Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 सिंधु का जल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 4 सिंधु का जल Textbook Questions and Answers

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जल ही जीवन है’ विषय पर कक्षा में गुट बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक (निर्देश): बच्चों आज हम ‘जल ही जीवन है।’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा करेंगे।

  • नरेशः जल ही जीवन है। यदि जल नहीं तो कल नहीं।
  • रमेश: ‘जल’ इस शब्द के पहले अक्षर ‘ज’ का अर्थ है – जीवन और दूसरे अक्षर ‘ल’ का अर्थ है ‘लकीर’। इसका मतलब जीवनरूपी लकीर यानी ‘जल’।
  • ताराः जल इंसान के लिए बहुत उपयोगी है। जल के बिना मानव जीवन संभव नहीं।
  • सीता: जल के कारण ही यह धरती सुजलाम् सुफलाम् बन गई है।
  • विजय: जल मानव जीवन का प्रमुख आधार है। इसलिए हमें जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • राधाः हमें जल को भविष्य के लिए बचाकर रखना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आगे चलकर हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
  • दीपक: आज ग्लोबल वार्मिग के कारण ठीक से वर्षा नहीं हो रही है। इस कारण सभी परेशान हैं। हमारे देश के कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसलिए सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और जल का कम-से-कम अपव्यय करें।
  • नंदाः कम से कम अपव्यय नहीं। बिल्कुल भी अपव्यय नहीं करना चाहिए।
  • सुरेशः इसके लिए सभी लोगों की मानसिकता में बदलाव आना चाहिए। अन्यथा सब कुछ व्यर्थ है।

सभीः इसीलिए हम सभी मिलकर शपथ लेते हैं कि हम जल का व्यर्थ में दुरूपयोग नहीं करेंगे और ना किसी को करने देंगे। आखिर जल ही जीवन है। वह ही हमारा तन मन धन है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
रवींद्रनाथ टैगोर की कोई कविता पढ़कर ताल और लय के साथ उसका गायन कीजिए।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
अंतरजाल/यू ट्यूब से ‘जल संधारण’ संबंधी जानकारी सुनकर उसका संकलन कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘मैं हूँ नदी’ इस विषय पर कविता कीजिए।
उत्तरः
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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
आकृति पूर्ण कीजिए।
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उत्तरः
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प्रश्न ख.
पूर्ण कीजिए।
पावन जल स्नान करने वालों से नहीं पूछता –
उत्तरः
कृति ख (1) की आकलन कृति देखिए।

2. भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।

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प्रश्न 1.
भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।
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उत्तरः

नदी का नाम उद्गम स्थल राज्य बाँध का नाम
1. गंगा गंगोत्री उत्तरांचल फरक्का बाँध
2. यमुना यमुनोत्री उत्तरांचल ओखला बाँध
3. कोयना महाबलेश्वर महाराष्ट्र कोयना बाँध

3. पाठ से ढूँढकर लिखिए।

प्रश्न च.
संगीत-लय निर्माण करने वाले शब्द।
उत्तरः
प्रत्येक पद्यांश की कृति देखिए।

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प्रश्न छ.
भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए और ऐसे अन्य दस शब्द ढूंढिए।
उत्तरः

  • अलि : भौंरा अली : सखी
  • तुरंग : घोड़ा तरंग : लहर
  • नीड़ : घोंसला नीर : पानी
  • ओर : दिशा और : तथा
  • प्रसाद : कृपा प्रासाद : महल
  • चपल : चंचल चपला : बिजली
  • बदन : शरीर वदन : मुख
  • भवन : धर भुवन : संसार
  • धान : चावल धान्य : कोई भी अनाज
  • दीन : गरीब दिन : दिवस
  • द्रव : वस्तु द्रव्य : तरल पदार्थ

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
‘नदी जल मार्ग योजना’ के संदर्भ में अपने विचार लिखिए ।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
प्रेरणार्थक क्रिया का रूप पहचानकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

क. जिसे वहाँ से जबरन हटाना पड़ता था।
उत्तर:
हटाना पड़ता: प्रेरणार्थक क्रिया रूप वाक्य: उस झोपड़ी को वहाँ से जबरन हटाना पड़ेगा।

ख. महाराज उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित होने से ‘उम्मेद भवन’ कहलवाया जाता है।
उत्तर:
कहलवाया: प्रेरणार्थक किया रूप वाक्य: ‘अब मैं गलती नहीं करूंगा” यह वाक्य उससे हजार बार कहलवाया गया।

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प्रश्न 2.
सहायक क्रिया पहचानिए।

च. हम मेहरान गढ़ किले की ओर बढ़ने लगे।
उत्तरः
लगे : लगना : सहायक क्रिया

छ. काँच का कार्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है।
उत्तरः
देता : देना : सहायक क्रिया

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प्रश्न 3.
सहायक क्रिया का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
(त) होना : ………………………..
(थ) पड़ना : ………………………..
(द) रहना : ………………………..
(ध) करना : ………………………..
उत्तरः
(त) होना : वहाँ पर एक सुंदर कुटी बनी हुई है।
(थ) पड़ना : वह जमीन पर गिर पड़ा।
(द) रहना : वह अपना कार्य कर रहा था।
(ध) करना : तुम सुबह-शाम टहला करो।

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(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. नदियों के तटों पर संस्कृतियाँ जन्म लेती हैं।
ii. नदी का पानी निरंतर गतिशील नहीं होता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
i. नदी का जल पावन / अपावन होता है।
उत्तरः
नदी का जल पावन होता है।

ii. नदी का जल गीली हलचल / कल-कल होता है।
उत्तर:
नदी का जल गीली हलचल होता है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“सतत प्रवाहमान …………… आदि बिंदु।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थः
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है; “मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ है। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था; उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. जीवन (क) लहरें
2. सांस्कृतिक (ख) मर्म
3. उछलती (ग) नदियाँ

उत्तर:

(अ) (ब)
1. जीवन (ख) मर्म
2. सांस्कृतिक (ग) नदियाँ
3. उछलती (क) लहरें

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पावन जल प्यास बुझाने वाले से पहले पूछता है कि वह व्यक्ति उसका दोस्त है या दुश्मन।
ii. . पावन जल पर सभी का अधिकार होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“मैं नहाने वाले. ………… मचलती है।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफ़िर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है लेकिन मैं उनसे उनकी जाति, मज़हब या धर्म नहीं पूछता हूँ। इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भाँति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिंधु का पावन जल विधवा के दुख-दर्द को समझता है।
ii. सिंधु के किनारे तलवारें गरजती हैं।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ऐसे बहूँ. ………… इंदु हूँ।’ इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे । मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूंद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और लहराता-लहराता वह झिलमिलाता भी रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

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पद्य-विश्लेषण :

  • कविता का नाम – सिंधु का जल
  • कविता की विधा – नई कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – प्यास बुझाने से पहले मैं नहीं पूछता दोस्त है या दुश्मन

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है। इस पंक्ति के माध्यम से बताया गया है कि सिंधु का जल पर प्यास बुझाने के लिए आने वाले व्यक्ति से यह नहीं पूछता कि दोस्त है या दुश्मन। अर्थात बिना भेदभाव के वह परोपकार करता है।

कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को अपने जीवन में इंसानियत को अपनाना चाहिए। सर्वधर्म समभाव के तत्त्व का पालन करना चाहिए व दूसरों की पीड़ा दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति को अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के विकास के लिए सतत प्रयास करना चाहिए।

सिंधु का जल Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : चक्रधर जी का जन्म 8 फरवरी 1951 को खुर्जा, उत्तर प्रदेश में हुआ। हिंदी साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के कारण उन्हें ‘पद्म श्री’ व ‘यश भारती पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कवि हास्य व्यंग्यकार, निबंधकार, नाटककार एवं पटकथाकार रूप में श्रीमान अशोक चक्रधर जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए कहानी एवं हास्य व्यंग्य लिखना आपका प्रिय शौक हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘बूढ़े’, ‘बच्चे’, ‘तमाशा’, ‘खिड़कियाँ’, ‘बोल-गप्पे’, ‘जो करे सो जोकर’ आदि कविता संग्रह।

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पद्य-परिचय :

नई कविता : आधुनिक हिंदी साहित्य में नई कविता का प्रवाह गतिशील है। नई कविता मानवीय संवेदनाओं का चित्रण करती है और साथ में वह मानव को परिवेश के प्रति सचेत करती है। अनुभूति की सच्चाई व यथार्थ बोध, दृष्टि की उन्मुक्तता तथा मानवतावाद नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
प्रस्तावना : “सिंधु का जल’ इस कविता में नदी के जल के माध्यम से कवि अशोक चक्रधर जी ने हमारी सभ्यता, संस्कृति, मानवता, सर्वधर्म समभाव एवं दूसरों के दुख को दूर करने के भाव का वर्णन किया है। कवि ने हमें मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है।

सारांश :

प्रस्तुत कविता में भले ही एक नदी का वर्णन आया हो लेकिन उसके माध्यम से लेखक ने हमें हमारी सभ्यता, संस्कृति, इंसानियत सर्वधर्म समभाव व परदुखकातरता आदि मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। नदी के किनारे पर सभ्यता एवं संस्कृति का विकास होता है। उसी के कगार पर इनसानियत के यज्ञ किए जाते हैं। नदी में बहने वाला जल पवित्र होता है। वह अपने पास आने वाले किसी व्यक्ति से उसका मजहब व धर्म नहीं पूछता है।

युद्ध में मारे गए वीर पुरुषों का लहू उसी के पास बहते हुए आता है। वह सबके घाव धोता है। उससे दूसरों का दुख देखा नहीं जाता। जिस प्रकार नदी के जल के पास गुण होते हैं; वैसे गुण मनुष्य में भी होने चाहिए। मनुष्य को मानवीय गुणों को स्वीकार करना चाहिए। इस कविता के द्वारा कवि ने परोपकार का संदेश दिया है।

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भावार्थ :

सतत प्रवाहमान …… आदि बिंदु।
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है, मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ हैं। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु हूँ।

मेरे ही किनारे ………………. पावन जल हूँ।
सिंधु नदी का जल होने के कारण मैं निरंतर प्रवाहमान हूँ। मेरे ही किनारे पर कई संस्कृतियाँ निर्माण हुई हैं। मेरे ही तटों पर इंसानियत के यज्ञ हुए हैं यानी संस्कृतियों की निर्मिती होने के पश्चात लोगों ने मानवता को अपना ध्येय बनाया था और मेरे ही तटों पर एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहना सीख लिया था। मेरी गति कभी-भी कम नहीं हुई है। मेरी गति में चंचलता है। आगे-ही-आगे बढ़ने की होड़ है। फिर भी मेरी भावनाएँ अचल है। एक ही जगह पर स्थिर हैं। आखिर मैं सिंधु नदी का पवित्र जल हूँ।

मैं नहाने ……………….. मचलती हैं।
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफिर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है क्योंकि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भांति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

प्यास बुझाने ………………. घुल-मिल जाती है।
मेरे पास प्यास बुझाने हेतु आने वाले मुसाफिर से मैं नहीं पूछता कि वह मेरा दोस्त है या दुश्मन। किसी को अपने शरीर का मैल हटाने अर्थात नहाने से पहले मैं उसे नहीं पूछता कि वह हिंदू है या मुसलमान। यानी भले ही उस इंसान के मन में दूसरों के प्रति द्वेषभाव हो फिर भी मैं उसे अपना पानी पिलाता हूँ। मैं तो सभी के लिए हूँ और जो जितना चाहे जी भर के मेरा जल पिए। मैं विशाल नदी हूँ और मुझमें कई छोटी-छोटी सांस्कृतिक नदियाँ आकर समा जाती हैं। मानो वे अपने साथ अपनी सभ्यताएँ लेकर आती है और मुझमें समा जाती है यानी मैं उनकी सभ्यताओं से परिचित हो जाता हूँ।

लेकिन क्या ………………. तो रोता हूँ।
सिंधु नदी का पावन जल होने के बावजूद भी मैं हृदय से दुखी हूँ। मेरे घाटों पर रक्तपात होता है। लोगों का लहू बहता हुआ आता है। लोग एक-दूसरे को मारने के लिए तैयार हो जाते हैं। तलवारें खनकने लगती हैं। तोपें गरजने लगती हैं। घोड़ों के टापों की आवाज गूंजने लगती है। भयंकर युद्ध छिड़ जाता है। कई वीर शहीद हो जाते हैं। उस वक्त घायल हुए बहादुरों से मैं नहीं पूछता कि वे कौन-से प्रांत से हैं। वे किसी भी प्रांत से हो, मुझे इससे कुछ सरोकार नहीं होता। मैं तो उनके घाव दूर करने के लिए तत्पर हो जाता हूँ और अपने पानी से मैं उनके घाव धोता हूँ। वह मैं ही हूँ जो विधवा के दुख-दर्द को जानता हूँ। वास्तव में मैं ही उसके आँखों में आँसू बनकर रोता रहता हूँ यानी उसके दुख की अनुभूति को मैं अपने हृदय में महसूस करता हूँ।

ऐसे बहूँ ………………. इंदु हूँ।
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे। मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूँद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और झिलमिलाता रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

शब्दार्थ :

  1. प्रवाहमान – गतिशील, निरंतर, प्रवाहित
  2. मजहब – धर्म मर्म
  3. सार टा . घोड़ों के पैरों के जमीन पर पड़ने का शब्द
  4. रणबांकुरे – बहादुर, वीर, योद्धा
  5. बिंब – छाया, आभास
  6. इंद्रु – चंद्रमा
  7. घाव धोना – मरहमपट्टी करना, घाव साफ करना
  8. स्वर – ध्वनि
  9. गति – वेग
  10. अचल – स्थिर

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

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Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 8 उड़ान Textbook Questions and Answers

पठनीय:

प्रश्न 1.
‘दहेज’ जैसी सामाजिक समस्याओं को समझते हुए इसके संदर्भ में जनजागृति करने हेतु घोषवाक्यों का वाचन कीजिए।

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श्रवणीय:

प्रश्न 1.
हिंदी-मराठी भाषा के प्रमुख गजलकारों की गजल रचना सुनिए और सुनाइए।

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘मैं चिड़िया बोल रही हूँ इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।

आसपास:

प्रश्न 1.
अंतरजाल की सहायता लेकर कोई कविता पढ़िए और निम्न मुद्दों के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए:
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पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न 1.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
परों में शक्ति हो तो ………..
उत्तर:
(क) उपलब्ध नभ को नापना है।
(ख) उपलब्ध जल को नापना है।
(ग) भू को नापना है।

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प्रश्न 2.
सुलगते आप, बाहर से …………
(क) तपन नहीं माँगा करते।
(ख) अगन नहीं माँगा करते।
(ग) बुझन नहीं माँगा करते।
उत्तर:
1. परों में शक्ति हो तो उपलब्ध नभ को नापना है।
2. सुलगते आप, बाहर से अगन नहीं माँगा करते।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का सरल भावार्थ लिखिए। अँधेरे के इलाके में ………….. नमन माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाएँ; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं मांगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का बन होता है; वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।”

“जो व्यक्ति सचमुच आदर का अधिकारी है उसके सामने दुसरे लोगों के मस्तक अपने आप झुक जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को किसी से नमन या आदर मांगने की जरूरत नहीं होती बल्कि उसे तो अपने आप आदर मिल जाता है। व्यक्ति के पास विनम्रता होनी चाहिए।”

प्रश्न 4.
कविता द्वारा दिया गया संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने व्यक्ति को मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि, बुलंद हौसले आदि गुणों को स्वीकार करने से व्यक्ति प्रगति की ऊंची उड़ान भर सकता है। फिर उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा। जिस व्यक्ति के पास मानवीय गुण होते हैं उन्हें किसी के भी पास हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान कीर्ति व यश अपने आप मिल जाता है। अत: व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना जरूरी होता है।

प्रश्न 5.
कविता में प्रयुक्त विरामचिह्नों के नाम लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तरः
(,) – अल्पविराम
बाक्य: राम ने दुकान से शक्कर, मिठाई व खजूर लाए।
(|) – पूर्णविराम
वाक्य: अजय शहर गया है।

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प्रश्न 6.
संजाल
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उत्तरः
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कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
“”मैं चिड़िया बोल रही हूँ।” इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।
उत्तरः
“पंछी बनू उड़ती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में।”

मुझे आज भी याद है पुरानी फिल्म का यह गीत । सचमुच पंछी बनकर खुले आसमान में विचरण करना सभी को अच्छा लगेगा। किसी की कुछ भी रोक-टोक नहीं और नहीं किसी-का कुछ झंझट । बस सिर्फ आसमान में स्वच्छंद होकर उड़ना। बताओ किसे अच्छा नहीं लगेगा? संध्या समय पीपल के नीचे बैठकर मेरे मन में ये विचार आ ही रहे थे तभी अचानक पीपल के पेड़ पर बैठी एक चिड़िया ने ची-चीं करते हुए मुझे आवाज दी और वह मेरे समक्ष आकर बैठ गई। फिर अपने बारे में कहने लगी।

“मैं हूँ नन्ही-सी, प्यारी-सी चिड़िया। इस पेड़ पर ही मेरा निवास है। देख रही हो वह घोंसला? कितने प्यार से मैंने बनाया है! उसका निर्माण करने के लिए मुझे तकरीबन एक महीना लगा है। न जाने मैंने कहाँ-कहाँ से उसे तैयार करने के लिए सामग्री इकट्ठा की है? बस ईश्वर ही इस बात का साक्षी है। मैंने अपनी चोंच में तिनका-तिनका लाकर स्वयं के लिए सुंदर भवन का निर्माण किया है। उस घोंसले में मेरे दो अंडे हैं। अब जल्द ही दो नन्हे-मुन्ने बच्चे मेरे घर आएँगे। अब मैं उन्हीं का इंतजार कर रही हूँ।

पीपल के इस पेड़ पर पहले मेरे कई भाई-बहन रहा करते थे। तोता, मैना आदि मेरे भाई बहन मनुष्य द्वारा निर्मित प्रदूषण के शिकार हो गए। अब न इस पेड़ पर कोई तोता आकर बैठता है और न कोई मैना। कौओं की भी काँव-काँव अब पहले जैसे सुनाई नहीं दे रही है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की। इसका परिणाम यह हुआ कि पक्षियों की संख्या कम होती गई। अब तो शहरों से पक्षी नदारद हो गए हैं।

मैंने सुना है कि कुछ संस्थाएँ पक्षी-दर्शन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती हैं और कर्नाला पक्षी अभयारण्य जैसे स्थलों पर जाती रहती है। लेकिन मेरी प्यारी बहना, सच कहूँ तो वहाँ पर भी अब पहले जैसे पंछी नहीं रहें। पहले जैसे पंछियों का कलरव अब सुनाई नहीं देता है। इसके लिए इंसान ही जिम्मेदार है। यह सब उसी के कार्य का परिणाम है। यदि इंसान अपने किए कराए से बाज नहीं आएगा; तो भविष्य में अपने लिए गड्ढा स्वयं ही खोद लेगा।

हम ही इस सुंदर धरती का अंश हैं। हमें भी जीवन जीने का अधिकार है। आखिर हम भी एक जीव हैं। इंसान को कोई अधिकार नहीं है कि वह हमारे अधिकार को छीन लें। उसे प्राकृतिक संतुलन के बारे में सोचना चाहिए। जब इंसान “जिओ और जीने दो” इस सूत्र को अपनाएगा तब उसका जीवन भी खुशहाल हो जाएगा और यह प्यारी धरती फिर से ‘सुजलाम् सुफलाम्’ बन जाएगी।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 8 उड़ान Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 4

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 5

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। परों में शक्ति …………….. गगन माँगा नहीं करते।
भावार्थः
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “जिनके पंखों में शक्ति होती है वे संपूर्ण आसमान को नाप लेते हैं। यानी जिनके पास साहस व वीरता होती है या जिनके हौसले बुलंद होते हैं; वे असंभव कार्य को संभव करते हैं। जैसे कि आसमान में विचरण करना या उड़ना तो पंछियों का काम होता है और वे तो गगन में नित्य संचार करते रहते हैं। उन्हें उड़ने के लिए किसी से गगन माँगने की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात जहाँ चाह, वहाँ राह अपने आप निर्माण हो जाती है।’

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

1. सही विकल्प चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं ……………
उत्तर:
(क) जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
(ख) जिससे वह नफरत करता है।
(ग) जिससे वह सहायता की अपेक्षा करता है।

प्रश्न 2.
ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं …….
(क) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।
(ख) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना अस्वीकार किया है।
(ग) जन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में दूसरों को जलाना तय किया
उत्तर:
1. व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
2. ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर
निम्न शब्द हों।
1. निमंत्रण
2. पश्चात्ताप
उत्तर:
1. किसके बिना सपने अपने आप आते हैं?
2. पद्यांश में किस अग्नि में जलने की बात हो रही है?

