गए प्रश्नों का हमें सिर्फ ‘हाँ’ या ‘नहीं’ में ही जबाव देना चाहिए। यदि हम उसके साथ विस्तार से बातें करेंगे, तो वह हमारे सफर का मजा किरकिरा कर सकता है। यदि हमें उसके द्वारा पूछा गया प्रश्न अच्छा नहीं लगा, तो ऐसे में चुप्पी साधकर बैठने में ही भलाई है।

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

Question 1.
सारे रास्ते गाड़ियों के शटिंग की आवाज सुनाई देगी –
(अ) अगर ट्रेन में सहयात्री का साथ हो जाए।
(आ) अगर ट्रेन में रेलवे कर्मचारी का साथ हो जाए।
(इ) अगर ट्रेन में सिरफिरे व्यक्ति का साथ हो जाए।
Answer:
सारे रास्ते गाड़ियों के शटिंग की आवाज सुनाई देगी अगर ट्रेन में रेलवे कर्मचारी का साथ हो जाए।

कृति उ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. अंदेशा
  2. शिकायत

Answer:

  1. शंका या संदेह
  2. उलाहना

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

नीचे दिए हुए शब्द के अनेक अर्थ लिखिए।

Question 1.
मेल
Answer:
यात्रियों को लेकर जाने वाली रेल, संगणक के जरिए अन्य लोगों को भेजा जाने वाला संदेश, मिलाप।

Question 2.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:

  1. स्टेशन मास्टर
  2. शटिंग
  3. एट अप
  4. सेवन डाउन
  5. मेल
  6. रेलवे
  7. लाइन
  8. सिग्नल

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. डर x …….
  2. पास x …..

Answer:

  1. डर x साहस
  2. पास x दूर

Question 1.
गद्यांश में से विलोम शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढकर लिखिए।
Answer:
अप x डाउन.
छोटी x बड़ी

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
कैसे – कैसे
पूछते – पूछते

कृति उ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
रेल गाड़ियों के आगमन एवं प्रस्थान संबंधी ‘पूछताछ विभाग’ एक महत्त्वपूर्ण विभाग होता है। – क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। इस विभाग के जरिए यात्री गाड़ियों के परिचालन संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस विभाग के तहत यात्री मोबाइल टिकट सेवा, कोच का पंजीकरण, आरक्षित गाड़ी, अनुसूची, रेलवे की उपलब्धता, किराया पूछताछ आदि जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है। कभी-कभी निश्चित समय पर स्टेशन पर गाड़ी नहीं आती या कभी-कभी गाड़ी किसी कारणवश रद्द हो जाती है।

ऐसी स्थिति में पूछताछ विभाग के कर्मचारियों के द्वारा सूचना या जानकारी प्राप्त करके यात्री चैन की साँस ले सकते हैं। पूछताछ विभाग भी प्रत्येक यात्री के प्रश्न का उत्तर देकर यात्रियों को संतुष्टी प्रदान करता हैं। प्रश्न ६ (ए) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

कृति ए (१): आकलन कृति

गोश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

Question 1.
सहयात्री
Answer:
लेखक से आरक्षण के बारे ने किसने पूछा?

Question 2.
जनता
Answer:
भारतीय रेल किसकी संपत्ति है?

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 30
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 17

कृति कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 31
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 18

कृति ए (२): शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
अपने – अपने
इशारे – इशारे

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. आरक्षण x …….
  2. सुरक्षित x ……..
  3. आगे x ………
  4. प्रवेश x …….

Answer:

  1. आरक्षण x अनारक्षण
  2. सुरक्षित x असुरक्षित
  3. आगे x पीछे
  4. प्रवेश x निकास

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

वचन बदलिए।

  1. बत्तियाँ
  2. गोली

Answer:

  1. बत्ती
  2. गोलियाँ

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. साँझ
  2. अजीब

Answer:

  1. शाम
  2. अनोखा

निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्न का प्रयोग कीजिए

Question 1.
रेल कंडक्टर ने कहा जब टिकिट है तो देखना क्या
Answer:
रेल कंडक्टर ने कहा, “जब टिकिट है तो देखना क्या?”

कृति ए (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘आजकल बिना आरक्षण के यात्रा करना सिरदर्द मोल लेना है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
आज का युग आपाधापी का युग है। इस युग में जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। लोग व्यापार एवं अन्य कार्य के लिए चारों ओर आते-जाते रहते हैं। इस कारण यातायात के सभी साधन हमेशा भीड़ से भरे होते हैं। रेल में तो चौंटी को भी पैर रखने के लिए जगह नहीं होती है। ऐसे में यदि हमें कभी शहर के बाहर यानी गाँव या पिकनिक मनाने के लिए परिवार के साथ जाना है तो हमें पहले से ही आरक्षण करवाना चाहिए।

इससे हमारा सफर सुरक्षित एवं सुखद होता है। आरक्षण होने से हमें रेल में आराम से सीट मिल जाती है। हमें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है। इसके विपरीत जो लोग आरक्षण नहीं करते हैं उन्हें ढेर सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि रेल या बस न मिलने के कारण वापस घर लौटना पड़ता है। इसलिए बिना आरक्षण के यात्रा करना सिरदर्द मोल लेना है।

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
सिरदर्द
Answer:
जिनके पेट में गैस होती है उन्हें क्या होता है?

Question 2.
रिएक्शन
Answer:
ऐसी-वैसी गोलियाँ खाने से क्या हो सकता हैं?

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 32
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द 34

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

कृति ऐ (२):शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
लेखक ने कहा भाई साहब मैं सिर दर्द से नहीं हमसफर यात्रियों के दर्द ए सिर से परेशान हूँ
Answer:
लेखक ने कहा, “भाई साहब! मैं सिर दर्द से नहीं, हमसफर यात्रियों के दर्द-ए-सिर से परेशान हूँ।”

Question 2.
दिए गए गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूंढकर लिखिए।
Answer:
रिएक्शन
गैस

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. नाम
  2. परिवार

Answer:

  1. गुमनाम
  2. सपरिवार

Question 1.
गद्यांश में से प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
ठेकेदार
परांठेवाला
स्वाभाविक
हमसफर

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
पिता संबंधी
Answer:
पैतृक

Question 2.
किसी काम का ठेका लेने वाला
Answer:
ठेकेदार

Question 3.
गद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
Answer:
ताजा x बासी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 सफर का साथी और सिरदर्द

कृति ऐ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘यात्रा करते समय किसी से भी अनावश्यक बातें करना उचित है?’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
हमें अनावश्यक अथवा निरर्थक बातें कभी भी नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति को सिर्फ अपने काम से काम रखते हुए मर्यादित बातें करनी चाहिए। जब हम यात्रा पर निकलते हैं तब रेल या बस में हमें कई सहयात्री मिल जाते हैं। हमें उनसे भी मर्यादित यानी आवश्यकता है तो ही बातें करनी चाहिए। संभव है, वे हमारी अनावश्यक बातें सुनकर ऊब सकते हैं या उन्हें हमारी बातें अच्छी न लगें। अनावश्यक बातें करने से दूसरों के सामने हमारी ही प्रतिमा दूषित होती है। अनावश्यक बातों को सुनकर सामने वाले व्यक्ति को सिरदर्द हो सकता है। इससे उसकी यात्रा का मजा किरकिरा भी हो सकता है।

सफर का साथी और सिरदर्द Summary in Hindi

सफर का साथी और सिरदर्द लेखक – परिचय

जीवन परिचय : रामनारायण उपाध्याय जी का जन्म २ मई, १९१८ में मध्य प्रदेश राज्य के कालमुखी खंडवा में हुआ था। भारत के स्वतंत्रतापूर्व से ही इन्होंने लघुकथाएँ लिखनी शुरू कर दी था। इनका साहित्य गाँधीवादी विचारधारा से बहुत प्रभावित रहा है। उपाध्याय जी एक प्रसिद्ध व्यंग्यकार भी थे। इन्होंने व्यंग्य, ललित निबंध, रिपोर्ताज, रूपक, संस्मरण आदि विधाओं में सरल सहज व प्रभावशाली शैली में लेखन किया है। हिंदी भाषा के साथ-साथ लोकभाषा तथा विभिन्न बोलियों के क्षेत्र में इन्होंने अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है।

प्रमुख कृतियाँ : ‘बख्शीनामा’, धुंधले काँच की दीवार’, ‘नाक का सवाल’, ‘मुस्कराती फाइलें’ (व्यंग्यसंग्रह), ‘मृग के छौने’ (निबंध संग्रह), ‘हम तो बाबुल तेरे बाग की चिड़ियाँ’ (लोकसाहित्य), ‘जिन्हें भूल न सका’ (संस्मरण) आदि।

सफर का साथी और सिरदर्द गद्य-परिचय

हास्य-व्यंग्य : हास्य-व्यंग्य निबंध साहित्य की एक नई विधा है। इसमें उपहास, मजाक व इसी क्रम में आलोचना का प्रभाव रहता है। इस

निबंध : विधा के माध्यम से गंभीर से गंभीर विषयों पर हल्के-फुल्के ढंग से हास्य द्वारा पाठकों को सोचने पर विवश किया जाता है।

प्रस्तावना : ‘सफर का साथी और सिरदर्द’ इस हास्य व्यंग्यपरक निबंध में लेखक रामनारायण उपाध्याय जी ने रेलयात्रा करते समय यात्रा में आने वाली दिक्कतों से परिचित करवाया है। लेखक का कहना है कि हमें यात्रा करते समय दूसरे यात्रियों से अखबार जैसी कुछ भी चीजें नहीं माँगनी चाहिए और साथ ही हमें अनावश्यक बातें करने से बाज आना चाहिए।

सफर का साथी और सिरदर्द सारांश

यह एक हास्य-व्यंग्य निबंध है। इस निबंध में लेखक ने माँगकर अखबार पढ़नेवालों, अनावश्यक बातें करने वालों एवं बिन माँगे सलाह देने वालों पर करारा व्यंग्य किया है। लेखक को अकेले यात्रा करने में आनंद आता है। उनके अनुसार किसी के साथ यात्रा करना यानी यात्रा का मजा किरकिरा होने जैसा है। रेल से यात्रा करते समय खिड़की से बाहर झाँककर प्राकृतिक मनोरम दृश्यों को देखना, सूर्योदय व सूर्यास्त देखना लेखक को अच्छा लगता है। लेखक को सुपरफास्ट रेल की बजाय एक्सप्रेस से यात्रा करने में आनंद आता है; क्योंकि वह दूर से स्टेशन देखकर अपनी चाल धीमी कर देती है।

रेल में बैठे अन्य सहयात्रियों से लेखक परेशान हो जाता है। अन्य यात्री लेखक का अखबार माँगते हैं और वे लेखक से तरह-तरह की अनावश्यक बातें करना शुरू कर देते हैं। इनसे लेखक तंग आ जाता है और वह सिरदर्द की एक गोली खाकर लेटना चाहता है। लेखक के साथ सफर करने वाला एक सहयात्री लेखक को गोली खाते हुए देख लेता है और वह लेखक से ढेर सारे सवाल करना शुरू कर देता है, जिससे लेखक ऊब जाता है और वह सीधा-सा जवाब देते हुए कहता है कि जब वह घर से निकला था, तब भला-चंगा था लेकिन जब सहयात्रियों ने उनका सिर खाना शुरू कर दिया तबसे उनका सिरदर्द बढ़ गया। अंत में वह अपने परेशान होने का कारण बताते हुए कहते हैं कि “मैं सिर दर्द से नहीं हमसफर यात्रियों के दर्द-ए-सिर से परेशान हूँ।”

सफर का साथी और सिरदर्द शब्दार्द्ध

  • यात्रा – सफर
  • नदी – सरिता
  • सौंदर्य – सुंदरता
  • डाली – टहनी
  • नाज – गर्व
  • निश्चल – स्थिर
  • कंकरी – छोटा कंकड़
  • अंदेशा – आशंका
  • सुरंग – जमीन खोदकर उसके नीचे बनाया गया मार्ग
  • हिकारत – घृणा, नफरत
  • इबारत – लिखा हुआ, अक्षर विन्यास
  • बजा – उचित, ठीक
  • निरंतर – हमेशा
  • उच्चाकाश – ऊँचा आकाश
  • एकटक, निहारना – बिना फलक झपकाए देखना

सफर का साथी और सिरदर्द मुहावरे

  • नाक-भौं सिकोड़ना – अप्रसन्नता, घृणा प्रकट करना।
  • चौपट हो जाना – नष्ट होना, बरबाद होना।
  • मन मारना – इच्छा को दबाना।
  • चक्कर काटना – गोलाकार घूमना, फेरे लगाना।
  • बिना सिर-पैर की बात करना – निराधार बात करना, व्यर्थ की बात करना।

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं Textbook Questions and Answers

(१) चौकटी पूर्ण करा.
(अ) कवीने झाडाला दिलेली उपमा
(आ) पानझडीनंतरचे, नवी वस्त्रे धारण करणारे झाड म्हणजे
(इ) कवीच्या मते उत्साही आयुष्य म्हणजे
(ई) अलगद उतरणारे थेंब
उत्तरः
(उ) फुटते शरीरभर पालवी याचा अर्थ
(अ) कवीने झाडाला दिलेली उपमा – ध्यानस्थ ऋषी
(आ) पानझडीनंतरचे, नवी वस्त्रे धारण करणारे झाड म्हणजे – नवी नवरी
(इ) कवीच्या मते उत्साही आयुष्य म्हणजे – फुलासारखं टवटवीत
(ई) अलगद उतरणारे थेंब – दव।
(उ) फुटते शरीरभर पालवी याचा अर्थ – नवउत्साह

(२) आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं 4

(३) एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(अ) झाडाच्या जीवनाचं गाणं कशात दडलेलं असतं?

(आ) झाडाच्या मुळावर घाव घातल्यावर त्याची प्रतिक्रिया काय असते?
उत्तरः
ते घाव झाड मुकाट्याने सहन करते.

(४) ‘पानझडीनंतर’ हे उत्तर येईल असा प्रश्न तयार करा.
उत्तर:
झाड नवीन वस्त्र केव्हां धारण करते?

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

(५) खालील ओळींचा तुम्हांला कळलेला अर्थ लिहा.

(अ) हसावं कसं सळसळत्या पानासारखं.
उत्तरः
झाडांच्या पानांची हवेने होणारी सळसळ विलक्षण असते.

सर्व दुःखे बाजूला ठेवून पानांच्या सळसळीसारखे हसले पाहिजे अशी कवीची भावना आहे. सळसळणारी पाने एकत्र असतात. त्याचप्रमाणे इतरांनाही हसण्यात सामील करून घेता आले पाहिजे. आनंदी जीवन जगण्यासाठी हे गुण अंगी बाणवावेत असा कवीने सुंदर संदेश दिला आहे. सळसळणारी पाने हवेमुळे, पक्ष्यांच्या मंजुळ गाण्यामुळे उत्साही असतात. असेच उत्साहाने, आनंदाने जीवनात हसत रहावे, प्रफुल्लित रहावे अशी कवीची भावना आहे.

(आ) जगावं कसं तर? हिरवंगार झाडासारखं.
उत्तर:
हिरवंगार झाडासारखं’ या कवितेत कवी ‘जॉर्ज लोपीस’ यांनी मानवाचे जीवन झाडाशी किती सुसंगत आहे याचे उत्तम दर्शन घडवले आहे. झाडाचे अनेक गुण जीवनात आचरण्यासारखे आहेत, हा उपयुक्त संदेश त्यांनी कवितेतून दिला आहे. जीवनात ‘मौन’ अनेकवेळा उपयुक्त असते. झाडही ऋषीसारखे मौन धरून तपश्चर्या करीत असते. ‘मौन’ धरून तपश्चर्या करणे हा झाडाचा गुण उपयुक्त ठरतो. झाड पक्ष्यांना आसरा देते, पण त्यांच्याकडून कोणतीही अपेक्षा ठेवीत नाही. मानवाने विना अपेक्षेने दुसऱ्यांना सहकार्य केले पाहिजे. झाडासारखे दातृत्व अंगी बाणले पाहिजे. झाड कितीही संकटे, वादळे आली तरी घट्ट पाय रोवून उभे असते. माणसानेही कठीण प्रसंगी न घाबरता घट्टपणे उभे राहून संकटांशी सामना केला पाहिजे. झाडाचा हिरवेगारपणा, प्रफुल्लितपणा, ताजेपणा बघून आयुष्यात प्रफुल्लित राहिले पाहिजे. नकारात्मकतेची मरगळ झटकून हिरवेगार झाडासारखे ताजेतवाने जगावे असे कवी म्हणतो. मुळावर घाव घातला तरी झाडाची सहनशीलता ढळत नाही. सहनशीलता हा गुण झाडाकडून घ्यावा. हिरव्यागार झाडासारखे अनेक गुणांना आत्मसात करून जगावे असा संदेश कवी देत आहे.

