Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 12th Digest Chapter 12 लोकगीत Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 12th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत

12th Hindi Guide Chapter 12 लोकगीत Textbook Questions and Answers

कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर

आकलन

प्रश्न 1.
(अ) उत्तर लिखिए :
(१) मन को प्रसन्न करने वाले – ………………………………
(२) धरती को नहलाने वाले – ………………………………
उत्तर :
(1) बादल।
(2) मेघा।

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(आ) परिवर्तन लिखिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत 1
उत्तर :
बाग-बगीचे हरे-भरे हो गए हैं।
खेत और वन सब हरे-भरे हो गए हैं।

शब्द संपदा

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए :
अ – आ
(१) तालाब – (१) सरिता
(२) नदी – (२) सर
(३) बयार – (३) भ्रमर
(४) हवा – (४) भौंरा
उत्तर :
(1) तालाब – सर
(2) नदी – सरिता
(3) बयार – हवा
(4) भौंरा – भ्रमर।

अभिव्यक्ति

प्रश्न 3.
(अ) ‘सावन बड़ा मनभावन’, इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
सावन मास का नाम आते ही मन में ढेर सारी उमंगें हिलोरें मारने लगती हैं। सावन के महीने का भारतीय संस्कृति में विशेष महत्त्व है। कजरारी काली घटाएँ, उमड़ते-घुमड़ते, मदमाते बादल, रिमझिम फुहारें, भीना-भीना मौसम – सावन शब्द अपने आप में मनभावन है। अषाढ़ की तपती-झुलसाती गरमी के बाद सावन की ठंडी फुहारें तन व मन को प्रफुल्लता प्रदान करने के साथ वातावरण को भी सुरम्यता प्रदान करती हैं।

मुरझाई, कुम्हलाई धरा सावन की ठंडी फुहारों में भीग हरियाली की सुंदर चूनर ओढ़ स्वयं को बड़े मनमोहक अंदाज में सजा लेती है। सावन प्रकृति को तो सराबोर करता ही है, साथ ही मानव मन में भी उल्लास और उमंग भर देता है। प्रकृति खिलखिलाती है, तो मनमयूर झूम उठता है।

(आ) ‘बसंत के आगमन पर प्रकृति खिल उठती है’, इस तथ्य को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
भारत में बसंत ऋतु को सबसे सुंदर और आकर्षक मौसम माना जाता है। बसंत के आगमन पर प्रकृति खिल उठती है। पेड़ों की शाखाओं पर नए, हरे-गुलाबी पत्ते आ जाते हैं। चहुँ दिशाओं में रंग-बिरंगे सुगंधित पुष्प दृष्टिगोचर होते हैं। उन पर मँडराती सुंदर तितलियाँ सबका मन मोह लेती हैं।

हर तरफ हरियाली का साम्राज्य दिखाई पड़ता है। संरदियों की लंबी खामोशी के बाद पक्षी मधुर आवाज में पेड़ों की शाखाओं पर नाचना और गाना शुरू कर देते हैं। मानो वसंत का स्वागत कर रहे हों। इस मौसम में न अधिक सरदी होती है और न ही अधिक गरमी। आकाश बिलकुल साफ दिखाई देता है। खेतों में फसलें पकने लगती हैं। सभी के हृदय आनंद से परिपूर्ण होते हैं।

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रिसास्वादन

प्रश्न 4.
‘बसंत और सावन ऋतु जीवन के सौंदर्य का अनुभव कराते हैं। इस कथन के आधार पर कविता का रसास्वादन कीजिए।
उत्तर :
बसंत ऋतु आते ही हर तरफ फूल महकने लगते हैं। सरसों फूल जाती है और पूरी धरती हरियाली की चादर ओढ़कर खिल उठती है। कली-कली फूल बनकर मुस्कुराने लगती है। जिसके कारण तन-मन भी प्रसन्न हो जाते हैं। इस ऋतु के आने से खेत, वन, बाग-बगीचे सब हरे-भरे हो जाते हैं, इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों के समान भाँति-भाँति के रंग-बिरंगे फूल खिल उठते हैं। भौंरों के दल प्रसन्न होकर फूलों पर मँडराने लगते हैं।

काजल लगी कजरारी आँखों में सपने मुस्कुराने लगते हैं और कंठ से मीठे गीत फूटने लगते हैं। बाग-बगीचों में बहार आने के साथ ही यौवन भी अँगड़ाइयाँ लेने लगता है। मधुर-मस्त बयार चलने के कारण सबके तन-मन प्रसन्न हो जाते हैं। इसी प्रकार मनभावन सावन आने पर बादल घिर-घिरकर गरजने लगते हैं, बिजली चमकने लगती है और पुरवाई चलने लगती है। मेघ रिमझिम-रिमझिम करके बरसते रहते हैं।

मानो प्यार बरसाकर हृदय का तार-तार रँग रहे हों। हर व्यक्ति का मन गुलाब की तरह खिल जाता है। दादुर, मोर और पपीहे बोलकर सबके हृदय को प्रफुल्लित करते रहते हैं। अँधियारी रात में जुगनू जगमग-जगमग करते हुए इधर से उधर डोलकर सबका मन लुभाते हैं। लताएँ और बेलें सब फूल जाती हैं। डाल-डाल महक उठती है। सरोवर और सरिताएँ जल से भरकर उमड़ पड़ती हैं। सभी मनुष्यों के हृदय आनंदित हो उठते हैं।

साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान

प्रश्न 5.
(अ) लोकगीतों की दो विशेषताएँ :
………………………………………………………
………………………………………………………
उत्तर :
(1) लोकगीतों में गेयता तत्त्व प्रमुख होता है।
(2) लोकगीत मुख्यतः जनसाधारण के त्योहारों से संबंधित होते हैं।

(आ) लोकगीतों के दो प्रकार :
………………………………………………………
………………………………………………………
उत्तर :
(1) कजरी
(2) सोहर

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दसमूह के लिए कोष्ठक में दिए गए शब्दों में से सही शब्द चुनकर शब्दसमूह के सामने लिखिए।
(शब्द – पुरस्कार, मितव्ययी, शिष्टाचार, अखाद्य, अमूल्य, प्रणाम, अहंकार, हर्ष, गगनचुंबी, शोक, प्रवचन, अवैध, क्षमाप्रार्थी, मनोहर, अदृश्य)

  1. मन का गर्व –
  2. आंतरिक प्रसन्नता –
  3. जिस वस्तु का मूल्य आँका न जा सके –
  4. धार्मिक विषयों पर दिया जाने वाला व्याख्यान –
  5. किसी अच्छे कार्य से प्रसन्न होकर दी जाने वाली धनराशि –
  6. प्रिय व्यक्ति की मृत्यु पर प्रकट किया जाने वाला दुख –
  7. बड़ों के प्रति किया जाने वाला अभिवादन –
  8. कम व्यय करने वाला –
  9. आकाश को चूमने वाला –
  10. जो विधि या कानून के विरुद्ध हो –
  11. क्षमा के लिए प्रार्थना करने वाला –
  12. सभ्य पुरुषों का आचरण –
  13. मन को हरने वाला –
  14. जो दिखाई न दे –
  15. जो खाने योग्य न हो –

उत्तर :

  1. मन का गर्व – अहंकार
  2. आंतरिक प्रसन्नता – हर्ष
  3. जिस वस्तु का मूल्य आँका न जा सके – अमूल्य
  4. धार्मिक विषयों पर दिया जाने वाला व्याख्यान – प्रवचन
  5. किसी अच्छे कार्य से प्रसन्न होकर दी जाने वाली धनराशि – पुरस्कार
  6. प्रिय व्यक्ति की मृत्यु पर प्रकट किया जाने वाला दुख – शोक
  7. बड़ों के प्रति किया जाने वाला अभिवादन – प्रणाम
  8. कम व्यय करने वाला – मितव्ययी
  9. आकाश को चूमने वाला – गगनचुंबी
  10. जो विधि या कानून के विरुद्ध हो – अवैध
  11. क्षमा के लिए प्रार्थना करने वाला – क्षमाप्रार्थी
  12. सभ्य पुरुषों का आचरण – शिष्टाचार
  13. मन को हरने वाला – मनोहर
  14. जो दिखाई न दे – अदृश्य।
  15. जो खाने योग्य न हो – अखाद्य।

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Hindi Yuvakbharati 12th Digest Chapter 12 लोकगीत Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए
पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पद्यांशपढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत 2
उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत 3

प्रश्न 2.
कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तख्ता पूर्ण कीजिए :
(1) जइसे इंद्रधनुष के फूल रे, सुनु रे सखिया।
(2) बगिया फूलल यौबन फूल रे, सुनु रे सखिया।
(3) आइल बसंत के फूल रे, सुनु रे सखिया।
(4) कली-कली मुसुकाइल बन के फूल रे, सुनु रे सखिया।
उत्तर :
(1) आइल बसंत के फूल रे, सुनु रे सखिया।
(2) कली-कली मुसुकाइल बन के फूल रे, सुनु रे सखिया।
(3) जइसे इंद्रधनुष के फूल रे, सुनु रे सखिया।
(4) बगिया फूलल यौबन फूल रे, सुनु रे सखिया।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) नेत्र = ……………………………………….
(2) धरा = ……………………………………….
(3) कुसुम = ……………………………………….
(4) ऋतुराज = ……………………………………….
उत्तर :
(1) नेत्र = आँख
(3) कुसुम = फूल
(2) धरा = धरती
(4) ऋतुराज = बसंत

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पदयाश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पद्यांश पढ़करदी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए :
(1) ऐसी बयार बह रही है ……………………………………….
(2) गौरैया के माथे पर ऐसा फूल सजा है ……………………………………….
(3) हरेक का मन इसकी तरह खिल रहा है ……………………………………….
(4) फूलों के आस-पास ये मँडराने लगे ……………………………………….
उत्तर :
(1) मस्त।
(2) काला।
(3) गुलाब की तरह
(4) भौरे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिए परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) आँचल – ……………………………………….
(2) बरसना – ……………………………………….
(3) काला – ……………………………………….
(4) हृदय – ……………………………………….
उत्तर :
(1) आँचल – अँचरा
(2) बरसना – झरना
(3) काला – करिया
(4) हृदय – मनवा।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
पद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए :
(1) ………………………………..
(2) ………………………………..
(3) ………………………………..
उत्तर :
(1) झर-झर
(2) कली-कली
(3) तार-तार।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए :
अ – आ
(1) फूल – सहेली
(2) सखिया – प्रसून
उत्तर :
(1) फूल – प्रसून
(2) सखिया – सहेली

