Class 9 Hindi Chapter 7 Chota Jadugar Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 7 छोटा जादूगर Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 7 Chota Jadugar Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 7 छोटा जादूगर Questions And Answers

1. संजाल पूर्ण लिखिए 

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण लिखिए
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 1

2. छोटा जादूगर कहानी में आए पात्रः

प्रश्न 1.
छोटा जादूगर कहानी में आए पात्रः
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 2.

3. ‘पात्र’ शब्द के दो अर्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
‘पात्र’ शब्द के दो अर्थ लिखिए।
उत्तर :
i. अभिनेता
ii. बरतन

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4. विधान को सही करके लिखिए। 

प्रश्न 1.
विधान को सही करके लिखिए।
i. ताश के सब पत्ते पीले हो गए।
ii. खेल हो जाने पर चीजें बटोरकर उसने भीड़ में मुझे देखा।
उत्तर :
i. ताश के सब पत्ते लाल हो गए।
ii. खेल हो जाने पर पैसा बटोरकर उसने भीड़ में मुझे देखा।

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5. भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
रिक्त स्थानों की पूर्ति अव्यय शब्दों से कीजिए और नया वाक्य बनाइए।
उत्तर:
i. जहाँ एक लड़का चुपचाप देख रहा था।
वाक्य:
मोहन नदी की लहरों को चुपचाप देख रहा था।

ii. मैं उसकी ओर न जाने क्यों आकर्षित हुआ।
वाक्य:
हिंसक शेर मेरी ओर चला आ रहा था।

iii. हाँ! मैं सच कहता हूँ बाबू जी।
वाक्य :
हाँ! मैं छोटा जादूगर हूँ।

iv. अकस्मात किसी ने ऊपर के हिंडोले से पुकारा।
वाक्य :
अकस्मात रमेश छत के ऊपर से कूद गया।

v. मैं बिना बुलाए भी कहीं जा पहुँचता हूँ।
वाक्य:
मैं बिना पढ़े परीक्षा नहीं देता हूँ।

vi. लेखकों और वक्ताओं की न जाने क्या दुर्दशा होती।
वाक्य :
मोहन और गणेश एक अच्छे मित्र हैं।

vii. वाह ! क्या बात।
वाक्य:
वाह ! आप मैच जीत गए।

viii. वह बाजार गया क्योंकि उसे किताब खरीदनी थी।
वाक्य :
मै प्रतिदिन पड़ता हूँ क्योंकि मुझे परीक्षा में अच्छे अंक लाने हैं।

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6. रचनात्मकता की ओर संभाषणीय

प्रश्न 1.
माँ के लिए छोटे जादूगर के किए हुए प्रयास समावण बताइए।
उत्तर:
छोटा जादूगर अपनी माँ की दवा के लिए कार्निवाल के मैदान में जाता है, जहाँ पर उसकी मुलाकात लेखक से होती है। वह उन्हें अपनी माँ और पिता जी के बारे में बताता है। लेखक द्वारा शरबत पिलाने के बाद वह उनसे कहता है कि यदि आप मुझे शरबत न पिलाकर मेरा खेल देखकर कुछ पैसे दे देते तो माँ के लिए मैं पथ्य ले लेता। लेखक जब उसे निशानेबाजी के लिए ले गए तो उसने सभी बारह खिलौने जीत लिए।

लेखक फिर उससे कोलकाता के बोटेनिकल उद्यान में मिले जहाँ पर वह खिलौनों को लेकर तमाशा दिखाकर अपनी माँ के लिए एक सूती कंबल खरीदने की इच्छा लिए था। एक दिन लेखक जब मोटर से हावड़ा की ओर जा रहे थे तो वह छोटा जादूगर उन्हें एक झोंपड़ी के पास खड़ा मिला। उसने लेखक को बताया कि अस्पतालवालों ने उसकी माँ को निकाल दिया है। जब लेखक झोपड़ी के अंदर गए तो उन्होंने देखा कि छोटा जादूगर अपनी माँ के शरीर पर कंबल डाले उससे लिपट कर निरीह भाव से उसे निहार रहा है।

एक दिन छोटा जादूगर निर्मल धूप में सड़क के किनारे अपना तमाशा दिखा रहा था किंतु उसकी वाणी में प्रसन्नता न थी। लेखक द्वारा पूछने पर उसने बताया कि उसकी माँ का समय समीप है और उसने मुझे जल्दी घर बुलाया है। फिर वह पैसा बटोरकर लेखक के साथ अपने घर को चल दिया किंतु घर पहुँचकर पता चला कि उसकी माँ अब नहीं रही।

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7. मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘माँ’ विषय पर स्वरचित कविता प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
है साथ मेरे हरदम, बनकर एक साया,
उसने ही मेरा जीवन महकाया।

तकलीफ में भी मुस्काती है,
हर गम खुशी से सह जाती है।

मेरी राहों पर फूल बिछाती वो,
खुद काँटों पर सो जाती है।

ममता की सूरत है माँ,
भगवान की छवि कहलाती माँ ।

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8. आसपास :

प्रश्न 1.
अपने विद्यालय के किसी समारोह का सूत्र संचालन कीजिए।
उत्तर:
सूत्र-संचालन (गणतंत्र दिवस)
आज के इस आज़ादी के जश्न में, मैं रामकुमार विद्यालय में पधारे हमारे अपने सभी खासो-ओ-आम का बहुत-बहुत स्वागत करता हूँ-जय हिंद कहता हूँ। मैं अपने सभी विशिष्ट अतिथियों, समाजसेवियों, हमारे गुरुजनों, सभी पधारे हुए आज़ादी के दीवानों और हमारे साथियों को हमारे विद्यालय की तरफ से गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ देता हूँबधाइयाँ देता हूँ। शुभकामनाएँ इसलिए कि हमने लगभग 200 साल की परतंत्रता सहन करने के बाद यह अनमोल आज़ादी की फ़िज़ा पाई है।

और यह आज़ादी, यह अपनी पसंद से जीने का अधिकार हमें सदा प्राप्त हो ऐसी शुभकामनाओं के साथ मैं रामकुमार हमारे विद्यालय की तरफ से आप सब देशभक्तों का इस आज़ादी के जश्न में स्वागत करता हूँ-वंदे मातरम कहता हूँ। वतन पर मर-मिटने के ज़माने गुज़र गए, मज़ा तो अब इसके लिए जीने में है। अपनी आज़ादी अपनी संप्रभुता के लिए एक बार जोरदार तालियाँ बजा दीजिए।

धन्यवाद! जी हाँ साथियों, ये जो हमारे अमर शहीदों ने बलिदानों के बीज इस मातृभूमि पर रोपे थे, आज उनकी टहनियों पर महकते फूल खिल आए हैं। इन फूलों की महक इस देश में ही नहीं, सारे संसार में फैले, इस कामना के साथ आइए आज के इस महोत्सव का शुभारंभ करते हैं।

इक चमक ताब इक मदहोशी, हर आलम चंगा होता है, इक हूक चमकती आँखों में, हर कतरा गंगा होता है। दिल में मतवाली मौज पले, मन सात आसमाँ छूता है, जब-जब अपने इन हाथों में, लहराता तिरंगा होता है। तो आइए, मित्रों ! सर्वप्रथम हम अपनी आन-बान-शान के प्रतीक हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का ध्वज वंदन करें।

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9. पाठ के आँगन में :

प्रश्न 1.
सियारामशरण गुप्त जी द्वारा लिखित ‘काकी’ पाठ के भावपूर्ण प्रसंग को शब्दांकित कीजिए।
उत्तर :
‘काकी’ शीर्षक कहानी में एक बच्चे के मन के भावों का वर्णन किया गया है। एक दिन श्यामू ने देखा कि उसकी माँ सिर से लेकर पैर तक कपड़ा ओढ़े हुए भूमि पर लेटी हुई है । घर के लोग उसे घेरे हुए रो रहे हैं, पर श्यामू को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है? लोग जब उसकी माँ के मृत शरीर को उठाकर ले जाने लगे, तब उसने रो-रोकर तमाशा कर दिया। उसे बहुत समझाया गया फिर भी वह रोता रहा। कुछ दिन पश्चात् उसके मित्रों द्वारा पता चला कि उसकी माँ ऊपर राम के घर चली गई।

एक दिन श्यामू ने आकाश में पतंग उड़ते देखा। उसने सोचा,क्यों न वह एक पतंग आकाश में उड़ा दे और उसकी माँ पतंग के सहारे राम के घर से नीचे उतर आएगी। उसने पिता (काका) से पतंग दिलाने के लिए कहा, पर पिता ने पतंग नहीं दिलाई। एक दिन श्यामू ने अपने पिता की जेब से एक चवन्नी चुराई और अपने मित्र भोला से पतंग मँगवा ली। श्यामू ने सोचा पतंग पर ‘काकी’ लिखकर उड़ा देंगे और काकी इसे पकड़कर नीचे आ जाएगी।

भोला, श्यामू से अधिक समझदार था। उसने श्यामू को समझाया कि पतंग की डोर पतली है, काकी का भार सम्भाल नहीं पाएगी और टूट जाएगी। दूसरे दिन श्यामू ने अपने पिता की कोट से एक रूपया चुराया और मोटी रस्सी मँगवाई। जब श्यामू और भोला पतंग में रस्सी बाँध रहे थे, तभी श्यामू के पिता आ धमके और जब उन्हें पता चला कि श्याम ने उनकी जेब से पैसा निकाला है, तो उनको बहुत गुस्सा आया।

उन्होंने श्यामू को मारा और पतंग फाड़ दी। उनके डाँटने पर डर के कारण भोला ने बताया कि वह पतंग के सहारे अपनी काकी (माँ) को नीचे उतारना चाहता था। विश्वेश्वर ने जब भोला की बात सुनी तो उन्हें बहुत दुख हुआ। पतंग पर चिपके कागज पर ‘काकी’ लिखा देखकर वे हैरान रह गए। इस पाठ में बाल मन के निश्छल, निष्कपट प्रेम की मार्मिक अभिव्यक्ति की गई है।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित कश्चन सत्य है या असत्य लिखिए।

  1. लड़के की जेब में पेड़ के कुछ पत्ते थे।
  2. दोनों शरबत पीकर निशाना लगाने चले।
  3. लड़के के स्वभाव में संपूर्णता थी।

उत्तर :

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य

कृति क (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 2.
गद्यांश से समानार्थी शब्द ढूँढकर लिखिए।
i. दुख
ii. कारागार
उत्तर :
i. विषाद
ii. जेल

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
i. गरम × ……….
ii. बीमार × ………..
उत्तर :
i. ठंडा
ii. स्वस्थ

कृति क (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
अपने नगर में आयोजित किसी जादू के तमाशे का आँखों देखा वर्णन कीजिए।
उत्तर :
‘जीवन में जिस प्रकार खेलकूद और मनोरंजन के लिए अनेक प्रकार के साधन उपलब्ध हैं, उन्हीं में से एक है जादू का तमाशा। एक दिन हमारे शहर में भी जादू के तमाशे का समाचार अखबार में छपा। अगले ही दिन पिता जी हमें जादू का खेल दिखाने ले गए। हमने टिकटें खरीदी और अंदर गए। थोड़ी देर बाद जादूगर स्टेज पर आया। उसने जैसे ही सबको अभिवादन किया ऊपर से फूल बरसने लगे।

फिर उसने अपनी टोपी उतारकर दिखाई जो एकदम खाली थी लेकिन उसने उसमें हाथ डाला तो खरगोश बाहर निकला और भाग गया। उसने दोबारा हाथ डाला तो तितलियाँ निकलकर उड़ने लगीं। हम सब यह देखकर हैरान हो गए। इसके बाद अगले खेल में उसने अलग-अलग रंगों के कपड़ों की तीन-चार छोटी-छोटी पट्टियाँ मुँह में रख ली और हवा में हाथ घुमाया। फिर मुंह से पट्टियाँ बाहर निकाली तो रंग-बिरंगे रूमाल निकलते चले गए। ऐसा जादू हमने कभी नहीं देखा था और अंत में, हम सब आपस में चर्चा करते हुए खुशी-खुशी घर लौटे।

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(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 3

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
i. छोटा जादूगर को तब अधिक प्रसन्नता होती जब –
ii. देखने वाले इसलिए दंग रह गए क्योंकि –
उत्तर :
i. लेखक उसे शरबत न पिलाकर उसका खेल देखकर कुछ पैसे दे दिया होता।
ii. छोटा जादूगर पक्का निशानेबाज निकला। उसकी कोई गेंद खाली नहीं गई।

कृति ख (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द बनाइए।
i. बीमार
ii. तमाशा
उत्तर :
i. बीमार + ई = बीमारी
ii. तमाशा + ई = तमाशाई

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प्रश्न 2.
गद्यांश से विलोम शब्द ढूँढकर लिखिए।
i. झूठ × ……………
ii. नीचे × …………..
उत्तर :
i. सच
ii. ऊपर

कृति ख (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
जो व्यक्ति जीवन में अपना लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं, वे बचपन से ही सपने देखा करते हैं। अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
लक्ष्य को पाने के लिए व्यक्ति को बचपन से ही प्रयास करना पड़ता है। जो व्यक्ति दृढ़ निश्चयी होते हैं, वे बचपन से ही सपने देखते हैं। कल्पना चावला, न्यूटन, डॉ. अब्दुल कलाम आदि महापुरुषों ने बचपन से ही अपने लक्ष्य तक पहुंचने का सपना देखा था और उस दिशा में कोशिश एवं अथक परिश्रम करना शुरू कर दिया था। इसी कारण वे अपने लक्ष्य तक पहुँच सके थे।

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(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 4

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 5

कृति ग (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. गुड़िया – ………….
ii. जादूगर – …………
उत्तर :
i. गुड्डा
ii. जादूगरनी

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कृति ग (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जीवन में माँ का महत्त्व’ पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
हमारे जीवन में माँ का बहुत महत्त्व होता है। एक बालक का संपूर्ण संसार माँ ही होती है। माँ जीवन की प्रथम गुरु होती है। वह हमें चलना, बोलना और पढ़ना सिखाती है। उसके दिए संस्कारों से ही मनुष्य अपने चरित्र का निर्माण करता है। वह हमारे लिए पढ़ाई-लिखाई, भोजन, कपड़े आदि का इंतजाम करती है। सचमुच, माँ सेह, ममता, सद्भावना और कर्तव्य-पालन की जीवंत मूर्ति होती है।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 छोटा जादूगर 6

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. गले की सूत की डोरी टुकड़े-टुकड़े होकर जुट गई।
ii. लेखक इडेन गार्डेन देखने के लिए चले।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
i. लेखक ने झोपड़ी में यह देखा –
उत्तर:
एक स्त्री चिथड़ो में लदी हुई काँप रही थी।

कृति घ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. श्रीमती
ii. स्त्री
उत्तर :
i. श्रीमान
ii. पुरुष

प्रश्न 2.
गद्यांश से शब्द-युग्म ढूँडकर लिखिए।
उत्तर :
i. टुकड़े-टुकड़े
ii. धीरे-धीरे

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कृति ग (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अपने बचपन में नन्हें कलाकारों को अपना तमाशा दिखाते हुए देखा होगा…’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
मैंने अपने बचपन में अनेक नन्हें कलाकारों को तमाशा दिखाते हुए देखा है। वे बाल कलाकार तमाशा दिखाते और उनके बदले कुछ पैसे या अनाज लेकर अपना पेट पालते हैं। यद्यपि उनके अंदर अनेक गुण होते हैं किंतु विषम परिस्थिति होने के कारण उनका वह गुण संपूर्ण दुनिया के सामने नहीं आ पाता है और वह जीवन पर्यंत सिर्फ अपना पेट ही पालते रह जाते हैं। सरकार और समाज को चाहिए कि वह इस प्रकार के बच्चों के लिए अलग से शिक्षा व्यवस्था करें तथा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन और अवसर प्रदान करें; जिससे ये बच्चे भी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सकें।

(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ङ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. लेखक का मन यहाँ से ऊब गया था –
ii. लेखक ने सड़क के किनारे यह देखा –
उत्तर :
i. कोलकाता से
ii. छोटे जादूगर का रंगमंच सजा हुआ।

प्रश्न 2.
विधानों को सही करके लिखिए।
i. तब भी तुम जादू दिखाने चले आए।
उत्तर :
i. तब भी तुम खेल दिखाने चले आए।

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कृति ङ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
उपसर्ग लगाकर शब्द बनाइए।
i. समय
ii. परिचित
उत्तर:
i. अ + समय = असमय
ii. अ+ परिचित – अपरिचित

प्रश्न 2.
गद्यांश से समानार्थी शब्द ढूँढकर लिखिए।
i. छुट्टी
ii. चेष्टा
उत्तर :
i. अवकाश
ii. प्रयत्न

प्रश्न 3.
गद्यांश से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
i. चलते-चलते
ii. सुख-दुख

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कृति छ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘माँ की ममता’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
हमारे जीवन में सबसे महत्त्वपूर्ण इंसान ‘माँ’ होती है। वह हमेशा हमारे साथ रहती है और हर पल हमारा ध्यान रखती है। ढेर सारे दुख और पीड़ा सहकर वह हमें अपनी कोख में रखती है। वह अपने वास्तविक जीवन में हमेशा हमारे बारे में सोचकर खुश हो जाती है। एक माँ अपने बच्चों की खुशी के आगे अपनी खुशी को कुछ नहीं समझती। वह हमेशा हमारी हर क्रिया और हँसी में अपनी रुचि दिखाती है। उसके पास एक नि:स्वार्थ आत्मा है और प्यार तथा जिम्मेदारी से भरा दयालु दिल है।

छोटा जादूगर Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय :

जयशंकर प्रसाद का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के सरायगोवर्धन में हुआ था। प्रसाद जी की प्रारंभिक शिक्षा काशी में क्वींस कालेज में हुई, किंतु बाद में घर पर इनकी शिक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया, जहाँ संस्कृत, हिंदी, उर्दू तथा फारसी का अध्ययन इन्होंने किया। प्रसाद जी हिंदी साहित्य के छायावादी कवियों के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। प्रसाद जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। ये हिंदी साहित्य में कवि, नाटककार, कथाकार, उपन्यासकार तथा निबंधकार के रूप में प्रसिद्ध हैं।

प्रमुख कृतियाँ :

  • काव्य – ‘झरना’ , ‘आँसू’, ‘लहर’, आदि।
  • महाकाव्य – ‘कामायनी’
  • ऐतिहासिक नाटक – ‘स्कंदगुप्त’,’चंद्रगुप्त’, ‘धुवस्वामिनी।
  • कहानी संग्रह – ‘प्रतिध्वनि’, ‘आकाशदीप’, ‘इंद्रजाल’ आदि।
  • उपन्यास – ‘कंकाल’, ‘तितली,’ ‘इरावती’।

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गद्य-परिचय :

संवादात्मक कहानी: किसी विशेष घटना की रोचक एवं आकर्षक ढंग से संवाद के रूप में प्रस्तुति ‘संवादात्मक कहानी’ कहलाती है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कहानी में लेखक ने एक लड़के के जीवन संघर्ष, बीमार माँ की देखभाल और उसके चातुर्यपूर्ण साहस को बड़े ही रोचक ढंग से प्रस्तुत किया है। मानवीय संवेदना की मार्मिक अभिव्यंजना ‘छोटे जादूगर’ के माध्यम से की गई है।

सारांश :

प्रस्तुत कहानी में लेखक ने एक लड़के के जीवन संघर्ष को उजागर किया है। इस कहानी में जयशंकर प्रसाद खुद एक पात्र हैं; जो एक लड़के के मन को पढ़ने का प्रयत्ल कर रहे हैं। उस समय के वातावरण का वर्णन करते हुऐ प्रसाद जी लिखते हैं कि कार्निवाल के मैदान में बिजली के जगमगाहट, हँसी और विनोद के कलनाद के बीच वे उस लड़के की तरफ आकर्षित हुए जिसके गले में फटे कुरते के ऊपर से एक मोटी सूत की रस्सी पड़ी थी और उसके जेब में कुछ ताश के पत्ते थे।

लेखक उसे खेल दिखाने ले गए। रास्ते में बातचीत के दौरान लेखक को पता चला कि लड़के के घर में उसके माँ और पिताजी भी हैं। उसके पिता जी देश के लिए जेल में बंद हैं और माँ बीमार है। लड़के ने लेखक को बताया कि उसकी माँ बीमार है और उसके दवा के लिए वह तमाशा दिखाकर कुछ पैसे इकट्ठा करना चाहता है। माँ के प्रति ममता देखकर लेखक उसे निशाना लगाने की जगह ले गए। जहाँ लड़के ने बारह खिलौने जीते और वहाँ से नौ-दो ग्यारह हो गया।

एक बार फिर लेखक को वह छोटा जादूगर कोलकाता के सुरम्य बोटेनिकल उद्यान में दिखाई दिया जहाँ लेखक अपनी मित्र मंडली के साथ जलपान कर रहे थे। लेखक के मना करने के बावजूद उनकी श्रीमती ने उस लड़के को तमाशा दिखाने के लिए कहा। लड़के ने अपना तमाशा दिखाया जिसे देखकर सब लोग प्रसन्न हुए और लेखक सोचता रहा कि ‘बालक को आवश्यकता ने कितना शीघ्र चतुर बना दिया है। यही तो संसार है।

एक दिन शाम के समय लेखक अपनी गाड़ी से हावड़ा की ओर जा रहे थे तो वह छोटा जादूगर उन्हें झोपड़ी के पास मिला और उनको बताया कि अस्पतालवालों ने उसकी माँ को निकाल दिया है। लेखक ने अंदर जाकर देखा तो उसकी माँ झोंपड़ी में चिथड़ों से लिपटी हुई पड़ी थी।

लेखक की जेहन में वह छोटा जादूगर घर कर गया। वह सोचता है कि छोटा जादूगर कितना निश्छल, कितना परिश्रमी, बाल-सुलभ चेष्टाएँ और बीमार माँ की जिम्मेदारी किस तरह वहन करता है।

