Purna Vishram 8th Standard Question Answer Hindi Chapter 8 Maharashtra Board

Class 8 Hindi Chapter 8 Purna Vishram Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 8 पूर्ण विश्राम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 8 Hindi Chapter 8 Purna Vishram Question Answer Maharashtra Board

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:

संजाल पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 1
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 5

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 2
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 6

भाषाबिंदु

निम्नलिखित समोच्चारित भिन्नार्थक हिंदी शब्दों के अर्थ लिखिए तथा उन शब्दों का अलग-अलग पूर्ण वाक्यों में
प्रयोग कीजिए। (हार, वार, हल, सीना, ज्वार, सुमन)
Answer:
(i) हार – गले की माला, ‘हारना’ इस क्रिया की भाववाचक संज्ञा
वाक्य
(१) मैंने भगवान की मूर्ति को हार चढ़ाया
(२) उस लड़ाई में सम्राट अशोक की भी हार हुई।

(ii) वार – दिन, आघात या प्रहार
वाक्य
(१) आज कौन सा वार है?
(२) रघू ने बिजू की पीठ पर जोर से प्रहार किया।

(iii) हल – समाधान, खेती का एक औजार
वाक्य
(१) इस प्रश्न का हल बताइए।
(२) किसान हल से खेती करता है।

(iv) सीना – छाती, ‘सौना’ एक क्रिया
वाक्य
(१) उसका सीना चौड़ा है।
(२) मुझे कपड़ा सीना अच्छा लगता है।

(v) ज्वार – एक प्रकार का अनाज,समुद्र के जल का ऊपर उठना
वाक्य
(१) ज्वार एक प्रकार का अनाज है।
(२) कल समुद्र में ज्वार आया था।

(vi) सुमन – पुष्प, अच्छे हृदय वाला
वाक्य
(१) मैंने देवी की मुर्ति पर सुमन अर्पण किए।
(२) रामलाल सुमन व्यक्ति है।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 3
Answer:

  1. Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 7
  2. Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 8
  3. Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 9
  4. Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 10

उपयोजित लेखन

कोई साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने के विरोध में शिकायत करते हुए संपादक को निम्न प्रारूप में पत्र लिखिए।
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 4
Answer:

दिनांक – ३० जुलाई, २०१८
प्रति,
संपादक
साहित्य यात्रा
साहित्य भवन पब्लिशिंग कंपनी,
मुंबई – १८
विषय – साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से प्राप्त होने की शिकायत करते हुए पत्र ।
महोदय,
मैं, कुमारी विजया देसाई कक्षा आठवीं की छात्रा हूँ। प्रति सप्ताह मैं आपके पब्लिशिंग कंपनी द्वारा ‘साहित्य यात्रा’ पत्रिका | मँगवाती आ रही हूँ। पिछले दो वर्ष से मेरे स्थानीय पते पर नियमित रूप से पत्रिका आ रही है। लेकिन मुझे आपको यह बताते हुए बहुत ही खेद हो रहा है कि पिछले दो महीने से मेरे पते पर साप्ताहिक पत्रिका अनियमित रूप से आ रही है। जून महीने में मुझे दो ही बार साप्ताहिक पत्रिका प्राप्त हुई है। इस महीने में तो मुझे एक ही बार साप्ताहिक पत्रिका मिली है।

मेरा सदस्य क्रमांक ३४५६/क्र.स. है। आशा है कि मेरी शिकायत पर आप अवश्य विचार करेंगे और मुझे नियमित रूप से साप्ताहिक पत्रिका भेजने का कार्य सुचारू रूप से करेंगे।
भवदीया,
कुमारी विजया देसाई
पता – ‘राधिका’ निवास,
साईंनाथ नगर, घाटकोपर,
पश्चिम, मुंबई – ४०० ०८६
ई-मेल आई डी : vijaya13@gmail.com

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

स्वयं अध्ययन

प्राचीन काल से आज तक प्रचलित संदेश वहन के साधनों की सचित्र सूची तैयार करो।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (१) आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 13
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 12

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखक ने पत्नी को जुहू जाने की तैयारी करने के लिए कहा।
Answer:
क्योंकि डॉक्टर ने उसे विश्राम करने के लिए बाहर घूमने जाने के लिए कहा था।

कृति क (२) आकलन कृति

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

  1. पायधुनी
  2. पूर्णिमा

Answer:

  1. दिन भर दौड़ भूप करके लेखक कहाँ से मिस्त्री ले आया?
  2. एक दिन बाद क्या था?

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

कृति क (३) शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में आए विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
डॉक्टर, ट्यूब वाल, रबड़ सोल्यूशन, गैलन, इंजिन आयल।

Question 2.
‘हवा’ शब्द में उचित प्रत्यय का प्रयोग कीजिए।
Answer:
हवा – हवादार – प्रत्यय – दार

लिंग बदलिए।

  1. श्रीमती
  2. पति

Answer:

  1. श्रीमान
  2. पनि

नीचे दिए हुए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. हवा
  2. विश्राम
  3. हस्त

Answer:

  1. वायु
  2. आराम
  3. हाथ

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

कृति क (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘स्वास्थ्य के लिए विश्राम आवश्यक होता है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
विश्राम करने से हमारे शरीर को स्फूर्ति एवं शक्ति मिलती है। विश्राम करने से व्यक्ति के संपूर्ण शरीर को आराम मिलता है तथा उसमें काम करने की शक्ति आ जाती है। मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए विश्राम आवश्यक होता है। विश्राम करने से थकान दूर हो जाती है और मानसिक शांति मिलती है। विश्राम करने से व्यक्ति में चेतना का संचार होता है। अत: स्पष्ट है कि स्वास्थ्य के लिए विश्राम आवश्यक है। प्रश्न २ (ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (१) आकलन कृति

गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
थकावट तब दूर होगी…….
Answer:
थकावट तब दूर होगी जब जूह पर दिन भर विश्राम लेंगे।

Question 2.
अलार्म ने तब शोर मचाया।
Answer:
अलार्म ने तब शोर मचाया जब सुबह के पाँच बज गए।

समझकर लिखिए।

Question 1.
जीवन का मूलमंत्र
Answer:
सहयोग भावना

Question 2.
इनसे होता है सहयोग
Answer:
मन, वचन व कर्म

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 15
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 25

कृति ख (३) शब्द संपदा

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. रोशनी
  2. मुआयना
  3. धोखा
  4. हाथ

Answer:

  1. उजाला
  2. निरीक्षण
  3. फरेब
  4. हस्त

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

वचन बदलिए

  1. तैयारी
  2. पूड़ी

Answer:

  1. तैयारियाँ
  2. पूड़ियाँ

विलोम शब्द लिखिए।

  1. उपकार x
  2. संपन्न x

Answer:

  1. उपकार x अपकार
  2. संपन्न x विपन्न

Question 1.
गद्यांश में प्रयुक्त लिंग शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
Answer:
पति – पत्नी

कृति ख (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सहयोग भावना जीवन का मूलमंत्र है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
जब व्यक्ति समान उद्देश्य के लिए एक साथ काम करते हैं, तो उनके व्यवहार को सहयोग कहते हैं। मानव जीवन की उन्नति, विकास व सुरक्षा के लिए ‘सहयोग’ आवश्यक है। सहयोग की भावना से व्यक्ति व समाज का विकास होता है। व्यक्ति में निर्णय करने की क्षमता आती है। सहयोग की भावना के द्वारा व्यक्ति समस्या का समाधान प्राप्त करना सीख लेता है। सहयोग की भावना से एक-दूसरे की समान आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। सभी को कार्य करने के लिए समान अवसर प्राप्त होता है। अत: स्पष्ट है कि सहयोग सामाजिक जीवन का मूलमंत्र है।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखक जुहू गुलबंद लेकर जा रहे थे।
Answer:
क्योंकि जुहू पर बड़ी सर्द हवा चलती थी।

Question 2.
लेखक जुहू बेदिंग सूट लेकर जा रहे थे।
Answer:
क्योंकि बेदिंग सूट के बिना नहाना धरा रह जाएगा।

कृति ग (२) आकलन कृति

किसने, किससे कहा?

Question 1.
“राइटिंग पैड का क्या करोगी?”
Answer:
लेखक ने अपनी पत्नी से कहा।

Question 2.
“यों तो वक्त नहीं मिलता।”
Answer:
लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 17
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 16

कृति ग (३) शब्द संपदा

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. जवाब
  2. बिजली

Answer:

  1. उत्तर
  2. विद्युत

वचन बदलिए।

  1. चिट्ठियाँ
  2. हवा

Answer:

  1. चिट्ठी
  2. हवाएँ

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम

विलोम शब्द लिखिए।

  1. भूल x
  2. धूप x

Answer:

  1. भूल x याद
  2. धूप x छाँव

निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाइए।

  1. भूल
  2. कश्मीर

Answer:

  1. भुलक्कड़
  2. काश्मीरी

कृति ग (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
जब आप सफर पर निकले हैं, तब आप कौन-कौन-सी चीजें अपने साथ लेकर जाते हैं और क्यों? लिखिए।
Answer:
सफर पर तो सभी जाते हैं। मैं भी सफर पर निकलता हूँ। जब मैं अपने परिवार के साथ सफर पर निकलता हूँ तब हम जरूरत की सारी चीजें लेकर जाते हैं। जैसे कि आवश्यक दवाइयाँ, खाने-पीने की कुछ ज़रूरी चीजें व सर्दी से बचने के लिए ऊनी कपड़े आदि। इन चीजों को ले जाने से सफर में हमें किसी प्रकार की कठिनाइयाँ महसूस नहीं होती है। सफर का मजा किरकिरा न हो इसलिए इन चीजों को हम साथ लेकर ही निकलते हैं।

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

  1. समालोचना
  2. कविता

Answer:

  1. लेखक के पास किताबें किसलिए आई थीं?
  2. लेखक पर कई दिनों से क्या करने की धुन सवार थी?

कृति घ (२) आकलन कृति

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखक जुहू जाकर कविता लिखना चाहता था।
Answer:
क्योंकि काव्य लेखन के लिए जुहू से अच्छी दूसरी जगह नहीं हो सकती थी।

Question 2.
श्रीमती के चेहरे का रंग पीला पड़ गया।
Answer:
क्योंकि उन्हें लगा कि जुहू के लिए निकलते समय उन्होंने बरामदे की खिड़की को अंदर से बंद नहीं किया।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 19
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 18

कृति घ (३) शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्द में बंदत प्रत्यय लगाइए।

  1. विचरना
  2. ढंकना

Answer:

  1. विचरण
  2. बँक

समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्वप्न
  2. स्फूर्ति

Answer:

  1. सपना
  2. ताजगी

अनेक शब्द के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गुण-दोष का किया जाने वाला विवेचन
Answer:
समालोचना

कृति घ (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
मान लीजिए कि आप सफर पर निकले हैं और वहाँ पहुँचने के बाद आपको याद आता है कि आप घर पर कुछ भूल आए हो। उस वक्त आप क्या महसूस करेंगे? अपने विचार लिखिए।
Answer:
यदि मैं सफर पर निकला हूँ और वहाँ पहुँचने के बाद मुझे याद आता कि घर पर मैं कुछ भूल आया हूँ, जैसे इस बात का मुझे एहसास हो जाएगा, मुझे बहुत अफसोस होगा। साथ ही मेरे सफर का मजा भी किरकिरा हो जाएगा। सफर का आनंद लेने के बजाय मैं बेहद दुखी हो जाऊँगा और वहाँ से फौरन अपने घर की ओर निकलने का प्रयास करूंगा या फिर परिस्थिति देखकर किसी परिवार के सदस्य को संबंधित सूचना दे दूंगा और समस्या से निजात पा लूँगा। मैं स्वयं को भविष्य में ऐसी भूलने की गलती फिर से न करने के लिए भी तैयार करूंगा।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ङ (१) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 21
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 20

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
लेखक के दिल की धड़कन दस गुना बढ़ गई थी।
Answer:
सत्य

Question 2.
लेखक घर की खिड़की की चटखनी लगाना भूल गए थे।
Answer:
असत्य

कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 23
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 8 पूर्ण विश्राम 22

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

Question 1.
लेखक के अनुसार जिस शब्द के साथ ‘पूर्ण’ लग जाता है वह
(क) ‘पूर्ण निरोग’ हो जाता है।
(ख) ‘पूर्ण विश्राम’ हो जाता है।
(ग) “पूर्ण भयावह’ हो जाता है।
Answer:
लेखक के अनुसार जिस शब्द के साथ पूर्ण लग जाता है वह ‘पूर्ण भयावह’ हो जाता है।

कृति ङ (२) शब्द संपदा

Question 1.
उपर्युक्त गद्यांश से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
ठीक-ठाक, धक-धक

Question 2.
‘अधीरता’ इस शब्द में से प्रत्यय ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
अधीरता – प्रत्यय – ता

Question 3.
गद्यांश में से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
Answer:
आँसू
समुद्र

नीचे दिए हुए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. धीमी x
  2. ज्यादा x
  3. भय x
  4. पूर्ण x

Answer:

  1. धीमी x तेज
  2. ज्यादा x कम
  3. भय x साहस
  4. पूर्ण x अपूर्ण

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. भय
  2. इलाज

Answer:

  1. डर
  2. उपचार

कृति ङ (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘घरेलू उलझनों में व्यस्त होने के कारण व्यक्ति जीवन में आने वाले खुशी के दो पलों का आनंद नहीं ले पाता।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हाँ, भ्रम की स्थितियाँ जीवन में निर्माण होती रहती है। इसका एक कारण घरेलू उलझन भी हो सकती हैं। एक बार हमें गाँव पहुंचने पर ऐसा लगा की हम लोग जाने-अनजाने में घर की बिजली का मुख्य फ्यूज बंद करना ही भूल गए हैं और अब जिस कारण घर की सारी बत्तियाँ एवं एयरकंडीशन परे महीने तक ऑन रहेंगे। यह ख्याल आते ही उसी रात हमारे पिता जी मुंबई आए।

उन्होंने घर पहुँचकर देखा कि मुख्य फ्यूज तो बंद है। अपने संदेह या भ्रम पर वे पछताने लगे। साथ ही उन्होंने फोन करके हमें सूचित कर दिया। उस वक्त हमें ऐसा लगा कि पिता जी बिना वजह मुंबई गए। उस वक्त हम सभी ने मन में यह गाँठ बाँध ली कि आगे से जब भी हम घर से निकलेंगे, तब सभी मिलकर घर का एक बार मुआयना करेंगे और उसके बाद घर से बाहर निकलेंगे।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions पहली इकाई

Class 10 Hindi Chapter 2 Khoya Hua Aadmi Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 2 खोया हुआ आदमी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Hindi Chapter 2 Khoya Hua Aadmi Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 2 खोया हुआ आदमी Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 2 खोया हुआ आदमी Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

(१) कृति पूर्ण कीजिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी
(२) उत्तर लिखिए :

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 4

(३) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों :

भविष्यवाणी
Answer:
गाँव वालों को मुसीबत से बचाने के लिए खोया हुआ आदमी क्या बताता था?

झमाझम बारिश
Answer:
बच्चे-बड़े सभी किसमें भीगने का भरपूर आनंद लेने लगे?

खुशहाली
Answer:
खोए हुए आदमी की मदद गाँव वालों के लिए क्या लेकर आई?

गंधक
Answer:
जिस रात मौसम बौराया उस रात किसकी तेज गंध पूरे गाँव में फैल गई?

(४) दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 2
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 5

अभिव्यक्ति

‘मानवता ही सच्चा धर्म है।’ पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
मानवता शब्द का सरल शब्दों में मतलब है – मनुष्यता मानवता
मनुष्य का धर्म होता है। आज मानवीय मूल्यों का पतन हो रहा है। इंसान स्वार्थ की पट्टी के कारण अंधा होता जा रहा है। इंसान को स्वार्थ, लोभ, मोह आदि से परहेज करना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य की सहायता करनी चाहिए। मानवता के बदले हम सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। मानवता से भरा जीवन जीने से व्यक्ति के अंदर सहज रूप से शक्ति और स्फूर्ति आ जाती है।

एक-दूसरे की मदद करने से हम एक-दूसरे की पीड़ा, व्यथा, वेदना को दूर कर सकते हैं। इससे बढ़कर कोई अन्य धर्म नहीं हो सकता। जीवन में जो महापुरूष हुए हैं, उन्होंने अपने जीवन में मानवता के धर्म को ही अपनाया था। महाकवि गुप्त जी ने ठीक ही लिखा है – ‘वही मनुष्य है जो मनुष्य के लिए मरे।’ मानवता का धर्म मानव जाति को एक-दूसरे से प्रेम करना सिखाता है।

भाषा बिंदु

(१) निम्नलिखित वाक्यों में आए हुए अव्ययों को रेखांकित करते हुए उनके भेद लिखिए :

उसके जहन से उसका नाम और पता पूरी तरह खो चुके थे। —–
Answer:
परंतु

ओह ! दिव्या मैं ठीक हूँ। —–
Answer:
अरेरे!

उसकी भविष्यवाणी के कारण गाँववाले मुसीबतों से बच जाते । —-
Answer:
के समान

वहाँ से तुलसीनगर पास पड़ता है । —–
Answer:
धीरे-धीरे

काश, अपने गाँव-शहर में हमें भी ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता ! —–
Answer:
इसलिए

कभी-कभी मेरा मन उच्चाकाश में उड़ने वाले पक्षियों के साथ अनंत के ओर-छोर नापना चाहता है। —————
Answer:
छि !

ब्लडप्रेशर भी ज्यादा है पर चिंता की कोई बात नहीं । ——–
Answer:
ऊपर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

इतनी जल्दी लौट जाते हैं । —–
Answer:
के अलावा

(२) निम्नलिखित अव्ययों का सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए।

परंतु :
Answer:
मैं तुम्हें मिलने आने ही वाला था परंतु कुछ कारण वश नहीं आ सका।

अरेरे! :
Answer:
अरेरे! यह क्या हो गया?

के सामान :
Answer:
उसके समान कोई भी बहादुर नहीं है।

धारे-धीरे :
Answer:
गाड़ी धीरे-धीरे जा रही थी।

इसलिए :
Answer:
वह बीमार है इसलिए आज स्कूल नहीं गया।

छि! :
Answer:
छि! कितनी गंदगी है।

ऊपर :
Answer:
उसके ऊपर एक किताब है।

के अलावा :
Answer:
मुझे इसके अलावा और कुछ नहीं अच्छा लगता।

उपयोजित लेखन

‘विश्व बंधुता : वर्तमान युग की माँग’ इस विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
Answer:
संस्कृत में एक सुभाषित है – सर्वे भवन्तु सुखिन। सर्वे सन्तु निरामयाः । इसका अर्थ यह है कि संसार में सब सुखी रहें, सब निरोग रहें और विश्व में कोई दुखी न हो। इसे ही विश्व बंधुत्व कहते है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ ऐसा जो कहा गया है, वह शत-प्रतिशत उचित है। जब तक व्यक्ति विश्व बंधुत्व को नहीं अपनाएगा; तब तक मानवता अधूरी रहेगी, मानव अधूरा रहेगा, राष्ट्र अधूरा रहेगा और विश्व भी अधूरा ही रहेगा। आज हमारे देश में ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों में अशांति, अराजकता, हिंसा आदि प्रवृत्तियाँ दिखाई दे रही हैं। इनके कारण व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की हानि हो रही है।

आज हमारे समाज में ईर्ष्या, द्वेष, नफरत की भावनाएँ बढ़ रही हैं। इस कारण समाज में दुश्मनी का भाव पनपने लगा है। ये दशा राष्ट्र की भी है। एक राष्ट्र दूसरे राष्ट्र की सीमा पर आए दिन हमला कर रहा है। इस कारण अशांति निर्माण हो रही है। इसी कारण ‘विश्व-बंधुत्व’ वर्तमान युग की माँग है। विश्व बंधुत्व की भावना मानव अधिकारों की सुरक्षा की कुंजी है। विश्व-बंधुत्व की भावना को अपनाने से सभ्य मानवी समाज विकसित होगा।

गरीबी, जाति, धर्म, ऊंच-नीच आदि समस्याओं का समाज से निर्मूलन होगा। विश्व-बंधुत्व की भावना को अपनाने से विश्व में अहिंसा का प्रचार होगा। विश्व में शांति निर्माण होगी। युद्ध व हिंसा खत्म हो जाएगी। सर्वत्र समानता दिखाई देगी। सर्वत्र भाईचारा निर्माण होगा। मानवीय मूल्यों का संवर्धन होगा। आखिर, प्रत्येक मानव को श्रेष्ठ समाज के निर्माण के लिए विश्व बंधुत्व की भावना को आत्मसात करना ही होगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

लेखनीय

प्रतिभा जन्मजात होती है; परंतु उसके पल्लवन हेतु उचित वातावरण की आवश्यकता होती है।
Answer:
प्रतिभा ईश्वर से मिलती है। प्रत्येक मानव के पास प्रतिभा होती है। फर्क सिर्फ इतना ही होता है कि वह किसी व्यक्ति में अत्यधिक रूप से विकसित होती है, तो किसी व्यक्ति में वह विकसित नहीं होती। प्रतिभा का पल्लवन एक उचित वातावरण में ही होता है। उदाहरण के तौर पर देखिए – बचपन में इंदिरा गांधी को रवींद्रनाथ टैगोर व महात्मा गांधी का साथ मिला। उनके साथ वह पली-बढ़ीं। उनके विचार एवं सिद्धांतों से प्रभावित हुई। तब जाकर उनकी प्रतिभा रग लाई। प्रतिभा वृद्धि की कोई सीमा नहीं होती।

टाटा और अंबानी जैसे व्यक्ति उद्योगपतियों के रूप में सफल हुए हैं, तो सचिन तेंदुलकर व पी. टी. ऊषा जैसे खिलाड़ी क्रीडा क्षेत्र में सफल हुए हैं। ये सब अद्भुत प्रतिभा के ही उदाहरण हैं। व्यक्ति को अपने भीतर की प्रतिभा को पहचानकर मनचाहे क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। किसी ने ठीक ही कहा है – ‘जीवन का आनंद स्वयं को जानने में है।’ अत: हर व्यक्ति को स्वयं का निरीक्षण करके अपनी प्रतिभा का पता लगाना चाहिए और उसके विकास के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। व्यक्ति को स्वयं की प्रतिभा के पल्लवन हेतु स्वयं ही अग्रसर होकर उचित माहौल या परिस्थिति निर्माण करनी जाहिए। आखिर जहाँ चाह होती है, वहाँ राह भी होती है।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 25
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 7

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 26
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 8

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

किसने, किससे कहा?

Question 1.
“शायद मैं खो गया हूँ।”
Answer:
गाँव में आए एक आदमी ने गाँव के एक भले आदमी से कहा।

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

Question 1.
गाँव में आया हुआ आदमी कुत्तों को पागल लगा क्योंकि ……….
(क) वह चीथड़ों में लिपटा था।
(ख) उसका शरीर रेशमी कपड़ों में लिपटा था।
(ग) उसका शरीर कंबल में लिपटा था।
Answer:
गाँव में आया हुआ आदमी कुत्तों को पागल लगा क्योंकि वह चीथड़ों में लिपटा था।

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. प्रतिष्ठा
  2. निशान
  3. बड़ी तेजी से
  4. देहात

Answer:

  1. गरिमा
  2. चिह्न
  3. बेतहाशा
  4. गाँव

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
अचानक आ जाने वाला
Answer:
आंगतुक

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
बेतहाशा
Answer:
अचानक, वेगपूर्वक, बिना सोचे-समझे

Question 2.
‘ग्राम’ तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
Answer:
गाँव

दिए गए निर्देश के अनुसार परिवर्तन कीजिए।

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘खोया हुआ आदमी’ इस संकल्पना से आप क्या समझते हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘खोया हुआ आदमी’ वह है जिसके चेहरे पर खोने के भाव मौजूद होते हैं। जिस व्यक्ति को अपनी जाति एवं धर्म के बारे में कुछ भी ज्ञात नहीं होता है, वह खोए हुए आदमी की श्रेणी में आता है। इतना ही नहीं, जो व्यक्ति अपने घर, परिवार एवं रिश्तेदारों को भूल गया हो और अकेले यत्र-तत्र घुमक्कड़ की भाँति भटकता-फिरता हो, वह खोया हुआ आदमी होता है। जीवनकाल में व्यक्ति के हृदय पर भारी आघात हो जाने पर या गहरा सदमा पहुँचने पर व्यक्ति की दशा खोए हुए आदमी के जैसी हो जाती है। जीवन की आपाधापी में जिन लोगों के मन में भावों का ऊहापोह मचना शुरू हो जाता है, ऐसे लोग मेरे मतानुसार खोए हुए आदमी की श्रेणी में आते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

प्रश्न २ (आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (१): आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 27
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 9

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
गाँव के लोगों को खोया हुआ आदमी बेहद अपना-सा लगा।
Answer:
सत्य

Question 2.
खोया हुआ आदमी गाँव में रहने के लिए राजी नहीं हुआ।
Answer:
असत्य

कृति आ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. जहन
  2. लिहाजा
  3. स्मृति
  4. लोप

Answer:

  1. दिमाग
  2. इसलिए
  3. याद
  4. अभाव

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गायब या खत्म हो जाने का भाव
Answer:
लोप

विलोम शब्द लिखिए।

  1. परिचित x ………….
  2. अपना x …………

Answer:

  1. परिचित x अपरिचित
  2. अपना x पराया

वचन बदलिए।

  1. जाति
  2. तैयारी
  3. स्मृति
  4. फैसला

Answer:

  1. जातियाँ
  2. तैयारियाँ
  3. स्मृतियाँ
  4. फैसले

उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।

Question 1.
धर्म
Answer:
उपसर्ग : अधर्म, प्रत्यय : धार्मिक

निम्नलिखित वाक्यों में विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
गाँव के लोगों ने कहा अरे बह खोया हुआ आदमी तो बेहद अपना-सा लग रहा है।
Answer:
गाँव के लोगों ने कहा, “अरे, यह खोया हुआ आदमी तो बेहद अपना-सा लग रहा है।”

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति आ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
स्मृति का लोप हो जाने वाले व्यक्ति के साथ आप किस प्रकार का व्यवहार करेंगे? अपने विचार लिखिए।
Answer:
हम स्मृति का लोप हो जाने वाले व्यक्ति के साथ मित्रवत व्यवहार करेंगे। उनके साथ आवश्यकता से अधिक बात नहीं करेंगे। उन्हें ईश्वर के प्रति ध्यान करने के लिए कहेंगे, जिससे उनके मन को परिवर्तित किया जा सके। ऐसे व्यक्ति के साथ हर परिस्थिति में संतोष व सहनशीलता दिखाएँगे। उन्हें दूध, ग्लूकोज, नारियल पानी और तरल पदार्थ पीने के लिए देंगे। हम इस बात की सावधानी बरतेंगे कि ऐसे व्यक्ति अत्यधिक क्रोधित एवं अत्यधिक भावुक न बनें। उन्हें प्रतिदिन बगीचे में सैर के लिए लेकर जाएँगे; ताकि उनका मन सदैव प्रसन्न रहे। उनसे यदि कोई गलती हो जाती है, तो उन्हें बड़े प्यार से समझाएँगे।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (१)आकलन कृति

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो –

Question 1.
मधुर
Answer:
खोए हुए आदमी की आवाज कैसी थी?

Question 2.
गाय-भैंसें
Answer:
खोए हुए आदमी के गीत से कौन मंत्रमुग्ध होते थे?

कृति इ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
गाय-भैंसें
स्वर-लहरियों
बड़े-बुजुर्गों
कभी-कभी

लिंग बदलिए।

  1. गाय
  2. कुत्ता
  3. भैंस

Answer:

  1. बैल
  2. कुतिया
  3. भैंसा

वचन बदलिए।

  1. तितलियाँ
  2. भैंसा

Answer:

  1. तितली.
  2. भैंसें

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. सगा x …..
  2. पुराना x ……….
  3. सुरीला x …..
  4. गाँव x ……..

Answer:

  1. सगा x सौतेला
  2. पुराना x नया
  3. सुरीला x बेसुरा
  4. गाँव x शहर

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
कमाल
Answer:
चमत्कारिक कार्य, निपुणता, सर्वोत्तम

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सुरीली आवाज किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
सुरीली आवाज किसी भी व्यक्ति की पहचान होती है। वाणी व्यक्ति के व्यक्तित्व की भी पहचान होती है। सुरीली और मधुर आवाज हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। सुरीली आवाज लोगों पर अपना प्रभाव निर्माण करती है। लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार आदि महान गायकों की आवाज ने आज भी लोगों को अपना दीवाना बनाए रखा है। इसलिए स्वर कोकिला लता दीदी बड़े शान से कहती हैं – ‘मेरी आवाज ही मेरी पहचान है।’ सुरीली आवाज के कारण कई व्यक्तिओं को सफलता मिली है। कई लोगों को यश, नाम, कीर्ति, धन आदि सुरीली आवाज के कारण प्राप्त हुआ है। इसलिए कहा गया है कि व्यक्ति की आवाज उस व्यक्ति की पहचान होती है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 28
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 10

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की बात नहीं मानी।
Answer:
खोए हुए आदमी ने खुशी-खुशी गरीब वृद्धा की बात मान ली।

Question 2.
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की देखभाल नहीं की।
Answer:
खोए हुए आदमी ने गरीब वृद्धा की इतनी सेवा की कि वृद्धा को लगा कि उसका जीवन धन्य हो गया।

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 29
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 11

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति ई (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विरामचिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
खोया हुआ आदमी आँधी तूफान चक्रवात व ओले पड़ने से पहले सबको आगाह कर देता था
Answer:
खोया हुआ आदमी आँधी, तूफान, चक्रवात व ओले पड़ने से पहले सबको आगाह कर देता था।

दिए गए निर्देशानुसार परिवर्तन कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 30
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 12

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

Question 1.
जीवन
Answer:
उपसर्ग : आजीवन, प्रत्यय : जीवनदीप

गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
धीरे-धीरे
पशु-पक्षियों
पेड़-पौधों
बच्चे-बड़े

कृति ई (३) : स्वंमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘गुणी व्यक्ति के लिए संसार में कोई भी कार्य असाध्य नहीं होते।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
गुणी व्यक्ति के पास अद्भुत गुण होते हैं। वह अपने गुणों के द्वारा समाज में अपना प्रभाव स्थापित करता है। जिसके पास सदबुद्धि होती है वही इंसान गुणी व्यक्ति कहलाता है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, नेल्सन मंडेला आदि महापुरुषों का व्यक्तित्व गुणी था। वे हमेशा समय के अनुसार चलते रहे और दूरदृष्टा भी रहें। उन्होंने सिर्फ अपने मन की आवाज को महत्त्व दिया था और अपनी ऊर्जा सकारात्मक कार्य के लिए ही प्रयोग की थी।

गुणी व्यक्ति जीवन में संकटों को देखकर विचलित नहीं होता; बल्कि आने वाले संकट से स्वयं को बाहर निकालने के लिए और उनका सामना करने के लिए तैयार हो जाता है। गुणी व्यक्ति एक बार कार्य स्वीकार करने पर उसे पूरा करके ही दम लेते हैं। गुणी व्यक्ति के पास प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए सफल होने की इच्छा शक्ति होती है। उनके लिए कोई भी कार्य असाध्य नहीं होता।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (१): आकलन कृति

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी के कारण दलितों में परिवर्तन हुआ।
Answer:
सत्य

Question 2.
खोए हुए आदमी के कारण गाँव में सांप्रदायिकता व जातिवाद की भावना पनपने लगी।
Answer:
असत्य

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 31
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 13

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 32
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 14

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 33
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 15

गद्यांश से ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
Question 1.
स्त्रियाँ
Answer:
कौन पुरुषों की ज्यादतियों के खिलाफ एकजुट हो गईं?

Question 2.
अधिकार
Answer:
खोए हुए आदमी ने किसके लिए स्त्रियों को लड़ना सिखाया?