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कृति (4) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। जिसे मन प्राण …………….. माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
जिन लोगों ने अपने आप को पश्चात्ताप की आग में जलना स्वीकार कर लिया है, उन्हें कैसे कोई रोक सकता है? ऐसे लोग पश्चात्ताप की अग्नि में अंदर से सुलगते रहते हैं; लेकिन वे बाहर से अग्नि की माँग नहीं करते हैं। पश्चात्ताप की अग्नि से बढ़कर कोई दूसरी अग्नि नहीं हो सकती।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 6

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 7

कृति (3): भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। खुशबू देती है …………….. धूपदान होती है।
भावार्थ:
प्रस्तुत पंक्ति ‘उड़ान’ इस गजल से ली गई है और इसके कवि चंद्रसेन विराट जी हैं। धूप जब जलता है; तब वह सभी को खुशबू देता है। शायर की जिंदगी भी धूपदान की तरह होती है। वह अपनी शायरी से लोगों के जीवन में खुशबू भर देता है।”

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पद्य-विश्लेषण:

  • कविता का नाम – उड़ान
  • कविता की विधा – गजल
  • पसंदीदा पंक्ति – एक बहरे को एक गूंगा दे, जिंदगी वो बयान होती है।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें एकदूसरे की सहायता करने से जिंदगी बड़े आराम से कटती है।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को स्वाभिमानी व विनम्र होना चाहिए। उसके हौसले बुलंद होने चाहिए। उसे मानवीय गुणों को अपनाकर स्वयं का जीवन सुंदर बनाना चाहिए।

उड़ान Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: कवि चंद्रसेन विराट जी हिंदी साहित्य के आधुनिक रचनाकारों में से एक हैं। इनका जन्म ३ दिसंबर १९३६ को इंदौर मध्य
प्रदेश में हुआ। ये हिंदी साहित्य जगत में गजलकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन्होंने अपनी गजलों में आम आदमी के जीवन
को अभिव्यक्त करने का सफल प्रयास किया है। इन्होंने गजल के साथ-साथ गीतों का भी लेखन किया है।

प्रमुख कृतियाँ: गीत संग्रह – ‘मेंहदी रची हथेली’, ‘स्वर के सोपान’, ‘मिट्टी मेरे देश की’, ‘धार के विपरीत’ आदि; गजल संग्रह – ‘आस्था
के अमलतास’, ‘कचनार की टहनी’, ‘न्याय कर मेरे समय’ आदि; मुक्तक संग्रह – कुछ पलाश कुछ पाटल, ‘कुछ सपने’, ‘कुछ सच’ आदि।

पदय-परिचय:

गजल: गजल काव्य विधा का एक प्रकार है। एक ही बहर और वजन के अनुसार लिखे गए शेरों के समूह को ‘गजल’ कहते हैं। गजल
के पहले शेर को ‘मतला’ और अंतिम शेर को ‘मकता’ कहते हैं।

प्रस्तावना: ‘उड़ान’ इस गजल में गजलकार चंद्रसेन विराट जी ने मानवीय मूल्यों के दर्शन करवाए हैं। व्यक्ति के पास स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि व बुलंद हौसले होने चाहिए। इन गुणों से ही जीवन में व्यक्ति ऊँचा उठता है।

सारांश:

प्रस्तुत कविता गजल विधा में लिखी गई है। व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना बहुत जरूरी होता है। मानवीय गुणों के कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है। व्यक्ति के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। स्वाभिमान के कारण व्यक्ति ऊँचा उठता है। जिसके पास विनम्रता होती है; उसे समाज में आदर अपने आप मिलता है। जिनके हौसले बुलंद होते हैं; उनके लिए असंभव कुछ भी नहीं होता। जीवन में व्यक्ति को एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। जीवन में सभी को खुशी देने का प्रयास करना चाहिए। आखिर चार दिन की जिंदगी होती है। उसी में स्वयं खुश रहकर दूसरों के भी जीवन में खुशियाँ भर देनी चाहिए।

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शब्दार्थ:

  1. अगन – अग्नि, आग
  2. सायबान – छाया देने वाला
  3. बयान – वक्तव्य
  4. तीर – बाण
  5. कमान – धनुष
  6. इलाका – क्षेत्र
  7. कंटक – काँटा
  8. आदर – सम्मान
  9. पर – पंख
  10. थकान – थकावट
  11. शायर – शायरी लिखने वाला

भावार्थ:

अँधेरे के इलाके में ………………. सुमन माँगा नहीं करते।

प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाए; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का वन होता है वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 निसर्ग वैभव Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 निसर्ग वैभव Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
निम्न शब्द पढ़िए। शब्द पढ़ने के बाद जो भाव आपके मन में आते हैं वे कक्षा में सुनाइए।

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कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
किसी कार्यालय में नौकरी पाने हेतु साक्षात्कार देने वाले और लेने वाले व्यक्तियों के बीच होने वाला संवाद लिखिए।
उत्तर:

  • उम्मीदवार – नमस्ते श्रीमान।
  • अधिकारी – नमस्ते। आइए बैठिए।
  • उम्मीदवार – जो शुक्रिया।
  • अधिकारी – आपका नाम?
  • उम्मीदवार – श्री राजेश तिवारी
  • अधिकारी – आप अपने कार्य अनुभव के बारे में बताइए।
  • उम्मीदवार – इस समय मैं वेद कंपनी में क्लर्क के पद पर काम कर रह्य हूँ। इस पद पर काम करते हुए मुझे तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस प्रकार मेरे पास तीन वर्ष का अनुभव है।
  • अधिकारी – क्या आप बता सकते हैं कि एक आदर्श कर्मचारी की कौन-कौन-सी विशेषताएँ होती हैं?
  • उम्मीदवार – एक आदर्श कर्मचारी के पास अपने काम के प्रति निष्ठा लगन एवं मेहनत से काम करने का जज्बा होता है।
  • अधिकारी – यदि हम आपको कंपनी में क्लर्क के पद पर नियुक्त करेंगे तो आप किस प्रकार स्वयं को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित कर सकेंगे?
  • उम्मीदवार – मैं अपनी पूरी लगन एवं ईमानदारी से अपने कार्य को पूर्ण करूंगा। कंपनी के प्रत्येक कार्य को मैं बड़े चाव के साथ पूरा करने का प्रयास करूंगा। इस प्रकार मैं अपनी मेहनत से अपने आप को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास करूंगा।
  • अधिकारी – ठीक है। धन्यवाद!
  • उम्मीदवार – धन्यबाद ! श्रीमान महोदय।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 2

प्रश्न ख.
कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तत्जा पूर्ण कीजिए।
1. परिचित मरकत आँगन में
2. अभिशापित हो उसका जीवन?
3. अनिल स्पर्श से पुलकित तृणदल
4. निश्चल तरंग-सी स्तंभित
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 3
उत्तर:

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 4

2. कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने मनुष्य के हृदय में प्रकृति प्रेम उत्पन्न करने का प्रयास किया है। प्रकृति में चारों ओर सौंदर्य भरा पड़ा है और उस सौंदर्य की अनुभूति कराने के लिए मनुष्य को प्रकृति की ओर जाना चाहिए। मनुष्य को प्रकृति से हमेशा खुश एवं प्रसन्न रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए। मनुष्य को एक-दूसरे से नफरत नहीं करनी चाहिए। उसे अपने मन से क्षुद्र भावों को त्यागकर प्रकृति की भाँति विशाल हृदय रखना चाहिए। मानव के मन से वैश्विक प्रेम व परोपकार की भावना साकार करना ही इस कविता का उद्देश्य है।

3. कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए।
उत्तर:
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लूटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अत: कवि मनुष्य को कहता है कि, उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। उसे मानव प्रकृति का पुन: संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुज ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
नीरज जी द्वारा लिखित कोई कविता यू ट्यूब पर सुनिए और उसके केंद्रीय भाव पर चर्चा कीजिए।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरे या कहावतों में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 5
उत्तर:

  1. टोपी पहनाना।
  2. नजर बंद करना।
  3. आटा गीला होना।
  4. आँख की किरकिरी होना।
  5. आसमान सर पर उठाना।
  6. आग-पानी का बैर।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 निसर्ग वैभव Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 7
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 9

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 10

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आपका देखा हुआ प्राकृतिक स्थल’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
प्राकृतिक स्थल पर घूमने जाने का मला ही कुछ और है। मैंने कौसानी की यात्रा की थी। कौसानी उत्तराखंड में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है। चारों ओर हरियाली व सघन वृक्षों को देखकर मानव मन प्रफुल्लित हो जाता है। रंग-बिरंगे फूल और आस-पास मैंडराने वाले भौरे देखकर बहुत प्रसन्नता होती है। कोहरा हट जाने पर कौसानी से हिमालय के दर्शन होते हैं। श्वेत बर्फ की राशि देखकर मानव मन बाग-बाग हो जाता है। सचमुच धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो बस वह कौसानी में ही है।

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 11

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 12

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
i. साँझ
ii. नीले
उत्तर:
i. पर्वतों की घाटियों में कौन छिप जाती है?
ii. छाया कौन-से रंग की है?

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रकृति अपने अनंत हाथों से मनुष्य पर उपार करती आ रही है।’ इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रकृति साक्षात ईश्वर का दूसरा रूप है। प्रकृति मानव पर उपकार करती आ रही है। नदी, तालाब, सागर, पेड, फूल-फल, जंगल, पहाड़, पवन, सूर्य की किरण ये सब प्रकृति के अंश हैं। इनके माध्यम से प्रकृति ने मनुष्य को बहुत कुछ दिया है और दे रही है। मनुष्य को जीवन जीने के लिए अन्न, पानी एवं अन्य मूलभूत वस्तुएँ प्रकृति से ही मिलती है। मनुष्य को साँस लेने के लिए जिस प्राणवायु की जरूरत होती है वह भी प्रकृति से ही प्राप्त होती है। आयुर्वेदिक दवाएँ प्रकृति से मिलती हैं। अतः प्रकृति अपने अनंत ह्यथों से मनुष्य पर उपकार करती आ रही है। यह विधान पूर्णत: सत्य है।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 13

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 14

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं।
ii. गिलहरियाँ फूलों को कुतरना शुरू कर देती है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पर्वतीय जीवन में अनोखा व अद्भुत आनंद भरा होता है।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
पर्वतीय प्रदेश सभी को अच्छे लगते हैं। सभी पर्वतीय प्रदेशों की यात्रा करना पसंद करते हैं। पर्वतीय प्रदेशों का आरोह व अवरोहण करना सभी को भाता है। पर्वतीय प्रदेश में चारों ओर हरियाली होती है। बड़े-बड़े वृक्ष एवं उन पर कलरव करने वाले पक्षियों को देखकर हमारे आँखों की तृप्ति हो जाती है। पर्वतीय प्रदेशों में बहने वाली हवा शीतल होती है। वह मानव के मन में अद्भुत प्रेरणा निर्माण करती है। पर्वतीय प्रदेश मानव हृदय को उमंग, ताजगी व उल्लास से भर देते हैं। अत: पर्वतीय जीवन में अनोखा व अदभुत आनंद भरा होता है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 15

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 17
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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, आज मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है। विज्ञान एवं तकनीकी के इस युग में मानव ने भले ही आसमान को छू लिया है। फिर भी प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर उसने धरती को सौदर्यहीन कर दिया है। मानव ईया, दवेष, जलन, नफरत एवं अहंकार के कारण इतना स्वार्थी हो गया है कि वह प्रकृति के एहसान को भी भूल गया है। अपना स्वार्थ पूर्ण करने के लिए मानव एक-दूसरे का लहू बहाने से भी पीछे नहीं हटता है। अपनी इच्छाएं पूर्ण न होने के कारण वह हृदय से विषण्ण एवं दुखी हो जाता है। प्रकृति में सर्वत्र सौदर्य बिखरा हुआ है। इस तथ्य को भी वह भूल जाता है। अत: स्पष्ट है कि मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।

निसर्ग वैभव Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सुमित्रानंदन पंत का जन्म २0 मई 1900 को कौसानी उत्तराखंड में हुआ था। आप प्रकृति के सुकुमार कवि थे। आप छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। आपको प्रकृति ने ही कविता लिखने की प्रेरणा दी थी। आपको साहित्य के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख कृतियाँ : काव्य संग्रह – ‘वीणा’, ‘गुंजन’, ‘पल्लव’, ‘ग्राम्या’, ‘चिदंबरा’, ‘कला और बूढ़ा चाँद’ आदि, उपन्यास – ‘हार’.
आत्मकथात्मक संस्मरण – ‘साठ वर्ष : एक रेखांकन’

पद्य-परिचय :

कविता : भावों का आविष्कार कराने वाली, हृदय में आनंद की अनुभूति निर्माण कराने वाली एवं रस का साक्षात्कार कराने वाली साहित्य की विधा ‘कविता’ कहलाती है। कविता मनुष्य के भावों की सहज अभिव्यक्ति है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता में महाकवि पंत जी ने प्राकृतिक सुषमा का बड़ा ही मनोहारी एवं अद्भुत वर्णन किया है। प्रकृति के प्रत्येक अंश में सौंदर्य भरा पड़ा है। उस अनुभूति का एहसास मनुष्य को तभी होगा जब वह प्रकृति की ओर आकर्षित होगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

सारांश :

प्रस्तुत कविता प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति मनुष्य के मन में आकर्षण निर्माण करती है। प्रकृति में ही ईश्वर का अंश विराजमान है, इस तथ्य को साकार करने वाली यह रचना है। महाकवि पंत जी प्रकृति के पुजारी थे। उन्होंने इस कविता के द्वारा प्रकृतिरम्य अनुभूति का साक्षात्कार तो करवाया ही है साथ में प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते समय आध्यात्मिकता की ओर पाठकों का ध्यान खींचकर उन्हें दुख, दर्द, व्यथा, नैराश्य एवं विषण्णता आदि पर विचार करने के लिए भी विवश कर दिया है।

प्रकृति के कण-कण में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है। देखा जाए तो प्रकृति जड जग का अंश है और मानव जीवन तो चेतन जग का रूप है। फिर भी मानव जीवन में सर्वत्र विषण्णता छायी हुई है। ऐसा क्यों? मनुज को ही स्वयं इसका उत्तर ढूँढ़ने के लिए कवि ने विवश कर दिया है। इसीलिए यह कविता छायावाद का एक अनुपम उदाहरण है।

भावार्थ :

कितनी सुंदरता बिखरी ………………. वन प्रिय कोयल!
पंत जी प्रकृति के सुकुमार कवि थे। वे जानते हैं कि प्रकृति जगत में सौंदर्य बिखेरने वाला ईश्वर ही है। अतः कवि ईश्वर को संबोधित करते हुए कहते हैं, “हे ईश्वर ! प्राकृतिक जगत में सुंदरता बिखरी हुई है। पहाड़ों की चोटियों पर फैली सूरज की धूप घाटी की ओर लोट रही है और उसके डाँव में स्वयं को चुपचाप लिपटाए हुई है। धूप और छाँव का मानो मिलन हो रहा है। “हवा सर्वत्र बह रही है। उसके स्पर्श से हरी घास पुलकित यानी रोमांचित हो गई है। नदी मधुर संगीत का गान करती हुई स्वच्छंद बह रही है। प्रतिदिन प्रकृति की अनुपम शोभा का आनंद वन-भू उठा रही है।”

“चारों ओर लाल रंग के फूल खिले हुए हैं। फूलों का लाल रंग ज्वालाओं का निर्माण कर रहा है। उन्हें देखकर मनुष्य के आँखों की तृप्ति होती है यानी मनुष्य के आँखों को ठंडक मिलती है। भौरे भी अपने दल के साथ आकर गुंजन कर रहे हैं। वे फूलों की कलियों पर बैठकर अपने होंठों से मधु पान कर रहे हैं। लाल रंग के फूलों ने तितलियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। वे भी फूलों पर मंडरा रही हैं। ऐसे में दूर किसी पेड़ की पत्तियों की छाँव में बैठकर वन प्रिय कोयल रुक-रुककर अपना गीत गा रही है।”

लेटी नीली ………………. कर संध्यावंदन!
कवि पंत प्रकृति की सुषमा का वर्णन करते हुए कहते हैं, “आसमान में सर्वत्र नीले रंग के बादल दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण नीले रंग की छाया दिखलाई पड़ती है। इस नीले रंग की छाया ने सूर्य के किरणों को अपने आप में समा लिया है। सूर्य के किरणों का सुनहरा रंग नीली छाया के साथ एकाकार हो गया है। इस विहंगम दृश्य को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि नीले व सुनहरे रंग का आवरण निश्चल तरंग की तरह आसमान में निर्माण हुआ है।

ऐसे में सवेरा होने से पहले सर्वप्रथम सुनहरी किरण सर्वत्र छा जाती है। मानो उसका अभिनंदन करने के लिए ऊषा तैयार हो जाती है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए साँझ भी उत्सुक रहती है। इसीलिए वह वहीं आकर छिप जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि ऊषा निर्जन वन में संध्या को भी वंदन करती है।”

अपलक तारापथ ………………. मरकत आँगन में!
कवि पंत कहते हैं, “संध्या के बाद रात्रि का समय शुरू हो जाता है। आसमान में बिना पलक झपकाए असंख्य तारे दिखाई देने लगते हैं। उनके साथ चंद्रमा भी आसमान में आ जाता है। उस पूर्ण रूप में आसमान में बहुत की सुंदर तारे दिखलाई देने लगते हैं। ऐसा लगता है मानो वह एक दर्पण ही हो जिसमें असंख्य तारे अपने आप को निहार रहे हों। रात्रि के समय पर्वतों पर बहने वाली हवा भी पर्वतों के कंधों पर सो जाती है। पर्वतों पर दिखाई देने वाली यह प्राकृतिक सुषमा सभी को सम्मोहित कर देती है।

सचमुच पर्वत जीवन में अद्भुत एवं अनोखा विस्मय भरा पड़ा हुआ है। रात्रि के पश्चात फिर से सवेरा हो जाता है। पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं। गिलहरियाँ नए पत्तों को कुतरना शुरू कर देती हैं। धरती रूपी रत्न पर सभी वन-पशु प्रसन्न दिखाई देने लगते हैं।”

स्वाभाविक ………………. मानव मन निश्चित!
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लुटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अतः कवि मनुष्य से कहते हैं कि उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। मनुष्य को प्रकृति का संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुष्य ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

शब्दार्थ :

  1. श्लक्ष्ण – मधुर
  2. अनिल – पवन
  3. अहरह – प्रतिदिन
  4. मुकुल – कली
  5. मँझधार – बीचोबीच, लहरों के बीच
  6. शैल – पर्वत
  7. समीरण – पवन
  8. मरकत – पन्ना (एक रत्न)
  9. निर्जन – वीरान
  10. अपलक – बिना पलक झपकाए
  11. वैचित्र्य – अनोखापन
  12. गिरि शिखर – पहाड़ों की चोटियाँ
  13. वन-भू – जंगल या कानन
  14. शीतल – ठंड
  15. ऊषा – सुबह होने से पूर्व आसमान में सूर्य की लाल आभा फैल जाती है वह समय
  16. खग – पक्षी
  17. जड़ जग – सृष्टि
  18. चेतन जग – संसार
  19. विषण्ण – व्यथित या निराश

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 मेरे पिता जी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 9 मेरे पिता जी Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कारण लिखिए।

प्रश्न (क)
विमान के प्रति लेखक का आकर्षित होना-
उत्तर:
दो विमान लेखक को अपनी ओर बार-बार खींच रहे थे। मानो वे उसे सीमाओं के परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी दे रहे थे और मानो वे उसके सपनों को पंख लगा रहे थे।

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प्रश्न (ख)
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना –
उत्तर:
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति वे आकर्षित थे।

पहली बार मैंने एम. आई. टी. में निकट से विमान देखा था, जहाँ विद्यार्थियों को विभिन्न सब- सिस्टम दिखाने के लिए दो विमान रखे थे। उनके प्रति मेरे मन में विशेष आकर्षण था। वे मुझे बार – बार अपनी ओर खींचते थे। मुझे वे सीमाओं से परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी देते थे तथा मेरे सपनों को पंख लगाते थे। मैंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति मैं आकर्षित था। वर्षों से उड़ने की अभिलाषा मेरे मन में पलती रही। मेरा सबसे प्यारा सपना यही था कि सुदूर आकाश में ऊँची और ऊँची उड़ान भरती मशीन को हैंडल किया जाए।

2. स्वमत –

3. ‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।

प्रश्न 1.
‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
जिंदगी सिर्फ चार दिन की होती है। छोटी-सी इस जिंदगी में सभी को आसमान में उड़ाने की चाह होती है। यानी सभी को अपनी-अपनी अभिलाषा होती है। मेरी भी अपनी एक अभिलाषा है। वह है वैज्ञानिक बनने की। मैं वैज्ञानिक बनकर भारत में अनुसंधान का कार्य करना चाहता हूँ। विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम गर्व से ऊँचा करना चाहता हूँ।

नए-नए अन्वेषण करके मैं सभी का जीवन सुखकर करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर सभी बच्चों के मन में विज्ञान के प्रति प्रेम-आकर्षण निर्माण करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर मानवता के लिए कार्य करने के लिए मैं सदैव तत्पर हूँ। मैं मेरी यह अभिलाषा पूर्ण करने के लिए अथक प्रयास व परिश्रम कर रहा हूँ। मुझे आशा है कि मेरी यह अभिलाषा जरूर पूरी हो जाएगी।

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

प्रश्न 1.
संजाल:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 1
उत्तरः
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2. ‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भाषा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है। भाषा से ही व्यक्ति का विकास होता है। बिना भाषिक ज्ञान से व्यक्ति जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता है। बहुभाषी होना तो सोने पे सुहागा जैसी ही बात है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति के ज्ञान की कक्षाएँ फैल जाती हैं। वह एक भाषा के साथ दूसरी भाषा के भाव व विचार संकलित करता है।

अन्य भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति को अन्य प्रांतों में भी सम्मान की भावना मिल जाती है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति की विचार करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। ऐसा व्यक्ति भाषण या लेखन करते समय अन्य भाषाओं में प्रचलित संदर्भ या उदाहरणों को आसानी से प्रयोग कर सकता है। इसीलिए अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।

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पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।

  1. जूता
  2. पाजामा
  3. अचकन
  4. टोपी

उत्तरः

  1. काला
  2. ढीला
  3. लंबी व इकहरी
  4. दुपल्ली

प्रश्न (ख)
‘संयुक्त परिवार’ संबंधी अपने विचार लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए।
उत्तरः
संयुक्त परिवार प्रणाली भारतीय संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है। आज के इस परिवर्तनशील युग में संयुक्त परिवार प्रणाली विभक्त होती जा रही है। संयुक्त प्रणाली में सभी मिल-जुलकर रहते थे। संयुक्त परिवार प्रणाली व्यापक एवं विशाल स्वरूप की थी। उसका दृष्टिकोण भी व्यापक था। सदस्यों की संख्या भी अधिक होती थी।

परिवार का मुखिया परिवार का संचालन करता था। चाचा-चाची, माँ-बाप, दादादादी, चचेरे भाई-बहन सभी संयुक्त परिवार में मेल-मिलाप से रहते थे। आज भले ही संयुक्त प्रणाली की जगह विभक्त परिवार प्रणाली आ गई है; फिर भी आज कई परिवार ऐसे हैं जो संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार प्रणाली प्रेम व सहयोग से एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहना सिखाती है।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
विरामचिह्न पढ़िए, समझिए।
उत्तर:
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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 9 मेरे पिता जी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 5

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 6

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. गुलूबंद
2. लाठी
उत्तर:
1. जाड़ों में लेखक के पिता के गले में क्या पड़ा रहता था?
2. लेखक के पिता ने किसकी तालीम ली थी?

प्रश्न 5.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के गाँव में किसी कारण हिंदू-मुस्लिम दंगा हो गया था।
2. लेखक के पिता दफ्तर से बाहर निकलते समय धोती पर बंद गले का कोट पहनते थे।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 6.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अपनी वाणी एवं अपने कर्म से सभी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। हमें संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। अपने अच्छे व्यवहार से सभी का दिल जीत लेना चाहिए। हमें मानवीय गुणों का पालन करना चाहिए और अपने प्रत्येक कार्य से दूसरों को प्रेरणा देनी चाहिए।

(ख) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1):आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी हाथ में डंडा लिए थे।
उत्तर:
आत्मरक्षा के लिए पिता जी हाथ में डंडा रखते थे।

प्रश्न 2.
हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।
उत्तरः
साथ में भाईचारे से रहने के उद्देश्य से हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।

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कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 8

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से…………….
उत्तर:
(क) न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
(ख) न बंधुत्व समाप्त होगा न भाईचारा खत्म होगा।
(ग) न प्रेम समाप्त होगा न अमन खत्म होगा।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और
(क) उनके मुहल्ले में अशांति बनी रही।
(ख) उनके मुहल्ले में वैमनस्य बढ़ने लगा।
(ग) उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।
उत्तर:
1. हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
2. लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘इंसान मेल से रहने के लिए बना है।’ इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
इंसान ईश्वर की सबसे सुंदर कृति है। इंसानियत इंसान का सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म से बढ़कर अन्य धर्म नहीं है। अतः धर्म के नाम पर एक-दूसरे के साथ लड़ना-झगड़ना उचित नहीं है। मानव जीवन अत्यंत मूल्यवान है। अत: इस जीवन में हमें एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध निर्माण करने चाहिए। जब व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मेल से रहेगा तब समाज में शांति, प्रेमभाव, अमन का राज्य निर्माण हो जाएगा। चार दिन की इस जिंदगी में खुश रहने के लिए व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ मेल से रहना चाहिए।

(ग) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य गद्यांश के क्रम के अनुसार लिखिए।

  1. पैदल आते।
  2. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।
  3. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  4. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।

उत्तर:

  1. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  2. पैदल आते।
  3. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।
  4. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 9

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. मूर्ति
2. मानस
उत्तर:
1. पूजा की कोठरी में क्या नहीं थी?
2. लेखक के पिता किसका नवाहिक पाठ करते थे?

