Class 9 Hindi Chapter 11 Swatantrata Gaan Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 11 Swatantrata Gaan Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान Textbook Questions and Answers

संभाषणीय:

प्रश्न 1.
‘भारतीय स्वतंत्रता संग्राम’ संबंधी पढ़ी या सुनी हुई घटना या प्रसंग पर चची कीजिए।
उत्तर:

  • अध्यापक – राहुल जी, क्या आप मुझे 1857 के विद्रोह व भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में कुछ जानकारी देंगे।
  • राहुल – जी हाँ, सर। सन 1857 में राष्ट्रीय बगावत शुरू हुई थी। भारत के राजा-महाराजाओं ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी थी।
  • विद्या – जैसे कि महारानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, पेशवा आदि ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का शंखनाद बजा दिया था।
  • अनिल – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित मुझे एक घटना याद है। मंगल पांडे अंग्रेजों की बैरकपुर की छावनी में सिपाही थे। मंगल पांडे उस चर्बीयुक्त हथियारों पर रोक लगाना चाहते थे। उन्होंने एक अंग्रेज अधिकारी पर हमला बोल दिया। इसलिए उन्हें फाँसी की सजा हो गई थी।
  • अध्यापक – अब आप मुझे बताइए कि स्वतंत्रता सेनानियों से आपको कौन-सी प्रेरणा मिलती है?
  • विजय – हमें अपने देश की स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए।
  • अजय – हमें अपने देश की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।
  • नंदन – हमें स्वतंत्रता के दीपक प्रज्वलित रखना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान

श्रवणीय:

प्रश्न (क)
राष्ट्रभक्ति पर आधारित कोई कविता सुनिए।

प्रश्न (ख)
अपने देश की विविधताएँ सुनिए।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
समूह बनाकर भारत की विशेषता बताने वाले संवाद का लेखन कीजिए तथा समारोह में उसकी प्रस्तुति कीजिए।

पठनीय:

प्रश्न 1.
भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान क्षेत्र संबंधी जानकारी पढ़िए और छोटी-सी टिपण्णी तैयार कीजिए।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
अंतरजाल/ग्रंथालय से ‘दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन’ (सार्क) में भारत की भूमिका की जानकारी प्राप्त करके टिप्पणी लिखिए।

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘विश्व स्तर पर भारत की पहचान निराली है।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भारत हमको जान से प्यारा है।
सबसे न्यारा गुलिस्ता हमारा है।

सचमुच विश्व में भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जहाँ संस्कृति, विज्ञान व तकनीकी का समन्वय दिखाई देता है। भिन्न-भिन्न धर्म व जाति वर्ग के लोगों के बीच भारत देश ने पारंपरिक संस्कृति, सभ्यता एवं सर्वधर्म सहिष्णुता की भावना के कारण विश्व में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बना रखा है।

विश्व स्तर पर भारत की पहचान अनोखी व निराली है। क्रीड़ा के क्षेत्र में भारतीय खिलाड़ी विश्व स्तर पर अपनी अनोखी पहचान बनाए हुए हैं। सचिन तेंदुलकर को तो ‘क्रिकेट का भगवान’ कहा जाता है। साहित्य के क्षेत्र में भी भारतीय लेखक कवियों का साहित्य कई विदेशी भाषाओं में अनूदित हुआ है।

उद्योग जगत में रिलायन्स, टाटा, बिरला आदि कंपनियों ने विश्व स्तर पर भारत की सशक्त आर्थिक क्षमता का सबूत प्रस्थापित कर दिया है। संगीत की दुनिया में भारत ने समूचे विश्व को मोहित कर दिया है। लता दीदी, आशा भोसले, ए.आर. रहमान आदि गायक-गायिकाओं के गानों ने विदेशों में धूम मचा दी हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत के तो कई विदेशी कायल हैं।

विज्ञान एवं तकनीकी के क्षेत्र में भारत देश ने एक नया आयाम स्थापित कर दिया है। भारत में अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। भारत के डॉक्टर एवं अभियंताओं को विदेशों में काफी महत्त्व प्राप्त हो रहा है। इसीलिए मैं बड़े गर्व के साथ कहता हूँ कि भारत ने विश्व स्तर पर अपनी एक अनोखी पहचान बनाई है। कहा भी गया है –

सारे जहाँ से अच्छा हिंदोस्ता हमारा
हम बुलबुलें हैं इसकी यह गुलिस्ताँ हमारा।

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पाठ के आँगन में …

प्रश्न 1.
‘यह स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है।’ इस पंक्ति में आई कवि की भावना स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
कृति (घ) का स्वमत अभिव्यक्ति देखिए।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।
उत्तरः

(अ) (ब)
1. अतीत (क) प्रार्थना
2. पुनीत (ख) साधना
3. अनंत (ग) भावना
4. विनीत (घ) कल्पना
(ङ) अशांति

उत्तर:

(अ) (ब)
1. अतीत (घ) कल्पना
2. पुनीत (ग) भावना
3. अनंत (ख) साधना
4. विनीत (क) प्रार्थना

व्याकरण विभाग:

1 & 2.
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3.
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4. शुद्धीकरण- वाक्यों, शब्दों को शुद्ध रूप में लिखना।

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5. मुहावरों का प्रयोग/चयन करना

6. शब्द संपदा- व्याकरण 5 वीं से 8 वीं तक शब्दों के लिंग, वचन, विलोमार्थक, समानार्थी, पर्यायवाची, शब्दयुग्म, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, भिन्नार्थक शब्द, कठिन शब्दों के अर्थ, विरामचिह्न, उपसर्ग-प्रत्यय पहचानना/अलग करना, लय-ताल युक्त शब्द ।

7.
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8.
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रचना विभाग:

  • पत्रलेखन (व्यावसायिक /कार्यालयीन)
  • प्रसंग वर्णन / वृत्तांत लेखन
  • कहानी लेखन
  • विज्ञापन
  • गद्य आकलन
  • निबंध

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पत्रलेखन:

कार्यालयीन पत्र

कार्यालयीन पत्राचार के विविध क्षेत्र:

बैंक, डाकविभाग, विद्युत विभाग, दूरसंचार, दूरदर्शन आदि से संबंधित पत्र
महानगर निगम के अन्यान्य / विभिन्न विभागों में भेजे जाने वाले पत्र
माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षण मंडल से संबंधित पत्र ।
अभिनंदन/प्रशंसा (किसी अच्छे कार्य से प्रभावित होकर) पत्र लेखन करना।
सरकारी संस्था द्वारा प्राप्त देयक (बिल आदि) से संबंधित शिकायती पत्र

व्यावसायिक पत्र

व्यावसायिक पत्राचार के विविध क्षेत्र:

किसी वस्तु/सामग्री/पुस्तकें आदि की माँग करना।
शिकायती पत्र – दोषपूर्ण सामग्री/ चीजें/ पुस्तकें/ पत्रिका आदि प्राप्त होने के कारण पत्रलेखन
आरक्षण करने हेतु (यात्रा के लिए)।
आवेदन पत्र – प्रवेश, नौकरी आदि के लिए।
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कहानी लेखन:

1. मुद्दों के आधार पर कहानी लेखन करना।
2. शब्दों के आधार पर कहानी लेखन करना।
3. किसी कहावत, सुवचन, मुहावरे, लोकोक्ति पर आधारित कहानी लेखन करना।

मुहावरे, कहावतें, सुवचन, लोकोक्तियाँ

मुहावरे:

  1. आँखों पर परदा पड़ना ।
  2. एड़ी-चोटी का जोर लगाना ।
  3. रुपया पानी की तरह बहाना ।
  4. पहाड़ से टक्कर लेना।
  5. जान हथेली पर धरना (रखना)।
  6. लकीर का फकीर होना ।
  7. पगड़ी संभालना।
  8. काला अक्षर भैंस बराबर ।
  9. घाट-घाट का पानी पीना ।
  10. अकल के घोड़े दौड़ाना।
  11. पत्थर की लकीर होना।
  12. भंडाफोड़ करना।
  13. रंगा सियार होना।
  14. हाँ में हाँ मिलाना

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लोकोक्तियाँ तथा कहावतें:

  1. अंधों में काना राजा।
  2. ओखली में सिर दिया तो मूसलों का क्या डर।
  3. चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए ।
  4. जहाँ न पहुंचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि ।
  5. अंधा बाँटे रेवड़ी अपने कुल को देव ।
  6. अंधेर नगरी चौपट राजा।
  7. आँख और कान में चार अंगुल का अंतर है।
  8. अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत ।
  9. हाथ कंगन को आरसी क्या ?
  10. चोर की दाढ़ी में तिनका ।
  11. कोयले की दलाली में हाथ काला ।
  12. अधजल गगरी छलकत जाए ।
  13. निंदक नियरे राखिए।
  14. ढाक के तीन पात ।

सुवचन:

  1. वसुधैव कुटुंबकम् ।
  2. सत्यमेव जयते।
  3. पेड़ लगाओ, पृथ्वी बचाओ।
  4. जल ही जीवन है।
  5. पढ़ेगी बेटी तो सुखी रहेगा परिवार ।
  6. अनुभव महान गुरु है।
  7. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ।
  8. अतिथि देवो भवः।
  9. राष्ट्र ही धन है।
  10. जीवदया ही सर्वश्रेष्ठ है।
  11. असफलता सफलता की सीढ़ी है।
  12. श्रम ही देवता है।
  13. राखौ मेलि कपूर में, हींग न होत सुगंध ।
  14. करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान ।

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निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक देकर उससे प्राप्त होने वाली सीख भी लिखिए:

1. एक लड़की __________ विद्यालय में देरी से पहुंचना __________ शिक्षक द्वारा डाँटना _________ लड़की का मौन रहना __________ दूसरे दिन समाचार पढ़ना __________ लड़की को गौरवान्वित करना ।
2. मोबाइल ___________ लड़का _________ गाँव ___________ सफर __________

1. प्रश्न निर्मिति के लिए निम्नलिखित प्रश्नचार्ट उपयुक्त हो सकता है।
प्रश्नचार्ट:
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गद्य आकलन (प्रश्न तैयार करना)

निम्नलिखित गद्यांश पर ऐसे पाँच प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर एक-एक वाक्य में हो।

किसी भी देश की संपत्ति उस देश के आदर्श विद्यार्थी ही होते हैं । विद्यार्थियों का चरित्र ही राष्ट्र की संपत्ति होता है । वह समय का मूल्यांकन करना जानता है । वह बैटिंग, सिनेमा, मोबाइल एवं अन्य मनोरंजनों में आवश्यकता से अधिक लिप्त नहीं होता है। उसके सामने सदा मंजिल रहती है और उसे ज्ञात है कि इन प्रलोभनों के वश में न होकर परिश्रम, तप, त्याग और साधना के कटंकाकीर्ण पथ पर चलकर ही वह कुछ बन सकता है । परिवार के लिए, समाज के लिए, राष्ट्र के लिए एवं समूचे विश्व के लिए वह तभी कुछ करने की क्षमता प्राप्त कर सकता है जब वह अपनी सर्वांगीण उन्नति करने का सामर्थ्य रखता हो ।
वह विद्यारूपी समुद्र का मंथन करके ऐसे मोती प्राप्त कर सकता है जो आज तक अनबिद्घ रहे हों।

प्रश्न:

  1. किसी भी देश की संपत्ति कौन होते हैं?
  2. विद्यार्थी क्या करना जानता है?
  3. विद्यार्थी किसके लिए कुछ क्षमता प्राप्त कर सकता है?
  4. विद्यार्थी किस प्रकार के मोती प्राप्त कर सकता है?
  5. आप इस गढ्यांश को कौन-सा शीर्षक देना उचित समझेंगे?

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वृत्तांत लेखन:

अपनी पाठशाला में मनाए गए ‘वाचन प्रेरणा दिवस/हिंदी दिवस/विज्ञान दिवस/राजभाषा दिवस/ शिक्षक दिवस/ वसुंधरा दिवस/ क्रीड़ा दिवस आदि का वृत्तांत रोचक भाषा में लिखिए । (लगभग 60 से 70 शब्दों में)।

प्रसंग वर्णन:

निम्नलिखित जानकारी पढ़कर उससे संबंधित प्रसंग लगभग 60 से 70 शब्दों में लिखिए।

1. कूड़ेदान से कूड़ा-कचरा आसपास फैला हुआ है, उसी में कुछ आवारा कुत्ते तथा अन्य जानबर घूम रहे हैं साथ ही कुछ ___ गाए प्लास्टिक की थैलियों को चबा-चबा कर खा रही हैं।…

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निम्न विषयों पर विज्ञापन तैयार किए जा सकते हैं।

1. वस्तुओं की उपलब्धि: नवनिर्मित (किसी भी वस्तु संबंधी)
जैसे- किताबें, कपड़े, घरेलू आवश्यक वस्तुएँ, उपकरण, फर्नीचर, स्टेशनरी, शालोपयोगी वस्तुएँ तथा उपकरण आदि ….
2. शैक्षिक: शिक्षा में संबंधित योगासन तथा स्वास्थ्य शिविर, स्वच्छ, सुंदर शुद्ध लिखावट, चित्रकला, इंटरनेट तथा विविध ऐप्स आदि कलाओं से संबंधित अभ्यास वर्ग, व्यक्तित्व विकास शिविर आदि –
3. आवश्यकता: वाहक-चालक, सेवक, चपरासी, द्वारपाल, सुरक्षा रक्षक, व्यवस्थापक, लिपिक, अध्यापक, संगणक अभियंता, आदि ……
4. व्यापार विषयक: दूकान, विविध वाहन, उपकरण, मकान, मशीन, गोदाम, टी. बी., संगणक, भूखंड, रेफ्रीजरेटर आदि
5. मनोरंजन तथा ज्ञानवर्धन: व्याख्यानमाला, परिसंवाद, नाटक वार्षिकोत्सव, विविध विशेष दिनों के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम समारोह आदि……
6. पर्यटन संबंधी: यात्रा विषयक, आरक्षण आदि
7. वैयक्तिक :- श्रद्धांजली, शोकसंदेश, जयंती, पुण्यतिथि, गृहप्रवेश, बधाई आदि

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निबंध लेखन:

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 8

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 9

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्ति स्वतंत्रता की भावना को बरकरार रखें।
2. स्वतंत्रता का दीपक शक्ति व भक्ति से परिपूर्ण नहीं हैं।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

कृति (3) भावार्थ (1) निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
घोर अंधकार हो …………….. ला रहा विहान है।
भावार्थ:
किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता का मोल नहीं किया जा सकता। स्वतंत्रता की कीमत हमेशा अधिक होती है। इसीलिए कवि नेपाली कहते हैं, “भले ही चारों ओर घोर अंधकार छाया हुआ हो या फिर हवा तेजी से बह रही हो, फिर भी प्रत्येक भारतीय के हृदय द्वार पर जलता हुआ यह स्वतंत्रता का दीया बुझना नहीं चाहिए। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्ति स्वतंत्रता की भावना को बरकरार रखें। स्वतंत्रता का यह दीपक रात का दीया है यानी अंधकारूपी परतंत्रता से इस दीपक ने सभी के जीवन में स्वतंत्रता रूपी विहान भर दिया है।”

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

1. एक शब्द में उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
देश और समाज पर किसका वितान है?
उत्तर:
ज्योति का

प्रश्न 2.
तीर और कछार पर किसका दीया बुझना नहीं चाहिए?
उत्तरः
स्वतंत्रता का

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2. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 11

कृति (2) आकलन कृति.

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 13

कृति (3) भावार्थ

1. निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
यह अतीत कल्पना …………….. ज्योति का वितान
भावार्थः
कवि नेपाली कहते हैं, स्वतंत्रता का दीपक हमारे लिए अतीत की कल्पना की भाँति है। यानी हमारे पुरखों ने इसे प्रज्वलित रखने के लिए अपने प्राण अर्पण कर दिए थे। इसीलिए हम इस दीए के समक्ष विनम्र प्रार्थना करते हैं। यह दिया हमारे लिए पवित्र भावना है। स्वतंत्रता के इस दीए को हमने अपनी अनंत साधना के बाद प्राप्त किया है। अतः जीवन में निर्माण होने वाली हर स्थिति यानी कि शांति में या अशांति में, युद्ध की स्थिति हो या संधि की या फिर देश में क्रांति हो, फिर भी तीर पर या नदी के किनारे पर हम इस दीए को बुझने नहीं देंगे। हमारे जीवन में यह स्वतंत्रता का दीपक ज्योति का वितान लेकर आया है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 15

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान 16

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
तीन चार फूल ………………. पुण्य प्राण दान है।
भावार्थ:
कवि नेपाली कहते हैं, स्वतंत्रता के इस दीपक के प्रति हम भारतीयों में निष्ठा एवं श्रद्धा है। इस दीए के आस-पास तीन-चार फूल है। चारों ओर धूल भी है। बास और बबूल के पेड़ भी हैं। घास के दुपट्टे हैं। हवा की लहर उसे आकर स्पर्श भी करती है। फिर भी किसी शहीद की कब्र पर या किसी स्वतंत्रता सेनानी की समाधि पर हम इस दौए को बुझने नहीं देंगे। स्वतंत्रता का यह दीपक हमारे लिए किसी शहीद का पुण्य प्राण दान है। इसी से प्रेरणा लेकर हम भारतीय अपनी आजादी को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे।

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(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (2) आकलन

प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. स्वतंत्र (क) बदलियाँ
2. चूम-चूम (ख) बिजलियाँ
3. झूम-झूम (ग) जीत हार
4. क्षुद्र (घ) भावन

उत्तरः

(अ) (ब)
1. स्वतंत्र (घ) भावन
2. चूम-चूम (ख) बिजलियाँ
3. झूम-झूम (क) बदलियाँ
4. क्षुद्र (ग) जीत हार

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।
झूम-झूम बदलियाँ ………………. स्वतंत्र गान है।
भावार्थ:
कवि नेपाली कहते हैं, आसमान में तूफानी बादल मँडरा रहे हों; बिजलियाँ कड़क रही हों; आँधी निर्माण हो गई हो और उसने हलचलें मचाना शुरू कर दिया हो। भले ही देश के अंतर्गत दंगे फसाद हो रहे हों; व्यथा, वेदना एवं यातना का साम्राज्य निर्माण हुआ हो; फिर भी किसी की भी क्षुद्र जीत-हार पर यह दीया बुझना नहीं चाहिए। आखिर यह दिया हमारे लिए स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है। यह हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह हमारी अस्मिता की पहचान है।

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पद्य-विश्लेषण:

कविता का नाम – स्वतंत्रता गान
कविता की विधा – प्रेरणा गीत
पसंदीदा पंक्ति – कब्र पर, मजार पर, यह दीया बुझे नहीं, यह किसी शहीद का पुण्य प्राण दान है।
पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें शहीदों की कब्र या मजार पर स्वतंत्रता के दीपक को ना बुझने देने की बात कही गई है। कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती हैं कि भारतीयों को स्वतंत्रता के दीपक को सदैव प्रज्वलित रखना चाहिए। स्वतंत्रता के दीपक से व्यक्ति को सीख लेनी चाहिए कि उसे प्रतिकूल परिस्थितियों में भी देश की रक्षा करने के लिए तत्पर रहना चाहिए। व्यक्ति के पास देशभक्ति की भावना होनी चाहिए। त्याग व बलिदान आदि गुणों को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

स्‍वतंत्रता गान Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: उत्तर छायावाद के जिन कवियों ने कविता और गीत को जनता का कंठहार बनाया था, गोपाल सिंह नेपाली उनमें अहम थे। गोपाल जी प्रकृति प्रेमी कवि हैं। इनकी कविताएँ देश प्रेम, प्रकृति प्रेम एवं मानवीय भावनाओं का वर्णन करने में प्रमुख भूमिका निभाती हैं। ये प्रबुद्ध पत्रकार भी थे। इन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी गीत लिखे हैं।

प्रमुख कृतियाँ: काव्य संग्रह – ‘उमंग’, ‘पंछी’, ‘रागिनी’, ‘नीलिमा’, ‘पंचमी’, ‘रिमझिम’ आदि; पत्रिकाएँ – रतलाम टाइम्स’, ‘चित्रपट’,
‘सुधा एवं योगी’।

पद्य-परिचय:

प्रेरणा गीत: जिन गीतों को सुनकर व्यक्ति को कार्य करने की प्रेरणा मिलती है ऐसे गीतों को प्रेरणा गीत कहते हैं। प्रेरणा गीत व्यक्ति
के दिल में सकारात्मक बीज बोने की बात करते हैं। प्रेरणा गीत व्यक्ति को अपने दिल की बात सुनकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

प्रस्तावना: प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने प्रेरणा दी है कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वतंत्रता के दीपक को हर परिस्थिति में प्रज्वलित रखने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

सारांश:

प्रस्तुत कविता एक प्रेरणा गीत है। इस गीत के माध्यम से कवि ने भारतीयों को राष्ट्रप्रेम, देशाभिमान, त्याग व बलिदान की भावना को बरकरार रखने के लिए प्रेरित किया है। इसीलिए कवि ने स्वतंत्रता के दीपक सदैव प्रज्वलित रखने के लिए कहा है। स्वतंत्रता का दीपक हमारी अस्मिता एवं आजादी का प्रतीक है। इस दीपक के प्रति प्रत्येक भारतीय के मन में सम्मान एवं निष्ठा की भावना होनी चाहिए। इस दीपक से प्रेरणा लेकर भारतवासी अपने देश की रक्षा हेतु अग्रसर हो जाए। ऐसा कवि ने संदेश दिया है।

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भावार्थ:

1. घोर अंधकार हो —————— प्राण के समान है।

किसी भी कीमत पर स्वतंत्रता का मोल नहीं किया जा सकता। स्वतंत्रता की कीमत हमेशा अधिक होती है। इसीलिए कवि नेपाली कहते हैं, भले ही चारों ओर घोर अंधकार छाया हुआ हो या फिर हवा तेजी से बह रही हो, फिर भी प्रत्येक भारतीय के हृदय द्वार पर जलता हुआ यह स्वतंत्रता का दीया बुझना नहीं चाहिए। प्रतिकूल परिस्थितियों में भी व्यक्ति स्वतंत्रता की भावना को बरकरार रखें। स्वतंत्रता का यह दीप रात का दीया है यानी अंधकाररूपी परतंत्रता से इस दीपक ने सभी के जीवन में स्वतंत्रता रूपी विहान भर दिया है।