(६) काव्यसौंदर्य.

(अ) खालील ओळींचे रसग्रहण करा.
‘झाडांच्या पानावरून वहीच्या पानावर अलगद उतरतात दवांचे टपोरे थेंब’

(आ) ‘झाडाचे मानवी जीवनातील स्थान’, याविषयी तुमचे विचार लिहा.
उत्तरः
झाडांचे मानवी जीवनातील स्थान अतुलनीय आहे. संपूर्ण पर्यावरण झाडांवर अवलंबून आहे. निसर्गाचे संतुलन राखण्यात झाडे अग्रेसर आहेत. झाडांमुळे फळे, फुले, औषधे तर मिळतांतच; पण थकलेल्या जीवाला सावली मिळते. झाडांमुळे पाऊस पडतो. झाडे मानवी जीवनातील ‘श्वास’ च आहेत. त्यावाचून आपले जीवन जगणे अशक्य आहे.

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(इ) ‘झाडापासून आनंदी जगणे शिकावे’, या विधानातील विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
झाड कोणत्याही परिस्थितीत घट्ट पाय रोवून उभे असते. वाऱ्याच्या झुळूकीबरोबर पानांच्या सळसळाटीने हसते. पक्ष्यांच्या मंजुळ गाण्याबरोबर जीवनाचे गाणे गाते. आपल्या विशाल सावलीत मुसाफिरांना कवेत घेते. पावसाळ्यात हिरवेगार ताजेतवाने होऊन न्हाऊन निघते. पानझडीनंतर नव्या नवरीसारखा नवीन वेष धारण करते. दातृत्व हा झाडाचा मोठाच गुण आहे. फळे, फुले बहरली की झाडे ती दुसऱ्यांच्या पदरात दान करते. संपूर्ण आयुष्य हिरवगार होऊन जगते. अशाच प्रकारे माणसानेही सहनशीलता, सहकार्याची वृत्ती, कठीण प्रसंगातही घट्ट पाय रोवून ठेवण्याची वृत्ती जोपासली तर त्याचेही जीवन आनंदाने भरून जाईल.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १.खालील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा,
कृती १: आकलन कृती

(१) आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं 1

(iii) चौकटी पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं 2

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

(२) खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
(i) झाड कोणासारखे बसते? उत्तरः झाड ध्यानस्थ ऋषीसारखे बसते.
(ii) झाड कोणाचे आहे? उत्तरः झाड पक्ष्यांचे आहे.
(iii) झाडांच्या जीवनाचे एक संथ गाणे कोठे दडले आहे?
उत्तरः
पक्ष्यांच्या मंजुळ नादात झाडांच्या जीवनाचे एक संथ गाणे दडले आहे.

(iv) झाडाच्या मुळावर घाव घातला तर झाड काय करते?
उत्तरः
झाडाच्या मुळावर घाव घातला तर झाड मुकाट सहन करते.

(३) कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) …………………………… झाडांचे कुणीच नसतात तरीही झाड त्याचं असतं. (प्राणी, माणसे, पक्षी, किटक)
(ii) झाडाकडे टक लावून पाहिलं तर …………………………… विरघळतो हिरवा रंग. (शरीरभर, जमिनीवर, पाण्यात, आकाशात)
(iii) पक्ष्यांच्या …………………………… नादात झाडाचंही जीवनाचं एक संथ गाणे दडलेले असते. (मधूर, गोड, मंजुळ, सुरेल)
उत्तर:
(i) पक्षी
(ii) शरीरभर
(iii) मंजुळ.

कृती २ : आकलन कृती

(१) उत्तरे लिहा.
(i) मुळावरचे घाव मुकाट सहन करते – [झाड]
(ii) वहीच्या पानावर अलगद उतरतात – [दवाचे थेंब]
(iii) सरसावलेले असतात – [झाडाचे बाहू]

(२) ‘पालवी’ उत्तर येईल असा प्रश्न तयार करा.
उत्तरः
शरीरभर काय फुटते?

(३) आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं 3

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

(४) सहसंबंध लिहा.
(i) शरीरभर विरघळतो : हिरवा रंग : : क्षणभर रक्त : …………………………. .
(ii) हसावं कसं : सळसळत्या पानासारखं : : जगावं कसं तर? …………………………. .
उत्तर:
(i) हिरवेगार
(ii) हिरवंगार झाडासारखं

(५) काव्यपंक्तींचा योग्य क्रम लावा.
(i) हसावं कसं सळसळत्या पानासारखं
(ii) शरीरभर विरघळतो हिरवा रंग
(iii) झाडांच्या पानावरून वहीच्या पानावर अलगद उतरतात दवांचे टपोरे थेंब
(iv) रोजचं चिंतन करावं कसं तर झाडासारखं!
उत्तर:
(i) झाडांच्या पानावरून वहीच्या पानावर अलगद उतरतात दवांचे टपोरे थेंब
(ii) शरीरभर विरघळतो हिरवा रंग
(iii) हसावं कसं सळसळत्या पानासारखं
(iv) रोजचं चिंतन करावं कसं तर झाडासारखं!

(६) चूक की बरोबर ते लिहा.
(i) रक्त होते क्षणभर लालेलाल
(ii) जगावं कसं तर? हिरवंगार झाडासारखं
उत्तर:
(i) चूक
(ii) बरोबर

कृती ३: कवितेतील शब्दांचा अर्थ

(१) खालील कवितेतील शब्दांचा अर्थ लिहा.
(i) मुसाफिर
(ii) आयुष्य
(iii) खुडणे
(iv) टवटवीत
उत्तर:
(i) प्रवासी
(ii) जीवन
(iii) तोडणे
(iv) ताजे

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कृती ४: काव्यसौंदर्य

(१) पुढील ओळींचे अर्थसौंदर्य स्पष्ट करा.
(i) ‘झाडाचे बाहु सरसावलेले असतात मुसाफिरांना कवेत घेण्यासाठी’
उत्तरः
झाडाची सहकार्याची वृत्ती विलक्षण असते. परोपकाराची भावना त्यांच्या मनात सतत जागी असते. आपल्या सर्वदूर पसरलेल्या फांद्यांमुळे झाड कडक उन्हात वाटसरूंना गारेगार सावली देते त्यांचा थकवा दूर करतं. जणू आपले बाहू पसरवून हे झाड मुसाफिरांना म्हणजे वाटसरूंना आपल्या कवेत घेते, असे वाटते.

(ii) ‘पक्षी झाडांचे कुणीच नसतात तरीही झाड त्यांचं असतं
उत्तरः
पक्षी झाडांवर सतत येत असतात. घरटे बांधून राहतात.

काम झाले की, फळे चाखून, खाऊन पुन्हा दुसरीकडे उडून जातात. झाड त्यांना निवारा देते, अन्न देते. ऊन-पावसापासून रक्षण करते, पण जेव्हा झाडावर घाव घातले जातात, ते कापले जाते तेव्हां पक्षी स्वत:चाच विचार करून झाडावरून उडून जातात. परंतु, झाड मात्र हिरवेगार असताना येणाऱ्या पक्ष्यांना कधीही अडवत नाही, आश्रय नाकारत नाही. म्हणूनच पक्षी झाडांचे कुणीही नसून झाड त्यांचे असते असे कवी म्हणतात. पुढील काव्यपंक्तीतील तुम्हांला समजलेला विचार तुमच्या भाषेत स्पष्ट करा.

‘झाड बसते ध्यानस्थ ऋषिसारखं मौन व्रत धारण करून, तपश्चर्या करत……….
उत्तर:
झाड अचल असते. ते काहीही न बोलता एका ठिकाणी अढळ उभे असते. ऋषीमुनी जसे तपश्चर्येला ध्यान लावून बसतात. त्याचप्रमाणे झाडही मौन व्रतात उभे असते. बाह्य गोष्टींच्या सर्व परिणामांना ते बिना तक्रार सहन करत असते. पक्षी येतात जातात, झाडांच्या मुळांवरही कधी घाव बसतो. पानझड होते तरी झाड स्थिर व सहनशील असते. कठीण प्रसंगातही पाय
घट्ट रोवून ध्यानस्थ ऋषिसारखे शांत असते.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

(५) झाडासारखे घट्ट पाय रोवण्यासाठी माणसाने काय काय करावे स्पष्ट करा.
उत्तरः
घट्ट पाय रोवून उभे राहणे हा झाडाचा गुण आहे. माणसानेही कोणत्याही परिस्थितीला न घाबरता सामोरे जावे. संकटांशी सामना करावा, झाडांसारखी सहनशीलता शिकावी. झाड आपल्या मुळांवर घाव बसला तरी मुकाट्याने सहन करते. आयुष्यात किती ही संकटे आली तरी सहन करून त्यातून मार्ग काढता येणे गरजेचे आहे. नव्या उमेदीने पुन्हा नव्या पालवीसारखे प्रफुल्लीत राहायला शिकावे. झाडासारखे चिंतन करावे. झाडासारखे घट्ट पाय रोवून जीवनात मुरावे.

प्रश्न २. दिलेल्या मुद्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवाः

(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी/कवयित्री:
जॉर्ज लोपीस

(२) प्रस्तुत कवितेचा विषयः
आनंदी जीवन जगण्यासाठी माणसाने झाडाचे सर्व गुण आपल्या अंगी बाणवावेत असा विचार मांडला आहे.

(३) प्रस्तुत कवितेतील दिलेल्या ओळींचा सरळ अर्थ: मुळावर घाव घातला तरी झाड मुकाट सहन करते झाडांच्या पानावरून वहीच्या पानावर अलगद उतरतात दवांचे टपोरे थेंब झाड छाया देते, निवारा देते, फळे-फुले सर्व काही इतरांना देते. परोपकार हा त्याचा गुणधर्मच आहे. निर्दयी मानव जेव्हा आपल्या फायद्यासाठी या झाडाच्या मुळावर घाव घालतो तेव्हा देखील झाड बिनतक्रार ते सहन करते. झाडांची कत्तल होत असताना झाडाच्या पानांवरील दवबिंदू घरंगळत जणू वहीतील शब्दांमध्ये डोकावतात व आपली करुण कहाणी शब्दांकीत करतात याचाच अर्थ असा की, झाडांपासून कागद, वह्या बनविल्या जातात आणि मग अशा वहिच्या पानावर कोणीतरी कवी, लेखक झाडाचे दुःख नेमक्या शब्दांत लिहून काढतो. जणू झाडाच्या शरीरावर बसलेल्या घावाचे रूपांतर दवांच्या टपोऱ्या थेंबात होते असे कवीला वाटते. कवीने झाडाचा सहनशील हा गुण येथे दर्शविला आहे.

(४) प्रस्तुत कवितेतून मिळणारा संदेशः
“हिरवंगार झाडासारखं’ या कवितेत झाडांची सहनशीलता, दातृत्व, सहकार्याची वृत्ती, कठीण प्रसंगातही घट्ट पाय रोवून उभे राहण्याची वृत्ती याचे वर्णन केले आहे. आनंदी जीवन जगण्यासाठी झाडांसारखे हिरवेगार, ताजे प्रफुल्लित राहावे असा संदेश दिला आहे. झाड ‘मौनव्रत’ धारण करून तपश्चर्या करते. ते निरपेक्षपणे दुसऱ्यांना सहकार्य करते. त्याच्याकडे दातृत्वाचा गुण असल्यामुळे आपल्याकडची फुले, फळे सर्वकाही ते इतरांना देते. संकटांशी सामना करते. नकारात्मकतेची मरगळ झटकून हिरवेगार ताजेतवाने राहते. मुळावर घाव घातला तरी त्याचा सहनशीलता हा गुण ढळत नाही. पानगळीने झाड खचत नाही तर वसंतऋतू येताच ते पुन्हा बहरते. नव्या नवरीसारखे सजते. त्यामुळेच हिरव्यागार झाडासारखे अनेक गुणांना आत्मसात करून आपण आनंदाने जगावे, असा संदेश या कवितेतून मिळतो.

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(५) प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारणः
कवी जॉर्ज लोपीस यांची ‘हिरवंगार झाडासारखं’ ही कविता खूप आवडली आहे. त्याचे मुख्य कारण म्हणजे ‘जीवन जगण्याची कला शिकवणारे झाड’ हा या कवितेचा गाभा आहे. झाडांचे मानवी जीवनातील स्थान अतुलनीय आहे. झाडे हा मानवी जीवनाचा ‘श्वास’च आहेत. जॉर्ज लोपीस यांनी प्रत्येक ओळीत झाडाचा जगण्याशी संबंध जोडला आहे. झाडे आनंदी जीवनाचा आदर्शच आपल्यासमोर ठेवतात. कवितेत ठिकठिकाणी उदाहरणे देऊन कवीने ते मांडले आहे. कवितेतील प्रत्येक ओळीतून झाडाविषयी आपुलकीची, कृतज्ञतेची भावना मनात निर्माण होते. मनातील नैराश्य दूर करणारी व आशावादाची ज्योत पेटवणारी मन हिरवंगार करणारी ही कविता खरोखरच मनापर्यंत पोहोचते.

प्रस्तुत कवितेतील खालील शब्दांचा अर्थः
(i) झाड – वृक्ष
(ii) ऋषी – साधू, मुनी
(iii) व्रत – वसा
(iv) पक्षी – खग, विहंग

स्वाध्याय कृती

(३) खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.
(i) झाडाच्या जीवनाचे गाणे कशात दडलेले आहे?
उत्तरः
झाडाच्या जीवनाचे गाणे पक्ष्यांच्या मंजुळ नादात दडले आहे.

काव्यसौंदर्य

(i) झाडाचे मानवी जीवनातील महत्त्वाचे स्थान या विधानाचा तुम्हाला कळलेला अर्थ स्पष्ट करा.
उत्तरः
झाडांचे मानवी जीवनातील स्थान अतुलनीय आहे. संपूर्ण पर्यावरण झाडांवर अवलंबून आहे. निसर्गाचे संतुलन राखण्यात झाडे अग्रेसर आहेत. झाडांमुळे फळे, फुले, औषधे तर मिळतांतच; पण थकलेल्या जीवाला सावली मिळते. झाडांमुळे पाऊस पडतो. झाडे मानवी जीवनातील ‘श्वास’ च आहेत. त्यावाचून आपले जीवन जगणे अशक्य आहे.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 13 हिरवंगार झाडासारखं

(ii) झाडापासून आनंदी जीवन जगणे शिकावे या विधानातील विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
झाड कोणत्याही परिस्थितीत घट्ट पाय रोवून उभे असते. वाऱ्याच्या झुळूकीबरोबर पानांच्या सळसळाटीने हसते. पक्ष्यांच्या मंजुळ गाण्याबरोबर जीवनाचे गाणे गाते. आपल्या विशाल सावलीत मुसाफिरांना कवेत घेते. पावसाळ्यात हिरवेगार ताजेतवाने होऊन न्हाऊन निघते. पानझडीनंतर नव्या नवरीसारखा नवीन वेष धारण करते. दातृत्व हा झाडाचा मोठाच गुण आहे. फळे, फुले बहरली की झाडे ती दुसऱ्यांच्या पदरात दान करते. संपूर्ण आयुष्य हिरवगार होऊन जगते. अशाच प्रकारे माणसानेही सहनशीलता, सहकार्याची वृत्ती, कठीण प्रसंगातही घट्ट पाय रोवून ठेवण्याची वृत्ती जोपासली तर त्याचेही जीवन आनंदाने भरून जाईल.

हिरवंगार झाडासारखं Summary in Marathi

हिरवंगार झाडासारखं काव्यपरिचय

‘हिरवंगार झाडासारखं’ ही कविता कवी ‘जॉर्ज लोपीस’ यांनी लिहिली आहे. या कवितेमध्ये झाडांची सहनशीलता, दातृत्व, सहकार्याची वृत्ती, कठीण प्रसंगातही घट्ट पाय रोवून उभे राहण्याची वृत्ती याचे वर्णन केले आहे. तसेच आनंदी जीवन जगण्यासाठी झाडांसारखे हिरवेगार ताजे, प्रफुल्लित राहावे असा संदेश दिला आहे.

हिरवंगार झाडासारखं Summary in English

This poem is written by George Lopis. In it, he speaks, at length, about the traits of a tree its patience, generosity, cooperation and resoluteness in difficult situations. Always be happy and evergreen like a tree. This is the message in this poem.