एक दिन लेखक जब जा रहे थे तो उन्होंने छोटे जादूगर को तमाशा दिखाते हुए देखा किंतु उस जादूगर की वाणी में वह प्रसन्नता न देखकर उन्होंने कारण पूछा तो लड़के ने बताया कि उसकी माँ बहुत बीमार है और घर जल्दी आने को बोली है। लेखक उसे लेकर उसके घर पहुँचे तो उसकी बीमार माँ के मुख से सिर्फ ‘बे …’ शब्द निकलकर ही रह गया। जादूगर अपनी माँ से लिपटकर रोने लगा।

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शब्दार्थ :

  1. विषाद – दुख
  2. हिंडोले – झूला
  3. जलपान – नाश्ता
  4. घुड़कना – डॉटना
  5. वाचालता – अधिक बोलना
  6. जीविका – रोजी-रोटी
  7. ईर्ष्या – जलना, दवेष
  8. चिथड़ा – फटा पुराना कपड़ा
  9. बेष्टा – प्रयत्न
  10. समीप – पास, निकट, नजदीक
  11. अनुपात – प्रमाण, तुलनात्मक
  12. समग्न – संपूर्ण
  13. जगमगाना – चमकना
  14. कलनाद – मधुर ध्वनि
  15. गंभीर – गहरा, भारी
  16. सहमत – एकमत, राजी
  17. पथ्य – रोगी को दिया जाने वाला भोजन
  18. सुरम्य – बहुत सुंदर, रमणीय
  19. कमलिनी – छोटा कमल
  20. सयाना – बुद्धिमान
  21. बटोरना – समेटना, इकट्ठा करना
  22. अस्ताचलगामी सूर्य – पश्चिम दिशा में भागता हुआ सूरज
  23. स्मरण – स्मृति, याद
  24. स्फूर्तिमान – सक्रिय
  25. अविचल – स्थिर
  26. स्तब्ध – संज्ञाहीन, स्थिर
  27. विनोद – प्रसन्नता, खेल-कूद
  28. फुहारा – फव्वारा
  29. धैर्य – शांति
  30. निकम्मा – जो कोई काम न करता हो
  31. तिरस्कार – अपमान
  32. व्यग्र – व्याकुल
  33. उद्यान – बगीचा, फुलवारी
  34. अभिनय – भावाभिव्यक्ति

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मुहावरे :

  • दंग रहना – चकित होना
  • मन ऊब जाना – उकता जाना

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 6 Sagar Aur Megh Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 6 सागर और मेघ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 6 Sagar Aur Megh Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 6 सागर और मेघ Questions And Answers

1. स्वमत अभिव्यक्ति:

प्रश्न 1.
‘अगर न नभ में बादल होते’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
अगर नभ में बादल न होते तो बारिश नहीं होती और यदि वर्षा नहीं होती तो हमारा जीवन संकट में पड़ जाता। क्योंकि जल ही जीवन है। वर्षा के माध्यम से हमें जल की प्राप्ति होती है। हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है जहाँ ७०% आबादी कृषि पर निर्भर है अगर वर्षा न होती तो धरती बंजर रह जाती और हमें भोजन के लिए अन्न उपलब्ध नहीं होता। नदी, तालाब, जलाशय सब सूख जाते और प्राणियों का जीवन संकट में पड़ जाता क्योंकि बिना भोजन के हम कुछ दिन जीवित रह सकते हैं, लेकिन बिना पानी के हमारा एक-दो दिन जीना भी मुश्किल हो जाएगा।

अगर मेघ न होंगे, तो धरती का तापमान अत्यधिक बढ़ जाएगा और मनुष्य बेहाल हो जाएगा। बारिश के कारण धरती का तापमान नियंत्रित रहता है। बादल संसार को जल रूपी जीवन का दान करता है और अनुपजाऊ धरती को उपजाऊ बनाता है। किसान बड़ी आतुरता के साथ वर्षा का इंतजार करता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि अगर न नभ में बादल होते, तो शायद यह जीवन ही संभव न हो पाता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

प्रश्न 2.
‘सागर और मेघ एक-दूसरे के पूरक हैं’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘सागर और मेघ एक-दूसरे के पूरक हैं’ क्योंकि इन दोनों के बिना जलचक्र संभव नहीं हो सकता है। जब मेघ से पानी बरसता है तो वह वायुमंडल से भूमि तक पहुँचता है। फिर नदियों में जाकर मिलता है और वह नदियाँ अंत में जाकर सागर में मिल जाती हैं। सागर में वाष्पीकरण की क्रिया होती है और वह पानी वाष्प बनकर फिर बादल बन जाते हैं और पृथ्वी पर वर्षा होती है जिससे अनेक जीव-जंतु और वनस्पतियाँ उत्पन्न होती हैं। अत: हम कह सकते हैं कि सागर और मेघ के बिना प्राणी का जीवन संभव नहीं हो सकता। इसलिए वे दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं।

2. उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

‘अ’ ‘ब’
1.  झूठी स्पर्धा करने वाला (क) सागर
2. अपने हृदय में कंकड़ पत्थर, शंख-घोंघे (ख) मेघ भरने वाला।
(ग) मनुष्य

उत्तर:

‘अ’ ‘ब’
1.  झूठी स्पर्धा करने वाला (ग) मनुष्य
2. अपने हृदय में कंकड़ पत्थर, शंख-घोंघे (क) सागर

3. समानार्थी शब्द बताइए।

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द बताइए।
1. संसार
2. विवेकहीन
उत्तर:
1. विश्व
2. बुद्धिहीन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से सर्वनाम एवं क्रिया छाँटकर भेदों सहित लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ 1

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
‘परिवर्तन सृष्टि का नियम है’ इस संदर्भ में अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
परिवर्तन सृष्टि का नियम है। इस विषय पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है कि यह नियम क्या है। जैसे हमारे देश में ६ ऋतुएँ है इसी प्रकार संपूर्ण विश्व में भी कई प्रकार के मौसम हैं। जिस प्रकार गर्मी के बाद वसंत ऋतु आती है। यही प्रकृति का नियम हैं। उसी प्रकार हमारे मानव जीवन में भी कई परिवर्तन आते हैं जैसे जन्म से शिशु अवस्था, शैशव से किशोर अवस्था, युवा अवस्था और अंत में वृद्धावस्था और इसके बाद एक दिन सृष्टि के नियमानुसार हमें इस धराधाम को छोड़कर जाना पड़ता है। मानव जीवन में सुख और दुख भी होते हैं मगर हम मनुष्य हर परिवर्तन को सहन नहीं कर पाते; क्योंकि हर परिवर्तन हमारा मन चाहा नहीं होता है।

हम चाहते कुछ है और होता कुछ और है। ज्यादातर देखा गया है कि मनुष्य अगर इन परिवर्तनों को स्वीकार नहीं पाता है तो अधिक दुखी हो जाता है और इस दुख में इंसान अपने मन का संतुलन खो देता है और गलत कदम उठा लेता है। हमारे पूर्वजों के द्वारा हमें पता चलता है कि परमात्मा के दिए हुए हर परिवर्तन में कोई न कोई अच्छी दिशा, अच्छा और नया संदेश निहित होता है। अत: अगर हम परिवर्तन को ईश्वर का दिया हुआ वरदान मान लें; तो इसमें कोई नई आशा, नई दिशा तथा नया मार्ग मिले जो पहले से बेहतर हो इसलिए हमें यह समझने की जरूरत है कि परिवर्तन सृष्टि का नियम है।

पाठ के आँगन में:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ 2

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
‘मोती कैसे तैयार होता है?’ इस पर चर्चा कीजिए और दैनिक जीवन में मोती का उपयोग कहाँ -कहाँ होता हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से ही मोती का उपयोग काफी प्रचलित था। रामायण तथा अन्य धार्मिक ग्रन्थों में भी मोती की चर्चा पाई गई है। अमेरिका के मूल निवासी रेड इंडियन मोती को काफी महत्त्व देते थे। प्राकृतिक मोती की उत्पत्ति प्राकृतिक ढंग से होती है। वराह मिहिर की वृहत्संहिता में बताया गया है कि प्राकृतिक मोती की उत्पत्ति सीप, सर्प के मस्तक, मछली, सुअर तथा हाथी से होती है। परंतु अधिकांश प्राचीन भारतीय विद्वानों ने मोती की उत्पत्ति सीप से बताई हैं। प्राचीन विद्वानों का मत है कि जब स्वाति नक्षत्र के दौरान वर्षा की बूंदे सीप में पड़ती हैं तो मोती का निर्माण होता है।

आधुनिक वैज्ञानिकों का मत है कि मोती निर्माण के लिए शरद ऋतु सबसे अनुकूल है क्योंकि इसी ऋतु में स्वाति नक्षत्र का आगमन होता है। इस समय जब वर्षा की बूंदें या वालू का कण किसी सीप के अंदर जाता है तो सीप एक तरल पदार्थ का स्राव करती है, यह तरल पदार्थ परत दर परत चढ़ता जाता है और मोती का रूप ले लेता है। 13 वीं शताब्दी से चीन में कृत्रिम मोती का उत्पादन भी होने लगा है। इसे मोती की खेती भी कहते हैं। 1961 से भारत में भी मोती की खेती की शुरूआत की गई। इसमें सबसे पहले सीपी का चुनाव किया जाता है फिर प्रत्येक सीपी में शल्य क्रिया करनी पड़ती है। इस शल्य क्रिया के बाद सीपी के भीतर एक छोटा-सा नाभिक तथा ऊतक रखा जाता है।

इसके बाद सीपी इस प्रकार बंद कर दिया जाता है कि उसकी सभी जैविक क्रियाएँ पहले की तरह चलती रहें। ऊतक से निकलने वाला पदार्थ नाभिक के चारों ओर जमने लगता है और अंत में मोती का रूप ले लेता है। आजकल नकली मोती भी बनाए जाते हैं। नकली मोती सीप से नहीं बनाए जाते बल्कि शीशे या आलाबास्टर के मनको पर मछली के शल्क के चूरे की परतें चढ़ाकर बनाए जाते हैं। इनकी आज बाजारों में बड़ी माँग है। ये कीमत में सस्ते भी होते हैं। मोती का उपयोग आभूषण बनाने में किया जाता है। इसके अलावा मोती औषधि बनाने के काम में भी आती है। जैसे मोती भस्म का उपयोग कब्ज नाशक के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इन मोतियों से एक प्रकार की गोली बनती है, जो पेट की गैस तथा एलर्जी के लिए उपयोगी है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

आसपास:

प्रश्न 1.
दूरदर्शन पर प्रतिदिन दिखाए जानेवाली तापमान संबंधी जानकारी देखिए। संपूर्ण सप्ताह में तापमान में किस तरह का बदलाव पाया गया, इसकी तुलना करके टिप्पणी तैयार कीजिए।
उत्तर:
पिछले कई दिनों से मैं प्रतिदिन दूरदर्शन पर दिखाए जाने वाले तापमान संबंधी जानकारी को देख रहा हूँ। संपूर्ण सप्ताह का तापमान देखने के बाद मुझे ज्ञात हुआ कि महानगरों का तापमान कभी बहुत बढ़ जाता है तो कभी कम हो जाता है। पिछले कई सप्ताहों से मुंबई, दिल्ली,मद्रास, कोलकाता आदि महानगरों के तापमान में काफी बदलाव आ रहा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सारे बदलाव का कारण ग्लोबल वार्मिंग है। जिसे साधारण भाषा में भूमंडलीय तापमान में वृद्धि कहते हैं।

आज तापमानों में बदलाव का मुख्य कारण प्रदूषण है। जिससे कार्बन डाई आक्साईड की मात्रा बढ़ रही है। आधुनिकीकरण के कारण पेड़ों की कटाई और गाँवों का शहरीकरण बहुत तेजी से हो रहा है, जिसके कारण खुली और ताजी हवा या आक्सीजन का अभाव होता जा रहा है। पेड़ों तथा जंगलो की अंधाधुंध कटाई के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ता जा रहा है। जिससे कही ठंड बहुत ज्यादा हो रही है, तो कही गर्मी का प्रकोप बहुत ज्यादा हो रहा है।

वैज्ञानिकों का मत है कि आनेवाले समय में यह तापमान बदलाव बहुत भयानक रूप ले सकता है। यह फसलों के साथ-साथ जनजीवन के लिए भी नुकसानदायक है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण अधिकतम तथा न्यूनतम पारे का अंतर बढ़ गया है। इसलिए हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। हमें कोशिश करनी चाहिए कि जितनी जल्दी हो इस समस्या का समाधान प्राप्त कर लें।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 6 सागर और मेघ Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. नदियों के कर देने की निरंतरता इससे बनी रहती है –
2. सागर ने मेघ को इस पर ध्यान देने के लिए कहा –
उत्तर:
1. मेघ द्वारा दिया गया बहुत-सा दान जिसे नदियाँ पृथ्वी के पास धरोहर के रूप में रखे रहती हैं।
2. वाइव जो नित्य मुझे (सागर) जलाया करता है, फिर भी मैं उसे छाती से लगाए रहता हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

‘अ’ ‘ब’
1.  दूसरे की करतूत पर गर्व करनेवाला (क) वाड़व
2. सागर को नित्य जलाने वाला (ख) मेघ
(ग) मनुष्य

उत्तर:

‘अ’ ‘ब’
1.  झूठी स्पर्धा करने वाला (ख) मेघ
2. अपने हृदय में कंकड़ पत्थर, शंख-घोंघे (ग) मनुष्य

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
प्रत्यय अलग करके लिखिए।
1. निरंतरता
2. गरजकर
उत्तर:
1. निरंतर + ता (ता – प्रत्यय)
2. गरज + कर (कर – प्रत्यय)

प्रश्न 2.
वचन परिवर्तन कीजिए।
1. नदियाँ
2. पृथ्वी
उत्तर:
1. नदी
2. पृथ्वी

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित के समानार्थी शब्द लिखिए।
1. पृथ्वी
2. विश्राम
उत्तर:
1. धरती
2. आराम

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ 3

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
उपसर्ग अलग करके लिखिए।
1. अस्थिरता
2. अचल
उत्तर:
1. अ + स्थिरता = अस्थिरता (अ – उपसर्ग)
2. अ+ चल = अचल (अ – उपसर्ग)

प्रश्न 2.
गद्यांश से विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
1. अहिंसा × ……….
2. धरती × ………..
उत्तर:
1. हिंसा
2. आकाश

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित के समानार्थी शब्द लिखिए।
1. स्पर्धा
2. मेघ
उत्तर:
1. प्रतियोगिता
2. बादल

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अगर सागर न होता तो ……..’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
अगर सागर न होता, तो हमें बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता । धरती के ७० प्रतिशत भू-भाग में सागर फैला हुआ है। अगर महासागरों में जैव विविधता का विशाल भंडार न होता, तो पृथ्वी पर जीवन ही संभव न होती। यदि समुद्र का पानी खारा न होता तो गर्म प्रदेश और गर्म हो जाते तथा ठंडे प्रदेश और ज्यादा ठंडे। यह सागर की विशाल जलराशि ही है जो सूर्य से आनेवाली उष्मा का एक बड़ा हिस्सा अपने भीतर समा लेती है। यह प्रक्रिया ही मौसम को संतुलित करती है।

सागर में मौजूद विविध जैविकी में कार्बन को अवशोषित करने की क्षमता होती है। इस क्षमता के कारण ही इन्हें पर्यावरण को संतुलित रखने का सबसे सशक्त माध्यम माना गया है। सागर का खारा पानी भले ही पीने लायक न हो लेकिन यह गर्म हवाओं को ठंडा करती है तथा इस खारेपन के कारण ही बारिश होती है, मौसमों में रंगों की विविधता है तथा जीवन है। जिस प्रकार समुद्र मंथन के दौरान भगवान शंकर विष को पीकर नीलकंठ कहलाए; उसी प्रकार कार्बन और नमक के जहर को पीकर सागर हमें सुरक्षित रखता है और पर्यावरण को संतुलित करता है। इसलिए अगर सागर न होता, तो शायद पृथ्वी में जीवन का अस्तित्व ही न होता।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ 4

प्रश्न 2.
सत्य असत्य पहचानकर लिखिए।
1. क्रोध हमें विवेकहीन बना देता है।
2. मनुष्य सागर और मेघ पर निर्भर नहीं है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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कृति ग (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
विलोम शब्द लिखिए।
1. स्वादिष्ट × ……………..
2. उन्नति × ……………..
उत्तर:
1. स्वादहीन
2. अवनति

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों से प्रत्यय अलग करके लिखिए।
1. अपमानित
2. आतुरता
उत्तर:
1. ‘इत’ प्रत्यय
2. ‘ता’ प्रत्यय

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
निम्न में से संज्ञा तथा विशेषण पहचानकर भेदों सहित लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ 5

सागर और मेघ Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: राय कृष्णदास का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ था। ये हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत और बांग्लाभाषा के अच्छे जानकार थे। इन्होंने कविता, निबंध गद्यगीत, कहानी, कला, इतिहास आदि विषयों पर रचनाएँ की हैं। इनको ‘साहित्य वाचस्पति पुरस्कार’ तथा भारत सरकार दवारा ‘पद्म विभूषण’ की उपाधि मिली थी।

प्रमुख कृतियाँ: मौलिक ग्रंथ – ‘भारत की चित्रकला’, ‘भारत की मूर्तिकला’, कहानी संग्रह – ‘साधना आनाख्या’, ‘सुधांशु’, गद्यगीत – ‘प्रवाल’।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

गद्य-परिचय:

संवाद: दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच हुआ वार्तालाप, बातचीत या संभाषण ‘संवाद’ कहलाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत संवाद ‘सागर और मेघ’ के द्वारा लेखक ने सागर एवं मेघ के गुणों को दर्शाया है और हमें विनम्र होने की सीख
देते हुए कहा है कि अपने गुणों पर इतराना और अहंकार करना एक बुराई है। अहंकार नाश का मूल है। अतः लेखक इससे बचने की सलाह देते हैं।

सारांश:

सागर और मेघ अपने गुणों का बखान करते हुए आपस में संवाद कर रहे हैं। सागर कहता है कि उसके हृदय में मोती भरे हैं। जवाब में मेघ कहता है कि तुमने मुझसे जल का हरण किया है। सागर कहता है कि मैं सदा अपना कर्म करता हूँ। अगर सागर न होते तो मेघ न बनते अर्थात तुम्हें जन्म देने वाला मैं हूँ। मेघ मुस्कुराकर कहता है कि अगर बरसात न होती, तो नदियाँ कहाँ से उमड़ती और तुम्हें भरती। सागर मेघ पर व्यंग्य करते हुए कहता है कि आकाश में इधर-उधर मारे-मारे फिरते हो। मेघ सागर को हँसकर जवाब देता है कि मैं घूम-फिर कर संसार का निरीक्षण करता हूँ और जहाँ आवश्यक होता है; वहाँ जीवन-दान करता हूँ। अगर मैं न रहूँ, तो यह धरती बंजर हो जाएगी।

फिर मेघ सागर को उलाहना देते हुए कहता है कि तुम्हारा हृदय कठोर है क्योंकि तुम्हारे दिल में कंकड़-पत्थर भरे हुए हैं। जवाब में सागर कहता है कि जिन्हें तुम कंकड़-पत्थर समझ रहे हो वो असल में रत्न हैं। सागर आगे कहता है कि तुम सिर्फ शोर मचाना जानते हो। मेघ तुरंत जवाब देता है कि वह गरजने के साथ बरसना भी जानता है। लेकिन वह सागर की तरह नहीं है कि केवल उत्पातियों और अपराधियों को जगह देता है। सागर मेघ की बातों से क्रोधित हो उठता है और कहता है कि हाँ, मैं शरण अवश्य देता हूँ लेकिन दंड उतना ही होना चाहिए कि दंडित सावधान हो जाए; उसे अपाहिज नहीं होना चाहिए।

सागर की बातों से मेघ भी गुस्से में आ जाता है और कहता है यह भी कोई नीति हुई कि राजा अपने राज्य की रक्षा के लिए हमेशा शस्त्र लिए खड़ा रहे अपनी राज्य की उन्नति न कर पाए। अब सागर को असली बात समझ में आती है और वह मेघ से कहता है कि अपना क्रोध शांत करो और आओ हम दोनों मिलकर जनकल्याण का कार्य करें।

मेघ का भी क्रोध शांत होता है और वह कहता है कि प्रति वर्ष किसान मेरी प्रतीक्षा करता है। इसलिए हे सागर भाई, हमें आपस में उलझना नहीं चाहिए। दोनों प्रतिज्ञा करते हैं कि अब हम घमंड में एक-दूसरे का अपमान नहीं करेंगे। बल्कि लोक कल्याण के लिए कार्य करेंगे। मेघ कहता है कि मैं नदियों को भर-भर कर तुम तक भेजूंगा और सागर कहता है कि मैं सहर्ष उन्हें उपकार सहित ग्रहण करूँगा।।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 सागर और मेघ

शब्दार्थ:

  1. बुलंद – ऊँचा, उन्नत
  2. वारि – जल
  3. धरोहर – विरासत
  4. निरंतरता – अविरामता
  5. कायम रहना – बने रहना
  6. विकार – गंदगी
  7. तृप्त – संतुष्ट
  8. करतूत – कार्य
  9. हठात – हठपूर्वक
  10. वाड़व – समुद्र जल के अंदर वाली अग्नि
  11. मर्यादा. – सीमा
  12. आयास – विस्तार (आयाम)
  13. उच्छंखल – उदंड, उत्पाती
  14. रसा – पृथ्वी
  15. वंध्या – बंजर
  16. निपात – गिरना
  17. आततायियों – अत्याचारियों
  18. चेत जाना – सावधान होना
  19. शास्ता – राजा, शासक
  20. आतुरता – उत्सुकता

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 2 Jhumka Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 2 झुमका Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 2 Jhumka Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 2 झुमकाQuestions And Answers

1. आकृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 1

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 2

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 3

2. निम्नलिखित घटनाओं को कालक्रमानुसार लिखिए। 

प्रश्न 1.
निम्नलिखित घटनाओं को कालक्रमानुसार लिखिए।
i. आलमारी के नीचे विछे कागज तक उलटकर देख लिए।
ii. कांति सिर से पाँव तक सिहर उठी।
iii. बिस्तर हटाकर दो-दो बार झाड़ डाला।
iv. कांति ने घर का कोना-कोना ढूँढ़ मारा।
उत्तर :
(iv), (i), (iii), (ii)

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

3. कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
i. कांति को सर्वेश से झुमका खरीदवाने की हिम्मत नहीं हुई –
ii. कांति ने कमलाबाई को एक हजार रुपए दिए
उत्तर :
i. मार्च का महीना और इनकम टैक्स का टेंशन था इसलिए कांति को सर्वेश से झुमका खरीदवाने की हिम्मत नहीं हुई।
ii. एक झुमके की कीमत एक हजार रुपए थी।

4. निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. नीचे ………
  2. खरीदना …………
  3. अगला …………
  4. खूबसूरत ……….
  5. सुबह ……….
  6. संकोच ………

उत्तर:

  1. ऊपर
  2. बेचना
  3. पिछला
  4. बदसूरत
  5. शाम
  6. नि:संकोच

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

5. सही विकल्प चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए । 

प्रश्न i.
कमलाबाई की लड़की दो महीने से ………….
(क) ससुराल में है।
(ख) ननिहाल में है।
(ग) मायके में है।
उत्तर:
(ग) मायके में है।

प्रश्न ii.
कमलाबाई ने भर आई आँखों की कोरों को ………….
(क) रूमाल से पोंछ डाला।
(ख) तौलिए से पोंछ डाला।
(ग) कोहनी से पोंछ डाला।
उत्तर:
(ग) कोहनी से पोंछ डाला।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

6. निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. निद्रा
  2. मुश्किल
  3. रोजगार
  4. आभूषण

उत्तर:

  1. नींद
  2. कठिनाई
  3. नौकरी
  4. गहना

7. ‘दहेज’ समाज के लिए एक कलंक है, इस पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘दहेज’ समाज के लिए एक कलंक है, इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
दहेज आज कन्या-पक्ष के शोषण का माध्यम बन गया है। कहीं यह शोषण नगद धन-राशि के रूप में होता है, तो कहीं आभूषण, तो कहीं गाड़ी, मोटर-साइकिल, स्कूटर आदि के रूप में होता है। वधुओं को अनेक प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक यातनाएँ दी जाती हैं। कभी वधु को जलाकर मार डाला जाता है तो कभी बहू को विष देकर मार डाला जाता है तो कभी इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह स्वयं आत्महत्या कर लेती है। सबसे बड़ा दुख तो इस बात का है कि हमारे समाज में शिक्षित वर्ग भी दहेज को अपना समर्थन दे रहा है।

8.  एक से दो शब्दों में उत्तर दीजिए। 

प्रश्न 1.
एक से दो शब्दों में उत्तर दीजिए।
i. कमलाबाई की पगार
ii. कमलाबाई ने नोट यहाँ रखे
उत्तर:
i. दौ सौ रुपए
ii. पल्लू में

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9. ‘सौ’ शब्द का प्रयोग करके कोई दो कहावतें लिखिए।

प्रश्न 1.
‘सौ’ शब्द का प्रयोग करके कोई दो कहावतें लिखिए।
उत्तर:
i. सौ सुनार की, एक लोहार की।
ii. एक अनार, सौ बीमार।

10. अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
निम्न सामाजिक समस्याओं को लेकर आप क्या कर सकते है, बताइए। ।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 5
उत्तर :
अशिक्षा और बेरोजगारी देश के सम्मुख प्रमुख समस्याएँ हैं जो प्रगति के मार्ग को तेजी से अवरुद्ध करती हैं। स्वतंत्रता के पचास वर्षों बाद भी सभी को रोजगार देने और शिक्षित करने के अपने लक्ष्य से हम मीलों दूर हैं। आज आवश्यकता इस बात की है कि बेरोजगारी और अशिक्षा के प्रमुख कारणों जैसे बढ़ती जनसंख्या, शिक्षा व्यवस्था, लघु उद्योगों का नष्ट होना आदि पर विशेष ध्यान दिया जाए और इसके निदान हेतु सार्थक उपाय किए जाएं।

इसके लिए सर्वप्रथम हमें अपने छात्र-छात्राओं तथा युवक-युवतियों की मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा। यह तभी प्रभावी हो सकता है जब हम अपनी शिक्षा पद्धति में सकारात्मक परिवर्तन लाएँ। विद्यालयों में तकनीकी कार्य पर आधारित शिक्षा दें जिससे उनकी शिक्षा का प्रयोग उद्योगों व फैक्ट्रियों में हो सके और वे आसानी से नौकरी पा सकें।

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11. एक-दो शब्दों में ही उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
एक-दो शब्दों में ही उत्तर लिखिए।
(क) दुबली-पतली
(ख) कमजोर-सी
(ग) दो महीने से मायके में है-
(घ) दो महीने से यहीं है
उत्तर:
(क) कमलाबाई की लड़की
(ख) कमलाबाई की लड़की
(ग) कमलाबाई की लड़की
(घ) मायके में

12. अपने घरों में काम करने वाले नौकरों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। उस पर आधारित अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
अपने घरों में काम करने वाले नौकरों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए। उस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
घर के नौकरों को अपने परिवार का ही एक सदस्य समझना चाहिए। उसके साथ हमेशा अच्छा व्यवहार करना चाहिए। नौकर घर के अन्य कामों के साथ ही घर के लोगों का भी ख्याल करता है । इसलिए घर के लोगों को भी उसका ख्याल करना चाहिए। नौकर के खाने, कपड़े तथा दवा आदि का ध्यान देना चाहिए। उसकी ईमानदारी पर हमें पूरा भरोसा होना चाहिए। उसे कभी भी पराया नहीं समझना चाहिए। सुख-दुख में उसका साथ देना चाहिए। उसके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा अपनेपन का भाव रखना चाहिए।

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13. भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु : 

प्रश्न 1.
रेखांकित शब्दों के विलोम शब्द लिखकर नए वाक्य बनाइए।
उत्तर:

विलोम शब्द वाक्य
1. कांति को कमला पर विश्वास था। अविश्वास सैनिकों के मन में राजा के प्रति अविश्वास फैल गया।
2. बड़ी मुश्किल से उसकी आँख लगी। आसान भारत से क्रिकेट मैच जीतना आसान नहीं है।
3. दुकानदार रमा का परिचित था। अपरिचित हम महात्मा की शक्तियों से अपरिचित हैं।
4. सोच समझकर व्यय करना चाहिए। आय हमें सरकार को अपनी आय का ब्यौरा देना चाहिए।
5. हमें सदैव अपने लिए किए गए कामों के प्रति कृतज्ञ होना चाहिए। कृतघ्न मैं कितना कृतघ्न हूँ कि माँ-बाप को ही भूला दिया।
6. पूर्व दिशा में सूर्योदय होता है। सूर्यास्त पश्चिम दिशा में सूर्यास्त होता है।

14. रचनात्मकता की ओर लेखनीय :

प्रश्न 1.
‘दहेज’ समाज के लिए एक कलंक है, इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
दहेज आज कन्या-पक्ष के शोषण का माध्यम बन गया है। कहीं यह शोषण नगद धन-राशि के रूप में होता है, तो कहीं आभूषण, तो कहीं गाड़ी, मोटर-साइकिल, स्कूटर आदि के रूप में होता है। वधुओं को अनेक प्रकार की शारीरिक तथा मानसिक यातनाएँ दी जाती हैं। कभी वधु को जलाकर मार डाला जाता है तो कभी बहू को विष देकर मार डाला जाता है तो कभी इतना प्रताड़ित किया जाता है कि वह स्वयं आत्महत्या कर लेती है। सबसे बड़ा दुख तो इस बात का है कि हमारे समाज में शिक्षित वर्ग भी दहेज को अपना समर्थन दे रहा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

15. मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
हम समाज के लिए समाज हमारे लिए’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
हम एक सामाजिक प्राणी हैं जो आपस में मिल-जुलकर रहते हैं। हमें अपना जीवन सुचारु रूप से चलाने के लिए एक-दूसरे के सहयोग की आवश्यकता पड़ती है। व्यक्ति दूसरों के साथ जैसा व्यवहार करता है, दूसरे भी उसके साथ वैसा ही व्यवहार करते हैं। इसलिए हमें समाज के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। समाज-से अलग रहने वाला व्यक्ति पशु के समान माना जाता है। हम समाज को अच्छा-बुरा जो भी देते हैं. हमें भी वापस वही मिलता है। हम कह सकते हैं कि हम और समाज एक-दूसरे के पूरक हैं।

16. पाठ के आगे :

प्रश्न 1.
आभूषणों की सूची तैयार कीजिए और शरीर के किन अंगों पर पहने जाते हैं, बताइए।
उत्तरः
शरीर के विविध अंगों पर पहने जानेवाले आभूषण निम्नलिखित रूप में है: नाक-कील, पाँव-पायल, गला-हार, अंगुली-अंगूठी, कमरकरधनी, कलाई-चूड़ियाँ, कान-कुंडल आदि।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 2 झुमका Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग पहचानिए।
i. झुमके
ii. दुकानदार
उत्तर:
i. पुल्लिंग
ii. पुल्लिंग

कृति क (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मार्च महीना और इनकम टैक्स’ का तात्पर्य 8 से 10 पंक्तियों में लिखिए।
उत्तर:
सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक आय होने पर बढ़े हुए आय का कुछ अंश हमें सरकार के खाते में जमा करना पड़ता है। जिसे ‘टैक्स’ कहते हैं। यह टैक्स हर वर्ष मार्च महीने के अंत में भरना पड़ता है। सरकार की वित्तनीति के अनुसार यह टैक्स पिछले 12 महीने की आय का होता है। जिसकी समयावधि पिछले वर्ष के 1 अप्रैल से लेकर वर्तमान वर्ष के 31 मार्च तक के बीच की होती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
घटनानुसार उचित क्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए।

  1. घर आकर कांति ने झुमके का पैकेट मेज़ पर रख दिया।
  2. सुनार के यहाँ से तो दोनों झुमके लाई थी।
  3. अभी चलकर ठीक करा ले।

उत्तर :

  1. अभी चलकर ठीक करा ले।
  2. घर आकर कांति ने झुमके का पैकेट मेज़ पर रख दिया।
  3. सुनार के यहाँ से तो दोनों झुमके लाई थी।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. कांति तुरंत ही रमा के साथ टैक्सी करके सुनार के यहाँ चली गई।
ii. घर आकर कांति ने झुमके का पैकेट आलमारी पर रख दिया।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
उपर्युक्त गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. मेज़
ii. झुमका
उत्तर:
i. घर आकर कांति ने झुमके का पैकेट कहाँ पर रख दिया?
ii. सुनार ने आधे घंटे में क्या ठीक करके दे दिया?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

कृति ख (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए ।
i. झुमके
ii. आलमारी
उत्तर:
i. झुमका
ii. आलमारियाँ

प्रश्न 2.
गद्यांश में आए शब्द-युग्म चुनकर लिखिए।
उत्तर :
काम-काज, छोटी-मोटी, मामूली-सी

कृति ख (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्त्री और आभूषण’ पर 8 से 10 पंक्तियों में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
स्त्री और आभूषण का संबंध प्राचीनकाल से ही चला आ रहा है। स्त्रियों को आभूषणों से गहरा प्रेम होता है और आभूषण पहनने से स्त्रियों की सुंदरता में चार चाँद लग जाता है। प्राचीन काल में सोने और चांदी के आभूषणों का प्रचलन कम होने के कारण उस समय की नारियाँ फूल और पत्तों से बने आभूषण पहनती थी, परंतु आधुनिक युग की स्त्रियाँ सोने, चाँदी, हीरे व मोती से बने आभूषणों का प्रयोग करती हैं। कुछ आभूषणों का अपना अलग महत्त्व है।

ये ग्रहों को प्रभावित करते हैं इसलिए ग्रहों को प्रभावशाली बनाने के लिए अलग-अलग धातु व रत्नों से बने गहने पहने जाते हैं। आज के युग में आभूषणों का प्रचलन बहुत अधिक होता जा रहा है। आधुनिक युग की स्त्रियाँ अपने वस्त्रों के अनुसार ही आभूषण धारण करती हैं।

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(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए ।

  1. खाना खाकर दोपहर की नींद लेने के लिए कांति कहाँ पर लेटी?
  2. कांति की बंद आँखों के सामने क्या घूमता रहा?
  3. दरवाजे की घंटी किसने बजाई?
  4. कमलाबाई की लड़की का घरवाला किस कंपनी में काम करता है?

उत्तर:

  1. बिस्तर
  2. झुमका
  3. कमलाबाई
  4. ट्रांसपोर्ट

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 4

कृति ग (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 3.
गद्यांश से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए ।
उत्तर :
i. दो-चार
ii. चौका-बासन

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. कमलाबाई अपनी पिछले महीने की पगार लेती जाना।
ii. कमलाबाई झुमका कहीं बेचने जाएगी तो कोई समझेगा कि चोरी का है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति घ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 2.
गद्यांश में आए हुए शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर :
i. सौ-सौ
ii. हलका – फुलका

(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ङ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका 6

कृति ङ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. करीब ……….
ii. होश ………..
उत्तर:
i. दूर
ii. बेहोश

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

प्रश्न 2.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. पति
ii. सुहाग
उत्तर:
i. पत्नी
ii. सुहागन

झुमका Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : सुशील सरित जी आधुनिक हिंदी कथाकार हैं। आपकी कहानियाँ, निबंध विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्राय: प्रकाशित होती रहती हैं।

गद्य-परिचय :

वर्णनात्मक कहानी : जीवन की किसी घटना का रोचक, प्रवाही वर्णन ही वर्णनात्मक कहानी है। इसमें वर्णन की प्रधानता होती है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कहानी के माध्यम से लेखक ने परोपकार, दया एवं अन्य मानवीय गुणों को दर्शाते हुए इन्हें अपनाने तथा नौकरों के साथ सौहार्दपूर्ण व्यवहार एवं उनकी मदद करने का मानवीय संदेश दिया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

सारांश :

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि कांति नाम की एक महिला का एक झुमका गायब हो गया जिसे वह पूरे घर में ढूँढ़ती रही पर वह नहीं मिला। उसने वह झुमका दो साल की बचत के बाद खरीदा था जिसके बारे में उसके पति सर्वेश को भी नहीं मालूम था। दरअसल झुमके का वह जोड़ा बहुत ही खूबसूरत था तथा सुनार ने परिचित होने के कारण चार तोले का लगनेवाले उस झुमके को सिर्फ दो हजार में दे दिया था।

वह झुमके को अपनी ‘मैरिज एनिवर्सरी’ पर पहनने वाली थी। झुमके में बगलवाला मोती टूटने के कारण वह सुनार के पास वापस गई तो सुनार ने उसे ठीक कर दिया। घर आकर उसने झुमके का पैकेट मेज़ पर रख दिया और घर के कार्यों में व्यस्त हो गई। घर का काम निपटाकर जब वह पैकेट देखने लगी तो उसमें से एक झुमका गायब था।

जिसके कारण उसे दोपहर की नींद नहीं आई। उसकी नौकरानी कमलाबाई के आने पर कांति ने दरवाजा खोला। कमलाबाई ने आकर बताया कि उनकी बेटी दो महीने से मायके में है क्योंकि उसके ससुराल वाले दहेज और गहने की माँग कर रहे हैं। गरीब होने के कारण वह इतना दहेज नहीं दे सकती। घर के कामों को निपटाकर जब वह जाने लगी तो कांति ने उसे उसकी दो सौ रुपए पगार दिया। कमलाबाई ने दरवाजे से वापस लौटकर कांति को एक झुमका देते हुए बताया कि उसे वह रास्ते में सड़क पर पड़ा मिला।

वह बेचेगी तो कोई समझेगा कि चोरी का है। वह झुमका बेचकर अपनी लड़की के लिए गहने बनवाना चाहती थी। अत: उसने कांति को झुमका बेचने के लिए कहा। कांति ने झुमका देखकर पहचान लिया कि वह उसी का है। किंतु कमलाबाई के लड़की के हालात को समझकर वह चुप रही तथा झुमके को आलमारी में रख दिया और कमलाबाई को एक हजार रुपया देते हुए कहा कि यदि झुमका बेचने पर अधिक पैसा मिलेगा तो वह उसे दे देगी। पैसा पाकर कमलाबाई कांति को आशीर्वाद देते हुए सुनार के पास अपनी लड़की के लिए गहने खरीदने चली गई।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

शब्दार्थ :

  1. कोना-कोना ढूँढ़ मारा – हर जगह ढूँढ़ना
  2. झुमका – कान में पहने जाने वाला एक आभूषण, कुंडल
  3. गनीमत – संकट में संतोष की बात
  4. तसल्ली – धोरज
  5. कोहनी – टिहुनी (बाँह के बीच का जोड़)
  6. रकम – पैसा
  7. इकट्ठा – एकत्रित, जमा
  8. दरअसल – सच में, वास्तव में खूबसूरत
  9. चार तोले – 40 ग्राम
  10. परिचित – जाना-पहचाना, पहचान वाला
  11. आग्रह – निवेदन
  12. चौका-बासन – रसोई घर, बरतन साफ करना
  13. इनकम टैक्स – आयकर
  14. टेंशन – तनाव
  15. मामूली-सी – छोटी-सी
  16. नि:संकोच – जिना संकोच के
  17. तसल्ली – दिलासा
  18. पैकेट – थैली
  19. ड्राइंग रूम – बैठक
  20. तबीयत – सेहत
  21. सफाई देना – ईमानदारी दर्शाना
  22. मायके – माँ का घर
  23. खबर – सूचना
  24. घरवाला – पति
  25. झबिया – छोटी टोकरी
  26. भर आई आँखें – आँसूभरी आँखें
  27. सहानुभूति – हमदर्दी
  28. समेटकर – इकट्ठा कर
  29. किचन – रसोई घर
  30. सहम – डर
  31. गंदुमी – गेहुँआ रंग
  32. सुहाग सलामत रखे – पति बने रहें, पति दोधार्यु हो

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 झुमका

मुहावरे :

  1. सिहर उठना – भय से काँपना।
  2. घर सर पर उठा लेना – शोर मचाना।
  3. वादा करना – वचन देना।
  4. आँख फटना – चकित हो जाना।
  5. वादा करना – वचन देना।
  6. आँख फटना – चकित हो जाना।

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Vyakaran Shabd Bhed Class 11 Marathi Bhag 5.5 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 5.5 Exercise Question Answer Maharashtra Board

व्याकरण शब्दभेद 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 5.5 व्याकरण शब्दभेद Textbook Questions and Answers

कृती

प्रश्न 1.
शब्दांतील उच्चार साधर्म्यावरून कृती करा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 1
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 11

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

प्रश्न 2.
शब्दलेखनातील सूक्ष्म बदल.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 2
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 12

प्रश्न 3.
संदर्भानुसार शब्दप्रयोजन.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 13

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

प्रश्न 4.
अक्षर फरकाने अर्थबदल.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 4
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 14

11th Marathi Book Answers Chapter 5.5 व्याकरण शब्दभेद Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
शब्दांतील उच्चार साधर्म्यानुसार कृती करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 15

प्रश्न 2.
शब्दलेखनातील सूक्ष्म बदलानुसार कृती करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 16

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

प्रश्न 3.
संदर्भानुसार शब्दप्रयोजन कृती करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 17

प्रश्न 4.
अक्षरफरकाने होणारा अर्थबदल कृती करा.
उत्तर :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 18

शब्दभेद प्रास्ताविक:

दैनदिन जीवनात आपण भाषेतील अनेकविध शब्दांचा वापर अगदी सहजतेने करत असतो. चांगले बोलणे व चांगले लिहिणे यांसाठी शब्दज्ञानाची आवश्यकता असते. शब्दज्ञान, त्या शब्दाचा विशिष्ट अर्थ, सूक्ष्म अर्थच्छटा, शब्दांचे योग्य लेखन, शब्दांच्या अचूक संदर्भाचे ज्ञान आवश्यक आहे. प्रभावी अभिव्यक्तीसाठी शब्दज्ञानाची आवश्यकता आहे.

शब्दांच्या योग्य ज्ञानाअभावी आपले बोलणे व लिहिणे प्रभावशाली होत नाही. म्हणूनच शब्दभेद समजून घेणे आवश्यक आहे. चांगले बोलणे हे चांगले ऐकण्यातून आकारास येते. चांगले ऐकणे म्हणजे श्रवण, समजून बोलणे म्हणजे भाषण, आकलन करून ग्रहण करणे म्हणजे वाचन आणि या तिहींचा समन्वय म्हणजे लेखन.

शब्दभेदाचे आकलन जर नीट झाले नाही, तर अर्थभेद, अर्थहानी आणि अर्थविसंगती होते. म्हणूनच शब्दभेद समजून घेणे आवश्यक आहे.