स्वतंत्रता का यह दीपक शक्ति से परिपूर्ण है। स्वयं शक्ति ने ही इसे हमें प्रदान किया हुआ है। अत: इस दीए को हम शक्ति को ही अर्पित करेंगे। इस दीए के प्रति हम सब भारतीयों की भक्ति समाहित हुई है। मानो भक्ति ने ही हमें इसे प्रदान किया हो। इस प्रकार स्वतंत्रता के इस दीए में शक्ति व भक्ति दोनों का समन्वय है। भले ही नाव पानी में तेजी से चल रही हो और पानी का बहाव भी वेगवान हो, फिर भी गंगा नदी के जल में इस दीए को हम बुझने नहीं देंगे क्योंकि यह हमारे स्वदेश का दीया है जो हमें अपने प्राणों के समान प्रिय है।

2. यह अतीत कल्पना ——————- ज्योति का वितान है।

कवि नेपाली कहते है, स्वतंत्रता का दीपक हमारे लिए अतीत की कल्पना की भाँति है। यानी हमारे पुरखों ने इसे प्रज्वलित रखने के लिए अपने प्राण अर्पण कर दिए थे। इसीलिए हम इस दीए के समक्ष विनम्र प्रार्थना करते हैं। यह दिया हमारे लिए पवित्र भावना है। स्वतंत्रता के इस दीए को हमने अपनी अनंत साधना के बाद प्राप्त किया है। अत: जीवन में निर्माण होने वाली हर स्थिति यानी कि शांति में या अशांति में, युद्ध की स्थिति हो या संधि की या फिर देश में क्रांति हो, फिर भी तीर पर या नदी के किनारे पर हम इस दीए को बुझने नहीं देंगे। हमारे जीवन में यह स्वतंत्रता का दीपक ज्योति का वितान लेकर आया है।

3. तीन चार फूल हैं ——————— पुण्य प्राण दान है।

कवि नेपाली कहते हैं, स्वतंत्रता के इस दीपक के प्रति हम भारतीयों में निष्ठा एवं श्रद्धा है। इस दीए के आस-पास तीन-चार फूल हैं। चारों ओर धूल भी है। बास और बबूल के पेड़ भी हैं। घास के दुपट्टे हैं। हवा की लहर उसे आकर स्पर्श भी करती है। फिर भी किसी शहीद की कब्र पर या किसी स्वतंत्रता सेनानी की समाधि पर हम इस दीए को बुझने नहीं देंगे। स्वतंत्रता का यह दीपक हमारे लिए किसी शहीद का पुण्य प्राण दान है। इससे प्रेरणा लेकर हम भारतीय अपनी आजादी को बरकरार रखने का प्रयास करेंगे।

4. झूम-झूम बदलियाँ ———————– स्वतंत्र गान है।

कवि नेपाली कहते हैं, आसमान में तूफानी बादल मँडरा रहे हों। बिजलियाँ कड़क रही हों। आँधी निर्माण हो गई हो और उसने हलचलें मचाना शुरू कर दिया हो। भले ही देश के अंतर्गत दंगे फसाद हो रहे हों व्यथा, वेदना एवं यातना का साम्राज्य निर्माण हुआ हो। फिर भी किसी की क्षुद्र जीत-हार पर यह दीया बुझना नहीं चाहिए। आखिर यह दिया हमारे लिए स्वतंत्र भावना का स्वतंत्र गान है। यह हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक है। यह हमारी अस्मिता की पहचान है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 स्‍वतंत्रता गान

शब्दार्थ:

  1. बयार – हवा
  2. निशीथ – निशा, रात
  3. विहान – सवेरा
  4. कछार – किनारा
  5. वितान – आकाश, गगन
  6. दुकुल – दुपट्टा
  7. हिलोर – लहर

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 3 Kabir Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 3 Kabir Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 कबीर Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 3 कबीर (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 3 कबीर Textbook Questions and Answers

पठनीय :

सूचना के अनुसार कृतीयँ :

1. संजाल :

प्रश्न  1.
संजाल :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 1

उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 2

2. परिच्छेद पढ़कर प्राप्त होने वाली प्रेरणा लिखिए।

प्रश्न 1.
परिच्छेद पढ़कर प्राप्त होने वाली प्रेरणा लिखिए।
उत्तर:
कबीर जी के उपदेशों और उनके व्यक्तित्व से सभी को प्रेरणा मिलती है। हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने में मोह-माया को बीच में नहीं आने देना चाहिए क्योंकि यह हमारे मार्ग में बाधक बन सकती है। संसार की टिप्पणियों की परवाह न करके अपना कर्म करते रहना चाहिए। स्वयं पर विश्वास होना चाहिए। गुरु के द्वारा दिए गए ज्ञान और अपनी साधना को संदेह की नज़रों से नहीं देखना चाहिए। यदि मनुष्य में आत्मविश्वास है तो वह किसी भी विकट संग्राम स्थली तक पहुंच कर विजयी हो सकता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

लेखनीय :

‘कबीर संत ही नहीं समाज सुधारक भी थे’, इस पर अपने विचार लिखिए ।

प्रश्न 1.
‘कबीर संत ही नहीं समाज सुधारक भी थे’, इस पर अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:
कबीरदास जी एक संत होने के साथ-साथ एक समाज सुधारक के रूप में भी जाने जाते हैं। उन्होंने ऐसी बहुत-सी बातें कही हैं जिनका सही उपयोग किया जाए तो समाज सुधार में सहायता मिल सकती है। वे स्पष्टवादी व निर्भीक थे, कबीर जी को संस्कारों की विचारहीन गुलामी पसंद नहीं थी, वे विचारहीन संस्कारों से मुक्त मनुष्यता को ही प्रेमभक्ति का पात्र मानते थे। उन्होंने भेदभाव को भुलाकर हमेशा भाईचारे के साथ रहने की सीख दी है। सामाजिक विषमता को दूर करना ही उनकी पहली प्राथमिकता थी। उनके विचार आज भी समाज के लिए प्रासंगिक है।

संभाषणीय :

दोहों की प्रतियोगिता के संदर्भ में आपस में चर्चा संभाषणीय कीजिए।

प्रश्न 1.
दोहों की प्रतियोगिता के संदर्भ में आपस में चर्चा संभाषणीय कीजिए।
उत्तर:

  • अतुल – नमस्कार! नकुल, आप कैसे हो?
  • नकुल – नमस्कार! मैं ठीक हूँ, आप कैसे हो? आजकल क्या चल रहा है?
  • अतुल – मैं भी ठीक हूँ। आजकल मैं दोहे की प्रतियोगिता की तैयारी में लगा हूँ।
  • नकुल – अरे वाह! यह तो अच्छी बात है, परंतु तुम्हारी प्रतियोगिता कब है?
  • अतुल – बुधवार को है। हमारे विद्यालय में इस बार दोहों की प्रतियोगिता करवाई जा रही है, जो भी यह प्रतियोगिता जीतेगा उसे एक कंप्यूटर पुरस्कार के रूप में दिया जाएगा।
  • नकुल – बहुत अच्छी बात है। मेरी शुभकामना तुम्हारे साथ है।
  • अतुल – धन्यवाद मित्र!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘सतों के वचन समाज परिवर्तन में सहायक होते हैं। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
सभ्यता के प्रभातकाल से ही मानवीय, संवेदनात्मक प्रेमिल सहिष्णु, त्याग, क्षमा, दया, तथा सद्व्यवहार को महत्व देने वाले संतों का आर्विभाव इस भारत भूमि पर हुआ है। इनमें मुख्य थे कबीर, तुकाराम, गुरूनानक, रैदास इत्यादि। इन्होंने अपने वचनों द्वारा समाज को हमेशा परिवर्तित करने का प्रयास किया। इनमें सबसे पहला नाम आता है संत कबीर का। कबीर ने इस समय समाज में फैले अंधविश्वास और रूढ़ीवादी परंपरा पर गहरा आघात किया।

यही इस बात का साक्षी है कि समय-समय पर इस धरती पर महान संतों ने जन्म लिया और अपने विचारों तथा उपदेशों के जरिए समाज में परिवर्तन लाने का प्रयास किया। इन संतों ने लोगों को यह समझाने का प्रयास किया कि अंधविश्वासों तथा कुरीतियों से जकड़ा समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता है। इसके लिए समाज में खुलापन होना तथा लोगों का समझदार होना आवश्यक है। इस प्रकार संतों के वचन समाज परिवर्तन में अवश्य सहायक होते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

आसपास :

मन की एकाग्रता बढ़ाने की कार्य पद्धति की जानकारी अंतरजाल/यू ट्यूब से प्राप्त कीजिए।

प्रश्न 1.
मन की एकाग्रता बढ़ाने की कार्य पद्धति की जानकारी अंतरजाल/यू ट्यूब से प्राप्त कीजिए।

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए  :

संजाल :

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए  :

संजाल :

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 3

उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 4

2. सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए : 

प्रश्न क.
कबीर के मतानुसार प्रेम किसी, …….
1. खेत में नहीं उपजता।
2. गमले में नहीं उपजता।
3. बाग में नहीं उपजता।
उत्तर:
1. खेत में नहीं उपजता।

प्रश्न ख.
कबीर जिज्ञासु थे, …..
1. मिथ्या के।
2. सत्य के।
3. कथ्य के।
उत्तर:
2. सत्य के।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

पाठ से आगे :

कबीर जी की रचनाएँ यू टूयूब पर सुनिए ।

प्रश्न 1.
कबीर जी की रचनाएँ यू टूयूब पर सुनिए ।

भाषा बिंदु :

रेखांकित शब्दों से उपसर्ग और प्रत्यय अलग करके लिखिए।

प्रश्न 1.
रेखांकित शब्दों से उपसर्ग और प्रत्यय अलग करके लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 5.1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 6

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 3 कबीर Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित पर्याय चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

i. कबीरदास की वाणी वह लता है, जो ………..
(क) सदैव हरी-भरी रहती है।
(ख) जीवन में रस भर देती है।
(ग) योग के क्षेत्र में भक्ति का बीज पड़ने से अंकुरित हुई थी।
उत्तर:
कबीरदास की वाणी वह लता है जो योग के क्षेत्र में भक्ति का बीज पड़ने से अंकुरित हुई थी।

ii. उत्तर के हठयोगियों के लिए समाज की ऊँच-नीच भावना, मजाक और …………….
(क) आक्रमण का विषय था।
(ख) मुक्ति का मार्ग था।
(ग) कठोर मार्ग था।
उत्तर:
उत्तर के हठयोगियों के लिए समाज की ऊँच-नीच भावना, मजाक और आक्रमण का विषय था।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

प्रश्न 2.
चौखट पूर्ण कीजिए
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 7

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानिए।

  1. कबीर की वाणी का अनुकरण हो सकता है।
  2. तुलसीदास और कबीर के व्यक्तित्व में अंतर नहीं था।
  3. सर्वजयी व्यक्तित्व ने कबीर की वाणी में अनन्यसाधारण जीवन रस भर दिया है।
  4. एक टूट जाता था पर झुकता भी था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 8

प्रश्न 5.
निम्नलिखित विधानों को पाठ में आए घटनाक्रम के अनुसार लिखिए।

  1. मुक्ति के मार्ग में अग्रसर होनेवालों को आराम कहाँ ?
  2. कबीर की वाणी का अनुकरण नहीं हो सकता।
  3. उसी ने कबीर की वाणी में अनन्य साधारण जीवनरस भर दिया है।
  4. करम की रेख पर मेख न मार सका तो संत कैसा?

उत्तर:

  1. उसी ने कबीर की वाणी में अनन्य साधारण जीवनरस भर दिया है।
  2. कबीर की वाणी का अनुकरण नहीं हो सकता।
  3. मुक्ति के मार्ग में अग्रसर होनेवालों को आराम कहाँ?
  4. करम की रेख पर मेख न मार सका तो संत कैसा?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 9

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 10
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 11

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
कबीर दास जी फक्कड़ स्वभाव के थे, इस पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:
कबीर दास जी फक्कड़ स्वभाव के थे। अच्छा हो या बुरा, सत्य हो या असत्य, जिससे एक बार चिपट गए उससे जिंदगी भर चिपटे रहो, यह सिद्धांत उन्हें मान्य नहीं था। वे सत्य के जिज्ञासु थे। कबीर को शांतिमय और सादा जीवन पसंद था और वे अहिंसा, सत्य, सदाचार आदि गुणों के प्रशंसक थे। अपनी सरलता, साधु स्वभाव तथा संत प्रवृत्ति के कारण आज अपने देश में ही नहीं विदेशों में भी उन्हें सम्मान पूर्वक याद किया जाता है। कबीर आनंदमय लोक की बातें करते थे, जो साधारण मनुष्यों की पहुंच के बहुत ऊपर है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 12

प्रश्न 2.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।

i. केवल शारीरिक और मानसिक कवायद से दिखने वाली ज्योति ………….. है।
(क) गगन ज्योति की चमक।
(ख) जड़ चित्त की कल्पना-मात्र।
(ग) आत्मा की शांति।
उत्तर:
(ख) जड़ चित्त की कल्पना-मात्र।

ii. कबीर की यह घर-फूंक मस्ती, फक्कड़ना लापरवाही और निर्मम अक्खड़ता परिणाम थी –
(क) उनके धैर्य का।
(ख) उनके क्रोध का।
(ग) उनके अखंड आत्मविश्वास का।
उत्तर:
(ग) उनके अखंड आत्मविश्वास का।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

प्रश्न 3.
सत्य/असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. ये फक्कड़राम किसी के धोखे में आने वाले न थे।
  2. उन्हें यह परवाह थी कि लोग उनकी असफलता पर क्या-क्या टिप्पणी करेंगे।
  3. जो वस्तु केवल शारीरिक व्यायाम और मानसिक शम-दमादि का साध्य है वह चरम सत्य नहीं हो सकती।
  4. केवल क्रिया बाह्य है, ज्ञान चाहिए। बिना ज्ञान के योग व्यर्थ है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

प्रश्न 4.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 13

प्रश्न 5.
चौखट पूर्ण कीजिए ।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 14

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर 15

प्रश्न 2.
सत्य असत्य पहचानकर लिखिए।
i. प्रेम पाने के लिए राजा हो या प्रजा उसे सिर्फ एक शर्त माननी होगी, वह शर्त है सिर उतारकर धरती पर रख दें।
ii. विश्वास जिसमें संकोच है, द्विधा है, बाधा है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
i. विश्वास ही इस प्रेम की,
(क) नींव है।
(ख) कुंजी है।
(ग) भक्ति है।
उत्तर:
(ख) कुंजी है।

प्रश्न 4.
समझकर लिखिए।
i. वे कायर है
उत्तरः
(क) जिसमें साहस नहीं।
(ख) जिसे अखंड प्रेम के ऊपर विश्वास नहीं।

ii. प्रेमरूपी मदिरा की विशेषता
उत्तरः
वह ज्ञान के गुण से तैयार की गई थी।

कबीर Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के दूबे-का-छपरा नामक ग्राम में हुआ था। द्विवेदी जी हिंदी के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक हैं। उनका स्वभाव बड़ा सरल और उदार था। वे उच्चकोटि के निबंधकार, उपन्यासकार, आलोचक, चिंतक एवं शोधकर्ता थे।
प्रमुख कृतियाँ : निबंध – ‘अशोक के फूल’, ‘कल्पलता’, ‘विचार प्रवाह’ आदि।
उपन्यास – ‘बाणभट्ट की आत्मकथा’, ‘चारुचंद्र लेख’, ‘पुनर्नवा’।
आलोचना और साहित्य इतिहास – मेघदूत एक पुरानी कहानी, सूर साहित्य आदि।

गद्य-परिचय :

आलोचना किसी विषय वस्तु के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उसके गुण-दोष एवं उपयुक्तता का विवेचन करने वाली विधा आलोचना है। प्रस्तावना । प्रस्तुत पाठ ‘कबीर’ के माध्यम से द्विवेदी जी ने संत कबीर के व्यक्तित्व, उनके उपदेश, उनकी साधना, उनके स्वभाव के विभिन्न गुणों को बड़े ही रोचक ढंग से स्पष्ट किया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

सारांश :

प्रस्तुत पूरक पठन में द्विवेदी जी ने कबीर के व्यक्तित्व, दार्शनिक विचार और उनकी साधना को दर्शाया है। हिंदी साहित्य के इतिहास में कबीर जैसा व्यक्तित्व लेकर कोई लेखक उत्पन्न नहीं हुआ। उन्होंने कबीर का प्रतिद्वंद्वी तुलसीदास को बताया है परंतु तुलसीदास व कबीर के व्यक्तित्व में बहुत अंतर था। यद्यपि दोनों ही भक्त थे परंतु दोनों स्वभाव, संस्कार और दृष्टिकोण में भिन्न थे।

मस्ती, फक्कड़ाना स्वभाव और सब कुछ झाड़-फटकारकर चल देने वाले तेज ने कबीर को हिंदी साहित्य का अद्वितीय व्यक्ति बना दिया था। कबीर की वाणी का अनुकरण नहीं हो सकता। उनकी वाणी वह लता है जो योग के क्षेत्र में भक्ति का बीज पड़ने से अंकुरित हुई थी। कबीर जी सर्वजगत के पाप को अपने ऊपर ले लेने की इच्छा से विचलित नहीं होते थे बल्कि और भी कठोर व शुष्क होकर ध्यान वैराग्य का उपदेश देते थे। अक्खड़ता कबीर का गुण नहीं है। जब वे योगी को संबोधन करते हैं तभी उनकी अक्खड़ता पूरे चढ़ाव पर होती है।

वे फक्कड़ स्वभाव के थे। अच्छा हो या बुरा, खरा हो या खोटा, जिससे एक बार चिपट गए उससे जिदंगी भर चिपटे रहो’ यह सिद्धांत उन्हें मान्य नहीं था। वे सत्य के जिज्ञासु थे और कोई माया-ममता उन्हें अपने मार्ग से विचलित नहीं कर सकती थी वे बिल्कुल मस्त-मौला थे। वे प्रेम के मतवाले थे परंतु अपने को उन दीवानों में नहीं गिनते थे जो अपनी प्रेमिका के लिए सिर पर कफ़न बाँधे फिरते हैं। उन्हें संसार की अच्छी-बुरी टिप्पणियों की परवाह नहीं थी। योग के संबंध में कबीर कहते हैं कि केवल शारीरिक और मानसिक कार्यों की नियमावली से दीखने वाली ज्योति जड़ चित्त की कल्पना मात्र है। केवल क्रिया बाह्य है, ज्ञान चाहिए।

बिना ज्ञान के योग व्यर्थ है। द्विवेदी जी ने कहा है कि कबीर के लिए साधना एक विकट संग्राम स्थली थी, जहाँ कोई विरला शूरवीर ही टिक सकता है। कबीर के मतानुसार प्रेम किसी खेत में नहीं उगता, किसी बाज़ार में नहीं बिकता, फिर जो कोई भी, इसे चाहेगा, पा लेगा। वह राजा हो या प्रजा, उसे सिर्फ एक शर्त माननी होगी, वह शर्त है सिर उतारकर धरती पर रख ले। जिसमें साहस व विश्वास नहीं, वह प्रेम की गली में नहीं जा सकता।

विश्वास ही प्रेम की कुंजी है जिसमें संकोच नहीं, दुविधा नहीं और कोई बाधा नहीं। कबीर युगावतारी शक्ति और विश्वास लेकर पैदा हुए थे और युगप्रवर्तक की दृढ़ता उनमें विद्यमान थी इसलिए वे युग प्रवर्तन कर सकें। द्विवेदी जी ने कबीर जी के व्यक्तित्व के लिए एक वाक्य में कहा है कि, “कबीर सिर से पैर तक मस्त-मौला थे, बेपरवाह, दृढ़, उग्र, फूल से भी कोमल और बज्र से भी कठोर थे।”

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

शब्दार्थ :

  1. व्यक्तित्व – विशेष चरित्र
  2. महिमा – महानता, गौरव
  3. प्रतिद्वंद्वी – प्रतिस्पर्धी, प्रतियोगी
  4. दृष्टिकोण नज़रिया, विचार
  5. फक्कड़ – मस्त
  6. फक्कड़ाना – मौजी
  7. झाड़-फटकारकर – छोड़-छाड़कर
  8. अद्वितीय – बेजोड़, अद्भुत
  9. सर्वजयी – सबको जीत लेने वाला
  10. अनन्य साधारण – असाधारण
  11. अनुकरण – नकल
  12. चेष्टाएँ – कोशिश
  13. हठयोग – योग का एक प्रकार
  14. हठयोगी – हठयुक्त साधना करने वाले
  15. स्फूर्ति – उत्साह
  16. वांछा – इच्छा, चाह
  17. विरत – विमुख, वैरागी
  18. सुरत – कार्य सिद्धी का मार्ग, ध्यान
  19. मेख – छूटी, कौल, काँटा
  20. अक्खड़ता – हठी स्वभाव, निडरता
  21. अवधूत – संन्यासी
  22. कातर – व्याकुल, परेशान, दुखी
  23. द्वैत – जीव
  24. अद्वैत – ब्रह्म
  25. सत्व – अस्तित्व
  26. अच्छर हूँ – ईश्वर
  27. विनासिने – नष्ट होना
  28. क्रांतदर्शी – सर्वज्ञ, सब कुछ जानने वाला, दूरदर्शी
  29. कुसुमादपि – फूल की तरह
  30. वज्रादपि – वज़ की तरह
  31. फटकार – ਫੁੱਟ
  32. शुष्क – निर्मोही
  33. माँही – में
  34. भेष-भगवंत – ईश्वर
  35. पाही – पास
  36. चढ़ाव – वृद्धि, वेग
  37. विकट – जटिल, कठिन
  38. अवतरण – प्रस्तुत
  39. सुन्न – ब्रह्म
  40. सहज – सरल
  41. मुराड़ा – जलती हुई लकड़ी
  42. जिज्ञासु – जानने की इच्छा रखनेवाला
  43. माशूक – प्रिय
  44. शम – शांति, क्षमा
  45. तहकीक – जाँच

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 कबीर

मुहावरे

  1. दाल न गलना – सफल न होना।
  2. सिर पर कफन बाँधना – बलिदान के लिए तैयार होना।

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 5 Atit Ke Patra Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 5 Atit Ke Patra Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 5 अतीत के पत्र Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 5 अतीत के पत्र Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 5 अतीत के पत्र Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
गांधीजी द्वारा लिखित ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ (आत्मकथा)पुस्तक का कोई अंश पढ़िए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
किसी महान विभूति के जीवन संबंधी कोई प्रेरक प्रसंग बताइए।
उत्तर:
(अध्यापक निर्देश : अध्यापक कक्षा में छात्रों को किसी महान विभूति के जीवन संबंधी प्रेरक प्रसंग बताने के लिए छात्रों को प्रेरित करते हैं।)
एक छात्र: मैं बाल गंगाधर तिलक के जीवन से संबंधित एक प्रेरक प्रसंग बताना चाहता हूँ।