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘छात्र का दैनिक जीवन किस प्रकार का होना चाहिए?’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
छात्र का दैनिक जीवन सुव्यवस्थित होना चाहिए ताकि वह संपूर्ण दिन में अपना प्रत्येक कार्य सुचारू रूप से कर सकें। छात्र को सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर ईश्वर चिंतन में थोड़ा समय देना चाहिए। पश्चात स्कूल में समय पर पहुँचना चाहिए। स्कूल की पढ़ाई-लिखाई में पूरा ध्यान देकर गृहकार्य भी समय पर करना चाहिए। स्कूल से घर आने के पश्चात कुछ समय खेलकूद के लिए भी देना चाहिए। अपने परिवार एवं मित्र के साथ टहलने के लिए भी समय देना चाहिए। साथ ही अपने निजी शौक के लिए भी छात्र को समय देना चाहिए। रात में सोते समय ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के पिता का स्वर साफ, सप्राण व लयपूर्ण था।
2. लेखक के पिता की आवाज सुरीली थी।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 11

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।
उत्तरः
बचपन में लेखक जब रोने लगते थे तब उन्हें खटोले सहित पूजा की कोठरी के सामने रख दिया जाता। वहाँ आने के बाद लेखक का रोना बंद हो जाता था। इसलिए परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘घर व परिवार संस्कार के प्रमुख केंद्र होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
संस्कार पढ़ाए नहीं जाते हैं। वे अपने आप आ जाते हैं। घर व परिवार ही एक ऐसा माहौल है; जिसमें बच्चों का संस्कार निर्माण होता है। यदि घर व परिवार में धार्मिक माहौल है तो बच्चों पर अपने आप धार्मिक संस्कार का निर्माण हो जाता हैं। कोई भी पाठशाला संस्कार नहीं प्रदान कर सकती। वह सिर्फ शिक्षा दे सकती है। सिर्फ घर-परिवार में अच्छा माहौल हो, तो बच्चों में नैतिक संस्कार एवं मानवीय गुण अपने आप आ जाते हैं। बच्चे जन्म से अपने परिवार के संग होते हैं। घर पर मिलने वाली शिक्षादीक्षा एवं घर-परिवार के लोगों के अच्छे आचरण का बच्चों पर प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों में संस्कार पनपने लगते हैं।

(ङ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 12

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक के पिता जी मौन रहकर गीता पढ़ते थे।
उत्तरः
लेखक के पिता जी गीता पर चिंतन करना चाहते थे। इसलिए वे मौन रहकर गीता पढ़ते थे।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था।
उत्तर:
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था। क्योंकि उन्हें संस्कृत का साधारण ज्ञान था।

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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 13

(च) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को गद्यांश के अनुसार सही क्रम में लिखिए।

  1. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।
  4. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।

उत्तर:

  1. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  4. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. पैंतीस
2. पूरियाँ
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी ने कितने वर्षों तक नौकरी की?
2. लेखक की माँ जल्दी-जल्दी क्या बनाती?

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कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं –
उत्तरः
लेखक के पिता के लिए भोजन ले जाने के लिए कोई आदमी न मिलने पर उन्हें दफ्तर में पूरा दिन उपवास करना पड़ता था।
अत: घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं।

प्रश्न 2.
घर की तीनों बूढ़ियों को भूखा रहना पड़ता था –
उत्तर:
लेखक के पिता को पूरा दिन भूखा रहने के कारण लेखक की माँ भी भूखी ही रह जाती थी। अत: माँ के भूखे रहने के कारण घर की तीनों बूढ़ियाँ भी भूखी ही रह जाती थीं।

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें समय का पालन करना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
समय का पालन करना, समय के अनुसार काम करना एवं समय पर चलना जीवन में अत्यावश्यक है। यदि हम अपने जीवन में समय का पालन करेंगे तो हमारा सारा काम समय पर पूरा हो जाएगा। समय का पालन करने से हम अपने गंतव्य स्थान पर ठीक समय से पहुँच जाएँगे। हमें देरी नहीं होगी। समय का पालन करने से हमारे अंदर अनुशासन बढ़ेगा। समाज में हमें अपने आप प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त हो जाएगा। समय का पालन करने से व्यक्ति स्वावलंबी बनेगा। इसीलिए हमें समय का पालन करना चाहिए।

(छ) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. पिता जी का दफ्तर से लौटने का कोई निश्चित समय नहीं था।
2. पिता जी पूरे दिन में लगभग चालीस मील चला करते थे।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीन
2. गंगा
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी सुबह कितने बजे उठते थे?
2. लेखक के पिता सुबह स्नान करने के लिए कहाँ जाते थे?

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।’ इस कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गंगा नदी भारत की प्रमुख एवं पुरातन नदी है। इस नदी से भारतीयों की श्रद्धा एवं आस्था जुड़ी हुई है। पुराणों में गंगा नदी का वर्णन आया हुआ है। भगीरथ ने अथक परिश्रम कर गंगा को धरती पर लाया था। लोगों के पापों का नाश करने वाली व सभी के दुखों का हरण करने वाली गंगा नदी भारतीय संस्कृति की शान है। हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्थाएँ गंगा नदी से जुड़ी हुई हैं। गंगा नदी के किनारे कई संस्कृतियाँ विकसित हुई हैं। इसीलिए गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।

(ज) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 15

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।
उत्तरः
घर के लोगों को सेंस ऑफ टाइम वक्त का अंदाज देने के लिए पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।

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प्रश्न 2.
लेखक की बड़ी बहन का लड़का घड़ी अपने घर ले गया।
उत्तरः
वह घड़ी उसके नाना लाए थे। इसीलिए नाना की एक निशानी के रूप में वह घड़ी अपने घर ले गया।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आप अपने पिता जी की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मेरे पिता मेरे लिए आदर्श हैं। उनमें वे सारी योग्यताएँ मौजूद हैं जो एक आदर्श पिता के पास होती हैं। पिता जी हमें अनुशासन के प्रति सचेत करते हैं। क्या सही और क्या बुरा इसके बारे में भी सचेत करते हैं। मेरे लिए मेरे पिता जी एक सच्चे दोस्त की तरह हैं। वे प्रेम, दया एवं सहनशीलता के भंडार हैं। उनके पास ज्ञान का अनमोल भंडार है। उनकी बोली में माधुर्य टपकता है। जीवन में आने वाली परिस्थितियों का सामना करने की प्रेरणा मुझे उनसे ही प्राप्त हुई है। जीवन में हर पल यानी सुख-दुख में हमेशा खुश रहना चाहिए यह भी मैंने उनसे ही सीखा है।

मेरे पिता जी (पूरक पठन) Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: हरिवंशराय बच्चन जी का जन्म 27 अगस्त 1907 प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बच्चन जी हालावाद के प्रवर्तक थे। ये मूलत: कवि के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने आत्मकथा के माध्यम से गद्य की जो एक नई धारा निर्माण की वह प्रशंसनीय है। ‘मधुशाला’ इनकी प्रसिद्ध रचना है जो हर एक आम आदमी के हृदय में विराजमान है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’, ‘निशा निमंत्रण’, ‘एकांत संगीत’, ‘आकुल अंतर’, ‘खादी के फूल’, ‘हलाहल’, ‘धार के इधर उधर’; आत्मकथा के चार खंड – ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, ‘नीड़ का निर्माण फिर फिर’, ‘बसेरे से दूर’, ‘दशद्वार से सोपान तक’।

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गद्य-परिचय:

आत्मकथा: आत्मकथा हिंदी साहित्य में गद्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। इसमें व्यक्ति अपने जीवन काल में घटी घटनाओं और अपनी
कथा स्मृतियों का वर्णन करता है। आत्मकथा सामान्यत: व्यक्ति अपने जीवन के उत्तर काल में लिखता है। इसमें रोचकता व निष्पक्षता होती है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत आत्मकथा के अंश में लेखक बच्चन जी ने अपने पिता के व्यक्तित्व एवं चरित्र का वर्णन किया है। इसके साथ ही देश काल की परिस्थितियों का भी जिक्र किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ ‘मेरे पिता जी’ आत्मकथा का एक अंश है। प्रस्तुत पाठ में लेखक हरिवंशराय बच्चन जी ने अपने पिता का चित्रण किया है और साथ में यह भी बताया है कि पिता जी द्वारा किए गए संस्कारों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। लेखक के पिता जी समय के बड़े पाबंद थे। अपनी पैंतीस वर्ष की नौकरी में वे कभी भी दफ्तर देरी से नहीं गए थे। जब लेखक की माँ उनके लिए भोजन देरी से बनाती थीं तो वे गुस्सा हो जाते थे। लेखक की माँ आस-पास में रहने वाले किसी भी आदमी के हाथों से उनके लिए भोजन दफ्तर में भेज देती थीं। जिस दिन भोजन ले जाने के लिए कोई भी नहीं मिलता; उस दिन लेखक के पिता भूखे रह जाते थे।

इसी कारण लेखक की माँ भी भूखी रहती थीं। लेखक के पिता जी को धर्म के नाम पर दंगा फसाद करने वालों के खिलाफ बहुत नफरत थी। उनका कहना था कि इंसान मेल से रहने के लिए बना है। हिंदू या मुसलमानों के मरने से; न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम। लेखक के पिता बहुत धार्मिक थे। वे सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करने जाते थे। पूजा-पाठ में विश्वास रखते थे और मानस का नवाहिक पाठ करते थे। लेखक पर अपने पिता जी के रहन-सहन, व्यक्तित्त्व एवं उनके गुणों का बहुत असर हुआ। उन्हीं के आदर्श विचारों के कारण लेखक के व्यक्तित्व को एक नया आयाम प्राप्त हुआ। इसीलिए लेखक ने अपनी आत्मकथा के इस अंश में अपने पिता जी की खूबियों को दर्शाया है।

शब्दार्थ:

  1. नैमित्तिक – निमित्यसंबंधी
  2. विलायत – विदेश
  3. वाकचातुर्य – वाकपटुता, बोलने में चतुराई
  4. अचेतन – चेतनारहित
  5. चलास – चलने का शौक
  6. सहकर्मी – दफ्तर में साथ में काम करने वाला
  7. आत्मरक्षा – स्वयं की रक्षा
  8. सिरफिरा – पागल
  9. वारदात – घटना
  10. नियमबद्ध – नियम के अनुसार
  11. अचरज – आश्चर्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

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Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 5 अतीत के पत्र Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
गांधीजी द्वारा लिखित ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ (आत्मकथा)पुस्तक का कोई अंश पढ़िए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
किसी महान विभूति के जीवन संबंधी कोई प्रेरक प्रसंग बताइए।
उत्तर:
(अध्यापक निर्देश : अध्यापक कक्षा में छात्रों को किसी महान विभूति के जीवन संबंधी प्रेरक प्रसंग बताने के लिए छात्रों को प्रेरित करते हैं।)
एक छात्र: मैं बाल गंगाधर तिलक के जीवन से संबंधित एक प्रेरक प्रसंग बताना चाहता हूँ।

अध्यापक: जरूर बताओ। हम सभी सुनने के लिए आतुर हैं।

छात्र: सभी जानते हैं कि बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। बात उन दिनों की है जब वे स्कूल जाया करते थे। एक दिन की बात है। मध्याह्न खत्म होने के बाद बाल गंगाधर तिलक के शिक्षक कक्षा में आए। उन्होंने कक्षा में देखा कि सर्वत्र मँगफलियों के छिलके फैले हुए हैं। वे विद्यार्थियों पर नाराज हो गए। उनके पूछने पर भी किसी ने भी किसी का नाम नहीं बताया। पश्चात उनका क्रोध बढ़ गया।

उन्होंने सभी विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया और सभी को हाथ पर बेत की लकड़ी से मारना शुरू कर दिया। जैसे ही वे बाल के पास आए तब उन्होंने बाल से हाथ आगे करने के लिए कहा। लेकिन बाल ने हाथ आगे नहीं किया। उसने बड़े स्वाभिमान से कहा कि उसने मूंगफलियाँ नहीं खाई हैं। इसलिए वह मार भी नहीं खाएगा। ऐसा कहकर वे कक्षा के बाहर चले गए। ऐसे थे बाल गंगाधर तिलक। अन्याय सहन करना उनके स्वभाव में नहीं था।

अध्यापक: बहुत बढ़िया। बच्चों स्वाभिमान का होना बहुत बड़ी बात है। हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी चाहिए।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
गांधी जयंती के अवसर पर एक आकर्षक कार्यक्रम पत्रिका तैयार कीजिए।
उत्तर:
सर्वोदय विद्यालय द्वारा आयोजित

गांधी जयंती

तिथि: 2 अक्टूबर 2017
कार्यक्रम स्थल: सर्वोदय विद्यालय सभागार

कार्यक्रम – सूची

प्रात: 8.00 बजे प्रार्थना
प्रात : 8.30 बजे भाषण : गांधी और आज का भारत
प्रात : 9.00 बजे संगीत गीत गांधी जी के प्रिय भजन
प्रात: 10.00 बजे सूतकताई
प्रात : 11.00 बजे प्रदर्शनी : खादी के वस्त्र एवं स्वदेशी वस्तुएँ
दोपहर: 12.00 बजे स्कूल के छात्रों द्वारा गांधी जी के निकाले गए चित्रों की प्रदर्शनी
दोपहर 12.30 बजे राष्ट्रगान

आशा है कि आप सभी सपरिवार एवं मित्र जनों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार
(कार्यक्रम प्रमुख)

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मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘मेरे सपनों का भारत’ विषय पर अपने विचार सृजन लिखिए।
उत्तर:
जिस देश में मानवीय गुणों का भंडार है, जिस देश में संस्कृति की पूजा की जाती है; वह है भारत। ऐसे भारत में जन्म लेना किसी भाग्यवान के ही नसीब में होता है। मैं भारतीय हूँ। भारत देश की सेवा एवं उसकी हिफाजत करना मेरा परम कर्तव्य है। साथ ही भारत को प्रगति की ओर ले जाना भी मेरा कर्तव्य है। मैं बड़ा होकर भारत की सेवा करूँगा एवं उसकी प्रगति के लिए भगीरथ प्रयास भी करूंगा। मैंने भारत की प्रगति का सपना देखा है। ऐसे भारत का जिसमें सिर्फ मानवता, दया, प्रेम, शांति, करुणा, वीरता, देशप्रेम ऐसे मानवीय गुणों का खजाना हो। सचमुच मेरे सपनों का भारत आदर्शबादी होगा।

वह सत्य व अहिंसा का पूर्णतः पालन करेगा। मेरे सपनों के देश में सभी ईमानदार होंगे। सर्वत्र शिक्षा का बोलबाला होगा। सभी को समान न्याय एवं अधिकार प्राप्त होगा। मेरे सपनों के भारत में सभी शिक्षा प्राप्त कर भारत के विकास के लिए जुटेंगे। कोई भी अधिक धन पाने हेतु विलायत नहीं जाएगा। मेरे सपनों के भारत में सभी खुशहाल एवं संपन्न होंगे। किसी पर कोई भी अन्याय नहीं करेगा। स्त्रियों को पुरूषों के समान अधिकार मिलेगा। बाल शोषण, स्त्री अत्याचार आदि सभी समस्याएँ नहीं होगी।

मेरे सपनों के भारत में न्याय, समता व बंधुत्व की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क पर विराजमान होगी। मेरे सपनों का भारत आर्थिक विकास में स्वयंपूर्ण होगा। सभी को रोजगार मिलेगा। मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा। काले धन का नामोनिशान मिट जाएगा। मेरे सपनों के भारत में महंगाई नहीं होगी और आबादी पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों की मानसिकता भी तैयार हो जाएगी।

सचमुच मेरे सपनों का भारत महात्मा गांधी जी के द्वारा बताए गए सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर विश्व में अपनी पहचान बनाएगा।

मैं हूँ यहाँ :

1 https://hi.wikipedia.org/wiki/ विनोबा भावे
2 https://hi.wikipedia.org/wiki/ महात्मा गांधी

आसपास :

प्रश्न 1.
हमारी ऐतिहासिक स्मृतियाँ जगाने वाले स्थलों की जानकारी प्राप्त कीजिए और उनपर टिप्पणी बनाइए। जैसे – आगाखान पैलेस, पुणे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
कार्य
स्वास्थ्य सुधार के लिए विनोबा जी द्वारा किए गए कार्य
उत्तरः
कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

प्रश्न ख.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (क) योजना
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) व्रत
3. विनोबा जी का साध्य (ग) संस्था
4. ब्रह्मचर्य (ङ) आश्रम
(च) सत्याग्रह

उत्तरः

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (ग) संस्था
2. राष्ट्रीय शिक्षा (क) योजना
3. विनोबा जी का साध्य (ङ) आश्रम
4. ब्रह्मचर्य (ख) व्रत

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प्रश्न ग.
अर्थ लिखिए।
i. ‘अपरिग्रह’ शब्द से तात्पर्य है कि …………
ii. ‘रमता राम’ शब्द से तात्पर्य है कि ……….
उत्तर:
i. संग्रह न करना।
ii. एक स्थान पर न टिकने वाला व्यक्ति।

2. ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। इस पर स्वमत लिखिए।

प्रश्न 1.
प्रत्यय पहचानिए।
i. पारिश्रमिक
ii. ज्ञानेश्वरी
उत्तरः
i. ‘इक’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. व्रत
ii. दूध
उत्तर:
i. संकल्प
ii. क्षौर, दुग्ध

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. पूर्ण दिवस काम करने के बाद पैसों के रूप में मिलने वाला मुआवजा –
ii. आध्यात्मिक विषय पर व्याख्यान –
उत्तर:
i. पारिश्रामिक
ii. प्रवचन

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
प्रवचन, प्रवास, प्रयोग

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 5.
शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
i. पहुंचूंगा
ii. नीम्बू
उत्तर:
i. पहुँचूँगा
ii. नींबू

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 2.1

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 5 अतीत के पत्र Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 3

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त एक स्थान
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 4

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. विनोबा जी आश्रम से बाहर गए थे क्योंकि
(क) उन्हें घूमने का शौक था।
(ख) वे नौकरी करते थे।
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।
उत्तरः
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने स्वयं फ्रेंच भाषा का चयन किया था।
ii. हाईस्कूल में पढ़ते समय विनोबा जी को भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
विनोबा जी ने खुद-ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था
उत्तरः
विनोबा जी को गीता से अत्यधिक प्रेम था इसलिए उन्होंने खुद ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. घर
ii. पत्र
उत्तर:
i. ठिकाना, घराना, मकान, गृहस्थी
ii. शंख, पत्ता, चिट्ठी, पक्षी के पर

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. विद्वान
ii. पूज्य
उत्तर:
i. विदुषी
ii. पूज्य

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. आज्ञा × ………..
ii. खास × ………..
उत्तर:
i. अवज्ञा
ii. साधारण

प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जीवन भर
ii. ऋषियों के रहने का स्थान
उत्तर:
i. आजन्म
ii. आश्रम

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प्रश्न 5.
उपसर्ग पहचानिए।
i. उपनिषद
ii. अस्वास्थ्य
उत्तर:
i. ‘उप’ उपसर्ग
ii. ‘अ’ उपसर्ग

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
वेदांत, उपनिषद व गीता भारत के प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथ हैं। ये संस्कृत में लिखे गए हैं। ये हिंदू धर्म के सर्वोच्च व सर्वोपरि ग्रंथ हैं। इनमें सभी प्रकार का ज्ञान समाहित है। जिनमें ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, औषधि, प्रकृति, खगोलशास्त्र आदि से संबंधित ज्ञान का भंडार भरा हुआ है। इनमें परमेश्वर, परमात्मा, ब्रह्म व आत्मा से संबंधित वर्णन है। ये ग्रंथ आध्यात्मिक चिंतन से परिपूर्ण हैं। दरअसल ये ग्रंथ हमारी संस्कृति की रीढ़ हैं। इनके बिना भारतीय संस्कृति की व्याख्या नहीं की जा सकती। इसलिए वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि स्वास्थ्य ही संपत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ होगा, तो व्यक्ति का मन भी स्वस्थ रहेगा। तन और मन में गहरा संबंध होता है। आखिर स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर के स्वस्थ रहने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बीमारी छूती नहीं है। जिस कारण उसे किसी भी प्रकार का कष्ट भी नहीं पहुंचता है। वह हमेशा प्रसन्न रहता है। इस कारण उसका मन भी प्रसन्न रहता है। ऐसे व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएँ संतुलित रहती हैं और वह अपने शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं को भी अपने वश में रखता है। स्वस्थ शरीर के माध्यम से ही मानसिक विचार एवं भावनाओं में संतुलन निर्माण किया जा सकता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 9

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अपने मित्रों के साथ बड़ौदा में मातृभाषा के प्रसार के लिए एक संस्था स्थापित की।
ii. विनोबा जी ने बंडी, कोट, टोपी वगैरह पहनने का व्रत लिया।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 10

प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. सत्य-अहिंसा-ब्रह्मचर्य
ii. धोती
उत्तर:
i. विनोबा जी ने किस व्रत का पालन किया?
ii. विनोबा जी शरीर पर क्या ओढ़ लेते थे?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।
i. महीना
ii. प्रयास
उत्तर:
i. मास
ii. प्रयत्न

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प्रश्न 2.
वचन बदलिए।

  1. कटोरी
  2. थाली
  3. कपड़ा
  4. पुस्तकें

उत्तर:

  1. कटोरियाँ
  2. थालियाँ
  3. कपड़े
  4. पुस्तक

प्रश्न 3.
गद्यांश से प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
स्वदेशी × परदेशी

प्रश्न 4.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. वर्ग
उत्तरः
श्रेणी, अध्याय, जाति

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।’ अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
सत्य व अहिंसा जीवन के तत्त्व हैं। सत्य व अहिंसा की धार तलवार की धार से भी अधिक तेज होती है। सत्य भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन है। जहाँ सत्य होता है वहीं पर ज्ञान होता है और जहाँ पर अहिंसा होती है; वहाँ पर शांति का साम्राज्य होता है। सत्य सर्वशक्तिमान होता है और अहिंसा अजेय शक्ति होती है।

महात्मा गांधी स्वयं सत्य व अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने सत्य व अहिंसा के माध्यम से ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ एवं ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किए। इन्हीं तत्त्वों को आधार बनाकर उन्होंने मानव को नव निर्माण की नई राह दिखाई। भारत को आजाद कराने के लिए उन्होंने इन्हीं तत्त्वों की सहायता ली थी। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।

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(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 11

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आश्रम (क) सत्याग्रह
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) साध्य
3. रेल (ग) योजना

उत्तर:

(अ) (ब)
1. आश्रम (ख) साध्य
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ग) योजना
3. रेल (क) सत्याग्रह

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. आश्रम
ii. भाकरी
उत्तरः
i. विनोबा जी का साध्य क्या था?
ii. विनोबा जी प्रवास में क्या नहीं बना सकते थे?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी गांधी जी को पितृतुल्य मानते थे।
ii. विनोबा जी अन्य किसी सत्याग्रह में सम्मिलित होना नहीं चाहते थे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
उपसर्ग पहचानिए।
i. परिवर्तन
i. आचरण
उत्तर:
i. परि’ उपसर्ग
ii. ‘आ’ उपसर्ग

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. सत्याग्रह
ii. शिक्षा
उत्तर:
i. सत्याग्रह + ई = सत्याग्रही
ii. शिक्षा + इक = शैक्षिक

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प्रश्न 3.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. मेरी इच्छा है आप मुझे पत्र लिखिए
उत्तरः
मेरी इच्छा है, ‘आप, मुझे पत्र लिखिए।’

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. साध्य × …………….
ii. सवाल × ………….
उत्तर:
i. असाध्य
ii. जबाब

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख आधार था।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘सत्याग्रह’ का अर्थ है- सत्य के लिए आग्रह यानी सत्य को सदैव पकड़े रहना या उसके मार्ग पर चलना। हिंसा के बदले में अहिंसा से पेश आना। अन्यायी के प्रति बैर भाव न रखना या कभी क्रोध नहीं करना-ये सत्याग्रह के प्रमुख तत्त्व हैं। सत्याग्रह एक अहिंसक प्रतिकार है परंतु वह निष्क्रिय नहीं। इसी सत्याग्रह को गांधी जी ने अपनाया था।

उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए समस्त भारतवासियों को सत्याग्रह का मार्ग बतलाया। सभी भारतीयों ने सत्याग्रह का पालन कर स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया। सत्याग्रह ने सभी लोगों में जोश, देशप्रेम, उमंग, उत्साह व उल्लास का वातावरण निर्माण किया था। सत्याग्रह करने वाले सत्याग्रहियों के सामने अंग्रेजों की एक न चली। आखिर उन्हें हार माननी पड़ी।

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 13

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 14

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 15

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी को पिता का पद प्रेमपूर्वक भेंट के रूप में दिया था।
ii. गांधी जी ने स्वयं को ‘भीम’ कहा है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. पद
ii. भेंट
उत्तर:
i. ओहदा, पैर, शब्द, कविता का चरण
ii. उपहार, मिलन

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. मुंह
ii. उद्गार
उत्तर:
i. मुख
ii. कथन

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प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जो सत्य के मार्ग पर चलता है –
ii. जो चरित्र से पूर्ण हो –
उत्तर:
i. सत्यवादी
ii. चरित्रवान

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्ग व प्रत्यय युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तरः
उपसर्ग युक्त शब्द – असमर्थ
प्रत्यय युक्त शब्द – चरित्रवान, विशेषता, मान्यता

