Class 10 Hindi Chapter 10 Budhi Kaki Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 10 Budhi Kaki Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 10 बूढ़ी काकी Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 10 बूढ़ी काकी Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए

* सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.

 स्वभाव के आधार पर पात्र का नाम
१.  क्रोधी  ………………….
२.  लालची  ………………….
३.  शरारती  ………………….
४.  स्नेहिल  ………………….

उत्तर:

 स्वभाव के आधार पर पात्र का नाम
१.  क्रोधी रूपा
२.  लालची बुद्धिराम
३.  शरारती दोनों लड़के
४.  स्नेहिल लाड़ली

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 17

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

प्रश्न 3.
बुद्धिराम का काकी के प्रति दुर्व्यवहार दर्शाने वाली चार बातें :
१) ………………….
४) ………………….
२) ………………….
४) ………………….
उत्तर :
(i) बूढ़ी काकी की संपत्ति अपने नाम लिखाते समय किए गए लंबे-चौड़े वादों को बुद्धिराम द्वारा न निभाना।
(i) बूढ़ी काकी को भरपेट भोजन न देना।
(iii) भोजन कर रहे मेहमानों के बीच रेंगती हुई बूढ़ी काकी के पहुँच जाने पर बुद्धिराम द्वारा निर्दयतापूर्वक पकड़कर उनकी कोठरी में ले जाकर पटक देना।
(iv) बूढ़ी काकी के व्यवहार से रुष्ट होने के कारण तिलक उत्सव में सभी मेहमानों और घरवालों के भोजन कर लेने के बाद भी बुद्धिराम द्वारा उन्हें खाने के लिए न पूछना।

प्रश्न 4.
कारण लिखिए :
a. बूढ़ी काकी ने भतीजे के नाम सारी संपत्ति लिख दी _____________________
b. लाड़ली ने पूड़ियाँ छिपाकर रखीं _____________________
c. बुद्धिराम ने काकी को अँधेरी कोठरी में धम से पटक दिया _____________________
d. अंग्रेजी पढ़े नवयुवक उदासीन थे _____________________
उत्तर:
a. बूढ़ी काकी के परिवार में अब एक भतीजे के सिवाय और कोई नहीं था, इसलिए उन्होंने भतीजे के नाम सारी संपत्ति लिख दी।
b. बुद्धिराम और रूपा दोनों ने ही बूढ़ी काकी को उनकी निर्लज्जता के लिए दंड देने का निश्चय कर लिया था। इसलिए बूढ़ी काकी को किसी ने नहीं पूछा।
c. बूढ़ी काकी रेंगती हुई भोजन कर रहे मेहमान मंडली के बीच पहुँच गई थी। इससे कई लोग चौंककर उठ खड़े हुए थे। बुद्धिराम को इससे गुस्सा आया और उसने काकी को वहाँ से उठाकर कोठरी में ले जाकर धम से पटक दिया।
d. अंग्रेजी पढ़े नवयुवक उदासीन थे, क्योंकि वे गँवार मंडली में बोलना अथवा सम्मिलित होना अपनी प्रतिष्ठा के प्रतिकूल समझते थे।

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प्रश्न 5.
सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 2
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 30

अभिव्यक्ति

‘बुजुर्ग आदर-सम्मान के पात्र होते हैं, दया के नहीं इस सुवचन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
हमें यह बात याद रखनी चाहिए कि आज जो व्यक्ति बुजुर्ग है वह हमेशा बूढ़ा और असहाय नहीं था। वह भी पहले युवा था। उसने अपने परिवार का पालन-पोषण और उसकी देखरेख की थी। उसने तरह-तरह की समस्याओं का सामना किया था और उन्हें अपने तरीके से हल किया था। उसे जीवन जीने का अनुभव है। लेकिन वृद्ध हो जाने पर किसी-किसी परिवार में बुजुर्गों को किनारे कर दिया जाता है। उनकी सलाह या सुझाव को कोई महत्त्व नहीं दिया जाता। इस तरह के व्यवहार से बुजुर्गों को अपने सम्मान पर ठेस लगती महसूस होती है।

किसी-किसी परिवार में तो बुजुर्गों के खाने-पीने की भी किसी को चिंता नहीं रहती। घर के लोग अपने में मगन रहते हैं और बुजुर्गों का कोई ख्याल नहीं रखता। बुजुर्गों को खाने-पीने के लिए उनका मुँह ताकना पड़ता है। हमें यह बात नहीं भूलनी चाहिए कि हम इन बुजुर्गों की संतान हैं। उनको पर्याप्त सम्मान देना और उनकी हर प्रकार से देखरेख करना हमारा फर्ज है। बुजुर्गों की प्रसन्नता और उनके आशीर्वाद से ही परिवार फूलता-फलता और खुशहाल रहता है। इसलिए बुजुर्गों को हमें सदा आदर-सम्मान देना चाहिए और उनकी देखरेख करनी चाहिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए :

मूल क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
भूलना  ……………………….  ……………………….
पीसना  ……………………….  ……………………….
माँगना  ……………………….  ……………………….
तोड़ना  ……………………….  ……………………….
बेचना  ……………………….  ……………………….
कहना  ……………………….  ……………………….
नहाना  ……………………….  ……………………….
खेलना  ……………………….  ……………………….
खाना  ……………………….  ……………………….
फैलना  ……………………….  ……………………….
बैठना  ……………………….  ……………………….
लिखना  ……………………….  ……………………….
जुटना  ……………………….  ……………………….
दौड़ना  ……………………….  ……………………….
देखना  ……………………….  ……………………….
जीना  ……………………….  ……………………….

उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 31

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प्रश्न 2.
पठित पाठों से किन्हीं दस मूल क्रियाओं का चयन करके उनके प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप निम्न तालिका में लिखिए :

मूल क्रिया  प्रथम प्रेरणार्थक रूप  द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….
……………………….  ……………………….  ……………………….

उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 32
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 33

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उपयोजित लेखन

मेरा प्रिय वैज्ञानिक’ विषय पर निबंध लेखन कीजिए।
उत्तर :
यों तो दुनिया में एक-से-एक बड़े वैज्ञानिक हैं, पर मेरे प्रिय वैज्ञानिक तो सर जगदीशचंद्र बोस ही हैं। सर जगदीशचंद्र बोस की बात ही निराली है। उन्होंने यह सिद्ध करके बता दिया कि पेड़-पौधे भी हमारी तरह साँस लेते हैं और उन्हें पानी और भोजन की आवश्यकता होती है। उनमें भी जान होती है। यदि पेड़-पौधों को सताया या कष्ट दिया जाए, तो वे बीमार हो जाते हैं और उनकी प्रकृति के विरुद्ध उन्हें भोजन दिया जाए अथवा जहरीला रसायन दिया जाए, तो वे मर जाते हैं। वैसे पेड़-पौधों के संपर्क में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को मालूम होता है कि पेड़-पौधों को नुकसान पहुँचाने या विषैले पदार्थों के संपर्क में आने से वे क्षतिग्रस्त या मृत हो सकते हैं, पर इस बात को सिद्ध किया था सर जगदीशचंद्र बोस ने।

अपने शोध को सिद्ध करने के लिए उन्होंने खुद चुंबकीय क्रेश्कोग्राफ नामक यंत्र तैयार किया। उन्होंने इस यंत्र की सहायता से सब के सामने अपने प्रयोग से यह सिद्ध कर दिया कि पेड़-पौधों में जीवन होता है और प्राणियों की तरह उनमें भी विभिन्न क्रियाएँ होती हैं। इस प्रकार के सूक्ष्म रहस्य का उद्घाटन करने वाले वे पहले वैज्ञानिक थे। वे सच्चे अर्थों में एक महान वैज्ञानिक थे। ऐसे महान वैज्ञानिक पर हमें गर्व है।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 3
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 6
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 7

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प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए :
(i) बूढ़ी काकी का शारीरिक स्वास्थ्य –
(ii) बूढ़ी काकी के परिवार में अब बचा एकमात्र सदस्य –
(iii) बुद्धिराम ने इस तरह लिखाई बूढ़ी काकी की संपत्ति –
(iv) बूढ़ी काकी के रोने का ढंग –
उत्तर:
(i) बूढ़ी काकी के नेत्र, हाथ, पैर आदि सभी अंग जवाब दे चुके थे।
(ii) उनका भतीजा बुद्धिराम।
(iii) खूब लंबे-चौड़े वादे करके।
(iv) बूढ़ी काकी गला-फाड़कर रोती थीं।

प्रश्न 3.
आकृति में दिए गए रिक्त स्थानों में उत्तर लिखकर आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 8

कृति 2 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन होता है’ इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
कहते हैं, बुढ़ापा बचपन का ही एक रूप है। वृद्धावस्था : में मनुष्य की हरकतें बच्चों जैसी हो जाती हैं। इस अवस्था में मनुष्य के अंग-प्रत्यंग कमजोर हो जाते हैं और उन्हें बच्चों की तरह दूसरों का सहारा लेना पड़ता है। दिमाग कमजोर हो जाता है। दाँत गिर जाते हैं और मनुष्य का मुँह बच्चों की तरह पोपला हो जाता है। इतना ही नहीं, बच्चों की तरह ही वृद्धों को भी मान-अपमान की परवाह नहीं होती। जिस तरह लोग बच्चों की बातों पर ध्यान नहीं देते, उसी तरह वृद्धों की बातों पर भी कोई ध्यान नहीं देता। उनकी इच्छा-अनिच्छा का भी कोई महत्त्व नहीं होता। इस तरह वृद्धावस्था और बचपन की अधिकांश बातों में समानता होती है। इसलिए कहा जा सकता है कि बुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन होता है।

गद्यांश क्र.2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 11
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 13

प्रश्न 3.
कारण लिखिए :
(i) उत्सव के दिन बूढ़ी काकी को अपनी स्थिति पर रोना आया, पर वे रो नहीं सकीं।
उत्तर:
(i) उत्सव के दिन बूढ़ी काकी को अपनी स्थिति पर रोना आया, पर वे रो नहीं सकीं, क्योंकि उन्हें रूपा का डर था।

प्रश्न 4.
त्तर लिखिए :
मुखराम के तिलक उत्सव की तैयारियाँ :
उत्तर:
मुखराम के तिलक उत्सव की तैयारियाँ :
(i) पूड़ियाँ-कचौड़ियाँ निकल रही थीं।
(ii) एक बड़े हंडे में मसालेदार तरकारी पक रही थी।

कृति 2 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘बुढ़ापा तृष्णा रोग का अंतिम समय है’ इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
मनुष्य के जीवन की चार अवस्थाएँ होती हैं – बचपन, किशोरावस्था, युवावस्था और बुढ़ापा। अपने जीवन में मनुष्य की तरह-तरह की कामनाएँ होती हैं और उनकी पूर्ति करने का वह भरसक प्रयास करता है। बचपन से लेकर युवावस्था तक मनुष्य को अपनी कामनाओं की जल्द से जल्द पूरी होने की उतनी चिंता नहीं रहती, जितनी बुढ़ापे में। वृद्धावस्था में मनुष्य के जीवन के गिने-चुने वर्ष ही बचे होते हैं। इसलिए उसका प्रयास यह होता है कि अपने बचे-खुचे दिनों में वह अपनी सारी कामनाएं पूरी कर ले। ऐसे में उसे किसी भी तरह अपने उद्देश्य को पूरा कर लेना उचित जान पड़ता है। उसके लिए उसे बुरे-भले, मान-अपमान की परवाह नहीं होती। उसका लक्ष्य येनकेन प्रकारेण अपनी इच्छा पूरी करना होता है। इस प्रकार बुढ़ापा तृष्णा रोग का अंतिम समय है।

गद्यांश क्र.3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 15
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 18
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 19

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 16
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 20

कृति 2 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘लड़कों का बूढों से स्वाभाविक विवेष होता ही है’ इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
लड़कों और बूढ़ों के बीच पीढ़ियों का अंतर होता है। लड़कों और बूढ़ों में हर बात को लेकर अंतर होना स्वाभाविक है। अधिकांश बूढ़ों की आदत होती है कि वे हर बात को अपने ढंग से सोचते हैं। वे उसमें अपने जमाने की विचारधारा थोपने की कोशिश करते हैं। इसका कारण यह है कि किसी चीज के बारे में उनकी एक धारणा बनी होती हैं। हर बात को वे अपने पैमाने पर कसने की कोशिश करते हैं। जब कि नई पीढ़ी के लड़कों की सोच अलग ढंग की होती हैं। उन्हें पुराने दकियानूसी विचार पसंद नहीं आते। इसलिए बात-बात पर दोनों के विचारों में टकराव होता है। इस तरह लड़कों और बूढ़ों में स्वाभाविक विद्वेष होता है।

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई । सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 21
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 23

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 22
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 24

प्रश्न 3.
कारण लिखिए :
(i) घरवालों ने भोजन किया, परंतु बूढ़ी काकी को किसी ने नहीं पूछा –
(ii) रात के ग्यारह बज गए थे। लाड़ली की आँखों में नींद न थी –
उत्तर:
(i) लाड़ली उन पूड़ियों को बूढ़ी काकी के पास ले जाना चाहती थी, ताकि वे उन्हें खा सके।
(ii) बूढ़ी काकी को पूड़ियाँ खिलाने की खुशी लाड़ली को सोने न देती थी।

गद्यांश क्र.5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 25
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 26
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 27
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी 28

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(i) रूपा का हृदय सन्न हो गया –
(ii) रूपा बैठी स्वर्गीय दृश्य का आनंद लेने में निमग्न थी –
उत्तर:
(i) रूपा का हृदय सन्न हो गया, क्योंकि उसने देखा कि बूढ़ी काकी पत्तलों पर से पूड़ियों के टुकड़े उठा-उठाकर खा रही हैं।
(ii) रूपा बैठी स्वर्गीय दृश्य का आनंद लेने में निमग्न थी, क्योंकि बूढ़ी काकी भोले बच्चों की तरह सब कुछ भूलकर बैठी हुई खाना खा रही थीं और उनके एक-एक रोएँ से सच्ची सदिच्छाएँ निकल रही थीं।

प्रश्न 3.
रिश्ता पहचानिए :
(i) बूढ़ी काकी, रूपा की लगती हैं –
(ii) रूपा, बूढ़ी काकी की लगती हैं –
उत्तर:
(i) बूढ़ी काकी, रूपा की लगती हैं – चचेरी सास।
(ii) रूपा, बूढ़ी काकी की लगती है – बहू।

कृति 2 : (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
शादी-ब्याह अथवा पारिवारिक समारोहों में प्रीतिभोज में अनाप-शनाप खर्च करना कितना उचित’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
हमारे देश में शादी-ब्याह तथा छोटे-मोटे पारिवारिक समारोहों में प्रीतिभोज में लोगों को खिलाने-पिलाने की पुरानी परंपरा चली आ रही है। समर्थ व्यक्तियों को इस तरह का खर्च करना ज्यादा नहीं अखरता, पर आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों के लिए इस तरह के ३ खर्च का भार उठाना मुश्किल होता है। पर सामाजिक बंधनों तथा अपने ३ नाम के लिए ऐसे समारोह आयोजित करना आज एक फैशन हो गया । हैं। यह फैशन दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है। कुछ लोग तो अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए कर्ज लेकर लोगों को बुलाकर खिलाते-पिलाते ३ हैं। बाद में यह कर्ज चुकाना उनके लिए समस्या बन जाता है और उन्हें अपनी जायदाद बक बेचनी पड़ जाती है। लोगों को इस तरह के उत्सवों में अनावश्यक रूप से पैसे उड़ाने से बाज आना चाहिए। इस तरह के उत्सवों-समारोहों में अनाप-शनाप खर्च करना अपने ऊपर एक तरह का आर्थिक बोझ लादना है, जिससे कोई लाभ नहीं होता।

उपक्रम/कृति/परियोजना

श्रवणीय
बड़ों से कोई ऐसी कहानी सुनिए जिसके आखिरी हिस्से में कठिन परिस्थितियों से जीतने का संदेश मिल रहा हो।

संभाषणीय
वृद्धाश्रम’ के बारे में जानकारी इकट्ठा करके चर्चा कीजिए।

लेखनीय
‘भारतीय कुटुंब व्यवस्था’ पर भाषण के मुद्दे लिखिए।
उत्तर:
भारतीय कुटुंब व्यवस्था के मुद्दे :

  • कुटुंब किसे कहते हैं?
  • प्राचीन भारतीय कुटुंब।
  • आधुनिक कुटुंब।
  • कुटुंब व्यवस्था में बदलाव के कारण।
  • कुटुंब व्यवस्था के आधार।
  • कुटुंब बनने-टूटने के कारण।
  • कुटुंब की आवश्यकता।
  • संयुक्त कुटुंब एवं एकल कुटुंब से लाभ-हानि।
  • वसुधैव कुटुंबकम्।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 बूढ़ी काकी

पठनीय
‘चलती-फिरती पाठशाला’ उपक्रम के बारे में जानकारी इकट्ठी करके पढ़िए और सुनाइए।

बूढ़ी काकी Summary in Hindi

विषय – प्रवेश : ‘बूढ़ी काकी’ कथा उन दयनीय व्यक्तियों की व्यथा है, जिन्हें परिस्थितिवश मजबूरी में अपनी पूरी संपत्ति किसी अन्य व्यक्ति को सौंपनी पड़ती है और खुद उसकी दया पर जीना पड़ता है। बूढ़ी काकी अपने पति और जवान बेटों की मृत्यु के पश्चात अपने एकमात्र भतीजे बुद्धिराम के वादों पर विश्वास करके अपनी सारी संपत्ति उसके नाम लिख देती हैं। लेकिन थोड़े दिनों के बाद ही ऐसी स्थिति हो जाती है कि उसे पेट भर भोजन मिलना भी मुश्किल हो जाता है। एक बार तो बूढ़ी काकी के जीवन में ऐसी घटना घटती है, जिसके बारे में जानकर दिल दहल उठता है।

बुद्धिराम के बेटे के तिलक समारोह में सभी मेहमान और घर के सभी लोग भोजन कर सोने चले जाते हैं, पर बूढ़ी काकी को खाने के लिए कोई नहीं पूछता। भूख से व्याकुल बूढ़ी काकी रात के अंधेरे में कूड़े में फेंकी गई पत्तलों पर छूटे जूठन को बीन–बीनकर खाकर अपना पेट भरती हैं। बुद्धिराम की पत्नी रूपा यह दृश्य देखती है, तो उसकी रूह काँप उठती है और वह इस अधर्म के लिए ईश्वर से क्षमा करने की प्रार्थना करती है और बूढ़ी काकी को परोसकर भरपेट भोजन कराती है और उससे अपनी भूल के लिए बुरा न मानने के लिए कहती है।

बूढ़ी काकी मुहावरे – अर्थ

  • सब्जबाग दिखाना – बड़े–बड़े झूठे वादे करना।
  • गला फाड़ना – शोर करना, चिल्लाना।
  • लाले पड़ना – किसी चीज के लिए तरसना।
  • उबल पड़ना – क्रोधित होना।
  • पानी उतर जाना – बेइज्जत होना।
  • होंठ चाटना – कोई स्वादिष्ट पदार्थ अधिक खाने की इच्छा रखना।
  • कलेजे में हूक सी उठना – मन में दुख होना।
  • कलेजा पसीजना – दया आना।
  • हृदय सन्न रह जाना – घोर आश्चर्य में डूब जाना।
  • छाती पर सवार होना – सामने अड़े रहना।
  • दम घुटना – हवा की कमी के कारण या गर्मी की अधिकता से साँस रुकना।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 8 Apni Gandh Nahi Bechunga Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 8 Apni Gandh Nahi Bechunga Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगान Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगान Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 13

प्रश्न 2.
लिखिए :
(i) फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता
(ii) फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार
उत्तर:
(i) फूल को बिक जाने से भी बेहतर लगता है – मर जाना।
(ii) फूल के अनुसार उसे तोड़ने का पहला अधिकार डाली, कोंपल और काँटों को है।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 11

प्रश्न 4.
सूची बनाइए:
इनका फूल से संबंध है –
– – – – – – – – – – – – – – –
– – – – – – – – – – – – – – –
– – – – – – – – – – – – – – –
– – – – – – – – – – – – – – –
उत्तर:
(i) उपवन:
(ii) डाली
(iii) कोंपल
(iv) काँटे।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा

प्रश्न 5.
कारण लिखिए :
(i) फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा – – – – – – – – – – – – – – –
(ii) फूल को मौसम से कुछ लेना नहीं है – – – – – – – – – – – – – – –
उत्तर:
(i) अपनी गंध न बेचने की सौगंध फूल का संस्कार बन गई है, इसलिए फूल अपनी सौगंध नहीं बेचेगा।
(i) फूल को मौसम से कुछ लेना-देना नहीं है – उसे अपने अस्तित्व के लिए कुछ भी पाने की इच्छा नहीं है। इसलिए कैसा भी मौसम हो, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता।

प्रश्न 6.
‘दाता होगा तो दे देगा, खाता होगा तो खाएगा’ इस पंक्ति से स्पष्ट होने वाला अर्थ लिखिए।
उत्तर:
फूल को केवल अपने स्वाभिमान से मतलब है। उसे किसी चीज को पाने अथवा खो जाने की चिंता नहीं है। जो मिलना होगा, मिलेगा और जो नुकसान होगा, होगा। उसे उसकी चिंता नहीं है।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर पद्य विश्लेषण कीजिए :
1. रचनाकार का नाम
2. रचना का प्रकार
3. पसंदीदा पंक्ति
4. पसंदीदा होने का कारण
5. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा
उत्तर:
1. रचनाकार का नाम → बालकवि बैरागी।
2. रचना की विधा → गीत।

3. पसंद की पंक्ति → चाहे सभी सुमन बिक जाएँ,
चाहे ये उपवन बिक जाएँ
चाहे सौ फागुन बिक जाएँ
पर मैं गंध नहीं बेचूंगा।

4. पंक्तियाँ पसंद होने का कारण → इन पक्तियों में फूल हर हालत में जीवन में अपने स्वाभिमान को सर्वोपरि मानता है। इसके लिए उसे कोई भी त्याग करना पड़े, तो वह इसके लिए तैयार है, पर वह अपने स्वाभिमान को हर हालत में बनाए रखना चाहता है।

5. रचना से प्राप्त संदेश/प्रेरणा → प्रस्तुत रचना से यह संदेश मिलता है कि स्वाभिमान मनुष्य की सबसे बड़ी थाती है। हमें हर हालत में इसकी रक्षा करनी चाहिए। यदि स्वाभिमान की रक्षा के लिए हमें अपना सर्वस्व निछावर कर देना पड़े, तो भी हँसते-हँसते अपना सब कुछ त्याग देना चाहिए। प्रस्तुत पंक्तियों से हमें यही प्रेरणा मिलती है। (विद्यार्थी अपनी पसंदीदा पंक्ति लिखें।)

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Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 3
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 5

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा

प्रश्न 2.
जोड़ियाँ मिलाइए :
(i) सुमन – पँखुरी
(ii) काँटे – सौगंध
(iii) मालिन – उपवन
(iv) संस्कार – चौकी
उत्तर:
(i) सुमन – उपवन
(ii) काँटे – चौकी
(iii) मालिन – पँखुरी
(iv) संस्कार – सौगंध

प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए :
(i) फूल ‘सौगंध’ न बेचने की बात इन्हें संबोधित करते हुए कहता है।
उत्तर:
(i) अपने ऊपर मँडराने वालों और अपना मोल लगाने वालों को फूल ‘सौगंध’ न बेचने की बात संबोधित करते हुए कहता है।

प्रश्न 4.
कारण लिखिए :
(i) फूल डाली, कोंपल और काँटों को स्वयं को नोचने-तोड़ने का अधिकार देता है –
उत्तर:
(i) फूल डाली, कोंपल और काँटों का कृतज्ञ है, इसलिए वह इन्हें अपने आप को नोचने-तोड़ने का अधिकार देता है।

प्रश्न 5.
उत्तर लिखिए : (पद्यांश में आया)
(i) एक भारतीय महीने का नाम – ………………………………..
(ii) एक प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र, जिनके नाम के साथ रेखा’ शब्द जोड़कर उदाहरण दिया जाता है – ………………………………..
(iii) फूलों के बगीचे में फूलों के पौधे लगाने और उनकी सेवा करने वाले व्यक्ति की पत्नी – ………………………………..
(iv) फूलों की महक के अर्थ में प्रयुक्त शब्द – ………………………………..
उत्तर:
(i) एक भारतीय महीने का नाम – फागुन।
(ii) एक प्रसिद्ध पौराणिक चरित्र, जिनके नाम के साथ ‘रेखा शब्द जोड़कर उदाहरण दिया जाता है- लछमन (लक्ष्मण), लक्ष्मण रेखा।
(iii) फूलों के बगीचे में फूलों के पौधे लगाने और उनकी सेवा करने – वाले व्यक्ति की पत्नी – मालिन।
(iv) फूलों की महक के अर्थ में प्रयुक्त शब्द – गंध।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए :
(i) अरुणाई
(ii) चौकी
(iii) गंध
(iv) सौगंध
उत्तर:
(i) अरुणाई -लालिमा
(ii) चौकी – पहरा
(iii) गंध -सुगंध
(iv) सौगंध – कसम।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द समूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए :
(i) वृक्ष की नई और कोमल पत्तियाँ =
(ii) किसी वस्तु के ऊपर चारों ओर घूमते हुए उड़ना =
उत्तर :
(i) वृक्ष की नई और कोमल पत्तियाँ – कोंपल
(ii) किसी वस्तु के ऊपर चारों ओर घूमते हुए उड़ना – मँडराना।

कृति 3 : (सरल अर्थ)

प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की ‘जिस डाली ने ——— रिश्ते जोड़े’ पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
फूल कहता है कि पौधे की जिस डाल ने उसे अपनी गोद में खिलाया था, जिन कोंपलों ने उसे लालिमा प्रदान की थी और जिन काँटों ने लक्ष्मणजी की तरह पहरा देकर उसे तोड़े जाने से बचाया था, उन्हें वह कभी भूल नहीं सकता। उनका वह ऋणी है और उस पर पहला अधिकार इन्हीं का है। वे चाहे उसे नोचें या तोड़ें, वह उफ तक नहीं करेगा। वह कहता है कि वे चाहे मुझे तोड़कर किसी मालिन को दे दें, तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 6
उत्तर:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा

प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(i) पिचकारी का जादू-टोना फूल पर कोई अंतर नहीं लाएगा –
उत्तर:
(i) पिचकारी का जादू-टोना फूल पर कोई अंतर नहीं लाएगा – फूल को कृत्रिम फुहारों की कामना नहीं है। इसलिए पिचकारी का जादू-टोना फूल पर कोई अंतर नहीं लाएगा।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा 7
उत्तर:

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
पद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(i) ………………………………
(ii) ………………………………
(iii) ………………………………
(iv) ………………………………
उत्तर:
(i) आएगा-जाएगा
(ii) रोना-धोना
(iii) जादू-टोना
(iv) पल-पल।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए :
(i) भौंरा = ………………………………
(ii) सुर = ………………………………
(iii) दाम = ………………………………
(iv) कोमल = ………………………………
उत्तर:
(i) भौंरा = भ्रमर
(ii) सुर = स्वर
(iii) दाम = मूल्य
(iv) कोमल = मुलायम।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 8 अपनी गंध नहीं बेचूँगा

कृति 3 : (सरल अर्थ)

प्रश्न.
प्रस्तुत पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
चाहे फूल की कोमल-कोमल पंखुड़ियों पर भौंरों के गुंजन का सरगम सुनाई देता हो अथवा पतझड़ का मौसम हो, और वह मुरझाई हुई दशा में हो या उस पर कृत्रिम फुहारें डालकर उसे सांत्वना दी जाए, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता। फूल अपनी बोली लगाने वालों और पल-पल अपनी कीमतें आँकने वालों को संबोधित करते हुए कहता है कि मैंने अपने आप से अपने स्वाभिमान का अनुबंध कर लिया है और यह ठान लिया है कि मैं अपने स्वाभिमान पर कभी आँच नहीं आने दूंगा। मैं उस अनुबंध को किसी भी हालत में दाँव पर नहीं लगा सकता अर्थात मैं उसका कभी सौदा नहीं कर सकता। फूल कहता है कि वह अपनी सुगंध कभी नहीं बेच सकता।

पयांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई। सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों :
(i) मन ने
(ii) पवन के।
उत्तर:
(i) तन पर किसने प्रतिबंध लगा दिया?
(ii) फूल एक-एक के घर किसके साथ जाएगा?