अध्यापक: जरूर बताओ। हम सभी सुनने के लिए आतुर हैं।

छात्र: सभी जानते हैं कि बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। बात उन दिनों की है जब वे स्कूल जाया करते थे। एक दिन की बात है। मध्याह्न खत्म होने के बाद बाल गंगाधर तिलक के शिक्षक कक्षा में आए। उन्होंने कक्षा में देखा कि सर्वत्र मँगफलियों के छिलके फैले हुए हैं। वे विद्यार्थियों पर नाराज हो गए। उनके पूछने पर भी किसी ने भी किसी का नाम नहीं बताया। पश्चात उनका क्रोध बढ़ गया।

उन्होंने सभी विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया और सभी को हाथ पर बेत की लकड़ी से मारना शुरू कर दिया। जैसे ही वे बाल के पास आए तब उन्होंने बाल से हाथ आगे करने के लिए कहा। लेकिन बाल ने हाथ आगे नहीं किया। उसने बड़े स्वाभिमान से कहा कि उसने मूंगफलियाँ नहीं खाई हैं। इसलिए वह मार भी नहीं खाएगा। ऐसा कहकर वे कक्षा के बाहर चले गए। ऐसे थे बाल गंगाधर तिलक। अन्याय सहन करना उनके स्वभाव में नहीं था।

अध्यापक: बहुत बढ़िया। बच्चों स्वाभिमान का होना बहुत बड़ी बात है। हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

लेखनीय :

प्रश्न 1.
गांधी जयंती के अवसर पर एक आकर्षक कार्यक्रम पत्रिका तैयार कीजिए।
उत्तर:
सर्वोदय विद्यालय द्वारा आयोजित

गांधी जयंती

तिथि: 2 अक्टूबर 2017
कार्यक्रम स्थल: सर्वोदय विद्यालय सभागार

कार्यक्रम – सूची

प्रात: 8.00 बजे प्रार्थना
प्रात : 8.30 बजे भाषण : गांधी और आज का भारत
प्रात : 9.00 बजे संगीत गीत गांधी जी के प्रिय भजन
प्रात: 10.00 बजे सूतकताई
प्रात : 11.00 बजे प्रदर्शनी : खादी के वस्त्र एवं स्वदेशी वस्तुएँ
दोपहर: 12.00 बजे स्कूल के छात्रों द्वारा गांधी जी के निकाले गए चित्रों की प्रदर्शनी
दोपहर 12.30 बजे राष्ट्रगान

आशा है कि आप सभी सपरिवार एवं मित्र जनों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार
(कार्यक्रम प्रमुख)

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘मेरे सपनों का भारत’ विषय पर अपने विचार सृजन लिखिए।
उत्तर:
जिस देश में मानवीय गुणों का भंडार है, जिस देश में संस्कृति की पूजा की जाती है; वह है भारत। ऐसे भारत में जन्म लेना किसी भाग्यवान के ही नसीब में होता है। मैं भारतीय हूँ। भारत देश की सेवा एवं उसकी हिफाजत करना मेरा परम कर्तव्य है। साथ ही भारत को प्रगति की ओर ले जाना भी मेरा कर्तव्य है। मैं बड़ा होकर भारत की सेवा करूँगा एवं उसकी प्रगति के लिए भगीरथ प्रयास भी करूंगा। मैंने भारत की प्रगति का सपना देखा है। ऐसे भारत का जिसमें सिर्फ मानवता, दया, प्रेम, शांति, करुणा, वीरता, देशप्रेम ऐसे मानवीय गुणों का खजाना हो। सचमुच मेरे सपनों का भारत आदर्शबादी होगा।

वह सत्य व अहिंसा का पूर्णतः पालन करेगा। मेरे सपनों के देश में सभी ईमानदार होंगे। सर्वत्र शिक्षा का बोलबाला होगा। सभी को समान न्याय एवं अधिकार प्राप्त होगा। मेरे सपनों के भारत में सभी शिक्षा प्राप्त कर भारत के विकास के लिए जुटेंगे। कोई भी अधिक धन पाने हेतु विलायत नहीं जाएगा। मेरे सपनों के भारत में सभी खुशहाल एवं संपन्न होंगे। किसी पर कोई भी अन्याय नहीं करेगा। स्त्रियों को पुरूषों के समान अधिकार मिलेगा। बाल शोषण, स्त्री अत्याचार आदि सभी समस्याएँ नहीं होगी।

मेरे सपनों के भारत में न्याय, समता व बंधुत्व की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क पर विराजमान होगी। मेरे सपनों का भारत आर्थिक विकास में स्वयंपूर्ण होगा। सभी को रोजगार मिलेगा। मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा। काले धन का नामोनिशान मिट जाएगा। मेरे सपनों के भारत में महंगाई नहीं होगी और आबादी पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों की मानसिकता भी तैयार हो जाएगी।

सचमुच मेरे सपनों का भारत महात्मा गांधी जी के द्वारा बताए गए सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर विश्व में अपनी पहचान बनाएगा।

मैं हूँ यहाँ :

1 https://hi.wikipedia.org/wiki/ विनोबा भावे
2 https://hi.wikipedia.org/wiki/ महात्मा गांधी

आसपास :

प्रश्न 1.
हमारी ऐतिहासिक स्मृतियाँ जगाने वाले स्थलों की जानकारी प्राप्त कीजिए और उनपर टिप्पणी बनाइए। जैसे – आगाखान पैलेस, पुणे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
कार्य
स्वास्थ्य सुधार के लिए विनोबा जी द्वारा किए गए कार्य
उत्तरः
कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

प्रश्न ख.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (क) योजना
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) व्रत
3. विनोबा जी का साध्य (ग) संस्था
4. ब्रह्मचर्य (ङ) आश्रम
(च) सत्याग्रह

उत्तरः

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (ग) संस्था
2. राष्ट्रीय शिक्षा (क) योजना
3. विनोबा जी का साध्य (ङ) आश्रम
4. ब्रह्मचर्य (ख) व्रत

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न ग.
अर्थ लिखिए।
i. ‘अपरिग्रह’ शब्द से तात्पर्य है कि …………
ii. ‘रमता राम’ शब्द से तात्पर्य है कि ……….
उत्तर:
i. संग्रह न करना।
ii. एक स्थान पर न टिकने वाला व्यक्ति।

2. ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। इस पर स्वमत लिखिए।

प्रश्न 1.
प्रत्यय पहचानिए।
i. पारिश्रमिक
ii. ज्ञानेश्वरी
उत्तरः
i. ‘इक’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. व्रत
ii. दूध
उत्तर:
i. संकल्प
ii. क्षौर, दुग्ध

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. पूर्ण दिवस काम करने के बाद पैसों के रूप में मिलने वाला मुआवजा –
ii. आध्यात्मिक विषय पर व्याख्यान –
उत्तर:
i. पारिश्रामिक
ii. प्रवचन

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
प्रवचन, प्रवास, प्रयोग

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 5.
शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
i. पहुंचूंगा
ii. नीम्बू
उत्तर:
i. पहुँचूँगा
ii. नींबू

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 2.1

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 5 अतीत के पत्र Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 3

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त एक स्थान
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 4

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. विनोबा जी आश्रम से बाहर गए थे क्योंकि
(क) उन्हें घूमने का शौक था।
(ख) वे नौकरी करते थे।
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।
उत्तरः
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने स्वयं फ्रेंच भाषा का चयन किया था।
ii. हाईस्कूल में पढ़ते समय विनोबा जी को भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
विनोबा जी ने खुद-ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था
उत्तरः
विनोबा जी को गीता से अत्यधिक प्रेम था इसलिए उन्होंने खुद ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. घर
ii. पत्र
उत्तर:
i. ठिकाना, घराना, मकान, गृहस्थी
ii. शंख, पत्ता, चिट्ठी, पक्षी के पर

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. विद्वान
ii. पूज्य
उत्तर:
i. विदुषी
ii. पूज्य

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. आज्ञा × ………..
ii. खास × ………..
उत्तर:
i. अवज्ञा
ii. साधारण

प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जीवन भर
ii. ऋषियों के रहने का स्थान
उत्तर:
i. आजन्म
ii. आश्रम

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 5.
उपसर्ग पहचानिए।
i. उपनिषद
ii. अस्वास्थ्य
उत्तर:
i. ‘उप’ उपसर्ग
ii. ‘अ’ उपसर्ग

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
वेदांत, उपनिषद व गीता भारत के प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथ हैं। ये संस्कृत में लिखे गए हैं। ये हिंदू धर्म के सर्वोच्च व सर्वोपरि ग्रंथ हैं। इनमें सभी प्रकार का ज्ञान समाहित है। जिनमें ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, औषधि, प्रकृति, खगोलशास्त्र आदि से संबंधित ज्ञान का भंडार भरा हुआ है। इनमें परमेश्वर, परमात्मा, ब्रह्म व आत्मा से संबंधित वर्णन है। ये ग्रंथ आध्यात्मिक चिंतन से परिपूर्ण हैं। दरअसल ये ग्रंथ हमारी संस्कृति की रीढ़ हैं। इनके बिना भारतीय संस्कृति की व्याख्या नहीं की जा सकती। इसलिए वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि स्वास्थ्य ही संपत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ होगा, तो व्यक्ति का मन भी स्वस्थ रहेगा। तन और मन में गहरा संबंध होता है। आखिर स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर के स्वस्थ रहने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बीमारी छूती नहीं है। जिस कारण उसे किसी भी प्रकार का कष्ट भी नहीं पहुंचता है। वह हमेशा प्रसन्न रहता है। इस कारण उसका मन भी प्रसन्न रहता है। ऐसे व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएँ संतुलित रहती हैं और वह अपने शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं को भी अपने वश में रखता है। स्वस्थ शरीर के माध्यम से ही मानसिक विचार एवं भावनाओं में संतुलन निर्माण किया जा सकता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 9

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अपने मित्रों के साथ बड़ौदा में मातृभाषा के प्रसार के लिए एक संस्था स्थापित की।
ii. विनोबा जी ने बंडी, कोट, टोपी वगैरह पहनने का व्रत लिया।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 10

प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. सत्य-अहिंसा-ब्रह्मचर्य
ii. धोती
उत्तर:
i. विनोबा जी ने किस व्रत का पालन किया?
ii. विनोबा जी शरीर पर क्या ओढ़ लेते थे?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।
i. महीना
ii. प्रयास
उत्तर:
i. मास
ii. प्रयत्न

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।

  1. कटोरी
  2. थाली
  3. कपड़ा
  4. पुस्तकें

उत्तर:

  1. कटोरियाँ
  2. थालियाँ
  3. कपड़े
  4. पुस्तक

प्रश्न 3.
गद्यांश से प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
स्वदेशी × परदेशी

प्रश्न 4.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. वर्ग
उत्तरः
श्रेणी, अध्याय, जाति

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।’ अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
सत्य व अहिंसा जीवन के तत्त्व हैं। सत्य व अहिंसा की धार तलवार की धार से भी अधिक तेज होती है। सत्य भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन है। जहाँ सत्य होता है वहीं पर ज्ञान होता है और जहाँ पर अहिंसा होती है; वहाँ पर शांति का साम्राज्य होता है। सत्य सर्वशक्तिमान होता है और अहिंसा अजेय शक्ति होती है।

महात्मा गांधी स्वयं सत्य व अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने सत्य व अहिंसा के माध्यम से ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ एवं ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किए। इन्हीं तत्त्वों को आधार बनाकर उन्होंने मानव को नव निर्माण की नई राह दिखाई। भारत को आजाद कराने के लिए उन्होंने इन्हीं तत्त्वों की सहायता ली थी। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 11

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आश्रम (क) सत्याग्रह
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) साध्य
3. रेल (ग) योजना

उत्तर:

(अ) (ब)
1. आश्रम (ख) साध्य
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ग) योजना
3. रेल (क) सत्याग्रह

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. आश्रम
ii. भाकरी
उत्तरः
i. विनोबा जी का साध्य क्या था?
ii. विनोबा जी प्रवास में क्या नहीं बना सकते थे?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी गांधी जी को पितृतुल्य मानते थे।
ii. विनोबा जी अन्य किसी सत्याग्रह में सम्मिलित होना नहीं चाहते थे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
उपसर्ग पहचानिए।
i. परिवर्तन
i. आचरण
उत्तर:
i. परि’ उपसर्ग
ii. ‘आ’ उपसर्ग

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. सत्याग्रह
ii. शिक्षा
उत्तर:
i. सत्याग्रह + ई = सत्याग्रही
ii. शिक्षा + इक = शैक्षिक

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 3.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. मेरी इच्छा है आप मुझे पत्र लिखिए
उत्तरः
मेरी इच्छा है, ‘आप, मुझे पत्र लिखिए।’

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. साध्य × …………….
ii. सवाल × ………….
उत्तर:
i. असाध्य
ii. जबाब

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख आधार था।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘सत्याग्रह’ का अर्थ है- सत्य के लिए आग्रह यानी सत्य को सदैव पकड़े रहना या उसके मार्ग पर चलना। हिंसा के बदले में अहिंसा से पेश आना। अन्यायी के प्रति बैर भाव न रखना या कभी क्रोध नहीं करना-ये सत्याग्रह के प्रमुख तत्त्व हैं। सत्याग्रह एक अहिंसक प्रतिकार है परंतु वह निष्क्रिय नहीं। इसी सत्याग्रह को गांधी जी ने अपनाया था।

उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए समस्त भारतवासियों को सत्याग्रह का मार्ग बतलाया। सभी भारतीयों ने सत्याग्रह का पालन कर स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया। सत्याग्रह ने सभी लोगों में जोश, देशप्रेम, उमंग, उत्साह व उल्लास का वातावरण निर्माण किया था। सत्याग्रह करने वाले सत्याग्रहियों के सामने अंग्रेजों की एक न चली। आखिर उन्हें हार माननी पड़ी।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 13

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 14

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 15

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी को पिता का पद प्रेमपूर्वक भेंट के रूप में दिया था।
ii. गांधी जी ने स्वयं को ‘भीम’ कहा है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. पद
ii. भेंट
उत्तर:
i. ओहदा, पैर, शब्द, कविता का चरण
ii. उपहार, मिलन

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. मुंह
ii. उद्गार
उत्तर:
i. मुख
ii. कथन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जो सत्य के मार्ग पर चलता है –
ii. जो चरित्र से पूर्ण हो –
उत्तर:
i. सत्यवादी
ii. चरित्रवान

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्ग व प्रत्यय युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तरः
उपसर्ग युक्त शब्द – असमर्थ
प्रत्यय युक्त शब्द – चरित्रवान, विशेषता, मान्यता

प्रश्न 5.
‘अपमान करना’ इसके लिए परिच्छेद में प्रयुक्त मुहावरा है।
उत्तर:
निरादार करना।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, मै उपर्युक्त कथन से सहमत है। सच्चे पुत्र के पास धैर्य, सहनशीलता, प्रेम, मेहनत करने की लगन आदि मानवीय गुण होते हैं। सच्चा पुत्र अपने पिता से प्राप्त विरासत एवं संपत्ति में वृद्धि करता है। वह अपने कर्तव्य से उसमें चार चाँद लगा देता है। दरअसल उसे स्वयं से कमाए हुए नाम, शोहरत, यश, प्रसिद्धि एवं कीर्ति पर नाज होता है। जैसे कि हरिवंशराय बच्चन जी ने साहित्य के द्वारा संपूर्ण देश में नाम कमाया। लेकिन उनके पुत्र अभिताभ जी ने अपने पिता द्वारा अर्जित श्रेय में वृद्धि कर दिखाई। उन्होंने अपने अभिनय के बल पर संपूर्ण विश्व को आकर्षित कर दिया। आखिर वही सच्चा पुत्र होता है जो पिता के नाम, शोहरत, यश एवं सम्मान को आगे तक बढ़ाएँ।

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(च ) गद्यांश पड़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. दिल्ली
ii. खेड़ा
उत्तर:
i. दो-एक दिन में गांधी जी कहाँ जाने वाले थे?
ii. गांधी जी के अनुसार कौन-से जिले में सत्याग्रह शुरू करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 16

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 17

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी ने मामा फड़के को दूध पीने की सलाह दी।
ii. गांधी जी के अनुसार विनोबा ‘बहुत बड़े मनुष्य’ थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. बहुत बड़ा मनुष्य है वह
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो यही मेरी कामना है
उत्तर:
i. “बहुत बड़ा मनुष्य है वह!”
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें। जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो, यही मेरी कामना है।

प्रश्न 2.
उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. उत्सुक
ii. उपयोग
उत्तर:
i. उत्सुकता
ii. उपयोगी

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. एक स्थान पर न टिकने वाला –
उत्तर :
रमता राम

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बापू सभी भारवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बापू स्वयं एक संस्कृति थे। वे दया, प्रेम, करूणा, मानवता, शांति, सत्य, अहिंसा, सहनशीलता, शालीनता आदि गुणों के भंडार थे। ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ यही उनकी जीवन प्रणाली थी। बापू नव संस्कृति के दूत थे। धरती पर मानवीय गुणों की स्थापना करने हेतु ही वे यहाँ पधारे थे। उन्हीं के विचारों एवं कार्यों को अपनाकर समस्त भारतवासियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। वे बापू ही थे जिनकी एक आवाज पर लाखों लोग सत्याग्रह करने के लिए निकल पड़ते थे। उन्हीं के मार्ग का अवलंबन करते हुए आज भारत प्रगति कर रहा है। आज भी बापू द्वारा बताए गए मार्ग पर भारत चल रहा है। सचमुच आज भी बापू सभी भारतवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु :

प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा। (पूर्ण भूतकाल)
ii. मैने देशसेवा करने का व्रत लिया था। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
ii. मैं देशसेवा करने का व्रत लेता हूँ।

प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. विनोबा जी ने परम पूज्य बापू जी को पत्र लिखा।
ii. वैसे मामा को मैंने एक-दो पत्र लिखे थे।
उत्तर:
i. परम पूज्य – विशेषण – गुणवाचक
ii. मैंने – सर्वनाम – उत्तम पुरुषवाचक

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प्रश्न 4.
संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. नमस्कार
  2. विद्यार्थी
  3. सत्याग्रह
  4. वाचनालय
  5. वार्षिकोत्सव
  6. निरादार
  7. दीर्घायु

उत्तर:

  1. नमः + कार
  2. विद्या + अर्थी
  3. सत्य + आग्रह
  4. वाचन + आलय
  5. वार्षिक + उत्सव
  6. निः + आदर
  7. दीर्ध + आयु

प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. आज तक ऐसे कोई पचास प्रवचन किए।
ii. एक महीना केले, दूध और नींबू पर बिताया।
उत्तर :
i. आज तक – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

प्रश्न 6.
रचना की दृष्टि से वाक्यों के प्रकार पहचानिए।

  1. अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई और ज्ञानेश्वरी चार विद्यार्थियों को सिखाई।
  2. फिर भी अगर इसे छोड़ा जा सकता हो तो छोड़ देने की मेरी इच्छा है।
  3. राष्ट्रीय शिक्षा की योजना क्या है?
  4. मैं आश्रम का ही हूँ।
  5. जब आप मुझे पत्र लिखेंगे तब मुझे बेहद खुशी होगी।

उत्तर:

  1. संयुक्त वाक्य
  2. मिश्र वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. विधानार्थक वाक्य
  5. संदेशसूचक वाक्य

प्रश्न 7.
काल के प्रकार पहचानिए।
i. मैं तुरंत ही पहुँच जाऊँगा।
ii. आश्रम के नियमों के अनुसार मैं अपना आचरण रखता हूँ।
उत्तर:
i. सामान्य भविष्यकाल
ii. सामान्य वर्तमानकाल

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प्रश्न 8.
अव्ययों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

  1. पास
  2. कि
  3. वाह

उत्तर:

  1. उसके पास मेरे सौ रूपए हैं।
  2. मैंने कहा कि वे अपने घर चले गए।
  3. वाह! क्या बात है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित बाक्य में प्रयुक्त क्रियाओं के भेद पहचानिए।
i. दो-एक दिन में मैं दिल्ली जाऊँगा।
ii. अब मुझे आप लोगों से सत्याग्रह करवाना पड़ेगा।
उत्तर:
i. जाऊँगा – अकर्मक क्रिया
ii. करवाना – प्रेरणार्थक क्रिया

अतीत के पत्र Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : विनोबा भावे (1895 – 1982)
विनोबा भावे का पूरा नाम विनायक नरहरी भावे है। आप गांधी जी के सहयोगी थे। गांधीवादी विचारधारा को समाज में मान्यता दिलवाने के लिए आपने अथक प्रयास किया। विनोबा जी मराठी व हिंदी भाषा के ज्ञाता थे। इन्होंने गीता का मराठी में अनुवाद किया। इन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है। प्रमुख कृतियाँ : गीताई (गीता का मराठी में अनुवाद) गीता पर वार्ता, शिक्षा पर विचार आदि कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं।

जीवन-परिचय : महात्मा गांधी (1869 – 1948)
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख प्रेरणा थे। गांधी जी एक दार्शनिक, विचारक, शिक्षाशास्त्री एवं लेखक थे। भारत देश को आजाद कराने के लिए इन्होंने भगीरथ प्रयत्न किए थे।
प्रमख कतियाँ : ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ (आत्मकथा), ‘हिंद स्वराज्य या इंडियन होमरूल’ इनके अतिरिक्त लगभग प्रत्येक दिन अनेक व्यक्तियों और समाचार पत्रों के लिए लेखन करते थे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

गद्य-परिचय :

पत्र : पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। पत्र के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने विचार, अपनी भावना, अपना जीवनविषयक दृष्टिकोण एवं अपने मूल्यों को पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रस्तावना : ‘अतीत के पत्र’ में विनोबा जी एवं गांधी जी के पत्रों को समाहित किया गया है। इन पत्रों के माध्यम से पाठकों को देशसेवा व्रत, अनुशासन, दृढ़ निश्चय, विश्वास, समर्पण एवं श्रद्धा जैसे मानवीय गुणों के दर्शन होते हैं।

सारांश :