कृति उ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मित्रता
  2. कर्तव्य
  3. दशा
  4. विरुद्ध

Answer:

  1. दोस्ती
  2. कार्य
  3. अवस्था
  4. खिलाफ

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
दूसरे के श्रम का अनुचित लाभ उठाना
Answer:
शोषण

Question 2.
धर्म को लेकर विवाद या झगड़ा
Answer:
सांप्रदायिकता

Question 3.
आपस में बंधु और भाई होने का भाव
Answer:
भाईचारा

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

Question 4.
अपनी जाति को सर्वश्रेष्ठ मानने का सिद्धांत
Answer:
जातिवाद

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
विरुद्ध
Answer:
बाधित, अवरुद्ध

Question 2.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्द ढूंडकर लिखिए।
Answer:
मित्रता
भाईचारा
सांप्रदायिकता
जातिवाद

निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।

Question 1.
कर्तव्य
Answer:
कार्य

कृति उ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘परिवर्तन संसार का नियम है’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ। छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी। नए दौर में लिखेंगे हम, मिलकर नई कहानी। कितनी सच्चाई है इस गीत में। इस संसार में कुछ भी अपरिवर्तनशील नहीं है। व्यक्ति को समय के अनुसार बदलना पड़ता है। समय व परिस्थिति के सामने नतमस्तक होकर व्यक्ति को अपनी पुरानी परंपरा एवं रीति-रिवाजों का त्याग करना ही पड़ता है।

आज विज्ञान व तकनीकी के इस युग में सर्वधर्म समभाव, भाईचारा व स्त्री-पुरुष समानता आदि मूल्यों का प्रचार-प्रसार होता दिखाई दे रहा है। आज शिक्षा का सर्वत्र प्रसार हो गया है। इस कारण लोगों की मानसिकता में सकारात्मक बदलाव होता दिखलाई दे रहा है। आज गाँव में रहने वाली लड़कियाँ एवं स्त्रियाँ भी स्कूल-कॉलेज जाकर आत्मनिर्भर हो रही हैं। सर्वत्र परिवर्तन की धूम मची हुई है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऊ (१): आकलन कृति

गद्यांश से ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

Question 1.
खुशहाली
Answer:
खोए हुए आदमी की मदद गाँव वालों के लिए क्या लेकर आई?

Question 2.
मछलियों
Answer:
गाँव का तालाब किससे भर गया?

Question 3.
प्रश्नवाचक
Answer:
शुरू-शुरू में कुछ लोग खोए हुए आदमी को किस निगाहों से देखते थे?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 34
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 16

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 35
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 36

Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 17
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 18

उचित विकल्प चुनकर उत्तर लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी के अनुसार सफलता का मंत्र है –
(क) गाँववालों के विश्वसनीय व्यवहार में हैं।
(ख) गाँववालों के सहज और सरल व्यवहार के परिणाम में है।
(ग) गाँववालों के कठिन परिश्रम के परिणाम में छिपा हैं।
Answer:
खोए हुए आदमी के अनुसार सफलता का मंत्र है गाँववालों के कठिन परिश्रम के परिणाम में।

कृति ऊ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
शुरू-शुरू
धीरे-धीरे
खेती-बाड़ी

Question 2.
गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आलोचक x प्रशंसक

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

वचन बदलिए।

  1. सफलता
  2. निगाह

Answer:

  1. सफलताएँ
  2. निगाहें

निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. सगा x ……….
  2. पुराना x ………
  3. सुरीला x ………
  4. गाँव x …………

Answer:

  1. सगा x सौतेला
  2. पुराना x नया
  3. सुरीला x बेसुरा
  4. गाँव x शहर

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. आलोचना करने वाला –
  2. प्रशंसा करने वाला –
  3. लोगों में प्रिब

Answer:

  1. आलोचक
  2. प्रशंसक
  3. लोकप्रिय

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. बरकत
  2. मछली

Answer:

  1. बढ़ती या लाभ
  2. मीन या मत्स्य

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
निगाह
Answer:
दृष्टि, राय

कृति ऊ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘परिश्रम सफलता की कुंजी है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
मनुष्य जीवन में सफलता और परिश्रम एक-दूसरे से सिक्के के दो पहलू की तरह जुड़े हुए हैं। जीवन में सफलता हर व्यक्ति चाहता है। हर व्यक्ति के पास जीतने की इच्छा होती है। लेकिन जीतना इतना आसान नहीं होता। जीतने के लिए व्यक्ति को अपने जीवन में परिश्रम करना पड़ता है। एक चीज को लक्ष्य बनाकर उस दिशा में सतत प्रयास करना होता है।

नियमित रूप से लगातार परिश्रम करने से व्यक्ति में गुणों की वृद्धि होने लगती है और वह अपने मनचाहे लक्ष्य की ओर अग्रसर होना शुरू कर देता है। एकाग्रता से किया हुआ परिश्रम मानव को सफलता दिला सकता है। हमारा इतिहास इस बात का साक्षी है कि मनुष्य ने कठोर परिश्रम द्वारा असंभव को संभव कर दिखाया है। जीवन में कुछ पाना है या सफल होना है, तो व्यक्ति को कठोर परिश्रम करने पड़ेंगे। परिश्रम करने से साधारण व्यक्ति भी बड़ा और महान बन सकता है।

गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ए (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 37
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 19

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 38
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 39
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 20
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 21

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने लोगों को गुमराह करने का कार्य किया।
Answer:
खोए हुए आदमी ने विश्वास, नया जोश व नया उत्साह भर दिया।

Question 2.
सारी रात मौसम खुशनुमा रहा।
Answer:
सारी रात मौसम बौराया रहा।

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
गंधक
Answer:
जिस रात मौसम बौराया उस रात किसकी तेज गंध पूरे गाँव में फैल गई?

Question 2.
बिजली
Answer:
भयावह गड़गड़ाहट के साथ गाँव में क्या गिरी?

कृति ए (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी ने लोगों से कहा आप अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक कामों में लगाओ
Answer:
खोए हुए आदमी ने लोगों से कहा, “आप अपनी ऊर्जा को रचनात्मक और सकारात्मक कामों में लगाओ।”

Question 2.
दिए गए गद्यांश में से देशज शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
गड़गड़ाहट
धुक-धुकी
झिर्रियों
चौंधिया

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए।

Question 1.
विश्वास
Answer:
उपसर्ग – अविश्वास, प्रत्यय – विश्वासपात्र

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
खिड़कियों-दरवाजों
अपने-अपने
धुक-धुकी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
सहसा होने वाला बहुत बड़ा अनिष्ट
Answer:
वज्रपात

कृति ए (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
प्रेरणादायी व्यक्ति दूसरों के जीवन बदल देने का सामर्थ्य रखता है।’ अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘प्रेरणादायी व्यक्ति सच्चे दोस्त की तरह होते हैं। वे दूसरों को जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता दिखाते हैं। वे नकारात्मक स्थिति एवं मुश्किल दौर से निकलने में दूसरों की मदद करते हैं। वे हमें सकारात्मकता की ओर ले जाते हैं। ऐसे लोगों के संपर्क में आने के कारण व्यक्ति की सोच बदल जाती है और अंत में उनका जीवन भी पूरी तरह से बदल जाता है। प्रेरणादायी व्यक्ति के व्यक्तित्व में ऊर्जा, लगन, जोश, उमंग व उत्साह होता है। वह अपने परिपूर्ण व्यक्तित्व से दूसरों के जीवन में आशाएँ निर्माण करता है। इस प्रकार प्रेरणादायी व्यक्ति आम लोगों के जीवन में नया विश्वास भर देता है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऐ (१): आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 40
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 43

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
खोए हुए आदमी को किसी ने गायब करवाया था।
Answer:
असत्य

Question 2.
खोए हुए आदमी के चले जाने पर लोग दुखी हो गए।
Answer:
सत्य

समझकर लिखिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 41
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 42
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 23
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी 24

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –

Question 1.
पंचायत
Answer:
किसकी बैठक मूर्ति के नीचे हुआ करती थीं?

Question 2.
सुबह
Answer:
मौसम कब साफ हुआ?

कृति ऐ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. मूर्ति
  2. कुत्ता
  3. प्रण
  4. गायब

Answer:

  1. प्रतिमा
  2. श्वान
  3. प्रतिज्ञा
  4. नदारद

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जन समूह के बारे में विधिवत रूप से सूचना प्राप्त करना एवं उसे रेकार्ड करना
Answer:
जनगणना

Question 2.
पंचों की सभा
Answer:
पंचायत

नीचे दिए हुए शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
पंचायत
Answer:
पंचों की सभा, निरर्थक पूछताछ

Question 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आस-पास
गाँव-शहर

Question 3.
गद्यांश में से कोई भी दो तत्सम शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:
सदा
धर्म

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 खोया हुआ आदमी

कृति ऐ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘असाधारण प्रतिभा के लोग या असामान्य व्यक्ति हमारे पथ-प्रदर्शक होते हैं।’ उनके चले जाने के बाद भी हम उनका अनुसरण करते रहते हैं। अपने विचार लिखिए।
Answer:
असाधारण प्रतिभा के लोग या असामान्य व्यक्ति हमार पथ-प्रदर्शक होते हैं। उनके चले जाने के बाद भी हम उनका अनुसरण करते रहते हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, मदर टेरेसा, बाबा आमटे आदि असामान्य लोग आज हमारे बीच नहीं हैं; फिर भी उनके विचार एवं सिद्धांत आज भी हमारे साथ हैं। आज भी हम उनके बताए हुए मार्ग पर चल रहे हैं। पूज्य बापूजी को स्वर्ग सिधारे पचहत्तर साल हो गए हैं।

फिर भी आज हमारे देश में सत्य व अहिंसा जैसे विचार कायम हैं। आज हमने जो भी उपलब्धि पाई है; वह सब हमारे महापुरुषों के महान विचारों व कार्यों की ही देन है। हम तो सिर्फ उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर उनका अनुसरण कर रहे हैं और करते रहेंगे। इसलिए कहा भी गया है कि पथ प्रदर्शक के बिना जीवन में सफलता मिलना मुश्किल ही; नहीं बल्कि असंभव भी है।

खोया हुआ आदमी Summary in Hindi

खोया हुआ आदमी  लेखक – परिचय
जीवन–परिचय : सुशांत सुप्रिय जी का जन्म २८ मार्च, १९६८ में बिहार राज्य के पटना शहर में हुआ। इन्होंने पंजाब व अमृतसर से शिक्षा ग्रहण की। इनकी रचनाएँ भाषा विभाग (पंजाब) तथा प्रकाशन विभाग (भारत सरकार) द्वारा पुरस्कृत हो चुकी हैं। इनकी रचनाएँ जीवन की सच्चाइयों और विडंबनाओं का सहज रूप से साक्षात्कार करवाती हैं। आप हिंदी, अंग्रेजी व पंजाबी भाषा में लेखन करते आ रहे हैं।

प्रमुख कृतियाँ : ‘एक बूँद यह भी’ (कविता संग्रह), ‘हत्यारे तथा हे राम’ (कथा संग्रह), ‘इन गांधीजीज कंट्री’ (अंग्रेजी कविता संग्रह) आदि।

खोया हुआ आदमी गद्य – परिचय
वर्णनात्मक : साहित्य की सभी विधाओं में कहानी सबसे पुरानी विधा है। जनजीवन में यह सबसे अधिक लोकप्रिय है। कहानी का मुख्य

कहानी : उद्देश्य जीवन की विभिन्न समस्याओं एवं संवेदनाओं को सहज रूप से व्यक्त करना है।

प्रस्तावना : ‘खोया हुआ आदमी’ इस कहानी के माध्यम से लेखक सुशांत सुप्रिय जी ने यह संदेश दिया है कि समाज में व्याप्त सांप्रदायिकता, जातीयता, संकीर्णता आदि कुरीतियों को भुला देने में ही मानव समाज की भलाई है। व्यक्ति की पहचान उसके कार्य से होती है, जो व्यक्ति अपने जीवन में अच्छा कार्य करेगा; वह समाज में पूजनीय बन जाएगा।

खोया हुआ आदमी सारांश

‘खोया हुआ आदमी’ एक वर्णनात्मक कहानी है। इस कहानी को कहानीकार ने निवेदन की शैली में लिखा है। इसलिए कहानी के पात्र आपस में वार्तालाप करते हुए दिखलाई नहीं देते। ‘खोया हुआ आदमी’ कहानी का प्रमुख पात्र है। वह एक गाँव में कहीं से आ जाता है। उसे गाँव का एक भला आदमी देखता है। उस भले आदमी को उसके चेहरे पर गरिमा के चिह्न दिखाई देते हैं। भले आदमी द्वारा पूछने पर वह कहता है कि वह शायद से खो गया है। इस कारण उसका नाम ‘खोया हुआ आदमी’ पड़ जाता है। उसके गाँव में आने से गाँव का कायापलट हो जाता है।

खोया हुआ आदमी प्रतिभा का धनी है। उसकी आवाज मधुर है। सुरीली आवाज के कारण गाँव के जानवर एवं बच्चे उसकी ओर आकर्षित हो जाते हैं। गाँव की एक वृद्धा उसे अपना बचपन में खोया हुआ बेटा मान लेती है। वह भी उस वृद्धा की पूरी निष्ठा से सेवा करता है। वह गाँववालों को परिश्रम का महत्त्व समझाता है। गाँव वाले परिश्रम करना शुरू कर देते हैं। इस प्रकार गाँव के खेतों में फसलें लहलहाने लगती हैं और गाँव का तालाब भी पानी से भर जाता है। धीरे–धीरे गाँव के सभी लोग उसके प्रशंसक बन जाते हैं।

उसके द्वारा गाँव वालों को समझाने के कारण गाँव में आपसी भाईचारा बढ़ने लगा और दलितों का शोषण बंद हो गया। गाँव के सभी जाति–धर्म के लोग एक–दूसरे के साथ मिल–जुलकर रहने लगे और मिलकर त्योहार मनाने लगे। इस कारण गाँव से सांप्रदायिकता एवं जातिवाद की भावना दूर हो गई। गाँव की स्त्रियों की दशा में सुधार आया और उन्हें भी सम्मान मिलने लगा। उन पर होने वाले अत्याचार खत्म हो गए। एक रात गाँव में मौसम खराब हो गया। भीषण गड़गड़ाहट के साथ बिजली गिरी। जब दूसरे दिन सुबह मौसम साफ हुआ तो खोए हुए आदमी का कहीं पता नहीं था।

सभी लोगों ने उसे बहुत ढूँढ़ा; परंतु उसका कोई पता नहीं चला। इससे गाँव के सभी लोग दुखी हुए। गाँववाले उस आदमी की याद में गाँव के बीचोंबीच उसकी मूर्ति स्थापित करते हैं और अब पंचायत की सभी बैठक उसी मूर्ति के पास होने लगती है। वे उसके द्वारा दिखाए मार्ग पर चलने की ठान लेते हैं। कुछ समय बाद जनगणना अधिकारी गाँव में जनगणना के लिए आते हैं तो किसी को भी न अपनी जाति याद होती है और न ही धर्म; जैसे जाति और धर्म के बारे में उनकी स्मृतियाँ खोए हुए आदमी के साथ सदा के लिए खो चुकी थीं। अंत में कहानीकार कहते हैं – ‘काश, हमें भी अपने गाँव और शहर में ऐसा ही ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता।।

खोया हुआ आदमी शब्दार्थ

  • दूर–दराज – दूर तक फैला हुआ
  • तंग – परेशान
  • जहन – दिमाग, मन
  • लिहाजा – इसलिए
  • स्मृति – याद, याददाश्त, स्मरण शक्ति
  • लोप – अभाव, नाश
  • मित्रता – दोस्ती
  • कर्तव्य – कार्य
  • दशा – अवस्था
  • विरुद्ध – खिलाफ
  • मूर्ति – प्रतिमा
  • कुत्ता – श्वान
  • प्रण – प्रतिज्ञा
  • गायब – नदारद
  • बरकत – लाभ, समृद्धि, संपन्नता
  • बेतहाशा – बड़ी तेजी से, बहुत घबराकर और बिना सोचे समझे
  • गरिमा – गौरव
  • फैसला – निर्णय, निपटारा
  • ज्यादतियाँ – अन्याय, परेशान करने की वृत्ति
  • चीथड़ा – गंदे और फटे हुए कपड़े
  • अतीत – पुरानी, बीती हुई
  • तृप्त – संतुष्ट
  • कस्बा – छोटा शहर
  • प्रण – सौगंध
  • वज्रपात – सहसा होनेवाला बहुत बड़ा अनिष्ट, आघात

खोया हुआ आदमी मुहावरे

  • आगाह कर देना – सचेत करना।
  • खाली हाथ लौटना – कुछ भी न पाना।
  • जमीन का निगल जाना – लापता हो जाना।
  • आसमान का खा जाना – लापता हो जाना।
  • मंत्रमुग्ध होना – आकर्षित होना।

Hindi Lokvani 10th Std Digest पहली इकाई

Class 10 Hindi Chapter 8 Aisa Vasant Kab Aayega Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 8 Aisa Vasant Kab Aayega Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा? Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा? Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा? Textbook Questions and Answers

सुचना के अनुसर क्रुतिय कीजिए ।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा 2

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
1. अधर
2. आँखें
उत्तर:
1. पद्यांश में इसके खिलने की बात हो रही है?
2. पद्यांश में इनके हँसने की बात हो रही है?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा?

प्रश्न 3.
अंतिम सात पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
सबको दे भोजन …………… कब आएगा?
उत्तर:
कवि की कामना है कि प्रत्येक व्यक्ति को खाने के लिए भरपेट भोजन, शरीर पर पहनने के लिए वस्त्र व रहने के लिए घर उपलब्ध हो, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आनंद और खुशहाली का आगमन हो। इस धरती पर ऐसे वास्तविक वसंत का आगमन हो, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के चेहरे पर खुशी झलकती रहे; उसके अधर प्रसन्नता से खिलते रहें व उसकी आँखें हँसहँसकर आनंदविभोर हो जाएँ। ऐसा खुशहाल, समृद्ध, संपन्न वसंत; ग्रीष्म-शिशिर में भी वसंत कहलाएगा। सचमुच, जब ऐसा होगा; तब वास्तविक वसंत का आगमन होगा।

स्वाध्याय:

स्वाध्याय विषयक कृतियाँ

1. तुलना कीजिए।

प्रश्न 1.
तुलना कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा 3
उत्तरः

प्राकृतिक वसंत कवि मन की कल्पना का वसंत
प्रकृति का सदाबहार होना मानवता का फूल खिलना
नए पौधों व फूलों का आगमन सुख-सुविधा के समान अधिकार पाकर नव यौवनमय जीवन
चारों तरफ हरियाली होना नव संस्कृति व नव विश्व व्यवस्था का युग
हवा तरोताजा करने वाली होती है। ऐसा वसंत जो सबको भोजन,  वस्त्र और भवन दे सके

2. उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
(क) वसंत के अलावा पद्य में प्रयुक्त दो ऋतुएँ –
(ख) सबके लिए समान है –
उत्तर:
(क) ग्रीष्म व शिशिर
(ख) भूमि, गगन, पवन, रवि, शशि

3. निम्न शब्दों के लिए कविता में प्रयुक्त समानार्थी शब्द चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के लिए कविता में प्रयुक्त समानार्थी शब्द चुनकर लिखिए।

  1. कमी
  2. हँसी
  3. फूल
  4. महल
  5. मनुष्य
  6. चाँद
  7. वस्त्र
  8. मन

उत्तर:

  1. अभाव
  2. मुस्कान
  3. प्रसून
  4. प्रासाद
  5. मानव
  6. शशि
  7. वसन
  8. मानस

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4. शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
शब्दसमूह के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. जिसकी कोई निश्चित सीमा नहीं है –
  2. जिसका शोषण किया जाता है –
  3. बिना थके –
  4. जिसका अंत नहीं –

उत्तर:

  1. असीम
  2. शोषित
  3. अथक
  4. अनंत

भाषा बिंदु:

1. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर सार्थक वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर सार्थक वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

  1. खाली हाथ लौटना
  2. बिना सिर-पैर की बातें करना
  3. यादों में जाग उठना
  4. भरा-पूरा अनुभव करना

उत्तरः

  1. खाली हाथ लौटना: निराश होकर वापस आना।
    वाक्य: लंदन गोलमेज परिषद किसी भी नतीजे पर नहीं पहुँच सका इसलिए गांधीजी को खाली हाथ लौटना पड़ा।
  2. बिना सिर-पैर की बातें करना: निरर्थक बातें करना।
    वाक्य: जो कुछ भी बोल रहे हो उसका कुछ प्रमाण होना चाहिए अन्यथा बिना सिर-पैर की बातें करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा।
  3. यादों में जाग उठना : पुरानी यादें ताजा हो जाना।
    वाक्य: डॉ ए.पी.जे. अब्दुल कलाम स्वर्ग सिधारे हैं; परंतु वे आज भी हमारी यादों में जाग उठते हैं।
  4. भरा-पूरा अनुभव करना: संतुष्ट हो जाना।
    वाक्य: यजमान द्वारा किए गए आतिथ्य सत्कार से हमने भरा-पूरा अनुभव किया।

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2. निम्नलिखित वाक्यों के अधोरेखांकित शब्दसमूह के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए। (चौपट हो जाना, निछावर करना, नाक-भौं सिकोड़ना, मन मारना, फूला न समाना, दंग रह जाना)

प्रश्न 1.
सरकस की गुड़ियों के करतब देखकर दर्शक आश्चर्य – चकित हो गए।
उत्तर:
सरकस की गुड़ियों के करतब देखकर दर्शक दंग रह गए।

प्रश्न 2.
अचानक पिता जी द्वारा पर्यटन पर जाने का निर्णय सुनकर बच्चे बहुत आनंदित हुए।
उत्तर:
अचानक पिता जी द्वारा पर्यटन पर जाने का निर्णय सुनकर बच्चे फूले न समाए।

3. पाठों में आए सभी प्रकार के अव्ययों को ढूँढ़कर उनसे प्रत्येक प्रकार के दस-दस वाक्य लिखिए।

प्रश्न 1.
पाठों में आए सभी प्रकार के अव्ययों को ढूँढ़कर उनसे प्रत्येक प्रकार के दस-दस वाक्य लिखिए।
उत्तरः
क्रियाविशेषण अव्यय:

  1. आज: आज रविवार है।
  2. कल: मैं कल गाँव जाऊँगा।
  3. शायद: शायद मैं कल बाज़ार नहीं जाऊँगा।
  4. अचानक: अचानक बिजली चली गई।
  5. अभी: अभी भी देर नहीं हुई है।
  6. चुपचाप: वह चुपचाप चला गया।
  7. अब: अब मैं मन लगाकर पढ़ाई करूँगा।
  8. वहाँ: वहाँ कोई तो है।
  9. धीरे-धीरे: गाड़ी धीरे-धीरे जा रही थी।
  10. जगह-जगह: जगह-जगह फूल ही फूल दिखाई दे रहा है।

संबंधसूचक अव्यय:

  1. के लिए: मैंने उसके लिए खिलौने लाए।
  2. की ओर: राम ने उसकी ओर देखा।
  3. की तरफ: नदी की तरफ मत जाओ।
  4. के साथ: मुझे उसके साथ जाना बिलकुल अच्छा नहीं लगता।
  5. के बाद: परीक्षा खत्म होने के बाद मैं घूमने चला गया।
  6. के पास: विजय के पिता जी के पास बहुत धन है।
  7. के अनुसार: उसके अनुसार यह गलत है।
  8. के प्रति: उसके प्रति मेरे दिल में हमदर्दी है।
  9. के बीच: उन दोनों के बीच झगड़ा हुआ है।
  10. के पीछे: घर के पीछे एक पेड़ है।

समुच्चयबोधक अव्यय:

  1. और: राम और श्याम मित्र हैं।
  2. परंतु: मैं तुम्हारे घर आने वाला था; परंतु कुछ कारणवश नहीं आ सका।
  3. बल्कि: वे एक धर्मात्मा ही नहीं हैं; बल्कि एक पहुँचे हुए _महापुरुष भी हैं।
  4. व: सीता व गीता बाजार जा रही हैं।
  5. क्योंकि: वह निराश है; क्योंकि उसे मनचाही चीज नहीं मिली।
  6. कारण: रमेश को चोट लगने के कारण वह स्कूल नहीं जा सका।
  7. कि: उसने कहा कि तुम अपना काम करो।
  8. पर: मैंने उसे बहुत समझाया पर वह नहीं माना।
  9. किंतु: मुझे उसके साथ बात करना अच्छा नहीं लगता, किंतु आज मैं उसके साथ बात करूँगा।
  10. अपितु: महात्मा गांधी जी सिर्फ युगपुरुष नहीं थे; अपितु वे भारतीय संस्कृति के व्याख्याता भी थे।

विस्मयादिबोधक अव्यय:

  1. जी हाँ!: जी हाँ ! मैं सच कह रहा हूँ।
  2. अरे!: अरे ! यह तुमने क्या कर डाला?
  3. अच्छा!: अच्छा ! तो यह चित्र तुमने बनाया है।
  4. क्या!: क्या ! यह क्या कह रहे हो?
  5. हे!: हे ! ये कौन है?
  6. हाय राम!: हाय राम! अब मैं क्या करूँ?
  7. वाह!: वाह ! क्या मूर्ति है।
  8. अजी! : अजी ! सुनते हो।
  9. अहा! : अहा ! बहुत मजा आया।
  10. बाप रे बाप! : बाप रे बाप ! कितना बड़ा हाथी।

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उपयोजित लेखन:

प्रश्न 1.
मुद्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए।
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उत्तरः

‘कुसंगति का परिणाम’

प्रयाग में चक्रधर नामक एक युवक रहता था। युवक पढ़ालिखा था; लेकिन गलत संगति में रहने के कारण वह बुरी आदतों का शिकार हो गया था। वह दिन-रात अपने बुरे दोस्तों के साथ रहता, मौज-मस्ती करता और गलत व्यसनों के चक्कर में पड़ा रहता। एक बार की बात है। उस युक्क के बुरे दोस्तों ने एक घर में चोरी की। चोरी में चुराया हुआ सामान लाकर उन्होंने चक्रधर के घर में उसके लाख मना करने पर भी छुपा दिया। चोरी की जाँच करते हुए पुलिस को भनक मिल गई कि चोरी का माल कहाँ छुपाया गया है।

उन्होंने उस युवक के घर में छापा मारा। पुलिस को वहाँ से चोरी के सामान बरामद हुए। साथ-साथ पुलिस ने उस युवक और उसके दोस्तों को भी धर-पकड़ा। दूसरे दिन पुलिस अधिकारी ने युवक से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान अधिकारी को पता चला कि इस चोरी में उसका हाथ नहीं है। गलत संगति के कारण वह भी इस जुर्म में फँस गया है। उसकी सच्चाई जानकर पुलिस अधिकारी ने उसका समुपदशन करवाया और उसे उचित सलाह दी; ताकि वह बुरे लोगों की संगति छोड़कर सही मार्ग पर चल सके।

अधिकारी की सलाह का चक्रधर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। रिहा होने के पश्चात उसने अपने बुरे दोस्तों का साथ छोड़ दिया और छोटा-मोटा व्यवसाय करना शुरू कर दिया। आहिस्ता-आहिस्ता समय बीतता गया और उस युवक का व्यवसाय बढ़ने लगा। उसके कारोबार में वृद्धि होने लगी। उसने अपने जैसे गलत संगति के शिकार हुए युवकों को अपनी कंपनी में नौकरियाँ दीं; ताकि वे बुरी संगति में फँसकर तथा गलत मार्ग पर चलकर स्वयं को बरबाद न करें।

सीख: कुसंगति का फल हमेशा बुरा होता है और सुसंगति का फल सदैव अच्छा ही होता है।

व्याकरण विभाग:

1&2.
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3.
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4.
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5.
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6. मुहावरों का प्रयोग/चयन करना

7. शब्दों का शुद्धीकरण

शब्द संपदा – (पाँचवीं से नौवीं तक)

शब्दों के लिंग, वचन, विलोमार्थक, समानार्थी, पर्यायवाची, शब्दयुग्म, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, समोच्चारित मराठी-हिंदी शब्द, भिन्नार्थक शब्द, कठिन शब्दों के अर्थ, उपसर्ग-प्रत्यय पहचानना/अलग करना, कृदंत-तद्धित बनाना, मूल शब्द अलग करना।

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उपयोजित लेखन (रचना विभाग)

पत्रलेखन:

अपने विचारों, भावों को शब्दों के द्वारा लिखित रूप में अपेक्षित व्यक्ति तक पहुँचा देने वाला साधन है पत्र ! हम सभी ‘पत्रलेखन’ से परिचित हैं ही । आज-कल हम नई-नई तकनीक को अपना रहे हैं। संगणक, भ्रमण ध्वनि, अंतरजाल, ई-मेल, वीडियो कॉलिंग जैसी तकनीक को अपने दैनिक जीवन से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। दूरध्वनि, भ्रमणध्वनि के आविष्कार के बाद पत्र लिखने की आवश्यकता कम महसूस होने लगी है फिर भी अपने रिश्तेदार, आत्मीय व्यक्ति, मित्र/सहेली तक अपनी भावनाएँ प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए पत्र एक सशक्त माध्यम है।

पत्रलेखन की कला को आत्मसात करने के लिए अभ्यास की आवश्यकता होती है । अपना कहना (माँग/शिकायत/अनुमति/विनती/आवेदन) उचित तथा कम-से-कम शब्दों में संबंधित व्यक्ति तक पहुँचाना, अनुरूप भाषा का प्रयोग करना एक कौशल है । अब तक हम जिस पद्धति से पत्रलेखन करते आए हैं, उसमें नई तकनीक के अनुसार अपेक्षित परिवर्तन करना आवश्यक हो गया है।

पत्रलेखन में भी आधुनिक तंत्रज्ञान/तकनीक का उपयोग करना समय की मांग है। आने वाले समय में आपको ई-मेल भेजने के तरीके से भी अवगत होना है। अतः इस वर्ष से पत्र के नये प्रारूप के अनुरूप ई-मेल की पद्धति अपनाना अपेक्षित है। * पत्र लेखन के मुख्य दो प्रकार हैं, अनौपचारिक और औपचारिक । (पृष्ठ क्र. 35, 41)

औपचारिक पत्र:

  1. प्रति लिखने के बाद पत्र प्राप्तकर्ता का पद और पता लिखना
  2. पत्र के विषय तथा संदर्भ का उल्लेख करना करना चाहिए ।
  3. इसमें महोदय/महोदया शब्द द्वारा आदर कुशलक्षेम पूछना चाहिए। लेखन स्नेह सम्मान सहित प्रभावी प्रकट किया जाता है।
  4. निश्चित तथा सही शब्दों में आशय शब्दों और विषय विवेचन के साथ होना चाहिए।
  5. पत्र का समापन करते समय बायीं ओर पत्र भेजने वाले के हस्ताक्षर, नाम तथा पता लिखना है।
  6. ई-मेल आईडी देना आवश्यक है।

अनौपचारिक पत्र:

  1. संबोधन तथा अभिवादन रिश्तों के अनुसार आदर के साथ आवश्यक है ।
  2. प्रारंभ में जिसको पत्र लिखा है उसका आवश्यक है।
  3. रिश्ते के की प्रस्तुति करना अपेक्षित है।
  4. इस पत्र में बायीं ओर पत्र भेजने वाले का नाम, पता लिखना चाहिए। विषय उल्लेख आवश्यक नहीं।.
  5. पत्र का समापन करते समय अनुसार विषय विवेचन में परिवर्तन अपेक्षित है।

टिप्पणी: पत्रलेखन में अब तक लिफाफे पर पत्र भेजने बाले (प्रेषक) का पता लिखने की प्रथा है । ई-मेल में लिफाफा नहीं होता है। अब पत्र में ही पता लिखना अपेक्षित है।
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गद्य आकलन (प्रश्न निर्मिति)

1. भाषा सीखकर प्रश्नों की निर्मिति करना एक महत्त्वपूर्ण भाषाई कौशल है । पाठ्यक्रम में भाषा कौशल को प्राप्त करने के लिए प्रश्ननिर्मिति घटक का समावेश किया गया है। दिए गए परिच्छेद (गट्यांश) को पढ़कर उसी के आधार पर पाँच प्रश्नों की निर्मिति करनी है । प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में हों ऐसे ही प्रश्न बनाए जाएँ।

प्रश्न ऐसे हों:

  1. तैयार प्रश्न सार्थक एवं प्रश्न के प्रारूप में हों।
  2. प्रश्नों के उत्तर दिए गए निर्मित गद्यांश में हों ।
  3. रचित प्रश्न के अंत में प्रश्नचिह्न लगाना आवश्यक है।
  4. प्रश्न रचना का कौशल प्राप्त करने के लिए अधिकाधिक अभ्यास की आवश्यकता है।
  5. प्रश्न का उत्तर नहीं लिखना है। प्रश्न रचना पूरे गद्यांश पर होनी आवश्यक है।

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1. प्रश्न निर्मिति के लिए आवश्यक प्रश्नवाचक शब्द निम्नानुसार हैं :

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निबंध लेखन:

निबंध लेखन एक कला है । निबंध का शाब्दिक अर्थ होता है ‘सुगठित अथवा ‘सुव्यवस्थित रूप में बंधा हुआ’ । साधारण गदय रचना की अपेक्षा निबंध में रोचकता और सजीवता पाई जाती है। निबंध गदय में लिखी हई रचना होती है, जिसका आकार सीमित होता है । उसमें किसी विषय का प्रतिपादन अधिक स्वतंत्रतापूर्वक और विशेष अपनेपन और सजीवता के साथ किया जाता है। एकसूत्रता, व्यक्तित्व का प्रतिबिंब, आत्मीयता, कलात्मकता निबंध के तत्त्व माने जाते हैं । इन तत्वों के आधार पर निबंध की रचना की जाती है।

निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों की ओर ध्यान दें:

  1. प्रारंभ, विषय विस्तार, समापन इस क्रम से निबंध
  2. विषयानुरूप भाषा का प्रयोग करें।
  3. भाषा प्रवाही, रोचक और मुहावरेदार हो ।
  4. कहावतों, सुवचनों का यथास्थान प्रयोग करें ।
  5. शुद्ध, सुवाच्य और मानक वर्तनी के अनुसार निबंध लेखन आवश्यक है ।
  6. सहज, स्वाभाविक और स्वतंत्र शैली में निबंध की रचना हो ।
  7. विचार स्पष्ट तथा क्रमबद्ध होने आवश्यक हैं।
  8. निबंध की रचना करते समय शब्द चयन, वाक्य-विन्यास की ओर ध्यान आवश्यक देना है। निबंध लेखन में विषय को प्रतिपादित करने की पद्धति के साथ ही कम-से-कम चार अनुच्छेदों की रचना हो ।
  9. निबंध का प्रारंभ आकर्षक और जिज्ञासावर्धक हो ।
  10. निबंध के मध्यभाग में विषय का प्रतिपादन हो । निबंध का मध्यभाग महत्त्वपूर्ण होता है इसलिए उसमें नीरसता न हो ।
  11. निबंध का समापन विषय से संबंधित, सुसंगत, उचित, सार्थक विचार तक ले जाने वाला हो।

आत्मकथनात्मक निबंध लिखते समय आवश्यक तथा महत्त्वपूर्ण बातें:

  1. आत्मकथन अर्थात एक तरह का परकाया प्रवेश है।
  2. किसी वस्तु, प्राणी, पक्षी, व्यक्ति की जगह पर स्वयं को स्थापित/आरोपित करना होता है ।
  3. आत्मकथनात्मक लेखन की भाषा प्रथमपुरुष, एकवचन में हो । जैसे – मैं …. बोल रहा/रही हूँ।
  4. प्रारंभ में विषय से संबंधित उचित प्रस्तावना, सुवचन, घटना, प्रसंग संक्षेप में लिख सकते हैं सीधे मैं… हूँ से भी प्रारंभ किया जा सकता है।

वैचारिक निबंध लिखते समय आवश्यक बातें:

  1. वैचारिक निबंध लेखन में विषय से संबंधित में जो विचार होते हैं, उनको प्रधानता दी जाती है। वर्णन, कथन, कल्पना से बढ़कर विचार महत्त्वपूर्ण होते हैं। विचार के पक्ष-विपक्ष में लिखना आवश्यक होता है।
  2. विषय के संबंध में विचार, मुद्दे, मतों की तार्किक प्रस्तुति महत्त्वपूर्ण होती है।
  3. पूरक पठन, शब्दसंपदा, विचारों की संपन्नता जितनी अधिक होती है उतना ही वैचारिक निबंध लिखना हमारे लिए सहज होता है। उदा.