प्रश्न 5.
‘अपमान करना’ इसके लिए परिच्छेद में प्रयुक्त मुहावरा है।
उत्तर:
निरादार करना।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, मै उपर्युक्त कथन से सहमत है। सच्चे पुत्र के पास धैर्य, सहनशीलता, प्रेम, मेहनत करने की लगन आदि मानवीय गुण होते हैं। सच्चा पुत्र अपने पिता से प्राप्त विरासत एवं संपत्ति में वृद्धि करता है। वह अपने कर्तव्य से उसमें चार चाँद लगा देता है। दरअसल उसे स्वयं से कमाए हुए नाम, शोहरत, यश, प्रसिद्धि एवं कीर्ति पर नाज होता है। जैसे कि हरिवंशराय बच्चन जी ने साहित्य के द्वारा संपूर्ण देश में नाम कमाया। लेकिन उनके पुत्र अभिताभ जी ने अपने पिता द्वारा अर्जित श्रेय में वृद्धि कर दिखाई। उन्होंने अपने अभिनय के बल पर संपूर्ण विश्व को आकर्षित कर दिया। आखिर वही सच्चा पुत्र होता है जो पिता के नाम, शोहरत, यश एवं सम्मान को आगे तक बढ़ाएँ।

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(च ) गद्यांश पड़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. दिल्ली
ii. खेड़ा
उत्तर:
i. दो-एक दिन में गांधी जी कहाँ जाने वाले थे?
ii. गांधी जी के अनुसार कौन-से जिले में सत्याग्रह शुरू करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 16

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 17

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी ने मामा फड़के को दूध पीने की सलाह दी।
ii. गांधी जी के अनुसार विनोबा ‘बहुत बड़े मनुष्य’ थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. बहुत बड़ा मनुष्य है वह
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो यही मेरी कामना है
उत्तर:
i. “बहुत बड़ा मनुष्य है वह!”
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें। जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो, यही मेरी कामना है।

प्रश्न 2.
उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. उत्सुक
ii. उपयोग
उत्तर:
i. उत्सुकता
ii. उपयोगी

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. एक स्थान पर न टिकने वाला –
उत्तर :
रमता राम

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बापू सभी भारवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बापू स्वयं एक संस्कृति थे। वे दया, प्रेम, करूणा, मानवता, शांति, सत्य, अहिंसा, सहनशीलता, शालीनता आदि गुणों के भंडार थे। ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ यही उनकी जीवन प्रणाली थी। बापू नव संस्कृति के दूत थे। धरती पर मानवीय गुणों की स्थापना करने हेतु ही वे यहाँ पधारे थे। उन्हीं के विचारों एवं कार्यों को अपनाकर समस्त भारतवासियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। वे बापू ही थे जिनकी एक आवाज पर लाखों लोग सत्याग्रह करने के लिए निकल पड़ते थे। उन्हीं के मार्ग का अवलंबन करते हुए आज भारत प्रगति कर रहा है। आज भी बापू द्वारा बताए गए मार्ग पर भारत चल रहा है। सचमुच आज भी बापू सभी भारतवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु :

प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा। (पूर्ण भूतकाल)
ii. मैने देशसेवा करने का व्रत लिया था। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
ii. मैं देशसेवा करने का व्रत लेता हूँ।

प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. विनोबा जी ने परम पूज्य बापू जी को पत्र लिखा।
ii. वैसे मामा को मैंने एक-दो पत्र लिखे थे।
उत्तर:
i. परम पूज्य – विशेषण – गुणवाचक
ii. मैंने – सर्वनाम – उत्तम पुरुषवाचक

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प्रश्न 4.
संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. नमस्कार
  2. विद्यार्थी
  3. सत्याग्रह
  4. वाचनालय
  5. वार्षिकोत्सव
  6. निरादार
  7. दीर्घायु

उत्तर:

  1. नमः + कार
  2. विद्या + अर्थी
  3. सत्य + आग्रह
  4. वाचन + आलय
  5. वार्षिक + उत्सव
  6. निः + आदर
  7. दीर्ध + आयु

प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. आज तक ऐसे कोई पचास प्रवचन किए।
ii. एक महीना केले, दूध और नींबू पर बिताया।
उत्तर :
i. आज तक – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

प्रश्न 6.
रचना की दृष्टि से वाक्यों के प्रकार पहचानिए।

  1. अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई और ज्ञानेश्वरी चार विद्यार्थियों को सिखाई।
  2. फिर भी अगर इसे छोड़ा जा सकता हो तो छोड़ देने की मेरी इच्छा है।
  3. राष्ट्रीय शिक्षा की योजना क्या है?
  4. मैं आश्रम का ही हूँ।
  5. जब आप मुझे पत्र लिखेंगे तब मुझे बेहद खुशी होगी।

उत्तर:

  1. संयुक्त वाक्य
  2. मिश्र वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. विधानार्थक वाक्य
  5. संदेशसूचक वाक्य

प्रश्न 7.
काल के प्रकार पहचानिए।
i. मैं तुरंत ही पहुँच जाऊँगा।
ii. आश्रम के नियमों के अनुसार मैं अपना आचरण रखता हूँ।
उत्तर:
i. सामान्य भविष्यकाल
ii. सामान्य वर्तमानकाल

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प्रश्न 8.
अव्ययों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

  1. पास
  2. कि
  3. वाह

उत्तर:

  1. उसके पास मेरे सौ रूपए हैं।
  2. मैंने कहा कि वे अपने घर चले गए।
  3. वाह! क्या बात है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित बाक्य में प्रयुक्त क्रियाओं के भेद पहचानिए।
i. दो-एक दिन में मैं दिल्ली जाऊँगा।
ii. अब मुझे आप लोगों से सत्याग्रह करवाना पड़ेगा।
उत्तर:
i. जाऊँगा – अकर्मक क्रिया
ii. करवाना – प्रेरणार्थक क्रिया

अतीत के पत्र Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : विनोबा भावे (1895 – 1982)
विनोबा भावे का पूरा नाम विनायक नरहरी भावे है। आप गांधी जी के सहयोगी थे। गांधीवादी विचारधारा को समाज में मान्यता दिलवाने के लिए आपने अथक प्रयास किया। विनोबा जी मराठी व हिंदी भाषा के ज्ञाता थे। इन्होंने गीता का मराठी में अनुवाद किया। इन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है। प्रमुख कृतियाँ : गीताई (गीता का मराठी में अनुवाद) गीता पर वार्ता, शिक्षा पर विचार आदि कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं।

जीवन-परिचय : महात्मा गांधी (1869 – 1948)
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख प्रेरणा थे। गांधी जी एक दार्शनिक, विचारक, शिक्षाशास्त्री एवं लेखक थे। भारत देश को आजाद कराने के लिए इन्होंने भगीरथ प्रयत्न किए थे।
प्रमख कतियाँ : ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ (आत्मकथा), ‘हिंद स्वराज्य या इंडियन होमरूल’ इनके अतिरिक्त लगभग प्रत्येक दिन अनेक व्यक्तियों और समाचार पत्रों के लिए लेखन करते थे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

गद्य-परिचय :

पत्र : पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। पत्र के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने विचार, अपनी भावना, अपना जीवनविषयक दृष्टिकोण एवं अपने मूल्यों को पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रस्तावना : ‘अतीत के पत्र’ में विनोबा जी एवं गांधी जी के पत्रों को समाहित किया गया है। इन पत्रों के माध्यम से पाठकों को देशसेवा व्रत, अनुशासन, दृढ़ निश्चय, विश्वास, समर्पण एवं श्रद्धा जैसे मानवीय गुणों के दर्शन होते हैं।

सारांश :

हिंदी साहित्य में पत्र लेखन’ गद्य की विधा है। प्रस्तुत पाठ पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। इसमें दो पत्र हैं। पहला पत्र आचार्य विनोबा भावे जी ने गांधी जी को लिखा है, जिसमें प्रकृति, स्वास्थ्य, ब्रह्मचर्य व्रत, देशसेवा व्रत, गीता अध्ययन, संस्कृत भाषा के प्रति रूचि, उपनिषदों का अध्ययन, परिश्रम, अनुशासन, सत्याग्रहाश्रम के तत्त्वों का प्रचार, मातृभाषा प्रसार कार्य, सत्य-अहिंसा व गांधी जी के प्रति समर्पण व श्रद्धा आदि बिंदुओं का वर्णन किया गया है। दूसरा पत्र महात्मा गांधी जी ने आचार्य विनोबा भावे जी को लिखा है। वास्तव में विनोबा जी का पत्र पढ़कर गांधी जी फूले नहीं समाए थे और विनोबा जी का वर्णन करते हुए ‘भीम है भीम’ यह उद्गार निकाले थे।

गांधी जी के लिए विनोबा उनके पुत्र से भी बढ़कर थे। इसीलिए गांधी जी ने पत्र में ‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें। वे विनोबा जी द्वारा दिया गया पिता का पद बड़े आनंद से स्वीकार करते हैं। इस प्रकार प्रस्तुत दोनों पत्र उच्चतम मानवीय गुणों के अनमोल उपहार हैं। इनका पठन एवं मनन मानवीय गुणों को अपनाने के समान है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

शब्दार्थ :

  1. अस्वादव्रत – फीका भोजन करने का व्रत
  2. अपरिग्रह – संग्रह न करना
  3. करघा – कपड़ा बुनने का यंत्र
  4. रमता राम – फक्कड़, एक स्थान पर न टिकनेवाला
  5. वाकचातुर्य – बोलने में चतुर
  6. अचेतन – चेतनारहित
  7. ब्रह्मचारी – संन्यासी
  8. वेदांत व उपनिषद – भारतीय प्राचीन धार्मिक ग्रंथ
  9. सत्याग्रह – सत्य का आग्रह
  10. गोरख व मछंदर – नवनाथों में से दो नाथ। एक गोरखनाथ व दूसरे मछिंदर नाथ।
  11. सत्यवादी – सत्य की राह पर चलने वाला।

मुहावरे :

  • हाथ लगना – प्राप्त होना।
  • हृदय में स्थान बनाना – किसी का प्रिय बनना।
  • निरादर करना – अपमान करना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 इनाम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 3 इनाम Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
“प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान।’ इस विषय पर स्वमत लिखिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान होता है। सूर्य की रोशनी, हवा, मिट्टी, पानी, लकड़ी, तेल, कोयला, जीवश्म, ईधन, खनिज, वनस्पति और अन्य पदार्थ प्राकृतिक संसाधन होते हैं क्योंकि ये सन्न प्रकृति द्वारा इसान को उपहार के रूप में मिले हैं। ये प्रकृति में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। इन्हें मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं किया जा सकता। मानव सभ्यता, शहरीकरण, तकनीकीकरण, औद्योगिकीकरण के लिए इन संसाधनों का इस्तेमाल करता है।

इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य प्राकृतिक संसाधन करते हैं। इनके कारण ही आज मनुष्य प्रगति कर सका है। इंसान के जीवन को खुशहाल एवं समृद्ध करने में प्राकृतिक संसाधन सहायता करते हैं। इनके कारण ही इस धरती पर जीवन संभव हुआ है। अत: प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान हैं।

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आसपास :

प्रश्न 1.
आपके गाँव-शहर को जहाँ से बिजली आपूर्ति होती है, उस केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करके टिप्पणी तैयार कीजिए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘ईधन की बचत, समय की माँग है।’ इस विषय पर अपना मत व्यक्त कीजिए।

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उत्तरः
सचमुच आज के इस तकनीकी युग में ईधन की बचत समय की माँग हो गई है। यदि हमने आने वाले समय में ईंधन की बचत नहीं की तो हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। हमारे देश में ईंधन की सौमित मात्रा ही उपलब्ध है। अत: मानव का दायित्व है कि वह उसकी बचत करे। ईंधन की बचत करने के लिए हमें पब्लिक बस या रेल से सफर करना चाहिए। अपनी गाड़ियों को व्यर्थ में चालू करके नहीं छोड़ना चाहिए। हमें छोटी दूरी के लिए साइकिल का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर हम ईंधन की बचत करेंगे; तो वह आगे आने वाले पीढ़ी को उपलब्ध हो सकेगा। ईधन की बचत करने से हम पर्यावरण को भी दूषित होने से बचा सकते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
समुद्री लहरों से विद्युत निर्मिति के बारे में टिप्पणी तैयार कीजिए। संदर्भ यू ट्यूब से लीजिए।
उत्तरः
समुद्री लहरों से विद्युत की निर्मिति की जाती है। इसे ‘जलविद्युत ऊर्जा’ कहते हैं। समुद्र की लहरें ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है। इसी कारण सतह के पानी व गहरे समुद्र के बीच तापमान में लगातार भिन्नता रहती है। इसका फायदा ऊर्जा निर्माण करने के लिए किया जाता है। समुद्री धाराओं में बड़े पैमाने पर फ्लोटिंग विलवणीकरण संयंत्र का कार्यान्वयन किया जा रहा है जिस कारण जलविद्युत ऊर्जा की निर्मिती हो रही है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
दैनंदिन जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले विविध उपकरणों के आविष्कारकों और उनके कार्यो की जानकारी प्राप्त करके पढ़िए ।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
पाठ में आए और हिंदी में प्रयुक्त होने वाले पाँच-पाँच विदेशी एवं संकर शब्दों की सूची।
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उत्तर:

विदेशी शब्द संकर शब्द
1. रेफ्रीजरेटर मोहल्लेदार
2. टेलीफोन छायादार
3. एक्सपर्ट लाठीचार्ज
4. क्यूब वर्षगाँठ
5. आइसक्रीम रेलगाडी

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प्रश्न ख.
वाक्य में कि, की के स्थान को स्पष्ट कीजिए।
‘माँ ने कहा कि बच्चों ने आम की आईसक्रीम तैयार की।’
उत्तर:
कि – समुच्चयबोधक अव्यय
की – संबंधकारक
की – क्रिया

प्रश्न ग.
रेफ्रीजरेटर आने के पूर्व घरवालों के विचार।
उत्तर:
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प्रश्न घ.
रेफ्रीजरेटर आने के बाद घर की स्थिति।
उत्तरः
कृति ग (1) का आकलन देखिए।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्रशंसापत्र/पुरस्कार/इनाम के प्रसंग का कक्षा में वर्णन कीजिए।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
दिए गए आकृति के अनुसार रचना की दृष्टि से सरल, संयुक्त, मिश्र अन्य वाक्य पाठ से खोजकर तालिका पूर्ण कीजिए।
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उत्तरः
छात्र स्वयं पाठ में से सरल, संयुक्त एवं मिश्र वाक्य ढूँढ़कर लिखेंगे।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 3 इनाम Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो।”
उत्तर:
लेखक ने अपनी पत्नी से कहा।

ii. “हमारे टेलीफोन तो तुम ही हो।”
उत्तरः
लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. लेखक की पत्नी के अनुसार जिसका उत्तर सबसे अच्छा होगा, उसे इनाम मिलेगा।
ii. रेफ्रीजरेटर के लिए घरेलू पावर की जरूरत होती है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. प्रतियोगिता
ii. जुगाड़
iii. पत्नी
iv. रात
उत्तर :
i. स्पर्धा
ii. व्यवस्था
iii. भार्या
iv. निशा

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. दिन × …
ii. देसी × …..
उत्तरः
i. रात
ii. विदेशी

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प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. लॉटरी
ii. दाम
उत्तर:
i. लॉटरियाँ
ii. दाम

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानिए।
i. प्रतियोगिता
ii. विदेशी
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. अच्छा
ii. भारत
उत्तर:
i. अच्छा + आई – अच्छाई
ii. भारत + ईय – भारतीय

प्रश्न 6.
‘कल्पना में खोए रहना।’ इस अर्थ का गद्यांश में प्रयुक्तं मुहावरा है।
उत्तरः
खयाली पुलाव पकाना।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात होती है ? इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
‘खयाली पुलाव पकाना’ यानी कल्पना में खोए रहना। कल्पना में खोए रहना उचित बात नहीं होती है। कल्पना के सहारे जीने से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होता है। इंसान को कल्पना जरूर करनी चाहिए पर उस कल्पना को यथार्थ में लाने का निश्चय भी करना चाहिए। सिर्फ कल्पना करके खयाली पुलाव पकाना यानी कि जीवन की सच्चाई से दूर भागना होता है। अत: स्पष्ट है कि खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात नहीं होती है।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
अमिता खिलखिलाई क्योंकि ……………………।
(क) वह रेफ्रीजरेटर में बर्फ जमाएगी।
(ख) वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।
(ग) वह रेफ्रीजरेटर से रोजाना ठंडा पानी पीएगी।
उत्तर:
अमिता खिलखिलाई क्योंकि वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 9

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
पहले आने वालों के लिए : शिंकजी :: शौकीनों के लिए :
उत्तरः
चाय

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 10

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।

  1. ताली
  2. बोतलें
  3. पत्नी
  4. बहू

उतर:

  1. तालियाँ
  2. बोतल
  3. पत्नियाँ
  4. बहुएँ

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. पड़ोसी
ii. बहू
उत्तर:
i. पड़ोसन
ii. बेटा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. शक
ii. नम
उत्तर:
i. बे + शक – बेशक
ii. वि + नम् = विनम्

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. खिलखिलाई
ii. रोजाना
iii. भाग्यवान
उत्तर:
i. आई
ii. आना
iii. वान

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. किस्मत
ii. शक
उत्तर:
i. भाग्य
ii. संशय

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प्रश्न 6.
मानक वर्तनी के अनुसार शब्द लिखिए।
i. परबंध
ii. ठण्डा
उत्तर:
i. प्रबंध
ii. ठंडा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘यदि रेफ्रीजरेटर न होते …..’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
रेफ्रीजरेटर खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखता है एवं उन्हें खराब होने से बचाता है। यदि रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखने में समस्या निर्माण हो जाती और फिर वे खराब हो जाते। रेफ्रीजरेटर के न होने से इंसान को ठंडा पानी भी पीने के लिए उपलब्ध नहीं होता। आज बाजार में आइसक्रीम के जो फैमिली पैक मिल रहे हैं। वे उपलब्ध नहीं होते। रेफ्रीजरेटर के न होने से आइसक्रीम भी तैयार नहीं हो सकती थी। गर्मियों के दिनों में इंसान की हालत बिगड़ जाती। शरबत व फलों के जूस बहुत दिनों तक नहीं रहते। इस प्रकार रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो इंसानों को बहुत तकलीफ होती थी।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. हेमंत के अनुसार देवी की मानता का आशीर्वाद था रेफ्रीजरेटर।
ii. अरुण का रिश्तेदार रेफ्रीजरेटर कंपनी में नौकरी करता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
i. “मैंने फिर दुबारा दिमाग पर जोर नहीं डाला।”
उत्तरः
कुढ़मगज ने लेखक से कहा।

ii. “हमें भी बता दें।”
उत्तर:
पड़ोस की एक महिला ने लेखक से कहा।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. अरुण
ii. तिरछा
उत्तर:
i. लाल, सूर्य
ii. टेढा, वक्र, बाँका

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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. बिजली
  2. बेटा
  3. हाथी

उत्तर:

  1. विदयुत
  2. पुत्र
  3. गज, हस्ती

प्रश्न 3.
प्रत्यय पहचानिए।
i. रिश्तेदार
ii. पूलकर
उत्तर:
i. ‘दार’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

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प्रश्न 4.
‘अनु’ उपसर्ग से निर्मित दो शब्द लिखिए।
उत्तर:
i. अनुबंध
ii. अनुचित

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. जली-कटी सुनाना
उत्तर:
अर्थ : खरी-खोटी सुनाना।
वाक्यः रामू से गलती क्या हो गई, सभी उसे जली-कटी सुनाने लगे।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

  1. शककी
  2. इन्क
  3. मुफ्त
  4. काण्टा

उत्तर:

  1. शक्की
  2. इंक
  3. मुफ्त
  4. काँटा

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पड़ोसियों की आदत होती है, निंदा करने की!’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
संकट की घड़ी में पड़ोसी अपने रिश्तेदारों की अपेक्षा तुरंत सहायता के लिए उपस्थित हो जाते हैं। भले ही यह बात सच हो लेकिन अपने पास में रहने वालों की निंदा करने से भी वे कभी बाज नहीं आते। आप कितनी भी अच्छी तरह से उनके साथ रहें या उनके साथ अच्छा व्यवहार करें; फिर भी वे आपकी निंदा करना नहीं छोड़ेंगे। निंदा करना उनकी आदत होती है।

अपने पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति ने नई गाड़ी खरीदी हो या कुछ अन्य नई वस्तु घर पर लाई हो; तो वे जल-भूनकर राख हो जाते हैं और उस व्यक्ति के बारे में भला-बुरा कहने लगते हैं। इसलिए उपर्युक्त वाक्य से मैं सहमत हूँ। (विद्यार्थी अपने व्यक्तिगत विचार स्वतंत्र रूप से भी लिख सकते हैं।)

(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. शांति बुआ : आटा :: लाला दीनदयाल : ……………
उत्तर:
मिठाई का बोइया

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कृति घ (2): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
i. लाला जी ने आइस्क्रीम नहीं खाई क्योंकि ………….।
(क) उन्हें सर्दी हो जाती है।
(ख) उन्हें बुखार चढ़ जाता है।
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।
उत्तर:
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।

ii. पत्नी का दिल बाग-बाग हो गया क्योंकि ………….।
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।
(ख) शांति बुआ बिना बुलाए लेखक के घर आई थी।
(ग) शांति बुआ रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पीना चाहती थी।
उत्तर:
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढकर लिखिए।

  1. प्रसन्नता
  2. संध्या
  3. दया

उत्तर:

  1. खुशी
  2. शाम
  3. कृपा

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. भगवान
ii. लाला
उत्तर:
i. भगवती
ii. ललाइन

प्रश्न 3.
बचन बदलिए।
i. चिंता
ii. तश्तरी
उत्तर:
i. चिंताएँ
ii. तश्तरियाँ

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. जल्दबाज
उत्तर:
‘बाज’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
उपसर्ग लगाकर नए शब्द लिखिए।
i. कृपा
ii. दुआ
उत्तर:
i. अवकृपा
ii. बदुआ

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प्रश्न 6.
मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. मिसरी घोलकर बोलना
उत्तरः
अर्थः मीठी-मीठी बातें करना।
वाक्यः रामलाल अपने स्वार्थ हेतु सभी से मिसरी घोलकर बोलते हैं।

(छ) परिच्छेद पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. लखनऊ : चमनलाल :: कोलकाता : ….
उत्तर:
बनर्जी

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हो।
i. सिंधी आलू
ii. स्कूल
उत्तर:
i. कैलाश को क्या अच्छे लगते हैं?
ii. हेमंत-अमिता कहाँ गए थे?