हिंदी साहित्य में पत्र लेखन’ गद्य की विधा है। प्रस्तुत पाठ पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। इसमें दो पत्र हैं। पहला पत्र आचार्य विनोबा भावे जी ने गांधी जी को लिखा है, जिसमें प्रकृति, स्वास्थ्य, ब्रह्मचर्य व्रत, देशसेवा व्रत, गीता अध्ययन, संस्कृत भाषा के प्रति रूचि, उपनिषदों का अध्ययन, परिश्रम, अनुशासन, सत्याग्रहाश्रम के तत्त्वों का प्रचार, मातृभाषा प्रसार कार्य, सत्य-अहिंसा व गांधी जी के प्रति समर्पण व श्रद्धा आदि बिंदुओं का वर्णन किया गया है। दूसरा पत्र महात्मा गांधी जी ने आचार्य विनोबा भावे जी को लिखा है। वास्तव में विनोबा जी का पत्र पढ़कर गांधी जी फूले नहीं समाए थे और विनोबा जी का वर्णन करते हुए ‘भीम है भीम’ यह उद्गार निकाले थे।

गांधी जी के लिए विनोबा उनके पुत्र से भी बढ़कर थे। इसीलिए गांधी जी ने पत्र में ‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें। वे विनोबा जी द्वारा दिया गया पिता का पद बड़े आनंद से स्वीकार करते हैं। इस प्रकार प्रस्तुत दोनों पत्र उच्चतम मानवीय गुणों के अनमोल उपहार हैं। इनका पठन एवं मनन मानवीय गुणों को अपनाने के समान है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

शब्दार्थ :

  1. अस्वादव्रत – फीका भोजन करने का व्रत
  2. अपरिग्रह – संग्रह न करना
  3. करघा – कपड़ा बुनने का यंत्र
  4. रमता राम – फक्कड़, एक स्थान पर न टिकनेवाला
  5. वाकचातुर्य – बोलने में चतुर
  6. अचेतन – चेतनारहित
  7. ब्रह्मचारी – संन्यासी
  8. वेदांत व उपनिषद – भारतीय प्राचीन धार्मिक ग्रंथ
  9. सत्याग्रह – सत्य का आग्रह
  10. गोरख व मछंदर – नवनाथों में से दो नाथ। एक गोरखनाथ व दूसरे मछिंदर नाथ।
  11. सत्यवादी – सत्य की राह पर चलने वाला।

मुहावरे :

  • हाथ लगना – प्राप्त होना।
  • हृदय में स्थान बनाना – किसी का प्रिय बनना।
  • निरादर करना – अपमान करना।

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 2 Main Bartan Majunga Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 2 Main Bartan Majunga Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा Questions And Answers

1. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा 1

2. निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में से प्रत्यय छाँटकर लिखिए।
1. किताबी
2. पढ़ाकू
उत्तर:
1. प्रत्यय – ई
2. प्रत्यय – आकू

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा

3. गद्यांश पढ़कर प्राप्त होने वाली प्रेरणा लिखिए।

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर प्राप्त होने वाली प्रेरणा लिखिए।
उत्तर:
इस गद्यांश को पढ़कर हमें यह प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने समय का हमेशा सदुपयोग करना चाहिए। हमें कभी-भी अपना समय पुस्तकें पढ़ने एवं अपने आवश्यक कार्य करने में ही व्यतीत करने चाहिए। समय का दुरुपयोग कभी नहीं करना चाहिए। समय के सदुपयोग से ही व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है तथा अपने जीवन में विकास कर सकता है। समय का सदुपयोग न करने से व्यक्ति का कार्य भी नहीं हो पाता और वह अन्य परेशानियों में फँस जाता है। अत: हमें पाठ के विश्वकर्मा सर से प्रेरणा लेते हुए ऐसा करना चाहिए कि हम भी अपना अमूल्य समय बर्बाद न होने दें।

4. कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पुस्तकों की ढेरियाँ बना रखी थी क्योंकि
उत्तर:
पुस्तकों की ढेरियाँ बना रखी थी क्योंकि कमरे में आलमारी नहीं थी।

प्रश्न 2.
मित्रों द्वारा मूर्ख समझे जाने पर भी लेखक महोदय खुश थे क्योंकि
उत्तर:
मित्रों द्वारा मूर्ख समझे जाने पर भी लेखक महोदय खुश थे क्योंकि लेखक जानते थे कि मूर्ख कौन है।

5. ‘अध्यापक के साथ विद्यार्थी का रिश्ता’ विषय पर स्वमत लिखिए।

प्रश्न 1.
‘अध्यापक के साथ विद्यार्थी का रिश्ता’ विषय पर स्वमत लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से गुरु-शिष्य का संबंध बड़ा ही गहरा और पवित्र रहा है। गुरु अपने शिष्य का सबसे बड़ा मार्गदर्शक होता है। उसके द्वारा दिए जाने वाला हर ज्ञान, शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। गुरु शिष्य पर आने वाली हर मुसीबत में उसका साथ देता है। इसलिए कहा गया है – गुरु बिन ज्ञान न होत है, गुरु बिन दुआ अजान। गुरु बिन इंद्रिय न सधै, गुरु बिन बढ़े न शान। शिष्य भी अपने गुरु को भगवान स्वरूप मानता है। वह गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश समझता है। गुरु के कहे हर शब्द को वह आदेश मानकर उसका पालन करता है। प्रश्न ४ (घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

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भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
रचना की दृष्टि से वाक्य पहचानकर अन्य एक वाक्य लिखिए।
उत्तर:
जब पाठ्यपुस्तक पढ़ते-पढ़ते
ऊब जाओ, तब झट कोई बाहरी
रुचिकर पुस्तक पढ़ा करो।

प्रश्न 2.
जब पानी बरस रहा था, तब मैं घर के भीतर था।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा 2

लेखनीय:

प्रश्न 1.
‘कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता’ इस पर एक प्रसंग लिखकर उसे कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
महात्मा गाँधी ने कहा था कि कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता है। बल्कि इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए। इस वाक्य पर एक प्रसंग मुझे याद आया जो इस प्रकार है: सतीश एक बहुत ही अच्छा मकैनिक था, जो अपने काम के आगे सभी लोगों के काम को छोटा समझता था। उसको लगता था कि जो काम वह कर रहा है वही सबसे अच्छा काम है बाकी सब लोगों का काम बेकार है। एक दिन एक डॉक्टर साहब अपनी कार लेकर उसके पास आए और बोले भाई इसको देखना क्या हो गया।

वह डॉक्टर एक सर्जन थे और बड़े ही अच्छे स्वभाव के थे। सतीश भी बड़े लोगों की गाड़ियों को देखकर बहुत ही खुश होता था। गाड़ी सही करते वक्त वह डॉक्टर साहब से बोला- आप का और मेरा काम तो एक समान है, फिर भी आप मुझसे ज्यादा पैसा क्यों कमाते हैं? आप देखो न, जैसे मैं गाड़ी का इंजन खोलता हूँ उसी तरह आप भी ऑपरेशन करते हैं।

डॉक्टर साहब बहुत ही विनम्र होकर बोले, आप जो काम करते हो वे जिंदा लोगों पर नहीं करते हो, आप के काम में कुछ देर हो जाए तो आप कल कर सकते है, लेकिन मेरा काम जिंदा लोगों पर ही होता है, जिसमें आप बिलकुल भी देर नहीं कर सकते है। यह बात सुनकर सतीश को समझ में आ गया कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता है। बस इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए।

रचनात्मकता की ओर:

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
‘नम्रता होती है जिनके पास, उनका ही होता मौलिक सृजन दिल में वास।’ इस विषय पर अन्य सुवचन तैयार कीजिए।
उत्तर:

  1. आत्मसम्मान की भावना ही नम्रता की औषधि है।
  2. नम्रता की ऊँचाई नापने के लिए ब्रह्मांड का कोई भी मापक यंत्र सक्षम नहीं।
  3. किसी महान व्यक्ति की प्रथम परीक्षा उसकी नम्रता से लेनी चाहिए।
  4. नम्रता के पीछे स्वार्थ हो, तो वह ढोंग है।
  5. जिसमें नम्रता नहीं आती, वे विद्या का पूरा सदुपयोग नहीं कर सकते।
  6. नम्रता से वे कार्य भी बन जाते हैं जो कठोरता से नहीं बन पाते।
  7. नम्रता स्वर्ग के रास्ते की कुंजी है।

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आसपास:

प्रश्न 1.
दूसरे शहर-गाँव में रहने वाले अपने मित्र को आसपास विद्यालय के अनुभव सुनाइए।
उत्तरः
मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने ननिहाल (मामा के घर) गया। मेरे मामा का लड़का राकेश भी नौवीं में पढ़ता था। उसने मुझसे मेरे विद्यालय के बारे में पूछा तो मैंने बताया कि मेरा विद्यालय शहर के बीचों बीच है। मेरे विद्यालय में पुस्तकालय और खेल का मैदान भी है। मेरे विद्यालय में बहुत अच्छी पढ़ाई होती है। सभी अध्यापक और अध्यापिकाएँ समय पर कक्षा में आते हैं तथा अपना विषय अच्छे तरीके से पढ़ाते हैं। यदि हमें कुछ प्रश्न या सवाल समझ में नहीं आता है तो वे हमें बार-बार समझाते और अतिरिक्त कक्षा में भी पढ़ाते हैं। मेरे विद्यालय में बहुत कड़ा अनुशासन है। कोई भी अनुशासन को नहीं भंग करता है। सभी लड़के और लड़कियाँ एक साथ मिल-जुलकर रहते हैं और एक दूसरे की सहायता भी करते हैं। मेरे विद्यालय में समय-समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं इसमें सभी लड़के और लड़कियाँ भाग लेते हैं। मेरे विद्यालय में हमेशा खेल-कूद का भी आयोजन होता है तथा अनेक विद्यार्थी खेलों में भी प्रथम स्थान पाते हैं। मेरे विद्यालय का अनुशासन शिक्षा व्यवस्था तथा शिष्टाचार बहुत ही अच्छा है।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
‘स्वयं अनुशासन’ पर कक्षा में चर्चा कीजिए तथा इससे संबंधित तक्तियाँ बनाइए।
उत्तर:

  • मोहन – अनुशासन क्या है?
  • श्याम – अनुशासन कुछ ऐसा है जो सभी को अच्छे से नियंत्रित करके रखता है। यह व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और सफल बनाता है।
  • राकेश – इसकी जरूरत क्यों होती है?।
  • रमेश – जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिए हर एक व्यक्ति में अनुशासन की बहुत जरूरत पड़ती है। अनुशासन के बिना जीवन बिल्कुल निष्क्रिय और निरर्थक हो जाता है।
  • मोहन – अनुशासन कितने प्रकार का होता है?
  • श्याम – अनुशासन दो प्रकार का होता है, एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर स्वयं उत्पन्न होता है।
  • राकेश – स्वयं अनुशासन का क्या अर्थ होता है?
  • रमेश – स्वयं अनुशासन का सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग अर्थ होता है जैसे विद्यार्थियों के लिए इसका मतलब है सही समय पर एकाग्रता के साथ पढ़ना और दिए गए कार्य को पूरा करना।
  • सतीश – स्वयं अनुशासन की जरूरत क्यों है?
  • श्याम – हर व्यक्ति में स्व-अनुशासन की बहुत जरूरत है क्योंकि आज के आधुनिक समय में किसी को भी दूसरों को अनुशासन के लिए प्रेरित करने का समय नहीं है।
  • राकेश – क्या अभिभावक को भी स्वयं अनुशासन की जरूरत होती है।
  • रमेश – अभिभावक को स्व-अनुशासन को विकसित करने की जरूरत है क्योंकि उसी से वो अपने बच्चों को भी अनुशासन की शिक्षा दे सकते हैं। उन्हें हर समय अपने बच्चों को प्रेरित करते रहने की जरूरत पड़ती है जिससे वो दूसरों से अच्छा व्यवहार करें और हर कार्य को सही समय पर करें।

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विद्यालय में अनुशासन से संबंधित कुछ बातें:

  1. कम बोलें, धीमा बोलें तथा मीठा बोलें।
  2. सदाचार का पालन करें।
  3. अपने गुरुजन का सम्मान करें।
  4. हमेशा शिष्टता का व्यवहार करें।
  5. अपना गृहकार्य अवश्य पूरा करें।
  6. विद्यालय में आयोजित प्रतियोगिता में अवश्य भाग लें।
  7. समय पर विद्यालय आएँ।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
1. दादी
2. पिता
उत्तर:
1. दादा
2. माता

प्रश्न 2.
निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. डर × ………….
2. विद्वान × …………..
उत्तर:
1. निडर
2. मूर्ख

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कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जीवन में शिक्षा का महत्त्वपूर्ण स्थान है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
शिक्षा का हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है। शिक्षा वह है, जो मनुष्य को ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उसके हृदय एवं आत्मा का विकास करती है। शिक्षा हमारी समृद्धि में आभूषण, विपत्ति में शरण स्थान और समस्त कालों में आनंद देने वाली होती है। जीवन लक्ष्य की पूर्ति के लिए शिक्षा आवश्यक है। शिक्षा हमें स्वयं के विकास के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के विकास के लिए भी प्रेरित करती है। शिक्षा ही मनुष्य को जीवन की विविध परिस्थितियों से समायोजन करना सीखाती है।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा 3

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
विश्वकर्मा सर को इसका शौक था।
उत्तर:
पढ़ने का

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कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
वचन परिवर्तन कीजिए।
1. अध्यापकगण
2. पुस्तक
उत्तर:
1. अध्यापक
2. पुस्तकें

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
1. शौक
2. गजब
उत्तर:
1. रुचि
2. अद्भुत

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा 4

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. विश्वकर्मा सर का कमरा बरतनों से भरा हुआ था।
2. विषय बदलने से दिमाग में ताजगी आ जाती है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
लेखक के साथी उनको चिढ़ाते थे क्योंकि
उत्तर:
लेखक के साथी उनको चिढ़ाते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि लेखक इधर-उधर की पुस्तकों से समय बरबाद करते हैं।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से शब्द-युग्म शब्दों की जोड़ियाँ लिखिए।
उत्तर:
1. मंद – मंद
2. एक – एक

प्रश्न 2.
गद्यांश से विरुद्धार्थी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
1. खाली × …………….
2. मोटी × ……………
उत्तर:
1 भरा
2. पतली

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. विश्वकर्मा सर का यह क्रम ज्यों-का-त्यों बना रहा –
2. भोजन बनाने में इतना समय लगता है –
उत्तर:
1. बरतन धोने का
2. करीब दो घंटे

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा

प्रश्न 2.
कारण लिखिए।
विश्वकर्मा सर हमेशा बरतन धोते थे क्योंकि
उत्तर:
विश्वकर्मा सर हमेशा बरतन धोते थे क्योंकि खाना बनाने में पूरे दो घंटे लगते हैं और बरतन धोने में सिर्फ दस मिनट।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
1. समय
2. खुश
उत्तर:
1. वक्त
2. प्रसन्न

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. मित्र × ………….
2. मूर्ख × …………
उत्तर:
1. शत्रु
2. विद्वान

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आदर्श शिक्षक’ पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
शिक्षक एक विशाल इमारत की नींव की तरह होते हैं। जिस इमारत की नींव ही कमजोर हो, तो उस इमारत का कोई भविष्य नहीं होता है। उसी तरह आदर्श शिक्षक न हो तो विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित नहीं होता । शिक्षक अनुशासन प्रिय होते हैं । अपने विषय को वे इस तरह समझाने का प्रयत्न करते हैं, जिसे सामान्य से सामान्य विद्यार्थी भी समझ सकें। वे अपने विद्यार्थियों में संयम, सेवा, त्याग, सहयोग और देशभक्ति के बीज बोते हैं।

मैं बरतन माँगूँगा Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

हमराज भट्ट हिंदी के आधुनिक साहित्यकारों में से एक है। हमराज भट्ट की बालसुलभ रचनाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। इनकी कहानियाँ, निबंध, संस्मरण विविध पत्र-पत्रिकाओं में समय-समय पर प्रकाशित होती रहती हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा

गद्य-परिचय:

आत्मकथात्मक कहानी: आत्मकथा हिंदी साहित्य में गद्य की एक विधा है। इसमें स्वयं या कहानी का कोई पात्र ‘मैं’ के माध्यम से पूरी कहानी का आत्मचित्रण करता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ ‘मैं बरतन माँगूंगा’ में लेखक हमराज भट्ट जी ने समय की बचत, समय का उचित उपयोग एवं
अध्ययनशीलता जैसे गुणों को दर्शाया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बचपन के एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा है कि उन्हें बचपन में विषय के अतिरिक्त दूसरी पुस्तक पढ़ने की आदत नहीं थी। वह अपने गुरु जी के डर से पाठ्यक्रम की कविताएँ ही रट लिया करते थे। उनके पिता जी कभी पत्रिका लाते थे तो वह लेखक को पढ़ने के लिए नहीं मिलता था।

आठवीं पास करने के बाद नौवीं में पढ़ने के लिए उनके घरवालों ने उन्हें अच्छी नसीहत देकर शहर भेज दिया। उनके साथ गाँव के दो साथी और थे। तीनों एक साथ कमरा लेकर उसमें रहने लगे।

वह जिस कमरे में रहते थे उसके सामने उनके तीन अध्यापक भी रहते थे पुरोहित जी, खान साहब और विश्वकर्मा जी। तीनों अध्यापक साथ-साथ बनाते खाते थे; उनमें कोई भेदभाव नहीं था। लेखक और उनके साथियों ने गौर किया कि विश्वकर्मा सर हमेशा बरतन माँजते थे जबकि पुरोहित और खान साहब कभी बरतन नहीं माँजते थे। विश्वकर्मा सर को पढ़ने का भी शौक था। वह हर वक्त किताबों में ही डूबे रहते। उन्हें देखकर लेखक भी उनसे पुस्तकें लेकर पढ़ना चाहता था। एक दिन किसी बहाने से वह उनके कमरे में गया तो वहाँ अनेक पुस्तकों को देखा। आलमारी ना होने के कारण पुस्तकें जमीन पर ही पड़ी थी । विश्वकर्मा सर ने लेखक को देख लिया और उन्हें कुछ पुस्तकें भी पढ़ने को दी। धीरे-धीरे लेखक और विश्वकर्मा सर में खूब जमने लगी।

एक दिन लेखक ने उनसे रोज सुबह-शाम बरतन माँजने का कारण पूछा। विश्वकर्मा सर ने विस्तार से बताया, कोई काम छोटा या बड़ा नहीं होता। बर्तन माँजने में दस मिनट का समय लगता है जबकि खाना बनाने में दो घंटे का समय लगता है तथा धुएँ और शोर को भी सहना पड़ता है। अत: वह बरतन माँजने का काम करके १ घंटा ५० मिनट बचा लेते हैं, जिसमें वह पढ़ाई करते हैं। विश्वकर्मा सर के इस तर्क को सुनकर लेखक बहुत प्रभावित हुए और वह भी उस दिन अपने साथियों को बोले कि अब दोनों समय का बरतन मैं ही माँगूंगा और तुम दोनों खाना बनाया करो। उनके साथी उनको मूर्ख समझने लगे जबकि लेखक जानते थे कि मूर्ख कौन है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 2 मैं बरतन माँगूँगा

शब्दार्थ:

  1. पलटना – बदलना
  2. एहसास – आभास
  3. नसीहत – उपदेश, सीख
  4. चर्चा – बातचीत
  5. शौक – रुचि
  6. पढ़ाकू – पढ़नेवाला
  7. ढेरियाँ – समूह
  8. मंद – धीमा
  9. तत्काल – तुरंत
  10. रुचिकर – मनपसंद
  11. पठनीय – पढ़ने योग्य
  12. नि:संकोच – बिना संकोच के
  13. पारावार – सीमा
  14. आह्लादित – आनंदित
  15. हिदायत – निर्देश, सूचना
  16. कौर – ग्रास, निवाला
  17. गजब – अद्भुत
  18. ठाट – शान
  19. करीने – क्रम से
  20. इत्मीनान – संतोष
  21. प्रोत्साहित – उत्साहित
  22. ताजगी – नयापन
  23. स्वाध्याय – स्वयं किया गया अध्ययन

मुहावरे:

1. किताबी कीड़ा होना – केवल पढ़ने में ही लगे रहना।
2. घुड़क देना – जोर से बोलकर डराना, डाँटना।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 2 Jungle Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 2 Jungle Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 जंगल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 2 जंगल (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 2 जंगल Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
जंगल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले स्रोत मौलिक सृजन है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से ही जंगल मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। यह मानव जीवन के लिए प्रकृति का अनुपम उपहार है। हमारे जंगल पेड़-पौधे ही नहीं अपितु अनेकों उपयोगी जीव-जंतुओं व औषधियों का भंडार हैं। जंगल में प्रचुर मात्रा में पेड़ होते हैं। वे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देकर मानव मात्र का कल्याण करते हैं। वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं; जो जीवन के लिए आवश्यक तत्त्व है परंतु पीपल के वृक्ष में ऑक्सीजन प्रदान करने का अनुपात उन वृक्षों की तुलना में अधिक होता है। इसके अतिरिक्त नीम, बबूल, तुलसी, आँवला व शमी आदि वृक्ष भी हमें ऑक्सीज़न देते हैं। यदि जंगल नहीं होते, तो इंसान को जीवन जीने के लिए ऑक्सीज़न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता; ऐसे में जीवन की कल्पना करना असंभव हो जाता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल

पठनीय :

प्रश्न 1.
जंगलों से प्राप्त होने वाले संसाधनों की जानकारी का वाचन कीजिए।

लेखनीय :

प्रश्न 1.
महाराष्ट्र के प्रमुख अभयारण्यों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 1
उत्तर:

नाम स्थान विशेषताएँ
कर्नाला अभयारण्य कर्नाला तरह तरह के पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान मुंबई वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध एवं बाघों की सफारी देखने लायक
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान जिला: चंद्रपुर बाधों के लिए प्रसिद्ध
नागझिरा अभयारण्य जिला: भंडारा व गोंदिया वन्य जीव एवं पक्षियों के लिए प्रसिद्ध
पेच राष्ट्रीय उद्यान नागपुर वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध

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आसपास :

प्रश्न 1.
अपने गाँव/शहर के वन विभाग अधिकारी से उनके कार्यसंबंधी जानकारी प्राप्त कीजिए।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
‘मानो सूखा वृक्ष बोल रहा है’, उसकी बातें निम्न मुद्दो के आधार पर ध्यान से सुनिए :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 2

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
प्रवाह तालिका: कहानी के पात्र तथा उनके स्वभाव की विशेषताएँ।
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उत्तर:
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प्रश्न ख.
पहचानिए रिश्ते।
1. दादी – तविषा – ………….
2. पीयूष – शैलेश – …………
3. तविषा – शैलेश – …………
4. शैलेश – दादी – …………..
उत्तर:
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2. पत्र लेखन

प्रश्न 1.
गरमी की छुट्टियों में नगरपरिषद/ ग्राम पंचायत द्वारा पक्षियों के लिए बनाए घोंसले तथा चुग्गा दाना पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण संबंधित विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
रामरतन कुमार गुप्ता
राधा बंगला,
कृष्ण नगर,
मुंबई: 400 098
दिनांक: 10 मई, 2017

सेवा में,
पर्यावरण विभाग अधिकारी,
महानगरपालिका,
मुंबई: 400 034

विषयः पक्षियों के लिए घोंसले तथा दाना-पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र ।
महोदय,
मैं रामरतन कुमार गुप्ता कृष्ण नगर, मुंबई का निवासी हूँ। मैं इस पत्र के द्वारा आपके विभाग की प्रशंसा करना चाहता हूँ; क्योंकि आपके विभाग के महानगरपालिका के कर्मचारियों ने दादर चौक पर पक्षियों के लिए घोंसले तथा चुग्गा, दाना-पानी की व्यवस्था की है। यह बहुत ही पवित्र कार्य है। पक्षियों के प्रति दयाभाव रखने की प्रेरणा आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से मिल रही है। इस भयंकर गरमी के दिनों में कई पक्षी बिना जल के अपने प्राण त्याग देते हैं लेकिन अब जो कार्य आपके विभाग द्वारा किया गया है; वह प्रशंसनीय एवं काबिल-ए. तारीफ है।

मुझे आशा है कि आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से कई सामाजिक संस्थाएँ एवं महानगरपालिका की अन्य शाखाएँ प्रेरणा लेकर इस प्रकार के कार्य के लिए आगे आएँगी। आपके विभाग की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम ही है। हमारे इलाके के सभी लोग आपके विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। सचमुच आपके विभाग के सभी कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। सभी को मैं धन्यवाद देना चाहता है। धन्यवाद!