1. शब्दांचे उच्चार साधर्म्य

शब्दाच्या उच्चारातून व लेखनातून जेव्हा सूक्ष्म बदल जाणवतात व अर्थाच्या दृष्टीने खूप फरक निदर्शनास येतात तेव्हा तिथे शब्दभेद असतो.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 5

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

भाषेतील दोन शब्दांच्या उच्चारात काहीसे साधर्म्य (सारखेपणा) असते. परंतु संदर्भ साधर्म्य अजिबात नसते. दोन शब्दांचा उच्चार वरवर जरी सारखा वाटत असला तरी योग्य संदर्भ पूर्णपणे जाणून न घेतल्यामुळे शब्दांचा योग्य प्रकारे वापर केला जात नाही.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 6

यांसारखे अन्य काही शब्द

  • कळ – वेदना, भांडणाचे मूळ
  • घाट – डोंगरातील वळणाचा रस्ता, नदीवरील पायऱ्यांचे बांधकाम
  • तट – किनारा, किल्ल्याची संरक्षक भिंत.
  • दर्प – वास, गर्व
  • पात्र – लायक, नाटकातील भूमिका, भांडे
  • वार – दिवस, धारदार शस्त्राचा घाव, लांबी मोजण्याचे एकक.
  • सुमन – फूल, निर्मळ मन

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

2. शब्दलेखनातील सूक्ष्म बदल

भाषा विषयात शुद्धलेखनाचे महत्त्व अनन्यसाधारण आहे. शब्दलेखन करताना हस्व – दीर्घ, अनुस्वार, काना, मात्रा यांकडे जाणीवपूर्वक लक्ष दयावे. शब्दलेखनात चूक झाली तर बराचसा चुकीचा अर्थ प्राप्त होतो.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 7

यांसारखे अन्य काही शब्द

  • अध्ययन – शिकारी, अध्यापन – शिकविणे
  • खत – पिकाला घालायचे खत, खंत – काळजी
  • गृह – घर, ग्रह – सूर्यमालेतील ग्रह.
  • पिक – कोकिळ पक्षी, पीक – शेतात उत्पन्न आलेले धान्य
  • मास – महिना, मांस – प्राण्यांचे मांस वदन – तोंड, वंदन – नमस्कार
  • शिव – शंकर, शीव – सीमा
  • सन – वर्ष, सण – उत्सव
  • सुर – देव, सूर – स्वर
  • तण – गवत, तन – शरीर

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 व्याकरण शब्दभेद

3. शब्दांच्या संदर्भाची अचूक जाण

बोलताना वा लेखन करताना कोणता शब्द कोठे वापरावा याबद्दल काही संकेत असतात. या संकेतांना विशिष्ट अशा संदर्भाची पार्श्वभूमी असते. संदर्भ आणि संकेत यांत अंतर पडल्यास अर्थातही फरक पडतो. बोलण्या, लिहिण्यातली ही अर्थविसंगती मनाला खटकते.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 8

4. शब्दांच्या लेखनात एखादया अक्षराचा फरक

दोन शब्दांच्या एखादया अक्षराचा जरी फरक असला तरी अर्थात खूप मोठा फरक पडतो. हा फरक समजण्यासाठी शब्दांच्या अर्थाची योग्य जाण असणे आवश्यक आहे.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 9
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.5 शब्दभेद 10

11th Marathi Textbook भाग-५ व्याकरण

Vyakaran Kal Class 11 Marathi Bhag 5.4 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 5.4 व्याकरण काळ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 5.4 Exercise Question Answer Maharashtra Board

व्याकरण काळ 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 5.4 व्याकरण काळ Textbook Questions and Answers

कृती

1. खालील वाक्यांतील रीती काळाचा प्रकार ओळखा.

प्रश्न 1.
नजमा उत्तम कविता लिहीत असे. …………………………………………
उत्तर :
रीती भूतकाळ

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 2.
मी लोकांना मदत करत राहीन. …………………………………………
उत्तर :
रीती भविष्यकाळ

प्रश्न 3.
अभिजित सतार उत्तम वाजवत असतो. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

प्रश्न 4.
शिक्षक जे सांगतात, ते विदयार्थी लक्षपूर्वक ऐकत असतात. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

प्रश्न 5.
एका गावात एक उत्तम चित्रकार राहत होता. …………………………………………
उत्तर :
रीती भूतकाळ

प्रश्न 6.
राहल प्रार्थनेला नेहमीच उशिरा येत असतो. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

प्रश्न 7.
माधवराव नेहमीच सुगम संगीत ऐकत असत. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 8.
दादासाहेब दररोज फिरायला जात असतात. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

प्रश्न 9.
तो सदोदित आजारी पडत असतो. …………………………………………
उत्तर :
रीती वर्तमानकाळ

2. खालील वाक्यांतील काळ ओळखून त्यापुढे दिलेल्या कंसातील सूचनेनुसार वाक्यबदल करा.

प्रश्न 1.
मी तबला वाजवतो. (रीती भूतकाळ करा.)
उत्तर :
मी तबला वाजवत असे.

प्रश्न 2.
मुले खो-खो खेळत होती. (पूर्ण भूतकाळ करा.)
उत्तर :
मुले खो-खो खेळली होती.

प्रश्न 3.
रस्त्याच्या डाव्या बाजूने चालावे. (साधा वर्तमानकाळ करा.)
उत्तर :
रस्त्याच्या डाव्या बाजूने चल.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 4.
तो विदयार्थी अडखळत वाचत असतो. (साधा भूतकाळ करा.)
उत्तर :
तो विदयार्थी अडखळत वाचत होता

प्रश्न 5.
वर्गातील विद्यार्थी लक्षपूर्वक ऐकत होते. (साधा भविष्यकाळ करा.)
उत्तर :
वर्गातील विदयार्थी लक्षपूर्वक ऐकतील / वर्गातील विदयार्थी लक्षपूर्वक ऐकत असतील.

11th Marathi Book Answers Chapter 5.4 व्याकरण काळ Additional Important Questions and Answers

1. खालील कृती सोडवा व काळाचे नाव लिहा. (कंसातील क्रियापदांचे योग्य रूप वापरा)

प्रश्न 1.
या वर्षी मी काश्मीर सहलीला ……………………………. (जाणे)
उत्तर :
या वर्षी मी काश्मीर सहलीला जाईन. [भविष्यकाळ]

प्रश्न 2.
काल झालेल्या निबंध स्पर्धेत मी उत्तम निबंध ……………………………. (लिहिणे)
उत्तर :
काल झालेल्या निबंध स्पर्धेत मी उत्तम निबंध लिहिला. [भूतकाळ]

प्रश्न 3.
हे बघ आनंद, उदया तू सहलीला असल्यामुळे लवकर ……………………………. (जाणे, उठणे)
उत्तर :
हे बघ आनंद, उदया तू सहलीला असल्यामुळे लवकर ऊठ. [वर्तमानकाळ]

प्रश्न 4.
परवा सुरेशने सुरेल गीत ……………………………. (गाणे)
उत्तर :
परवा सुरेशने सुरेल गीत गायले. [भूतकाळ]

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 5.
काल बाळूने बागेतील आंबे शेजाऱ्यांना ……………………………. (देणे)
उत्तर :
काल बाळूने बागेतील आंबे शेजाऱ्यांना दिले. [भूतकाळ]

प्रश्न 6.
वकिलाने आरोपीला आपली बाजू मांडू ……………………………. (देणे)
उत्तर :
वकिलाने आरोपीला आपली बाजू मांडू दिली. [भूतकाळ]

प्रश्न 7.
भविष्यात मी कधीतरी विमानातून प्रवास ……………………………. (करणे)
उत्तर :
भविष्यात मी कधीतरी विमानातून प्रवास करेन. [भविष्यकाळ]

प्रश्न 8.
हसणे हा मनुष्यस्वभाव ……………………………. असणे.
उत्तर :
हसणे हा मनुष्यस्वभाव आहे. [वर्तमानकाळ]

प्रश्न 9.
काल रात्री सारखा विजांचा गडगडाट ……………………………. (होणे)
उत्तर :
काल रात्री सारखा विजांचा गडगडाट होता. [भूतकाळ]

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 10.
उदया मी ही मालिका पुन्हा ……………………………. (बघणे)
उत्तर :
उदया मी ही मालिका पुन्हा बघेन. [भविष्यकाळ]

सरावासाठी कृती :

1. खालील वाक्यांतील काळ ओळखा.

प्रश्न 1.
(a) दहा वर्षांपूर्वी मी या शाळेत रुजू झाले.
(b) आणखी वर्षानंतर मामू या शाळेतून सेवानिवृत्त होणार!
(c) माझ्या हाती पुस्तक देताना त्यानं त्यावरून मायेनं हात फिरविला.
(d) या मंडळींनी गेल्या पंचवीस वर्षांत साऱ्या जगाचं एका ‘मॉल’ मध्ये रूपांतर केलं.
(e) या वयातही ठणठणीत प्रकृती आहे माझी.
उत्तर :
(a) भूतकाल
(b) भविष्यत्काल
(c) वर्तमानकाल
(d) भूतकाल
(e) वर्तमानकाल

2. कंसातील सूचनेनुसार वाक्यबदल करा.

प्रश्न 1.
ही शाळा सरकारी आहे. (रीती भविष्यकाळ करा)
उत्तर :
ही शाळा सरकारी असेल.

प्रश्न 2.
सोपानदेवांची आणि माझी वीस-बावीस वर्षांची मैत्री आहे. (पूर्ण भूतकाळ करा)
उत्तर :
सोपानदेवांची आणि माझी वीस-बावीस वर्षांची मैत्री होती.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

प्रश्न 3.
प्रास्ताविकानंतर कार्यक्रमाला सुरुवात झाली. (पूर्ण भविष्यकाळ करा)
उत्तर :
प्रास्ताविकानंतर कार्यक्रमाला सुरुवात होईल.

प्रश्न 4.
एक फळ मात्र मी रोज नेमानं खात असतो. (रीती भूतकाळ करा)
उत्तर :
एक फळ मात्र मी रोज नेमानं खात असे.

प्रश्न 5.
सभागृहात टाचणी पडेल अशी शांतता पसरली. (काळ ओळखा)
उत्तर :
वर्तमानकाळ

3. खालील वाक्यातील रीती काळाचा प्रकार ओळखा.

प्रश्न 1.
a. विदयार्थी मामूचा हात खेचून त्याला आग्रहाने चहाला नेतात.
b. टी.व्ही.ची गाडी रोजच्यासारखी चारला येणार होती.
c. उषा वहिनी नेहमीप्रमाणे पर्स घ्यायला आत जातील.
d. ही आजची भीषण स्थिती असे.
e. पुस्तकांचा अविट सुगंध मनाच्या गाभाऱ्यात दरवळत जाईल.
उत्तर :
a. रीती वर्तमानकाळ
b. रीती भूतकाळ
c. रीती भविष्यकाळ
d. रीती भूतकाळ
e. रीती भविष्यकाळ

काळ प्रास्ताविकः

वाक्याचा अर्थ पूर्ण करणाऱ्या क्रियावाचक शब्दास क्रियापद असे म्हणतात. उदा. विदयार्थ्यांनी नियमित अभ्यास करावा. यातील ‘करावा’ या शब्दातून अभ्यास करण्याची क्रिया दर्शविली जाते. वाक्यात दिलेल्या क्रियापदावरून जसा क्रियेचा बोध होतो. तसाच ती क्रिया कोणत्या वेळी घडत आहे याचा बोध होतो. क्रिया कोणत्या वेळी घडत आहे याचा जो बोध होतो त्यास काळ असे म्हणतात.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ

उदा.

  • माधुरी गीत गाते. (गाण्याची क्रिया सुरू आहे – आता घडत आहे)
  • माधुरीने गीत गाईले/गायले (गाण्याची क्रिया पूर्वी घडत आहे – पूर्वी कधी तरी)
  • माधुरी गीत गाईल. (गाण्याची क्रिया पुढे घडणार आहे – भविष्यात कधी तरी)

यावरून काळाचे तीन मुख्य प्रकार पडतात.

  • वर्तमानकाळ – (क्रिया आता घडली आहे.)
  • भूतकाळ – (क्रिया पूर्वी घडली आहे.)
  • भविष्यकाळ – (क्रिया पुढे कधी तरी घडेल)

काळ व काळाचे प्रकार :
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 काळ 1

‘वाचणे’ ही क्रिया काळाच्या सर्व प्रकारांत खालीलप्रमाणे दर्शविली जाते.

वर्तमानकाळ भूतकाळ भविष्यकाळ
साधा/सामान्य
उदा. मी पुस्तक वाचतो.
(क्रिया सुरू / घडत आहे.)
साधा/सामान्य
उदा. मी पुस्तक वाचले.
(क्रिया पूर्वी घडली आहे.)
साधा/सामान्य
उदा. मी पुस्तक वाचेन.
(क्रिया पुढे घडणार आहे.)
अपूर्ण
उदा. मी पुस्तक वाचत आहे.
(वाचन संपलेले नाही. क्रिया सुरू आहे, परंतु अपूर्ण आहे.)
अपूर्ण
उदा.
मी पुस्तक वाचत होतो.
अपूर्ण
उदा. मी पुस्तक वाचत असेन.
पूर्ण
उदा. मी पुस्तक वाचले आहे.
(पुस्तक वाचन पूर्ण झाले आहे.)
पूर्ण
उदा. मी पुस्तक वाचले होते.
पूर्ण
उदा. मी पुस्तक वाचले असेन.
रीती
उदा. मी पुस्तक वाचत असतो.
(पुस्तक वाचन क्रिया नेहमी घडत असते.)
रीती
उदा. मी पुस्तक वाचत असे.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ
रीती
उदा. मी पुस्तक वाचत जाईन.

लक्षात ठेवा :

  • वाक्यात क्रियापद एकटेच असेल तर तो साधा काळ असतो.
  • क्रिया सुरू आहे म्हणजेच संपलेली नाही तर अपूर्ण आहे हे समजते तो अपूर्ण काळ असतो.
  • क्रिया पूर्ण झाली याचा बोध होतो तेव्हा तो पूर्ण काळ असतो.
  • एखादी क्रिया नेहमी वा सतत घडत असेल तर तो रीती काळ असतो.

रीती काळ :

क्रियापदाच्या स्वरूपावरून त्या विशिष्ट क्रियेची रीत, पद्धत, सवय, वहिवाट समजते तेव्हा तो रीती काळ असतो.
उदा.

  • धावपटू धावण्याचा सतत सराव करत असतात. (रीती वर्तमानकाळ) (धावण्याच्या कृतीचा सराव – रीत)
  • माझ्या एकत्र कुटुंबात आजी उत्तम संस्कार करत असे. (रीती भूतकाळ) (आजीची उत्तम संस्काराची रीत)

हिरव्या पालेभाज्या आवश्यक असल्यामुळे सर्वच व्यक्ती रोजच्या आहारात त्या खात जातील. (रीती भविष्यकाळ) (हिरव्या पालेभाज्यांची आवश्यकता सर्वांना – खात जातील.)

रीती काळाची वैशिष्ट्ये :

वैशिष्ट्ये उदाहरण
1. रीती काळात सामान्यपणे संयुक्त क्रियापदांचा वापर असतो. 1. सुरेखा गीत गात असते. (वर्तमानकाळ) (नेहमी गीत गाण्याची सवय) गात असते संयुक्त क्रियापद
2. संयुक्त क्रियापदावरून क्रियेचे सतत चालणारे रूप समजते. क्रियेची पुनरावृत्ती दिसते. 2. तो वर्गात नेहमी बोलत असे. (भूतकाळ) (पूर्वी त्याला असणारी बोलण्याची सवय)
3. क्रियापदाच्या स्वरूपावरून सतत चालणारी क्रिया कोणत्या काळात घडत आहे हे समजते. Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.4 व्याकरण काळ 3. क्रीडांगणावर मुले खेळत असतील. (भविष्यकाळ) (मुलांची खेळण्याची सवय)
4. धातूला प्रत्यय लावून क्रियापद तयार होते. उदा. खात, बोलत, करत इ. 4. समीर पुस्तक वाचत असे. (भूतकाळ) (वाच पासून वाचत हे धातूसाधित रूप असे – क्रियावाचक शब्द वाचत असे संयुक्त क्रियापद

11th Marathi Textbook भाग-५ व्याकरण

Vyakaran Vakya Sanshleshan Class 11 Marathi Bhag 5.3 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 5.3 Exercise Question Answer Maharashtra Board

व्याकरण वाक्यसंश्लेषण 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण Textbook Questions and Answers

कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्यांचे संयक्त, मिश्रव केवल वाक्य असे वर्गीकरण करा.

a. मी माणसे मोजून पाहिली; पण ती आठच भरली.
उत्तरः
संयुक्त वाक्य (‘पण’ न्यूनत्वबोधक प्रधानत्वसूचक उभयान्वयी अव्यय)

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण

b. सोनाली चहा किंवा कॉफी घेते.
उत्तरः
संयुक्त वाक्य (‘किंवा’ विकल्पबोधक प्रधानत्वसूचक उभयान्वयी अव्यय)

c. आम्ही मुंबईला पोहोचलो आणि खूप अडचणी निर्माण झाल्या.
उत्तरः
संयुक्त वाक्य (‘आणि’ समुच्चयबोधक प्रधानत्वसूचक उभयान्वयी अव्यय)

d. पाऊस पडला, तर शेतकरी वर्ग आनंदी होईल.
उत्तरः
मिश्र वाक्य (‘तर’ या ठिकाणी ‘जर’ अध्याहृत धरावा) संकेतबोधक गौणत्वसूचक उभयान्वयी अव्यय

e. मुले बागेत खेळली. ती खूप दमली.
उत्तरः
केवल वाक्य (दोन स्वतंत्र केवल वाक्ये – मुले उद्देश्य. खेळली – विधेय. ती उद्देश्य, दमली – विधेय

f. सर म्हणाले, की प्रामाणिक प्रयत्नांनी यश मिळते.
उत्तरः
मिश्र वाक्य (‘की’ स्वरूपबोधक गोणत्वसूचक उभयान्वयी अव्यय)

प्रश्न 2.
सूचनेनुसार वाक्यसंश्लेषण करा.

a. तो उत्तीर्ण झाला. सर्वांना आनंद झाला. (केवल वाक्य करा.)
उत्तरः
तो उत्तीर्ण झाल्यामुळे सर्वांना आनंद झाला.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण

b. श्याम घरी आला. वादळाला सुरुवात झाली. (मिश्र वाक्य करा.)
उत्तरः
श्याम घरी आला तेव्हा वादळाला सुरुवात झाली.

c. आम्हाला शिकवायला नवीन शिक्षक आले. आमच्या अडचणी दूर झाल्यात. (संयुक्त वाक्य करा.)
उत्तरः
आम्हांला शिकवायला नवीन शिक्षक आले आणि आमच्या अडचणी दूर झाल्या.

d. माझे वडील म्हणाले. मला तुझे यश बघून तुझा अभिमान वाटला. (मिश्र वाक्य करा.)
उत्तरः
माझे वडील म्हणाले, की तुझे यश बघून मला तुझा खूप अभिमान वाटला.

e. हे आधुनिक लोकशाहीचे युग आहे. जाहिरातीला महत्त्व आहे. समाजाने जाहिरातीचा योग्य अर्थ समजून घ्यावा. (केवल वाक्य करा.)
उत्तरः
आधुनिक लोकशाही युगात जाहिरातींना महत्त्व असल्यामुळे समाजाने जाहिरातींचा योग्य अर्थ समजून घ्यावा.

11th Marathi Book Answers Chapter 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण Additional Important Questions and Answers

सरावासाठी कृती

प्रश्न 1.
सूचनेनुसार वाक्यसंश्लेषण करा.

(a) प्रार्थना संपते, ‘जनगणमन’ ची इशारत मिळते. (केवल वाक्य करा)
(b) पुस्तकं आपल्याला घडवतात; काही वेळा उद्ध्वस्तही करतात. (संयुक्त वाक्य करा)
(c) वाक्य संपलं आणि त्यांचे डोळे लकाकले. (केवल वाक्य करा)
(d) घरातली कामं मला दिसतात. त्यांना दिसत नाहीत. (मिश्र वाक्य करा)
(e) टॉलस्टायला वाचनाची आवड होती. त्याचा वाचनाचा वेग उत्तम होता. (संयुक्त वाक्य करा)
उत्तर :
(a) केवल वाक्य प्रार्थना संपताच ‘जनगणमन’ ची इशारत मिळते.
(b) संयुक्त वाक्य पुस्तकं आपल्याला घडवतात; पण काही वेळा उद्ध्वस्तही करतात.
(c) केवल वाक्य वाक्य संपताच त्यांचे डोळे लकाकले.
(d) मिश्र वाक्य घरातील कामं जशी मला दिसतात, तशी त्यांना दिसत नाहीत.
(e) संयुक्त वाक्य टॉलस्टायला वाचनाची आवड होती आणि त्याचा वाचनाचा वेगही उत्तम होता.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण

प्रश्न 2.
खालील वाक्यांचे संयुक्त , मिश्र, केवल वाक्य असे वर्गीकरण करा.
उत्तर :

  • शाळेत तो शिपाई आहे; शाळेबाहेर तो बहुरूपी आहे. – संयुक्त वाक्य
  • जे आवडेल ते खुशाल घेऊन जा. – मिश्र वाक्य
  • एक गोष्ट मात्र खरी की, उत्तम साहित्यकृती आपल्याला जन्मभर भावनिक सोबत करतात. – मिश्र वाक्य
  • त्यांनी गाणी रचली आणि त्यातली थोडीशी कुणीतरी टिपून ठेवली. – संयुक्त वाक्य
  • पोट कितीही भरले तरी ते शेवटी रिकामे होणारच – मिश्र वाक्य

वाक्यसंश्लेषण प्रास्ताविक:

एक पूर्ण विचार व्यक्त करणाऱ्या शब्दसमूहास वाक्य असे म्हणतात. वाक्य म्हटले की, त्यात कोणाविषयी तरी बोलणे असते आणि ज्याच्याविषयी बोलायचे आहे त्याबद्दल काहीतरी सांगितलेले म्हणजे विधान केलेले असते. यामुळेच वाक्याचे दोन भाग पडतात.

उदा. सूर्य रोज पूर्वेला उगवतो.

वरील वाक्य सूर्याबद्दल आहे. ‘सूर्य’ हे वाक्याचे उद्देश्य आहे. सूर्याबद्दल ‘रोज पूर्वेला उगवतो’ हे विधान केलेले आहे.