प्रश्न 2.
लिखिए :
(i) फूल झर जाना चाहता है ……………………………|
उत्तर:
(i) फूल झर जाना चाहता है – अपनी माटी में।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए :
(i) फूल इस तरह झर जाएगा
(ii) भूल-चूक की माफी यह लेगी –
(iii) तब मंडी यह समझेगी –
(iv) इसको इसका अंत पता है –
उत्तर:
(i) फूल इस तरह झर जाएगा – पंखुरी-पंखुरी गिरकर
(ii) भूल-चूक की माफी यह लेगी – फूल की गंध कुमारी
(iii) तब मंडी यह समझेगी – खुद्दारी किसको कहते हैं।
(iv) इसको इसका अंत पता है – फूल को अपना

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कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
पद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए :
(i) ………………………………….
(ii) ………………………………….
उत्तर:
(i) एक-एक
(ii) भूल-चूक।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए :
(i) पवन = ………………………………….
(ii) तन = ………………………………….
(iii) घर = ………………………………….
(iv) दिन = ………………………………….
उत्तर:
(i) पवन = हवा
(ii) तन = शरीर
(iii) घर = मकान
(iv) दिन = दिवस।

कृति 3 : (सरल अर्थ)

प्रश्न.
प्रस्तुत पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
फूल कहता है कि इस संसार में जिसका भी जन्म होता है, एक-न-एक दिन उसका अंत होना (मरना) निश्चित है। वह कहता है कि यह बात मुझे अच्छी तरह मालूम है कि एक दिन मैं भी पंखुड़ीपंखुड़ी करके झर जाऊँगा और मेरा अंत हो जाएगा। पर इसके पहले मैं हवा के साथ उड़कर वातावरण में फैलकर एक-एक (फूल) के पास ३ जाऊँगा और मेरी सुगंध उनसे जाने-अनजाने में किए की माफी मांगेगी।

फूल कहता है कि उस दिन बाजार और बाजार में खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को यह बात समझ में आएगी कि खुद्दारी अर्थात स्वाभिमान क्या होता है और इसके सम्मान के लिए लोग हर प्रकार का त्याग करने के लिए क्यों तत्पर रहते हैं।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. शब्द भेद :
अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए :
(i) फूल की अरुणाई देखने योग्य थी।
(ii) भँवरे फूलों पर मँडराते हैं।
उत्तर :
(i) अरुणाई – भाववाचक संज्ञा।
(ii) भँवरे – जातिवाचक संज्ञा।

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2. अव्यय :
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) सामने
(ii) तरफ।
उत्तर :
(i) फूल एक-एक के सामने जाएगा।
(ii) मालिन ने फूल की तरफ देखा।

3. संधि :
कृति पूर्ण कीजिए :

संधि शब्द संधि विच्छेद  संधि भेट
………………… यथा + अर्थ  …………………
अथवा
नमस्ते  ………………… …………………

उत्तर:

संधि शब्द संधि विच्छेद  संधि भेट
यथार्थ यथा + अर्थ स्वर संधि
अथवा
नमस्ते नमः + ते विसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया :
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रिया पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए :
(i) बिकने से बेहतर है मर जाऊँ।
(ii) मन ने तन पर प्रतिबंध लगा दिया।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) जाऊँ – जाना
(ii) दिया – देना

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5. प्रेरणार्थक क्रिया :
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए :
(i) रोना
(ii) उड़ना।
उत्तर:
क्रिया प्रथम प्रेरणार्थक रूप दुवितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) रोना – रुलाना – रुलवाना
(ii) उड़ना – उड़ाना – उड़वाना

6. मुहावरे :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(i) चैन न मिलना
(ii) झेंप जाना।
उत्तर :
(i) चैन न मिलना।
अर्थ : बेचैनी अनुभव करना।
वाक्य : इलाके में चोरी की बढ़ती घटनाओं से पुलिस को चैन नहीं मिल रहा था।
(ii) झेंप जाना।
अर्थ : लज्जित होना, शरमाना।
वाक्य : हिसाब-किताब में गड़बड़ी पकड़े जाने पर मुंशी जी झेंप गए।

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प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांशों के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए : (थर-थर काँपना, नजर आना, दृष्टि फेरना)
(i) चोर पुलिस के डर से बहुत अधिक काँप रहा था।
(ii) आगरा के किले की ऊपरी मंजिल से ताजमहल का गुंबद दिखाई देता है।
उत्तर:
(i) चोर पुलिस के डर से थर-थर काँप रहा था।
(ii) आगरा के किले की ऊपरी मंजिल से ताजमहल का गुंबद नजर आता है।

7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए :
(i) अच्छा हो मर कर अपनी माटी में झर जाऊँ।
(ii) चाहे जिस मालिन से मेरी पंखुरियों के रिश्ते जोड़ें।
उत्तर:
(i) माटी में – अधिकरण कारक।
(ii) मालिन से – करण कारक।

8. विरामचिह्न :
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :
(i) मौसम से मुझको क्या लेना है वह तो आएगा – जाएगा
(ii) अच्छा तो आप मुझे अपनी गंध बेचने के लिए कह रहे हैं
उत्तर :
(i) मौसम से मुझको क्या लेना है, वह तो आएगा-जाएगा।
(ii) अच्छा! तो आप मुझे अपनी गंध बेचने के लिए कह रहे हैं।

9. काल परिवर्तन :
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :
(i) मैं गंध नहीं बेचूंगा। (सामान्य भूतकाल)
(ii) मुझको मेरा अंत पता है। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर :
(i) मैंने गंध नहीं बेची।
(ii) मुझको मेरा अंत पता था।

10. वाक्य भेद :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :
(i) एक ओर भौरे का गुंजार है और दूसरी ओर पतझड़।
(ii) मैं वह सौगंध नहीं बेचूंगा, जो मेरा संस्कार बन गई।
उत्तर :
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए :
(i) फूल अपनी गंध नहीं बेचेगा। (विस्मयादिबोधक वाक्य)
(ii) फूल एक-एक के घर जाएगा। (संदेहबोधक वाक्य)
उत्तर :
(i) अच्छा ! फूल अपनी गंध नहीं बेचेगा !
(ii) फूल शायद एक-एक के घर जाए।

11. वाक्य शुद्धिकरण :
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए :
(i) उस दीन ये मंडी समझेगा।
(ii) तब दूनिया उसके पाँव पर पड़ेगी।
उत्तर:
(i) उस दिन ये मंडी समझेगी।
(ii) तब दुनिया उसके पाँव पड़ेगी।

अपनी गंध नहीं बेचूँगा Summary in Hindi

विषय-प्रवेश :
स्वाभिमान मनुष्य की थाती है। जिस व्यक्ति में स्वाभिमान की भावना नहीं होती, उसका अपना कोई अस्तित्व नहीं होता। स्वाभिमानी लोग अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ गँवा देते हैं, पर अपने स्वाभिमान पर आँच नहीं आने देते। प्रस्तुत कविता में कवि ने एक ऐसे ही फूल का वर्णन किया है, जो अपने स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए अपना सब कुछ निछावर करने के लिए तत्पर है, पर किसी भी हालत में अपना स्वाभिमान छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। कवि ने इस कविता के द्वारा फूल के इस गुण को मनुष्य को भी अपनाने और स्वाभिमानी रहने की प्रेरणा दी है।

अपनी गंध नहीं बेचूँगा कविता का सरल अर्थ

1. चाहे सभी सुमन …………………………. सौगंध नहीं बेचूंगा।

स्वाभिमानी फूल अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपना सब कुछ निछावर करने के लिए तैयार है, पर वह किसी भी हालत में अपने स्वाभिमान पर आँच नहीं आने देना चाहता।

वह कहता है कि चाहे सारे फूल बिक जाएँ, केवल फूल ही नहीं चाहे वे उपवन भी बिक जाएँ, जहाँ सारे फूल उत्पन्न होते हैं। सारी बहार क्यों न बिक जाए, पर वह अपनी सुगंध को, जिसे वह अपना स्वाभिमान मानता है, किसी भी हालत में नहीं बेच सकता।

जिस तरह मनुष्य अपने स्वाभिमान के लिए मर मिट जाता है, पर उस पर आँच नहीं आने देता, उसी तरह यह फूल भी अपनी सुगंध की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

फूल कहता है कि पौधे की जिस डाल ने उसे अपनी गोद में खिलाया था, जिन कोंपलों ने उसे लालिमा प्रदान की थी और जिन काँटों ने लक्ष्मणजी की तरह पहरा देकर उसे तोड़े जाने से बचाया था, उन्हें वह कभी भूल नहीं सकता। उनका वह ऋणी है और उस पर पहला अधिकार इन्हीं का है। वे चाहे उसे नोचें या तोड़ें, वह उफ तक नहीं करेगा। वह कहता है कि वे चाहे मुझे तोड़कर किसी मालिन को दे दें, तो भी मुझे कोई आपत्ति नहीं है।

वह चारों ओर से अपने ऊपर नजरें गड़ाने वालों और उसकी कीमत लगाकर उसे बाजार में बेचने वालों से कहता है कि उसने अपनी सुगंध को न बेचने की जो सौगंध खाई है, वह उसका संस्कार बन गई है और वह उसका सौदा कभी नहीं कर सकता। फूल कहता है कि वह अपनी सुगंध कभी नहीं बेच सकता।

2. मौसम से क्या लेना अनुबंध नहीं बेचूंगा।

फूल कहता है कि मौसम, कैसा भी हो, मौसम का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। वह हर स्थिति में अपने आप को स्थिर रखने में सक्षम है। उसे किसी से कुछ भी पाने की आकांक्षा नहीं है। वह लाभ या हानि की कोई परवाह नहीं करता। न उस पर किसी चीज का कोई प्रभाव पड़ता है। और न वह किसी चीज से कभी घबराता है। चाहे उसकी कोमल-कोमल पंखुड़ियों पर भौंरों के गुंजन का सरगम सुनाई देता हो अथवा पतझड़ का मौसम हो, और वह मुरझाई हुई दशा में हो या उस पर कृत्रिम फुहारें डालकर उसे सांत्वना दी जाए, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

वह अपनी बोली लगाने वालों और पल-पल अपनी कीमतें आँकने वालों को संबोधित करते हुए कहता है कि मैंने अपने आप से अपने स्वाभिमान का अनुबंध कर लिया है और यह ठान लिया है कि मैं अपने स्वाभिमान पर कभी आँच नहीं आने दूँगा। मैं उस अनुबंध को किसी भी हालत में दाँव पर नहीं लगा सकता अर्थात मैं उसका कभी सौदा नहीं कर सकता। फूल कहता है कि वह अपनी सुगंध कभी नहीं बेच सकता।

3. मुझको मेरा अंत ……………………… वो प्रतिबंध नहीं बेचूंगा।

फूल कहता है कि इस संसार में जिसका भी जन्म होता है, एक-न-एक दिन उसका अंत होना (मरना) निश्चित है। वह कहता है कि यह बात मुझे अच्छी तरह मालूम है कि एक दिन मैं भी पंखुड़ीपंखुड़ी करके झर जाऊँगा और मेरा अंत हो जाएगा। पर इसके पहले मैं हवा के साथ उड़कर वातावरण में फैलकर एक-एक (फूल) के पास जाऊँगा और मेरी सुगंध उनसे जाने-अनजाने में किए की माफी मांगेगी।

फूल कहता है कि उस दिन बाजार और बाजार में खरीद-फरोख्त करने वाले लोगों को यह बात समझ में आएगी कि खुद्दारी अर्थात स्वाभिमान क्या होता है और इसके सम्मान के लिए लोग हर प्रकार का त्याग करने के लिए क्यों तत्पर रहते हैं। फूल कहता है कि किसी के हाथों बिकने से तो अच्छा है कि मैं मर जाऊँ और अपने देश की मिट्टी में मिल जाऊँ। वह कहता है कि मैंने अपनी इच्छा से अपने शरीर पर जो प्रतिबंध लगा लिया है, उस प्रतिबंध को मैं कभी नहीं बेच सकता।

(फूल के इस स्वाभिमान को मनुष्य को भी अपनाना चाहिए और उसे भी किसी लालच में आकर कभी अपना स्वाभिमान बेचना नहीं चाहिए।)

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 6 Hum Us Dharti Ki Santati Hai Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 6 Hum Us Dharti Ki Santati Hai Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
वर्गीकरण कीजिए:
पद्यांश में उल्लिखित चरित्र-ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, सीता, चाँदबीबी, सावित्री, जयमल
उत्तर:
ऐतिहासिक – पौराणिक
लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, चाँद बीबी, जयमल-पत्ता। – ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, सीता, सावित्री।।

प्रश्न 2.
विशेषताओं के आधार पर पहचानिए :
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – ……………………………..
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – ……………………………..
(iii) अपनी लगन का सच्चा – ……………………………..
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – ……………………………..
उत्तर:
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – लड़के (पुरुष), लड़कियाँ (स्त्रियाँ)।
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, रजिया सुलताना।
(iii) अपनी लगन का सच्चा – प्रह्लाद।
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – जयमल-पत्ता।

प्रश्न 3.
सही/गलत पहचानकर गलत वाक्य को सही करके वाक्य पुनः लिखिए :
(i) रानी कर्मवती ने अकबर को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेर के दाँत गिनते थे।
(iii) झगड़ने से सब कुछ प्राप्त होता है।
(iv) ध्रुव आकाश में खेले थे।
उत्तर:
(i) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेरों की दतुली गिनते थे।
(iii) झगड़ने से कुछ भी प्राप्त नहीं होता।
(iv) ध्रुव मिट्टी में खेले थे।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 4.
कविता से प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता कव्वाली के स्वरूप में है। इसमें लड़के जहाँ महापुरुषों और प्रसिद्ध शूरवीरों का हवाला देते हुए अपने आप को लड़कियों से श्रेष्ठ बताने की कोशिश करते हैं, वहीं लड़कियाँ भी सीता, सावित्री, लक्ष्मीबाई तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली शूरवीर रानियों को अपनी जमात से जोड़ते हुए लड़कों से अपने आप को कम नहीं बतातीं। पर बाद में लड़के कव्वाली के माध्यम से लड़कियों को जवाब देते हैं कि कोई किसी से बढ़कर नहीं है, सभी बराबर हैं। देश के चाहे महान पुरुष हों या महान स्त्रियाँ सभी भारत माँ की संतान हैं। लड़के-लड़कियाँ दोनों भारत माता के रथ के दो पहियों के समान हैं। रथ के लिए इन दोनों पहियों का होना जरूरी है। इस तरह कविता से यह संदेश मिलता है कि कोई बड़ा या कोई छोटा नहीं है, सभी लोग समान हैं। हमें अपने आप पर निरर्थक गर्व नहीं करना चाहिए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
तालिका पूर्ण कीजिए:

चरित्र  विशेषताएँ
 इस मिट्टी में खेलने वाला
 लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला)
 शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला
 अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला

उत्तर:

चरित्र  विशेषताएँ
ध्रुव  इस मिट्टी में खेलने वाला
प्रहलाद  लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला)
भरत  शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला
जयमल-पत्ता  अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 2
प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी –
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह –
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा –
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु –
उत्तर:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी – लड़कों की।
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह – घरती।
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा – भरत।
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु – शेर।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
कव्वाली काव्य विधा के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कव्वाली आम जनता से लेकर शिक्षित वर्ग तक की पसंद की एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसकी मुख्य विशेषता, कव्वाली गीत प्रस्तुत करने वाले कलाकारों के बीच किसी विषय को लेकर नोक-झोंक होती है। इसमें प्रतियोगी कलाकार जब एक-दूसरे की काव्य पंक्तियों पर नहले पर दहला जड़ते हैं, तो श्रोताओं के मुँह से अनायास ही तारीफों की बरसात होने लगती है।

श्रोता अच्छे कलाकारों की कव्वाली सुनने में पूरी रात गुजार देते हैं, फिर भी उनका मन नहीं, भरता। कव्वालियों में कल्पना पक्ष प्रमुख होता है और उपमाओं की भरमार होती है। कव्वाली गायक किसी बात का उदाहरण देते-देते कहीं भटक जाता है, तो भी वह बड़ी खूबसूरती के साथ फिर अपने विषय पर लौट आता है। लोकप्रियता के कारण कव्वाली को कई फिल्मों में भी समाहित किया गया है। कव्वाली गायकों में से कुछ के नाम तो लोगों की जबान पर होते हैं।

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पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 3
उत्तर
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 5

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 4
उत्तर
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम –
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द –
उत्तर:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम – पद्मिनी।
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द – जौहर।

प्रश्न 4.
परिणाम लिखिए:
गर डींग उड़ाएँगे, तो …………………..
उत्तर:
गर डींग उड़ाएँगे, तो मजबूरन ताने सहने होंगे।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘नारी सम्मान’ के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
आजकल स्त्रियों के अपमान की अनेक घटनाएँ पढ़नेसुनने में आती हैं। स्त्रियों पर तरह-तरह के अत्याचार होते हैं। यह बड़े दुख की बात है।

हमारे देश में प्राचीन काल से नारियों का सम्मान करने की परंपरा रही है। हमारे यहाँ नारी को देवी का सम्मान दिया जाता रहा है और उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, महाकाली आदि देवियों की हम श्रद्धा और भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। सीता, सावित्री तथा अनुसूया जैसी महान नारियाँ हमारी आदर्श रही हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहीं देवता निवास करते हैं।

आज हमारे देश में स्त्रियाँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी के स्तर पर काम कर रही हैं। आज की नारी पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक हो चुकी है। नारी को सम्मान देने से स्त्रियाँ ही सम्मानित नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सम्मान देने वाले खुद भी गौरवान्वित होंगे।

पद्यांशु क्र. 3
प्रश्न, निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 8
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 9

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 2.
इन शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूंढकर लिखिए:
(i) नाराज
(ii) झगड़ा
(iii) संतान
(iv) प्राप्त होना।
उत्तर:
(i) नाराज – खफा
(ii) झगड़ा – टंटा
(iii) संतान – संतति
(iv) प्राप्त होना – हासिल करना।

प्रश्न 3.
परिणाम लिखिए:
झगड़े करेंगे, तो ………………………
उत्तर:
झगड़े करेंगे, तो कुछ हासिल न होगा।

प्रश्न 4.
उपर्युक्त पद्यांश में उल्लेखित स्त्री-पुरुष समानता दर्शानेवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) …………………….
(ii) …………………….
उत्तर:
(i) बस बात पते की इतनी है, ध्रुव या रजिया भारत माँ के
(ii) भारत माता के रथ के है, हम दोनों ही, दो-दो पहिए, अजी दो पहिए, हाँ दो पहिए।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘झगड़े से कुछ हासिल नहीं होता’-अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
किसी बात पर होने वाली कहा-सुनी या विवाद को आमतौर पर झगड़ा कहा जाता है। झगड़े से समस्या सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। मुख्य मुद्दा धरा रह जाता है और झगड़ा प्रमुख हो जाता है। कभी-कभी तो झगड़े में लोगों की जान पर भी बन आती है। इसके परिणामस्वरूप लोगों में मारा-मारी और हत्या तक हो जाती है। पर समस्या वैसी की वैसी बनी रहती है, बल्कि उसमें और इजाफा हो जाता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

झगड़े के परिणामस्वरूप पीढ़ी-पीढ़ी तक दुश्मनी बनी रहती है। इसलिए झगड़े को भूलकर आपस में बातचीत के माध्यम से ही किसी समस्या का हल निकालने की बात सोचनी चाहिए। अत: किसी समस्या का हल निकालने का सही मार्ग झगड़ा नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण माहौल में आपस में बातचीत कर समझौता करना है।

हम उस धरती की संतति हैं Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसमें दो दल अपनी-अपनी तारीफों अथवा किसी विषय पर अपनी राय को रोचक और तार्किक ढंग से नोक-झोंक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अच्छे कव्वाली गायकों को श्रोता रात-रात भर सुनते रहते हैं। हम उस घरती की संतति हैं’ कव्वाली के एक दल में लड़के हैं और दूसरे दल में लड़कियाँ हैं। लड़के देश के प्रसिद्ध महापुरुषों और शूरवीर योद्धाओं से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ साबित करते हैं, तो लड़कियाँ सीता, सावित्री तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली योद्धा नारियों से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ बताती हैं। पर बाद में दोनों दलों को अहसास होता है कि उन्हें इस झगड़े से कोई लाभ नहीं है। स्त्री-पुरुष दोनों भारतमाता के रथ के दो पहियों के समान हैं और देश के लिए दोनों आवश्यक हैं।

हम उस धरती की संतति हैं कविता का सरल अर्थ

1. हम उस धरती ……………………………… धरती के लड़के हैं।

[कविता में लड़कों (पुरुष जाति) को लड़कियों (स्त्रियों) से बढ़-चढ़कर बताते हुए लड़के अपनी प्रशंसा करते हुए कहते हैं -]

“हम उस परती पर रहने वाले लड़के हैं, जिनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह वही घरती है, जहाँ ध्रुव जैसे महापुरुष का जन्म हुआ था और वे इसी मिट्टी में खेलते थे।

इसी मिट्टी में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था। सारी दुनिया को मालूम है कि वे अपनी धुन के कितने सच्चे थे।

यहीं पर भरत जैसे वीर और साहसी महापुरुष का जन्म हुआ था। वे इतने निडर थे कि शेरों के मुँह खुलवाकर उनके दाँत गिना करते थे। __जयमल और पत्ता जैसे वीर इसी मिट्टी में पैदा हुए थे, जो अपने जैसा वीर किसी को समझते ही नहीं थे।

लड़के लड़कियों को नीचा दिखाते हुए कहते हैं कि इन सभी कारणों से हम (लड़के) तुम लोगों (लड़कियों) से बढ़कर हैं। इसलिए तुम सब (लड़कियों) हमारा (पुरुषों का) सामना नहीं कर सकती हो। अतः हमारे सामने तुम सब अपना मुँह बंद रखो। कुछ बोलने की कोशिश मत करो।”

2. बातों का जनाब ……………………………… हम उस धरती की लड़की हैं।

(लड़कों को अपनी बड़ाई करते हुए सुनकर लड़कियाँ लड़कों को जवाब देती हैं-)
“आप जैसे लोगों को बात करने का ढंग तक मालूम नहीं है। आप अपनी प्रशंसा खुद न कीजिए और चुप रहिए। (सुनिए) हम उस धरती की लड़कियाँ हैं, जिस धरती का कुछ पूछना ही नहीं है। हम उस धरती, की लड़कियाँ हैं जिसकी मिट्टी में वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था।

दुर्गावती और रजिया सुलताना जैसी मर्दानी वीरांगनाएँ जिस मिट्टी में पैदा हुई थीं, जिन्होंने लड़ाई के मैदान में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया था, हम उस धरती की लड़कियाँ हैं।

चाँद बीबी जैसी वीरांगना और जौहर की ज्वाला में हँसते-हँसते कूद जाने वाली महान नारी पद्मिनी का जन्म भी इसी मिट्टी में हुआ था।

यह सीता और सावित्री जैसी महान सन्नारियों की जन्म-स्थली है।

यदि आप (लड़के) अपने श्रेष्ठ होने की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे, तो आप लोग हमारे ताने भी सहिए। याद रखिए, हम (लड़कियाँ) इन सन्नारियों की धरती की लड़कियाँ हैं।

3. यों आप खफा ……………………………… धरती की संतति हैं।

(लड़कियों का जवाब सुनकर लड़के समझदारी की बात करते हुए कहते हैं-)

(हमारी बातों पर) आप नाराज क्यों होती हैं? इसमें आपस में E झगड़े की कोई बात नहीं है।

इस बात में क्या रखा है कि हमसे आप लोग बढ़कर हैं अथवा आप लोगों से हम लोग बढ़कर हैं।

इस तरह की बातें हमें आपस में उलझाकर रख देंगी और इससे न हमें कोई फायदा होगा और न आपको ही। सच्ची बात तो यह है कि ध्रुव (पुरुष) और रजिया (स्त्री) दोनों ही इसी धरती भारत माँ की संतान हैं। हम लोग भारत माता के रथ के (स्त्री-पुरुष रूपी) दो पहिए हैं। हम सब इसी धरती की संतान हैं।

हम उस धरती की संतति हैं मुहावरे-अर्थ

  • शेखी बघारना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना।
  • डींग मारना – बड़ी-बड़ी बातें करना।
  • पते की बात कहना – रहस्य की बात बताना।

हम उस धरती की संतति हैं टिप्पणियाँ :

  • ध्रुव : राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र। महान विष्णु भक्त। विष्णु ने उन्हें आकाश में सप्तर्षि के पास अटल पद दिया था।
  • प्रहलाद : हिरण्यकशिपु के पुत्र। महान विष्णुभक्त। इनकी रक्षा के लिए विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया था।
  • भरत : दुष्यंत एवं शकुंतला के पुत्र। इनके नाम पर ही हमारे देश का नाम ‘भारत’ पड़ा।
  • सावित्री : राजा अश्वपति की कन्या। सत्यवान की पत्नी। महान पतिव्रता स्त्री। इन्होंने यम से अपने पति के प्राण छुड़ाए थे।
  • सीता : विदेहाधिपति जनक की कन्या। इन्हें वैदेही, जानकी आदि नामों से भी जाना जाता है। ये जमीन की जोताई करते समय मिली थी, इसलिए इनका सीता नाम पड़ा। श्रीराम की पत्नी।
  • लक्ष्मीबाई : झाँसी की रानी। महान वीरांगना।
  • चाँद बीबी : अहमदनगर राज परिवार की गुणी स्त्री। मुगलों ने निजामशाही की राजधानी अहमदनगर पर आक्रमण किया था, तो चाँद बीबी ने बड़ी बहादुरी से किले पर उनका सामना किया था। पर सरदारों के षड्यंत्र के कारण वह मारी गई।
  • रजिया सुलताना : दिल्ली के सुलतान अल्तमश की बेटी। अल्तमश ने रजिया सुलताना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। वह सेना का नेतृत्व स्वयं करती थी।
  • जयमल-पत्ता : जयमल और पत्ता दोनों महान शूरवीर योद्धा थे। उन्होंने चित्तौड़ पर अकबर द्वारा किए गए हमले का बहादुरी पूर्वक सामना किया था।
  • दुर्गावती : भारत की वीरांगना। उनका जन्म प्रसिद्ध चंदेल राजा कीरत राय के परिवार में हुआ था। वे गोंडवाना राज्य की रानी थीं।
  • पद्मावती : चित्तौड़ के राजा रतनसिंह की पत्नी। अपनी सुंदरता के लिए विख्यात। दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने उनकी सुंदरता के बारे में सुनकर चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। राजपूत बहादुरों ने मरते दम तक उसका सामना किया। अंत में वीरांगना पद्मावती ने अन्य राजपूत स्त्रियों के साथ किल्ले में जौहर कर लिया था।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 1 Barshahi Jalad Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 1 Barshahi Jalad Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 1 बरषहिं जलद Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 1 बरषहिं जलद Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 1 बरषहिं जलद Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए।

