Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 छापा

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 छापा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 4 छापा

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 4 छापा Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 20
(ii) Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 25

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 14

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 21
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 29

प्रश्न 3.
कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए:
अ – आ
अर्थ – बालों में
सुवर्ण – चेहरे पर
चाँदी – नई कविता में
मुद्रा – काव्य कृतियों में
उत्तर:
(i) अर्थ – नई कविता में
(ii) सुवर्ण – काव्य कृतियों में
(iii) चाँदी – बालों में
(iv) मुद्रा – चेहरे पर।

प्रश्न 4.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 16

प्रश्न 5.
ऐसे प्रश्न बनाइए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
a. अरण्यकांड
b. तख्त
c. असफलता
d. अनधिकृत
उत्तर:
a. कवि के घर में क्या देखकर छापा मारने वालों का खिला चेहरा मुरझा गया?
b. कवि छापा मारने वालों से अपने घर में क्या डलवाने के लिए कहते हैं?
c. कवि के घर छापा मारने पर छापा मारने वालों को क्या मिली?
d. छापा मारने वालों को लेखक से किस प्रकार का अर्थ चाहिए था?

प्रश्न 6.
सोना, चाँदी, अर्थ और मुद्रा इन शब्दों के विभिन्न अर्थ बताते हुए कविता के आधार पर इनके अर्थ लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 26

प्रश्न 7.
कर जमा करना, देश के विकास को गति देना हैं’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
समाज में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे, जो कर अदा करने लायक आय होने पर स्वेच्छा से ईमानदारी के साथ सरकार को कर अदा | कर देते हैं और दूसरे वे, जो कमाई तो जायज-नाजायज अंधाधुंध करते हैं, पर नियम के तहत कर अदा करने से कतराते हैं। यह मनोवृत्ति उचित नहीं है।

देश के विकास का कार्य जनता द्वारा प्राप्त कर से ही पूरा होता है। चिकित्सा, परिवहन तथा जनता की सहायतार्थ शुरू किए जाने वाले सारे कार्य जनता से प्राप्त कर से ही पूरे होते हैं। जिस देश में आय करने वाले सभी लोग ईमानदारी और स्वेच्छा से उचित मात्रा में कर अदा करते हैं, उस देश के विकास के सारे कार्य सुचारू रूप से पूरे होते हैं और सामान्य जनता को उसका पूरा-पूरा लाभ मिलता है।

यदि कोई व्यक्ति यह सोचता हो कि सभी लोग तो कर अदा करते हैं, उसके अकेले कर अदा न करने या कम कर का भुगतान करने से क्या फर्क पड़ेगा, ‘तो ऐसा सोचने वालों की संख्या अनगिनत हो सकती है। इस तरह कर की कितनी रकम सरकारी खजाने में जमा होने से रह जाती है। इस कारण पैसे के अभाव में सरकार की अनेक योजनाएँ अटकी रह जाती हैं। इसलिए कर योग्य आय पर ईमानदारी से कर जमा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कर अदा कर हम अपनी ही सहायता करते हैं। कर जमा करने से ही विकास को गति मिलती है।

उपयोजित लेखन

निम्न मुद्दों के आधार पर विज्ञापन तैयार कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 28

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 4 छापा Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 8

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(i) वे (छापा मारने वाले) रोष से बोले तो कवि किस प्रकार बोले?
(ii) वे (छापा मारने वाले) कड़ककर बोले तो कवि किस प्रकार बोले?
उत्तर:
(i) वे रोष से बोले तो कवि जोश से बोले।
(ii) वे कड़ककर बोले तो कवि भड़ककर बोले।

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 9

प्रश्न 4.
कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए:
अ – आ
अर्थ – बालों में
सुवर्ण – चेहरे पर
चाँदी – नई कविता में
मुद्रा – काव्य कृतियों में

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए:
(i) सोना – (1) ……………………. (2) …………………….
(ii) अर्थ – (1) ……………………. (2) …………………….
(iii) नोट – (1) ……………………. (2) …………………….
(iv) चाँदी – (1) ……………………. (2) …………………….
उत्तर:
(i) सोना – (1) (धातु) सोना (2) नींद लेना।
(ii) अर्थ – (1) संपत्ति (पैसा) (2) (साहित्य में) मतलब।
(iii) नोर्ट – (1) (रुपया) नोट (2) (परीक्षा के) टिप्पणी। .
(iv) चाँदी – (1) (धातु) चाँदी (2) (बालों में सफेदी) चाँदी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
(i) रात × ………………………..
(ii) अनधिकृत × ………………………..
(iii) नई × ………………………..
(iv) धीरे-धीरे × ………………………..
उत्तर:
(i) रात × दिन
(ii) अनधिकृत × अधिकृत
(iii) नई × पुरानी
(iv) धीरे-धीरे × जल्दी जल्दी

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
पद्यांश की अंतिम पाँच पंक्तियों – का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
अधिकारी कवि से छुपाकर रखी गई चाँदी निकालने के लिए कहते हैं। कवि चाँदी का अर्थ चाँदी जैसे सफेद हो गए अपने बालों से जोड़कर कहते हैं, “चाँदी तो मेरे सिर के बालों में आ रही है।” अधिकारी जब कड़ककर पूछते हैं कि उनके नोट (रुपये) कहाँ हैं, तो वे नोट का संबंध विद्यालय की परीक्षा के नोटों से जोड़कर जवाब देते हैं कि परीक्षा के नोट तो वे परीक्षा से एक महीने पहले तैयार करेंगे।

पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 10

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 15

प्रश्न 3.
ऐसे प्रश्न बनाइए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) मुद्रा
(ii) शयन कक्ष।
उत्तर:
(i) कवि ने छापा मारने वालों से अपने मुँह पर क्या देखने के लिए कहा?
(ii) छापा मारने वाले कहाँ घुस गए?

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 13
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 17

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए:
(i) मुद्राएँ – ……………………….
(ii) अलमारी – ……………………….
(iii) चेहरा – ……………………….
(iv) सूचना – ……………………….
उत्तर:
(i) मुद्राएँ – मुद्रा
(ii) अलमारी – अलमारियाँ
(iii) चेहरा -चेहरे
(iv) सूचना -सूचनाएँ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द-समूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:
(i) किसी व्यक्ति या वस्तु को खोजना – ……………………….
(ii) मिट्टी का बर्तन जिसमें घन संग्रह किया जाए – ……………………….
उत्तर:
(i) ढूँढ़ना
(ii) गुल्लक।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
पद्यांश की प्रथम छह पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
अधिकारियों ने गरजते हुए कहा, ‘हमारा कहने का मतलब आपकी मुद्रा (पैसों-सिक्कों) से है।” कवि ने इसका अर्थ मुख मुद्रा से जोड़कर जवाब दिया, “मुद्राएँ तो आप मेरे मुख पर देख लें।” अधिकारी यह उत्तर सुनकर कुछ सोचने लगे। फिर वे उनके सोने के कमरे में घुस गए और उनके फटे तकिए की रुई नोचने लगे (कि शायद पैसे इसमें छुपाकर रखे हों)।

पद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 18
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 20

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 22

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 4 छापा 23

प्रश्न 3.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके अर्थ निम्नलिखित शब्द हों:
(i) पलंग
(ii) धन।
उत्तर:
(i) परिच्छेद में सोफे के अलावा सोने-चाँदी से बनी और किस वस्तु का उल्लेख हुआ है?
(ii) कवि के घर में क्या बिलकुल नहीं है?

कृति 2: (शब्द संपदा)

निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग चुनकर शब्द लिखिए: (उप, अप, अ, अभि)
(i) यश – ……………………………….
(ii) ज्ञान – ……………………………….
(iii) मान – ……………………………….
(iv) वन – ……………………………….
उत्तर
(i) यश – अपयश
(iii) मान – अभिमान
(ii) ज्ञान – अज्ञान
(iv) वन – उपवन

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न 1.
उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम छह पंक्तियों-‘जिनके घर में ….. डलवा दीजिए’ का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
जिन लोगों के घरों में सोने-चाँदी के पलंग और सोफे होते हैं, उन्हें आप लोग निकलवाकर ले लेते हैं। ठीक है निकलवा लीजिए (आपका काम ही निकलवा लेना है), पर जिनके घर में (टूटी) कुर्सी भी बैठने के लिए नहीं है, उनके घर में बैठने-सोने के लिए एक तखत की व्यवस्था तो करते जाइए।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न, सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) वे कड़ककर बोले-चाँदी कहाँ है।
(ii) यह शोर कौन मचा रहा है?
(iii) छापा बहुत बड़ा था।
उत्तर:
(i) चाँदी – द्रव्यवाचक संज्ञा।
(ii) कौन – प्रश्नवाचक सर्वनाम।
(iii) बड़ा – गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:

निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) अंदर
(ii) आजकल
(iii) अब।
उत्तर:
(i) वे घर के अंदर चले आए।
(ii) आजकल उनके अच्छे दिन नहीं हैं।
(iii) यह काम अब उनके वश का नहीं है।

3. संधि:

कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
……………….  भोजन + आलय  ……………….
 अथवा
 निश्चय ………………. ……………….

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद संधि भेद
भोजनालय  भोजन + आलय स्वर संधि
 अथवा
 निश्चय निः + चय विसर्ग संधि

4. सहायक क्रिया:

निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) आप हमारे घर में कुछ न पा सकेंगे।
(ii) वे निराश होकर चले गए।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
सकेंगे – सकना
गए – जाना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:

निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) देना
(ii) सोना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – दुवितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) देना – दिलाना – दिलवाना
(ii) सोना – सुलाना – सुलवाना

6. मुहावरे:

(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) आँखें खुल जाना
(ii) ठहाका लगाना।
उत्तर:
(i) आँखें खुल जाना।
अर्थ: सच्चाई का पता लग जाना। वाक्य: कवि के घर की हालत देखकर छापा मारने वालों की आँखें खुल गई।

(ii) ठहाका लगाना।
अर्थ: जोर से हँसना। वाक्य: बात-बात पर ठहाका लगाना किसी को अच्छा नहीं लगता।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: (खटका लगा रहना, ताँता लगा रहना) जर्जर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को रात-दिन भय बना रहता है।
उत्तर:
जर्जर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को रात-दिन खटका लगा रहता है।

7. कारक:

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) छापा मारने वालों ने घर का कोना-कोना छान मारा।
(ii) तकिए से रुई नीचे गिर रही थी।
उत्तर:
(i) वालों ने – कर्ता कारक।
(ii) तकिए से – अपादान कारक।

8. विरामचिह्न:

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(a) जिनके घर सोने चाँदी के पलंग और सोफे हैं उन्हें आप निकलवा लेते हैं
(ii) वे बोले, क्षमा कीजिए हमें किसी ने गलत सूचना दे दी
उत्तर:
(i) जिनके घर सोने-चाँदी के पलंग और सोफे हैं उन्हें आप निकलवा लेते हैं।
(ii) वे बोले, “क्षमा कीजिए, हमें किसी ने गलत सूचना दे दी।”

9. काल परिवर्तन:

निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) अधिकारियों को गुस्सा आता है। (सामान्य भविष्यकाल)
(ii) उन्होंने रसोई में खाली पड़े डिब्बे टटोले। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
(iii) उनके हृदय में करुण रस समा गया था। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
(i) अधिकारियों को गुस्सा आएगा।
(ii) वे रसोई में खाली पड़े डिब्बे टटोल रहे हैं।
(iii) उनके हृदय में करुण रस समा जाता है।

10. वाक्य भेद:

(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) उनका खिला हुआ चेहरा मुरझा गया।
(ii) उन्होंने रसोईघर की पीपियाँ टटोली, जो खाली थीं।
(iii) कनस्तरों को ढूँढा, मटकों को ढूँढा, परंतु कहीं कुछ नहीं मिला।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य
(iii) संयुक्त वाक्य।

(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
(i) हाय ! मेरे घर पर छापा पड़ा। (विधानवाचक वाक्य)
(ii) तुम हमारी बात नहीं समझे। (प्रश्नवाचक वाक्य)
(iii) अर्थ तो मेरी कविताओं में आपको मिल सकता है। (संदेहवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) मेरे घर पर छापा पड़ा।
(ii) क्या तुम हमारी बात समझे?
(iii) अर्थ तो शायद मेरी कविताओं में आपको मिल सकता है।

11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) वे बोले, मैं मेरा काम कर रहे हैं।
(ii) इस घर में अनेकों खाली पीपी हैं।
उत्तर:
(i) वे बोले, मैं अपना काम कर रहा हूँ।
(ii) इस घर में अनेक खाली पीपियाँ हैं।

छापा Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : आयकर विभाग के अधिकारी प्रामाणिक सूचनाओं के आधार पर अनधिकृत रूप से अर्जित धन का पता लगाने और उसे अधिकार में लेने के लिए छापा मारते हैं। प्रस्तुत कविता में कवि ने अपने घर पर छापा मारने वालों द्वारा छापा मारने के बाद की स्थिति का व्यंग्यात्मक एवं रोचक चित्रण किया है। छापे के दौरान अधिकारियों को वहाँ सोना-चाँदी तो दूर रसोईघर की पीपियों में पेट भरने के लिए जरूरी सामान भी नहीं मिलता।

कवि ने कविता के माध्यम से छापा मारने वालों की कार्य-प्रणाली और आम आदमी की आर्थिक स्थिति का वास्तविक चित्रण किया है। इसके साथ ही कवि ने व्यवस्था से एक ज्वलंत प्रश्न भी पूछा है कि जब वह अनधिकृत रूप से अर्जित घन अपने अधिकार में कर लेती है, तो अधिकृत रूप से अर्जित आय से जिनके पेट नहीं भरते, वह उनकी सहायता करने की कुछ व्यवस्था क्यों नहीं करती?

छापा कविता का सरल अर्थ

[आयकर विभाग वाले कर चोरी करने वालों और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने वाले लोगों के घर और कार्यालय पर छापा मारते हैं। कवि के घर पर छापा पड़ा, तो कवि माँगी गई वस्तुओं को साहित्य में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों से जोड़कर व्यंग्योक्ति में जबाब देते हैं।]

1. मेरे घर ………………………….उन्हें कैसे दे दूँ।

कवि कहते हैं कि मेरे घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ा। वह भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बहुत बड़ा छापा पड़ा। अधिकारी मेरे घर पर पूछताछ करने के लिए आए। वे सीधे घर में घुस गए और पूछने लगे, “सोना कहाँ रखा है?” कवि उन्हें जबाब देते हैं-सोना! वह तो मेरी आँखों में है, मैं कई रात से सोया नहीं हूँ। अधिकारियों को इस पर गुस्सा आता है। वे प्रश्न को और स्पष्ट करते हैं, “स्वर्ण दो।” लेखक स्वर्ण को सुवर्ण से जोड़ते हैं और जबाब देते हैं कि सुवर्ण तो उन्होंने अपने काव्य में बिखेरे हैं। उसे वे उन्हें कैसे सौंप दें।

2. वे झुंझलाकर …………………………. पहले करूंगा तैयार।

अधिकारी कवि का जवाब सुनकर झुंझलाकर कहते हैं, ‘तुम हमारी बात समझे नहीं। हमें तुम्हारा वह अर्थ चाहिए, जिसे तुमने अनधिकृत रूप से अर्जित किया है। कवि अधिकारियों के अर्थ (धन) शब्द को कविता के अर्थ से जोड़कर मुसकराकर जवाब देते हैं कि अर्थ तो मेरी नई कविताओं में आपको मिल सकता है। फिर अधिकारी कवि से छुपाकर रखी गई चाँदी निकालने के लिए कहते हैं। कवि चाँदी का अर्थ चाँदी जैसे सफेद हो गए अपने बालों से जोड़कर कहते हैं, “चाँदी तो मेरे सिर के बालों में आ रही है।” अधिकारी जब कड़ककर पूछते हैं कि उनके नोट (रुपये) कहाँ हैं, तो वे नोट का संबंध विद्यालय की परीक्षा के नोटों से जोड़कर जवाब देते हैं कि परीक्षा के नोट तो वे परीक्षा से एक महीने पहले तैयार करेंगे।

3. वे गरजकर बोले, …………………………. एक ही तत्त्व खाली।

अधिकारियों ने गरजते हुए कहा, “हमारा कहने का मतलब आपकी मुद्रा (पैसों-सिक्कों) से है।” कवि ने इसका अर्थ मुख मुद्रा से जोड़कर जवाब दिया, “मुद्राएँ तो आप मेरे मुख पर देख लें।’ अधिकारी यह उत्तर सुनकर कुछ सोचने लगे। फिर वे उनके सोने के कमरे में घुस गए और उनके फटे तकिए की रुई नोचने लगे (कि शायद पैसे इसमें छुपाकर रखे हों)। कवि कहते हैं कि अधिकारियों ने उनकी टूटी हुई अलमारी खोली, उनकी रसोई में खाली पड़े पीपों को टटोला, बच्चों का गुल्लक खोल-खोलकर देखा, पर उन्हें कहीं कुछ भी नहीं मिला। सब कुछ खाली था।

4. कनस्तरों को, …………………………. सूचना दे दी।

कवि कहते हैं कि अधिकारियों ने उनके घर में पड़े कनस्तरों और पानी रखने के लिए मटकों तक को टटोला, देखा, पर उन्हें सब खाली मिले। वे कहते हैं कि अधिकारियों ने मेरे घर में ऐसा निर्जन दृश्य देखा तो उनका खिला हुआ चेहरा मुरझा गया। (क्योंकि, उन्होंने सोचा था कि छापे में काफी धन मिलेगा, पर यहाँ तो कहीं कुछ भी नहीं था।) अब अधिकारियों का गुस्सा शांत हो गया था। उनके मन में दया के भाव आ गए थे। कवि से उन्होंने क्षमा माँगी और बताया कि किसी की गलत सूचना पर वे उसके यहाँ आ गए थे।

5. अपनी असफलता …………………………. तो डलवा दीजिए।

अधिकारियों को कवि के घर में कुछ न मिला, तो वे पछताने लगे। उनके सिर शर्म से झुक गए। वे वापस जाने लगे, तो कवि ने उन्हें रोककर कहा, “आप मेरी एक बात सुन लीजिए। यदि छापे के दौरान मेरे घर में आपको अधिक धन मिलता, तो आप उसे ले लेते। अब आपने देख लिया कि मेरे घर में कोई धन नहीं है। ऐसी हालत में (मेरी यह स्थिति देखकर) आप मुझे कुछ (धन) देकर तो जाइए। जिन लोगों के घरों में सोने-चाँदी के पलंग और सोफे होते हैं, उन्हें आप लोग निकलवाकर ले लेते हैं। ठीक है निकलवा लीजिए (आपका काम ही निकलवा लेना है), पर जिनके घर में (टूटी) कुर्सी भी बैठने के लिए नहीं है, उनके घर में बैठने-सोने के लिए एक तखत की व्यवस्था तो करते जाइए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

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Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (आ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
वर्गीकरण कीजिए:
पद्यांश में उल्लिखित चरित्र-ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, सीता, चाँदबीबी, सावित्री, जयमल
उत्तर:
ऐतिहासिक – पौराणिक
लक्ष्मीबाई, रजिया सुलताना, दुर्गावती, पद्मिनी, चाँद बीबी, जयमल-पत्ता। – ध्रुव, प्रह्लाद, भरत, सीता, सावित्री।।

प्रश्न 2.
विशेषताओं के आधार पर पहचानिए :
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – ……………………………..
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – ……………………………..
(iii) अपनी लगन का सच्चा – ……………………………..
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – ……………………………..
उत्तर:
(i) भारत माता के रथ के दो पहिये – लड़के (पुरुष), लड़कियाँ (स्त्रियाँ)।
(ii) खूब लड़ने वाली मर्दानी – लक्ष्मीबाई, दुर्गावती, रजिया सुलताना।
(iii) अपनी लगन का सच्चा – प्रह्लाद।
(iv) किसी को कुछ न गिनने वाले – जयमल-पत्ता।

प्रश्न 3.
सही/गलत पहचानकर गलत वाक्य को सही करके वाक्य पुनः लिखिए :
(i) रानी कर्मवती ने अकबर को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेर के दाँत गिनते थे।
(iii) झगड़ने से सब कुछ प्राप्त होता है।
(iv) ध्रुव आकाश में खेले थे।
उत्तर:
(i) रानी कर्मवती ने हुमायूँ को राखी भेजी थी।
(ii) भरत शेरों की दतुली गिनते थे।
(iii) झगड़ने से कुछ भी प्राप्त नहीं होता।
(iv) ध्रुव मिट्टी में खेले थे।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 4.
कविता से प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कविता कव्वाली के स्वरूप में है। इसमें लड़के जहाँ महापुरुषों और प्रसिद्ध शूरवीरों का हवाला देते हुए अपने आप को लड़कियों से श्रेष्ठ बताने की कोशिश करते हैं, वहीं लड़कियाँ भी सीता, सावित्री, लक्ष्मीबाई तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली शूरवीर रानियों को अपनी जमात से जोड़ते हुए लड़कों से अपने आप को कम नहीं बतातीं। पर बाद में लड़के कव्वाली के माध्यम से लड़कियों को जवाब देते हैं कि कोई किसी से बढ़कर नहीं है, सभी बराबर हैं। देश के चाहे महान पुरुष हों या महान स्त्रियाँ सभी भारत माँ की संतान हैं। लड़के-लड़कियाँ दोनों भारत माता के रथ के दो पहियों के समान हैं। रथ के लिए इन दोनों पहियों का होना जरूरी है। इस तरह कविता से यह संदेश मिलता है कि कोई बड़ा या कोई छोटा नहीं है, सभी लोग समान हैं। हमें अपने आप पर निरर्थक गर्व नहीं करना चाहिए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
तालिका पूर्ण कीजिए:

चरित्र  विशेषताएँ
 इस मिट्टी में खेलने वाला
 लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला)
 शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला
 अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला

उत्तर:

चरित्र  विशेषताएँ
ध्रुव  इस मिट्टी में खेलने वाला
प्रहलाद  लगन का सच्चा (सच्ची लगन वाला)
भरत  शेर के जबड़े में दाँत गिनने वाला
जयमल-पत्ता  अपने पराक्रम के आगे किसी को न गिनने वाला

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 2
प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी –
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह –
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा –
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु –
उत्तर:
(i) पद्यांश में बड़ाई की गई है, इनकी – लड़कों की।
(ii) पद्यांश में प्रयुक्त सौरमंडल का एक प्रसिद्ध ग्रह – घरती।
(iii) पद्यांश में आया वह नाम, जिनके नाम पर हमारे देश का नाम पड़ा – भरत।
(iv) पद्यांश में आया वन का एक हिंसक पशु – शेर।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
कव्वाली काव्य विधा के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
कव्वाली आम जनता से लेकर शिक्षित वर्ग तक की पसंद की एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसकी मुख्य विशेषता, कव्वाली गीत प्रस्तुत करने वाले कलाकारों के बीच किसी विषय को लेकर नोक-झोंक होती है। इसमें प्रतियोगी कलाकार जब एक-दूसरे की काव्य पंक्तियों पर नहले पर दहला जड़ते हैं, तो श्रोताओं के मुँह से अनायास ही तारीफों की बरसात होने लगती है।

श्रोता अच्छे कलाकारों की कव्वाली सुनने में पूरी रात गुजार देते हैं, फिर भी उनका मन नहीं, भरता। कव्वालियों में कल्पना पक्ष प्रमुख होता है और उपमाओं की भरमार होती है। कव्वाली गायक किसी बात का उदाहरण देते-देते कहीं भटक जाता है, तो भी वह बड़ी खूबसूरती के साथ फिर अपने विषय पर लौट आता है। लोकप्रियता के कारण कव्वाली को कई फिल्मों में भी समाहित किया गया है। कव्वाली गायकों में से कुछ के नाम तो लोगों की जबान पर होते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 3
उत्तर
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 5

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 4
उत्तर
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 3.
उत्तर लिखिए:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम –
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द –
उत्तर:
(i) पद्यांश में आया चित्तौड़ की प्रसिद्ध रानी का नाम – पद्मिनी।
(ii) पुराने जमाने में राजपूत रानियों का दहकती हुई विशाल चिता में प्रवेश कर प्राण न्योछावर कर देने से संबंधित शब्द – जौहर।

प्रश्न 4.
परिणाम लिखिए:
गर डींग उड़ाएँगे, तो …………………..
उत्तर:
गर डींग उड़ाएँगे, तो मजबूरन ताने सहने होंगे।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘नारी सम्मान’ के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
आजकल स्त्रियों के अपमान की अनेक घटनाएँ पढ़नेसुनने में आती हैं। स्त्रियों पर तरह-तरह के अत्याचार होते हैं। यह बड़े दुख की बात है।

हमारे देश में प्राचीन काल से नारियों का सम्मान करने की परंपरा रही है। हमारे यहाँ नारी को देवी का सम्मान दिया जाता रहा है और उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, पार्वती, महाकाली आदि देवियों की हम श्रद्धा और भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। सीता, सावित्री तथा अनुसूया जैसी महान नारियाँ हमारी आदर्श रही हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने कहा है ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहाँ नारियों की पूजा की जाती है वहीं देवता निवास करते हैं।

आज हमारे देश में स्त्रियाँ हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ बराबरी के स्तर पर काम कर रही हैं। आज की नारी पहले की अपेक्षा अधिक जागरूक हो चुकी है। नारी को सम्मान देने से स्त्रियाँ ही सम्मानित नहीं होंगी, बल्कि उन्हें सम्मान देने वाले खुद भी गौरवान्वित होंगे।

पद्यांशु क्र. 3
प्रश्न, निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

(1) आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 8
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं 9

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

प्रश्न 2.
इन शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूंढकर लिखिए:
(i) नाराज
(ii) झगड़ा
(iii) संतान
(iv) प्राप्त होना।
उत्तर:
(i) नाराज – खफा
(ii) झगड़ा – टंटा
(iii) संतान – संतति
(iv) प्राप्त होना – हासिल करना।

प्रश्न 3.
परिणाम लिखिए:
झगड़े करेंगे, तो ………………………
उत्तर:
झगड़े करेंगे, तो कुछ हासिल न होगा।

प्रश्न 4.
उपर्युक्त पद्यांश में उल्लेखित स्त्री-पुरुष समानता दर्शानेवाली पंक्तियाँ चुनकर लिखिए: (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
(i) …………………….
(ii) …………………….
उत्तर:
(i) बस बात पते की इतनी है, ध्रुव या रजिया भारत माँ के
(ii) भारत माता के रथ के है, हम दोनों ही, दो-दो पहिए, अजी दो पहिए, हाँ दो पहिए।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘झगड़े से कुछ हासिल नहीं होता’-अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। (बोर्ड की नमूना कृतिपत्रिका)
उत्तर:
किसी बात पर होने वाली कहा-सुनी या विवाद को आमतौर पर झगड़ा कहा जाता है। झगड़े से समस्या सुलझने के बजाय और उलझ जाती है। मुख्य मुद्दा धरा रह जाता है और झगड़ा प्रमुख हो जाता है। कभी-कभी तो झगड़े में लोगों की जान पर भी बन आती है। इसके परिणामस्वरूप लोगों में मारा-मारी और हत्या तक हो जाती है। पर समस्या वैसी की वैसी बनी रहती है, बल्कि उसमें और इजाफा हो जाता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 6 हम उस धरती की संतति हैं

झगड़े के परिणामस्वरूप पीढ़ी-पीढ़ी तक दुश्मनी बनी रहती है। इसलिए झगड़े को भूलकर आपस में बातचीत के माध्यम से ही किसी समस्या का हल निकालने की बात सोचनी चाहिए। अत: किसी समस्या का हल निकालने का सही मार्ग झगड़ा नहीं, बल्कि शांतिपूर्ण माहौल में आपस में बातचीत कर समझौता करना है।

हम उस धरती की संतति हैं Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है। इसमें दो दल अपनी-अपनी तारीफों अथवा किसी विषय पर अपनी राय को रोचक और तार्किक ढंग से नोक-झोंक के रूप में प्रस्तुत करते हैं। अच्छे कव्वाली गायकों को श्रोता रात-रात भर सुनते रहते हैं। हम उस घरती की संतति हैं’ कव्वाली के एक दल में लड़के हैं और दूसरे दल में लड़कियाँ हैं। लड़के देश के प्रसिद्ध महापुरुषों और शूरवीर योद्धाओं से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ साबित करते हैं, तो लड़कियाँ सीता, सावित्री तथा युद्ध में अपना पराक्रम दिखाने वाली योद्धा नारियों से अपना संबंध जोड़कर अपने आप को श्रेष्ठ बताती हैं। पर बाद में दोनों दलों को अहसास होता है कि उन्हें इस झगड़े से कोई लाभ नहीं है। स्त्री-पुरुष दोनों भारतमाता के रथ के दो पहियों के समान हैं और देश के लिए दोनों आवश्यक हैं।