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कृति 3 : (अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
‘बसंत में ऐसा क्या है, जो बाकी ऋतुओं से भिन्न है’ 40 से 50 शब्दों मेंस्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
बसंत का आगमन होते ही वे पेड़, जो पतझड़ के कारण अनमने और उदासीन-से खड़े रहते हैं, नव पल्लवों से ढक जाते हैं, पुष्पित हो जाते हैं। प्रकृति झंकृत हो उठती है। कोयल मधुर-गान करने लगती है। ऐसा अन्य ऋतुओं में नहीं होता। सरदी में बहुत ठिठुरन होती है, तो गरमी में भयंकर ताप संतप्त करता है। वर्षा ऋतु में चारों ओर कीचड़, पानी और गंदगी दिखाई पड़ती है। पतझड़ में वृक्ष शोभाहीन हो जाते हैं। बसंत ऋतु अपने मनमोहक रंगों, गंध और मादकता के कारण अन्य ऋतुओं से भिन्न है। इस ऋतु के आने पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि पूरी प्रकृति ही मस्ती में झूम उठती है।

पद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत 4
उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत 5

प्रश्न 2.
काव्य पंक्तियाँ पूर्ण कीजिए :
(1) बदरा गरजै बिजुरी चमकै, …………………………………
(2) दादुर, मोर, पपीहा बोले, …………………………………
(3) संकर कहैं बेगि चलो सजनी, …………………………………
(4) लता, बेल सब फूलन लागी, …………………………………
उत्तर :
(1) बदरा गरजै बिजुरी चमकै, पवन चलति पुरवैया ना!
(2) दादुर, मोर, पपीहा बोलै, जियरा मोर हुलसावै ना!
(3) संकर कहैं बेगि चलो सजनी, बँसिया स्याम बजावै ना!
(4) लता, बेल सब फूलन लागी, महकी डरिया-डरिया ना!

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कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए :
(1) लता – …………………………………
(2) बेलें – …………………………………
(3) पपीहा – …………………………………
(4) बंसी – …………………………………
उत्तर :
(1) लता – लताएँ
(2) बेलें – बेल
(3) पपीहा – पपीहे
(4) बंसी – बंसियाँ।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए :
अ – आ
(1) बदरा – मुरली
(2) बंसी – बादल
उत्तर :
(1) बदरा – बादल
(2) बंसी – मुरली।

1. अलंकार :

प्रश्न 1.
म्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित अलंकार पहचानकर
उसका नाम लिखिए :
(1) देख लो साकेत नगरी है यही,
स्वर्ग से मिलने गगन में जा रही।
(2) मखमल के झूल पड़े हाथी-सा टीला
(3) गोपी पद-पंकज पावन की, रज जामैं सर भीजैं।
उत्तर :
(1) अतिशयोक्ति अलंकार
(2) उपमा अलंकार
(3) रूपक अलंकार।

2. रस :

प्रश्न 2.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस पहचानकर
उसका नाम लिखिए :
(1) मोको कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
खोजी होय तो तुरतहिं मिलिहैं, पल भर की तालास में।

(2) जो तुम आ जाते एक बार, कितनी करुणा, कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग, गाता प्राणों का तार-तार।

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(3) रे नृपबालक कालबस बोलत तोहि न सँभार।
धनुही सम त्रिपुरारि धनु बिदित सकल संसार।।
उत्तर :
(1) शांत रस
(2) शृंगार रस
(3) रौद्र रस।

3. मुहावरे :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) घाट-घाट का पानी पीना
अर्थ : हर प्रकार के अनुभव से परिपूर्ण होना।
वाक्य : बिना पैसे दिए उस अधिकारी से काम करवाना असंभव है, उसने घाट-घाट का पानी पीया है।

(2) आँखें चार होना
अर्थ : प्रेम होना।
वाक्य : आजकल के कुछ विद्यार्थियों की कॉलेज के दिनों है में आँखें चार हो जाती हैं।

(3) एक और एक ग्यारह
अर्थ : एकता में शक्ति होना।
वाक्य : जमींदार के अन्याय के खिलाफ उस युवक ने गाँव वालों को इकट्ठा कर कहा, ‘हम इस अन्याय का बदला लेकर जमींदार को बता देंगे कि एक और एक ग्यारह कैसे होते हैं।’

(4) कटे पर नमक छिड़कना
अर्थ : दुखी व्यक्ति को और दुखी करना।।
वाक्य : परेशान व्यक्ति को अपमानजनक शब्द कहना यह कटे पर नमक छिडकना है।

(5) शक्ल पर बारह बजना
अर्थ : बड़ा उदास होना।
वाक्य : बारहवीं कक्षा का अंतिम दिन था। मित्रों से बिछड़ने के ख्याल से हम सभी की शक्ल पर बारह बजे थे।

(6) पेट में दाढ़ी होना
अर्थ : अत्यंत चतुर होना।
वाक्य : अरुण शक्ल से भोला लगता है, पर उसके पेट में दाढ़ी है।

4. काल परिवर्तन :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को कोष्ठक में सूचित काल में परिवर्तन कीजिए :
(1) स्नेहा के हाथ से धागा छूटता है और पतंग उड़ जाती है। (सामान्य भूतकाल)
(2) हमारी साँस हमें पराए धन-सी लगती है। (सामान्य भविष्यकाल)
(3) वह आसमान पर रोज एक ख्वाब लिखता है। (पूर्ण भूतकाल)
(4) कोई ध्यान नहीं देता है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(5) कैसा सवाल पूछते हैं आप भी? (पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तर :
(1) स्नेहा के हाथ से धागा छूट गया और पतंग उड़ गई।
(2) हमारी साँस हमें पराए धन-सी लगेगी।
(3) उसने आसमान पर रोज एक ख्वाब लिखा था।
(4) कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
(5) कैसा सवाल पूछा है आपने भी?

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5. वाक्य शुद्धिकरण :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए :
(1) थोड़ी देर तीनों अपनी जोंपड़ी से बाहर थे।
(2) आज उशे नींद नहीं आ रई थी।
(3) इतने में पुलीस भी वहाँ पहुँच चूकी थी।
(4) लारी ऐक तेज आवाज के साथ आगे बड़ गई।
(5) जिंदगी की हलनचल का पत्ता आवाजों से लग रहा है।
उत्तर :
(1) थोड़ी देर बाद तीनों अपनी झोंपड़ी से बाहर थे।
(2) आज उसे नींद नहीं आ रही थी।
(3) इतने में पुलिस भी वहाँ पहुँच चुकी थी।
(4) लारी एक तेज आवाज के साथ आगे बढ़ गई।
(5) जिंदगी की हलचल का पता आवाजों से लग रहा है।

लोकगीत Summary in Hindi

लोकगीत विधा परिचय :
काव्य का एक प्रकार लोकगीत भी है। लोकगीतों की रचना पद, दोहा, चौपाई जैसे छंदों में की जाती है। लोकगीत में त्योहारों की बड़ी सरस अभिव्यक्ति पाई जाती है। इनमें गेयता तत्त्व प्रमुख होता है। कजरी, सोहर, चैती, बन्ना-बन्नी लोकगीतों के विभिन्न प्रकार हैं। लोकगीतों की भाषा में ग्रामीण जनजीवन का स्पर्श रहता है। ये परंपरा द्वारा अगली पीढ़ी तक पहुँच जाते हैं।

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लोकगीत विधा विधा परिचय :
काव्य का एक प्रकार लोकगीत भी है। लोकगीतों की रचना पद, दोहा, चौपाई जैसे छंदों में की जाती है। लोकगीत में त्योहारों की बड़ी सरस अभिव्यक्ति पाई जाती है। इनमें गेयता तत्त्व प्रमुख होता है। कजरी, सोहर, चैती, बन्ना-बन्नी लोकगीतों के विभिन्न प्रकार हैं। लोकगीतों की भाषा में ग्रामीण जनजीवन का स्पर्श रहता है। ये परंपरा द्वारा अगली पीढ़ी तक पहुँच जाते हैं।

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लोकगीत विधा विषय प्रवेश :
प्रस्तुत काव्य में बसंत ऋतु व सावन के आगमन पर होने वाले परिवर्तनों का सजीव चित्रण किया गया है। बसंत के आने से सरसों का फूलना, अलसी का अलसाना फूलों का महकना, खेत, बाग-बगीचों का हरा-भरा हो जाना, मधुर-मस्त बयार का चलना, तन और मन का प्रसन्न होना, यौवन का अंगड़ाइयाँ लेना, कजरारी आँखों के सपने और अंत में प्रिय के वियोग में आँखों से आँसुओं की झड़ी लगना आदि जनमानस की भावनाओं की सुंदर अभिव्यक्ति है।

सावन के महीने में बादलों का घिर-घिरकर आना, बिजली का चमकना, पुरवाई का चलना, दादुर, मोर, पपीहे का बोलना, अँधियारी रात में जुगनू का जगमग-जगमग करते हुए इधर से उधर डोलना, लताओं और बेलों का फूलना, डाल-डाल का महक उठना, सरोवर और नदियों का जल से भर जाना सभी मनुष्यों के हृदय आनंदित कर जाता है।

लोकगीत विधा कविता का सरल अर्थ

सुनु रे सखिया

(1) आइल बसंत के फूल ……………………………………………….. आइल।

नायिका अपनी सखी से कह रही है कि सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है। हर तरफ फूल महकने लगे हैं। बसंत के आने से सरसों फूल गई है, अलसी अलसाने लगी है और पूरी धरती मानो हरियाली की चादर ओढ़कर खिल उठी है। कली-कली फूल बनकर मुस्कुराने लगी है। सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है। इस ऋतु के आने से खेत और वन सब हरे-भरे हो गए हैं, जिसके कारण तन-मन भी प्रसन्न हो गए हैं।

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इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों के समान भाँति-भाँति के रंग-बिरंगे फूल खिल उठे हैं। सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है। काजल लगी कजरारी आँखों में सपने मुस्कुराने लगे हैं और कंठ से मीठे गीत फूटने लगे हैं। बाग-बगीचों में बहार आने के साथ ही यौवन भी अंगड़ाइयाँ लेने लगा है। सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है।

(2) बहे मस्त बयार ……………………………………………….. आइल।

मधुर-मस्त बयार चल रही है। मानो प्यार बरसाकर हृदय का तार-तार रँगने लगी है। हर व्यक्ति का मन गुलाब की तरह खिल रहा है। सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है। बाग-बगीचे हरे-भरे हो गए हैं। कलियाँ खिलने लगी हैं। भौंरों के दल प्रसन्न होकर फूलों पर मँडराने लगे हैं। गौरैया भी माथे पर काला फूल सजाकर इतराने लगी है। सुन सखी, बसंत ऋतु आ गई है।