व्याकरणाच्या भाषेत उद्देश्य म्हणजे कर्ता (सूर्य) व विधेय म्हणजे क्रियापद (उगवणे – उगवतो), वाक्यातील इतर शब्द हे उद्देश्य विस्तार आणि विधेय विस्तार आहेत.

एका वाक्यात किती विधाने असतात यावरून वाक्याचे पुढील प्रकार पडतात.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण

वाक्यप्रकार:

वाक्यातील विधानांवरून वाक्यांचे पुढील प्रकार पडतात.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 वाक्यसंश्लेषण 1
केवल, मिश्र व संयुक्त वाक्य प्रकारांची वैशिष्ट्ये पुढीलप्रमाणे आहेत.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 वाक्यसंश्लेषण 2
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 वाक्यसंश्लेषण 3
लक्षात ठेवा :

मिश्र व संयुक्त वाक्यांत काही अव्यये समान असली तरी जोडली जाणारी वाक्ये आणि वाक्यांतील अव्ययांचे अर्थ लक्षात घेऊन वाक्य मिश्र वा संयुक्त आहे हे निश्चित करा.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 व्याकरण वाक्यसंश्लेषण

वाक्यसंश्लेषण/वाक्यसंकलन :

एकमेकांशी संबंध असलेलली दोन वा अधिक केवल वाक्ये दिली असता त्यांचे एक वाक्य तयार करण्याच्या प्रक्रियेला वाक्यसंश्लेषण असे म्हणतात.

वाक्यसंश्लेषणाचे महत्त्वः

  • वाक्यरचनेवर प्रभुत्व संपादन करण्यासाठी
  • आपल्या मनातील भाव नेमकेपणाने व्यक्त करण्यासाठी
  • सुटी – सुटी वाक्ये विस्कळीतपणे मांडण्याऐवजी ती एकत्रित करून मांडल्यामुळे आपल्या विचारात सुसूत्रता येते. वाक्य आटोपशीर, व्यवस्थित तयार करता येते.
  • उत्तम लेखनकौशल्य आत्मसात करण्यासाठी वाक्यसंकलनाची कला प्रत्येकास अवगत असणे आवश्यक आहे.

वाक्यसंश्लेषणाचे प्रकारः
वाक्य संकलनाच्या वेळी दोन वा अधिक वाक्ये एकत्र करून आपण एक जोडवाक्य तयार करतो. हे जोडवाक्य केवल, मिश्र वा संयुक्त यांपैकी एक असते. म्हणजेच वाक्यसंश्लेषण हे तीन प्रकारचे असते.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 वाक्यसंश्लेषण 4
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.3 वाक्यसंश्लेषण 5

11th Marathi Textbook भाग-५ व्याकरण

Vyakaran Kavya Gun Class 11 Marathi Bhag 5.2 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 5.2 व्याकरण काव्यगुण Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 5.2 Exercise Question Answer Maharashtra Board

व्याकरण काव्यगुण 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 5.2 व्याकरण काव्यगुण Textbook Questions and Answers

कृती

प्रश्न 1.
खालील तक् पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 9
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 4

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 व्याकरण काव्यगुण

प्रश्न 2.
खालील उदाहरणांमधील काव्यगुण ओळखा
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 10
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 5

प्रश्न 3.
वाचा. चौकिती काव्गुण वलहा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 11
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 7

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 व्याकरण काव्यगुण

11th Marathi Book Answers Chapter 5.2 व्याकरण काव्यगुण Additional Important Questions and Answers

सरावासाठी कृती

प्रश्न 1.
खालील पदयपंक्तीतील काव्यगुण लिहा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 8

काव्यगुण प्रास्ताविकः

मानवी जीवनात शब्दांचे, वाणीच्या व्यापाराचे महत्त्व अनन्यसाधारण आहे. मानवी मनात कोमलतेपासून कठोरतेपर्यंत अनेकविध भाव निर्माण करण्याचे सामर्थ्य शब्दांत असते.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 व्याकरण काव्यगुण

प्रत्येक व्यक्तीत काही समान तर काही विशेष गुण असतात. व्यक्तीप्रमाणेच सर्जनशील लेखनात काही गुण असतात. अशा या गुणांमुळेच ती वाङमयीन रचना उठावदार व प्रभावी होण्यास मदत होते. प्रसाद, माधुर्य व ओज या काव्यगुणांमुळेच अभिव्यक्ती परिणामकारक होते. पदय असो वा गदय वाचकांच्या अंत:करणाला भिडण्याची शक्ती काव्यगुणांमध्ये असते. काव्यात्मक गुणांमुळे साहित्यभाषेला सौंदर्याचा एक अनोखा साज चढतो.

काव्यगुण:

अभिव्यक्तीस पोषक असे योजलेले शब्द असतील तर काव्याची शोभा वाढते. काव्यरचनेतील अनेक काव्यगुणांपैकी प्रसाद, माधुर्य व ओज हे तीन गुण महत्त्वाचे आहेत.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 1

काव्यगुणातील शब्दांची वैशिष्ट्ये:

  • सोपे, सुटसुटीत व उच्चारण्यास सहजसुलभ असे शब्द
  • शब्दांमधील नादमधुरता – कोमल व मृदु वर्णांच्या योजनेत ते शब्द कानाला मधुर, सुखद व नादमाधुर्यामुळे ते गुणागुणावसे वाटतात.
  • शब्दांमधील गेयता व त्या शब्दांच्या अर्थाचा आंतरिक गोडवा.
  • काव्यपंक्तीतून व्यक्त होणारा भाव.

काव्यगुण असणाऱ्या शब्दांमधून काव्याची शोभा वाढते. ती काव्यरचना श्रवणीय ठरते. रसिकांना त्या पंक्ती, विधाने सहजपणे मुखोद्गत होतात कवितेचे रसग्रहण करताना काव्यगुण सांगणे आवश्यक असते.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 व्याकरण काव्यगुण

काव्यगुण प्रकार व त्यांची वैशिष्ट्ये:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 2
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.2 काव्यगुण 3

11th Marathi Textbook भाग-५ व्याकरण

Vyakaran Shabd Shakti Class 11 Marathi Bhag 5.1 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 5.1 Exercise Question Answer Maharashtra Board

व्याकरण शब्दशक्ती 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती Textbook Questions and Answers

कृती

प्रश्न 1.
सूचनेनुसार सोडवा.
‘मी वि. स. खांडेकर’ वाचले. या वाक्यातील लक्ष्यार्थ लिहा.
(अ) मी वि. स. खांडेकर यांना पाहिले.
(आ) मी वि. स. खांडेकर यांच्याशी बोललो.
(इ) मी वि. स. खांडेकर यांचे साहित्य वाचले.
उत्तरः
(इ) मी वि. स. खांडेकर यांचे साहित्य वाचले.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

प्रश्न 2.
मूळ शब्दशक्ती …………………………….. आहेत.
(अ) एक
(आ) चार
(इ) तीन
उत्तरः
(इ) तीन

प्रश्न 3.
“निवडणुका आल्या, की कावळ्यांची कावकाव सुरू होते.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती लिहा.
(अ) अभिधा
(आ) लक्षणा
(इ) व्यंजना
उत्तरः
(इ) व्यंजना

प्रश्न 4.
‘आपल्याभोवती वावरणाऱ्या कोल्ह्यांपासून दूरच राहावे.’ या वाक्यातील कोल्हा’ या शब्दातून व्यक्त होणारा लक्ष्यार्थ….
(अ) जंगलातील धूर्त प्राणी
(आ) मळ्यातील मका खाणारा
(इ) धूर्त माणसे
उत्तरः
(अ) जंगलातील धूर्त प्राणी

प्रश्न 5.
‘घरावरून मिरवणूक गेली.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती लिहा.
(अ) अभिधा
(आ) लक्षणा
(इ) व्यंजना
उत्तरः
(आ) लक्षणा

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

प्रश्न 6.
‘मी एक लांडगा पाहिला.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती लिहा.
(अ) व्यंजना
(आ) अभिधा
(इ) लक्षणा
उत्तरः
(आ) अभिधा

प्रश्न 7.
‘समाजातील असले साप ठेचलेच पाहिजेत.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती लिहा.
(अ) लक्षणा
(आ) व्यंजना
(इ) अभिधा
उत्तरः
(आ) व्यंजना

प्रश्न 8.
खालील तक्ते पूर्ण करा.

(अ) शब्दशक्ती ओळखा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 5

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

(आ) शब्दशक्तीनुसार शब्द व वाक्य लिहा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 2
उत्तरः
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 6

(इ) शब्दशक्तीनुसार तक्ता पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 7

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

11th Marathi Book Answers Chapter 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती Additional Important Questions and Answers

सूचनेनुसार कृती करा.

प्रश्न 1.
‘घड्याळाने पाचचे ठोके दिले.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती ओळखा.

पर्याय :
(अ) अभिधा
(आ) व्यंजना
(इ) लक्षणा
उत्तर:
(अ) अभिधा

प्रश्न 2.
आम्ही बाजरी खातो’ या वाक्यातून शब्दशक्तीचा हा अर्थ समजतो.
पर्याय :
(अ) वाच्यार्थ
(आ) लक्ष्यार्थ
(इ) व्यंगार्थ
उत्तर:
(आ) लक्ष्यार्थ

प्रश्न 3.
समाजमान्य अर्थ व्यक्त करणाऱ्या शक्तीस म्हणतात.
पर्याय :
(अ) लक्षणा
(आ) व्यंजना
(इ) अभिधा
उत्तर:
(इ) अभिधा

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

प्रश्न 4.
‘आम्ही सगळे भारतीय आहोत.’ या वाक्यातील शब्दशक्ती ओळखा.
पर्याय :
(अ) व्यंजना
(आ) लक्षणा
(इ) अभिधा
उत्तर:
(इ) अभिधा

प्रश्न 5.
‘संप म्हणजे सामान्यांचे मरणच!’ या वाक्यातील शब्दशक्ती ओळखा.
पर्याय :
(अ) अभिधा
(आ) लक्षणा
(इ) व्यंजना
उत्तर:
(आ) लक्षणा

शब्दशक्ती प्रास्ताविकः

आपल्या मनातील विचार, भावना, कल्पना आपण भाषेतील शब्दांच्या माध्यमातून इतरांपर्यंत प्रभावीपणे पोहोचवत असतो. समाज जीवनात वावरताना माणसांचे परस्परांमधील व्यवहार भाषेच्या माध्यमातून सुलभपणे चालत असतात. भाषेच्या माध्यमातूनच साहित्याची निर्मिती होत असते. प्रतिभावंत लेखक-लेखिका, कवी-कवयित्रींकडून वैशिष्ट्यपूर्ण असे भाषिक आविष्कार निर्माण होत असतात.

श्रवण, वाचन, भाषण आणि लेखन ही महत्त्वाची भाषिक कौशल्ये आहेत. बोलण्याची तयारी ऐकण्यापासून होत असते. वाचनाने व्यक्तिमत्त्व बहुश्रुत होते. आपल्या बोलण्याला रंग, रूप, गुण, उंची, खोली असली की आपल्या मनातील आशय इतरांपर्यंत नेमकेपणाने आणि प्रभावीपणे पोहोचवता येतो. मनातील अमूर्त विचार शब्दांद्वारेच मूर्त होत असतात. म्हणूनच माऊली म्हणतात त्याप्रमाणे,

“बिंब जरी बचके एवढे। परी प्रकाशाशी त्रिभुवन थोकडे।

शब्दांची व्याप्ती येणे पाडे। अनुभवावी।।” आपले शब्द हे आपल्या समग्र व्यक्तिमत्त्वाचा हुंकार असतो. प्रसंगानुसार शब्दयोजना व आशयानुसार केलेली अभिव्यक्ती श्रोत्यांना व वाचकांना आपल्या कवेत घेते.

शब्दशक्ती

शब्दांच्या अंगी शब्दाच्या मूळ अर्थाव्यतिरिक्त वेगळा असा अर्थ संदर्भाने प्रकट करण्याचे विशिष्ट प्रकारचे सामर्थ्य असते. शब्दांच्या या सामर्थ्यालाच शब्दशक्ती असे म्हणतात.
उदा.

  • मी आज मोठा दगड पाहिला.
  • त्याचे बोलणे म्हणजे काळ्या दगडावरची रेघ.
  • माझ्या मना बन दगड.

पहिल्या वाक्यात ‘दगड’चा अर्थ पाषाण/धोंडा असा आहे. दुसऱ्या वाक्यात काळा दगड चा अर्थ पक्का/कधीही न बदलणारा/ठाम असा आहे. तिसऱ्या वाक्यात दगड चा अर्थ कठोर अंत:करण करणे असा आहे.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

शब्दांच्या अंगची ही शक्ती तीन प्रकारची आहे.

शब्दशक्ती :

  • अभिधा
  • लक्षणा
  • व्यंजना
अभिधा लक्षणा व्यंजना
(१) शब्द वाचल्याबरोबर त्याचा शब्दश: अर्थ समजतो. (१) शब्दाचा मूळ अर्थ उपयोगी पडत नाही म्हणून संदर्भानुसार दुसराच अर्थ घ्यावा लागतो. (१) शब्दाच्या मूळ अर्थाशी सुसंगत असा वेगळाच अर्थ सूचित होतो.
(२) अभिधा शक्तीच्या साहाय्याने प्रकट होणाऱ्या अर्थाला ‘वाच्यार्थ’ म्हणतात. (२) लक्षणा शक्तीच्या साहाय्याने प्रकट होणाऱ्या अर्थास ‘लक्ष्यार्थ’ म्हणतात. (२) व्यंजना शक्तीच्या साहाय्याने प्रकट होणाऱ्या अर्थास ‘व्यंगार्थ’ म्हणतात.
(३) रूढ, समाजमान्य व शब्दकोशात हा अर्थ दिलेला असतो. (३) संदर्भानुसार दुसराच अर्थ घ्यावा लागतो. मूळ अर्थ दुसऱ्या अर्थाला लक्षितो. (३) मूळ अर्थाशी सुसंगत असा वेगळाच अर्थ घ्यावा लागतो.
(४) शब्दाचा मूळ अर्थ (४) शब्दाच्या मूळ अर्थास बहुतेक वेळा बाधा येते. (४) मूळ अर्थाला बाधा न येता दुसराच सुसंगत असा अर्थ.
उदा.
1. काल मला रानात साप दिसला. (साप सर्प / नाग)
2. नानां काल पर्वतीवर गेले. (काल म्हणजे कालच) अभिधा शक्तीत साधा, सरळ अर्थ समजतो.
उदा.
1. घरावरून साप गेला.(घरावरून घरासमोरून, घराजवळून)
2. नाना काल पर्वतीवर गेले. (पर्वतीवर मृत्यू पावले) लक्षणा शक्तीत हे कसे शक्य आहे? म्हणून दुसराच अर्थ घ्यावा लागतो.
उदा.
1. समाजातील असले साप ठेचलेच पाहिजेत. (साप दुष्ट/वाईट/लबाड व्यक्ती)
2. नाना काल पर्वतीवर गेले. (पर्वतीचा डोंगर चढून गेले) व्यंजना शक्तीचा वापर दुसऱ्याला नावे ठेवण्यासाठी केला जातो.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 व्याकरण शब्दशक्ती

व्यंगार्थाची गंमत :

व्यंजना या शब्दशक्तीने व्यंगार्थ समजतो.
उदा. सूर्य उगवला – म्हणजेच सूर्योदय झाला. परंतु व्यक्तिगणिक याचा अर्थ वेगवेगळा सूचित होतो.

वाक्य व्यक्ती व्यक्तींच्या दृष्टीने अर्थ
सूर्योदय झाला. घरातील काही व्यक्ती झोपेतून उठण्याची वेळ झाली.
घरातील गृहिणी झाडलोट व सडापाणी करण्याची वेळ झाली.
घरातील आजी – आजोबा प्रातः प्रार्थनेची वेळ झाली.
शाळेत जाणारे विदयार्थी मुला – मुलींची आंघोळीची वेळ झाली.

शब्दशक्तींची गरज :

साहित्यिकांना ललित वाङ्मयात आपल्या जीवनानुभवांचे दर्शन इतरांना प्रभावीपणे घडविण्यासाठी, शब्दांच्या पलिकडचा भाव व्यक्त करण्यासाठी, मूळ भावार्थाशी संलग्न अर्थच्छटांना दर्शविण्यासाठी, काव्यात व्यंगामुळे सूचकता व अधिक परिणामकारकता निर्माण करण्यासाठी शब्दशक्तीच्या माहितीची आवश्यकता आहे.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 5.1 शब्दशक्ती 4

11th Marathi Textbook भाग-५ व्याकरण

Radio Jockey Class 11 Marathi Bhag 4.5 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 4.5 रेडिओजॉकी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 4.5 Exercise Question Answer Maharashtra Board

रेडिओजॉकी 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 4.5 रेडिओजॉकी Textbook Questions and Answers

कृती

प्रश्न 1.
उत्तम रेडिओजॉकी होण्यासाठी तुम्हांला प्राप्त करावी लागणारी भाषिक कौशल्ये लिहा.
उत्तरः
उत्तम रेडिओजॉकी होण्यासाठी तुम्हांला मूलभूत भाषिक कौशल्ये म्हणजे लेखन, वाचन, भाषण-संभाषण, श्रवण कौशल्ये आत्मसात करणे अपेक्षित आहे. रेडिओजॉकी होण्यासाठी तुम्हांला मराठी, हिंदी व इंग्रजी भाषेचे ज्ञान असणे गरजेचे आहे. वाचन चौफेर हवे तसेच रेडिओजॉकी व्यासंगी हवा.

भाषा, साहित्य व संस्कृती यांची त्याला चांगली जाण असावी. त्याची भाषा साधी, सोपी व ओघवती असावी. शब्दफेक, बोलण्यातील सहजता, माधुर्य त्याच्या निवेदनात असावे. उच्चार सुस्पष्ट व निसंदिग्ध असावेत. भाव-भावना यांची जाणीव असावी. मिंग्शिल (मराठी-इंग्लिश), हिंग्लिश (हिंदी-इंग्लिश) तसेच स्थानिक भाषांची सरमिसळ करून आरजे निवेदन करत असतो. भाषा सकारात्मक. श्रोत्यांचे मन प्रसन्न करणारी. मिस्किल अशी असावी.

रेडिओजॉकीला भाषेचे उत्तम ज्ञान असावे. बोलताना शब्दातील भाव भावना यांचे प्रकटीकरण व्हावे. त्याचा अर्थ भाषेतून श्रोत्यांपर्यंत जाणे अपेक्षित आहे. थोडक्यात भाषेची उत्तम जाण व सरावातून, चांगल्या प्रकारे रेडिओजाकीला निवेदन करता येऊ शकते.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी

प्रश्न 2.
‘आरजे-एक संवादी व्यक्तिमत्त्व’ हे स्पष्ट करा.
उत्तरः
आरजे ए.एम, एफ.एम. व विविध कार्यक्रमांतून श्रोत्यांशी संवाद साधत असतो. त्याला बोलण्याची व गप्पा मारण्याची आवड असते. उत्कृष्ट संवाद कौशल्य व विनोदाची जाण असणारे व्यक्तिमत्त्व असते. स्टुडिओत वेगवेगळ्या क्षेत्रांतील मान्यवरांच्या मुलाखतीतून त्यांना बोलते करण्याचे कौशल्य आरजेकडे असते.

वेगवेगळ्या कार्यक्रमाच्या निमित्ताने फोनद्वारे श्रोत्यांशी संवाद साधत असतो. श्रोत्यांशी संवाद साधताना तो अनेकदा अनौपचारिक असतो. ‘डायल इन’ या कार्यक्रमाच्या थेट प्रसारणात आटोपशीर आणि अधिकाधिक श्रोत्यांना सामावून घेणारा असतो. श्रोत्यांशी संवाद साधताना मार्दवपणा व हजरजबाबीपणा असतो. आरजे समोरच्याला अधिकाधिक बोलण्याची संधी देत असतो. आरजेचे बोलणे संवादी, गतिमान व सहजस्फूर्त असते.

सलग दोन-तीन तासांच्या निवेदनात आरजे विविध गाणी, किस्से सादर करता-करता श्रोत्यांशी मनमोकळा संवाद साधत असतो. वेगवेगळ्या क्लुप्त्या वापरून फोनवरून श्रोत्यांशी संभाषण व चर्चा करत असतो. विविध स्पर्धांचे आयोजन, कोड्यांची रचना व त्यांची उत्तरे, विशेष दिनाची चर्चा यातून आरजेचे संवादी व्यक्तिमत्त्व समोर येते. अनेकदा थेट प्रक्षेपित कार्यक्रमांतून प्रवाही संवाद होत असतो. थोडक्यात आरजे हे संवादी व्यक्तिमत्त्व आहे. श्रोते व मान्यवरांशी होणाऱ्या विविधांगी संवादातून त्याचे व्यक्तिमत्त्व आकारास येते.

प्रश्न 3.
रेडिओजॉकी या क्षेत्रातील व्यवसायाच्या संधी वाढण्याची तुम्हाला जाणवणारी कारणे लिहा.
उत्तरः
आज प्रादेशिक, राष्ट्रीय आणि आंतरराष्ट्रीय रेडिओ स्टेशन्सच्या स्थापनेमुळे रेडिओ चॅनल हा उदयोग वाढत आहे. ऑल इंडिया रेडिओ, ए.एम., एफ.एम., जाहिरात एजन्सी, विशिष्ट प्रसंग, विशिष्ट कार्यक्रम, विविध मनोरंजन कंपन्या अशा विविध क्षेत्रांत व्यवसायाच्या अनेक संधी रेडिओजॉकीला उपलब्ध होत आहेत. रेडिओ स्टेशन्सच्या वाढलेल्या संख्येमुळे या क्षेत्रातील व्यवसायाच्या संधी वाढत आहेत.