हम उस धरती की संतति हैं कविता का सरल अर्थ

1. हम उस धरती ……………………………… धरती के लड़के हैं।

[कविता में लड़कों (पुरुष जाति) को लड़कियों (स्त्रियों) से बढ़-चढ़कर बताते हुए लड़के अपनी प्रशंसा करते हुए कहते हैं -]

“हम उस परती पर रहने वाले लड़के हैं, जिनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है। यह वही घरती है, जहाँ ध्रुव जैसे महापुरुष का जन्म हुआ था और वे इसी मिट्टी में खेलते थे।

इसी मिट्टी में भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ था। सारी दुनिया को मालूम है कि वे अपनी धुन के कितने सच्चे थे।

यहीं पर भरत जैसे वीर और साहसी महापुरुष का जन्म हुआ था। वे इतने निडर थे कि शेरों के मुँह खुलवाकर उनके दाँत गिना करते थे। __जयमल और पत्ता जैसे वीर इसी मिट्टी में पैदा हुए थे, जो अपने जैसा वीर किसी को समझते ही नहीं थे।

लड़के लड़कियों को नीचा दिखाते हुए कहते हैं कि इन सभी कारणों से हम (लड़के) तुम लोगों (लड़कियों) से बढ़कर हैं। इसलिए तुम सब (लड़कियों) हमारा (पुरुषों का) सामना नहीं कर सकती हो। अतः हमारे सामने तुम सब अपना मुँह बंद रखो। कुछ बोलने की कोशिश मत करो।”

2. बातों का जनाब ……………………………… हम उस धरती की लड़की हैं।

(लड़कों को अपनी बड़ाई करते हुए सुनकर लड़कियाँ लड़कों को जवाब देती हैं-)
“आप जैसे लोगों को बात करने का ढंग तक मालूम नहीं है। आप अपनी प्रशंसा खुद न कीजिए और चुप रहिए। (सुनिए) हम उस धरती की लड़कियाँ हैं, जिस धरती का कुछ पूछना ही नहीं है। हम उस धरती, की लड़कियाँ हैं जिसकी मिट्टी में वीरांगना झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था।

दुर्गावती और रजिया सुलताना जैसी मर्दानी वीरांगनाएँ जिस मिट्टी में पैदा हुई थीं, जिन्होंने लड़ाई के मैदान में अपना अद्भुत पराक्रम दिखाया था, हम उस धरती की लड़कियाँ हैं।

चाँद बीबी जैसी वीरांगना और जौहर की ज्वाला में हँसते-हँसते कूद जाने वाली महान नारी पद्मिनी का जन्म भी इसी मिट्टी में हुआ था।

यह सीता और सावित्री जैसी महान सन्नारियों की जन्म-स्थली है।

यदि आप (लड़के) अपने श्रेष्ठ होने की बड़ी-बड़ी बातें करेंगे, तो आप लोग हमारे ताने भी सहिए। याद रखिए, हम (लड़कियाँ) इन सन्नारियों की धरती की लड़कियाँ हैं।

3. यों आप खफा ……………………………… धरती की संतति हैं।

(लड़कियों का जवाब सुनकर लड़के समझदारी की बात करते हुए कहते हैं-)

(हमारी बातों पर) आप नाराज क्यों होती हैं? इसमें आपस में E झगड़े की कोई बात नहीं है।

इस बात में क्या रखा है कि हमसे आप लोग बढ़कर हैं अथवा आप लोगों से हम लोग बढ़कर हैं।

इस तरह की बातें हमें आपस में उलझाकर रख देंगी और इससे न हमें कोई फायदा होगा और न आपको ही। सच्ची बात तो यह है कि ध्रुव (पुरुष) और रजिया (स्त्री) दोनों ही इसी धरती भारत माँ की संतान हैं। हम लोग भारत माता के रथ के (स्त्री-पुरुष रूपी) दो पहिए हैं। हम सब इसी धरती की संतान हैं।

हम उस धरती की संतति हैं मुहावरे-अर्थ

  • शेखी बघारना – स्वयं अपनी प्रशंसा करना।
  • डींग मारना – बड़ी-बड़ी बातें करना।
  • पते की बात कहना – रहस्य की बात बताना।

हम उस धरती की संतति हैं टिप्पणियाँ :

  • ध्रुव : राजा उत्तानपाद और रानी सुनीति के पुत्र। महान विष्णु भक्त। विष्णु ने उन्हें आकाश में सप्तर्षि के पास अटल पद दिया था।
  • प्रहलाद : हिरण्यकशिपु के पुत्र। महान विष्णुभक्त। इनकी रक्षा के लिए विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया था।
  • भरत : दुष्यंत एवं शकुंतला के पुत्र। इनके नाम पर ही हमारे देश का नाम ‘भारत’ पड़ा।
  • सावित्री : राजा अश्वपति की कन्या। सत्यवान की पत्नी। महान पतिव्रता स्त्री। इन्होंने यम से अपने पति के प्राण छुड़ाए थे।
  • सीता : विदेहाधिपति जनक की कन्या। इन्हें वैदेही, जानकी आदि नामों से भी जाना जाता है। ये जमीन की जोताई करते समय मिली थी, इसलिए इनका सीता नाम पड़ा। श्रीराम की पत्नी।
  • लक्ष्मीबाई : झाँसी की रानी। महान वीरांगना।
  • चाँद बीबी : अहमदनगर राज परिवार की गुणी स्त्री। मुगलों ने निजामशाही की राजधानी अहमदनगर पर आक्रमण किया था, तो चाँद बीबी ने बड़ी बहादुरी से किले पर उनका सामना किया था। पर सरदारों के षड्यंत्र के कारण वह मारी गई।
  • रजिया सुलताना : दिल्ली के सुलतान अल्तमश की बेटी। अल्तमश ने रजिया सुलताना को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नियुक्त किया था। वह सेना का नेतृत्व स्वयं करती थी।
  • जयमल-पत्ता : जयमल और पत्ता दोनों महान शूरवीर योद्धा थे। उन्होंने चित्तौड़ पर अकबर द्वारा किए गए हमले का बहादुरी पूर्वक सामना किया था।
  • दुर्गावती : भारत की वीरांगना। उनका जन्म प्रसिद्ध चंदेल राजा कीरत राय के परिवार में हुआ था। वे गोंडवाना राज्य की रानी थीं।
  • पद्मावती : चित्तौड़ के राजा रतनसिंह की पत्नी। अपनी सुंदरता के लिए विख्यात। दिल्ली के सुलतान अलाउद्दीन खिलजी ने उनकी सुंदरता के बारे में सुनकर चित्तौड़ पर आक्रमण कर दिया था। राजपूत बहादुरों ने मरते दम तक उसका सामना किया। अंत में वीरांगना पद्मावती ने अन्य राजपूत स्त्रियों के साथ किल्ले में जौहर कर लिया था।

 

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 श्रम साधना

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 श्रम साधना Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 3 श्रम साधना

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 3 श्रम साधना Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए 

*सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए:
१. व्यापारी और उद्योगपतियों के लिए अर्थशास्त्र द्वारा बनाए गए नये नियम –
२. संपत्ति के दो मुख्य साधन –
३. समाप्त हुईं दो प्रथाएँ –
४. कल्याणकारी राज्य का अर्थ –
उत्तर:
कल्याणकारी राज्य का अर्थ – सब तरह के दुर्बलों को राजसत्ता द्वारा मदद दिया जाना।

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 44
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 35

प्रश्न 3.
तुलना कीजिए:
बुद्धिजीवी – श्रमजीवी
1. …………………. 2. ………………….
1. …………………. 2. ………………….
उत्तर:
बुद्धिजीवी – श्रमजीवी
1. बौद्धिक काम करना। -1. शारीरिक श्रम करना।
2. अधिक आमदनी, प्रतिष्ठित एवं सुखमय जीवन। – 2. आमदनी कम, प्रतिष्ठा नहीं, कष्टमय जीवन।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 4.
लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 454
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 39

प्रश्न 5.
पाठ में प्रयुक्त ‘इक’ प्रत्यययुक्त शब्दों को ढूँढ़कर लिखिए तथा उनमें से किन्हीं चार का स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:

प्रश्न 6.
पाठ में कुछ ऐसे शब्द हैं, जिनके विलोम शब्द भी पाठ में ही प्रयुक्त हुए हैं, ऐसे शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
(i) हाड़ × माँस
(ii) प्रत्यक्ष × अप्रत्यक्ष
(iii) देश × विदेश
(iv) हाथ × पैर
(v) स्वार्थ × परार्थ
(vi) अमीर × गरीब।

अभिव्यक्ति
‘समाज परोपकार वृत्ति के बल पर ही ऊँचा उठ सकता है’, इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हमारे शास्त्रों में परोपकार को बहुत महत्त्व दिया गया है। पेड़ों में फल लगना, नदियों के जल का बहना परोपकार का ही एक रूप है। इसी तरह सज्जन व्यक्तियों की संपत्ति और इस शरीर को भी परोपकार में लगा देने के लिए कहा गया है। हमारे समाज में गरीब-अमीर हर प्रकार के व्यक्ति होते हैं। अनेक लोग ऐसे हैं जिन्हें भरपेट भोजन भी नहीं मिलता और कुछ लोग ऐसे हैं, जिनके पास इतनी संपत्ति है कि उन्हें स्वयं इसकी पूरी जानकारी नहीं है। मनुष्य में परोपकार की प्रवृत्ति जन्मजात होती है। प्यासे को पानी पिलाना और किसी भूखे को खाना खिला देना कौन नहीं चाहता।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

यही परोपकार भावना है। हमारे देश में अनेक अस्पताल, अनेक शिक्षा संस्थाएँ परोपकार करने वाले लोगों के धन से चल रही हैं। समाज के कमजोर वर्ग के लिए तरह-तरह की संस्थाएँ काम कर रही हैं। इनका संचालन दान अथवा सहायता के रूप में प्राप्त धन से हो रहा है। हर युग में समाज के उत्थान के लिए परोपकारियों का सहयोग प्राप्त होता रहा है। यह सहयोग इसी तरह मिलता रहना चाहिए तभी हमारे समाज का उत्थान होगा।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में अधोरेखांकित शब्द समूह के लिए कोष्ठक में दिए गए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
[इज्जत उतारना, हाथ फेरना, काँप उठना, तिलमिला जाना, दुम हिलाना, बोलबाला होना]

१. करामत अली हौले-से लक्ष्मी से स्नेह करने लगा।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: करामत अली हौले-से लक्ष्मी पर हाथ फेरने लगा।

२. सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं भयभीत हो गया ।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: सार्वजनिक अस्पताल का ख्याल आते ही मैं काँप उठा।

३. क्या आपने मुझे अपमानित करने के लिए यहाँ बुलाया था ?
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: क्या आपने मेरी इज्जत उतारने के लिए यहाँ बुलाया था?

४. सिरचन को बुलाओ, चापलूसी करता हुआ हाजिर हो जाएगा।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: सिरचन को बुलाओ, दुम हिलाता हुआ हाजिर हो जाएगा।

५. पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही क्रोध में आ गए।
वाक्य = ………………………………………
उत्तर:
वाक्य: पंडित बुद्धिराम काकी को देखते ही तिलमिला उठे।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका अर्थपूर्ण वाक्यों में प्रयोग कीजिए
१. गुजर-बसर करना: ………………………………………
२. गला फाड़ना: ………………………………………
३. कलेजे में हूक उठना: ………………………………………
४. सीना तानकर खड़े रहना: ………………………………………
५. टाँग अड़ाना: ………………………………………
६. जेब ढीली होना: ………………………………………
७. निजात पाना: ………………………………………
८. फूट-फूटकर रोना: ………………………………………
९. मन तरंगायित होना: ………………………………………
१०. मुँह लटकाना: ………………………………………
उत्तर:
(i) गुजर-बसर करना।
अर्थ: जीविका चलाना।
वाक्य: पंडित घनश्याम किसी तरह गुजर-बसर कर लेते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

(ii) गला फाड़ना।
अर्थ: ऊँची आवाज में बोलना।
वाक्य: बेटे ने पिता से कहा, “मैं आपकी बात सुन रहा हूँ,आप
नाहक गला फाड़ रहे हैं।”

(iii) कलेजे में हूक उठना।
अर्थ: कसक होना।
वाक्य: सेठ लक्खूमल जब भी जवान बेटे की हत्या की बात याद करते हैं, उनके कलेजे में हूक उठती है।

(iv) सीना तानकर खड़े रहना।
अर्थ: दृढ़तापूर्वक अड़े रहना।।
वाक्य: वह समाजसेवक निर्दोष लोगों की सहायता के लिए सीना तानकर खड़ा रहता हैं।

(v) टाँग अड़ानां।
अर्थ: कार्य में बाधा डालना।
वाक्य: किसी के बनते हुए काम में टाँग अड़ाना अच्छी बात नहीं है।

(vi) जेब ढीली होना।
अर्थ: काफी खर्च होना।
वाक्य: मरीज की बीमारी तो ठीक हो गई, पर अस्पताल का बिल भरने में जेब ढीली हो गई।

(vii) निजात पाना।
अर्थ: मुक्त होना।
वाक्य: आखिरकार लंबे अरसे बाद सेठजी लेन-देन के मुकदमे से निजात पा गए।

(viii) फूट-फूटकर रोना।
अर्थ: बिलखते हुए रोना।
वाक्य: बेटे के गायब हो जाने पर माँ फूट-फूटकर रोई थी।

(ix) मन तरंगित होना।
अर्थ: मौज में आना।
वाक्य: बेटे की अच्छे वेतनवाली नौकरी लग जाने की बात सुनकर पिता का मन तरंगित हो गया।

(x) मुँह लटकाना।
अर्थ: चिंता, दुख से सिर नीचा कर लेना।
वाक्य: पिता जब निकम्मे बेटे को फटकारता है, तो वह मुँह लटकाकर सुनता रहता है।

प्रश्न 3.
पाठ्यपुस्तक में आए मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
(इसके लिए विद्यार्थी ‘नवनीत हिंदी (LL) उपयोजित लेखन, कक्षा दसवीं’ पुस्तक देखें।)

उपयोजित लेखन

निम्न शब्दों के आधार पर कहानी लेखन कीजिए
मिट्टी, चाँद, खरगोश, कागज।
उत्तर:
एक छोटा-सा गाँव था। गाँव के लोग खेती-बारी से अपना गुजारा करते थे। लोगों के पास छोटे-छोटे खेत थे। वे अपने खेतों में साल में दो फसलें उगाते थे। खेतों में उत्पन्न अनाज से साल भर बड़ी मुश्किल से उनका काम चलता था। इस गाँव के लोगों में आपस में बहुत प्रेम-भाव था। गाँव में कुछ लोग ऐसे थे, जिनके पास खेत भी नहीं थे। उनका जीवन बहुत कष्टमय था। इन्हीं में से एक था आत्माराम। आत्माराम गाँव के किसानों के खेत में काम करके कुछ कमा लिया करता था।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

एक दिन गाँव में एक साधु महाराज आए। आत्माराम ने साधु के सामने अपनी समस्या रखते हुए कहा, “महाराज कुछ ऐसा उपाय बताइए, जिसमें मैं चार पैसे कमाकर अपना और अपने परिवार का पेट पाल सकूँ।” साधु महाराज ने कहा, “ले यह मिट्टी। यह मिट्टी तेरे लिए सोना बनेगी।” आत्माराम बोला, “मैं समझा नहीं, महाराज। ऐसी मिट्टी तो गाँव में बहुत है, क्या करूँ इसका?” साधु ने कहा, “मिट्टी खोद। उससे खिलौने बना और बाजार में बेच। तेरा भला होगा।” आत्माराम ने साधु को धन्यवाद दिया।

वह मिट्टी से खरगोश, चूहा, तोता, गुड़िया, गुड्डा बनाता और बाजार में बेच आता। इससे उसे अच्छी आय होने लगी। अब उसकी जिंदगी आराम से चलने लगी।

एक दिन बाजार में एक लड़के ने उससे चाँद के खिलौने की माँग की। यह खिलौना तो उसने कभी बनाया ही नहीं था। बात आई-गई हो गई।

एक दिन आत्माराम ने चाँद की शक्ल का पतंग आकाश में उड़ते हुए देखा। फिर क्या था! अब आत्माराम ने मिट्टी के खिलौने बनाने बंद कर दिए और कागज के पतंग, खरगोश, तोते, बिल्ली, गुड़िया, गुड्डा आदि बनाने लगा। अब उसके खिलौनों का वजन हल्का हो गया और उसकी कमाई भारी हो गई।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 3 श्रम साधना Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 1
(स्वाध्याय में दिए गए ‘उत्तर लिखिए’ प्रश्न को कृतिस्वरूप में दिया गया है।)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 2
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 4
(ii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 5
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
(i) संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 13

(ii) लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 14

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 9
(ii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 10
(iii)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 11
(iv)
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 15

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) प्रथा =
(ii) युद्ध =
(iii) हुकूमत =
(iv) गुलामी =
उत्तर:
(i) प्रथा = रिवाज
(ii) युद्ध = लड़ाई
(iii) हुकूमत = शासन
(iv) गुलामी = दासता।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) गौण x
(ii) अनेक x
(iii) अप्राकृतिक x
(iv) बादशाह x
उत्तर:
(i) गौण x मुख्य
(ii) अनेक x एक
(iii) अप्राकृतिक x कृत्रिम
(iv) बादशाह x भिखारी।

प्रश्न 3.
लिंग पहचान कर लिखिए:
(i) मकान – ………………………
(i) संपत्ति – …………………………
उत्तर:
(i) मकान – पुल्लिग
(ii) संपत्ति – स्त्रीलिंग।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘राजाओं और बादशाहों का राज’ के बारे में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
स्वतंत्रता प्राप्ति के पहले हमारे देश में छोटी-बडी अनेक रियासतें थीं। राजा, बादशाह और तालुकेदार इन रियासतों के मालिक थे। इनके राज में रहने वाली जनता इनकी प्रजा कहलाती थी। राजा और बादशाह जनता से तरह-तरह के कर वसूल करते थे और कर अदा न कर पाने पर जनता पर तरह-तरह के अत्याचार करते थे। एक तरह से जनता को ये अपना गुलाम समझते थे और उसका शोषण करने में जरा भी नहीं झिझकते थे। जनता इनसे त्रस्त थी।

इसके अलावा ये राजा और बादशाह अपने स्वार्थ के लिए आपस में लड़ते-भिड़ते थे और मौका मिलने पर एक-दूसरे की रियासतों पर कब्जा कर जनता में लूटपाट किया करते थे। असहाय जनता की कोई सुनने वाला नहीं था। आजादी मिलने के बाद इन छोटी-छोटी रियासतों को खत्म कर भारत संघ में मिला लिया गया। इसके बाद इन राजाओं और बादशाहों का राज खत्म हो गया। इसके साथ ही समाप्त हो गया जनता पर इनका अत्याचार। फिर तो प्रजातंत्र में न कोई किसी का राजा रहा न कोई किसी की प्रजा। सबको समान अधिकार उपलब्ध हो गए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 18
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 19

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
अकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 17
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 20

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 21
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 23

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
(i) जो संपत्ति का निर्माण करते हैं, वे – [ ]
(ii) धन इकट्ठा होता है इनके पास – [ ]
(iii) बौद्धिक काम से अपना भरण-पोषण करने वाले लोग – [ ]
(iv) समाज के लिए ये दोनों जरूरी हैं – [ ]
उत्तर:
(i) जो संपत्ति का निर्माण करते हैं, वे माण – [मजदूर]
(ii) धन इकट्ठा होता है इनके पास – [व्यवस्था करने वाले]
(iii) बौद्धिक काम से अपना भरण-पोषण करने वाले लोग – [मंत्री, राज्य के कर्मचारी, क्लर्क, न्यायाधीश, वकील, डॉक्टर, अध्यापक, व्यापारी]
(iv) समाज के लिए ये दोनों जरूरी है – [श्रमजीवी और बुद्धिजीवी]

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 22
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 24

(ii) दो ऐसे प्रश्न बनाकर लिखिए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(1) अन्न
(2) श्रम जीवियों पर
उत्तर:
(1) वर्षभर मेहनत कर किसान क्या पैदा करता है?
(2) बुद्धिजीवियों का जीवन किन लोगों पर आधारित है?

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में आए शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) लेन – देन
(ii) राज – काज
(iii) ऊँचे – ऊँचे
(iv) भरण – पोषण।

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) प्रत्यक्ष × ……………………..
(ii) धनवान × ……………………..
(iii) ऊँचा × ……………………..
(iv) दुर्भाग्य × ……………………..
उत्तर:
(i) प्रत्यक्ष × परोक्ष
(ii) धनवान × निर्धन
(iii) ऊँचा × नीचा
(iv) दुर्भाग्य × सौभाग्य।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘शारीरिक श्रम का महत्त्व’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
श्रम दो प्रकार का होता है। शारीरिक श्रम और बौद्धिक श्रम। पुराने जमाने में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या कम थी, इसलिए लोगों को शारीरिक श्रम का ही सहारा था। वे जीवन-यापन के लिए छोटा-मोटा काम करके अपना गुजारा कर लेते थे। शिक्षा की समुचित व्यवस्था हो जाने के बाद पढ़े-लिखे लोगों की संख्या में अंधाधुंध वृद्धि हुई है। हर शिक्षित व्यक्ति चाहता है कि उसे ऐसी नौकरी मिले, जिसमें उसे शारीरिक श्रम न करना पड़े। शारीरिक श्रम वाला काम कोई करना नहीं चाहता। इसलिए देश में लाखों नवयुवक बेरोजगार हैं। यह लोगों के शारीरिक श्रम से परहेज रखने का परिणाम है।

लोगों को शारीरिक श्रम का महत्त्व समझना जरूरी है। बुद्धि के बल पर बड़ीबड़ी योजनाएँ बनाई जा सकती हैं, पर उनका कार्यान्वयन करने के लिए शारीरिक श्रम की ही आवश्यकता होती है। छोटी-छोटी चीजों से लेकर बड़ी-बड़ी चीजों का निर्माण केवल शारीरिक श्रम से ही हो सकता है। जो व्यक्ति इस रहस्य को समझते हैं, वे शारीरिक श्रम को महत्त्व देते हैं। अनेक पढ़े-लिखे लोग अपना व्यवसाय अथवा छोटा-मोटा काम शुरू करके अपना जीवन-यापन कर रहे हैं और बौद्धिक श्रम के साथ शारीरिक श्रम उनका साथ दे रहा है। स्वरोजगार के द्वारा वे स्वयं भी काम कर रहे हैं और दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 25
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 26
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 27
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 28
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 30
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 31

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 32
(ii)Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 33
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 34
(ii)

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) आम = …………………….
(ii) श्रम = …………………….
(iii) हिस्सा = …………………….
(iv) जगत = …………………….
उत्तर:
(i) आम = सामान्य
(ii) श्रम = मेहनत
(iii) हिस्सा = भाग
(iv) जगत = संसार।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय और मूल शब्द अलग करके लिखिए:
(i) योग्यता
(i) अल्पतम
(ii) बुनियादी
(iv) सामाजिक
उत्तर:
(i) योग्य + ता (ता)
(ii) अल्प + तम (तम)
(iii) बुनियाद + ई (ई)
(iv) समाज + इक (इक)।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘समाज परोपकार वृत्ति के बल पर ही ऊँचा उठ सकता है’- इस कथन से संबंधित अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।

गद्यांश क्र.4
प्रश्न. निम्नलिखित पठिक अट्यार पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 36
(iii) Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 37
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 38

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 40
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 41

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) अर्थशास्त्रियों के अनुसार उत्पादन की प्रेरणा के लिए यह करना होगा – [ ]
(ii) पूँजी के बारे में अनुभव यह बताता है – [ ]
(iii) लेखक के अनुसार स्वार्थ का अर्थ – [ ]
(iv) समाज इस वृत्ति के बल पर ऊँचा उठ सकता है – [ ]
उत्तर:
(i) अर्थशास्त्रियों के अनुसार उत्पादन की प्रेरणा के लिए यह करना होगा – [व्यक्ति को स्वार्थ के लिए अवसर देने होंगे।
(ii) पूँजी के बारे में अनुभव यह बताता है – [पूँजी गरीबी या बेकारी की समस्या हल नहीं कर सकी है]
(iii) लेखक के अनुसार स्वार्थ का अर्थ – [परार्थ की हानि]
(iv) समाज इस वृत्ति के बल पर ऊँचा उठ सकता है – [परोपकार की वृत्ति]

प्रश्न 3.
गद्यांश के वाक्यों को उचित क्रम से लिखिए:
(i) देखना है कि समाज का कल्याण किस वृत्ति से होगा।
(ii) बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता।
(iii) आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम के बिना हो ही नहीं सकती।
(iv) नैतिक दृष्टि से स्वार्थवृत्ति का पोषण करना योग्य नहीं है।
उत्तर:
(i) आजीविका की साधन-सामग्री किसी-न-किसी के श्रम के बिना हो ही नहीं सकती।
(ii) बिना शरीर श्रम किए उस सामग्री का उपयोग करने का न्यायोचित अधिकार हमें नहीं मिलता।
(iii) नैतिक दृष्टि से स्वार्थवृत्ति का पोषण करना योग्य नहीं है।
(iv) देखना है कि समाज का कल्याण किस वृत्ति से होगा।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द समूह के लिए गद्यांश से चुनकर एक-एक शब्द लिखिए:
(i) वह दौलत, जो किसी के अधिकार में हो और जो खरीदी या बेची जा सकती हो-
(ii) दूसरों के उपकार या भलाई का काम’ –
(iii) ऐसी बात-जिसमें केवल अपना हित हो –
(iv) वह धन-जिससे कोई व्यवसाय आरंभ किया गया हो –
उत्तर:
(i) संपत्ति
(ii) परोपकार
(iii) स्वार्थ
(iv) पूँजी।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) थोड़ा × ……………………
(ii) दोषपूर्ण × ……………………
(iii) योग्य × ……………………
(iv) गरीबी × ……………………
उत्तर:
(i) थोड़ा × बहुत
(ii) दोषपूर्ण × निर्दोष
(iii) योग्य × अयोग्य
(iv) गरीबी × अमीरी।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘मेवे फलते श्रम की डाल’ विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपनी लिखित अभिव्यक्ति दीजिए।
उत्तर:
श्रम दो प्रकार का होता है। एक शारीरिक श्रम और दूसरा बौद्धिक श्रम। दोनों प्रकार के श्रम का अपना-अपना महत्त्व है। श्रम को सदा महत्त्व दिया गया है। श्रम करने वाला व्यक्ति परिश्रम करके अपना भरण-पोषण करता है और शान से रहता है। जो श्रम करता है, वह स्वयं अपने भाग्य का निर्माण करता है। वह अपना खून-पसीना एक कर मेहनत की पवित्र रोटी खाता है। मेहनत की जिंदगी ही सच्ची जिंदगी है।

श्रम करने वाला व्यक्ति काम से कभी नहीं घबराता। उसके सामने जैसा भी काम आता है, उसे वह लगन और मेहनत से पूरा करता है। विद्यार्थी श्रम द्वारा ही परीक्षा में सफलता प्राप्त करते हैं। मजदूर, किसान, इंजीनियर, वैज्ञानिक, व्यापारी, खिलाड़ी आदि सबकी प्रगति में श्रम का ही हाथ होता है। हमें याद रखना चाहिए कि श्रम कभी बेकार नहीं जाता। ईमानदारी से किए गए श्रम का तुरंत लाभ भले न मिले, पर कभी-न-कभी उसका फल मिलकर ही रहता है। श्रम करने वाले ही मेवों का स्वाद चखते हैं।

गद्यांश क्र. 5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 42
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना 43

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
(i) शरीर श्रम के लिए क्या जरूरी है?
(ii) श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाना किसके हाथ है?
उत्तर:
(i) शरीर श्रम के लिए जरूरी है दिल में प्रीति होना।
(ii) श्रम की प्रतिष्ठा बढ़ाना श्रमिक के हाथ है।

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) गांधीजी की मान्यता के अनुसार। हर व्यक्ति को यह करना चाहिए – [ ]
(ii) अब कुछ समय से जगत के सामने दया की जगह यह विचार आया है – [ ]
(iii) महात्माजी द्वारा दी गई प्रसिद्ध विचारधारा – [ ]
(iv) अहिंसा के मार्ग से यह प्रश्न हल हो सकता है – [ ]
उत्तर;
(i) गांधीजी की मान्यता के अनुसार हर व्यक्ति को यह करना चाहिए – [उत्पादक श्रम]
(ii) अब कुछ समय से जगत के सामने दया की जगह यह विचार आया है – [समता का]
(iii) महात्माजी द्वारा दी गई गई प्रसिद्ध विचारधारा – [अहिंसा]
(iv) अहिंसा के मार्ग से यह प्रश्न हल हो सकता है – [विषमता का]

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों के आधार पर प्रश्न बनाइए:
(i) गांधीजी ने श्रम और श्रमिक की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए ही रचनात्मक कार्यों को लोक चेतना का माध्यम बनाया।
(ii) कानून से मानवोचित गुणों का विकास नहीं हो सकता?
(iii) अहिंसा के प्रभाव का कुछ अनुभव भी हम कर सकते हैं।
(iv) आर्थिक सामाजिक समता का प्रश्न अहिंसा के मार्ग से सुलझेगा।
उत्तर:
(i) गांधीजी ने किन बातों की प्रतिष्ठा स्थापित करने के लिए रचनात्मक कार्यों को लोक चेतना का माध्यम बनाया?
(ii) कानून से किन गुणों का विकास नहीं हो सकता?
(iii) किसके प्रभाव का अनुभव हम कर सकते हैं?
(iv) आर्थिक सामाजिक समता का प्रश्न किस मार्ग से सुलझेगा?