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सखी, ऐसी मनभावन ऋतु में मेरे पिया मेरे पास नहीं है। प्रिय के वियोग में आँखों में लगा काजल भी चुभ रहा है। अच्छा नहीं लग रहा है। सेज मानो काँटों से भर गई है। आँसुओं की झड़ी लगी है। ये सभी मनमोहक दृश्य बबूल के काँटों की प्रतीति करा रहे हैं। पर सखी, बसंत ऋतु फिर भी आ गई है फूलों की महक लेकर।

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(3) सावन आइ गये ……………………………………………….. सावन।

मनभावन सावन आ गया है। बादल घिर-घिरकर आने लगे हैं। बादल गरज रहे हैं, बिजली चमक रही है और पुरवाई चल रही है। सावन आ गया है। मेघ रिमझिम-रिमझिम करके बरस रहे हैं और धरती को नहला रहे हैं। सावन आ गया है। दादुर, मोर और पपीहे बोल रहे हैं और मेरे हृदय को प्रफुल्लित कर रहे हैं। सावन आ गया है। अँधियारी रात में जुगनू जगमग-जगमग करते हुए इधर से उधर डोल रहे हैं और सबका मन लुभा रहे हैं।

सावन आ गया है। लता और बेल सब फूलने लगी हैं। डाल-डाल महक उठी है। सावन आ गया है। सभी सरोवर और सरिताएँ जल से भरकर उमड़ पड़ी हैं। सभी मनुष्यों के हृदय आनंदित हो रहे हैं। कवि शंकर कह रहा है हे प्रिय शीघ्र चलो, श्याम बाँसुरी बजा रहे हैं। सावन आ गया है।

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Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 12 लोकगीत

लोकगीत विधा शब्दार्थ (सुनु रे सखिया)

  • आइल = आया
  • हरसाइल = हर्षित होना
  • भइल = हुआ
  • चिटकाइल = चटककर खिल उठी
  • सेजरा = सेज
  • सरसाइल = सरस हुआ अर्थात फूलों से लद गई
  • गइल = गया
  • कजराइल = काजल लगाया
  • करिया = काला
  • अँचरा = आँचल

लोकगीत विधा (कजरी)

  • पुरवैया = पूरब की ओर से बहने वाली हवा
  • दादुर = मेंढक
  • सर = तालाब
  • मेहा = मेघ, बादल
  • हुलसावै = आनंदित होना
  • सरसै = आनंद से भर जाना

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12th Hindi Guide Chapter 11 कोखजाया Textbook Questions and Answers

कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर

आकलन

प्रश्न 1.
(अ) परिणाम लिखिए :
(a) मौसा अचानक चल बसे – …………………………………
(b) दिलीप उच्च शिक्षा के लिए लंदन चला गया – …………………………………
उत्तर :
(a) मौसा अचानक चल बसे – मौसी का जीवन एकाएक ठहर सा गया।
(b) दिलीप उच्च शिक्षा के लिए लंदन चला गया – तो वहीं का होकर रह गया।

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(आ) कृति पूर्ण कीजिए :
(a) बोर्ड पर लिखा वृद्धाश्रम का नाम – …………………………………
(b) दिलीप और रघुनाथ का रिश्ता – …………………………………
उत्तर :
(a) बोर्ड पर लिखा वृद्धाश्रम का नाम – मातेश्वरी महिला वृद्धाश्रम
(b) दिलीप और रघुनाथ का रिश्ता – मौसेरे भाई

शब्द संपदा

प्रश्न 2.
तद्धित शब्द लिखिए :
(१) बूढ़ा – …………………………………
(२) मानव – …………………………………
(३) माता – …………………………………
(४) अपना – …………………………………
उत्तर :
(1) बूढ़ा – बुढ़ापा
(2) मानव – मानवता
(3) माता – मातृत्व
(4) अपना – अपनापन

अभिव्यक्ति

प्रश्न 3.
(अ) ‘कोखजाया’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
वर्तमान भारतीय समाज में पारिवारिक व्यवस्था में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहे हैं। निकटस्थ रिश्ते भी भावनाओं से दूर निरर्थक होते जा रहे हैं। परिवार छोटे हो गए हैं। केवल ‘मैं और मेरे बच्चे’ ही परिवार का हिस्सा रह गए। इस भावना के फलने – फूलने में स्त्रियों का योगदान भी कम नहीं रहा।

‘मेरे पति की आमदनी पर सिर्फ मेरा और मेरे बच्चों का ही अधिकार है’ वाली भावना जोर पकड़ने लगी। ‘कोखजाया’ कहानी का उद्देश्य आज समाज में फैलती जा रही रिश्तों की निरर्थकता को चित्रित करते हुए यह दर्शाना भी है कि प्रत्येक रिश्ते में प्यार होना जरूरी है।

आज के समाज के केंद्र में धन, विलासिता सुख – सुविधाओं का स्थान सर्वोपरि हो गया है। आज की भौतिकवादी पीढ़ी में युवक विवाहोपरांत निजी स्वार्थ में इस तरह लिप्त हो जाते हैं कि वूद्ध माता – पिता की सेवा करना तो दूर, उनकी उपेक्षा करने लगते हैं। कहानी हमें यह भी संदेश देती है कि मनुष्य की इस प्रवृत्ति को बदलना होगा और रिश्तों को सार्थकता प्रदान करनी होगी वरना हमारी महान भारतीय संस्कृति रसातल में चली जाएगी।

का आधार हैं। संस्कारों की कमी, निहित स्वार्थ और भौतिकवादी सोच व्यक्ति को क्रूर बना रहे हैं। पैसों की होड़, मनुष्य के निजी स्वार्थ के कारण पारिवारिक रिश्तों में काफी गिरावट आई है। दो लोगों के बीच में पारस्परिक हितों का होना, बनना और बढ़ना रिश्तों को न केवल जन्म देता है, बल्कि एक मजबूत नींव भी प्रदान करता है। जैसे ही पारस्परिक हित निजी हित या स्वार्थ में बदल जाता है रिश्तों में ग्रहण लगना शुरू हो जाता है।

पारस्परिक हित में अपने हित के साथ – साथ दूसरे के हित का भी समान रूप से ध्यान रखा जाता है।

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(आ) ‘माँ के चरणों में स्वर्ग होता है’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
कहा जाता है कि माता के चरणों में स्वर्ग होता है। संसार का सुंदरतम व प्यारा शब्द है ‘माँ’। इसमें कितनी मिठास भरी है। माँ का दर्जा देवताओं से भी बढ़कर है। हमने परमात्मा को नहीं देखा, भगवान को नहीं देखा। हमारी माँ हमारे लिए भगवान का ही रूप है। परमात्मा इस सृष्टि का पालन करता है, यह हम सभी जानते हैं। माता के चरणों का स्पर्श करने से बल, बुद्धि, विद्या और आयु प्राप्त होती है। कितने कष्टों को सहकर माँ बच्चे को जन्म देती है, उसके पश्चात अपने स्नेहरूपी अमृत से सींचकर उसे बड़ा करती है। मातापिता के चरणों में स्वर्ग होता है, उनके आशीर्वाद से हमें हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।

हर कष्ट से मुक्ति मिलती है। उनका आदर और सम्मान करना हमारा सबसे पहला धर्म है। आज संसार में हमारा जो भी अस्तित्व है, जो भी पहचान है, उसका संपूर्ण श्रेय हमारे मातापिता को ही जाता है। विवेकी सुपुत्र अपने माता – पिता की आज्ञा की अवहेलना करके एक कदम भी नहीं चलते।

साथ ही लालच के कारण, धन के लिए माता – पिता की आज्ञा का उल्लंघन करने वालों की भी समाज में कमी नहीं है। आज आवश्यकता है मातृदेवो भव वाली वैदिक अवधारणा को एक बार पुनःप्रतिष्ठित करने की। तभी भारतीय समाज अपनी प्राचीन गरिमा को प्राप्त कर सकेगा।

पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न

प्रश्न 4.
(अ) मौसी की स्वभावगत विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
स्नेही : मौसी बड़ी स्नेही थीं। उन्होंने अपने पिता से मिली संपत्ति जबरन अपनी छोटी बहन को सौंप दी। लेखक की पढ़ाई – लिखाई में भी मौसी का योगदान था।

निरभिमानी : मौसी के पति प्रसिद्ध आई ए एस अधिकारी थे। वे हमेशा बड़े – बड़े पदों पर आसीन रहे। गुजरात में जिलाधिकारी रहे। अंत में भारत सरकार के वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे। परंतु मौसी को कभी भी अपने पति के पद या पावर का घमंड नहीं हुआ।

भावुक हृदया : मौसी बहुत भावुक हृदय की स्वामिनी थीं। एक बार उनके नैहर के गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। लोगों के हाहाकार और दुर्दशा से द्रवित होकर उन्होंने अपनी ससुराल से सारा जमा अन्न मँगवाया। आवश्यकतानुसार खरीदवाया भी। और पूरे गाँव के लिए भंडारा खुलवा दिया।

स्वाभिमानी : मौसी सरल हृदया थीं परंतु बड़ी स्वाभिमानी थीं। उनके एकमात्र पुत्र ने धोखे से उनकी सारी संपत्ति औने – पौने दामों में बेच दी। मौसी ने भारी हृदय से उस धोखे को भी आत्मसात कर लिया। परंतु वही पुत्र उन्हें एअरपोर्ट पर अकेले, निराश्रित छोड़कर चला गया। उसने एक बार भी यह नहीं सोचा कि माँ का क्या होगा, वह कहाँ जाएगी? तब मौसी ने वृद्धाश्रम में रहना उचित समझा। लोकलाज के भय से बेटा परिवार के साथ आया अवश्य, पर उनके छटपटाने, गिड़गिड़ाने के बावजूद मौसी ने मिलने से मना कर दिया, उनका मुँह तक नहीं देखा।

(आ) ‘मनुष्य के स्वार्थ के कारण रिश्तों में आई दूरी’, इसपर अपना मंतव्य लिखिए।
उत्तर :
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। रिश्ते सामाजिक संबंधों का आधार हैं। संस्कारों की कमी, निहित स्वार्थ और भौतिकवादी सोच व्यक्ति को क्रूर बना रहे हैं। पैसों की होड़, मनुष्य के निजी स्वार्थ के कारण पारिवारिक रिश्तों में काफी गिरावट आई है। दो लोगों के बीच में पारस्परिक हितों का होना, बनना और बढ़ना रिश्तों को न केवल जन्म देता है, बल्कि एक मजबूत नींव भी प्रदान करता है। जैसे ही पारस्परिक हित निजी हित या स्वार्थ में बदल जाता है रिश्तों में ग्रहण लगना शुरू हो जाता है। पारस्परिक हित में अपने हित के साथ – साथ दूसरे के हित का भी समान रूप से ध्यान रखा जाता है।