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिल्वर क्रीम बनर्जी बाबू ने खाई।
ii. सिंधी आलू लेखक की पत्नी ने बनवाए थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
i. भाभी
ii. पत्ति
उत्तर:
i. भैया
ii. पत्नी

प्रश्न 2.
प्रत्यय पहचानिए।
i. मूर्खता
ii. बिगड़कर
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. वास्तव × ……….
ii. फायदा × …………
उत्तरः
i. काल्पनिक
ii. नुकसान

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्कूल
  2. निराश
  3.  आँख
  4. लाचारी

उत्तर:

  1. विद्यालय
  2. उदास
  3. नयन
  4. बेबसी

प्रश्न 5.
गोश में ‘महत्त्वहीन’ इस अर्थ से संबंधित कहावत है।
उत्तरः
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आधुनिक युग में समाचार उड़ती बीमारी से भी तेज फैलते हैं।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक युग विज्ञान व तकनीकी का युग है। आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है। इस युग में संचार माध्यमों का अत्यधिक प्रचार-प्रसार हुआ है। संचार माध्यमों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है। जितनी जल्दी से कोई भी संक्रामक बीमारी नहीं फैल सकती है; उतनी जल्दी से समाचार देश के कोने-कोने में फैलते हैं। दूरदर्शन के विविध चैनल, समाचार पत्र, मोबाइल फोन, एस. एम. एस., ट्विटर, ई-मेल आदि के जरिए समाचार तुरंत पलभर में संपूर्ण देश में फैल जाते हैं। आज हम अपने देश में बैठे हुए भी दूसरे देशों में होने वाली घटनाओं से तुरंत अवगत हो जाते हैं।

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(च) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. रमा (क) मिठाई
2. रामानुज (ख) पराठे
3. शांति बुआ (ग) साग
4. चक्रवर्ती (घ) पनीर

उत्तरः

(अ) (ब)
1. रमा (ख) पराठे
2. रामानुज (क) मिठाई
3. शांति बुआ (घ) पनीर
4. चक्रवर्ती (ग) साग

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
घटनाक्रमानुसार वाक्य लिखिए।

  1. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।
  2. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।

उत्तर:

  1. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  2. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँड़कर लिखिए।

  1. आशीर्वाद
  2. वर्षा
  3. परेशान
  4. वस्तु

उत्तर:

  1. आशीष
  2. बारिश
  3. तंग
  4. चीज

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प्रश्न 2.
बिलोम लिखिए।
i. कल x ………….
ii. विश्वास x …………
उत्तर:
i. आज
ii. अविश्वास

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. बीमारी
i. शंका
उत्तर:
i. बीमारियाँ
ii. शंकाएँ

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प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. बीमारी
ii. लाचारी
उत्तर:
i. ‘ई’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
लिंग बदलिए।

  1. साधु
  2. चाचा
  3. बुआ

उत्तर:

  1. साध्वी
  2. चाची
  3. फूफा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जैसे के साथ तैसा व्यवहार करना चाहिए।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जैसे के साथ तैसा’ यह एक कहावत है। इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति आपके साथ जिस प्रकार का व्यवहार करता हो, ठीक उसी प्रकार आपको भी उसके साथ व्यवहार करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति आपसे आत्मीयता एवं सादगी से पेश आता है, तो आपको भी उसके साथ आत्मीयता एवं सादगी से पेश आना चाहिए। यदि कोई आपको सभी के सामने भला बुरा कहे और आपका अपमान करें, तो आपको भी उसके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करना चाहिए और सभी के समक्ष उसे खरी-खोटी सुनानी चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे; तब वह व्यक्ति दुबारा आपके साथ दुर्व्यवहार करने की नहीं सोचेगा। कभी-कभी हमें दूसरों की अक्ल ठिकाने लाने के लिए उनके साथ वैसा ही व्यवहार करना पड़ता है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
अव्ययों का अपने बाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. कि
ii. अब
उत्तर:
i. मैंने कहा कि तुम अपना काम करो।
ii. अब तो मुझे चलना चाहिए।

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प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. भारत में धूम मच गई है। (अपूर्ण भूतकाल)
  2. तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो। (सामान्य भूतकाल)
  3. तुम्हारे पराठे दे दिए। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. मैं जगह कर लूँगा। (पूर्ण भूतकाल)
  7. साधु आशीष देकर चला गया। (संयुक्त वाक्य)
  8. सबेरे एक साधु आ गए। (मिश्र वाक्य)

उत्तर:

  1. भारत में धूम मच रही थी।
  2. तुमने तो खयाली पुलाव पकाया।
  3. तुम्हारे पराठे दे दूंगा।
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा है।
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी है।
  6. मैंने जगह कर ली थी।
  7. साधु ने आशीष दिया और चला गया।
  8. जैसे ही सबेरा हुआ वैसे ही एक साधु आ गए।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से भेद लिखिए।

  1. जैसे ही एक जाता था; वैसे ही दो आते थे।
  2. यह सब लॉटरी का प्रताप था।
  3. “सुना है तुम्हारा रेफ्रीजरेटर आ गया है?”
  4. मुझसे नहीं खाई जाएगी।

उत्तर :

  1. मिश्र वाक्य
  2. साधारण वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. निषेधार्थक वाक्य

प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. मैं बर्फ के क्यूब चूसूंगा।
ii. कुछ शौकीनों के लिए चाय बनी।
उत्तर:
i. मैं – सर्वनाम; बर्फ – द्रव्यवाचक संज्ञा
ii. कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण;
बनी – सकर्मक क्रिया

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प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. जरा इधर तो सुन।
ii. कटोरा ले लिया गया और रेफ्रीजरेटर में रख दिया गया।
उत्तर:
i. इधर – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

इनाम Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अरुण जी का जन्म 3 जनवरी 1928 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आधुनिक हिंदी लेखकों में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कहानीकार एवं उपन्यासकार के रूप में श्रीमान अरुण जी का नाम उल्लेखनीय है। कहानियाँ एवं उपन्यास लिखना आपका शौक है। आपके समग्र साहित्य की 14 पुस्तकों का संकलन प्रकाशित हो चुका है। आपकी कलम ने साहित्य के विविध विधाओं को अनुग्रहित किया है।
प्रमुख कृतियाँ : एकांकी संकलन – ‘मेरे नवरस’; कहानी संग्रह – ‘बृहद हास्य संकलन’।

गद्य-परिचय :

हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध : ‘हास्य-व्यंग्य’ का अर्थ ही है उपहास करना। अत: इस प्रकार के निबंध में उपहास को प्रधानता दी जाती है। इसमें किसी विषय का तार्किक एवं बौद्धिक विवेचनापूर्ण लेखन किया जाता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कहानी ‘इनाम’ के माध्यम से लेखक अरुण जी ने रेफ्रीजरेटर को माध्यम बनाकर लोगों के आचरण एवं व्यवहार पर करारा व्यंग्य किया है।

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सारांश :

प्रस्तुत पाठ एक हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध है। भारतीय समाज में तरह-तरह की विसंगतियाँ पाई जाती हैं। इस पाठ के द्वारा लेखक ने रेफ्रीजरेटर का आधार लेकर समाज में पाई जाने वाली विसंगतियों पर हास्य के माध्यम से करारा व्यंग्य किया है। एक भारतीय कंपनी रेफ्रीजरेटर की प्रसिद्धि के लिए विदेशी विज्ञापन पद्धति का सहारा लेती है। इसके लिए प्रतियोगिता का आयोजन करती है। लेखक भी इसमें सम्मिलित होते हैं और वे जीत जाते हैं। इसी कारण उन्हें एक रेफ्रीजरेटर मुफ़्त में मिल जाता है।

मुफ़्त में मिले रेफ्रीजरेटर को देखने के लिए उनके घर में पास-पड़ोस एवं सगे-संबंधियों का तांता लग जाता है। घर आए लोगों की आव-भगत एवं उन्हें रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पिलाते-पिलाते लेखक का परिवार तंग आ जाता है। इतना ही नहीं, आस-पास रहने वाले लोग उनके फ्रीज में ढेर सारी चीजें रखते हैं। अंत में लेखक को एक तरकीब सूझती है और वे लोगों द्वारा रखी गई चीज़ों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। इस कारण अब लोग उनकी फ्रीज में अपनी चीजें रखना बंद कर देते हैं।

शब्दार्थ :

  1. जुगाड़ – व्यवस्था, प्रबंध
  2. दरख्वास्त – अर्ज, अरजी
  3. भंभड़ – शोरशराबा
  4. अमानत – धरोहर
  5. प्रतियोगिता – स्पर्धा
  6. प्रतियोगी – प्रतिस्पर्धी
  7. बिजली – विद्युत
  8. लाचारी – बेबसी

मुहावरे :

  • जली-कटी सुनाना – खरी-खोटी सुनाना।
  • मिसरी घोलकर बोलना – मीठी-मीठी बातें करना।
  • खयाली पुलाव पकाना – कल्पना में खोए रहना, स्वप्नरंजन करना।

कहावत :

ऐरे गैरे नत्थू खैरे – महत्त्वहीन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 7 शिष्‍टाचार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 7 शिष्‍टाचार Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

1. गद्यांश में ‘हेतू’ की बताई गई विशेषताएँ:

प्रश्न 1.
गद्यांश में ‘हेतू’ की बताई गई विशेषताएँ:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 2

2. ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।

प्रश्न 1
ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. बरखास्त
2. हेतू
उत्तरः
1. श्रीमती दिन में दस बार हेतू को नौकरी से क्या करतीं?
2. उजड्ड गँवार और अरूप कौन था?

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3. कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
रामगोपाल जी की नौकरों की खोज शिथिल हुई।
उत्तरः
हेतू के आ जाने से रामगोपाल जी के दिन कटने लगे। अत: उनकी नौकरों की खोज शिथिल हुई।

प्रश्न 2.
हेतू की तनख्वाह से कटौती होती ……………………
उत्तरः
हेतू के हाथों से कभी-कभी चीजें टूट जाती और उसके नुकसान की भरपाई स्वरूप हेतू की तनख्वाह से कटौती होती।

4. ‘नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
नौकर और मालिक के बीच अपनापन एवं विनम्र व्यवहार होना चाहिए। मालिक का कर्तव्य है कि वह अपने नौकरों पर पुत्रवत प्रेम करें। उनके साथ मित्रता का व्यवहार करें। यदि काम करते समय उनसे कोई गलती हो जाए, तो उन पर न चिल्लाए या उनकी तनख्वाह न काटें। जरा-जरा-सी बात पर उन पर चिढ़ना नहीं चाहिए।

उन्हें ठीक से खाना-पीना देना चाहिए। यदि नौकर के परिवार पर कोई संकट आ जाए, तो मालिक को तुरंत उसके परिवार की हिफाजत हेतु कदम उठाना चाहिए या अपने नौकर को पैसे देकर गाँव भेज देना चाहिए; ताकि वह अपने परिवार की हिफाजत कर सकें। इस प्रकार नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होने से दो परिवार बड़ी खुशी से रह सकते हैं।

अत: स्पष्ट है कि नौकर व मालिक का व्यवहार परस्पर प्रेम व सद्भावनापरक होना चाहिए। वे एक-दूसरे के विकास में सहायक होने चाहिए। उनमें विश्वास व सम्मान का बीजारोपण होना चाहिए। उनके बीच एकता, अपनत्व, ईमानदारी व सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

पठनीय

प्रश्न 1.
‘व्यक्तित्व विकास संबंधी कोई लेखापदिए।

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
अपने गांव/शहर में आए हए किसी अपरिचित व्यकि की मदद के बारे में किसी बुजुर्ग से सुनिए और अपने विचार सुनाइए

आसपास

प्रश्न 1.
बैंक/छकयर में जाकर यहाँ के कर्मचारी एवं प्रकों के बीच होने वाले व्यवहारों स निरीक्षण कीजिए तथा न व्यवहारों के संबंध में अपनी उचित सहमति या असहमति प्रकत किजिए|

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 4

प्रश्न (ख)
विधानों के सामने दी हुई चौखट में सत्य/असत्य लिखिए।
उत्तर:
1. अगले दिन श्रीमती ने अपना ट्रंक खोलकर चीज़ों। सत्य की पड़ताल शुरू कर दी। – [सत्य]
2. सहसा हेतू की आँखों में आँसू आ गए। – [सत्य]

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न (ग)
श्रीमती के नौकरों के बारे में विचार-
उत्तरः

  1. नौकर झूठे गलीज और लंपट होते हैं।
  2. नौकर पैसे काटते हैं।
  3. हर वक्त नौकरी की तलाश में रहते हैं।
  4. नौकरी मिल जाए तो उसी वक्त घर से बीमारी की चिट्ठी मँगवा लेते हैं।

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुद्दों का उचित क्रम लगाकर उनके आधार पर कहानी लेखन कीजिए। (मददों का उचित कम लगाना आवश्यक है।)
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 5
उत्तर:
उचित क्रम: एक लड़का — शहर के महाविद्यालय में पढ़ना – छुट्टियों में गाँव आना — प्रति वर्ष सूखे की समस्या का सामना — मन में निश्चय — कुआँ खोदने का प्रारंभ — लोगों का हँसना — एक मित्र का साथ देना — लोगों का जुड़ना — कुआँ तैयार होना — कुआँ पानी से भरना लोगों का खुश होना — सीख व शीर्षक।

एकता में शक्ति

रामपुर गाँव में रहने वाला तेनाली पढ़ाई में बहुत ही होशियार था। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह शहर के एक नामी विद्यालय में प्रवेश ले लिया । पढ़-लिखकर वह अभियंता बनना चाहता था। हर छुट्टियों में वह अपने गाँव जरूर आता था। बरसात कम होने के कारण हर साल उसके गाँव में सूखा पड़ जाता था जिससे गाँव वासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता था। गाँववाले पानी के लिए तरसते रहते थे। उन्हें दूसरे गाँव से पानी लाना पड़ता था।

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी तेनाली जब गाँव आया तो उसने निश्चय कर लिया कि गाँव में कुआँ खुदवाया जाए। उसने अपनी योजना के बारे में सभी गाँववालों को बताया लेकिन गाँववाले ठहरे अनपढ़ और गँवार। सभी उस पर हँसने लगे। आखिर कोई भी उसका साथ देने के लिए तैयार नहीं हुआ।

तेनाली हार मानने वालों में से नहीं था। वह बहुत ही दृढ़ निश्चयी स्वभाववाला लड़का था। उसने अकेले ही गाँव में कुआँ खोदना प्रारंभ कर दिया। सभी लोग उसे मूर्ख समझकर उस पर हँस रहे थे। तेनाली का एक मित्र था गोपाल। उसने अपने मित्र का साथ देना स्वीकार कर लिया और वह भी उसके साथ कुआँ खोदने के काम में जुड़ गया। गाँव वालों ने देखा कि गोपाल कुआँ खुदवाने में तेनाली का साथ दे रहा है। सभी गाँव वाले इस बात पर सोचने लगे। आखिर एक-एक करके सभी ने तेनाली का साथ देना शुरू कर दिया।

सभी की मेहनत रंग लाई। आखिर कुआँ खुदकर तैयार हो गया। जून का महीना आया। आसमान में काले बादल छा गए और रामपुर गाँव पर बरसात की कृपा हुई। आहिस्ता-आहिस्ता कुए में पानी इकट्ठा हो गया और वह लबालब भर गया। गाँव वाले खुश हो गए। यह तो सभी के परिश्रम का फल था। सभी ने मिल-जुलकर जो कार्य किया था आखिर उसका पारिश्रमिक उन्हें आज मिल रहा है। सीखः एकता में बल होता है। अगर हम साथ मिलकर काम करेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

भाषा बिंद:

प्रश्न 1.
दिए गए अव्यय भेदों के वाक्य पाठ्यपुस्तक से ढूँढ़कर लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 6
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 7

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 7 शिष्‍टाचार Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 8

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 9

कृति (2) आकलन कृति

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

प्रश्न 1.
1. नौकर हेतू के आने पर श्रीमती जी हर्षित हो गईं।
2. नौकर शिमला के नजदीक किसी गाँव में रहता था।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. हवालात
2. पलंग
उत्तर:
1. यदि नौकर चोरी करेगा तो उसे कहाँ भेज दिया जाएगा?
2. जब रामगोपाल नौकर को लेकर घर आए थे तब उनकी पत्नी कहाँ बैठी थी?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. तलाश
  2. पत्नी
  3. कर्ण
  4. दंत

उत्तर:

  1. खोज
  2. श्रीमती
  3. कान
  4. दाँत

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. सस्ता × ……………
2. दाएँ × ……………..
उत्तर:
1. महँगा
2. बाएँ।

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प्रश्न 3.
मानक वर्तनी के अनुसार दिए गए शब्द लिखिए।
1. कुर्दध
2. बनमानस
उत्तर:
1. क्रुद्ध
2. बनमानुष

प्रश्न 4.
निम्नलिखित एक शब्द के लिए अनेक अर्थ वाले शब्द लिखिए।
1. उत्तर
2. खोज
उत्तरः
1. एक दिशा, जवाब
2. तलाश, छानबीन, अन्वेषण

प्रश्न 5.
निम्नलिखित रेखांकित विकारी शब्दों के भेद पहचानिए।
1. दूसरे नौकर की खोज में रहो।
2. वह अपने गाँव से आया।
उत्तरः
1. भाववाचक संज्ञा
2. अकर्मक क्रिया

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अर्थ के गद्यांश में आए हुए मुहावरे ढूँढ़कर लिखिए।
1. ध्यान न देना
2. हालचाल पूछना
उत्तर:
1. मुँह फेरना।
2. कुशल क्षेम पूछना।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘क्या घर पर आए नए नौकरों को धमकाना अच्छी बात होती है?’ स्वमत लिखिए।
उत्तरः
घर पर आए नए नौकरों को धमकाना बुरी बात होती है। नौकर नया हो या पुराना आखिर वह भी इंसान ही होता है। उसकी अपनी कोई-न-कोई मजबूरी होती है। इसलिए वह किसी के घर पर नौकरी करने के लिए आता है। उसके घर पर आते ही उस पर रोब जताना या उसे डराना धमकाना अच्छा नहीं है। यदि हम उनके साथ आत्मीयता से व्यवहार करेंगे तो वे भी हमें अपना मानने लगेंगे। उन्हें हमारे परिवार के प्रति प्रेम हो जाएगा। फिर वे कभी हमारे साथ बुरा सलूक नहीं कर सकते हैं। यदि हम उन्हें नौकरी पर रखते ही डराएँगे तो वे मन से क्रुद्ध हो जाएँगे और जरूर एक दिन मौका मिलते ही सब कुछ लूटकर नौ दो ग्यारह हो जाएँगे।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।
1. घर में बाबू रामगोपाल की हुकूमत थी।
2. श्रीमती बड़ी ही गुस्सैल स्वभाव की थीं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 3.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 11

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
1. श्रीमती
2. नौकर
उत्तर:
1. श्रीमान
2. नौकरानी

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
1. नजर
2. क्रिया
उत्तर:
1. नजरें
2. क्रियाएँ

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तरः
1. अस्त – व्यस्त
2. दस – दस

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानिए।
1. अरूप
2. विवाद
उत्तरः
1. ‘अ’ उपसर्ग
2. “वि’ उपसर्ग

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प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. कोई पर विश्वास नहीं किए जा सकता।
2. सभी पैसे काटता है।
उत्तर:
1. किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
2. सभी पैसे काटते हैं।

(ग) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
चाबियों का गुच्छा नौकर के हाथों में रहने लगा।
उत्तरः
श्रीमती जी के बेटे के मुंडन संस्कार के दिन नजदीक आ रहे थे। अत: वह मित्र एवं सगे-संबंधियों को निमंत्रण पत्र लिखने और, शामियाने तथा बाजे का प्रबंध करने में व्यस्त हो गई थीं। इसलिए चाबियों का गुच्छा नौकर के हाथों मे रहने लगा।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. बेटे के मुंडन संस्कार के कारण श्रीमती जी ने नौकर पर ध्यान रखना कम कर दिया था।
2. मुंडन संस्कार के दिन घर का सारा वातावरण गंभीर हो गया था।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. उपहार
2. हेतू
उत्तर:
1. मित्र एवं सगे संबंधी बच्चे के लिए क्या लेकर आए?
2. मुंडन संस्कार के दिन श्रीमान काम में व्यस्त थे, ऐसे में उनके सामने कौन आकर खड़ा हो गया?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
‘प्रबंध’ शब्द में से उपसर्ग अलग कीजिए और अलग किए गए उपसर्ग से अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
‘प्र’ उपसर्ग से बने दो नए शब्द: प्रक्रिया, प्रकृति, प्रगति

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय शब्दों का प्रयोग करके शब्द तैयार कीजिए।
1. तैयार
2. नजदीक
उत्तर:
1. तैयार + ई = तैयारी
2. नजदीक + ई = नजदीकी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
प्रबंध
उत्तरः
व्यवस्था, अनुसंधान हेतु लिखा गया निबंध।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या पुरानी प्रथाओं का आज भी पालन करना उचित है? अपना मत लिखिए।
उत्तरः
किसी ने ठीक ही कहा है; ‘छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी।’ आज जमाना बदल गया है। हम विज्ञान एवं तकनीकी युग में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। पुरानी प्रथाएँ, हमारी मान्यताएँ एवं पुरानी विचारधारा पर आधारित हैं। अत: आज का शिक्षित समाज उनका पालन करने से पूर्व सौ बार सोचता है। उन पुरानी प्रथाओं का जरूर पालन होना चाहिए जिनमें कुछ तथ्य हो।

अन्यथा उनका पालन नहीं करना चाहिए। बच्चों का नामकरण विधि, विवाह संस्कार आदि प्रथाओं का आज हम पालन कर रहे हैं। यह उचित भी है; परंतु जिन प्रथाओं से अंधविश्वास की बू आती है उनका पालन हमें नहीं करना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
जब हेतू ने श्रीमान से गाँव जाने के लिए छुट्टी माँगी तब ……..
उत्तरः
(क) वे अतिथियों को खाना परोस रहे थे।
(ख) वे अतिथियों से बातें कर रहे थे।
(ग) वे दरवाजे पर खड़े रहकर अतिथियों का स्वागत कर रहे थे।

प्रश्न 2.
मित्र संबंधियों ने चाँटे की आवाज सुनकर आँखें फेर ली क्योंकि ..
(क) नौकर को चाँटा पड़ा है।
(ख) श्रीमती जी को चाँटा पड़ा है।
(ग) पुलिस ने आकर नौकर को चाँटा मारा है।
उत्तरः
1. जब हेतू ने श्रीमान से गाँव जाने के लिए छुट्टी माँगी तब वे दरवाजे पर खड़े रहकर अतिथियों का स्वागत कर रहे थे।
2. मित्र संबंधियों ने चाँटे की आवाज सुनकर आँखें फेर ली क्योंकि नौकर को चाँटा पड़ा है।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
1. छुट्टी नहीं मिलेगी।
2. मुझे घर जाना है।
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू से कहा।
2. हेतू ने श्रीमान से कहा

प्रश्न 2.
कारण लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. हैरान
  2. क्रोध
  3. मेहमान
  4. आवाज

उत्तर:

  1. परेशान
  2. गुस्सा
  3. अतिथि
  4. ध्वनि

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. बेकाबू × …………..
2. खड़ा × ……………
उत्तरः
1. काबू
2. बैठा

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. चाँटा
2. अतिथि
उत्तर:
1. चाँटें
2. अतिथिगण

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निम्नलिखित वाक्य में विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
एक बार कहा ना कि तुम्हें छुट्टी नहीं मिल सकती जाते क्यों नहीं
उत्तरः
“एक बार कहा ना कि तुम्हें छुट्टी नहीं मिल सकती। जाते क्यों नहीं?”