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कहानी लेखन:

कहानी सुनना-सुनाना आबाल वृद्धों के लिए रुचि और आनंद का विषय होता है । कहानी लेखन विद्यार्थियों की कल्पनाशक्ति, नवनिर्मिति व सृजनशीलता को प्रेरणा देता है । इसके पूर्व की कक्षाओं में आपने कहानी लेखन का अभ्यास किया है। कहानी अपनी कल्पना और सृजनशीलता से रची जाती है । कहानी का मूलकथ्य (कथाबीज) उसके प्राण होते हैं । मूल कथ्य के विस्तार के लिए विषय को पात्र, घटना, तर्कसंगत विचारों से परिपोषित करना लेखन कौशल है। इसी लेखन कौशल का विकास करना कहानी लेखन का उद्देश्य है । कहानी लेखन का मनोरंजन तथा आनंदप्राप्ति भी उद्देश्य है।

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कहानी लेखन में निम्न बातों की ओर विशेष ध्यान दें:

  1. शीर्षक, कहानी के मुद्दों का विस्तार और कहानी से प्राप्त सीख, प्रेरणा, संदेश ये कहानी लेखन के अंग हैं।
  2. कोई भी कहानी घटना घटने के बाद लिखी जाती है, अतः कहानी भूतकाल में लिखी जाए। कहानी के संवाद प्रसंगानुकूल वर्तमान या भविष्यकाल में हो सकते हैं । संवाद अवतरण चिह्न में लिखना अपेक्षित है।
  3. कहानी लेखन की शब्दसीमा सौ शब्दों तक हो।
  4. कहानी के आरंभ में शीर्षक लिखना आवश्यक होता है । शीर्षक छोटा, आकर्षक, अर्थपूर्ण और सारगर्भित होना चाहिए ।
  5. कहानी में कालानुक्रम, घटनाक्रम और प्रवाह होना आवश्यक है । प्रत्येक मुद्दे या शब्द का अपेक्षित विस्तार आवश्यक है। घटनाएँ धाराप्रवाह अर्थात एक दूसरे से शृंखलाबद्ध होनी चाहिए ।
  6. कहानी के प्रसंगानुसार वातावरण निर्मिति होनी चाहिए । उदा. यदि जंगल में कहानी घटती है तो जंगल का रोचक, आकर्षक तथा सही वर्णन अपेक्षित है।
  7. कहानी के मूलकथ्य/विषय (कथाबीज) के अनुसार पात्र व उनके संवाद, भाषा पात्रानुसार प्रसंगानुकूल होने चाहिए ।
  8. प्रत्येक परिसर/क्षेत्र की भाषा एवं भाषा शैली में भिन्नता/विविधता होती है । इसकी जानकारी होनी चाहिए।
  9. अन्य भाषाओं के उद्धरण, सुवचनों आदि के प्रयोग से यथासंभव बचे ।
  10. कहानी लेखन में आवश्यक विरामचिह्नों का प्रयोग करना न भूलें । कहानी लेखन करते समय अनुच्छेद बनाएँ । जहाँ तक विचार, एक घटना समाप्त हो, वहाँ परिच्छेद समाप्त करें।
  11. कहानी का विस्तार करने के लिए उचित मुहावरे, कहावतें, सुवचन, पर्यायवाची शब्द आदि का प्रयोग करें।

कहानी लेखन-[शब्द सीमा अस्सी से सौ तक]
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विज्ञापन:

वर्तमान युग स्पर्धा का है और विज्ञापन इस युग का महत्त्वपूर्ण अंग है । उत्कृष्ट विज्ञापन पर उत्पाद की बिक्री का आंकड़ा आज संगणक तथा सूचना प्रौदयोगिकी के युग में, अंतरजाल (इंटरनेट) एवं भ्रमणध्वनि (मोबाइल) क्रांति के काल में विज्ञापन का क्षेत्र विस्तृत होता जा रहा है । विज्ञापनों के कारण किसी वस्तु. समारोह, शिविर आदि के बारे में पूरी जानकारी आसानी से समाज तक पहुंच जाती है। लोगों के मन में रुचि निर्माण करना, ध्यान आकर्षित करना विज्ञापन का मुख्य उद्देश्य होता है। विज्ञापन लेखन करते समय निम्न मुद्दों की ओर ध्यान दें:

  1. कम-से-कम शब्दों में अधिकाधिक आशय व्यक्त हो ।
  2. विज्ञापन की ओर सभी का ध्यान आकर्षित हो, अतः शब्दरचना, भाषा शुद्ध हो ।
  3. जिसका विज्ञापन करना है उसका नाम स्पष्ट और आकर्षक ढंग से अंकित हो ।
  4. विषय के अनुरूप रोचक शैली हो । आलंकारिक, काव्यमय, प्रभावी शब्दों का उपयोग करते हुए विज्ञापन अधिक आकर्षक बनाएँ ।
  5. ग्राहकों की बदलती रुचि, पसंद, आदत, फैशन एवं आवश्यकताओं का प्रतिबिंब विज्ञापन में परिलक्षित होना चाहिए।
  6. विज्ञापन में उत्पाद की गुणवत्ता महत्त्वपूर्ण होती है, अतः छूट का उल्लेख करना हर समय आवश्यक नहीं है।
  7. विज्ञापन में संपर्क स्थल का पता, संपर्क (मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी) का स्पष्ट उल्लेख करना आवश्यक है।
  8. विज्ञापन केबल पेन से लिखें।
  9. पेन्सिल, स्केच पेन का उपयोग न करें।
  10. चित्र, डिजाइन बनाने की आवश्यकता नहीं है।
  11. विज्ञापन की शब्द मर्यादा पचास से साठ शब्दों तक अपेक्षित है । विज्ञापन में आवश्यक सभी मुद्दों का समावेश हो।

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा 13

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा? Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
तुलना कीजिए।
उत्तरः

वसंत में प्रकृति एवं मानव जीवन पतझड़ में प्रकृति एवं मानव जीवन
वसंत में प्रकृति सदाबहार होती है। पतझड़ में पेड़ से पत्ते अलग होते हैं।
नए फूल व पौधों का आगमन होता है। पेड़ पर्ण विहीन होते है।
वसंत सभी के जीवन में खुशियाँ लाता है। पतझड़ में मानव जीवन उसके समान दुखी एवं करुणामय दिखाई देता है।

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
मानवता के वन-उपवन का हर प्रसून खिल पाएगा।’ इसका तात्पर्य है –
उत्तरः
जब मानवता के जीवन मूल्य को विश्व भर में सभी लोगों द्वारा अपनाया जाएगा और उसमें सभी लोग खुशीपूर्वक रहेंगे तब वास्तविक वसंत का आगमन होगा।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. मानवता
  2. उपवन
  3. यौवन
  4. वितरण

उत्तर:

  1. इंसानियत
  2. वाटिका
  3. जवानी
  4. बाँटना

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. वसंत × ……………….
  2. सम × ……………….
  3. विजय × …………….
  4. जीवन × …………….

उत्तरः

  1. पतझड़
  2. विषम
  3. पराजय
  4. मरण

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव शब्द लिखिए।
नव
उत्तरः
नया

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्ययों का प्रयोग कीजिए।
1. मनुज
2. विजय
उत्तर:
1. मनुजता
2. विजेता

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मानवता का पालन करने से सभी के जीवन में खुशियाँ छा जाएँगी।’ इस कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
मानवता का अर्थ है मनुष्य होने का कर्तव्य निभाना, मानव की सेवा करना; मानव के जीवन में खुशी निर्माण करना। मनुष्य होने का यह सबसे बड़ा धर्म है। प्रत्येक व्यक्ति को मानवता के जीवन मूल्यों का पालन करना चाहिए। यदि ऐसा हुआ तो सभी के जीवन में खुशियाँ छा जाएँगी। आज मानव जीवन धीरे-धीरे खतरे की ओर बढ़ रहा है।

अणविक अस्त्रों का निर्माण हो रहा है। संपूर्ण विश्व में अशांति एवं अराजकता फैली रही है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन इस पृथ्वी से मानव का अस्तित्व नष्ट हो सकता है। अत: सभी की भलाई हेतु एवं सभी के जीवन को खुशहाल बनाने हेतु मानवता का पालन अनिवार्य है। मनुष्य जीवन के विकास के साथ विश्व भर के लोगों के जीवन में सुख-शांति आए, इसलिए हमें मानवता का पालन करना होगा।

(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. मानव हृदय पर इनका प्रभाव पड़ता है –
2. इनके आँगन का जिक्र पद्यांश में हुआ है –
उत्तरः
1. सुख-दुख का
2. प्रासाद व कुटी के आँगन का

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
1. प्रासाद
2. समान
उत्तरः
1. प्रसाद
2.सामान

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. मानव
2. क्षण
उत्तर:
1. मनुष्य
2. समय

प्रश्न 3.
उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द लिखिए।
1. समान
2. प्राण
उत्तरः
1. उपसर्गयुक्त शब्दः असमान, प्रत्यययुक्त शब्द : समानता
2. उपसर्गयुक्त शब्दः निष्प्राण, प्रत्यययुक्त शब्दः प्राणहीन

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प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. कुटी
2. आँगन
उत्तरः
1. कुटियाँ
2. आँगन

प्रश्न 5.
पद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ियाँ लिखिए।
उत्तरः
1. सुख × दुख
2. प्रासाद × कुटी

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख अनिवार्य अंग होते हैं।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
जीवन की प्रतिमा को सुंदर और सुसज्जित बनाने में सुख और दुख आभूषण के समान हैं। मानव जीवन में सुख व दुख, धूप और छाँव की तरह आते-जाते रहते हैं। आखिर व्यक्ति का जीवन सुख-दुख का मेल है। कभी व्यक्ति जीवन में सुख की शीतल सुगंध की फुहारें उड़ती है तो कभी दुख की जलतीबिखरती चिनगारियाँ फैलती हैं। सुख के पल जीवन में कब आए और कब चले गए. इसका व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है। लेकिन दुख के पल काटे नहीं कटते। सुख में व्यक्ति इतना प्रफुल्लित हो जाता है कि वह स्वयं को भी भूल जाता है और सातवें आसमान पर पहुँच जाता है। दुख में व्यक्ति इतना डूब जाता है कि वह गहराई के समुंदर से बाहर आने का नाम ही नहीं लेता है। इस प्रकार सुख-दुख आते-जाते रहते हैं।

(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
1. सीमित
2. वंदन
उत्तरः
1. कवि के मन में छाया हुआ वसंत कैसा है?
2. भू पर अभिनव क्या बनेगा?

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. कवि को जन-जन की चिंता है।
2. मानव की दुनिया यह धरती का अभिनव नंदन नहीं बन सकती।
उत्तरः
1. सत्य
2. असत्य

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कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
पद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
जन-जन

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
मनुज
उत्तरः
मानव

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द से उपसर्ग अलग कीजिए और संबंधित उपसर्ग से अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
अभिनव
उत्तर:
उपसर्ग: अभि, अन्य शब्द: अभिनेता, अभिजीत

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. साकार
2. भू
उत्तरः
1. आकारयुक्त
2. भूमि

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
नंदन
उत्तरः
आनंद देने वाला, पुत्र

प्रश्न 6.
लिंग बदलिए।
1. नंदन
2. कवि
उत्तरः
1. नंदिनी
2. कवयित्री

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कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘धरती को स्वर्ग-सी सुंदर बनाने के लिए मेरा प्रयास …..।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
धरती पर जीवन का स्पंदन है। यह धरती आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सौगात है। इसे सुंदर व स्वच्छ रखना मेरा परम कर्तव्य है। इस धरती को स्वर्ग के जैसा सुंदर बनाने के लिए मैं पेड़-पौधे लगाऊँगा। धरती को सदैव हरित रखूगा। यहाँ-वहाँ कूड़ा-कचरा नहीं फेकूँगा। जल स्रोतों को दूषित होने से बचाऊँगा। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए वन एवं वन्य जीवों का संरक्षण करूँगा। सर्वत्र शांति का वातावरण बनाए रखूगा।

प्राकृतिक स्रोतों का सोच-समझकर उपयोग करूँगा। पर्यावरण प्रदूषण एवं ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित करने वाले संभव प्रयासों का कड़ाई से पालन करूँगा। बिजली एवं पानी का जरूरत से ज्यादा उपयोग नहीं करूँगा। मानवीय मूल्यों का प्रचार एवं प्रसार करके सभी के मन में एक-दूसरे के प्रति एवं धरती के प्रति मानवीय संवेदना उत्पन्न करने की कोशिश करूँगा।

(ई) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. पद्यांश में पवन की विशेषता बताने वाला शब्द –
2. नवयुग यह लेकर आएगा –
उत्तर:
1. मुक्त
2. नव संस्कृति व नव विश्व व्यवस्था

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के श्रृतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
पवन
उत्तरः
पावन

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. मुक्त
  2. गगन
  3. व्यवस्था

उत्तर:

  1. स्वतंत्र
  2. आसमान
  3. प्रबंध

प्रश्न 3.
पद्यांश में से तत्सम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

  1. रवि
  2. शशि
  3. पवन
  4. नव

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. संस्कृति
2. व्यवस्था
उत्तर:
1. संस्कृतियाँ
2. व्यवस्थाएँ

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘नव संस्कृति व नव विश्व व्यवस्था आधुनिकता की देन है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पुराने जमाने में हमारे देश में जाति-प्रथा व धार्मिक आडंबरों को अत्याधिक महत्त्व दिया जाता था। स्त्रियों को सामाजिक बंधन में बँधकर रहना पड़ता था। उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं था। समाज में पुरुष-प्रधान व्यवस्था थी। पुराने रीति-रिवाजों को अधिक महत्त्व दिया जाता था। आधुनिक युग में नए मूल्यों एवं नई विचारधारा का प्रचार एवं प्रसार हो जाने से जाति-पाति की भावना समाज से आहिस्ता-आहिस्ता खत्म होती जा रही है।

आज हमारे समाज में स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिया गया है। आज कई ऐसे परिवार हैं, जो स्त्री-प्रधान हैं। आज हम स्वच्छंद एवं स्वतंत्र हैं। हमें मनचाही शिक्षा या मनचाहा व्यवसाय चुनने का अधिकार है। नव संस्कृति को अपनाने से हमारे विचारों में भारी परिवर्तन हुआ है। आज हम शांति एवं एकता को अपनाने की बात कर रहे हैं। नव संस्कृति ने हमें अध्यात्म व विज्ञान इन दो विषयों से भली-भाँति परिचित कराया है। नव संस्कृति एवं नव विश्व व्यवस्था से आज व्यक्ति, समाज और राष्ट्र प्रगति कर रहा है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना धीरे-धीरे प्रबल हो रही है।

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प्रश्न (उ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
वसन
उत्तर:
वस्त्र

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग लगाइए।
रस
उत्तरः
नी + रस = नीरस

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. अधर
  2. आँखें
  3. भवन

उत्तरः

  1. होंठ
  2. नयन
  3. मकान

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
रस
उत्तरः
स्वाद, जलीय अंश।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा?

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘रोटी, कपड़ा व मकान मनुष्य जीवन की प्राथमिक आवश्यकता होती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
मानव जीवन अनमोल है। मनुष्य को एक साधारण जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा व मकान की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी एक का भी अभाव होने से उसका जीवन संतुलन सुचारू रूप से नहीं चल सकता। आज हमारे देश की आबादी बढ़ रही है। बढ़ती आबादी को प्राथमिक सुविधाएँ उपलब्ध कराने में सरकार निष्फल हो रही है। आज हमारे देश में कई लोगों को तन ढंकने के लिए कपड़े भी नहीं मिल पाते हैं। कई लोग बेघर हैं और वे रेल्वे स्टेशन या सड़क पर ही अपना बसेरा बना रहे हैं।

कई बच्चे-बड़े भूखे मर रहे हैं। भुखमरी की समस्या से आए दिन लोगों की मृत्यु हो रही है। सरकार अपनी ओर से प्रयास कर रही है परंतु जनता का भी कर्तव्य है कि वे अभावग्रस्त की सहायता के लिए आगे आए। मनुष्य ने इस धरती पर जन्म लिया है, तो उसे रोटी, कपड़ा व मकान जैसी प्राथमिक सुविधाएँ मिलनी ही चाहिए और लोगों को उसे प्राप्त करने के लिए मेहनत भी करनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हो सका, तो इन सुविधाओं के बिना मानव जीवन नीरस व व्यर्थ साबित होगा।

ऐसा वसंत कब आएगा? Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: जगन्नाथ प्रसाद ‘मिलिंद’ जी का जन्म सन 1906 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ। इन्हें हिंदी के अतिरिक्त उर्दू, बांग्ला, मराठी, गुजराती और अंग्रेजी भाषा का भी ज्ञान था। आप हिंदी साहित्य जगत में कवि एवं नाटककार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन्होंने खंड काव्य एवं समीक्षा ग्रंथ लिखकर हिंदी साहित्य की सेवा की है। इनके साहित्य पर गांधीवादी विचारधारा का प्रभाव पड़ा है। इन्होंने अध्यापन के साथ-साथ स्वतंत्रता आंदोलन एवं राजनीति में भी भाग लिया था। इन्हें ‘साहित्य वाचस्पति’ एवं ‘भारत भाषा भूषण’ की उपाधि से सम्मानित किया गया है।

प्रमुख कृतियाँ: ‘अंतिमा’, ‘पूर्णा’, ‘बलिपद के गीत’, ‘नवयुग के गान’, ‘मुक्ति के स्वर’ (काव्य संग्रह) आदि।

पद्य-परिचय:

गीत: गीत साहित्य की एक लोकप्रिय विधा है। स्वर, पद और ताल से युक्त जो गान होता है, वह गीत कहलाता है। इसमें एक मुखड़ा तथा कुछ अंतरे होते हैं। प्रत्येक अंतरे के बाद मुखड़े को दोहराया जाता है। गीत को गाया भी जाता है।

प्रस्तावना: ‘ऐसा वसंत कब आएगा?’ इस गीत में कवि जगन्नाथ प्रसाद ‘मिलिंद’ जी का मानना है कि जिस दिन सुख-सुविधाओं पर अमीर-गरीब का समान अधिकार होगा और राष्ट्र-समाज के सुखों में भी महलों एवं कुटियों का समान अधिकार होगा, उस दिन धरती पर वास्तविक वसंत आ सकेगा।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 ऐसा वसंत कब आएगा?

सारांश:

‘ऐसा वसंत कब आएगा?’ यह एक गीत है। इस गीत के माध्यम से कवि ‘मिलिंद’ जी ने मानवता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी के मंगलमय एवं खुशहाल जीवन की कामना की है। कवि के अनुसार सुख-सुविधाओं पर अमीर-गरीब सभी का समान अधिकार होना चाहिए और जिस दिन ऐसा होगा उस दिन सच्चे अर्थ में वसंत अर्थात खुशहाली का आगमन होगा। मानव जीवन अभावरूपी पतझड़ से भरा पड़ा है। अतः मानव को अपने जीवन के अभावों पर विजय प्राप्त करने हेतु संघर्ष करना पड़ता है। सुख-दुख का मानव हृदय पर समान प्रभाव पड़ता है।

कवि के अनुसार जब प्रत्येक व्यक्ति का हृदय प्रेम एवं हर्ष से प्रफुल्लित हो जाएगा, तब वास्तविक वसंत का आगमन होगा। सभी का सूरज, चंद्र व मुक्त विचरण करने वाले पवन पर समान अधिकार होता है। जब नवयुग समानता पर आधारित नवसंस्कृति को अपनाएगा, तब नई विश्व व्यवस्था स्थापित होने में देर नहीं लगेगी। कवि की कामना है कि प्रत्येक व्यक्ति को खाने के लिए भरपेट भोजन, शरीर पर पहनने के लिए वस्त्र व रहने के लिए घर उपलब्ध हो, जिससे प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में आनंद और खुशहाली हो।

शब्दार्थ:

  1. मानवता – इंसानियत
  2. साकार – आकारयुक्त
  3. उपवन – वाटिका
  4. भू – भूमि
  5. यौवन – जवानी
  6. मुक्त – स्वतंत्र
  7. वितरण – बाँटना
  8. गगन – आसमान
  9. क्षण – समय, पल
  10. रवि – सूर्य
  11. शशि – चंद्रमा
  12. सम- समान
  13. रण – लड़ाई
  14. प्रसून – फूल
  15. सर्जन – निर्मित, रचना
  16. पुलक – प्रेम, हर्ष
  17. स्पंदन – धड़कन
  18. व्यवस्था – प्रबंध
  19. अधर – होंठ
  20. भवन – मकान
  21. वसन – वस्त्र

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स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 2

2. परिणाम लिखिए :

प्रश्न 1.
बीमार सेठानी पर धूनी की चुटकी भर राख का…..
उत्तर:
सकारात्मक प्रभाव पड़ा और धीरे-धीरे उसकी तबीयत सुधरने लगी।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

प्रश्न 2.
बहुरूपिये की वास्तविकता जानने के उपरांत सेठ जी की स्थिति –
उत्तरः
वह आश्चर्य के मारे आसमान से गिरा।

3. निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।

प्रश्न 1.
बहुरूपिये हू-ब-हू उसी तरह का व्यवहार करके प्राय: लोगों को भ्रम में नहीं डालते थे।
उत्तर:
बहुरूपिये हू-ब-हू उसी तरह का व्यवहार करके प्रायः लोगों को भ्रम में डालते थे।

प्रश्न 2.
एक बार सेठ जी बीमार हो गए।
उत्तर:
एक बार सेठानी बीमार हो गई।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

प्रश्न 3.
सेठानी कभी-कभी आने लगी।
उत्तर:
सेठ रोज आने लगा।

प्रश्न 4.
साधु ने झगड़ा करके सेठ को लौटा दिया।
उत्तरः
साधु ने समझा-बुझाकर सेठ को लौटा दिया।

प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 4

5. निम्नलिखित वाक्यों को घटनाक्रम के अनुसार लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को घटनाक्रम के अनुसार लिखिए।

  1. सेठजी द्वारा सेठानी को साधु के पास ले जाना।
  2. बहुरूपिये का साधु का रूप लेना।
  3. सेठानी का बीमार होना।
  4. धीरे-धीरे सेठानी की तबीयत सुधरना।

उत्तर:

  1. बहुरूपिये का साधु का रूप लेना।
  2. सेठानी का बीमार होना
  3. सेठजी द्वारा सेठानी को साधु के पास ले जाना।
  4. धीरे-धीरे सेठानी की तबीयत सुधरना।

6. इन कृदंत शब्दों की मूल क्रियाएँ लिखिए।

प्रश्न 1.
इन कृदंत शब्दों की मूल क्रियाएँ लिखिए।

  1. झुकाव = [ ]
  2. सोच = [ ]
  3. बनावट = [ ]
  4. लगाव = [ ]

उत्तर:

  1. झुकाव = [झुकाना या झुकना]
  2. सोच = [सोचना]
  3. बनावट = [बनवाना]
  4. लगाव = [लगना]

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

7. ‘कला के प्रति ईमानदारी ही सच्चे कलाकार की पहचान है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए। 

प्रश्न 1.
‘कला के प्रति ईमानदारी ही सच्चे कलाकार की पहचान है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
कलाकार उसे कहते हैं जो कला का ज्ञाता हो, जिसे अपनी कला के सिवा अन्य कुछ नहीं भाता हो। अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करके लोगों का मनोरंजन करना ही उसका मुख्य उद्देश्य होता है। फिर वह कलाकार, अभिनेता हो या फिर कोई बहुरूपिया। उसकी कला ही उसकी पहचान होती है। इसलिए उसे अपनी पहचान एवं अस्तित्व को कभी नहीं खोना चाहिए। चरित्र निर्माण एवं संस्कार करने में कलाकार की भूमिका अनन्यसाधारण होती

है। इसलिए वह अपनी कला के माध्यम से लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ता है। यदि वह अपनी कला के प्रति ईमानदार नहीं होता अथवा उसका सहारा लेकर गलत कार्य करता है, तो इससे उसकी कला का अपमान होता है। अत: वह हमेशा अपना व्यक्तिगत स्वार्थ त्यागकर, अपने पेशे के प्रति ईमानदारी पर अधिक बल देता है। इसी कारण समाज में उसकी प्रतिष्ठा बढ़ती है और सभी उसका और उसकी कला का सम्मान करते हैं।

अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
‘सहयोग से कठिन कार्य की पूर्ति होती है।’ विषय पर अपने विचार शब्दांकित कीजिए।
उत्तर:
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है जिसकी उन्नति सहयोग की बुनियाद पर निर्भर है। सहयोग भावना मानवता का प्रतीक है। किसी भी व्यक्ति को सहयोग करना एवं उसे सहायता पहुँचाना सबसे बड़ा धर्म होता है। हमें सबकी समान भाव से मदद करनी चाहिए। सहयोग से बहुत बड़े-बड़े कार्य पूर्ण होते हैं। सहयोग से पुल का निर्माण होता है, बड़ी-बड़ी इमारतें सहयोग के बल पर ही बनती हैं।

सहयोग से व्यक्ति, समाज व राष्ट्र की उन्नति होती है। सहयोग के बल पर ही आधुनिक भारत का नवनिर्माण संभव है। गाँधी जी ने सभी भारतीयों का सहयोग पाकर ही इस देश को अंग्रेजों के शासन से मुक्त कराया तथा हमें आजादी दिला पाने में सफल रहे। सहयोग असंभव को संभव कर देता है। अत: सभी को इसका पालन करना चाहिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

भाषाबिंदु :

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त तीन-तीन क्रियाविशेषण अव्यय व संबंधसूचक अव्यय बकर उनका स्वतंत्र वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
1. क्रियाविशेषण अव्यय :

  • धीरे-धीरे : गाड़ी धीरे-धीरे जा रही थी।
  • एक बार : एक बार मैं बहुत बीमार हो गया था।
  • अब : अब मैं जा रहा हूँ।

2. संबंधसूचक अव्यय :

  • के लिए : मैंने उसके लिए खिलौने लाए।
  • की तरफ : मैंने तुरंत उसकी तरफ देखा।
  • के नीचे : पेड़ के नीचे एक लड़का बैठा था।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
आपके विद्यालय की सैर का वर्णन करने वाला पत्र अपनी सहेली या अपने मित्र को लिखिए। (पत्र निम्न प्रारूप में हों।)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 5
उत्तर:

10 जुलाई, 2018
प्रिय मित्र राहुल,
सप्रेम नमस्ते।
तुम कैसे हो? बहुत दिन हो गए लेकिन तुम्हारा पत्र नहीं मिला। आशा करता हूँ कि तुम ठीक होगे। मैं भी कुशल हूँ। मेरी चिंता मत करना राहुल, हमारे विद्यालय ने महाबलेश्वर की सैर आयोजित की थी। सैर तीन दिन की थी। दिनांक 25 जून को हम सुबह 7 बजे महाबलेश्वर की ओर निकले। करीबन शाम के 4 बजे तक हम महाबलेश्वर पहुंच गए थे। महाबलेश्वर के बारे में तुम्हें क्या बताऊँ? बहुत ही रम्य प्राकृतिक स्थल है महाबलेश्वर । वहाँ की वादियाँ एवं घाटियाँ देखकर मेरा मनमयूर नाचने लगा था।

सघन वृक्ष देखने लायक थे। चारों ओर का वातावरण बड़ा ही शांत और खुशनुमा था। हवा में ठंडक व ताज़गी थी। पेड़ों पर उछल-कूद करने वाले बंदरों की सेना देखकर मैं आनंदविभोर हो गया। वहाँ का रम्य वातावरण एवं मित्रों के साथ घूमते-घूमते तीन दिन कैसे बीत गए, इस बात का मुझे पता ही नहीं चला।

जैसे ही छुट्टियाँ शुरू हो जाएगी; वैसे ही तुम मेरे घर पर आना। फिर हम मिलकर खूब खेलेंगे। तुम्हारे माता जी एवं पिता जी को मेरा सादर प्रणाम।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
विजय मेहता
पता : 201, गीता महल,
कृष्ण नगर,
मुंबई : 400 012
vijay-44@gmail.com

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 2 कलाकार Additional Important Questions and Answers

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 6

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।

i. बहुरूपियों के बारे में सभी नहीं जानते हैं।
उत्तर:
बहुरूपियों के बारे में हम सब जानते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
i. गद्यांश में इस प्रांत की लोक कथाओं का जिक्र हुआ है।
उत्तर:
राजस्थान

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. पेशा
  2. नगर
  3. इनाम
  4. धोखा

उत्तर:

  1. व्यवसाय
  2. शहर
  3. उपहार
  4. विश्वासघात

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प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. कपड़े धोने का पेशा करनेवाली एक जाति –
ii. अनेक प्रकार के रूप धारण करने वाला –
उत्तर:
i. धोबी
ii. बहुरूपिया

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. सफलता × ……….
  2. व्यवहार × ……….
  3. भीतर × ……….