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साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान जानकारी लिखिए :

प्रश्न 5.
(अ) ‘कोखजाया’ कहानी के हिंदी अनुवादक का नाम –
उत्तर :
बैद्यनाथ झा।

(आ) कहानी विधा की विशेषता –
उत्तर :
कहानी विधा में जीवन में किसी एक अंश अथवा प्रसंग का वर्णन मिलता है। कहानियाँ अपने प्रारंभिक काल से ही सामाजिक बोध को व्यक्त करती है। समाज के बदलते मूल्यों, विचारों और दर्शन ने सदैव कहानियों को प्रभावित किया है। कहानियों के द्वारा हम किसी भी काल की सामाजिक, राजनीतिक दशा का परिचय आसानी से पा सकते हैं।

प्रश्न 6.
(अ) निम्न उपसर्गों से प्रत्येक के तीन शब्द लिखिए :

  1. अति – क्रमण : अतिक्रमण …………………. ………………….
  2. नि – कृष्ट : निकृष्ट …………………. ………………….
  3. परा – काष्ठा : पराकाष्ठा …………………. ………………….
  4. वि – संगति : विसंगति …………………. ………………….
  5. अभि – भावक: अभिभावक …………………. ………………….
  6. प्र – स्थान : प्रस्थान …………………. ………………….
  7. अ – विवेक : अविवेक …………………. ………………….
  8. अध – पका : अधपका …………………. ………………….
  9. भर – पूर : भरपूर …………………. ………………….
  10. कु – पात्र : कुपात्र …………………. ………………….

उत्तर :

  • अति – क्रमण : अतिक्रमण, अतिरिक्त, अतिशय।
  • नि – कृष्ट : निकृष्ट, निवास, निषेध।
  • परा – काष्ठा : पराकाष्ठा, पराजय, परास्त।
  • वि – संगति : विसंगति, विदेश, विवाद।
  • अभि – भावक : अभिभावक, अभिनव, अभिमान।
  • प्र – स्थान : प्रस्थान, प्रगति, प्रबल।
  • अ – विवेक : अविवेक, अधर्म, असत्य।
  • अध – पका : अधपका, अधबना, अधजला।
  • भर – पूर : भरपूर, भरपेट, भरसक।
  • कु – पात्र : कुपात्र, कुसंगति, कुप्रथा।

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(आ) निम्न प्रत्ययों से प्रत्येक के तीन शब्द लिखिए :

  1. आ – प्यास : प्यासा …………………. ………………….
  2. इया – पूरब : पुरबिया …………………. ………………….
  3. ई – ज्ञान : ज्ञानी …………………. ………………….
  4. ईय – भारत : भारतीय …………………. ………………….
  5. ईला – भड़क : भड़कीला …………………. ………………….
  6. ऊ – ढाल : ढालू …………………. ………………….
  7. मय – जल : जलमय …………………. ………………….
  8. वान – गुण : गुणवान …………………. ………………….
  9. वर – नाम : नामवर …………………. ………………….
  10. दार – धार : धारदार …………………. ………………….

उत्तर :

  1. आ – प्यास : प्यासा, प्यारा, दुलारा।
  2. इया – पूरब : पुरबिया, घटिया, जड़िया।
  3. ई – ज्ञान : ज्ञानी, विदेशी, गुजराती।
  4. ईय – भारत : भारतीय, शासकीय, राजकीय।
  5. ईला – भड़क : भड़कीला, रसीला, रंगीला।
  6. ऊ – ढाल : ढालू, चालू, रटू।
  7. जल : जलमय, ज्ञानमय, संगीतमय।
  8. वान – गुण : गुणवान, भाग्यवान, दयावान।
  9. वर – नाम : नामवर, ताकतवर, प्रियवर।
  10. दार – धार : धारदार, जमींदार, दुकानदार।

Hindi Yuvakbharati 12th Digest Chapter 11 कोखजाया Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए
गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
(a) मौसी का नाम – …………………………………
उत्तर :
(a) मौसी का नाम – मिसेज गंगा मिश्र

प्रश्न 2.
वाक्य सही करके लिखिए :
(1) रघुनाथ चौधरी की बुआ प्रतिभावान और प्रसिद्ध आई पी एस अधिकारी की पत्नी थीं।
(2) मामी को कभी अपने पति के पद और पावर का संतोष नहीं हुआ।
उत्तर :
(1) रघुनाथ चौधरी की मौसी प्रतिभावान और प्रसिद्ध आई ए एस अधिकारी की पत्नी थीं।
(2) मौसी को कभी अपने पति के पद और पावर का घमंड नहीं हुआ।

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प्रश्न 3.
कारण लिखिए :
(1) बड़े लोग ही अपने माता – पिता को अंतिम समय में वृद्धाश्रम भेजने लगे हैं।
(2) रघुनाथ चौधरी मौसी को देख अति दुखी हो गया।
उत्तर :
(1) बड़े लोगों के पास समय ही नहीं होता अपने माता – पिता के लिए।
(2) हमेशा बुलंदी पर रहने वाली मौसी एकदम लस्त – पस्त लग रही थी।

प्रश्न 4.
कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए :
(1) मौसी को इस कमरे/परिस्थिति/वृद्धाश्रम में देखकर रघुनाथ चौधरी सिर झुकाकर रोने लगा।
(2) वृद्धाश्रम के प्रबंधक/संचालक/मैनेजर का फोन कॉल सुनकर रघुनाथ चौधरी अवाक रह गया।
उत्तर :
(1) मौसी को इस परिस्थिति में देखकर रघुनाथ चौधरी सिर झुकाकर रोने लगा।
(2) वृद्धाश्रम के प्रबंधक का फोन कॉल सुनकर रघुनाथ चौधरी अवाक रह गया।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द समूहों के लिए एक शब्द परिच्छेद में से ढूँढ़कर लिखिए।
(1) वृद्ध लोगों के रहने का स्थान – ……………………………..
(2) साथ में काम करने वाला – ……………………………..
(3) प्रश्न के उत्तर में प्रश्न – ……………………………..
(4) जिसे जानते न हों – ……………………………..
उत्तर :
(1) वृद्धाश्रम
(2) सहकर्मी
(3) प्रतिप्रश्न
(4) अनजान।

कृति 3 : (अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
‘वृद्धाश्रमों का जीवन’ विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए :
उत्तर :
कहा जाता है कि माता – पिता के चरणों में स्वर्ग होता है है। उनकी सेवा से साक्षात ईश्वर की प्राप्ति होती है। हमारे जिस देश में, जहाँ श्रवण कुमार जैसे पुत्र ने जन्म लिया हो, उसी देश में ऐसे भी अनेक पुत्र हैं, जो संपन्न और समृद्ध होते हुए भी वृद्ध माता – पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं।

शारीरिक रूप से सर्वथा अशक्त और असहाय हो चुके वृद्धों को जिस समय अपनों के अपनेपन की अधिक आवश्यकता होती है, उस समय वे निराश, हताश, अपने प्रियजनों से दूर वृद्धाश्रम में नितांत अजनबियों के , बीच एकाकी जीवन व्यतीत करने को बाध्य दिखाई देते हैं।

उस अपरिचित वातावरण में न तो उन्हें किसी प्रकार की भावात्मक सुरक्षा , मिल पाती है, न ही किसी की आत्मीयता या स्नेह। उन वृद्धों की मानसिक वेदना उनकी शारीरिक व्याधियों से कहीं अधिक पीड़ादायी और कष्टप्रद होती है। अनेक अवसरों पर तो वृद्धाश्रम के कर्मचारी भी उन्हें डाँटते – डपटते देखे जाते हैं। वे भली – भाँति जानते हैं कि इन असहाय वृद्धों की खोज – खबर लेने वाला कोई नहीं है।

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गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 2

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(a) मौसा इस प्रांत में जिलाधिकारी थे – ……………………………..
उत्तर :
(b) मौसा इस प्रांत में जिलाधिकारी थे – गुजरात।

प्रश्न 3.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए :
उत्तर :
(1) मौसाजी जब बिहार में जिलाधिकारी थे तो नाना का देहांत हुआ था। – असत्य।
(2) मौसी भी कभी – कभी लंदन आती – जाती रहती थीं। – सत्य
(3) दिलीप ने धोखे से उस मकान का सौदा आठ करोड़ रुपये में है कर दिया था। – सत्य।
(4) मौसी का श्राद्ध उनके गाँव में जाकर संपन्न किया गया। – असत्य।

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कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
परिच्छेद में से आई रिश्तों की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए :
(1) – ………………………………
(2) – ………………………………
(3) – ………………………………
(4) – ………………………………
उत्तर :
(1) मौसी – मौसा
(2) नाना – नानी
(3) माँ – पिताजी
(4) मौसी – भांजा।

प्रश्न 2.
परिच्छेद से शब्द चुनकर उनमें प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए:
(1) – ………………………………
(2) – ………………………………
(3) – ………………………………
(4) – ………………………………
उत्तर :
(1) संबंध + इत = संबंधित
(2) साहस + इक = साहसिक
(3) संदेह + पूर्ण = संदेहपूर्ण
(4) रंग + ईन = रंगीन।

कृति 3 : (अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
‘वृद्धाश्रम : घटते जीवन मूल्यों का प्रतीक’ विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
जिस भारतीय संस्कृति में माता – पिता को भगवान का दर्जा दिया जाता था, आज वहीं गली – गली में वृद्धाश्रम खुल गए हैं।

आज का युवा स्वार्थी बनकर रह गया है। स्व के अलावा उसे कुछ दिखाई ही नहीं देता। नई पीढ़ी अपने नैतिक मूल्यों को भूलती जा रही है। जिन माता – पिता ने हमारा हाथ थाम हमें चलना सिखाया, कंधे पर बिठाकर दुनिया दिखाई, जरा कदम लड़खड़ाए झट आगे बढ़कर थाम लिया।

उनके हाथ – पाँव जब डगमगाने लगे, तो उन्हें सहारा देने के स्थान पर उनसे मुख मोड़ लेते हैं। संपत्ति के लिए माता – पिता तक को नोटिस दे देते हैं। एक बार माता – पिता की संपत्ति हाथ लग जाए तो अपने जन्मदाता ही बोझस्वरूप लगने लगते हैं। ऐसे पुत्र वास्तव में कृतघ्नी होते हैं।

उनके लिए हमारा करिअर, हमारी उन्नति, हमारे बच्चे, इसके अलावा हमारा कोई नहीं। अपनेपन की भावना जाने कहाँ लुप्त हो गई है। नैतिक मूल्य निरंतर घटते जा रहे हैं। बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं, अनुभवों का चलता – फिरता संग्रहालय हैं। हमें उन्हें आदरपूर्वक सँभालना चाहिए।

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गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 4

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए :
(1) मैडम, आपके बेटे ने आपके साथ यह किया है –
(2) यहाँ सात – आठ अफसर जमा थे –
(3) वह सिपाही इसे चलाते हुए मौसी के साथ चल पड़ा –
(4) इसमें कोई झंझट तो नहीं हो गया –
उत्तर :
(1) मैडम, आपके बेटे ने आपके साथ यह किया है – धोखा।
(2) यहाँ सात – आठ अफसर जमा थे – सिक्यूरिटी ऑफिस में।
(3) वह सिपाही इसे चलाते हुए मौसी के साथ चल – पड़ा – ट्रॉली।
(4) इसमें कोई झंझट तो नहीं हो गया – लगेज में।

प्रश्न 3.
गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों :
(1) अप्रत्याशित
(2) लॉटरी।
उत्तर :
(1) सिक्यूरिटी ऑफिस में मौसी कैसा व्यवहार करने लगीं?
(2) बाप का मरना दिलीप के लिए क्या निकलने जैसा था?