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 5

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
निम्न अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
a. संतों की सहनशीलता …………………………….
b. कपूत के कारण कुल की हानि …………………………….
उत्तर:
a. खल के बचन संत सह जैसे।
b. कपूत के कारण कुल की हानि – जिमि कपूत के उपजे, कुल सदधर्म नसाहिं।।

प्रश्न 3.
तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 2
उत्तर:
इन्हें – यह कहा है
(i) नदी के जल का समुद्र में मिलना – ईश्वर को प्राप्त कर स्थिर हुआ जीव
(ii) सज्जनों के सद्गुण – तालाब में जल भरना

प्रश्न 4.
जोड़ियाँ मिलाइए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 3
उत्तर:
(i) नव पल्लव से भरा वृक्ष -साधक के मन का विवेक
(ii) उपकारी की संपत्ति -ससि संपन्न पृथ्वी
(iii) मेढक की ध्वनि -बटुक समुदाय द्वारा वेद-पाठ
(iv) कलियुग में धर्म का पलायन – चक्रवाक पक्षी का न दिखना कर जाना

प्रश्न 5.
इनके लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 13

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 6.
प्रस्तुत पद्यांश से अपनी पसंद की किन्हीं चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।

उपयोजित लेखन

कहानी लेखन: ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई इस सुवचन पर आधारित कहानी लेखन कीजिए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) मन डर रहा है इनका – [ ]
(ii) बिजली की तुलना की गई है इससे – [ ]
(iii) भूमि के पास आए बादल ऐसे लगते हैं – [ ]
(iv) विद्यार्थी जिसे पाने के लिए पढ़ाई करते हैं – [ ]
उत्तर:
(i) मन डर रहा है इनका – [श्रीराम का]
(ii) बिजली की तुलना की गई है इससे [दुष्ट की प्रीति से]
(iii) भूमि के पास आए बादल ऐसे लगते हैं – [विद्वान की तरह]
(iv) विद्यार्थी जिसे पाने के लिए पढ़ाई करते हैं – [विद्या]

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 10

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:
(i) दमकती बिजली – दुष्टों के वचन
(ii) भूमि पर गिरा पानी – राम का डरना
(iii) बूंदों का प्रहार – दुष्ट की मित्रता
(iv) बादलों की गर्जना – माया से लिपटा जीव
उत्तर:
(i) दमकती बिजली – दुष्ट की मित्रता
(ii) भूमि पर गिरा पानी – माया से लिपटा जीव
(iii) बूंदों का प्रहार – दुष्टों के वचन
(iv) बादलों की गर्जना – राम का डरना

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 12

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
(i) संतों की सहनशीलता।
(ii) जीव की निश्चिंतता।
(iii) रास्तों का अदृश्य हो जाना।
(iv) विद्वानों की विनम्रता
उत्तर:
(i) खल के बचन संत सह जैसे।
(ii) होई अचल जिमि जिव हरि पाई।
(iii) हरित भूमि तृन संकुल, समुझि परहि नहिं पंथ।
(iv) जथा नवहिं बुध विद्या पाएँ।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए:
(i) थिर – ………………………………………..
(ii) जथा – ………………………………………..
(iii) सदगुन – ………………………………………..
(iv) अघात – ………………………………………..
उत्तर:
(i) थिर -स्थिर
(ii) जथा – यथा
(iii) सदगुन – सद्गुण
(iv) अघात – आघात।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) जलनिधि = ……………………
(ii) गिरि = ……………………
(iii) नदी = ……………………
(iv) जल = ……………………
उत्तर:
(i) जलनिधि = समुद्र
(ii) गिरि = पहाड़
(iii) नदी = सरिता
(iv) जल = पानी।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
प्रस्तुत पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बादल आकाश में उमड़-घुमड़कर भयंकर गर्जना कर रहे हैं। श्रीराम जी कह रहे हैं कि ऐसे में सीता जी के बिना उनका मन भयभीत हो रहा है। बिजली आकाश में ऐसे चमक रही है, जैसे दुष्ट व्यक्ति की मित्रता स्थिर नहीं रहती । कभी वह बनी रहती है और कभी टूटने के कगार पर पहुँच जाती है। बादल धरती के नजदीक आकर बरस रहे हैं। उनका यह व्यवहार ठीक उसी प्रकार लगता है, जैसे विद्वान व्यक्ति विद्या पाकर विनम्र हो जाते हैं। बादल भी जल के भार से झुक गए हैं और पृथ्वी के नजदीक आकर अपने जल से प्राणियों को तृप्त कर रहे हैं। पहाड़ों पर वर्षा की बूदों की चोट पड़ रही है, पर पहाड़ चुपचाप शांत भाव से यह आघात उसी प्रकार सहते जा रहे हैं, जैसे संत लोग दुष्टों के कटुवचन सह लेते हैं और उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

पदयांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आका

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 14
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 15

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
इनकी तुलना की गई है, इनसे –
(i) रात के अंधकार में जुगनू – [ ]
(ii) ससि (अनाज) से भरपूर घरती – [ ]
(iii) कृषि को निराने वाले किसान – [ ]
(iv) दिखाई न देने वाला चक्रवाक – [ ]
उत्तर:
(i) रात के अंधकार में जुगनू – [घमंडियों के समाज से]
(ii) ससि (अनाज) से भरपूर धरती – [उपकारी की संपति से]
(iii) कृषि को निराने वाले किसान – [मोह-मद-मान त्यागने वाले विद्वान से]
(iv) दिखाई न देने वाला चक्रवाक – [कलियुग पाकर भाग जाने वाले धर्म से]

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द खोजकर लिखिए:
(i) ग्रह – [ ]
(ii) पेड़ – [ ]
(iii) पत्ते – [ ]
(iv) उपग्रह – [ ]
(v) पौधा – [ ]
उत्तर:
(i) ग्रह – [पतंग (सूर्य)]
(ii) पेड़ – [बिटप]
(iii) पत्ते – [पात]
(iv) उपग्रह – [महि]
(v) पौधा – [अर्क-जवास]

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 4.
तालिका पूर्ण कीजिए:
इन्हें – यह कहा है
(i) ………………….. – बटु समुदाय
(ii) (नव पल्लव वाले) वृक्ष – …………………..
(iii) (लुप्त हुई) धूल – …………………..
(iv) ………………….. – ज्ञान उत्पन्न हुआ
उत्तर:
इन्हे – यह कहा है
(i) दादुर – बटु समुदाय
(ii) (नव पल्लव वाले) वृक्ष – ज्ञान प्राप्त कर प्रफुल्लित होने वाला साधक
(iii) (लुप्त हुई) धूल – क्रोध के कारण लुप्त हुआ धर्म
(iv) (विषयों से विरक्त) मनुष्य – ज्ञान उत्पन्न हुआ।

प्रश्न 5.
उत्तर लिखिए:
पद्यांश में आया –
(i) एक प्रसिद्ध धर्मग्रंथ – [ ]
(ii) चित्त का मनोविकार या उग्र भाव – [ ]
(iii) एक प्रसिद्ध पक्षी – [ ]
(iv) वह शब्द, जिसके दो अर्थ हैं, जिनमें से एक का अर्थ सूर्य है – [ ]
उत्तर:
(i) एक प्रसिद्घ धर्मग्रंथ – [वेद]
(ii) चित्त का मनोविकार या उग्र भाव – [क्रोध]
(iii) एक प्रसिद्ध पक्षी – [चक्रवाक (चकवा)]
(iv) वह शब्द, जिसके दो अर्थ हैं, जिनमें से एक का अर्थ सूर्य है – [पतंग]

प्रश्न 6.
निम्न अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
(i) कुसंग से ज्ञान नष्ट होना और सुसंग से ज्ञान उत्पन्न होना। – [ ]
उत्तर:
(i) कुसंग से ज्ञान नष्ट होना और सुसंग से ज्ञान उत्पन्न होना। – बिनसइ-उपजइ म्यान जिमि, पाइ कुसंग-सुसंग

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए:
(i) हुए – ……………………….
(ii) जैसे – ……………………….
(iii) कहीं – ……………………….
(iv) की – ……………………….
उत्तर:
(i) हुए – भए, भयऊ।
(ii) जैसे – जनु, जस।
(iii) कहीं – कतहुँ।
(iv) की – कै।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) दादुर
(ii) धूरी (धूल)
(iii) धर्म
(iv) प्रजा
उत्तर:
(i) दादुर – पुल्लिग
(ii) धूरी (धूल) – स्त्रीलिंग
(iii) धर्म – पुल्लिग
(iv) प्रजा – स्त्रीलिंग।

कृति 3 : (सरल अर्थ)
प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों (दोहा) का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
कभी-कभी वायु बहुत तेज गति से चलने लगती है। इससे बादल यहाँ-वहाँ गायब हो जाते हैं। यह दृश्य उसी प्रकार लगता है जैसे परिवार में कुपुत्र के उत्पन्न होने से कुल के उत्तम धर्म (श्रेष्ठ आचरण) नष्ट हो जाते हैं। कभी (बादलों के कारण) दिन में घोर अंधकार छा जाता है और कभी सूर्य प्रकट हो जाता है। तब लगता है, जैसे बुरी संगति पाकर ज्ञान नष्ट हो गया हो और अच्छी संगति पाकर ज्ञान उत्पन्न हो गया हो।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियों कीजिए :

1. शब्द भेद :

प्रश्न.
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए :
(i) भूमि परत भा ढाबर पानी।
(i) नव पल्लव भए बिटप अनेका।
उत्तर:
(i) पानी-द्रव्यवाचक संज्ञा
(ii) नव-गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:

प्रश्न.
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) नहीं
(i) इसलिए।
उत्तर :
(i) जनक कॉलेज नहीं जाता।
(ii) बेचन बिजली का बिल अदा नहीं कर पाया, इसलिए बिजली आपूर्ति खंडित हो गई।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

3. संधि :

प्रश्न.
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
…………………… – विद्या + अर्थी – ……………………
अथवा
जगन्नाथ – …………………… – ……………………
उत्तर:
संधिशब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
विद्यार्थी – विद्या + अर्थी – स्वर संधि
अथवा
जगन्नाथ – जगत् + नाथ – व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में सहायक क्रिया पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरस रहे हैं।
(ii) दुष्ट लोग थोड़ा धन पाकर भी इतराने लगते हैं।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) रहे – रहना
(ii) लगने – लगना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) सहना
(ii) गिरना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) सहना – सहाना – सहवाना
(ii) गिरना – गिराना – गिरवाना

6. मुहावरे:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) आँखें फाड़कर देखना
(ii) रुआँसा होना।
उत्तर:
(i) आँखें फाड़कर देखना।
अर्थ: आश्चर्य से देखना।
वाक्य: मनीष सर्कस के कलाकारों के करतब आँखें फाड़कर देख रहा था।

(ii) रुआँसा होना।
अर्थ: उदास होना।
वाक्य: मालिक की झिड़कियाँ खाकर नौकर रुआँसा हो गया।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: (हामी भरना, करवट बदलना)
आखिरकार रंजन ने शादी करने के लिए स्वीकृति दी।
उत्तर:
आखिरकार रंजन ने शादी करने के लिए हामी भरी।

7. कारक:
प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्य में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) छोटी-छोटी नदियाँ वर्षा के जल से भर जाती हैं।
(ii) नदी अपने किनारों को तोड़ती हुई आगे बढ़ जाती है।
उत्तर:
(i) वर्षा के-संबंध कारक
(ii) किनारों को-कर्म कारक ।

8. विरामचिह्न:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्न लगाकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरी हो गई है जिससे रास्तों का पता नहीं चलता
(ii) हरी भरी फसलों से युक्त पृथ्वी कैसी लग रही है
उत्तर:
(i) पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरी हो गई है, जिससे रास्तों का पता नहीं चलता।
(ii) हरी-भरी फसलों से युक्त पृथ्वी कैसी लग रही है?

9. काल परिवर्तन:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) प्रियाहीन मेरा मन डरता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरस रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) प्रियाहीन मेरा मन डरा है।
(ii) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरसेंगे।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

10. वाक्य भेद:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) बादल गरज रहे हैं और बिजली चमक रही है।
(ii) अनेक वृक्षों में नई-नई कोंपलें आ गई हैं, जिससे वे हरे-भरे तथा सुशोभित हो गए हैं।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) कलियुग में धर्म पलायन कर जाता है। (प्रश्नवाचक वाक्य)
(ii) संत पुरुष दुष्टों के वचन सहते हैं। (निषेधवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) क्या कलियुग में धर्म पलायन कर जाता है?
(ii) संत पुरुष दुष्टों के वचन नहीं सहते।

11. वाक्य शुद्धिकरण:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) एक-एक करके सद्गुण सज्जन के पास चला आते है।
(ii) धूल खोजने पे भी कहीं नहीं मिलता है।
उत्तर:
(i) एक-एक कर सद्गुण सज्जन के पास चले आते हैं।
(ii) धूल खोजने पर भी कहीं नहीं मिलती है।

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
एक महानुभाव की कल्पना – विश्वविद्यालय स्थापना का प्रण – दान से घन एकत्र करना – एक सेठ के पास जाना – सेठ का दिन भर बिठाए रखना – महानुभाव निराश – शाम को सात लाख रुपए का चेक पाना – आश्चर्य और खुशी।
उत्तर:
बात आजादी मिलने के बहुत पहले की है। तब देश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए बहुत कम विश्वविद्यालय थे। विद्यार्थियों को दूर-दूर स्थानों पर जाकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती थी और उन्हें वही टिककर पढ़ना पड़ता था। विद्यार्थियों की इस परेशानी को दर करने के लिए एक महानुभाव ने अपने शहर में विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रण किया।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

इसके लिए उन्होंने सारे देश का दौरा किया और जहाँ से जो भी धन मिला, एकत्र किया। एक बार किसी व्यक्ति ने उन्हें बताया कि आप कलकत्ता के फलाँ सेठ के पास जाइए। वहाँ आपको अवश्य कुछ धन मिलेगा। वे पहुँच गए उनके पास। उन्होंने सेठ जी से अपना उद्देश्य बताया। सेठ जी ने उन्हें कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा और वे अपने काम में लग गए। दोपहर से शाम हो गई। सेठ जी ने उन्हें नहीं बुलाया।

वे निराश हो गए थे। इतने में सेठ जी अपने केबिन से बाहर आए। वे सज्जन खड़े हो गए और बोले, “सेठ जी मुझे आज्ञा दीजिए, मैं चलूँ।” सेठ जी ने कहा, “बैठिए भाई, बैठिए! मैं आपका ही काम कर रहा था। ये लीजिए अपने परोपकार के काम में मेरा छोटा-सा सहयोग! इस समय मैं और कुछ नहीं दे पाऊँगा।” सेठ जी ने एक चेक उन सज्जन के हाथ में थमा दिया।

उन महाशय ने चेक पर नजर डाली- ‘सात लाख रुपए।’ उनके मुँह से निकला, “सेठ जी, मुझे तो लगा था, मुझे यहाँ से खाली हाथ जाना पड़ेगा, पर आपने तो…।” “बस… बस!” उन्होंने उन सज्जन की बात काटते हुए कहा, “आप परोपकार का काम कर रहे हैं, मुझसे जो बन पड़ा, मैंने भी सहयोग दे दिया।” इस धन से विश्वविद्यालय के कई काम पूरे हुए।

विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए यह धन एकत्र करने वाले व्यक्ति थे महामना मदनमोहन मालवीय और उन्होंने जिस विश्वविद्यालय का निर्माण किया, वह था ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय।

सीख: परोपकार सबसे बड़ा धर्म है।

बरषहिं जलद Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : अवधी बोली में लिखा गया ‘रामचरितमानस’ विश्व के अमूल्य ग्रंथों में से एक है। प्रस्तुत काव्य खंड इसी ग्रंथ से लिया गया है। चौपाई और दोहों जैसे लोकप्रिय छंदों में प्रस्तुत इस काव्य खंड में तुलसीदासजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर वर्णन किया है। इस काव्य खंड में उन्होंने वर्षा ऋतु से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को जीवन से जोड़कर देखा है।

यह काव्य खंड सीता हरण के पश्चात का है। श्रीराम और लक्ष्मण जी सीता जी की खोज में वन में भटक रहे हैं। बरसात की ऋत आ चुकी है पर सीता जी का पता नहीं चल सका है। कवि ने इस काव्य खंड में श्रीराम के मन की व्याकुलता का चित्रण किया है।

बरषहिं जलद चौपाइयों और दोहों का सरल अर्थ

1. घन घमंड नभ …………………………… जिमि जिव हरि पाई।। (चौपाई)

कवि कहते हैं कि आकाश में बादल उमड़-घुमड़कर भयंकर गर्जना कर रहे हैं। (श्रीरामजी कह रहे हैं कि) प्रिया (सीता जी) के बिना मेरा मन डर रहा है। बिजली आकाश में ऐसे चमक रही है, जैसे दुष्ट व्यक्ति की मित्रता स्थिर नहीं रहती। यानी वह चमकती है और चमककर लुप्त हो जाती है।

बादल पृथ्वी के नजदीक आकर (नीचे उतरकर) बरस रहे हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे विद्वान व्यक्ति विद्या प्राप्त कर विनम्र हो जाते हैं। बूंदों की चोट पहाड़ों पर पड़ रही है। पहाड़ बूंदों के प्रहार को इस प्रकार शांत भाव से सह रहे हैं, जैसे संत पुरुष दुष्टों के कटु वचनों को सह लेते हैं।

छोटी नदियाँ वर्षा के जल से भरकर अपने किनारों को तोड़ती हुई आगे बढ़ती जा रही हैं, जैसे मामूली धन पाकर भी दुष्ट लोग इतराने लगते हैं (यानी मर्यादा का त्याग कर देते हैं)। पृथ्वी पर गिरते ही पानी गँदला हो गया है, मानो प्राणी से माया लिपट गई हो।

वर्षा का पानी एकत्र होकर तालाबों में भर रहा है। जैसे एक-एक कर सद्गुण सज्जन व्यक्ति के पास चले आते हैं। नदी का पानी समुद्र में जाकर उसी प्रकार स्थिर हो जाता है जिस प्रकार जीव हरि (ईश्वर) को प्राप्त कर अचल (आवागमन से मुक्त) हो जाता है।

2. हरित भूमि …………………………… होहिं सद्ग्रंथ।। (दोहा)

पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरीभरी हो गई है, जिससे रास्तों का पता नहीं चलता है। यह दृश्य ऐसा लगता है, जैसे पाखंडी के पाखंड भरे मत के प्रचार से सद्ग्रंथ लुप्त हो जाते हैं।

3. दादुर धुनि चहुँ उपजे ग्याना।। (चौपाई)

कवि कहते हैं कि वर्षा काल में चारों दिशाओं में मेढकों की ध्वनि ऐसी (सुहावनी) लगती है मानो विद्यार्थियों का समूह वेद-पाठ कर रहा हो। अनेक वृक्षों में नई-नई कोंपलें आ गई हैं, जिससे वे ऐसे हरेभरे तथा सुशोभित हो गए हैं, जैसे साधना करने वाले किसी व्यक्ति का मन ज्ञान प्राप्त करने पर प्रफुल्लित हो जाता है।

(बरसात के दिनों में) मदार और जवासा के पौधे पत्तों से रहित हो गए हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो अच्छे शासक के राज्य में दुष्टों का धंधा जाता रहा हो (खत्म हो गया हो)। धूल खोजने पर भी कहीं नहीं मिलती है। जैसे क्रोध धर्म को दूर कर देता है, उसी तरह वर्षा ने धूल को नष्ट कर दिया है।

अनाज से युक्त (लहलहाती हुई हरी-भरी खेती) पृथ्वी कुछ इस : प्रकार शोभायमान हो रही है, जैसे उपकार करने वाले व्यक्ति शोभायमान होते हैं। रात के अंधकार में जुगनू चारों ओर दिखाई दे रहे हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे घमंडियों का समूह एकत्र हो गया है।

चतुर किसान अपनी फसलों की निराई कर रहे हैं। (अपनी फसल से घास-फूस निकालकर फेंक रहे हैं)। इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे विद्वान लोग मोह, मद, माया का त्याग कर रहे हों।

बरसात के दिनों में चक्रवाक पक्षी कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा है जैसे कलियुग में धर्म पलायन कर गया हो।

यह पृथ्वी अनेक प्रकार के जीवों से भरी पड़ी है। यह उसी तरह शोभायमान हो रही है, जैसे अच्छे राजा के राज्य में प्रजा की वृद्धि (विकास) होती है।

यहाँ-वहाँ अनेक सही थककर इस तरह ठहरे हुए हैं, जैसे मनुष्य को ज्ञान प्राप्त होने पर इंद्रियाँ शिथिल हो जाती हैं और विषयों की ओर’ जाना छोड़ देती हैं।

4. कंबहुँ प्रबल …………………………… कुसंग-सुसंग।। (दोहा)

कभी-कभी वायु बहुत तेज गति से चलने लगती है। इससे बादल यहाँ-वहाँ गायब हो जाते हैं। यह दृश्य उसी प्रकार लगता है जैसे परिवार में कुपुत्र के उत्पन्न होने से कुल के उत्तम धर्म (श्रेष्ठ आचरण) नष्ट हो जाते हैं।

कभी (बादलों के कारण) दिन में घोर अंधकार छा जाता है और कभी सूर्य प्रकट हो जाता है। तब लगता है, जैसे बुरी संगति पाकर ज्ञान नष्ट हो गया हो और अच्छी संगति पाकर ज्ञान उत्पन्न हो गया हो।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 10 Thes Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 10 Thes Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 ठेस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 10 ठेस Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 10 ठेस Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 13

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 22

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 7

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 3.
वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
a. सातों तारे मंद पड़ गए।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी।
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
उत्तर:
a. सातों तारे मंद पड़ रहे हैं।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।

(अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘कला और कलाकार का सम्मान करना हमारा दायित्व है’, इस कथन पर अपने विचारों को शब्दबद्ध कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश की संस्कृति में लोक कलाओं की सशक्त पहचान रही है। ये मूलतः ग्रामीण अंचलों में अनेक जातियों व जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संरक्षित पारंपरिक कलाएँ हैं। लोक कला का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि भारतीय ग्रामीण सभ्यता का। लोक कलाओं में लोकगीत, लोकनृत्य, गायन, वादन, अभिनय, मूर्तिकला, काष्ठकला, धातुकला, चित्रकला, हस्तकला आदि का समावेश होता है। हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता है तथा जिसे मुख्यतः हाथ से या साधारण औजारों की सहायता से ही किया जाता है।

ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व होता है। वर्तमान में लोक कलाओं और कलाकारों को उचित प्रश्रय न मिलने के कारण अनेक लोक कलाओं पर संकट उत्पन्न हो गया है। धीरे-धीरे समय परिवर्तन, भौतिकतावाद, पश्चिमीकरण तथा आर्थिक संपन्नता के कारण परंपरागत लोक कलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जनता व प्रशासन दोनों को ही लोक कलाओं और कलाकारों की पहचान नष्ट होने से बचाने के प्रयास करने चाहिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए:

a. अली घर से बाहर चला जाता है। (सामान्य भूतकाल)
—————————————————————
b. आराम हराम हो जाता है। (पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
c. सरकार एक ही टैक्स लगाती है। (सामान्य भविष्यकाल)
—————————————————————
d. आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
e. वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं। (पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
g. सातों तारे मंद पड़ गए। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
h. मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
उत्तर:
a. अली घर से बाहर चला गया।
b. (अ) आराम हराम हो गया है।
(ब) आराम हराम हो चुका होगा।
c. सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।
d. आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।
e. (अ) उन्होंने बाजार से नई पुस्तक खरीदी थी।
(ब) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते रहेंगे।
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।
g. सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
h. मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 3
उत्तर:
मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था – अपूर्ण भूतकाल

1. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता हूँ।
2. सामान्य भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाऊँगा।
3. अपूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता रहँगा।
4. पूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल मैंने ही पहुँचाया है।
5. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया।
6. अपूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा हूँ।
7. पूर्ण भूतकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया था।
8. पूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुंचाने में ही जा चुका हूँगा।

उपयोजित लेखन

प्रश्न.
‘पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए।
उत्तर:
पुस्तकें अनमोल होती हैं। वे हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं, क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान का भंडार होती हैं। व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परंतु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं। पुस्तक प्रदर्शनी और मेले हमारे लिए वरदान हैं। ये पाठकों और लेखकों का संगम होते हैं। प्रत्येक वर्ष अगस्त में पुणे में कोरेगाँव पार्क में पुस्तक प्रदर्शनी और मेले का आयोजन किया जाता है। अनेक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहाँ आते हैं। इस बार मैं भी उस प्रदर्शनी में गया।

स्टालों पर पुस्तकें बड़े आकर्षक ढंग से सजी हुई थीं। सभी स्तर और रुचि के लोगों के लिए वहाँ यथेष्ट सामग्री थी। इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, धर्म, भाषा, यात्रा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों की पुस्तकें वहाँ थीं। अनेक स्कूलों के विद्यार्थी वहाँ आए हुए थे। बच्चे-बड़े सभी पुस्तकें खरीदने में व्यस्त थे या उनको देख-पढ़ रहे थे। कुछ लोग ग्रुप में खड़े पुस्तकों पर चर्चा कर रहे थे। मेरे पास समय का अभाव था। मैंने अपने और छोटे भाई के लिए मुंशी प्रेमचंद का कहानी-संग्रह तथा हिंदी का एक शब्दकोश खरीदा।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 10 ठेस Additional Important Questions and Answers

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
गाँव के लोग अब सिरचन को खेत-खलिहान की मजदूरी के लिए इसलिए नहीं बुलाते:
उत्तर:
लोग उसको बेकार ही नहीं, बेगार’ समझते हैं। दूसरे मजदूर खेत पर पहुँचकर एक-तिहाई काम कर चुकते हैं, तब पगडंडी पर तौल-तौलकर पाँव रखता हुआ, धीरे-धीरे कहीं सिरचन राय हाथ में खुरपी डुलाता हुआ दिखाई पड़ेगा।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी हैं?
(ii) लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
(iii) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
उत्तर:
(i) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
(ii) मैं पहले ही पूछ लेता, भोग क्या-क्या लगेगा?
(iii) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी है?