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन पहचान कर लिखिए:
(i) बच्चा – ………………….
(ii) विषमताएँ – ………………….
(iii) पैसे – ………………….
(iv) धनिक – ………………….
उत्तर:
(i) बच्चा – एकवचन
(ii) विषमताएँ – बहुवचन
(ii) पैसे – बहुवचन
(iv) धनिक – एकवचन।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त ‘इक’ प्रत्यययुक्त शब्दों को ढूँढ़कर स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) ………………….
(ii) ………………….
(iii) ………………….
(iv) ………………….
(v) ………………….
(vi) ………………….
उत्तर:
(i) आर्थिक
(ii) प्राकृतिक
(iii) श्रमिक
(iv) सामाजिक
(v) प्राथमिक
(vi) बौद्धिक

(i) आर्थिक: किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए कुछ करो।
(ii) प्राकृतिक: कश्मीर की घाटी प्राकृतिक दृश्यों से भरी पड़ी है।
(iii) श्रमिक: कारखाने में काम करने वाले श्रमिक का काम बहुत मेहनत का होता है।
(iv) सामाजिक: मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।
(v) प्राथमिक: घायल व्यक्ति को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा की जरूरत होती है।
(vi) बौद्धिक: हर व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता भिन्न-भिन्न होती है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
शारीरिक श्रम स्वास्थ के लिए अति उत्तम’ विषय पर अपने। विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
शारीरिक श्रम का अर्थ है, वह मेहनत, जिसमें हाथ-पैर के सहयोग से काम संपन्न हो। किसान, मजदूर, क्ली, ठेलेवाले, शारीरिक मेहनत करते हैं। वैसे हर व्यक्ति जाने-अनजाने थोड़ी बहुत शारीरिक मेहनत करता ही है। अपने घर की सफाई करना, खाना बनाना, बरतन धोना और बाजार-हाट से सामान-सब्जी लाना भी श्रम है। कुछ शारीरिक काम करने वाले लोग धूप में खेतों में काम करते हैं।

कुछ कारखानों में पसीना बहाकर मेहनत करते हैं। कुछ अनाज के बोरे ३ गाड़ियों पर चढ़ाते-उतारते हैं। कुछ सड़कों पर हथौड़े लेकर पत्थर तोड़ते ३ या खुदाई करते हैं। ये मोटा खाते और मोटा पहनते हैं, पर शारीरिक ३ रूप से स्वस्थ होते हैं। दूसरी ओर वे लोग हैं, जो कोई शारीरिक श्रम ३ नहीं करते। वे पौष्टिक भोजन करते हैं, नर्म गद्देदार बिछौनों पर सोते B हैं, पर बीमारी के कारण उन्हें नींद नहीं आती। भोजन नहीं पचता।

डॉक्टर इन्हें कम भोजन करने और ज्यादा दवाइयाँ लेने के लिए कहते हैं। शारीरिक श्रम के अभाव में इनका जीवन कष्टप्रद बन जाता है।

डॉक्टर इन्हें हाथ-पैर चलाने और व्यायाम करने की सलाह देते हैं। ऐसे 3 लोगों को शारीरिक श्रम करने वालों से सबक लेना चाहिए, जो

अपनी मेहनत के बल पर भले-चंगे बने रहते हैं। इस प्रकार शारीरिक , श्रम अच्छे स्वाथ्य की कुंजी है।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न, सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

प्रश्न.
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) गांधीजी ने यह काम श्रम और श्रमिक की प्रतिष्ठा कायम करने के लिए किया।
(ii) विषमता दूर करने के लिए प्रभावशाली उपाय करना चाहिए।
उत्तर:
(1) गांधीजी – व्यक्तिवाचक संज्ञा।
(ii) प्रभावशाली – गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:

प्रश्न.
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) फिर
(ii) कभी-कभी।
उत्तर:
(i) संपत्ति रूपी ये सब चीजें फिर कैसे बनती हैं?
(ii) बुद्धिजीवियों को भी कभी-कभी शरीर श्रम करना पड़ता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

3. संधि:

प्रश्न.
कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
……………………  स्व + अर्थ  ……………………
 अथवा
 ……………………  सम् + पूर्ण ……………………

उत्तर:

संधि शब्द  संधि विच्छेद संधि भेद
स्वार्थ  स्व + अर्थ स्वर संधि
 अथवा
सपूर्ण  सम् + पूर्ण व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) प्रतिदिन समय पर अपना काम किया करो।
(ii) वह अपनी जमा-पूँजी भी गंवा बैठा।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) करो – करना
(ii) बैठा – बैठना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित- क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) खौलना
(ii) डूबना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – दवितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) खौलना – खौलाना – खौलवाना
(ii) डूबना – डुबाना – डुबवाना

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

6. मुहावरे:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) मुंह फेरना
(ii) रट लगाना।
उत्तर:
(i) मुँह फेरना।
अर्थ: उपेक्षा करना।
वाक्य: कर्मचारी अपनी माँग लेकर सेठ जी के पास जाते तो वे उनसे बात करने के बजाय मुँह फेर लेते।

(ii) रट लगाना।
अर्थ: एक ही बात बार-बार कहना।
वाक्य: मुर्गा बहुत सबेरे ‘कुकड़-फूं’ की रट लगाता है।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए: (फूला न समाना, भार होना, कान में डालना)
(i) मुनीम जी ने बड़े बाबू को बात पहुँचाई।
(ii) मेडिकल में प्रवेश मिल जाने पर नकुल बहुत प्रसन्न हुआ।
उत्तर:
(i) मुनीम जी ने बात बड़े बाबू के कान में डाल दी।
(ii) मेडिकल में प्रवेश मिल जाने पर नकुल फूला न समाया।

7. कारक:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) गुलामी की प्रथा संसार भर में हजारों वर्षों तक चलती रही।
(ii) गांधीजी ने श्रम और श्रमिकों की प्रतिष्ठा स्थापित करने का काम किया।
उत्तर:
(i) गुलामी की-संबंध कारक
(ii) गांधीजी ने-कर्ता कारक।

8. विरामचिह्न:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) आम तौर से माना जाता है कि रुपया नोट और सोना-चाँदी का सिक्का ही संपत्ति है
(ii) अर्थशास्त्र ने यह नियम बताया है कि खरीद सस्ती से सस्ती हो और बिक्री महँगी से महँगी
उत्तर:
(i) आम तौर से माना जाता है कि रुपया, नोट और सोना-चाँदी का सिक्का ही संपत्ति है।
(ii) अर्थशास्त्र ने यह नियम बनाया है कि खरीद सस्ती-से-सस्ती हो और बिक्री महँगी से महँगी।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

9. काल परिवर्तन:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
(ii) जिनके पास संपत्ति है, वे आराम से रह रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) बहुत से लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चला रहे थे।
(ii) जिनके पास संपत्ति है, वे आराम से रहेंगे।

10. वाक्य भेद:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) हमारी विचारधारा में बड़ा भारी दोष है।
(ii) लोग शरीर श्रम करना नहीं चाहते और इसे हीन दृष्टि से देखते हैं।
(iii) जिस श्रम में समाज को जिंदा रखने की क्षमता है, उस श्रम का सही मूल्य श्रमिक जान लेगा तो देश में आर्थिक क्रांति होने में देर नहीं लगेगी।
(iv) सामाजिक समता का प्रश्न अहिंसा के मार्ग से सुलझेगा।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य
(iv) सरल वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का दी गई सूचना के अनुसार अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए:
(i) गरीब भूख की लाचारी से श्रम करता है। (संदेहवाचक वाक्य)
(ii) अब राजप्रथा मिट गई। (आज्ञावाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) शायद गरीब भूख की लाचारी से श्रम करता है।
(ii) अब’राजप्रथा मिटा दो। 11. वाक्य शुद्धिकरण:

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) इस सम्बन्ध में कुछ भाई अमेरिका का उदाहरण पेस करते हैं।
(ii) वही आधार पे भारत को कल्याणकारी राज्य बनाने की बात चली है
उत्तर:
(i) इस संबंध में कुछ भाई अमेरिका का उदाहरण पेश करते हैं।
(ii) उसी आधार पर भारत को कल्याणकारी राज्य बनाने की बात चली है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 3 श्रम साधना

उपक्रम/कृति/परियोजना

पठनीय
महात्मा गांधी के श्रमप्रतिष्ठा और अहिंसा संबंधी विचार पढ़कर चर्चा कीजिए।

श्रवणीय
आर्थिक विषमता को दूर करने वाले उपायों के बारे में सुनकर कक्षा में सुनाइए।

संभाषणीय
‘वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेल-कूद और शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं’ विषय पर चर्चा करते हुए अपना मत प्रस्तुत कीजिए।

श्रम साधना Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्राचीन काल से आज तक सामाजिक और राजनैतिक व्यवस्था में अनेक परिवर्तन हुए हैं। इसके साथ ही संपत्ति तथा उसके निर्माण में लगने वाली शक्तियों के बीच तरह-तरह की असमानताएँ भी रही हैं। श्रमजीवियों तथा व्यापारियों की आर्थिक स्थिति में जमीन-आसमान का अंतर रहा है। प्रस्तुत निबंध में लेखक ने मानवीय जीवन, संपत्ति, संपत्ति के स्वामित्व, मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं तथा शारीरिक एवं बौद्धिक श्रम आदि का विस्तृत विवेचन किया है। प्रस्तुत वैचारिक निबंध में श्रम की प्रतिष्ठा स्थापित करते हुए सामाजिक एवं आर्थिक समानता पर बल दिया गया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 रीढ़ की हड्डी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 9 रीढ़ की हड्डी Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 1 (अ) तथा प्रश्न 1 (आ) के लिए।

सूचना के अनयुार कृहत्‍ँ कीहजए:-

प्रश्न 1.
संजाल पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 17
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 2

प्रश्न 2.
कृहत पूण् कीहजए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 18
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 3
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 4

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

प्रश्न 3.
गोपाल प्रसाद की दृष्टि में बहू ऐसी हो:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 7

प्रश्न 4.
कारण लिखिए :
a. बाप-बेटे चौंक उठे –
b. उमा को चश्मा लगा –
c. रामस्वरूप ने हारमोनियम उठाकर लाने को कहा –
d. उमा को गुस्सा आया –
उत्तर:
a. उन्होंने उमा के चेहरे पर सुनहरी रिमवाला चश्मा देखा।
b. पिछले महीने उमा की आँखें दुखने लगी थीं।
c. रामस्वरूप, गोपाल प्रसाद और शंकर को दिखाना चाहते थे कि उनकी लड़की हारमोनियम बजाना जानती है।
d. गोपाल प्रसाद उमा के चश्मे, उसके गाने-बजाने, पेंटिंग, सिलाई और उसकी पढ़ाई आदि के बारे में एक के बाद एक प्रश्न करते जा रहे थे।

प्रश्न 5.
सूचनानुसार लिखिए :
१. कृदंत बनाइए :
पढ़ना [ ]
समझना [ ]
सीना [ ]
चाहना [ ]
उत्तर:
(i) पढ़ना – पढ़ाकू
(ii) समझना – समझदार
(iii) सीना – सीनेवाला
(iv) चाहना – चाहत।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

२. शब्दयुग्म पूर्ण कीजिए :
a. पढ़े – ……….,
b. सभा – ………
c. पेंटिंग – ……….,
d. सीधा – ……… .
उत्तर:
a. पढ़े – लिखे
b. सभा – सोसायटी
c. पेंटिंग – वेंटिंग
d. सीधा – सादा।

अभिव्यक्ति

सुनी-पढ़ी अंधविश्वास की किसी घटना में निहित आधारहीनता और अवैज्ञानिकता का विश्लेषण करके लिखिए।
उत्तर:
मेरी दादी बड़ी अंधविश्वासी हैं। उनका मानना था कि कोई घर से बाहर जा रहा हो और किसी को छींक आ जाए तो जाने वाले का काम पूरा नहीं होगा। किसी के बाहर जाते समय कोई छींक दे तो दादी बाहर जाने वाले को रोक देती थीं। घर के सभी लोग उनकी इस आदत से परेशान थे। एक बार मेरे भाई को इंटरव्यू के लिए बाहर। जाना था। यह इंटरव्यू हमारे जिले के सर्वश्रेष्ठ स्कूल में वाइस प्रिंसिपल के पद के लिए था। भाई काफी दिनों से इसके लिए तैयारी और प्रतीक्षा कर रहे थे। मुझे बहुत खाँसी-जुकाम हो रहा था। जैसे ही भाई ने बैग उठाकर चलना चाहा; मुझे जोर-जोर से छींकें आने लगी।

दादी ने भाई को जाने नहीं दिया और उनका वह महत्त्वपूर्ण इंटरव्यू छूट गया। घर के सभी लोग इस घटना से बहुत दुखी हुए। मैंने दादी को समझाया कि छींक एक स्वाभाविक क्रिया है। जुकाम होने पर नाक में एक प्रकार की सरसराहट होती है। नाक में मौजूद नर्व सेल इसका संकेत मस्तिष्क को भेजते हैं। मस्तिष्क इसकी प्रतिक्रिया में चेहरे, गले और छाती की मांसपेशियों को सक्रिय कर देता है, जिसके फलस्वरूप ये सब मिलकर तेज हवा निकालकर बाहरी कणों को बाहर फेंक देते हैं। यही क्रिया 8 छींक है। दादी के मन में भी भाई के इंटरव्यू को लेकर अफसोस था।। उन्होंने मेरी बात समझी और धीरे-धीरे अपनी इस आदत को छोड़ दिया।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में आए हए अव्ययों को रेखांकित कीजिए और उनके भेद दिए गए स्थान पर लिखिए :

वाक्य  अव्यय भेद
गाय को घर के सामने खूटे से बाँधा।  _____________________
वह उठा और घर चला गया।  _____________________
अरे ! गऊशाला यहाँ से दो किलोमीटर दूर है।  _____________________
वह भारी कदमों से आगे बढ़ने लगा।  _____________________
उन्होंने मुझे धीरे-धीरे हिलाना शुरू किया। _____________________
मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी।  _____________________
वाह-वाह ! खूब सोचा आपने ! _____________________
चाची, माँ के पास चली गई।  _____________________

उत्तर:
(1) गाय को घर के सामने – के सामने – संबंधबोधक खूटे से बाँधा। – अव्यय
(2) वह उठा और घर चला – और – समुच्चयबोधक – अव्यय
(3) अरे! गऊशाला यहाँ से दो – अरे: – विस्मयादिबोधक किलोमीटर दूर है। – अव्यय
(4) वह भारी कदमों से आगे – आगे – क्रियाविशेषण बढ़ने लगा। – अव्यय
(5) उन्होंने मुझे धीरे-धीरे – धीरे-धीरे – क्रियाविशेषण हिलाना शुरू किया। – अव्यय
(6) मुझे लगा कि आज फिर – आज – क्रियाविशेषण कोई दुर्घटना होगी। – अव्यय
(7) वाह-वाह! खूब सोचा – वाह-वाह – विस्मयादिबोधक आपने! – अव्यय
(8) चाची, माँ के पास चली – के पास – संबंधबोधक गई। – अव्यय

प्रश्न 2.
पाठ में प्रयुक्त अव्यय छाँटिए और उनसे वाक्य बनाकर लिखिए :

क्रियाविशेषण अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) धीरे-धीरे। वाक्य: मुन्ना धीरे-धीरे चलने लगा।
(2) ज्यादा। वाक्य: बीमारी से अभी उठे हो, ज्यादा मत खाओ।

संबंधसूचक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) के पास। वाक्य: हमारे स्कूल के पास नदी बहती है।
(2) के साथ। वाक्य: टॉमी गाड़ी के साथ दौड़ रहा है।

समुच्चयबोधक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) कि। वाक्य: गांधी जी ने कहा था कि गाय करुणा की कविता है।
(2) और। वाक्य: दुर्योधन और कर्ण की मित्रता अनमोल थी।

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विस्मयादिबोधक अव्यय
1. ———- 2. ———- वाक्य = _______________
उत्तर:
(1) ओह! वाक्य: ओह! कितनी गरमी है।
(2) हैं हैं हैं! वाक्य: हैं हैं हैं ! आइए, विराजिए।

प्रश्न 3.
नीचे आकृति में दिए हुए अव्ययों के भेद पहचानकर उनका अर्थपूर्ण स्वतंत्र वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
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उत्तर:
(1) हाय! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: हाय! कितनी भयानक रेल-दुर्घटना थी।

(2) काश! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: काश! समय पर दवा मिल जाती, तो रोगी बच जाता।

(3) प्रायः – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: प्रयाग प्रायः स्कूल में अनुपस्थित रहता है।

(4) बाद – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: स्कूल से आने के बाद थोड़ा आराम करके पढ़ने बैठो।

(5) और – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: शुभम और हर्षित भाई हैं।

(6) बल्कि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: आपको निबंध केवल पढ़ना ही नहीं है, बल्कि उसकी समीक्षा भी करनी है।

(7) के पास – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: हमारे घर के पास एक मंदिर है।

(8) यदि… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: यदि इसी तरह समय बरबाद करते रहे, तो पास नहीं हो पाओगे।

(9) इसलिए – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: मेहमान आने वाले हैं इसलिए जल्दी से खाना बना लो।

(10) वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: वाह! कितना सुंदर दृश्य है।

(11) की तरफ – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: नदी की तरफ जाओ।

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(12) के अलावा – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: यहाँ मेरे और भगवान के अलावा कोई नहीं है।

(13) कारण – क्रियाविशेषण अव्यय
वाक्य: महिम, किस कारण तुम दस दिन तक स्कूल नहीं आए?

(14) के लिए – संबंधबोधक अव्यय
वाक्य: अंशु ने वारिजा के लिए फ्रॉक खरीदा।

(15) अच्छा – विस्मयादिबोधक अव्यय
वाक्य: अच्छा! स्तुति भी नृत्य में भाग लेगी।

(16) क्योंकि – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: अनुज कल स्कूल नहीं आया था, क्योंकि बीमार था।

(17) नहीं… तो – समुच्चयबोधक अव्यय
वाक्य: खेल-कूद छोड़कर पढ़ाई पर ध्यान दो, नहीं तो फेल हो जाओगे।

उपयोजित लेखन

अपने परिसर में विद्यार्थियों के लिए योगसाधना शिविर का आयोजन करने हेतु आयोजक के नाते विज्ञापन तैयार कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 14

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र. 1

प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
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उत्तर:
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कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
(i) उमा मेहमानों के सामने जरा करीने से आए –
उत्तर:
(i) गोपाल प्रसाद खूबसूरत बहू चाहते थे।

प्रश्न 2.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) अबे! धीरे-धीरे चल।
(ii) बिछा दें साहब?
(iii) लेकिन वह तुम्हारी लाड़ली बेटी उमा तो मुँह फुलाए पड़ी है।
(iv) अरे हाँ, देखो, उमा से कह देना कि जरा करीने से आए।
उत्तर:
(i) अबे! धीरे-धीरे चल। – रामस्वरूप ने रतन से कहा है।
(ii) बिछा दें साहब?- रतन ने रामस्वरूप से कहा है।
(iii) लेकिन वह तुम्हारी लाड़ली बेटी उमा तो मुँह फुलाए पड़ी है। – प्रेमा ने रामस्वरूप से कहा है।
(iv) अरे हाँ, देखो, उमा से कह देना कि जरा करीने से आए। – रामस्वरूप ने प्रेमा से कहा है।

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प्रश्न 3.
दो ऐसे प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) तख्त
(ii) उमा।
उत्तर:
(i) कमरे में रतन क्या बिछाता है?
(ii) मुँह फुलाए कौन पड़ी है?:

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
म्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) बेटी
(ii) तकलीफ
(iii) रास्ता
(iv) छुट्टी।
उत्तर:
(i) बेटी – बेटियाँ
(ii) तकलीफ – तकलीफें
(iii) रास्ता – रास्ते
(iv) छुट्टी – छुट्टियाँ।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) पसीना
(ii) अक्ल
(iii) मजबूरी
(iv) सितार।
उत्तर:
(i) पसीना – पुल्लिंग
(ii) अक्ल – स्त्रीलिंग
(iii) मजबूरी – स्त्रीलिंग
(iv) सितार – पुल्लिंग।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म पूर्ण कीजिए।
(i) ठीक ………………………………
(ii) धीरे ………………………………
उत्तर:
(i) ठीक-ठाक
(ii) धीरे-धीरे।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा की बात छिपाते हैं,: उसे अपनी मजबूरी बताते हैं’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
रामस्वरूप एक अच्छे पिता हैं। उमा उनकी इकलौती पुत्री है। वे स्त्री शिक्षा के पक्षधर हैं। इसलिए उमा को बी. ए. तक पढ़ाते हैं। वे उमा का विवाह एक शिक्षित परिवार के सुशिक्षित युवक से करना चाहते हैं। यह नाटक जिस दौर में लिखा गया, उस समय सभी लोग स्त्री शिक्षा को महत्त्व नहीं देते थे, आवश्यक नहीं समझते थे। लोगों की नजरों में बहू की उच्च शिक्षा घरेलू जीवन में व्यवधान थी। परिणामस्वरूप जहाँ कहीं भी वे विवाह-संबंध के लिए बात करते, बेटी की उच्च शिक्षा बाधा बन जाती। कहीं भी विवाह निश्चित न हो पाने के कारण रामस्वरूप परेशान हो जाते हैं और मजबूर होकर उमा के बी. ए. तक पढ़े होने की बात छिपाने का रास्ता चुनते हैं। स्वयं प्रगतिशील विचारों का होते हुए भी विवाह योग्य लड़की का पिता होने के कारण रामस्वरूप जी को विवशतावश रूढ़िग्रस्त लोगों के सामने झुकना पड़ता है। यही उनकी मजबूरी है।

गद्यांश क्र.2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) अच्छा तो साहब, फिर ……………………….. की बातचीत हो जाए। (काम/शादी/बिजनेस)
(ii) जरा ……………………….. तो कर लीजिए। (नाश्ता/आराम/भोजन)
(iii) ब्याह तय करने आए हो, ……………………….. सीधी करके बैठो। (गरदन/कमर/टाँगें)
(iv) वाकई आजकल ……………………….. का सवाल भी बेढब हो गया है। (खूबसूरती/महँगाई/टैक्स)
उत्तर:
(i) अच्छा तो साहब, फिर बिजनेस की बातचीत हो जाए।
(ii) जरा नाश्ता तो कर लीजिए।
(iii) ब्याह तय करने आए हो, कमर सीधी करके बैठो।
(iv) वाकई आजकल खूबसूरती का सवाल भी बेढब हो गया है।

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
गलत वाक्यों को सही करके फिर से लिखिए:
(i) यह तो मेरी बड़ी तकदीर है कि आप मेरे यहाँ ठहरेंगे।
(ii) सुना है, सरकार अब ज्यादा जमीन खरीदने वालों पर टैक्स लगाएगी।
उत्तर:
(i) यह तो मेरी बड़ी तकदीर है कि आप मेरे यहाँ तशरीफ लाए।
(ii) सुना है, सरकार अब ज्यादा चीनी लेने वालों पर टैक्स लगाएगी।

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प्रश्न 2.
घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) शादी तय करने में खूबसूरती का हिस्सा कितना होना चाहिए?
(ii) ठाकुर जी के चरणों में रख दिया है।
(iii) तुम्हारे दोस्त ठीक कहते हैं कि शंकर की बैकबोन-
(iv) आपको विलायती चाय पसंद है या हिंदुस्तानी?
उत्तर:
(i) तुम्हारे दोस्त ठीक कहते हैं कि शंकर की बैकबोन
(ii) आपको विलायती चाय पसंद है या हिंदुस्तानी?
(iii) शादी तय करने में खूबसूरती का हिस्सा कितना होना चाहिए?
(iv) ठाकुर जी के चरणों में रख दिया है।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:
(i) दोस्त
(ii) आमदनी
(iii) मुश्किल
(iv) खूबसूरती।
उत्तर:
(i) दोस्त x दुश्मन
(ii) आमदनी x खर्च
(iii) मुश्किल x आसान
(iv) खूबसूरती x बदसूरती।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) नाश्ता
(ii) खयाल
(iii) ब्याह
(iv) जरूरी।
उत्तर:
(i) नाश्ता = जलपान
(ii) खयाल = विचार
(iii) ब्याह = शादी
(iv) जरूरी = आवश्यक।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त उर्दू शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ……………………………
(ii) ……………………………
(iii) ……………………………
(iv) ……………………………
उत्तर:
(i) तकल्लुफ
(ii) तकदीर
(iii) तशरीफ
(iv) खूबसूरती।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
गोपाल प्रसाद विवाह को बिजनेस मानते हैं इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद विवाह को एक बिजनेस मानते हैं। जिस प्रकार एक व्यापारी पहले अपने लाभ-हानि का विचार करता है, फिर व्यापार करता है। उसी प्रकार गोपाल प्रसाद अपने डॉक्टर पुत्र का विवाह एक संपन्न परिवार में करना चाहते हैं। हिंदू समाज में विवाह एक ऐसा पवित्र बंधन माना जाता है, जो दो परिवारों को सदा के लिए एक कर देता है। दोनों परिवार एक-दूसरे के सुख-दुख में साथी होते हैं। परंतु गोपाल प्रसाद के लिए विवाह दो परिवारों का मिलन न होकर एक प्रकार का बिजनेस है। वे चाहते हैं कि एक अच्छी हैसियत वाले परिवार की कम पढ़ी-लिखी लड़की से बेटे का विवाह कराया जाए, ताकि बढ़िया-सा दहेज मिले और बहू बिना किसी नाज-नखरे के घर के कामों में लगी रहे।

गद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
उमा की विशेषताएँ लिखिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 9

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) जी हाँ सितार भी और बाजा भी। सुनाओ तो उमा ………………….
(ii) सिलाई तो सारे घर की इसी के जिम्मे रहती है, ………………….
उत्तर:
(i) जी हाँ सितार भी और बाजा भी। सुनाओ तो उमा एकाध गीत. सितार के साथ।
(ii) सिलाई तो सारे घर की इसी के जिम्मे रहती है, यहाँ तक कि मेरी कमीजें भी।

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प्रश्न 2.
विधानों के सामने सत्य/असत्य लिखिए:
(i) पढ़ाई-वढ़ाई की वजह से तो नहीं है कुछ।
(ii) आपकी लड़की सितार अच्छा बजाती है।
(iii) तो तुमने पेंटिंग-वेंटिंग भी सीखी है?
(iv) हाँ बेटी, तुमने कुछ इनाम-बिनाम भी जीते थे।
उत्तर:
(i) असत्य
(ii) असत्य
(iii) सत्य
(iv) सत्य।

प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:
‘अ’ – ‘आ’
(i) सकपकाना – मीरा
(ii) भजन – तख्त
(iii) तस्वीर चश्मा
(iv) बाजा – कुत्तेवाली
उत्तर:
(i) सकपकाना – चश्मा
(ii) भजन – मीरा
(ii) तस्वीर -कुत्तेवाली
(iv) बाजा – तख्त

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों का वचन बदलकर लिखिए:
(i) दीवार
(ii) महीना
(iii) कमीज
(iv) आँखें।
उत्तर:
(i) दीवार – दीवारें
(ii) महीना – महीने
(iii) कमीज – कमीजें
(iv) आँखें – आँख।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) चश्मा
(ii) सिलाई
(iii) तख्त
(iv) दीवार।
उत्तर:
(i) चश्मा – पुल्लिंग
(ii) सिलाई – स्त्रीलिंग
(iii) तख्त – पुल्लिंग
(iv) दीवार – स्त्रीलिंग।

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म पूर्ण कीजिए:
(i) गाना ……………………..
(ii) पढ़ाई ……………………..
(iii) इनाम ……………………..
उत्तर:
(i) गाना-बजाना
(ii) पढ़ाई-वढ़ाई
(iii) इनाम-बिनाम।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘गोपाल प्रसाद बहू में गाना-बजाना, सिलाई, पेंटिंग आदि गुण चाहते हैं पर पढ़ाई नहीं, क्या यह उचित है’ इस विषय में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद एक वकील हैं। उनका पुत्र डॉक्टर है। वे अपने पुत्र के लिए लड़की देखने आए हैं। वे अपनी पत्रवधू के रूप में एक मैट्रिक पास लड़की चाहते हैं। डॉक्टर पुत्र और मैट्रिक पास पुत्रवधू। कैसा विरोधाभास लगता है। पति और पत्नी गृहस्थी रूपी गाड़ी के दो पहियों की तरह होते हैं। यदि दोनों पहिये समान नहीं होंगे, तो गाड़ी सुचारू रूप से कैसे चलेगी। गोपाल प्रसाद चाहते हैं कि भावी पुत्रवधू सुंदर हो। वह बाजा बजाना जानती हो, उसे अच्छी तरह गाना आता हो। वह न केवल सिलाई-पेंटिंग करना जानती हो, बल्कि उसमें प्रवीण भी हो। घर के सारे काम करती रहे। उसके गुणों की चर्चा करके परिवार के लोग वाहवाही लूटते रहें। गोपाल प्रसाद की सोच किसी भी तरह उचित नहीं कही जा सकती।

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित मद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) दुकानदार इनसे कुछ नहीं पूछता
(ii) जो आप इतनी देर से यह कर रहे हैं –
(iii) क्या हम लड़कियों की यह नहीं होती –
(iv) बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ यह किया –
उत्तर:
(i) दुकानदार इनसे कुछ नहीं पूछता – कुर्सी-मेज से |
(ii) जो आप इतनी देर से यह कर रहे हैं – नाप-तौल
(ii) क्या हम लड़कियों की यह नहीं होती – बेइज्जती
(iv) बाबू रामस्वरूप आपने मेरे साथ यह किया – दगा

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प्रश्न 2.
नीचे दिए गए शब्दों के आधार पर प्रश्न बनाइए:
(i) शंकर
(i) उमा।
उत्तर:
(i) नौकरानी के पैरों में पड़कर मुंह छुपाकर कौन भागा था?
(ii) कौन बी.ए. पास है?