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प्रश्न 4.
किसने किससे कहा है, लिखिए :
(1) तुम यहीं बैठो, इमिग्रेशन के समय सब साथ हो जाएँगे –
(2) आप बैठिए, मैं पता लगाकर आता हूँ –
(3) इसका क्या अर्थ हुआ? –
(4) मैडम, मैं आपको दुख की एक बात बताने जा रहा हूँ –
उत्तर :
(1) तुम यहीं बैठो, इमिग्रेशन के समय सब साथ हो जाएँगे – दिलीप ने माँ से कहा है।
(2) आप बैठिए, मैं पता लगाकर आता हूँ – सिक्यूरिटी ने मौसी से कहा है।
(3) इसका क्या अर्थ हुआ? – मौसी ने सिक्यूरिटी अफसर से कहा है।
(4) मैडम, मैं आपको दुख की एक बात बताने जा रहा हूँ – एक – सिक्यूरिटी अफसर ने मौसी से कहा है।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द – युग्म ढूँढ़कर लिखिए :
(1) – ……………………………………
(2) – ……………………………………
(3) – ……………………………………
(4) – ……………………………………
उत्तर :
(1) सात – आठ
(2) नहीं – नहीं
(3) ओने – पोने
(4) पल – पल।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए :
(1) जरूरत – ……………………………………
(2) तिथि – ……………………………………
(3) सूचना – ……………………………………
(4) पत्नी – ……………………………………
उत्तर :
(1) जरूरत – जरूरतें
(2) तिथि – तिथियाँ
(3) सूचना – सूचनाएँ
(4) पत्नी – पत्नियाँ।

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गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 11 कोखजाया 6

प्रश्न 2.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए :
(1) घर का मालिक/खरीददार/किरायेदार घर वापस करने को तैयार हो गया।
(2) सभी बहुएँ/पत्नियाँ/संतानें एक जैसी नहीं होती।
(3) इसका श्रेय माँ और सपूत/पत्नी/सास दोनों को है।
(4) मेरी माँ/पत्नी/चाची भी फूट – फूटकर रो पड़ी।
उत्तर :
(1) घर का खरीददार घर वापस करने को तैयार हो गया।
(2) सभी संतानें एक जैसी नहीं होती।
(3) इसका श्रेय माँ और सपूत दोनों को है।
(4) मेरी पत्नी भी फूट – फूटकर रो पड़ी।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिए परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) सावधान – ……………………………….
(2) मृत्य – ……………………………….
(3) उदर – ……………………………….
(4) नवजात शिशु – ……………………………….
उत्तर :
(1) सावधान – सतर्क
(2) मृत्यु – अवसान
(3) उदर – कोख
(4) नवजात शिशु – होरिला

प्रश्न 4.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(1) दिलीप और उसके परिवार का मुँह – ……………………………….
(2) आई ए एस एसोसिएशन ने भारत से लेकर – ……………………………….
उत्तर :
(1) दिलीप और उसके परिवार का मुंह देखने के लिए मौसी कदापि तैयार नहीं हुई।
(2) आई ए एस एसोसिएशन ने भारत से लेकर इंग्लैंड तक हंगामा खड़ा कर दिया।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द परिच्छेद में से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) मृत x …………………………………
(2) अपकार x …………………………………
(3) उल्लंघन x …………………………………
(4) हानि x …………………………………
उत्तर :
(1) मृत x जीवित
(3) उल्लंघन x पालन
(2) अपकार x उपकार
(4) हानि x लाभ।

1. मुहावरे :

निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :

(1) खबर गर्म होना
अर्थ : चर्चा – ही – चर्चा होना।
वाक्य : सारी दुनिया में इस समय एक ही खबर गर्म है – कोरोना का प्रकोप।

(2) चिराग तले अँधेरा
अर्थ : गुणवान व्यक्ति में ही दोष होना।
वाक्य : गुप्ता जी ट्यूशन पढ़ाने के चक्कर में घर – घर घूमते है रहे और उनका बेटा दसवीं कक्षा भी पास नहीं कर पाया। इसी को कहते हैं चिराग तले अँधेरा।

(3) घर फूंक तमाशा देखना
अर्थ : अपनी ही हानि पर प्रसन्न होना।
वाक्य : उस जुआड़ी को समझाना व्यर्थ है, वह तो घर फूंक तमाशा देख रहा है।

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(4) जी जान से काम करना
अर्थ : पूरी क्षमता के साथ काम करना।
वाक्य : जापान के लोगों के बारे कहा जाता है कि वे जो भी काम करते हैं जी जान से करते हैं।

(5) सितारा चमकना
अर्थ : भाग्योदय होना।
वाक्य : हमारे देश में एक से बढ़कर एक धनाढ्य व्यापारी हैं, जिनका सितारा चमक रहा है।

(6) कुएँ में बाँस डालना
अर्थ : जगह – जगह खोज करना।
वाक्य : दादाजी का चश्मा उनके लिखने की मेज से गुम हो गया था, अब वे उसे ढूँढ़ रहे हैं कुएँ में बाँस डाल कर।

2. काल परिवर्तन :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को कोष्ठक में सूचित काल में परिवर्तन कीजिए :
(1) सभी एक – एक लोटा पानी डाल जाते हैं। (पूर्ण भूतकाल)
(2) अरे, रोते हैं आप! (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(3) बातचीत ऐसे ही प्रश्नों से जमती है। (सामान्य भविष्यकाल)
(4) मैं भिखारी को कंबल देता हूँ। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(5) ट्रस्ट के सचिव ने मुझे एक लिफाफा दिया। (अपूर्ण भूतकाल)
उत्तर :
(1) सभी एक – एक लोटा पानी डाल गए थे।
(2) अरे, रो रहे हैं आप!
(3) बातचीत ऐसे ही प्रश्नों से जमेगी।
(4) मैंने भिखारी को कंबल दिया है।
(5) ट्रस्ट का सचिव मुझे एक लिफाफा दे रहा था।

3. वाक्य शुद्धिकरण :

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए :
(1) गर्ग सहाब ने अपने वचन के पालन किया।
(2) आज अब उस अधयाय का अवशान हो गया है।
(3) मैं भावुख होकर बगीचे की और निकल जाता था।
(4) आफिस से अनुमति लेकर तुरंत विदा हो गया।
(5) मेने फिर चुप रहना ही उचित समजा।
उत्तर :
(1) गर्ग साहब ने अपने वचन का पालन किया।
(2) आज अब उस अध्याय का अवसान हो गया है।
(3) मैं भावुक होकर बगीचे की ओर निकल जाता था।
(4) ऑफिस से अनुमति लेकर तुरंत विदा हो गया।
(5) मैंने फिर चुप रहना ही उचित समझा।

कोखजाया Summary in Hindi

कोखजाया लेखक का परिचय

कोखजाया लेखक का नाम : श्याम दरिहरे। (जन्म 19 फरवरी, 1954.)

कोखजाया प्रमुख कृतियाँ : घुरि आउ मान्या, जगत सब सपना, न जायते म्रियते वा (उपन्यास), सरिसो में भूत, रक्त संबंध (कथा संग्रह), गंगा नहाना बाकी है, मन का तोरण द्वार सजा है (कविता संग्रह) आदि। विशेषता श्याम दरिहरे मैथिली भाषा के चर्चित रचनाकार हैं।

मैथिली भाषा में कहानी, उपन्यास तथा कविता में आपकी लेखनी की श्रेष्ठता प्रसिद्ध है। आपकी सभी रचनाएँ भारतीय संस्कृति में आधुनिक भावबोध को परिभाषित करती हैं। आपकी रचनाएँ पुरानी और नई पीढ़ी के मध्य सेतु का काम करती हैं। आपका साहित्य संप्रेषणीयता की दृष्टि से भावपूर्ण एवं बोधगम्य है।

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कोखजाया विधा : अनूदित साहित्य। अनूदित कहानी विधा में जीवन में किसी एक अंश अथवा प्रसंग के चित्रण द्वारा सामाजिक बोध को व्यक्त करती है।

कोखजाया विषय प्रवेश : वर्तमान भारतीय समाज में पारिवारिक व्यवस्था में बहुत बड़ा बदलाव आ गया है। निकटस्थ रिश्ते भी भावनाओं से दूर निरर्थक होते जा रहे हैं। आज के समाज के केंद्र में धन, विलासिता सुख – सुविधाओं का स्थान सर्वोपरि हो गया है। लेखक का मानना है कि मनुष्य की इस प्रवृत्ति को बदलना होगा और रिश्तों को सार्थकता प्रदान करनी होगी वरना हमारी महान भारतीय संस्कृति रसातल में चली जाएगी।

कोखजाया पाठ का सार

रघुनाथ चौधरी की मौसी बड़ी स्नेही और सरल हृदया थीं। पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने पिता द्वारा उनकी संपत्ति से प्राप्त अपना हिस्सा भी अपनी एकमात्र बहन यानि रघुनाथ चौधरी की माँ को दे दिया। उनके पति प्रसिद्ध आई ए एस अधिकारी थे। वे हमेशा बड़ेबड़े पदों पर आसीन रहे। अंत में भारत सरकार के वित्त सचिव के पद से रिटायर हुए थे। परंतु मौसी को कभी भी अपने पति के पद या पावर का घमंड नहीं हुआ।