उत्तर:

  1. असफलता
  2. अव्यवहार
  3. बाहर

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द से उपसर्ग व प्रत्यययुक्त शब्द बनाइए।
i. व्यवहार
ii. रूप
उत्तर:
i. उपसर्गयुक्त शब्द : अव्यवहार, प्रत्यययुक्त शब्द : व्यावहारिक
ii. उपसर्गयुक्त शब्द : कुरूप, प्रत्यययुक्त शब्द : रूपवान

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बहुरूपियों का पेशा अब समाप्त होता जा रहा है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
पुराने जमाने में मनोरंजन के साधन सीमित होते थे। सिनेमा हॉल, दूरदर्शन, संगणक या मोबाइल जैसे अत्याधुनिक एवं मन बहलाने वाले साधन कम थे। वास्तव में मनोरंजन की दुनिया बहुत छोटी थी। पहले पुराने संस्कार एवं विधियों का अनुकरण किया जाता था। लोक कथाओं एवं लोक कलाओं का अनुकरण करने में सभी को आनंद मिलता था। लेकिन अब जमाना बदल गया है। लोगों की मनोरंजन को लेकर मानसिकता बदल गई है।

विज्ञान व तकनीकी ने मानव सभ्यता में परिवर्तन ला दिया है। इस कारण पहले जिस प्रकार बहुरूपिया द्वार-द्वार पर जाकर अपनी कलाबाजी एवं हुनर को प्रदर्शित करता था, उस प्रकार अब द्वार पर बुहरूपिया नहीं आता है। उसकी कलाबाजी एवं हुनर को देखने के लिए लोगों के पास पर्याप्त समय भी नहीं है। आपाधापी के इस युग में जहाँ अपनों के लिए वक्त नहीं है, वहाँ बहुरूपिए के करतब देखने के लिए किसी के पास समय नहीं है। इसलिए बहुरूपियों का पेशा अब समाप्त होता जा रहा है।

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(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1): आकलंन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 7

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 8

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. भस्म
  2. साधु
  3. उपदेश
  4. समाचार

उत्तर:

  1. राख
  2. सज्जन
  3. सलाह
  4. खबर

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प्रश्न 2.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. तीन आड़ी रेखाओं का तिलक .
  2. कमर में बाँधने का एक प्रकार का वस्त्र –
  3. जिसने संसार को त्यागा है –

उत्तर:

  1. त्रिपुंड
  2. लँगोटी
  3. संसारत्यागी

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. कीर्ति × ……….
  2. आशीर्वाद × ………….
  3. साधु × …………..
  4. नगर × ………….

उत्तर:

  1. अपकीर्ति
  2. शाप
  3. गाँव

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प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्द को ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
i. सिर, माथा

प्रश्न 5.
वचन बदलिए।

  1. डेरा
  2. झोपड़ी
  3. बगीचा
  4. सफलता

उत्तर:

  1. डेरे
  2. झोपड़ियाँ
  3. बगीचे
  4. सफलताएँ

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग छाँटकर लिखिए।
i. महात्मा
ii. उपदेश
उत्तर:
i. महा
ii. उप

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प्रश्न 7.
गद्यांश से प्रयुक्त शब्द-युग्म +डकर लिखिए।
उत्तरः
i. कभी-कभी
ii. धीरे-धीरे

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्द के लिए अनेकार्थी शब्द लिखिए। –
i. रूप
उत्तरः
सूरत, प्रकृति, खूबसूरत, समान।।

प्रश्न 9.
गद्यांश में से तत्सम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
संसार, कीर्ति, साधु

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कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘साधु माला, जटा, त्रिपुंड, कमंडल, तिलक, भस्म क्यों धारण करते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत में हिंदू साधुओं का एक विशेष पहनावा होता है। भारतीय संस्कृति की परंपरा के अनुसार ये माला, जटा, त्रिपुंड, कमंडल, तिलक, भस्म आदि का प्रयोग करके स्वयं को संसारत्यागी

कहलवाते हैं। हिंदू समाज में तुलसी की माला का विशेष महत्व होता है। अतः साधुओं के हाथ व गले में माला होती है। जटा, भस्म व कमंडल का सीधा संबंध भगवान शिव से होता है। भगवान शिव अपने शरीर पर भस्म लगाते थे। हिंदू संप्रदाय में तिलक का भी अपना विशेष महत्त्व होता है। धार्मिक कार्य एवं ईश्वर की उपासना करने के पश्चात माथे पर तिलक लगाया जाता है। माला, जटा, त्रिपुंड, कमंडल, तिलक, भस्म आदि का आध्यात्मिक महत्त्व भी है। इनके प्रयोग से व्यक्ति शुद्ध आचरण करने लगता है। अत: साधु उपर्युक्त साधनों को धारण करते हैं।

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(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पड़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. सेठ
ii. सेठानी
उत्तर:
i. अविश्वास से कौन हँस पड़ा?
ii. कौन बीमार हो गई?

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. सेठ साधु को मिलने के लिए तैयार हो गया क्योंकि…..
(अ) दुनियाभर के इलाज कराने के बाद भी उसकी माँ ठीक नहीं हुई।
(आ) दुनियाभर के इलाज कराने के बाद भी उसकी बेटी ठीक नहीं हुई।
(इ) दुनियाभर के इलाज कराने के बाद भी उसकी पत्नी ठीक नहीं हुई।
उत्तर:
सेठ साधु को मिलने के लिए तैयार हो गया क्योंकि दुनियाभर के इलाज कराने के बाद भी उसकी पत्नी ठीक नहीं हुई।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।

i. बड़ी प्रसन्नता से सेठ साधु को मिलने गया।
उत्तर:
हारकर सेठ साधु से मिलने गया।

प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “सेठानी को जीवनदान दीजिए।”
उत्तर:
सेठ ने साधु से कहा।

ii. “ऐसे ढोंगी जाने यहाँ कितने आते रहते हैं।”
उत्तर:
सेठ ने व्यक्ति से कहा।

कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
i. कभी-कभी
ii. वैद्य-डॉक्टर

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प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
i. सेठानी
ii. पेशा
उत्तर:
i. सेठानियाँ
i. पेशे

प्रश्न 3.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. जीवनदान : प्रत्यय : दान
  2. करोड़पति : प्रत्यय : पति
  3. बेईमानी : प्रत्यय : ई

प्रश्न 4.
‘अविश्वास’ इस शब्द में निहित उपसर्ग प्रत्यय को पहचानकर संबंधित उपसर्ग लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तरः
अविश्वास : प्रत्यय : अ, नए शब्द : अकारण, अप्रसन्न

प्रश्न 5.
निम्नलिखित गद्यांश में प्रयुक्त लिंग शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
उत्तरः
सेठ-सेठानी

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित गद्यांश में प्रयुक्त पर्यायवाची शब्दों की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. वैद्य-डॉक्टर
ii. चरण-पाँव

प्रश्न 7.
नीचे दिए शब्द के लिए श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. संपत्ति
ii. अब
उत्तर:
i. संप्रति
ii. आब

प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दों के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. डोली
ii. जीवन
उत्तर:
i. एक क्रिया जो ‘डोलना’ से संबंधित है, पालकी
ii. पानी, जिंदगी

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कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘क्या कोई साधु बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने की शक्ति रखता है।’ विधान को वर्तमान समय के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। आज हमारे समाज में साधु और तांत्रिक के वेश में कुछ ढोंगी भी देखने को मिलते हैं। वे दूसरे की अज्ञानता और सीधेपन का लाभ उठाकर पैसा कमाते हैं। ऐसे में यदि घर का कोई व्यक्ति बीमार हो जाए, तो उसे साधु या तांत्रिक के पास ले जाना उचित नहीं है। फिर भी लोग अंधविश्वास के कारण बीमार व्यक्ति को साधु महाराज के पास लेकर जाते हैं। साधु के पास कोई भी ऐसी अद्भुत शक्ति नहीं होती है। वह तो सिर्फ उसके पास आने वाले व्यक्ति

को आशीर्वाद दे सकता है और ईश्वर से उनके कष्ट हरने की प्रार्थना कर सकता है। इससे ज्यादा उसके हाथ में कुछ नहीं होता है। फिर भी लोग उस पर विश्वास रखते हैं। हमें समाज में चारों ओर फैले कुछ ढोंगी साधुओं से बचना चाहिए और बीमार व्यक्ति को डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए तथा डॉक्टर से उसका इलाज करवाना चाहिए।

(ई) गद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
परिणाम लिखिए।

i. सेठानी की तबीयत ठीक हो जाने पर …..
उत्तरः
सेठ का साधु पर गहरा विश्वास हो गया और वह रोज साधु के पास आने लगा।

प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. सात-आठ
ii. धन
उत्तर:
i. सेठानी की तबीयत कितने दिनों में ठीक हो गई?
ii. क्या बढ़ने से लोभ भी उतना ही बढ़ता है?

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प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार 9

कृति ई (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
i. साधु ने सेठ से कहा सच्चा सुख धन का त्याग करने में है अपना ध्यान भगवान के चरणों में लगा दो
उत्तरः
साधु ने सेठ से कहा, “सच्चा सुख धन का त्याग करने में है; अपना ध्यान भगवान के चरणों में लगा दो।”

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. भगवान
  2. विश्वास
  3. संसार
  4. लोभ

उत्तर:

  1. ईश्वर
  2. भरोसा
  3. जग
  4. लालच

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प्रश्न 3.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
i. सात-आठ
ii. धीरे-धीरे

प्रश्न 4.
नीचे दिए शब्द के लिए श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. सात
ii. समाधी
उत्तर:
i. साथ
ii. समधी

प्रश्न 5.
‘बीमारी’ इस शब्द में से प्रत्यय अलग कीजिए और संबंधित प्रत्यय लगाकर अन्य दो शब्द बनाइए।
उत्तरः
बीमारी : शब्द : बीमार प्रत्यय : ई अन्य शब्द : लोभी, संबंधी

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प्रश्न 6.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. योगसाधना द्वारा अंतर्ध्यान लगाकर बैठना –
उत्तरः
समाधी

कृति ई (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जीवन का सच्चा सुख धन का त्याग करने में है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
उपर्युक्त बिल्कुल शतप्रतिशत: सही है। जीवन का सच्चा सुख धन का त्याग करने में ही है। जिस व्यक्ति को धन का लोभ नहीं होता है; वह धन का कभी भी संचय नहीं करता है। जैसे-जैसे उसके पास धन आ जाता है; वैसे-वैसे वह धन दीन-दुखियों में बाँट देता है। दीन-दुखियों के चेहरे पर संतोष देखकर उसे अथाह खुशी मिलती है। ऐसा व्यक्ति सच्चे सुख का अनुभव करता है। जीवन में जो भी महान पुरुष हुए हैं, उन्होंने कभी भी धन का संचय नहीं किया था। आजीवन उन्होंने मानवता की भलाई हेतु ही कार्य किया। आखिर यह संसार एक माया है। धन का लोभ आदमी को आदमी नहीं रहने देता। जो व्यक्ति जितना धन का संचय करता है; उतना ही उसका लोभ बढ़ता जाता है।

(उ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
i. सेठ का संसार से मन फिर गया।
उत्तर:
क्योंकि साधु महाराज के उपदेश का उस पर सकारात्मक असर पड़ा।

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प्रश्न 3.
उचित जोड़ियाँ लगाइए।

‘अ’ ‘ब’
1. बैलगाड़ियों (क) कपट
2. सच्चा (ख) झुंड
3. साधु (ग) ज्ञान
4. झूठ (घ) उपदेश

उत्तरः

‘अ’ ‘ब’
1. बैलगाड़ियों (ख) झुंड
2. सच्चा (ग) ज्ञान
3. साधु (घ) उपदेश
4. झूठ (क) कपट

कृति उ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. प्रणाम
  2. कुटी
  3. असलियत
  4. मंदिर

उत्तर:

  1. नमस्कार
  2. झोपड़ी
  3. सच्चाई
  4. देवालय

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प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए शब्द के विलोम शब्द लिखिए।
i. शिष्य × ……….
ii. सच्चा × ……….
उत्तर:
i. गुरु
ii. झूठा

प्रश्न 4.
‘असलियत’ शब्द में प्रत्यय अलग कीजिए और संबंधित प्रत्यय लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
असलियत : प्रत्यय : इयत, अन्य शब्द: इनसानियत, हैवानियत

प्रश्न 5.
नीचे दिए गए तत्सम शब्दों के तद्भव रूप लिखिए।
i. सुवर्ण
ii. उष्ट्र
उत्तर:
i. सोना
ii. ऊँट

प्रश्न 6.
नीचे दिए गए शब्द का श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. चरण
उत्तर:
चारण

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कृति उ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हृदय परिवर्तन व्यक्ति को सत्मार्ग की ओर अग्रसित करता है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हृदय परिवर्तन एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे व्यक्ति का स्वभाव, उसकी बुराइयाँ आदि सब कुछ अच्छाई में परिवर्तित हो जाती हैं। हृदय परिवर्तन व्यक्ति के व्यक्तित्व को संपूर्णत: नया आयाम देता है। भगवान बौद्ध के उपदेश का अंगुलिमाल के हृदय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और उसका हृदय परिवर्तन हो गया। मोहनदास गांधी का भी हृदय परिवर्तन हुआ और वे महात्मा गांधी बने। दीन-दुखियों का दुख देखकर मदर टेरेसा का भी हदय परिवर्तन हुआ था।

जिस व्यक्ति का हृदय परिवर्तन हो जाता है वह व्यक्ति सत्मार्ग की ओर अग्रसित हो जाता है और फिर वह अपने जीवन में कभी भी बुराइयों को अपनाता नहीं। वह अपने जीवन में सत्संग कर दूसरों के जीवन में खुशहाली निर्माण करता है। जिसका हृदय परिवर्तन हो जाता है वह दूसरों की सेवा निःस्वार्थ भाव से करता है। हृदय परिवर्तन व्यक्ति के जीवन का सबसे बड़ा परिवर्तन होता है।

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(ऊ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऊ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. धन
ii. सेठ जी
उत्तर:
i. साधु के अनुसार मिट्टी क्या है?
ii. बहुरूपिये के अनुसार चतुर आदमी कौन है?

प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए।
i. बहुरूपिये ने सेठ जी से धन नहीं लिया –
उत्तर:
सेठ की आँखों में आँसू आ गए।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सही करके लिखिए।

ii. प्रसन्न भाव से बहुरूपिया सिर ऊँचा करके खड़ा था।
उत्तर:
अपराधी भाव से बहुरूपिया सिर झुकाए खड़ा था।

प्रश्न 4.
कारण लिखिए।
i. बहुरूपिये ने सेठ से अपना इनाम माँगा।
उत्तर:
क्योंकि उसने सेठ जैसे चतुर आदमी को धोखा दे दिया था और अपनी कला का सम्मान चाहता था।

कृति ऊ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. समझा-बुझाकर
ii. इधर-उधर

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प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. बड़ा × ………….
  2. स्वीकार × ……….
  3. इनाम × …………..
  4. चतुर × ……………

उत्तर:

  1. छोटा
  2. अस्वीकार
  3. हर्जाना
  4. मूर्ख

प्रश्न 3.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. कसूर
ii. इनाम
उत्तर :
i. गलती
ii. उपहार

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प्रश्न 4.
गोश में से ऐसे दो शब्द ढूँढकर लिखिए जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
उत्तर:
सिर, इनाम

प्रश्न 5.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. वस्तु पर से अपना स्वत्व हटा लेना –
उत्तर:
त्याग

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. माया
उत्तर:
माया, धन, देवी, लक्ष्मी

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(ए) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ए (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. अगर बहुरूपिया सेठ जी की संपत्ति लेकर भाग जाता …..
उत्तर:
अगर बहुरूपिया सेठ जी की संपत्ति लेकर भाग जाता तो उसके रूप में खोट आ सकती थी।

ii. बहुरूपिए ने रूप को सच्चा रखने के लिए
उत्तर:
बहुरूपिए ने रूप को सच्चा रखने के लिए संपत्ति का त्याग कर दिया था।

प्रश्न 2.
कारण लिखिए।
i. बहुरूपिया अब खुशी से इनाम ले सकता है।
उत्तर:
क्योंकि उसने अपने बहुरूपिये का काम पूरा कर लिया था।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।
i. सेठानी बहुरूपिये के आशीर्वाद से ठीक हो गई थी।
उत्तर:
सेठानी और सेठ का विश्वास और संयोग इनके मिलन से सेठानी ठीक हो गई थी।

ii. दुर्जन व्यक्ति की तरह बहुरूपिये ने साधु का रूप त्याग दिया था।
उत्तर:
सच्चे महत्मा की तरह बहुरूपिये ने साधु का रूप त्याग दिया था।

कृति ए (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
i. बहुरूपिये ने सेठ से कहा अब आप जो इनाम मुझे देंगे खुशी से ले लूँगा
उत्तर:
बहुरूपिये ने सेठ से कहा, “अब आप जो इनाम मुझे देंगे, खुशी से ले लूंगा।”

प्रश्न 2.
दिए गए गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
अशर्फी

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. नम
ii. संतुष्ट
उत्तर:
i. उपसर्गयुक्त शब्द: विनम्र, प्रत्यययुक्त शब्द: नम्रता
ii. उपसर्गयुक्त शब्द: असंतुष्ट, प्रत्यययुक्त शब्दः संतुष्टि

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. विश्वास ×
ii. नम्रता ×
उत्तर:
i. अविश्वास
ii. अशिष्टता

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. सोने का सिक्का –
उत्तर:
अशर्फी

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कृति ए (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें अपने व्यवसाय के प्रति ईमानदार होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘व्यवसाय’ का अर्थ है काम-धंधा एवं पेशा। व्यवसाय से व्यक्ति को रोजगार प्राप्त होता है। व्यवसाय एक नैतिक उत्तरदायित्व होता है। लाभ कमाने के ध्येय से व्यवसाय किया जाता है। व्यवसाय के कई प्रकार हैं। जैसे कि अध्यापन, डॉक्टरी, चित्रकारी आदि तरह-तरह के व्यवसाय हैं। व्यक्ति किसी भी व्यवसाय का चयन करें, पर उसे अपने व्यवसाय के प्रति ईमानदार होना चाहिए। उसे अपना काम निष्ठा एवं विश्वास से करना चाहिए। उसके मन में अपने व्यवसाय के प्रति अपनत्व की भावना होनी चाहिए तथा प्रतिकूल परिस्थिति में भी वह अपने व्यवसाय की नैतिकता में सतर्क रहे। जो व्यक्ति अपने व्यवसाय के प्रति ईमानदार होता है; वह राष्ट्रीय विकास हेतु अपना योगदान देने में सक्षम होता है। व्यवसाय के प्रति ईमानदार रहने से व्यक्ति का व्यवसाय समाज में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त कर लेता है। अत: हमें व्यवसाय के प्रति ईमानदार होना चाहिए।

कलाकार Summary in Hindi

लेखक – परिचय :

जीवन-परिचय : राजेंद्र यादव जी का जन्म सन 1929 में उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में हुआ। आप साठोत्तरी पीढ़ी के जाने-माने उपन्यासकार एवं साहित्यकार हैं। राजेंद्रजी हिंदी के सर्वाधिक लोकप्रिय संपादक भी थे। इन्होंने ‘नई कहानी’ के नाम से हिंदी साहित्य में एक नई विधा का सूत्रपात भी किया था। इन्होंने ‘हम’ पत्रिका का पुनः प्रकाशन किया और यह कार्य अपने जीवन के अंतिम समय तक यानी पूरे 27 वर्ष तक जारी रखा। हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा आपको समग्र लेखन के लिए ‘सर्वोच्च शलाका सम्मान’ प्रदान किया गया।
प्रमुख कृतियाँ : ‘जहाँ लक्ष्मी कैद है. ‘छोटे-छोटे ताजमहल’, ‘किनारे से किनारे तक (कहानी संग्रह), ‘सारा आकाश’, ‘शह और मात’। तथा ‘उखड़े हुए लोग’ (उपन्यास) आदि।

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गद्य-परिचय :

कहानी : कहानी साहित्य की एक महत्वपूर्ण विधा है। जीवन की किसी एक घटना के रोचक वर्णन को ‘कहानी’ कहते हैं। कहानी का उद्देश्य उपदेश देना और मनोरंजन करना माना जाता है। कहानी का लक्ष्य मानव जीवन की विभिन्न समस्याओं और ! संवेदनाओं को व्यक्त करना होता है।
प्रस्तावना : ‘कलाकार’ इस कहानी में लेखक राजेंद्र यादव जी ने बहुरूपिए के माध्यम से बताया है कि श्रेष्ठ कलाकार को अपनी कला के प्रति ईमानदार रहना चाहिए अर्थात व्यक्ति का कोई भी पेशा या व्यवसाय हो; उसे उसके प्रति ईमानदार होना चाहिए।

सारांश :

‘कलाकार’ एक कहानी है। यह कहानी हमें अपनी कला और व्यवसाय के प्रति ईमानदार रहने की प्रेरणा देती है। इस कहानी का नायक एक बहुरूपिया है। तरह-तरह के रूप धारण कर लोगों का मनोरंजन करना उसका पेशा है। वह अपनी कला में माहिर है। एक बार वह साधु के जैसा हू-ब-रूप धारण करके नगर के बाहर डेरा लगाकर बैठ जाता है। धीरे-धीरे लोग उसके बारे में जानने लगते हैं और उससे मिलने आने लगते हैं। चारों तरफ उसका नाम फैल जाता है। नगर में रहने वाले एक सेठ की पत्नी बीमार पड़ जाती है।

डॉक्टर एवं वैद्यों द्वारा इलाज करने पर भी वह ठीक नहीं होती है। आखिर सेठ अपनी पत्नी को लेकर साधु महाराज के पास आते हैं। संयोग वश सेठानी की तबीयत सुधरने लगता हा सात-आठ दिना म उसका तबीयत ठीक हो जाती है। अब सेठ पूरी निष्ठा से साधु महाराज का भक्त बन जाता है। साधु महाराज उसे मोह-माया को त्यागने के लिए कहते हैं। साधु के उपदेश का सेठ पर गहरा असर होता है और वह एक दिन अपनी सारी संपत्ति लेकर साधु के पास आता है। वह अपनी संपत्ति साध महाराज को दान करना चाहता है। लेकिन साधु उसे विनम्रता से ठुकरा देता है।

अब साधु को लगता है कि उसने अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन करके सेठ जैसे चतुर आदमी को धोखा दे दिया है। अत: वह साधु का वेश त्यागकर सेठ के पास अपना इनाम माँगता है और सेठ को सब कुछ सच बता देता है। उसकी बातों को सुनकर सेठ आश्चर्यचकित हो जाते हैं। वे बहुरूपिए से कहते है कि अगर वह चाहता; तो उनका सारा धन लेकर भाग सकता था। तब बहुरूपिया कहता है कि यदि वह ऐसा करता, तो उसके रूप में खोट आ सकती थी। रूप को सच्चा रखने के लिए उसने धन का त्याग कर दिया था। फिर भी सेठ जी की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि यह कैसा बहुरूपिया है। जो करोड़ों की संपत्ति छोड़कर अशर्फियों के इनाम के लिए इतना प्रसन्न और संतुष्ट है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 कलाकार

शब्दार्थ :

  1. बहुरूपिया – तरह-तरह के रूप धारण करने वाला
  2. जिक्र – चर्चा
  3. पेशा – व्यवसाय, उद्यम
  4. नगर – शहर
  5. इनाम – उपहार
  6. धोखा – फरेब
  7. भस्म – राख
  8. साधु – सज्जन
  9. उपदेश – सलाह
  10. समाचार – खबर
  11. अशर्फी – मूल्यवान धातु के सिक्के
  12. प्रणाम – नमस्कार
  13. कुटी – झोपड़ी
  14. असलियत – सच्चाई
  15. मंदिर – देवालय
  16. कमाल – सर्वोत्तम
  17. इनाम – उपहार
  18. धिक्कारना – झिड़कना
  19. शुभचिंतक – किसी कार्य/व्यक्ति के बारे में अच्छा सोचने वाला
  20. धूनी – साधुओं द्वारा बनाया गया अग्निकुंड

मुहावरे :

  1. डेरा लगाना – निवास के लिए जम जाना।
  2. आसमान से गिरना – आश्चर्यचकित होना।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 6 Aisa Bhi Hota Hai Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 6 ऐसा भी होता है Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 10 Hindi Chapter 6 Aisa Bhi Hota Hai Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 6 ऐसा भी होता है Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 6 ऐसा भी होता है Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 2

2. उचित शब्द लिखिए। 

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए।

  1. सहमकर काँपने वाली –
  2. घोंसला उजड़ने पर रोने वाला –
  3. सुख-दुख बाँटने वाला –
  4. वृद्धाश्रम से चिट्ठी भेजने वाली –

उत्तर :

  1. कच्ची दीवार
  2. पखेरू या पंछी
  3. डाकिया
  4. बूढी माँ

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3. किरण शब्द की विशेषताएँ : 

प्रश्न 1.
किरण शब्द की विशेषताएँ :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 4

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
आकृति में दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 6.1

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
‘मेरा प्रिय त्योहार’ विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तरः
मेरा प्रिय त्योहार हमारा भारत देश त्योहारों का देश है। भारत में दीपावली, होली, नवरात्रि, गणेशचतुर्थी आदि तरह-तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्योहार की अपनी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विशेषता होती है। इस प्रकार प्रत्येक त्योहार का अपना महत्त्व होता है। सभी को त्योहार अच्छे लगते हैं। मैं भी इसका अपवाद नहीं हूँ। मेरा प्रिय त्योहार दीपावली है। इसे दीवाली भी कहते हैं। दीपावली दीपों का त्योहार है।

यह त्योहार पाँच दिनों तक मनाया जाता है। धन त्रयोदशी, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज ये पाँच पर्व पाँच दिन मनाए जाते है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग दीपों से जममगाने लगती है। यह दृश्य बहुत ही मनोरम व अद्भुत होता है। इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस पधारे थे। इसी कारण लोगों ने खुश होकर अपने घरों के द्वार पर भगवान के स्वागत हेतु दीप जलाए थे।

तब से यह शुभ दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीपावली की शाम को लोग देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। इस दिन लोग अपने परिवार वालों के पास जाकर उनसे मिलते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं, एकदूसरे को मिठाइयाँ बाँटते हैं। यह त्योहार शांति, भाईचारा व एकता का संदेश देता है। हमें एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहना और एक-दूसरे के जीवन में खुशियाँ निर्माण करने का संदेश दीपावली से मिलता है। इसलिए हर्षित होकर मैं कहता हूँ –

“त्योहार है दीपावली का
सुख-समृद्धि और खुशहाली का।
बुराई के राक्षस को मन से भगाएँ
हृदय में शांति का दीपक जलाएँ।”

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए।
i. थकी हारी
उत्तर :
i. सूरज की किरण

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. कच्ची दीवार सहमी क्योंकि –
उत्तरः
मेघ गरजने लगे।

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ii. किरण ने धरती की गोद का सहारा लिया क्योंकि –
उत्तर:
सुबह से शाम तक प्रकाश देने की कार्य करने के बाद शाम को वह थक गई।

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. बादल
  2. सूर्य
  3. पवित्र
  4. धरती

उत्तर :

  1. मेघ
  2. रवि
  3. निर्मल
  4. धरा

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. कच्ची × …….
ii. निर्मल × …….
उत्तर:
i. पक्की
i. मलिन

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. गोद
उत्तर:
i. पहलू, आँचल

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के वचन बदलिए।
i. दीवार
ii. किरण
उत्तर:
i. दीवारें
ii. किरणें

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. काँपी
उत्तर:
i. कॉपी

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उनकी प्रगति हेतु आप क्या कर सकते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उनकी प्रगति हेतु हम विशिष्ट अभियान चला सकते हैं। उस अभियान के अंतर्गत हम दुर्बल घटकों में जागरूकता निर्माण करने का प्रयास करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक होती है। अत: ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने हेतु हम अभियान चलाएंगे; ताकि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने हेतु ठोस कदम उठाए। आज हमारे समाज में वंचित वर्गों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। अत: उन्हें शिक्षा मिले इसके लिए हम प्रशासन का ध्यान उनकी ओर आकर्षित करने हेतु अभियान चलाएँगे। समाज में सामाजिक न्याय प्रस्थापित हो इसलिए व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर हम आपसी प्रेम, भाईचारा, मानवता आदि नौतियों का पालन करेंगे।

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(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
i. खुली आँखों ने जीवन भर देखे –
(अ) खुले सपने
(आ) बंद सपने
(इ) मनचाहे सपने
उत्तर:
(आ) बंद सपने

ii.बच्चों की जीवनरूपी पतंग माँ-बाप ने थाम ली इसलिए –
(अ) उन्होंने आसमान को छू लिया।
(आ) उन्होंने स्वर्ग को छू लिया।
(इ) उन्होंने अंतरिक्ष को छू लिया।
उत्तर:
(अ) उन्होंने आसमान को छू लिया।

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. वृक्षों के कटने का परिणाम –
उत्तर:
पंछियों का आशियाना उजड़ गया और वे रोने लगे।

प्रश्न 3.
उचित जोड़ियाँ लगाइए।

‘अ’ ‘ब’
1. तन (क) बंद
2. कद (ख) माटी
3. आशियाना (ग) काठी
4. सपने (घ) उजड़ा

उत्तर:

‘अ’ ‘ब’
1. तन (ख) माटी
2. कद (ग) काठी
3. आशियाना (घ) उजड़ा
4. सपने (क) बंद

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 5.
उचित शब्द लिखिए।
i. स्वयं पर गुमान करने वाला –
उत्तर:
i. इंसान

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कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. पतंग
  2. जीवन
  3. गुमान

उत्तर:

  1. फतिका, सूर्य
  2. पानी, जिंदगी
  3. अभिमान, अनुमान

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम शब्द लिखिए।
i. माटी
ii. सपना
उत्तर:
i. मृदा
ii. स्वप्न

प्रश्न 3.
उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।
i. जीवन
उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द – आजीवन, प्रत्यय
युक्त शब्द – जीवनभर

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प्रश्न 4.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. पखेरू
  2. तन
  3. आशियाना
  4. डोर

उत्तर:

  1. पक्षी
  2. शरीर
  3. घोंसला
  4. रस्सी

कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
वक्षों के कटने के दुष्परिणाम अपने शब्दों बताइए।
उत्तरः
आजकल शहरों को बसाने के लिए बड़े स्तर पर वृक्षों की कटाई हो रही है। इसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। अंधाधुंध पेड़ काटे जाने के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है तथा हवा प्रदूषित होती जा रही है। शहरों में वायु-प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा बढ़ गई है। लोगों को अस्थमा जैसी साँस लेने की समस्या, हृदय रोग आदि हो रहे हैं। पेड़ों की कटाई करने के कारण वन्यजीवों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। कई प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं और कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं।

पेड़ों की कटाई का प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव पड़ रहा है। जिस कारण ग्लोबल वार्मिग जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। तापमान में वृद्धि हो रही है। पेड़ों की कटाई की वजह से भूमि का क्षरण हो रहा है। इंसान हरी-भरी जिंदगी से वंचित हो गया है। उसका जीवन परेशानी से भर रहा है।

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(इ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए –
i. ठसा-सा रहने वाला –
ii. आसमान में उड़ने वाला –
उत्तर:
i.तरू
ii. पखेरू

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए –
उत्तर:
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. वृद्धाश्रम
ii. संस्कारों
उत्तर:
i. मैया कहाँ रहती है?
ii. तिजोरी किससे भरी थी?