त्याचबरोबर विविध मनोरंजन कंपन्यांद्वारे विविध कार्यक्रमांचे आयोजन केले जाते. वेगवेगळ्या जाहिरात एजन्सीत रेडिओजॉकीला नोकरीची संधी मिळते. आजकाल विविध प्रकारची उत्पादने, सेवा यांच्या जाहिरातीचे युग आहे. प्रत्येक क्षेत्रात जाहिरात होत असते. यातून रेडिओजॉकीला संधी मिळते.

विशिष्ट प्रसंगांत, आयोजित कार्यक्रमात तसेच ऑल इंडिया रेडिओत अनेक कार्यक्रमांतून रेडिओजॉकीला संधी उपलब्ध होत आहे. थोडक्यात आजच्या युगात वेगवेगळ्या क्षेत्रात होणाऱ्या विविध कार्यक्रमांमुळे रेडिओजॉकीला अनेक नोकरीच्या संधी उपलब्ध होत आहेत.

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प्रश्न 4.
रेडिओजॉकीच्या कामाचे स्वरूप स्पष्ट करा.
उत्तरः
रेडिओजॉकी अर्थात आरजेचे विविध कार्यक्रम प्रसारित होत असतात. ए.एम., एफ.एम. या खाजगी रेडिओवरून श्रोत्यांची आवड, छंद ओळखून विविध स्वरूपाचे कार्यक्रम प्रसारित होत असतात. विविध वयोगट, महिला, विविध क्षेत्र यांनुसार कार्यक्रमाचे स्वरूप व संहिता बदलत असते. एकाच प्रकारचे कार्यक्रम प्रसारीत झाले तर ते श्रोत्यांना कंटाळवाणे व निरस वाटू लागतात. म्हणून त्यात वैविध्य आणून रंजकता वाढवली जाते.

रेडिओजॉकीचे कार्यक्रम महिलांची आवड-निवड, छंद यांचा विचार करून महिलांसाठी, तसेच युवकांची आवड, ध्येये, स्वप्न डोळ्यांसमोर ठेवन कार्यक्रम तयार केले जातात. शालेय कार्यक्रमाचे आयोजन केले जाते. शेती व त्याच्याशी निगडित मलाखती. मार्गदर्शन. सल्ला यांचा कार्यक्रमात अंतर्भाव असतो.

भारतीय संस्कृतीत सण-उत्सवाला खूप महत्त्व आहे. या सण-उत्सवाच्या निमित्ताने त्यांची माहिती, परंपरा व संस्कृतीचे दर्शन घडवणारे कार्यक्रम आरजे सादर करत असतो. श्रोत्यांच्या आवडीचा आणि रंजनाचा विषय म्हणजे संगीत. त्याचे अनेक कार्यक्रम तो सादर करतो. विशेषतः सलग दोन-तीन तास बॉलीवुड हिट गाणी वाजवून श्रोत्यांचे मनोरंजन करत असतो. वेगवेगळ्या विषयांवर परिसंवादाचे आयोजन केले जाते. त्यातून उद्बोधन होत असते.

श्रोत्यांच्या पत्रांना उत्तरे हा एक कार्यक्रम असतो. वेगवेगळ्या कार्यक्रमांच्या निमित्ताने विचारलेल्या प्रश्नांना उत्तरे दिली जातात तसेच, श्रोत्यांची विविध कार्यक्रमांच्या संदर्भात दिलेली प्रतिक्रिया पत्राद्वारे व्यक्त होत असते. कधी कधी अचानक घडलेल्या घटनांवर कार्यक्रम असतो. उदा.

नैसर्गिक आपत्ती, दुर्घटना इत्यादी. विज्ञानविषयक घडामोडी, त्यावर भाष्य करणाऱ्या बातम्या प्रसारित होतात. प्रासंगिक घडामोडी, चालू घडामोडी यांवर तसेच विविध सामाजिक, राजकीय विषयांवर श्रोत्यांशी संवाद साधणारे कार्यक्रम असतात. वेगवेगळ्या महत्त्वाच्या व्यक्तींच्या मुलाखतींद्वारे विविध विषयांवर प्रकाश टाकला जातो. थोडक्यात आरजेचे कार्यक्रम हे एकसूरी नसून त्यात विविधता असते.

प्रश्न 5.
‘उत्तम भाषिक कौशल्ये संपादन केलेली व्यक्ती उत्तम रेडिओजॉकी होऊ शकते.’, हे विधान स्पष्ट करा.
उत्तरः
लेखन, वाचन, श्रवण, भाषण-संभाषण ही भाषेची कौशल्ये आहेत. कोणत्याही भाषेवर प्रभुत्व मिळवण्यासाठी ही कौशल्ये आत्मसात करणे गरजेचे असते. रेडिओजोंकी हा संवादी निवेदक, सत्रसंचालक असतो. उत्तम रेडिओजॉकी होण्यासाठी भाषिक कौशल्ये आत्मसात करावीच लागतात. भाषेची जाण असणे.

भाषाशैली, अरोह-अवरोह, उच्चारातील स्पष्टता, निसंदिग्धता असावी लागते. उत्तम भाषिक कौशल्य वाचन आणि व्यासंगाने प्राप्त होत असते. रेडिओजॉकीचे वाचन खूप असावे. राजकीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, क्रीडा, मनोरंजन अशा विविध विषयांची जाण व अभ्यास असावा. रेडिओजॉकीची भाषा साधी, सोपी, सरळ, ओघवती असावी तसेच त्यात मार्दव व माधुर्य असावे.

शब्दफेक, वाक्यांची रचना, सलगता, बोलण्याचा वेग, आत्मविश्वास, आवाजातील भारदस्तपणा या सर्व गोष्टी भाषेची कौशल्ये आत्मसात केल्यानंतरच येऊ शकतात. मराठी, हिंदी, इंग्रजी भाषेचा अभ्यास, त्यातील बारकावे, भाव-भावना यांच्या अभ्यासाने भाषेवर प्रभुत्व प्राप्त होत असते व त्यातूनच भाषिक कौशल्यांचा विकास होताना दिसतो. हे सर्व गुण रेडिओजॉकीत असावेत. त्यातूनच तो उत्तम रेडिओजॉकी होऊ शकतो.

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रेडिओजॉकीला सलग दोन-तीन तास कार्यक्रमाचे सादरीकरण करावे लागते. वेगवेगळ्या विषयांची, प्रसंगांची, घडामोडींची माहिती देणे, श्रोत्यांशी अनौपचारिक-औपचारिक संवाद साधणे, मुलाखती, श्रोत्यांशी खेळ खेळणे या सर्व कार्यक्रमात रेडिओजॉकीची भाषा अतिशय ओघवती, प्रवाही, मिश्किल, सहजस्फूर्त अशी असावी. याचाच अर्थ असा की उत्तम भाषिक कौशल्ये आत्मसात केलेली व्यक्ती उत्तम रेडिओजॉकी होऊ शकते या विधानात सत्यता आहे.

प्रश्न 6.
‘उत्कृष्ट संभाषण कौशल्य आणि बहुआयामी व्यक्तिमत्त्व हे यशस्वी रेडिओजॉकीचे महत्त्वाचे पैलू आहेत.’ स्पष्ट करा.
उत्तरः
ए.एम., एफ.एम. रेडिओवरून सलग दोन-तीन तास श्रोत्यांशी मनमोकळा संवाद साधत विविध गाण्यांची मधून-मधून पेरणी करत श्रोत्यांच्या हृदयापर्यंत भिडणारे व्यक्तिमत्त्व म्हणजे रेडिओजॉकी. रेडिओजॉकीकडे उत्कृष्ट संभाषण कौशल्य असावे. तो श्रोत्यांशी वेगवेगळ्या विषयांवर संवाद साधत असतो.

वेगवेगळी कोडी, खेळ इ. माध्यमातून श्रोत्यांना बोलते करत असतो. वेगवेगळ्या व्यक्तींच्या मुलाखतीतून विषय सविस्तरपणे श्रोत्यांसमोर मांडण्याचे कौशल्य रेडिओजॉकीत असते. प्रासंगिक घडामोडी, वाढदिवस, दिनविशेष अशा निमित्ताने मान्यवरांशी संवाद, मुलाखती, अनौपचारिक चर्चा यांतून त्याचे सुसंवादी व्यक्तिमत्त्व श्रोत्यांसमोर येत असते. समयसूचकता, हजरजबाबीपणा, मिश्किलपणा, विनोदीवृत्तीने कार्यक्रमाची रंजकता तो वाढवत असतो.

रेडिओजॉकीचे व्यक्तिमत्त्व हे बहुआयामी असावे. त्याचे व्यक्तिमत्त्व प्रसन्न, आत्मविश्वासू असते. मातृभाषेबरोबरच हिंदी, इंग्रजी भाषेचे ज्ञान त्याला असावे. राजकीय, सामाजिक, सांस्कृतिक, सांगीतिक, क्रीडा, अर्थ अशा विविध विषयांची सखोल माहिती रेडिओजॉकीला असावी. चालू घडामोडी, समाजाचा एखादया गोष्टीकडे पाहण्याचा दृष्टिकोन, फॅशन, क्रीडा, बॉलीवुड, युवक-युवतींचा कल या सर्व बाबींचा सखोल अभ्यास असावा.

समाजात आजुबाजूला घडणाऱ्या बारीक-सारीक घटना, प्रसंग यांची माहिती असावी. सूक्ष्म निरीक्षण क्षमता, सर्जनशीलता ही रेडिओजॉकीची खास वैशिष्ट्ये. थोडक्यात सुसंवाद, प्रवाही भाषा, शब्दफेक, कार्यक्रमाची सलगता टिकवणे, रंजन, सर्जनशीलता या गुणांच्या आधारे रेडिओजॉकीचे व्यक्तिमत्व बहुआयामी बनत असते. हेच व्यक्तिमत्त्व यशस्वी व उत्तम रेडिओजॉकी म्हणून श्रोत्यांसमोर येते.

प्रकल्प.
रेडिओवरील आरजेचे काही कार्यक्रम ऐका. तुम्ही आरजे आहात, अशी कल्पना करून ‘युवकांसाठी करिअरच्या संधी’ या विषयावरील लाईव्ह कार्यक्रमासाठी संहिता तयार करा.

11th Marathi Book Answers Chapter 4.5 रेडिओजॉकी Additional Important Questions and Answers

कृती : १ आकलन कृती
खालील उताऱ्याच्या आधारे सूचनेनुसार कृती करा.

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 2

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प्रश्न 2.
अदययावतता’ हा शब्द उत्तर म्हणून येईल असा प्रश्न तयार करा.
उत्तरः
आकाशवाणीचे महत्त्वाचे वैशिष्ट्य कोणते?

आधुनिक जीवनात संपर्क …………………………….. आपल्यासमोर आला आहे. (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. ११४)

प्रश्न 3.
म्हैसूर संस्थानाने १९३५ मध्ये स्थापन केलेल्या रेडिओ केंद्रास दिलेले नाव – [ ]
उत्तरः
म्हैसूर संस्थानाने १९३५ मध्ये स्थापन केलेल्या रेडिओ केंद्रास दिलेले नाव – [आकाशवाणी]

प्रश्न 4.
१९२७ मध्ये भारतात आकाशवाणी केंद्र सुरू करणारी खाजगी कंपनी – [ ]
उत्तरः
१९२७ मध्ये भारतात आकाशवाणी केंद्र सुरू करणारी खाजगी कंपनी – [इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी]

उपयोजित कृती-१.

प्रश्न 1.
आकाशवाणीवरील किंवा खाजगी रेडिओ केंद्रावरील तुम्हाला परिचित असणारे दोन कार्यक्रम.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 3
उत्तर :
आकाशवाणीवरील किंवा खाजगी रेडिओ केंद्रावरील तुम्हाला परिचित असणारे दोन कार्यक्रम.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 4

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 5
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 6

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी

प्रश्न 3.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 7
उत्तर:
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 8

स्वाध्याय कृती

प्रश्न 1.
‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ या आकाशवाणीच्या ब्रीदवाक्याचा तुम्हाला समजलेला अर्थ तुमच्या शब्दांत मांडा.
उत्तर :
आकाशवाणी हे अगदी सामान्यातल्या सामान्य घरात पोहोचलेले सुलभ माध्यम आहे. अतिशय शीघ्र गतीने घराघरात पोहोचलेले असे माध्यम शिवाय शहराच्या कानाकोपऱ्यापर्यंत उपलब्ध असलेले माध्यम आहे. म्हणूनच आकाशवाणीच्या माध्यमातून दिलेली माहिती देशाच्या राज्याच्या कानाकोपऱ्यापर्यंत पोहचते. आकाशवाणीचे हे गुण ओळखूनच भारत सरकारने १९२७ साली ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी’ या खाजगी कंपनीद्वारे भारतात मुंबई व कोलकाता येथे अधिकृत आकाशवाणी केंद्रे स्थापन केली.

अगदी सुरुवातीला स्वातंत्र्यपूर्व काळात जेव्हा दूरदर्शन माध्यम घराघरात पोहचले नव्हते त्या काळात स्वातंत्र्याची ज्योत लोकांच्या मनात पेटवत ठेवण्याचे मोठे कार्य आकाशवाणीच्या माध्यमातून झाले. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, भारताचे माजी पंतप्रधान पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांसारख्या अनेक स्वातंत्र्यसेनानींची भाषणे आकाशवाणीवरून प्रसारित होत असत. आज स्वातंत्र्यानंतरसुद्धा लोकोपयोगी सरकारी सामाजिक उपक्रमांची माहिती सातत्याने या माध्यमातून लोकांपर्यंत पोहचवली जाते. आकाशवाणीवर विविध विषयांना वाहिलेले कार्यक्रम असतात.

त्यातून फक्त लोकांचे मनोरंजनच होते असे नाही तर अनेक उपयुक्त माहिती श्रोत्यांना पुरवली जाते. आज मोबाईलमध्ये आकाशवाणी व खाजगी रेडिओ वाहिन्या सहजपणे ऐकता येतात. अगदी ट्रेनच्या प्रवासात ते दूर शेतात डोंगरपाड्यावर रेडिओ ऐकता येतो. लोकांना सजग करण्याचे, त्यांना माहितीपूर्ण ज्ञान देण्याचे, सरकारी उपक्रम घराघरात पोचवण्याचे हे अत्यंत प्रभावी साधन आहे. सर्वांच्या हितासाठी व सर्वांच्या सुखासाठी वर्षानुवर्षे या माध्यमातून प्रयत्न होत आहेत. म्हणूनच ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ हे आकाशवाणीचे ब्रीदवाक्य सार्थ ठरले आहे असे म्हणायला हरकत नाही.

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कृती : ३

प्रश्न 1.
खालील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

(अ) खालील आकृतिबंध पूर्ण करा.
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उत्तर:
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(ब) चौकटीत योग्य माहिती भरा.
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उत्तर:
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रेडिओजॉकीच्या व्यक्तिमत्वाचे पैलू – व्यक्तिमत्त्व प्रसन्न ………………………………….. त्यांना हे क्षेत्र खुणावत आहे. (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. ११६)

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प्रश्न 2.
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उत्तरः
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प्रश्न 3.
रेडिओजॉकीला या घटकांची चांगली जाण असावी.
१. ……………………………..
२. ……………………………..
३. ……………………………..
उत्तरः
रेडिओजॉकीला या घटकांची चांगली जाण असावी
१. भाषा
२. साहित्य
३. सांस्कृतिक घडामोडी

प्रश्न 4.
Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी 15
उत्तरः
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स्वमत:

प्रश्न 1.
रेडिओजॉकी ही संकल्पना स्पष्ट करा.
उत्तर:
आकाशवाणीवरील विविध कार्यक्रमांचे अतिशय प्रभावी, प्रवाही शैलीत निवेदन करणाऱ्या रेडिओ व्यक्तिमत्त्वाला रेडिओजॉकी (आरजे) असे म्हणतात. रेडिओजॉकीला मराठीत ‘उद्घोषक’ असे म्हणतात. रेडिओजॉकी संगीत शैलीचा परिचय करून देत टॉक रेडिओ शोचे आयोजन करत असतो. मुलाखती घेणे, श्रोत्यांशी संवाद साधणे, हवामान, खेळ, बातम्या इ. संबंधीची माहिती देत असतो. विविध सामाजिक, राजकीय विषयांवर श्रोत्यांशी संवाद साधत असतो. स्थानिक भाषा हिंदी, इंग्लिश या भाषांची सरमिसळ करून तो निवेदन करत असतो. सलग दोन-तीन तास श्रोत्यांचे मनोरंजन करत असतो.

प्रसंगावधान, हजरजबाबीपणा, समयसूचकता साधत कार्यक्रम सुसूत्रपणे मांडण्याचे कसब रेडिओजॉकीकडे असते. सलग दोन-तीन तासांतील कार्यक्रमात वैविध्य आणण्यासाठी व त्यातील एकसुरीपणा टाळण्यासाठी वेगवेगळ्या क्लुप्त्या वापरल्या जातात. त्यात कोडी, स्पर्धा, श्रोत्यांशी प्रश्नोत्तरे, संवाद, संगीत, दिनचर्या, वाढदिवस यांद्वारे श्रोत्यांना खिळवून ठेवण्याची क्षमता रेडिओजॉकीत असते.

बॉलीवुड क्षेत्रातील लोकांच्या मुलाखती, गाणी ऐकवणे हे रेडिओजॉकीचे काम असते. थोडक्यात भाषेवर प्रचंड प्रभुत्व, स्पष्ट उच्चार, आत्मविश्वास, निवेदनातील सहजता, व्यासंग यातून रेडिओजॉकी बहारदार सादरीकरण करत असतो. आरजे संग्राम, आरजे अपूर्वा, आरजे प्रसन्ना, आरजे काव्या अशी ओळख करून देत खाजगी रेडिओशी श्रोत्यांना जोडण्याचे काम रेडिओजॉकी करतो. अनेक खाजगी रेडिओ आरजेच्या नावावर ओळखल्या जातात.

रेडिओजॉकी प्रास्ताविकः

आजच्या काळात संपर्काची अनेक साधने उपलब्ध आहेत. यामध्ये मुद्रित, श्राव्य आणि दृकश्राव्य या माध्यमांद्वारे एकमेकांशी संपर्क साधणे सुलभ झाले आहे. लिखित माध्यमात वृत्तपत्रे, नियतकालिके, मासिके, हस्तपुस्तिका येतात. श्राव्य माध्यमात आकाशवाणी, दूरध्वनी, ध्वनीफिती इत्यादींचा समावेश होतो.

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तर दृकश्राव्य माध्यमात दूरचित्रवाणी, चित्रपट, ध्वनिचित्रफिती, संगणक, इंटरनेट इत्यादींचा समावेश होतो. या सर्व प्रसारमाध्यमांद्वारे संप्रेषण, समाजप्रबोधन, मार्गदर्शन, ज्ञान, माहिती व मनोरंजन समाजापर्यंत पोहोचवले जाते. १९२७ मध्ये भारतात इंडियन ब्राडकस्टिंग कंपनीने मुंबई व कोलकाता या ठिकाणी आकाशवाणी केंद्र सुरू केले. १९३५ मध्ये म्हैसूर संस्थानने स्थापन केलेल्या रेडिओ केंद्रास ‘आकाशवाणी’ हे नाव दिले.

पुढे भारत सरकारने हेच नाव स्वीकारले. ‘बहुजन हिताय बहुजन सुखाय’ हे ब्रीदवाक्य घेऊन आकाशवाणी विविध कार्यक्रम प्रक्षेपित करत आहे. आकाशवाणी व खाजगी एफ.एम. मध्ये महत्त्वाचा असतो तो निवेदक. खाजगी एफ.एम.मधील रेडिओजॉकी नव्या रूपात आपल्यासमोर आला आहे.

रेडिओजॉकीची पार्श्वभूमी आणि संकल्पना :

१९२०-३० ते १९९३ पर्यंत रेडिओचा प्रवास आहे. २००१ पासून भारतात खाजगी एफ.एम.ची सुरुवात झाली. ‘रेडिओ सिटी बेंगलोर’ हे भारतातील पहिले खाजगी एफ.एम. रेडिओ स्टेशन होय. तर ‘द टाईम्स ग्रुपने ‘रेडिओ मिर्ची’ हे स्टेशन इंदौर येथे सुरू केले, महाराष्ट्रात खाजगी एफ.एम. २००२ मध्ये सुरू झाले. एफ.एम. रेडिओत ‘बॉलिवुड हिट’ मधील तरुणाईला आवडतील अशी गाणी वारंवार ऐकवून मध्ये मध्ये सूत्रसंचालन करणारा रेडिओजॉकी तरुणाईला आर्कषित करतो. रेडिओजॉकीची (आर.जे.) निवेदन शैली ओघवती असावी, मराठी, हिंदी, इंग्रजी भाषेवर प्रचंड प्रभुत्व असावे.

सलग दोन-तीन तास निवेदन करून श्रोत्यांशी संवाद साधून त्यांचे मनोरंजन करण्याची क्षमता आर.जे. कडे असते. यात तो संभाषण, चर्चा, वाढदिवस, दिनविशेष, कोडी, स्पर्धा यांचे आयोजन करून श्रोत्यांचे मनोरंजन करतो. थेट प्रक्षेपणाच्या विविध कार्यक्रमाबरोबरच बॉलिवूडमधील सेलिब्रेटिंशी संवाद साधून श्रोत्यांना अनोखी मेजवानी देत असतो.