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मौसी का एक ही पुत्र था दिलीप। उसने दिल्ली स्थित एम्स से अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की। उस समय रघुनाथ चौधरी के मौसा दिल्ली में ही किसी ऊँचे पद पर कार्यरत थे। जिस कारण दिलीप बड़े ऐशो आराम से पढ़ता रहा। आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन गया तो फिर नहीं लौटा।

एक बार मौसी के नैहर के गाँव में भयंकर अकाल पड़ा। लोगों के हाहाकार और दुर्दशा से द्रवित होकर भावुक हृदया मौसी ने अपनी ससुराल से सारा जमा अन्न मँगवाया। बाजार से भी आवश्यकतानुसार खरीदवाया और पूरे गाँव के लिए भंडारा खुलवा दिया।

इसी बीच हृदय गति रुक जाने के कारण मौसी के पति का स्वर्गवास हो गया। अंतिम संस्कार के लिए अपने परिवार के साथ

दिलीप घर आया। कई दिनों तक सरकारी कामों में उलझा रहा और अनेक कागजों पर मौसी से हस्ताक्षर करवाता रहा। मौसी से पूछे बिना, चुपके – चुपके धोखे से उनकी सारी संपत्ति औने – पौने दामों में बेच दी।

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लंदन जाने का दिन आया तो सभी एअरपोर्ट पहुंचे। मौसी को है एक जगह बैठाकर सब सामान की जाँच करवाने की कहकर चले ३ गए। काफी देर प्रतीक्षा करने के बाद भी जब वे लोग नहीं लौटे ३ तो चिंतित होकर मौसी ने सिक्यूरिटी पर पूछताछ की। वहाँ से उन्हें पता चला कि उनका एकमात्र पुत्र उनका टिकट रद्द करवाकर अपने परिवार को लेकर लंदन चला गया है अपनी माँ को एअरपोर्ट पर ३ अकेले, निराश्रित छोड़कर।

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उसने एक बार भी यह नहीं सोचा कि माँ का क्या होगा, वह कहाँ जाएगी? मौसी हतप्रभ रह गई। तभी आई जी गर्ग साहब आए। वे मौसा के साथ काम कर चुके थे, मौसी को पहचानते थे। मौसी ने उनसे किसी वृद्धाश्रम में रहने की इच्छा प्रकट की।

गर्ग साहब ने आई ए एस एसोसिएशन के माध्यम से भारत से लेकर इंग्लैंड तक हंगामा खड़ा कर दिया। मीडिया ने भी भारत में ३ वृद्धों और स्त्रियों की दुर्दशा पर लगातार समाचार प्रसारित करवाए, चर्चाएँ करवाई। लोकलाज के भय से दिलीप परिवार के साथ मौसी के पास आया, पर उनके छटपटाने, गिड़गिड़ाने के बावजूद मौसी ने मिलने से मना कर दिया, उनका मुँह तक नहीं देखा।

मौसी लगभग सात वर्ष उस वृद्धाश्रम में रहीं परंतु रघुनाथ चौधरी और उनकी पत्नी के अतिरिक्त कभी किसी से नहीं मिलीं। न कभी उस चहारदीवारी से बाहर निकलीं। रघुनाथ चौधरी प्रत्येक रविवार अपनी पत्नी के साथ उनसे मिलने अवश्य जाते थे। अंत में अपने पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार का अधिकार भी मौसी ने अपने कोखजाये अर्थात पुत्र से छीनकर रघुनाथ चौधरी को ही दिया।

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कोखजाया मुहावरे : अर्थ और वाक्य प्रयोग

(1) टस – से – मस न होना
अर्थ : अपनी बात पर अटल रहना।
वाक्य : निर्झरा को कितना ही समझाओ टस – से – मस नहीं होती।

(2) हाहाकार मचना
अर्थ : कोहराम मचना।
वाक्य : रेल दुर्घटना में घर के इकलौते होनहार इंजीनियर पुत्र के क्षत – विक्षत शव को देखकर पूरे परिवार में हाहाकार मच गया।

(3) द्रवित हो जाना
अर्थ : मन में दया/करुणा उत्पन्न होना।
वाक्य : पाठशाला जाने की आयु में छोटे – छोटे बच्चों को भीख माँगते देखकर माँ द्रवित हो जाती है।

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(4) चल बसना
अर्थ : मृत्यु होना। वाक्य : कोरोना नामक महामारी के कारण न जाने कितने
लोग अल्पायु में चल बसे।

कोखजाया शब्दार्थ

  • अवाक् = चुप, कुछ न बोलना
  • नैहर = मायका, पीहर
  • औने – पौने दामों में = कम दामों में
  • अकुलाना = व्याकुल होना
  • पैरवी = समर्थन में स्पष्टीकरण देना
  • अभिशप्त = शापित, जिसे कोई शाप मिल गया है
  • क्रय = खरीदना
  • सहेजना = बटोरना, अच्छी तरह से समेटकर रखना
  • अप्रत्याशित = अनपेक्षित, आशा के विरुद्ध
  • होरिला = बेटा, नवजात शिशु

कोखजाया मुहावरे

  • टस – से – मस न होना = अपनी बात पर अटल रहना
  • द्रवित हो जाना = मन में दया/करुणा उत्पन्न होना
  • हाहाकार मचना = कोहराम मचना
  • चल बसना = मृत्यु होना

Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 12th Digest Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 12th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट

12th Hindi Guide Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट Textbook Questions and Answers

कृति-स्वाध्याय एवं उत्तर

आकलन

प्रश्न 1.
लिखिए :
(अ) ओजोन गैस की विशेषताएं :
(a) …………………………………………
(b) …………………………………………
उत्तर :
(a) ओजोन गैस नीले रंग की होती है।
(b) यह प्रकृति में तीक्ष्ण और विषैली होती है और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है।

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(आ) ओजोन विघटन के दुष्प्रभाव :
(c) …………………………………………
(d) …………………………………………
उत्तर :
(c) ओजोन विघटन के कारण अंतरिक्ष से आने वाली पराबैंगनी किरणों से धरती के तापमान में वृद्धि होगी।
(d) अनेकानेक प्रकार की त्वचा संबंधी व्याधियाँ फैलेंगी। त्वचा के कैंसर के रोगियों की संख्या लाखों में होगी।

शब्द संपदा

प्रश्न 2.
कृदंत बनाइए:

(a) कहना – [ ]
(b) बैठना – [ ]
(c) लगना – [ ]
(d) छीजना – [ ]
उत्तर :
(a) कहना – कथन
(b) बैठना – बैठक
(c) लगना – लगाव
(d) छीजना – छीजन।

अभिव्यक्ति

प्रश्न 3.
(अ) भौतिक विकास के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
एक समय था जब धरती का बहुत बड़ा भाग घने जंगलों से ढका हुआ था। परंतु समय के साथ बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, औद्योगिक विकास के कारण वनों को बहुत तेजी से काटा गया। हजारों-लाखों वर्षों से संचित वन रूपी संपत्ति को हमने समाप्त कर दिया है। आए दिन बढ़ते उद्योग-धंधों के परिणामस्वरूप वायुमंडल में कार्बन-डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें बढ़ती जा रही हैं। ऑक्सीजन की कमी होने लगी है। हवा में अवांछित गैसों की उपस्थिति से मनुष्यों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे दमा, खाँसी, त्वचा संबंधी रोग उत्पन्न हो रहे हैं। वायु प्रदूषण के कारण जीन अपरिवर्तन, आनुवंशकीय रोग तथा त्वचा के कैंसर के खतरे बढ़ रहे हैं। वायु प्रदूषण से अम्लीय वर्षा के खतरे बढ़े हैं, क्योंकि बारिश के पानी में सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, जैसी जहरीली गैसों के घुलने की संभावना बढ़ी है।

(आ) ‘पर्यावरण रक्षा में हमारा योगदान’, इस विषय पर लिखिए।
उत्तर :
आज पूरी दुनिया पर्यावरण प्रदूषण से पीड़ित है। पर्यावरण प्रदूषण अर्थात हवा में ऐसी अवांछित गैसों, धूल के कणों आदि की उपस्थिति, जो लोगों तथा प्रकृति दोनों के लिए खतरे का कारण बन जाए। वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण है औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला धुआँ तथा रसायन। पर्यावरण की रक्षा में अपना योगदान देते हुए हमें प्लास्टिक का प्रयोग कम-से-कम करना चाहिए। रिसाइकल किए जा सकने वाली चीजों को फेंक नहीं देना चाहिए। जैसे अखबार, कागज, गत्ते, काँच आदि। पेट्रोल, डीजल आदि के उपयोग में कमी करनी चाहिए। पर्यावरण की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है। पर्यावरण है तो हमारा जीवन है।

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पाठ पर आधारित लघूत्तरी प्रश्न

प्रश्न 4.
(अ) ओजोन विघटन संकट से बचने के लिए किए गए अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों को संक्षेप में लिखिए।
उत्तर :
ओजोन विघटन संकट पर विचार करने के लिए अनेक देशों की पहली बैठक 1985 में विएना में हुई। बाद में सितंबर 1987 में कनाडा के मांट्रियल शहर में बैठक हुई, जिसमें दुनिया के 48 देशों ने भाग लिया था। इसके तहत यह प्रावधान रखा गया कि 1995 तक सभी देश सी एफ सी की खपत में 50 प्रतिशत की कटौती तथा 1997 तक 85 प्रतिशत की कटौती करेंगे। सन 2010 तक सभी देश सी एफ सी का इस्तेमाल एकदम बंद कर देंगे। इस दौरान विकसित देश नए प्रशीतकों की खोज में विकासशील देशों की आर्थिक मदद करेंगे।

(आ) ‘क्लोरो फ्लोरो कार्बन (सी.एफ.सी.) नामक यौगिक की खोज प्रशीतन के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्धि रही स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
सन 1930 से पहले प्रशीतन के लिए अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड गैसों का इस्तेमाल किया जाता था, जो अत्यंत तीक्ष्ण होने के कारण मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थीं। तीस के दशक में क्लोरो फ्लोरो कार्बन (सी. एफ. सी.) नामक यौगिक की खोज प्रशीतन के क्षेत्र में क्रांतिकारी उपलब्धि रही। ये रसायन रंगहीन, गंधहीन, अक्रियाशील होने के साथ ही अज्वलनशील होने के कारण आदर्श प्रशीतक माने गए। परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर सी एफ सी यौगिकों का उत्पादन होने लगा और घरेलू कीटनाशक, प्रसाधन सामग्री, दवाएँ, रंग-रोगन, यहाँ तक कि रेफ्रिजिरेटर और एयरकंडिशनर में इनका खूब इस्तेमाल होने लगा।