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कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
पद्यांश में से देशज शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
i. देशज शब्द : मैया, पखेरू, चिट्ठी
ii. तत्सम शब्द : तरू, वृद्ध

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम रूप लिखिए।
i. दुख
उत्तर:
i. दुःख

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. चिट्ठी
i. झोला
उत्तर:
i. खत
ii. थैला

प्रश्न 4.
पद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ी ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
i. सुख × दुख

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कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बढ़ती संस्कारहीनता’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होती है। परिवार में बच्चों को अच्छे संस्कार में डालकर सभ्य मनुष्य बनाया जाता है और इसी से सभ्य समाज का निर्माण होता है; परंतु संस्काररहित व्यक्तियों के कारण समाज में कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। संस्कारहीनता के प्रभाव से परिवार भी एक-दूसरे से अलग हो रहे है। एकाकी परिवार में बच्चे अपना समय कंप्यूटर या टी. वी. के साथ बिताते हैं।

टेलीविजन व वीडियो गेम ने पाश्चात्य संस्कृति को जन्म दिया है; जो सिर्फ उपभोक्तावाद को बढ़ावा दे रही है। इस कारण आज की पीढ़ी का जीवन मूल्यहीन हो गया है। आज की पीढ़ी धीरे-धीरे स्वार्थ के दलदल में फंसती जा रही है। कुछ लोग बुड़े माता-पिता को बोझ मानकर उन्हें वृद्धाश्रम भेज देते हैं। उन्हें उपेक्षित किया जाता हैं। आज व्यक्तिगत और सामाजिक सरोकार अलग-अलग हो गए है। समाज में चोरी, डकैती, लूटमार, दंगे-फसाद आदि कुरीतियों का बोलबाला है। संस्कारहीनता के कारण समाज की दुर्गति होती जा रही है। समाज में अनुशासनहीनता व अराजकता बढ़ रही है।’

ऐसा भी होता है Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अभिषेक जैन जी आधुनिक साहित्यकार के रूप में हिंदी जगत में प्रसिद्ध हैं। कविता, कहानी, निबंध आदि विधाओं में इन्होंने लेखन किया है। जीवन के अनुभवों पर आधारित इनकी विविध रचनाएँ हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने हाइकु काव्य विधा में भी लेखन किया है। इनकी हाइकु रचनाएँ जीवन के समृद्ध अनुभवों का भंडार है।
प्रमुख कृतियाँ : अभिषेक जैन जी ने कविता, कहानी, निबंध आदि विविध विधाओं में लेखन किया है। अनुभवों पर आधारित इनकी रचनाएँ विविध पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती हैं।

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पद्य-परिचय :

हाइकु काव्य : हाइकु एक जापानी काव्य विधा है। हाइकु यानी तीन पंक्तियों की कविता। यह विश्व की एक सबसे लघु कविता कही जाती है। हाइकु कविता 5 + 7 + 5 = 17 वर्ण के ढाँचे में लिखी जाती है। यह कविता आज भारत में सिर्फ हिंदी में ही नहीं, बल्कि मराठी, गुजराती, बंगाली, मलयालम आदि भाषाओं में भी लिखी जाती है।
प्रस्तावना : ‘ऐस भी होता है’ इस हाइकु में कवि अभिषेक जैन जी ने समाज में सबल घटकों द्वारा दुर्बलों पर होने वाले अत्याचार, गरीबी, थकान, वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम, अनावश्यक अहं, वृद्धाश्रम के दर्द, संस्कारहीनता आदि विविध विषयों पर प्रकाश डाला है।

सारांश :

‘ऐसा भी होता है’ यह हाइकु काव्य है। कवि ने इस हाइकु के द्वारा विविध विषयों को अभिव्यक्त करने की कोशिश की है। समाज के सबल वर्ग दुर्बलों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता रहता है। इसके बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता।

ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखी लोगों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर विश्राम करती है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; फिर भी उसके सपने पूर्ण नहीं होते। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोसला उजड़ जाता है। उनके आशियाने उजड़ने पर पक्षी रोने लगते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं। व्यक्ति को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए।

संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग से बसेरा बना लेते हैं। डाकिए की तरह सभी को जीवन में आने वाली सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए। अनेक तिरस्कारों के बावजूद माँ की ममता अपने बच्चों के लिए कम नहीं होती। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

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भावार्थ :

गरजे मेघ ………………………………………. कच्ची दीवार।
प्रस्तुत हाइकु में कवि ने बताया है कि आसमान में मेघों के गरजने पर एक कच्ची दीवार सहमकर काँपने लगी; वह बहुत डर गई। यहाँ गरजने वाले मेघ समाज के सबल वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और कच्ची दीवार समाज के दुर्बल वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अर्थ यह है कि समाज के सबल वर्ग दुर्बल वर्गों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं।

रवि चढ़ाए ………………………………………. धरा को अर्ध्व !
प्रस्तुत हाइकु में रवि यानी सूरज एक सज्जन व्यक्ति का प्रतीक है। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता है। बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता। उसका कार्य निःस्वार्थ एवं मानवता के लिए होता है। ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। इसके बदले में वे किसी भी प्रकार की चाह नहीं रखते हैं।

आ के पसरी ………………………………………. धरा की गोद।
प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर । विश्राम करती है। प्रकृति का यही नियम है। जो श्रम करता है; वह दिन ढलने के उपरांत थक जाता है। व्यक्ति दिनभर मेहनत करता है और फिर शाम होते ही वह थककर अपने घर आकर आराम करने लगता है।

खुली आँखो ने ………………………………………. बंद सपने।
प्रस्तुत हाइकु द्वारा समाज में व्याप्त गरीबों की स्थिति का चित्रण किया गया है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं । होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; परंतु उसके सपने कभी भी पूर्ण नहीं होते।

कटते तरु ………………………………………. रोए पखेरू।
प्रस्तुत हाइकु में वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोंसला उजड़ जाता है। वे । बेघर हो जाते हैं; जिस कारण वे दुखी होकर रोने लगते हैं।

बच्चे पतंग ………………………………………. छ्ते गगन।
बच्चों के जीवनरूपी पतंग की डोर माँ-बाप के हाथ में होती है। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर उनका जीवन संवारने की कोशिश करते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं यानी जीवन में ऊँचा उठकर सफलता की मंजिल हासिल करते हैं।

तन माटी का ………………………………………. कद काठी का।
प्रस्तुत हाइकु में कवि अनावश्यक अहं पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। व्यक्ति का शरीर मिट्टी से बना है; जो एक दिन नष्ट होने वाला है। फिर भी व्यक्ति को अपनी इस छोटी-सी जिंदगी पर बहुत बड़ा अभिमान होता है। मनुष्य को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। उसे अनावश्यक अहं नहीं करना चाहिए।

उड़ा पखेरू ………………………………………. ठगा-सा तम्।
प्रस्तुत हाइकु मनुष्य की कृतघ्नता पर करारा व्यंग्य करती है। पक्षी का बच्चा जब तक छोटा होता है यानी उसके पंखों में जब तक उड़ने की शक्ति नहीं आती है, तब तक वह वृक्ष पर ही रहता है। लेकिन जब उसके पंखों में उड़ने की शक्ति आ जाती है; तब वह उस वृक्ष को छोड़कर अनंत आकाश में विचरण करने के लिए उड़ जाता है। उसे जाते देखकर पेड़ विस्मित, सा रह जाता है। उसी प्रकार संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग बसेरा बना लेते हैं। इससे माता-पिता किंकर्तव्यविमूढ हो जाते हैं।

हाकिया चला ………………………………………. भर के झोला।
प्रस्तुत हायक में लोगों के आने वाले खत बाँटने वाला डाकिया के बारे में है। कुछ पत्रों से खशी झलकती है तो कछ पत्र दुखद गहराई का अहसास दिलाते हैं। फिर भी किसी की भी भावना से सरोकार न रखते हुए डाकिया अपनी झोली भरकर पत्र बाँटने का काम करता रहता है। डाकिए की तरह हमें भी जीवन में आने वाले सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए।

मैया की आई ………………………………………. कैसे हो बेटा।
माता-पिता अपनी संतान पर अपना सर्वस्व लुटाकर उसका लालन-पोषण करके उसे कामयाब इंसान बनाते हैं। वही संतान बाद में अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेज देते हैं। फिर भी उसकी इस निर्दयता को माँ भूल जाती है और वह उसे वृद्धाश्रम से खत लिखकर उसका हाल जानना चाहती है। माँ आखिर माँ ही होती है। वह अपने बेटे द्वारा किए गए अत्याचारों को भूलकर मन ही मन में याद करती रहती है।

हो गई चोरी ………………………………………. लुट गया मैं।
प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि आज हमारे समाज में संस्कारों का अभाव है। समाज से जीवन-मूल्यों का पतन हो रहा है। संस्काररूपी तिजोरी का समाज से हनन हो गया है। आज समाज में संस्कारों का धीरे-धीरे लोप होता आ रहा है। इस कारण समाज में समस्याएँ उभरकर सामने आ रही हैं। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है

शब्दार्थ :

  1. डाकिया – चिट्ठी बाँटनेवाला
  2. तरू – वृक्ष, पेड़
  3. पखेरू – पंछी, पक्षी
  4. गुमान – अभिमान, गर्व, घमंड
  5. कद – काठी, शरीर की बनावट
  6. रवि – सूर्य
  7. निर्मल – पवित्र
  8. धरा – धरती
  9. तन – शरीर
  10. आशियाना – घोंसला
  11. डोर – रस्सी
  12. चिट्ठी – खत
  13. झोला – थैला

मुहावरे :

ठगा-सा रह जाना – किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना या विस्मित हो जाना।

ऐसा भी होता है Summary in Hindi

ऐसा भी होता है कवि-परिचय

जीवन-परिचय : अभिषेक जैन जी आधुनिक साहित्यकार के रूप में हिंदी जगत में प्रसिद्ध हैं। कविता, कहानी, निबंध आदि विधाओं में इन्होंने लेखन किया है। जीवन के अनुभवों पर आधारित इनकी विविध रचनाएँ हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने हाइकु काव्य विधा में भी लेखन किया है। इनकी हाइकु रचनाएँ जीवन के समृद्ध अनुभवों का भंडार है।

प्रमुख कृतियाँ : अभिषेक जैन जी ने कविता, कहानी, निबंध आदि विविध विधाओं में लेखन किया है। अनुभवों पर आधारित इनकी रचनाएँ विविध पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती हैं।

ऐसा भी होता है पद्य-परिचय

हाइकु काव्य : हाइकु एक जापानी काव्य विधा है। हाइकु यानी तीन पंक्तियों की कविता। यह विश्व की एक सबसे लघु कविता कही जाती है। हाइकु कविता ५ + ७ + ५ = १७ वर्ण के ढाँचे में लिखी जाती है। यह कविता आज भारत में सिर्फ हिंदी में ही नहीं, बल्कि मराठी, गुजराती, बंगाली, मलयालम आदि भाषाओं में भी लिखी जाती है।

प्रस्तावना : ‘ऐस भी होता है’ इस हाइकु में कवि अभिषेक जैन जी ने समाज में सबल घटकों द्वारा दुर्बलों पर होने वाले अत्याचार, गरीबी, थकान, वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम, अनावश्यक अहं, वृद्धाश्रम के दर्द, संस्कारहीनता आदि विविध विषयों पर प्रकाश डाला है।

ऐसा भी होता है सारांश

‘ऐसा भी होता है’ यह हाइकु काव्य है। कवि ने इस हाइकु के द्वारा विविध विषयों को अभिव्यक्त करने की कोशिश की है। समाज के सबल वर्ग दुर्बलों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता रहता है। इसके बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता।

ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखी लोगों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर विश्राम करती है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; फिर भी उसके सपने पूर्ण नहीं होते। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोसला उजड़ जाता है।

उनके आशियाने उजड़ने पर पक्षी रोने लगते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं। व्यक्ति को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग से बसेरा बना लेते हैं।

डाकिए की तरह सभी को जीवन में आने वाली सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए। अनेक तिरस्कारों के बावजूद माँ की ममता अपने बच्चों के लिए कम नहीं होती। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

ऐसा भी होता है शब्दार्थ

  • डाकिया – चिट्ठी बाँटनेवाला
  • तरू – वृक्ष, पेड़
  • पखेरू – पंछी, पक्षी
  • गुमान – अभिमान, गर्व, घमंड
  • कद – काठी, शरीर की बनावट
  • निर्मल – पवित्र
  • धरा – धरती
  • तन – शरीर
  • आशियाना – घोंसला
  • डोर – रस्सी
  • चिट्ठी – खत
  • झोला – थैला

ऐसा भी होता है मुहावरे

  • ठगा-सा रह जाना – किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना या विस्मित हो जाना।

ऐसा भी होता है भावार्थ

गरजे मेघ ……………………. कच्ची दीवार।

प्रस्तुत हाइकु में कवि ने बताया है कि आसमान में मेघों के गरजने पर एक कच्ची दीवार सहमकर काँपने लगीं; वह बहुत डर गई। यहाँ । गरजने वाले मेघ समाज के सबल वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और कच्ची दीवार समाज के दुर्बल वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अर्थ यह है कि समाज के सबल वर्ग दुर्बल वर्गों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं।

रवि चढ़ाए ……………………. धरा को अर्य।

प्रस्तुत हाइकु में रवि यानी सूरज एक सज्जन व्यक्ति का प्रतीक है। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता है। बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता। उसका कार्य निःस्वार्थ एवं मानवता के लिए होता है। ठीक उसी प्रकार सज्जन। व्यक्ति दीन-दुखियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। इसके बदले में वे किसी भी प्रकार की चाह नहीं रखते हैं।

आ के पसरी ……………………. धरा की गोद।

प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर। विश्राम करती है। प्रकृति का यही नियम है। जो श्रम करता है; वह दिन ढलने के उपरांत थक जाता है। व्यक्ति दिनभर मेहनत करता है और फिर शाम होते ही वह थककर अपने घर आकर आराम करने लगता है।

खुली आँखो ने ……………………. बंद सपने।

प्रस्तुत हाइकु द्वारा समाज में व्याप्त गरीबों की स्थिति का चित्रण किया गया है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं। होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; परंतु उसके सपने कभी भी पूर्ण नहीं होते।

कटते तरु ……………………. रोए पखेरू।

प्रस्तुत हाइकु में वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोंसला उजड़ जाता है। वे बेघर हो जाते हैं; जिस कारण वे दुखी होकर रोने लगते हैं।

बच्चे पतंग ……………………. छूते गगन।

बच्चों के जीवनरूपी पतंग की डोर माँ-बाप के हाथ में होती है। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर उनका जीवन सँवारने की कोशिश करते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं यानी जीवन में ऊँचा उठकर सफलता की मंजिल हासिल करते हैं।

तन माटी का ……………………. कद काठी का।

प्रस्तुत हाइकु में कवि अनावश्यक अहं पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। व्यक्ति का शरीर मिट्टी से बना है; जो एक दिन नष्ट होने । वाला है। फिर भी व्यक्ति को अपनी इस छोटी-सी जिंदगी पर बहुत बड़ा अभिमान होता है। मनुष्य को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। उसे अनावश्यक अहं नहीं करना चाहिए।

उड़ा पखेरू ……………………. ठगा – सा तरू

प्रस्तुत हाइकु मनुष्य की कृतघ्नता पर करारा व्यंग्य करती है। पक्षी का बच्चा जब तक छोटा होता है यानी उसके पंखों में जब तक उड़ने की शक्ति नहीं आती है, तब तक वह वृक्ष पर ही रहता है। लेकिन जब उसके पंखों में उड़ने की शक्ति आ जाती है; तब वह उस वृक्ष को छोड़कर अनंत आकाश में विचरण करने के लिए उड़ जाता है। उसे जाते देखकर पेड़ विस्मित, सा रह जाता है। उसी प्रकार संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग बसेरा बना लेते हैं। इससे माता-पिता किंकर्तव्यविमूढ हो जाते हैं।

डाकिया चला ……………………. भर के झोला।

प्रस्तुत हायकु में लोगों के आने वाले खत बाँटने वाला डाकिया के बारे में है। कुछ पत्रों से खुशी झलकती है तो कुछ पत्र दुखद गहराई । का अहसास दिलाते हैं। फिर भी किसी की भी भावना से सरोकार न रखते हुए डाकिया अपनी झोली भरकर पत्र बॉटने का काम करता रहता है। डाकिए की तरह हमें भी जीवन में आने वाले सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए।

मैया की आई ……………………. कैसे हो बेटा।

माता-पिता अपनी संतान पर अपना सर्वस्व लुटाकर उसका लालन-पोषण करके उसे कामयाब इंसान बनाते हैं; वही संतान बाद में अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेज देते हैं। फिर भी उसकी इस निर्दयता को माँ भूल जाती है और वह उसे वृद्धाश्रम से खत लिखकर उसका हाल जानना चाहती है। माँ आखिर माँ ही होती है। वह अपने बेटे द्वारा किए गए अत्याचारों को भूलकर मन ही मन में याद करती रहती है।

हो गई चोरी ……………………. लुट गया मैं।

प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि आज हमारे समाज में संस्कारों का अभाव है। समाज से जीवन-मूल्यों का पतन हो रहा है। संस्काररूपी तिजोरी का समाज से हनन हो गया है। आज समाज में संस्कारों का धीरे-धीरे लोप होता जा रहा है। इस कारण समाज में समस्याएँ उभरकर सामने आ रही हैं। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है; जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

Hindi Lokvani 10th Std Digest पहली इकाई

Class 10 Hindi Chapter 5 Char Hath Chandna Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 5 Char Hath Chandna Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 5 चार हाथ चाँदना Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 5 चार हाथ चाँदना Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 5 चार हाथ चाँदना Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. विधानों के सामने सही अथवा गलत लिखिए :

प्रश्न 1.
विधानों के सामने सही अथवा गलत लिखिए :

  1. शोभा सिंह ने ‘सत्यम्, शिवम्, सुंदरम्’ का क्रम बदला है। [ ]
  2. प्रश्नकर्ता के अनुसार हमारी धरती का यथार्थ बहुत भयानक नहीं है। [ ]
  3. कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में है। [ ]
  4. शोभा सिंह कलाकार का कर्म एक छोटी-सी जलती हुई मोमबत्ती नहीं समझते । [ ]

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य

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2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 2

3. उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

‘अ’ ‘ब’
1. चित्रकार (क) अमृता प्रीतम
2. लेखिका (ख) शोभा सिंह
3. जीनियस (ग) कलाकार
4. ईश्वर (घ) माँ

उत्तर:

‘अ’ ‘ब’
1. चित्रकार (ख) शोभा सिंह
2. लेखिका (क) अमृता प्रीतम
3. जीनियस (घ) माँ
4. ईश्वर (ग) कलाकार

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4. उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

  1. सुंदरता के लिए ………………….. सबसे पहली अवस्था है। (नजर, दृष्टि, नजरिया)
  2. हमारी धरती का ……………… बहुत भयानक है। (सत्य, यथार्थ, वास्तव)
  3. कलाकार की शक्ति उसके …………….. में है। (चिंतन, मनन, साधना)
  4. मैं रचनात्मक ……………. के संबंध में कह रहा हूँ। (युक्ति, कृति, शक्ति)

उत्तर:

  1. नजरिया
  2. यथार्थ
  3. चिंतन
  4. शक्ति

5. पाठ में प्रयुक्त ऐसे शब्द ढूँढकर लिखिए जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
जैसे : वृक्ष – वक्ष

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त ऐसे शब्द ढूँढकर लिखिए जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
जैसे : वृक्ष – वक्ष
उत्तर:

कलाकार रंग चित्रकार घर
दीमक गुलाब फूल दर्शक

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अभिव्यक्ति :

प्रश्न 1.
‘कला जीवन को आनंदित करने का साधन है।’ विषय पर अपना मत स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
कला के माध्यम से मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है। कला जीवन की अनुकृति है। कला जीवन को आनंदित करने का साधन है। कला में ऐसी शक्ति होती है जो कलाकार को संकीर्ण सीमाओं से उठाकर सफलता की मंजिल पर बिठा देता है। कला के कारण मानव मन में संवेदनाएँ एवं अभिरूचि निर्माण होती है। कला जीवन को सत्यम्, शिवम् और सुंदरम् से समन्वित करती है। कला उस क्षितिज की भाँति है जिसका कोई छोर नहीं है।

रसात्मकता कला का प्राण होता है। व्यक्ति को जो कला अच्छी लगती है, उसमें वह मग्न हो जाता है। अपनी मनपसंद कला के साथ एकाकार होने से उसका मन हर्ष से भर जाता है। मनपसंद कला उसके जीवन को प्रभावित करती है और उसे आनंद की अनुभूति दिलाती है। जो व्यक्ति अपने जीवन से निराश एवं उदास हो जाता है, वह यदि कला के सान्निध्य चला जाए तो उसके मन से उदासी की भावना सदा के लिए खत्म हो जाती है और वह चिर-आनंद का अनुभव करने लगता है।

भाषाबिंदु :

प्रश्न 1.
वर्तनी के नियमों के अनुसार शुद्ध शब्द छाँटकर लिखिए। |

  1. मुश्कील/मुशकील/मुश्किल/मुष्कील = …………….
  2. परसिद्ध/प्रसिद्ध/प्रसीध्द/प्रसिध्ध =…………….
  3. मिट्टी/मिट्यी/मिट्टी/मीट्ठी = …………….
  4. रूतूएँ/ऋतुएँ/ऋतूए/ऋतू = …………….

उत्तर:

  1. मुश्किल
  2. प्रसिद्ध
  3. मिट्टी
  4. ऋतुएँ

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उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
‘पुस्तक मेल में दो घंटे’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तरः
पुस्तक मेल में दो घंटे पुस्तकों का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वे एक मित्र के समान हमारी सहायक एवं मार्गदर्शक होती हैं। वे अपना ज्ञानरूपी अमृत कोष सदा हम पर न्योछावर करती रहती हैं। अतः पुस्तकों का वाचन सभी को करना चाहिए। पुस्तकों का भी अपना एक मेला होता है। पुस्तक मेले में तरह-तरह की पुस्तकें होती हैं। वहाँ पर लेखक एवं कवि आते हैं और स्वयं अपनी पुस्तकों के बारे में पाठकों को परिचित कराते हैं। मैं भी सरस्वती भवन द्वारा आयोजित पुस्तक मेले में गया था।

मेरे साथ मेरे मित्र भी थे। जैसे ही हमने पुस्तक मेले में प्रवेश किया वैसे ही पुस्तक मेले के प्रवेशद्वार पर एक व्यक्ति पुस्तक का मुखौटा पहनकर पुस्तकों के महत्त्व से हमें परिचित कराने लगा हमें बहुत ही अच्छा लगा। जैसे ही हम भीतर गए वैसे ही हमने चारों ओर नजर डाली।

तब हमने देखा कि चारों ओर पुस्तक खरीदने के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित हुई है। कई दुकानों पर लोगों का तांता लगा हुआ था। भारतीय भाषाओं के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ एवं महापुरूषों की जीवनी सर्वत्र विक्री हेतु उपलब्ध थी। अंग्रेजी किताबें भी थीं। हिंदी साहित्य की पुस्तकों के बारे में क्या कहना? प्रत्येक दुकान में पंत जी, निराला जी, बच्चन जी, गुप्त जी, सुभद्रा जी, महादेवी जी, अज्ञेय जी, मन्नू भंडारी जी, भारती जी आदि पुस्तक रूप में विराजमान थे।

इन श्रेष्ठ साहित्यकारों के अनुपम ग्रंथ देखकर मैं आनंदविभोर हो गया। इतने में मेरे एक मित्र ने तपाक से कहा, “अरे देखो, हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ वर्तमान साहित्यकार श्री. राम जी तिवारी बच्चों के साथ वार्तालाप कर रहे हैं।”

हम तुरंत उस स्थान पर पहुंच गए जहाँ पर श्री तिवारी जी बच्चों से तन्मयता और सहदयता से बात कर रहे थे। उनके विचार सुनकर हम सब गद्गद हो गए। उन्होंने ‘कितावें करती हैं बातें…’ इस कविता को हमारे सामने अभिव्यक्त करके पुस्तकों के वाचन हेतु जो संस्कार किया, उसका वर्णन करना मेरे लिए कठिन है।

पुस्तक मेले में घूमते-घूमते हमें कई ऐसी किताबों के बारे में पता चला, जिनके नाम भी हमने पहले कभी सुने नहीं थे। पुस्तक मेले में भ्रमण करते समय दो घंटे कब खत्म हुए, इसका पता भी नहीं चला। मनचाही पुस्तकें खरीद कर एवं प्राप्त ज्ञान को मस्तिष्क में संग्रहित कर हम खुशी-खुशी घर की ओर लौट पड़े।

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना Additional Important Questions and Answers

(अ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए। –
i. श्री शोभा सिंह प्रसिद्ध साहित्यकार हैं।
उत्तर:
i. असत्य

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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 5

प्रश्न 4.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
i. सुंदरता की …………………………. अवस्था सत्य है। (पहली, दूसरी, तीसरी)
उत्तर:
i. पहली

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. रूहानी
  2. तकनीकी
  3. अवस्था
  4. गहराई

उत्तर:

  1. आत्मिक
  2. प्रविधिक
  3. हालत
  4. गहनता

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए।
i. कल्पना
ii. लकीर
उत्तर:
i. कल्पनाएँ
ii. लकीरें

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. अवस्था
ii. कल्पना
उत्तर:
i. हालत, देहादि की कालकृत स्थिति जैसे बचपन, जवानी, बुढ़ापा, उम्र, स्थिति
ii. नई बात, सोचना, मन की उपज

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. सत्य
उत्तर:
i. सच

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प्रश्न 5.
गद्यांश में प्रयुक्त अन्य भाषाओं के शब्द ढूँडकर लिखिए।
उत्तर:
i. रूहानी
ii. कैनवस

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘रंगों का जीवन में बड़ा महत्व है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
रंगों का व्यक्ति के जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। रंग चेतन जीव पर गहराई तक असर डालते हैं। रंग व्यक्ति को सिर्फ खुशी ही नहीं देते बल्कि उसके शारीरिक एवं मानसिक विकारों को भी दूर भगाते हैं। रंग व्यक्ति के जीवन में दोहरी भूमिका निभाते हैं। उदाहरण के तौर पर रंग हमें उत्तेजित करते हैं और हमें शांत भी करते हैं। इसलिए जीवन में रंगों का ज्योतिषीय महत्त्व है। रंगों के बिना व्यक्ति का जीवन नीरस होता है।

इंद्रधनुष के सात रंगों को रंगों का रचयिता माना जाता है। हरा रंग संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। श्वेत रंग शांति का प्रतीक माना जाता है। पीला रंग प्रकाश का प्रतीक माना जाता है, तो गुलाबी रंग कोमलता व सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। नीला रंग एकता व ठंडक का प्रतीक माना जाता है। रंग हमारे विचारों को प्रभावित करते हैं। इसलिए हमारे जीवन में रंगों का विशेष महत्त्व है।

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(आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
i.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 6

ii.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 7

प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. परछत्ती
ii. तस्वीरें
उत्तर:
i. आँगन में क्या बनी हुई थी?
ii. बचपन में शोभा सिंह जी घर की दीवारें सजाने के लिए क्या बनाने लगे?

कृति आ (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
i. जन्म × ……………
ii. निचली × ……………
उत्तर:
i. मरण
ii. ऊपरी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. घास-फूस का बना छप्पर –
  2. कागज़, चमड़े आदि से मड़ी हुई दफ़्ती या पुस्तक की प्रति –
  3. लकड़ी और किताबों को खानेवाला कीट –

उत्तर:

  1. परछत्ती
  2. जिल्द
  3. दीमक

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प्रश्न 3.
नीचे लिखे शब्दों में से उपसर्ग छाँटिए और संबंधित उपसर्ग से दो अन्य शब्द बनाइए।
i. परछत्ती
उत्तर:
i. परछत्ती : उपसर्ग : पर अन्य शब्द : परदादा, परदादी

प्रश्न 4.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
i. धो-पोंछकर
ii. इर्द-गिर्द

(इ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
i. रचनात्मक
ii. चाँदना
उत्तर:
i. गद्यांश में किस शक्ति की बात हो रही है?
ii. जलती हुई मोमबत्ती धरती को क्या दे सकती है?

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. औरत सब कुछ छोड़कर एक नई और ऊपरी धरती पर चली जाती है।
ii. दो-दो, चार-चार हाथ चाँदना पूरी संस्कृति को प्रभावित कर सकता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. माँ-बाप
  2. भाई-बहन
  3. दो-दो, चार-चार
  4. ईद-गिर्द

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
i. शक्ति
ii. मोमबत्ती
उत्तर:
i. शक्तियाँ
ii. मोमबत्तियाँ

प्रश्न 3.
‘कलाकार’ इस शब्द में निहित प्रत्यय को पहचानकर संबंधित उपसर्ग लगाकर अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तरः
कलाकारः प्रत्यय : कार नए शब्द : शिल्पकार, चित्रकार

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प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. किसी लक्ष्य को पाने के लिए किया गया अभ्यास –
  2. रचना से संबंधित –
  3. सभ्य होने का भाव –

उत्तर :

  1. साधना
  2. रचनात्मक
  3. सभ्यता

कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कला अभिव्यक्ति का माध्यम है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
मन के अंत:करण की सुंदर प्रस्तुति कला होती है। कला में मानसिक व शारीरिक कौशलों का प्रयोग होता है। कला का अर्थ है – रचना करना। चित्रकला, संगीत, काव्य, नृत्य, स्थापत्यकला, रंगमंच आदि कला के विविध रूप हैं। कला के द्वारा मनुष्य अपने भावों की अभिव्यक्ति करता है। कला मानव, प्राणियों में अमृत भर देती हैं। फिर वह कला संगीत कला हो या चित्रकला। वह अभिव्यक्ति का कुशल साधन बनकर मनुष्य के हृदय पर सकारात्मक प्रभाव निर्माण करती है। कला के द्वारा मनुष्य अपनी संवेदनाएं व अभिरुचि को दिशा देने की अद्भुत क्षमता रखता है। कला मानवीय मन को सम्मोहित करती है।

कला की अभिव्यक्ति जितनी कुशल होती है। उतनी वह मानव मन पर अपनी छाप छोड़ने में सक्षम होती है। ताजमहल देखने के लिए प्रतिवर्ष लाखों लोग आते हैं। लोग चार मिनार की सैर करते हैं। ये सारी कला ही तो हैं जो अपने अभिव्यक्ति के सशक्त पहिए पर खड़ी हैं। अत: कहा जाता है : अभिव्यक्ति की कुशल शक्ति कला होती है। वह अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम होती है।

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(ई) गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।

  1. यहाँ पर चित्रित होकर पड़ा है धरती का यथार्थ –
  2. धरती के यथार्थ –
  3. ये लोप होती जा रही हैं –
  4. गद्यांश में इस अंग्रेजी कवि का नाम आया है –
  5. कवि ब्लेक का कथन –

उत्तर:

  1. जगह-जगह पर व सड़कों की पटरियों पर
  2. भयानक गरीबी और अंतहीन दुखों का इतिहास
  3. जिंदगी की खूबसूरती व जिंदगी की अच्छाई
  4. कवि विलियम ब्लेक
  5. सुंदर ईश्वर को एक गुलाब का फूल बनाने में पचास हजार बरस लगे थे।

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प्रश्न 2.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

  1. शोभा सिंह गुरुओं के चित्र बनाते हैं क्योंकि
  2. कला का तब तक कोई प्रभाव नहीं होता जब तक
  3. चित्रकार जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को चित्रित करना चाहता है क्योंकि

उत्तर:

  1. शोभा सिंह गुरुओं के चित्र बनाते हैं क्योंकि उनके ‘स्वयं’ महान थे।
  2. कला का तब तक कोई प्रभाव नहीं होता जब तक वह कला के लिए होती है।
  3. चित्रकार जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को चित्रित करना चाहता है क्योंकि वह दिनोंदिन लोप होती जा रही है।

कृति ई (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
i. शोभा सिंह ने कहा कलाकार का कर्म भी एक व्यक्तित्व बनना है तभी कला में उसका प्रभाव आ सकता है।
उत्तर:
शोभा सिंह ने कहा, “कलाकार का कर्म भी एक व्यक्तित्व बनना है, तभी कला में उसका प्रभाव आ सकता है।”

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. कलाकार
i. गुरु
उत्तर:
i. कलावती
ii. गुरुआइन

प्रश्न 3.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
i. खूबसूरती : प्रत्यय : ई
ii. अच्छाई : प्रत्यय : ई

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
i. कल्पना
ii. इतिहास
उत्तर:
i. कल्पना + इक = काल्पनिक
ii. इतिहास + इक = ऐतिहासिक

प्रश्न 5.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. यर्थाथ × ………………..
  2. खूबसूरत × ………………..
  3. फूल × ………………..
  4. महान × …………………

उत्तर:

  1. कल्पित
  2. बदसूरत
  3. काँटा
  4. साधारण

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कृति ई (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘क्या जिंदगी की खूबसूरती व अच्छाई सचमुच लोप होती जा रही है ?’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जिंदगी खूबसूरती व अच्छाई का नाम है। जिंदगी में जो कुछ प्राकृतिक है, वह सब ईश्वर निर्मित है। इंसान की जिंदगी में उसके कर्म बहुत ही मायने रखते हैं। वह जो कुछ करता है उसी के आधार पर उसकी जिंदगी भविष्य के रास्ते बनाती है। इंसान का अच्छा कर्म उसे अच्छाई की ओर ले जाता है। इंसान को जो यह अनमोल जीवन मिला है वह बहुत ही खूबसूरत है। इंसान का यह कर्तव्य है कि वह इस सुंदर जीवन को और खूबसूरत बनाए।

लता दीदी अपनी सुमधुर आवाज के लिए विश्व भर में पहचानी जाती हैं। सचिन क्रिकेट खेल जगत का भगवान बन गया है। अमिताभ बच्चन जी अपनी उत्कृष्ट अदाकारी के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं। अत: मुझे ऐसा बिल्कुल नहीं लगता कि आज जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई लोप होती जा रही है। अपनी जिंदगी को खूबसूरत एवं अच्छा रखना प्रत्येक मनुष्य के हाथ में ही है।

(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति छ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित विकल्प चुनकर रिक्त स्थानों पूर्ति किजिए।
i. क्या प्रसाद सिर्फ …….. होता है? (बूंदी, लड्डू, पेड़ा)
उत्तर:
i. बूंदी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना 8

कृति उ (3) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. अमौर
  2. प्रसाद
  3. दर्शक

उत्तर:

  1. रईस
  2. अनुग्रह
  3. देखनेवाला

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द के लिए अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. प्रसाद
उत्तर:
i. कृपा, भगवान को चढ़ाई गई वस्तु, अनुग्रह