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार गुप्ता

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3. कहानी लेखन

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों की सहायता से कहानी लेखन कीजिए। उचित शीर्षक दीजिए और सीख भी लिखिए।
शब्द : अकाल – तालाब – जनसहायता – परिणाम
मानवता: सबसे बड़ा धर्म
उत्तर:
अलकापुरी गाँव धन-धान्य से संपन्न था। गाँव में रहने वाले सभी किसान मेहनती थे। पूरे दिन खेत में परिश्रम करने के बाद भी उनके चेहरे पर रौनक दिखाई देती थी। किसी को किसी बात की कमी नहीं थी। आखिर सभी मेहनत जो करते थे।

कहते हैं ना कि समय एक-सा नहीं रहता है। वह तो बदलता ही रहता है। सुख के बाद दुख आता है। आखिर जीवनचक्र के फेरों से कौन बचा है? अलकापुरी गाँव पर पिछले तीन साल से वर्षा रूठ गई थी। पिछले तीन साल से बरसात की एक बूंद ने भी गाँव की भूमि को छुआ तक नहीं। अलकापुरी पर अकाल का साया मैंडरा रहा था। लोगों के पास जो कुछ था उसका पिछले तीन साल से उन्होंने उपयोग कर लिया था। अब तो सभी के घर में खाने के लाले पड़ गए।

गाँव में एक तालाब था। उसमें भरपूर पानी हुआ करता था लेकिन पिछले तीन साल से वर्षा न होने के कारण वह भी सूख गया। अब तो लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं था। लोग निराश एवं दुखी हो गए। अपने परिवार को लेकर वे दूसरे नगर में जाने लगे। वे गाँव की

सीमा के पास पहुंचे थे। उसी समय सामने से एक साधु पुरुष को आते हुए उन्होंने देखा। साधु के चेहरे पर दिव्य तेज था। उन्हें देखकर ही लगता कि वे कोई पहुँचे हुए साधु हैं। सभी ने साधु को प्रणाम किया व अपना दुख-दर्द उन्हें बताया।

साधु पुरुष कुछ पल के लिए मौन रहे। तत्पश्चात उन्होंने लोगों से पूछा कि आपके गाँव का जमींदार नहीं दिखाई दे रहा है। तब एक किसान ने कहा कि “जमींदार तो गाँव में ही रहेंगे क्योंकि उनके पास हजारों मन अनाज है और कई नौकर-चाकर व घोड़ा-गाड़ियाँ हैं। अतः वे दूसरे नगर से आराम से पानी ला सकते हैं। इसी कारण वे इसी गाँव में रहेंगे।”

साधु गाँववासियों को लेकर जमींदार के घर पहुंचे। जमींदार ने साधु को आदर के साथ प्रणाम किया। साधु के चेहरे पर छाया हुआ दिव्य तेज देखकर जमींदार उनके सामने विनम्र होकर खड़े रहे। साधु ने अपनी दिव्य दृष्टि से जमींदार द्वारा लोगों पर किए गए अपराधों की सूची प्रस्तुत की। जमींदार के अपराधों को गाँव का कोई भी व्यक्ति नहीं जानता था। वे सारी बातें साधु जानते थे।

जमींदार साधु पुरुष के चरणों पर गिर पड़े। उन्होंने अपने अपराधों के लिए क्षमायाचना की। साधु ने हँसते-हँसते कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म होता है। अत: जनसहायता हेतु तुम्हारे पास जो हजारों मन अनाज हैं वह इन लोगों में बाँट दो। तुम्हारे द्वारा किए गए कार्य का अच्छा परिणाम निकलेगा और इस गाँव पर बरसात की कृपा होगी। इधर जमींदार अनाज का दान कर रहे थे और उसी वक्त वर्षा का आरंभ हुआ। सभी लोगों की नजरें साधु पुरुष को ढूँढ रही थी; पर वे तो लुप्त हो चुके थे।
सीख: इंसान को संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिए मरता है।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
पालतू प्राणियों के लिए आप क्या करते हैं?’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
हमारे परिवेश में कुत्ता, गाय, बिल्ली, घोड़ा, तोता आदि कई प्रकार के पालतू जानवर होते हैं। मानव का कर्तव्य है कि वह पालतू जानवरों के प्रति स्नेह रखें। उनकी सेवा करें। मैं पालतू जानवरों के प्रति अपार प्रेम एवं ममत्व की भावना रखता हूँ। मैं कुत्ते को खाने के लिए रोटी देता हूँ। बिल्ली को पीने के लिए दूध देता हूँ। गाय को खाने के लिए हरी घास देता हूँ। चिड़ियों के लिए दाना व पानी की व्यवस्था करता हूँ। मैंने अपने सभी मित्रों को भी पालतू जानवरों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है। मैंने उन्हें अहिंसा एवं जीवों पर दया के व्रत का पाठ पढ़ाया है। इस तरह मैं पालतू जानवरों की हर प्रकार से हिफाजत एवं उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिपल तत्पर रहता हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 2 जंगल Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 6

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मा से बात हो जाए तो
उत्तरः
तविषा ने आंटी अणिमा जोशी से कहा।

ii. “मुझे बताने में झिझक कैसी!”
उत्तर:
अणिमा जोशी ने तविषा से कहा।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 7

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. रेशम-सी : देह :: जुड़वाँ :
ii. रीडर : अणिमा जोशी :: कामवाली :
उत्तरः
i. खरगोश
ii. कमला

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प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 8

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें पालतू जानवरों के प्रति प्रेम रखना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
मानव आदि काल से कुछ पशुओं को पालता आ रहा है। जिन पशुओं को वह पालता है उसे ‘पालतू पशु’ कहा जाता है। पालतू पशु हमारे लिए श्रम करते हैं। वे हमें भोजन एवं जीवन-यापन की अन्य सामग्रियाँ प्रदान करते हैं। वे जन-समुदाय के लिए अनेक प्रकार से उपयोगी होते हैं। पालतू पशु मनुष्यों की अनेक प्रकार से सहायता करते हैं। बदले में ये मनुष्यों से अच्छे व्यवहार और खान-पान की अच्छी व्यवस्था की अपेक्षा रखते है। धर्म और नीति के भी यह अनुकूल है कि पशुओं के साथ मानव अच्छा व्यवहार करें। उसे अच्छा भोजन दे एवं उसके लिए साफ-सुधरे एवं हवादार आवास का प्रबंध करें।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष मोनू के निकट गुमसुम बैठा हुआ था।
ii. पीयूष की स्तब्धता तोड़ना दादी ने जरूरी समझा।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 9

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 10

प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मी अच्छी नहीं है न!”
उत्तरः
पीयूष ने अपनी दादी से कहा।

ii. “सोनू तुम्हें हमेशा हँसते देखना चाहता था न!”
उत्तरः
दादी ने पीयूष से कहा।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 11

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें ईश्वर प्रदत्त अनमोल वरदान एवं अनुपम कृति कहा जाता है। वे निष्पाप होते हैं। वे हमारे दिए गए संस्कारों तथा परिवेश के बीच बड़े होते हैं। उनकी मुस्कान निर्मल व सभी को प्रसन्न करने वाली होती है। वे दूसरों के दुख को नहीं सह सकते हैं। दूसरों की पीड़ा एवं वेदना से वे अत्यधिक दुखी एवं उदास हो जाते हैं। जब उनका प्रिय खिलौना टूट जाता है; उस वक्त भी वे रोने लगते हैं। वे गुमसुम होकर हृदय से रोते रहते हैं। वे अपनी मन की बात को किसी भी तरह नहीं छुपा पाते हैं। जो मन में आता है; वे बोलते हैं। वे हमेशा दूसरों को खुशियाँ देना चाहते हैं। जब सभी हँसते हैं; तब वे भी प्रसन्न होकर हँसते हैं।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकतीं।
उत्तर:
दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकती क्योंकि पीयूष सोनू से बहुत प्यार करता है।

ii. दादी माँ की इच्छा क्या थी?
उत्तरः
घर के बच्चे की तरह सोनू का अंतिम संस्कार किया जाए।

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 12

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 13

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्थिति से भागने की बजाय उसका सामना करना बेहतर है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
व्यक्ति को अपने स्थिति से भागना नहीं चाहिए। उसे उसका सामना करना चाहिए। स्थिति से भागने से व्यक्ति को अपनी मंजिल नहीं मिल पाती है। वह अपनी मंजिल से दूर चला जाता है। फिर दर-दर की ठोकरे खाने के अलावा उसे कुछ भी नहीं प्राप्त होता। वास्तव में जब व्यक्ति अपनी स्थिति से दोस्ती कर लेता है, प्रसन्नता के साथ उसे अपनाता है, उत्साह के साथ चलता है तो संघर्ष का सफर उसका साथ देता है और उसे कठिन-से-कठिन डगर को पार करने में मदद करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली स्थिति का सामना करना चाहिए। जब ऐसा होगा तब ही वो जीवन में आने वाले संघर्षों का सामना कर सकेगा और अपने मनचाहे मुकाम पर पहुंच सकेगा।

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(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों।
i. कॉलेज
ii. बांकड़े
उत्तर:
i. दादी पढ़ाने के लिए कहाँ जाती है?
ii. पूरे दिन खरगोश किसमें नहीं बंद रह सकते?

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 14

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 15

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
निरुत्तर : दादी :: जालीदार : ……..
उत्तर:
बांकड़ा

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प्रश्न 5.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष के मित्र खरगोश को देखने आए थे।
ii. सोनू की मृत्यु के बाद मोनू बड़े आराम से रहने लगा।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 6.
कारण लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 16

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं। यदि हाँ, तो अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। इस कथन से मैं सहमत हूँ। उनमें भी जान होती है। वे भी जीव होते हैं। उनकी अपनी दुनिया होती है। उनकी दुनिया में जंगल, उनके बच्चे तथा अन्य प्राणी आदि सभी होते हैं। वे अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं। परिवार से बिछड़ जाने का दुख उन्हें होता है। यदि उन्हें उनके परिवार से अलग कर दिया जाए तो चिल्लाते हैं।

चिल्ला-चिल्लाकर अपना दुख वे व्यक्त करते हैं। कई जानवरों को जंगल से शहर में लाया जाता है और लोग उन्हें शौक के तौर पर पालते हैं। उन्हें खाने के लिए तरह-तरह के व्यंजन देते हैं। फिर भी वे खुश नहीं रह पाते। उन्हें अपने माता-पिता की याद सताती रहती है। आखिर वे उनके साथ रहना चाहते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्राणियों के पास भी भावना होती है। उनमें भी संवेदना होती है।

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(ङ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 17

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. जंगल जानवरों का घर है।
ii. दादी और शैलेश ने निर्णय लिया कि मोनू को जंगल में ले
जाकर उसके माता-पिता के पास छोड़ देंगे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
सही पर्याय चुनकर पूर्ण वाक्य लिखिए।
i. दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं ……………
(च) अब उसे खरगोश नहीं चाहिए था।
(छ) अब उसे तोता नहीं चाहिए था।
(ज) अब उसे उपहार नहीं चाहिए था।
उत्तर :
दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं अब उसे तोता नहीं चाहिए था।

ii. मोनू के दुखी होने का कारण ……………
(च) वह सोनू से बिछड़ गया था।
(छ) वह अपने माता-पिता से बिछड़ गया था।
(ज) वह जंगलों से दूर शहर में आ गया था।
उत्तर :
मोनू के दुखी होने का कारण वह सोनू से बिछड़ गया था।

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संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“जंगल में रहने वाले पक्षियों के मनोगत’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा का आयोजन कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक निर्देश: (कुछ छात्रों को जंगल में रहने वाले पक्षियों की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।)
संभाषण :

  • मैनाः हम कितने खुशनसीब हैं। इस जंगल में बड़े आनंद से विचरण कर रहे हैं।
  • कौआः हाँ, चिड़ियाँ बहन। एकदम सही कहा तुमने।
  • तोताः हम जब चाहे तब उड़ सकते हैं, यहाँ-वहाँ आ-जा सकते हैं हम पर किसी की रोक-टोक नहीं है।
  • कोयल: आप सबकी बात वैसे ठीक ही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने कई भाई-बहन पिंजड़ें में बंद है। निर्दयी इंसान ने उन्हें अपने शौक के लिए पिंजड़ें में बंद करके रखा है।
  • तोताः हाँ, कोयल बहन । तुम सच कह रही हो। मेरे कई साथियों को इंसान ने पकड़कर पिंजड़े में बंद कर रखा है। मुझे उनकी बेहद याद आती है; पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता हूँ।
  • मैनाः सचमुच इंसान बहुत ही निर्दयी प्राणी है। उसके पास हृदय नहीं है। वह कठोर हो गया है।
  • कौआ: इंसान अपने अस्तित्व के अलावा अन्य किसी प्राणियों का अस्तित्व स्वीकार ही नहीं करता है। वह इस धरती पर अपना ही अधिकार समझता है। सच बात तो यह है कि हमें भी ईश्वर ने इस धरती पर विचरण करने का अधिकार दे दिया है। पर इंसान इसे समझता नहीं है।

सभी एक साथ : सच है। सच है। सच है। हम सभी को मिलकर इंसान के पास जाना चाहिए और उसे अपनी समस्या से रूबरू कराना चाहिए। चलिए फिर हम अभी चलते हैं। अच्छे कार्य के लिए देरी क्यों करनी है!

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जंगल Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : चित्रा मुद्गल का जन्म चेन्नई में १० सितंबर १९४३ को हुआ था। हिंदी साहित्य में आधुनिक लेखिका के रूप में श्रीमती चित्रा मुद्गल जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए उपन्यास लिखना आपका प्रिय शौक है। आपने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं तथा नए जमाने की गतिशीलता और उसमें जिंदगी की मजबूरियों का चित्रण किया है।
प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास – ‘एक जमीन अपनी’, ‘आवां’ आदि, कहानी संग्रह – ‘भूख’, ‘लाक्षागृह लपटें’, ‘मामला आगे बढ़ेगा अभी’, ‘आदि-अनादि’, बाल उपन्यास – ‘जीवक मणिमेख’, बालकथा संग्रह – ‘दूर के ढोल’, ‘सूझ-बूझ’ आदि।

गद्य-परिचय :

संवादात्मक कहानी : ‘संवादात्मक कहानी’ कहानी विधा का एक प्रकार है। इसमें किसी विशेष घटना या विशेष विषय को रोचक ढंग से संवाद रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रस्तावना : ‘जंगल’ इस कहानी में लेखिका ने बच्चों के अबोध एवं संवेदनशील मन का अंकन किया है और साथ में जानवरों के प्रति दयाभाव रखने के लिए भी पाठकों को प्रेरित किया है।

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सारांश :

‘जंगल’ यह कहानी एक संवादात्मक कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखिका ने बताया है कि बच्चे संवेदनशील होते हैं। वे मन के सच्चे होते हैं तथा उनका मन निष्पाप होता है। पीयूष के घर पर दो खरगोश थे। एक का नाम था सोनू और दूसरे का नाम था मोनू। पीयूष की माँ द्वारा नीचे फर्श पर गिरी डाबर की पारे की गोली खाने के कारण सोनू की मृत्यु हो जाती है। जिससे पीयूष का मन बहुत व्यथित एवं दुखी हो जाता है। उस अबोध बालक को इस बात का पता भी नहीं है कि उसकी माँ द्वारा गलती होने के कारण सोनू उसे छोड़कर दूसरी दुनिया में चला गया है।

पीयूष को लगता है कि सोनू को उसके माता-पिता द्वारा अलग कर देने के कारण उसकी मृत्यु हो गई है। सोनू की मौत का प्रभाव मोनू पर भी पड़ता है। वह अन्न का त्याग कर देता है। अत: घरवाले पीयूष को समझाते हैं कि वे मोनू को जंगल में छोड़ आएँगे; ताकि वह अपने माता-पिता के साथ खुशी से रह सके। पीयूष इस बात को मान लेता है और निर्णय कर लेता है कि वह आज से किसी भी प्राणी को अपने घर पर नहीं रखेगा।

शब्दार्थ :

  1. अनुशासन – नियम
  2. झिझक – लज्जा, संकोच
  3. बुहारना – झाडू लगाना
  4. बुदबुदाना – अस्फुट स्वर में बोलना
  5. कोंपल – नई पत्तियाँ
  6. धमाचौकड़ी – उछलकूद, उपद्रव
  7. बिटर दृष्टि – नजर गड़ाए देखना
  8. कीच – कीचड़, दलदल
  9. चितकबरी – रंग-बिरंगी
  10. पोखर – जलाशय, तालाब
  11. हमजोली – साथी, संगी
  12. निस्पंद – निश्चल, स्तब्ध
  13. प्रतिवाद – खंडन, विरोध
  14. असमर्थता – अक्षमता या दुर्बलता
  15. निश्चेष्ट – चेष्टा न करने वाला
  16. अंतिम संस्कार – मरने के बाद किया जाने वाला क्रिया-कर्म

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मुहावरे :

  1. घोड़े बेचकर सोना – निश्चिंत होकर सोना।
  2. घात लगाना – किसी को हानि पहुँचाने के अवसर ढूँढ़ना।

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 7 Doctor Ka Apharan Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 7 Doctor Ka Apharan Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 7 डॉक्टर का अपहरण Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 7 डॉक्टर का अपहरण Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 7 डॉक्टर का अपहरण Textbook Questions and Answers

पठनीय:

प्रश्न 1.
डॉ. जयंत नारळीकर जी की विज्ञान संबंधी कोई किताब पढ़िए।

संभाषणीय

प्रश्न 1.
‘इसरो’ (Isro) के संदर्भ में प्राथमिक जानकारी अंतरजाल से प्राप्त कर आपस में वार्तालाप कीजिए।
उत्तर:

  • अजय: नयना क्या तुम ‘Isro’ के बारे में जानती हो?
  • नयनाः हाँ, मुझे सिर्फ ‘Isro’ का पूरा नाम पता है- इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाएझेशन।
  • अजयः क्या तुम इसका हिंदी अनुवाद कर सकती हो?
  • नयनाः नहीं, अजय। तुम ही बताओ।
  • अजय: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन।
  • नयनाः मुझे इतना पता है कि ‘इसरो’ का मुख्यालय बेंगलुरू, कर्नाटक में है।
  • अजय: क्या तुम इस संस्था के मुख्य कार्य के बारे में जानती हो?
  • नयना: नहीं, अजय।
  • अजयः सुनो नयना, इस संस्थान का मुख्य कार्य भारत के लिए अंतरिक्ष संबंधी तकनीक उपलब्ध करवाना है। अंतरिक्ष कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में उपग्रहों, राकेटों का विकास शामिल है।
  • नयना: क्या तुम्हें ‘इसरो’ के बारे और में कुछ पता है ?
  • अजयः हाँ नयना, जून २०१६ तक इसरो लगभग २० अलग-अलग देशों के 56 उपग्रहों को लाँच कर चुका है और इसके द्वारा उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं। इसरो को शांति, निशस्त्रीकरण और विकास के लिए साल 2014 में इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
  • नयनाः अजय, आज तुमने मुझे बहुत ही अच्छी जानाकारी दी है। इसके लिए मैं तुम्हें धन्यवाद देती हूँ।

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 1.1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 1.2

प्रश्न 2.
‘यदि मैं डॉ. भटनागर की जगह होता/होती’ तो… इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
यदि मैं डॉक्टर भटनागर की जगह होता, तो मेरी भी स्थिति कुछ उनके जैसे ही हो जाती। आखिर मैं भी एक इंसान हूँ और मेरा भी डॉक्टर भटनागर की भाँति परिवार है। यदि मुझे कोई ऐसे रात के समय में आकर किसी यान में बिठाकर जबरदस्ती से ले जाता, तो मेरे भी होश उड़ जाते। अचानक क्या हो रहा है, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं सूझता। फिर भी मैं अपनी हिम्मत नहीं हारता। चुपचाप यान में बैठकर उनके घर पर जाता और उनकी स्थिति को जानने की कोशिश करता और उन्हें मुसीबतों से उबारने के लिए भरसक कोशिश करता।

आखिर, डॉक्टरों का धर्म ही होता है मरीजों की सेवा करना। जितना मेरे अकेले से बन पड़ता, उतना मैं जरूर करता। उनका सही मार्गदर्शन करता और बड़े ही विनम्र भाव से व अपना धैर्य अडिग रखते हुए हरपल उन्हें खुश रखता। मन में ये आस जरूर रखता कि अन्य ग्रहवासी भी अपने जैसे इंसान हैं और वह मुझे जरूर एक दिन यान में बिठाकर पृथ्वी पर छोड़ आएँगे। फिर यहाँ आकर मैं अन्य सहयोगी डॉक्टर एवं वैज्ञानिकों की सहायता से उनके लिए औषधि का निर्माण करता।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
‘यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता…’ इस विषय पर लेखनीय अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्रत्येक छात्र का अपना सपना होता है। वह भविष्य में बड़ीसे-बड़ी मंजिल प्राप्त करना चाहता है। मेरा भी एक सपना है। वह हैअतंरिक्ष यात्री बनने का। इसके लिए मैं सतत अभ्यास व परिश्रम कर रहा हूँ। अतंरिक्ष यात्री बनने के पश्चात मैं कैसे व किस प्रकार कार्य करूँगा, यह प्रश्न मेरे मन में बार-बार उपस्थित हो रहा है।