प्रश्न 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
1. छुट्टी – वुट्टी
2. मित्र – संबंधियों

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के लिए अनेकार्थी शब्द लिखिए।
मित्र
उत्तर:
सखा, सूर्य

प्रश्न 4.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
टस से मस न होना
उत्तर:

  • अर्थ: दृढ़ रहना।
  • वाक्यः जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ आने के बावजूद भी वीर पुरूष टस से मस नहीं होते हैं।

प्रश्न 5.
बेकाबू होना
उत्तरः

  • अर्थ: अनियंत्रित होना।
  • वाक्यः परिस्थितियाँ बेकाबू हो जाने पर सभी निष्क्रिय हो जाते हैं।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
बात को सोचे समझे बिना गुस्सा हो जाना कितना उचित होता है? अपना मत लिखिए।
उत्तर:
बात को सोचे समझे बिना गुस्सा हो जाना अनुचित होता है। व्यक्ति को समझदारी से काम लेना चाहिए। जीवन में ऐसे कई प्रसंग आते हैं; जब व्यक्ति अपना आपा खो बैठता है और क्रोध से बेकाबू होकर बिना सोचे समझे निर्णय लेता है। ऐसी स्थिति में सामने वाला व्यक्ति अपमान ही नहीं बल्कि उसे शारीरिक हानि भी पहुँचाता है।

ऐसा करना सर्वथा अनुचित है। व्यक्ति को सामने वाले की मजबूरी को समझने का प्रयास करना चाहिए। उस पर जो परेशानी आई है उसके बारे में सोचना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए। ऐसा करने से ही उसके अन्य लोगों के साथ अच्छे संबंध निर्माण हो सकते हैं। ध्यान रखिए, क्रोध अपराध को जन्म देता है।

(ङ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 14

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. मुंडन संस्कार में आए हुए अतिथियों ने श्रीमान-श्रीमती को समझाने का प्रयास किया।
2. लोगों द्वारा दूर किए जाने पर भी हेतू ने अपना काम करना शुरू कर दिया।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
1. मुझे काम है।
2. क्यों, घर क्यों जाना चाहते हो?
उत्तर:
1. हेतू ने अपने साहब से कहा।
2. मुंडन संस्कार में आए एक संबंधी ने हेतू से पूछा।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
1. साम्य × …………….
2. होशियार × ………….
उत्तरः
1. भेद
2. मूर्ख

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. छुट्टी
2. विघ्न
उत्तर:
1. अवकाश
2. संकट

प्रश्न 3.
‘परामर्श’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
‘परा’ उपसर्ग

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानिए।
1. श्रीमान
2. कड़ककर
उत्तर:
1. ‘मान’ प्रत्यय
2. ‘कर’ प्रत्यय

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या किसी गरीब की कमजोरी का फायदा उठाकर उसके साथ बुरा सलूक करना अच्छा व्यवहार कहलाता है? अपना मत स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी गरीब की कमजोरी का फायदा उठाकर उसके साथ बुरा सलूक करना ठीक नहीं। वास्तव में देखा जाए तो कोई गरीब हो या रईस; सभी इंसान हैं। हमें किसी की कमजोरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए। यदि हम किसी की कमजोरी का फायदा उठाकर किसी के साथ बुरा सलूक करते हैं तो यह बहुत ही बड़ा अपराध है।

किसी को बिना वजह सताना या किसी से कुछ छीन लेना या किसी को प्रताड़ित करना दुर्व्यवहार है। ऐसा करते समय भले ही किसी को अच्छा लगता हो लेकिन बाद में उसे अपने किए गए व्यवहार पर अफसोस होने लगता है। हम भले ही लोगों को फँसा सकते हैं; लेकिन हमारा हृदय तो हमें कोसता रहता है। इसीलिए सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखना नैतिकता का लक्षण होता है।

(च) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. ट्रंक
2. चाँदी
उत्तर:
1. श्रीमती ने जेवर और सूट किसमें रखे थे?
2. बटन किस धातू के थे?

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 15

कृति (2) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
श्रीमान ने हेतू को घर से तब जाने दिया …………….
उत्तर:
(क) जब हेतू ने गाँव से लौट आने का वादा किया।
(ख) जब वह जोर-जोर से रोने चिल्लाने लगा।
(ग) जब श्रीमान ने उसका पूरा पता अपनी डायरी में लिख लिया।

प्रश्न 2.
श्रीमान के घर का काम पहले की तरह चलने लगा …….
(क) क्योंकि बहुत समय बीत गया।
(ख) क्योंकि श्रीमान ने दूसरा नौकर रख लिया।
(ग) क्योंकि श्रीमती सब कुछ भूल गई।
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू को घर से तब जाने दिया जब श्रीमान ने उसका पूरा पता अपनी डायरी में लिख लिया।
2. श्रीमान के घर का काम पहले की तरह चलने लगा क्योंकि श्रीमान ने दूसरा नौकर रख लिया।

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए।
1. ट्रंक में जेवर चाँदी के बटन सिल्क के सूट और रूपए थे
2. क्या उसकी तीन महीने की तनख्वाह आपके पास है
उत्तर:
1. ट्रंक में जेवर, चाँदी के बटन, सिल्क के सूट और रूपए थे।
2. क्या उसकी तीन महीने की तनख्वाह आपके पास है?

प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश में से शब्द-युग्म छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  1. पता – वता
  2. एक – एक
  3. सौ – पचास
  4. नाम – पता

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. नदारद
  2. रजत
  3. गहने
  4. भय

उत्तर:

  1. गायब
  2. चाँदी
  3. जेवर
  4. डर

प्रश्न 4.
‘संदेश’ शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
उत्तरः
खबर, शक

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बड़े घरों में चीज़ों की सूची कहाँ होती है?’ इस कथन पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
बड़ा घर यानी जिनके पास ढेर सारा रूपया पैसा है उनका घर। बड़े घर में ऐश्वर्य के सारे साधन विपुल मात्रा में होते हैं। वहाँ पर धन-धान्य की कमी नहीं होती है। घर में भौतिक साधन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। सोने-चाँदी व हीरे-जेवरातों की वहाँ कमी नहीं होती है। रूपए पैसे तो पूरे घर में यत्र-तत्र पड़े हुए होते हैं। आवश्यक चीज़ों के साथ अनावश्यक चीज़ों की भी भरमार होती है। ऐसे घरों में कोई भी चीज़ एक निश्चित जगह पर पाई नहीं जाती है। अगर कभी कोई चीज़ गुम भी हो जाए, तो भी किसी को उसका पता नहीं चल पाता है।

(छ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
श्रीमान सड़क पार करके हेतू के सामने जाकर खड़े हो गए।
उत्तरः
श्रीमान ने बहुत दिनों के बाद हेतू को देखा जो फटे कपड़ों में धर्मशाला के पास खड़ा था। इसलिए श्रीमान सड़क पार करके हेतू के सामने जाकर खड़े हो गए।

प्रश्न 2.
श्रीमान स्तब्ध और हैरान हो गए।
उत्तर:
हेतू ने खुशीवाले घर में अपने बेटे की मौत की खबर छिपाकर रखी थी। अत: उसका यह शिष्टाचार देखकर श्रीमान स्तब्ध और हैरान हो गए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
1. “काम कर आया है अपना।”
2. “जी मेरा बच्चा मर गया था।”
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू से पूछा।
2. हेतू ने श्रीमान से कहा।

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 16

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।
1. कंधा
2. कलाई
उत्तर:
1. कंधे
2. कलाइयाँ

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. सच × ………….
2. संभव × ……….
उत्तर:
1. झूठ
2. असंभव

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
1. स्तब्ध
2. दफ्तर
उत्तर:
1. स्तब्ध + ता = स्तब्धता
2. दफ्तर + ई = दफ्तरी

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिए।
1. उसका कंधा सहलाते हुए श्रीमान बोले।
2. वही फटे हुए कपड़े वही शिथिल अरूप चेहरा।
उत्तर:
1. पुरूषवाचक सर्वनाम
2. गुणवाचक विशेषण

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यक्ति के व्यवहार में शिष्टाचार झलकना चाहिए।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
शिष्टाचार एक महत्त्वपूर्ण गुण है। व्यक्ति के पास यदि शिष्टाचार है तो वह ‘शिष्टाचारी’ कहलाता है। ‘शिष्टाचार’ का अर्थ है; सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना। सभी के हृदय में अपने अच्छे कार्य द्वारा प्रेम निर्माण करना। अपने कर्तव्यों को कभी न भूलना। व्यक्ति के व्यवहार में शिष्टाचार है; तो वह समाज में प्रशंसा का अधिकारी बन जाता है।

ऐसा व्यक्ति अपने शिष्ट आचरण से दूसरों को प्रेरणा देता है और उन्हें भी शिष्टाचार का पालन करने के लिए अपने आप प्रवृत्त करता है। श्रीराम के शिष्टाचार रूपी व्यवहार को कोई नहीं भूल सकता है। आखिर शिष्टाचार ही व्यक्तित्व-विकास का महत्त्वपूर्ण पहलू होता है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के काल परिवर्तन कीजिए।

  1. श्रीमती ने गलत नहीं कहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  2. श्रीमती जी की भौंवे चढ़ गईं हैं। (सामान्य भूतकाल)
  3. मैं जल्दी लौट आऊँगा। (सामान्य वर्तमानकाल)
  4. हेतू ने फिर धीरे से कह दिया। (सामान्य भविष्यकाल)

उत्तर:

  1. श्रीमती गलत नहीं कह रही हैं।
  2. श्रीमती जी की भौंवे चढ़ीं।
  3. मैं जल्दी लौट आता हूँ।
  4. हेतू फिर धीरे से कहेगा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों के अव्यय पहचानिए।
1. नौकर उजड्ड और अरूप था।
2. धीरे-धीरे वह शहरी नौकर में तब्दील होने लगा।
उत्तर:
1. समुच्चबोधक अव्यय
2. क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 3.
रचना की दृष्टि से वाक्य भेद पहचानिए।
1. इसी तरह तीन महीने बीत गए।
2. हेतू अरूप तो था ही, उस पर उजड्ड और गँवार भी निकला।
उत्तर:
1. सरल या साधारण वाक्य
2. मिश्र वाक्य

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. उत्सुक
  2. वातावरण
  3. स्वागत

उत्तर:

  1. उत् + सुक
  2. वात + आवरण
  3. सु + आगत

प्रश्न 5.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित कीजिए।
1. वह दिन शुभ था। (निषेधार्थक)
2. मित्र मंडली के हास्य विनोद से घर का सारा वातावरण खिल उठा। (आज्ञार्थक)
उत्तर:
1. वह दिन अशुभ नहीं था।
2. मित्र मंडली के हास्य विनोद से घर का सारा वातावरण खिल उठना चाहिए।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्य में सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए।
1. श्रीमती को जब सूचना मिली तो वह तंद्रा से जागी। (साधारण वाक्य)
2. वह आकर चुपचाप इधर-ऊधर ताकने लगा। (संयुक्त वाक्य)
उत्तर:
1. श्रीमती सूचना मिलते ही तंद्रा से जागी।
2. वह आया और चुपचाप इधर-ऊधर ताकने लगा।

प्रश्न 7.
निर्देशानुसार अव्यय शब्दों का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1. कि
2. वाह
उत्तर:
1. उसने कहा कि वह घर चला गया है।
2. वाह! क्या बात है।

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. तुमने अपनी चीज़ों को अच्छा तरह देख लो।
2. मैंने उसकी पता बता सब लिख ली है।
उत्तर:
1. तुम अपनी चीज़ों को अच्छी तरह देख लो।
2. मैंने उसका पता-वता सब लिख लिया है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों के भेद अर्थ की दृष्टि से पहचानिए।
1. जी मेरा बच्चा मर गया था।
2. उसके लिए आँसुओं को रोकना संभव नहीं था।
उत्तर:
1. विधानार्थक वाक्य
2. निषेधार्थक वाक्य

संभाषणीय

प्रश्न 1.
‘आपके व्यवहार में शिष्टाचार झलकता है।’ इस विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:

  • अध्यापक – छात्रों क्या आप सभी शिष्टाचार से परिचित हैं? आपके मतानुसार शिष्टाचार किसे कहते हैं?
  • पहला छात्र – जी हाँ। मैं शिष्टाचार से परिचित हूँ।
  • दूसरा छात्र – ‘शिष्टाचार’ यानी अच्छा आचरण करना। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना। ऐसा व्यवहार रखना कि कभी किसी को अपने व्यवहार से ठेस न पहुंचे।
  • तीसरा छात्र – ‘शिष्टाचार’ यानी सार्वजनिक जगहों या किसी सम्मेलन सभाओं में सभी के साथ अच्छाई से पेश आना।
  • अध्यापक – अब आप मुझे बताइए कि आप अपने मित्र व शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
  • चौथा छात्र – मैं अपने मित्र के साथ अच्छा व्यवहार रखता हूँ। जैसे कि जरूरत पड़ने पर मैं उसकी मदद करता हूँ।
  • पाँचवा छात्र – मैं अपने शिक्षकों के साथ विनम्रता से पेश आता हूँ। उनका कहना मानता हूँ। उनकी हर एक बात का सम्मान करता हूँ।
  • अध्यापक – अब आप मुझे बताइए कि शिष्टाचार के कौन-कौन-से लाभ होते हैं?
  • सभी छात्र – (एक साथ) शिष्टाचार से व्यक्ति की पहचान होती है। उसके अच्छे गुणों का पता चलता है। उसके संस्कारों की झलक सभी पर
  • पड़ती है। शिष्टाचारी व्यक्ति की समाज में पूजा होती है। सभी उसकी तारीफ करते हैं। शिष्टाचार व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में सहायता प्रदान
  • करता है। इसलिए कहा भी गया है कि, ‘विवेकी पुरूष की समाज में पूजा की जाती है।’

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पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
‘मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है।’ इस विचार को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
“विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी
मरो परंतु यो मरो कि याद जो करे सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा जिए वृथा मरे
मरा नहीं वही कि जो जिया न आप के लिए।
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।”

राष्ट्रकवि गुप्त जी ने सच ही कहा है कि मानवता से बढ़कर अन्य धर्म नहीं है। मानवता ही सभी धर्मों का आधार है। जो व्यक्ति मानवता के मार्ग पर चलता है उसे सभी याद करते हैं। ऐसा व्यक्ति मरने के बाद भी अमर हो जाता है। दुनिया उसके जाने के बाद भी उसे याद करती रहती है। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, मदर टेरेसा व डॉ. कलाम आदि महापुरूषों को आज भी हम याद करते हैं। सभी अपने कार्य के कारण समाज में पूजनीय हो गए हैं। व्यक्ति का अच्छा कार्य ही उसकी पहचान होती है। इसीलिए तो कवि बच्चन जी कहते हैं – ‘मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षणभर जीवन मेरा परिचय।’

आईस्टाइन व न्यूटन जैसे वैज्ञानिकों ने अपना संपूर्ण जीवन विज्ञान के प्रति समर्पित कर मानवता की जो मिसाल खड़ी कर दी है वह अद्भुत एवं काबिले तारीफ है। अफ्रीका में स्थित काले-गोरे का भेदभाव मिटाने के लिए नेल्सन मंडेला जी ने जो कार्य किया उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम होगी।

मानवता सभी धर्म समाए हुए हैं। दरअसल मानवता सभी धर्मों का सार है। मानवता यानी बिना स्वार्थ भाव रखे हुए दूसरों की मदद करना। दूसरों की पीड़ा हरना। दूसरों को मुसीबत से बाहर निकालना। दूसरों के जीवन में प्रकाश बनकर जाना। हमें भी अपने जीवन में मानवता के मार्ग पर चलना सिखना चाहिए।

बिना स्वार्थ भाव रखें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे; तब हमारा जीवन अपने आप सच्चाई के मार्ग पर चलने लगेगा। आखिर इसी से ही समाज में सत्य व अहिंसा का प्रसार होगा। मानवता भारतीय संस्कृति का मूलाधार है। हमारी संस्कृति जो आज संपूर्ण विश्व में दैदीप्यमान है उसका श्रेय मानवता को ही जाता है। आखिर भारतवासी मानवता में विश्वास रखते हैं।

शिष्‍टाचार Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 रावलपिंडी, अविभाजित भारत में हुआ था। इनकी मृत्यु 11 जुलाई 2003 में हुई। साहनी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने उपन्यास, नाटक, आत्मकथा एवं कहानी विधाओं को समृद्ध किया। इन्होंने मानवीय मूल्य, नैतिकता, मानवीय करुणा, सामाजिक विषमता एवं संघर्ष आदि विषयों को अपने लेखन में स्वतंत्र स्थान दिया था। आजीवन इन्होंने हिंदी भाषा की सेवा की।

प्रमुख कृतियाँ: कहानी संग्रह – ‘भाग्य-रेखा’, ‘पहला पाठ’, ‘भटकती राख’, ‘निशाचर’; उपन्यास – ‘झरोखे’, ‘तमस’, ‘कुंतो’, ‘नीलू नीलिमा नीलोफर’; नाटक – ‘कबिरा खड़ा बाजार में’, ‘माधवी’; आत्मकथा – ‘आज के अतीत’।

गद्य-परिचय:

चरित्रात्मक कहानी: चरित्रात्मक कहानी वह होती है जिसमें किसी चरित्र या घटना का रोचक व मनोरंजक वर्णन हो।
प्रस्तावना: प्रस्तुत कहानी में लेखक ने एक नौकर के माध्यम से शिष्टाचार के महत्त्व को दर्शाने का प्रयास किया है और साथ में यह भी बतलाया है कि भले ही व्यक्ति गँवार या अनपढ़ हो फिर भी उसके पास शिष्टाचार होने से वह श्रेष्ठ बन जाता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

सारांश:

प्रस्तुत पाठ एक चरित्रात्मक कहानी है। कहानी के एक पात्र बाबू रामगोपाल अथक प्रयास के बाद एक नौकर ढूँढ़कर लाते हैं लेकिन उसका गँवार रूप देखकर उनकी पत्नी गुस्सा हो जाती हैं। उन्हें उस नौकर पर चिढ़ आती है। कभी-कभी नौकर के हाथों से घर की चीज़ों का नुकसान हो जाता था तो वह उसकी तनख्वाह काट लेती हैं। इस तरह उनके घर पर काम करते हुए उसे तीन महीने हो जाते हैं। बाबू रामगोपाल के बच्चे के मुंडन संस्कार के दिन पास आ जाते हैं।

उनकी श्रीमती जी मुंडन संस्कार का प्रबंध करने में व्यस्त हो जाती हैं। अत: घर की सारी चाबियाँ नौकर के हाथों में सौंप देती हैं। जिस दिन मुंडन संस्कार था; उसी दिन नौकर गाँव जाने के लिए बाबू रामगोपाल के पास छुट्टी माँगता है। वे आगबबूला हो जाते हैं। उनकी पत्नी भी उस पर गुस्सा हो जाती हैं। फिर भी नौकर अपनी जिद पर अड़ा रहता है। बाबू रामगोपाल आवेश में आकर उसे चाँटा मारते हैं। उससे घर जाने का कारण पूछते हैं लेकिन वह कुछ भी नहीं कहता है।

सिर्फ गाँव जाने की रट लगाता है। आखिर मेहमानों के सामने बात को बढ़ाने से रोकने के लिए वे उसका नाम, पता लिखवा कर उसके दस्तखत ले लेते हैं और उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल देते हैं। उनकी श्रीमती को लगता है कि वह जरूर कुछ न कुछ जेवर या पैसे चुराकर ले गया होगा। इसी कारण बाबू रामगोपाल उसकी तनख्वाह उसके द्वारा बताए गए पते पर नहीं भेजते हैं। कुछ दिनों के पश्चात सड़क के किनारे पर उन्हें वह नौकर दिखाई देता है।

वे उसके पास जाकर उससे पूछते हैं कि वह अचानक गाँव क्यों चला गया था। तब वह कहता है कि उसके बेटे की मृत्यु हो गई थी और खुशीवाले घर में यह दुखद समाचार देना उसके गाँव में बुरा मानते हैं। सचमुच एक गँवार आदमी के पास भी शिष्टाचार होता है। कब और कहाँ क्या कहना चाहिए इस बात का उसे ठीक से ज्ञान था। उसका यह व्यवहार ही उसे शिष्टाचारियों की श्रेणी में ले जाता है। इसी पाठ के जरिए लेखक ने प्रत्येक व्यक्ति के पास शिष्टाचार का होना जरूरी होता है यह दर्शाने का प्रयास किया है।

शब्दार्थ:

  1. अनथक – जो थके नहीं, बिना थके
  2. षड्यंत्र – कपटपूर्ण योजना
  3. तब्दील – बदलना, परिवर्तन
  4. अफसोस – पश्चात्ताप
  5. पसीजना – पिघलना
  6. बनमानस – वनमनुष्य या जंगली मनुष्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

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सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. संजाल :

प्रश्न 1.
संजाल :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 2

2. उत्तर लिखिए :

प्रश्न क.
अपना शीश इसके लिए आगे करने पर इसकी प्राप्ति होगी?
उत्तरः
अपना शीश दूसरों की भलाई के लिए (परोपकार के लिए) आगे करने पर मोक्ष की प्राप्ति होगी।

प्रश्न ख.
बड़ों के द्वारा दी गई सीख –
उत्तरः
व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलते समय अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

3. ‘हाथ’ शब्द पर प्रयुक्त कोई एक मुहावरा लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
‘हाथ’ शब्द पर प्रयुक्त कोई एक मुहावरा लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

4. ‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है।’ इस पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 1.
‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है।’ इस पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सच ही कहा गया है कि खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं। खुशियाँ संपत्ति की भाँति होती है। जिस प्रकार हम अपनी संपत्ति का जितना दान करते हैं उतनी वह बढ़ती रहती है । ठीक उसी प्रकार हम जितनी खुशियाँ लोगों में बाँटेंगे, उतनी ही मात्रा में वह बढ़ती है। अगर आप किसी की आँखों में दर्द देखते हो, तो उसके साथ अपने आँसुओं को बाँटो। अगर आप किसी की आँखों में मुस्कान देखते हो, तो उसके साथ अपनी खुशियों को बाँटो। आपको परमसुख की अनुभूति होगी।

आपका मन प्रसन्न एवं प्रफुल्लित हो जाएगा जिस कारण आपकी खुशियाँ दुगुनी हो जाएगी। मदर टेरेसा जी ने सभी दीन दुखी अनाथ बालकों के जीवन में खुशियाँ भर दी तो संसार ने उन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ देकर उनकी खुशियों को दुगुना कर दिया। अतः स्पष्ट है कि खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
संत कबीर तथा कवि बिहारी के नीतिपरक दोहे सुनिए और सुनाइए।

पठनीय :

प्रश्न 1.
मीरा का कोई पद पढ़िए ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

आसपास :

प्रश्न 1.
भक्तिकालीन, रीतिकालीन कवियों के नाम और उनकी रचनाओं की सूची तैयार कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘गुन के गाहक सहस नर’ इस विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गुणी व्यक्ति की सर्वत्र पूजा होती है। ठीक ही कहा गया है ‘विद्वान सर्वत्र पूज्यते’ गुणी व्यक्ति को हमेशा सम्मान मिलता है और हजारों व्यक्ति उसकी चर्चा करते हैं। उसकी सर्वत्र चर्चा होती है। सभी गुणी व्यक्ति का साथ चाहते हैं क्योंकि उसके साथ रहने से गुणहीन व्यक्ति भी गुणी बन जाता है। गुणी व्यक्ति लोगों को संकट की घड़ी से बाहर निकालते हैं। समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करते हैं। जीवन में सही क्या और गलत क्या इसका एहसास कराते हैं। गुणी व्यक्ति अपने महकते चरित्र से सभी के जीवन को सुगंधित कर देते हैं। वह दूसरों के व्यक्तित्त्व में निखार लाते हैं। गुणी व्यक्ति से प्रेरणा पाकर सामान्य लोग अपना विकास कर लेते हैं। अत: गुणी व्यक्ति के सहस्र ग्राहक होते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

लेखनीय :

प्रश्न 1.
सामाजिक मूल्यों पर आधारित पद, दोहे, सुवचन आदि का सजावटी सुवाच्य लेखन कीजिए।

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
कौआ और कोकिल में समानता तथा अंतर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 4

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

प्रश्न ख.
कवि की दृष्टि से मित्र की परिभाषा
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 5

प्रश्न ग.
आकृति
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 7

2. कविता में प्रयुक्त तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों का चयन करके उनका वर्गीकरण कीजिए तथा पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
कविता में प्रयुक्त तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों का चयन करके उनका वर्गीकरण कीजिए तथा पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 8
निर्देश: छात्र स्वयं किन्हीं पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग करेंगे।

3. कवि के मतानुसार मनुष्य की विचारधारा निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 1.
कवि के मतानुसार मनुष्य की विचारधारा निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
च . ऋण लेते समय ……………….
छ. ऋण लौटाते समय ……………..
उत्तर:
च. नम्रता से मीठी वाणी का प्रयोग करना।
छ. कठोरता से कड़वी वाणी का प्रयोग करना।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 1 कह कविराय Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कौआ और कोकिल में समानता तथा अंतर :
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 9

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझाकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 10
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 11

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“गुन के गाहक ……………… गाहक गुन के।।”
इस कुंडली का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति को पूछने वाले या जानने वाले हजारों लोग होते हैं लेकिन जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उस व्यक्ति को कोई नहीं पूछता, लोग उसका सम्मान भी नहीं करते। जिस प्रकार कौए और कोयल दोनों की आवाज सुनते तो सभी हैं लेकिन कोयल अपनी मधुर और सुरीली आवाज के कारण सभी को अच्छी लगती है, परन्तु कौआ किसी को अच्छा नहीं लगता। कोयल और कौए का रंग तो एक समान होता है, परन्तु कौआ अपनी तेज (कर्कश) आवाज के कारण सभी के द्वारा अपमानित किया जाता है और कोयल को उसकी मधुर आवाज के कारण सम्मान मिलता है। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि हे मन के ठाकुर! जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उसे कोई नहीं पूछता और गुणवान व्यक्ति को हजारों लोग उसके गुणों के कारण पूछते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए ।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 12