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. कला का प्रदर्शन करने वाला –
उत्तरः
कलाकार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के श्रुतिसमभिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. दर्शक
ii. अमल
उत्तर:
i. दशक
ii. कमल

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कृति ङ (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कलाकार वह होता है जो अपनी अद्भुत कला से सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है और सभी के हृदय पर छाप छोड़ देता है। फिर वह कलाकार चित्रकार हो या कवि। कलाकार के पास अद्भुत शक्तियाँ होती हैं। नित्य साधना, चिंतन व मनन के जरिए कलाकार को कलात्मक शक्तियों की प्राप्ति होती है। भारत के महान गायक मोहम्मद रफी साहब के स्वरों में जो जादू था, वह उन्हें एक दिन में नहीं प्राप्त हुई। उसके लिए उन्होंने बचपन से रियाज़ करना शुरू कर दिया था।

दिन के दस-दस घंटे तक वे संगीत का अभ्यास करते थे। अपनी कड़ी तपस्या के कारण ही वे महान गायक बने थे। चिंतन के बिना कलाकार की प्रतिभा खिल नहीं सकती। चिंतन-रूपी तपस्या के बाद ही कलाकार की प्रतिभा पर दिव्य फल लगना शुरू होता है। कवि भी कविता लिखने के पहले चिंतन करता है। महर्षि वाल्मीकी की जीवनी से कौन परिचित नहीं है? उन्होंने भी ‘रामायण’ लिखने से पहले कड़ी साधना एवं चिंतन किया था। तब जाकर वे ‘रामायण’ जैसे महाकाव्य की रचना कर सकें। अत: कलाकार के लिए चितन करना बेहद जरूरी होता है।

चार हाथ चाँदना Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अमृता प्रीतम जी का जन्म सन 1919 में पंजाब के गुजरांवाला में हुआ। ये पंजाबी एवं हिंदी भाषा की प्रतिभाशाली साहित्यकार थीं। इन्होंने अपनी प्रतिभा से साहित्य के सभी विधाओं जैसे उपन्यास, कविता, कहानी, संस्मरण, आत्मकथा आदि को समृद्ध किया है। इन्हें ज्ञानपीठ, साहित्य अकादमी एवं पद्म विभूषण आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं को झझकोरने का प्रयास किया है।
प्रमुख कृतियाँ : “पिंजर’, ‘कोरे कागज’, ‘सागर और सीपियाँ’ (उपन्यास), ‘रसीदी टिकट’ (आत्मकथा), ‘कच्चा आँगन’, ‘एक थी सारा’ (संस्मरण), ‘हीरे दी कनी’, ‘इक शहर दी मौत’, ‘तीसरी औरत’ (कहानी संग्रह) आदि हिंदी में अनूदित।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना

गद्य-परिचय :

साक्षात्कार : दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच किसी विशेष उद्देश्य से प्रत्यक्ष बातचीत एवं विचारों का आदान-प्रदान साक्षात्कार कहलाता है। इसमें एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से प्रश्न पूछता है और दूसरा व्यक्ति प्रश्नों के उत्तर देता है।
प्रस्तावना : ‘चार हाथ चाँदना’ इस साक्षात्कार में लेखिका अमृता प्रीतम जी ने पंजाब के प्रसिद्ध चित्रकार श्री शोभा सिंह जी से उनके अनुभव एवं चित्रकला विषय से संबंधित प्रश्न पूछे हैं। श्री शोभा सिंह ने भी उनके प्रश्न के उत्तर विस्तारपूर्वक दिए हैं।

सारांश :

‘चार हाथ चाँदना’ यह साक्षात्कार है। पंजाब की सुप्रसिद्ध साहित्यकार अमृता प्रीतम जी ने चित्रकार श्री शोभा सिंह जी का साक्षात्कार लिया है। अमृता जी ने श्री शोभा सिंह से कलाकार के कर्म की व्याख्या, चित्रकला चुनने का कारण, माँ का महत्त्व, धरती का भयानक यथार्थ व कलाकार की चिंतन शक्ति आदि मुद्दों पर प्रश्न पूछे हैं। श्री शोभा सिंह ने भी सभी प्रश्नों के विस्तार के साथ उत्तर दिए हैं। उनके अनुसार ‘सत्यम्, शिवम्, सुंदरम्’ के क्रम में बदलाव की जरूरत है। वह ‘सुंदरम्, शिवम्, सत्यम्’ इस प्रकार होना चाहिए। शोभा जी को चित्रकारी का शौक बचपन से था। वे जब आठ साल के थे तब उन्होंने खयाली घर की दीवारें सजाने के लिए तस्वीरें बनाई थीं।

वे औरत को माँ के तौर पर महत्त्व देते हैं। वे कहते हैं कि माँ के पास रचनात्मक शक्ति होती है। उसके पास साधना, दैवी शक्ति, कला एवं ज्ञान का भंडार होता है। अत: वह ‘जीनियस’ होता है। उनके अनुसार सच्चे कलाकार का कर्म एक छोटी सी जलती हुई मोमबत्ती की भाँति होता है जो अपने आस-पास की धरती को प्रकाशित करता है। श्री शोभा सिंह धरती के यथार्थ को चित्रों में स्थान नहीं देना चाहते।

वे जिंदगी की खूबसूरती एवं अच्छाई को कागज पर चित्रित करते हैं क्योंकि वह दिनोंदिन लोप होती जा रही है। उनका मानना है कि कलाकार का कर्म एक व्यक्तित्व बनना है, तब कला में उसका प्रभाव आ सकता है। कलाकार की शक्ति उसके चिंतन में होती है और कलाकार दर्शक को एक अच्छी सोच व सूझ दे सकने का कार्य करता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 चार हाथ चाँदना

शब्दार्थ :

  1. चाँदना – प्रकाश
  2. परछत्ती – घास-फूस का बना छप्पर
  3. रूहानी – आत्मिक
  4. तकनीकी – प्राविधिक
  5. अवस्था – हालत
  6. गहराई – गहनता
  7. दर्शक – देखनेवाला
  8. यर्थाथ – सत्य
  9. अंतहीन – कभी न खत्म होनेवाला

मुहावरे :

भुलावा हो जाना – भ्रम हो जाना।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 6 Ati Sohat Shyam Ju Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 6 Ati Sohat Shyam Ju Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 6 अति सोहत स्याम जू Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 6 अति सोहत स्याम जू  Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 6 अति सोहत स्याम जू Textbook Questions and Answers

सुचना के अनुसर क्रुतिया कीजिए।

1. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 2

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 4

3. कवि यहाँ और यह बनकर रहना चाहते हैं –

प्रश्न 1.
कवि यहाँ और यह बनकर रहना चाहते हैं –
उत्तर:
(अ) गोकुल में ग्वाला बनकर रहना चाहते हैं।
(आ) गोकुल के बने में पशु बनकर चरना चाहते हैं।
(इ) गोकुल में स्थित गिरिधर पर्वत का पत्थर बनकर रहना चाहते हैं।
(ई) यमुना के किनारे पर स्थित किसी कंदब के पेड़ पर पक्षी बनकर रहना चाहते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

प्रश्न 4.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 6

प्रश्न 5.
पद्य में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. शोभा देता है
  2. ग्वाल-बालाएँ
  3. गोरस देने वाली
  4. शुक मुनि

उत्तरः

  1. सोहत
  2. अहीर की छोहरियाँ
  3. धेनु
  4. सुक

6. निम्न शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थ लिखिए:

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के भिन्न-भिन्न अर्थ लिखिए:
image 7

प्रश्न 2.
शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए:

  1. जिसके कोई खंड नहीं होते – …..
  2. छाछ रखने का छोटा पात्र – ………
  3. जिसका कोई अंत नहीं होता – ……
  4. जो सदैव चलता रहता है – ……….

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

7. कृदंत व तद्धित शब्दों के मूल शब्द पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
कृदंत व तद्धित शब्दों के मूल शब्द पहचानकर लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 8
उत्तरः
झगड़ालू, मुस्कान, सांस्कृतिक, रसीला,
खिलाड़ी, कहानी, जगमगाहट, सुखी।

कृदंत शब्द तद्धित शब्द
1. जगमगाना 1. रस
2. मुस्कुराना 2. झगड़ा
3. कहना 3. संस्कृति
4. खेलना 4. सुख

8. किसी एक पद का सरल अर्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
किसी एक पद का सरल अर्थ लिखिए।
सेस, गनेस ……………
…………… नाच नचावें।
उत्तरः
कवि रसखान कहते हैं कि कृष्ण तो प्रेमरूपी भक्ति के प्यासे हैं। शेषनाग, गणेश, शिव, सूर्य एवं इंद्र जिसके गुणों की हमेशा प्रशंसा करते हैं; जिन्हें अनादि, अनंत, अखंड, अछेद, अभेद और सुवेद बनाते हैं, ब्रह्म ऋषि नारद, शुकदेव व महाकवि व्यास जैसे तपस्वी जिनके नाम की निरंतर रट लगाते रहते हैं और प्रयत्न करने के बावजूद भी उनका पार नहीं पा सकें, ऐसे कृष्ण को अहीर कन्याएँ (ग्वालिने) कटोरे भर छाछ के लिए नाच नचाती हैं।

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

1. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कवि यहाँ और यह बनकर रहना चाहते हैं –
उत्तर:
(अ) गोकुल में ग्वाला बनकर रहना चाहते हैं।
(आ) गोकुल के बने में पशु बनकर चरना चाहते हैं।
(इ) गोकुल में स्थित गिरिधर पर्वत का पत्थर बनकर रहना चाहते हैं।
(ई) यमुना के किनारे पर स्थित किसी कंदब के पेड़ पर पक्षी बनकर रहना चाहते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 9

कृति अ (2): शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. मानुष
  2. कालिंदी
  3. गिरि
  4. धेनु
  5. पाहन

उत्तर:

  1. मानव
  2. यमुना
  3. पर्वत
  4. गाय
  5. पत्थर

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
1. बसेरा
2. डाल
उत्तर:
1. बसेरे
2. डालें

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

प्रश्न 3.
पद्यांश में प्रयुक्त तत्सम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

  1. धेनु
  2. गिरि
  3. खग
  4. नित

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
1. गाँव
2. गोकुल
उत्तर:
1. गाँववासी
2. गोकुलवासी

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अपने आराध्य की जन्मभूमि से सभी को लगाव होता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आराध्य वह होता है जिसकी हम आराधना करते हैं। आराध्य के बिना जीवन का अर्थ प्राप्त नहीं हो सकता। अतः प्रत्येक व्यक्ति के अपने-अपने आराध्य होते हैं। अपने आराध्य की जन्मभूमि से लगाव होना, स्वाभाविक है। प्रति वर्ष हजारों-लाखों लोग अयोध्या, मथुरा-ब्रज आदि देवस्थान और अपने आराध्य देव के देवस्थलों की यात्रा करते हैं।

अपने आराध्य की जन्मभूमि को भेंट देकर लोग इसमें अपनी धन्यता समझते हैं। वहाँ पर जाकर उन्हें दिव्य आनंद की अनुभूति होती है। साधकों को ऐसा लगता है मानो वे स्वर्ग में ही आ पहुँचे हैं। आराध्य की जन्मभूमि भक्तों के लिए तीर्थस्थल होती है। ऐसे तीर्थस्थलों पर जाकर भक्त मानसिक शांति का अनुभव करते हैं। अत: अपने आराध्य की जन्मभूमि सभी को प्रिय होती है।

(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 10

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 11

कृति (2): शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्न अर्थ लिखिए।
1. चोटी
2. निधि
उत्तर:
1. स्त्री के सिर के गूंथे हुए बाल, पर्वत शिखा
2. संपत्ति, आश्रयस्थान

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम रूप लिखिए।
काग
उत्तर:
काक

प्रश्न 3.
उचित प्रत्यय लगाकर नया शब्द लिखिए।
1. कला
2. सुंदर
उत्तर:
1. कलापूर्ण
2. सुंदरता

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. चोटी
2. कला
उत्तर:
1. चोटियाँ
2. कलाएँ

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1.धूरि
2. निधि
उत्तर:
1. धूल
2. संपत्ति

कृति आ (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बाल कृष्ण का मनोहारी वर्णन करते हुए कवि ने कृष्ण के प्रति अपनी भक्ति समर्पित कर दी है।’ कथन का स्पष्टीकरण कीजिए।
उत्तरः
कवि रसखान कृष्ण के असाधारण भक्त थे। उन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से अपनी भक्ति को कृष्ण के प्रति समर्पित कर दिया था। भगवान कृष्ण की लीलाओं से सभी परिचित है। उन्होंने गोकुल में जन्म लिया था और वे जन्म से ही अपने भक्तों का उद्धार करते रहे। अत: उनकी बालसुलभ क्रियाएँ एवं उनकी बचपन की लीलाओं का मनोहारी वर्णन कर सभी पाठकों को कृष्ण भक्ति में एकाकार करना कृष्ण प्रेमी कवियों का प्रमुख लक्ष्य रहा और साथ ही अपने इष्ट का वर्णन करते हुए उसके साथ एकाकार होना यह भी प्रमुख उद्देश्य रहा। कवि रसखान इससे अपवाद नहीं हैं। उन्होंने बड़ी ही तन्मयता से कृष्ण के बालरूप का मनोहारी वर्णन करके अपनी भक्ति को कृष्ण के चरणों में समर्पित कर दिया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 12

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
1. ग्वाले
2. कृष्ण
उत्तरः
1. कौन पुकार कर हँस रहे थे?
2. कवि की आँखों में किसकी छबि बस गई है?

3. कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
कवि रसखान की आँखें बौरा हो गई हैं।
उत्तरः
कृष्ण के आकर्षक एवं मनोहारी रूप को देखकर कवि रसखान की आँखें बौरा हो गई हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

कृति (2): शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।
1. वनमाला
2. मूर्ति
उत्तरः
1. वनमालाएँ
2. मूर्तियाँ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. पाग
  2. भाल
  3. हिय
  4. नैन

उत्तरः

  1. पगड़ी
  2. मस्तक
  3. हृदय
  4. आँखें

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
बाल कृष्ण की छबि देखकर अपने मन में आए विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तरः
बाल कृष्ण भगवान कृष्ण का बचपन का रूप था, जो मोहक एवं सभी को अपनी ओर आकर्षित करता था। मैंने कई बार बाल कृष्ण की छबि देखी है। इतना ही नहीं, मैंने दूरदर्शन पर कई धारावाहिक भी देखे हैं; जिसमें कृष्ण के बालरूप को बड़े ही मनोहारी एवं आकर्षक रूप में दर्शाया गया है। बाल कृष्ण के सुंदर व मुग्ध रूप को देखकर मैं आनंदविभोर हो गया हूँ। कोमल, श्यामल रंग, हाथ में बाँसुरी लिए हुए वे बहुत आकर्षक लगते है। उनकी छबि दिव्य और बड़ी ही मोहक है।

(ई) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू 13

कृति (2): शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1. अहीर
2. दिनेश
उत्तरः
1. ग्वाला
2. सूर्य

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

प्रश्न 2.
शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।
1. जिसके कोई खंड नहीं होते –
2. जिसका कोई अंत नहीं होता –
3.  छाछ रखने का छोटा पात्र –
4.  जो सदैव चलता रहता है –
उत्तरः
1. अखंड
2. अनंत
3. छछिया
4. निरंतर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाइए।
खंड:
उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द : अखंड
प्रत्यययुक्त शब्द : अखंडता

प्रश्न 4.
पद्यांश में से उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः

  1. अनंत
  2. अभेद
  3. अखंड
  4. अनादि

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के भिन्न अर्थ लिखिए।
व्यास
उत्तरः
महर्षि व्यास, कथावाचक, ज्यामिति

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘ईश्वर सच्चे और निष्कपट भक्ति का प्यासा होता है।’ कथन विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ईश्वर सच्चे प्रेम का भूखा होता है। वह सच्चे मन से की गई भक्ति पर प्रसन्न होता है और अपने भक्तों को स्वयं के दर्शन कराता है। उसे पाने के लिए हमें दिन-रात उसके नाम का जप करने की जरूरत नहीं होती। उसका दिन-रात भजन करना भी आवश्यक नहीं होता। उसे तो सच्चा भक्त कभी भी सच्चे हृदय से पुकार सकता है।

जब अंतर्मन से निकलने वाली पुकार में सच्चे मन की भक्ति की एकाग्रता हो, तो वह स्वयं अपने भक्तों की पुकार पर सहायता के लिए आ जाता है। गोकुल में रहने वाली ग्वालिने कृष्ण से सच्चे हृदय से प्रेम करती थीं। अत: वे उनके साथ नाचते-गाते थे और उनसे माखन पाने के लिए हठ करते थे। संत कबीर ने भी अपनी रचनाओं के द्वारा यही समझाया है कि ईश्वर को पाने के लिए हमें धार्मिक आडंबरों की जरूरत नहीं होती। उसे तो सच्चे हृदय से प्राप्त किया जा सकता है।

अति सोहत स्याम जू Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: रसखान जी का जन्म सन १५९० में उत्तर प्रदेश के पिहानी, मथुरा में हुआ। इनका मूलनाम सैयद इब्राहिम था। ये भगवान श्रीकृष्ण के अनन्यसाधारण भक्त थे। हिंदी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में इनका प्रमुख स्थान है। इनकी अधिकांश रचनाएँ भगवान कृष्ण के लिए समर्पित हैं। इनकी रचनाओं में भक्ति एवं श्रृंगार रस की प्रधानता है। इन्होंने श्रीकृष्ण के सगुण रूप को बड़े ही मनोहारी ढंग से अभिव्यक्त किया है।

प्रमुख कृतियाँ: ‘प्रेमवाटिका’ (दोहे), ‘सुजान रसखान’ (कवित्त, सवैया) आदि।

पद्य-परिचय:

सवैया: सवैया मात्रिक छंद का एक प्रकार है। इसमें चार चरण होते हैं । प्रत्येक चरण में २२ से २६ वर्ण होते हैं। रीतिकाल में ।
विभिन्न प्रकार के सवैया प्रचलित रहे हैं।

प्रस्तावना: ‘अति सोहत स्याम जू’ इस रचना में कवि रसखान ने श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के प्रति लगाव, बालकृष्ण का मनोहारी वर्णन ।
एवं उसे पाने के लिए हृदय में सच्ची भक्ति की आवश्यकता जैसे बिंदुओं का विस्तार से सुंदर वर्णन किया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

सारांश:

कवि रसखान भगवान श्रीकृष्ण के अनन्यसाधारण भक्त थे। उन्हें श्रीकृष्ण की जन्मभूमि के प्रति बेहद लगाव है। वे कृष्ण-भक्ति में एकाकार हो गए हैं। वे श्रीकृष्ण से अलग होना नहीं चाहते हैं। वे सदैव उनका सानिध्य चाहते हैं। इसलिए वे अगले जन्म में किसी भी योनी में जन्म लें फिर भी वे गोकुल से अलग होना नहीं चाहते। वे गोकुल में उपस्थित किसी भी प्राकृतिक अंश में बस जाना चाहते हैं। कवि रसखान ने बालकृष्ण का अत्यंत मनोहारी वर्णन किया है।

कृष्ण के आकर्षक एवं मनोहारी रूप को देखकर कवि रसखान की आँखे उन्मुक्त हो गई हैं। श्रीकृष्ण सच्ची भक्ति के द्वारा तुरंत मिल सकते हैं। उन्हें पाने के लिए भक्त को सच्चे हृदय से उन्हें पुकारने की आवश्यकता होती है। श्रीकृष्ण सच्ची भक्ति के प्यासे हैं। उनके दर्शन के लिए निरंतर जाप की आवश्यकता नहीं होती। श्रीकृष्ण भी सच्चे भक्त की पुकार सुनकर उसकी सहायता के लिए तत्पर हो जाते हैं। इस प्रकार प्रस्तुत रचना के माध्यम से कवि रसखान ने अपनी भक्ति श्रीकृष्ण के चरणों में समर्पित कर दी है।

भावार्थ:

1. मानुष …………………….. कूल कंदब की डारन।।

कवि रसखान कृष्णभक्त थे। उन्हें श्रीकृष्ण के जन्मभूमि के प्रति बेहद लगाव है। वे प्रत्येक स्थिति में श्रीकृष्ण का सानिध्य चाहते हैं। वे । भगवान कृष्ण की आराधना करते हुए कहते हैं कि यदि अगले जन्म में मनुष्य बनूँ, तो गोकुल के ग्वालों और गायों के बीच रहना पसंद करूँगा। ,
यदि मैं पशु की योनि में जन्म लेता हूँ, तो हमेशा नंद की गायों के साथ चरना चाहूँगा। यदि मैं पत्थर बनूँ, तो उसी पर्वत का पत्थर बनूँ जिसे । इंद्र के कारण भगवान कृष्ण ने अपनी उँगली पर धारण कर लिया था। यदि पक्षी बनूँ, तो यमुना के किनारे पर स्थित किसी कंदब के पेड़ की । डाल पर अपना बसेरा निर्माण करूँ।

2. धूरि भरे अति ……………….. माखन रोटी।

कवि रसखान ने प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम से बालकृष्ण का अत्यंत मनोहारी वर्णन किया है। बालकृष्ण धूल से सने हुए अत्यंत मोहक लग रहे हैं। उनके सिर पर चोटी शोभायमान हो रही है। उन्होंने कमर में पीली धोती पहनी हुई है तथा पैरों में पैजनियाँ बज रही है। वे पूरे आँगन में खाते-खेलते घूम रहे हैं। रसखान कहते हैं कि उनकी छवि देखकर कामदेव अपनी करोड़ों कलाओं की निधि निछावर करते हैं। सचमुच । वह कौआ बहुत ही भाग्यशाली है जो बालकृष्ण के हाथ से माखन रोटी को छीन कर ले उड़ा है।

3. सोहत हे चॅदवा ………………………. माँझ बसी है।

कवि रसखान कृष्ण के बालरूप का वर्णन करते हुए कहते हैं कि उनके सिर पर मोर मुकुट शोभायमान है। उन्होंने अपने सिर पर बड़ी । सुंदर पगड़ी बाँध रखी है। उनके मस्तक पर गायों के पैरों से उड़नेवाली धूल वैसे ही शोभा दे रही है जैसे हृदय पर वनमाला शोभित हो रही है। कृष्ण के आकर्षक एवं मनोहारी रूप को देखकर कवि रसखान की आँखे मारे खुशी के पागल हो गई हैं। उनकी बंद आँखों को देखकर ग्वाले उन्हें पुकारकर हँस रहे हैं, मानो वे उन्हें अपनी आँखा से पलकों के घूघट खोलने के लिए कह रहे हैं। किंतु कवि रसखान के सामने समस्या यह है कि वे अपनी पलकें नहीं खोल सकते क्योंकि कृष्ण की छवि उनकी आँखों में बस गई है।

4. सेस, गनेस ………………… नाच नचावें।

कवि रसखान कहते हैं कि कृष्ण तो प्रेमरूपी भक्ति के प्यासे हैं। शेषनाग, गणेश, शिव, सूर्य एवं इंद्र जिनके गुणों की हमेशा प्रशंसा करते हैं; जिन्हें अनादि, अनंत, अखंड अछेद, अभेद और सुवेद बताते हैं। ब्रह्म ऋषि नारद, शुकदेव व महाकवि व्यास जैसे तपस्वी जिनके नाम को निरंतर रटते रहते हैं और प्रयत्न करने के बावजूद भी उनका पार नहीं पा सके, ऐसे कृष्ण को अहीर कन्याएँ (ग्वालिने) कटोरे भर । छाछ के लिए नाच नचाती हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 अति सोहत स्याम जू

शब्दार्थ:

  1. मानुष – मानव
  2. धूरि – धूल
  3. हिय – हृदय
  4. गिरि – पर्वत
  5. पाग – पगड़ी
  6. अहीर – ग्वाला, आभीर
  7. धेनु – गाय
  8. भाल – मस्तक
  9. पाहन – पत्थर
  10. दिनेश – सूर्य
  11. छाछिया – छाछ रखने का छोटा पात्र
  12. वारत – निछावर करना
  13. लसी – सुशोभित होना
  14. बिलोकत – देखना
  15. पचिहारे – हार जाना
  16. जू – जी
  17. पीरी – पीले रंग की
  18. कछोटी – कमर में लपेटी जानेवाली धोती
  19. दृग – आँख
  20. कूल – तट, किनारा
  21. काग – कौआ

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सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

(१) संजाल पूर्ण कीजिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 1
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

(२) कृति में जानकारी लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 3
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 2

(३) उत्तर लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 5
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 6

(४) निम्नलिखित शब्दों के प्रत्यय और मूलशब्द अलग करके लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 7
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 8

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

(५) उपसर्ग तथा प्रत्यययुक्त शब्द बनाकर लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 9
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 19
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 11

अभिव्यक्ति

‘सादा जीवन, उच्च विचार’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
सादा जीवन यानी सादगी से भरा जीवन। सादे जीवन में सौंदर्य होता है। ऐसा जीवन तन को ही नहीं मन को भी सुंदर बना देता है। सुंदर शरीर और शांत मन ही उच्च विचार को प्रेरित करता है। यदि व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होना है, तो उसे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ इस सिद्धांत का पालन करना चाहिए। जीवन का सच्चा लाभ आराम का जीवन बिताने में नहीं, बल्कि महान बनने में है।

सफल महापुरुषों के जीवन में प्रकाश डालने से हमें पता चलता है कि उन्होंने ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ को अपने जीवन में उतारा है। जीवन में सादगी लाना बहुत ही बड़ा महान गुण है। इसे स्वीकार करने से व्यक्ति तुच्छ विचारों को अपने हृदय से दूर कर देता है। सादगी से भरा जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति के पास गहरी संवेदना होती हैं जो व्यक्तित्व को गरिमा प्रदान करती है। इसलिए व्यक्ति को ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

भाषा बिंदु

(१) निम्नलिखित संधि विच्छेद की संधि कीजिए और भेद लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 12
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 13

(२) निम्नलिखित शब्दों का संधि विच्छेद कीजिए और भेद लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 14
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 15

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

(३) निम्नलिखित शब्दों का विच्छेद कीजिए और संधि भेद लिखिए:

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 16
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 17

(४) पाठों में आए संधि शब्द छाँटकर उनका विच्छेद कीजिए और संधि का भेद लिखिए।

Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 18

उपयोजित लेखन

‘यदि मैं शिक्षा मंत्री होता —–‘ विषय पर लगभग सौ शब्दों में निबंध उपयोजित लेखन लिखिए।
Answer:
यदि मैं शिक्षा मंत्री होता….. जीवन में शिक्षा का अत्यधिक महत्त्व है। शिक्षा के द्वारा व्यक्ति का मानसिक, सामाजिक, बौद्धिक व आर्थिक विकास होता है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा देश के पाठ्यक्रम एवं शिक्षा प्रणाली पर ध्यान रखा जाता है। शिक्षा मंत्री शिक्षा मंत्रालय के प्रमुख होते हैं। देश में शिक्षा प्रणाली सुचारू रूप से कार्यान्वित हो रही है या नहीं, इस पर ध्यान एवं नियंत्रण रखने का कार्य शिक्षा मंत्री करते हैं। सचमुच शिक्षा मंत्री एक बहुत बड़ा महत्त्वपूर्ण पद है। मैं भी भविष्य में बड़ा होकर देश का शिक्षा मंत्री बनना चाहता हूँ।

जब मैं शिक्षा मंत्री बनूँगा; तब मैं संपूर्ण देश में शिक्षा का कार्य सुचारू रूप से हो रहा है या नहीं इस पर ध्यान रखूगा। देश की संपूर्ण शिक्षा प्रणाली में एकरूपता लाने हेतु में सभी शिक्षा मंडलों का एकीकरण करूँगा; जिससे देश में एक ही प्रकार की शिक्षा प्रणाली सभी के लिए उपलब्ध हो सके। आज कई स्कूल एवं महाविद्यालयों की हालत बहुत ही दयनीय है। कई स्कूलों में संसाधनों की कमी है। कई स्कूलों में छात्रों को बैठने के लिए कुर्सियाँ तथा पर्याप्त शैक्षणिक साधन भी नहीं है। कई स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं। इन सारी समस्याओं को तुरंत सुलझाने के लिए मैं शिक्षा मंत्री होने के नाते एक समिति की स्थापना करूँगा। इससे किसी भी नगर या गाँव का छात्र शिक्षा के मूलभूत अधिकारों से वंचित नहीं रह पाएगा।

संपूर्ण देश के पाठ्यक्रम में मैं समयानुसार परिवर्तन करने हेतु विद्वान सदस्यों की एक समिति गठित करूँगा; ताकि भूमंडलीकरण एवं विज्ञान-तकनीकी के इस युग में भारतीय छात्र आगे ही आगे बढ़ सकें। आज हमारे देश में शिक्षकों को दिया जाने वाला वेतन बहुत ही कम है। इसके लिए मैं शिक्षकों के लिए एक नए वेतनमान प्रणाली की शुरुआत करूँगा, जिससे अच्छे से अच्छे उम्मीदवार शिक्षा क्षेत्र से जुड़कर ज्ञान के प्रचार-प्रसार का पवित्र कार्य करने के लिए आगे आ सकें। अब तो बस, यही मेरा ध्येय है। इसे साकार करने के लिए सर्वप्रथम मुझे मन लगाकर पढ़ना होगा। फिर मैं अपने विचारों को वास्तविक रूप में परिवर्तित कर सकता हूँ।

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (१): आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

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Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 21

समझकर लिखिए।

Question 1.
सच्चे व्यक्तित्व की विशेषता
Answer:
सच्चे व्यक्तित्व में कुछ जोड़ना घटाना संभव नहीं है।

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
लेखिका ने राजेंद्र बाबू को सर्वप्रथम गद्यात्मक वातावरण में देखा।
Answer:
सत्य

Question 2.
सत्य में से जोड़ना या घटाना असंभव नहीं रहता।
Answer:
असत्य

कृति अ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. नजर
  2. प्रणाम
  3. पक्षी
  4. याद

Answer:

  1. दृष्टि
  2. अभिवादन
  3. विहंगम
  4. स्मृति

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निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
व्यक्ति की विशेषता या गुण
Answer:
व्यक्तित्व

Question 2.
शीत ऋतु में होनेवाली छुट्टियाँ
Answer:
शीतावकाश

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

Question 1.
विहंगम
Answer:
पक्षी, नभ यात्री, सम्यक

Question 2.
गद्यांश में प्रयुक्त एक विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
Answer:
जोड़ना x घटाना

निम्नलिखित शब्द के उपसर्गयुक्त व प्रत्यययुक्त शब्द बनाइए।

Question 1.
सत्य
Answer:
उपसर्गयुक्त शब्द – असत्य, प्रत्यययुक्त शब्द – सत्यवादी

Question 2.
संभव
Answer:
उपसर्गयुक्त शब्द – असंभव, प्रत्यययुक्त शब्द – संभावित

लिंग बदलिए।

  1. बाबू
  2. भाई

Answer:

  1. बबुआइन
  2. बहन

कृति अ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
सच्चे व्यक्तित्व की पहचान का आधार बताइए।
Answer:
सच्चा व्यक्तित्व हर समय वास्तविक होता है। सच्चे व्यक्ति का चरित्र प्रकाश की तरह दिव्य व पावन होता है। उसके चरित्र बल के आलोक से लोगों को प्रेरणा मिलती है। उसके विचार आदर्शवादी होते हैं। वह अपने विचारों से ही स्वयं के चरित्र का निर्माण करता है। वह दूसरों की भावनाओं को समझता है। उसके पास दया, प्रेम, करुणा, क्षमा आदि मानवीय गुण होते हैं। वह सदैव दूसरों के हित के बारे में ही सोचता रहता है।

वह कभी भी स्वयं के स्वार्थ का विचार नहीं करता है। उसका जीवन सादा होता है। ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ ही उसके जीवन का मूलमंत्र होता है। सच्चे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति दूसरों की परेशानियों को अपने हृदय के भीतर महसूस करता है और दूसरों को पीड़ा से मुक्ति दिलाने हेतु प्रयास करता है। वह स्वयं तकलीफों में रहकर दूसरों के जीवन में खुशियाँ निर्माण करता है। प्रश्न २ (आ) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 23
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 22

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कृति आ (२): शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. रोमिल
  2. भृकुटी
  3. ठुड्डी
  4. वेशभूषा

Answer:

  1. रोयेंदार
  2. भौंह
  3. ठोढ़ी
  4. पहनावा

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
स्वच्छंद रहने के भाव
Answer:
स्वच्छंदतावाद

विलोम शब्द लिखिए।

  1. ग्रामीण x ….
  2. आवरण x …..