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 11

कृति 2: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 12
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 9 रीढ़ की हड्डी 13

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प्रश्न 2.
कारण लिखिए:
(i) शंकर नौकरानी के पैरों में पड़कर मुंह छिपाकर भागा।
(ii) गोपाल प्रसाद का रामस्वरूप पर गुस्सा होना।
(iii) उमा का तेज आवाज में बोलना।
उत्तर:
(i) शंकर लड़कियों के होस्टल में ताक-झाँक करता पकड़ा गया था।
(ii) क्योंकि रामस्वरूप ने उनके साथ दगा किया है।
(iii) क्योंकि नाप-तोल करके उमा की बेइज्जती की जा रही थी।

कृति 3: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढकर लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) पेंटिंग
(ii) बैकबोन
(iii) होस्टल
(iv) मैट्रिक।

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यययुक्त शब्दों से मूल शब्द और प्रत्यय अलग करके लिखिए।
(i) ……………………..
(ii) ……………………..
(iii) ……………………..
(iv) ……………………..
उत्तर:
(i) दुकानदार = दुकान + दार
(ii) कायरता = कायर + ता
(iii) नौकरानी = नौकर + आनी
(iv) बेइज्जती = बेइज्जत + ई।

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प्रश्न 3.
गद्यांश में आई हुई दो समानार्थी शब्दों की जोड़ियाँ ढूँढ़कर लिखिए:
(i) ……………………………
(ii) ……………………………
उत्तर:
(i) बेटा = पुत्र
(ii) इज्जत = मान।

कृति 4: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न 1.
उमा को गोपाल प्रसाद की किन बातों पर गुस्सा आया? क्या वह उचित था? इस विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
गोपाल प्रसाद अपने डॉक्टर लड़के के विवाह के लिए उमा को देखने आते हैं। वे स्वयं वकील हैं परंतु उन्हें पुत्रवधू केवल मैट्रिक पास चाहिए। गोपाल प्रसाद का मानना है कि स्त्रियों का काम केवल घर सँभालना होता है। वे कभी उमा से गाने-बजाने की बात कर रहे थे, कभी यह जानना चाह रहे थे कि उसे सिलाई-पेंटिंग आदि करना आता है या नहीं, कुछ इनाम वगैरह भी जीते हैं या नहीं। उमा को इन सब बातों पर तो गुस्सा आ ही रहा था। परंतु उसे इससे भी अधिक गुस्सा उनके पुत्र को देखकर आ रहा था। वह जानती थी कि शंकर एक चरित्रहीन युवक है।

वह लड़कियों के होस्टल के पास ताक-झाँक करते हुए पकड़ा गया था और उसे बेइज्जत करके वहाँ से निकाला गया था। शंकर के जीवन का कोई आदर्श नहीं था। ऐसे विचारहीन, चरित्रहीन व्यक्ति का उमा के जीवन में कोई स्थान नहीं था। उमा कोई भेड़-बकरी या निर्जीव वस्तु नहीं है कि लोग देख-भालकर अपनी इच्छानुसार खरीद सकें। विवाह में उसे भी पसंद-नापसंद का अधिकार मिलना चाहिए। उसे उचित सम्मान मिलना चाहिए।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

1. शब्द भेद:

अधोरेखांकित शब्दों का शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
(i) बापू की लिखावट अच्छी नहीं थी। –
(ii) कुछ बिजनेस की बातचीत हो जाए।
(iii) मैंने आपसे पहले ही कहा था।
उत्तर:
(i) अच्छी – गुणवाचक विशेषण।
(ii) बातचीत – भाववाचक संज्ञा।
(iii) मैंने – पुरुषवाचक सर्वनाम।

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2. अव्यय:

निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
(i) शायद
(ii) या
(iii) ऊपर।
उत्तर:
(i) शायद आज वर्षा होगी।
(ii) बच्चे खेलने या घूमने गए होंगे।
(iii) छत के ऊपर बंदर कूद रहे हैं।

3. संधि:

कृति पूर्ण कीजिए:

संधि शब्द  संधि विच्छेद  संधि भेद
…………………  मनः + हर  …………………
 अथवा
 ………………… वागीश …………………

उत्तर:

संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
मनोहर  मनः + हर विसर्ग संधि
अथवा
वागीश वागीश व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूलरूप लिखिए:
(i) आपकी लड़की अच्छा गाती है।
(ii) मैं आपको बताना ही भूल गया।
(iii) अब तख्त को उधर मोड़ दें।:
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) है – होना
(ii) गया – जादेा
(iii) दें – देना

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5. प्रेरणार्थक क्रिया:

निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) चढ़ना
(ii) पढ़ना
(iii) उड़ना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वि.प्रेरणार्थक रूप
(i) चढ़ना – चढ़ाना – चढ़वाना
(ii) पढ़ना – पढ़ाना – पढ़वाना
(ii) उड़ना – उड़ाना – उड़वाना

6. मुहावरे:

(1) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) तिलिस्म टूटना
(ii) बस चलना
(iii) खेल करना।
उत्तर:
(i) तिलिस्म टूटना।
अर्थ: वास्तविकता सामने आना। वाक्य: ढोंगी साधु की सच्चाई प्रकट होते ही उसका तिलिस्म टूट गया।

(ii) बस चलना।
अर्थ: काबू में होना, सामर्थ्य होना।
वाक्य: बेटे का बस चले तो वह अपनी माँ को सारे तीर्थ करा दे।

(iii) खेल करना।
अर्थ: काम को ठीक से न करना, काम को बिगाड़ना।
वाक्य: सड़क बनाने का काम कर रहे मजदूरों में से कुछ तो खेल ही कर रहे थे।

(2) अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए:
(गिनती में न होना, अंजाम देना, कानों में गूंजना)
(i) काम कैसा भी हो, उसे पूरा करना कर्मचारी का कर्तव्य है।
(ii) माता जी के कहे वचन आज भी राजू को सुनाई देते हैं।
उत्तर:
(i) काम कैसा भी हो, उसे अंजाम देना कर्मचारी का कर्तव्य है।
(ii) माता जी के कहे वचन आज भी राजू के कानों में गूंजते हैं।

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7. कारक:

निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए:
(i) नहीं साहब वह तो मैंने अर्ज किया न।
(ii) आपके लाड़ले बेटे के रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं।
(iii) अब तख्त को उधर मोड़ दे।
उत्तर:
(i) मैंने – कर्ता कारक।
(ii) आपके – संबंध कारक।
(iii) तख्त को – कर्म कारक।

8. विरामचिहन:

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
(i) अरे प्रेमा वे आ भी गए तुम उमा को समझा देना थोड़ा सा गा देगी मेहमानों से हैं हैं हैं आइए आइए
(ii) ठीक लेकिन हाँ बेटी तुमने कुछ इनाम बिनाम भी जीते थे
(iii) बिजनेस समझकर ओह अच्छा अच्छा लेकिन जरा नाश्ता तो कर लीजिए
उत्तर:
(i) अरे प्रेमा, वे आ भी गए। … तुम उमा को समझा देना, थोड़ा-सा गा देगी। (मेहमानों से) हैं-ह-हैं। आइए, आइए!
(ii) ठीक।… लेकिन, हाँ बेटी, तुमने कुछ इनाम-बिनाम भी जीते थे?
(iii) “बिजनेस’ ? – (समझकर) ओह !…अच्छा, अच्छा। लेकिन जरा नाश्ता तो कर लीजिए।

9. काल परिवर्तन:

निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) ठीक समय पर गो. प्रसाद और शंकर आते हैं। (सामान्य भूतकाल)
(ii) मेरी चाय में चीनी ज्यादा डालते हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
(iii) आपके पुत्र मुंह छिपाकर भागते हैं। (पूर्ण भूतकाल)
उत्तर:
(i) ठीक समय पर गो. प्रसाद और शंकर आए।
(ii) मेरी चाय में चीनी ज्यादा डालिएगा।
(iii) आपके पुत्र मुँह छिपाकर भागे थे।:

10. वाक्य भेद:

(1) निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानिए:
(i) मैंने कोई पाप नहीं किया और न ही कोई चोरी की है।
(ii) उमा से कह देना कि जरा करीने से आए।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

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(2) निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) उमा ने सितार पर भजन गाया। (निषेधवाचक)
(ii) गोपाल प्रसाद शंकर का विवाह उमा से करेंगे। (प्रश्नवाचक)
उत्तर:
(i) उमा ने सितार पर भजन नहीं गाया।
(ii) क्या गोपाल प्रसाद शंकर का विवाह उमा से करेंगे?

11. वाक्य शुद्धिकरण:

निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) वे असली भारत के सपूत थे।
(ii) सोमनाथ को आबादी इतिहास में प्रसिद्ध है।
(iii) जिंदगी हमारी अब नहीं बचेगी।
उत्तर:
(i) वे भारत के असली सपूत थे।
(ii) सोमनाथ की समृद्धि इतिहास में प्रसिद्ध है।
(iii) अब हमारी जिंदगी नहीं बचेगी।

उपक्रम/कृति/परियोजना

पठनीय
उत्तर:

  • कॉलेज – महाविद्यालय
  • सोसायटी – समाज
  • बी. एस्सी – विज्ञान स्नातक
  • कोर्स – पाठ्यक्रम
  • वीक एंड – सप्ताहांत
  • मार्जिन – गुंजाइश
  • बिजनेस – व्यापार
  • बैकबोन – रीढ़ की हड्डी
  • टैक्स – कर
  • पेंटिंग – चित्रकारी
  • होस्टल – छात्रावास
  • मैट्रिक – मैट्रिक

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श्रवणीय
विवाह में गाए जाने वाले पारंपरिक मंगल गीत सुनिए और सुनाइए।

संभाषणीय
‘दहेज एक अभिशाप’ विषय पर चर्चा कीजिए।

प्रश्न.
‘दहेज प्रथा’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
दहेज अर्थात पुत्री के विवाह के समय पिता द्वारा उसे प्रेमपूर्वक दिए जाने वाले उपहार। समाज में यह प्राचीन काल से प्रचलित है। महाराज जनक ने भी सीता को दहेज दिया था। परंतु समय के साथ-साथ यह प्रथा कुप्रथा बनती गई। हमारे देश में अधिकतर समाजों में यह कुप्रथा अपना स्थान बना चुकी है। आज विवाह संबंध दो परिवारों का मिलन न होकर धन बटोरने का साधन बन गया है। कन्या पक्ष से बटोरी जाने वाली राशि वर की शिक्षा एवं पद के अनुरूप तय की जाती है। समाज में व्याप्त इस कलंक के कारण न जाने कितनी मासूम बच्चियाँ जन्म लेने से पहले ही मार दी जाती हैं। अनेक वधुएँ ससुराल वालों के अत्याचारों से त्रस्त होकर या तो आत्महत्या कर लेती हैं, या उन्हीं के द्वारा मार डाली जाती हैं। हालाँकि सन 1961 में दहेज प्रतिबंध अधिनियम लागू किया जा | चुका है, पर फिर भी अनगिनत लोग दहेज ले रहे हैं और कन्याओं के माता-पिता को देना पड़ रहा है।

लेखनीय

प्रश्न.
आपके घर की किसी परंपरा के बारे में घर के बुजुर्गों से जानकारी प्राप्त कीजिए। वह परंपरा उचित है या अनुचित, इस पर अपना मत शब्दांकित कीजिए।
उत्तर:
हमारे घर में जिससे कुछ लाभ होता है, उसकी पूजा करने की परंपरा रही है। हम सूर्य और चंद्रमा की पूजा करते हैं। इसके अलावा वृक्षों में नीम, वट और पीपल की भी पूजा की जाती है। इन सबसे हमें कोई न कोई लाभ होता है। तुलसी के पौधे से तो लाभ ही लाभ है। इससे वातावरण शुद्ध रहता है। घर में मच्छर-मक्खी नहीं आते। इसकी पत्तियाँ और मंजरी औषधि के रूप में काम में आती हैं। इसलिए लोग तुलसी को अपने आँगन, बगीचे तथा घर के आसपास लगाते हैं। उसकी श्रद्धापूर्वक सेवा और पूजा करते हैं। इससे इस उपयोगी पौधे का संरक्षण होता है। इसलिए तुलसी की पूजा अवश्य होनी चाहिए।

रीढ़ की हड्डी Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रस्तुत अति प्रसिद्ध एकांकी में एकांकीकार जगदीशचंद्र माथुर ने तत्कालीन समाज में स्त्री-शिक्षा के विषय में लोगों की दकियानूसी विचारधारा पर प्रकाश डाला है। उमा के द्वारा स्त्रियों की भावनाओं को महत्त्व दिया गया है। नारी के सम्मान का मुद्दा उठाया गया है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 दो लघुकथाएँ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 2 दो लघुकथाएँ

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 2 दो लघुकथाएँ Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 13
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 17

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 14
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 18

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
१. युवक को पहले नौकरी न मिल सकी …………………….. .
२. आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया …………………….. .
उत्तर:
(i) युवक को पहले नौकरी न मिल सकी, क्योंकि हर जगह भ्रष्टाचार, रिश्वत का बोलबाला था।
(ii) आखिरकार अधिकारियों द्वारा युवक का चयन कर लिया गया, क्योंकि भीतर बैठे अधिकारियों ने गंभीरता से विचार विमर्श करने के बाद युवक के सही उत्तर की दाद दी थी।

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 15
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 19

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प्रश्न 5.
प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 20

(अभिव्यक्ति)
‘भ्रष्टाचार एक कलंक’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भ्रष्टाचार का अर्थ है दूषित आचार या जो आचार बिगड़ गया हो। आज हमारे जीवन के हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार व्याप्त है। आए दिन नेताओं के भ्रष्टाचार के समाचार आते रहते हैं। प्रष्टाचार के आरोप में कितने नेता जेल काट रहे हैं। ये जनता के पैसे हड़प कर गए, पर इन्हें शर्म तक नहीं आती। आज हमारे देश में तेजी से भोगवादी संस्कृति फैल रही है। लोगों में रातोरात धनवान बनने की लालसा जोर पकड़ रही है।

चारों ओर घन बटोरने के लिए धोखाधड़ी, छल-कपट, किए जा रहे हैं। अपनी भौतिक समृद्धि बढ़ाने के लिए लोगों ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना लिया है। छोटे से छोटे काम के लिए लोगों को रिश्वत का सहारा लेना पड़ता है। शिक्षा का पवित्र क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है। लोगों में देशभक्ति और कर्तव्यनिष्ठा की भावना घटती जा रही है। भ्रष्टाचार राष्ट्रीय जीवन के लिए अभिशाप बन गया है। हमें आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार एक कलंक है। इस कलंक को मिटाना जरूरी है। हम सबको इसके लिए निष्ठापूर्वक कार्य करने की जरूरत है।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
अर्थ के आधार पर निम्न वाक्यों के भेद लिखिए:
1. क्या पैसा कमाने के लिए गलत रास्ता चुनना उचित है? – [ ]
2. इस वर्ष भीषण गरमी पड़ रही थी। – [ ]
3. आप उन गहनों की चिंता न करें। – [ ]
4. सुनील, जरा ड्राइवर को बुलाओ। – [ ]
5. अपने समय के लेखकों में आप किन्हें पसंद करते हैं? – [ ]
6. सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। – [ ]
7. हाय ! कितनी निर्दयी हूँ मैं। – [ ]
8. काकी उठो, भोजन कर लो। – [ ]
9. वाह ! कैसी सुगंध है। – [ ]
10. तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी। – [ ]
उत्तर:
1. क्या पैसा कमाने के लिए गलत रास्ता चुनना उचित है? – [प्रश्नवाचक वाक्य]
2. इस वर्ष भीषण गरमी पड़ रही थी। – [विधानवाचक वाक्य]
3. आप उन गहनों की चिंता न करें। – [निषेधवाचक वाक्य]
4. सुनील, जरा ड्राइवर को बुलाओ। – [आज्ञावाचक वाक्य]
5. अपने समय के लेखकों में आप किन्हें पसंद करते हैं? – [प्रश्नवाचक वाक्य]
6. सैकड़ों मनुष्यों ने भोजन किया। – [विधानवाचक वाक्य]
7. हाय! कितनी निर्दयी हूँ मैं – [विस्मयादिबोधक वाक्य]
8. काकी उठो, भोजन कर लो। – [आज्ञावाचक वाक्य]
9. वाह! कैसी सुगंध है। [विस्मयादिबोधक वाक्य]
10. तुम्हारी बात मुझे अच्छी नहीं लगी। – [निषेधवाचक वाक्य]

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प्रश्न 2.
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों में अर्थ के आधार पर परिवर्तन कीजिए:
a. थोड़ी बातें हुईं। (निषेधार्थक वाक्य)
b. मानू इतना ही बोल सकी। (प्रश्नार्थक वाक्य)
c. मैं आज रात का खाना नहीं खाऊँगा। (विधानार्थक वाक्य)
d. गाय ने दूध देना बंद कर दिया। (विस्मयार्थक वाक्य)
e. तुम्हें अपना ख्याल रखना चाहिए। (आज्ञार्थक वाक्य)
उत्तर:
a. थोड़ी भी बातें नहीं हुई।
b. क्या मानू इतना ही बोल सकी?
c. मैं आज रात का खाना खाऊँगा।
d. अरे! गाय ने दूध देना बंद कर दिया।
e. तुम अपना ख्याल रखो।

प्रश्न 3.
प्रथम इकाई के पाठों में से अर्थ के आधार पर विभिन्न प्रकार के पाँच वाक्य ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
(1) करामत अली इधर दो-चार दिनों से अस्वस्थ था। (विधानवाचक वाक्य)
(2) इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती। (निषेधवाचक वाक्य)
(3) तो उसकी सजा इसे लाठियों से दी गई? (प्रश्नवाचक वाक्य)
(4) “जाओ, लक्ष्मी का राशन ले आओ। (आज्ञावाचक वाक्य)
(5) हे ईश्वर, अगर मेरी दूसरी टाँग भी तोड़नी हो तो जरूर तोड़ें, मगर इस जगह जहाँ मेरा कोई न हो। (इच्छावाचक वाक्य)

प्रश्न 4.
रचना के आधार पर वाक्यों के भेद पहचानकर कोष्ठक में लिखिए:
a. अधिकारियों के चेहरे पर हलकी-सी मुस्कान और उत्सुकता छा गई। [………………….]
b. हर ओर से अब वह निराश हो गया था। [………………….]
c. उसे देख-देख बड़ा जी करता कि मौका मिलते ही उसे चलाऊँ। [………………….]
d. वह बूढ़ी काकी पर झपटी और उन्हें दोनों हाथों से झटककर बोली। [………………….]
e. मोटे तौर पर दो वर्ग किए जा सकते हैं। [………………….]
f. अभी समाज में यह चल रहा है क्योंकि लोग अपनी आजीविका शरीर श्रम से चलाते हैं [………………….]
उत्तर:
a. सरल वाक्य।
b. सरल वाक्य।
c. मिश्र वाक्य।
d. संयुक्त वाक्य।
e. सरल वाक्या
f. संयुक्त वाक्य।

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प्रश्न 5.
रचना के आधार पर विभिन्न प्रकार के तीन-तीन वाक्य पाठों से ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
(i) सरल वाक्य:
(1) आज उसे साक्षात्कार के लिए जाना है।
(2) अब तक उसके हिस्से में सिर्फ असफलता ही आई थी।
(3) रिश्वत भ्रष्टाचार की बहन है।

(ii) संयुक्त वाक्य:
(1) अधिकारियों के चेहरे पर हल्की-सी मुस्कान आई और उत्सुकता छा गई।
(2) व्यक्ति समाज को कम-से-कम देने की इच्छा रखता है लेकिन समाज से अधिक-से-अधिक लेने की इच्छा रखता है।
(3) विषमता दूर करने में कानून भी कुछ मदद देता है, परंतु कानून से मानवोचित गुणों का विकास नहीं हो सकता।

(iii) मिश्र वाक्य:
(1) भ्रष्टाचार एक ऐसा कीड़ा है, जो देश को घुन की तरह खा रहा है।
(2) वह जानता था कि यहाँ भी उसका चयन नहीं होगा।
(3) संपत्ति तो वे ही चीजें हो सकती हैं, जो किसी-न-किसी रूप में मनुष्य के उपयोग में आती हैं।

उपयोजित लेखन

‘जल है तो कल हैं’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तर:
हवा के पश्चात प्राणियों को जीवित रहने के लिए जिस चीज की आवश्यकता होती है वह है जल। जल के बिना प्राणी अधिक दिनों तक नहीं जी सकता। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।

जल हमें कुओं, तालाबों और नदियों से मिलता है। वर्षा का जंल तालाबों, झीलों आदि में जमा होता है। कुछ पानी भूगर्भ में चला जाता है। शेष पानी नदियों में होता हुआ समुद्र में चला जाता हैं। भूगर्भ का पानी कुओं के माध्यम से पीने के काम में लाया जाता हैं। नदियों और झीलों का पानी शुद्ध किया जाता है। इसके बाद वह पीने लायक होता है। गाँवों में अधिकतर कुओं के पानी से ही काम चलाया जाता है। बड़े-बड़े शहरों में नदियों और झीलों के पानी को शुद्ध करके पीने के काम में लाया जाता है।

हर व्यक्ति को पानी की आवश्यकता होती है। बिना पानी के किसी का काम नहीं चल सकता। निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण आज पानी की समस्या विकट हो गई है। इसका कारण है पानी का अंधाधुंध उपयोग। गाँवों में सिंचाई के लिए अंधाधुंध तरीके से भू-जल का दोहन किया जा रहा है। इस कारण पानी का स्तर निरंतर नीचे-ही-नीचे जा रहा है। कहीं-कहीं तो कुओं में पानी ही नहीं रहा।

पीने का पानी कम होने का कारण वर्षा का निरंतर कम होते जाना है। पेड़ों और जंगलों की अंधाधुंध कटाई इसका प्रमुख कारण है। आए दिन पानी के लिए झगड़े होते रहते हैं। देश के अंदर एक राज्य दूसरे राज्य से पानी के लिए झगड़ता है। एक देश दूसरे देश से जल के लिए लड़ता है। पानी की समस्या सारी दुनिया में है। कुछ लोग तो यहाँ तक कहते हैं कि भविष्य में पानी के लिए महायुद्ध होगा।

पानी का अशुद्ध होना भी पानी की कमी का एक कारण है। अशुद्ध पानी से तरह-तरह की जानलेवा बीमारियाँ होती हैं। शहरों के किनारे बहने वाली नदियों में शहर की सारी गंदगी डाली जा रही है। कल-कारखानों का विषैला पानी नदियों में प्रवाहित होता है। वही पानी पीने के लिए दिया जाता है। इससे लोगों को तरह-तरह की बीमारियाँ होती है। _सरकार की ओर से हर व्यक्ति तक पर्याप्त शुद्ध पेय जल पहुँचाने का अथक प्रयास किया जा रहा है। फिर भी अभी इस दिशा में और प्रयास करने की जरूरत है। हर व्यक्ति इस उम्मीद में है कि उसे पर्याप्त शुद्ध जल उपलब्ध हो। आखिर जल है, तो कल है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ Additional Important Questions and Answers

गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलितिर पठित गट्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के कवियों कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 3
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 4

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 5

प्रश्न 3.
निम्नलिखित के लिए परिच्छेद में प्रयुक्त शब्द लिखिए:
(i) आराम –
(ii) गरीब
(iii) शांति –
(iv) बेढंगा
उत्तर:
(i) आराम – राहत
(ii) गरीब – कंगाल
(iii) शांति – सुकून
(iv) बेढंगा – लिजलिजा।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘छोटे दुकानदारों और बड़े दुकानदारों से चीजें खरीदते समय हमारा व्यवहार’ विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
हम अधिकतर दिखावे में विश्वास करते हैं। जब हम बड़ेबड़े शॉपिंग सेंटरों और मॉल में जाते हैं, तो वस्तुओं की कीमतों को लेकर हम कभी मोल-भाव नहीं करते। वहाँ सैकड़ों लोग सामान खरीदते हैं और कीमतों को लेकर कोई मोल-भाव नहीं करता। वहाँ भाव ज्यादा होते हुए भी उसके बारे में पूछने की हिम्मत नहीं होती। क्योंकि वहाँ इज्जत का सवाल होता है। कभी-कभी तो वहाँ ठगाकर लोग चले आते हैं, पर शर्म के मारे कुछ नहीं बोलते। मगर वही लोग बाजार में छोटे दुकानदारों या खोमचेवालों से दो-चार रुपए के लिए झिक-झिक करते देखे जाते हैं। यहाँ उनको.अपनी इज्जत की परवाह नहीं रहती। क्योंकि यहाँ बड़े ग्राहकों के सामने उनको अपने इस व्यवहार पर झंपने का डर नहीं रहता। यहाँ वे अपने को बड़ा दिखाते हैं। क्योंकि सामने गरीब आदमी होता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

हमें अपनी सोच में बदलाव लाने की जरूरत है। छोटे व्यापारियों या गरीब खोमचेवालों से खरीदे जाने वाले सामान में मोल-भाव करने में झिक-झिक करना उचित नहीं है।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश को पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 9

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 7
*(iii) प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 10
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 11
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) उसके प्रमाणपत्र उसे सफलता दिलाने में ये रहे – [ ]
(ii) वह भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को यह करता था – [ ]
(iii) उसके तर्क में अधिकारियों को यह महसूस होने लगी – [ ]
(iv) उसके अनुसार रिश्वत का भ्रष्टाचार से यह रिश्ता है – [ ]
उत्तर:
(i) उसके प्रमाणपत्र उसे सफलता दिलाने में ये रहे – [नाकामयाब]
(ii) वह भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को यह करता था – [कोसता था]
(iii) उसके तर्क में अधिकारियों को यह महसूस होने लगी – [रुचि]
(iv) उसके अनुसार रिश्वत का भ्रष्टाचार से यह रिश्ता है। – [रिश्वत भ्रष्टाचार की बहन]