हिरवंगार झाडासारखं भावार्थ

झाड बसते ध्यानस्थ ऋषिसारखं मौन व्रत
धारण करून तपश्चर्या करत …

आनंदी जीवन जगण्यासाठी आपण झाडाचा आदर्श घ्यावा, असे कवी ‘जॉर्ज लोपीस’ आपल्याला पटवून देत आहेत. ते म्हणतात की, झाड अचल असते. ते एका ठिकाणी काहीही न बोलता अढळ उभे असते. ऋषीमुनी जसे तपश्चर्येला ध्यान लावून बसतात. त्याचप्रमाणे झाड देखील मौन व्रतात उभे असते. बाह्य गोष्टींच्या सर्व परिणामांना ते बिनतक्रार सहन करत असते. पक्षी येतात-जातात, झाडांच्या मुळांवरही कधी कधी घाव बसतात. पानझड होते तरी झाड स्थिर व सहनशील असते. कठीण प्रसंगातही पाय घट्ट रोवून ध्यानस्थ ऋषिसारखे शांत असते. आपणही तोच मार्ग अनुसरला पाहिजे.

पक्षी झाडांचे कुणीच नसतात
तरीही झाड त्यांचं असतं

पक्षी झाडांवर सतत येत असतात. घरटे बांधून राहतात. काम झाले की, फळे चाखून, खाऊन पुन्हा दुसरीकडे उडून जातात. झाड त्यांना निवारा देते, अन्न देते. ऊन-पावसापासून रक्षण करते; पण जेव्हा झाडावर घाव घातले जातात, ते कापले जाते तेव्हां पक्षी स्वत:चाच विचार करून झाडावरून उडून जातात. परंतु, झाड मात्र हिरवेगार असताना येणाऱ्या पक्ष्यांना कधीही अडवत नाही, आश्रय नाकारत नाही. म्हणूनच पक्षी झाडांचे कुणीही नसून झाड त्यांचे असते, असे कवी म्हणतात.

मुळावर घाव घातला तरी झाड मुकाट सहन करते
झाडांच्या पानावरून वहीच्या पानावर
अलगद उतरतात दवांचे टपोरे थेंब

झाडाचे कुणीच नसते, पण झाड मात्र सर्वांचे असते. झाड छाया देते, निवारा देते, फळे-फुले सर्व काही इतरांना देते. परोपकार हा त्याचा गुणधर्मच आहे. निर्दयी मानव जेव्हा आपल्या फायद्यासाठी या झाडाच्या मुळावर घाव घालतो तेव्हा देखील झाड बिनतक्रार ते सहन करते. झाडांची कत्तल होत असताना झाडाच्या पानांवरील दवबिंदू घरंगळत जणू वहीतील शब्दांमध्ये डोकावतात व आपली करुण कहाणी शब्दांकीत करतात याचाच अर्थ असा की, झाडांपासून कागद, वह्या बनविल्या जातात आणि मग अशा वहीच्या पानावर कोणीतरी कवी, लेखक झाडाचे दु:ख नेमक्या शब्दांत लिहून काढतो. जणू झाडाच्या शरीरावर बसलेल्या घावाचे रूपांतर दवांच्या टपोऱ्या थेंबात होते असे कवीला वाटते. कवीने झाडाचा सहनशील हा गुण येथे दर्शविला आहे.

झाडाकडे टक लावून पाहिलं तर
शरीरभर विरघळतो हिरवा रंग
रक्त होते क्षणभर हिरवेगार

आयुष्य होतं नुकत्याच खुडलेल्या फुलासारखं टवटवीत कोणतेही झाड असो ते प्रेरणादायी असते. आयुष्य होतं नुकत्याच खुडलेल्या फुलासारखं टवटवीत. पाना-फुलांनी बहरलेल्या हिरव्यागार झाडाकडे टक लावून पाहिले असता, झाडाची सहनशीलता, दुसऱ्यांना मदत करण्याची वृत्ती, त्याचे दातृत्व, कठीण प्रसंगातही घट्ट पाय रोवून उभे राहण्याची वृत्ती हे सारे गुण आपल्याला जाणवतात. तसेच कठोर क्षणी सुद्धा हे झाड आपला हिरवागार ताजेपणा कधी सोडत नाही, हे जाणून आपल्याला आनंद होतो. आपणही त्याच्यासारखे गुण स्वीकारावे असे वाटू लागते. जणू त्याचा हिरवा रंग आपल्या शरीरभर विरघळतो. तसेच क्षणभर आपले लाल रक्तही हिरवेगार झाल्यासारखे वाटते. म्हणजेच झाडांकडे पहिल्यावर त्यांच्यातला उत्साह आपल्यामध्ये भिनतो आणि आपले आयुष्य नुकत्याच खुडलेल्या फुलासारखे ताजे, टवटवीत होऊन जाते.

झाडाचे बाहु सरसावलेले असतात मुसाफिराना कवेत घेण्यासाठी

झाडाची सहकार्याची वृत्ती विलक्षण असते. परोपकाराची भावना त्यांच्या मनात सतत जागी असते. आपल्या सर्वदूर पसरलेल्या फांदयांमुळे झाड कडक उन्हात वाटसरूंना सावली देते त्यांचा थकवा दूर करते. जणू आपले बाहू पसरवून हे झाड मुसाफिरांना म्हणजे वाटसरूंना आपल्या कवेत घेते, असे वाटते.

पानझडीनंतर झाड पुन्हा नवीन वस्त्र धारण करतं
नव्या नवरीसारखं
झाडाला पालवी फुटल्यावर फुटते शरीरभर पालवी
अन झटकली जाते मरगळ

ऋतूनुसार झाडाच्या अवस्था बदलत जातात. पानझडीत म्हणजेच थंडीत, शिशिर ऋतूत झाडाची सगळी पाने गळून जातात. झाड पूर्ण रिकामे होते. तेव्हा ते एकटे असते तरी ते पुन्हा बहरते. वसंत ऋतूत झाडाला पुन्हा पालवी फुटते. कोवळी हिरवीगार पाने संपूर्ण झाडावर डोलायला लागतात. नव्या नवरीसारखे सजून झाड पुन्हा तजेलदार दिसू लागते. झाडाची ही प्रफुल्लितता पाहून, आपले मन शरीराचा सारा थकवा तसेच आलेली मरगळ झटकून टाकते. जणू आपल्या मनालाच नव्हे तर संपूर्ण शरीराला उत्साहाची पालवी फुटल्यासारखे वाटते.

पक्ष्यांच्या मंजुळ नादात झाडाचंही जीवनाचं
एक संथ गाणे दडलेले असते

कोणतेही झाड असो ते आपल्याच मस्तीत, धुंदीत जगत असते. बाहेरची परिस्थिती कशीही असो ते कधी तक्रार करत नाही. थंडी, ऊन, वारा, पाऊस यांचा सामना हसतमुखाने करत ते मौजेने जगत असते. त्याच्या आश्रयाला येणाऱ्या प्रत्येक प्राणी-पक्ष्यांना ते आनंदच देत असते. झाडावर बसणारे पक्षी आनंदाने झोके घेत मंजुळ गाणी गात असतात, किलबिलाट करत असतात. जणू त्या गाण्याचा आनंद घेत घेत हे झाड आपले जीवन मजेने, उत्साहाने जगत असते.

हसावं कसं सळसळत्या पानासारखं
मुळावं मुरावं कसं तर? झाडासारखं घट्ट पाय रोवीत
जगावं कसं तर? हिरवंगार झाडासारखं
रोजचं चिंतन करावं कसं तर झाडासारखं!

माणसाने झाडाकडून जगण्याच्या कला शिकून घेतल्या पाहिजेत, असे कवी म्हणतात. कोणतेही झाड असो ते वाऱ्याच्या झुळुकीबरोबर पानांच्या सळसळीने हसते. पक्ष्यांच्या मंजुळ गाण्याबरोबर जीवनाचे गाणे गाते, त्याचप्रमाणे आपणही सळसळत्या पानासारखं हसलं पाहिजे. झाड कोणत्याही परिस्थितीत घट्ट पाय रोवून उभे असते. त्याचप्रमाणे आपणही घट्ट पाय रोवून खंबीरपणे जीवनात मुरलं पाहिजे. तसेच येणाऱ्या संकटांचा खंबीरपणे सामना केला पाहिजे. पानगळ झाली तरी झाड खचून जात नाही. वसंतऋतू येताच कोवळी हिरवीगार पाने झाडाच्या अंगावर डोलू लागतात. जणू नव्या नवरीसारखे ते झाड सजते. त्याचप्रमाणे आयुष्यात कितीही संकटे आली तरी त्याचा सामना करून त्यातून मार्ग काढता आला पाहिजे. नव्या उमेदीने हिरव्यागार झाडासारखे प्रफुल्लित राहून जगले पाहिजे. शिवाय झाडासारखे रोजचे चिंतन करत आनंदी जीवन जगले पाहिजे,

हिरवंगार झाडासारखं शब्दार्थ

  • ध्यानस्थ – चिंतनात मग्न – (absorbed in meditation)
  • मौन – नि:शब्द – (state of being quiet silence)
  • व्रत – स्वत:ला लावून – oath
    घेतलेला विशिष्ट
    धार्मिक नियम,
    नेम.
  • धारण करणे – आचरणे – to apply
  • अलगद – हळूवारपणे – softly
  • विरघळणे – मिसळून जाणे – dissolve
  • खुडणे – तोडणे – to pluck
  • मुसाफिर – यात्री – traveller
  • कवेत – मिठीत – to embrace
  • पानझड – पानगळ – fall
  • मरगळ – थकवा – fatigue
  • नाद – आवाज – sound
  • मंजुळ – गोड – sweet voice
  • संथ – हळू – slow
  • सळसळ – पानांचा आवाज – rustling
  • मुरणे – अंगात भिनणे – absorb
  • चिंतन – मनन – meditation

हिरवंगार झाडासारखं वाक्प्रचार

  • मुळावर घाव घालणे – नष्ट करणे.
  • मुकाट सहन करणे – बिनतक्रार स्वीकारणे.
  • पाय रोवणे – तळ जमवणे, पकडून ठेवणे
  • मुक्काम ठोकणे
  • टक लावून पाहणे – एक सारखे बघणे; निरखणे.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 6 चुडीवाला Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 6 चुडीवाला Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
खालील व्यक्तींच्या स्वभाववैशिष्ट्यांची तुलना करा.

अब्दुल  रघुभैया

उत्तरः

अब्दुल रघुभैया
(i) सामाजिक बांधिलकी सामाजिक बांधिलकीची मानणारा.
(ii) साऱ्यांच्या जीवनात आनंद आपल्याच विश्वात रममाण निर्माण करण्यासाठी असणारा.
(iii) संवेदनशील.
फारशी जाण नसलेला.
धडपडणारा.
संवेदनांशी फारसा संबंध नसलेला.

प्रश्न 2.
खालील विधानांमागील कारणे लिहा.
(अ) रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो म्हणून,
उत्तरः
रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो कारण त्याचा धंदयावर परिणाम होतो.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

(आ) आजचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी पर्वणीच.
उत्तर:
आजचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी पर्वणीच कारण या दिवशी अब्दुल त्यांच्यासाठी रंगीबेरंगी बांगड्या आणि त्यांना लागणाऱ्या इतर वस्तू घेऊन येत होता.

प्रश्न 3.
गुणविशेष लिहा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला 20
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला 19

प्रश्न 4.
खालील वाक्यांतील अव्यये शोधा व त्यांचे प्रकार लिहा.

वाक्ये  अव्यये  प्रकार
(अ) अब्दुल जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ आला.
(आ) तो एक आनंदाचा आणि चैतन्याचा दिवस.
(इ) बापरे! केवढी मोठी वसाहत.
(ई) रघुभैयाने चिठ्ठी भरभर वाचली.

प्रश्न 5.
विरामचिन्हे ओळखा व त्यांची नावे लिहा.

विरामचिन्हे नावे
(अ) “अरे, पण चिठ्ठी मराठीतून आहे.”
(आ) “अन्वर जेवला?”

उत्तर:

विरामचिन्हे नावे
(अ) “अरे, पण चिठ्ठी मराठीतून आहे.”
(आ) “अन्वर जेवला?”
दुहेरी अवतरण चिन्ह, पूर्ण विराम/स्वल्प विराम.
दुहेरी अवतरण, प्रश्नचिन्ह

प्रश्न 6.
खालील उदाहरणांचा अभ्यास करा व दोन्ही अलंकाराच्या रचनेतील फरक समजून घ्या. अशा उदाहरणांचा शोध घेऊन त्यांचा सराव करा.
अब्दुल हा तपोवनातील स्त्रियांना देवदूतासारखा वाटतो. (उपमा अलंकार)
अब्दुल हा तपोवनातील स्त्रियांसाठी जणू देवदूतच. (उत्प्रेक्षा अलंकार)

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प्रश्न 7.
स्वमत.
(अ) सत्यता पटवून दया- ‘अब्दुल एक थोर समाजसेवक’
उत्तर:
अब्दुल हा बांगड्या विकणारा अत्यंत संवेदनशील मनाचा गृहस्थ होता. तपोवनातल्या कुष्ठरोगी मुलींना व स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी तो जात असे. त्यासाठी त्याला त्याच्या धंदयात झळ सोसावी लागत असे. त्याचा रोजगार बुडत असे. पण आजाराने ग्रस्त स्त्रियांचा आनंद बघून त्याला समाधान वाटत होते. समाजऋण मानणारा आणि माणुसकीला जपणारा व दुसऱ्याच्या आनंदासाठी धडपडणारा असा हा अब्दुल खरा समाजसेवक होता.

(आ) शन्नूच्या वागण्यामागील तिचा विचार काय असावा, याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
इतर चार-चौघीसारखी शन्नू गृहिणी होती. आपला प्रपंच नीट चालावा, अब्दुलचा व्यवसाय वाढावा, इतरांप्रमाणे आपल्या घरातही दोन चांगल्या वस्तू असाव्यात अशी तिची अपेक्षा होती. म्हणून तपोवनात कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जाणाऱ्या अब्दुलचा ती राग करत असे. तपोवनातील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना अब्दुल बांगड्या भरायला जातो हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्यांचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती म्हणून अब्दुल तपोवनात जातो हे कोणाला कळू नये यासाठी तिची धडपड सुरू असे. अत्यंत साध्या अपेक्षा असणारी ती सामान्य गृहिणी होती, अब्दुलची उदात्त वृत्ती, परोपकार, सेवाभाव यातलं तिला काही कळत नव्हते.

(इ) तंत्रज्ञानाची जोड देऊन अब्दुलचा मुलगा बांगड्यांचा व्यवसाय कसा वाढवू शकेल, याविषयी तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
आधी त्याने मार्केटचा अभ्यास केला पाहिजे. आज कालच्या स्त्रिया, मुली कशा प्रकारच्या बांगड्या वापरतात, फॅशनचा ट्रेंड काय आहे हे जाणून घेतले पाहिजे. गुगल, यु ट्युब, वॉटस अॅप यातून त्याने या सगळ्यांची माहिती मिळवली पाहिजे. वरील सगळ्या माध्यमांद्वारे तो अत्यंत प्रभावीपणे त्यांच्याजवळ असलेल्या बांगड्यांची जाहिरात करु शकतो. ऑनलाईन व्यापार करू शकतो. अशा प्रकारे अब्दुलचा मुलगा आपला बांगड्यांचा व्यवसाय वाढवू शकतो.

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(ई) दुसऱ्याला मदत करण्यातला आनंद ज्या प्रसंगातून मिळू शकतो, असा प्रसंग लिहा.
उत्तरः
बस स्टॉपवर एक म्हातारी स्त्री उभी होती तिला ‘नानावटी’ हॉस्पिटलला जायचे होते. हॉस्पिटलपर्यंत थेट जाणारी बस नव्हती. रिक्षाला देण्यासाठी तिच्याकडे पैसे नव्हते. मी एक रिक्षा थांबवली तिच्या हातात शंभर रुपये दिले. रिक्षावाल्याला तिला नानावटी हॉस्पिटलला सोडायला सांगितले. तिच्या डोळ्यातला कृतज्ञभाव आजही आठवतो.