Answer:

  1. ग्रामीण x शहरी
  2. आवरण x अनावरण

Question 1.
गद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:

  • दाहिना x बाँया
  • ऊपर x नीचे

निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलिए।

  1. फेंटा
  2. धोती
  3. टोपी
  4. भृकुटी

Answer:

  1. फेंटे
  2. धोतियाँ
  3. टोपियाँ
  4. भृकुटियाँ

निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।

  1. शरीर
  2. दृष्टी

Answer:

  1. शारीरिक
  2. दृष्टिहीन

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निम्नलिखित वाक्यों में विराम चिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
क्या गांधी टोपी की स्थिति और भी विचित्र नहीं थी
Answer:
क्या गांधी टोपी की स्थिति और भी विचित्र नहीं थी?

कृति आ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘व्यक्तित्व का आईना होती है वेशभूषा।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
व्यक्ति का पहनावा या उसकी वेशभूषा उसके व्यक्तित्व का आईना होती है। वह मानव के संपूर्ण जीवन को प्रभावित करती है। यदि आप किसी औपचारिक मीटिंग या कार्यालय में जा रहे हैं तो आप रंग-बिरंगी टी-शर्ट और शॉर्टस् पहनकर जाते हैं तो आप हँसी के पात्र बन सकते हैं या आपके व्यक्तित्व पर इसका गलत असर पड़ सकता है।

यदि आप अनौपचारिक समारोह या पार्टी में सुट पहन कर जाएंगे, तो भी आप बचकाने लगेंगे। यदि व्यक्ति पदवी या पद में बड़ा है; तो उसकी वेशभूषा उसके अनुसार या उससे अधिक फॉर्मल होनी चाहिए। व्यक्ति को स्वच्छ एवं साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए। कपड़े अच्छी तरह से प्रेस होने चाहिए। वेशभूषा सादगी से युक्त होनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद धोती, कुर्ता व पगड़ी पहनकर विदेश में गए थे। व्यक्ति को अपनी संस्कृति की वेशभूषा में रहना अधिक उचित और श्रेयस्कर है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति इ (१): आकलन

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो

Question 1.
भारतीय कृषक
Answer:
राजेंद्र बाबू अपने स्वभाव एवं रहन-सहन में किसका प्रतिनिधित्व करते थे ?

Question 2.
राजेंद्र बाबू
Answer:
लेखिका को किसकी मुखाकृति देखकर ऐसा लगता था मानो उन्हें पहले कहीं देखा है?

सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
राजेंद्र बाबू को देखने वालों को कोई-न-कोई आकृति या व्यक्ति स्मरण हो आता था क्योंकि …..
(अ) उनके शरीर के संपूर्ण गठन में एक असामान्य भारतीय जन की आकृति और गठन की छाया थी।
(आ) उनके शरीर के संपूर्ण गठन में एक सामान्य भारतीय जन की आकृति और गठन की छाया थी।
(इ) उनके शरीर के संपूर्ण गठन में एक महापुरुष की आकृति और गठन की छाया थी।
Answer:
राजेंद्र बाबू को देखने वालों को कोई-न-कोई आकृति या व्यक्ति स्मरण हो आता था क्योंकि उनके शरीर के संपूर्ण गठन में एक सामान्य भारतीय जन की आकृति और गठन की छाया थी।

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समझकर लिखिए।

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Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 24

कृति इ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:

  • साथ – साथ
  • रहन – सहन

वचन बदलिए।

  1. आकृति
  2. अनुभूति
  3. संवेदना

Answer:

  1. आकृतियाँ
  2. अनुभूतियाँ
  3. संवेदनाएँ

Question 1.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:
प्रत्यययुक्त शब्द : व्यापकता, सामान्यता, विशिष्टता प्रत्यययुक्त शब्द : गहराई

Question 2.
‘अनुभव’ इस शब्द में निहित उपसर्ग से अन्य दो शब्द बनाकर लिखिए।
Answer:
अनुभव – उपसर्ग : अनु ।
नए शब्द –
अनुकरण
अनुसरण

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निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. समान x ……..
  2. सामान्य x ….

Answer:

  1. समान x असमान
  2. सामान्य x असामान्य

नीचे दिए शब्द के लिए श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. समान
  2. प्रतिभा
  3. उपरांत

Answer:

  1. सामान
  2. प्रतिमा
  3. अपरांत

कृति इ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सादा जीवन उच्च विचार’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
सादा जीवन यानी सादगी से भरा जीवन। सादे जीवन में सौंदर्य होता है। ऐसा जीवन तन को ही नहीं मन को भी सुंदर बना देता है। सुंदर शरीर और शांत मन ही उच्च विचार को प्रेरित करता है। यदि व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होना है, तो उसे ‘सादा जीवन उच्च विचार’ इस सिद्धांत का पालन करना चाहिए। जीवन का सच्चा लाभ आराम का जीवन बिताने में नहीं, बल्कि महान बनने में है।

सफल महापुरुषों के जीवन में प्रकाश डालने से हमें पता चलता है कि उन्होंने ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ को अपने जीवन में उतारा है। जीवन में सादगी लाना बहुत ही बड़ा महान गुण है। इसे स्वीकार करने से व्यक्ति तुच्छ विचारों को अपने हृदय से दूर कर देता है। सादगी से भरा जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्ति के पास गहरी संवेदना होती हैं जो व्यक्तित्व को गरिमा प्रदान करती है। इसलिए व्यक्ति को ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति ई (१) : आकलन कृति
कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 27
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 30

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
राजेंद्र बाबू चक्रधर जी के निजी सचिव थे।
Answer:
चक्रधर जी राजेंद्र बाबू के निजी सचिव थे।

Question 2.
राष्ट्रपति के रूप में राजेंद्र बाबू महिला विद्यापीठ का शिलान्यास करने प्रयाग आए।
Answer:
काँग्रेस के अध्यक्ष के रूप में राजेंद्र बाबू महिला विद्यापीठ का शिलान्यास करने प्रयाग आए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हाँ

Question 1.
सन १९३७
Answer:
महिला विद्यापीठ का शिलान्यास करने राजेंद्र बाबू प्रयाग कब आए थे?

Question 2.
पंद्रह-सोलह
Answer:
राजेंद्र बाबू के संयुक्त परिवार में कितनी पौत्रियाँ थी?

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 34
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 32

कारण लिखिए।

Question 1.
राजेंद्र बाबू की पत्नी प्रयाग आती थीं।
Answer:
उनकी पौत्रियाँ प्रयाग में महिला विद्यापीठ के छात्रावास में रहकर पढ़ाई करती थीं। अत: उन्हें मिलने के लिए राजेंद्र बाबू की पत्नी प्रयाग आती थीं।

कृति ई (२) : शब्द संपदा
निम्नलिखित वाक्य में विरामचिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
राजेंद्र बाबू के पुराने परिधान से अपने आपको प्रसाधित कर कितना कृतार्थता का अनुभव किया था चक्रधर जी ने
Answer:
राजेंद्र बाबू के पुराने परिधान से अपने आपको प्रसाधित कर कितना कृतार्थता का अनुभव किया था चक्रधर जी ने !

लिंग बदलिए।

  1. अध्यक्ष
  2. पौत्री
  3. स्वामी
  4. दादा

Answer:

  1. अध्यक्षा
  2. पौत्र
  3. स्वामिनी
  4. दादी

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:

  • ताने – बाने
  • पंद्रह – सोलह
  • अस्त – व्यस्तता
  • गुरु – शिष्य
  • स्वामी – सेवक
  • कभी – कभी

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

निम्नलिखित शब्द के लिए समश्रुतभिन्नार्थक शब्द लिखिए।

  1. सज्जा
  2. सहेज

Answer:

  1. सजा
  2. सहज

Question 1.
‘ममतालु’ इस शब्द में से प्रत्यय अलग कीजिए और संबंधित प्रत्यय लगाकर अन्य दो शब्द बनाइए।
Answer:
ममतालु : शब्द : ममता प्रत्यय : आलु ।
अन्य शब्द :

  • कृपालु
  • श्रद्धालु

कृति ई (३) : अभिव्यक्ति

Question 1.
‘नारी जीवन में शिक्षा का अनन्यसाधारण महत्त्व है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
जिस प्रकार पुरुष समाज का अहम् हिस्सा है ठीक उसी प्रकार नारी भी समाज का महत्त्वपूर्ण अंग है। समाज की उन्नति के लिए स्वी का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। अत: समाज में नारी शिक्षा को महत्त्व दिया जाता है। स्वतंत्रता के समय हमारे देश में स्त्रियों की शिक्षा की उचित व्यवस्था नहीं थी। धीरे-धीरे स्थिति में बदलाव होना शुरू हुआ।

आज भारत में लड़कियों के लिए अलग स्कूल, महाविद्यालय एवं विश्व विद्यालय खोले जा रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा संख्या में वे शिक्षा ग्रहण कर सकें। शिक्षा के कारण नारी अपने अधिकार एवं कर्तव्यों के प्रति सजग हो गई है। वह धीरे-धीरे आत्मनिर्भर बन रहीं हैं। एक पढ़ी-लिखी स्त्री अपने परिवार को ठीक से चला सकती है। वह नौकरी करके अपने परिवार को आर्थिक सहयोग देती है। इस प्रकार अनेक दृष्टियों से नारी जीवन में शिक्षा का अनन्यसाधारण महत्व है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति उ (१): आकलन कृति

कारण लिखिए।

Question 1.
राजेंद्र बाबू की पत्नी की रीढ़ की हड्डी झुक गई थी।
Answer:
क्योंकि उन्हें जमींदार परिवार की परंपरा के अनुसार घंटों तक सिर नीचा करके एकासन बैठना पड़ता था।

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 36
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 35

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

Question 1.
कर्तव्य विलास नहीं कर्मनिष्ठा है।
Answer:
सत्य

Question 2.
राजेंद्र बाबू अपनी पौत्रियों को अहंकार से दूर नही रखना चाहते थे।
Answer:
असत्य

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 33
Answer:
i – ग
ii – घ
iii – ख
iv – क

किसने, किससे कहा?

Question 1.
“महादेवी बहन दिल्ली मेरी नहीं है।”
Answer:
राजेंद्र बाबू ने महादेवी वर्मा से कहा।

कृति उ (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. निर्देश
  2. अहंकार
  3. स्वतंत्र

Answer:

  1. सूचना
  2. घमंड
  3. आजाद

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
स्कूल या कॉलेज के विद्यार्थियों के रहने की जगह
Answer:
छात्रावास

Question 2.
वह स्थान जहाँ छात्र पढ़ाई करते हैं
Answer:
विद्यालय

Question 3.
जहाँ पहुँचना हो
Answer:
गंतव्य

नीचे दिए हुए शब्द के विलोम शब्द लिखिए।

  1. अहंकार x ……..
  2. स्वतंत्र x ……

Answer:

  1. अहंकार x नम्रता
  2. स्वतंत्र x परतंत्र

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Question 1.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूंढकर लिखिए।
Answer:
योग्यता
कर्मनिष्ठा

नीचे दिए शब्द के लिए श्रुतिसमभिन्नार्थक लिखिए।

  1. चिंता
  2. जेल

Answer:

  1. चिता
  2. जल

कृति उ (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘कर्तव्य विलास नहीं कर्मनिष्ठा है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
कर्तव्य शब्द का अभिप्राय उन कार्यों से होता है जिन्हें करने के लिए व्यक्ति नैतिक रूप से प्रतिबद्ध होता है। व्यक्ति को अपने कर्तव्य के प्रति सदैव जाग्रत रहना चाहिए। अंत:करण की प्रेरणा या उचित कार्य की प्रवृत्ति से कर्तव्य का संबंध होता है। यदि व्यक्ति अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं करता है तो उसका अंत:करण उसे धिक्कारता है। कर्तव्य को प्राथमिकता देकर व्यक्ति को अपना कार्य करते रहना चाहिए। उसे अपने कर्म में लीन होना चाहिए। व्यक्ति को हर काम को पूरे मन से करने पर ही आनंद का अनुभव होता है। प्रश्न ६ (क) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ऊ (१): आकलन कृति

ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –

Question 1.
रसोईघर
Answer:
राजेंद्र बाबू की पत्नी के कमरे से संलग्न क्या बन गया था?

Question 2.
दिल्ली
Answer:
बालिकाओं की दादी ने लेखिका को कहाँ आने का विशेष निमंत्रण दिया था?

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 29
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 28

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 31
Answer:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति 30

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

कारण लिखिए।

Question 1.
राष्ट्रपति भवन के हर द्वार पर सलाम ठोंकने वाले सिपाहियों की आँखें विस्मय से खुली रह गई। .
Answer:
क्योंकि लेखिका राष्ट्रपति भवन में एक दरजन सूप लेकर गई थीं। ऐसी भेंट लेकर कोई अतिथि न कभी वहाँ पहुँचा था, न पहुँचेगा।

कृति ऊ (२) : शब्द संपदा

Question 1.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
फटकने-पछोरने

नीचे दिए हुए शब्द के विलोम लिखिए।

  1. विशेष x ………
  2. आदेश x …….

Answer:

  1. विशेष x साधारण
  2. आदेश x प्रार्थना

Question 1.
गद्यांश में से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
Answer:
सूप
आदेश

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
वह भवन जिसमें राष्ट्रपति रहते हैं
Answer:
राष्ट्रपति भवन

Question 2.
अतिथि का सत्कार व उनकी देखभाल
Answer:
आतिथ्य

निम्नलिखित शब्दों के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. ग्रहण
  2. अंक

Answer:

  1. पकड़ने की क्रिया, लेने की क्रिया, खाने की क्रिया, मुसीबत
  2. संख्या, गोद

कृति ऊ (३): स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सहधर्मिणी अपने पति के आदर्श एवं सिद्धांत का पालन करती है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
सहधर्मिणी वही कहलाती है जो अपने पति का जीवन के प्रत्येक मोड़ पर साथ देती है। वह अपने पति के आदर्श एवं सिद्धांतों का पालन करती है। यदि उसका पति सादा जीवन उच्च विचार रखता है, तो वह भी उसका अनुसरण करती है। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी का जीवन सादगी से भरा हुआ था। उसीप्रकार उनकी पत्नी ने भी उनके इस सिद्धांत को अपने जीवन में उतारा।

उनके पति कितने भी बड़े पद पर क्यों न हों, फिर भी वे घर के काम-काज को संभालने से पीछे नहीं हटीं। सबके लिए भोजन बनाना एवं सभी के खाने के उपरांत स्वयं खाना खाना, आदि संस्कारों का उन्होंने भलीभांति निर्वाह किया। घर के सभी सदस्य एवं घर पर आने वाले अतिथियों के स्वागत में कोई कमी नहीं छोड़ी। इस प्रकार वह अपने पति के पचिह्नों पर चलकर सभी का दिल जीत लेती है।

गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ए (१): आकलन कृति

गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।

Question 1.
लेखिका राष्ट्रपति भवन उस दिन पहुँची जिस दिन ….
Answer:
राजेंद्र बाबू और उनकी सहधर्मिणी का उपवास था।

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखिका ने निरन्न भोजन की इच्छा प्रकट की।
Answer:
क्योंकि उपवास के दिन वह अतिथेय का साथ देना उचित समझती थीं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।

Question 1.
जीवन मूल्यों की परख करने वाली दृष्टि के कारण राजेंद्र बाबू को पद्मश्री की उपाधि मिली।
Answer:
जीवन मूल्यों की परख करने वाली दृष्टि के कारण राजेंद्र बाबू को देशरल की उपाधि मिली।

Question 2.
राष्ट्रपति भवन में लेखिका ने मेवे व मिष्ठान्न खाया।
Answer:
राष्ट्रपति भवन में लेखिका ने उबले आलू खाए।

गद्यांश: ७ पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. १९ . राजेंद्र बाबू तथा उनकी चरित्र ढलते थे?

कृति ए (२) : शब्द संपदा

निम्नलिखित वाक्य में विराम चिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।

Question 1.
लेखिका ने कहा आज वह साँचा टूट गया है जिसमें कठिन कोमल चरित्र ढलते थे
Answer:
लेखिका ने कहा, “आज वह साँचा टूट गया है, जिसमें कठिन कोमल चरित्र बलते थे।”

Question 2.
दिए गए गद्यांश में से देशज शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:

  • उबले
  • आलू
  • छलक
  • ढलते

निम्नलिखित शब्द में उचित उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

Question 1.
संतोष
Answer:
उपसर्गयुक्त शब्द : असंतोष, प्रत्यय युक्त शब्द : संतोषप्रद

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
जिसका कोई शत्रु ही न हो
Answer:
अजातशत्रु

Question 2.
भोजन ग्रहण न करने का निश्चय
Answer:
उपवास

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. निरन्न
  2. अजातशत्रु

Answer:

  1. अन्नरहित
  2. शत्रुहीन

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 अनोखे राष्ट्रपति

कृति ए (३) : स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘व्यक्ति के जीवन-मूल्यों का बड़ा महत्व होता है।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
जीवन-मूल्य मनुष्य के जीवन में बहुत आवश्यक होते हैं। जीवन मूल्यों का व्यक्ति के जीवन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है। व्यक्ति इन्हीं के आधार पर अच्छा-बुरा या सही-गलत की परखा करता है। हमेशा नम्र रहना, सबका आदर करना, सादगी से जीवन बिताना आदि जीवन-मूल्य हैं। सुखद व सफल जीवन व्यतीत करने के लिए व्यक्ति को जीवन-मूल्यों को स्वीकार करना पड़ता है। जीवन-मूल्यों के बिनी व्यक्ति अपने जीवन को अनुशासित नहीं कर सकता और न ही अपने मन को स्वयं के नियंत्रण में रख सकता है। जीवन में अपने व्यक्तित्व को निखारने और सफल बनाने के लिए जीवन-मूल्य अनिवार्य है।

अनोखे राष्ट्रपति Summary in Hindi

अनोखे राष्ट्रपति लेखिका – परिचय
जीवन – परिचय : महादेवी वर्मा जी का जन्म सन १९०७ में उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में हुआ। ये एक उच्चकोटि की लेखिका एवं प्रतिभावान कवयित्री थीं। छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। इनके साहित्य में पीड़ा, करुणा, वेदना आदि पाई जाती है। इन्हें हिंदी साहित्य में आधुनिक युग की मीरा’ कहा जाता है। इनका साहित्य समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है तथा प्रत्येक वर्ग को प्रभावित और प्रेरित करता है।

प्रमुख कृतियाँ : ‘नीहार’, ‘रश्मि’, ‘सांध्यगीत’ (कविता संग्रह), ‘संकल्पिता’, ‘श्रृंखला की कड़ियाँ’, (निबंध), ‘पथ के साथी’, ‘मेरा परिवार’, ‘अतीत के चलचित्र’। (रेखाचित्र)

अनोखे राष्ट्रपति गद्य – परिचय
संस्मरण : संस्मरण साहित्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। स्मृति के आधार पर किसी विषय पर या किसी व्यक्ति पर लिखित आलेख संस्मरण कहलाता है। यह केवल अतीत की घटनाओं पर आधारित होता है। संस्मरण में चारित्रिक गुणों से युक्त किसी व्यक्ति को याद करते हुए उसके परिवेश के साथ उसका प्रभावशाली वर्णन किया जाता है।

प्रस्तावना : ‘अनोखे राष्ट्रपति’ इस संस्मरण में लेखिका महादेवी वर्मा जी ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के ‘सादा जीवन–उच्च विचार’ गुण से परिचित कराया है। जीवन में सादगी, सहजता व सरल स्वभाव अपनाने से व्यक्ति का व्यक्तित्व ऊँचा उठ सकता है, लेखिका ने इस विचार से सभी को अवगत कराया है।

अनोखे राष्ट्रपति सारांश

‘अनोखे राष्ट्रपति’ यह एक संस्मरण है। इस संस्मरण में लेखिका महादेवी वर्मा जी ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के जीवन मूल्यों से पाठकों को परिचित कराया है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की वेशभूषा में अत्यंत सादगी थी। स्वतंत्रता पूर्व से ही लेखिका डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को अच्छी तरह से जानती थीं। सन १९३७ में प्रयाग में महिला विद्यापीठ का शिलान्यास डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के करकमलों द्वारा हुआ था। तब उन्होंने लेखिका से निवेदन करते हुए कहा था कि वे अपनी पंद्रह–सोलह पौत्रियों की शिक्षा को लेकर चिंतित हैं। इसलिए उन्हें वे प्रयाग के महिला विद्यापीठ में भर्ती करवाना चाहते हैं।

लेखिका ने भी उनकी पौत्रियों को अपने संरक्षण में ले लिया। इस प्रकार उनकी पौत्रियाँ विद्यापीठ के छात्रावास में रहने लगीं। कभी–कभी डॉ. राजेंद्र प्रसाद और उनकी पत्नी सामान्य भारतीय गृहिणी के समान पति, परिवार तथा परिजनों को खिलाने के उपरांत स्वयं अन्न ग्रहण करती थीं। राष्ट्रपति बनने के पश्चात भी डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को अहंकार ने कभी नहीं छुआ। वे अपनी पौत्रियों को अहंकार से दूर रखना चाहते थे। इसलिए साफ शब्दों में उन्होंने लेखिका से कहा था दिल्ली व राष्ट्रपति भवन उनका नहीं है। उनकी पौत्रियाँ जैसी रहती आई हैं; वैसी ही रहेंगी।

एक बार उनकी पत्नी के द्वारा निमंत्रण मिलने पर लेखिका स्वयं राष्ट्रपति भवन जाती हैं। वहाँ पर भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी को उपवास के उपरांत उबले हुए आलू खाते हुए देखती हैं। उनके सादगी एवं संयम से भरे जीवन को देखकर लेखिका नतमस्तक हो जाती हैं। जीवन–मूल्यों की परख करने वाली दृष्टि राजेंद्र बाबू जी के पास थी। उनके पास मन की स्वच्छता थी। उनका कोई शत्रु नहीं था। इसी कारण उन्हें भारतरल की उपाधि मिली थी। ऐसे अनोखे राष्ट्रपति की संगति में लेखिका स्वयं को धन्य समझती हैं।

अनोखे राष्ट्रपति शब्दार्थ

  • भृकुटी – भौंह
  • ठुड्डी – ठोढ़ी
  • रोमिल – रोयेंदार
  • निर्देश – सूचना
  • सिरकी – सरकंडे या सरई
  • पछोरना – अनाज सूप में रखकर फटककर साफ करना
  • निरन्न – निराहार, अन्नरहित
  • दृष्टि – नजर
  • अभिवादन – प्रणाम
  • विहंगम – पक्षी
  • स्मृति – याद
  • वेशभूषा – पहनावा
  • निर्देश – सूचना
  • अहंकार – घमंड
  • कर्तव्य – कार्य
  • स्वतंत्र – आजाद
  • अजातशत्रु – शत्रुहीन
  • भेंट – उपहार

Hindi Lokvani 10th Std Digest पहली इकाई

Class 10 Hindi Chapter 1 Matrubhumi Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 1 Matrubhumi Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 1 मातृभूमि Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 1 मातृभूमि Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 1 मातृभूमि Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
फूलों की विशेषताएँ
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 2
प्रश्न 2.
जन्मभूमि की विशेषताएँ
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 4

2. इन शब्द – शब्द समूहों के लिए कविता में प्रयुक्त शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
इन शब्द – शब्द समूहों के लिए कविता में प्रयुक्त शब्द लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 5
उत्तर:

शब्द समूह शब्द
पक्षियों के समूह खग वंद
शेषनाग के फन सिंहासन
समुद्र रत्नाकर
सूरज और चाँद युग मुकुट

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि

3. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 7

4. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 9

5. एक शब्द के लिए शब्द समूह लिखिए।

प्रश्न 1.
एक शब्द के लिए शब्द समूह लिखिए।
i. विश्वपालिनी = ……………………
ii. भयनिवारिणी = ………………….
उत्तर:
i. विश्व का पालन करने वाली
ii. भय का निवारण करने वाली

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6. चौखट में प्रयुक्त शब्दों को सूचना के अनुसार परिवर्तन करके लिखिए। 

प्रश्न 1.
चौखट में प्रयुक्त शब्दों को सूचना के अनुसार परिवर्तन करके लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 11

6. ‘हे शरणदायिनी देवी तू, करती सबका त्राण है।’ पंक्ति से प्रकट होने वाला भाव लिखिए। 

प्रश्न 2.
‘हे शरणदायिनी देवी तू, करती सबका त्राण है।’ पंक्ति से प्रकट होने वाला भाव लिखिए।
उत्तरः
इस पंक्ति से कृतज्ञता का भाव व्यक्त होता है। मातृभूमि ने हमें सब कुछ दिया है। इसके बदले में उसने हमसे कुछ भी नहीं लिया है। अत: उसके अनंत उपकारों के प्रति कृतज्ञ होकर कवि ने उसकी प्रार्थना करते हुए कहा है कि वह शरणदायिनी देवी है और जो उसकी शरण में आता है; वह उसकी रक्षा करती है।

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उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
‘मैं पंछी बोल रहा हूँ…’ इस विषय पर निबंध लिखिए।
उत्तर:
“मैं हूँ एक पंछी… प्रकृति का एक अंश…। इस धरती पर चारों ओर स्वच्छंद विचरण करने का अधिकार ईश्वर ने मुझे भी प्रदान किया है। अब तो बूढ़ा हो गया हूँ। मुझे आज भी याद है, मेरा जन्म आम के पेड़ पर बने घोंसले में हुआ था। जब मेरा जन्म हुआ था; तब मेरे माता-पिता बहुत खुश थे। मेरे साथ मेरे और दो भाई भी थे, लेकिन अब वे जीवित नहीं है। वे काल के गाल में समा गए हैं। आहिस्ता-आहिस्ता मैं बड़ा हुआ। बड़ा होने के बाद मेरे पंखों में शक्ति आ गई और मैं स्वच्छंद होकर खुले आसमान में उड़ने लगा।

समुद्र के ऊपरी हिस्से पर उड़ते समय मुझे बहुत खुशी होती थी। समुद्र से ऊपर उड़ने वाली लहरों के साथ मैं भी नर्तन करता था। कितना अच्छा लगता था मुझे उस समय! मैंने अन्य पक्षियों के साथ आम के पेड़ पर अपना घोंसला बनाया व बड़े ही प्यार से वहाँ पर रहने लगा। पेड़ की सुखद हरियाली में मुझे बेहद मजा आता था। अन्य पक्षियों के साथ मौज-मस्ती करते समय मैं फूला न समाता था। मेरी यह खुशी अधिक दिन तक नहीं रही। भाग्य को कुछ और ही मंजूर था।

एक दिन सरकारी अधिकारी आम के पेड़ के पास छान-बीन करने आए। न जाने उनकी आपस में क्या बातें हुई? उनके चले जाने के चार-पाँच दिन के बाद आम के पेड़ की कटाई करने के लिए कर्मचारी आए। उन्होंने बड़ी ही निर्दयता से पेड़ को जड़ से अलग कर दिया। इस कारण आम के पेड़ पर रहने वाले मेरे जैसे कई पक्षी बेघर हो गए। हम सब पंछी निराश एवं दुखी हो गए। कई पक्षियों ने घोंसले में शिशुओं को जन्म दिया था। पेड़ के गिरने के साथ उन्होंने भी इस संसार से विदा लिया।

अपने दोस्त एवं परिजनों की बुरी अवस्था देखकर मैं भी व्यथित हो गया हूँ। अब मैं अपने जीवन की अंतिम साँसें गिन रहा हूँ। मेरे जैसे कई खग-बूंद काल के गाल में समा गए हैं। हमारी कई प्रजातियाँ नामशेष रह गई हैं। इंसान को प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। यदि ऐसा ही होता रहा, तो एक दिन पर्यावरण संतुलन बिगड़ जाएगा और समस्त जीवन खतरे में पड़ जाएगा। इसलिए पर्यावरण की रक्षा करना प्रत्येक मानव का कर्तव्य होना चाहिए। यही मेरा सबके लिए संदेश है।”

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 1 मातृभूमि Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के का अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 13
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 14

प्रश्न 3.
पद्यांश में प्रयुक्त प्राकृतिक घटकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
अंबर, सूर्य, चंद्र, रत्नाकर, नदियाँ, फूल, तारे, खग, पयोद

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कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. अंबर
  2. हरित
  3. मेखला
  4. सर्वेश
  5. मुकुट

उत्तर:

  1. आसमान
  2. हरा
  3. करधनी
  4. ईश्वर
  5. ताज

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प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. प्रेम ×………….
  2. सगुण × ………..
  3. सत्य × ………..