रेडिओजॉकीच्या कामाचे स्वरूप :

आजच्या काळात रेडिओ जॉकीच्या कामाचे स्वरूप प्रचंड आहे. एफ.एम., ए.एम. रेडिओजॉकी सार्वजनिक रेडिओ स्टेशनद्वारे प्रेक्षकांशी संवाद साधू शकतो. उपग्रह रेडिओजॉकीद्वारे एफ.एम.ए.एम. स्पष्ट माहिती व संगीत ऐकवू शकतो. स्पोर्टस टॉकद्वारे क्रीडा, बातम्या, माजी खेळाडू, क्रीडालेखक, निवेदक यांची माहिती देऊन श्रोत्यांशी संवाद साधू शकतो. तसेच सामाजिक, राजकीय विषयांवर श्रोत्यांशी संवाद साधू शकतो. थोडक्यात वरील सर्व विषयांवर माहिती देणारा व श्रोत्यांशी संवाद साधणारा रेडिओजॉकी आपणास खाजगी एफ.एम.द्वारे श्रोत्यांची मने जिंकतो.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी

रेडिओजॉकीचा आवाज, निवेदन, अभ्यास व व्यक्तिमत्त्वः

रेडिओजॉकीचा आवाज सुस्पष्ट व उत्तम असावा. आरोह-अवरोहाचे उत्तम ज्ञान असावे. भाषा सोपी, साधी व प्रवाही असावी. निवडलेली गाणी, किस्से यात सुसंगतता असावी. निवेदनात आनंद उत्साहीपणा असावा. तर श्रद्धांजलीच्या कार्यक्रमात आवाजात कारुण्य असावे. रेडिओ जॉकीला सर्वच क्षेत्राचे उत्तम ज्ञान असावे. व्यासंग व चौफेर वाचनातून ते भान येते. मातृभाषेबरोबरच हिंदी, इंग्रजीचे ज्ञान असावे. भाषेवर प्रभुत्व हवे.

कार्यक्रमाची संहिता लेखन करता येणे अपेक्षित असते. व्यक्तिमत्त्व प्रसन्न, हरहुन्नरी असावे. हजरजबाबीपणा, बोलण्याची आवड असावी. उत्कृष्ट संवादकौशल्य व विनोदाची जाण असावी. सूक्ष्म निरीक्षण कौशल्यातून आजुबाजूच्या घटनांकडे पाहण्याची दृष्टी त्याच्याकडे असावी. थोडक्यात रेडिओजॉकीचे व्यक्तिमत्त्व, बहुआयामी असावे की जेणेकरून त्यातून उत्तम व प्रभावी सूत्रसंचालन त्याला करता येऊ शकेल.

रेडिओजॉकीच्या कार्यक्रमाचे स्वरूप व क्षेत्रे:

रेडिओजॉकीचे कार्यक्रम विविध स्वरूपाचे असतात. समाजातील विविध क्षेत्रांतील सर्व घटकांसाठी ए.एम. व एफ.एम. वरून कार्यक्रम सादर होत असतात. त्यात प्रासंगिक घडामोडी, मुलाखती, वैज्ञानिक, युवक, महिला, शालेय, कृषी, सण-उत्सव, संगीत, परिसंवाद, श्रोत्यांची पत्रे व अचानक घडलेल्या घटना अशा विविध विषयांवर कार्यक्रमाचे प्रसारण होत असते. त्यामुळे रेडिओजॉकींना नोकरी व व्यवसायाची ही उत्तम संधी आहे.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.5 रेडिओजॉकी

विविध मनोरंजन कंपन्या, जाहिरात एजन्सी, विशेष कार्यक्रम, विशिष्ट प्रसंग, ऑल इंडिया रेडिओ, ए.एम, एफ.एम. चॅनल इत्यादी क्षेत्रांत करिअरची उत्तम संधी मिळू शकते. त्यासाठी त्याच्याकडे प्रभावी संवाद कौशल्य, वाचन, व्यासंग, स्पष्ट उच्चार, सर्जनशीलता, बहुश्रुतता, समयसूचकता, निरीक्षणक्षमता, बहुआयामी व्यक्तिमत्त्व असे असावे. आपल्यातील क्षमता आणि कौशल्याचा विकास साधल्यास उत्तम आरजे बनण्याची संधी आहे व त्यातून युवक-युवतींसाठी उत्तम करिअरचा मार्ग मिळू शकतो.

11th Marathi Book Answers भाग-४ उपयोजित मराठी

Anudini Blog Lekhan Class 11 Marathi Bhag 4.4 Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Marathi Yuvakbharati 11th Digest Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

11th Marathi Bhag 4.4 Exercise Question Answer Maharashtra Board

अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन 11 वी मराठी स्वाध्याय प्रश्नांची उत्तरे

11th Marathi Digest Chapter 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन Textbook Questions and Answers

कृती

खालील कृती करा.

प्रश्न 1.
अनुदिनी लेखनाची गरज स्पष्ट करा.
उत्तरः
अनुदिनी किंवा ब्लॉग हे एक सामाजिक माध्यम आहे. विविध विषयांवरील आपले व्यक्तिगत विचार समाजाला कळावे या उद्देशाने व्यक्तीने निर्माण केलेले ‘संकेतस्थळ’ म्हणजे ‘ब्लॉग’. आपले मत, विचार, कल्पना अभिव्यक्त करण्यासाठी संवादाचे प्रभावी माध्यम म्हणून अनुदिनी लेखन करता येते. अनुदिनी लेखन हे सामाजिक संपर्कस्थळ असल्याने त्यावर प्रसिद्ध होणारी माहिती अनेक वाचकांना उपयुक्त ठरू शकते. ‘अनुदिनी’चा उदय होण्यापूर्वी ‘डायरी लेखन’ केले जात होते. व्यक्ती त्याच्या आयुष्यातील दैनंदिन घडामोडींची नोंद त्या डायरीत करून ठेवत असे. ही डायरी त्याची त्याच्यापुरती खाजगी होती.

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एक प्रकारे ती ‘स्व-अभिव्यक्ती’ होती. अशा लिहिलेल्या काही डायऱ्या नंतरच्या काळात सामाजिक-ऐतिहासिकदृष्ट्या अत्यंत महत्त्वाच्या ठरल्या. उदा. अॅन फ्रँक हिची डायरी, लक्ष्मीबाई टिळक यांनी लिहिलेली ‘स्मृतिचित्रे’ ही डायरी. त्यामुळे आज डायरी लेखनाचे महत्त्व अनन्यसाधारण आहे. पूर्वी हे लिखाण अनेकांपर्यंत जात नव्हते. परंतु आज ते अनेकांपर्यंत जावे, माहितीची विचारांची देवाण-घेवाण व्हावी, संवादाचे पूल बांधले जावेत, क्रिया-प्रतिक्रियांमधून विचारांचे कंगोरे समोर यावेत अशा अनेक कारणांमळे ‘अनदिनी’ची गरज निर्माण झाली आहे.

स्वविचार-स्वभावना यांना शिस्त आणि स्वातंत्र्याची जोड देऊन अभिव्यक्त होण्यासाठी ‘अनुदिनी’ हे उत्तम माध्यम आहे. त्यामुळे एखादया कार्यक्रमाची माहिती, एखादे छायाचित्र, चित्रफिती, पाककृती, प्रवासवर्णन, राजकीय मत मतांतरे अशा अनेक गोष्टी सगळ्यांपर्यंत पोहचवता येतात. याचा लाभ ती अनुदिनी वाचणाऱ्यांना होतो. ज्ञानाच्या कक्षा रुंदावतात. विचारांची देवाण-घेवाण होते. म्हणूनच अनुदिनी वाचणाऱ्यांची संख्या दिवसेंदिवस वाढत आहे.

प्रश्न 2.
अनुदिनी लेखनाची क्षेत्रे स्पष्ट करा.
उत्तरः
अनुदिनी लेखनाचे महत्त्व दिवसेंदिवस वाढत आहे. अनेक लोक अनुदिनी लेखन आणि वाचन यांचा उपयोग स्वजाणिवा विकसित करण्यासाठी करतात. वैयक्तिक अनभवाच्या अभिव्यक्तीसाठी निर्माण झालेल्या ‘अनदिनी’ने आपले कार्यक्षेत्र हळहळ विस्तारले आहे. व्यक्तिगत भावनांपास थेट निवडणुकीत मत मागण्यापर्यंत किंवा व्यक्ती-व्यक्तीतील हितगुज सार्वत्रिक करण्यापासून ते वस्तूची जाहिरात व विक्री करण्यापर्यंत ब्लॉगला कोणतेही क्षेत्र वर्ण्य नाही. ब्लॉगची क्षेत्रे ही खालील प्रमाणे आहेत.

  1. वैयक्तिक : यात व्यक्ती आपल्या दैनंदिन जीवनातील गोष्टी, आपले आवडते संगीत, नृत्य, एखादी सहल अशा अनेक बाबींवर व्यक्तिगत पातळीवरील विचार व्यक्त करते.
  2. सामाजिक : यात व्यक्ती सभोवताली घडणाऱ्या सामाजिक घटनांबाबत संवेदनशील असते. त्यावर आपले बरे-वाईट, सकारात्मक नकारात्मक विचार तिला व्यक्त करावेसे वाटतात. त्यातून मग साद-प्रतिसादाची वैचारिक साखळी तयार होते. विषयाचे विविध कंगोरे समोर येतात.
  3. व्यावसायिक : व्यवसायवृद्धी हे देखील ‘ब्लॉग’ निर्माण करण्याचे महत्त्वाचे कारण आहे. यात एखादे उत्पादन, त्याची वैशिष्ट्ये, एखादी सेवा, त्याविषयीच्या आर्थिक बाबी इत्यादींची माहिती दिली जाते.
  4. वाङ्मयीन : यामध्ये साहित्य आणि साहित्यातील विविध प्रवाह यांच्यावर लेखन होते. समीक्षात्मक लेखन ते थेट एखादे ललित . वाङ्मय असा हा प्रवास असू शकतो. काही वाङ्मयीन ब्लॉग एखादया लेखकाला वाहिलेला असतो. त्या लेखकाच्या साहित्याची चर्चा, ओळख तिथे नियमित करून दिली जाते. उदा. पु.ल. देशपांडे यांच्या नावाचा उपलब्ध असलेला ब्लॉग.
  5. सामूहिक : यात दोन-तीन व्यक्ती एकत्रितपणे लेखन करतात.
  6. पर्यटन : पर्यटन विषयाला वाहिलेले लेखन-यावर माहिती, पर्यटनस्थळे, चित्र, तिथले अनुभव यांची माहिती दिली जाते.
  7. शैक्षणिक : अनेक शैक्षणिक संस्थांचे स्वत:चे ब्लॉग आहेत. त्यावर शिक्षण विषयक घडामोडींची माहिती दिली जाते.
  8. राजकीय : यात राजकीय व्यक्ती स्वत:चे ब्लॉग निर्माण करून स्वत:च्या राजकीय-सामाजिक कार्याची माहिती लोकांपर्यंत पोहोचवतात.
    उदा. I support Narendra Modi नावाचा ब्लॉग सतत पंतप्रधान नरेंद्र मोदी यांच्या विषयीची माहिती देत असतो.

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प्रश्न 3.
चांगल्या अनुदिनीची वैशिष्ट्ये तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
ब्लॉग / अनुदिनी लिहिणाऱ्यांची संख्या मुबलक आहे. त्याद्वारे मनात येणारे विचार मुक्तपणे मांडले जातात. या लेखनाचे क्षेत्र जरी व्यापक असले तरी प्रत्येकाच्या आवडीचे क्षेत्र, प्राविण्याचे क्षेत्र भिन्न असते. ब्लॉग सुरू करताना जे विषय आवडतात, ज्या विषयांवर प्रभुत्व आहे अशा विषयांना प्राधान्य देणे योग्य ठरेल. हे लेखन करताना खालील गोष्टी लक्षात घेणे गरजेचे आहे.

  • आकर्षक शीर्षक
  • आकर्षक विषय मांडणी
  • छोटी, सुटसुटीत, सोपी आणि आकलनसुलभ वाक्यरचना
  • परिच्छेदांची समर्पक मांडणी.
  • एका परिच्छेदातून दुसऱ्या परिच्छेदात जाण्याची सहजशैली
  • रिकाम्या जागेचा योग्य वापर.
  • वाचकांची उत्सुकता टिकवून ठेवणारी शैली
  • संवादात्मकता
  • दृक-श्राव्य किंवा श्राव्य फीतींची लिंक
  • शब्द मर्यादेचे पालन, विषयातील अद्ययावतता / आधुनिकता

प्रश्न 4.
तुम्हांला उपलब्ध असलेली अनुदिनी वाचून त्यासंबंधीच्या तुमच्या प्रतिक्रिया स्पष्ट करा.
उत्तरः
सध्याच्या इंटरनेटच्या युगात ब्लॉगचे महत्त्व फारच वाढले आहे. असंख्य लोक आता मराठीतून ब्लॉग लिहू लागले आहेत. त्यातील काही ब्लॉग खरंच दर्जेदार असतात तर काही सुमार दर्जाचे. प्रत्येक वेळेला ब्लॉगचा URL टाकून त्या ब्लॉगवर जाणे, नवीन काही पोस्ट झाले आहे का हे पाहणे फारच त्रासदायक ठरू शकते. त्यामुळे ब्लॉग लिस्ट नावाच्या संकेतस्थळाला भेट हे खूपच सोयीचे आहे. वेगवेगळे ब्लॉग यावर जोडलेले आहेत.

प्रत्येकाची ताजी पोस्ट त्या ब्लॉगच्या नावावरच झळकत राहते त्यामुळे काय वाचावे हे लगेच ठरवता येते. ‘अक्षरगंध मनातले काही तरंग’, ‘लेखन प्रपंच’, ‘आनंदयात्रीचा ब्लॉग’, ‘झाले मोकळे आकाश’, ‘सहयाद्री बाणा’, ‘माझी वाङ्मय शेती’, ‘माझे ट्रेक अनुभव’ अशा अनेक ब्लॉगला एकाच ठिकाणी भेट देऊन सगळ्या ब्लॉगच्या ताज्या पोस्ट एकाच ठिकाणी वाचता येतात. यात गंगाधर मुटे हे ‘माझी वाङ्मय शेती’ या ब्लॉगमध्ये अभंगरचनेच्या आधारे शेतकरी जीवनावर काव्य रचना करतात ते वाचनीय असते. पु.ल. प्रेम नावाचा ब्लॉग मला खूप आवडतो.

याचा पत्ता आहे pulaprem.blogspot.com या ब्लॉगवर पु.ल. देशपांडे यांच्या ‘व्यक्ती आणि वल्ली’ या पुस्तकांतील व्यक्तिरेखा आहेत. शिवाय पु.लं.ची इतर पुस्तके, त्यांची भाषणे, पत्रे हे सगळे वाचायला मिळते. याशिवाय पु.लं.च्या पत्नी सुनीताताई देशपांडे यांचे लेखन वाचण्यास उपलब्ध आहे. शिवाय इतरांनी पुलंवर लिहिलेले लेखन उपलब्ध आहे. पु.लं.च्या काही कविता, विनोदी किस्से वाचायला मिळतात. समग्र पु.लं. अनुभवण्यासाठी हा एक उत्तम ब्लॉग आहे.

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प्रश्न 5.
तुमची स्वत:ची अनुदिनी तयार करताना ती परिपूर्ण व आकर्षक होण्यासाठी पाळावयाची पथ्ये लिहा.
उत्तरः
ब्लॉग तयार करणे सोपं आहे. पण दर्जेदार ब्लॉग लेखन करणं ही कठीण बाब आहे. स्वत:ची अनुदिनी तयार करताना या अनुदिनीद्वारे आपण लोकांसमोर काय मांडणार आहोत याचा पक्का विचार प्रथम करणे गरजेचे आहे. अनुदिनीसाठी एखादे आकर्षक शीर्षक तयार करावे लागेल. जो विषय आपण अनुदिनीसाठी निवडला आहे त्या विषयाचे आपल्याला सखोल व्यवस्थित ज्ञान आहे का याची चाचपणी केली पाहिजे. एखादया विषयावर लेखन करताना भाषा आकर्षक-सुटसुटीत हवी. तशीच ती समजण्यास सोपी हवी. योग्य ठिकाणी परिच्छेदांची निर्मिती करणे गरजेचे आहे.

एका परिच्छेदाचा दुसऱ्या परिच्छेदाशी सहज संबंध जुळला जाईल असे लेखन हवे. जिथे रिकामी जागा आहे त्याचा समर्पक वापर करणे आवश्यक आहे. वाचकांना पुढेपुढे वाचत जावेसे वाटेल अशी लेखन शैली हवी. यात जर संवादात्मकता असेल तर अधिक उत्तम. आपण एका समूहाशी बोलतो आहोत असा भाषेचा बाज हवा. विविध चित्रे, दृक-श्राव्य फिती, श्राव्य फीती यांची लिंक दिली तर लेखन अधिक आशयघन होते. नवीन नवीन विषय सतत लोकांसमोर मांडता आले पाहिजेत. शब्दमर्यादेचे पालन करणे हे अत्यंत गरजेचे ठरते. त्यामुळे या सगळ्या बाबी विचारात घेऊन ब्लॉग लेखन केले तर ते परिपूर्णतेकडे जाऊ शकते.

प्रश्न 6.
खालील विषयांवर ब्लॉग लिहा.

(अ) महाविद्यालयातील पहिला दिवस
उत्तरः
शाळा संपून महाविदयालयीन जीवनात प्रवेश करणे म्हणजे जणू एका विश्वातून दुसऱ्या विश्वात जाण्यासारखे असते. कानी कपाळी ‘आता तुम्ही मोठे झालात, जबाबदारीने वागा’ अशा सूचना मिळत असतात. बालपण संपल्याची हूरहूर तर तारुण्याची चाहूल लागण्याची उत्सुकता अशा संमिश्र भावनेने मन भरून गेलेले असते. माझ्याही मनाची अशीच अवस्था असताना मी महाविदयालयात प्रवेश केला.

सुदैवाने दहावीत गुण चांगले मिळाले असल्याने मनासारखे महाविदयालय मिळाले होते. गणवेशाची कटकट नसल्याने छानपैकी मॉर्डन स्टाईलची जीन्स आणि टी-शर्ट घालून महाविदयालयात प्रवेश केला. प्रवेशद्वाराजवळ सुरक्षारक्षकाने अडवले. अजून ओळखपत्र नसल्याने रिसिट दाखवून प्रवेश केला. विस्तीर्ण पसरलेली महाविदयालयाची इमारत बघून मन दडपून गेलं. त्याभोवती छान हिरवळ असलेला बगीचा होता.

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फुलांचे ताटवे डोलत होते. फुलांसारखीच गोड मुले-मुली गप्पा मारत इकडे-तिकडे बागडत होते. मी कोणालाच ओळखत नव्हतो. त्यामुळे ते सर्व रमणीय दृश्य मनात साठवतच इमारतीच्या आत शिरलो. माझी रिसिट पाहून तिथल्या एका शिक्षिकेने मला माझा वर्ग दाखवला. मी मुकाट वर्गात जाऊन बसलो. वर्ग भरलेला होता. मग एकेक शिक्षक येत गेले. प्राचार्य आले. त्यांनी महाविदयालयाची माहिती दिली. नियम समजावून दिले आणि वर्ग सोडून दिला. दोनचार मुला-मुलींशी बोलून मैत्री केली. पण एकूणच पहिला दिवस प्रसन्न गेला. तीच प्रसन्नता घेऊन मी घरी गेलो.

(आ) फेसबुक मैत्री आवश्यक की अनावश्यक
उत्तरः
अमेरिकेतील कॅलिफोर्निया राज्यात ‘फेसबुक’चे मुख्यालय आहे. फेसबुकचा संस्थापक आहे मार्क झुकरबर्ग. अमेरिकेतील सर्वात लोकप्रिय ‘सोशल नेटवर्किंग’ संकेतस्थळ आहे. संपर्कक्रांती घडवून आणणाऱ्या या सोशल मिडियाने आज जगभरातील बहुतांश नागरिकांचे जीवन व्यापून टाकले आहे.

भारतासारख्या देशात तर या नव समाजमाध्यमांचा पगडा दिवसेंदिवस वाढत चालला आहे. मात्र त्यामुळे व्यक्ती संकुचित बनत चालल्या आहेत का? माणूस माणसापासून दुरावतो आहे का? या आभासी दुनियेतील मैत्री खऱ्या जीवनात कितपत उपयुक्त ठरते या सर्वांचा विचार गांभीर्याने करण्याची गरज आहे.

फेसबुक, वॉट्सअपचा वापर हा जीवनावश्यक सवयींचा भाग बनत चालला आहे. फेसबुकवर मित्र जमवणे, त्यांची संख्या वाढवत नेणे हे आता व्यसन बनले आहे. एखादी पोस्ट टाकल्यानंतर त्याला किती लाईक्स मिळतात यावर बऱ्याच जणांच्या आनंदाचं गणित ठरत आहे. हे अतिशय चिंताजनक आहे. या संदर्भात नुकतेच एक सर्वेक्षण केले गेले. त्यानुसार सोशल मिडीयाचा वापर केल्यामुळे नैराश्य येते असे पाचपैकी एक व्यक्ती सांगते.

३० वर्षांहून कमी वयोगटाच्या लोकांत तर सोशल मिडिया महत्त्वाचा घटक बनला आहे. फेसबुकवर भरमसाठ मित्र मैत्रिणी असणारे अनेकजण प्रत्यक्ष जीवनात एकटेच असतात हे सत्य आहे. इतकेच नव्हे तर इतरांशी संवाद साधण्यासही ते असमर्थ असल्याचे दिसून येते. स्नॅपचॅट, इन्स्टाग्राम आणि फेसबुक सतत पाहात राहणे आयुष्यातील प्रत्येक गोष्टीचे अपडेट सोशल मिडियावर टाकत राहणे या सवयींनी तरुण वर्ग ग्रासून गेला आहे.

इतके या सगळ्याच्या अधीन जाणे ही भविष्यात धोक्याची घंटा ठरू शकते. यामुळे चिंता, एकटेपणा, आत्मविश्वासाची कमतरता यांचे वास्तव जीवनात प्रमाण वाढताना दिसत आहे.