अलंकार
अतिशयोक्ति : जहाँ पर लोक सीमा अथवा लोकमान्यता का अतिक्रमण करके किसी विषय का वर्णन किया जाता है, वहाँ पर अतिशयोक्ति अलंकार माना जाता है। अतिशयोक्ति शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। अतिशय+उक्ति अर्थात् अत्यंत बढ़ा-चढ़ाकर कही गई बात।

उदा. –
(१) पत्रा ही तिथि पाइयों, वाँ घर के चहुँ पास
नितप्रति पून्यो रहयो, आनन-ओप उजास

(२) हनुमंत की पूँछ में लग न पाई आग।
लंका सगरी जल गई, गए निशाचर भाग।।

(३) पड़ी अचानक नदी अपार।
घोड़ा उतरे कैसे पार।।
राणा ने सोचा इस पार।
तब तक चेतक था उस पार।।

दृष्टांत : दृष्टांत का अर्थ है उदाहरण। किसी बात की सत्यता प्रमाणित करने के लिए उसी ढंग की कोई दूसरी बात कही जाती है जिससे पूर्व कथन की प्रामाणिकता सिद्ध हो जाए; वहाँ दृष्टांत अलंकार होता है।
उदा. –
(१) करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत जात है, सिल पर पड़त निसान।।

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(२) सबै सहायक सबल कै, कोउ न निबल सहाय।
पवन जगावत आग ही, दीपहिं देत बुझाय।।

(३) एक म्यान में दो तलवारें, कभी नहीं रह सकती हैं
किसी और पर प्रेम पति का, नारियाँ नहीं सह सकती हैं।

हिंदी की साहित्यिक विधाओं के अनुसार रचनाओं के नाम लिखिए। (अतिरिक्त अध्ययन हेतु)
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Hindi Yuvakbharati 12th Digest Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट Additional Important Questions and Answers

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए
गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
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उत्तर :
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिए परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए :
(1) भयानक = ………………………………………..
(2) महत्त्वपूर्ण = ………………………………………..
(3) अप्रभावित = ………………………………………..
(4) संपूर्ण = ………………………………………..
उत्तर :
(1) भयानक = भयावह
(2) महत्त्वपूर्ण = अहम
(3) अप्रभावित = अछूती
(4) संपूर्ण = समूची।

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कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द परिच्छेद में से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) अनिल = ………………………………………..
(2) नीर = ………………………………………..
(3) जगत = ………………………………………..
(4) निर्मल = ………………………………………..
उत्तर :
(1) अनिल = हवा
(3) जगत = दुनिया
(2) नीर = पानी
(4) निर्मल = स्वच्छ।

कृति 3 : (अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
‘बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने के उपाय’ विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
प्रदूषण एक प्रकार का धीमा जहर है, जो हवा, पानी, धूल आदि के माध्यम से न केवल मनुष्य, बल्कि पेड़-पौधों, पशुपक्षियों, वनस्पतियों को भी नष्ट कर देता है। इसे रोकने के लिए कारखानों की स्थापना शहरी क्षेत्र से दूर, चिमनियों की ऊँचाई अधिक और उनमें फिल्टर का प्रयोग करना चाहिए, जिससे अवशिष्ट पदार्थ और गैसें अधिक मात्रा में वायु में न मिल पाएँ। शहरों, औद्योगिक इकाइयों एवं सड़कों के किनारे अधिक से अधिक वृक्ष लगाने चाहिए।

ये पौधे प्रदूषण नियंत्रक का काम करते हैं। कारखानों से निकले अवशिष्ट पदार्थों को नदी, तालाब व झीलों में न डाला जाए। जिन तालाबों का जल पीने के काम में लाया जाता है, उसमें कपड़े, जानवर आदि नहीं धोने चाहिए। वनों की अनियंत्रित कटाई पर रोक लगाई जानी चाहिए। कृषि के लिए जैविक खाद, प्लास्टिक के स्थान पर कागज व कपड़े के थैलों का प्रयोग करें। पुन:पयोग, रिचार्ज और रिसायकल जैसी आदतों को अपनाना चाहिए। घर में टीवी, संगीत साधनों की हल्की आवाज, कार के हॉर्न, शादी-विवाह में बैंड-बाजा, पटाखे, लाउडस्पीकर के प्रयोग पर रोक लगाई जाए।

प्रदूषण संबंधी सभी कानूनों का कड़ाई से पालन करें।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
नाम लिखिए :
(1) सी एफ सी नामक यौगिक का आविष्कारक
(2) 1930 से पहले प्रशीतन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैसें –
उत्तर :
(1) सी एफ सी नामक यौगिक का आविष्कारक — थॉमस भिडले
(2) 1930 से पहले प्रशीतन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गैसें – अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड

प्रश्न 2.
परिणाम लिखिए : पराबैंगनी किरणें धरती की सतह पर आएँ तो –
उत्तर :
पराबैंगनी किरणें धरती की सतह पर आएँ तो इन्सान के साथ ही जीवमंडल के तमाम दूसरे जीव-जंतुओं को भारी नुकसान हो सकता है। मनुष्यों में अनेक रोग हो सकते हैं।

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प्रश्न 3.
घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए :
(1) हमारे कारनामों से प्राकृतिक संतुलन चरमरा गया है।
(2) इससे प्रशीतन प्रौद्योगिकी में एक क्रांति-सी आ गई।
(3) वायुमंडल में स्थित ओजोन की परत हमें घातक किरणों से बचाती है।
(4) विकास की अंधी दौड़ में हमने संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया है।
उत्तर :
(1) वायुमंडल में स्थित ओजोन की परत हमें घातक किरणों से बचाती है।
(2) विकास की अंधी दौड़ में हमने संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया है।
(3) हमारे कारनामों से प्राकृतिक संतुलन चरमरा गया है।
(4) इससे प्रशीतन प्रौद्योगिकी में एक क्रांति-सी आ गई। ..

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए :
(1) ……………………………….
(2) ……………………………….
(3) ……………………………….
(4) ……………………………….
उत्तर :
(1) रंग-रोगन
(2) जीव-जंतु
(3) पेड़-पौधे
(4) फलती-फूलती।

कृति 3 : (अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
‘विकास की अंधी दौड़ में आज का मनुष्य संतुष्ट होना भूल गया है’, इस विषय पर 40 से 50 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
संतोष और असंतोष का भाव मानव जीवन में बहुत महत्त्व रखता है। ईश्वर ने मनुष्य के साथ-साथ संसार की समस्त वस्तुओं को भी बनाया है। प्रकृति का प्रत्येक जीव इन वस्तुओं का उपयोग करता है और संतुष्ट रहता है। केवल मनुष्य ही है, जो कभी संतुष्ट नहीं होता। इसका कारण एक ही है कि पशु-पक्षी कल की ? चिंता न करके केवल वर्तमान में जीते हैं।

भविष्य के लिए संग्रह है तथा अधिक-से-अधिक सुविधाओं को प्राप्त करने का भाव ही दुख का कारण है। वही दुख मन में असंतोष पैदा करता है। मनुष्य को जो भी प्राप्त हो जाता है, उससे अधिक पाने के लिए वह और व्यग्र है हो जाता है। यह चक्र अनवरत रूप से चलता रहता है। ऐसे व्यक्ति बिरले ही होते हैं, जो अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट होना सीख लेते हैं। यही दुनिया के सबसे सुखी लोग हैं।

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गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
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उत्तर :
Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट 5

प्रश्न 2.
वाक्य सही करके लिखिए :
(1) सबसे पहले एक अमेरिकी वैज्ञानिक थॉमस मिडले ने बताया कि सी एफ सी यौगिक धरती की ओजोन परत को नष्ट कर चुके हैं।
(2) अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड यौगिक इस्तेमाल में आने के बाद वायुमंडल में पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं।
उत्तर :
(1) सबसे पहले एक अमेरिकी वैज्ञानिक एफ एस रोलैंड ने बताया कि सी एफ सी यौगिक धरती की ओजोन परत को नष्ट कर चुके हैं।
(2) सी एफ सी यौगिक इस्तेमाल में आने के बाद वायुमंडल में पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं।

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द परिच्छेद में से ढूँढ़कर लिखिए :
(1) अवगुण x ………………………….
(2) अंधकार x ………………………….
(3) नीचे x ………………………….
(4) भारी x ………………………….
उत्तर :
(1) अवगुण x गुण
(2) अंधकार – प्रकाश
(3) नीचे x ऊपर
(4) भारी x हल्के।

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प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

कृति 1 : (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए :
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उत्तर :
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प्रश्न 2.
सहसंबंध जोड़कर अर्थपूर्ण वाक्य बनाइए :
(1) तापवृद्धि से जलवायु में – भूमंडल में काफी परिवर्तन आया है।
(2) ग्रीनहाउस के प्रभाव के कारण – के चलते इन्सानी सभ्यता संकटापन्न है।
(3) विगत एक सदी के दौरान – जबर्दस्त बदलाव आ सकता है।
(4) ओजोन विघटन के व्यापक दुष्प्रभावों – आज धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है।
उत्तर :
(1) तापवृद्धि से जलवायु में जबर्दस्त बदलाव आ सकता है।
(2) ग्रीनहाउस के प्रभाव के कारण आज धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है।
(3) विगत एक सदी के दौरान भूमंडल में काफी परिवर्तन आया है।
(4) ओजोन विघटन के व्यापक दुष्प्रभावों के चलते इन्सानी सभ्यता संकटापन्न है।

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कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्दों से मूल शब्द और प्रत्यय अलग कीजिए।
(1) ……………………………..
(2) ……………………………..
(3) ……………………………..
(4) ……………………………..
उत्तर :
(1) विकसित – विकास + इत।
(2) हिस्सेदारी – हिस्से + दारी।
(3) अंतिम – अंत + इम।
(4) विकासशील – विकास + शील।

साहित्य संबंधी सामान्य ज्ञान
कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (ई) के लिए

प्रश्न 1.
हिंदी की साहित्यिक विधाओं के अनुसार रचनाओं के नाम लिखिए :
उत्तर :
(1) एकांकी :
(अ) रीढ़ की हड्डी
(ब) महाभारत की साँझ