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 4.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम – …………………………..
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा – …………………………..
उत्तर:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम- बेगार।
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा- चिक।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘खेत-खलिहान की मजदूरी इस विषय में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत गाँवों और खेतों का देश है। यहाँ आज भी देश की दो-तिहाई जनता खेती से जुड़ी है। खेत हैं, खेती है तो मजदूर भी जरूरी हैं। मजदूर और किसान एक-दूसरे के पूरक हैं। मजदूर के बिना किसानों का काम असंभव-सा होता है। फसल की बुआई, गुड़ाई, निराई, सिंचाई आदि के काम के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती ही है। भूमिहीन मजदूर परिवार बहुत गरीब होते हैं। उनके पास अपनी जमीन नहीं होती। उन्हें रोजी-रोटी के लिए दूसरों के खेतों में काम करना पड़ता है। फसल की बुआई और कटाई के समय तो बड़े किसानों के खेतों में उन्हें काम और मजदूरी मिल जाती है, परंतु पूरे वर्ष काम नहीं मिल पाता। ऐसे समय इन मजदूरों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी के अन्य कार्य करने पड़ते हैं। बार-बार कर्ज लेना पड़ता है।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न, निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 11
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
गलत वाक्य सही करके लिखिए:
(i) दूध, घी, मलाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द के कारण मन ठीक नहीं है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।
उत्तर:
(i) दूध में कोई मिठाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द से माथा टनटना रहा है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन जाति का यह है – [ ]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [ ]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [ ]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन जाति का यह है – [कारीगर]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [मजदूरी]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [चटोर]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [सिरंचन]

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 14

गद्यांश क्र. 3.
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 15
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 17

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
(ii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।
(iii) मॅझली भाभी से रहा नहीं गया।
उत्तर:
(i) रंगीन सुतलियों में झब्बे डालकर सिरचन चिक बुनने बैठा।
(ii) मैंझली भाभी से रहा नहीं गया।
(iii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
मझली भाभी का मुँह लटक गया –
उत्तर:
मझली भाभी का प्रस्ताव सुनकर सिरचन ने कहा कि बहुरिया, मोहर छापवाली धोती के साथ रेशमी कुर्ता देने पर भी ऐसी चीज नहीं बनती। मानू दीदी का दूल्हा अफसर है। सिरचन की बात सुनकर मझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 4.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को –
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुंगिया लड्डू, बेटी की बिदाई के समय –
उत्तर:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को लिखकर चेतावनी दे दी है।
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुँगिया लड्डू, बेटी की विदाई के समय रोज मिठाई जो खाने को मिलेगी।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 18

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘मन लगाकर काम करना एक गुण है’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
किसी भी काम को मन लगाकर अर्थात तन्मयता से करना एक गुण है। उसका फल भी हमें मिलता है। मन लगाकर किए गए काम के परिणाम हमेशा उत्तम होते हैं। जिस काम को करने में मन लगता है, वह कभी बोझ नहीं लगता। जो काम मन मारकर करना पड़े, वह बोझ बन जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो एक किनारे खड़े होकर नाव की तलाश करते हैं अर्थात उचित काम और अवसर की तलाश करते रहते हैं और वह अवसर कभी नहीं आता, वे जिंदगी भर इंतजार ही करते रहते हैं। कुछ लोग नौकरी में मन लगाकर काम ही नहीं करना चाहते। दूसरे साथी जब मेहनत और लगन से काम करके प्रोन्नति पाकर आगे बढ़ जाते हैं, तो ईष्या के वश होकर उन्हें अधिकारियों का चमचा आदि कहते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है?
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती?
(iii) बँदिया मैं नहीं खाता, काकी!
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह?
उत्तर:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है? – लेखक ने माँ से कहा है।
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती? – लेखक की माँ ने मँझली भाभी से कहा है।
(iii) बुंदिया मैं नहीं खाता, काकी- सिरचन ने लेखक की माँ से कहा है।
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह? – चाची ने लेखक की माँ से कहा है।

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर खाने-पीने की यह न रहती।। – [ ]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर सिरचन ने इस पर निगाह डाली। – [ ]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [ ]
(iv) अरी मैंझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर – खाने-पीने की यह न रहती। – [सुध]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर – सिरचन ने इस पर निगाह डाली। [सूप]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [पान]
(iv) अरी मँझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [बँदियाँ]

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 20

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं है इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।।
उत्तर:
कहा जाता है कि बेटियों का असली घर उनका ससुराल होता है। जिसे असली घर बताया जाता है, यानि कि ससुराल, वहाँ अकसर बहू को बेगाना समझा जाता है। ससुराल में बहू को कोई हक नहीं होता कि वह अपनी इच्छा से कुछ कर सके। हर छोटी-बड़ी बात के लिए उसे ससुरालवालों की आज्ञा की आवश्यकता होती है। बहू सबकी इच्छाओं का ख्याल रखती है, सबका सम्मान करती है, पर बहू का सम्मान अकसर नहीं किया जाता। स्थिति तब और भी भयंकर हो जाती है, जब ससुरालवाले समय-असमय बहू के मायके की आलोचना करने लगते हैं।

मायकेवालों ने क्या भेजा है, बहू क्या लाई है? आदि प्रश्न घरवाले ही नहीं, कभी-कभी अड़ोस-पड़ोसवालों की जुबान पर भी आने लगते हैं। लड़केवाले प्रायः समझते हैं कि उनका दर्जा लड़कीवालों से ऊँचा है। बात-बात पर बह के मायकेवालों की उपेक्षा की जाती है। उनमें मीन-मेख निकाली जाती है। परिणामस्वरूप, बहू के मन में ससुराल के प्रति विद्वेष की भावना आ जाती है। हमें बहू के मायकेवालों का सम्मान करना होगा। तभी बहू भी ससुरालवालों को सम्मान देगी। हमेशा उनसे कुछ लेने की अपेक्षा करना उचित नहीं है।

गद्यांश क्र.5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
*(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा –
(ii) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी –
उत्तर:
(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा – गमकौआ जर्दा।
(i) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी – शीतलपाटी।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(iii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
उत्तर:
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(ii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
(iii) सातों तारे मंद पड़ गए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
(i) मेरा कलेजा धड़क उठा… हो गया सत्यानाश!
(ii) सातों तारे मंद पड़ गए।
उत्तर:
(i) चाची ने सिरचन को बुरी तरह डाँटा था। मैं जानता था कि सिरचन बड़ा स्वाभिमानी है। अब वह मानू की ससुराल के लिए चिक और शीतलपाटी बनाएगा भी या नहीं।
(ii) सिरचन बड़ा स्वाभिमानी था। चाची ने उसे बुरी तरह डाँटा तो वह उस चिक को, जिसे उसने बड़े मन से बनाना शुरू किया था, अधूरी छोड़कर चला गया।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन काम अधूरा छोड़कर चला गया। क्या यह उचित था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
लेखक की चाची के बुरा-भला कहने पर सिरचन नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला गया। इसे किसी भी प्रकार उचित नहीं कहा जा सकता। सिरचन अच्छी तरह जानता था कि चिक और पटेर की शीतलपाटियाँ मानू के अफसर दूल्हे की फरमाइश पर बनवाई जा रही हैं। मानू उन्हें लेकर ही ससुराल जाएगी। फिर भी उसने काम पूरा . नहीं किया और चला गया। यह सिरचन ने ठीक नहीं किया। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि दूल्हे की फरमाइश पूरी न होने की स्थिति में मानू को ताने सुनने पड़ सकते हैं। सास-ससुर व घर के अन्य सदस्यों की नाराजगी का शिकार होना पड़ सकता है। उस समय वह मानू, जिसके प्रति सिरचन के मन में भी स्नेह था, कितनी दुखी होगी। सिरचन का काम अधूरा छोड़कर जाना मुझे उचित नहीं लगा। (विद्यार्थी अपने ३ विचार लिखें।)

गद्यांश क्र. 6
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू?
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी!
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू।
(iv) ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
उत्तर:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू? – बड़ी भाभी ने मानू से कहा है।
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी! – लेखक ने बड़ी भाभी से कहा है।
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू। – सिरचन ने लेखक से कहा है।
(iv) यह मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी! – सिरचन ने मानू से कहा है।

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प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।
(ii) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(iii) मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा था।
उत्तर:
(i) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(ii) मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था।
(iii) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।

प्रश्न 3.
दो ऐसे प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सिरचन ने
(ii) मानू।
उत्तर:
(i) किसने दाँत से जीभ को काटकर दोनों हाथ जोड़ दिए?
(ii) मोहर छापवाली धोती का दाम कौन देने लगी?

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति है। वह एक उच्चकोटि का कलाकार है। चिक, शीतलपाटी आदि बनाने में पूरे क्षेत्र में उसका कोई सानी नहीं है। लेखक का परिवार, विशेष रूप से उनकी माँ का सिरचन बहुत आदर करता है। लेखक की माँ भी सिरचन की कला का सम्मान करती है। शायद इसीलिए लेखक की चाची उससे जली-भुनी रहती है। भावुक होने के कारण सिरचन को किसी के द्वारा टोका जाना तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए चाची के बुरा-भला कहने पर वह नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला जाता है।

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परंतु सिरचन जानता है कि चिक, शीतलपाटी आदि सभी चीजों के लिए मानू के अफसर पति ने फरमाइश की थी। उसे मानू से स्नेह था। अतः नाराज होने के बावजूद वह मानू के लिए वे सारी चीजें बनाता है और इतनी सुंदर कि लेखक भी उसकी कारीगरी देखकर दंग रह जाता है। सिरचन स्वयं उन्हें लेकर स्टेशन आता है। मानू जब माँ द्वारा कही गई मोहर छापवाली धोती का दाम सिरचन को देना चाहती है तो वह दोनों हाथ जोड़कर मना कर देता है।

उपक्रम/कृति/परियोजना

प्रश्न.
लेखनीय
लोक कलाओं के नामों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:

  • मधुबनी
  • जादोपाटिया
  • कलमकारी
  • कांगड़ा
  • गोंड
  • चित्तर
  • तंजावुर
  • थंगक
  • पातचित्र
  • पिछवई
  • पिथोरा
  • फड़
  • बाटिक
  • यमुनाघाट
  • वरली।

प्रश्न.
पठनीय
देश की आत्मा गाँवों में बसती है, गांधी जी के इस विचार से संबंधित लेख पदिए तथा इस पर स्वमत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
हमारा देश कृषिप्रधान देश है। यह गाँवों का देश है। भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। सरित-सरोवर, झील-जलाशय, विविध विटप, वन-पर्वत, खेत-खलिहान और सहज-स्वाभाविक जीवन शैली सब गाँवों में ही उपलब्ध हो सकती है। आज भी भारत की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गाँवों में बसती है। परंतु देश के आर्थिक विकास का लाभ गाँववासियों को संख्या के अनुपात में नहीं मिल पाता। आज भी असंख्य गाँव देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। गाँवों की समस्याएँ चाहे गरीबी हो, सामाजिक हो, पेयजल हो या बिजली, सड़क, शिक्षा आदि हों, इन्हें कभी भी गंभीर रूप से नहीं लिया गया। शहर के निकट बसे गाँवों में तो फिर भी विकास की संभावनाएं बनी रहती हैं, परंतु दूर-दराज के पिछड़े गाँवों के विकास के प्रति प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता। देखा जाए तो गाँवों की प्रगति से ही पूरे देश की प्रगति जुड़ी है, क्योंकि गाँवों से ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता अनाज, वस्त्र, कागज, ईंधन, उद्योगों के लिए कच्चा माल आदि की पूर्ति होती है।

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प्रश्न.
संभाषणीय
आपकी तथा परिवार के किसी बड़े सदस्य की दिनचर्या की तुलना कीजिए तथा समानता एवं अंतर बताइए।
उत्तर:
मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ और उसी स्कूल में पढ़ती हूँ, जहाँ मेरी माँ वाइस प्रिंसिपल हैं और हिंदी की प्राध्यापिका हैं। हम दोनों आठ बजे बस से स्कूल जाते हैं और दो बजे घर लौटते हैं। माँ सुबह जल्दी जगती हैं। नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती हैं। मुझे जगाती हैं। स्वयं तैयार होती हैं। फिर हम स्कूल के लिए निकलते हैं। स्कूल से घर आकर मैं कपड़े बदलती हूँ, तब तक माँ खाना गरम करती हैं। खाना खाते समय हम दोनों स्कूल व मेरी पढ़ाई के विषय में बातें करते हैं। उसके बाद हम दोनों लगभग एक घंटा विश्राम करते हैं। चार बजे माँ फिर से काम पर लग जाती हैं।

विद्यार्थियों का गृहकार्य-कक्षाकार्य आदि जाँचना, कभी परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र बनाना और कभी परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएँ जाँचना, हर दिन माँ के पास स्कूल से संबंधित काम होता ही है। मैं भी उनके पास बैठकर पढ़ती हूँ। छह-साढ़े छह बजे माँ रात के खाने की तैयारी के लिए रसोई में जाती हैं। इस बीच मैं अपनी सहेलियों के साथ कुछ देर खेलने चली जाती हूँ। आठ बजे पिता जी के आने के बाद हम तीनों खाना खाते हैं। उसके बाद मैं पढ़ती हूँ और ग्यारह बजे सो जाती हूँ।

प्रश्न.
श्रवणीय
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योगों की जानकारी रेडियो/दूरदर्शन पर सुनिए और इसके मुख्य मुद्दों को लिखिए।
उत्तर:
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योग और क्षेत्र:

  • कोल्हापुरी चप्पलें (कोल्हापुर)
  • वरली पेंटिंग (ठाणे)
  • लकड़ी के खिलौने (सावंतवाडी)
  • गंजीफा (सावंतवाडी)
  • चाँदी का काम (हुपरी)
  • बीदरी काम (बीदर)
  • दरी (विदर्भ)
  • बाँस का सामान (रायगड, ठाणे)
  • पीतल के संगीत वाद्य (ताल, झाँझ, घंटे)

ठेस Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : कलाकार किसी भी धर्म, जाति और वर्ग का हो, उसे अपनी कला पर अभिमान होता है। वह स्वाभिमान के मूल्य को समझता है और उसकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। जाति या धर्म के नाम पर जब उसके स्वाभिमान पर आघात होता है तो वह उसे बरदाश्त नहीं करता।

प्रस्तुत कहानी में सिरचन नामक एक ग्रामीण कलाकार का वर्णन किया गया है। वह मोथी घास और पटेर की रंगीन शीतलपाटी (चटाई), बाँस की तीलियों की झिलमिलाती चिक, सतरंगे डोर के मोढ़े, भूसी-चुन्नी रखने के लिए पूँज की रस्सी के बड़े-बड़े जाले, ताल के सूखे पत्तों की छतरी-टोपी आदि उपयोगी वस्तुएँ बनाता है। ये वस्तुएँ बनाकर वह अपनी आजीविका कमाता है। स्वाभिमानी होने के कारण वह हर परिस्थिति में अपने स्वाभिमान की रक्षा करता है।

Hindi Lokbharti 10th Std Digest पहली इकाई

Class 10 Hindi Chapter 3 Shram Sadhana Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 3 Shram Sadhana Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 श्रम साधना Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 10th Digest Chapter 3 श्रम साधना Questions And Answers

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 3 श्रम साधना Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए 

*सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए:
१. व्यापारी और उद्योगपतियों के लिए अर्थशास्त्र द्वारा बनाए गए नये नियम –
२. संपत्ति के दो मुख्य साधन –
३. समाप्त हुईं दो प्रथाएँ –
४. कल्याणकारी राज्य का अर्थ –
उत्तर:
कल्याणकारी राज्य का अर्थ – सब तरह के दुर्बलों को राजसत्ता द्वारा मदद दिया जाना।

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 44
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 35

प्रश्न 3.
तुलना कीजिए:
बुद्धिजीवी – श्रमजीवी
1. …………………. 2. ………………….
1. …………………. 2. ………………….
उत्तर:
बुद्धिजीवी – श्रमजीवी
1. बौद्धिक काम करना। -1. शारीरिक श्रम करना।
2. अधिक आमदनी, प्रतिष्ठित एवं सुखमय जीवन। – 2. आमदनी कम, प्रतिष्ठा नहीं, कष्टमय जीवन।

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प्रश्न 4.
लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 454
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 39

प्रश्न 5.
पाठ में प्रयुक्त ‘इक’ प्रत्यययुक्त शब्दों को ढूँढ़कर लिखिए तथा उनमें से किन्हीं चार का स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 6.
पाठ में कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनके विलोम शब्द भी पाठ में ही प्रयुक्त हुए हैं, ऐसे शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
(i) हाड़ × माँस
(ii) प्रत्यक्ष × अप्रत्यक्ष
(iii) देश × विदेश
(iv) हाथ × पैर
(v) स्वार्थ × परार्थ
(vi) अमीर × गरीब।

अभिव्यक्ति
‘समाज परोपकार वृत्ति के बल पर ही ऊँचा उठ सकता है’, इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हमारे शास्त्रों में परोपकार को बहुत महत्त्व दिया गया है। पेड़ों में फल लगना, नदियों के जल का बहना परोपकार का ही एक रूप है। इसी तरह सज्जन व्यक्तियों की संपत्ति और इस शरीर को भी परोपकार में लगा देने के लिए कहा गया है। हमारे समाज में गरीब-अमीर हर प्रकार के व्यक्ति होते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जिन्हें भरपेट भोजन भी नहीं मिलता और कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके पास इतनी संपत्ति है कि उन्हें स्वयं इसकी पूरी जानकारी नहीं है। मनुष्य में परोपकार की प्रवृत्ति जन्मजात होती है। प्यासे को पानी पिलाना और किसी भूखे को खाना खिला देना कौन नहीं चाहता।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

यही परोपकार भावना है। हमारे देश में अनेक अस्पताल, अनेक शिक्षा संस्थाएँ परोपकार करने वाले लोगों के धन से चल रही हैं। समाज के कमजोर वर्ग के लिए तरह-तरह की संस्थाएँ काम कर रही हैं। इनका संचालन दान अथवा सहायता के रूप में प्राप्त धन से हो रहा है। हर युग में समाज के उत्थान के लिए परोपकारियों का सहयोग प्राप्त होता रहा है। यह सहयोग इसी तरह मिलता रहना चाहिए तभी हमारे समाज का उत्थान होगा।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में अधोरेखांकित शब्द समूह के लिए कोष्ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
[इज्जत उतारना, हाथ फेरना, काँप उठना, तिलमिला जाना, दुम हिलाना, बोलबाला होना]

१. करामत अली हौले-से लक्ष्मी से स्नेह करने लगा।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: करामत अली हौले-से लक्ष्मी पर हाथ फेरने लगा।

२. सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं भयभीत हो गया ।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: सार्वजनिक अस्पताल का ख्याल आते ही मैं काँप उठा।

३. क्या आपने मुझे अपमानित करने के लिए यहाँ बुलाया था ?
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: क्या आपने मेरी इज्जत उतारने के लिए यहाँ बुलाया था?

४. सिरचन को बुलाओ, चापलूसी करता हुआ हाजिर हो जाएगा।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: सिरचन को बुलाओ, दुम हिलाता हुआ हाजिर हो जाएगा।

५. पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही क्रोध में आ गए।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही तिलमिला उठे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका अर्थपूर्ण वाक्यों में प्रयोग कीजिए
१. गुजर-बसर करना: ………………………………………
२. गला फाड़ना: ………………………………………
३. कलेजे में हूक उठना: ………………………………………
४. सीना तानकर खड़े रहना: ………………………………………
५. टाँग अड़ाना: ………………………………………
६. जेब ढीली होना: ………………………………………
७. निजात पाना: ………………………………………
८. फूट-फूटकर रोना: ………………………………………
९. मन तरंगायित होना: ………………………………………
१०. मुँह लटकाना: ………………………………………
उत्तर:
(i) गुजर-बसर करना।
अर्थ: जीविका चलाना।
वाक्य: पंडित घनश्याम किसी तरह गुजर-बसर कर लेते हैं।

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(ii) गला फाड़ना।
अर्थ: ऊँची आवाज में बोलना।
वाक्य: बेटे ने पिता से कहा, “मैं आपकी बात सुन रहा हूँ,आप
नाहक गला फाड़ रहे हैं।”

(iii) कलेजे में हूक उठना।
अर्थ: कसक होना।
वाक्य: सेठ लक्खूमल जब भी जवान बेटे की हत्या की बात याद करते हैं, उनके कलेजे में हूक उठती है।

(iv) सीना तानकर खड़े रहना।
अर्थ: दृढ़तापूर्वक अड़े रहना।।
वाक्य: वह समाजसेवक निर्दोष लोगों की सहायता के लिए सीना तानकर खड़ा रहता हैं।

(v) टाँग अड़ानां।
अर्थ: कार्य में बाधा डालना।
वाक्य: किसी के बनते हुए काम में टाँग अड़ाना अच्छी बात नहीं है।

(vi) जेब ढीली होना।
अर्थ: काफी खर्च होना।
वाक्य: मरीज की बीमारी तो ठीक हो गई, पर अस्पताल का बिल भरने में जेब ढीली हो गई।

(vii) निजात पाना।
अर्थ: मुक्त होना।
वाक्य: आखिरकार लंबे अरसे बाद सेठजी लेन-देन के मुकदमे से निजात पा गए।

(viii) फूट-फूटकर रोना।
अर्थ: बिलखते हुए रोना।
वाक्य: बेटे के गायब हो जाने पर माँ फूट-फूटकर रोई थी।

(ix) मन तरंगित होना।
अर्थ: मौज में आना।
वाक्य: बेटे की अच्छे वेतनवाली नौकरी लग जाने की बात सुनकर पिता का मन तरंगित हो गया।

(x) मुँह लटकाना।
अर्थ: चिंता, दुख से सिर नीचा कर लेना।
वाक्य: पिता जब निकम्मे बेटे को फटकारता है, तो वह मुँह लटकाकर सुनता रहता है।

प्रश्न 3.
पाठ्यपुस्तक में आए मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(इसके लिए विद्यार्थी ‘नवनीत हिंदी (LL) उपयोजित लेखन, कक्षा दसवीं’ पुस्तक देखें।)

उपयोजित लेखन

निम्न शब्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए
मिट्टी, चाँद, खरगोश, कागज।
उत्तर:
एक छोटा-सा गाँव था। गाँव के लोग खेती-बारी से अपना गुजारा करते थे। लोगों के पास छोटे-छोटे खेत थे। वे अपने खेतों में साल में दो फसलें उगाते थे। खेतों में उत्पन्न अनाज से साल भर बड़ी मुश्किल से उनका काम चलता था। इस गाँव के लोगों में आपस में बहुत प्रेम-भाव था। गाँव में कुछ लोग ऐसे थे, जिनके पास खेत भी नहीं थे। उनका जीवन बहुत कष्टमय था। इन्हीं में से एक था आत्माराम। आत्माराम गाँव के किसानों के खेत में काम करके कुछ कमा लिया करता था।

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एक दिन गाँव में एक साधु महाराज आए। आत्माराम ने साधु के सामने अपनी समस्या रखते हुए कहा, “महाराज कुछ ऐसा उपाय बताइए, जिसमें मैं चार पैसे कमाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल सकूँ।” साधु महाराज ने कहा, “ले यह मिट्टी। यह मिट्टी तेरे लिए सोना बनेगी।” आत्माराम बोला, “मैं समझा नहीं, महाराज। ऐसी मिट्टी तो गाँव में बहुत है, क्या करूँ इसका?” साधु ने कहा, “मिट्टी खोद। उससे खिलौने बना और बाजार में बेच। तेरा भला होगा।” आत्माराम ने साधु को धन्यवाद दिया।

वह मिट्टी से खरगोश, चूहा, तोता, गुड़िया, गुड्डा बनाता और बाजार में बेच आता। इससे उसे अच्छी आय होने लगी। अब उसकी जिंदगी आराम से चलने लगी।

एक दिन बाजार में एक लड़के ने उससे चाँद के खिलौने की माँग की। यह खिलौना तो उसने कभी बनाया ही नहीं था। बात आई-गई हो गई।

एक दिन आत्माराम ने चाँद की शक्ल का पतंग आकाश में उड़ते हुए देखा। फिर क्या था! अब आत्माराम ने मिट्टी के खिलौने बनाने बंद कर दिए और कागज के पतंग, खरगोश, तोते, बिल्ली, गुड़िया, गुड्डा आदि बनाने लगा। अब उसके खिलौनों का वजन हल्का हो गया और उसकी कमाई भारी हो गई।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 3 श्रम साधना Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 1
(स्वाध्याय में दिए गए ‘उत्तर लिखिए’ प्रश्न को कृतिस्वरूप में दिया गया है।)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 2
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 4
(ii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 5
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
(i) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 13

(ii) लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 14

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 9
(ii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 10
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 11
(iv)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 15

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) प्रथा =
(ii) युद्ध =
(iii) हुकूमत =
(iv) गुलामी =
उत्तर:
(i) प्रथा = रिवाज
(ii) युद्ध = लड़ाई
(iii) हुकूमत = शासन
(iv) गुलामी = दासता।

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प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) गौण x
(ii) अनेक x
(iii) अप्राकृतिक x
(iv) बादशाह x
उत्तर:
(i) गौण x मुख्य
(ii) अनेक x एक
(iii) अप्राकृतिक x कृत्रिम
(iv) बादशाह x भिखारी।

प्रश्न 3.
लिंग पहचान कर लिखिए:
(i) मकान – ………………………
(i) संपत्ति – …………………………
उत्तर:
(i) मकान – पुल्लिग
(ii) संपत्ति – स्त्रीलिंग।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘राजाओं और बादशाहों का राज’ के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले हमारे देश में छोटी-बडी अनेक रियासतें थीं। राजा, बादशाह और तालुकेदार इन रियासतों के मालिक थे। इनके राज में रहने वाली जनता इनकी प्रजा कहलाती थी। राजा और बादशाह जनता से तरह-तरह के कर वसूल करते थे और कर अदा न कर पाने पर जनता पर तरह-तरह के अत्याचार करते थे। एक तरह से जनता को ये अपना गुलाम समझते थे और उसका शोषण करने में जरा भी नहीं झिझकते थे। जनता इनसे त्रस्त थी।

इसके अलावा ये राजा और बादशाह अपने स्वार्थ के लिए आपस में लड़ते-भिड़ते थे और मौका मिलने पर एक-दूसरे की रियासतों पर कब्जा कर जनता में लूटपाट किया करते थे। असहाय जनता की कोई सुनने वाला नहीं था। आजादी मिलने के बाद इन छोटी-छोटी रियासतों को खत्म कर भारत संघ में मिला लिया गया। इसके बाद इन राजाओं और बादशाहों का राज खत्म हो गया। इसके साथ ही समाप्त हो गया जनता पर इनका अत्याचार। फिर तो प्रजातंत्र में न कोई किसी का राजा रहा न कोई किसी की प्रजा। सबको समान अधिकार उपलब्ध हो गए।

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गद्यांश क्र. 2
प्रश्न निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 18
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 19

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
अकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 17
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 20

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 21
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 23

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
(i) जो संपत्ति का निर्माण करते हैं, वे – [ ]
(ii) धन इकट्ठा होता है इनके पास – [ ]
(iii) बौद्धिक काम से अपना भरण-पोषण करने वाले लोग – [ ]
(iv) समाज के लिए ये दोनों जरूरी हैं – [ ]
उत्तर:
(i) जो संपत्ति का निर्माण करते हैं, वे माण – [मजदूर]
(ii) धन इकट्ठा होता है इनके पास – [व्यवस्था करने वाले]
(iii) बौद्धिक काम से अपना भरण-पोषण करने वाले लोग – [मंत्री, राज्य के कर्मचारी, क्लर्क, न्यायाधीश, वकील, डॉक्टर, अध्यापक, व्यापारी]
(iv) समाज के लिए ये दोनों जरूरी है – [श्रमजीवी और बुद्धिजीवी]

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 22
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 24

(ii) दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(1) अन्न
(2) श्रम जीवियों पर
उत्तर:
(1) वर्षभर मेहनत कर किसान क्या पैदा करता है?
(2) बुद्धिजीवियों का जीवन किन लोगों पर आधारित है?