सचमुच, मैं यदि अंतरिक्ष यात्री होता, तो मैं अंतरिक्ष की सैर करता, वहाँ जाकर रहता। वहाँ जाकर गुरूत्वाकर्षण-हीन योगाभ्यास करता, अंतरिक्ष शटल का अभ्यास करता। अंतरिक्ष में रहने का अभ्यास करता और उसके लिए प्राथमिक तौर पर तैयारी करता ।। यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तो संपूर्ण भारत में भ्रमण कर छात्र – छात्राओं को अंतरिक्ष विज्ञान से परिचित कराता। उनमें अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति प्रेम निर्माण करता ताकि आगे चलकर वे भी मेरे जैसे अंतरिक्ष यात्री बन सकें और अपने देश का नाम रोशन कर सकें।

यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तो अंतरिक्ष में जाकर सबसे लंबा स्पेस वॉक करता और अपने नाम पर रिकार्ड बना कर भारत देश का नाम संसार मे ऊँचा करता। अंतरिक्ष में रहकर और वहाँ पर प्रयोग कर, वहाँ की मिट्टी एवं अन्य पदार्थों को लेकर वापस आ जाता ताकि कैंसर जैसी घातक बीमारियों की दवाइयाँ उपलब्ध हो सकें। यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तो मैं संपूर्ण मानव-जाति का विचार करके उनके बारे में सोचता।

यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तो अपनी जीवनी लिखता और उसके माध्यम से लोगों को बताता कि अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में कैसे रहते हैं, उन्हें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, अंतरिक्ष में वे क्या खाते हैं, कब सोते हैं, कब जागते हैं, अंतरिक्ष में गुरुत्व बल के ना होने से किस प्रकार परेशानियों का सामना करते हैं आदि।

यदि मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तो स्वयं को सबसे अधिक भाग्यशाली समझता। जन्मभर मेहनत, परिश्रम व लगन से कमाई हुई धनराशि को मानव सेवा के लिए समर्पित कर देता।। जब मैं अंतरिक्ष यात्री होता, तब ही मैं ये सारी उपलब्धियाँ एवं श्रेय प्राप्त कर सकता। अत: अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए मैं भरसक कोशिश करूँगा क्योंकि मैं जानता हूँ-

“मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं,
जिनके सपनों में जान होती है।

पंख से कुछ नहीं होता
हौसलों से उड़ान होती है।”

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
अन्य ग्रहवासी से मेरी मुलाकात’ विषय पर संवाद सृजन बनाकर लिखिए।
उत्तर:

  • मनोहरः कौन हो तुम? तुम धरती के निवासी नहीं लगते हो। कहाँ से आए हो, तुम? बताओ। मैं तुम्हारे बारे में जानने के लिए उत्सुक हूँ।
  • अन्य ग्रहवासी: जी हाँ, तुमने सही पहचाना। मैं इस धरती का निवासी नहीं हूँ। मैं पृथ्वी से लगभग 15 हजार करोड़ कि.मी. की दूरी पर स्थित ग्रह से आया हूँ।
  • मनोहर: इतने दूर से आए हो, तुम। पर कैसे आए हो? इतनी दूरी से यहाँ धरती पर आना, तुम्हारे लिए कैसे संभव हो सका है?
  • अन्य ग्रहवासी: हमारे पास अत्याधुनिक यान है, इसके जरिए हम कहीं भी, किसी भी सौरमंडल के ग्रह पर आसानी से जा सकते हैं।
  • मनोहरः क्या कहा तुमने? किसी भी सौरमंडल के ग्रह पर! सौरमंडल तो एक ही है।
  • अन्य ग्रहवासी: (हँसते हुए) किसने कहा तुम्हें कि सौरमंडल एक है। इस ब्रहमांड में तो सूर्य जैसे कई सूर्य हैं और सभी के अपनेअपने ग्रह हैं। उन ग्रहों पर दुनिया बसी है और वे सभी तुम्हारे ग्रह के लोगों से कई गुना ज्यादा उन्नतिशील हैं।
  • मनोहर: यह जानकर मुझे बेहद खुशी हुई कि सौरमंडल अनंत है। पर एक बात मुझे समझ में नहीं आ रही है कि तुम हमारी धरती पर क्यों आए हो। अन्य ग्रहवासी: हमारे ग्रहवासियों ने हरी-हरी वसुंधरा पर रहने वाले लोगों की संस्कृति के बारे में बहुत कुछ सुना है। अत: आप की संस्कृति का अभ्यास करने के लिए मैं यहाँ उपस्थित हुआ हूँ।
  • मनोहर: तुम्हारे विचार सुनकर मैं आनंद विभोर हो गया हूँ। मुझे बेहद खुशी होगी, यदि तुम मेरे साथ चलोगे, तो मैं तुम्हें संपूर्ण भारत का भ्रमण कराऊँगा।
  • अन्य ग्रहवासी: मैं भी यही चाहता हूँ।

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
सौर मंडल के किसी एक ग्रह संबंधी जानकारी प्राप्त कर कक्षा में सुनाइए।

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
सौरमंडल के अन्य ग्रह पर बसे लोगों के चिकित्साशास्त्र में पिछड़े रहने के कारणों की सूची तैयार कीजिए:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 2

2. ‘स्वास्थ्य की समस्या सभी जगह पाई जाती है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘स्वास्थ्य की समस्या सभी जगह पाई जाती है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आज के बढ़ते औद्योगीकरण और तकनीकी विकास ने इंसान को ऐसी अति-आधुनिक सुख-सुविधाएँ प्रदान की हैं, जिनके कारण उसका जीवन अप्रत्याशित रूप से सरल और सहज बन गया है। लेकिन यह भी उतना ही सत्य है कि बढ़ते औद्योगीकरण और उन्नत औद्योगिकी के कारण पृथ्वी के प्राकृतिक वातावरण में व्यवधान उत्पन्न हो गया है। इस व्यवधान ने प्रकृति के स्वाभाविक सामंजस्य को असंतुलित कर दिया है और, चूँकि मानव-जीवन प्रकृति का अभिन्न अंग है, इसलिए बढ़ते प्राकृतिक असंतुलन ने इंसान के जीवन को भी असंतुलित कर दिया है।

फलस्वरूप आज का बिगड़ा पर्यावरण मनुष्य के स्वास्थ्य को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहा है। आज मिलावट का कहर सबसे ज्यादा हमारी रोजमर्रा की जरूरत की चीजों पर ही पड़ रहा है। संपूर्ण देश में मिलावटी खाद्य-पदार्थों की भरमार हो गई है। आजकल नकली दूध, नकली घी, नकली तेल, नकली चायपत्ती आदि सब कुछ धड़ल्ले से बिक रहा है। अगर कोई इन्हें खाकर बीमार पड़ जाता है तो हालत और भी खराब हो जाती है, क्योंकि जीवनरक्षक दवाइयाँ भी नकली ही बिक रही हैं।

पाठ से आगे

‘उड़न तश्तरी’ की संकल्पना अंतरजाल से पढ़कर स्पष्ट कीजिए।

भाषा बिंदू

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में कारक रेखांकित कर उनके भाषा बिंदु नाम और चिह्न लिखकर पाठ से अन्य वाक्य खो जकर तालिका में लिखिए।

  1. श्रीमती भटनागर ने दरवाजे पर फिर से वैसे ही गाड़ी के पहियों के निशान देखे।
  2. उस सी. डी. को तुरंत सुनने की व्यवस्था की गई।
  3. अजीब आशंकाओं से परेशान हो उठा।
  4. यहाँ भी लोगों ने रहने के लिए घर बना रखे हैं।
  5. घर से बाहर गए उन्हें काफी समय हो गया।
  6. हे मानव मुझे क्षमा कर, मै पृथ्वी से बहुत दूर पहुँच चुका हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 3
उत्तरः

चिहन नाम
1. ने
पर
के
कर्ताकारक
अधिकरण कारक
संबंधकारक
2. को कर्मकारक
3. से अपादान कारक
4. ने
के लिए
कर्ताकारक
संप्रदान कारक
5. से अपादान कारक
6. हे संबोधन कारक

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 7 डॉक्टर का अपहरण Additional Important Questions and Answers

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 4

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
अस्पताल के चौकीदार का डॉ. भटनागर जी के घर आने का कारण
उत्तर:
मरीज सीरियस हो जाने पर डॉ. भटनागर जी को बुलाने के लिए अस्पताल का चौकीदार डॉ. भटनागर जी के घर आ जाता।

प्रश्न 2.
डॉक्टर साहब की पत्नी जागकर भी बिस्तर पर ही पड़ी रही
उत्तरः
डॉक्टर साहब की पत्नी जागकर भी बिस्तर पर ही पड़ी रही क्योंकि वह जानती थी कि हमेशा कोई-न-कोई उनके दरवाजे पर डॉक्टर साहब को बुलाने के लिए आता है।

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 5

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 6

प्रश्न 5.
कारण लिखिए।
पत्नी ने ऐसा क्यों कहा कि उनके पति को लेकर जाने के लिए कोई गाड़ी आई थी।
उत्तरः
ऐसा इसलिए कहा कि उनके घर के बाहर और फुटपाथ पर बड़े पहियों के निशान थे।

प्रश्न 6.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 7

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
श्रीमती भटनागर ने पुलिस को सूचना दी।
उत्तरः
उन्होंने दरवाजे पर फिर से वैसी ही गाड़ी के पहियों के निशान देखे। उन्हें लगा कि डॉक्टर साहब आ गए हैं। इसलिए श्रीमती भटनागर ने पुलिस को सूचना दी।

प्रश्न 2.
सभी हतप्रभ रह गए।
उत्तरः
सी. डी. में डॉक्टर भटनागर बोल रहे थे, जिसको सुनकर सभी हतप्रभ रह गए।

प्रश्न 3.
किसने, किससे कहा?
तुम सब लोग मेरे लिए परेशान होगे।
उत्तरः
डॉक्टर भटनागर जी ने सभी लोगों से कहा।

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
1. डॉक्टर साहब स्वयं अन्य ग्रह पर चले गए थे।
2. डॉक्टर भटनागर जिस ग्रह पर गए थे, उस ग्रह के लोग विज्ञान में बहुत प्रगत थे।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 8

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 10

प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 11

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
अन्य सौरमंडल के ग्रह पर आदमी का महत्त्व कम हो गया है।
उत्तर:
क्योंकि वहाँ पर सारा काम मशीनों से ही होता है।

प्रश्न 2.
अन्य सौरमंडल के ग्रह पर शरीर का कोई अंग सड़ने से आदमी मर जाता है।
उत्तरः
क्योंकि वहाँ पर रहनेवाले लोगों को उस रोग पर इलाज मालूम नहीं है।

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
1. अन्य सौरमंडल के लोग विज्ञान में पिछड़े हुए हैं।
2. अन्य सौरमंडल के ग्रहों पर मशीनें ज्यादा और आदमी कम हैं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

प्रश्न 4.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 12

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
अन्य सौर मंडल के ग्रहवासियों को चिकित्सा की जरूरत ही नहीं पड़ती।
उत्तरः
अन्य सौर मंडल के ग्रहवासियों को चिकित्सा की जरूरत ही नहीं पड़ती क्योंकि वहाँ पर रहने वाले कभी बीमार ही नहीं पड़ते।

प्रश्न 2.
डॉक्टर साहब अन्य सौरमंडल के ग्रह वासियों से क्यों विरोध मोल लेना नहीं चाहते हैं?
उत्तरः
डॉक्टर साहब अन्य सौरमंडल के ग्रह वासियों से विरोध मोल लेना नहीं चाहते हैं क्योंकि उन्हें सही सलामत वापस पृथ्वी पर आना है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
घटनाक्रमानुसार लेखन कीजिए।
(क) पत्नी ने सोचा कि डॉक्टर साहब सीधे अस्पताल चले गए होंगे।
(ख) पति के न लौटने पर पत्नी चिंतित हुई।
(ग) फिर सोचा कि मरीज की हालत गंभीर होगी।
(घ) पत्नी जागकर भी बिस्तर पर ही पड़ी रही।
उत्तरः
(घ), (ख), (ग), (क)

प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
1. चौकीदार
2. डॉक्टर भटनागर
उत्तरः
1.  मरीज सीरियस हो जाने पर डॉक्टर साहब को उठाने के लिए कौन आ जाता?
2. कौन लापता हो गए थे?

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त एक वस्त्र का नाम –
उत्तरः
गाउन

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त संचार माध्यम –
उत्तरः
फोन

सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
डॉक्टर साहब की खोज करने के लिए पुलिस ने …………………. .
(क) समाचार पत्र में इश्तिहार दिया।
(ख) वायरलेस से संदेश भेज दिए।
(ग) अन्य राज्य की पुलिस से सहायता ली।
उत्तर:
डॉक्टर साहब की खोज करने के लिए पुलिस ने वायरलेस से संदेश भेज दिए।

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
पत्नी की हालत अत्यंत खराब हो गई थी यह दर्शानेवाले गद्यांश में प्रयुक्त वाक्य –
उत्तरः
उनकी हालत पागलों जैसी हो गई थी। हर रोज सुबह उठती और दरवाजे पर आकर खड़ी हो जाती, जैसे वह डॉक्टर भटनागर के आने की प्रतीक्षा कर रही हों।

प्रश्न 2.
डॉक्टर साहब सीधे-साधे व्यक्ति थे, यह दर्शानेवाला गद्यांश में प्रयुक्त वाक्य –
उत्तरः
चूँकि डॉक्टर भटनागर का कोई शत्रु भी न था।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 13

प्रश्न 4.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 14

प्रश्न 5.
समझकर लिखिए।
अपने परिवार से दूर रहने के बावजूद भी डॉक्टर साहब खुश हैं
उत्तरः
दुनिया में हम पृथ्वीवासियों के अलावा अन्य ग्रहों पर भी दुनिया बसी हुई है। इस बात से डॉक्टर साहब खुश हैं।

प्रश्न 6.
धरतीवालों की सोच –
उत्तरः
दुनिया में जो कुछ है, वह हम ही हैं।

प्रश्न 7.
‘ब्रह्मांड अनंत है।’ इसके लिए गद्यांश में प्रयुक्त वाक्य है –
उत्तरः
इस ब्रह्मांड में तो हमारे सूर्य जैसे न जाने कितने सूर्य हैं और सभी के अपने-अपने ग्रह हैं।

प्रश्न 8.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 15

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
दूसरे सौरमंडल के ग्रहवासियों ने डॉक्टर साहब का आसानी से अपहरण कर लिया।
उत्तरः
क्योंकि उनके लिए डॉक्टर साहब का सौरमंडल सबसे निकट था।

प्रश्न 2.
अपहरणकर्ता सौरमंडल के लोग एक सौरमंडल से दूसरे सौरमंडल पर आसानी से जाते हैं।
उत्तरः
क्योंकि उनके पास अत्याधुनिक यान हैं।

सहसंबध लिखिए।

प्रश्न 1.
विचित्र-सा : नाम :: प्लास्टिक : …
उत्तरः
सूट

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 16

प्रश्न 3.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों
1. यान
2. सू-सू
उत्तरः
1. अन्य सौरमंडल के ग्रहवासी दूसरे सौरमंडल पर किसके सहारे सफर करते हैं?
2. यान ने तेजी से घूमकर किस प्रकार की आवाज निकाली?

प्रश्न 4.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. दैत्याकार (क) कारखाने
2. बड़े-बड़े (ख) मशीनें
3. ऊँची (ग) इंसान
4. मशीनों के गुलाम (घ) इमारतें

उत्तर:
(i – ख) (ii – क) (iii – घ) (iv – ग)

प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
1. वातावरण
2. विज्ञान
उत्तर:
1. मशीनों और कारखानों से क्या दूषित हो रहा है?
2. अन्य सौरमंडल के ग्रह पर कौन अपनी चरम सीमा को पहुँचा है?

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 17

कृति (3): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. अचानक
  2. समाचार
  3. पत्नी
  4. हैरानी

उत्तर:

  1. सहसा
  2. खबर
  3. भार्या
  4. परेशानी

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. जल्दी × ……….
  2. गाँव × ……….
  3. मित्र × ………
  4. दूर × ………

उत्तर:

  1. देरी
  2. शहर
  3. शत्रु
  4. पास

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द लिखिए।
उत्तरः
डॉक्टर, सीरियस, फोन, बैग ।

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. संबंधी
2. जानकारी
उत्तर:
1. संबंधियों
2. जानकारियाँ

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों को उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द
तैयार कीजिए।
1. समय
2. कारण
उत्तर:
1. असमय
2. अकारण

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग कीजिए।
चिंतित
उत्तरः
मूल शब्द – चिंता, प्रत्यय – इत

प्रश्न 7.
शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।
जिसका पता न लगे
उत्तर:
लापता

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. बाहर × …..
2. दिन × …..
उत्तर:
1. अंदर
2. रात

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. नादारद
  2. तत्काल
  3. डर
  4. चिह्न

उत्तर:

  1. गायब
  2. तुरंत
  3. भय
  4. निशान

प्रश्न 3.
लिंग बदलिए।
1. साहब
2. श्रीमती
उत्तर:
1. साहिबा
2. श्रीमान

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।

  1. सूचना
  2. महीना
  3. परेशानी
  4. हत्या

उत्तर:

  1. सूचनाएँ
  2. महीने
  3. परेशानियाँ
  4. हत्याएँ

प्रश्न 5.
गद्यांश में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
वायरलेस, कार, फुटपाथ, बस, ट्रक।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के मूल शब्द व प्रत्यय अलग करके लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 18

प्रश्न 7.
तालिका पूर्ण कीजिए।
(स्टेशन, उन्होंने, खोज, किया, भेज दिए गए, रहस्यात्मक, कई, उनके)
उत्तर:

संज्ञा सर्वनाम विशषण क्रिया
स्टेशन उन्होंने रहस्यात्मक किया
खोज उनके कई भेज दिए गए

प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्य में विराम-चिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
पुलिस ने पूछा क्या डॉक्टर साहब ट्रक या बस में बैठकर गए हैं
उत्तरः
पुलिस ने पूछा, “क्या डॉक्टर साहब ट्रक या बस में बैठकर गए हैं।”

प्रश्न 9.
संधि-विच्छेद कीजिए।
उत्तरः
वातावरण = वात + आवरण

प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. सरल × ………….
  2. कम × ………….
  3. गम × …………
  4. अव्यवस्था × ………..

उत्तरः

  1. कठिन
  2. ज्यादा
  3. खुशी
  4. व्यवस्था

प्रश्न 11.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. खुशी
  2. दुनिया
  3. पृथ्वी
  4. ब्रह्मांड

उत्तरः

  1. प्रसन्नता
  2. संसार
  3. धरती
  4. अंतरिक्ष

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए।
1. गाड़ी
2. निशान
उत्तर:
1. गाड़ियाँ
2. निशानियाँ

प्रश्न 4.
‘स्तब्ध रहना’ इसके लिए गद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा लिखिए।
उत्तर:
हतप्रभ रहना।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द को उचित प्रत्यय लगाकर नया शब्द तैयार कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 डाॅक्‍टर का अपहरण 19

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग कीजिए।
उन्नतिशील
उत्तरः
मूल शब्द – उन्नति; प्रत्यय – शील

प्रश्न 7.
निम्नलिखित क्रिया रूपों के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए।
1. समझना
2. देना
उत्तर:

रूप प्रथम प्रेरणार्थक द्वितीय प्रेरणार्थक
1. समझना समझाना समझवाना
2. देना दिलाना दिलवाना

प्रश्न 8.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. कहानी
  2. रात
  3. कोशिश
  4. बाजार

उत्तर:

  1. कथा
  2. निशा
  3. प्रयास
  4. मंडी

प्रश्न 9.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. आसानी × …………
  2. अनुकूल × ………..
  3. सम्मान × ……….
  4. ज्ञान × ………….

उत्तर:

  1. कठिनाई
  2. प्रतिकूल
  3. अपमान
  4. अज्ञान

प्रश्न 10.
वचन बदलिए।
1. बस्तियाँ
2. कारखाना
उत्तर:
1. बस्ती
2. कारखाने

प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्द में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग कीजिए।
1. घबराहट
2. रीति
उत्तरः
1. मूल शब्द – घबरा, प्रत्यय – आहट
2. मूल शब्द – रीत, प्रत्यय – इ

प्रश्न 12.
निम्नलिखित शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग अलग करके लिखिए।

  1. अनुकूल
  2. अनुमति
  3. अपहरण

उत्तर:

  1. अनु
  2. अनु
  3. अप

शब्द-समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
ग्रह, उपग्रह, धूमकेतु, उल्का, सूर्य आदि का सम्मिलित एक विशाल आकाशीय संस्थान।
उत्तरः
सौरमंडल

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द से उपसर्ग अलग करके लिखिए।
1. विशेष
2. विचित्र
उत्तर:
1. वि + शेष (उपसर्ग – वि)
2. वि + चित्र (उपसर्ग – वि)

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय का प्रयोग करके नए शब्द बनाइए।
1. गुलाम
2. स्थान
उत्तरः
1. गुलाम + ई = गुलामी (ई – प्रत्यय)
2. स्थान + ईय = स्थानीय (ईय – प्रत्यय)

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
1. कम × ……….
2. शुरू × ……….
उत्तर:
1. ज्यादा
2. समाप्त

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिखिए।
1. रोग
2. स्थिति
उत्तर:
1. बीमारी
2. दशा

प्रश्न 6.
वचन बदलिए।
1. सीमा
2. मुसीबत
उत्तरः
1. सीमाएँ
2. मुसीबतें

निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
‘अस्तित्व समाप्त होना’ इसके लिए गद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा है
उत्तर:
नामो – निशान मिटना

वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. शरीर के कोई अंग सड़नी शुरू हो जाती है।
2. कल-कारखानों की युग में आदमी के महत्त्व कम हो रहा है।
उत्तर:
1. शरीर का कोई अंग सड़ना शुरू हो जाता है।
2. कल-कारखानों के युग में आदमी का महत्त्व कम हो रहा

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. यात्रा
  2. कष्ट
  3. घातक
  4. शरीर

उत्तर:

  1. सफर
  2. तकलीफ
  3. खतरनाक
  4. तन

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।

  1. दवाएँ
  2. रास्ता
  3. योजना
  4. इच्छा

उत्तर:

  1. दवा
  2. रास्ते
  3. योजनाएँ
  4. इच्छाएँ

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।

  1. आज × ……………….
  2. अपना × ……………..
  3. सहमत × ……………
  4. आवश्यक × …………..