एकदा रस्त्याने जात असतांना फुटपाथवर संसार असलेल्या ठिकाणी एक बाळ खूप कळवळून रडत होतं. आजूबाजूला कोणी दिसेना. मी त्याच्या जवळ गेले त्याच्या अंगाखाली आणि आजुबाजुला बरंच पाणी साचलेलं होतं. मी हिम्मत केली त्याला तिथून उचलले. त्याच्या ठेवलेल्या वस्तूमधून एक कापड काढून त्याला कोरडं केलं, कापडात गुंडाळून त्याला कोरड्या जागेत ठेवणार तोच त्याची आई आली, मी तिच्या हातात मुलं दिलं आपलं रडणं थांबवून ते बाळ माझ्याकडे अगदी टुकूटुकू बघत होते. मला खूप छान वाटलं.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 6 चुडीवाला Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १. पुढील उतारा वाचून दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा,
कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
कृती पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) स्वेटरमधून अब्दुलला चांगलीच थंडी जाणवत होती कारण …………………………..
उत्तर:
स्वेटरमधून अब्दुलला चांगलीच थंडी जाणवत होती कारण अब्दुलचा स्वेटर अनेक ठिकाणी उसवला होता.

(ii) लहान लहान मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली कारण
उत्तर:
लहान लहान मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली कारण अब्दुल त्यांच्यासाठी रंगीबेरंगी बांगड्या घेऊन आला होता.

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प्रश्न 3.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.
(i) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(ii) अब्दुल खिडकीजवळ बसला.
(iii) पेटी अलगद उचलून त्याने आपल्या मांडीवर ठेवली.
(iv) अब्दुल बसस्टॉपवर आला.
उत्तर:
(i) अब्दुल बसस्टॉपवर आला.
(ii) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(iii) अब्दुल खिडकीजवळ बसला.
(iv) पेटी अलगद उचलून त्याने आपल्या मांडीवर ठेवली.

प्रश्न 4.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

(i) अब्दुलचे दुकान बंद असल्याने कोणाचा धंदा तेजीत चालणार होता?
उत्तरः
अब्दुलचे दुकान बंद असल्याने रघुभैयाचा धंदा तेजीत चालणार होता.

(ii) कोणाच्या डोळ्यांतला क्रोध अब्दुलच्या परिचयाचा होता?
उत्तरः
शन्नूच्या डोळ्यांतला क्रोध अब्दुलच्या परिचयाचा होता.

(iii) लहान लहान मुलींनी कोणाभोवती एकदम गलका करायला सुरुवात केली?
उत्तरः
लहान लहान मुलींनी अब्दुलभोवती गलका करायला सुरुवात केली.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

(iv) बस कोणत्या ठिकाणी रिकामी झाली?
उत्तर:
बस जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ रिकामी झाली.

(v) अब्दुलने मफलर कानाला घट्ट का लपेटून घेतला?
उत्तर:
बस सुरू होताच थंडगार वाऱ्याचा झोत अब्दुलला त्रासदायक वाटू लागला होता, म्हणून अब्दुलने मफलर कानाला घट्ट लपेटून घेतला.

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
उत्तरे लिहा.
(i) अब्दुलचा व्यवसाय → बांगड्या विकण्याचा
(ii) अब्दुल या ठिकाणी गेला → तपोवन

प्रश्न 2.
आकृतीबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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प्रश्न 4.
चूक की बरोबर ते लिहा.
(i) शांतीवनाच्या त्या गोलाकार कमानीकडे अब्दुलचे लक्ष गेले.
(ii) संक्रांत असल्याने अब्दुलचा धंदा तेजीत चालला होता
(iii) बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी सांभाळत अब्दुल बसमध्ये चढला.
(iv) थंडगार वाऱ्याचा झोत अधिकच मजेदार वाटू लागला.
उत्तरः
(i) चूक
(ii) चूक
(iii) बरोबर
(iv) चूक

कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
अब्दुलबद्दल माहिती लिहा.
उत्तरः
अब्दुलचा बांगड्या विकण्याचा व्यवसाय होता. अब्दुलचा व्यवसाय जेमतेमच चालत असावा असे वाटते. कारण त्याच्या अंगावरचा स्वेटर अनेक ठिकाणी उसवलेला होता. थंडी वाऱ्याची पर्वा न करता तो आपली बांगड्यांची पेटी आणि पिशवी घेऊन तपोवनातल्या मुलींना बांगड्या भरण्यासाठी निघाला होता. यावरून असे दिसते अब्दुल हा अत्यंत करूणाशील व दयाशील वृत्तीचा, समाजाचे मूल्य जपणारा होता.

प्रश्न 2.
तपोवनाकडे येताना व आल्यावर अब्दुलने कोणत्या गोष्टी अनुभवल्या ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
जिल्हाधिकारी कचेरीजवळ येताच बहुतेक सगळीच बस रिकामी झाली. तपोवनाकडे जाणारे कोणीही प्रवासी नव्हते. तपोवनात आल्यावर त्याचे लक्ष कमानीकडे गेले. जेमतेम हातभर असलेली वेल आता खूप फुलली होती. अब्दुलला गेटजवळ बघताच तपोवनातील सगळया मुलींनी एकदम गलका करायला सुरुवात केली.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

प्रश्न 3.
“रस्त्यानं कोणी भेटलं तर सांगू नका तपोवनात जातो म्हणून” शन्नूच्या या विधानामागचे कारण तुमच्या शब्दात लिहा.
उत्तरः
अब्दुल तपोवनात दर संक्रांतीला जात असे. तपोवन हे कुष्ठरोगी लोकांचे आश्रयस्थान होते. तेथील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना बांगड्या भरायला अब्दुल जातो, हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्याचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती. म्हणून वरील विधान अब्दुलला उद्देशून तिने म्हटले आहे.

प्रश्न २. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) तपोवनातील स्त्रियांना अब्दुल कोणासारखा वाटे?
उत्तरः
तपोवनातील स्त्रियांना अब्दुल देवदूतासारखा वाटे.

(ii) अब्दुलला कोणती कला साधली होती?
उत्तरः
तपोवनातील स्त्रियांना बांगड्या भरण्याची कला अब्दुलला साधली होती.

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प्रश्न 3.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) आंब्याच्या झाडाखाली असलेल्या …………………………. अब्दुल बसला. (चबुतऱ्यावर, चौथऱ्यावर, दगडावर, पारावर)
(ii) साऱ्या …………………………. तो एक आनंदाचा आणि चैतन्याचा दिवस! (मधुबनातील, शांतिवनातील, तपोवनातील, तेजोवनातील)
(iii) प्रत्येकीला …………………………. बांगड्या भरायच्या होत्या. (प्रथम, आधी, रंगीबेरंगी, आवडीच्या)
उत्तर:
(i) चौथऱ्यावर
(ii) तपोवनातील
(iii) प्रथम

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
कोण ते लिहा.
(i) चिठ्ठीतला मजकूर वाचून दाखवणारा – रघुभैया
(ii) अब्दुलला सत्काराचे निमंत्रण देणारे – दाजीसाहेब
(iii) संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला तपोवनात चुडीवाल्याची वाट पाहणाऱ्या – स्त्रिया

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) चिट्ठीतला मजकूर वाचून अब्दुल आणि शन्नू यांना आनंद झाला कारण ………………………… .
उत्तर:
चिठ्ठीतला मजकूर वाचून अब्दुल आणि शन्नू यांना आनंद झाला कारण तपोवनात अब्दुलचा खास सत्कार होणार होता.

(ii) अब्दुलने रघुभैय्याला चिट्ठी वाचण्यास सांगितली कारण ………………………….
उत्तरः
अब्दुलने रघुभैय्याला चिठ्ठी वाचण्यास सांगितली कारण चिट्ठी मराठीतून होती.

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प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 4.
सहसंबंध लिहा.
(i) विलक्षण : समाधान : : खास : ………………………….
(ii) हातात : बांगड्या : : झाडाखाली : ………………………….
उत्तर:
(i) सत्कार
(ii) चौथरा

प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
तपोवनातील स्त्रिया व मुलींना अब्दुल देवदूतासारखा वाटे हे विधान तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तरः
तपोवनात कुष्ठरोगाने पिडित स्त्रिया आणि मुली राहत असत. या स्त्रिया व मुलींनाही इतर स्त्रियांसारखाच साज शृंगार करायला आवडत असे. त्या कुष्ठरोगासारख्या दुर्धर रोगाने ग्रस्त असल्यामुळे त्यांचा हात बांगड्या भरण्यासाठी कोणीही हातात घेणार नव्हते. त्यांचा स्पर्श म्हणजे रोगाला निमंत्रण अशी सर्वसाधारण समजूत; पण अब्दुल मात्र असल्या कोणत्याही गोष्टींचा विचार न करता त्यांच्या हातावरील व्रण, जखमा सांभाळून त्यांना हळूवारपणे बांगड्या भरत असे. हे काम तो वर्षातून दोनदा करत असे. रंगीबेरंगी बांगड्यांच्या रंगात त्या स्त्रिया काही काळ का होईना आपले दुःख विसरत असत.

आणि ही गोष्ट केवळ अब्दुलमुळे शक्य होत होती म्हणून अब्दुल त्यांना देवदूतासारखा वाटे.

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प्रश्न 2.
दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार का केला, सकारण लिहा.
उत्तरः
ज्या कुष्ठरोगी लोकांची सावली देखील लोकं टाळतात अशा कुष्ठरोगी स्त्रियांच्या हातात बांगड्या भरण्याचे काम अब्दुल अगदी निस्वार्थी भावनेने करायचा, त्यांच्या जीवनात आनंद फुलवायचा प्रसंगी व्यवसायात आपले नुकसान सोसून अविरतपणे तो हे काम करत होता. त्याच्या सेवाभावी वृत्तीचा व माणुसकीला जपणाऱ्या निर्मळ मनाच्या माणसाचा सत्कार झाला पाहिजे, त्याच्या कामाची पावती त्याला दिली पाहिजे या भावनेतून दाजीसाहेबांनी अब्दुलला सत्काराचे निमंत्रण दिले व त्याचा सत्कार केला.

प्रश्न 3.
‘इच्छा तिथे मार्ग’ – अब्दुलच्या उदाहरणावरून स्पष्ट करा.
उत्तरः
अनेक लोकांच्या मनात बऱ्याच इच्छा असतात. पण ते केवळ विचारच करत राहतात. हे नाही, ते नाही या सबबीखाली त्यांच्या इच्छेला किंवा विचाराला पूर्णत्व येत नाही. पण अब्दुलसारखा अगदी छोटा व्यावसायिक अत्यंत सामान्य आर्थिक परिस्थिती असलेला, आपल्याजवळ जे आहे जसं आहे त्यातून निस्वार्थीपणे सेवेचं व्रत साकारतो. कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्याचं काम वर-वर अगदी साधं वाटत असलं तरी त्यामागे अब्दुलची उदात्त भावना, दुसऱ्याच्या आनंदासाठी झटण्याची वृत्ती दिसून येते. फार मोठा गाजा-वाजा, बडेजाव न करता अब्दुल हे काम अत्यंत सेवाभावी वृत्तीने करत होता. खरोखरच मनापासून काही करण्याची जर इच्छा असेल तर मार्ग नक्कीच मिळतो हे अब्दुलच्या उदाहरणावरून जाणवते.

प्रश्न 4.
अब्दुल तपोवनात गेल्यावर तिथले वातावरण कसे होत असे, तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
अब्दुल तपोवनात गेला की चुडीऽवाला आला, चुडीऽऽवाला आला असे म्हणत सगळ्या बायका-मुली त्याच्या भोवती जमत असत. प्रत्येकीला अब्दुलकडून आपल्याला हव्या असलेल्या वस्तू, रंगीबेरंगी बांगड्या हव्या असत. प्रत्येकीला प्रथम बांगड्या भरायच्या असत म्हणून अब्दुलच्या भोवती त्या गर्दी करत असत. त्यांचा आवाज, गडबड, गोंधळ यामुळे आनंदवनाचा परिसर गजबजून उठे. सगळया स्त्रियांमध्ये आनंद आणि चैतन्य पसरत असे. तो सगळा अनुभव म्हणजे अब्दुलसाठी अत्यंत समाधानाची गोष्ट होती.

प्रश्न ३. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १: आकलन कृती

प्रश्न 1.
ओघ तक्ता पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कोण ते लिहा
(i) सेतूबंधन करणारा – राम
(ii) सेतूबंधनाला मदत करणारी – खार

प्रश्न 4.
उत्तरे लिहा
(i) संक्रात आणि जेष्ठ पौर्णिमेला हा प्रस्ताव समोर आला होता,
उत्तर:
तपोवनातील स्त्रिया व मुली यांना बांगड्या भरणे.

(ii) दाजीसाहेबांनी यांना विनंती केली होती.
उत्तर:
अनेक बांगडीवाल्यांना

कृती २ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) दाजीसाहेबांचे वय किती वर्षे होते?
उत्तरः
दाजीसाहेबांचे वय चौऱ्याऐंशी वर्षे होते.

(ii) अब्दुलने दाजीसाहेबांना कोणते आश्वासन दिले ?
उत्तरः
ज्येष्ठ पौर्णिमेला आणि संक्रांतीला तपोवनात बांगड्या भरण्यासाठी येण्याचे आश्वासन अब्दुलने दाजीसाहेबांना दिले.

प्रश्न 3.
कारणे लिहा.
सत्काराच्या ठिकाणी अब्दुल तसाच उभा राहिला; कारण ……………………………………….
(अ) बसायला जागा नव्हती.
(आ) पाहुण्यांबरोबर बसायला त्याला संकोच वाटला.
(इ) अब्दुलच्या मनात भिती होती.
(ई) अब्दुल घाबरला होता.
उत्तरः
सत्काराच्या ठिकाणी अब्दुल तसाच उभा राहिला; कारण पाहुण्यांबरोबर बसायला त्याला संकोच वाटला.

(ii) अब्दुल अतिशय भारावून गेला; कारण ………………………………
(अ) तपोवनातील स्त्रियांचे दुःख पाहून.
(आ) दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार केला.
(इ) तपोवनात काम करायला मिळाले म्हणून.
(ई) तपोवनातील आनंद पाहून.
उत्तर:
अब्दुल अतिशय भारावून गेला; कारण दाजीसाहेबांनी अब्दुलचा सत्कार केला.

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प्रश्न 4.
कंसातील योग्य पर्याय निवडून रिकाम्या जागा भरा.
(i) …………………………. सेतूबंधन केलं; पण त्यासाठी अनेकांचा हातभार लागला. (रामानं, हनुमानानं, लक्ष्मणानं, सीतेनं)
(ii) …………………………. त्यांच्याबरोबर बसायला संकोच वाटला (दाजीसाहेबांना, शन्नूला, रघुभैय्याला, अब्दुलला)
उत्तर:
(i) रामानं
(ii) अब्दुलला

प्रश्न 5.
सहसंबंध लिहा.
(i) आवाजातला : खणखणीतपणा : : बोलण्यातली : ………………………………
(ii) तेज : पुंज : चेहरा : : पांढरेस्वच्छ : ………………………………
उत्तर:
(i) ऐट
(ii) धोतर

कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
दाजीसाहेबांचे वर्णन तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेब चौऱ्याऐंशी वर्षांचे होते. पण तरीही खूप काटक होते. उंच सडसडीत देहयष्ठी, तेज:पुंज चेहरा, गौरवर्ण, पांढरेस्वच्छ धोतर ते नेसत असत. त्यांच्या आवाजात खणखणीतपणा होता आणि बोलण्यात ऐट होती. असे दाजीसाहेबांचे व्यक्तिमत्व होते.

प्रश्न 2.
दाजीसाहेबांच्या पोशाखाचे वर्णन करा,
उत्तरः
दाजीसाहेब पांढरे स्वच्छ धोतर परिधान करत असत. त्यावर बंद गळ्याचा कोट आणि डोक्याला उंच सडसडीत केशरी फेटा असा दाजीसाहेबांचा पोशाख असे. त्यांची शरीरयष्टी आणि पोशाख त्यामुळे ते खूप रुबाबदार दिसत.

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प्रश्न 3.
दाजीसाहेब आपल्या भाषणात अब्दुलबद्दल जे बोलले ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेब म्हणाले तपोवनासाठी मदत करणाऱ्या अनेक व्यक्ती सुदैवाने आम्हाला लाभल्या. संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला बांगड्या भरण्याचा प्रस्ताव अब्दुल मियांनी स्वत:हून स्विकारला. दरवर्षी अब्दुलमियाँ न चुकता येतात व येथील भगिनींच्या जीवनात आनंदाचा वर्षाव करतात. कुठल्याही मोबदल्याची अपेक्षा न करता अब्दुलमियाँ हे काम करतात. त्यांचे हे समाजकार्य, मानवसेवा खरोखरच फार मोठी आहे, अनमोल आहे, अशा शब्दांत दाजीसाहेबांनी अब्दुलच्या कार्याचा गौरव केला.