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 13

प्रश्न 2.
सत्य – असत्य लिखिए।
i. दुनिया में सर्वत्र सदाचारी व्यक्ति पाए जाते हैं।
ii. दुनिया में सर्वत्र स्वार्थभाव पनप रहा है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘देखा सब संसार में ………… कोई बिरला देखा।।’
इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि हे ईश्वर ! इस धरती पर और इस पूरे संसार में मनुष्य एक-दूसरे से स्वार्थ वश प्रेम करते हैं अर्थात सभी लोग अपने लाभ या फायदे के बारे में ही सोचते हैं। जब तक किसी व्यक्ति के पास पैसा होता है, तब तक लोग उसके मित्र रहते हैं। जब किसी व्यक्ति के पास धन या पैसा नहीं होता, तब उसके मित्र उसकी उपेक्षा करते हैं अर्थात गरीब मित्र से बात करना भी पसंद नहीं करते हैं। कवि गिरिधर जी कहते हैं, इस संसार का यही नियम है कि बिना स्वार्थ के किसी से मित्रता करने वाले लोग कम ही मिलते हैं अर्थात बिना स्वार्थ के प्रेम करने वाला कोई नहीं मिलता।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 14

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
‘उधार देने वाले व्यक्ति को उधार लेने वाला झूठा कहता है।’ इस अर्थ की पद्यांश में प्रयुक्त पंक्ति –
उत्तर:
बहुत दिना हो जाय, कहै तेरो कागज झूठा।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 15

कृति ग (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘झूठ मीठे वचन कहि ………….. माँगने मारन धावै।’
इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तरः
हमें एक-दूसरे की सहायता जरूर करनी चाहिए। जब कोई मुसीबत में फंस जाता है; तब हमें उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। व्यक्ति की मदद करने से पहले हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिसकी हम मदद करने जा रहे हैं, उसे सचमुच सहायता की जरूरत है या वह सिर्फ मीठी-मीठी बातें कर हमसे रुपए उगलवा रहा है। इसे जाने बिना यदि हम ऐसे झूठे व्यक्ति की आर्थिक सहायता करते हैं, तो बाद में हमें जरूर पछताना पड़ेगा। कुछ समय के पश्चात जब हम अपना उधार दिया हुआ पैसा उससे मांगने के लिए जाते हैं। तब वह हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार करता है। उस समय वह इतना कठोर एवं निष्ठुर हो जाता है कि बिना अपशब्द कहे चुप नहीं रहता है और सभी के सामने हमें ही झूठा साबित कर देता है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 16

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
व्यक्ति कोई भी कार्य यदि बिना विचार करता है, तो उसे बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति अपना काम भी बिगाड़ता है और समाज में वह हँसी का पात्र भी बन जाता है। जिसके कारण उसका मन निराश रहता है। उसके मन को शांति नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति में खान-पान-सम्मान आदि किसी भी चीज में उसका मन नहीं लगता अर्थात उसे कछ भी अच्छा नहीं लगता है। गिरिधर कवि कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन उसके मन से दुख दूर नहीं होता है और न वह उसे टाल सकता है। बार-बार उसके मन में वही बात खटकती रहती है कि उसने बिना विचार किए काम क्यों किया था। उसे अपने अनजाने में ही की गई गलती पर पछतावा भी होता है।

(ड़) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 17

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 18

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 19

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“बीती ताहि बिसारि ………….. बीती सो बीती।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
जो बात बीत जाती है उसके बारे में व्यक्ति को सोचना नहीं चाहिए। जो छूट गया उसे भूल जाने में ही जीवन की सार्थकता होती है। अत: बीते हुए समय की अपेक्षा भविष्य को महत्त्व देना चाहिए। बीती हुई बातों के बारे में सोचकर व्यक्ति को सिर्फ दुख ही मिलेगा और फिर उसका मन अन्य कामों में नहीं लगेगा। महाकवि वाल्मीकि ने भी अपने जीवन के बुरे पलों को भूलकर रामायण की रचना की थी। अत: व्यक्ति को बीती हुई सारी घटनाओं को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में सोचना चाहिए। भविष्य में अपना जीवन सुखमय एवं समृद्ध बनाने हेतु उसे अथक प्रयास करने चाहिए। ध्यान रहे कि बीते हुए पलों के बारे में सोचना केवल मूर्खता है और आगे आनेवाले उज्ज्वल भविष्य का स्वागत करने के लिए तत्पर हो जाना चतुरता है।

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रचनात्मकता की ओर संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है। स्पष्ट
उत्तर:

  • अध्यापक: (सभी छात्रों से): अपने अपने मित्रों के नाम बताइए। (सभी छात्र अपने अपने मित्र के नाम बताते हैं।)
  • अध्यापक: आप किसे अपना सच्चा मित्र मानते हैं?
  • विजयः सच्चा मित्र वह होता है, जो मुसीबत आने पर अपनी मदद करता है।
  • संजयः सच्चा मित्र वह होता है, जो ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ होता है।
  • राधाः सच्चा मित्र वह होता है, जो नि:स्वार्थ भाव से अपनी सहायता करता है।
  • मंदाः सच्चा मित्र वह होता है, जो संकट की घड़ी में अपनी सहा यता के लिए दौड़कर आता है।
  • अध्यापक: आप अपने मित्रों का सच्चा मित्र बनने के लिए क्या करेंगे?
  • विजयः मैं अपने मित्रों का सच्चा मित्र बनने के लिए मानवीय गुणों का पालन करूंगा।
  • संजयः मैं सब्बा मित्र बनने के लिए ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा का पालन करूंगा।
  • राधाः मैं अपनी सहेलियों की सच्ची सहेली बनने के लिए नि:स्वार्थ भाव को अपनाऊँगी।
  • मंदाः मैं सच्ची सहेली बनने के लिए मुसीबत की घड़ी में उनकी सहायता के लिए तत्पर रहूँगी।
  • अध्यापकः सच ही कहा गया है कि विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है। बच्चों हमें अपना तन-मन-धन न्योछावर करके अपने मित्रों की संकट की घड़ी में सहायता करनी चाहिए और यही सच्चे मित्र का लक्षण हैं।

पद्य-विश्लेषण

कविता का नाम – कह कविराय कविता की विधा – कुंडली
पसंदीदा पंक्ति – बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हसाय।।

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्तियों में समय की महत्ता का प्रतिपादन किया गया है। यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को प्रत्येक काम सोच-विचारकर ही करना चाहिए। अत: यह मेरी पसंदीदा काव्य पंक्ति है।
कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा यह मिलती है कि व्यक्ति को सामाजिक गुणों को अपनाना चाहिए। हमें दूसरों से सच्ची मित्रता करनी चाहिए। यदि किसी ने हम पर उपकार किए हैं तो हमें उसके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। कोई भी कार्य विचारपूर्वक करना चाहिए। व्यक्ति को अपनी संपत्ति का दान करना चाहिए।

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पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ इसका पाठ से आगे भावार्थ अपने शब्दों मे लिखिए।
उत्तर:
जो व्यक्ति बिना विचार किए काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है; क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। संसार में हमें ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे कि जिन्होंने बिना विचारे काम किए और चौपट हो गए। भारत के कई शासक ऐसे थे, जिनमें बिल्कुल विचार करने की शक्ति नहीं थी। वे आपस में ही एक-दूसरे से लड़ते रहे। इसी कारण अंग्रेजों ने उन्हें कुचल दिया।

यदि कोई छात्र पूरे वर्ष में किताबों को नहीं छूता, उसे बाद में पछताना ही पड़ता है। बिना विचार किए काम करने वालों की स्थिति उस शेखचिल्ली की भाँति हो जाती है, जो टहनी पर बैठकर उसी को पेड़ से अलग कर रहा था। व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। जल्दबाजी में लिया गया निर्णय गलत साबित हो सकता है। अत: इसे ठीक से सोच कर ही सही निर्णय लेना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति को बाद में पछताना पड़ेगा।

कह कविराय Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय: गिरिधर कविराय हिंदी के प्रख्यात कवि थे। इनके जन्म के संबंध में मतभेद है। कहा जाता है कि इनका जन्म अवध में सन 1713 में हुआ था। भाषा का सरलीकरण इनके कुंडलियों की विशेषता है। इन्होंने नीति, वैराग्य और अध्यात्म को ही अपनी रचनाओं का विषय बनाया है। सामान्य जन के दैनिक जीवन को ध्यान में रखकर इन्होंने कुंडलियाँ लिखी है।

प्रमुख कृतियाँ: ‘गिरिधर कविराय ग्रंथावली’ में 500 से अधिक दोहे और कुंडलियाँ संकलित हैं।

पद्य-परिचय कुंडली: यह काव्य विधा का एक प्रकार है। यह छंद दोहा और रोला के मेल से बनता है। कुंडलियाँ छ: पंक्तियों की होती हैं। इनमें दूसरी पंक्ति के अंतिम भाग का प्रयोग तीसरी पंक्ति के शुरू में दिखाई देता है। इनकी एक विशेषता होती है कि यह जिस शब्द से शुरू होती है, उसी शब्द से इसका समापन भी होता है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत कुंडलियों में कविराय गिरिधर जी ने आम लोगों को नैतिक जीवन से संबंधित शिक्षा दी है। उन्होंने अपने कुंडलियों के माध्यम से सामाजिक गुणों को अपनाने की बात कही है। इनकी कुडलियाँ नीतिपरक हैं। इनमें अनुभव व परंपरा का पुट भी दिखाई देता है।

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सारांश:

कविराय गिरिधर जी ने अपनी कुंडलियों से सर्व साधारण लोगों को उपदेश प्रदान किया है। उन्होंने अपनी कुंडलियों के माध्यम से व्यक्ति के पास गुण होने चाहिए; विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है; व्यक्ति को कोई भी काम हो वह विचारपूर्वक करना चाहिए; व्यक्ति को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए आदि के बारे में मनुष्य को सतर्क करते हुए उसे नैतिकता का पाठ पढ़ाया है।

भावार्थ:

गुन के गाहक ……………… गाहक गुन के।।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति को पूछने वाले या जानने वाले हजारों लोग होते हैं लेकिन जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उस व्यक्ति को कोई नहीं पूछता, लोग उसका सम्मान भी नहीं करते। जिस प्रकार कौए और कोयल दोनों की आवाज सुनते तो सभी हैं लेकिन कोयल अपनी मधुर और सुरीली आवाज के कारण सभी को अच्छी लगती है, परन्तु कौआ किसी को अच्छा नहीं लगता।

कोयल और कौए का रंग तो एक समान होता है, परन्तु कौआ अपनी तेज (कर्कश) आवाज के कारण सभी के द्वारा अपमानित किया जाता है और कोयल को उसकी मधुर आवाज के कारण सम्मान मिलता है। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि हे मन के ठाकुर ! जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उसे कोई नहीं पूछता और गुणवान व्यक्ति को हजारों लोग उसके गुणों के कारण पूछते हैं।

देखा सब संसार में ……………… कोई बिरला देखा।।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि हे ईश्वर! इस धरती पर और इस पूरे संसार में मनुष्य एक-दूसरे से स्वार्थ वश प्रेम करते हैं अर्थात सभी लोग अपने लाभ या फायदे के बारे में ही सोचते हैं। जब तक किसी व्यक्ति के पास पैसा होता है, तब तक लोग उसके मित्र रहते हैं। जब किसी व्यक्ति के पास धन या पैसा नहीं होता, तब उसके मित्र उसकी उपेक्षा करते हैं अर्थात गरीब मित्र से बात करना भी पसंद नहीं करते हैं। कवि गिरिधर जी कहते हैं, इस संसार का यही नियम है कि बिना स्वार्थ के किसी से मित्रता करने वाले लोग कम ही मिलते हैं अर्थात बिना स्वार्थ के प्रेम करने वाला कोई नहीं मिलता।

अठा मीठे बचन …………………………… तेरो कागज झूठा।।
झूठा व्यक्ति हमेशा मीठे वचन बोलता है। मीठी-मीठी बातें करके वह दूसरों से रुपए भी उधार ले जाता है। रुपए उधार लेते समय तो उसे बहुत सुख मिलता है और अच्छा लगता है; परंतु वह जिस व्यक्ति से उधार लेता है, उसे उसके पैसे वापस देने का नाम भी नहीं लेता है। पैसा मांगने पर वह अपना दुखड़ा सुनाने लगता है।

गिरिधर कवि कहते हैं कि कर्ज का यह नियम है कि पैसा वापस मांगने पर कर्जदार उधार देने वाले को मारने दौड़ता है, और मन-ही-मन उससे नाराज भी रहता है। ज्यादा दिन बीत जाने पर वह उधार देने वाले को झूठा भी साबित कर देता है और उधार कब दिया था, इसका प्रमाण माँगता है। कर्ज देने वाला जब कर्ज के लेन-देन का लिखा कागज देता है, तो कर्जदार उसे झूठा सिद्ध कर देता है।

बिना विचारे जो ……………………………. कियो जो बिना विचारे।।
व्यक्ति कोई भी कार्य यदि बिना विचार करता है, तो उसे बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति अपना काम भी बिगाड़ता है और समाज में वह हँसी का पात्र भी बन जाता है। जिसके कारण उसका मन निराश रहता है। उसके मन को शांति नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति में खान-पान-सम्मान आदि किसी भी चीज में उसका मन नहीं लगता अर्थात उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।

गिरिधर कवि कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन उसके मन से दुख दूर नहीं होता है और न वह उसे टाल सकता है। बार-बार उसके मन में वही बात खटकती रहती है कि उसने बिना विचार किए काम क्यों किया था। उसे अपने अनजाने में ही की गई गलती पर पछतावा भी होता है।

बीती ताहि बिसारि …………….. बीती सो बीती।।
व्यक्ति को जो बात बीत गई है उसे भूल जाना चाहिए और आगे के बारे में सोचना चाहिए। अर्थात व्यक्ति को बीते हुए समय की अपेक्षा आनेवाले भविष्य को महत्व देना चाहिए। व्यक्ति के सामर्थ्य के अनुसार उससे जो हो सकता है उसी काम में अपना मन लगाना चाहिए। यदि व्यक्ति ऐसा करेगा, तो वह अपने लक्ष्य में जरूर सफल हो जाएगा। उस समय कोई भी दुर्जन व्यक्ति उस पर हंसेगा नहीं और किसी गलती के लिए मन में पछतावा भी नहीं होगा। गिरिधर कवि कहते हैं, व्यक्ति को हमेशा अपने मन की सुननी चाहिए। उसे सिर्फ आगे के बारे में ही सोचना चाहिए। जो बीत गया सो बीत गया। अत: उसे भूलना ही बेहतर है। बीते हुए पलों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

पानी बाड़ो नाव में ……………….. राखिए अपनो पानी।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि यदि नौका में पानी भरने लगे, तो दोनों हाथों से पानी को बाहर निकालते रहना चाहिए, इससे नौका डूबने से बची रहेगी। यदि घर में अधिक पैसा या धन हो, तो निर्धनों या गरीबों में दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको यश और सम्मान मिलेगा और ईश्वर भी आप पर कृपा करेंगे।

समझदार लोगों का यही कर्तव्य है। समझदार व्यक्तियों को भगवान का स्मरण करते हुए, परोपकार या दूसरों की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर देना चाहिए अर्थात दूसरों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि विद्वानों का ऐसा ही कहना है कि अच्छा काम करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और अपना सम्मान बनाए रखना चाहिए अर्थात जो लोग अच्छे कर्म करते हैं उनका सम्मान एवं यश सदैव बना रहता है।

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शब्दार्थ:

  1. गाहक – ग्राहक
  2. सहस – सहस्त्र
  3. नर – पुरुष
  4. काग – कौआ
  5. अपावन – अपवित्र
  6. दोऊ – दोनों
  7. ताको – उसको
  8. लेखा – व्यवहार
  9. बेगरजी – निस्वार्थ
  10. विरला – निराला
  11. लैके – लेकर
  12. अरु – और
  13. तैरना – टालना
  14. दुर्जन – बुरा आदमी
  15. परतीती – प्रतीति, विश्वास

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

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Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Textbook Questions and Answers

संभाषणीय

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 1
उत्तरः
आजादी के बाद का भारत अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुत ही संघर्षरत और उत्साह से भरा था। कृषि, शिक्षाउद्योग आदि के क्षेत्र में वह दिनोंदिन प्रगति के राह पर आगे बढ़ रहा था। अक्टूबर 1952 में चीन ने भारत के ऊपर हमला कर दिया। भारत इस लड़ाई से उबर ही पाया था कि 1935 में दूसरे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत के ऊपर हमला किया, भारत ने इसका मुँहतोड़ जवाब दिया। 1971 में पुन: पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया परंतु इस बार पाकिस्तान की करारी हार हुई और बांग्लादेश का उदय हुआ। 1955 में भारत की बागडोर प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के हाँथ में आ गई।

उन्होंने हरित क्रांति की शुरूआत की। भारत ने कृषि के क्षेत्र में संतोषजनक प्रगति की । बैंको का राष्ट्रीकरण किया गया। 1974 को पोखरन में परमाणु परीक्षण कर भारत विश्व का छठवाँ परमाणु ताकत बन गया। प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 1975 में अपातकाल की घोषणा कर दी। देश के बड़े-बड़े विपक्षी नेता गिरफ्तार कर लिए गए। प्रेस की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

खेल के क्षेत्र में भी भारत प्रगति कर रहा था। 1882 में भारत ने नवें एशियाई खेलों का सफल आयोजन किया। भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्ट इंडीज को हराकर पहली बार विश्व कप जीता। विज्ञान के क्षेत्र में 1982 में रंगीन टेलीविज़न की शुरूआत हुई। भारत का अपना बहुउद्देशीय संचार और मौसम उपग्रह इंसेट-1बी प्रक्षेपित किया गया। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। 31 अक्टूबर 1984 को राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री बने।

उनके कार्यकाल में सतह से सतह पर मार करनेवाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त का सफल परीक्षण हुआ। 1992 में धार्मिक राजनीति चरण सीमा पर थी। जिसके चलते अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढाँचा ध्वस्त कर दिया गया जिससे भारत में हिंसा भड़क गई और मुंबई में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट किए गए। इस विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध लड़ा गया। इस बार भी पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी।

2001 में संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ इस हमले में सम्मिलित आतंकवादी मारे गए। यह देश की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी सेंध थी। 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने। वह एक बड़े अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने देश के गरीबों के लिए फूड्स बिल संसद में लाया। अब गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो गेंहू तथा 3 रुपए प्रति किलो चावल उपलब्ध होने लगा। 2014 में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ। इस बार व्यक्ति विशेष के नाम पर जनता ने मतदान किया और नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया इनसे भारत के लोगों को बड़ी उम्मीद है।

उन्होंने कई नई योजना की शुरूवात की। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नोटबंदी किया, सफाई अभियान की शुरूआत की, देश के हर व्यक्ति को बैंक से जोड़ने का कार्य किया। इस समय भारत अपने विदेश नीति में भी महत्त्वपूर्ण स्थान पर पहुँच गया है। विदेश के बहुत सारे देशों से भारत इनके मधुर संबंध हो गए हैं। व्यापारिक समझौते हुए हैं। इस समय भारत को विश्व की महाशक्तियों में गिना जाने लगा है। सामाजिक दृष्टि से भी वह शक्तिशाली देशों की श्रेणी में पहुँच गया है। इस समय शिक्षा, व्यापार उद्योग आदि क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

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पठनीय:

‘पर्यावरण और मानव’ पर आधारित पथनाट्य (नुक्कड़ नाट्य) पढ़कर प्रस्तुत कीजिए।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
देश हित के लिए आप क्या करते हैं? अपने विचार स्पष्ट व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
देशहित एक पवित्र कार्य है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वहित की अपेक्षा देशहित के बारे में सोचना चाहिए।
‘जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

यदि मैं स्वयं का विचार करूँ तो मेरे लिए निजी हित की अपेक्षा देशहित सर्वोपरि है। देशहित के लिए मैं सभी नियमों का पालन करने के साथ ही विनम्र और देश के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार हूँ। मैं अपने चारों ओर साफ-सफाई रखने के लिए स्वच्छता अभियान में भाग लेता हूँ। सभी को बेकार वस्तुओं को कड़ेदान में डालना और सार्वजनिक वस्तुओं की देखभाल करना सिखाता हूँ।

मैं एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रखता हूँ। देश के कल्याण के लिए बनाई गई सामाजिक व आर्थिक नीतियों का भी सम्मान करता हूँ। मैं अपने देश को दुनिया में सबसे अच्छा देश बनाने के लिए प्रयास करता रहता हूँ।

आसपास:

प्रश्न 1.
अपने आसपास/परिवेश में घटित होने वाली समाज आसपास विघातक घटनाओं की रोकथाम से संबंधित अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः
भ्रष्टाचार, आरक्षण, भ्रूण-हत्या, दहेज प्रथा, आदि समाज विघातक घटनाएँ हैं। भ्रष्टाचार भारतीय समाज में सबसे तेजी से उभरने वाला मुद्दा है। मनुष्य अपने निजी स्वार्थों की खातिर देश को खोखला कर रहा है। अतः मनुष्य को सदाचार को अपनाना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार अपने-आप समाप्त हो जाएगा। भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस विषय पर स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। लोग कन्या जन्म चाहते ही नहीं है। सबको पुत्र चाहिए। इस पर रोक लगाने के लिए चिकित्सा के लिए मजबूत नीति सबंधी नियमावली होनी चाहिए। सभी महिलाओं के लिए तुरंत शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रणाली होनी चाहिए।

आम लोगों को जागरुक करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या जागरुकता कार्यक्रम होना चाहिए। दहेज जैसी कुप्रथा के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जाना चाहिए। अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन देना चाहिए। आरक्षण वास्तव में समाज के उन्हीं लोगों के लिए हितकर हो सकता है जो अपंग हैं, शिक्षा और गुण होते हुए भी अन्य लोगों से जीवन में पीछे रह जाते हैं। उन गरीब लोगों के लिए भी आरक्षण आवश्यक है, जो गुणी होते हुए भी गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। आज यदि हम देश को उन्नति की ओर ले जाना चाहते हैं और देश की एकता बनाए रखना चाहते हैं. तो जरूरी है कि आरक्षण को हटाकर हम सबको समान रूप से शिक्षा दे और उन्नति का अवसर पाने का मौका दें।

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पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 3

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न (ख)
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 5

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी का अंश पढ़कर टिप्पणी लिखिए।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के अर्थ शब्दकोश की सहायता से ढूंढ़िए तथा उचित शब्द रिक्त स्थानों में लिखिए।

  1. आर्यभट्ट ने शून्य की …………….. की। (खोज, अनुसंधान, आविष्कार)
  2. प्रगति के लिए आपसी ……………….. आवश्यक है। (ईर्ष्या, भागदौड़, स्पर्धा)
  3. कार्यक्रम को शुरू करने के लिए अध्यक्ष महोदय की ………… चाहिए। (अनुमति, आज्ञा, आदेश)
  4. काले बादलों को देखकर बारिश की …………. है। (आशंका, संभावना, अवसर)
  5. सड़क-योजना में सैकड़ों मजदूरों को …………. रोजगार मिला। (निर्माण, निर्मिति, सृजन)

उत्तरः

  1. खोज
  2. स्पर्धा
  3. अनुमति
  4. संभावना
  5. निर्माण

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 6

सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि
(क) नए-नए अविष्कार करना।
(ख) महापुरुषों के चरित्र (जीवनियाँ) पढ़ना।
(ग) स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।
उत्तर:
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।

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उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
साहस को क्या स्वीकार नहीं है?
उत्तर:
मँझधारों में डूबना साहस को स्वीकार नहीं है।

कृति (2) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त आँधी शब्द का कविता से संबंधित अर्थ है।
(क) मुसलाधार बारिश के कारण आनेवाला तूफान।
(ख) प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।
उत्तरः
प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. पावन (क) सिंधु
2.  स्वार्थ (ख) समस्या
3. अगम (ग) युग
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ङ) साधना

उत्तरः

(अ) (ब)
1. पावन (ग) युग
2.  स्वार्थ (ङ) साधना
3. अगम (क) सिंधु
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ख) समस्या

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. डूबना/मरना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. मानो अगम अगाध सिंधु/ बिंदु में संघर्षों का पार नहीं है।
उत्तर:
1. डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. माना अगम अगाध सिंधु में संघर्षों का पार नहीं है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
निर्माणों के पावन युग …………….. कल्याण न भूलें!
भावार्थ:
कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का त्याग कर मानव जाति के कल्याण के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 7

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।

प्रश्न 1.
1. नैतिक आधार के बिना शिक्षा व्यर्थ है।
2. शील, विनय, आदर्श, श्रेष्ठता चरित्र निर्माण के साधन नहीं है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (2) आकलन कृति

एक वाक्य में उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में क्या नहीं भूलना चाहिए?
उत्तरः
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान नहीं भूलना चाहिए।

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
तार बिना झंकार/ श्रृंगार नहीं है।
उत्तरः
तार बिना झंकार नहीं है।

प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर एक ऐसा प्रश्न बनाइए कि जिसका उत्तर निम्न शब्द हो।

प्रश्न 1.
शिक्षा
उत्तर:
नैतिक आधार के बिना कौन स्वर साध नहीं सकेगी?