उपक्रम/कृति/परियोजना

श्रवणीय
बालक/बालिकाओं से संबंधित कोई ऐतिहासिक कहानी सुनकर उसका रूपांतरण संवाद में करके कक्षा में सुनाइए।

पठनीय
अपनी पसंद की कोई सामाजिक ई-बुक पढ़िए।

संभाषणीय
‘शहर और महानगर का यांत्रिक जीवन’ विषय पर बातचीत कीजिए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

लेखनीय
पहाड़ों पर रहने वाले लोगों की जीवन शैली की जानकारी प्राप्त करके अपनी जीवन शैली से उसकी तुलना करते हुए लिखिए।

मुद्दे:
(i) घर-द्वार
(ii) रहन-सहन
(iii) खान-पान
(iv) रीति-रिवाज
(v) जीवन यापन के साधन
(vi) यातायात व्यवस्था।

दो लघुकथाएँ Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : प्रस्तुत पाठ में दो लघुकथाएँ दी गई हैं। प्रथम लघुकथा में हमारी मानसिक प्रवृत्ति के बारे में बताया गया है। लेखक ने इसके माध्यम से यह दर्शाया है कि जब लोग बड़ी-बड़ी दुकानों, मॉल या बड़े होटलों में जाते हैं, तो वहाँ वे सामानों के निश्चित मूल्यों के बारे में कोई मोल-भाव नहीं करते। मांगे गए पैसे शौक से अदा करके चले आते हैं। पर छोटे दुकानदारों या खोमचे वालों से सामान खरीदते समय लोगों का व्यवहार बिलकुल बदल जाता है। लोग उनसे दो-एक रुपये कम करने के बारे में बहस पर उतर आते हैं। हमें यह मानसिकता बदलनी चाहिए।

दूसरी लघुकथा में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के शिकार एक युवक के बारे में बताया गया है। उसके सामने भ्रष्ट सामाजिक व्यवस्था को कोसने के अलावा कोई चारा नहीं रहता। पर सत्य का पालन करना उसे एक दिन अपने लक्ष्य तक पहुँचा देता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 1 बरषहिं जलद Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 1 बरषहिं जलद

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 1 बरषहिं जलद Textbook Questions and Answers

कृति

कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 (अ) तथा प्रश्न 2 (आ) के लिए।

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 5

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
निम्न अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
a. संतों की सहनशीलता …………………………….
b. कपूत के कारण कुल की हानि …………………………….
उत्तर:
a. खल के बचन संत सह जैसे।
b. कपूत के कारण कुल की हानि – जिमि कपूत के उपजे, कुल सदधर्म नसाहिं।।

प्रश्न 3.
तालिका पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 2
उत्तर:
इन्हें – यह कहा है
(i) नदी के जल का समुद्र में मिलना – ईश्वर को प्राप्त कर स्थिर हुआ जीव
(ii) सज्जनों के सद्गुण – तालाब में जल भरना

प्रश्न 4.
जोड़ियाँ मिलाइए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 3
उत्तर:
(i) नव पल्लव से भरा वृक्ष -साधक के मन का विवेक
(ii) उपकारी की संपत्ति -ससि संपन्न पृथ्वी
(iii) मेढक की ध्वनि -बटुक समुदाय द्वारा वेद-पाठ
(iv) कलियुग में धर्म का पलायन – चक्रवाक पक्षी का न दिखना कर जाना

प्रश्न 5.
इनके लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 13

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 6.
प्रस्तुत पद्यांश से अपनी पसंद की किन्हीं चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।

उपयोजित लेखन

कहानी लेखन: ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई इस सुवचन पर आधारित कहानी लेखन कीजिए।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद Additional Important Questions and Answers

पद्यांश क्र.1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) मन डर रहा है इनका – [ ]
(ii) बिजली की तुलना की गई है इससे – [ ]
(iii) भूमि के पास आए बादल ऐसे लगते हैं – [ ]
(iv) विद्यार्थी जिसे पाने के लिए पढ़ाई करते हैं – [ ]
उत्तर:
(i) मन डर रहा है इनका – [श्रीराम का]
(ii) बिजली की तुलना की गई है इससे [दुष्ट की प्रीति से]
(iii) भूमि के पास आए बादल ऐसे लगते हैं – [विद्वान की तरह]
(iv) विद्यार्थी जिसे पाने के लिए पढ़ाई करते हैं – [विद्या]

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 10

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

प्रश्न 3.
जोड़ियाँ मिलाइए:
(i) दमकती बिजली – दुष्टों के वचन
(ii) भूमि पर गिरा पानी – राम का डरना
(iii) बूंदों का प्रहार – दुष्ट की मित्रता
(iv) बादलों की गर्जना – माया से लिपटा जीव
उत्तर:
(i) दमकती बिजली – दुष्ट की मित्रता
(ii) भूमि पर गिरा पानी – माया से लिपटा जीव
(iii) बूंदों का प्रहार – दुष्टों के वचन
(iv) बादलों की गर्जना – राम का डरना

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 12

प्रश्न 5.
निम्नलिखित अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
(i) संतों की सहनशीलता।
(ii) जीव की निश्चिंतता।
(iii) रास्तों का अदृश्य हो जाना।
(iv) विद्वानों की विनम्रता
उत्तर:
(i) खल के बचन संत सह जैसे।
(ii) होई अचल जिमि जिव हरि पाई।
(iii) हरित भूमि तृन संकुल, समुझि परहि नहिं पंथ।
(iv) जथा नवहिं बुध विद्या पाएँ।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

कृति 2: (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए:
(i) थिर – ………………………………………..
(ii) जथा – ………………………………………..
(iii) सदगुन – ………………………………………..
(iv) अघात – ………………………………………..
उत्तर:
(i) थिर -स्थिर
(ii) जथा – यथा
(iii) सदगुन – सद्गुण
(iv) अघात – आघात।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:
(i) जलनिधि = ……………………
(ii) गिरि = ……………………
(iii) नदी = ……………………
(iv) जल = ……………………
उत्तर:
(i) जलनिधि = समुद्र
(ii) गिरि = पहाड़
(iii) नदी = सरिता
(iv) जल = पानी।

कृति 3: (सरल अर्थ)

प्रश्न.
प्रस्तुत पद्यांश की प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
बादल आकाश में उमड़-घुमड़कर भयंकर गर्जना कर रहे हैं। श्रीराम जी कह रहे हैं कि ऐसे में सीता जी के बिना उनका मन भयभीत हो रहा है। बिजली आकाश में ऐसे चमक रही है, जैसे दुष्ट व्यक्ति की मित्रता स्थिर नहीं रहती । कभी वह बनी रहती है और कभी टूटने के कगार पर पहुँच जाती है। बादल धरती के नजदीक आकर बरस रहे हैं। उनका यह व्यवहार ठीक उसी प्रकार लगता है, जैसे विद्वान व्यक्ति विद्या पाकर विनम्र हो जाते हैं। बादल भी जल के भार से झुक गए हैं और पृथ्वी के नजदीक आकर अपने जल से प्राणियों को तृप्त कर रहे हैं। पहाड़ों पर वर्षा की बूदों की चोट पड़ रही है, पर पहाड़ चुपचाप शांत भाव से यह आघात उसी प्रकार सहते जा रहे हैं, जैसे संत लोग दुष्टों के कटुवचन सह लेते हैं और उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं करते।

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पदयांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आका

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 14
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 1 बरषहिं जलद 15

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए:
इनकी तुलना की गई है, इनसे –
(i) रात के अंधकार में जुगनू – [ ]
(ii) ससि (अनाज) से भरपूर घरती – [ ]
(iii) कृषि को निराने वाले किसान – [ ]
(iv) दिखाई न देने वाला चक्रवाक – [ ]
उत्तर:
(i) रात के अंधकार में जुगनू – [घमंडियों के समाज से]
(ii) ससि (अनाज) से भरपूर धरती – [उपकारी की संपति से]
(iii) कृषि को निराने वाले किसान – [मोह-मद-मान त्यागने वाले विद्वान से]
(iv) दिखाई न देने वाला चक्रवाक – [कलियुग पाकर भाग जाने वाले धर्म से]

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त शब्द खोजकर लिखिए:
(i) ग्रह – [ ]
(ii) पेड़ – [ ]
(iii) पत्ते – [ ]
(iv) उपग्रह – [ ]
(v) पौधा – [ ]
उत्तर:
(i) ग्रह – [पतंग (सूर्य)]
(ii) पेड़ – [बिटप]
(iii) पत्ते – [पात]
(iv) उपग्रह – [महि]
(v) पौधा – [अर्क-जवास]

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प्रश्न 4.
तालिका पूर्ण कीजिए:
इन्हें – यह कहा है
(i) ………………….. – बटु समुदाय
(ii) (नव पल्लव वाले) वृक्ष – …………………..
(iii) (लुप्त हुई) धूल – …………………..
(iv) ………………….. – ज्ञान उत्पन्न हुआ
उत्तर:
इन्हे – यह कहा है
(i) दादुर – बटु समुदाय
(ii) (नव पल्लव वाले) वृक्ष – ज्ञान प्राप्त कर प्रफुल्लित होने वाला साधक
(iii) (लुप्त हुई) धूल – क्रोध के कारण लुप्त हुआ धर्म
(iv) (विषयों से विरक्त) मनुष्य – ज्ञान उत्पन्न हुआ।

प्रश्न 5.
उत्तर लिखिए:
पद्यांश में आया –
(i) एक प्रसिद्ध धर्मग्रंथ – [ ]
(ii) चित्त का मनोविकार या उग्र भाव – [ ]
(iii) एक प्रसिद्ध पक्षी – [ ]
(iv) वह शब्द, जिसके दो अर्थ हैं, जिनमें से एक का अर्थ सूर्य है – [ ]
उत्तर:
(i) एक प्रसिद्घ धर्मग्रंथ – [वेद]
(ii) चित्त का मनोविकार या उग्र भाव – [क्रोध]
(iii) एक प्रसिद्ध पक्षी – [चक्रवाक (चकवा)]
(iv) वह शब्द, जिसके दो अर्थ हैं, जिनमें से एक का अर्थ सूर्य है – [पतंग]

प्रश्न 6.
निम्न अर्थ को स्पष्ट करने वाली पंक्तियाँ लिखिए:
(i) कुसंग से ज्ञान नष्ट होना और सुसंग से ज्ञान उत्पन्न होना। – [ ]
उत्तर:
(i) कुसंग से ज्ञान नष्ट होना और सुसंग से ज्ञान उत्पन्न होना। – बिनसइ-उपजइ म्यान जिमि, पाइ कुसंग-सुसंग

कृति 2 : (शब्द संपदा)

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ वाले शब्द पद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए:
(i) हुए – ……………………….
(ii) जैसे – ……………………….
(iii) कहीं – ……………………….
(iv) की – ……………………….
उत्तर:
(i) हुए – भए, भयऊ।
(ii) जैसे – जनु, जस।
(iii) कहीं – कतहुँ।
(iv) की – कै।

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानकर लिखिए:
(i) दादुर
(ii) धूरी (धूल)
(iii) धर्म
(iv) प्रजा
उत्तर:
(i) दादुर – पुल्लिग
(ii) धूरी (धूल) – स्त्रीलिंग
(iii) धर्म – पुल्लिग
(iv) प्रजा – स्त्रीलिंग।

कृति 3 : (सरल अर्थ)
प्रश्न.
उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियों (दोहा) का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
कभी-कभी वायु बहुत तेज गति से चलने लगती है। इससे बादल यहाँ-वहाँ गायब हो जाते हैं। यह दृश्य उसी प्रकार लगता है जैसे परिवार में कुपुत्र के उत्पन्न होने से कुल के उत्तम धर्म (श्रेष्ठ आचरण) नष्ट हो जाते हैं। कभी (बादलों के कारण) दिन में घोर अंधकार छा जाता है और कभी सूर्य प्रकट हो जाता है। तब लगता है, जैसे बुरी संगति पाकर ज्ञान नष्ट हो गया हो और अच्छी संगति पाकर ज्ञान उत्पन्न हो गया हो।

भाषा अध्ययन (व्याकरण)

प्रश्न. सूचनाओं के अनुसार कृतियों कीजिए :

1. शब्द भेद :

प्रश्न.
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए :
(i) भूमि परत भा ढाबर पानी।
(i) नव पल्लव भए बिटप अनेका।
उत्तर:
(i) पानी-द्रव्यवाचक संज्ञा
(ii) नव-गुणवाचक विशेषण।

2. अव्यय:

प्रश्न.
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
(i) नहीं
(i) इसलिए।
उत्तर :
(i) जनक कॉलेज नहीं जाता।
(ii) बेचन बिजली का बिल अदा नहीं कर पाया, इसलिए बिजली आपूर्ति खंडित हो गई।

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3. संधि :

प्रश्न.
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
…………………… – विद्या + अर्थी – ……………………
अथवा
जगन्नाथ – …………………… – ……………………
उत्तर:
संधिशब्द – संधि विच्छेद – संधि भेद
विद्यार्थी – विद्या + अर्थी – स्वर संधि
अथवा
जगन्नाथ – जगत् + नाथ – व्यंजन संधि

4. सहायक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में सहायक क्रिया पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
(i) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरस रहे हैं।
(ii) दुष्ट लोग थोड़ा धन पाकर भी इतराने लगते हैं।
उत्तर:
सहायक क्रिया – मूल रूप
(i) रहे – रहना
(ii) लगने – लगना

5. प्रेरणार्थक क्रिया:

प्रश्न.
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
(i) सहना
(ii) गिरना।
उत्तर:
क्रिया – प्रथम प्रेरणार्थक रूप – द्वितीय प्रेरणार्थक रूप
(i) सहना – सहाना – सहवाना
(ii) गिरना – गिराना – गिरवाना

6. मुहावरे:

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प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
(i) आँखें फाड़कर देखना
(ii) रुआँसा होना।
उत्तर:
(i) आँखें फाड़कर देखना।
अर्थ: आश्चर्य से देखना।
वाक्य: मनीष सर्कस के कलाकारों के करतब आँखें फाड़कर देख रहा था।

(ii) रुआँसा होना।
अर्थ: उदास होना।
वाक्य: मालिक की झिड़कियाँ खाकर नौकर रुआँसा हो गया।

प्रश्न 2.
अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: (हामी भरना, करवट बदलना)
आखिरकार रंजन ने शादी करने के लिए स्वीकृति दी।
उत्तर:
आखिरकार रंजन ने शादी करने के लिए हामी भरी।

7. कारक:
प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्य में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
(i) छोटी-छोटी नदियाँ वर्षा के जल से भर जाती हैं।
(ii) नदी अपने किनारों को तोड़ती हुई आगे बढ़ जाती है।
उत्तर:
(i) वर्षा के-संबंध कारक
(ii) किनारों को-कर्म कारक ।

8. विरामचिह्न:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्न लगाकर वाक्य फिर से लिखिए:
(i) पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरी हो गई है जिससे रास्तों का पता नहीं चलता
(ii) हरी भरी फसलों से युक्त पृथ्वी कैसी लग रही है
उत्तर:
(i) पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरी हो गई है, जिससे रास्तों का पता नहीं चलता।
(ii) हरी-भरी फसलों से युक्त पृथ्वी कैसी लग रही है?

9. काल परिवर्तन:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
(i) प्रियाहीन मेरा मन डरता है। (पूर्ण वर्तमानकाल)
(ii) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरस रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
उत्तर:
(i) प्रियाहीन मेरा मन डरा है।
(ii) बादल पृथ्वी के नजदीक आकर बरसेंगे।

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10. वाक्य भेद:

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
(i) बादल गरज रहे हैं और बिजली चमक रही है।
(ii) अनेक वृक्षों में नई-नई कोंपलें आ गई हैं, जिससे वे हरे-भरे तथा सुशोभित हो गए हैं।
उत्तर:
(i) संयुक्त वाक्य
(ii) मिश्र वाक्य।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए:
(i) कलियुग में धर्म पलायन कर जाता है। (प्रश्नवाचक वाक्य)
(ii) संत पुरुष दुष्टों के वचन सहते हैं। (निषेधवाचक वाक्य)
उत्तर:
(i) क्या कलियुग में धर्म पलायन कर जाता है?
(ii) संत पुरुष दुष्टों के वचन नहीं सहते।

11. वाक्य शुद्धिकरण:

प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए:
(i) एक-एक करके सद्गुण सज्जन के पास चला आते है।
(ii) धूल खोजने पे भी कहीं नहीं मिलता है।
उत्तर:
(i) एक-एक कर सद्गुण सज्जन के पास चले आते हैं।
(ii) धूल खोजने पर भी कहीं नहीं मिलती है।

उपयोजित लेखन

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 से 80 शब्दों में कहानी लिखकर उसे उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए:
एक महानुभाव की कल्पना – विश्वविद्यालय स्थापना का प्रण – दान से घन एकत्र करना – एक सेठ के पास जाना – सेठ का दिन भर बिठाए रखना – महानुभाव निराश – शाम को सात लाख रुपए का चेक पाना – आश्चर्य और खुशी।
उत्तर:
बात आजादी मिलने के बहुत पहले की है। तब देश में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए बहुत कम विश्वविद्यालय थे। विद्यार्थियों को दूर-दूर स्थानों पर जाकर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ती थी और उन्हें वही टिककर पढ़ना पड़ता था। विद्यार्थियों की इस परेशानी को दर करने के लिए एक महानुभाव ने अपने शहर में विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रण किया।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

इसके लिए उन्होंने सारे देश का दौरा किया और जहाँ से जो भी धन मिला, एकत्र किया। एक बार किसी व्यक्ति ने उन्हें बताया कि आप कलकत्ता के फलाँ सेठ के पास जाइए। वहाँ आपको अवश्य कुछ धन मिलेगा। वे पहुँच गए उनके पास। उन्होंने सेठ जी से अपना उद्देश्य बताया। सेठ जी ने उन्हें कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा और वे अपने काम में लग गए। दोपहर से शाम हो गई। सेठ जी ने उन्हें नहीं बुलाया।

वे निराश हो गए थे। इतने में सेठ जी अपने केबिन से बाहर आए। वे सज्जन खड़े हो गए और बोले, “सेठ जी मुझे आज्ञा दीजिए, मैं चलूँ।” सेठ जी ने कहा, “बैठिए भाई, बैठिए! मैं आपका ही काम कर रहा था। ये लीजिए अपने परोपकार के काम में मेरा छोटा-सा सहयोग! इस समय मैं और कुछ नहीं दे पाऊँगा।” सेठ जी ने एक चेक उन सज्जन के हाथ में थमा दिया।

उन महाशय ने चेक पर नजर डाली- ‘सात लाख रुपए।’ उनके मुँह से निकला, “सेठ जी, मुझे तो लगा था, मुझे यहाँ से खाली हाथ जाना पड़ेगा, पर आपने तो…।” “बस… बस!” उन्होंने उन सज्जन की बात काटते हुए कहा, “आप परोपकार का काम कर रहे हैं, मुझसे जो बन पड़ा, मैंने भी सहयोग दे दिया।” इस धन से विश्वविद्यालय के कई काम पूरे हुए।

विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए यह धन एकत्र करने वाले व्यक्ति थे महामना मदनमोहन मालवीय और उन्होंने जिस विश्वविद्यालय का निर्माण किया, वह था ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय।

सीख: परोपकार सबसे बड़ा धर्म है।

बरषहिं जलद Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : अवधी बोली में लिखा गया ‘रामचरितमानस’ विश्व के अमूल्य ग्रंथों में से एक है। प्रस्तुत काव्य खंड इसी ग्रंथ से लिया गया है। चौपाई और दोहों जैसे लोकप्रिय छंदों में प्रस्तुत इस काव्य खंड में तुलसीदासजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर वर्णन किया है। इस काव्य खंड में उन्होंने वर्षा ऋतु से संबंधित विभिन्न वस्तुओं को जीवन से जोड़कर देखा है।

यह काव्य खंड सीता हरण के पश्चात का है। श्रीराम और लक्ष्मण जी सीता जी की खोज में वन में भटक रहे हैं। बरसात की ऋत आ चुकी है पर सीता जी का पता नहीं चल सका है। कवि ने इस काव्य खंड में श्रीराम के मन की व्याकुलता का चित्रण किया है।

बरषहिं जलद चौपाइयों और दोहों का सरल अर्थ

1. घन घमंड नभ …………………………… जिमि जिव हरि पाई।। (चौपाई)

कवि कहते हैं कि आकाश में बादल उमड़-घुमड़कर भयंकर गर्जना कर रहे हैं। (श्रीरामजी कह रहे हैं कि) प्रिया (सीता जी) के बिना मेरा मन डर रहा है। बिजली आकाश में ऐसे चमक रही है, जैसे दुष्ट व्यक्ति की मित्रता स्थिर नहीं रहती। यानी वह चमकती है और चमककर लुप्त हो जाती है।

बादल पृथ्वी के नजदीक आकर (नीचे उतरकर) बरस रहे हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे विद्वान व्यक्ति विद्या प्राप्त कर विनम्र हो जाते हैं। बूंदों की चोट पहाड़ों पर पड़ रही है। पहाड़ बूंदों के प्रहार को इस प्रकार शांत भाव से सह रहे हैं, जैसे संत पुरुष दुष्टों के कटु वचनों को सह लेते हैं।

छोटी नदियाँ वर्षा के जल से भरकर अपने किनारों को तोड़ती हुई आगे बढ़ती जा रही हैं, जैसे मामूली धन पाकर भी दुष्ट लोग इतराने लगते हैं (यानी मर्यादा का त्याग कर देते हैं)। पृथ्वी पर गिरते ही पानी गँदला हो गया है, मानो प्राणी से माया लिपट गई हो।

वर्षा का पानी एकत्र होकर तालाबों में भर रहा है। जैसे एक-एक कर सद्गुण सज्जन व्यक्ति के पास चले आते हैं। नदी का पानी समुद्र में जाकर उसी प्रकार स्थिर हो जाता है जिस प्रकार जीव हरि (ईश्वर) को प्राप्त कर अचल (आवागमन से मुक्त) हो जाता है।

2. हरित भूमि …………………………… होहिं सद्ग्रंथ।। (दोहा)

पृथ्वी घास से परिपूर्ण होकर हरीभरी हो गई है, जिससे रास्तों का पता नहीं चलता है। यह दृश्य ऐसा लगता है, जैसे पाखंडी के पाखंड भरे मत के प्रचार से सद्ग्रंथ लुप्त हो जाते हैं।

3. दादुर धुनि चहुँ उपजे ग्याना।। (चौपाई)

कवि कहते हैं कि वर्षा काल में चारों दिशाओं में मेढकों की ध्वनि ऐसी (सुहावनी) लगती है मानो विद्यार्थियों का समूह वेद-पाठ कर रहा हो। अनेक वृक्षों में नई-नई कोंपलें आ गई हैं, जिससे वे ऐसे हरेभरे तथा सुशोभित हो गए हैं, जैसे साधना करने वाले किसी व्यक्ति का मन ज्ञान प्राप्त करने पर प्रफुल्लित हो जाता है।

(बरसात के दिनों में) मदार और जवासा के पौधे पत्तों से रहित हो गए हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो अच्छे शासक के राज्य में दुष्टों का धंधा जाता रहा हो (खत्म हो गया हो)। धूल खोजने पर भी कहीं नहीं मिलती है। जैसे क्रोध धर्म को दूर कर देता है, उसी तरह वर्षा ने धूल को नष्ट कर दिया है।

अनाज से युक्त (लहलहाती हुई हरी-भरी खेती) पृथ्वी कुछ इस : प्रकार शोभायमान हो रही है, जैसे उपकार करने वाले व्यक्ति शोभायमान होते हैं। रात के अंधकार में जुगनू चारों ओर दिखाई दे रहे हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे घमंडियों का समूह एकत्र हो गया है।

चतुर किसान अपनी फसलों की निराई कर रहे हैं। (अपनी फसल से घास-फूस निकालकर फेंक रहे हैं)। इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे विद्वान लोग मोह, मद, माया का त्याग कर रहे हों।

बरसात के दिनों में चक्रवाक पक्षी कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। इससे ऐसा लग रहा है जैसे कलियुग में धर्म पलायन कर गया हो।

यह पृथ्वी अनेक प्रकार के जीवों से भरी पड़ी है। यह उसी तरह शोभायमान हो रही है, जैसे अच्छे राजा के राज्य में प्रजा की वृद्धि (विकास) होती है।

यहाँ-वहाँ अनेक सही थककर इस तरह ठहरे हुए हैं, जैसे मनुष्य को ज्ञान प्राप्त होने पर इंद्रियाँ शिथिल हो जाती हैं और विषयों की ओर’ जाना छोड़ देती हैं।

4. कंबहुँ प्रबल …………………………… कुसंग-सुसंग।। (दोहा)

कभी-कभी वायु बहुत तेज गति से चलने लगती है। इससे बादल यहाँ-वहाँ गायब हो जाते हैं। यह दृश्य उसी प्रकार लगता है जैसे परिवार में कुपुत्र के उत्पन्न होने से कुल के उत्तम धर्म (श्रेष्ठ आचरण) नष्ट हो जाते हैं।

कभी (बादलों के कारण) दिन में घोर अंधकार छा जाता है और कभी सूर्य प्रकट हो जाता है। तब लगता है, जैसे बुरी संगति पाकर ज्ञान नष्ट हो गया हो और अच्छी संगति पाकर ज्ञान उत्पन्न हो गया हो।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 ठेस

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 ठेस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokbharti Chapter 10 ठेस

Hindi Lokbharti 10th Std Digest Chapter 10 ठेस Textbook Questions and Answers

कृति

(कृतिपत्रिका के प्रश्न 3 (अ) के लिए)

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 13

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 22

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 7

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 3.
वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:
a. सातों तारे मंद पड़ गए।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी।
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
उत्तर:
a. सातों तारे मंद पड़ रहे हैं।
b. ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
c. लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
d. मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।

(अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘कला और कलाकार का सम्मान करना हमारा दायित्व है’, इस कथन पर अपने विचारों को शब्दबद्ध कीजिए।
उत्तर:
हमारे देश की संस्कृति में लोक कलाओं की सशक्त पहचान रही है। ये मूलतः ग्रामीण अंचलों में अनेक जातियों व जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी संरक्षित पारंपरिक कलाएँ हैं। लोक कला का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना कि भारतीय ग्रामीण सभ्यता का। लोक कलाओं में लोकगीत, लोकनृत्य, गायन, वादन, अभिनय, मूर्तिकला, काष्ठकला, धातुकला, चित्रकला, हस्तकला आदि का समावेश होता है। हस्तकला ऐसे कलात्मक कार्य को कहते हैं, जो उपयोगी होने के साथ-साथ सजाने के काम आता है तथा जिसे मुख्यतः हाथ से या साधारण औजारों की सहायता से ही किया जाता है।

ऐसी कलाओं का धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व होता है। वर्तमान में लोक कलाओं और कलाकारों को उचित प्रश्रय न मिलने के कारण अनेक लोक कलाओं पर संकट उत्पन्न हो गया है। धीरे-धीरे समय परिवर्तन, भौतिकतावाद, पश्चिमीकरण तथा आर्थिक संपन्नता के कारण परंपरागत लोक कलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जनता व प्रशासन दोनों को ही लोक कलाओं और कलाकारों की पहचान नष्ट होने से बचाने के प्रयास करने चाहिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
कोष्ठक की सूचना के अनुसार निम्न वाक्यों का काल परिवर्तन कीजिए:

a. अली घर से बाहर चला जाता है। (सामान्य भूतकाल)
—————————————————————
b. आराम हराम हो जाता है। (पूर्ण वर्तमानकाल एवं पूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
c. सरकार एक ही टैक्स लगाती है। (सामान्य भविष्यकाल)
—————————————————————
d. आप इतनी देर से नाप-तौल करते हैं। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
e. वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते हैं। (पूर्ण भूतकाल एवं अपूर्ण भविष्यकाल)
—————————————————————
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
g. सातों तारे मंद पड़ गए। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
—————————————————————
h. मैंने खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कहा। (अपूर्ण भूतकाल)
—————————————————————
उत्तर:
a. अली घर से बाहर चला गया।
b. (अ) आराम हराम हो गया है।
(ब) आराम हराम हो चुका होगा।
c. सरकार एक ही टैक्स लगाएगी।
d. आप इतनी देर से नाप-तौल कर रहे हैं।
e. (अ) उन्होंने बाजार से नई पुस्तक खरीदी थी।
(ब) वे बाजार से नई पुस्तक खरीदते रहेंगे।
f. वे पुस्तक शांति से पढ़ रहे थे।
g. सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
h. मैं खिड़की से गरदन निकालकर झिड़की के स्वर में कह रहा था।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
नीचे दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 3
उत्तर:
मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था – अपूर्ण भूतकाल

1. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता हूँ।
2. सामान्य भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाऊँगा।
3. अपूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जाता रहँगा।
4. पूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल मैंने ही पहुँचाया है।
5. सामान्य वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया।
6. अपूर्ण वर्तमानकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा हूँ।
7. पूर्ण भूतकाल  मानू को ससुराल पहुँचाने में ही गया था।
8. पूर्ण भविष्यकाल  मानू को ससुराल पहुंचाने में ही जा चुका हूँगा।

उपयोजित लेखन

प्रश्न.
‘पुस्तक प्रदर्शनी में एक घंटा’ विषय पर अस्सी से सौ शब्दों में निबंध लेखन कीजिए।
उत्तर:
पुस्तकें अनमोल होती हैं। वे हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं, क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान का भंडार होती हैं। व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परंतु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं। पुस्तक प्रदर्शनी और मेले हमारे लिए वरदान हैं। ये पाठकों और लेखकों का संगम होते हैं। प्रत्येक वर्ष अगस्त में पुणे में कोरेगाँव पार्क में पुस्तक प्रदर्शनी और मेले का आयोजन किया जाता है। अनेक पुस्तक विक्रेता और प्रकाशक वहाँ आते हैं। इस बार मैं भी उस प्रदर्शनी में गया।

स्टालों पर पुस्तकें बड़े आकर्षक ढंग से सजी हुई थीं। सभी स्तर और रुचि के लोगों के लिए वहाँ यथेष्ट सामग्री थी। इतिहास, भूगोल, ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, धर्म, भाषा, यात्रा, जीवन-वृत्त आदि सभी विषयों की पुस्तकें वहाँ थीं। अनेक स्कूलों के विद्यार्थी वहाँ आए हुए थे। बच्चे-बड़े सभी पुस्तकें खरीदने में व्यस्त थे या उनको देख-पढ़ रहे थे। कुछ लोग ग्रुप में खड़े पुस्तकों पर चर्चा कर रहे थे। मेरे पास समय का अभाव था। मैंने अपने और छोटे भाई के लिए मुंशी प्रेमचंद का कहानी-संग्रह तथा हिंदी का एक शब्दकोश खरीदा।

Hindi Lokbharti 10th Textbook Solutions Chapter 10 ठेस Additional Important Questions and Answers

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

गद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कारण लिखिए:
गाँव के लोग अब सिरचन को खेत-खलिहान की मजदूरी के लिए इसलिए नहीं बुलाते:
उत्तर:
लोग उसको बेकार ही नहीं, बेगार’ समझते हैं। दूसरे मजदूर खेत पर पहुँचकर एक-तिहाई काम कर चुकते हैं, तब पगडंडी पर तौल-तौलकर पाँव रखता हुआ, धीरे-धीरे कहीं सिरचन राय हाथ में खुरपी डुलाता हुआ दिखाई पड़ेगा।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी हैं?
(ii) लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं।
(iii) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
उत्तर:
(i) मुफ्त में मजदूरी देनी हो, तो और बात है।
(ii) मैं पहले ही पूछ लेता, भोग क्या-क्या लगेगा?
(iii) तुम्हारी भाभी ने कहाँ से बनाना सीखी है?