प्रश्न 4.
प्रत्येकाच्या छोट्या-छोट्या सहकार्यातून अनेक मोठी कामे होऊ शकतात. यावर तुमचे मत उदाहरणासह लिहा.
उत्तरः
दाजीसाहेबांना तपोवनासाठी काम करणारी, मदत करणारी माणसं मिळाली म्हणून एवढं काम ते चांगल्या प्रकारे करू शकले. एखाक्या चांगल्या कामासाठी प्रत्येकाने थोडासा जरी हातभार लावला तरी खूप मोठमोठी कामे पूर्णत्वास जाऊ शकतात. अगदी अलिकडचेच उदाहरण घ्यायचे झाले तर नाना पाटेकर व मकरंद अनासपुरे यांनी शेतकऱ्यांच्या मदतीसाठी सुरू केलेले ‘नाम’ फाऊंडेशन. यात अनेकांच्या सहकार्यामुळे शेतकऱ्यांना दिलासा मिळतो आहे. पाण्याच्या प्रश्नावर काम करणारे जलपुरुष ‘डॉ. राजेंद्रसिंह’ असोत किंवा अनाथांची आई झालेल्या ‘सिंधुताई सकपाळ’ असोत. या सगळ्यांच्या कामाला हातभार लावणारे, सहकार्य देणारे अनेक हात आहेत. सामाजिक सेतुबंधनाची मोठ मोठी कार्ये सहकार्यातूनच साकार होत असतात.

प्रश्न ४. पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १ : आकलन कृती.

प्रश्न 1.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 3.
कंसातील योग्य पर्याय निवडून रिकाम्या जागा भरा,
(i) अमरावतीहून आलेली निमंत्रित मंडळी ……………………………… जाणार होती. (रिक्षातून, सायकलवरून, मोटारीतून, चालत)
(ii) ……………………………… पुढचे बोलणे अब्दुलने ऐकलेच नाही. (शन्नूचे, रघुभैय्याचे, अन्वरचे, दाजीसाहेबांचे)
(iii) थाळीत चपाती आणि ……………………………… भाजी घेऊन तिने थाळी अब्दुलसमोर ठेवली. (मेथीची, भोपळ्याची, वांग्याची, कारल्याची)
उत्तर:
(i) मोटारीतून
(ii) शन्नूचे
(iii) वांग्याची

प्रश्न 4.
उताऱ्यानुसार घटनांचा क्रम लावा.
(i) अंबादेवीच्या चौकात मोटार थांबली.
(ii) दाजीसाहेबांनी अब्दुलला मोटारीत बसवले,
(iii) अब्दुल एखादया अपराध्यासारखा मान खाली घालून जेवू लागला.
(iv) अब्दुल येताच शन्नू उठली.
उत्तर:
(i) दाजीसाहेबांनी अब्दुलला मोटारीत बसवले.
(ii) अंबादेवीच्या चौकात मोटार थांबली.
(iii) अब्दुल येताच शन्नू उठली.
(iv) अब्दुल एखादया अपराध्यासारखा मान खाली घालून जेवू लागला.

कृती २: आकलन कृती

प्रश्न 1.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) मोटार कोणत्या चौकात थांबली?
उत्तरः
मोटार अंबादेवीच्या चौकात थांबली.

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(ii) शनू कोणत्या गोष्टींचा अब्दुलला नेहमी आग्रह करत होती?
उत्तरः
शन्नू अब्दुलला नवीन व्यवसाय करण्याचा आग्रह करत होती.

प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) अब्दुलला बांगड्यांचा व्यवसाय सोडवत नव्हता; कारण …………………………..
(अ) त्याच्या अब्बाजानपासून चालत आलेला व्यवसाय होता.
(आ) बांगड्यांचा धंदा खूप तेजीत होता.
(इ) तो व्यवसाय त्याला मनापासून आवडत होता.
(ई) तो खूप आळशी होता.
उत्तर:
अब्दुलला बांगड्यांचा व्यवसाय सोडवत नव्हता; कारण त्याच्या अब्बाजानपासून चालत आलेला व्यवसाय होता.

(ii) शनू नेहमी नाराज असे; कारण …………………………..
(अ) अब्दुलने तिला तपोवनात नेले नव्हते.
(आ) अन्वर जेवला नव्हता.
(इ) वारंवार सांगूनही अब्दुल व्यवसाय बदलत नव्हता.
(ई) अब्दुल तिच्यावर नेहमी ओरडायचा.
उत्तरः
शनू नेहमी नाराज असे; कारण वारंवार सांगूनही अब्दुल व्यवसाय बदलत नव्हता.

प्रश्न 3.
जोड्या जुळवा.
गट अ – गट ब
(i) अष्टमीचा चंद्र (अ) वातावरण
(ii) उदास चेहरा (आ) आकाश
(iii) दुकानाला रंग (इ) अब्दुल
(iv) अंतर्बाह्य प्रसन्न (ई) रघुभैय्याच्या
उत्तर:
(i- आ)
(ii – इ)
(iii – ई)
(iv – अ)

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प्रश्न 4.
चौकटी पूर्ण करा.
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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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प्रश्न 6.
सहसंबंध लिहा.
(i) उदास : चेहरा :: मेघरहित : …………………………..
(ii) अष्टमीचा : चंद्र :: बांगड्यांचा : …………………………..
उत्तर:
(i) आकाश
(ii) धंदा

कृती ३: स्वमत

प्रश्न 1.
अब्दुलची जेवणावरची इच्छा मरून गेली! तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
अब्दुल पुरस्कार स्वीकारून तपोवनातून घरी आला. शन्नोने त्याला जेवायला वाढले. पण शन्नू जेवली नव्हती हे त्याला कळले. अन्वर जेवला पण खिम्यासाठी रुसून बसला होता. हे शनूने अब्दुलला सांगितले. अब्दुलचा धंदा चांगला चालत नव्हता. आणि त्याला धंदा सोडवतही नव्हता. आपल्या मुलांची व बायकोची आपण नीट काळजी घेऊ शकत नाही. त्यांच्या साध्या-साध्या इच्छा आपण पूर्ण करू शकत नाही, म्हणून अब्दुल खूप उदास झाला. जेवणावरची त्याची वासनाच उडाली. त्याच्या तोंडातला घास तोंडातच घोळू लागला.

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प्रश्न 2.
शन्नू वारंवार कोणत्या गोष्टीचा आग्रह करत होती? का?
उत्तरः
अब्दुलचा बांगड्यांचा व्यवसाय होता. आधीच जेमतेम चालणारा व्यवसाय आणि नेमका सणाच्या दिवशी आपले दुकान बंद ठेवून अब्दुल तपोवनातल्या स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जात असे. शन्नू वारंवार अब्दुलला दुसरा व्यवसाय करण्यास सांगत होती. अत्यंत अल्प उत्पन्नात संसाराचा गाडा चालवणं तिला कठीण जात होतं. तिच्या मुलाच्या साध्या साध्या इच्छा तिला पूर्ण करता येत नव्हत्या. म्हणूनच ती, अब्दुलला नवीन धंदा सुरू करायला सांगत होती.

प्रश्न 3.
अब्दुल मोटारीतून प्रवास करतांना त्याच्या मनातले विचार व वातावरणाचे वर्णन करा.
उत्तर:
मोटार धावत होती. अब्दुलच्या मनात विचार आला, शन्नूला आज आणायला हवे होते. तिची नाराजी दूर झाली असती. धावत्या मोटारीतून त्याने बाहेर नजर टाकली. आकाशात अष्टमीचा चंद्र हसत होता. आकाश मेघरहित निळ्या नितळाईने नटले होते. वातावरण अंतर्बाह्य प्रसन्न होते.

प्रश्न 4.
अब्दुलला नवीन धंदा का सुरू करता येत नव्हता?
उत्तरः
शन्नू वारंवार अब्दुलजवळ नवीन धंदा सुरू करण्याचा आग्रह धरत होती; पण अब्दुलला ते शक्य नव्हते. नवीन धंदयासाठी लागणारे भांडवल त्याच्याकडे नव्हते. शिवाय बांगड्या विकण्याच्या या व्यवसायाशी त्याचे भावनिक नाते होते. त्याच्या वडिलांनी सुरू केलेला हा व्यवसाय होता. म्हणून तो त्याला बंद करावासा वाटत नव्हता.

प्रश्न ५. पुढील उताराच्या आधारे दिलेला सूचनेनुसार कृती करा.
कृती १: आकलन कृती

प्रश्न 1.
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प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
(i) देवळात दोनचे टोले देणारा – पहारेकरी
(ii) गाढ झोपी गेलेला – अन्वर

प्रश्न 3.
पुढील घटनांचे परिणाम लिहा. घटना परिणाम
(i) तपोवन दाजीसाहेबांच्या धंदा करायला अब्दुलचं मन हाती राहिलं नाही हे लागत नाही. अब्दुलला कळलं.
(ii) सगळं काही विसरून अब्दुलचे मनोमन सुखावणे. स्त्रियांचे हसणे.

प्रश्न 4.
जोड्या जुळवा.
‘अ’ गट – ‘ब’ गट
(i) देऊळ (अ) हळवा
(ii) तपोवन (आ) पेटी
(iii) बांगड्या (इ) दाजीसाहेब
(iv) अब्दुल (ई) पहारेकरी
उत्तर:
(i – ई),
(ii – इ),
(iii – आ),
(iv – अ)

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) अन्वर ………………………….. झोपला होता. (गाढ, गप्प, शांत, आनंदी)
(ii) एखादया वस्त्राचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची एकाएकी ………………………….. उडून गेली. (इच्छा, जीवनेच्छा, आस, आसक्ती)
(iii) ………………………….. त्याला आवाज दिला. (शनूने, अन्वरने, दाजीसाहेबांनी, रघुभैय्याने)
उत्तर:
(i) गाढ
(ii) जीवनेच्छा
(iii) रघुभैय्याने

कृती २: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
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प्रश्न 2.
कारणे लिहा.
(i) अब्दुलचं मन धंदयात लागत नव्हतं. कारण …………………………..
उत्तरः
अब्दुलचं मन धंदयात लागत नव्हतं कारण तपोवन दाजीसाहेबांच्या हाती राहिलं नव्हतं.

(ii) अब्दुलने पिशवीतील वस्तू बाहेर काढल्या कारण …………………………..
उत्तर:
अब्दुलने पिशवीतील वस्तू बाहेर काढल्या कारण त्या सगळ्या वस्तू तो संक्रांतीला तपोवनात नेणार होता.

प्रश्न 3.
खालील कृती पूर्ण करा.
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प्रश्न 4.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) अब्दुल हळवा का झाला?
उत्तर:
कष्टाने फुलवलेली कर्मभूमी सोडण्याच्या विचारानं दाजीसाहेबांना किती यातना होत असतील, या विचाराने अब्दुल हळवा झाला.

(ii) अब्दुल तपोवनात कोणत्या सणाच्या दिवशी जाणार होता?
उत्तर:
अब्दुल संक्रांतीला तपोवनात जाणार होता.

(iii) देवळातल्या पहारेकऱ्याने कितीचे टोल दिले?
उत्तर:
देवळातल्या पहारेकऱ्याने दोनचे टोल दिले.

(iv) अब्दुल वर्षातून किती वेळा दुसऱ्यासाठी जगण्यात त्या आनंदाचे सुख अनुभवायचा?
उत्तर:
अब्दुल वर्षातून फक्त दोनदाच दुसऱ्यासाठी जगण्यातल्या आनंदाचे सुख अनुभवायचा.

(v) साऱ्या वस्तूंकडे बघता बघता अब्दुलवर काय परिणाम झाला?
उत्तरः
साऱ्या वस्तूंकडे बघता-बघता अब्दुलचे डोळे पाण्याने काठोकाठ भरून आले.

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प्रश्न 5.
कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.
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कृती ३ : स्वमत

प्रश्न 1.
त्या आनंदाचे सुख वर्षातून फक्त दोनदा अब्दुल अनुभवायचा. स्पष्ट करा.
उत्तर:
अब्दुलचा बांगड्या विकण्याचा व्यवसाय होता. वर्षातून दोनदा म्हणजे संक्रांतीला आणि ज्येष्ठ पौर्णिमेला अब्दुल तपोवनात जायचा. कुष्ठरोगाने पीडित स्त्रिया, मुली यांच्यासाठी तो टिकल्या, बांगड्या, पिना, आरसा, रिबिन, रुमाल अशा वस्तू घेऊन जायचा. अब्दुल तपोवनात जाताच तिथल्या सगळ्या बायका, मुलींना खूप आनंद व्हायचा. त्यांच्या हातात कौशल्यपूर्वक तो बांगड्या भरायचा. बांगड्यांच्या विविध रंगात क्षणभर का होईना त्या आपले दुःख विसरत, त्यांचा तो आनंद बघून अब्दुल मनोमन सुखावत असे. स्वत:साठी सारेच जगतात, पण दुसऱ्यासाठी जगण्यातला आनंद अब्दुल मिळवत होता.

प्रश्न 2.
एखाद्या वस्त्राचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची जीवनेच्छा एकाएकी उडून गेली असे लेखिका का म्हणते?
उत्तरः
अब्दुल रंगीबेरंगी बांगड्या व इतर अनेक वस्तू घेऊन वर्षातून दोनदा तपोवनात जात असे. त्या रंगीबेरंगी बांगड्या म्हणजे तपोवनातल्या मुलींसाठी आणि स्त्रियांसाठी आनंददायी गोष्ट होती. बांगड्या भरण्याचा दिवस म्हणजे त्यांच्यासाठी चैतन्याचा आणि उत्साहाचा दिवस होता, आपलं सगळं दुःख विसरून बांगड्यांच्या रंगात त्या हरवून जात. हे सगळं बघून अब्दुल मनोमन सुखावत असे. दुसऱ्यासाठी जगण्यातल्या आनंदाचं सुख आता त्याला मिळणार नव्हतं, म्हणून तो खूप दुःखी झाला होता. कारण तपोवन आता राहणार नव्हतं. अब्दुलच्या जीवनातला आनंद संपला होता. त्यामुळेच एखादया वस्वाचा एकाएकी रंग उडून जावा तशी त्याची जीवनेच्छा एकाएकी उडून गेली, असे लेखिका म्हणते.

प्रश्न 3.
वरील परिच्छेदावरून अब्दुलचा स्वभाव विशेष लिहा.
उत्तरः
अब्दुल हा अत्यंत संवेदनशील वृत्तीचा गृहस्थ होता. स्वत:ची आर्थिक स्थिती चांगली नसतांना देखील तो आपल्या व्यवसायाची पर्वा न करता तपोवनात जात असे. तेथील मुलींना स्त्रियांना त्याच्या मनपसंत बांगड्या भरत असे. त्याला त्या मुलींचा, स्त्रियांचा आनंद बघून समाधान वाटत असे. यावरून असे दिसते की, दुसऱ्याला आनंद देण्यासाठी धडपडणारा, व माणुसकीला जपणारा असा अब्दुल होता. तपोवन आता राहणार नाही हे कळल्यावर तो खूप दुःखी झाला यावरून असे कळते की, तो आपल्यापेक्षा दुसऱ्यांच्या सुखाचा, आनंदाचा विचार करणारा परोपकारी वृत्तीचा होता. तो खूपच हळवा होता.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 6 चुडीवाला

स्वाध्याय कृती

प्रश्न 1.
शन्नूच्या वागण्यामागील तिचा विचार काय असावा, याविषयी तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
इतर चार-चौघीसारखी शन्नू गृहिणी होती. आपला प्रपंच नीट चालावा, अब्दुलचा व्यवसाय वाढावा, इतरांप्रमाणे आपल्या घरातही दोन चांगल्या वस्तू असाव्यात अशी तिची अपेक्षा होती. म्हणून तपोवनात कुष्ठरोगी स्त्रियांना बांगड्या भरण्यासाठी जाणाऱ्या अब्दुलचा ती राग करत असे. तपोवनातील कुष्ठरोगाने पिडीत स्त्रियांना अब्दुल बांगड्या भरायला जातो हे जर कुणाला कळले तर इतर स्त्रिया बांगड्या भरण्यासाठी अब्दुलकडे येणार नाहीत व त्यांचा परिणाम व्यवसायावर होईल, अशी धास्ती शन्नूला वाटत होती म्हणून अब्दुल तपोवनात जातो हे कोणाला कळू नये यासाठी तिची धडपड सुरू असे. अत्यंत साध्या अपेक्षा असणारी ती सामान्य गृहिणी होती, अब्दुलची उदात्त वृत्ती, परोपकार, सेवाभाव यातलं तिला काही कळत नव्हते.