(2) नाटक :
(अ) ध्रुवस्वामिनी
(ब) अंधेर नगरी

(3) आत्मकथा :
(अ) सत्य के प्रयोग
(ब) तरुण के स्वप्न

(4) खंडकाव्य :
(अ) उर्वशी
(ब) राम की शक्तिपूजा

(5) महाकाव्य :
(अ) रामचरित मानस
(ब) कामायनी

(6) उपन्यास :
(अ) गोदान
(ब) सुनीता

(7) कविता संग्रह :
(अ) यामा
(ब) कितनी नावों में कितनी बार

(8) यात्रा वर्णन :
(अ) मेरी तिब्बत यात्रा
(ब) पैरों में पंख बाँधकर

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मुहावरे

निम्नलिखित मुहावरों के अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए :
(1) रोटियाँ तोड़ना
अर्थ : मुफ्त में खाना।
वाक्य : कमलेश छह महीने से तो अपने ससुर की रोटियाँ तोड़ रहा है।

(2) वीरगति को प्राप्त होना
अर्थ : युद्ध में वीरतापूर्वक मृत्यु पाना।
वाक्य : राजपूत राजा युद्ध क्षेत्र में पीठ दिखाने के बजाय वीरगति को प्राप्त होना श्रेयस्कर मानते थे।

(3) स्वाँग भरना
अर्थ : किसी की नकल उतारना।
वाक्य : वह बहुरूपिया विश्व के बड़े-बड़े राजनेताओं का स्वाँग भरता हैं।

(4) हवा लगना
अर्थ : असर होना।
वाक्य : उसे गाँव से शहर आए हुए केवल चार महीने हुए हैं, पर अब उसे शहर की हवा लग गई है।

(5) हवाई किले बनाना
अर्थ : बहुत अधिक कल्पना करना।
वाक्य : भोलाराम की तो आदत ही है, हवाई किले बनाने की।

(6) दाई से पेट छिपाना
अर्थ : भेद जानने वाले से सच्ची बात छिपाना।
वाक्य : अरे यजमान! मैंने ही तुम्हारी जन्म-कुंडली बनाई थी। मुझसे अपनी उम्र कम बताकर दाई से पेट छिपाना चाहते हो।

काल परिवर्तन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का कोष्ठक में सूचित काल में परिवर्तन कीजिए :
(1) वृद्धाश्रम के प्रबंधक का फोन सुनकर मैं हैरान रह गया। (पूर्ण भूतकाल)
(2) मौसी को ऐसी हालत में देखकर मैं रोने लगा था। (सामान्य भविष्यकाल)
(3) मैं किसी वृद्धाश्रम में जाना चाहती हूँ। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(5) साधुओं की एक मंडली शहर के अंदर दाखिल हुई। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर :
(1) वृद्धाश्रम के प्रबंधक का फोन सुनकर मैं हैरान रह गया था।
(2) मौसी को ऐसी हालत में देखकर मैं रो रहा था।
(3) मैं किसी वृद्धाश्रम में जाना चाहूँगी।
(4) समूची परिस्थिति का तंत्र चरमरा रहा है।
(5) साधुओं की एक मंडली शहर के अंदर दाखिल होती है।

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वाक्य शुद्धिकरण

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके लिखिए :
(1) त्वचा के कैंसर के रोगी की मात्रा लाखों में होगी।
(2) वतर्मान युग विग्यान का युग है।
(3) बहूत देर तक दोनों रोते रही।
(4) तुमहारा पत्र पाकर खुसी हुई।
(5) मिट्ठी भी आज प्रदूशण से अछूती नहीं रही।
उत्तर :
(1) त्वचा के कैंसर के रोगियों की संख्या लाखों में होगी।
(2) वर्तमान युग विज्ञान का युग है।
(3) बहुत देर तक दोनों रोते रहे।
(4) तुम्हारा पत्र पाकर खुशी हुई।
(5) मिट्टी भी आज प्रदूषण से अछूती नहीं रही।

ओजोन विघटन का संकट Summary in Hindi

ओजोन विघटन का संकट लेखक का परिचय

ओजोन विघटन का संकट  लेखक का नाम : डॉ कृष्ण कुमार मिश्र। (जन्म 15 मार्च, 1966.)

ओजोन विघटन का संकट  प्रमुख कृतियाँ : लोक विज्ञान, समकालीन रचनाएँ, विज्ञान-मानव की यशोगाथा, जल-जीवन का आधार आदि।

ओजोन विघटन का संकट  विशेषता : हिंदी साहित्य में विज्ञान संबंधी लेखन कार्य में विशेष पहचान। आपने विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और जनमानस तक पहुँचाने का उल्लेखनीय कार्य किया है। लोक विज्ञान के अनेक विषयों पर हिंदी में व्यापक लेखन किया है। विज्ञान से संबंधित आपकी अनेक मौलिक एवं अनूदित पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं। डॉ कृष्ण कुमार मिश्र विज्ञान लेखन की समकालीन पीढ़ी के सशक्त लेखक हैं।

ओजोन विघटन का संकट  विधा : विज्ञान संबंधी लेख।

ओजोन विघटन का संकट  विषय प्रवेश : प्रस्तुत निबंध में लेखक बता रहे हैं कि मनुष्य अपनी सुविधाओं के लिए, जीवन को आरामदायक बनाने के लिए दिन-रात नए-नए आविष्कार करता रहता है। इन नवीन खोजों के कारण पर्यावरण दिन-ब-दिन प्रदूषित होता जा रहा है। हमारी स्वार्थी प्रवृत्ति के चलते सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को रोकने के लिए पर्यावरण में विद्यमान ओजोन परत को क्षति पहुँच रही है। आज हालात की यह माँग है कि ओजोन को होने वाली क्षति को हम रोकें ताकि इस सृष्टि को विनाश से बचाया जा सके।

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ओजोन विघटन का संकट  पाठ का सार

आज का युग विज्ञान और प्रौद्योगिकी का युग है। पूरी दुनिया में भौतिक विकास की होड़ लगी हुई है। विकास की इस दौड़ ने जिन समस्याओं को जन्म दिया है, इनमें प्रदूषण की समस्या चिंतनीय है। हवा, पानी, मिट्टी सभी प्रदूषण की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें भी पर्यावरणीय प्रदूषण बहुत बड़े संकट का रूप ले चुका है।

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पर्यावरण में विद्यमान अनेक गैसों में एक गैस है ओजोन। यह गैस मानव स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है, परंतु वायुमंडल में मौजूद यही गैस हमारी रक्षा भी करती है। यह गैस धरती के वायुमंडल में 15 से 20 किलोमीटर की ऊँचाई तक पाई जाती है।

यह ओजोन गैस बाह्य अंतरिक्ष से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके उन्हें धरती पर आने से रोकती है। यदि ये किरणें धरती की सतह तक चली आएँ तो एक ओर तो धरती के तापमान में वृद्धि होगी, दूसरी ओर त्वचा संबंधी अनेकानेक व्याधियाँ फैलेंगी। वायुमंडल में स्थित ओजोन की परत हमें इन घातक किरणों से बचाती है।

विकास की दौड़ का हिस्सा बनकर हमने सभी संसाधनों का अंधाधुंध इस्तेमाल किया है। जिसके कारण प्राकृतिक संतुलन चरमरा गया है। दैनिक जीवन में कीटनाशक, प्रसाधन सामग्री, दवाएँ, रंग-रोगन, फ्रिज तथा एयरकंडिशनिंग में प्रशीतन का अहम स्थान है। सन 1930 से पहले प्रशीतन के लिए अमोनिया और सल्फर डाइऑक्साइड गैसों का इस्तेमाल किया जाता था, जो अत्यंत तीक्ष्ण होने के कारण मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक थीं।

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तीस के दशक में क्लोरो फ्लोरो कार्बन (सी एफ सी) नामक यौगिक की खोज हुई। रंगहीन, गंधहीन, अक्रियाशील और अज्वलनशील होने के कारण बड़े पैमाने पर सी एफ सी यौगिकों का उत्पादन होने लगा और घरेलू कीटनाशक, प्रसाधन सामग्री, दवाएँ, रंग-रोगन, यहाँ तक कि रेफ्रिजिरेटर और एयरकंडिशनर में इनका खूब इस्तेमाल होने लगा। 1974 में एक अमेरिकी वैज्ञानिक एफ एस रोलैंड ने बताया कि सी एफ सी यौगिक धरती की ओजोन परत को नष्ट कर चुके हैं। क्योंकि सी एफ सी यौगिक इस्तेमाल में आने के बाद वायुमंडल में पराबैंगनी किरणों के संपर्क में आते हैं।

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ओजोन विघटन संकट पर विचार करने के लिए अनेक देशों की पहली बैठक 1985 में विएना में हुई। बाद में सितंबर 1987 में कनाडा के मांट्रियल शहर में बैठक हुई, जिसमें दुनिया के 48 देशों ने भाग लिया था। इसके तहत यह प्रावधान रखा गया कि 1995 तक सभी देश सी एफ सी की खपत में 50 प्रतिशत की कटौती तथा 1997 तक 85 प्रतिशत की कटौती करेंगे। सन 2010 तक सभी देश सी एफ सी का इस्तेमाल एकदम बंद कर देंगे। इस दौरान विकसित देश नए प्रशीतकों की खोज में विकासशील देशों की आर्थिक मदद करेंगे।

ओजोन विघटन का संकट  मुहावरे : अर्थ और वाक्य प्रयोग

(1) होड़ मचना।
अर्थ : किसी क्षेत्र में एक-दूसरे से आगे बढ़ जाने की इच्छा।
वाक्य : आज के दौर में जिधर भी नजर दौड़ाओ युवाओ में एक प्रकार की होड़ मची है।

(2) नसीब होना।
अर्थ : प्राप्त होना।
वाक्य : महँगाई के कारण गरीब को दिन-रात मेहनत करने पर भी दो वक्त का भोजन नसीब नहीं होता।

(3) फलना-फूलना।
अर्थ : विकास होना।
वाक्य : माता-पिता अपनी संतान को फलते-फूलते देखकर सदैव प्रसन्न होती है।

ओजोन विघटन का संकट  शब्दार्थ

  • सामरिक = युद्ध से संबंधित
  • विघटन = अलगाव/तोड़ना
  • प्रशीतक = फ्रीज
  • यौगिक = दो या अधिक तत्त्वों से बना हुआ
  • मुहैया = पूर्ति करना, पहुँचाना
  • दोहन = अनियंत्रित उपयोग
  • सांद्र = घना, स्निग्ध Maharashtra Board Class 12 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 10 ओजोन विघटन का संकट
  • प्रशीतन = ठंडा करने की प्रक्रिया
  • छीजना = क्षय होना, घट जाना
  • ऊसर = बंजर, अनुपजाऊ

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