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 6

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 4.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम – …………………………..
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा – …………………………..
उत्तर:
(i) बिना मजदूरी दिए जबरदस्ती लिया गया काम- बेगार।
(ii) बाँस की तीलियों से बना परदा- चिक।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘खेत-खलिहान की मजदूरी इस विषय में 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
भारत गाँवों और खेतों का देश है। यहाँ आज भी देश की दो-तिहाई जनता खेती से जुड़ी है। खेत हैं, खेती है तो मजदूर भी जरूरी हैं। मजदूर और किसान एक-दूसरे के पूरक हैं। मजदूर के बिना किसानों का काम असंभव-सा होता है। फसल की बुआई, गुड़ाई, निराई, सिंचाई आदि के काम के लिए मजदूरों की आवश्यकता होती ही है। भूमिहीन मजदूर परिवार बहुत गरीब होते हैं। उनके पास अपनी जमीन नहीं होती। उन्हें रोजी-रोटी के लिए दूसरों के खेतों में काम करना पड़ता है। फसल की बुआई और कटाई के समय तो बड़े किसानों के खेतों में उन्हें काम और मजदूरी मिल जाती है, परंतु पूरे वर्ष काम नहीं मिल पाता। ऐसे समय इन मजदूरों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए मजदूरी के अन्य कार्य करने पड़ते हैं। बार-बार कर्ज लेना पड़ता है।

गद्यांश क्र. 2
प्रश्न, निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 8
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 11
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 12

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
गलत वाक्य सही करके लिखिए:
(i) दूध, घी, मलाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द के कारण मन ठीक नहीं है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।
उत्तर:
(i) दूध में कोई मिठाई न मिले तो कोई बात नहीं किंतु बात में जरा भी झाला सिरचन नहीं बरदाश्त कर सकता।
(ii) आज तो अब अधकपाली दर्द से माथा टनटना रहा है। थोड़ा-सा रह गया है, किसी दिन आकर पूरा कर दूंगा।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन जाति का यह है – [ ]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [ ]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [ ]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन जाति का यह है – [कारीगर]
(ii) बिना इसके पेट भर भात पर काम करने वाला कारीगर – [मजदूरी]
(iii) सिरचन को लोग यह भी समझते हैं – [चटोर]
(iv) ऐसे बहुत-से काम हैं जिन्हें इसके सिवा गाँव में कोई नहीं जानता – [सिरंचन]

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 14

गद्यांश क्र. 3.
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 15
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 17

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू दीदी काकी की सबसे छोटी बेटी है।
(ii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।
(iii) मॅझली भाभी से रहा नहीं गया।
उत्तर:
(i) रंगीन सुतलियों में झब्बे डालकर सिरचन चिक बुनने बैठा।
(ii) मैंझली भाभी से रहा नहीं गया।
(iii) मँझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
मझली भाभी का मुँह लटक गया –
उत्तर:
मझली भाभी का प्रस्ताव सुनकर सिरचन ने कहा कि बहुरिया, मोहर छापवाली धोती के साथ रेशमी कुर्ता देने पर भी ऐसी चीज नहीं बनती। मानू दीदी का दूल्हा अफसर है। सिरचन की बात सुनकर मझली भाभी का मुँह लटक गया।

प्रश्न 4.
वाक्य पूर्ण कीजिए:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को –
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुंगिया लड्डू, बेटी की बिदाई के समय –
उत्तर:
(i) मानू के दूल्हे ने पहले ही बड़ी भाभी को लिखकर चेतावनी दे दी है।
(ii) मोहर छापवाली धोती नहीं, मुँगिया लड्डू, बेटी की विदाई के समय रोज मिठाई जो खाने को मिलेगी।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 16
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 18

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘मन लगाकर काम करना एक गुण है’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
किसी भी काम को मन लगाकर अर्थात तन्मयता से करना एक गुण है। उसका फल भी हमें मिलता है। मन लगाकर किए गए काम के परिणाम हमेशा उत्तम होते हैं। जिस काम को करने में मन लगता है, वह कभी बोझ नहीं लगता। जो काम मन मारकर करना पड़े, वह बोझ बन जाता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो एक किनारे खड़े होकर नाव की तलाश करते हैं अर्थात उचित काम और अवसर की तलाश करते रहते हैं और वह अवसर कभी नहीं आता, वे जिंदगी भर इंतजार ही करते रहते हैं। कुछ लोग नौकरी में मन लगाकर काम ही नहीं करना चाहते। दूसरे साथी जब मेहनत और लगन से काम करके प्रोन्नति पाकर आगे बढ़ जाते हैं, तो ईष्या के वश होकर उन्हें अधिकारियों का चमचा आदि कहते हैं।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

गद्यांश क्र. 4
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है?
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती?
(iii) बँदिया मैं नहीं खाता, काकी!
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह?
उत्तर:
(i) आज सिरचन को कलेवा किसने दिया है? – लेखक ने माँ से कहा है।
(ii) अरी मँझली, सिरचन को बुंदिया क्यों नहीं देती? – लेखक की माँ ने मँझली भाभी से कहा है।
(iii) बुंदिया मैं नहीं खाता, काकी- सिरचन ने लेखक की माँ से कहा है।
(iv) किसी के नैहर-ससुराल की बात क्यों करेगा वह? – चाची ने लेखक की माँ से कहा है।

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर खाने-पीने की यह न रहती।। – [ ]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर सिरचन ने इस पर निगाह डाली। – [ ]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [ ]
(iv) अरी मैंझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [ ]
उत्तर:
(i) सिरचन को काम में मगन होकर – खाने-पीने की यह न रहती। – [सुध]
(ii) चिक में सुतली के फंदे डालकर – सिरचन ने इस पर निगाह डाली। [सूप]
(iii) मानू यह सजाकर बाहर बैठकखाने में भेज रही थी। – [पान]
(iv) अरी मँझली, सिरचन को यह क्यों नहीं देती। – [बँदियाँ]

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 19
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस 20

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘बहू के मायके की आलोचना करना उचित नहीं है इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।।
उत्तर:
कहा जाता है कि बेटियों का असली घर उनका ससुराल होता है। जिसे असली घर बताया जाता है, यानि कि ससुराल, वहाँ अकसर बहू को बेगाना समझा जाता है। ससुराल में बहू को कोई हक नहीं होता कि वह अपनी इच्छा से कुछ कर सके। हर छोटी-बड़ी बात के लिए उसे ससुरालवालों की आज्ञा की आवश्यकता होती है। बहू सबकी इच्छाओं का ख्याल रखती है, सबका सम्मान करती है, पर बहू का सम्मान अकसर नहीं किया जाता। स्थिति तब और भी भयंकर हो जाती है, जब ससुरालवाले समय-असमय बहू के मायके की आलोचना करने लगते हैं।

मायकेवालों ने क्या भेजा है, बहू क्या लाई है? आदि प्रश्न घरवाले ही नहीं, कभी-कभी अड़ोस-पड़ोसवालों की जुबान पर भी आने लगते हैं। लड़केवाले प्रायः समझते हैं कि उनका दर्जा लड़कीवालों से ऊँचा है। बात-बात पर बह के मायकेवालों की उपेक्षा की जाती है। उनमें मीन-मेख निकाली जाती है। परिणामस्वरूप, बहू के मन में ससुराल के प्रति विद्वेष की भावना आ जाती है। हमें बहू के मायकेवालों का सम्मान करना होगा। तभी बहू भी ससुरालवालों को सम्मान देगी। हमेशा उनसे कुछ लेने की अपेक्षा करना उचित नहीं है।

गद्यांश क्र.5
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
एक शब्द में उत्तर लिखिए:
*(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा –
(ii) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी –
उत्तर:
(i) सिरचन ने छोटी चाची से माँगा – गमकौआ जर्दा।
(i) सिरचन की घरवाली ने यह बुनी थी – शीतलपाटी।

प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) सिरचन ने मुस्कराकर पान का बीड़ा मुँह में ले लिया।
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(iii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
उत्तर:
(ii) चाची कई कारणों से जली-भुनी रहती थी सिरचन से।
(ii) बस, सिरचन की उँगलियों में सुतली के फंदे पड़ गए।
(iii) सातों तारे मंद पड़ गए।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न 3.
कारण लिखिए:
(i) मेरा कलेजा धड़क उठा… हो गया सत्यानाश!
(ii) सातों तारे मंद पड़ गए।
उत्तर:
(i) चाची ने सिरचन को बुरी तरह डाँटा था। मैं जानता था कि सिरचन बड़ा स्वाभिमानी है। अब वह मानू की ससुराल के लिए चिक और शीतलपाटी बनाएगा भी या नहीं।
(ii) सिरचन बड़ा स्वाभिमानी था। चाची ने उसे बुरी तरह डाँटा तो वह उस चिक को, जिसे उसने बड़े मन से बनाना शुरू किया था, अधूरी छोड़कर चला गया।

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन काम अधूरा छोड़कर चला गया। क्या यह उचित था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
लेखक की चाची के बुरा-भला कहने पर सिरचन नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला गया। इसे किसी भी प्रकार उचित नहीं कहा जा सकता। सिरचन अच्छी तरह जानता था कि चिक और पटेर की शीतलपाटियाँ मानू के अफसर दूल्हे की फरमाइश पर बनवाई जा रही हैं। मानू उन्हें लेकर ही ससुराल जाएगी। फिर भी उसने काम पूरा . नहीं किया और चला गया। यह सिरचन ने ठीक नहीं किया। उसने एक बार भी नहीं सोचा कि दूल्हे की फरमाइश पूरी न होने की स्थिति में मानू को ताने सुनने पड़ सकते हैं। सास-ससुर व घर के अन्य सदस्यों की नाराजगी का शिकार होना पड़ सकता है। उस समय वह मानू, जिसके प्रति सिरचन के मन में भी स्नेह था, कितनी दुखी होगी। सिरचन का काम अधूरा छोड़कर जाना मुझे उचित नहीं लगा। (विद्यार्थी अपने ३ विचार लिखें।)

गद्यांश क्र. 6
प्रश्न. निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: (आकलन)

प्रश्न 1.
ये वाक्य किसने, किससे कहे हैं? लिखिए:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू?
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी!
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू।
(iv) ये मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी!
उत्तर:
(i) यह भी बेजा नहीं दिखलाई पड़ता, क्यों मानू? – बड़ी भाभी ने मानू से कहा है।
(ii) चाची और मँझली भाभी की नजर न लग जाए इसमें भी! – लेखक ने बड़ी भाभी से कहा है।
(iii) मानू दीदी कहाँ हैं? एक बार देखू। – सिरचन ने लेखक से कहा है।
(iv) यह मेरी ओर से हैं। सब चीजें हैं दीदी! – सिरचन ने मानू से कहा है।

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प्रश्न 2.
वाक्यों को उचित क्रम लगाकर लिखिए:
(i) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।
(ii) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(iii) मानू को ससुराल पहुँचाने में ही जा रहा था।
उत्तर:
(i) मानू कुछ नहीं बोली!… बेचारी!
(ii) मानू को ससुराल पहुँचाने मैं ही जा रहा था।
(iii) मानू फूट-फूटकर रो रही थी।

प्रश्न 3.
दो ऐसे प्रश्न बनाइए, जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
(i) सिरचन ने
(ii) मानू।
उत्तर:
(i) किसने दाँत से जीभ को काटकर दोनों हाथ जोड़ दिए?
(ii) मोहर छापवाली धोती का दाम कौन देने लगी?

कृति 2: (स्वमत अभिव्यक्ति)

प्रश्न.
‘सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति था’ इस विषय में अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
सिरचन भावनाओं से परिपूर्ण व्यक्ति है। वह एक उच्चकोटि का कलाकार है। चिक, शीतलपाटी आदि बनाने में पूरे क्षेत्र में उसका कोई सानी नहीं है। लेखक का परिवार, विशेष रूप से उनकी माँ का सिरचन बहुत आदर करता है। लेखक की माँ भी सिरचन की कला का सम्मान करती है। शायद इसीलिए लेखक की चाची उससे जली-भुनी रहती है। भावुक होने के कारण सिरचन को किसी के द्वारा टोका जाना तनिक भी बर्दाश्त नहीं होता। इसीलिए चाची के बुरा-भला कहने पर वह नाराज होकर काम अधूरा छोड़कर चला जाता है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

परंतु सिरचन जानता है कि चिक, शीतलपाटी आदि सभी चीजों के लिए मानू के अफसर पति ने फरमाइश की थी। उसे मानू से स्नेह था। अतः नाराज होने के बावजूद वह मानू के लिए वे सारी चीजें बनाता है और इतनी सुंदर कि लेखक भी उसकी कारीगरी देखकर दंग रह जाता है। सिरचन स्वयं उन्हें लेकर स्टेशन आता है। मानू जब माँ द्वारा कही गई मोहर छापवाली धोती का दाम सिरचन को देना चाहती है तो वह दोनों हाथ जोड़कर मना कर देता है।

उपक्रम/कृति/परियोजना

प्रश्न.
लेखनीय
लोक कलाओं के नामों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:

  • मधुबनी
  • जादोपाटिया
  • कलमकारी
  • कांगड़ा
  • गोंड
  • चित्तर
  • तंजावुर
  • थंगक
  • पातचित्र
  • पिछवई
  • पिथोरा
  • फड़
  • बाटिक
  • यमुनाघाट
  • वरली।

प्रश्न.
पठनीय
देश की आत्मा गाँवों में बसती है, गांधी जी के इस विचार से संबंधित लेख पदिए तथा इस पर स्वमत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
हमारा देश कृषिप्रधान देश है। यह गाँवों का देश है। भारत की आत्मा गाँवों में बसती है। सरित-सरोवर, झील-जलाशय, विविध विटप, वन-पर्वत, खेत-खलिहान और सहज-स्वाभाविक जीवन शैली सब गाँवों में ही उपलब्ध हो सकती है। आज भी भारत की 65 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या गाँवों में बसती है। परंतु देश के आर्थिक विकास का लाभ गाँववासियों को संख्या के अनुपात में नहीं मिल पाता। आज भी असंख्य गाँव देश की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाए हैं। गाँवों की समस्याएँ चाहे गरीबी हो, सामाजिक हो, पेयजल हो या बिजली, सड़क, शिक्षा आदि हों, इन्हें कभी भी गंभीर रूप से नहीं लिया गया। शहर के निकट बसे गाँवों में तो फिर भी विकास की संभावनाएं बनी रहती हैं, परंतु दूर-दराज के पिछड़े गाँवों के विकास के प्रति प्रशासन का ध्यान ही नहीं जाता। देखा जाए तो गाँवों की प्रगति से ही पूरे देश की प्रगति जुड़ी है, क्योंकि गाँवों से ही हमारी प्रत्येक आवश्यकता अनाज, वस्त्र, कागज, ईंधन, उद्योगों के लिए कच्चा माल आदि की पूर्ति होती है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Solutions Chapter 10 ठेस

प्रश्न.
संभाषणीय
आपकी तथा परिवार के किसी बड़े सदस्य की दिनचर्या की तुलना कीजिए तथा समानता एवं अंतर बताइए।
उत्तर:
मैं दसवीं कक्षा की छात्रा हूँ और उसी स्कूल में पढ़ती हूँ, जहाँ मेरी माँ वाइस प्रिंसिपल हैं और हिंदी की प्राध्यापिका हैं। हम दोनों आठ बजे बस से स्कूल जाते हैं और दो बजे घर लौटते हैं। माँ सुबह जल्दी जगती हैं। नाश्ता और दोपहर का खाना बनाती हैं। मुझे जगाती हैं। स्वयं तैयार होती हैं। फिर हम स्कूल के लिए निकलते हैं। स्कूल से घर आकर मैं कपड़े बदलती हूँ, तब तक माँ खाना गरम करती हैं। खाना खाते समय हम दोनों स्कूल व मेरी पढ़ाई के विषय में बातें करते हैं। उसके बाद हम दोनों लगभग एक घंटा विश्राम करते हैं। चार बजे माँ फिर से काम पर लग जाती हैं।

विद्यार्थियों का गृहकार्य-कक्षाकार्य आदि जाँचना, कभी परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र बनाना और कभी परीक्षा की उत्तर-पुस्तिकाएँ जाँचना, हर दिन माँ के पास स्कूल से संबंधित काम होता ही है। मैं भी उनके पास बैठकर पढ़ती हूँ। छह-साढ़े छह बजे माँ रात के खाने की तैयारी के लिए रसोई में जाती हैं। इस बीच मैं अपनी सहेलियों के साथ कुछ देर खेलने चली जाती हूँ। आठ बजे पिता जी के आने के बाद हम तीनों खाना खाते हैं। उसके बाद मैं पढ़ती हूँ और ग्यारह बजे सो जाती हूँ।

प्रश्न.
श्रवणीय
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योगों की जानकारी रेडियो/दूरदर्शन पर सुनिए और इसके मुख्य मुद्दों को लिखिए।
उत्तर:
महाराष्ट्र में चलाए जाने वाले लघु उद्योग और क्षेत्र:

  • कोल्हापुरी चप्पलें (कोल्हापुर)
  • वरली पेंटिंग (ठाणे)
  • लकड़ी के खिलौने (सावंतवाडी)
  • गंजीफा (सावंतवाडी)
  • चाँदी का काम (हुपरी)
  • बीदरी काम (बीदर)
  • दरी (विदर्भ)
  • बाँस का सामान (रायगड, ठाणे)
  • पीतल के संगीत वाद्य (ताल, झाँझ, घंटे)

ठेस Summary in Hindi

विषय-प्रवेश : कलाकार किसी भी धर्म, जाति और वर्ग का हो, उसे अपनी कला पर अभिमान होता है। वह स्वाभिमान के मूल्य को समझता है और उसकी रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहता है। जाति या धर्म के नाम पर जब उसके स्वाभिमान पर आघात होता है तो वह उसे बरदाश्त नहीं करता।

प्रस्तुत कहानी में सिरचन नामक एक ग्रामीण कलाकार का वर्णन किया गया है। वह मोथी घास और पटेर की रंगीन शीतलपाटी (चटाई), बाँस की तीलियों की झिलमिलाती चिक, सतरंगे डोर के मोढ़े, भूसी-चुन्नी रखने के लिए पूँज की रस्सी के बड़े-बड़े जाले, ताल के सूखे पत्तों की छतरी-टोपी आदि उपयोगी वस्तुएँ बनाता है। ये वस्तुएँ बनाकर वह अपनी आजीविका कमाता है। स्वाभिमानी होने के कारण वह हर परिस्थिति में अपने स्वाभिमान की रक्षा करता है।

Maharashtra Board Class 10 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 1 जय जय हे भारत देशा

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 1 जय जय हे भारत देशा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Kumarbharti Chapter 1 जय जय हे भारत देशा

शब्दार्थ

तपोवन – तपस्व्यांचे वास्तव्य असणारे वन. उजळली – प्रकाशमय झाली. उपनिषदे – वेदांचे सार. नररत्ने – वीरपुरुष, देशभक्त. खाण – भांडार. युग – काही शतकांचा कालखंड. धैर्य – धाडस, हिंमत. छळ – जुलूम. नच – नाहीच. वाकल्या माना – शरणागत. कापरे – भीती. अभिमान – सार्थ गर्व. आत्मशक्ती – स्वबळ, मनाची शक्ती. त्याग – सोडणे. श्रम – कष्ट, मेहनत. धुंद – आनंदाने बेभान. हरित क्रांती – धनधान्याची विपुलता. विश्वशांती – जगामध्ये शांतता नांदणे. कंगाल – दरिद्री. थरारल्या – शहारल्या. झळकत – प्रकाशत. मशाल – मोठी ज्योत. लोकशक्ती – लोकांची एकजूट, एकता. दलितमुक्ती – पीडितांची शोषणापासून सुटका.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 1 जय जय हे भारत देशा

कवितेचा (गीताचा) भावार्थ

हे माझ्या प्रिय भारत देशा, तुझा जयजयकार असो! तू नवीन जगाची आशा आहेस.

तपोवनातून उपनिषदांतील तत्त्वज्ञानाची भाषा प्रकाशमय झाली. तुझ्या मातृभूमीत शूरवीर पुरुषांच्या खाणी जन्माला आल्या; उदयाला आल्या. युगानुयुगे तू जगाला धैर्याची शिकवण दिली आहेस. तू नवीन सूर्याचा तेजस्वी देश आहेस. तू नवीन जगाची प्रेरणा आहेस. तुझा जयजयकार असो.

जुलूम-जबरदस्तीपुढे, मारक शक्तीपुढे आणि छळ करणाऱ्या व्यवस्थेपुढे तू कधी वाकला नाहीस, शरण आला नाहीस. तुझा शूर पराक्रमी स्वाभिमान पाहून अन्यायालाही भीतीचे कापरे भरते. अन्यायाला धडकी भरते. हे आत्मबळाच्या देशा, हे त्यागाच्या नि भक्तीच्या देशा, तुझा विजय असो. तू नवीन जगाची आस आहेस, तुझा जयजयकार असो.

घाम गाळून, कष्ट करून पिकलेली शेते आनंदाने बेहोश होऊन डोलत आहेत. घामाच्या थेंबांतून शेतकऱ्याच्या हृदयातील आनंद ओसंडतो आहे. तू हरितक्रांतीचा देश आहेस, तू विश्वामध्ये शांती नांदवणारा देश आहेस, तुझा विजय असो. तू नवीन जगाची आशा आहेस. हे भारत देशा, तुझा जयजयकार असो.

दैन्य-दारिद्र्याच्या घोर अन्यायाला जाळणाऱ्या मशाली आता पेटून झळाळत आहेत. त्यामुळे भोवताली भुकेकंगालांच्या झोपड्या आनंदाने शहारत आहेत. जनतेची एकजूट असलेल्या, हे लोकशक्तीच्या देशा, तुझा विजय असो. सर्व शोषित-पीडित जनांच्या मुक्तीचा तू देश आहेस. तू नव्या जगाची एकमेव आशा आहेस. हे भारत देशा, तुझा बुलंद जयजयकार असो.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी…

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 2 बोलतो मराठी… Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Kumarbharti Chapter 2 बोलतो मराठी…

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 2 बोलतो मराठी… Textbook Questions and Answers

प्रश्न, पुढील उताश वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार ती करा:

कृती १: (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 2

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 4

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 6

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प्रश्न 2.
विनोद करणाऱ्या नव्याने पुढील वाक्याचा लावलेला अर्थ लिय :
तुम्हांला मी उत्तप्या बनवू का?
उत्तर :
मी तुमचे उत्तायामप्ये गपांतर वर का?

प्रश्न 3.
क्यों वो वाक्यातून विपरीत अर्य व्यक्त होतो. त्यामागील कारण तिहा.
उत्तर :
मराठी शब्दाचा व अर्थ बाजूला साशन त्या शब्दाला असलेला परभाषेतला अर्थ घेऊन वाक्ये तयार केली जातात, त्यामुळे विपरीत अर्थ व्यसा होतो.

उतारा क्र.१ : (पाठापुस्तक पृष्ठ क्र. २)

परवा वर्तमानपत्रात एक विनोद आता सेना.
बायको : “तुम्हांला, मी उत्तप्पा बनयू का?”
नवा : “नको. मी माणूसब टीक आहे. आली मोठी जादूगार !”

आता इथे विनोद निमांग झाला आहे. कारण ‘बनवणे हे क्रियापद निशे शोभणारे नाही. ते हल्ली हिंदी भाषेतून आपल्या स्वयंपाकपरा नको शार्क पुसतं आहे. मराठीत पोळया लारपे, भानी कोहगीत टाकणे, कडी करपे, पान संपणे, कुकर लायगे अशा वेगवेगळ्या क्रियांसाठी वेगवेगळे शब्दप्रयोग आहेत; पण हल्ती सगळे पदार्थ करत ‘बनवते’ जातात. मादीन ‘बनये’ म्हणजे ‘फायगे’ असा अर्थ खरं तर स्व आहे, त्यामुळे माणसायं माझ्ट आणि पुन्हा माकडाचा माणूस बनवणारा जादूगार, विनोद करणाऱ्या नवऱ्याला आठवला, तर आश्चर्य नाही.

मराठी रंगाचे शब्दप्रयोग ही आपल्या भाषेची श्रीमंती आहे. माठीत मारणे हे एक क्रियापद घेतले, ता ते किती वेगवेगळ्या प्रकारे वापरले जाते. हे लक्षात घेण्याजोगी आहे. जसे, गप्पा मारणे, उड्या मारगे, पापा मारणे, दिनकी मारणे, शिट्टी मारणे, पाकीट मारणे, वेवणावर ताव मारणे, (पोहताना) हातपाय मारणे. माझ्या मारपे इत्यादी, ‘मारणे’ भणजे मार देणे’ हा अचं यात कोठेही आलेला नाही. हीच तर भाषेची गंमत असते.