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में आए शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) लेन – देन
(ii) राज – काज
(iii) ऊँचे – ऊँचे
(iv) भरण – पोषण।

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) प्रत्यक्ष × ……………………..
(ii) धनवान × ……………………..
(iii) ऊँचा × ……………………..
(iv) दुर्भाग्य × ……………………..
उत्तर:
(i) प्रत्यक्ष × परोक्ष
(ii) धनवान × निर्धन
(iii) ऊँचा × नीचा
(iv) दुर्भाग्य × सौभाग्य।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘शारीरिक श्रम का महत्त्व’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
श्रम दो प्रकार का होता है। शारीरिक श्रम और बौद्धिक श्रम। पुराने जमाने में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या कम थी, इसलिए लोगों को शारीरिक श्रम का ही सहारा था। वे जीवन-यापन के लिए छोटा-मोटा काम करके अपना गुजारा कर लेते थे। शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो जाने के बाद पढ़े-लिखे लोगों की संख्या में अंधाधुंध वृद्धि हुई है। हर शिक्षित व्यक्ति चाहता है कि उसे ऐसी नौकरी मिले, जिसमें उसे शारीरिक श्रम न करना पड़े। शारीरिक श्रम वाला काम कोई करना नहीं चाहता। इसलिए देश में लाखों नवयुवक बेरोजगार हैं। यह लोगों के शारीरिक श्रम से परहेज रखने का परिणाम है।

लोगों को शारीरिक श्रम का महत्त्व समझना जरूरी है। बुद्धि के बल पर बड़ीबड़ी योजनाएँ बनाई जा सकती हैं, पर उनका कार्यान्वयन करने के लिए शारीरिक श्रम की ही आवश्यकता होती है। छोटी-छोटी चीजों से लेकर बड़ी-बड़ी चीजों का निर्माण केवल शारीरिक श्रम से ही हो सकता है। जो व्यक्ति इस रहस्य को समझते हैं, वे शारीरिक श्रम को महत्त्व देते हैं। अनेक पढ़े-लिखे लोग अपना व्यवसाय अथवा छोटा-मोटा काम शुरू करके अपना जीवन-यापन कर रहे हैं और बौद्धिक श्रम के साथ शारीरिक श्रम उनका साथ दे रहा है। स्वरोजगार के द्वारा वे स्वयं भी काम कर रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 25
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 26
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 27
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 28
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 30
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 31

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 32
(ii)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 33
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 34
(ii)

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) आम = …………………….
(ii) श्रम = …………………….
(iii) हिस्सा = …………………….
(iv) जगत = …………………….
उत्तर:
(i) आम = सामान्य
(ii) श्रम = मेहनत
(iii) हिस्सा = भाग
(iv) जगत = संसार।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय और मूल शब्द अलग करके लिखिए:
(i) योग्यता
(i) अल्पतम
(ii) बुनियादी
(iv) सामाजिक
उत्तर:
(i) योग्य + ता (ता)
(ii) अल्प + तम (तम)
(iii) बुनियाद + ई (ई)
(iv) समाज + इक (इक)।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘समाज परोपकार वृत्ति के बल पर ही ऊँचा उठ सकता है’- इस कथन से संबंधित अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।

गद्यांश क्र.4
प्रश्न. निम्नलिखित पठिक अट्यार पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 36
(iii) Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 37
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 38

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 40
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 41

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) अर्थशास्त्रियों के अनुसार उत्पादन की प्रेरणा के लिए यह करना होगा – [ ]
(ii) पूँजी के बारे में अनुभव यह बताता है – [ ]
(iii) लेखक के अनुसार स्वार्थ का अर्थ – [ ]
(iv) समाज इस वृत्ति के बल पर ऊँचा उठ सकता है – [ ]
उत्तर:
(i) अर्थशास्त्रियों के अनुसार उत्पादन की प्रेरणा के लिए यह करना होगा – [व्यक्ति को स्वार्थ के लिए अवसर देने होंगे।
(ii) पूँजी के बारे में अनुभव यह बताता है – [पूँजी गरीबी या बेकारी की समस्या हल नहीं कर सकी है]
(iii) लेखक के अनुसार स्वार्थ का अर्थ – [परार्थ की हानि]
(iv) समाज इस वृत्ति के बल पर ऊँचा उठ सकता है – [परोपकार की वृत्ति]

प्रश्न 3.
गद्यांश के वाक्यों को उचित क्रम से लिखिए:
(i) देखना है कि समाज का कल्याण किस वृत्ति से होगा।
(ii) बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता।
(iii) आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम के बिना हो ही नहीं सकती।
(iv) नैतिक दृष्टि से स्वार्थवृत्ति का पोषण करना योग्य नहीं है।
उत्तर:
(i) आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम के बिना हो ही नहीं सकती।
(ii) बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता।
(iii) नैतिक दृष्टि से स्वार्थवृत्ति का पोषण करना योग्य नहीं है।
(iv) देखना है कि समाज का कल्याण किस वृत्ति से होगा।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द समूह के लिए गद्यांश से चुनकर एक-एक शब्द लिखिए:
(i) वह दौलत, जो किसी के अधिकार में हो और जो खरीदी या बेची जा सकती हो-
(ii) दूसरों के उपकार या भलाई का काम’ –
(iii) ऐसी बात-जिसमें केवल अपना हित हो –
(iv) वह धन-जिससे कोई व्यवसाय आरंभ किया गया हो –
उत्तर:
(i) संपत्ति
(ii) परोपकार
(iii) स्वार्थ
(iv) पूँजी।

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प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) थोड़ा × ……………………
(ii) दोषपूर्ण × ……………………
(iii) योग्य × ……………………
(iv) गरीबी × ……………………
उत्तर:
(i) थोड़ा × बहुत
(ii) दोषपूर्ण × निर्दोष
(iii) योग्य × अयोग्य
(iv) गरीबी × अमीरी।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘मेवे फलते श्रम की डाल’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपनी लिखित अभिव्यक्ति दीजिए।
उत्तर:
श्रम दो प्रकार का होता है। एक शारीरिक श्रम और दूसरा बौद्धिक श्रम। दोनों प्रकार के श्रम का अपना-अपना महत्त्व है। श्रम को सदा महत्त्व दिया गया है। श्रम करने वाला व्यक्ति परिश्रम करके अपना भरण-पोषण करता है और शान से रहता है। जो श्रम करता है, वह स्वयं अपने भाग्य का निर्माण करता है। वह अपना खून-पसीना एक कर मेहनत की पवित्र रोटी खाता है। मेहनत की जिंदगी ही सच्ची जिंदगी है।

श्रम करने वाला व्यक्ति काम से कभी नहीं घबराता। उसके सामने जैसा भी काम आता है, उसे वह लगन और मेहनत से पूरा करता है। विद्यार्थी श्रम द्वारा ही परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं। मजदूर, किसान, इंजीनियर, वैज्ञानिक, व्यापारी, खिलाड़ी आदि सबकी प्रगति में श्रम का ही हाथ होता है। हमें याद रखना चाहिए कि श्रम कभी बेकार नहीं जाता। ईमानदारी से किए गए श्रम का तुरंत लाभ भले न मिले, पर कभी-न-कभी उसका फल मिलकर ही रहता है। श्रम करने वाले ही मेवों का स्वाद चखते हैं।

गद्यांश क्र. 5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 42
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 43

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(i) शरीर श्रम के लिए क्या जरूरी है?
(ii) श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाना किसके हाथ है?
उत्तर:
(i) शरीर श्रम के लिए जरूरी है दिल में प्रीति होना।
(ii) श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाना श्रमिक के हाथ है।

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) गांधीजी की मान्यता के अनुसार। हर व्यक्ति को यह करना चाहिए – [ ]
(ii) अब कुछ समय से जगत के सामने दया की जगह यह विचार आया है – [ ]
(iii) महात्माजी द्वारा दी गई प्रसिद्ध विचारधारा – [ ]
(iv) अहिंसा के मार्ग से यह प्रश्न हल हो सकता है – [ ]
उत्तर;
(i) गांधीजी की मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति को यह करना चाहिए – [उत्पादक श्रम]
(ii) अब कुछ समय से जगत के सामने दया की जगह यह विचार आया है – [समता का]
(iii) महात्माजी द्वारा दी गई गई प्रसिद्ध विचारधारा – [अहिंसा]
(iv) अहिंसा के मार्ग से यह प्रश्न हल हो सकता है – [विषमता का]

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के आधार पर प्रश्न बनाइए:
(i) गांधीजी ने श्रम और श्रमिक की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए ही रचनात्मक कार्यों को लोक चेतना का माध्यम बनाया।
(ii) कानून से मानवोचित गुणों का विकास नहीं हो सकता?
(iii) अहिंसा के प्रभाव का कुछ अनुभव भी हम कर सकते हैं।
(iv) आर्थिक सामाजिक समता का प्रश्न अहिंसा के मार्ग से सुलझेगा।
उत्तर:
(i) गांधीजी ने किन बातों की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए रचनात्मक कार्यों को लोक चेतना का माध्यम बनाया?
(ii) कानून से किन गुणों का विकास नहीं हो सकता?
(iii) किसके प्रभाव का अनुभव हम कर सकते हैं?
(iv) आर्थिक सामाजिक समता का प्रश्न किस मार्ग से सुलझेगा?

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कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन पहचान कर लिखिए:
(i) बच्चा – ………………….
(ii) विषमताएँ – ………………….
(iii) पैसे – ………………….
(iv) धनिक – ………………….
उत्तर:
(i) बच्चा – एकवचन
(ii) विषमताएँ – बहुवचन
(ii) पैसे – बहुवचन
(iv) धनिक – एकवचन।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त ‘इक’ प्रत्यययुक्त शब्दों को ढूँढ़कर स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
(iv) ………………….
(v) ………………….
(vi) ………………….
उत्तर:
(i) आर्थिक
(ii) प्राकृतिक
(iii) श्रमिक
(iv) सामाजिक
(v) प्राथमिक
(vi) बौद्धिक

(i) आर्थिक: किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कुछ करो।
(ii) प्राकृतिक: कश्मीर की घाटी प्राकृतिक दृश्यों से भरी पड़ी है।
(iii) श्रमिक: कारखाने में काम करने वाले श्रमिक का काम बहुत मेहनत का होता है।
(iv) सामाजिक: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
(v) प्राथमिक: घायल व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत होती है।
(vi) बौद्धिक: हर व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता भिन्न-भिन्न होती है।

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कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
शारीरिक श्रम स्वास्थ के लिए अति उत्तम’ विषय पर अपने। विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
शारीरिक श्रम का अर्थ है, वह मेहनत, जिसमें हाथ-पैर के सहयोग से काम संपन्न हो। किसान, मजदूर, क्ली, ठेलेवाले, शारीरिक मेहनत करते हैं। वैसे हर व्यक्ति जाने-अनजाने थोड़ी बहुत शारीरिक मेहनत करता ही है। अपने घर की सफाई करना, खाना बनाना, बरतन धोना और बाजार-हाट से सामान-सब्जी लाना भी श्रम है। कुछ शारीरिक काम करने वाले लोग धूप में खेतों में काम करते हैं।

कुछ कारखानों में पसीना बहाकर मेहनत करते हैं। कुछ अनाज के बोरे ३ गाड़ियों पर चढ़ाते-उतारते हैं। कुछ सड़कों पर हथौड़े लेकर पत्थर तोड़ते ३ या खुदाई करते हैं। ये मोटा खाते और मोटा पहनते हैं, पर शारीरिक ३ रूप से स्वस्थ होते हैं। दूसरी ओर वे लोग हैं, जो कोई शारीरिक श्रम ३ नहीं करते। वे पौष्टिक भोजन करते हैं, नर्म गद्देदार बिछौनों पर सोते B हैं, पर बीमारी के कारण उन्हें नींद नहीं आती। भोजन नहीं पचता।

डॉक्टर इन्हें कम भोजन करने और ज्यादा दवाइयाँ लेने के लिए कहते हैं। शारीरिक श्रम के अभाव में इनका जीवन कष्टप्रद बन जाता है।

डॉक्टर इन्हें हाथ-पैर चलाने और व्यायाम करने की सलाह देते हैं। ऐसे 3 लोगों को शारीरिक श्रम करने वालों से सबक लेना चाहिए, जो

अपनी मेहनत के बल पर भले-चंगे बने रहते हैं। इस प्रकार शारीरिक , श्रम अच्छे स्वाथ्य की कुंजी है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न, सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

प्रश्न.
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) गांधीजी ने यह काम श्रम और श्रमिक की प्रतिष्ठा कायम करने के लिए किया।
(ii) विषमता दूर करने के लिए प्रभावशाली उपाय करना चाहिए।
उत्तर:
(1) गांधीजी – व्यक्तिवाचक संज्ञा।
(ii) प्रभावशाली – गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:

प्रश्न.
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) फिर
(ii) कभी-कभी।
उत्तर:
(i) संपत्ति रूपी ये सब चीजें फिर कैसे बनती हैं?
(ii) बुद्धिजीवियों को भी कभी-कभी शरीर श्रम करना पड़ता है।

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3. संधि:

प्रश्न.
कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
……………………  स्व + अर्थ  ……………………
 अथवा
 ……………………  सम् + पूर्ण ……………………

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद संधि भेद
स्वार्थ  स्व + अर्थ स्वर संधि
 अथवा
सपूर्ण  सम् + पूर्ण व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) प्रतिदिन समय पर अपना काम किया करो।
(ii) वह अपनी जमा-पूँजी भी गंवा बैठा।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) करो – करना
(ii) बैठा – बैठना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित- क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) खौलना
(ii) डूबना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – दवितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) खौलना – खौलाना – खौलवाना
(ii) डूबना – डुबाना – डुबवाना

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6. मुहावरे:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) मुंह फेरना
(ii) रट लगाना।
उत्तर:
(i) मुँह फेरना।
अर्थ: उपेक्षा करना।
वाक्य: कर्मचारी अपनी माँग लेकर सेठ जी के पास जाते तो वे उनसे बात करने के बजाय मुँह फेर लेते।

(ii) रट लगाना।
अर्थ: एक ही बात बार-बार कहना।
वाक्य: मुर्गा बहुत सबेरे ‘कुकड़-फूं’ की रट लगाता है।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (फूला न समाना, भार होना, कान में डालना)
(i) मुनीम जी ने बड़े बाबू को बात पहुँचाई।
(ii) मेडिकल में प्रवेश मिल जाने पर नकुल बहुत प्रसन्न हुआ।
उत्तर:
(i) मुनीम जी ने बात बड़े बाबू के कान में डाल दी।
(ii) मेडिकल में प्रवेश मिल जाने पर नकुल फूला न समाया।

7. कारक:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) गुलामी की प्रथा संसार भर में हजारों वर्षों तक चलती रही।
(ii) गांधीजी ने श्रम और श्रमिकों की प्रतिष्ठा स्थापित करने का काम किया।
उत्तर:
(i) गुलामी की-संबंध कारक
(ii) गांधीजी ने-कर्ता कारक।

8. विरामचिह्न:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) आम तौर से माना जाता है कि रुपया नोट और सोना-चाँदी का सिक्का ही संपत्ति है
(ii) अर्थशास्त्र ने यह नियम बताया है कि खरीद सस्ती से सस्ती हो और बिक्री महँगी से महँगी
उत्तर:
(i) आम तौर से माना जाता है कि रुपया, नोट और सोना-चाँदी का सिक्का ही संपत्ति है।
(ii) अर्थशास्त्र ने यह नियम बनाया है कि खरीद सस्ती-से-सस्ती हो और बिक्री महँगी से महँगी।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

9. काल परिवर्तन:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
(ii) जिनके पास संपत्ति है, वे आराम से रह रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चला रहे थे।
(ii) जिनके पास संपत्ति है, वे आराम से रहेंगे।

10. वाक्य भेद:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) हमारी विचारधारा में बड़ा भारी दोष है।
(ii) लोग शरीर श्रम करना नहीं चाहते और इसे हीन दृष्टि से देखते हैं।
(iii) जिस श्रम में समाज को जिंदा रखने की क्षमता है, उस श्रम का सही मूल्य श्रमिक जान लेगा तो देश में आर्थिक क्रांति होने में देर नहीं लगेगी।
(iv) सामाजिक समता का प्रश्न अहिंसा के मार्ग से सुलझेगा।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) सरल वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का दी गई सूचना के अनुसार अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए:
(i) गरीब भूख की लाचारी से श्रम करता है। (संदेहवाचक वाक्य)
(ii) अब राजप्रथा मिट गई। (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) शायद गरीब भूख की लाचारी से श्रम करता है।
(ii) अब’राजप्रथा मिटा दो। 11. वाक्य शुद्धिकरण:

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) इस सम्बन्ध में कुछ भाई अमेरिका का उदाहरण पेस करते हैं।
(ii) वही आधार पे भारत को कल्याणकारी राज्य बनाने की बात चली है
उत्तर:
(i) इस संबंध में कुछ भाई अमेरिका का उदाहरण पेश करते हैं।
(ii) उसी आधार पर भारत को कल्याणकारी राज्य बनाने की बात चली है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

उपक्रम/कृति/परियोजना

पठनीय
महात्मा गांधी के श्रमप्रतिष्ठा और अहिंसा संबंधी विचार पढ़कर चर्चा कीजिए।

श्रवणीय
आर्थिक विषमता को दूर करने वाले उपायों के बारे में सुनकर कक्षा में सुनाइए।

संभाषणीय
‘वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेल-कूद और शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं’ विषय पर चर्चा करते हुए अपना मत प्रस्तुत कीजिए।

श्रम साधना Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्राचीन काल से आज तक सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था में अनेक परिवर्तन हुए हैं। इसके साथ ही संपत्ति तथा उसके निर्माण में लगने वाली शक्तियों के बीच तरह-तरह की असमानताएँ भी रही हैं। श्रमजीवियों तथा व्यापारियों की आर्थिक स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर रहा है। प्रस्तुत निबंध में लेखक ने मानवीय जीवन, संपत्ति, संपत्ति के स्वामित्व, मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं तथा शारीरिक एवं बौद्धिक श्रम आदि का विस्तृत विवेचन किया है। प्रस्तुत वैचारिक निबंध में श्रम की प्रतिष्ठा स्थापित करते हुए सामाजिक एवं आर्थिक समानता पर बल दिया गया है।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions दूसरी इकाई

Vyutpatti Kosh Class 10 Marathi Chapter 20.1 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Class 10th Marathi Kumarbharti Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Marathi Chapter 20.1 Question Answer

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
टिपा लिहा.
(अ) व्युत्पत्ती कोशाचे कार्य
उत्तर:
व्युत्पत्ती कोशाचे कार्य: व्युत्पत्ती म्हणजे एखादया शब्दाच्या किंवा अर्थाच्या मुळाचे ज्ञान होय. व्युत्पत्ती सांगणे म्हणजे एखादया शब्दाच्या मुळाविषयी माहिती देणे होय, अशा अनेक शब्दांच्या व्युत्पत्तींचा संग्रह म्हणजे व्युत्पत्ती कोश !

व्युत्पत्ती कोशाचे कार्य पुढीलप्रमाणे चार प्रकारे चालते:

  • मराठी भाषेतील – प्रमाण व बोली – शब्दांचे मूळ रूप दाखवणे,
  • विशिष्ट प्रदेशात व भौगोलिक परिसरात एकाच शब्दातील उच्चारात बदल होत असतो. हा शब्दाच्या उच्चारातील बदल व फरक दाखवणे.
  • भाषेमध्ये इतिहासाच्या दृष्टीने फरक होत असतात. भिन्न भिन्न काळात जे शब्दांत बदल होतात, त्या बदलांचे कारण स्पष्ट करणे.
  • भिन्न भिन्न समाजांत वेगवेगळ्या कारणांनी शब्दाच्या अर्थाच्या अंगानेही बदल संभवतात. हे अर्थातील बदल स्पष्ट करणे.

(आ) शब्द तयार होण्याचे विविध प्रकार

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश

प्रश्न 2.
खालील मुद्द्यांच्या आधारे एक परिच्छेद तयार करा. (७ ते ८ वाक्यांत)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश 1
उत्तर:
व्युत्पत्ती कोश: एखादया शब्दाबद्दलचे कुतूहल शमवण्यासाठी आपण व्युत्पत्ती कोशाची मदत घेतो, व्युत्पत्ती कोशात आपल्याला मूळ शब्द कसा, केव्हा, कुठे निर्माण झाला हे तर कळतेच परंतु अन्य भाषांत तो शब्द कसा आला आहे व कोणत्या रूपात आहे, हेही कळते. असा हा शब्दांचा किमयागार कसा अस्तित्वात आला हे समजून घेणे उद्बोधक ठरेल.

१९३८ साली मुंबई येथे अखिल भारतीय मराठी साहित्य संमेलन भरले होते. स्वातंत्र्यवीर सावरकर हे संमेलनाचे अध्यक्ष होते. त्यांच्या अध्यक्षतेखाली ‘व्युत्पत्ती कोश रचनेचे कार्य हाती घ्यावे’ असा ठराव या संमेलनात मंजूर करण्यात आला. कृ. पां. कुलकर्णी यांच्यावर संपादनाची जबाबदारी सोपवण्यात आली. बॅ. मुकुंदराव जयकर यांनी अर्थसाहाय्य केले व श्री. दाजीसाहेब तुळजापूरकर यांनी पुरस्कृत केल्यामुळे निर्मितीस भरीव मदत केली. अखेर १९४६ साली मराठी व्युत्पत्ती कोशाचे पहिले प्रकाशन झाले.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश

प्रश्न 3.
पाठाबाहेरची उदाहरणे शोधून खालील कृती करा.

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20.1 व्युत्पत्ती कोश 4

Marathi Kumarbharti Std 10 Guide Pdf भाग-४

Sarv Vishvachi Vhave Sukhi Class 10 Marathi Chapter 20 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Class 10th Marathi Kumarbharti Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Marathi Chapter 20 Question Answer

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न १ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

प्रश्न 1.
खालील चौकटी पूर्ण करा.
(अ) संत ज्ञानेश्वर यांनी मानवाच्या कल्याणासाठी केलेली विश्वप्रार्थना – [ ]
(आ) मानवी सुखदुःखाशी सहृदयतेने समरस होणे – [ ]
(इ) ‘सर्वांभूती भगवद्भावो’ अशी प्रार्थना करणारे संत – [ ]
(ई) सामाजिक प्रबोधनावर भर देणारे संत – [ ]
(उ) संत तुकारामांचे जीवनसूत्र – [ ]
उत्तर:
(अ) संत ज्ञानेश्वर यांनी मानवाच्या कल्याणासाठी केलेली विश्वप्रार्थना – [पसायदान]
(आ) मानवी सुखदु:खाशी सहृदयतेने समरस होणे – [मैत्री]
(इ) ‘सर्वांभूती भगवद्भावो’ अशी प्रार्थना करणारे संत – [संत एकनाथ]
(ई) सामाजिक प्रबोधनावर भर देणारे संत – [संत गाडगे महाराज]
(उ) संत तुकारामांचे जीवनसूत्र – [परस्पर सहकार्य]

प्रश्न 2.
आकृत्या पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 37
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 38
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 9

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी

प्रश्न 3.
फरक संग
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 39
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 5

प्रश्न 4.
खालील काव्यपंक्तींचा अर्थ लिहा.
(अ) जे खळांची व्यंकटी सांडो – [ ]
(आ) दुरिताचे तिमिर जावो – [ ]
उत्तर:
(i) जे खळांची व्यंकटी सांडो – [माणसांच्या मनातील दुष्ट भाव नष्ट होऊ दे.]
(ii) दुरितांचे तिमिर जावो – [(दुरित म्हणजे दुष्कर्म.) सर्व दुष्कर्माचा अंधार नष्ट होऊ दे.]

प्रश्न 5.
खालील तक्ता पूर्ण करा. त्यासाठी कंसातील शब्दांचा उपयोग करा.
(नम्रता, मैत्रभाव, विश्वकल्याण, स्वप्रयत्न, सहकार्य)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 40
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 10

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी

प्रश्न 6.
स्वमत.
(अ) सर्व संतांच्या प्रार्थनमधील सामाईक सूत्र तुमच्या शब्दांत थोडक्यात लिहा.
उत्तर:
संत स्वत:पलीकडे जाऊन संपूर्ण जगाकडे पाहतात. त्यांना सर्व प्राणिमात्रांबद्दलच कळवळा वाटतो. त्यांच्या मनात आपपरभाव नसतो, त्यांना सर्व माणसे समान वाटतात; सारखीच प्रिय वाटतात. म्हणून संतमहात्मे सर्व मानवजातीचे कल्याण इच्छितात. म्हणूनच ‘जो जे वांछील तो ते लाहो’ असे ज्ञानदेव म्हणतात, नामदेवांना वाटते की, सर्वांच्या मनातला अहंकार नष्ट व्हावा. म्हणजे सगळेजण एकमेकाला स्वत:च्या हृदयात सामावून घेतील. संत एकनाथांना सर्वांच्याच ठिकाणी भगवद्भाव आढळतो. संत तुकाराम महाराज सर्वांनी एकमेकाला साहाय्य करीत परमेश्वर चरणांपर्यंत जाण्याचा मार्ग दाखवतात. सर्वच संत स्वतःसाठी काहीही मागत नाहीत, ते समस्त मानवजातीसाठी, समस्त प्राणिमात्रांसाठी परमेश्वराकडे हात जोडून प्रार्थना करतात.

(आ) ‘भूतां परस्परें पडो । मैत्र जीवाचें ।’ या ओळीचा तुम्हांला समजलेला अर्थ लिहा.
उत्तर:
या ओळीतील भूत, मैत्र आणि जीव’ हे तीन शब्द खूप महत्त्वाचे आहेत. देह धारण करणारा प्रत्येकजण ‘भूत’ होय. म्हणून जगातली सगळी माणसे भूत होत. पण फक्त माणसेच नव्हेत, तर सूक्ष्मजीवांपासून ते हत्ती-गेंडे यांसारखे सर्व प्राणिमात्र भूत होत. तसेच. वृक्षवेली यासुद्घा सजीवच आहेत. त्यासुद्घा भूत होत. या सर्वांच्या मनात एकमेकांबद्दल निर्मळ, पवित्र अशी प्रेमभावना निर्माण झाली पाहिजे, ही इच्छा ज्ञानदेव देवाजवळ व्यक्त करतात. जात, धर्म, भाषा, प्रांत वगैरे गोष्टींवरून आपण अनेकांना शत्रू समजतो. या भावना बाह्य गुणांवर अवलंबून आहेत. ज्ञानदेव या गोष्टींच्या पलीकडे जायला सांगतात. प्रत्येक जण सुखीच असेल. नेमकी हीच मागणी ज्ञानदेव विश्वात्मक देवाकडे करीत आहेत.

(इ) या पाठातून तुम्ही काय शिकलात, ते तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तर:
सर्व संतांनी घ्यापक दृष्टिकोन बाळगून लोकांना उपदेश केला आहे. सर्व लोकांनी एकमेकांशी प्रेमाने वागावे. एकमेकांना, अडीअडचणीत असलेल्या सर्वांना मदत करावी. सर्वांमध्ये सहकार्याची भावना हवी. या त-हेने सर्वजण वागू लागले, तर समाजात शांती नांदेल. माणसे सुखासमाधानाने जगू लागतील. या अशा वातावरणातच माणसे प्रगती करु शकतात. अशा वातावरणात चोऱ्यामाऱ्या होणार नाहीत. दंगेधोपे होणार नाहीत. कोणाची पिळवणूक होणार नाही. कोणाची फसवणूक होणार नाही. कोणावर अन्याय होणार नाही. एकंदरीत, सर्व व्यवस्था ही न्यायावर आधारलेली राहील. म्हणून सर्वांनी एकोप्याने राहावे, असे सर्व संत सांगतात. इतरेजनांशी सहृदयतेने समरस झाले पाहिजे. सर्वांनी शिक्षण घेतले पाहिजे. वैज्ञानिक दृष्टिकोन बाळगला पाहिजे. हा पाठ वाचून मला हाच संदेश मिळाला.