उत्तर:

  1. कल
  2. पराया
  3. असहमत
  4. अनावश्यक

प्रश्न 5.
उपसर्ग अलग करके लिखिए।
उत्तरः
विदेश – वि + देश (वि – उपसर्ग)

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
उत्तरः
अंग – शरीर के अंग, शरीर, भाग, शाखा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डॉक्टरों का जीवन सेवा और साधना का होता है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डॉक्टर का समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान है। कई बार ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर को कई-कई घंटे काम करना पड़ता है। वह आराम से सो भी नहीं पाता। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को कई-कई घंटे रोगियों को देखना पड़ता है। रोगी की स्थिति गंभीर होने पर उनकी रात में भी कई बार जाँच करनी पड़ती है। डॉक्टर मनुष्य को जीवनदान देकर उस पर उपकार करता है।

डॉक्टर ऑपरेशन के द्वारा हमें नवजीवन प्रदान करता है। टी.बी., पक्षघात, हृदय रोग, कैंसर आदि बीमारियाँ डॉक्टर ही बड़े प्रयत्न से ठीक कर पाता है। इसलिए तो कहा गया है कि ईश्वर तो केवल जन्म देकर मनुष्य को संसार में भेज देता है। उसके बाद मनुष्य के जीवन की रक्षा का सारा उत्तरदायित्व वह डॉक्टरों के हाथ में सौंप देता है। आखिर, मानव-जाति को स्वस्थ बनाए रखना ही डॉक्टरी पेशे की सबसे बड़ी उपलब्धि है।

प्रश्न 2.
‘यदि आपका मित्र गायब हो जाए, तो उसे ढूँढ़ने के लिए आप कौन-कौन से प्रयास करेंगे।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
यदि मेरा मित्र गायब हो जाए, तो उसे ढूँढ़ने के लिए सर्वप्रथम मैं उसे अपने अन्य मित्रों के घर जाकर ढूँढूँगा। यदि वह वहाँ पर नहीं मिला, तो मैं उसके माता-पिता से पूछूगा कि उसने जाने से पहले कुछ बताया है, कि वह कहाँ जा रहा है। यदि उनसे समाधानकारक जवाब न मिला, तो मैं उसके माता-पिता के साथ मिलकर पुलिस स्टेशन जाकर रिपोर्ट लिखवाऊँगा।

उसका फोटो पुलिस को दूंगा तथा उसके रंग, रूप, ऊँचाई, उम्र आदि के बारे में पुलिस को बताऊँगा। इतना ही नहीं, मैं दूरदर्शन के माध्यम से भी गुमशुदा मित्र की तलाश करूँगा। जब तक मेरा मित्र घर वापस नहीं आएगा, तब तक उसके माता-पिता के साथ रहकर उनका हौसला बढ़ाऊँगा। उन्हें किसी भी हालत में हिम्मत नहीं हारने दूंगा। अपने मित्र तथा परिवार की सहायता से उसे हर पल ढूँढ़ने की कोशिश करूँगा।

प्रश्न 3.
‘अपने परिवार, मित्रों व देश से दूर का दुख तो बहुत ही ज्यादा होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
जैसे अपना परिवार अपना होता है, वैसे ही अपना देश भी अपना होता है। यदि हम नौकरी के सिलसिले में विदेश चले गए और वहाँ पर रहने लगे, तो हमें अपने परिवार की कमी खलने लगती है। हम अपने परिवार के लोगों को छोड़कर वहाँ पर अकेले रहना पसंद नहीं करते हैं। अकेले रहे तो भी हमें दिनरात अपने माता-पिता, बीवी-बच्चों की यादें आनी शुरू हो जाती है।

हम भले कितने भी सुख से क्यों न हों, फिर भी हम अकेलेपन को अधिक गहराई से महसूस करते हैं। विदेश में तो सारे पराए होते हैं। वहाँ पर अपना कोई नहीं होता। हम जिस प्रकार अपनों के साथ लड़ते-झगड़ते हैं, वैसे पराए लोगों के साथ नहीं लड़-झगड़ सकते हैं। हमें हर पल हर कदम पर अपना संतुलन सँभालकर रखना पड़ता है। सचमुच, अपने परिवार व देश से दूर होने का दु:ख तो बहुत ही ज्यादा होता है।

प्रश्न 4.
‘यदि मैं डॉक्टर भटनागर की जगह होता/होती तो ………’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
यदि मैं डॉक्टर भटनागर की जगह होता, तो मेरी भी स्थिति कुछ उनके जैसे ही हो जाती। आखिर मैं भी एक इंसान हूँ और मेरा भी डॉक्टर भटनागर की भाँति परिवार है। यदि मुझे कोई ऐसे रात के समय में आकर किसी यान में बिठाकर जबरदस्ती से ले जाता, तो मेरे भी होश उड़ जाते। अचानक क्या हो रहा है, इसके बारे में मुझे कुछ नहीं सूझता। फिर भी मैं अपनी हिम्मत नहीं हारता। चुपचाप यान में बैठकर उनके घर पर जाता और उनकी स्थिति को जानने की कोशिश करता और उन्हें मुसीबतों से उबारने के लिए भरसक कोशिश करता।

आखिर, डॉक्टरों का धर्म ही होता है मरीजों की सेवा करना। जितना मेरे अकेले से बन पड़ता, उतना मैं जरूर करता। उनका सही मार्गदर्शन करता और बड़े ही विनम्र भाव से व अपना धैर्य अडिग रखते हुए हरपल उन्हें खुश रखता। मन में ये आस जरूर रखता कि अन्य ग्रहवासी भी अपने जैसे इंसान हैं और वह मुझे जरूर एक दिन यान में बिठाकर पृथ्वी पर छोड़ आएँगे। फिर यहाँ आकर मैं अन्य सहयोगी डॉक्टर एवं वैज्ञानिकों की सहायता से उनके लिए औषधि का निर्माण करता।

प्रश्न 5.
‘आज का इंसान मशीनों का गुलाम बन गया है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
विकास के होड़ में आगे बढ़ने के लिए मानव जाति ने जिन आविष्कारों की लड़ी लगाई है, उसका एक भयावह पहलू अब सामने आ रहा है। मशीनी कार्य के बीच जहाँ मानव श्रम बेकार हो रहा है, लोग बेकार और बेरोजगार हो रहे हैं। हम अपने ही बनाए मशीनों के गुलाम होते जा रहे हैं। मशीनी युग में हम कठपुतली बन कर रह गए हैं और हमारी आँखों के सामने ही हमारे हिस्से का काम भी मशीन छीन ले जा रही है और हम लाचार और बेबस बनकर रह गए हैं। विकास की होड़ में मानव जाति ने सफलता की बुलंदियों को छुआ।

अपने लगन व मेहनत के बल पर हमने ऐसी मशीनों का ईजाद किया जिनके सहारे आज महीनों का काम दिनों में व दिनों का काम घंटों में ही निपटा लिया जाता है। अब न तो अधिक मजदूरों की ही जरूरत रही और न ही समय की। दिन-रात का फर्क भी जैसे मिट-सा गया। दिन हो या रात जब जी चाहे मशीन चालू कीजिए और मशीन अलाउद्दीन के चिराग के जिन की तरह आपके आदेश का पालन करती ही चली जाएगी। मशीन जितने देर तक चालू रहेगी बस उतनी ही देर तक उर्जा व डीजल की खपत होगी। वर्तमान समय में बड़े कामों के अलावा छोटे-छोटे कामों में भी इन दैत्याकार मशीनों का इस्तेमाल होने लगा है और आज का इंसान इनका गुलाम बनता दिखाई दे रहा है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

काल परिवर्तन कीजिए।

प्रश्न 1.
उन्हें अस्पताल समय से पहुँचने की आदत थी।
(सामान्य भविष्यकाल)
उत्तरः
उन्हें अस्पताल समय से पहुँचने की आदत होगी।

प्रश्न 2.
डॉक्टर भटनागर अचानक लापता हो जाते हैं।
(सामान्य भूतकाल)
उत्तर:
डॉक्टर भटनागर अचानक लापता हो गए।

प्रश्न 3.
इन्होंने आसानी से मेरा अपहरण कर लिया।
(पूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तरः
इन्होंने आसानी से मेरा अपहरण कर लिया है।

प्रश्न 4.
वे एक सौरमंडल से दूसरे तक आसानी से आते-जाते हैं।
(अपूर्ण वर्तमानकाल)
उत्तरः
वे एक सौरमंडल से दूसरे तक आसानी से आ-जा रहे हैं।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्य में प्रयुक्त अव्यय पहचानकर उसका भेद लिखिए।

  1. वे इसका बुरा न मानते, बल्कि सहर्ष चले जाते।
  2. कुछ देर के लिए वह यही मान बैठी।
  3. यहाँ के लोग विज्ञान में बहुत आगे बढ़ गए हैं।
  4. इन्हें कई सौरमंडल और उनके ग्रहों के बारे में जानकारी है।

उत्तर:

  1. बल्कि – समुच्चयबोधक अव्यय
  2. के लिए – संबंधसूचक अव्यय
  3. यहाँ – क्रियाविशेषण अव्यय
  4. और – समुच्चयबोधक अव्यय

प्रश्न 6.
वाक्य के प्रकार पहचानिए।

  1. दो बजे उनके घर की कॉलबेल बज उठी।
  2. जब भी कोई मरीज सीरियस होता, तब अस्पताल का चौकीदार उन्हें उठाने आ जाता।
  3. जो लोग हैं, वे मशीनों के गुलाम हैं।
  4. उद्योगों के विकास से मशीनों की संख्या बढ़ रही है और आदमी का महत्त्व कम होता जा रहा है।

उत्तर:

  1. सरल वाक्य
  2. मिश्र वाक्य
  3. मिश्र वाक्य
  4. संयुक्त वाक्य

प्रश्न 7.
निम्नलिखित वाक्यों में से कारक शब्द पहचानकर उनके भेद लिखिए।
1. मैं तुम लोगों से दूर अन्य सौरमंडल के ग्रह में हूँ।
2. पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी।
उत्तर:
1. से – अपादान कारक
2. ने – कर्ता कारक

प्रश्न 8.
‘मुझे एक विशेष किस्म का प्लास्टिक सूट पहनाया गया।’
विशेषण पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
विशेष, प्लास्टिक – विशेषण

प्रश्न 9.
‘इन्होंने आसानी से मेरा अपहरण कर लिया।’ वाक्य में प्रयुक्त सहायक क्रिया पहचानकर लिखिए।
उत्तरः
लिया – लेना – सहायक क्रिया

प्रश्न 10.
संधि-विच्छेद कीजिए।
उत्तर:
1. सम्मान = सम् + मान
2. दैत्याकार = दैत्य + आकार
3. रहस्योद्घाटन = रहस्य + उद्घाटन

प्रश्न 11.
‘यहाँ लोग बीमार ही नहीं पड़ते इसलिए उन्हें चिकित्सा की जरूरत नहीं पड़ती। इस वाक्य में प्रयुक्त सर्वनाम, क्रियाविशेषण अव्यय व समुच्चयबोधक अव्यय पहचानिए।
उत्तर:
1. सर्वनाम – उन्हें
2. क्रियाविशेषण अव्यय – यहाँ
3. समुच्चयबोधक अव्यय – इसलिए

प्रश्न 12.
‘इस घातक रोग के इलाज के लिए दवाएँ बनाना है।’ वाक्य में से विशेषण व संबंधसूचक अव्यय ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. विशेषण – घातक
2. संबंधसूचक अव्यय – के लिए

प्रश्न 13.
निम्नलिखित वाक्य में से कारक छाँटिए व उनके भेद लिखिए।
1. डॉक्टर भटनागर ने सड़न रोग का अध्ययन कर लिया है।
2. मैं सही सलामत वापस पृथ्वी पर आना चाहता हूँ।
उत्तर:
1. ने – कर्ता कारक
2. पर – अधिकरण कारक

डॉक्टर का अपहरण Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: डॉ. हरिकृष्ण देवसरे का जन्म इंदिरापुरम, गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। वे एक बाल प्रतिष्ठित साहित्यकार थे। उन्होंने अपनी कलम से जो कुछ लिखा, वह सब कुछ बच्चों के लिए ही लिखा। हिंदी बाल साहित्य को समृद्ध एवं संपन्न करने का कार्य उनकी कलम ने किया। वे बालकों में जिज्ञासा, कल्पना और विज्ञान के प्रति प्रेम तथा आस्था निर्माण करने में सफल रहे।

प्रमुख कृतियाँ: वैज्ञानिक बाल उपन्यास – ‘खेल बच्चे का’, ‘आओ चंदा के देश चलें’, ‘मंगल ग्रह में राजू’, ‘उड़ती तश्तरियाँ’, ‘गिरना स्काईलैब का’, ‘दूसरे ग्रहों के गुप्तचर’ आदि।

गद्य-परिचय:

विज्ञान कथा: कल्पना व विज्ञान इन दोनों का समन्वय कर पाठकों के मन में जिज्ञासा निर्माण करने का कार्य साहित्य की जो विधा करती
है, उसे ‘विज्ञान कथा’ कहते हैं। इसमें जीवन की किसी घटना का रोचक और प्रवाही वर्णन किया जाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ ‘डॉक्टर का अपहरण’ के माध्यम से लेखक डॉ. हरिकृष्ण देवसरे जी ने उद्योगों के अंधाधुंध प्रसार के कारण मशीनों की बढ़ती संख्या तथा उससे फैलनेवाले प्रदूषण से होने वाली प्राणघातक बीमारियों और जलवायु में हो रहे भयंकर परिवर्तन के प्रति हमें आगाह किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ एक विज्ञान कथा है, जो कल्पना पर आधारित है। इस कथा के माध्यम से कथाकार ने हमें मशीनी युग में निर्माण होने वाले दैत्याकार मशीनों के प्रति सजग किया है। आज का इंसान इनका गुलाम बन गया है। मशीनों की बढ़ती संख्या के कारण प्रदूषण एवं जलवायु पर बुरा असर पड़ रहा है । जिसके कारण लोगों को विविध घातक बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। अत: कथाकार ने इनकी रोकथाम व इन पर नियंत्रण रखने के लिए पाठकों को प्रेरित किया है।

शब्दार्थ:

  1. लापता – गायब, जिसका पता न लगे
  2. समाचार – खबर
  3. हैरानी – परेशानी, आश्चर्य
  4. प्रतीक्षा – इंतज़ार
  5. उन्नतिशील – प्रगतिशील
  6. उम्मीद – आशा
  7. ब्रह्मांड – अंतरिक्ष
  8. नतीजा – परिणाम
  9. तरकीब – युक्ति
  10. दैत्याकार – विशालकाय
  11. अंग प्रत्यारोपण – अंग के बदले लगाया गया अंग
  12. सौरमंडल – सौर जगत, सूर्य परिवार

मुहावरे:

1. हतप्रभ रहना – स्तब्ध रहना।
2. नामो-निशान मिटना- अस्तित्व समाप्त होना।

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 8 Zindagi Ki Badi Zarurat Hai Haar Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 8 Zindagi Ki Badi Zarurat Hai Haar Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! Questions And Answers

1. आकृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! 1

2. सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
i. कवि ने इसे पार करने के लिए कहा है – (नदी, पर्वत, सागर)
ii. कवि ने इसे अपनाने के लिए कहा है – (अंधेरे, उजाला, सबेरा)
उत्तर:
i. कवि ने पर्वत को पार करने के लिए कहा है।
ii. कवि ने अंधेरे को अपनाने के लिए कहा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..!

3. ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द

प्रश्न 1.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द

  1. जीत का आनंद मिलेगा
  2. बहार
  3. गुरु

उत्तर:

  1. हार की पौड़ा सहने पर क्या मिलेगा?
  2. पतझड़ के बाद कौन मजा देती है?
  3. कवि के अनुसार हार मनुष्य के लिए क्या है?

4. अंतिम पाँच पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए। 

प्रश्न 1.
अंतिम पाँच पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि करते हैं कि उस प्रत्येक हार का आभार प्रकट करो, जिसने आपके जीवन को सजा दिया। आपके जीवन में जब-जब हर आई, हर बार वह कुछ न कुछ सिखाकर गई। हार आपकी सबसे बड़ी गुरु है। इसलिए हार जिंदगी की सबसे बड़ी जरूरत है।

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5. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
पाठ्येतर किसी कविता की उचित आरोह-अवरोह के साथ भावपूर्ण प्रस्तुति कीजिए।
उत्तर :
मेरा माझी मुझसे कहता रहता था
बिना बात तुम नहीं किसी से टकराना।

पर जो बार-बार बाधा बन कर आएँ
उनके सिर को वहीं कुचल कर बढ़ जाना।

जान-बूझ कर मेरे पथ में आती हैं
भवसागर की चलती-फिरती चट्टानें।

मैं इनसे जितना ही बचकर चलता हूँ
उतना ही मिलती हैं ये ग्रीवा ताने।

रख अपनी पतवार, कुदाली लेकर मैं
तब मैं इनका उन्नत भाल झुकाता हूँ।
राह बनाकर नाव बढ़ाए जाता हूँ।

जीवन की नैया का चतुर खिवैया मैं
भवसागर में नाव बढ़ाए जाता हूँ।

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6. भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
“निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए।
उत्तर:

अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. वृक्षों का छाया से रहे परे। 1. वृक्षों की छाया से रहो परे।
2. पतक्षड़ के बाद मजा देता है 2. पतझड़ के बाद मजा देती है बार।
3. फूल के रास्ते को मत अपनाओ। 3. फूलों के रास्तों को मत अपनाओ।
4. किनारों से पहले मिला मझधार। 4. किनारों से पहले मिले मझधार।
5. बरसाओं मेहनत का बूंदों की फुहार। 5. बरसाओ मेहनत की बूंदों का फुहार।
6. जिसने जीवन का दिया संवार। 6. जिसने जीवन को दिया सँवार।

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7. रचनात्मकता की ओर कल्पना पल्लवन

प्रश्न 1.
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान’ इस विषय पर भाषाई सौंदर्यवाले वाक्यों, सुवचन, दोहे आदि का उपयोग करके निबंध/ कहानी लिखिए।
उत्तर:
करत-करत अभ्यास के, जड़मति होत सुजान।
रसरी आवत-जात तें, सिल पर परत निसान।।
हिंदी के रीतिकालीन प्रसिद्ध कवि वृंद की यह प्रसिद्ध पंक्ति हमें कर्म के प्रति प्रेरित करती है। कवि ने पूर्ण आत्मविश्वास के साथ अपना मत प्रकट करते हुए कहा है कि कोमल रस्सी के बार-बार आने-जाने से सिल अर्थात पत्थर भी घिस जाता है। उसी प्रकार निरंतर अभ्यास करते रहने के कारण जड़-बुद्धि व्यक्ति भी बुद्धिमान बन जाता है, वह अपने मंजिल को प्राप्त कर लेता है। निरंतर परिश्रम एवं अभ्यास से असंभव कार्य भी संभव हो जाया करते हैं। असफलता भी सफलता बन जाती है।

एक साधक और योगी निरंतर योग का अभ्यास करके परम तत्त्व का दर्शन कर लेता है। अतः एव लगनपूर्वक निरंतर अभ्यास करने वाला सामान्य व्यक्ति भी सफलता के दर्शन कर लेता है। इतिहास इस बात का गवाह है कि निरंतर अभ्यास करने वाले ही सफलता के उन शिखरों पर पहुंच सके हैं, जो अत्यंत विषम एवं कठिन थे। इसी कारण उनके सम्मुख आज भी दुनिया नतमस्तक हो रही है।

अभ्यास करना एक साधना है और सच्चे मन से की गई साधना कभी व्यर्थ नहीं होती है। निराशा को कभी भी मन में नहीं आने देना चाहिए। अभ्यास ही सौढ़ी-दर-सीढ़ी उस शिखर तक ले जाता है जिसकी सुंदर चौटियाँ बार-बार मन को आकर्षित करके वहाँ तक चले आने के लिए आमंत्रित करती हैं। निश्चित मंजिल तक पक्के निश्चय के साथ बढ़ते ही जाना है। रुकने का अर्थ है अंत, जो कि मृत्यु का प्रतीक है और जीवन का अर्थ है ‘चरैवेतिचरैवेति’ अर्थात निरंतर चलते रहना, गतिशील रहना। इसके लिए आवश्यक है सतत अभ्यास तथा आलस्य और प्रमाद का त्याग।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..!

8. पाठ के आँगन में

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! 2

प्रश्न 2.
‘हर बार कुछ सिखा कर ही गई, सबसे बड़ी गुरु है हार इस पंक्ति द्वारा आपने जाना……………
उत्तर :
इस पंक्ति द्वारा हमने यह जाना कि जब-जब हार हुई उस हार ने अपने पीछे कुछ-न-कुछ सीख जरूर छोड़ी। वह हार क्यों और किन कारणों से हुई, इसे जानने और समझने का मौका मिला। उस झर से प्रेरित होकर ही आगे की सफलता का मार्ग प्रशस्त हुआ। इसलिए हार सबसे बड़ी गुरु है।

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प्रश्न 3.
कविता के दूसरे चरण का भावार्थ लिखिए।
उत्तर :
कवि संघर्षशील जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए कहते हैं कि जीवन में फूलभरे (सरल) रास्ते को मत अपनाओ और वृक्षों की छाया से दूर रहो अर्थात हर प्रकार की मुश्किलों का डटकर सामना करो। काँटों से भरे हुए रास्ते पर चलोगे तो ये रास्ते तुम्हें निडर बनाएँगे और तपती हुई धूप तुम्हें और निखार देगी। यदि कंटक भरे रास्ते और धूप से तुम हर भी गए तो कोई बात नहीं जीतने के लिए जिंदगी में हारना भी बहुत जरूरी है।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! 3

प्रश्न 2.
ऐसे प्रश्न नैवार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द
i. फूलों के रास्ते
ii. वृक्षों को छाया
उत्तर :
i. कवि किस रास्ते को अपनाने के लिए मना कर रहे है?
ii. कवि किससे परे रहने का संदेश दे रहे हैं?