सन्दप्रयोगाप्रमाणे भावना हीदेखील भाषेनी खास शैली असते. ‘यस्ता खाणे ‘मचे वास्ता हा साक्षापदार्थ नाही. हे माहीत आहे ना? तसेच कंतम्नान घालणे’ समाचार युदाणाविषयीच्या यातायामप्ये असतो. कंठस्नान पाणगे महावे गयाखातून ‘अंघोळ थालगे’, असा शब्दशः अ. नाही, ‘घांदयाला यांदा सावणे’ (सहकार्य करणे) आणि ‘खांदा देणे’ (प्रेताला खांदा देणे) यांतला फरकही लक्षात घ्यायला कदा, एकाऐवजी दुसरे क्रियापद वापरले, तर अर्थाचा अर्थ होईल. अशी अनेक उदाहरणे देता येतील. त्यासाठी शब्दकोश वापरम्पाची सकप कापला की, ‘अक्कलवान’ म्हणजे शार; पण ‘अकलेचा कांदा’ म्हणजे ‘अतिशहाणा’ हे माहीत नसेल, तर कोण आपले खो कौतुक करतोय की फिरकी घेतोय, हेच आपल्याला कळणार नाही.

क्रियापद बापाताना त्यापूर्वी नामाला कोमता प्रत्यप लावायचा असतो, हे नीट माहीत नाले तरीदेखील अर्थाचा गोंधळ होतो. उदा., अंगाला लावणे आणि अंगावर घेणे, शिला हसगे (तिची नेष्टा करणे या अर्थी) आणि तिच्याशी हसणे (सहजपणे हमाणे) गांन प्रत्यय महत्त्वाचा आहे. हल्ली सार्वजनिक समारंभांमध्ये आगि वाहिन्यांवर प्रत्ययांची जागा अनेकदा कुकलेली असते. उदा., “तुझी मदत करणे’ याऐवजी ‘तुला मदत करणे’ हवे. “न्यांचे पन्यवाद’ पाऐवजी त्यांना पन्यवाद” असे म्हणायला हवे.

पायेमध्ये अनेक शब्द सतत पेत असतात, कारण तो नदीसारखी प्रणाली असते. आपणही संगणकासंबंधी अनेक नवे इंग्रजी शब्द मातत्याने आत्मसात केले आहेत. मराठीने आजवर संस्कृत, फारसी, अरबी, कन्नड़, इंग्रजी अशा अनेक भाषांमपले शब्द आपले मानले आहेत. ‘टेबल’ हा शब्द आता आपल्याला पाका वाटत नाही; पण गरज असताना इतर भाषांमपले शब्द आणि नेही जैं केली’ म्हणण्यातून काय नवीन अर्थ करतो? लाऐवजी ‘मी अभ्यास केला’ मम चोय नाही का?

नोंद : प्रस्तुत पुस्तकातील स पहिष्णा कृति-स्वाध्याय आहे. लामुळे या पाठातील स्वाध्यायात संपूर्ण वारा दिलेला आहे. यापुढे | मात्र प्रत्येक पाठातील स्वाध्यापांत संपूर्ण मारा न देता सान्याचे सुरवातीचे काही शब्द व शेवटचे काही शब्द दिलेले आहेत. विद्याभ्यांनी पाठयपुस्तकातून पूर्ण उतारा वाचावा.

मीक्षेत १३० ते १५० शब्दांचा उतारा दिला जाईल. इये विवाथ्यांच्या सोयीसाठी थोडा मोठा सारा दिलेला आहे. कारण त्यामुळे अधिक कृती देता येणे शक्य झाले आहे.

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कृती २ : (आवलन)

प्रश्न 1.
उताऱ्याच्या आधाने पुढील चोवटी पूर्ण करा :
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उत्तर :
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प्रश्न 2.
हल्ली आढळून पेणाऱ्या आपल्या लोकांच्या दोन चुकीच्या भाषिक सक्यो सांगा.
उत्तर :

  • वेगवेगळ्या कृतांसाठी वेगवेगळे शब्द वापरात असताना, स्या कोंसाठी केवळ एकच शब्द बोलला जातो.
  • गरज नसताना अन्य भाषांतील शब्दांचा वापर केला जातो.

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
वेगवेगळ्या अर्थछटा व्यक्त करण्यासाठी चापाले नागारे तुम्हांला माहीत असलेले क्रियापद सोदाहरण लिहा. (फमा ४ अर्थछटा)
उत्तर :

  • महापालिकेने एकान दिवसात तीनशे बेकायदेशीर यांपकामे पाडलि.
  • छपरावर वाळत घातलेले पापड कानळ्यांनी खालि पाडले.
  • चक्कीवरून दळण आणताना गोपू पीच पाहत पाहतच घरी आला.
  • विरोधी पक्षाच्या उमेदवाराने मंत्र्याला प्रचंड बहुमानाने पाडले.

प्रश्न 2.
‘वाटणे’ हे क्रियापद नापल नेगवेगळ्या अर्थाची दोन वाक्ये तपार कता.
उत्तर :

  • मी केलेल्या त्या नुकीनी मला साल वाटली. (बाटणे : भावना जापत्य)
  • पास झाल्याबद्दल रश्मीचे पेढे वारले. (वाटणे : देण्याची कृती)

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कृती ४ : (स्वयत/ अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
भाषा सतत बदलत असले, याची कारणमीमांसा दया.
उत्तर :
एखाच्या परिस्तात राहणाव्या लोगांचा एक समाज बनतो. त्यांची पापा एकच असते. विख्यातले शब्द, वाश्य पढवण्याचे नियम हे ती भाषा बोलणाऱ्या सगळयांना ठाऊक असतात. मात्र, प्रत्येक पिढीमध्ये त्या त्या ठिकागाच्या भाषेमध्ये यूक्ष्मपणे बदला सेन जसजसा लोकांचा विकास होतो, तसतशी त्यांची भाषामुपा विकसित होत जाते. आधुनिक काळात अनेक गमार एकमेकांच्या अबळ नांदतात. एकमेकांत मिसळतात. या मेगवेगळ्या समाजांचा प्रभाव एकमेकांच्या भाषेवर पडतो. प्रांक भाषा अशी बदलत राहते. म्हणून कोणतीही भाषा कपीही स्थिर नलो. तीन सातवाने बदल होत राहतो. काळ बदलतो, तशी लोकांची जगण्याची रीन बदलते.

त्यामुळे भाषेतले शब्द बदलतात. जुने शब्द लोप पावतात, जवान शब्दांची भर पडते. अन्य भाषांमपीत शब्द-संकल्पना स्थानिक भाषेत सामावले जातात, स्थानिक भाषेतील शब्द-संकल्पना अन्य भाषांमध्ये शिरतात. अशा प्रकारे प्रत्येक भाषा प्रत्येक क्षणी बदलत असते.

प्रश्न 2.
स्वत:च्या भाषेवर प्रभुत्व मिळवणे म्हणजे स्वा:च्या भाषेचा सन्मान करणे होय’, हे विधान समजावून सांगा.
उत्तर :
स्वत:च्या भाषेवा सन्मान आपण कसा करणार? सर्वात प्रथम म्हणजे मी माझी स्वाःची भाषा उत्तम रितीने आत्यपान कौन. माझे सन विचार, भावना माझ्या भाषेत कसोशीने व्यक्त करम्पाना प्रयत्न कनीन, माझी भाषा उत्तम येण्यासाठी मी माझ्या भाषेतील वर्तमानपत्रे, नियतकालिके पांचे नियमित वाचन करीन. माझ्या पायेतीत अनमोलन साहित्याचा आस्वाद घेत रडीन, भाषा चांगल्या रितीने आत्मपान करण्यासाठी शब्दकोश, व्युत्पत्ती कोश यांसारख्या पोशांचा वेळोवेळी मनापासून उपयोग करीत. यामुळे माझे माझ्या भाषेवरील प्रमुख वाडेल. अशा प्रकारे स्वत:च्या भाषेवरीत प्रभुत्व बाहरणे म्हणजे त्या भाषेचा सन्मान करणे होय.

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या मूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा:
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उत्तर :
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प्रश्न 2.
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उत्तर :
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प्रश्न 3.
पाठाच्या आधारे पुढील चौकी पूर्ण करा :
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उत्तर :
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कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
कंसातील योग्य शब्द योजून रिकाम्या चौकटी भरा :
(कलेवर, सूतकताई, पुण्यात, मोरांबा)
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उत्तर :
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प्रश्न 2.
लेखिकांच्या मते, भाषेवरील प्रेमासाठी पुढील कृती केल्या पाहिजेत :
(i) …….. (ii) ……… (iii) ………. (iv) ……….
उत्तर :
(i) भाषेतली शक्तिस्थळे जाणून घेतली पाहिजेत.
(ii) भाषेचा योग्य सन्मान राखायला हवा.
(iii) भाषेशी जिव्हाळ्याचे नाते राखायला हवे.
(iv) भाषेचे ज्ञानही मिळवायला हवे.

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
‘सम + आरंभ = समारंभ’ या प्रकारातील संधीची आणखी दोन उदाहरणे लिहा.
उत्तर :
(i) अन् + आदर = अनादर
(ii) सत् + आचार = सदाचार

प्रश्न 2.
‘शब्दरूपे’ या प्रकारच्या समासाची दोन उदाहरणे विग्रहासह लिहा.
उत्तर :
(i) शालागृह : शाळेचे गृह, षष्ठी तत्पुरुष.
(ii) विद्यार्थिदशा : विदयार्थ्याची दशा, षष्ठी तत्पुरुष.

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कृती ४ : (स्वमत / अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
लेखिकांनी मराठी भाषेचा केलेला सन्मान तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तर :
लेखिकांनी मराठी भाषेला श्रीमंत म्हटले आहे. होय, माझी मराठी श्रीमंत आहे. मला या गोष्टीचा प्रचंड अभिमान वाटतो.

माझ्या भाषेकडे बारकाईने पाहा. विविध ढंगांचे शब्दप्रयोग ही माझ्या भाषेची खासियत आहे. अनेकदा एकच शब्द अनेकानेक अर्थछटा प्रकट करतो. ‘चालणे’ हे साधे क्रियापद बघा. प्रत्यक्ष पायांनी चालणे या अर्थाशिवाय आणखी अनेक अर्थछटा ‘चालणे’ या क्रियापदादवारे व्यक्त करता येतात. उदाहरणार्थ, लुट्लट्र चालणे, लबाडी चालणे, नोटा-नाणी चालणे, एखादे तत्त्व चालणे, एखादया रितीनुसार चालणे, घड्याळ चालणे वगैरे वगैरे. अशी किती वाक्ये सांगू? वाक्प्रचार हा माझ्या भाषेचा खास गोडवा आहे. माझ्या भाषेने अनेक भाषांमधील शब्द स्वत:च्या हृदयात सामावून घेतले आहेत. म्हणून माझी भाषा अधिकाधिक श्रीमंत होत चालली आहे.

प्रश्न 2.
मराठी भाषेबद्दलच्या तुमच्या भावना स्पष्ट करा.
उत्तर :
आपण सर्वजण सतत एकमेकांना काहीतरी सांगण्याचा प्रयत्न करतो. म्हणजे आपले मनच आपण इतरांसमोर प्रकट करीत असतो. याचा अर्थ, कोणतीही भाषा म्हणजे ती बोलणाऱ्या माणसांचे मन असते.

आपले समृद्ध जीवन आपल्या भाषेत व्यक्त होते तेव्हा ती भाषा समृद्ध होते. पण हे असे केव्हा होईल? तर जेव्हा माझे मन मी पूर्णांशाने, अगदी बारीक-सारीक तपशिलांसह माझ्या भाषेत व्यक्त करू शकेन तेव्हाच. अशा प्रकारे मन व्यक्त करण्याचे सामर्थ्य माझ्या भाषेत नक्कीच आहे. माझ्या भाषेत खास मराठी वळणाचे शब्दप्रयोग आहेत. वाक्प्रचार ही तर माझ्या मराठीची खासियत आहे. अनेकदा एकच शब्द अनेक अर्थछटा सहज प्रकट करू शकतो. माझ्या भाषेत अनेक भाषांमधील शब्द सामावले गेले आहेत. त्यामुळे मी माझे सर्व भाव खुलवून मांडू शकतो. सूक्ष्मपणे मांडू शकतो. इतकी श्रीमंत भाषा ही माझी भाषा आहे, हे माझे भाग्यच आहे.

प्रश्न 3.
‘तुम्ही शहाणे आहात,’ या वाक्यातील ‘शहाणे’ या शब्दाच्या अर्थछटा लिहा.
उत्तर :
‘तुम्ही शहाणे आहात,’ असे अनेकदा म्हटले जाते. त्या वेळी ऐकणाऱ्याच्या समजूतदारपणावर, त्याच्या विवेकावर बोलणाऱ्याचा विश्वास असतो. आई आपल्या मुलांना हे उद्गार ऐकवते, तेव्हा तिच्या मनात आपल्या मुलांबद्दल अशीच खात्री असते.

मात्र प्रत्येक वेळेला ‘तुम्ही शहाणे आहात,’ या वाक्याचा असा सरळ, प्रांजळ व निष्कपट अर्थ असतोच, असे नाही. काही व्यक्ती मुळातच लबाड असतात. चूक लपवण्यासाठी बुद्धीचा दुरुपयोग करतात. कधी कधी तर काही माणसांना खरोखरच साधी, सोपी गोष्टही कळत नाही. कितीही समजावून सांगितले, तरी त्यांना ते समजतच नाही. मग त्यांना ‘तुम्ही शहाणे आहात,’ असे ऐकवावे लागते. येथे ‘शहाणे’ हा शब्द वापरलेला असला तरी आपण मनातल्या मनात ‘तुम्ही मूर्ख आहात,’ असेच म्हणत असतो.

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प्रश्न 4.
गरज नसताना इतर भाषांमधील शब्द वापरून बोलू नये,’ या लेखिकेच्या मताबाबत तुमचे मत सोदाहरण लिहा.
उत्तर :
परभाषेतून आपल्या भाषेत अनेक नवीन शब्द आले आहेत, ते केव्हाच मराठी झाले आहेत. ते मराठी शब्द नाहीत, अशी कोणाला शंकाही येणार नाही.

मात्र काही वेळा परभाषेतील शब्द अकारण वापरले जातात. आणि तेसुद्धा आपल्या भाषेत त्यासाठी अत्यंत सार्थ, समर्पक शब्द असताना! अलीकडे “ती पिवळीवाली दया,” “तो पांढरावाला पट्टा दाखवा’ अशी वाक्ये सर्रास ऐकू येतात. वास्तविक पाहता ‘पिवळी बॅग’ आणि ‘पिवळीवाली बॅग’ यांत कोणता फरक आहे? ‘पिवळी बॅग’ या शब्दप्रयोगातून आधीपासूनच योग्य अर्थ व्यक्त होत असताना ‘पिवळीवाली’ हा नवीन शब्दप्रयोग का करावा? मराठीत आपण असे बोलतच नाही. मराठीत ‘वाला’ हा प्रत्यय फक्त नामाला जोडला जातो. “पिवळी’ हे विशेषण आहे. मराठीत विशेषणाला किंवा सर्वनामाला ‘वाला’ हा प्रत्यय जोडण्याची प्रथाच नाही. शिवाय त्या नवीन शब्दप्रयोगाने अर्थामध्ये कोणतीही भर पडत नाही. म्हणून गरज नसताना परभाषेतील शब्द वापरून बोलू नये, हे लेखिकांचे मत योग्यच आहे.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

अ. व्याकरण घटकांवर आधारित कृती:

समास

समासात कमीत कमी दोन शब्द असतात. हे दोन शब्द एकत्र करून जो जोडशब्द तयार होतो, त्यास सामासिक शब्द म्हणतात. या सामासिक शब्दाची फोड करून दाखवणाऱ्या पद्धतीला विग्रह म्हणतात.
उदा., शब्द + शब्द = सामासिक शब्द – विग्रह
(१) प्रति + दिन = प्रतिदिन – प्रत्येक दिवशी
(२) विदया + आलय = विदयालय – विदयेचे आलय (घर) .
(३) राम + लक्ष्मण = रामलक्ष्मण – राम आणि लक्ष्मण
(४) नील + कंठ = नीलकंठ – निळा आहे ज्याचा कंठ तो (शंकर)

समासाचे प्रकार :
1. समासातील शब्दांना ‘पद’ म्हणतात.
पहिला शब्द → पहिले पद.
दुसरा शब्द → दुसरे पद. समासातील कोणते पद महत्त्वाचे किंवा प्रधान आणि कमी महत्त्वाचे किंवा गौण आहे, यावरून समासाचे चार प्रकार पडतात. [प्रधान पद +/गौण पद -]

समासाचे चार मुख्य प्रकार होतात :
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[या इयत्तेत आपल्याला अव्ययीभाव, तत्पुरुष (विभक्ती व द्विगू) आणि द्वंद्व हे समास शिकायचे आहेत.]

(१) अव्ययीभाव समास :

  • ज्या समासातील पहिले पद प्रधान असते व सामासिक – शब्द क्रियाविशेषण अव्ययाचे कार्य करतो, त्यास अव्ययीभाव समास म्हणतात.

उदा., आजन्म, दररोज, बिनचूक, यथाशक्ती, बेशिस्त, दारोदार, प्रतिदिन इत्यादी.

(२) तत्पुरुष समास :
(१) विभक्ती तत्पुरुष :
ज्या समासातील दुसरे पद प्रधान असून, ज्या सामासिक शब्दांमधील विभक्ती प्रत्यय गाळलेले असतात, त्यास विभक्ती तत्पुरुष समास म्हणतात.
उदा., तोंडपाठ (तोंडाने पाठ), क्रीडांगण (क्रीडेसाठी अंगण), विदयालय (विदयेचे आलय), घरकाम (घरातील काम) इत्यादी.

(२) द्विगू समास :
ज्या समासातील दुसरे पद प्रधान असून, पहिले पद संख्याविशेषण असते, त्यास द्विगू समास म्हणतात. उदा., त्रिभुवन, चौकोन, पंचपाळे, दशदिशा, नवरात्र इत्यादी.

(३) वंद्व समास :
ज्या समासातील दोन्ही पदे प्रधान असतात, त्यास द्वंद्व समास म्हणतात.
उदा., आईवडील, खरेखोटे, केरकचरा इत्यादी.
द्वंद्व समासाचे प्रकार :
(१) इतरेतर द्वंद्व : ज्या सामासिक शब्दाचा विग्रह करताना ‘आणि’, ‘व’ या उभयान्वयी अव्ययांचा उपयोग करतात, त्यास इतरेतर द्वंद्व समास म्हणतात. उदा., आईवडील (आई आणि वडील); रामलक्ष्मण (राम आणि लक्ष्मण)

(२) वैकल्पिक वंद्व : ज्या सामासिक शब्दाचा विग्रह करताना ‘किंवा’, ‘अथवा’ या उभयान्वयी अव्ययांचा वापर केला जातो, त्यास वैकल्पिक वंद्व समास म्हणतात. (यात बहुधा परस्परविरोधी पदे असतात.) उदा., खरेखोटे (खरे किंवा खोटे), सुखदुःख (सुख किंवा दुःख) इत्यादी.

(३) समाहार वंद्व : ज्या सामासिक शब्दात अनेक गोष्टींचा समावेश असतो व ज्याचा विग्रह करताना ‘वगैरे, इतर’ या शब्दांचा वापर केला जातो, त्यास समाहार दवंदव समास म्हणतात. उदा., गप्पागोष्टी (गप्पा, गोष्टी वगैरे), मीठभाकर (मीठ, भाकर व इतर पदार्थ) इत्यादी.

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१. समास :
पुढील सामासिक शब्दांचा विग्रह करा :
प्रश्न 1.
आजन्म
उत्तर:
आजन्म – जन्मापासून

प्रश्न 2.
मोरपीस
उत्तर :
मोरपीस – मोराचे पीस

प्रश्न 3.
त्रिभुवन
उत्तर :
त्रिभुवन – तीन भुवनांचा समूह

प्रश्न 4.
खरेखोटे
उत्तर :
खरेखोटे – खरे किंवा खोटे

प्रश्न 5.
विटीदांडू .
उत्तर :
विटीदांडू – विटी आणि दांडू

प्रश्न 6.
गुरेवासरे.
उत्तर :
गुरेवासरे – गुरे, वासरे वगैरे.

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२. शब्दसिद्धी :

प्रश्न 1.
‘अति’ हा उपसर्ग लागलेले चार उपसर्गघटित शब्द लिहा.
उत्तर :

  • अतिशहाणा
  • अतिसुंदर
  • अतिआनंद (अत्यानंद)
  • अतिआवश्यक (अत्यावश्यक).

प्रश्न 2.
‘वान’ हा प्रत्यय लागलेले चार प्रत्ययघटित शब्द लिहा.
उत्तर :

  • गुणवान
  • धनवान
  • गाडीवान
  • अक्कलवान.

प्रश्न 3.
सामान्यरूप :
पुढील शब्दांतील सामान्यरूपे ओळखा :
(i) भाषेची
उत्तर :
भाषे

(ii) घरात (मार्च ‘१९)
उत्तर :
घरा

(iii) विनोदाने
उत्तर :
विनोदा

(iv) महोत्सवाला
उत्तर :
महोत्सवा

(v) जिभेला (मार्च ‘१९).
उत्तर :
जिभे.

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प्रश्न 4.
वाक्प्रचार :
वाक्प्रचार व अर्थ यांच्या जोड्या लावा :
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उत्तर :
(i) खांदयाला खांदा लावणे – सहकार्य करणे.
(ii) कंठस्नान घालणे – ठार मारणे.
(iii) माश्या मारणे – निरुदयोगी असणे.
(iv) खस्ता खाणे – खूप कष्ट उपसणे.

आ. भाषिक घटकांवर आधारित कृती

१. शब्दसंपत्ती :

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिहा :
(i) कंठ
उत्तर :
कंठ = गळा

(ii) मयूर
उत्तर :
मयूर = मोर

(iii) नदी
उत्तर :
नदी = सरिता

(iv) पाऊस.
उत्तर :
पाऊस = पर्जन्य.

प्रश्न 2.
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उत्तर :
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प्रश्न 3.
पुढे दिलेल्या अनेकवचनी नामांचे एकवचनी रूप लिहून त्यांचा वापर करून प्रत्येकी एक वाक्य तयार करा :
(i) रस्ते
उत्तर :
रस्ते – रस्ता.
वाक्य : डोंगरावरचा रस्ता वळणदार आहे.

(ii) वेळा
उत्तर :
वेळा – वेळ.
वाक्य : परीक्षेची वेळ जवळ आली.

(iii) भिंती
उत्तर :
भिंती – भिंत.
वाक्य : रंग लावलेली भिंत छान दिसते.

(iv) विहिरी
उत्तर :
विहिरी – विहीर.
वाक्य : आमची विहीर खूप खोल आहे.

(v) घड्याळे
उत्तर :
घड्याळे – घड्याळ.
वाक्य : बाबांनी मला नवीन घड्याळ आणले.

(vi) माणसे.
उत्तर :
माणसे – माणूस.
वाक्य : पावसात एकही माणूस घराबाहेर पडला नाही.

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प्रश्न 4.
गटात न बसणारा शब्द ओळखून चौकट पूर्ण करा :
(i) ऐट, डौल, रूबाब, चैन.
उत्तर :
चैन

(ii) कपाळ, हस्त, ललाट, भाल.
उत्तर :
हस्त

(iii) विनोद, नवल, आश्चर्य, विस्मय.
उत्तर :
विनोद

(iv) संपत्ती, संपदा, कांता, दौलत.
उत्तर :
कांता

(v) प्रख्यात, प्रज्ञा, नामांकित, प्रसिद्ध.
उत्तर :
प्रज्ञा

प्रश्न 5.
पुढील शब्दसमूहाबद्दल एक शब्द लिहा :
(i) पसरवलेली खोटी बातमी
उत्तर :
अफवा

(ii) ज्याला मरण नाही असा
उत्तर :
अमर

(iii) समाजाची सेवा करणारा
उत्तर :
समाजसेवक

(iv) संपादन करणारा
उत्तर :
संपादक

प्रश्न 6.
पुढील शब्दांतील अक्षरांपासून चार अर्थपूर्ण शब्द लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 22
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 23

प्रश्न 7.
लेखननियम :
अचूक शब्द ओळखा :
(i) भाशातज्ञ/भाषातज्ञ/भाषातज्ज्ञ/भाशातज्ज्ञ.
उत्तर :
भाषातज्ज्ञ

(ii) साहित्यिक/साहीत्यिक/साहित्यीक/साहीत्यीक. उत्तरे :
उत्तर :
साहित्यिक.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी…

प्रश्न 8.
विरामचिन्हे :
पुढील विरामचिन्हे ओळखा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 24
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी… 25

प्रश्न 9.
पारिभाषिक शब्द :
पुढील इंग्रजी पारिभाषिक शब्दांना मराठी प्रतिशब्द लिहा :
(i) Event
उत्तर :
घटना

(ii) Drama
उत्तर :
नाटक

(iii) Yard
उत्तर :
आवार

(iv) Mobile
उत्तर :
भ्रमणध्वनी

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 2 बोलतो मराठी…

प्रश्न 10.
अकारविल्हे/भाषिक खेळ :
पुढील शब्द अकारविल्हेनुसार लिहा :
(i) भाषा → मराठी → क्रियापद → भाव.
उत्तर :
क्रियापद → भाव → भाषा → मराठी.

(ii) गणित → भूगोल → भाषा → इतिहास (मार्च ‘१९).
उत्तर :
इतिहास → गणित → भाषा → भूगोल.

बोलतो मराठी… शब्दार्थ

  • व्युत्पत्ती – शब्दाचे मूळ शोधण्याचे शास्त्र.

बोलतो मराठी… वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ

  • पाकीट मारणे : पैशाचे पाकीट शिताफीने चोरणे.
  • ताव मारणे : भरपूर खाणे.
  • माश्या मारणे : रिकामटेकडेपणाने वेळ घालवणे.
  • खस्ता खाणे : खूप कष्ट करणे.
  • कंठस्नान घालणे : गळा कापून ठार मारणे.
  • खांदयाला खांदा लावणे : सहकार्य करणे.
  • खांदा देणे : प्रेत वाहून नेण्यात सहभागी होणे.
  • अकलेचा कांदा असणे : अतिशहाणा असणे.
  • एखाद्याला हसणे : एखादयाची थट्टा करण्याच्या हेतूने हसणे.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Kumarbharti Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Balbharti Maharashtra State Board Class 10 Marathi Solutions Kumarbharti Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 10 Marathi Kumarbharti Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Marathi Kumarbharti Std 10 Digest Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Textbook Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा :
(i) स्वत:च्या कपाळावरचे गोंदण दिसू नये, म्हणून आजी —————
उत्तर :
स्वत:च्या कपाळावरचे गोंदण दिसू नये, म्हणून आजी कपाळावर बुक्का लावत असे.

(ii) वर्ष-दीड वर्षाने जन्मणाऱ्या वासरांमध्ये एकाआड एक खोंड नक्की असे, म्हणून —————–
उत्तर :
वर्ष-दीड वर्षाने जन्मणाऱ्या वासरांमध्ये एकाआड एक खोंड नक्की असे, म्हणून दावणीला कायम कपिलीचे बैल असत.

(iii) सुनांनी चहा करून पिऊ नये, म्हणून —————-
उत्तर :
सुनांनी चहा करून पिऊ नये, म्हणून ढाळजेतून सोप्यात येऊन आजी सक्त पहारा करायची.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
पुढील मुद्द्यांच्या आधारे आजीचे शब्दचित्र रेखाटा :

(i) आजीचे दिसणे : ——————–
उत्तर :
आजीचे दिसणे : आजीला साडेपाच फूट उंची लाभली होती. तिचा वर्ण गोरा होता. उन्हापावसामुळे तिची त्वचा काळपटली होती. आजीच्या वयाची माणसे कमरेत वाकतात. त्यामुळे चालताना काठी घ्यावी लागते. पण आजी अजूनही ताठ कण्याने चालत होती. अजूनही तिचे सगळे दात शाबूत होते. डोक्यावरचे सगळे केस पिकले होते.

(ii) आजीची शिस्त : ——————–
उत्तर :
आजीची शिस्त : आजीची शिस्त कडक होती. सगळ्यांना सगळी कामे करता आली पाहिजेत, असा तिचा कटाक्ष होता. तिने कामांची वाटणी केली होती. ती कामे आजी सर्व सुनांना आलटूनपालटून करायला लावी. दुपारच्या कामांचेही तिने नियोजन केलेले असे. सुनांनी मुलांच्या बाबतीत आपपरभाव करू नये म्हणून मुलांना खाऊपिऊ घालताना आजीचा सक्त पहारा असे. गल्लीतल्या बायका दुपारी गप्पागोष्टींना येत असत. त्या वेळी ती बायकांनी सांगितलेल्या गोष्टींची शहानिशा करीत असे.