उत्तर:

  1. द्वेष
  2. निर्गुण
  3. असत्य

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. धागे आदि की करधनी
  2. जिसमें मूल्यवान रत्नों का संचय है –
  3. राजा के सिंहासनारोहण का अनुष्ठान –

उत्तर:

  1. मेखला
  2. रत्नाकर
  3. अभिषेक

प्रश्न 4.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव शब्द लिखिए।
i. हरित
ii. काम
उत्तर:
i. हरा
ii. कार्य

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. फन
ii. शेष
उत्तर:
i. फन: साँप का फन, हुनर
ii. शेष : बचा हुआ, छोड़ा हुआ

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कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
हम अपने देश को ‘मातृभूमि’ कहते हैं। अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हम भारतवासी संस्कृति से जुड़े लोग हैं। हम अपने देश को माता कहकर पुकारते हैं। हमारी मातृभूमि हमें जीवन देती है। वह हमें प्राकृतिक संसाधनों का भंडार उपलब्ध कराती है। सबकुछ देने वाली मातृभूमि हमारी जननी है। वहीं हमारी माता है। आमतौर पर एक बच्चे को अपने पिता की अपेक्षा माता से अधिक लगाव होता है। उसी प्रकार का लगाव हमें अपनी धरती से होता है। उसमें हम अपनापन एवं ममत्व ढूँढ़ते हैं। हमारा अपनी देश की धरती से अटूट नाता होता है। हमारे वेदों में भी ‘नमो मातृ भूम्यै’ ऐसा कहा गया है। अपनी मातृभूमि के प्रति अपनी भावना व्यक्त करते हुए भगवान कृष्ण ने भी कहा है: ‘ऊधौ मोहिं ब्रज विसरत नाहिं।’

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(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 15

प्रश्न 2.
गलत विधान सही करके लिखिए।
i. मातृभूमि पर प्रकृति के एक के बाद एक अदभुत दृश्य देखने को मिलते हैं।
उत्तरः
मातृभूमि पर छ: ऋतुओं के एक-के-बाद एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं।

ii. मातृभूमि का धरातल बंजर है। जो किसी रोएँदार मखमल के कपड़े से कम नहीं है।
उत्तर:
मातृभूमि का धरातल हरियाली से भरा है; जो किसी रोएँदार मखमल के कपड़े से कम नहीं है।

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कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. शुद्ध
  2. पानी
  3. श्रेष्ठ
  4. हवा
  5. अंधकार
  6. सूर्य

उत्तर:

  1. निर्मल
  2. नीर
  3. उत्तम
  4. पवन
  5. तम
  6. तरणि

प्रश्न 2.
उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. गंध
उत्तर:
उपसर्गयुक्त शब्द : सुगंध
प्रत्यययुक्त शब्द : सुगंधित

प्रश्न 3.
पाश में से ऐसे दो शब्द ढूँढकर लिखिए कि जिनके वचन में परिवर्तन नहीं होता हो ।
उत्तर:
i. दिन
ii. पवन

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. शीतल × ………
ii. सुगंध × ……….
उत्तर:
i. उष्ण
ii. दुर्गध

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प्रश्न 5.
पद्यांश में प्रयुक्त विलोम शब्दों की जोड़ियाँ लिखिए।
उत्तर :
i. दिन × रात
i. तम × प्रकाश

प्रश्न 6.
नीचे दिए हुए शब्द का श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. कम
ii. दिन
उत्तर:
i. क्रम
ii. दीन

कति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘छ: ऋतुओं ने भारत भूमि अर्थात हमारी मातृभूमि के सौंदर्य में चार चाँद लगा दिए हैं।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भारत भूमि पर प्रकृति की विशेष कृपा है। विश्व में हमारी ही मातृभूमि ऐसी है जहाँ पर छः ऋतुओं का नियमित रूप से आगमन होता है। सभी ऋतुओं में अनोखी छटा देखने को मिलती है। वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत व शिशिर इन छ: ऋतुओं के एक-के-बाद एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं। वसंत में फूलों का खिलना व पौधों का हरा-भरा होना आदि दृश्यों से मातृभूमि की शोभा देखने लायक होती है। ग्रीष्म ऋतु में फल व मेवे पकते हैं। बागों में आमों के फल लगते हैं।

वर्षा ऋतु में बारिश होती है। फसलों के लिए पानी मिलता है। पेड़ पौधे खुश और हरे-भरे हो जाते हैं। शरद ऋतु में कास के फूलों से धरती सज उठती है। मौसम सुहावना हो जाता है। हेमंत में बीज अंकुरित होते हैं। ओस की बूंदें गिरने लगती हैं। शिशिर में कड़ाके की ठंड पड़ती है। घना कोहरा छा जाता है। इस प्रकार मातृभूमि पर छ: ऋतुएँ सदैव अपना-अपना सौंदर्य बिखेरती रहती हैं।

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(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. औषधियाँ
ii. वसुधा-धरा
उत्तर:
i. एक-से-एक निराली क्या प्राप्त हैं?
ii. पद्यांश में मातृभूमि के लिए प्रयुक्त नाम लिखिए।

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. मनुष्य को आवश्यक सभी पदार्थ मातृभूमि से मिलते हैं।
ii. भारत भूमि में धातुओं की खानें नहीं हैं।
उत्तर:
i. सत्य
i. असत्य

कृति इ. (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
पद्यांश में से उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. सुखद
  2. सुमन
  3. सरस

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:

  1. सुमन
  2. सरस
  3. वसुधा
  4. धातु

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. खान
  2. निराली
  3. सुरभित

उत्तर:

  1. खदान
  2. अनोखी
  3. सुगंधित

प्रश्न 4.
नीचे दिए हुए शब्दों के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. खान
ii. फल
उत्तर:
i. खान : खदान, खजाना
ii. फल : परिणाम, आम या अन्य फल

प्रश्न 5.
विलोम शब्द लिखिए।
i. आवश्यक × ………
i. सरस × ……
उत्तर:
i. अनावश्यक
ii. नीरस

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प्रश्न 6.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. सुख देने वाला –
ii. सब कुछ धारण करने वाली –
उत्तर:
i. सुखद
ii. धरा

कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘धरती पर उपलब्ध संसाधनों का हमें उचित ध्यान रखना चाहिए।’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
प्रकृति से प्राप्त संसाधनों को प्राकृतिक संसाधन कहा जाता है। हवा, पानी, खनिज, लकड़ी, मिट्टी, तेल, वनस्पति, जीवाश्म ईंधन व ऊर्जा आदि प्राकृतिक संसाधनों के उदाहरण है। हमें प्राकृतिक का इस्तेमाल सोच-समझकर ही करना चाहिए। उन्हें व्यर्थ में बरबाद करने से आगे चलकर मनुष्य जीवन ही खतरे में पड़ सकता है। सभ्यता के इस युग में लोगों ने अपनी आँखे बंद करके प्राकृतिक संसाधनों का अमर्यादित दोहन करना शुरू कर दिया है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है। पेड़ों की कटाई के विपरीत प्रभाव के कारण प्रदूषण एवं वर्षा की कमी हो रही है। इसलिए जीवन को संभव बनाना है, तो हमें धरती पर उपलब्ध संसाधनों का उचित उपयोग करना होगा।

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(ई) पद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ई (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि 16

कृति ई (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. विभव
  2. जननी
  3. विश्व
  4. प्रेम

उत्तर:

  1. संपन्न
  2. माता
  3. संसार
  4. प्यार

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. भय × …………
ii. दया ×……
उत्तर:
i. साहस
ii. निर्दयता

प्रश्न 3.
एक शब्द के लिए शब्द समूह लिखिए।
i. क्षमामयी
ii. शांतिकारिणी
उत्तर:
i. क्षमा करने वाली
ii. शांति निर्माण करने वाली

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. क्षेम
उत्तर:
i. क्षेम : कुशल मंगल, सुख

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कृति ई (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमारी मातृभूमि के प्रति जिम्मेदारी है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
मातृभूमि हमारी सर्वस्व है। उस पर सब कुछ अर्पण करने की भावना हमारे पास होनी चाहिए। मातृभूमि के प्रति प्रेम व सम्मान की भावना होनी चाहिए। हमें मन, वचन व कर्म से राष्ट्रहित के लिए कार्य करते रहना चाहिए। मातृभूमि की रक्षा के लिए हमें सदैव तैयार रहना चाहिए। यदि कोई हमारी मातृभूमि की ओर आँख उठाकर देखने की कोशिश करें, तो हमें सजग होकर उसका प्रतिकार करना चाहिए।

जब हम मातृभूमि के प्रति दायित्व एवं जिम्मेदारियों को ध्यान में रखेंगे, तो शीघ्र ही हमारा देश प्रगति के पथ पर बढ़ेगा और विश्व में हमारी मातृभूमि की कीर्ती फैलेगी। हमें अपने कर्तव्य पालन के साथ-साथ दूसरे लोगों को भी मातृभूमि के प्रति कर्तव्यनिष्ठ एवं जिम्मेदार बनाने हेतु प्रयास करना चाहिए। इस प्रकार मातृभूमि की शान बढ़ाने हेतु हमें उसके प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।

मातृभूमि Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म झाँसी जिले के चिरगाँव में हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली हिंदी में काव्य रचना करने वाले, प्रथम कवि थे। अपने साहित्य में उपेक्षित नारी जीवन की व्यथा एवं वेदना को अभिव्यक्त करने का महान कार्य इन्होंने किया। यह राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे। इनकी रचनाओं में राष्ट्रीय चेतना, भारत का गौरवशाली इतिहास व संस्कृति प्रतिबिंबित होती हैं। महात्मा गांधी द्वारा इन्हें राष्ट्रकवि’ की पदवी से सम्मानित किया गया है।

प्रमुख कृतियाँ : ‘साकेत’ (महाकाव्य), ‘यशोधरा’, ‘जयद्रथ वध’, ‘पंचवटी’, ‘भारत-भारती’, (खंडकाव्य), ‘रंग में भंग’, ‘राजा प्रजा’ (नाटक) आदि।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि

पद्य-परिचय :

खड़ी बोली। ब्रज भाषा के स्थान पर खड़ी बोली को अपनी कविताओं की काव्य भाषा बनाकर कवियों ने उसकी क्षमता से सभी को परिचित कराने का कार्य किया। देशभक्ति, राष्ट्रीयता, बंधुत्व भावना, गांधीवाद, मानवता आदि मूल्यों को अभिव्यक्त करने का कार्य खड़ी बोली काव्य ने किया। प्रस्तावना । ‘मातृभूमि’ इस कविता में राष्ट्रकवि गुप्त जी ने भारतभूमि का गौरवगान किया है। हम भारतीय भारतभूमि को ‘मातृभूमि’ कहकर संबोधित करते हैं। हमें मातृभूमि के प्रति कृतज्ञ भाव रखकर उस पर अपना सर्वस्व न्योछावर करने का संदेश कविता के माध्यम से दिया गया है।

सारांश :

‘मातृभूमि’ कविता के द्वारा भारत की धरती का सुंदर और मनोहारी चित्रण करते हुए गुणगान किया गया है। भारत की भूमि हरियाली, नदियों, सागरों, फूलों और फलों, सुगंधित व शीतल पवन, चाँदनी के प्रकाश आदि से सुशोभित है। मातृभूमि सत्य का स्वरूप है और वह सर्वशक्तिमान ईश्वर की सगुण मूर्ति है। मातृभूमि पर उपलब्ध प्राकृतिक स्रोतों से जो जल मिल रहा है; वह अमृत के समान उत्तम है। यहाँ पर छ: अतुओं के एक के बाद एक अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं।

भारत की भूमि विविध खाद्ययान्नों, धन-धान्य व प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। इसलिए मातृभूमि का ‘वसुधा’ एवं ‘धरा’ कहा जाता है। मातृभूमि क्षमामयी, दयामयी व सुखदायिनी है। वह अमृत, वात्सल्य व प्रेम की मूर्ति स्वरूप है। वह सबका दुख हरने वाली है। वह सबके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती है। इस प्रकार मातृभूमि के हम पर अनंत उपकार हैं। वह हमारी जननी है और हम उसकी संतान हैं।

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भावार्थ :

नीलांबर परिधान …………………………………… मूर्ति सर्वेश की।
मातृभूमि भारतमाता के सुंदर रूप का वर्णन करते हुए राष्ट्रकवि गुप्त जी कहते हैं, “मात्रभूमि ने हरे रंग का परिधान धारण किया है और उनके सिर पर नीला अंबर शोभायमान है। आसमान में उदित होने वाले सूर्य व चंद्र उसके युग मुकुट है व सागर करधनी के रूप में उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं। प्रेम रूपी प्रवाह के साथ नदियाँ बह रही हैं और चारों और सुंदर फूल खिले हैं; आसमान में रात्रि के समय प्रकाशित होने वाले तारों से मातृभूमि का सुंदर रूप और भी खिल रहा है।

मातृभूमि की महिमा का गुणगान कलरव के रूप में तरह-तरह के पक्षी कर रहे हैं। मातृभूमि का सिंहासन शेषनाग का फन है। बारिश के रूप में बादल इस मातृभूमि का अभिषेक कर रहे हैं। ऐसी भारतभूमि पर हमारा सब कुछ न्योछावर है। सचमुच, ऐसी गौरवमयी मातृभूमि सत्य का स्वरूप है और वह सर्वशक्तिमान ईश्वर की सगुण मूर्ति है।

ति निर्मल तेरा ……………………………… तम का नाश है।
मातृभूमि पर उपलब्ध प्राकृतिक स्रोतों से तो जल मिल रहा है। वह अमृत के समान उत्तम है। इस मातृभूमि पर बहने वाली शीतल-मंद व सुंगधित पवन मनुष्य के सारे कष्टों को दूर भगाती है। वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत व शिशिर इन छ: अतुओं के एक के बाद एक अदभुत दृश्य देखने को मिलते हैं। मातृभूमि का धरातल हरियाली से भरा हुआ है; जो किसी रोएँदार मखमल के कपड़े से कम नहीं है। रात में चंद्र का प्रकाश मातृभूमि को पवित्र ओस रूपी जलकणों से सींचता रहता है और दिन में सूर्य उदय होकर अंधकार को मिटा देता है।

सुरभित, सुंदर ………………………………………. नाम यथार्थ हैं।
मातृभूमि पर सुगंधित, सुंदर व सुखद सुमन खिलते हैं और अलग-अलग प्रकार के रसीले व अमृत के समान मीठे फल उगते हैं। यहाँ पर एक से एक निराली व अदभुत औषधियाँ उपलब्ध हैं। मातृभूमि पर धातु एवं श्रेष्ठ रत्नों की खानें हैं। सभी भारतवासियों को जिन-जिन पदार्थों एवं वस्तुओं की आवश्यकता होती है वे सारे पदार्थ एवं वस्तुएँ यहाँ पर विपुल मात्रा में उपलब्ध हैं। इसलिए मातृभूमि को वंसुधा-धरा’ कहा गया है। ये नाम उसके लिए पूरी तरह से उपयुक्त और सत्य भी है।

क्षमामयी …………………………………. तू प्राण है।
मातृभूमि क्षमामयी, दयामयी व सुखदायिनी है। वह अमृत, वात्सल्य व प्रेम से भरी हुई है। वह ऐश्वर्य देने वाली शक्ति हैं; वह विश्व का पालन करने वाली देवी है और सबका दुख हरने वाली दुखहर्ती है। वह भय का निवारण करती है शांति निर्माण करती है और सबके जीवन को सुख-समृद्धि से भर देती है। मातृभूमि शरणदायिनी देवी है अर्थात वह सभी को शरण देती है। वह सबको संकटों से मुक्ति दिलाती है सबकी रक्षा करने वाली हैं। हम सब इस मातृभूमि की संतान है। यह हम सबकी जननी है; यह हमारी नवचेतना है; यह हमारा प्राण है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 मातृभूमि

शब्दार्थ :

  1. अंबर – आसमान
  2. हरित – हरा
  3. पट – वस्व
  4. निशा मेखला – करधनी
  5. सगुण – गुणयुक्त
  6. सर्वेश – ईश्वरी
  7. मुकुट – ताज
  8. निर्मल – पवित्र, शुद्ध
  9. खग – पक्षी
  10. परिधान – वस्त्र, कपड़ा
  11. रत्नाकर – सागर
  12. पयोद – बादल, मेघ
  13. सुचि – पवित्र, शुद्ध
  14. सुधा शक – अमृत, जल
  15. नीर – पानी
  16. उत्तम – श्रेष्ठ
  17. पवन – हवा
  18. फर्श – धरातल
  19. तम – अंधकार, अंधेरा
  20. तरणि – सूर्य
  21. खान – खदान
  22. निराली – अनोखी
  23. सुरभित – सुगंधित, सौरभित
  24. वैभव – संपन्नता, बहुतायत
  25. जननी – माता
  26. विश्व – संसार

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 10 Hindi Chapter 4 Do Gazal Question Answer Maharashtra Board

Std 10 Hindi Chapter 4 Do Gazal Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 दो गजलें Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokvani 10th Digest Chapter 4 दो गजलें Questions And Answers

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 4 दो गजलें Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 1

उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 2

2. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 4

3. कृति में दिए गज़ल में प्रयुक्त शब्दों की उचित जोड़ियाँ क्रमशः अ और आ तालिका में लिखिए।

प्रश्न 1.
कृति में दिए गज़ल में प्रयुक्त शब्दों की उचित जोड़ियाँ क्रमशः अ और आ तालिका में लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 5
उत्तर:

छाँव उम्मीद
अनुभव ज्ञान
पर उड़ान
जान जिंदगानी

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4. उचित शब्द का चयन करते हुए वाक्य पूर्ण कीजिए।
(मिट्टी, कैद, बंदी, रिहा, छूटना)

प्रश्न 1.
उचित शब्द का चयन करते हुए वाक्य पूर्ण कीजिए।
(मिट्टी, कैद, बंदी, रिहा, छूटना)
i. अजब ये जिंदगी की ……….. है।
ii. रिहाई माँगता है और ……….. होने से डरता है।
उत्तर:
i. कैद
ii. रिहा

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5. सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए।

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार शब्द में परिवर्तन कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 7

6. ‘जीवन में डर की जगह सावधानी एवं साहस चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। 

प्रश्न 1.
‘जीवन में डर की जगह सावधानी एवं साहस चाहिए।’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
डर वह भावना है; जो इंसान को कमजोर बना देती है और साहस वह भावना होती है; जो इंसान के हौसलों में उड़ान पैदा करती है। व्यक्ति को अपने जीवन में डर का त्याग कर साहस और सावधानी को अपनाना चाहिए। उसे प्रत्येक काम साहस के साथ सावधानीपूर्वक करना चाहिए। सावधानी बरतने से व्यक्ति के सारे काम सुचारू रूप से पूर्ण होते हैं। साहस असंभव कार्य को भी संभव बनाने की शक्ति रखता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में साहस को नहीं अपनाता है: वह व्यक्ति कभी भी सफल नहीं होता। जीवन में कई सफल व्यक्ति हैं, जिन्होंने डर की जगह सावधानी एवं साहस को अपनाकर संसार में अद्भुत कार्य करके सभी को अपने प्रभावी व्यक्तित्व से प्रेरित किया।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना के अनुसार भेद लिखिए।

  1. वह आदमी भी उस गाँव में रहने के लिए तैयार हो गया। [ ]
  2. स्टेशन मास्टर ने सिग्नल नहीं दिया और गाड़ी आउटर पर खड़ी रही। [ ]
  3. मजे की बात यह है कि एक समाचारपत्र के कितने उपयोग हो सकते हैं। [ ]
  4. वह पशु-पक्षियों के बीच बातें करता दिखाई देता। [ ]
  5. आप उस गाँव में जाएंगे तो आपको उस खोए हुए आदमी की वहाँ स्थापित मूर्ति दिख जाएगी। [ ]
  6. नींद आती रहती है, जाती रहती है और रह-रहकर टूटने के बावजूद उसमें लय बनी होती है। [ ]

उत्तर:

  1. सरल वाक्य
  2. संयुक्त वाक्य
  3. मिश्र वाक्य
  4. सरल वाक्य
  5. मित्र वाक्य
  6. संयुक्त वाक्य

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प्रश्न 2.
पाठों में आए रचना के अनुसार वाक्यों के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तरः
1. सरल वाक्य :
i. इससे मेरा भी मन बड़ा दुखी होता है।
ii. मैंने सबकी बात सुनी है।

2. मिश्र वाक्य :
i. जैसी करनी वैसी भरनी।
ii. हमें चाहिए कि हम हवा और पानी को अपना दोस्त बनाकर उन्हें नुकसान न पहुँचाएँ।

3. संयुक्त वाक्य :
i. सोना तो मिट्टी है और मिट्टी का मोह पालकर आज तक किसी ने शांति नहीं पाई।
ii. लोग उसके दर्शन को आने लगे और धीरे-धीरे चारोंतरफ साधु का यश फैल गया।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के अर्थ के अनुसार भेद लिखिए।

  1. सुबह उठता हूँ तो थोड़ी ताजगी महसूस होती है। [ ]
  2. अरे, वहीं अटके रहोगे, मुझसे बात नहीं करोगे? [ ]
  3. कई दिनों तक मैं तुम्हारे चौके में नहीं गई। [ ]
  4. ठीक है, मुकदमें की कार्यवाही शुरू करें। [ ]
  5. अरे! हवा रानी, नाराज मत हो। [ ]
  6. इस बात के लिए ये गाँववाले ही जिम्मेदार हैं। [ ]
  7. अधिक वर्षा के लिए कौन जिम्मेदार है? [ ]
  8. अच्छा! निकलती हूँ बस पाँच मिनट चाहिए मुझे तैयार होने के लिए। [ ]
  9. हौं राजीव, आओ बैठो।
  10. यह एक भोले इंसान का विश्वास नहीं था।

उत्तर:

  1. विधानार्थक वाक्य
  2. प्रश्नार्थक वाक्य
  3. निषेधार्थक वाक्य
  4. आज्ञार्थक वाक्य
  5. आज्ञार्थक वाक्य
  6. विधानार्थक वाक्य
  7. प्रश्नार्थक वाक्य
  8. विस्मयादिबोधक वाक्य
  9. आज्ञार्थक वाक्य
  10. निषेधार्थक वाक्य

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प्रश्न 4.
पाठों में आए अर्थ के अनुसार वाक्यों के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तरः
1. विधानार्थक वाक्य :
i. मैं तेजी से वहाँ जाती हूँ।
ii. महाराज यह आरोप झूठा है।

2. आज्ञार्थक वाक्य :
i. पहले पानी को बुलाया जाए।
ii. सेठ मेरा इनाम दें।

3. निषेधार्थक वाक्य :
i. कहीं भी कोई नहीं था।
ii. उसमें भी मेरा कुछ नहीं है।

4. प्रश्नार्थक वाक्य :
i. तू कौन है?
ii. उसकी माया में मुझे क्यों फँसाता है?

5. विस्मयादिबोधक वाक्य :
i. काश, अपने गाँव-शहर में हमें भी ऐसा ‘खोया हुआ आदमी’ मिल जाता!
ii. हाँ महाराज! आज सब शिकायतें हवा और पानी के बारे में हैं।

6. संदेहसूचक वाक्य :
i. शायद मैं खो गया हूँ।
ii. संभव है कि पानी दूषित होने से बच जाए।

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उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय में आयोजित की जानेवाली क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का आयोजक के नाते विज्ञापन तैयार कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 8
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 9

Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 4 दो गजलें Additional Important Questions and Answers

(अ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 10

प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त प्राकृतिक घटकों के नाम
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 11

कृति अ (2) : शब्दसंपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।

  1. आसमान
  2. पर
  3. इतमीनान
  4. सोच

उत्तरः

  1. अंबर
  2. पंख
  3. तसल्ली
  4. विचार

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प्रश्न 2.
पद्यांश में प्रयुक्त ऐसे दो शब्द लिखिए जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते हैं।
उत्तर:
i. पेड़
ii. पर

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. हवा में उड़ने की क्रिया
उत्तरः
i. उड़ान

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के अनेक अर्थ लिखिए।
i. फल
ii. पर
उत्तर:
i. फल : खाने का फल, परिणाम
ii. पर : परंतु, पंख

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कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अनुभव सबसे बड़ा शिक्षक होता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
जीवन-रूपी यात्रा में सीखने के लिए कोई किताब साथ नहीं होती। व्यक्ति अपने अनुभवों से ही सीखता है। व्यक्ति जीवन में कार्य करते समय कई गलतियाँ करता रहता है। उन गलतियों से उसका अनुभव समृद्ध हो जाता है। वह फिर से उन गलतियों को नहीं दोहराता। वह अपनी गलतियों से बहत सारी बातें सीखता है और स्वयं के अनुभव को समृद्ध बनाता है। अनुभव सोने के समान होता है।

जिस प्रकार सोना तप-तप कर तैयार हो जाता है उसी प्रकार अनुभव दिन-रात की मेहनत एवं लगन से प्राप्त किया जाता है। व्यक्ति के जीवन में आने वाले अच्छे-बुरे अनुभव उसके मार्गदर्शक बनते हैं। अनुभव से मिलने वाला ज्ञान व्यक्ति को सफलता के शिखर पर पहुँचा देता है। अनुभवहीन ज्ञान जीवन की सच्चाई के सामने टिक नहीं पाते। अत: अनुभव ही सबसे बड़ा शिक्षक होता है।

(आ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 दो गजलें 13

प्रश्न 3.
निम्नलिखित गलत विधान सही करके लिखिए।
i. प्रकृति ने हमें जिंदगी बख्शी है।
उत्तरः
ईश्वर ने हमें जिंदगी बख्शी है।

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ii. ईश्वर सायबान निर्माण करेगा।
उत्तर:
इंसान सायबान निर्माण करेगा।

कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. संसार
  2. स्वयं
  3. आशा
  4. ईश्वर

उत्तर:

  1. दुनिया
  2. खुद
  3. उम्मीद
  4. खुदा

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. छाया
उत्तर:
i. छाँव

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. घर के आगे छाया हेतु बनाया गया छप्पर
उत्तर:
i. सायबान

कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यक्ति को जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए। उसे दूसरों से मदद की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आत्मनिर्भर यानी स्वावलंबी। व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए। उसे दूसरों पर आश्रित नहीं होना चाहिए। यदि व्यक्ति अपने जीवन में दूसरों पर आश्रित रहता है, तो वह तरक्की नहीं कर सकता है। आत्मनिर्भर बनने के लिए व्यक्ति में दृढ़ इच्छा शक्ति का होना जरूरी होता है। आत्मनिर्भर व्यक्ति सदैव कोशिश करते रहता है। इसलिए वह सफलता की मंजिल हासिल करने में सफल हो जाता है। वह भाग्य के भरोसे नहीं बैठता है। आत्मनिर्भर बनकर वह अपनी क्षमताओं का विकास कर लेता है। अब्राहम लिंकन व नेपोलियन जैसे महापुरुषों का जन्म निर्धन परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवन में आत्मनिर्भर बनकर सफलता की सीढ़ी हासिल की। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आत्मनिर्भर होना चाहिए।

(इ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. अजब
ii. रिहाई
उत्तर:
i. जिंदगी की कैद कैसी है?
ii. दुनिया का हर इंसान क्या माँगता है?

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प्रश्न 2.
पद्यांश के आधार पर समझकर लिखिए।
i. इंसान के बस और काबू में ये नहीं है –
ii. हर शख्स इसका बना खिलौना है –
उत्तर:
i. इंसान के बस में जिंदगी नहीं है और काबू में मौत नहीं है।
ii. मिट्टी का

कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों में उचित उपसर्ग का प्रयोग कीजिए।

  1. मौत
  2. पल
  3. काबू

उत्तर:

  1. बेमौत
  2. हरपल
  3. बेकाबू

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तत्सम शब्द का तद्भव रूप लिखिए।
i. मृदा
उत्तर:
i. मिट्टी

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. फना
  2. मौत
  3. रिहाई
  4. काबू

उत्तर:

  1. नष्ट
  2. मृत्यु
  3. मुक्ति
  4. नियंत्रण

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. बड़ा × ……….
i. जिंदगी × ………….
उत्तर:
i. छोटा
ii. मौत

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कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
बचपन की दुनिया और बड़ों की दुनिया में क्या अंतर है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बचपन की दुनिया में मासूमियत होती है और बड़ों की दुनिया मुश्किलों और परेशानियों से भरी होती है। बचपन जीवन की एक ऐसी अवस्था होती है; जहाँ पर जीवन का मस्ती से आनंद लिया जाता है और बड़ों की दुनिया जिम्मेदारियों से भरी होती है। कई लोगों को इस कारण जिंदगी कैद के समान लगती है।

लेकिन बच्चों के लिए जिंदगी खुशियाँ एवं प्यार लेकर आती है। मुस्कुराना, शरारत करना, रूठना और फिर सब भुलाकर एक हो जाना; ये बच्चों की पहचान होती है। वहीं बड़ों के जीवन में ईर्ष्या, द्वेष एवं कलह होता है। बच्चे दुनियादारी के झमेलों से दूर होते हैं, तो बड़ों की दुनिया कई प्रकार के झमेले में उलझती रहती है।

दो गजलें Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : राजेश रेड्डी जी का जन्म सन १९५२ में महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था। राजेश जी हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू भाषा के ज्ञाता हैं। जगबीती को आपबीती में परिवर्तित कर गज़ल लिखने में रेड्डी जी कुशल माने जाते हैं। ये विविध भारती, मुंबई से भी जुड़े हैं। इन्होंने अपनी प्रतिभा से गज़ल एवं नाटक विधा को समृद्ध किया है।
प्रमुख कृतियाँ : ‘उड़ान’, ‘आसमान से आगे’, ‘वजूद’ (गज़ल संग्रह) आदि।

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पद्य-परिचय :

गज़ल : ‘गज़ल’ यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य-विधा है। गज़ल एक ही बहर और वज़न के अनुसार लिखे गए शेरों का समूह है। इसके पहले शेर को मतला कहते हैं। गज़ल के अंतिम शेर को मक़्ता कहते हैं।
प्रस्तावना : ‘दो गज़लें’ इस गज़ल में दो गज़लें सम्मिलित की गई हैं। पहले गज़ल से हमें यह संदेश मिलता है कि व्यक्ति के पास कोई भी कार्य करने से पहले जोश, उत्साह, ज्ञान, आत्मविश्वास आदि का होना जरूरी होता है। दूसरी गज़ल में कवि ने बताया है कि बचपन मासूमियत से भरा होता है। बड़े होने पर परेशानियाँ आती हैं, जिस कारण इंसान अनेक प्रकार की परेशानियों से घिर जाता है।

सारांश :

‘दो गज़लें’ यह एक गज़ल है। इस गज़ल के द्वारा कवि कहता है कि व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपने आप में जोश, उत्साह, आत्मविश्वास आदि का निर्माण करना चाहिए। व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपनी आँखों से जिंदगी को पढ़ लेना चाहिए। खुद के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान के बिना कार्य की पूर्ति नहीं होती। जीवन में संयम व धैर्य का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। कवि मानवतावादी है। अत: वह मानव की भलाई की कामना रखता है।

व्यक्ति को दूसरों से अपेक्षा रखने के बजाय स्वयं आत्मनिर्भर होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसी वाणी में सबके साथ वार्तालाप करना चाहिए कि उसके विचार दूसरों के हृदय में सदा के लिए बस जाए। कवि इस गज़ल के माध्यम से कहता है कि आज का व्यक्ति दुख, तकलीफों और परेशानियों से चारों ओर से घिर चुका है। दुनिया-समाज में पड़कर व्यक्ति की बचपन जैसी मासूमियत खोने लगी है। वह नश्वर है। फिर भी उसकी महत्वाकांक्षा पूरी होती नहीं दिखती। वह अपनी ही जिंदगी में कैद हो गया है। वह मुक्ति भी पाना चाहता है. और इच्छाओं को भी नष्ट करना नहीं चाहता।

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भावार्थ :

पहले इक आसमान …………………… उड़ान पैदा कर।
व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपने आप में जोश, उत्साह व आत्मविश्वास उत्पन्न करना चाहिए। इसलिए कवि कहते हैं कि व्यक्ति को अपने परों में यानी मन में हौसला भरने से पहले आसमान यानी सकारात्मक परिस्थिति उत्पन्न कर लेनी चाहिए। सकारात्मक परिस्थिति व आत्मविश्वास के बिना व्यक्ति सफलता की ऊंची मंजिल हासिल नहीं कर सकता।

अपनी आँखों से ………………. पैदा कर।
व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले अपनी आँखों से जिंदगी को पढ़ लेना चाहिए। स्वयं के अनुभवों से प्राप्त ज्ञान के बिना कार्य की पूर्ति नहीं होती। व्यक्ति का अनुभव समृद्ध होना बेहद जरूरी है। अनुभव समृद्ध व्यक्ति के पास ज्ञान का भंडार होता है। अनुभवों के द्वारा ही व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति होती है।

सब के पेड़ ………………… पैदा कर।
जीवन में संयम व धैर्य का बहुत ही महत्त्व होता है। संयम व धैर्य के बिना मनुष्य को मनचाहे फल की प्राप्ति नहीं हो सकती। कहा भी । गया है कि सब्र का फल मीठा होता है। धैर्य और संयम से आज नहीं तो कल सब का फल जरूर मिलता है। इसलिए व्यक्ति की सोच में भी इतमीनान यानी तसल्ली होनी चाहिए। उसे कोई भी कार्य करने से पहले तसल्ली से सोचना चाहिए।

ऐ खुदा! ………………………… पैदा कर।
कवि इंसान का भला चाहता है। वह नहीं चाहता कि इंसान दुख-दर्द में अपना जीवन व्यतीत करे। इंसान के जीवन में खुशहाली आए । इसलिए कवि ईश्वर से ऐसे सुंदर संसार की कामना करता है; जहाँ पर व्यक्ति सुख-चैन के साथ अपना जीवन जी सके।

तूने बख्शी है …………………….. पैदा कर।
कवि मानवतावादी है। अत: वह मानव की भलाई की कामना रखता है। वह ईश्वर से कहता है, “हे ईश्वर, तूने सभी को जिंदगी का । अनमोल उपहार दिया है। अत: तू ही इस जिंदगी में जान भरने का कार्य कर । तू ही लोगों में जिंदादिली निर्माण कर; ताकि लोग इस जिंदगी के सफर का आनंद ले सकें।

छोड़ दुनिया से ………………….. पैदा कर।
व्यक्ति को जीवन में किसी से भी, कोई भी उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। व्यक्ति को दूसरों से उम्मीद रखने के बजाय स्वयं आत्मनिर्भर होना चाहिए। व्यक्ति को दूसरों से सहायता की अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए; बल्कि स्वयं ही प्रकाशित होकर स्वयं की जिंदगी को उज्ज्वल बनाना चाहिए। दूसरों से छाँव की अपेक्षा रखने के बजाय स्वयं ही सायबान बनकर खुद को और दूसरों के जीवन में भी छाँव उत्पन्न करनी चाहिए।

दिल से निकले ………………… पैदा कर।
व्यक्ति की वाणी सरल, सहज और मीठी होनी चाहिए। उसके बोलने वाले शब्द दिल से निकले होने चाहिए। यदि वह इस प्रकार वाणी : का प्रयोग करेगा, तो निश्चित ही वह दूसरों की निगाहों में और दिलों में आसानी से जगह प्राप्त कर लेगा।

यहाँ हर शख्स …………………. डरता है।
कवि कहते हैं कि हर इंसान अपनी मृत्यु से सदा भयभीत रहता है। वह अपने ऊपर होनेवाले हादसों और आपदाओं से डरता रहता है। । 5. आखिर इंसान मिट्टी से बना हुआ एक खिलौना ही तो है। उसे एक दिन टूटना ही है। फिर भी वह न जाने क्यों नष्ट होने से डरता रहता है।

मेरे दिल के किसी ……………………… डरता है।
बचपन की मासूमियत सभी को प्यारी और अच्छी लगती है। उसे कोई भी भूलना नहीं चाहता। हर व्यक्ति के दिल में कहीं न कहीं बचपना छिपा रहता है। लेकिन बड़ों की दुनिया जो दुख और तकलीफों से भरी है, उसे देखकर वह अपने बचपन को कहीं न कहीं बचाए रखना चाहता । है। वह बड़ों की दुनिया के साथ बड़ा होना नहीं चाहता क्योंकि बड़ों की दुनिया में मासूमियत नहीं होती।

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शब्दार्थ :

  1. आसमान – अंबर
  2. पर – पंख
  3. सोच – विचार
  4. इतमीनान – तसल्ली , ढाढ़स
  5. जहान – संसार, जगत
  6. खुदा – ईश्वर
  7. उम्मीद – आशा, भरोसा
  8. खुद – स्वयं
  9. हादिसा – आपदा
  10. फना – नष्ट
  11. मौत – मृत्यु
  12. रिहाई – मुक्ति
  13. काबू – नियंत्रण, वश
  14. सायबान – घर के आगे छाया हेतु बनाया हुआ छप्पर
  15. जान – प्राण, जीवन
  16. सब्र – सबर, संयम, धैर्य

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