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
शील, विनय,…………………. न भूलें!!
भावार्थ:
जिस प्रकार तार के बिना झंकार सुनाई नहीं देती। उसी प्रकार शील, विनय, आदर्श व श्रेष्ठता के बिना मनुष्य का चरित्र उज्ज्वल नहीं बन सकता। सच्ची शिक्षा वही होती है, जिसका आधार नैतिकता हो। मनुष्य को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे यश, ख्याति, प्रसिद्धि रूपी उज्ज्वल चाँदनी के गौरवमय प्रकाश में अपनी संस्कृति का सम्मान करना नहीं भूलना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए।
जैसे – मानव : प्यार
1. प्राणी: …….
2. जीवन: ……
उत्तर:
1. उपकार
2. उत्थान

कृति (2) आकलन कृति

1. समझकर लिए

प्रश्न 1.
‘जीवन-उत्थान’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जीवन की चारित्रक उन्नति

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 8

सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य ………. है।
(क) आध्यात्मिक उन्नति
(ख) सांसारिक उन्नति
(ग) मानव की उन्नति
उत्तरः
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य सांसारिक उन्नति है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (3): भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
“अविष्कारों की ……………….जीवन का उत्थान।”
भावार्थः
निर्माण के इस पावन युग में मनुष्य नए-नए आविष्कार कर रहा है। भले ही मनुष्य आविष्कार कर रहा है, पर यदि उस में आविष्कार के प्रति प्रेम नहीं है, मानवता की भावना नहीं है; शांति की कामना नहीं है। प्राणी मात्र पर उपकार करने का भाव नहीं है, तो उसके द्वारा किए गए विज्ञानरूपी आविष्कार व्यर्थ हैं। ऐसे आविष्कार आविष्कृत होने के बावजूद भी सृजनहीन है। भले ही मनुष्य सांसारिक उन्नति कर रहा है। फिर भी उसे अपने जीवन की उन्नति के बारे में नहीं भूलना चाहिए। जीवन की उन्नति तभी संभव है, जब मनुष्य के हृदय में प्रेम, मानवता, सहृदयता, नैतिकता व शांति का सृजन होगा।

पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – निर्माणों के पावन युग
  • कविता की विधा – आधुनिक कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें। स्वार्थ साधना की आँधी में हम वसुधा का कल्याण न भूलें।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें चरित्र निर्माण की बात कही गई है। व्यक्ति के पास उज्ज्वल चरित्र होना चाहिए। उसे अपने चरित्र से दूसरों पर प्रभाव निर्माण करना चाहिए।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति का चरित्र संपन्न एवं समृद्ध होना चाहिए।

स्वयं का चरित्र उज्ज्वल बनाने के लिए व्यक्ति को मानवीय गुणों का अपनाना चाहिए। स्वार्थ भाव का त्याग कर व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करनी चाहिए। व्यक्ति को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का पालन करना चाहिए। नए-नए अनुसंधान में व्यस्त रहकर व्यक्ति को अपनी संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए।

निर्माणों के पावन युग में Summary in English

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक प्रबुद्ध कवि, प्रखर वक्ता व पत्रकार के रूप में कार्यरत रहे हैं। राष्ट्रीय-भावना से ओत-प्रोत कई पत्रिकाओं का इन्होंने संपादन भी किया है। ब्रजभाषा व खड़ी बोली में काव्य रचना इनकी प्रमुख विशेषता रही है। ‘पद्मविभूषण’, ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ व ‘भारत रत्न पुरस्कार’ से उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – मेरी इक्यावन कविताएँ’, गद्य रचनाएँ – ‘कुछ लेख: कुछ भाषण’, ‘बिंदु-बिंदु विचार’, ‘मृत्यु या हत्या’, ‘संसद में तीन दशक’, ‘सेक्युलरवाद’ आदि।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पद्य-परिचय:

कविता: रस और अलंकार से परिपूर्ण, सुंदर अर्थ प्रकट करने वाली, हृदय की मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी से निकली
शब्द रचना कविता कहलाती है। कविता मनुष्य को स्वार्थ संबंधों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से सुरीला संबंध जोड़ने में सहायक होती है।

प्रस्तावना: कविता में कवि वाजपेयी जी ने वसुधैव कुटुंबकम् के नूतन अनुसंधान, संस्कृति के सम्मान, जगत का कल्याण-उत्थान करने के साथ-ही-साथ चरित्र निर्माण एवं मानवीय गुणों के महत्त्व को समग्र रूप में प्रतिपादित किया है।

सारांश:

कवि कहते हैं कि आज का युग निर्माण का पावन युग है। जीवन के हर एक क्षेत्र में प्रगति हो रही है, नव-निर्माण हो रहा है । ऐसे में क्या व्यक्तिविकास हो रहा है? व्यक्ति-विकास के लिए चरित्र का उज्ज्वल होना आवश्यक है। अत: व्यक्ति को चरित्र-निर्माण पर बल देना चाहिए। उसे व्यक्तिगत स्वार्थ से बाहर निकलकर मानवजाति के कल्याण के लिए अग्रसर होना चाहिए।

शब्दार्थ:

  1. निर्माण – सृजन
  2. पावन – पवित्र
  3. युग – समय
  4. आँधी – तूफान
  5. वसुधा – पृथ्वी
  6. अगम – अपार
  7. अगाध – अथाह
  8. सिंधु – सागर
  9. मँझधार – लहरों के बीचोंबीच
  10. जटिल – कठिन
  11. अनुसंधान – खोज, अन्वेषण
  12. कीर्ति – ख्याति, प्रसिद्धि
  13. कौमुदी – चाँदनी
  14. गरिमा – महत्त्व, गौरव
  15. सृजनहीन – निर्माण हीन
  16. भौतिकता – सांसारिकता
  17. उत्थान – उन्नति

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

भावार्थ:

निर्माणों के पावन युग …………………….. अनुसंधान न भूलें !!

कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 ऐ सखि ! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि ! (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 ऐ सखि ! Textbook Questions and Answers

संम्भाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जीवन में हास्य का महत्त्व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
रवि – अरे, रेखा क्या उदास बैठी हो, जब देखो उदास रहती हो। रेखा – तो क्या करूँ? तुम्हारे जैसा हीही-हीही करती रहूँ। रवि – हाँ, हमारे जैसा तुम भी हँसो। हास्य, मुस्कान और विनोद में कितना सुख है, कितना आनंद है? बड़ेबड़े चिकित्सालयों में रोगियों को हंसाने तथा प्रसन्न करने के लिए हास्य-विनोद की व्यवस्था रखी जाती है। रेखा – नहीं। अपनी हँसी अपने पास रखो। हँसने से गंभीरता समाप्त हो जाती है। गंभीरता जीवन में एक वांछित गुण है।

धीर-गंभीर और उत्तरदायी व्यक्ति समझकर लोग आदर करते हैं। रवि – यह बात सही है कि गंभीरता जीवन में वांछित गुण है। किंतु यह ठीक तभी है, जब आवश्यकतानुसार हो। गंभीरता के नाम पर हर समय मुँह लटकाए, गाल फुलाए, माथे में बल और आँखों में भारीपन भरे रहने वाले व्यक्तियों को समाज में बहुत कम पसंद किया जाता है। रेखा – हास्य-मुस्कान ठीक नहीं। कभी-कभार हँसी हो गई ठीक है। रोज-रोज हंसना ठीक नहीं। इसे लोग बुरा मानते हैं।

रवि – यह तुम्हारी सोच है रेखा। कोई बुरा नहीं मानता। जीवन में जब अवसर मिले हैंसना चाहिए। राजा-महाराजा स्वाँग और नाटकों के रूप में अपने प्रति व्यंग्य विनोद देखसुनकर प्रसन्न ही नहीं होते बल्कि सफल अभिनेता को पुरस्कार भी दिया करते थे। आज टेलीविज़न पर विविध प्रसिद्ध व्यक्तियों पर हास्य-व्यंग्य दिखाए जाते हैं जिसे देखकर संबंधित व्यक्ति भी हास्य-विनोद के नाम पर हँस पड़ते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखनीय लेखन करके चार्ट बनाइए। विद्यालय की दीवारों को सजाइए।
उत्तर:

  1. पैसा आपका सेवक है, यदि आप उसका उपयोग जानते हैं। वह आपका स्वामी है यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस
  2. जिसे धीरज है और जो मेहनत से नहीं घबराता, कामयाबी उसकी दासी है। – स्वामी दयानंद सरस्वती।
  3. अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति, जो भगवान ने तुम्हें दी है उसमें लगा दो। – कार्लाइल
  4. हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए, न कि सुख। – सुकरात
  5. अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है। – भगवान गौतम बुद्ध
  6. निराशा निर्बलता का चिह्न है। – स्वामी रामतीर्थ
  7. पाप एक प्रकार का अंधेरा है, जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है। – कालिदास
  8. पुस्तकें मन के लिए साबुन का काम करती हैं। – महात्मा गाँधी
  9. सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो। – नाइजिरियन कहावत

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पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी महिला साहित्यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
पहेलियों का संकलन कीजिए ।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
“पुस्तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं। उसमें विद्वानों के विचार, ज्ञान और अनुभव के साथ ही बहुत सारी रोचक बातें भरी रहती हैं। ऐतिहासिक घटनाओं, मनोरंजक कहानियों, चुटकुलों का समावेश इन पुस्तकों में होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत सारी पौराणिक कथाओं, मनोरंजक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं। खाली समय बिताने के लिए सबसे अच्छा और आसान उपाय है मनोरंजक किताबें पढ़ना। पुस्तकें सदियों से संजोए हुए ज्ञान से हमें अवगत कराती हैं। सचमुच पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न क.
मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों की विशेषताएँ लिखिए :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 1
उत्तरः

शब्द विशेषता
1. तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला
2. नीर क्षण में हृदय की पीड़ा को हरने वाला
3. अंजन आठ पहर तक मनरंजन करने वाला
4. डोल मीठे बोल बोलने वाला

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प्रश्न ख.
भावार्थ लिखिए : मुकरियाँ – 1, 5 और 9
उत्तरः
1. रात समय वह ……………………. ना सखि तारा।।
भावार्थः
प्रस्तुत कविता में नायिका अपने सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते) हुए कहती है, रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह सबसे अनोखा आश्चर्य है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह तारा है।

2. अति सुरंग है ………………….. ना सखि तोता।।
भावार्थः
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

3. बिन आए सबहीं ………….. ना सखि पाती।।
भावार्थ:
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग-अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जबाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

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पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए।

  1. तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी, पकड़ न मुझको तुम पाओगे, मेरे बिन तुम न रह पाओगे, बताओ मैं कौन हूँ?
  2. गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हो, पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।
  3. मुझमें भार सदा ही रहता, जगह घेरना मुझको आता, हर वस्तु से गहरा रिश्ता, हर जगह में पाया जाता।
  4. ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ, देखो मुझको गिरा न देना वरना कठिन हो जाएगा भरना
  5. लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है, खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है।

उत्तरः

  1. हवा
  2. पानी
  3. गैस
  4. द्रव्य
  5. चुंबक

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 ऐ सखि ! Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 2

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. तारों के आने का समय-
  2. तारों के जाने का समय
  3. मीठे बोल वाला-
  4. इसके आने पर शादी होती है

उत्तर:

  1. रात
  2. भोर
  3. ढोल
  4. ढोल

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प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. तारा दिन को आता है, रात को जाता है।
ii. ढोल के बोल मोठे होते हैं।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. सूर्य : दिन :: तारा : …..
ii. प्रात : भोर :: विवाह : …..
उत्तर:
i. रात
ii. शादी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 5.
समझकर लिखिए।
चमड़े से बने चार वाद्य यंत्रों के नाम ।
उत्तर:
ढोलक, मृदंग, तबला, नगाड़ा

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ढोल के बोल सुहावने’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ढोल प्राचीन काल से एक सुहावना वाद्य यंत्र रहा है। ढोल के दोनों सिरे पर चमड़े मढ़े रहते हैं। जिन्हें बजाने से मीठी आवाज निकलती है। शादी-ब्याह तथा सभी शुभ अवसरों पर ढोल बजाने की परंपरा बड़ी पुरानी रही है। ढोल गीत, संगीत तथा भजन गायकों के सुर में सुर मिलाकर उनके आवाज में चार चाँद लगा देता है। होली के गीतों में ढोलक का जमकर प्रयोग होता है। इसे ताल वाद्य यंत्रों की श्रेणी में प्रमुख स्थान पर रखा जाता है।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 3

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 4

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. मन की तपन बुझाने वाला
  2. न जागने पर काट कर जगानेवाली
  3. सोते को बार-बार जगाने वाला
  4. राम भजन के बिना न सोने वाला

उत्तर:

  1. लोटा
  2. मक्खी
  3. मक्खी
  4. तोता

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प्रश्न 4.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. लोटा तन का भारी मन का छोटा होता है।
ii. तोता कुरंग पक्षी होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 5.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 5
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 6

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिखिए।
i. चटनी : चम्मच :: पानी : ….
ii. कोयल : कूकना :: तोता : ….
उत्तर:
i. लोटा
ii. रामभजन

प्रश्न 7.
पद्यांश में प्रयुक्त एक पक्षी का नाम लिखिए।
उत्तरः
तोता

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘प्रिय पक्षी तोता’ के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
तोता हमारे देश में प्राचीनकाल से ही एक लोकप्रिय पक्षी रहा है। यह बहुत समझदार होता है। तोते का हरा रंग, लाल चोंच, कंठ की काली पट्टी और कोमल पंख लोगों को मुग्ध कर देते हैं। चिड़ियाघर में तोते की कई जातियाँ पाई जाती हैं। तोते को पालना बहुत आसान है। यह अमरूद, अन्य फल तथा मिर्च बड़े चाव से खाता है और यह परिवार में सभी के साथ हिल-मिल जाता है। यह प्राणी अनुकरणप्रिय माना जाता है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 7

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 8

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. अर्धरात्रि को घर आने वाला
  2. कवि जिसकी सुंदरता का वर्णन नहीं कर सकता
  3. आँखों से एक क्षण के लिए भी अलग न होने वाला
  4. आठ पहर तक मनरंजन करने वाला

उत्तर:

  1. चाँद
  2. चाँद
  3. अंजन
  4. अंजन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. दिवस : सूर्य :: रात्रि :-
ii. कान : कुंडल :: आँख : ………
उत्तर:
i. चंद्रमा
ii. अंजन

प्रश्न 5.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. चाँद की सुंदरता का वर्णन हो सकता है।
  2. चाँद को देखते ही मन उदास हो जाता है।
  3. आँखों से अंजन एक क्षण के लिए भी अलग नहीं होता।
  4. अंजन आँखों की शोभा बढ़ाता है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 6.
पद्यांश में प्रयुक्त एक सौंदर्य प्रसाधन का नाम लिखिए।
उत्तर:
अंजन

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
चाँदनी रात का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चाँदनी रात का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। धरती से आकाश तक फैली हुई चाँदनी अनायास ही मन को मोह लेती है। वह जीवन में उल्लास भरती है, जीवन को शक्ति और आनंद प्रदान करती है। चाँदनी रात में सागर भी उल्लास से भर जाता है और उसमें ज्वार उठने लगता है। कभी-कभी चाँद बादल में लुका-छिपी खेलता है जो हमारे मन को अपनी ओर खींच लेता है। ऐसे समय में कुछ लोग नौका विहार का भी लुफ्त उठाते हैं। इस प्रकार चाँदनी रात का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

i. अर्धनिशा वह आयो ……………….. ना सखि चंद ।।
भावार्थ:
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

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(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 9

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. सारा संसार जिसको जीवन कहता है –
  2. जो क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है –
  3. जिसके न आने से सारा सुख भूल जाता है –
  4. जिसको सीने से लगाते ही छाती शीतल हो जाती है –

उत्तर:

  1. नीर
  2. नीर
  3. पत्र
  4. पत्र

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. जल के बिना नेक व्यक्ति को भी धीरज नहीं रहता है।
ii. पत्र आने से सारा सुख भूल जाता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 4.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. पत्र के अभाव से …………..
ii. पत्र के प्रभाव से ………….
उत्तर:
i. पत्र के अभाव से सब सुख भूल जाता है।
ii. पत्र के प्रभाव से अंग-अंग फूल जाता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 5.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।
i. संसार के लोग जल को कहते हैं
(क) धारा
(ख) धीरज
(ग) जीवन
उत्तरः
(ग) जीवन

ii. इसको दिल से लगाते ही छाती ठंडी हो जाती है
(क) पानी
(ख) सखी
(ग) पत्र
उत्तरः
(ग) पत्र

कृति घ (2): स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
आज प्रदूषण जल, थल तथा वायु हर जगह फैला हुआ है। देश में जल प्रदूषण का खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा, कूड़ा-करकट, मल-मूत्र आदि नदियों और समुद्र में डाल दिया जाता है। झीलें भी इस गंदगी से बची नहीं हैं। इसी कारण जलीय वनस्पतियाँ, मछलियाँ और अन्य जीव-जंतु बड़ी संख्या में मरने लगे हैं। प्रदूषित जल से सिंचाई के कारण पैदावार भी नष्ट हो रही है। जल-प्रदूषण के अतिरिक्त वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण भी मानव जीवन के लिए खतरनाक है। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें प्रदूषण के सभी कारणों को दूर करना होगा।

ऐ सखि ! Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। उनका मूल नाम अबुल हसन यमीनुदीन खुसरो है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिंदवी और फ़ारसी में एक साथ लिखा। वे एक श्रेष्ठ शायर, गायक और संगीतकार थे। अमीर खुसरो अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी मृत्यु 1325 में हुई।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तुहफा-तुस-सिगर’, ‘वसतुल-हयात’, ‘गुर्रातुल-कमा’, ‘नेहायतुल-कमाल’, ‘दोहे-घरेलू नुस्खे’, ‘कह मुकरियाँ’, ‘दुसु खने’, ‘ढकोसले’, ‘अनमेलियाँ/उलटबाँसियाँ’, ‘हालात-ए-कन्हैया’, ‘नजराना-ए-हिंद’ आदि।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

पद्य-परिचय :

मुकरियाँ : यह पहेलियों (बुझौवल) का ही एक रूप है, जो लोक प्रचलित है, जिसका लक्ष्य मनोरंजन के साथ-साथ बुद्धिचातुर्य की परीक्षा लेना होता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘ऐ सखि’ के कवि अमीर खुसरो ने इन मुकरियों के माध्यम से अपनी विशेष शैली में पहेलियाँ बुझाईं हैं और स्वयं उनके उत्तर दिए हैं।

सारांश :

कवि अपनी पहेलियों के माध्यम से बताते हैं कि रात के समय आने वाला और सुबह घर चले जाने वाला तारा है। सबकी शादी कराने वाला और मीठे बोल वाला ढोल है। जल पिला कर प्यास बुझाने वाला लोटा है। सोते समय काट कर जगाने वाली मक्खी है। सुंदर रंगवाला, गुणवान और राम भजन किए बिना न सोने वाला तोता है। अर्धरात्रि को घर आने वाला और सुंदरता का भंडार चाँद है। आँखों की शोभा बढ़ाने वाला और आँखों से एक क्षण भी दूर न होने वाला काजल है। ‘जीवन’ नाम से प्रसिद्ध और क्षण में हृदय की पीड़ा दूर करने वाला जल है। आते ही प्रसन्नता लानेवाला और छाती को शीतल करने वाला पत्र है।

भावार्थ :

रात समय वह ………………… ना सखि तारा।।
प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बझाते (पुछते) हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्यं सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

वह आवे तब …………………. ना सखि डोल।।
नायिका आगे की पहेली बुझाते हुए कहती है कि वह आता है तब शादी होती है। शादी के दिन उसके सिवा कोई और नहीं होता है। उसके बोल बड़े मीठे लगते हैं। सखी पूछती है कि क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नही सखी, वह ढोल है।

जब माँगू तब …………… ना सखि लोटा।।
नायिका कहती है कि जब मैं उससे माँगती हूँ, तो वह मेरे लिए जल भर के लाता है और मेरे मन की गर्मी को बुझाता है अर्थात मेरी प्यास बुझाता है। भले वह शरीर का छोटा है लेकिन उसका हृदय विशाल है। उसकी सखी पूछती है, सखी क्या यह साजन है? फिर नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह तो लोटा है।

बेर-बेर सोबतहि ……………. ना सखि मक्खी ।।
नायिका कहती है कि वह बार-बार मुझे सोते हुए जगा देता है, अगर मैं नहीं जागती हूँ, तो मुझे काटता है और परेशान करता है। इससे मैं परेशान हो गई हैं और कुछ कर नहीं पा रही हूँ। नायिका की सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह मक्खी है।

अति सुरंग है ………… ना सखि तोता।।
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

अर्धनिशा वह आयो …………… ना सखि चंद।।
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

शोभा सदा बड़ावन ………………. ना सखि अंजन।।
नायिका कहती है, वह हमेशा आँखों की सुंदरता को बढ़ाता है । आँखों से क्षण भर के लिए अलग नहीं होता है। आठों पहर वह मेरे मन को भाता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह काजल है।

जीवन सब जग …………………………… ना सखि नीर।।
नायिका कहती है, जिसे सारा संसार ‘जीवन’ कहता है । जिसके बिना सज्जन धैर्य नहीं रख सकता। वह एक क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है ? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह साजन नहीं, पानी है।

बिन आए सबहीं …………….. ना सखि पाती।।
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंगअंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

शब्दार्थ :

  1. मेरे आवे – मेरे पास आते हैं
  2. भोर – प्रात:काल
  3. उठि – उठकर
  4. जावे – जाते है
  5. अचरज – आश्चर्य
  6. न्यारा – अनोखा
  7. सखि – सहेली
  8. दूजा – दूसरा
  9. वाके – उसके
  10. तपन – गरमी
  11. बेर-बेर – बार-बार
  12. सोवतहि – सोते हुए
  13. जगावे – जगाती
  14. व्याकुल – परेशान
  15. रंग रंगीलो – खुशमिज़ाज़
  16. सुरंग – सुंदर रंग
  17. गुणवंत – सभी गुणों से संपन्न
  18. अर्धनिशा – आधी रात
  19. चटकीलो – चमकदार रंग का
  20. भौन – भवन (घर)
  21. बरनै – वर्णन करना
  22. निरखत – देखकर
  23. मनरंजन – दिल को अच्छा लगने वाला
  24. छिनक – क्षणभर
  25. हिय – हृदय
  26. पीर – व्यथा, पीड़ा
  27. नीर – जल
  28. जासों – जिसको
  29. हरे – दूर करता है
  30. सिरा – शीतल