ऑनलाईन विश्वात मनुष्य आपल्या आयुष्याचे एक चित्र रंगवतो जे वास्तवात असतेच असे नाही. त्यामुळे स्वत:विषयी उगाच अपेक्षा वाढतात. त्यामुळे मग या दुनियेतील मित्र-मैत्रिणींनी आपल्या पोस्टला कमी लाईक्स दिले तर तरुण पिढीतील न्यूनगंड वाढीस लागताना दिसतो आहे. म्हणूनच खऱ्या जीवनातील जीवाला जीव देणारे सच्चे मित्र असणे हीच खरी श्रीमंती आहे. मग ते एक-दोन का असेनात. म्हणून फेसबुकवरील मैत्री अनावश्यक वाटते.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

11th Marathi Book Answers Chapter 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन Additional Important Questions and Answers

कृती : १
खालील कृती स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
अनुदिनी लेखनासाठी पाळायची पथ्ये लिहा.
उत्तरः
अनुदिनी लेखन हे एक प्रभावी सामाजिक माध्यम आहे. याचे लेखन हे गंमत म्हणून नव्हे तर गांभीर्याने करायचे लेखन आहे. कारण याचे समाजमनात, जीवनात दूरगामी पडसाद उमटत असतात. अनुदिनी लेखन जेव्हा अभ्यासपूर्ण असते तेव्हा त्याला सामाजिक-सांस्कृतिक राजकीय-ऐतिहासिक मोल असते. या लेखनात मर्यादित शब्दांत ‘उत्तम, सकस आणि दर्जेदार लेखन’ अपेक्षित आहे. या लेखनाला विचार आणि संशोधनाची जोड दिली की हे लेखन उत्कृष्टतेकडे जाते. उत्तम ‘ब्लॉग’ लिहिणाऱ्या ‘ब्लॉगर्स’चे अनेक वाचक असतात. हे वाचक त्यांच्या संपर्क माध्यमातून ब्लॉगर्सशी चर्चा करतात.

मात्र अनुदिनी लेखन करताना काही पथ्ये पाळणे गरजेचे असते. ती पथ्ये खालीलप्रमाणे :

  • अनुदिनी लेखन करताना विषयाचे तारतम्य असणे आवश्यक आहे.
  • अनुदिनी लेखन अविवेकी असता कामा नये. लेखनविषयक शिस्त, समाजभान याची जाणीव सतत डोक्यात ठेवणे गरजेचे असते.
  • अनुदिनी लेखन प्रसिद्ध झाल्यावर त्यावरील प्रतिक्रिया उलटसुलट असू शकतात. त्याला उत्तर देण्याची क्षमता असणे गरजेचे आहे.
  • अनुदिनी लेखनात सामाजिक स्वास्थ्य, शांतता थोडक्यात येईल असे विचार मांडता कामा नयेत.
  • अनुदिनी लेखनात मिळालेले स्वातंत्र्य हे स्वैराचाराकडे जाणार नाही याची काळजी घेतली पाहिजे.

कृती : २ आकलन कृती

प्रश्न 1.
खालील परिच्छेद वाचून सुचनेनुसार कृती करा.
(अ) मायक्रोब्लॉगिंगचे फायदे – [ ]
(आ) कॉर्पोरेट आणि संस्थात्मक ब्लॉग निर्माण करण्याचा उद्देश – [ ]
(इ) गट ब्लॉगची व्याख्या – [ ]
(ई) विषयानुसार ब्लॉगचे काही विषय – १. ………….. २. ………….. ३. ………….. ४. …………..
उत्तरः
(अ) मायक्रोब्लॉगिंगमुळे वेळ आणि श्रम यांची बचत होते.
(आ) आपल्या कर्मचाऱ्यांपर्यंत अदययावत माहिती पोहोचवण्यासाठी कॉर्पोरेट आणि संस्थात्मक ब्लॉग निर्माण करतात.
(इ) जेव्हा एकापेक्षा अधिक ब्लॉगर्स वेब ब्लॉगमध्ये पोस्ट लिहितात तेव्हा त्याला गट ब्लॉग म्हणतात.
(ई) विषयानुसार ब्लॉगचे विषय
(a) प्रवास
(b) आरोग्य
(c) बागकाम
(d) फोटोग्राफी

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

वैयक्तिक ब्लॉग- एखादी व्यक्ती स्वत:च्या ब्लॉगवर …………………………………. मजकूर प्रसिद्ध केला जातो. (पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्र. ११०, १११)

प्रश्न 2.
अनुदिनीचे प्रकार –
a. ………………
b. ………………
c. ……………..
d. ………………
e. ………………
f. ………………
उत्तरः
a. वैयक्तिक ब्लॉग
b. सहयोगी/गट ब्लॉग
c. मायक्रोब्लॉगिंग
d. कॉर्पोरेट आणि संस्थात्मक ब्लॉग
e. एकत्रित ब्लॉग
f. विषयानुसार ब्लॉग

प्रश्न 3.
ब्लॉग आकर्षक करण्यासाठी याचा वापर करता येतो.
(a) ……………………………..
(b) ……………………………..
(c) ……………………………..
उत्तरः
(a) चित्र
(b) ध्वनिफित
(c) चित्रफित

स्वाध्याय कृती :

प्रश्न 1.
‘अनुदिनीच्या माध्यमातून स्वतःची नाममुद्रा महाजालावर उमटविण्याची संधी प्रत्येकाला मिळते’ या मताची पुष्टी करा.
उत्तरः
अनुदिनीचा उदय होण्यापूर्वी डायरी लेखन केले जात होते. व्यक्ती आपल्या दैनंदिन जीवनाचा तपशील डायरीत नोंदवून ठेवत असत. पण ही डायरी खाजगी लेखन होते. काही डायऱ्या मात्र इतिहासात-साहित्यात अजरामर झाल्या. उदा. अना फ्रँकची डायरी यात दुसऱ्या महायुद्धाच्या काळात मरणयातना भोगणाऱ्या, नाझी नरसंहाराचा सामना करणाऱ्या ज्यू समाजाचे चित्रण येते. मराठीत लक्ष्मीबाई टिळक यांची डायरी ‘स्मृतिचित्रे’ या नावाने प्रसिद्ध आहे. त्या काळातील समाजजीवन विशेषतः स्त्री-जीवनाचे सविस्तर वर्णन त्यात येते.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

आज डायरी लेखन ‘अनुदिनी’च्या माध्यमातून केले तर ती खाजगी बाब राहत नाही. महाजालावर आपली अनुदिनी अनेकांकडून वाचली जाते.

पण लिहिलेल्या लेखनावर सकारात्मक-नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त होतात. या सर्वांना सामोरे जाण्याची ताकद आपल्या लेखणीत असणे गरजेचे आहे. तुमचे विचार जितके स्वच्छ, अभ्यासपूर्ण, रंजक असतील, तुमची शैली जितकी आकर्षक ओघवती असेल, तुमचे लेखन माहितीपर, ज्ञानवर्धक, समाजउपयोगी असेल तितका ब्लॉगला चांगला प्रतिसाद मिळतो. त्यामुळे आपली बुद्धिमत्ता, व्यासंग, वैचारिक क्षमता यांचा कस लागला जातो.

या आव्हानांना जो पुरून उरतो त्याची नाममुद्रा महाजालावर उमटतो. मग ती व्यक्ती कुठल्याही प्रांताची, धर्माची का असेना. त्याच्या लेखनाची सुजाण वाचकांकडून दखल घेतली जाते.

सरावासाठी ब्लॉग लेखनाचे नमुने.

प्रश्न 2.
निसर्गरम्य परिसराला भेट दिल्याचा अनुभव.
उत्तरः
अहमदनगर जिल्हयातील अकोले तालुका म्हणजे निसर्गसौंदर्याची खाणच! प्रत्येक ऋतूत इथला निसर्ग पर्यटकांना आपल्याकडे आकर्षित करत असतो. पावसाळ्यापूर्वीचा काजवा महोत्सव, पावसाळ्यातील रानफुलांचे सौंदर्य, खळाळणारे लहान मोठे झरे व उंचावरून कोसळणारे पांढरे शुभ्र धबधबे सारेच काही भुरळ पाडणारे. पर्यटकांना मोहिनी घालणारी गर्द हिरवाई, आसमंतात पसरलेले धुके, थंडगार शहारे आणणारा वारा व बरसणाऱ्या पावसाच्या रिमझिम वा जोरदार धारा याचा वेगळाच आनंद प्रत्येकाला होतो.

या परिसरात खूप काही बघण्यासारखे आहे. रंधा धबधबा, भंडारदरा धरण, कळसूबाईचे शिखर, हरिश्चंद्रगडचा परिसर, रतनगड, अमृतेश्वराचे मंदिर, साम्रद जवळील सांदणदरी व नेकलेस आकाराचा धबधबा सारं काही अपूर्व. रिमझिमणाऱ्या पावसात निसर्गाच्या सहवासातील आनंदी अनुभव देणारा हा परिसर.

इथले प्रत्येक ठिकाण एखादा स्वतंत्र दिवस राखून ठेवून पाहण्यासारखा आहे. मुक्काम व भोजनाची व्यवस्था अनेक ठिकाणी उपलब्ध आहे माहिती जालावर कोठून कसे जावयाचे याबाबतची सर्व माहिती आहे. एकदा येऊन अनुभवण्यासारखा इथला निसर्ग नक्कीच आहे. जवळचे रेल्वे स्टेशन-इगतपुरी, नाशिक आहे. महामंडळाची बससेवा अनेक ठिकाणाहून उपलब्ध आहे.

प्रश्न 3.
माझा आवडता महिना – श्रावण.
उत्तरः
श्रावण हा मराठी कालगणनेनुसार पाचवा महिना. इंग्रजी कॅलेंडर वर्षात साधारणत: जुलै – ऑगस्ट मध्ये हा महिना येतो. ज्येष्ठ – आषाढातील धुवांधार पावसाचा वर्षाव संपून श्रावण सरींना प्रारंभ होतो. बालकवी म्हणतात त्याप्रमाणे ‘श्रावणमासी, हर्ष मानसी, हिरवळ दाटे चोहिकडे क्षणात येते, सरसर हिरवे, क्षणात फिरूनी ऊन पडे’ चा साक्षात्कार घडविणारा असा हा महिना. श्रावणातील धरणी मातेचे रूप, आकाशातील इंद्रधनूचे सौंदर्य, मराठी संस्कृतीतील महत्त्वाचे सण, व्रतवैकल्यांचे पुण्य अशा अनेक दृष्टीने एक चैतन्य निर्माण होते. घरात व घराबाहेर सारेच काही भान हरपून टाकणारे.

श्रावणात धरणीमाता हिरवा शालू नेसून अन्नब्रम्हाच्या पुजेस बसल्यासारखी भासते. सूर्य व ढगांमधील लपाछपी रंगात येते. ऊन – पावसाचा अनोखा खेळ सुरू होतो. सप्तरंगी इंद्रधनुचे तोरण आकाशाला आगळी शोभा आणते.

श्रावणात मराठी संस्कृतीतले सर्वच महत्त्वाचे सण, व्रते येतात. श्रावणी सोमवार, बैलपोळा, नागपंचमी, नारळी पौर्णिमा – रक्षाबंधन, गोकुळाष्टमी, घराघरात चालणारे धार्मिक ग्रंथांचे पठण यातून भाव-भक्तीचा एक वेगळाच दरवळ सर्वत्र जाणवतो. आबाल-वृद्धांपर्यंत सर्वांच्या मनात आनंदाची अनुभूती निर्माण करणारा असा हा श्रावण, मला खूपच आवडतो.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

प्रश्न 4.
वसुंधरेचे हिरवेपण जपूया.
उत्तरः
आपली वसुंधरा, तिचे हिरवेपण टिकवणे हे केवळ आपल्याच हातात आहे. आपल्या सभोवतालच्या पर्यावरणाची काळजी प्रत्येकाने घेतली पाहिजे. स्वच्छ, सुंदर पर्यावरण राखणे, पर्यावरणीय बांधिलकीची जाण सदैव मनात ठेवणे आवश्यक आहे.

पृथ्वीवरील पर्यावरणाचा समतोल राखण्यासाठी सर्वात मोठी भूमिका ही जंगलांची आहे. जंगले, झाडे, झुडपे वाढली पाहिजेत. त्यासाठी वृक्ष / झाडे लावली पाहिजेत. ‘झाडे लावूया, झाडे जगवूया’ ची मोहीम त्यासाठी आवश्यक आहे. झाडांचे योग्यप्रकारे संवर्धन आज आपण केले नाही तर उदयाची पिढी आपल्याला कधीही माफ करणार नाही हे सर्वांनी लक्षात घेतले पाहिजे. बेसुमार वृक्षतोडीमुळे हवामानात बदल होत आहेत. जागतिक तापमानात वाढ, पर्जन्याचे दिवसेंदिवस घटत चाललेले प्रमाण, दुष्काळाचे संकट, शुद्ध हवेची कमतरता या समस्या निर्माण झाल्या आहेत.

वसुंधरेचे हिरवेपण टिकवण्यासाठी उघड्या डोंगरांवर, ओसाड माळरानांवर देशी झाडांच्या बिया भरपूर उधळल्या पाहिजेत. घनदाट अशा झाडांसाठी कवयित्रीने सुचविलेला उपाय हिरवेपणासाठी खूपच आवश्यक असा आहे. वृक्षारोपणास चालना मिळावी म्हणून वाढदिवस, हळदीकुंकू समारंभ इत्यादींमध्ये रोपे वाटून वृक्षारोपण उपक्रम राबविता येईल.

प्रत्येक शाळेने ‘एक मूल एक झाड’ सारखी दत्तक योजना स्वीकारून त्याची अमंलबजावणी योग्य प्रकारे केल्यास प्रत्येक गाव, परिसरात निश्चितच झाडांची संख्या वाढे वसुंधरेचे हिरवेपण टिकवण्यासाठी जे जे आवश्यक आहे ते ते सर्वांनी केले पाहिजे. ‘वसुंधरा वाचवा, तगवा आणि टिकवा’ मोहिमेतूनच वसुंधरेचे हिरवेपण अबाधित राहिल.

प्रश्न 5.
संगणकाच्या युगात देखील तुमच्या रोजच्या जीवनात असलेले वृत्तपत्रांचे महत्त्व.
उत्तरः
वत्तपत्र हे जगातल्या. देशातल्या, आजबाजच्या परिसरातील महत्त्वपूर्ण बातम्या, घटना आपल्यापर्यंत पोहचवत असतात. वास्तविक ही जबाबदारी दूरदर्शनवरील इतर वृत्तवाहिन्याही तत्परतेने पार पाडतात. पण बातमीकडे, घटनेकडे नेमक्या कोणत्या दृष्टिकोनातून पाहावे याचा अत्यंत संयमित दृष्टिकोन हा वृत्तपत्रांच्या वाचनानेच आपल्याला मिळतो. वाहिन्यांवर फक्त माहिती मिळते. वृत्तपत्र माहितीबरोबर ज्ञानदानाचे कार्यही करतात.

वृत्तपत्र ही माहिती, ज्ञान, मनोरंजन, प्रबोधन अशा विविध विषयांना स्पर्श करतात. प्रत्येकाला आपल्या आवडीचा विषय त्यामुळे समजून घेण्यास मदत होते. वृत्तपत्रात जे संपादकीय लेख असतात ते अत्यंत विचारपूर्वक लिहिलेले असतात. त्यासाठी संपादकाने खात्रीपूर्वक ज्ञानस्त्रोत वापरलेले असतात. या लेखांना वाचून आपले वैचारिक अधिष्ठान पक्के होते. सामाजिक घटनांकडे बघण्याची विश्लेषणात्मक दृष्टी विकसित होते. वृत्तपत्रात हलकेफुलके लेख असतात.

व्यक्तिचित्रणात्मक लेख असतात. प्रासंगिक लेख असतात. कधी दुःखद घटनांची माहिती असते. त्यामागची कारणमीमांसा दिलेली असते. हे सर्व वाचून आपली वैचारिकता संपन्न होते. म्हणूनच कितीही बातम्या दूरदर्शनवर बघितल्या तरी लिखित स्वरूपातल्या वृत्तपत्रांचे महत्त्व आजही अबाधित आहे.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन प्रास्ताविक – संकल्पना व स्वरूप :

ट्विटर, इन्स्टाग्राम सारखेच ‘अनुदिनी’ हे सामाजिक माध्यम आहे. इंग्रजीत त्याला ‘ब्लॉग’ असे म्हणतात. आपले व्यक्तिगत विचार समाजाला कळावे या उद्देशाने व्यक्तीने निर्माण केलेले संकेतस्थळ म्हणजे ‘ब्लॉग’ होय.

अनुदिनी सारखाच प्रकार पूर्वी साहित्यात होता. त्याला ‘डायरी लेखन’ या नावाने ओळखले जायचे. आज अनुदिनीच्या माध्यमातून स्वत:चे विचार, एखादया कार्यक्रमाची माहिती, रेखाचित्र, छायाचित्र, चित्रफीत, श्राव्यफीत यांसारख्या गोष्टी अनुदिनीच्या माध्यमातून सगळ्यांपर्यंत पोहोचवता येतात.

अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन अनुदिनीचा इतिहास :

जस्टीन हॉल याने १९९४ मध्ये links.net ही वेबडायरी सुरू केली. आज तिने जनसामान्यांच्या मनाची पकड घेतली आहे.

अनुदिनीची क्षेत्रे :
अनुदिनीचे क्षेत्र व्यापक आहे. वैयक्तिक, सामाजिक, व्यावसायिक, वाङ्मयीन, सामूहिक, पर्यटन, शैक्षणिक, राजकीय इ. विविध क्षेत्रांत ‘अनुदिनीचा वापर’ केला जातो.

अनुदिनी लिहिण्यामागची कारणे :
प्रत्येक माणसाला आपले विचार, कल्पना, आपली मानसिक-भावनिक आंदोलने अस्वस्थ करत असतात. हे विचार व्यक्त करण्यासाठी अनुदिनी हे प्रभावी साधन/माध्यम आहे. थोडक्यात स्वत:मधील सर्जनशीलता वाढविणे, अनेकांशी संवाद साधणे, व्यक्तिगत अनुभव सार्वत्रिक करणे, भाषिक कौशल्य सुधारणे, आपले लेखन-विचार-संशोधन यांची सांगड घालणे इत्यादी अनेक कारणांसाठी अनुदिनी लेखन केले जाते.

अनुदिनी विषय निवड :
प्रत्येकाचे आवडीचे विषय भिन्न असतात. ज्या विषयात स्वत:ला गती आहे. त्या विषयाला प्रथम प्राधान्य दयावे. हळूहळू विषयाचा आवाका वाढवत न्यावा. त्यात अधिक सखोलता निर्माण करावी. सरावाने हे हळूहळू जमू लागते.

चांगल्या अनुदिनीची लक्षणे :
आकर्षक विषय, छोटी वाक्ये, सुटसुटीत वाक्यरचना, परिच्छेदांची योग्य रचना, संवादात्मक आणि वाचकांची उत्सुकता टिकवून ठेवणारी शैली. विविध दृक-श्राव्य, श्राव्य फिती, चित्रे यांचा वापर. योग्य शब्दमर्यादा, नवीन नवीन विषयांची मांडणी.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

अनुदिनीचे प्रकार :

  • वैयक्तिक ब्लॉग : ज्यात व्यक्ती आवडीनुसार लेखन करते.
  • गट ब्लॉग/सहयोगी ब्लॉग : अनेक वेब ब्लॉगर्स एकाच वेब ब्लॉगमध्ये पोस्ट लिहितात.
  • मायक्रोब्लॉगिंग : वेळ आणि श्रम यांची बचत करण्याकरता याचा वापर केला जातो.
  • कॉर्पोरेट आणि संख्यात्मक ब्लॉग : कर्मचाऱ्यांपर्यंत अद्ययावत माहिती पोहोचवण्यासाठी याचा वापर केला जातो.
  • एकत्रित ब्लॉग : व्यक्ती किंवा संस्था विशिष्ट हेतूने एकत्र येऊन ब्लॉग निर्माण करतात.
  • विषयानुसार ब्लॉग : यात एखादा विषय धरून मजकूर प्रसिद्ध केला जातो. उदा. आरोग्य, फोटोग्राफी, पर्यटन, बागकाम इ.

अनुदिनी लेखनाचे महत्त्वाचे घटक :

  • ब्लॉग : महाजालावरील नोंद वही.
  • ब्लॉगर : मजकूर लिहिणारी व्यक्ती.
  • ब्लॉगिंग : मजकूर लिहिण्याची प्रक्रिया.
  • ब्लॉगोस्पिअर : ब्लॉग वाचणारा वाचक.
  • ब्लॉग टूल्स : ब्लॉग तयार करण्याची साधने.
  • ब्लॉग पोस्ट : ब्लॉगवरील लिखित नोंद.

अनुदिनी तयार करणे :
www.blogger.com या संकेतस्थळावर ब्लॉग उघडता येतो.

ब्लॉग लेखनाचे महत्त्वाचे घटक :
Post – मजकूर प्रसिद्ध करणे, Status – जगभरातून ब्लॉगला भेट दिलेल्यांची संख्या कळते, Comments – प्रतिक्रिया कळतात, Earning

जाहिराती प्रसिद्ध करून उत्पन्न मिळते, Pages – नवीन पेज जोडून प्रकाशित करण्याची सोय, Layout – रचना ठरवता येते. याशिवाय Theme, Setting, Google drive इ. घटकांचा वापर करून ब्लॉग अधिक आकर्षक करता येतो.

Maharashtra Board Class 11 Marathi Yuvakbharati Solutions Bhag 4.4 अनुदिनी (ब्लॉग) लेखन

अनुदिनी लेखन करताना पाळायची पथ्येः

लेखन तारतम्याने लिहावे, भाषा सौम्य असावी, कोणाच्या धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक धोरणांवर टीका करणारा मजकूर नसावा. विध्वंसक विचार मांडू नयेत. लिहून झाल्यावर सकारात्मक-नकारात्मक प्रतिक्रिया येऊ शकतात. त्याला उत्तर देण्याची क्षमता असावी. लेखनाची शिस्त पाळावी. आपले लेखन स्वैराचाराकडे जाणार नाही याची काळजी घ्यावी.

11th Marathi Book Answers भाग-४ उपयोजित मराठी