(iii) आजीचे सौंदर्य : —————-
उत्तर :
आजीचे सौंदर्य : आजीचे वय आता सत्तर वर्षांचे होते. उन्हापावसामुळे आजीची त्वचा रापली होती. पण तिचा मूळ गोरा वर्ण लपत नव्हता. तिचे दात मोत्यांसारखे चमकत होते. विशाल कान व धारदार नाक यांनी आजीच्या सौंदर्यात भर पडत होती. चेहऱ्यावर सुरकुत्या पडल्या तरी तिच्या सौंदर्यात उणेपणा आला नव्हता.

(iv) आजीचे राहणीमान : ————-
उत्तर :
आजीचे राहणीमान : त्या काळात इरकली लुगडे उच्च राहणीमानाचे लक्षण होते. हिरव्या व लाल रंगांची नऊवारी इरकली लुगडी व अंगात चोळी हा तिचा पेहराव असे. कपाळावरचं गोंदण दिसू नये म्हणून त्यावर ती बुक्का लावी. ती नेहमी नाली ठोकलेल्या जुन्या वळणाच्या वहाणा वापरत असे.

प्रश्न 3.
चूक की बरोबर सांगा :
(i) राहिलेली अर्धी चरवी घरात आली, की म्हातारी ढाळजंतनं सोप्यात. अवतरायची.
उत्तर :
बरोबर

(ii) आजीच्या डोक्यावरील सर्व केस पांढरे होते……………….
उत्तर :
बरोबर

(iii) सुनांच्या कामाबाबत आजी फारशी काटेकोर नसायची.
उत्तर :
चूक.

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
विधाने पूर्ण करा :
(i) मुलांनी भरपूर खावे-प्यावे व त्यांची आबाळ होऊ नये, म्हणून —————-
उत्तर :
मुलांनी भरपूर खावे-प्यावे व त्यांची आबाळ होऊ नये, म्हणून आजी त्यांना धपाटे घालून घालून खायला घाली.

(ii) प्रत्येक सुनेला प्रत्येक काम आलेच पाहिजे, असा आजीचा आग्रह होता, म्हणून ती ——–
उत्तर :
प्रत्येक सुनेला प्रत्येक काम आलेच पाहिजे, असा आजीचा, आग्रह होता, म्हणून ती रोटेशनप्रमाणे काम बदलत जाई.

(iii) मुलांना दूध प्यायला देण्याबाबत सुना आपपरभाव करतील, अशी भीती आजीला वाटे, म्हणून ————–
उत्तर :
मुलांना दूध प्यायला देण्याबाबतं सुना आपपरभाव करतील, अशी भीती आजीला वाटे, म्हणून ती मुलांना गोठ्यातच दूध प्यायला लावी.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
पुढीलपैकी चुकीची वाक्ये दुरुस्त करून बरोबर वाक्ये व दुरुस्त केलेली वाक्ये पुन्हा लिहा :
(i) दुपारची कामे आटोपून आजी ढाळजेत यायची.
उत्तर :
दुपारच्या कामांचे नियोजन करून आजी ढाळजेत यायची.

(ii) गाईने पान्हा सोडला की वासराला सोडायचे.
उत्तर :
गाईने पान्हा सोडला की वासराला धरून ठेवायचे.

(iii) आजीच्या घरी एक गावरान गाय होती.
उत्तर :
आमच्या घरी एक गावरान गाय होती.

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
पुढील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधून अधोरेखित करा :
(i) आजीच्या छत्रछायेखाली आमचे सर्व कुटुंब गुण्यागोविंदाने नांदत होते.
उत्तर :
आजीच्या छत्रछायेखाली आमचे सर्व कुटुंब गुण्यागोविंदाने नांदत होते.

(ii) सत्तरीनंतरही आजीच्या हातात काठी आली नव्हती.
उत्तर :
सत्तरीनंतरही आजीच्या हातात काठी आली नव्हती.

प्रश्न 2.
पुढील अधोरेखित शब्दांच्या जाती ओळखा आणि त्यांचे उपप्रकार लिहा :
(i) चार घरच्या चार सुना नांदायला आल्या.
उत्तर :
चार : विशेषण. संख्यावाचक विशेषण.
सुना : नाम. सामान्य नाम.
आल्या : क्रियापद. अकर्मक क्रियापद.

(ii) प्रत्येकीला काम आलंच पाहिजे.
उत्तर :
काम : नाम. भाववाचक नाम.

(iii) आजीला एकाही सुनेचा भरवसा नव्हता.
उत्तर :
ही : शब्दयोगी अव्यय.
भरवसा : नाम. भाववाचक नाम.

(iv) आमच्या घरी एक गावरान गाय होती.
उत्तर :
एक : विशेषण. संख्यावाचक विशेषण.
गावरान : विशेषण. गुणवाचक विशेषण.
गाय : नाम. सामान्य नाम.

कृती ४ : (स्वमत / अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
तुम्हांला आठवत असलेला किंवा तुमच्या आईबाबांनी सांगितलेला तुमच्या लहानपणचा एखादा प्रसंग लिहा.
उत्तर :
मी लहान होतो तेव्हा सकाळी उठलो की, दात घासून, तोंड धुऊन मी तडक रानातल्या आमच्या वाड्याकडे धावत सुटायचो. कोकणात गुरांच्या गोठ्याला वाडा म्हणतात. तेथे माझे आजोबा माझी वाटच बघत असत. दरदिवशी ते माझ्यासाठी एक तांब्याएवढे मडके भरून दूध गरम करून ठेवत. मी गेलो की, घटाघटा ते दूध पीत असे. त्यानंतर त्या मडक्याला चिकटलेली साय खरवडून खाणे हा माझा मोठा आनंदाचा भाग असे. माझ्या या अखंडित दिनक्रमामुळे कोणत्या गाई-म्हशीचे दूध कोणत्या चवीचे आहे, हे मी सहज ओळखू शकतो. दुधाला एक स्वत:चे माधुर्य असते. दूध पिताना लोक दुधात साखर का घालतात, हे मला अजून कळलेले नाही.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

Marathi Kumarbharti Class 10 Textbook Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ Additional Important Questions and Answers

प्रश्न. पुढील उतारा वाचा आणि दिलेल्या सूचनांनुसार कृती करा :

कृती १ : (आकलन)

प्रश्न 1.
एका शब्दात उत्तर लिहा : (मार्च १९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 2

प्रश्न 2.
आकृती पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 4

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 5
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 6

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 7
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 8

(iv)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 9
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 10

कृती २ : (आकलन)

प्रश्न 1.
दुपारच्या वेळी रूढ खेळांखेरीज मुले ज्या गमतीजमती करीत, त्या लिहा.
उत्तर :

  • वडाच्या पारंब्यांना लटकत, लोंबत राहायचे आणि पारंब्यांच्या टोकाला फुटलेली पिवळी पालवी खात बसायचे.
  • देवळातली घंटा वाजवाजवून झोपलेल्यांची झोपमोड करायची.
  • विहिरीत मनसोक्त पोहायचे.
  • शिवणापानी खेळायचे.
  • हातपाय पोटाशी आवळून घेऊन शरीराचे मुटके करून विहिरीत धडादिशी उड्या घ्यायची.
  • ओल्या अंगाने मातीत लोळायचे आणि पुन्हा पाण्यात इंबायचे आणि शेवटी थकून भागून घरी जायचे.

[टीप : परीक्षेत कोणतीही दोन किंवा चार नावे लिहायला सांगितली जाऊ शकतात.]

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 2.
बालपणी लाभलेल्या रानमेव्यांची नावे सांगा. (कोणतीही चार नावे लिहा.)
उत्तर :

  • गाभोळ्या चिंचा, मिठाचे खडे व कच्च्या कैऱ्या, बोरे, चिंचेची कोवळी पाने.
  • उंबर, ढाळे, भाजलेली कणसे, हुरडा.
  • कच्ची वांगी, गवार, टोमॅटो, शहाळे.
  • कलिंगड, शिंगाडे (चिबूड), करडीची भाजी, ज्वारीचे कणीस.
  • कवठ, तुरी-मटकीच्या शेंगा, उकडलेल्या शेंगा, कुळथाचे पिठले.

प्रश्न 3.
आकृत्या पूर्ण करा :
(i)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 11
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 12

(ii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 13
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 14

(iii)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 15
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 16

प्रश्न 4.
पुढील घटना उताऱ्याच्या आधारे क्रमाने लिहा : (मार्च ‘१९)
(i) म्हातारीची ढाळज सुटायची
(ii) वाडा शांत व्हायचा
(iii) कडुसं पडायच्या आधी मैफिल मोडायची
(iv) माणसं ढाळजंत बसायची
उत्तर :
(iii) कडुसं पडायच्या आधी मैफिल मोडायची
(i) म्हातारीची ढाळज सुटायची
(iv) माणसं ढाळजंत बसायची
(ii) वाडा शांत व्हायचा

कृती ३ : (व्याकरण)

प्रश्न 1.
सहसंबंध लक्षात घेऊन उत्तरे लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 17
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 18

प्रश्न 2.
पुढील बोलीभाषेतील शब्दांना प्रचलित प्रमाण मराठी भाषेतील शब्द शोधून लिहा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 19
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 20

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 3.
तक्ता पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 21
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 22

प्रश्न 4.
पुढील वाक्यांतील अधोरेखित शब्दाचे लिंग बदलून वाक्य पुन्हा लिहा :
आजी त्याची संपादक होती. (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर :
आजोबा त्याचे संपादक होते.

कृती ४ : (स्वमत / अभिव्यक्ती)

प्रश्न 1.
‘आमची ढाळज म्हणजे गावाचं वर्तमानपत्र होतं,’ या वाक्याचा तुम्हांला कळलेला अर्थ लिहा.
उत्तर :
‘आगळ’ या कादंबरीच्या नायकाची आजी ही त्याच्या घराची सत्ताधीश होती. घरात तिचा वचक होता. घराबाहेरही तिच्या शब्दाला मान होता. दुपारपर्यंतच्या सर्व कामांचे नियोजन करून आजी ढाळजेत यायची. गल्लीतल्या बायकाही जमा व्हायच्या. निवडटिपण करता करता गप्पाटप्पा व्हायच्या. अनेक बातम्या, गुपिते उघड व्हायची. सगळ्याजणी बातम्यांवर चर्चा करीत. त्यातून बातम्यांची शहानिशा व्हायची.

वर्तमानपत्राचे वार्ताहर गावांतून बातम्या आणतात. संपादक या बातम्यांची शहानिशा करतात. मगच त्या बातम्या वर्तमानपत्रात छापल्या जातात. आजीच्या घराची ढाळज वर्तमानपत्रासारखीच होती. तिथे आलेल्या बातम्यांची शहानिशा झाल्यावरच बायका त्या बातम्या गावभर सांगायला मोकळ्या होत.

प्रश्न 2.
तुलना करा / साम्य लिहा :
आगळ : वाड्याचे संरक्षक कवच
आजी : कुटुंबाचे संरक्षक कवच किंवा
‘आजी म्हणजे घराचा आधार’ हे विधान सोदाहरण पटवून दया. (मार्च ‘१९)
उत्तर :
आगळ म्हणजे उंची-रुंदीला नऊ इंच आणि लांबीला सहा फूट असा भक्कम सागवानी वासा. एकदा आगळ लावली की चोऱ्यामाऱ्या होणे किंवा दरोडा पडणे शक्यच नसे. त्यामुळेच ही आगळ म्हणजे वाड्याला संरक्षणाचे एक भरभक्कम कवच लाभले होते.

प्रस्तुत उताऱ्यात आजीची भूमिकाही अगदी याच प्रकारची आहे. आजीमुळे कुटुंबात सुव्यवस्था नांदत होती. सुना आपापसात हेवेदावे करू शकत नव्हत्या. आपली कामे दुसरीवर ढकलू शकत नव्हत्या. सर्व कामे प्रत्येकीला करावी लागत. या वातावरणामुळे कोणावर अन्याय होत नव्हता. कोणालाही तक्रार करायला वावच राहत नसे. आजीमुळे प्रत्येकीला किंवा प्रत्येकाला भरभक्कम संरक्षण मिळाले होते. हे संरक्षण आगळेइतकेच भक्कम होते.

प्रश्न 3.
आगळ लावण्याची/टाकण्याची पद्धत समजावून सांगा.
उत्तर :
आगळ म्हणजे एक सागवानी अवजड वासा होता. त्याच्या एका टोकाला वाघाचा मुखवटा बसवला होता. वाघाच्या जबड्यात एक भक्कम कडी बसवलेली होती. त्या कडीला धरून आगळ ओढायची किंवा ढकलायची असते. दरवाज्याच्या दोन बाजूंना आगळ अडकवण्यासाठी भिंतींत दोन कोनाडे केलेले असतात. त्यांपैकी एक कोनाडा आगळ पूर्ण सामावली जाईल इतका खोल असतो. कडीला धरून आगळ कोनाड्यात पूर्ण ढकलली की दरवाजा उघडता येतो.

रात्रीच्या वेळी, दरवाजा बंद करून कोनाड्यात ढकलून ठेवलेली आगळ कडीला धरून ओढून बाहेर काढली जाते आणि ते टोक दुसऱ्या भिंतीच्या कोनाड्यात अडकवले जाते. अशा त-हेने आगळ बसवली की दरवाजा कोणीही उघडू शकत नाही.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

प्रश्न 4.
दुपारच्या वेळी मुलांकडून केल्या जाणाऱ्या कल्पक कृती सांगा.
उत्तर :
कधी कधी बैठ्या खेळांऐवजी मुले वेगवेगळ्या कल्पक कृती करीत असत. एखादया वेळी सरपणातली लाकडे काढून विटीदांडू किंवा भोवरे तयार करीत बसत. भिंगऱ्या तयार करण्यासाठी घेतलेला लाकडाचा तुकडा दगडावर घासून घासून त्याला गोल आकार देण्याचा मुले प्रयत्न करीत. हे मोठे कष्टाचे काम असे. चुलीची काजळी लागून लागून काळ्या कुळकुळीत बनलेल्या खापऱ्या पाटीवर घासून घासून पाठीला काळा कुळकुळीत रंग आणण्याचा प्रयत्न करीत बसत.

बैलगाड्या बनवण्यासाठी ज्वारीची ताटे वापरीत. लाल माती आणून बैल बनवत बसत. गोल आकाराचे गोटे जमवून ते सर्व बाजूंनी दगडावर घासून घासून त्याने छान गोल आकार दयायचा प्रयत्न करीत बसत. अशा अनेक कल्पक कृती करण्यात मुले दंग होत.

प्रश्न 5.
पाठात चित्रित झालेल्या एकत्र कुटुंबपद्धतीबाबतचे तुमचे विचार स्पष्ट करा.
उत्तर :
या पाठात ग्रामीण भागातील मागील पिढीचे चित्रण आले आहे. त्या काळातील हे एक एकत्र कुटुंब होते. आजी ही कुटुंबप्रमुख होती. कुटुंबाच्या सर्व बाबींवर, सर्व व्यक्तींवर आजीचीच सत्ता चालत असे. कोणी कोणकोणती कामे कधी व कशी करावीत, हे आजी ठरवत असे.

या पद्धतीमुळे कुटुंबातील सर्व व्यवहारांना एकसूत्रीपणा येतो आणि कामे सुरळीतपणे पार पडतात; याचा कुटुंबालाच फायदा होतो, हे खरे आहे. पण या पद्धतीमध्ये कोणालाही स्वातंत्र्य राहत नाही. सुनांना साधा चहासुद्धा करून पिण्याची मोकळीक नव्हती. म्हणजे कोणालाही जरासुद्धा हौसमौज करण्याची परवानगी नव्हती. याचाच अर्थ कुटुंबातल्या सदस्यांना जीवनातील लहानसहान आनंदसुद्धा घेता येत नव्हते. त्यातही स्त्रियांना तर पूर्ण पारतंत्र्यातच राहावे लागे. ही चांगली स्थिती अजिबात नाही. आधुनिक काळात म्हणूनच एकत्र कुटुंबपद्धत टिकली नाही.

प्रश्न 6.
पाठाच्या शीर्षकाची समर्पकता थोडक्यात स्पष्ट करा.
उत्तर :
ग्रामीण भागात पूर्वी घराभोवती एक भलीमोठी, मजबूत भिंत बांधली जाई. भिंतीत एक मजबूत दार असे. त्याला कड्याकोयंडे असतच; शिवाय एक भलीभक्कम आगळ बसवलेली असे. एकदा ही आगळ लावली की घर पूर्णपणे बंद होत असे. घरातील कोणीही बाहेर जाऊ शकत नसे किंवा कोणीही बाहेरून आत येऊ शकत नसे. घरावर कोणाचाही हल्ला होणे शक्य नसे. यामुळे घर पूर्णपणे सुरक्षित होई. म्हणून ग्रामीण जीवनात या आगळीला एक महत्त्वपूर्ण स्थान लाभले होते.

पाठाच्या शीर्षकावरून असे दिसते की, त्या कुटुंबातील आजी ही त्या कुटुंबाची एक प्रकारे आगळच होती. तिच्या दराऱ्यामुळे कुटुंबाचे सर्व व्यवहार सुरळीत चालत असत. कुटुंबाला आपोआपच पूर्ण संरक्षण लाभायचे. घराची आगळ लावल्यावर आपल्या माणसांना बाहेर जाता येत नसे. म्हणजेच त्यांच्यावर बंधने येत. त्याचप्रमाणे आजीच्या नियंत्रणामुळे कुटुंबातील व्यक्तींवर बंधने येत. या बंधनांचा एक चांगला फायदा होई. कुटुंबातील कोणीही गैरवर्तन करू शकत नसे. त्यामुळे कुटुंबाचे व्यवहार कोलमडून पडत नसत. कुटुंबाला अंतर्गत व बाह्य असे दोन्ही अंगांनी संरक्षण मिळे. म्हणून ‘आजी : कुटुंबाचं आगळ’ हे शीर्षक अत्यंत समर्पक आहे.

प्रश्न 7.
आजच्या काळात एकत्र कुटुंब पद्धतीची आवश्यकता वाटते का? तुमचे मत सोदाहरण लिहा. (सराव कृतिपत्रिका-१)
उत्तर :
एकत्र कुटुंब पद्धतीचे काही फायदे आहेत; तसे काही तोटेही आहेत. तोटे काढून टाकले, तर एकत्र कुटुंब पद्धत आजच्या काळात खूप उपयोगी होऊ शकते. एकत्र कुटुंब पद्धतीत व्यक्तीला स्वत:चा वैयक्तिक विकास करून घेण्याची संधी खूप कमी प्रमाणात मिळते. व्यक्ती कुटुंबाशी बांधली जाते. कुटुंबाच्या अडीअडचणी, कुटुंबाची कामे, जबाबदाऱ्या यांच्यात ती गुरफटली जाते. कुटुंब एका व्यक्तीच्या नियंत्रणात राहते.

एकत्र कुटुंब पद्धतीमुळे कुटुंबात सर्व वयोगटातील माणसे असतात. वयस्क माणसांची कार्यक्षमता खुप कमी झालेली असते. त्यांना स्वत:च्या गरज भागवणे जिकिरीचे बनते. त्या वयात त्यांना इतरांच्या मदतीची खूप गरज असते. त्यांना एकत्र कुटुंब पद्धतीमध्ये आधार मिळतो. त्याचप्रमाणे लहान मुलांनाही एकत्र कुटुंब पद्धतीत खूप आधार मिळतो. आजच्या काळात आई-बाबा दोघेही नोकरी करतात. त्यामुळे घरी मुलांची काळजी घेणारे कोणीही नसते. मुलांची आबाळ होते. त्यांचे खाणेपिणे, त्यांचा अभ्यास वगैरे बाबींकडे लक्ष देणारे कोणी नसते. अशा स्थितीत घरी आजी-आजोबा असतील, तर ते मुलांकडे लक्ष देऊ शकतात. आजीआजोबांना समाधानही मिळते. पगारी माणसे घरातल्या माणसांप्रमाणे काळजी घेऊ शकत नाहीत. म्हणून आजच्या काळात एकत्र कुटुंब पद्धतीचा फायदा होऊ शकतो.

व्याकरण व भाषाभ्यास

कृतिपत्रिकेतील प्रश्न ४ (अ) आणि (आ) यांसाठी…

अ. व्याकरण घटकांवर आधारित कृती : .

१. समास :

प्रश्न 1.
पुढील विग्रहांवरून सामासिक शब्द ओळखा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 23
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 24
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 25

प्रश्न 2.
तक्ता पूर्ण करा : (मार्च ‘१९)
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 26
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 27

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

२. अलंकार :

प्रश्न 1.
पुढील उदाहरण वाचून तक्ता पूर्ण करा :
देवाहुनही महान आहे माझी आई
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 28
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 29

३. शब्दसिद्धी :

प्रश्न 1.
‘बे’ हा उपसर्ग लागून तयार होणारे चार शब्द लिहा.
उत्तर :

  • बेबंद
  • बेजबाबदार
  • बेहिशेब
  • बेबनाव.

प्रश्न 2.
पुढील शब्दांना ‘अनीय’ हा प्रत्यय लावून शब्द तयार करा :
(i) श्रवण – ……………
उत्तर :
श्रवणीय

(ii) वाचन – ………….
उत्तर :
वाचनीय.

प्रश्न 4.
दोन अभ्यस्त शब्द लिहा.
उत्तर :

  • लालेलाल
  • गारेगार.

४. सामान्यरूप :

प्रश्न 1.
पुढील तक्ता पूर्ण करा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 30
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 31

५. वाक्प्रचार :

(१) कंसातील वाक्प्रचारांचा त्या खालील वाक्यांत योग्य ठिकाणी वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा :
(शाबूत असणे, कानोसा घेणे, कडुसं पडणे, शहानिशा होणे, गुण्यागोविंदाने नांदणे)
प्रश्न 1.
शाळेतून घरी आलो की बाबा नेहमी अभ्यासाची चौकशी करायचे.
उत्तर :
शाळेतून घरी आलो की बाबा नेहमी अभ्यासाची शहानिशा करायचे.

प्रश्न 2.
मावळतीला सूर्य गेला नि अंधार पडला.
उत्तर :
मावळतीला सूर्य गेला नि कडुसं पडले.

प्रश्न 3.
घरातील दोन्ही जावा अगदी खेळीमेळीने राहत.
उत्तर :
घरातील दोन्ही जावा अगदी गुण्यागोविंदाने नांदत होत्या.

प्रश्न 4.
पाऊस पडणार आहे की नाही, याचा आमचा मोती कान टवकारून अंदाज घेतो.
उत्तर :
पाऊस पडणार आहे की नाही, याचा आमचा मोती कान टवकारून कानोसा घेतो.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

(२) पुढील वाक्यांतील वाक्प्रचार शोधून अधोरेखित करा :

प्रश्न 1.
सहलीच्या वेळी शिस्तभंग होऊ नये याकडे शिक्षकांचा कटाक्ष असतो.
उत्तर :
सहलीच्या वेळी शिस्तभंग होऊ नये याकडे शिक्षकांचा कटाक्ष असतो.

प्रश्न 2.
दोन व्यक्तींतील संवादाचा तिसऱ्या व्यक्तीने कानोसा घेणे अयोग्यच.
उत्तर :
दोन व्यक्तींतील संवादाचा तिसऱ्या व्यक्तीने कानोसा घेणे अयोग्यच.

प्रश्न 3.
कारण नसताना हुकमत गाजवणाऱ्या व्यक्ती इतरांच्या नजरेतून उतरतात.
उत्तर :
कारण नसताना हुकमत गाजवणाऱ्या व्यक्ती इतरांच्या नजरेतून उतरतात.

Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी : कुटुंबाचं आगळ

आ. (भाषिक घटकांवर आधारित कृतीः

१. शब्दसंपत्ती :

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थी शब्दांच्या योग्य जोड्या जुळवा :
Maharashtra Board Class 10 Marathi Solutions Chapter 3 आजी कुटुंबाचं आगळ 32
उत्तरे :
(i) आळस × उत्साह
(ii) आदर × अनादर
(iii) आस्था × अनास्था
(iv) आपुलकी × दुरावा

आजी : कुटुंबाचं आगळ Summary in Marathi

पाठाचा आशय या कथानकातील आजी खमकी आहे. तिच्या देहाची ठेवण, तिचे दिसणे, तिचा पेहराव इत्यादी बाबींमध्ये तिचा खमकेपणा दिसून येतो.

‘आगळ ‘मधील नायकाच्या घरी एक गाय होती. ती वरवर्षी व्यायची. त्यामुळे घरामध्ये दुधाची खूप रेलचेल होती. मुलांना भरपूर दुध प्यायला मिळे. आजीला चार सुना होत्या. आजीचा दरारा असल्यामुळे मुलांना खायलाप्यायला देताना सुना आपपरभाव करू शकत नव्हत्या. कामचुकारपणा करू शकत नव्हत्या. आपली कामे दुसरीवर टाकू शकत नव्हत्या. सर्व कामे प्रत्येकीला करावी लागत. या वातावरणामुळे कोणावर अन्याय होत नव्हता. कोणालाही तक्रार करायला वावच नसे. आजीमुळे प्रत्येकीला किंवा प्रत्येकाला भरभक्कम संरक्षण मिळाले होते. हे संरक्षण आगळइतकेच भक्कम होते.

दुपारच्या वेळी मुलांचे बैठे खेळ किंवा क्वचितप्रसंगी मैदानी खेळ खेळले जात. अशा प्रकारे मुलांचे बालपण तर निसर्गामध्ये सहजगत्या घडत होते. या सगळ्याला आजीच्या मायेच्या सावलीचा आधार होता.

दुपारपर्यंतची कामे आटोपल्यावर थोडीशी विश्रांती घेऊन आजी ढाळजेत येऊन बसायची. गल्लीतल्या बायका जमायच्या. निवडटिपण असली कामे करता करता गप्पा होत. गावभरच्या बातम्या कळत. आजीच्या समोरच बातम्यांची शहानिशा होई. ही ढाळज म्हणजे एक प्रकारे गावाचे वर्तमानपत्रच होती. रात्री आठ वाजता वाड्याचा दरवाजा बंद होई आणि आगळ बसवली जाई. आगळ बसवली की संरक्षणाची हमी मिळे.

आजी : कुटुंबाचं आगळ शब्दार्थ

  • रापणे – त्वचेवर काळपटलेली छटा येणे.
  • गोंदण – विशिष्ट प्रकारच्या सुईने त्वचेवर टोचून टोचून नक्षी काढणे.
  • गावरान – गावठी. वेत – वासराला जन्म देणे.
  • धार काढणे – गाई-म्हशीचे दूध काढणे.
  • चरवी – दूध काढण्याचे भांडे.
  • धारोष्ण – उष्णपणा निवला नाही असे ताजे दूध.
  • सरपण – इंधन (विशेषतः लाकडांचे).
  • ढाळज – मोठा वाडा वगैरेंसारख्या घराच्या मुख्य दरवाजाजवळची आतल्या बाजूची
  • जागा, पडवी, वाकळ – गोधडी.
  • शहानिशा – खातरजमा,
  • कडुसं – काळोख होण्याची वेळ,
  • आगळ – अडसर (येथे अर्थ-भक्कम आधार.).
  • देवळी – भिंतीतला कोनाडा.
  • चिंचोके – चिंचेच्या बिया.
  • गजगे – सागरगोटे,
  • जिबल्या – अर्धा कापलेला जोड्यांचा तळ.
  • मुटके – हातपाय पोटाशी आवळून घेऊन आजूबाजूला खूप पाणी उडेल अशा रितीने पाण्यात मारलेली उडी.

आजी : कुटुंबाचं आगळ वाक्प्रचार व त्यांचे अर्थ

  • हुकूमत गाजवणे : अधिकार गाजवणे.
  • हातात काठी येणे : म्हातारपण येणे; तोल सांभाळता न येणे.
  • गुण्यागोविंदाने नांदणे : समंजसपणे व आनंदाने राहणे.
  • धार काढणे : गायी-म्हशीचे दूध काढणे.
  • कटाक्ष असणे : खास लक्ष देणे.
  • धान्य निवडणे : धान्यातले गोटे इत्यादी वेचून बाहेर काढणे.
  • हुक्की येणे : लहर येणे.