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भाषाभ्यास

खालील ओळींतील वृत्त ओळखा.

(i) म्हणे वासरा । घात झाला असा रे
तुझ्या माऊलीचेच हे खेळ सारे
वृथा धाडिला राम माझा वनासी
न देखो शके त्या जगज्जीवनासी

(ii) अविरत पथि चाले, पांथ नेमस्त मानी
कधि न मुळि न थांबे, कोणत्या कारणांनी
वचनि मननि त्याच्या, ध्येय हे एक ठावे
स्वपर जनसमूहा सौख्य कारी बनावे

(iii) मातीत ते पसरले अति रम्य पंख।
केले वरी उदर पांडुर निष्कलंक।।
चंचू तशीच उघडी पद लांबवीले।
निष्प्राण देह पडला श्रमही निमाले।।
उत्तर:
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वृत्त: हे भुजंगप्रयात अक्षरगणवृत्त आहे.]

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वृत्त: हे मालिनी अक्षरगणवृत्त आहे.

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वृत्त: हे वसंततिलका अक्षरगणवृत्त आहे.

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:
कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
चौकटी पूर्ण करा:
(ii) संतांची भूमी – [ ]
(iii) संत म्हणजे – [ ]
(iv) सर्व संतांच्या प्रार्थनांमधून व्यक्त झालेली भावना – [ ]
उत्तर:
(i) संतांची भूमी – [महाराष्ट्र]
(ii) संत म्हणजे – [सत्पुरुष]
(iii) सर्व संतांच्या प्रार्थनांमधून व्यक्त झालेली भावना – [मानवता]

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कृती २: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या सोडवा:
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उत्तर:
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प्रश्न 2.
सर्वांनी गुण्यागोविंदाने राहावे, हे सांगताना दिलेला दाखला सांगा.
उत्तर:
पाने, फुले, फळे, झाडे, झरे, नदया, समुद्र, आकाशातील सर्व ग्रहगोल हे सारे एकोप्याने राहतात. त्यांच्यात कधीही कलह होत नाही, त्यांच्याप्रमाणेच सर्वांनी एकोप्याने राहावे, असा दाखला ज्ञानदेवांनी दिला आहे.

प्रश्न 3.
विधान पूर्ण करा:
पसायदान म्हणजे …………………..
उत्तर:
पसायदान म्हणजे मानवाच्या कल्याणासाठी विश्वात्मक देवाला हात जोडून केलेली प्रार्थना होय.

कृती ३: (व्याकरण)

प्रश्न 1.
पुढे दिलेली वाक्ये वाचा आणि योग्य त्या नामासाठी योग्य ते सर्वनाम वापरा:
(i) ही संतांची खरी भूमिका आहे.
(ii) संतांच्या साहित्याचा आत्मा भक्ती हा आहे.
(iii) संत परमेश्वराकडे स्वतःसाठी काहीही मागत नाहीत.
उत्तर:
(i) ही संतांची खरी भूमिका आहे.
(ii) त्यांच्या साहित्याचा आत्मा भक्ती हा आहे.
(iii) ते परमेश्वराकडे स्वत:साठी काहीही मागत नाहीत.

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प्रश्न 2.
‘विश्वकल्याण = विश्वाचे कल्याण’ यासारखे आणखी दोन शब्द विग्रहासह लिहा.
उत्तर:
(i) शांतिनिकेतन = शांतीचे निकेतन.
(ii) रजनीनाथ = रजनीचा नाथ.

प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दांचे अनेकवचन योजून वाक्य पुन्हा लिहा:
माणसाच्या मनातील माणुसकीचा झरा जिवंत ठेवला पाहिजे.
उत्तर:
माणसांच्या मनांतील माणुसकीचे झरे जिवंत ठेवले पाहिजेत.

उतारा क्र. २
प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा:
(i) आयुष्यात मोठे व्हायचे असेल, तर अंगी नम्रता हवी; म्हणजे अंगी नम्रता असेल, तर ……………………….
(ii) थोरांच्या चरित्रांतून आपल्याला शिकवण मिळते की, ……………………….
उत्तर:
(i) आयुष्यात मोठे व्हायचे असेल, तर अंगी नम्रता हवी; म्हणजे अंगी नम्रता असेल, तर आयुष्यात मोठे होता येईल.
(ii) थोरांच्या चरित्रांतून आपल्याला शिकवण मिळते की, विनम्रता ही केव्हाही जगाला आपलेसे करते.

प्रश्न 2.
स्पष्ट करा:
(i) सर्वांभूती भगवद्भावो.
(ii) संतसंग देई सदा.
उत्तर:
(i) सर्वांभूती भगवद्भावो म्हणजे प्राणिमात्रांशी मैत्री केली पाहिजे. येथे मैत्री म्हणजे काय? मैत्री म्हणजे माणसांच्या सुखदुःखांशी समरस होणे आणि असे समरस होताना आपपरभाव न बाळगणे.
(ii) संतांचा सदोदित सहवास लाभावा. त्यामुळे संतांचे गुण, त्यांची वृत्ती, त्यांचा दृष्टिकोन अंगी भिनतो. मग सगळेच जण परस्पर सहकार्यासाठी उभे ठाकतात. या परस्पर सहकार्यातून मानवी जीवनाचे कल्याण साधले जाते. म्हणून मला सदोदित संतांचा सहवास दें.

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प्रश्न 3.
रामदासांनी दिलेला संदेश लिहा.
उत्तर:
संत रामदासांचा संदेश: हे परमेश्वरा, जनहित तेच बघ. सर्वांचे कल्याण कर.

प्रश्न 4.
गाडगेबाबांचा संदेश लिहा.
उत्तर:
संत गाडगे महाराजांचा संदेश: धर्मकार्यासाठी वाटेल तसा पैसा उधळण्यापेक्षा तोच पैसा शिक्षण मिळवण्यासाठी खर्च करावा. स्वत:च स्वत:च्या उद्धारासाठी सिद्ध झाले पाहिजे. त्यातच माणसाचे कल्याण आहे.

कृती ३: (व्याकरण)

प्रश्न 1.
विरुद्ध अर्थाचे शब्द लिहा:
(i) कल्याण
(ii) वैयक्तिक
(iii) माणुसकी
(iv) समारोप.
उत्तर:
(i) कल्याण × अकल्याण
(ii) वैयक्तिक × सामूहिक
(iii) माणुसकी × माणुसकीहीनता
(iv) समारोप × सुरुवात

प्रश्न 2.
कंसात दिलेला प्रत्यय जोडून शब्दांचे पूर्ण रूप लिहा:
(i) भूमिका (ला)
(ii) झरा (चे)
(iii) ग्रंथ (ला)
(iv) नदी (ना).
उत्तर:
(i) भूमिकेला
(ii) झऱ्याचे
(ii) ग्रंथाला
(iv) नदयांना.

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प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिहा:
(i) कळवळा
(i) कल्याण
(iii) प्रार्थना
(iv) सहृदयता.
उत्तर:
(i) कळवळा = करुणा
(ii) कल्याण = उत्कर्ष
(iii) प्रार्थना = विनंती
(iv) सहृदयता = सहानुभूती.

उतारा क्र.३
प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:

कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
चौकटी पूर्ण करा:
(i) संपूर्ण गावाची भगवद्गीता – [ ]
(ii) गावाचे मंदिर – [ ]
(iii) मंदिरातील मूर्ती – [ ]
उत्तर:
(i) संपूर्ण गावाची भगवद्गीता – [गावस्वच्छता]
(ii) गावाचे मंदिर – [संपूर्ण गाव]
(iii) मंदिरातील मूर्ती – [माणूस]

प्रश्न 2.
आकृत्या पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 13

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(३) चौकटी पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 14

कृती २: (आकलन)

प्रश्न 1.
‘माणूस हा सामाजिक प्राणी आहे,’ या विधानाची सत्यता पटवून देणारी वाक्ये लिहा.
उत्तर:
(i) माणूस हा कधीही एकाकी राहू शकत नाही.
(ii) त्याला संवादाची नितांत गरज असते.
(iii) माणसाने कुणालाही दुखावता कामा नये.
(iv) शक्यतो दुसऱ्याच्या उपयोगी पडले पाहिजे.

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प्रश्न 2.
‘हे विश्वचि माझे घर’ या ज्ञानदेवांच्या उद्गारामागील भावनेचा:
(i) आज पूर्ण होताना दिसून येणारा भाग:
(ii) आज आपण गमावलेला भाग:
उत्तर:
(i) आज पूर्ण होताना दिसून येणारा भाग: विज्ञान-तंत्रज्ञानामुळे जग खूप जवळ आले आहे; लहान झाले आहे. आज माणसे सहजगत्या कुठेही जाऊ शकतात, राहू शकतात. जग जणू एक घरच बनले आहे.
(ii) आज आपण गमावलेला भाग: घरातल्या माणसांच्या मनात घरातल्या इतरांबद्दल जिव्हाळा, आपुलकी असते. थोडक्यात, आपापसांतील नात्यांत भावनेचा ओलावा असतो. आज आपण हा ओलावा गमावून बसलो आहोत. माणसामाणसांना जोडणारा जिव्हाळा आज हरवला आहे.

प्रश्न 3.
झाड व पर्वत यांतील साम्य लिहा.
उत्तर:
झाड व पर्वत यांच्यात एक साम्य आहे. झाड स्वत: उन्हाचा ताप सहन करते आणि थंड सावली इतरांना देते. त्याप्रमाणेच पर्वतही वागताना दिसतो. पर्वताच्या कुशीत नदी उगम पावते. पण नदी तिथे थांबत नाही. ती पर्वतापासून दूर जाते. पर्वत तिचा हा वियोग सहन करतो आणि नदीला सर्व जगाची तहान भागवू देतो.

प्रश्न 4.
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उत्तर:
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कृती ३: (व्याकरण)

प्रश्न 1.
पुढील शब्दांतील प्रत्यय ओळखा आणि त्या प्रत्ययासह आणखी दोन शब्द लिहा:
(i) साधर्म्य
(ii) सहृदयता.
उत्तर:
(i) साधर्म्य – य:
सुंदर + य = सौंदर्य,
गद + य = गय.

(ii) सहृदयता – ता:
कोमल + ता = कोमलता,
विविध + ता = विविधता.

प्रश्न 2.
कंसांतील सूचनांनुसार उत्तर: लिहा:
(i) या संकल्पना संतसाहित्यातून प्रकट झाल्या आहेत. (भूतकाळ करा.)
(ii) हा ग्रंथ पूर्ण करण्याच्या तयारीत ते होते. (भविष्यकाळ करा.)
(iii) यातून प्रार्थना निर्माण झाली. (वर्तमानकाळ करा.)
उत्तर:
(i) या संकल्पना संतसाहित्यातून प्रकट झाल्या होत्या.
(ii) हा ग्रंथ पूर्ण करण्याच्या तयारीत ते असतील.
(iii) यातून प्रार्थना निर्माण होते.

प्रश्न 3.
कंसांतील सूचनेनुसार बदल करून वाक्ये पुन्हा लिहा:
(i) संत ज्ञानेश्वरांनी सांगितलेली ही प्रार्थना मराठी मनाच्या स्मरणात कायम आहे. (मिश्र वाध्य करा.)
(ii) वैयक्तिक इच्छा पूर्ण व्हावी म्हणून आपण नेहमीच प्रार्थना करतो. (केवल वाक्य करा.)
उत्तर:
(i) संत ज्ञानेश्वरांनी जी प्रार्थना सांगितली, ती मराठी मनाच्या स्मरणात कायम आहे.
(ii) वैयक्तिक इच्छा पूर्ण होण्यासाठी आपण नेहमीच प्रार्थना करतो.

प्रश्न 4.
पुढील वाक्यातील अधोरेखित शब्दांबद्दल पुढील माहिती लिहून तक्ता पूर्ण करा.
विज्ञानातील चांगले प्रकल्प समृद्धी आणतात, पण सुंदर मने ही राष्ट्राची श्रीमंती वाढवतात.
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उत्तर:
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कृती ४: (स्वमत/अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
समाजातील जिव्हाळा हरवल्याबद्दलची व्यक्त केलेली खंत व त्याचा परिणाम तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तर:
सध्या जवळजवळ सर्वांच्या मनात इतरांबद्दल जिव्हाळा राहिलेला नाही. साध्या साध्या प्रसंगात माणसे हमरातुमरीवर येतात. साधे बसमध्ये चढताना लोक धक्काबुक्की करतात. त्यामुळे मुले, म्हातारी माणसे, आजारी माणसे व अपंग यांचे खूप हाल होतात. काही दुष्ट दुधात भेसळ करतात, अन्नपदार्थात भेसळ करतात. त्यामुळे कित्येकांना विषबाधा होते. काहीजणांना प्राण गमवावे लागतात. वाईट बांधकामामुळे रस्त्यांवर भीषण अपघात घडतात. घरे कोसळतात. पूल कोसळतात. त्यांत अनेकांचे अतोनात नुकसान होते. या माणसांवर कोणती संकटे कोसळतात, कोणत्या दु:खांना तोंड द्यावे लागते. याबद्दल भ्रष्टाचाऱ्यांना ना खेद वाटतो, ना खंत वाटते. इतरांबद्दल जिव्हाळाच वाटत नसल्याने अशी कृत्ये माणसांकडून घडून जातात.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…
व्याकरण घटकांवर आधारित कृती:

१. समास:
पुढील सामासिक शब्दांचा विग्रह करून समास ओळखा:
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उत्तर:
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२. अलंकार:
रूपक अलंकाराची लक्षणे सांगून उदाहरण दया:
उत्तर:
लक्षणे: उपमेय व उपमान यांत एकरूपता असते व ती भिन्न नाहीत असे वर्णन जेथे असते तिथे रूपक अलंकार होतो.
उदाहरण: काय बाई सांगो। स्वामीची ती दृष्टी।
अमृताची वृष्टी । मज होय ।।

४. शब्दसिद्धी:
* पुढील चौकटीत दिलेल्या शब्दांचे वर्गीकरण करून तक्ता पूर्ण करा:
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उत्तर:
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५. सामान्यरूप:
तक्ता पूर्ण करा:
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६. वाक्प्रचार:
(१) वाक्प्रचार व अर्थ यांच्या जोड्या लावा:
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(२) तक्ता पूर्ण करा: (सराव कृतिपत्रिका-१)
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भाषिक घटकांवर आधारित कृती:

१. शब्दसंपत्ती:

(१) विरुद्धार्थी शब्द लिहा:
(i) आधुनिक × ……………………….
(ii) मर्यादित × ……………………….
(iii) स्मरण × ……………………….
(iv) तिमिर × ……………………….
(v) दुष्कर्म × ……………………….
(vi) स्वार्थ × ……………………….
(vii) व्यर्ध × ……………………….
(viii) वैयक्तिक × ……………………….
उत्तर:
(i) आधुनिक × प्राचीन
(iii) स्मरण × विस्मरण
(v) दुष्कर्म × सत्कर्म
(vii) व्यर्थ × सार्थ
(ii) मर्यादित × अमर्यादित
(iv) तिमिर × प्रकाश
(vi) स्वार्थ × निःस्वार्थ
(viii) वैयक्तिक × सार्वजनिक,

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(२) समानार्थी शब्द लिहा: (प्रत्येकी दोन)
(i) [ ………. ] = [वृक्ष] = [ ………. ]
(ii) [ ………. ] = [समुद्र] = [ ………. ]
(iii) [ ………. ] = [सूर्य] = [ ………. ]
(iv) [ ………. ] = [चंद्र] = [ ………. ]
उत्तर:
(i) [ झाड ] = [वृक्ष] = [ तारू ]
(ii) [ सागर ] = [समुद्र] = [ सिंधू ]
(iii) [ रवी ] = [सूर्य] = [ भास्कर ]
(iv) [ शशी ] = [चंद्र] = [ रजनीनाथ ]

(३) पुढील शब्दांतील समानार्थी व विरुद्धार्थी शब्दाच्या चार जोड्या तयार करा: (सराव कृतिपत्रिका-१)
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उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 31

(४) पुढील शब्दांतील अक्षरांपासून चार अर्थपूर्ण शब्द तयार करा:
(i) तुकाराम → [ ] [ ] [ ] [ ]
(ii) महाराज → [ ] [ ] [ ] [ ]
(iii) गगनभरारी → [ ] [ ] [ ] [ ] (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर:
(i) तुकाराम → [राम] [कारा] [मका] [मरा]
(ii) महाराज → [महा] [राज] [जरा] [राम]
(iii) गगनभरारी → [नभ] [भरा] [राग] [रान]

(५) गटात न बसणारा शब्द लिहा:
(i) तम, तिमिर, समर, काळोख, अंधार.
(ii) उजेड, तेज, प्रकाश, आकाश, आभा.
(iii) खोदाई, लढाई, शिष्टाई, मुंबई. (सराव कृतिपत्रिका-२)
(iv) हरिहर, हररोज, हरघडी, हरसाल. (सराव कृतिपत्रिका-२)
उत्तर:
(i) समर
(ii) आकाश
(ii) मुंबई –
(iv) हरिहर लेखननियम:

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(१) अचूक शब्द निवडा:
उत्तर:
(i) सहायक / साहय्यक / सहय्यक / सहाय्यक. – [सहायक]
(ii) उतरार्ध / उत्तरार्ध / उतर्राध/ उत्तर्राध. – [उत्तरार्ध]
(iii) अतिशयोक्ती / अतीशयोक्ती/ अतिशयोक्ति / अतीशयोक्ति. – [अतिशयोक्ती]
(iv) कल्पवृक्ष /कप्लवृक्ष / कल्पव्रक्ष / कल्पवृक्ष. – [कल्पवृक्ष] (सराव कृतिपत्रिका-१)
(v) उप्तन्न/उत्पन/ उत्पन्न/ऊत्पन्न. – [उत्पन्न]
(vi) सुचना / सूचना / सुचणा / सूचाना. – [सूचना]
(vii) स्मृतीदीन /स्मृतिदिन / स्मृतिदीन /स्मृतीदिन. – [स्मृतिदिन]
(viii) परंपरिक / पारंपारिक / परंपारिक / पारंपरिक. – [पारंपरिक]
(ix) तिर्थरूप/तीर्थरूप/तीर्थरुप / तिथरूंप – [तीर्थरुप]
(x) आशिर्वाद/आशीर्वाद/आर्शीवाद/आशिरवाद – [आशीर्वाद] (मार्च १९)

(२) पुढील वाक्ये लेखननियमांनुसार लिहा:
(i) शिक्षणामुळे माणुस सूसंस्क्रुत व्हावा.
(ii) आपल्या पूरवजांनी अर्जीठा वेरूळ बनवलाय. (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर:
(i) शिक्षणामुळे माणूस सुसंस्कृत होतो.
(ii) आपल्या पूर्वजांनी अजिंठा वेरूळ बनवलाय.

३. विरामचिन्हे:
(१) पुढील वाक्यांतील विरामचिन्हे ओळखा:
संत ज्ञानेश्वरांच्या ‘ज्ञानेश्वरी’ या ग्रंथात पसायदान आहे.
उत्तर:
[ ‘ ‘ ] → एकेरी अवतरणचिन्ह
[ . ] → पूर्णविराम.

(२) पुढील वाक्यात योग्य ती विरामचिन्हे भरून वाक्य पुन्हा लिहा:
निसर्गातील फुले फळे वृक्ष नदया समुद्र सूर्य चंद्र तारे एकोप्याने राहतात
उत्तर:
निसर्गातील फुले, फळे, वृक्ष, नया, समुद्र, सूर्य, चंद्र, तारे एकोप्याने राहतात.

(३) प्रस्तुत वाक्यातील चुकीची विरामचिन्हे ओळखा व दुरुस्त करून लिहा: (सराव कृतिपत्रिका-१)
मी तिला म्हटले. कर्त्यांच्या पुतळ्यापाशी बसून रडायला तुला काहीच कसे वाटत नाही!
उत्तर:
मी तिला म्हटले, “कव्यांच्या पुतळ्यापाशी बसून रडायला तुला काहीच कसे वाटत नाही?”

(४) पुढे विरामचिन्हाचा उपयोग दिला आहे त्यानुसार त्या आशयाचे विरामचिन्ह चौकटीत भरा: (सराव कृतिपत्रिका-१)
(i) बोलणाऱ्याच्या तोंडचे शब्द दाखवण्यासाठी → [ ” ” ]
(ii) दोन शब्द जोडण्यासाठी किंवा जोडशब्दातील पदे सुटी करून दाखवण्यासाठी → [ – ]

४. पारिभाषिक शब्द: *पुढील इंग्रजी पारिभाषिक शब्दांना मराठी प्रतिशब्द लिहा:
उत्तर:
(i) Children’s Theatre – बालरंगभूमी
(ii) Daily Wages – दैनिक वेतन / रोजंदारी
(iii) Joint Meeting – संयुक्त सभा
(iv) Junior Clerk – कनिष्ठ लिपिक
(v) Letter-Head – नाममुद्रित प्रत
(vi) Up-to-date – अदययावत
(vii) Open Letter – अनावृत पत्र
(viii) Press Note – प्रसिद्धिपत्रक
(ix) Registered Letter – नोंदणीकृत पत्र
(x) Revaluation – पुनर्मूल्यांकन
(xi) Survey – सर्वेक्षण / पाहणी
(xii) Secretary – सचिव / कार्यवाह

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी

५. अकारविल्हे / भाषिक खेळ:
(१) पुढील शब्द अकारविल्हेनुसार लिहा:
(i) संत → महंत → साधू → महापुरुष.
(ii) संस्कृत → मराठी → हिंदी → इंग्रजी.
उत्तर:
(i) महंत → महापुरुष → संत → साधू.
(ii) इंग्रजी → मराठी → संस्कृत → हिंदी.

(२) आकृती पूर्ण करा:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 32
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 20 सर्व विश्वचि व्हावे सुखी 33

सर्व विश्वचि व्हावे सुखी शब्दार्थ

  • साधर्म्य – समान गोष्ट.
  • चिरंजीव – चिरकाल टिकणारी गोष्ट.

सर्व विश्वचि व्हावे सुखी वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ

  • साकडे घालणे : विनवणी करणे.
  • आपलेसे करणे : आपुलकी निर्माण करणे,
  • समरस होणे : एकरूप होणे.

Marathi Kumarbharti Std 10 Guide Pdf भाग-४

Tu Zalas Muk Samajacha Nayak Class 10 Marathi Chapter 19 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक (कविता) Notes, Textbook Exercise Important Questions, and Answers.

Class 10th Marathi Kumarbharti Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक (कविता) Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Marathi Chapter 19 Question Answer

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न २ (अ) साठी…

प्रश्न 1.
खालील आकृत्या पूर्ण करा.
(अ) (१) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी नाकारलेली गोष्ट
उत्तर:
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी नाकारलेली गोष्ट – [मळवाट]

(२) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे स्वागत करणारे
उत्तर:
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे स्वागत करणारे – [खाचखळगे]

(आ)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक 2

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक

प्रश्न 2.
कवितेतील संदर्भ आणि स्पष्टीकरणे यांच्या जोड्या लावा.
कवितेतील संदर्भ – स्पष्टीकरण
(१) मळवाट – (अ) अन्यायाविरुद्ध आवाज उठवू न शकणारा समाज
(२) खाचखळगे – (आ) पारंपरिक वाट
(३) मूक समाज – (इ) अडचणी, कठीण परिस्थिती
उत्तर:
(१) मळवाट – पारंपरिक वाट
(२) खाचखळगे – अडचणी, कठीण परिस्थिती
(३) मूक समाज – अन्यायाविरुद्ध आवाज उठवू न शकणारा समाज

प्रश्न 3.
चवदार तळ्याच्या घटनेनंतरच्या पन्नास वर्षांत वातावरणात झालेल्या बदलाचे वर्णन करणाऱ्या ओळी लिहा.
उत्तर:
(i) सूर्यफुले ध्यास घेत आहेत.
(ii) बिगूल प्रतीक्षा करीत आहे.
(iii) चवदार तळ्याचे पाणी थंड झाले आहे.

प्रश्न 4.
चवदार तळ्याच्या घटनेसंदर्भाने तुलना करा.
पन्नास वर्षांपूर्वीची परिस्थिती – पन्नास वर्षांनंतरची परिस्थिती
………………… – …………………
………………… – …………………
………………… – …………………
उत्तर:
पन्नास वर्षांपूर्वीची परिस्थिती पन्नास वर्षानंतरची परिस्थिती
(i) सूर्यफुलांनी पाठ फिरवली सूर्यफुले ध्यास घेत आहेत. होती.
(ii) रणशिंग फुकले होते. आता बिगूल वाट पाहत आहे.
(iii) चवदार तळ्याचे पाणी आता चवदार तळ्याचे पाणी पेटले होते थंड आहे.

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प्रश्न 5.
काव्यसौंदर्य.
(अ) ‘तुझे शब्द जसे की
महाकाव्ये तुझ्या पायाजवळ गळून पडावीत
तुझा संघर्ष असा की
काठ्यांच्या संगिनी व्हाव्यात.’, या ओळींचे रसग्रहण करा.
उत्तर:
आशयसौंदर्य: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी प्रस्थापित वर्णव्यवस्थेविरुद्ध महाड येथे चवदार तळ्याचा जो संग्राम केला व शोषितांवरील अन्यायाविरुद्ध लढा उभारला, त्याच्या पन्नास वर्षे पूर्तीनंतर कवी ज. वि. पवार यांनी ‘तू झालास मूक समाजाचा नायक’ या कवितेमध्ये आपले मनोगत व्यक्त केले आहे. मूक समाजाच्या या महानायकाला अभिवादन करताना त्यांच्या कार्याचा यथोचित गौरव केला आहे.

काव्यसौंदर्य: उपरोक्त ओळींमध्ये डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या शब्दांची किमया आणि संघर्षाचा परिणाम यांची महती कथन केली आहे. चवदार तळ्यावर सर्वांसाठी पाणी खुले करताना महामानवाने जी घोषणा केली त्या शब्दांपुढे सर्व महाकाव्ये नतमस्तक व्हावीत अशी होती. तसेच जो संघर्ष केला त्याचा प्रभाव असा पडला की शोषितांच्या हातातल्या काठ्या जणू जहाल बंदुका झाल्या. डॉ. बाबासाहेबांचा शब्द व संघर्षाचे सामर्थ्य यातून व्यक्त होते.

भाषिक वैशिष्ट्ये: मुक्तछंदात (मुक्तशैली) लिहिलेली ही कविता, त्यातील ओजस्वी शब्दकळेमुळे कार्यकर्त्यांच्या काळजाला थेट भिडते. काव्यात्म पण थेट विधानांमुळे त्यातील विचार परिणामकारक झाले आहेत. ‘महाकाव्याची नम्रता’ व ‘काठ्यांच्या बंदुका’ या प्रत्येकी शांतरस व अद्भुतरस यांची निर्मिती करतात.