चुडीवाला शब्दार्थ‌ ‌

  • ‌उजळणी‌ ‌-‌ ‌सराव‌ ‌,‌ ‌शिकलेल्या‌ ‌भागाचा‌ ‌पुन्हा‌ ‌अभ्यास‌‌ – (revision)‌ ‌
  • चुडीवाला‌ ‌-‌ ‌बांगडीवाला‌ ‌-‌ ‌(bangle‌ ‌seller)‌ ‌
  • कुष्ठरोग‌ ‌-‌ ‌महारोग‌‌ – (leprosy)‌ ‌
  • वसाहत‌ ‌-‌ ‌वसतिस्थान‌‌ – (colony)‌ ‌
  • प्रस्ताव‌ ‌-‌ ‌ठराव‌‌ – (proposal)‌ ‌
  • संवेदनशील‌ ‌-‌ ‌भावनाशील‌ ‌-‌ ‌(sensitive)‌ ‌
  • वृत्ती‌ ‌-‌ ‌स्वभाव‌‌ – (nature)‌ ‌
  • पर्वणीच‌ ‌-‌ ‌सणाचा‌ ‌दिवस‌ ‌-‌ ‌(a‌ ‌festival)‌ ‌
  • उतारू‌ ‌-‌ ‌प्रवासी‌‌ – (passengers)‌ ‌
  • क्रोध‌ ‌-‌ ‌राग‌‌ – (anger)‌ ‌
  • चौथरा‌ -‌ ‌दगडी‌ ‌ओटा‌ ‌
  • कीव‌ ‌-‌ ‌करूणा‌ ‌-‌ ‌(mercy,‌ ‌pity)‌ ‌
  • मेघरहित‌ ‌-‌ ‌ढग‌ ‌नसलेले‌ ‌-‌ ‌(without‌ ‌clouds)‌ ‌
  • उसवलेला‌ ‌-‌ ‌शिवण‌ ‌सैल‌ ‌झालेला‌ ‌किंवा‌ ‌फाटलेला‌ ‌
  • जीवनेच्छा‌ ‌-‌ ‌जीवनातील‌ ‌इच्छा‌ ‌
  • वाऱ्याचा‌ ‌झोत‌ ‌-‌ ‌वाऱ्याची‌ ‌लाट‌ ‌-‌ ‌(a‌ ‌wave‌ ‌of‌ ‌air)‌ ‌
  • कमान‌ ‌-‌ ‌महिरप‌ ‌-‌ ‌(decorative‌ ‌half‌ ‌cirlce)‌ ‌
  • दिव्य‌ ‌-‌ ‌कसोटीचा‌ ‌प्रसंग‌ ‌/‌ ‌कठोर‌ ‌परीक्षा‌‌ -‌ ‌(an‌ ‌ordeal)‌ ‌
  • चैतन्य‌ ‌-‌ ‌जिवंतपणा‌ ‌-‌ ‌(liveliness)‌ ‌
  • देवदूत‌ ‌-‌ ‌देवाचा‌ ‌निरोप्या‌ ‌-‌ ‌(god’s‌ ‌messenger)‌ ‌
  • विलक्षण‌ ‌-‌ ‌वेगळे‌‌ -‌ ‌(uncommon)‌ ‌
  • समाधान‌ ‌-‌ ‌मनाचा‌ ‌संतोष,‌‌ – (satisfaction)‌ ‌
  • सत्कार‌ ‌-‌ ‌आदर‌‌ – (hospitality,‌ ‌respect)‌ ‌
  • संकोच‌ ‌-‌ ‌लाजणे‌ ‌-‌ ‌(to‌ ‌feel‌ ‌shy)‌‌
  • सडसडीत‌ ‌-‌ ‌उंच‌ ‌देखणा‌ ‌-‌ ‌(tall,‌ ‌slim‌ ‌and‌ ‌comely)‌ ‌
  • देहयष्टी‌ ‌-‌ ‌शरीराची‌ ‌ठेवण‌ ‌-‌ ‌(body‌ ‌structure)‌ ‌
  • तेजःपुंज‌ ‌-‌ ‌तेजस्वी‌‌ – (lustrous‌ ‌/‌ ‌brilliant)‌ ‌
  • ‌गौरवर्ण‌ ‌-‌ ‌गोरा‌ ‌रंग‌ ‌-‌ ‌(fair)‌‌
  • ‌रुबाब‌ ‌/दिमाख‌ ‌खार‌ ‌-‌ ‌एक‌ ‌चपळ‌ ‌प्राणी‌ ‌-‌ ‌(asquirrel)‌ ‌
  • आश्वासन‌ ‌-‌ ‌वचन/हमी‌ ‌-‌ ‌(promise)‌
  • ‌मोबदला‌ ‌-‌ ‌केलेल्या‌ ‌कामाचे‌ ‌वेतन‌‌ – (remuneration‌ ‌for‌ ‌the‌ ‌work‌ ‌done)‌ ‌
  • अनमोल‌ ‌-‌ ‌मौल्यवान,‌ ‌ज्याचे‌ ‌मूल्य‌ ‌होऊ‌ ‌शकत‌ ‌नाही‌ ‌असे‌‌ – (priceless)

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो…

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो… Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो…

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो… Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
टिपा लिहा.

(अ) बार्क.
उत्तरः
‘बार्क’ हे ‘भाभा अॅटॉमिक रिसर्च सेंटर’ म्हणजे ‘भाभा अणुसंशोधन केंद्र’ या नावाचे लघुरूप आहे. डॉ. होमी भाभा यांनी भारतातील अणुसंशोधनाचा पाया घातला. त्यांची आठवण म्हणून त्यांचे नाव या संस्थेला दिलेले आहे. ही संस्था आता प्रचंड मोठी झालेली आहे. अणुसंशोधनाच्या क्षेत्रात कार्य करू पाहणाऱ्या अनेक नवीन मुलांना तिथे कार्य करण्याची संधी उपलब्ध करून दिली जाते. अनेक मुले इथल्या ट्रेनिंग स्कूलमध्ये संशोधन करत असतात. योग्य प्रशिक्षण घेऊन स्वत:ला सक्षम करून स्वत:चे मार्ग शोधून पुढे जातात, आपले उज्ज्वल भविष्य घडवत असतात.

(आ) डॉ. होमी भाभा.
उत्तरः
डॉ. होमी भाभा यांनी भारतातील अणुसंशोधनाचा पाया घातला. भारतातील अणुसंशोधन केंद्राला त्यांचेच नाव दिले आहे. ‘बार्क’ ही ‘भाभा अॅटॉमिक रिसर्च सेंटर’ म्हणजे ‘भाभा अणुसंशोधन केंद्र’ या नावाने ओळखली जाते. अनेक मुलेमुली इथल्या ट्रेनिंग स्कूलमध्ये संशोधन करत असतात. या शिक्षण घेणाऱ्या मुलांना भेटायला, त्यांना प्रोत्साहित करायला डॉ. होमी भाभा नेहमी तिथे येत असत. डॉ. होमी भाभा म्हणजे प्रचंड स्फूर्तिदायक असे व्यक्तिमत्त्व होते. लेखक स्वत: या ट्रेनिंग स्कूलमध्ये शिक्षण घेत असताना डॉ. भाभा तीन-चार वेळा स्वतः तिथे आले होते. त्यावेळी स्वत:ला सक्षम कसे करावे, ऊर्जा कशी मिळवावी, स्वत:च स्वत:चे मार्ग कसे शोधावेत यासाठीचे त्यांचे मार्गदर्शन लेखक डॉ. अनिल काकोडकर यांच्यासाठी फारच महत्त्वाचे ठरले होते.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो…

प्रश्न 2.
‘स्काय इज द लिमिट’ ही परिस्थिती केव्हा निर्माण होऊ शकते ते पाठाच्या आधारे लिहा.
उत्तरः
लेखक बार्क संस्थेत ट्रेनिंग स्कूलला गेले होते. तेव्हा ती संस्था सुरू होऊन जेमतेम सात वर्षे झाली होती. लेखक ट्रेनिंग स्कूलला असताना होमी भाभा तीन-चार वेळा तेथे आले होते. एकदा लेखकांनी त्यांना विचारलं, “आम्ही इतकी मुलं-मुली आहोत; पण सर्वांना पुरेल इतकं काम कुठे आहे इथे?” तेव्हा ते म्हणाले, “तुम्ही त्याची काळजी न करता सर्वजण संशोधन करा. त्यासाठी सरकारला किती खर्च येतो याचा आता विचार करू नका. तुम्ही स्वतःच काम निर्माण करा. बॉसने सांगितले तेवढचं काम करायचं आणि सांगितलं नसेल तर आपल्याला कामच नाही असं समजायचं, हे चूक आहे. ही प्रवृत्ती गेली पाहिजे.

भाभांनी सांगितलेल्या या मुद्द्यातून लेखकांनी स्वत:च स्वतःला सक्षम बनवले. त्यातूनच त्यांना ऊर्जा मिळवता आली आणि स्वत:चे मार्ग शोधता आले. यावरूनच लेखकांना कळले की आकाशाला कितीही मोठी पोकळी असली तरी आपण स्वतःचा मार्ग स्वत:च कोणाचाही आधार न घेता सततच्या प्रयत्नाने शोधला तर तोही मिळतोच. अशावेळी ‘स्काय इज द लिमीट’ अशी परिस्थिती निर्माण होऊ शकते.

प्रश्न 3.
मेटलायझिंग प्रक्रियेवर काम न होण्यामागची कारणे कोणती असावीत असे तुम्हांस वाटते?
उत्तरः
लेखक ट्रेनिंग स्कूलमधील प्रशिक्षण संपवून बार्कमध्ये इंजिनियर म्हणून जॉईन झाले. तेव्हा तिथे मेटलायझिंग प्रक्रियेवर काम करायला त्यांना सांगण्यात आले. त्यासाठी लागणारी सामग्री तिथे होती, पण आतापर्यंत ती कोणीही वापरलेली नव्हती. त्यामुळे लेखक म्हणाले की, ते काम करण्यास तयार आहेत, केवळ त्यांना मदतीसाठी एक वेल्डर आणि एक फोरमनची गरज आहे. त्यावेळी त्यांना नकार देण्यात आला. आपल्याला स्वत:लाच सगळे करावे लागेल असेही सांगण्यात आले. वरिष्ठांची आज्ञा म्हणून लेखकाने सुरुवात केली. बरीच धडपड करून लेखकाने ते काम पूर्ण केले.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 4.1 मोठे होत असलेल्या मुलांनो…

मग वरिष्ठांकडून या कार्यक्रमाची व्याप्ती वाढवण्यात आली. ‘हे करूया, ते करूया’, असे बरेच काही काही बोलले गेले. नंतर वरिष्ठांनी लेखकाला विचारले की, “आता सांग, तुला काय काय पाहिजे? तुला वेल्डर मिळेल, फोरमन मिळेल, आणखी काही हवे असेल तर तेही मिळेल.” त्यावेळी लेखक म्हणाले की, “मला आता काहीच नको. मी स्वतः सगळे काम करीन.” त्यावेळी लेखकाला सांगण्यात आले की, काम सुरू करण्याआधीच लोक वेगवेगळ्या मागण्या करतात आणि त्यांच्या या वृत्तीमुळेच मेटलायझिंग प्रक्रियेवर काम अजिबात झालेले नव्हते. स्वत:ला काम करता येत नसताना दुसऱ्यांवर काम ढकलण्याच्या प्रक्रियेमुळेच मेटलायझिंग प्रक्रियेवर काम सुरू झालेले नव्हते, असे मला वाटते.

प्रश्न 4.
‘आधी केले मग सांगितले’, या उक्तीची यथार्थता स्पष्ट करा.
उत्तरः
महाराष्ट्राला संतांची फार मोठी परंपरा लाभली आहे. आधी केले, मग सांगितले या उक्तीप्रमाणे सर्व संतांनी कार्य करून दाखवले आहे.

उदाहरणे दयायचीच तर संतांनी प्राण्यांवर दया करण्याचा संदेश आपल्या अभंगातून फक्त दिला नाही तर संतांनी ते करूनही दाखवले. संत नामदेव भुकेल्या कुत्र्याच्या मागे तुपाची वाटी घेऊन धावत गेले. संत एकनाथांनी भर उन्हात तडफडत असणाऱ्या गाढवाला काशीहून आणलेल्या गंगेचे पाणी पाजून समाजापुढे एक नवा आदर्श ठेवला.

राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज व थोर समाजसेवक व समाजसुधारक गाडगे महाराज यांनी स्वतः आधी हातात झाडू घेऊन गावातील केरकचरा दूर करण्यापासून ते विष्ठा उचलण्याची कामे केली. देवाच्या नावाने कर्मकांड करण्यापासून अडवले. मूर्तीपूजा न करता गोरगरीब मानवाची पूजा करा, त्यांची सेवा करा हे लोकांना आपल्या कीर्तनाच्या माध्यमातून पटवूनही दिले.

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बाबा आमटे हे ही आधुनिक काळातील राष्ट्रसंतच म्हटले पाहिजेत. रस्त्यावर महारोग होऊन पडलेल्या तुळशीरामला पाहून त्यांच्या मनात कुष्ठरोग्यांच्या बद्दल सेवाभाव जागृत झाला व त्यातूनच चंद्रपूर येथे ‘आनंदवनाची’ निर्मिती झाली. त्यांनी केलेल्या कामाची दखल घेत पाश्चात्य देशांनी त्यांना पुरस्कृतही केले.

या सर्व उदाहरणांवरून ‘आधी केले, मग सांगितले’ या उक्तीची सार्थकता स्पष्ट झाल्यासारखे वाटते.

प्रश्न 5.
‘प्रत्यक्ष अनुभवांतून शिकणे हे अधिक परिणामकारक असते’, हे विधान स्वानुभवातून स्पष्ट करा.
उत्तरः
शिकवणे आणि शिकणे ही प्रक्रिया निरंतर चालणारी आहे. आपले गुरूजन आपणांस शिकवण्याचे काम करत असतात. आजच्या शिक्षणप्रणालीत शिक्षक वर्गात फळ्यावर जरी प्रत्येक गणित सोडवून देत असले तरी विदयार्थ्यांनी तीच गणिते पुन्हा घरी जाऊन सोडवली तर त्यातून मिळणारा स्वानुभव हा परीक्षेत चांगले गुण मिळवून देऊ शकतो.

विज्ञान प्रदर्शनात गुरूजनांच्या मार्गदर्शनाखाली एखादा प्रयोग, एखादी प्रतिकृती तयार केली तरी ती बनवत असताना आलेला अनुभव हाच प्रदर्शनात परीक्षकांच्या पुढे उत्तरे देताना धाडस निर्माण करून देतो. याच अनुभवातून विदयार्थी परीक्षकांनी विचारलेल्या प्रश्नांना उत्तरे देताना अडखळत नाहीत. त्यामुळे त्यांचा आत्मविश्वासही वाढलेला दिसून येतो.

यावरून असे लक्षात येते की, कोणतेही काम एखादयाने सांगितल्यावर त्याप्रमाणे कृती करून पूर्ण करणे व पुन्हा तेच काम कोणाचेही मार्गदर्शन न घेता स्वतः करणे यातील अनुभव म्हणजेच खरा स्वानुभव होय असे म्हटले पाहिजे. शिवाय असे शिक्षण अधिक परिणामकारक असते.

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टिपा लिहा.

प्रश्न  1.
‘कोणतेही काम कमी दर्जाचे न मानता ते करायची सवय ठेवली तर मोठी कामे करताना अडचणी येत नाहीत’ याबद्दल तुमचे मत लिहा.
उत्तरः
कोणतेही काम लहान व मोठे नसते. आपण जर त्या कामाला सकारात्मक विचाराने स्वीकारून फक्त ते काम करण्यास सुरुवात जरी केली तरी ते काम अर्धेअधिक पूर्ण झालेच म्हणून समजा. राहिलेले अर्धे काम, काम करण्यास सुरुवात करताच पूर्ण होत जाते. कोणतेही काम लहान व कमी दर्जाचे आहे असे मानून ते कधीही टाळू नये, कारण कोणतेच काम कमी दर्जाचे नसते. ते आपल्या करण्यावर अवलंबून असते.

आपणांस लहान-सहान कामाची सतत सवय असली पाहिजे. ही कामे आपण अगदी लहान वयातच करायला शिकले पाहिजे उदा. स्वत:चे कपडे स्वत: धुणे, फाटलेले कपडे स्वत: शिवणे, जेवताना स्वत:चे पान स्वत: वाढून घेणे, पिण्याच्या पाण्याचा तांब्या भरून घेणे, स्वत:च्या कपड्यांना इस्त्री करणे, स्वत:च्या बूटांना पॉलीश करणे इत्यादी कामांची सवय जर आपणांस लहानपणापासून असेल तर मोठेपणी जेव्हा घराची संपूर्ण जबाबदारी स्वत:वर येऊन पडते तेव्हा, त्या कामांचे ओझे वाटत नाही. मोठी कामे अवघड वाटत नाहीत. सर्वप्रकारची कामे आपण सहज पूर्ण करू शकतो, अशा प्रकारच्या कामातून आनंद तर मिळतोच पण मानसिक समाधान मिळते ते वेगळेच.

मोठे होत असलेल्या मुलांनो… शब्दार्थ‌‌

  • खात्री‌ ‌-‌ ‌विश्वास‌ ‌-‌ ‌(trust)‌ ‌
  • अभ्यास‌ ‌-‌ ‌सराव‌ ‌-‌ ‌(study,‌ ‌practice)‌ ‌
  • लघुरूप‌ ‌-‌ ‌लहान‌ ‌रूप‌ ‌-‌ ‌(short‌ ‌form)‌
  • प्रचंड‌‌ -‌ ‌खूप‌ ‌‌-‌ ‌(excessive)‌ ‌
  • जेमतेम‌ ‌-‌ ‌सुमारे‌ ‌-‌ ‌(just)‌ ‌
  • पुरेल‌ ‌-‌ ‌पूर्ण‌ ‌होईल‌ ‌-‌ ‌(sufficient)‌ ‌
  • प्रवृत्ती/वृत्ती‌ ‌-‌ ‌स्वभाव‌ ‌-‌ ‌(nature)‌ ‌
  • स्वानुभव‌ ‌‌-‌ ‌स्वत:चा‌ ‌अनुभव‌ ‌-‌ ‌(self‌ ‌experience)‌ ‌
  • अंतिमतः‌ ‌-‌ ‌शेवटी‌ ‌-‌ ‌(at‌ ‌last)‌ ‌
  • सक्षम‌‌ -‌ ‌बलवान‌‌ -‌ ‌(strong)‌‌
  • सामग्री‌ -‌ ‌साहित्य‌ ‌-‌ ‌(equipment)‌
  • ‌वरिष्ठ‌ ‌-‌ ‌मोठे‌ ‌अधिकारी‌ ‌-‌ ‌(senior‌ ‌officer)‌ ‌
  • व्याप्ती‌ ‌‌-‌ ‌स्वभाव‌ ‌-‌ ‌(nature)‌
  • आशय‌‌ -‌ ‌विषय‌‌ ‌-‌ ‌(subject)

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Aksharbharati Chapter 5 दोन दिवस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस

Marathi Aksharbharati Std 10 Digest Chapter 5 दोन दिवस Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
कृती पूर्ण करा.
(अ) ‘रोजची भूक भागवण्यासाठी कराव्या लागणाऱ्या कष्टांमुळे आयुष्याचे दिवस वाया गेलेत’ या आशयाची कवितेतील ओळ शोधा.
उत्तर:
‘भाकरीचा चंद्र शोधण्यातच जिंदगी बरबाद झाली’.

(आ) कवीचा प्रयत्नवाद आणि आशावाद दाखवणारी ओळ लिहा.
उत्तर:
‘दुःख पेलावे कसे, पुन्हा जगावे कसे, याच शाळेत शिकलो’

प्रश्न 2.
एका शब्दांत उत्तर लिहा.
(अ) कवीचे सर्वस्व असलेली गोष्ट – [             ]
(आ) कवीचा जवळचा मित्र – [             ]
उत्तर:
(अ) हात
(आ) अश्रु

प्रश्न 3.
खालील शब्दसमूहांचा तुम्हांला कळलेला अर्थ लिहा.
(अ) माना उंचावलेले हात ……………………….
(आ) कलम केलेले हात ……………………….
(इ) दारिद्र्याकडे गहाण पडलेले हात ……………………….
उत्तर:
(i) माना उंचावलेले हात – आशावादाने उभारलेले हात.
(i) कलम केलेले हात – निराशेने खाली झुकलेले हात.
(iii) दारिद्र्याकडे गहाण पडलेले हात – हतबल झालेले हात.

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प्रश्न 4.
काव्यसौंदर्य.

(अ) खालील ओळींचे रसग्रहण करा.
‘दोन दिवस वाट पाहण्यात गेले; दोन दुःखात गेले
हिशोब करतो आहे किती राहिलेत डोईवर उन्हाळे’
उत्तरः
नारायण सुर्वे यांच्या ‘दोन दिवस’ या कवितेच्या वरील दोन ओळीतून आपल्या जीवनाचा आलेख अगदी साध्या सोप्या भाषेत मांडला आहे. जीवन जगण्याच्या संघर्षात अडकलेल्या प्रत्येक साधारण माणसाच्या मनोव्यवस्थेचे प्रतिनिधीत्व ते आपल्या कवितेतून करतात.

रोज तेच दु:ख, रोज नवी समस्या, रोजची तीच निराशा, रोजचा तोच संघर्ष पण जीवन जगण्याचा कविचा आशावाद प्रचंड आहे. दोन चांगल्या दिवसाची ते वाट पाहतात. आयुष्याचे दिवस किती शिल्लक राहिलेत याचा हिशोब करतात.

(आ) ‘दु:ख पेलावे आणि पुन्हा जगावे’, या वाक्यामागील तुम्हांला जाणवलेला विचार तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तरः
कवी नारायण सुर्वे यांच्या जीवनसंघर्षाचे वर्णन दोन दिवस या कवितेतून केले आहे. कवी म्हणतो की जीवनातल्या दुःखाला न घाबरता न डगमगता सामोरे जावे. कारण दुःख माणसाला खूप काही शिकवून जाते. दु:खावर मात करत असतांना आपल्यातल्या अनेक क्षमतांची अनुभुती येऊन परिस्थितीवर मात करणे, समायोजन करणे, नवीन पर्याय शोधणे या अनेक बाबीतून दु:ख पेलण्याची ताकद माणसात निर्माण होते. म्हणून कवी म्हणतो. जीवनातल्या दुःखाने निराश, हताश न होता सामर्थ्याने विपरित परिस्थितीला सामोरे जावे आणि जीवनात पुन्हा ताकदीने उभे रहावे. हेच जिवनचे खरे सत्य आहे.

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(इ) कवितेत व्यक्त झालेल्या कष्टकऱ्यांच्या जीवनाविषयी तुमच्या भावना लिहा.
उत्तरः
‘दोन दिवस’ या नारायण सुर्वे यांच्या कवितेवरून विविध सेवा क्षेत्रात काम करणाऱ्या अनेक कष्टकऱ्यांचे जीवनचित्र समोर उभे राहते. अनेक ठिकाणी, अनेक प्रकारचे कष्ट आणि अत्यंत श्रमाचे काम करणारे कष्टकरी आपण पाहतो. ऊन, वारा, पाऊस अशा सगळ्या गोष्टी अंगावर झेलून ते सदैव श्रम करत असतात, जीवनासाठी लागणाऱ्या आवश्यक गोष्टी त्यांना उपलब्ध करून दिलेल्या नसतात. जीवनाची हमी नसते. अत्यंत कमी वेतनावर ते प्रचंड मेहनतीचे काम करत असतात. त्यांना जीवन जगणे खूप कठीण जाते. रोज काम मिळण्याची शाश्वती नसते. अशाप्रकारे आपल्या देशात कष्टकऱ्यांचे जीवन अत्यंत कठीण आहे.

(ई) ‘कवितेत व्यक्त झालेले जीवनसत्य’, याबाबत तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
माणसाच्या जीवनात सुख आणि दुःख या दोन गोष्टी सदैव असतात. कधी सुखाचे दिवस असतात, तर कधी दुःखाचे, असे असले तरी कोणताही काळ हा कायम राहत नाही. दुःखातून माणूस अनेक गोष्टी शिकतो व उदयाच्या चांगल्या दिवसाची अपेक्षा करत जगत राहतो. माणसाने कवी सारखं आशावादी राहिलं पाहिजे. दुःखातही सुख येईल अशी आशा बाळगली पाहिजे, म्हणजे जगणं सोपं होतं.

Marathi Akshar Bharati Class 10 Textbook Solutions Chapter 5 दोन दिवस Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १. पुढील पक्ष्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा:
कृती १ : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस 1

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस

प्रश्न 2.
उत्तरे लिहा.
(i) भाकरीचा चंद्र शोधण्यात बरबाद झालेली – कवीची जिंदगी
(ii) कवीचे सर्वस्व – कवीचे हात
(iii) कवीच्या मदतीसाठी धावून आलेला मित्र – अश्रु
(iv) झोतभट्टीत शेकावे पोलाद तसे शेकले – कवीचे आयुष्य

प्रश्न 3.
योग्य पर्याय निवडून विधान पूर्ण करा.
(i) कवीने याचा विचार हरघडी केला……
(अ) भाकरीचा
(आ) दुःखाचा
(इ) जीवनाचा
(ई) दुनियेचा
उत्तर:
दुनियेचा

कृती २: आकलन कृती

प्रश्न 1.
खालील प्रश्नांची एका वाक्यात उत्तरे लिहा.
(i) साहाय्यास धावून येणारे कवीचे मित्र कोण?
उत्तर :
साहाय्यास धावून येणारे कवीचे मित्र म्हणजे कवीचे अश्रू होय.

(i) कवीने चंद्राला कोणाची उपमा दिली आहे?
उत्तर :
कवीने चंद्राला ‘भाकरीची’ उपमा दिली आहे.

प्रश्न 2.
योग्य जोड्या जुळवा.
‘अ’ गट – ‘ब’ गट
(i) कवी मोजत असलेले – (अ) पोलाद
(ii) कवीची शाळा – (ब) जीवनाचे दिवस
(iii) कवीचे सर्वस्व – (क) संपूर्ण जग
(iv) झोतभट्टी – (ड) कवीचे हात
उत्तर:
(i – ब),
(ii – क),
(iii – ड),
(iv – अ)

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा,
Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस 2

प्रश्न 4.
‘दुनियेचा’ असे उत्तर येईल असा प्रश्न तयार करा.
उत्तर:
कवीने हरघडी कोणाचा विचार केला?

प्रश्न 5.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.
(i) ………………… करतो आहे किती राहिलेत डोईवर उन्हाळे. (हिशोब, गणित, मोजत, जमा)
(ii) झोतभट्टीत शेकावे ………………… तसे आयुष्य छान शेकले. (सोने, चांदी, पोलाद, लोखंड)
उत्तर:
(i) हिशोब
(ii) पोलाद

कृती ३: कवितेतील शब्दांचा अर्थ

प्रश्न 1.
खालील कवितेतील शब्दांचा अर्थ लिहा.
(i) दिवस
(ii) हिशोब
(iii) डोईवर
(iv) चंद्र
उत्तर:
(i) दिन
(ii) गणना
(iii) डोक्यावर
(iv) शशी, सुधाकर

कृती ४ : काव्यसौंदर्य

प्रश्न 1.
‘झोतभट्टीत शेकावे पोलाद तसे आयुष्य छान शेकले’ वरील ओळीतून कवी नारायण सुर्वे यांना काय सांगायचे आहे ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
गरिबीत जीवन जगत असलेले नारायण सुर्वे जगाच्या प्रचंड मोठ्या शाळेत शिकत होते. रोजचे नव-नवे दाहक अनुभव, अपमान, उपेक्षा, भूकेचा संघर्ष, कधी प्रेमाचा ओलावा तर कधी तिरस्काराचा फटकारा सहन करत होते. या रोजच्या अनुभवातून ते खूप काही शिकत होते. धडपडत होते, निराश होत होते, पण जगणं निरंतर सुरू होतं. त्यांच्या भोवतीच जग म्हणजे त्यांच्यासाठी एखादया मोठ्या प्रचंड तप्त भट्टीसारखं होतं. जसं भट्टीत पोलाद तप्त होत आणि मजबूत होऊन बाहेर पडतं. अगदी त्याचप्रमाणे कवी नारायण सुर्वे दुःख, दारिद्र्याशी सामना करत जीवन जगण्यासाठी नव्या उमेदीने तयार होत.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Aksharbharati Solutions Chapter 5 दोन दिवस

प्रश्न २. दिलेल्या मुद्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवाः

(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी/कवयित्री:
नारायण सुर्वे

(२) प्रस्तुत कवितेचा विषयः
कष्टकरी, गरीब जनतेचा जगण्यासाठीचा संघर्ष दाखवून दिला आहे.

(४) प्रस्तुत कवितेतून मिळणारा संदेश:
माणसाच्या जीवनात सुख आणि दुःख सतत येत असतात. कधी सुखाचे दिवस असतात तर कधी दुःखाचे दिवस येतात. असे असले तरी कोणताही काळ हा कायम राहत नाही. दुःखातून माणूस अनेक गोष्टी शिकतो व उदयाच्या चांगल्या दिवसाची अपेक्षा करत जगत राहतो. माणसाने कवीसारखे आशावादी राहिले पाहिजे. दुःखातही सुख येईल अशी आशा बाळगली पाहिजे म्हणजे आपले जगणे सोपे होते, असाच संदेश या कवितेतून मिळतो…

(५) प्रस्तुत कविता आवडण्याचे वा न आवडण्याचे कारणः
कवी नारायण सुर्वे यांची ‘दोन दिवस’ ही कविता मला खूप आवडली आहे. त्याचे मुख्य कारण म्हणजे भाकरीचा चंद्र शोधण्यात ज्यांची जिंदगी बरबाद होते त्या सगळ्या कष्टकरी, कामगार,श्रमिक, गरीब लोकांचा सोशिकपणा, त्यांचा संयम, त्यांचे दु:ख कवीने सहजपणे वाचकांसमोर मांडले आहे. कवीने वेदनेचा भाव कोणत्याही प्रकारची चीड, संताप किंवा आक्रस्ताळेपणाने न मांडता अत्यंत संयमी आणि सुयोग्य प्रतिकांचा वापर करून मांडले आहे. सर्वस्व असलेले हात, माना उंचावलेले हात, कलम झालेले हात यांसारखी प्रतिके मनाला अंतर्मुख करून जातात. त्यामुळेच ही कविता मनाला भिडते.

(६) प्रस्तुत कवितेतील शब्दांचे अर्थ:
(i) रात्र – रजनी, निशा
(ii) जिंदगी – आयुष्य, जीवन
(iii) बरबाद – नष्ट
(iv) हात – हस्त, कर

स्वाध्याय कृती

प्रश्न 1.
काव्यसौंदर्य

(i) दुःख पेलावे आणि पुन्हा जगावे, या वाक्यातील तुम्हाला जाणवलेला विचार तुमच्या शब्दांत स्पष्ट करा.
उत्तरः
कवी नारायण सुर्वे यांच्या जीवनसंघर्षाचे वर्णन दोन दिवस या कवितेतून केले आहे. कवी म्हणतो की जीवनातल्या दुःखाला न घाबरता न डगमगता सामोरे जावे. कारण दुःख माणसाला खूप काही शिकवून जाते. दु:खावर मात करत असतांना आपल्यातल्या अनेक क्षमतांची अनुभुती येऊन परिस्थितीवर मात करणे, समायोजन करणे, नवीन पर्याय शोधणे या अनेक बाबीतून दु:ख पेलण्याची ताकद माणसात निर्माण होते. म्हणून कवी म्हणतो. जीवनातल्या दुःखाने निराश, हताश न होता सामर्थ्याने विपरित परिस्थितीला सामोरे जावे आणि जीवनात पुन्हा ताकदीने उभे रहावे. हेच जिवनचे खरे सत्य आहे.

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(ii) कवितेत व्यक्त झालेल्या कष्टकऱ्यांच्या जीवनाविषयी तुमच्या भावना लिहा.
उत्तरः
‘दोन दिवस’ या नारायण सुर्वे यांच्या कवितेवरून विविध सेवा क्षेत्रात काम करणाऱ्या अनेक कष्टकऱ्यांचे जीवनचित्र समोर उभे राहते. अनेक ठिकाणी, अनेक प्रकारचे कष्ट आणि अत्यंत श्रमाचे काम करणारे कष्टकरी आपण पाहतो. ऊन, वारा, पाऊस अशा सगळ्या गोष्टी अंगावर झेलून ते सदैव श्रम करत असतात, जीवनासाठी लागणाऱ्या आवश्यक गोष्टी त्यांना उपलब्ध करून दिलेल्या नसतात. जीवनाची हमी नसते. अत्यंत कमी वेतनावर ते प्रचंड मेहनतीचे काम करत असतात. त्यांना जीवन जगणे खूप कठीण जाते. रोज काम मिळण्याची शाश्वती नसते. अशाप्रकारे आपल्या देशात कष्टकऱ्यांचे जीवन अत्यंत कठीण आहे.