(आ) डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे कवितेतून जाणवलेले कर्तृत्व तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तर:
पारंपरिक वर्णव्यवस्थेने नाकारलेल्या व दैन्य, दारिद्रयाच्या अंधारात खितपत पडणाऱ्या मूक समाजाला डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी नवविचारांचा प्रकाश दाखवला. .अन्यायाविरुद्ध न बोलणाऱ्या समाजात जागृती निर्माण केली. सर्व सुखांनी पाठ फिरवलेली असताना व अडचणींचा मार्ग असताना पारंपरिक वाटेने जायचे नाकारून, कठीण परिस्थितीवर मात करून डॉ. बाबासाहेबांनी नवा इतिहास घडवला. बहिष्कृत भारताला आत्मविश्वास दिला. अगाध ज्ञानाच्या बळावर लढा पुकारून शोषित जनतेच्या पायातल्या बेड्या मुक्त केल्या. चवदार तळ्याचा संग्राम यशस्वी केला. अशा प्रकारे पीडित व शोषित समाजाला सन्मानाने जगायला शिकवले.

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(ई) अगाध ज्ञानाच्या बळावर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी केलेले कार्य, तुमच्या शब्दांत थोडक्यात लिहा.
उत्तर:
अतिशय कठीण परिस्थितीमध्ये डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी आपले शिक्षण पूर्ण केले. त्यांनी बॅरिस्टर ही पदवी संपादन केली. ते उच्च विद्याविभूषित होते. त्यांनी आपल्या अगाध ज्ञानाच्या बळावर इथल्या बहिष्कृत समाजाला अन्यायापासून मुक्त करण्याचे अतिशय महत्त्वाचे कार्य अंगिकारले. शोषित, पीडित व वर्णव्यवस्थेतून नाकारलेल्या, समृद्धीपासून वंचित असलेल्या जनतेला संघटित केले. त्यांनी ‘शिका, संघटित व्हा व संघर्ष करा’ हा मूलमंत्र देऊन शोषित समाजाला आत्मविश्वास दिला. अन्यायाविरुद्ध लढा देण्यास प्रवृत्त केले. चवदार तळ्याचा संग्राम यशस्वी केला. समाजाला बोधितत्त्वाची शिकवण देऊन बौद्ध धर्म स्वीकारला. स्वतंत्र भारताचे संविधान लिहून भारतीय राज्यघटनेचे ते शिल्पकार ठरले. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांना, त्यांच्या अगाध कर्तृत्वाला मानवंदना देण्यासाठी ‘भारतरत्न’ हा सर्वोच्च बहुमान सन्मानाने बहाल करण्यात आला.

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प्रश्न. पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा:
कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
चौकटी पूर्ण करा:

(i) मूक समाजाचे नायक
(ii) पाठ फिरवणारी
(iii) संपूर्ण जागृत केलेला
(iv) अगाध ज्ञानाच्या बळावर कुंकलेले –
(v) डॉ. आंबेडकरांच्या पायाजवळ गळून पडणारी
(vi) डॉ. बाबासाहेबांच्या डरकाळीने डळमळलेले
(vii) अजूनही प्रतीक्षा करणारा –
(vii) प्रस्तुत कविता या काव्यसंग्रहातून घेतली आहे
उत्तर:
(i) मूक समाजाचे नायक – डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
(ii) पाठ फिरवणारी – सूर्यफुले
(iii) संपूर्ण जागृत केलेला – बहिष्कृत भारत
(iv) अगाध ज्ञानाच्या बळावर फुकलेले – रणशिंग
(v) डॉ. आंबेडकरांच्या पायाजवळ गळून पडणारी – महाकाव्ये
(vi) डॉ. बाबासाहेबांच्या डरकाळीने डळमळलेले – आकाश व पृथ्वी
(vii) अजूनही प्रतीक्षा करणारा – बिगूल
(viii) प्रस्तुत कविता या काव्यसंग्रहातून घेतली आहे. – नाकेबंदी

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न २ (आ) साठी…

प्रश्न.
पुढील कवितेसंबंधीत्याखाली दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कृती सोडवा: कविता-तू झालास मूक समाजाचा नायक.
उत्तर:
(१) प्रस्तुत कवितेचे कवी: ज. वि. पवार.
(२) कवितेचा रचनाप्रकार: मुक्तछंद.
(३) कवितेचा काव्यसंग्रह: नाकेबंदी.
(४) कवितेचा विषय: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांचे माहात्म्य,

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(५) कवितेतून व्यक्त होणारा (स्थायी) भाव: सर्वहारा समाजात अशक्यप्राय वाटणारी जागृती करून त्याला स्वबळावर उभे केल्याबद्दलचा कृतज्ञता भाव,

(६) कवितेच्या कवींची लेखनवैशिष्ट्ये: कविता मुक्तछंदात आहे. ‘तू परिस्थितीवर स्वार झालास’, ‘इतिहास घडवलास’, ‘रणशिंग फुकलेस’, ‘गुलामांच्या पायातल्या बेड्या तोडल्यास’, ‘आकाश हादरलं’, ‘पृथ्वी डचमळली’, ‘चवदार तळ्याला आग लागली’ यांसारख्या लढवय्या शब्दप्रयोगांनी कविता ओजस्वी बनली आहे. पूर्वी दलित समाज बाबासाहेबांच्या नेतृत्वाखाली खवळून उठला होता. तथाकथित उच्चवर्णीयांमध्ये खळबळ माजली होती. हे ‘चवदार तळ्याला आग लागली’ या शब्दांतून प्रखरपणे व्यक्त होते. ‘आता दलित समाज शांत झाला आहे, ही बाब ‘चवदार तळ्याचे पाणी थंड झालंय’ या शब्दांतून व्यक्त होते.

(७) कवितेंची मध्यवर्ती कल्पना: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी केलेल्या महान कार्याबद्दल त्यांचे माहात्म्य कथन करण्यासाठी ही कविता लिहिली आहे. बाबासाहेबांनी सर्वार्थानी गांजलेल्या, पिचलेल्या समाजात जागृती निर्माण केली. त्यांना आत्मसन्मान मिळवून दिला. दलित समाजाला नवा जन्म दिला. पूर्ण खचलेल्या मनांमध्ये आत्मविश्वास ओतला. ही बाबासाहेबांची कर्तबगारी या कवितेचा आशय आहे.

(८) कवितेतून व्यक्त होणारा विचार: पारंपरिक वर्णव्यवस्थेने नाकारलेल्या व दैन्य, दारिद्र्याच्या चिखलात खितपत पडलेल्या समाजाला डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी बाहेर काढले. त्याला आत्मविश्वास दिला. स्वत:च्या पायावर उभे केले. संपूर्ण दलित समाज त्या वेळी बाबासाहेबांच्या पाठीशी उभा राहिला, चवदार तळ्याच्या सत्याग्रहाला, दलित चळवळीला तेज प्राप्त करून दिले. पण आता मात्र तोच दलित समाज थंड झाला आहे. त्याचे बाबासाहेबांनी मिळवून दिलेले तेज आता विरून गेले आहे. याविषयीची खंत कवींनी या कवितेत व्यक्त केली आहे.

(९) कवितेतील आवडलेली ओळ: आज पन्नास वर्षांनी अनुभवतोय सूर्यफुले तुझा ध्यास घेतायत बिगूल प्रतीक्षा करतोय चवदार तळ्याचं पाणी, तेही आता थंड झालंय.

(१०) कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे: ही कविता अतिशय चांगली आहे. ओजस्वी शब्दांनी ओतप्रोत भरलेली आहे. कविता वाचत वाचत जाता बाबासाहेबांची महानता स्पष्ट होत जाते. त्यांनी दलित समाजाला दिलेल्या तेजाचा प्रत्यय येतो. शेवटच्या कडव्यात मात्र कलाटणी आहे. शेवटच्या कडव्याच्या आधीच्या कडव्यात प्रखर तेजाचा प्रत्यय येत राहतो. मात्र आता तोच दलित समाज शांत, थंड झाल्याची दु:खद जाणीव व्यक्त होते. ही दुःखद जाणीव शेवटच्या केवळ चार ओळींमध्ये व्यक्त झाली असतानाही आधीच्या जाज्वल्य भक्तीच्या पार्श्वभूमीवर मनाला व्याकूळ करते. हा दु:खभाव हाच या कवितेचा आत्मा आहे.

(११) कवितेतून मिळणारा संदेश: अज्ञान, दारिद्रय, जातीयता यांच्या चिखलात रुतून पडलेल्या समाजाला बाबासाहेबांनी बाहेर काढले. त्याला पृथ्वीच्या पाठीवर सन्मान मिळवून दिला. प्रखर आत्मविश्वास दिला. या लढ्याच्या काळात दलितांनी बाबासाहेबांना पूर्ण साथ दिली. पण आता मात्र दलित समाजामध्ये तेज मावळले आहे. तो थंड झाला आहे. तेव्हा या दलित समाजाने पुन्हा पूर्वीप्रमाणे सर्व ताकदीनिशी उठावे आणि पुन्हा एकदा विषमतेविरुद्ध लढ्याला सिद्ध व्हावे, अशी इच्छा कवी व्यक्त करतात. हाच या कवितेचा संदेश आहे.

रसग्रहण
कृतिपत्रिकेतील प्रश्न २ (इ) साठी…
प्रश्न. पुढील पंक्तींचे रसग्रहण तुमच्या शब्दांत लिहा:

प्रश्न 1.
‘आज पन्नास वर्षांनी अनुभवतोय सूर्यफुले तुझा ध्यास घेतायत बिगूल प्रतीक्षा करतोय चवदार तळ्याचं पाणी, तेही आता थंड झालंय.’ (सराव कृतिपत्रिका-२)
उत्तर:
आशयसौंदर्य: दलितांवरील अन्यायाविरुद्ध डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी पुकारलेला लढा हा ‘चवदार तळ्याचा संग्राम’ म्हणून प्रसिद्ध आहे. या लढ्याला पन्नास वर्षे उलटून गेल्यावर ज. वि. पवार यांनी ‘तू झालास मूक समाजाचा नायक’ या कवितेमध्ये या महामानवाला अभिवादन केले आहे. उपरोक्त ओळीत आताच्या परिस्थितीचे विदारक वर्णन केले आहे.

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काव्यसौंदर्य: पन्नास वर्षे झाल्यानंतर चवदार तळ्याच्या संग्रामाचा ऊहापोह करताना व लढा थंड झाल्याची खंत व्यक्त करताना कवी म्हणतात-सुख-समृद्धीचे प्रतीक असणाऱ्या सूर्यफुलांनी भूतकाळात पाठ फिरवली होती, ती सूर्यफुले अजून तुझा ध्यास घेतायत. परिस्थितीत बदल न झाल्यामुळे संघर्षाला प्रवृत्त करणारा बिगूल तुझी वाट बघत आहे. चवदार तळ्याचे पाणी आता थंड पडले आहे. संघर्ष मावळला असला, तरी पुन्हा पेटण्यासाठी पाणी आसुसलेले आहे.

भाषिक वैशिष्ट्ये: ही कविता मुक्तच्छंदात (मुक्तशैली) आहे. त्यामळे भावनांचे व विचारांचे थेट प्रसारण योग्य शब्दांत झाले आहे. सूर्यफुले व बिगूल या प्रतीकांमुळे आशयघनता वाढली आहे. ‘चवदार तळ्याचं पाणी थंड पडणं’ या वाक्यखंडातून आताच्या विदारक परिस्थितीवर मार्मिकपणे बोट ठेवले आहे.

प्रश्न 2.
‘तू झालास परिस्थितीवर स्वार आणि घडविलास नवा इतिहास तू झालास मूक समाजाचा नायक आणि जागा केलास उभा बहिष्कृत भारत.’
उत्तर:
आशयसौंदर्य: डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांनी शोषित व पीडित जनतेवर होणाऱ्या अन्यायाविरुद्ध लढा उभारला. मूकसमाजाच्या या महानायकाला अभिवादन करताना ज. वि. पवार यांनी ‘तू झालास मूक समाजाचा नायक’ या कवितेमध्ये त्यांच्या महत्कार्याचा गौरव करताना उपरोक्त ओळी लिहिल्या आहेत.

काव्यसौंदर्य: चवदार तळ्याच्या संग्रामाला पन्नास वर्षे पूर्ण झाल्याच्या पार्श्वभूमीवर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकरांच्या कर्तृत्वाची थोरवी गाताना कवी म्हणतात-प्रतिकूल परिस्थितीवर मात करून तुम्ही या वर्णव्यवस्थेने ग्रासलेल्या समाजाला जागृत केलेत. त्यांना नवविचारांची प्रेरणा देऊन नवीन इतिहास घडविला. अन्याय सहन करणाऱ्या जनतेचे तुम्ही महानायक झालात. बहिष्कृत असलेल्या पीडित समाजात नवचैतन्य निर्माण केलेत. त्यांच्यातील आत्मविश्वास जागवलात.

भाषिक वैशिष्ट्ये: मुक्तशैलीमध्ये लिहिलेली ही कविता त्यातील समर्पक शब्दांमुळे अर्थवाहक झाली आहे. ‘मूक समाज’ ‘बहिष्कृत भारत’ या संकल्पनांचा यथोचित वापर केल्यामुळे कविता परिणामकारक झाली आहे. सुयोग्य व ठाशीव शब्दकळा हे या कवितेचे बलस्थान आहे. थेट शब्दकळेमुळे ओज हा गुण दिसून येतो. आशयाला समर्पक अभिव्यक्तीची जोड मिळाल्यामुळे ओळी रसिकांच्या काळजाला भिडतात.

व्याकरण व भाषाभ्यास

(कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…
व्याकरण घटकांवर आधारित कृतीः

१. समास:
पुढील समासांचे प्रत्येकी एकेक उदाहरण लिहा:
(i) अव्ययीभाव
(ii) विभक्ती तत्पुरुष
(iii) इतरेतर द्वंद्व
(iv) वैकल्पिक द्वंद्व
(v) समाहार वंद्व
(vi) द्विगू
(vii) कर्मधारय.
उत्तर:
(i) बेशक
(ii) भयमुक्त
(iii) आईबाबा
(iv) बरेवाईट
(v) हळदकुंकू
(vi) चौकोन
(vii) नीलपुष्प.

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२. अलंकार:
‘व्यतिरेक’ या अलंकाराचे लक्षण सांगून उदाहरण लिहा:
उत्तर:
लक्षणे: उपमेय हे उपमानापेक्षा श्रेष्ठ असते, असे वर्णन केले असेल तर ‘व्यतिरेक’ हा अलंकार होतो.

उदाहरण:
‘तू माउलीहून मयाळ । चंद्राहुनि शीतळ ।
पाणियाहूनि पातळ । कल्लोळ प्रेमाचा ।।

३. वृत्त:
पुढील ओळींचे गण पाहून वृत्त ओळखा:
तुझ्या आसवांचा नभी पावसाळा
जशी सांज होता फुलांनी रडावे
उत्तर:
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वृत्त – हे भुजंगप्रयात अक्षरगणवृत्त आहे.

४. शब्दसिद्धी:

प्रश्न 1.
‘गैर’ हा उपसर्ग असलेले चार शब्द लिहा:
[ ] [ ] [ ] [ ]
उत्तर:
[गैरहजर] [गैरसमज] [गैरसोय] [गैरशिस्त]

प्रश्न 2.
‘णारा’ हा प्रत्यय असलेले चार शब्द तयार करा:
उत्तर:
[ ] [ ] [ ] [ ]
[बोलणारा] [चालणारा] [लिहिणारा] [हसणारा]

प्रश्न 3.
‘शेजारीपाजारी’ यासारखे चार अभ्यस्त शब्द तयार करा:
उत्तर:
[बारीकसारीक] [उरलासुरला] [अघळपघळ] [आडवातिडवा]

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५. सामान्यरूप:

पुढील शब्दांतील सामान्यरूप ओळखा:
(i) सूर्यफुलांनी
(ii) परिस्थितीवर
(iii) युद्धात
(iv) डरकाळीने
(v) वर्षांनी
(vi) ज्ञानाच्या.
उत्तर:
(i) सूर्यफुलांनी – सूर्यफुलां
(ii) परिस्थितीवर – परिस्थिती
(iii) युद्धात – युद्धा
(iv) डरकाळीने – डरकाळी
(v) वर्षांनी – वर्षां
(vi) ज्ञानाच्या – ज्ञाना.

६. वाक्प्रचार:

पुढील अर्थ असलेले वाक्प्रचार निवडा:
(i) वाट पाहणे –
(अ) प्रतीक्षा करणे
(आ) सहन करणे.
उत्तर:
वाट पाहणे – प्रतीक्षा करणे.

(ii) मदत न करणे – …………………………
(अ) अंग धरणे
(आ) पाठ फिरवणे.
उत्तर:
मदत न करणे – पाठ फिरवणे.

(iii) बाहेर ठेवणे – …………………………
(अ) उपकृत करणे
(आ) बहिष्कृत करणे.
उत्तर:
बाहेर ठेवणे – बहिष्कृत करणे.

भाषिक घटकांवर आधारित कृती:

१. शब्दसंपत्ती:

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प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिहा:
(i) खळगा= …………………………
(ii) जवान = …………………………
(ii) संघर्ष= …………………………
(iv) फूल = …………………………
उत्तर:
(i) खळगा = खड्डा
(ii) जवान = सैनिक, तरुण
(iii) संघर्ष = लढा
(iv) फूल = पुष्प.

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा:
(i) काळोख x …………………………
(ii) चवदार x …………………………
(iii) मूक x …………………………
(iv) थंड x …………………………
उत्तर:
(i) काळोख x उजेड
(ii) चवदार x बेचव
(iii) मूक x बोलका
(iv) थंड x उष्ण, गरम.

प्रश्न 3.
पुढील शब्दांतील अक्षरांपासून चार अर्थपूर्ण शब्द बनवा:
(i) मळवाटेने →
(ii) चवदार →
उत्तर:
(i) मळवाटेने → मळ – वाम – मवाळ – वाटेने
(ii) चवदार → चव – दार – वर – रख

प्रश्न 4.
गटात न बसणारा शब्द लिहा:
(i) पृथ्वी, अवनी, जमीन, वसुंधरा, रसा.
(ii) पाणी, जलद, तोय, उदक, नीर.
उत्तर:
(i) जमीन
(ii) जलद.

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२. लेखननियम:
अचूक शब्द लिहा:
(i) ऐतिहासिक/ ऐतिहासीक / एतिहासिक /ऐतीहासिक.
(ii) वैश्विक / वेश्विक / वैश्वीक/वैस्विक.
(iii) माहीती /माहिती/माहिति /माहीति.
(iv) भवतिक / भौतीक / भौतिक / भौवतिक.
(v) वीपरीत / विपरीत / विपरित / वीपरित.
उत्तर:
(i) ऐतिहासिक
(ii) वैश्विक
(iii) माहिती
(iv) भौतिक
(v) विपरीत.

३. विरामचिन्हे:
विरामचिन्हांसमोर नावे लिहा:
[ : ] [ ]
[ ! ] [ ]
[ ; ] [ ]
[ ? ] [ ]
उत्तर:
(i) [ : ] [अपूर्णविराम]
(ii) [ ! ] [उद्गारचिन्ह]
(iii) [ ; ] [अर्धविराम]
(iv) [ ? ] [प्रश्नचिन्ह]

४. पारिभाषिक शब्द:

योग्य पर्याय निवडा:
(i) Correspondence – …………………………
(१) व्यवहार
(२) पत्रवाटप
(३) पत्रव्यवहार
(४) कर्जवाटप
उत्तर:
(३) पत्र्यव्यवहार

(ii) Humanism – …………………………
(१) व्यक्तिवाद
(२) भूतदया
(३) मानवतावाद
(४) सामाजिक
उत्तर:
(३) मानवतावाद

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक

(iii) Journalism – …………………………
(१) वृत्तपत्र
(२) मुखपत्र
(३) पत्रकारिता
(४) प्रसिद्धी माध्यम
उत्तर:
(३) पत्रकारिता

(iv) Lecturer – …………………………
(१) शिक्षक
(२) प्राचार्य
(३) अधिव्याख्याता
(४) व्याख्याता
उत्तर:
(३) अधिव्याख्याता

(v) Pocket Money – …………………………
(१) जमाखर्च
(२) पैसाअडका
(३) हातखर्च
(४) पावती
उत्तर:
(३) हातखर्च

(vi) Qualitative – …………………………
(१) गुणपत्रक
(२) गुणात्मक
(३) प्रसिद्धी
(४) गणसंख्या
उत्तर:
(२) गुणात्मक

५. अकारविल्हे /भाषिक खेळ:
(१) पुढील शब्द अकारविल्हेनुसार लिहा:
(i) रणशिंग → बिगूल → तुतारी → नगारा.
(ii) सूर्यफूल → मोगरा → गुलाब → चाफा.
उत्तर:
(i) तुतारी → नगारा → बिगूल → रणशिंग.
(ii) चाफा → गुलाब → मोगरा → सूर्यफूल.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक

(२) शब्द बनवा:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 19 तू झालास मूक समाजाचा नायक 5

तू झालास मूक समाजाचा नायक Summary in Marathi

तू झालास मूक समाजाचा नायक कवितेचा भावार्थ

वर्णव्यवस्थेला क्रूर दुष्ट चक्रात खितपत पडलेल्या शोषित व पीडित जनतेमध्ये जागृती आणण्यासाठी व त्यांच्यामध्ये आत्मविश्वास जागवण्यासाठी डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांनी महाड येथे चवदार तळ्याचा संग्राम केला. या घटनेला पन्नास वर्षे पूर्ण झाल्याच्या निमित्ताने या महानायकाला कवींनी कवितेतून अभिवादन केले आहे. कवी म्हणतात –

हे महानायका, तू या शोषित वर्गासाठी लढा उभारायला निघालास तेव्हा काळोखाचे साम्राज्य होते. दु:ख, दैन्य, दारिद्रय व सामाजिक असमता यांच्या अंधाराने शोषित वर्ग ग्रासलेला होता. सतेज किरणांनी न्हायलेल्या उमेदीच्या सुखाच्या सूर्यफुलांनी साथ दिली नाही. तू एकाकी होतास, तरी डगमगला नाहीस. तू बुरसटलेल्या विचारांच्या पारंपरिक वाटेने जायचे नाकारलेस. नवविचारांचा, जागृतीचा मार्ग खाचखळग्यांनी भरलेला अतिशय खडतर होता. खड्ड्यांनी म्हणजे अनेक अडचणींनी तुझे स्वागत केले.

अशा या प्रतिकूल परिस्थितीची तू तमा बाळगली नाहीस. त्यावरही तू मात केलीस आणि नवविचारांच्या प्रेरणांचा नवीन इतिहास तू घडवलास, आतापर्यंत वर्णव्यवस्थेने नाकारलेल्या, अन्याय सहन करणाऱ्या सर्वहारा जनतेचा तू नायक झालास आणि दुर्लक्षित असलेल्या, बहिष्कृत असलेल्या भारतीय समाजात तू जागृती आणलीस. नवचैतन्य आणलेस, त्यांच्यात आत्मविश्वास जागा केलास.

तुझ्या अपरिमित, प्रचंड ज्ञानाच्या सामर्थ्याने तू संग्रामाचे रणशिंग फुकलेस, अन्यायाविरुद्ध बंड करण्यास सज्ज झालास. आतापर्यंत गुलामगिरीत खितपत पडणाऱ्या बांधवांच्या पायातल्या दास्याच्या साखळ्या तू तोडून टाकल्यास आणि एखादया युद्धात सैनिकांना सज्ज करावे, तसे चवदार तळ्याच्या संग्रामासाठी सर्व दलित बांधवांना तळ्याच्या काठी उभे केलेस.

सर्व महाकाव्यांनी तुझ्या चरणाशी नतमस्तक व्हावे, असे तुझे संघर्षमय शब्द होते. हातातील सर्व काठ्या बंदुका होऊन बरसाव्यात, असा तुझा अनोखा संघर्ष होता. तुझ्या बुलंद घोषणेमुळे आकाश हादरून गेले नि पृथ्वी डळमळू लागली आणि बघता बघता चवदार तळ्याच्या पाण्याला आग लागली म्हणजेच संघर्ष पेटला.

या चवदार तळ्याच्या संग्रामाला आता पन्नास वर्षे उलटून गेली. कवी म्हणतात – पन्नास वर्षांनी तो संघर्ष पुन्हा मी अनुभवू पाहतो. अजूनही ज्या सूर्यफुलांनी भूतकाळात पाठ फिरवली होती, ती सूर्यफुले अजून तुझा ध्यास घेत आहेत. पुन्हा संघर्ष करण्यासाठी संघर्षाला प्रवृत्त करणारे बिगूल तुझी वाट बघत आहे. चवदार तळ्याचे पाणी आता थंड पडले आहे. संघर्ष मावळला आहे. (पण चवदार तळ्याचे पाणी आजही पुन्हा पेटण्यासाठी आसुसलेले आहे. शोषितांची परिस्थिती फारशी चांगली नाही.)

तू झालास मूक समाजाचा नायक शब्दार्थ

  • मूक – अबोल,
  • नायक – नेते, कप्तान, अग्रणी, प्रणेता.
  • खाचखळगे – खड्डे.
  • स्वार – आरूढ.
  • बहिष्कृत – बाहेर टाकलेला, परित्यक्त.
  • अगाध – प्रचंड.
  • बळ – शक्ती, सामर्थ्य.
  • बेड्या – साखळ्या.
  • जवान – सैनिक.
  • संघर्ष – लढा, झुंज.
  • संगिनी – बंदुका,
  • डरकाळी – वाघाची आरोळी.
  • हादरणे – थरथरणे.
  • डचमळली – डळमळीत झाली.
  • प्रतीक्षा – वाट पाहणे.

तू झालास मूक समाजाचा नायक वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ

  • पाठ फिरवणे : मदत न करणे, वंचित ठेवणे.
  • स्वागत करणे : मानाने, आदराने एखादया व्यक्तीला या म्हणणे.
  • परिस्थितीवर स्वार होणे : परिस्थितीवर मात करणे,
  • बहिष्कृत करणे : बाहेर ठेवणे, वंचित करणे.
  • रणशिंग फुकणे : युद्ध सुरू होण्याचा इशारा देणे.
  • बेड्या तोडणे : स्वतंत्र होणे,
  • गळून पडणे : निखळून पडणे.
  • ध्यास घेणे : एखाद्या गोष्टीची ओढ वाटणे.
  • प्रतीक्षा करणे : वाट पाहणे.

Marathi Kumarbharti Std 10 Guide Pdf भाग-४

Karte Sudharak Karve Class 10 Marathi Chapter 13 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Class 10th Marathi Kumarbharti Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Marathi Chapter 13 Question Answer

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
खालील आकृत्या पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 6
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 7

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे

प्रश्न 2.
महर्षी कर्वे यांच्या कार्यकुशलतेचा ओघतक्ता तयार करा.
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 8

प्रश्न 3
हे केव्हा घडेल ते लिहा.
(अ) का सुधारकाने सुरू केलेले कार्य पूर्णत्वास जाईल – ……………………………………..
(आ) स्त्री पुरुषांशी स्पर्धा करू शकेल – ……………………………………..
उत्तर :
(अ) का सुधारकाने सुरू केलेले कार्य पूर्णत्वास जाईल, जेव्हा पुरुषांचेही ‘शिक्षण’ होईल.
(आ) स्त्री पुरुषांशी स्पर्धा करू शकेल, जेव्हा ती उच्चविद्याविभूषित होईल.

प्रश्न 4.
चौकटी पूर्ण करा.
(अ) लेखकांच्या मते दुसऱ्याच्या दुःखात दुःखी व सुखात सुखी होणारा – [ ]
(आ) कर्वे यांना लोकमानसाने दिलेली पदवी – [ ]
उत्तर :
(अ) लेखकांच्या मते, दुसऱ्याच्या दुःखात – स्थितप्रज्ञ दुःखी व सुखात सुखी होणारा
(आ) कर्वे यांना लोकमानसाने दिलेली पदवी – महर्षी

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प्रश्न 5.
पाठाच्या आधारे वाक्यांचा उर्वरित भाग लिहून वाक्ये पूर्ण करा.
(अ) स्त्रीने स्वातंत्र्य कमवावे असे वाटणे म्हणजे
(आ) समाजाविरूद्ध विद्रोह केला तर
(इ) लोकांनी कर्वे यांची ससेहोलपट चालवली तरी
उत्तर:
(i) स्त्रीने स्वातंत्र्य कमवावे असे वाटणे म्हणजे खडकावर डोके आपटण्यासारखे आहे.
(ii) समाजाविरुद्ध विद्रोह केला तर विद्रोह करणाऱ्याला समाज गिळून टाकायला येईल.
(iii) लोकांनी कर्वे यांची ससेहोलपट चालवली तरी कव्यांनी त्यांना शिव्याशाप दिले नाहीत किंवा आपल्या कार्यापासून कर्वे विचलित झाले नाहीत.

प्रश्न 6.
‘कार्य’ या शब्दासाठी पाठात आलेली विशेषणे शोधा.
उत्तर:
कार्य या नामाची विशेषणे : मोठे, अतोनात, कठीण, ऐतिहासिक, जटिल, अटीतटीचे, महाकठीण, अलौकिक, महान इत्यादी.

प्रश्न 7.
खालील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधा.
(अ) शिक्षकांनी सांगितलेली हृदय आठवण आमच्या मनात घर करून राहिली.
(आ) वक्त्याचे विचार अनेकांच्या पचनी पडले नाहीत.
उत्तर:
(अ) मनात घर करून राहणे.
(आ) पचनी न पडणे.

प्रश्न 8.
खालील वाक्यांतील उभयान्वयी अव्यये शोधून लिहा.
(अ) त्याने लाडू व करंज्या खाल्ल्या.
(आ) पाऊस आला आणि गारा पडल्या.
(इ) तो येणार, कारण त्याला पैशांची गरज आहे.
(ई) आजी म्हणाली, की मी उद्या गावाला जाणार आहे.
उत्तर:
(i) व
(ii) आणि
(iii) कारण
(iv) की.

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प्रश्न 9.
केवलप्रयोगी अव्ययांचा वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा.
(अ) …………..! काय सुंदर देखावा आहे हा!
(आ) ………….! असा प्रसंग वैऱ्यावर देखील येऊ नये,
(इ) …………..! तुझी कल्पनाच मुळी मला पसंत नाही.
(ई) …………..! आज तू खूप चांगला खेळलास.
उत्तर:
(i) ओहो! काय सुंदर देखावा आहे हा!
(ii) अरेरे! असा प्रसंग वैऱ्यावर देखील येऊ नये.
(iii) छे! तुझी कल्पनाच मुळी मला पसंत नाही.
(iv) वाहव्वा! आज तू फार चांगला खेळलास.

प्रश्न 10.
स्वमत.
(अ) ‘स्त्रियांनी शिकणे अत्यंत गरजेचे आहे’, या विधानामागील अण्णांचा दृष्टिकोन स्पष्ट करा.
उत्तर :
समाजात स्त्रियांची संख्या पुरुषांइतकीच असते. थोडी कमी-जास्त भरेल. पण साधारणपणे स्त्रिया म्हणजे समाजाचा अर्धा भाग होय. दुर्दैवाने आपल्या समाजाने स्त्रियांना मागासलेले ठेवले. त्यामुळे अर्धा समाज मागासलेला राहिला. त्याचे अनंत तोटे समाजाला आजसुद्धा भोगावे लागत आहेत. बहुतेक वेळा हे नुकसान मोजता येत नाही. मोजता न आल्यामुळे आपले किती नुकसान झालेले आहे, हे कळतही नाही. स्त्रियांना मागासलेले ठेवल्यामुळे समाजाची अर्धी बुद्धिमत्ता निरुपयोगी राहते. त्या बुद्धीचा समाजाला उपयोग झाला असता, पण ती वाया जाते. पुरुष बहुतांश वेळा स्वार्थी व आत्मकेंद्री असतो, स्त्री अधिक सामाजिक असते. यामुळे कुटुंबातला पुरुष शिकला तर कुटुंबातील एका व्यक्तीचा विकास होतो. मात्र स्त्री शिकली तर त्याचा परिणाम संपूर्ण कुटुंबावर होतो. अखंड कुटुंब शिक्षित होते. आपण हे ओळखले पाहिजे. स्त्रीला पुरुषांच्या बरोबरीचे स्थान दिले पाहिजे.

(आ) ‘जया अंगी मोठेपण, तया यातना कठीण’ हे वचन महर्षी कर्वे यांच्या जीवनाला कसे लागू पडते, ते स्पष्ट करा.
उत्तर :
अण्णासाहेबांनी फार मोठे स्वप्न पाहिले होते. ते फार मोठी ! झेप घेऊ पाहत होते. त्यांच्या स्वप्नाला संपूर्ण समाजाची साथ मिळाली नाही. समाजाने अण्णासाहेबांना ओळखलेच नाही. समाजाने साथ दिली नाहीच; उलट पराकोटीचा विरोध केला. त्यांचा सतत अपमान केला. त्यांना धक्काबुक्की केली. त्यांचे कपडे फाडले. हे रोज घडत होते. त्यामुळे स्वत:चे कपडे रोज रोज शिवण्याची पाळी त्यांच्यावर येई. स्त्री-शिक्षणासाठी देणग्या गोळा केल्या तर भ्रष्टाचाराचा सतत धाक दाखवला जाई. त्यांच्या चळवळीमुळे कुटुंबीयांनाही त्रास सहन करावा लागे. त्यांच्यावर बहिष्कार टाकण्यातही आला होता. हे सर्व यातनामय होते. लोककल्याणासाठी अण्णासाहेबांनी या यातना सहन केल्या. आज आपण अण्णासाहेबांची स्मारके उभारतो. परंतु प्रत्यक्ष जीवनात त्यांना दुःख, कष्ट आणि यातनाच सहन कराव्या लागल्या. ‘जया अंगी मोठेपण, तया यातना कठीण’ हे तुकाराम महाराजांचे वचन अण्णासाहेबांना तंतोतंत लागू पडते.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे

(इ) ‘कर्ते सुधारक कर्वे’ या पाठातून महर्षी अण्णा कर्वे यांचे तुम्हाला जाणवलेले वेगळेपण, तुमच्या शब्दांत सांगा.
उत्तर :
अण्णासाहेब कर्वे यांचे फार मोठे वेगळेपण या पाठातून वाचकांसमोर येते, बऱ्याच वेळा सामाजिक कार्य करणाऱ्या लोकांना स्वतःच्या सामाजिक कार्याचा गर्व असतो. ती माणसे या गर्वामुळे आक्रमक बनतात, अण्णासाहेबांची प्रकृती याबाबतीत नेमकी उलटी होती. त्यांना प्रचंड आत्मविश्वास होता. पण गर्व नव्हता. ते कधीच आक्रमक बनले नाहीत, उलट ते शांतपणे, कोणावरही न रागावता, आक्रस्ताळेपणा न करता आपले काम करीत. त्यांचे अपमान झाले. अडवणूक झाली. त्यांच्यावर हल्ले झाले. जाता-येता त्यांचे कपडे फाडले गेले. पण ते विचलित झाले नाहीत. घाबरले नाहीत किंवा दुःखी-कष्टीही झाले नाहीत. ते स्थितप्रज्ञाप्रमाणे शांत राहिले. नव्हे ते स्थितप्रज्ञच होते. हा त्यांचा गुण, त्यांचा वेगळेपणा मला खूप भावला आहे. खूप आवडला आहे.

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे Additional Important Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न १ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

उतारा क्र.१
प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
कारणे लिहा :
(i) नातेवाईक नसलेले महर्षी कर्वे हे निवर्तल्यानंतर लेखकांच्या आजोबांच्या डोळ्यांत अश्रू आले; कारण –
(ii) अण्णासाहेब कर्वे यांच्या मते, केवळ राष्ट्रीय स्वातंत्र्य मिळणे उपयोगाचे नव्हते; कारण –
(iii) भारतीय स्त्री स्वत:च आपल्या गुलामीला दागिना मानीत होती; कारण –
उत्तर:
(i) नातेवाईक नसलेले महर्षी कर्वे हे निवर्तल्यानंतर लेखकांच्या आजोबांच्या डोळ्यांत अश्रू आले; कारण महान कार्य केलेले महर्षी कर्वे आपल्यातून गेले याची दुःखद जाणीव आजोबांना झाली.
(ii) अण्णासाहेब कर्वे यांच्या मते, केवळ राष्ट्रीय स्वातंत्र्य मिळणे उपयोगाचे नव्हते; कारण स्त्रियांना स्वातंत्र्य मिळाले नाही, तर राष्ट्रीय स्वातंत्र्याला काहीही अर्थ राहत नाही.
(iii) भारतीय स्त्री स्वत:च आपल्या गुलामीला दागिना मानीत होती; कारण तसे मानण्याचे संस्कारच तिच्यावर झाले होते.

प्रश्न 2.
विसंगती लिहा :
(i) अण्णासाहेब कर्वे समाजासाठी कार्य करीत होते, पण समाज ………………………………
(ii) आपल्या समाजात स्त्रीला देवीचे स्थान आहे, असे दाखवले जाते, पण प्रत्यक्षात मात्र ………………………………
(iii) भारतीय स्त्री गुलामीत जगत होती, पण ती ………………………………
उत्तर:
(i) अण्णासाहेब कर्वे समाजासाठी कार्य करीत होते, पण समाज त्यांना समाजविरोधक समजत होता.
(ii) आपल्या समाजात स्त्रीला देवीचे स्थान आहे, असे दाखवले जाते, पण प्रत्यक्षात मात्र तिला शूद्रातिशूद्र समजून तिचा प्रच्छन्न छळच केला जाई.
(iii) भारतीय स्त्री गुलामीत जगत होती, पण ती आपल्या गुलामीलाच दागिना समजत होती.

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प्रश्न 3.
माहिती लिहा :
(i) अण्णासाहेब कर्वे यांनी घालून दिलेला वस्तुपाठ
(ii) प्रा. अण्णासाहेब कर्वे यांचा कॉलेजात शिकवण्याचा विषय
(iii) त्या वेळच्या अज्ञ समाजाने मानलेले स्वत:चे ‘ऐतिहासिक कार्य
(iv) अण्णासाहेबांनी सुरुवातीला स्थापन केलेली संस्था
(v) अनाथ बालिकाश्रमाचे रूपांतर झालेली संस्था
(vi) निधी उभारणीसाठी अण्णासाहेबांनी निर्माण केलेल्या यंत्रणा
उत्तर:
(i) अण्णासाहेब कर्वे यांनी घालून दिलेला वस्तुपाठ – पहिल्या पत्नीच्या मृत्यूनंतर त्यांनी स्वतः विधवेशी विवाह केला.
(ii) प्रा. अण्णासाहेब कर्वे यांचा कॉलेजात शिकवण्याचा विषय – गणित.
(iii) त्या वेळच्या अज्ञ समाजाने मानलेले स्वत:चे ‘ऐतिहासिक कार्य’ – सत्पुरुषांचा छळ करावा.
(iv) अण्णासाहेबांनी सुरुवातीला स्थापन केलेली संस्था – अनाथ बालिकाश्रम.
(v) अनाथ बालिकाश्रमाचे रूपांतर झालेली संस्था – हिंगणे स्त्री-शिक्षण संस्था.
(vi) निधी उभारणीसाठी अण्णा साहेबांनी निर्माण केलेल्या यंत्रणा – ‘पै पै चा निधी’ आणि ‘मुरूड निधी.’

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
कंसांतील सूचनांनुसार उत्तर: लिहा :
(i) सुरुवात त्यांनी स्वत:पासून केली. (अधोरेखित शब्दाच्या जागी ‘करतात’ हा शब्द वापरून वाक्य पुन्हा लिहा.)
(ii) त्याच अनपढ राहिल्या तर? (अधोरेखित शब्दाच्या जागी ‘तीच’ हा शब्द वापरून वाक्य पुन्हा लिहा.)
(iii) कव्यांच्या पुतळ्याच्या मागे एक मुलगी रडत बसली होती. (‘मुलगा’ हा शब्द अधोरेखित शब्दाच्या जागी योजा आणि वाक्य पुन्हा लिहा.)
उत्तर:
(i) सुरुवात ते स्वत:पासून करतात.
(ii) तीच अनपढ़ राहिली तर?
(iii) कर्त्यांच्या पुतळ्याच्या मागे एक मुलगा रडत बसला होता.

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प्रश्न 2.
अनेकवचन लिहा :
(i) रात्र
(ii) डोळा
(iii) कार्य
(iv) स्त्री
(v) पोथी
(vi) मेढ.
उत्तर:
(i) रात्र – रात्री
(ii) डोळा – डोळे
(iii) कार्य – कायें
(iv) स्त्री – स्त्रिया
(v) पोथी – पोथ्या
(vi) मेढ – मेढी.

उतारा क्र. २

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :
कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 9
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 10

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प्रश्न 3.
चौकटी पूर्ण करा :
(i) कर्वे यांना राजमानसाने दिलेली पदवी
उत्तर :
(i) कर्वे यांना राजमानसाने दिलेली पदवी – भारतरत्न।

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 12

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
पुढील वाक्यातील नामे ओळखा आणि ती मूळ रूपांत लिहा :
महर्षी कर्वे यांनी ‘अनाथ बालिकाश्रमा’ची मुहूर्तमेढ रोवली.
उत्तर:
नामे : महर्षी, बालिकाश्रम, मुहूर्तमेढ.

प्रश्न 2.
पुढील वाक्यातील उभयान्वयी अव्यये लिहा :
तिला स्वतंत्र व्हायचे असेल तर तिला भान यावयास हवे, की आपण गुलाम आहोत आणि हे भान शिक्षणाशिवाय येऊ शकत नाही.
उत्तर:
उभयान्वयी अव्यये : तर, की, आणि.

प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दातील प्रत्यय ओळखा आणि तो प्रत्यय जोडलेले अन्य दोन शब्द लिहा :
स्त्रीने शिक्षित झालेच पाहिजे.
उत्तर:
प्रत्यय : इत. अन्य शब्द : प्रमाणित, प्रभावित.

प्रश्न 4.
पुढील शब्दांतून शब्दयोगी अव्यय जोडलेले शब्द ओळखून लिहा :
शिक्षणाशिवाय, विरोधाभास, ऋणातही, व्यक्तीसारखा, अर्धागवायू, दुसरीकडे, पृथ्वीबाहेर, जगप्रवास, पुरुषप्रधान, स्त्रियांवरील, जन्मलेला.
उत्तर:
शिक्षणाशिवाय, ऋणातही, व्यक्तीसारखा, दुसरीकडे, पृथ्वीबाहेर, स्त्रियांवरील.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

व्याकरण घटकांवर आधारित कृती :

१. समास :
(१) पुढील विग्रहांवरून सामासिक शब्द तयार करा :
(i) खाणे, पिणे वगैरे
(ii) चार कोनांचा समूह
(iii) पास किंवा नापास
(iv) प्रत्येक रस्त्यावर
(v) बाप आणि लेक
(vi) वसतीसाठी गृह.
उत्तर:
विग्रह – सामासिक शब्द Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे
(i) खाणे, पिणे वगैरे – खाणेपिणे
(ii) चार कोनांचा समूह – चौकोन
(iii) पास. किंवा नापास – पासनापास
(iv) प्रत्येक रस्त्यावर – रस्तोरस्ती
(v) बाप आणि लेक – बापलेक
(vi) वसतीसाठी गृह – वसतिगृह

(२) पुढील तक्ता पूर्ण करा : (सराव कृतिपत्रिका-३)
समासाचे नाव – उदाहरण – समास विग्रह
(i) समाहार वंद्व समास – केरकचरा – ……………………….
(ii) ………………………. – प्रतिक्षण – प्रत्येक क्षणाला
(iii) द्विगू समास – ………………………. – पाच आरत्यांचा समूह
(iv) विभक्ती तत्पुरुष समास – ………………………. – राजाचा वाडा
उत्तर:
समासाचे नाव – उदाहरण – समास विग्रह
(i) समाहार द्वंद्व समास – केरकचरा केर, कचरा वगैरे
(ii) अव्ययीभाव समास – प्रतिक्षण प्रत्येक क्षणाला
(iii) द्विगू समास – पंचारती पाच आरत्यांचा समूह
(iv) विभक्ती तत्पुरुष समास – राजवाडा राजाचा वाडा

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे

२. अलंकार :
पुढील आकृती पाहून अलंकार ओळखा व एक उदाहरण दया :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 13
उत्तर :
अलंकार – [दृष्टान्त]
उदाहरण : लहानपण दे गा देवा। मुंगी साखरेचा रवा।
ऐरावत रत्न थोर। त्यासी अंकुशाचा मार।।

३. वृत्त:

(१) पुढील ओळीचा लगक्रम लिहा :
प्रभाते मनी राम चिंतीत जावा
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 14

(२) पुढील काव्यपंक्तीतील वृत्त ओळखा : (सराव कृतिपत्रिका-१)
द्रव्यास हे गमन मार्ग यथावकाश
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे 15
वृत्त : हे वसंततिलका वृत्त आहे.

४. शब्दसिद्धी :
(१) पुढील शब्दांना ‘इक’ हा प्रत्यय लावून शब्द बनवा :
जसे → नगर + इक → नागरिक
(i) समाज → [ ]
(ii) शरीर → [ ]
उत्तर:
(i) [सामाजिक]
(ii) [शारीरिक]

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 13 कर्ते सुधारक कर्वे

(२) परि’ हा उपसर्ग लावून दोन शब्द तयार करा :
जसे → परि + पूर्ण → परिपूर्ण
(i) क्रमा → [ ]
(ii) श्रम → [ ]
उत्तर:
(i) [परिक्रमा]
(ii) [परिश्रम]

(३) ‘अडीअडचणी’ सारखे पाठातील चार अभ्यस्त शब्द लिहा :
उत्तर:
(i) धक्काबुक्की
(ii) हालअपेष्टा
(iii) अटीतटी
(iv) कुरबूर

५. सामान्यरूप :
पुढील तक्ता पूर्ण करा :
शब्द – विभक्ती प्रत्यय – सामान्यरूप
(i) दु:खात – …………………… – ……………………
(ii) कव्यांनी – …………………… – ……………………
(iii) कन्येशी – …………………… – ……………………
(iv) स्वातंत्र्याचा – …………………… – ……………………
उत्तर:
शब्द – विभक्ती प्रत्यय – सामान्यरूप
(i) दु:खात – त – दु:ख
(ii) कव्यांनी – नी – कव्यां
(iii) कन्येशी – शी – कन्ये
(iv) स्वातंत्र्याचा – चा – स्वातंत्र्य

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६. वाक्प्रचार :
(१) कंसातील वाक्प्रचारांचा त्या खालील वाक्यांत योग्य ठिकाणी वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा : (खूणगाठ बांधणे, वस्तुपाठ घालून देणे, मुहूर्तमेढ रोवणे, ससेहोलपट होणे)
(i) रात्रीच्या वेळी रानातला रस्ता शोधता शोधता प्रवाशांना खूप त्रास झाला.
(ii) गाडगेमहाराजांनी स्वच्छता मोहिमेचा पाया घातला,
(iii) अजयने दररोज नियमित व्यायाम करण्याचा मनाशी दृढ निश्चय केला.
(iv) जनसेवा कशी करावी, याचा महात्मा गांधीजींनी आदर्श घालून दिला.
उत्तर:
(i) रात्रीच्या वेळी रानातला रस्ता शोधता शोधता प्रवाशांची ससेहोलपट झाली.
(ii) गाडगेमहाराजांनी स्वच्छता मोहिमेची मुहूर्तमेढ रोवली.
(iii) अजयने दररोज नियमित व्यायाम करण्याची मनाशी खूणगाठ बांधली.
(iv) जनसेवा कशी करावी, याचा महात्मा गांधीजींनी वस्तुपाठ घालून दिला.

*(२) पुढील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधा :
(i) शिक्षकांनी सांगितलेली हृदय आठवण आमच्या मनात घर करून राहिली.
(ii) वक्त्याचे विचार अनेकांच्या पचनी पडले नाहीत.

आभाषिक घटकांवर आधारित कृती :

१. शब्दसंपत्ती :
(१) पुढील शब्दसमूहांसाठी एक शब्द लिहा :
(i) लिहिता-वाचता न येणारा – ………………………
(ii) चांगल्या प्रकारे शिक्षित असलेला – ………………………
(iii) लिहिता-वाचता येणारा – ………………………
(iv) जिचे सौभाग्य हरपले आहे अशी स्त्री – ………………………
(v) केलेले उपकार जाणणारा – ……………………… (मार्च १९)
(vi) कोणाचाही आधार नसलेला – ……………………… (मार्च १९)
उत्तर:
(i) निरक्षर
(ii) सुशिक्षित
(iii) साक्षर
(iv) विधवा
(v) कृतज्ञ
(iv) निराधार.

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(४) विरुद्धार्थी शब्द लिहा :
(i) सहिष्णू x ……………………
(ii) स्वातंत्र्य x ……………………
(iii) सुरुवात x ……………………
(iv) जन्म x ……………………
(v) जमा x ……………………
(vi) सोय x ……………………
(vii) उधळपट्टी x ……………………
(viii) अनाथ x ……………………
उत्तर:
(i) सहिष्णू x असहिष्णू
(i) स्वातंत्र्य x पारतंत्र्य
(iii) सुरुवात x शेवट
(iv) जन्म र मृत्यू
(v) जमा x खर्च
(vi) सोय x गैरसोय
(vii) उधळपट्टी x कंजुषी
(viii) अनाथ x सनाथ.

(५) गटात न बसणारा शब्द लिहा :
(i) आई, वडील, बहीण, बायको, कन्या – ……………………
(ii) मन, तन, चित्त, जिव्हार, अंत:करण – ……………………
उत्तर:
(i) वडील
(ii) तन,

(६) दिलेल्या शब्दांतून दोन अर्थपूर्ण शब्द तयार करा :
(सराव कृतिपत्रिका-३) (नगर व पालिका हे दोन शब्द सोडून)
नगरपालिका → [ ] [ ]
उत्तर :
नगरपालिका – [नग] [नर]

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२. लेखननियम :
(१) अचूक शब्द निवडा :
(i) विभूषित/वीभूषित/विभुशित/विभुषीत.
(ii) पुर्नविवाह/पुनर्विवाह/पूर्नवीवाह/पुनर्वीवाह.
(iii) शैक्षणीक शैक्षणिक/शैक्षाणिक/शैक्शणिक.
(iv) सावर्जनिक/सर्वजनिक/सार्वजनीक/सार्वजनिक.
उत्तर:
(i) विभूषित
(ii) पुनर्विवाह
(iii) शैक्षणिक
(iv) सार्वजनिक.

(२) पुढील वाक्ये लेखननियमांनुसार लिहा :
(i) सरस्वतिला आपन वाङमयाची जननि मानतो.
(ii) एकदा वीदयापिठातल्या कर्त्यांच्या पूतळ्यामागे एक मूलगी रडत बसलि होती.
उत्तर:
(i) सरस्वतीला आपण वाङ्मयाची जननी मानतो.
(ii) एकदा विदयापीठातल्या कर्त्यांच्या पुतळ्यामागे एक मुलगी रडत बसली होती.

३. विरामचिन्हे :
पुढील वाक्यांत योग्य विरामचिन्हे घालून वाक्ये पुन्हा लिहा :
(i) तिला म्हटले कर्त्यांच्या पुतळ्यापाशी बसून रडायला तुला काहीच कसे वाटत नाही
(ii) आपण आपल्या आईशी बहिणीशी बायकोशी कन्येशी पुष्कळदा चुकीचे वागतो
उत्तर:
(i) तिला म्हटले, “कर्त्यांच्या पुतळ्यापाशी बसून रडायला तुला काहीच कसे वाटत नाही?”
(ii) आपण आपल्या आईशी, बहिणीशी, बायकोशी, कन्येशी पुष्कळदा चुकीचे वागतो.

४. पारिभाषिक शब्द :

पुढील इंग्रजी पारिभाषिक शब्दांना मराठी प्रतिशब्द लिहा :
(i) Book Stall – ……………………………..
(ii) Book Post – ……………………………..
(iii) Casual Leave – ……………………………..
(iv) No Objection Certificate – ……………………………..
(v) Highway – …………………………….. (सराव कृतिपत्रिका-३)
(vi) Interview – …………………………….. (सराव कृतिपत्रिका-३)
उत्तर:
(i) Book Stall – पुस्तक विक्री केंद्र
(ii) Book Post – पुस्त-प्रेष
(iii) Casual Leave – नैमित्तिक रजा
(iv) No Objection Certificate – ना हरकत प्रमाणपत्र
(v) Highway – महामार्ग
(vi) Interview – मुलाखत.

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५. अकारविल्हे/भाषिक खेळ :
(१) पुढील शब्द अकारविल्हेनुसार लिहा :
(i) चार → तीन → दोन → एक.
(ii) राग → क्रोध → संताप → चीड.
उत्तर:
(i) एक → चार → तीन → दोन,
(ii) क्रोध → चीड → राग → संताप.

(२) आकृती पूर्ण करा:
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उत्तर:
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उत्तर:
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कर्ते सुधारक कर्वे शब्दार्थ

  • प्रच्छन्न – गूढ, गुप्त, लपलेला, झाकलेला.
  • असिधाराव्रत – तलवारीच्या धारेवरून चालण्याइतके कठीण व्रत.
  • पै – पूर्वीचे एक लहान नाणे.
  • मैलोन्गणती – अनेक मैल, खूप अंतर.
  • मिसाल – प्रतीक.
  • राजमानसाने – सरकारने.
  • टिचणे – फुटणे, तडकणे.

कर्ते सुधारक कर्वे टिपा

(१) भारतरत्न : भारतातील हा सर्वोच्च नागरी पुरस्कार आहे. देशासाठी सर्वोच्च प्रतीचे आणि जगभरात देशाचे नाव कीर्तिवंत करणारे कार्य ज्यांच्या हातून घडते, अशा व्यक्तीला हा सर्वोच्च पुरस्कार बहाल केला जातो. त्या व्यक्तीने त्या कार्यासाठी आपले संपूर्ण आयुष्य खर्ची घातलेले असते. सेवा, कला, साहित्य, विज्ञान, विश्वशांती, मानवविकास, कारखानदारी, क्रीडा अशा मूलभूत क्षेत्रांमध्ये अतुलनीय कामगिरी करणाऱ्या व्यक्तीला हा सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार देऊन सन्मानित करण्याचा निर्णय १९५४ साली तत्कालीन सरकारने घेतला.

(२) महामेरू : पुराणात पृथ्वीचे वर्णन करताना सात द्वीपे सांगितली आहेत. त्यांपैकी जंबुद्वीपामध्ये केंद्रस्थानी मेरू हा पर्वत आहे. हा पर्वत सोन्याचा असून त्यावर नेहमी देव राहतात, असे पुराणात सांगितले आहे. या मेरू पर्वतापेक्षाही महर्षी कर्वे मोठे असे आलंकारिक वर्णन येथे केले आहे.

Marathi Kumarbharti Class 10th Digest भाग-३