(iii) ‘कवितेत व्यक्त झालेले जीवनसत्य’, याबाबत तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
माणसाच्या जीवनात सुख आणि दुःख या दोन गोष्टी सदैव असतात. कधी सुखाचे दिवस असतात, तर कधी दुःखाचे, असे असले तरी कोणताही काळ हा कायम राहत नाही. दुःखातून माणूस अनेक गोष्टी शिकतो व उदयाच्या चांगल्या दिवसाची अपेक्षा करत जगत राहतो. माणसाने कवी सारखं आशावादी राहिलं पाहिजे. दुःखातही सुख येईल अशी आशा बाळगली पाहिजे, म्हणजे जगणं सोपं होतं.

दोन दिवस Summary in Marathi

दोन दिवस भावार्थ‌

दोन‌ ‌दिवस‌ ‌वाट‌ ‌पाहण्यात‌ ‌गेले;‌ ‌दोन‌ ‌दुःखात‌ ‌गेले.‌ ‌
हिशोब‌ ‌करतो‌ ‌आहे‌ ‌किती‌ ‌राहिलेत‌ ‌डोईवर‌ ‌उन्हाळे‌‌

कवी‌ ‌नारायण‌ ‌सुर्वे‌ ‌यांचा‌ ‌एकंदरीत‌ ‌जीवन‌ ‌प्रवासच‌ ‌अत्यंत‌ ‌संघर्षमय‌ ‌व‌ ‌खडतर‌ ‌होता.‌ ‌आलेला‌ ‌रोजचा‌ ‌दिवस‌ ‌ते‌ ‌उद्याच्या‌ ‌आशावादावर‌ ‌जगत,‌ ‌म्हणून‌ ‌कवी‌ ‌म्हणतात‌ ‌माझ्या‌ ‌जीवनाचे‌ ‌दोन‌ ‌दिवस‌ ‌उक्या‌ ‌येणाऱ्या‌ ‌चांगल्या‌ ‌दिवसाची‌ ‌वाट‌ ‌पाहण्यात‌ ‌गेले‌ ‌आणि‌ ‌दोन‌ ‌दिवस‌ ‌आहे‌ ‌त्या‌ ‌दुःखात‌ ‌व्यतीत‌ ‌झाले.‌ ‌माझ्या‌ ‌जीवनाचे‌ ‌किती‌ ‌दिवस‌ ‌अजून‌ ‌शिल्लक‌ ‌आहेत‌ ‌याचाच‌ ‌मी‌ ‌हिशोब‌ ‌करतो‌ ‌आहे.‌‌

शेकडो‌ ‌वेळा‌ ‌चंद्र‌ ‌आला;‌ ‌तारे‌ ‌फुलले,‌ ‌रात्र‌ ‌धुंद‌ ‌झाली;‌ ‌भाकरीचा‌ ‌चंद्र‌ ‌शोधण्यातच‌ ‌जिंदगी‌ ‌बरबाद‌ ‌झाली.‌‌

जीवन‌ ‌जगत‌ ‌असताना‌ ‌अवती-भोवती‌ ‌अशा‌ ‌अनेक‌ ‌गोष्टी‌ ‌होत्या‌ ‌की‌ ‌त्या‌ ‌हव्या‌ ‌हव्याशा‌ ‌वाटत‌ ‌होत्या,‌ ‌पण‌ ‌जीवनाचे‌ ‌वास्तव‌ ‌इतके‌ ‌दाहक‌ ‌होते‌ ‌की‌ ‌त्या‌ ‌कधीच‌ ‌मिळू‌ ‌शकत‌ ‌नव्हत्या.‌ ‌त्यांच्या‌ ‌भुकेच्या‌ ‌तीव्र‌ ‌भावनेत‌ ‌आकाशाचा‌ ‌सुंदर‌ ‌चंद्र‌ ‌देखील‌ ‌त्यांना‌ ‌भाकरीसारखा‌ ‌दिसत‌ ‌होता.‌ ‌म्हणूनच‌ ‌कवी‌ ‌म्हणतो‌ ‌की,‌ ‌मी‌ ‌चंद्राच्या‌ ‌सौंदर्याचा‌ ‌आस्वाद‌ ‌तर‌ ‌कधी‌ ‌घेऊ‌ ‌शकलो‌ ‌नाही;‌ ‌पण‌ ‌माझ्या‌ ‌पोटासाठी‌ ‌भाकरीचा‌ ‌चंद्र‌ ‌मिळवण्यातच‌ ‌माझे‌ ‌सगळे‌ ‌आयुष्य‌ ‌बरबाद‌ ‌(नष्ट)‌ ‌झाले.‌‌

हे‌ ‌हात‌ ‌माझे‌ ‌सर्वस्व;‌ ‌दारिद्र्याकडे‌ ‌गहाणच‌ ‌राहिले‌ ‌
कधी‌ ‌माना‌ ‌उंचावलेले,‌ ‌कधी‌ ‌कलम‌ ‌झालेले‌ ‌पाहिले‌‌

कवी‌ ‌म्हणतात,‌ ‌माझे‌ ‌हात‌ ‌माझे‌ ‌सर्वस्व‌ ‌आहेत.‌ ‌या‌ ‌हातांच्या‌ ‌साहाय्याने‌ ‌मी‌ ‌अनेक‌ ‌नवीन‌ ‌चांगल्या‌ ‌गोष्टी‌ ‌करू‌ ‌शकलो‌ ‌असतो;‌ ‌पण‌ ‌मी‌ ‌नेहमी‌ ‌या‌ ‌गरिबीतच‌ ‌अडकून‌ ‌राहिलो.‌ ‌रोजचे‌ ‌जीवन‌ ‌जगण्यासाठीच‌ ‌मी‌ ‌माझ्या‌ ‌हाताचा‌ ‌उपयोग‌ ‌केला.‌ ‌फक्त‌ ‌कष्टच‌ ‌करत‌ ‌राहिले.‌ ‌पण‌ ‌कधी-कधी‌ ‌दारिद्र्यात‌ ‌गुंतलेले‌ ‌हात‌ ‌मी‌ ‌मनात‌ ‌उंचावलेले‌ ‌पाहिले.‌ ‌म्हणजे‌ ‌नवीन‌ ‌काहीतरी‌ ‌करण्याची‌ ‌इच्छा‌ ‌माझ्या‌ ‌मनात‌ ‌निर्माण‌ ‌झाली;‌ ‌पण‌ ‌जसे‌ ‌सभोवतालची‌ ‌परिस्थिती‌ ‌किंवा‌ ‌वास्तवाची‌ ‌जाणीव‌ ‌झाली‌‌ की,‌ ‌असे‌ ‌वाटायचे‌ ‌की‌ ‌माझे‌ ‌हात‌ ‌जणू‌ ‌कोणीतरी‌ ‌छाटून‌ ‌टाकले‌ ‌आहेत.‌ ‌माझ्या‌ ‌सगळ्या‌ ‌आशा,‌ ‌उमेदी‌ ‌संपून‌ ‌जातात.‌‌

हरघडी‌ ‌अश्रू‌ ‌वाळविले‌ ‌नाहीत;‌ ‌पण‌ ‌असेही‌ ‌क्षण‌ ‌आले‌
‌तेव्हा‌ ‌अश्रूच‌ ‌मित्र‌ ‌होऊन‌ ‌साहाय्यास‌ ‌धावून‌ ‌आले.‌‌

कवी‌ ‌नारायण‌ ‌सुर्वे‌ ‌यांना‌ ‌आपल्या‌ ‌जीवनात‌ ‌सतत‌ ‌हालअपेष्टा,‌ ‌अपमान,‌ ‌उपेक्षा‌ ‌यांचा‌ ‌सामना‌ ‌करावा‌ ‌लागला.‌ ‌परिस्थितीशी‌ ‌सतत‌ ‌संघर्ष‌ ‌करावा‌ ‌लागला.‌ ‌अशा‌ ‌या‌ ‌जीवनसंघर्षातून‌ ‌जात‌ ‌असताना‌ ‌कधी‌ ‌कधी‌ ‌त्यांना‌ ‌खूप‌ ‌रडावेसे‌ ‌वाटले‌ ‌पण‌ ‌त्यांनी‌ ‌आपले‌ ‌मन‌ ‌घट्ट‌ ‌केले.‌ ‌डोळयांतून‌ ‌अश्रू‌ ‌वाहू‌ ‌दिले‌ ‌नाही;‌ ‌पण‌ ‌कधी‌ ‌कधी‌ ‌असेही‌ ‌प्रसंग‌ ‌आले‌ ‌की,‌ ‌मनात‌ ‌दडवलेले‌ ‌दुःख,‌ ‌वेदना‌ ‌यांना‌ ‌मोकळी‌ ‌वाट‌ ‌करून‌ ‌देण्यासाठी‌ ‌अश्रूच‌ ‌मित्रासारखे‌ ‌मदतीला‌ ‌धावून‌ ‌आले.‌ ‌म्हणजेच‌ ‌काही‌ ‌प्रसंगी‌ ‌आपल्या‌ ‌मनातले‌ ‌दुःख‌ ‌इतरांजवळ‌ ‌व्यक्त‌ ‌न‌ ‌करता‌ ‌ते‌ ‌फक्त‌ ‌मनसोक्त‌ ‌रडले.‌ ‌रडल्यामुळे‌ ‌त्यांचे‌ ‌दु:ख‌ ‌हलके‌ ‌झाले.‌ ‌त्यांच्या‌ ‌दुःखात‌ ‌त्यांना‌ ‌त्यांच्याच‌ ‌अणूंनी‌ ‌एखाद्या‌ ‌मित्राप्रमाणे‌ ‌साथ‌ ‌दिली.‌‌

दुनियेचा‌ ‌विचार‌ ‌हरघडी‌ ‌केला,‌ ‌अगा‌ ‌जगमय‌ ‌झालो‌ ‌
दुःख‌ ‌पेलावे‌ ‌कसे,‌ ‌पुन्हा‌ ‌जगावे‌ ‌कसे,‌ ‌याच‌ ‌शाळेत‌ ‌शिकलो‌‌

कवी‌ ‌नारायण‌ ‌सुर्वे‌ ‌जिथे‌ ‌राहत‌ ‌होते‌ ‌तिथे‌ ‌त्यांच्या‌ ‌आजुबाजूला‌ ‌सगळी‌ ‌गोरगरिबांचीच‌ ‌वस्ती‌ ‌होती.‌ ‌सगळ्यांचे‌ ‌जीवन‌ ‌हालअपेष्टांनी‌ ‌भरलेले‌ ‌होते.‌ ‌कवी‌ ‌नारायण‌ ‌सुर्वे‌ ‌यांना‌ ‌आजुबाजूच्या‌ ‌समाजबांधवांचे‌ ‌दुःख‌ ‌पाहवत‌ ‌नव्हते.‌ ‌स्वतः‌ ‌दुःखी-कष्टी‌ ‌असूनही‌ ‌त्यांनी‌ ‌नेहमी‌ ‌इतरांच्या‌ ‌दुःखाचा‌ ‌विचार‌ ‌केला.‌ ‌प्रत्येक‌ ‌क्षणी‌ ‌त्यांनी‌ ‌दुनियेचा‌ ‌विचार‌ ‌केला.‌ ‌मान-अपमान,‌ ‌बरे-वाईट,‌ ‌सुख-दुःख‌ ‌सगळं‌ ‌सगळं‌ ‌पचवून‌ ‌ते‌ ‌संपूर्ण‌ ‌जगाशी‌ ‌एकरूप‌ ‌झाले.‌ ‌जगातल्या‌ ‌अनेक‌ ‌बऱ्या-वाईट‌ ‌घटनांशी‌ ‌ते‌ ‌समरूप‌ ‌झाले.‌ ‌जगाच्या‌ ‌या‌ ‌शाळेत‌ ‌दु:ख‌ ‌कसे‌ ‌सहन‌ ‌करावे,‌ ‌दुःखावर‌ ‌मात‌ ‌करून‌ ‌पुन्हा‌ ‌नव्या‌ ‌उमेदीने‌ ‌जीवनाला‌ ‌कसे‌ ‌सामोरे‌ ‌जावे.‌ ‌हसत‌ ‌हसत‌ ‌कसे‌ ‌जगावे‌ ‌ते‌ ‌याच‌ ‌जगाच्या‌ ‌शाळेने‌ ‌त्यांना‌ ‌शिकवले.‌ ‌म्हणजेच‌ ‌या‌ ‌जगानेच‌ ‌त्यांना‌ ‌दु:खही‌ ‌दिले‌ ‌आणि‌ ‌या‌ ‌जगानेच‌ ‌दु:ख‌ ‌विसरून‌ ‌आनंदाने‌ ‌कसे‌ ‌जगावे‌ ‌हे‌ ‌देखील‌ ‌शिकवले.‌‌

झोतभट्टीत‌ ‌शेकावे‌ ‌पोलाद‌ ‌तसे‌ ‌आयुष्य‌ ‌छान‌ ‌शेकले‌
‌दोन‌ ‌दिवस‌ ‌वाट‌ ‌पाहण्यात‌ ‌गेले;‌ ‌दोन‌ ‌दुःखात‌ ‌गेले.‌‌

कवी‌ ‌परळच्या‌ ‌चाळीत‌ ‌वाढले.‌ ‌कमालीचे‌ ‌दारिद्र्य,‌ ‌अपरंपार‌ ‌काबाडकष्ट‌ ‌आणि‌ ‌जगण्यासाठी‌ ‌केलेला‌ ‌संघर्ष‌ ‌यातून‌ ‌त्यांचे‌ ‌आयुष्य‌ ‌चांगलेच‌ ‌शेकून‌ ‌निघाले.‌ ‌म्हणून,‌ ‌कवी‌ ‌म्हणतो‌ ‌एखादया‌ ‌भट्टीत‌ ‌पोलाद‌ ‌जसे‌ ‌तापून‌ ‌निघते‌ ‌त्या‌ ‌प्रमाणे‌ ‌दुनियेच्या‌ ‌दाहक‌ ‌अनुभवातून‌ ‌माझे‌ ‌आयुष्यदेखील‌ ‌दुःख‌ ‌झेलून‌ ‌जगण्यास‌ ‌सिद्ध‌ ‌व‌ ‌समर्थ‌ ‌झाले‌ ‌आहे.‌ ‌माझे‌ ‌दोन‌ ‌दिवस‌ ‌जगण्याच्या‌ ‌नव्या‌ ‌उमेदीची‌ ‌वाट‌ ‌पाहण्यात‌ ‌गेले‌ ‌आणि‌ ‌दोन‌ ‌दिवस‌ ‌आहे‌ ‌त्या‌ ‌दुःखात‌ ‌गेले,‌ ‌जणू‌ ‌दुःख‌ ‌दुःखात‌ ‌विरून‌ ‌गेले.‌‌

दोन दिवस शब्दार्थ‌ ‌

  • डोईवर‌ -‌ ‌डोक्यावर‌ ‌-‌ ‌(on‌ ‌the‌ ‌head)‌ ‌
  • जिंदगी‌ ‌-‌ ‌जीवन,‌ ‌आयुष्य‌ ‌-‌ ‌(life)‌ ‌
  • बरबाद‌ ‌-‌ ‌नष्ट‌‌ – (destroy)‌ ‌
  • हरघडी‌ ‌-‌ ‌प्रत्येक‌ ‌वेळी‌ ‌-‌ ‌(every‌ ‌time)‌ ‌
  • पेलावे‌ ‌-‌ ‌झेलावे,‌ ‌सहन‌ ‌करावे‌ ‌-‌ ‌(to‌ ‌bear)
  • आयुष्य‌ ‌-‌ ‌जीवन‌ ‌- (life)‌ ‌
  • साहाय्यास‌ ‌-‌ ‌मदतीस‌ ‌- (to‌ ‌help)‌ ‌
  • शेकडोवेळा-‌ ‌अनेक‌ ‌वेळा‌ ‌- (many‌ ‌times)‌ ‌
  • दारिद्र्य‌ ‌-‌ ‌गरिबी‌‌ – (poverty)