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प्रश्न 3.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! 4

कृति क (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
नीचे दी हुई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
फूलों के रास्तों को मत अपनाओ,
और वृक्षों की छाया से रहो परे।
रास्ते काँटों के बनाएंगे निडर
और तपती धूपी लाएगी निखार।।
जिंदगी की बड़ी जरूरत है हर….!
उत्तर:
कवि संघर्षशील जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए कहते है कि जीवन में फूलभरे (सरल) रास्ते को मत अपनाओ और वृक्षों की अया से दूर रहो अर्थात हर प्रकार की मुश्किलों का डटकर सामना करो। काँटों से भरे हुए रास्ते पर चलोगे तो ये रास्ते तुम्हें निडर बनाएँगे और तपती हुई धूप तुम्हें और निखार देगी। यदि कंटक भरे रास्ते और धूप से तुम हार भी गए तो कोई बात नहीं। जीतने के लिए जिंदगी में हारना भी बहुत जरूरी है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..!

(ख) पद्यांश घड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम पाँच पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं सीधे और सरल रास्ते पर तो कोई भी चल सकता है लेकिन तुम पर्वत को पार करके तो देखो। तुम्हरे उत्साह में ऐसी शक्ति आएगी कि तुम किस्मत (भाग्य) का हर प्रहार सह लोगे। यदि तुम पर्वत को पार करने में असफल भी रहे तो कोई बात नहीं क्योंकि जिंदगी में हार की भी बहुत जरूरत है। हारने के बाद तुम फिर नई सौख और नई ऊर्जा के साथ पर्वत को पार कर लोगे।

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! 5

जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..! Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन परिचय : श्री महकी जी का जन्म महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ। ये इंजीनियरिंग कॉलेज में सहप्राध्यापक हैं। हिंदी और मराठी भाषा के प्रति इनका गहरा लगाव है।
प्रमुख कृतियाँ : गीत और कविताएँ, शोध निबंध आदि।

पद्य-परिचय :

संवादात्मक कहानीः ‘नवनीत’ हिंदी काव्य-धारा की यह एक नवीन विधा है। ‘नवगीत’ एक यौगिक शब्द है जिसमें नव (नई कविता) और गीत (गीत विधा) का समावेश होता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार के माध्यम से कवि महकी जी ने यह बताने का प्रयत्न किया है कि जीवन में कभी भी हार एवं असफलता से घबराना नहीं चाहिए बल्कि हर से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..!

सारांश :

कवि कहते हैं कि हमें हार से कभी निराश नहीं होना चाहिए, बल्कि उससे प्रेरणा लेनी चाहिए। ये हार हमें और उन्नत बना देती है। हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सतत संघर्ष करते रहना चाहिए। जिंदगी में मुसीबतों से गुजरना पड़ता है, काँटो भरी राह पर चलना पड़ता है, ऊँचेऊँचे पर्वतों को पार करना पड़ता है। इनका सामना करते समय कभी-कभी हम हार भी जाते हैं तो कोई बात नहीं। हमें दुबारा फिर प्रयास करना चाहिए और अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए। हर हमारी सबसे बड़ी गुरु है। उसका आभार प्रकट करना चाहिए क्योंकि ये हर हमारे जीवन का संवार देती है।

सरल अर्थ :

रुला तो …………………………… जरूरत है हार…!
कवि कहते हैं कि जीवन में किसी भी घर से घबराना नहीं चाहिए बल्कि हटकर उसका सामना करना चाहिए। हर हमें हमेशा रुलाती तो है परंतु अंदर से उन्नत बना देती है अर्थात अमली जीत के लिए और अधिक सतर्क और तैयार कर देती है। किनारा मिलने से पहले हमें मझधार की तेज लहरों का सामना करना चाहिए यानी जीवन की कठिनाइयों एवं मुश्किलों से संघर्ष कर मंजिल हसिल करनी चाहिए। यदि मंजिल प्राप्त करते समय हर हो जाए तो कोई बात नहीं क्योंकि जिंदगी के लिए बार भी बहुत जरूरी है।

फूलों के …………………………. जरूरत है हार …!
कवि संघर्षशील जीवन जीने की प्रेरणा देते हुए कहते हैं कि जीवन में फूलभरे (सरल) रास्ते को मत अपनाओ और वृक्षों की छाया से दूर रहे अर्थात हर प्रकार की मुश्किलों का डटकर सामना करो। काँटों से भरे हुए रास्ते पर चलोगे तो ये रास्ते तुम्हें निडर बनाएंगे और तपती हुई धूप तुममें और निखार देगी। यदि कंटक भरे रास्ते और धूप से तुम हार भी गए तो कोई बात नहीं । जीतने के लिए जिंदगी में झरना भी बहुत जरूरी है।

सरल राह…………………………… जरूरत है हार …!
कवि कहते हैं सीधे और सरल रास्ते पर तो कोई भी चल सकता है लेकिन तुम पर्वत को पार करके तो देखो। तुम्हारे उत्साह में ऐसी शक्ति आएगी कि तुम किस्मत (भाग्य) का हर प्रहार सह लोगे। यदि तुम पर्वत को पार करने में असफल भी रहे तो कोई बात नहीं क्योंकि जिंदगी में हार की भी बहुत जरूरत है। हारने के बाद तुम फिर नई सीख और नई ऊर्जा के साथ पर्वत को पार कर लोगे।

उजालों की ………………………… जरूरत है हार …!
कवि कहते हैं कि हर व्यक्ति अपने जीवन में उजाला चाहता है। जीवन में उजाले की उम्मीद करना भी उचित ही है परंतु एक बार अंधेरे को भी तो अपनाओ। उपजाऊ जमीन हो और पानी की उचित व्यवस्था हो तो फसल आसानी से उगाई जा सकती है। परंतु एक बार बिना पानी के बंजर जमीन पर परिश्रम करके अपने पसीने की फुहारें (द) बरसा कर तो देखो। यदि फसल नहीं उगी तो कोई बात नहीं। जिंदगी में हारना भी जरूरी है। इस हार के बाद नए तजुर्बे और उमंग के बल पर तुम पुन: नई फसल उगा लोगे।

जीत का…………………………….. जरूरत है हार …!
कवि कहते हैं कि हर जीत का आनंद भी तभी मिलेगा जब तुम हार के अपार दुखों को सहे रहोगे क्योंकि हर आँसू और दुख के बाद आने वाली मुस्कान चारों तरफ फैल जाती है और पतझड़ के बाद आने वाली वसंत आनंद दाई होती है। इसलिए जिंदगी में हार बहुत जरूरी है क्योंकि हार के बाद मिलने वाली जीत बहुत ही आनंद देने वाली होती है।

आभार प्रकट …………………………… जरूरत है हार …!
कवि कहते हैं कि उस प्रत्येक हार का आभार प्रकट करो, जिसने आपके जीवन को सजा दिया। आपके जीवन में जब-जब हार आई, हर बार वह कुछ न कुछ सिखाकर गई। घर आपकी सबसे बड़ी गुरु है। इसलिए सर जिंदगी की सबसे बड़ी जरूरत है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 जिंदगी की बड़ी जरूरत है हार..!

शब्दार्थ :

  1. बुलंद – ऊँचा, उन्नत
  2. मझधार – धारा के बीच में
  3. परे – दूर
  4. निडर – निर्भय
  5. निखार – चमक
  6. हौसला – उत्कंठा, उत्साह
  7. तकदीर – भाग्य
  8. जायज – उचित
  9. बंजर – ऊसर, अनुपजाऊ
  10. फुहार – हल्की बौछार, वर्षा
  11. अपार – असीमित
  12. मज़ा – आनंद
  13. बहार – बसंत
  14. आभार – एहसान
  15. संवारना – सजाना

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 5 Juliya Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 5 Juliya Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 5 जूलिया Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 5 जूलिया Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 5 जूलिया Textbook Questions and Answers

लेखनीय :

प्रश्न 1.
छोटे व्यवसायियों के साथ दिए गए मुद्दों के आधार पर वार्तालाप कीजिए और संवाद के रूप में लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 1
उत्तरः

  • रमेश – नमस्कार ! मोहनलाल जी कैसे हैं? बड़े दिनों बाद मुलाकात हुईं। अभी आप कौन-सा व्यवसाय कर रहे हैं?
  • मोहनलाल – नमस्कार रमेश! मैं अच्छा हूँ। अभी कुछ दिनों पहले ही मैंने अगरबत्ती-उद्योग की शुरुआत की है।
  • रमेश – मोहनलाल जी! इतने सारे व्यवसाय के होते आपने इस व्यवसाय का चुनाव क्यों किया?
  • मोहनलाल – रमेश, इस व्यवसाय को चुनने का मुख्य कारण है इसमें लागत कम लगती है और लाभ ज्यादा होता है। इसके लिए ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं होती है तथा सरकार की तरफ से आसान शर्तों में कर्ज मिलने की भी सुविधा है। अगर आप छोटे स्तर पर शुरूआत करना चाहते हैं तो आप अपने घर से भी इस व्यापार की शुरूआत कर सकते है। सिर्फ व्यापार की शुरूआत करने से पहले आपको व्यापार का रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।
  • रमेश – इसके लिए आपको दिन में कितना समय देना पड़ता है?
  • मोहनलाल – रमेश इसके लिए मुझे ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मैंने अपने घर से इसकी शुरूआत की है। इससे मुझे दो फायदे हुए कि मैं अपने परिवार के साथ भी समय बिता सकता हूँ और साथ-ही-साथ मेरा व्यापार भी चलता रहता है।
  • रमेश – मोहनलाल जी, क्या आपको इस व्यापार से आनंद मिल रहा है?
  • मोहनलाल – बिल्कुल रमेश, मुझे बहुत खुशी है कि मैंने इस उद्योग को अपनाया। कमाई के साथ-ही-साथ मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि मेरे कारण कुछ लोगों को रोजगार मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अगरबत्ती की भारी माँग है। इसलिए मुझे इस कार्य से बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा है।
  • रमेश – मोहनलाल जी, इतनी सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! अच्छा चलता हूँ नमस्कार।
  • मोहनलाल – नमस्कार रमेश।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘हास्य कवि सम्मेलन’ की कविताएँ सुनिए और किसी एक कविता का आशय अपने मित्रों को सुनाइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
घरेलू काम करने वाले लोगों की समस्याओं की सूची बनाइए।

पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी अन्य पाठ्यपुस्तक से एकांकी पढ़िए ।

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
जूलिया की जगह आप होते तो …….. विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने जूलिया की पात्रता को जिस प्रकार दर्शाया है, उससे यह ज्ञात होता है कि वह एक सीधी-साधी और डरपोक महिला है; जो अन्याय को भी सहन कर लेती है। अगर उसकी जगह मैं होता, तो यह अन्याय कभी-भी सहन नहीं करता। क्योंकि अन्याय को सहन करना भी एक प्रकार का अपराध है। अगर मैंने परिश्रम किया है, तो उसका उचित पारिश्रमिक मुझे मिलना ही चाहिए।

कार्य को शुरू करने से पहले ही मैं अपने कार्य और वेतन संबंधी सारी चर्चा कर लेता। कार्य की समाप्ति पर अगर मालिक पक्ष वेतन देने में आनाकानी करता या झूठे कारण दिखाकर वेतन कम करने का प्रयास करता, तो उसके खिलाफ आवाज उठाता। इसके बाद भी मालिक मेरा पूरा पारिश्रमिक नहीं देता, तो मैं प्रशासन की मदद लेने में भी हिचकता नहीं और अपना पूरा मेहनताना लेकर ही रहता। मैं कायर और डरपोक बनकर अत्याचार नहीं सहता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

पठित गद्यांश पर आधारित कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 2
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 3

प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(क) गृहस्वामी द्वारा जूलिया से माफी माँगना
(ख) गृहस्वामी से जूलिया को संसार के साथ लड़ने के लिए कहना
उत्तरः
(क) गृहस्वामी ने जूलिया के साथ एक छोटा-सा कूर मजाक किया।
(ख) इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रश्न 3(क).
परिच्छेद में प्रयुक्त कोई एक मुहावरा ढूँढ़कर उसका सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उत्तरः
ठग लेना – धोखा देना
वाक्यः गृहस्वामी ने जूलिया के पूरे पैसे न देकर उसे ठग लिया।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

प्रश्न ख.
‘पर’ शब्द के दो अर्थ लिखिए।
उत्तरः
i. किंतु
ii. पंख

प्रश्न 4.
संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है’, इसपर लगभग आठ से दस वाक्यों में अपने विचार लिखिए ।
उत्तरः
इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है क्योंकि हमारी सामाजिक परिस्थिति ऐसी बन चुकी है कि खामोश रहनेवाले या भयभीत रहनेवाले लोगों के साथ और अधिक अन्याय होता है। डरने के कारण उनका सही हक भी मार लिया जाता है। हमारा किसान सालभर मेहनत करता है लेकिन कुछ लोग उनका अधिकार मार लेते हैं और किसान खामोशी के साथ यह अन्याय सहन करता रहता है।

गरीब मजदूर पूरा दिन मेहनत करता है। लेकिन कुछ बोल नहीं पाने के कारण लोग उसके अधिकारों का हनन करते हैं और उसे उचित मेहनताना नहीं मिल पाता है। इसलिए यह समाज ऐसे लोगों के लिए नहीं है जो खामोशी से सारे ज्यादतियों को बर्दाश्त करते हैं। लोग ईमानदारी के साथ अपना कार्य संपन्न करने के बावजूद भी अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं सिर्फ दब्बू और रीढ़रहित होने के कारण। अतः इस समाज में डरपोक लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
संजाल :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 4
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 5

प्रश्न ख.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो :
1. वान्या
2. रुबल
उत्तरः
1. कोल्या के बीमार होने पर जूलिया ने किसे पढ़ाया था?
2. रूस की मुद्रा को क्या कहते हैं?

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2. पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए।

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए।
उत्तरः

  1. दो – नौ दो ग्यारह होना।
  2. एक – एक और एक ग्यारह होना।
  3. उन्नीस – उन्नीस-बीस का फर्क होना।
  4. चार – चार चाँद लगाना।
  5. पाँचों – पाँचों उँगलियाँ घी में होना।

3. ‘कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ……………… 

प्रश्न 1.
‘कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ………………
उत्तर:
कई बार जीवन में ऐसी घटनाएँ देखने को मिलती है जिसका प्रभाव बड़े लंबे समय तक रहता है। मैं एक बार एक दवाखाने में बैठा था। मेरे अगल-बगल कई मरीज बैठे थे । उनमें से एक मरीज था जो लगातार खाँस रहा था। उसकी स्थिति देखकर ही मालूम हो रहा था कि वह एक बहुत ही गरीब इंसान है। काफी देर बाद उसका नंबर आया और मेरा नंबर ठीक उसके बाद था इसलिए मैं भी उसके साथ डॉक्टर के चेम्बर के अंदर गया।

डॉक्टर ने परीक्षण करने के बाद उसको बहुत सारे टेस्ट लिख दिए और कहा पहले टेस्ट कराकर ले आओ फिर दवाई दूंगा। अज्ञानता के कारण वह डॉक्टर से यह भी नहीं पूछ पाया कि यह टेस्ट उसे क्यों दिए गए हैं? वह गरीब बेचारा चुपचाप अपना सिर झुकाए कमरे से बाहर निकल गया।

जो टेस्ट उस डॉक्टर ने दिए थे वो काफी महंगे थे और एक गरीब व्यक्ति के लिए वो सारे टेस्ट एक साथ करवाना मुश्किल का काम था। उस समय मेरे मन में यह विचार आया कि बड़ा होकर मैं भी डॉक्टर बनूंगा और गरीबों को नि:शुल्क सेवा करूंगा। गाँव के लोग सीधेसाधे होते हैं और ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं होते हैं। इसी का फायदा उठाकर लोग मनचाहे ढंग से उन्हें ठगते हैं।

विशेषकर डॉक्टर जिन्हें भगवान के बाद सबसे ज्यादा सम्मान की नजरों से देखा जाता है। कुछ लोग इस पवित्र पेशे को बदनाम कर रहे हैं। मैं आगे चलकर एक डाक्टर के रूप में सिर्फ मरीजों की सेवा करूँगा। यही मेरी इच्छा है।

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पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
परिचारिका पाठ्यक्रम नर्सिंग कोर्स संबंधी जानकारी अंतरजाल से प्राप्त कीजिए और आवश्यक अर्हता संबंधी चर्चा करें।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चिहनों के सामने उनके नाम लिखिए तथा वाक्यों में उचित विरामचिहून लगाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 6.1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 7Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 5 जूलिया Additional Important Questions and Answers

(क) सूचना के अनुसार निम्नलिखित कृतियाँ परिच्छेद के आधार पर पूर्ण कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 8

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
i. गृहस्वामी द्वारा खुद ही जूलिया को पैसे देना –
ii. गृहस्वामी की पत्नी द्वारा जूलिया को तीन दिन की छुट्टी देना –
उत्तर :
i. क्योंकि जूलिया अपने आप गृहस्वामी से पैसे नहीं माँगती।
ii. क्योंकि तीन दिन से जूलिया के दाँतों में दर्द हो रहा था।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. इतवार को जूलिया ने यह काम किया
ii. चार दिन यह बीमार रहा
उत्तर:
i. सिर्फ कोल्या को घूमाने ले गई थी।
ii. कोल्या

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प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. गृहस्वामी कोल्या के स्कूल का हिसाब करना चाहता था।
  2. गृहस्वामी के अनुसार जूलिया की तनख्वाह तीस रूबल वार्षिक तय हुई थी।
  3. गृहस्वामी ने जूलिया का हिसाब डायरी में नोट कर रखा था।
  4. जूलिया से पहले की गवर्नेस को गृहस्वामी तीस रूबल महीना ही देता था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

प्रश्न 4.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
i. मेरे ख्याल से तुम्हें …………
(क) घर की जरूरत होगी।
(ख) पैसों की जरूरत होगी।
(ग) कपड़ों की जरूरत होगी।
उत्तर:
(ख) पैसों की जरूरत होगी।

ii. तुम्हें हमारे यहाँ काम करते हुए ………..
(क) तीन महीने हुए हैं।
(ख) दो वर्ष हुए हैं।
(ग) दो महीने हुए हैं।
उत्तर:
(ग) दो महीने हुए हैं।

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन परिवर्तन कीजिए।
i. छुट्टी
ii. दाँत
उत्तर:
i. छुट्टियाँ
ii. दाँत

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्वर
  2. तनख्वाह
  3. महीना
  4. छुट्टी

उत्तर:

  1. आवाज
  2. वेतन
  3. माह
  4. अवकाश

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द परिच्छेद से ढूंढकर लिखिए।

  1. नौकर × ………
  2. गैरजरूरत × ………
  3. बाद में × ……..
  4. सही × ……..

उत्तर:

  1. मालिक
  2. जरूरत
  3. पहले
  4. गलत

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मजदूरों के साथ होता अन्याय’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
मजदूर हमारे समाज का वह तबका है जिस पर समस्त आर्थिक उन्नति टिकी होती है। वह मानवीय श्रम का सबसे आदर्श उदाहरण है किंतु उनकी स्थिति दयनीय है। उन्हें हर दिन काम नहीं मिल पाता है। उनसे श्रम अधिक लिया जाता है तथा पारिश्रमिक कम दिया जाता है। अत: मजदूरों के कल्याण की दिशा में सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। मजदूरों के श्रम का सम्मान करना चाहिए तथा उनकी जीवन-दशा में सुधार की प्रक्रिया तेज की जानी चाहिए।

(ख) परिच्छेद पड़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. यह बहुत कीमती थी
ii. इनके भाग्य में हमेशा नुकसान उठाना बदा है
उत्तर:
i. प्याली
ii. गृहस्वामी के

प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो।
i. टहनी
ii. डायरी
उत्तर:
i. किसकी खरोंच लगने से बच्चे की जैकेट फट गई?
ii. गृहस्वामी हर एक चीज किसमें नोट करता है?

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प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. गृहस्वामी के भाग्य में हमेशा फायदा उठाना बदा है।
  2. गृहस्वामी प्याली का दो रूबल ही काटेगा।
  3. जूलिया अपने काम में ढील देगी तो उनके पैसे नहीं करेंगे।
  4. दस जनवरी को गृहस्वामी ने जूलिया को दस रूबल दिए थे।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य

प्रश्न 4.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

i. इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने …………..
(क) मुझे बताई तक नहीं।
(ख) किसी से छुपाया नहीं।
(ग) तुम्हें क्यों बताया।
उत्तर:
(क) मुझे बताई तक नहीं।

ii. चौदह में से तीन और घटा तो बचते हैं ………….
(क) दस रूबल
(ख) पाँच रूबल
(ग) ग्यारह रूबल
उत्तर:
(ग) ग्यारह रूबल

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. नौकरानी – नौकर
ii. मालकिन – मालिक
उत्तर:
i. प्याली
ii. गृहस्वामी के

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द परिच्छेद से ढूंढकर लिखिए।

  1. किस्मत
  2. मूल्यवान
  3. हानि
  4. कारण

उत्तर:

  1. भाग्य
  2. कीमती
  3. नुकसान
  4. वजह

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. झूठ × ………
ii. ज्यादा × ………..
उत्तर:
i. सच
ii. कम

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 9

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. जूलिया इसके बावजूद भी गृहस्वामी को धन्यवाद देती है।
ii. गृहस्वामी को यह बात जानकर जरा भी आश्चर्य नहीं होता।
उत्तर:
i. जबकि गृहस्वामी ने उसे ठगा, धोखा दिया और उसके पैसे हड़प लिए।
ii. जूलिया ने जहाँ-जहाँ काम किया उन लोगों ने उसे एक पैसा तक नहीं दिया।

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन परिवर्तन कीजिए।

  1. पंजों
  2. बात
  3. रुबल
  4. पैसा

उत्तर:

  1. पंजा
  2. बातें
  3. रूबल
  4. पैसे

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प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. ऊँच × …
  2. धीमा × …..
  3. भला × ……
  4. अन्याय × ……..

उत्तर:

  1. नीच
  2. तेज
  3. बुरा
  4. न्याय

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. भौरु
  2. बोदा
  3. आश्चर्य
  4. निर्मम

उत्तर:

  1. डरपोक
  2. मूर्ख
  3. अचरज
  4. निर्दयी

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भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में से अव्यय शब्द पहचानकर लिखिए।
i. मुझे लगता है कि तुम अपने आप पैसे भी नहीं माँगोगी।
ii. कोल्या को घुमाने के लिए ले गई हो।
उत्तर:
i. कि – समुच्चबोधक अव्यय
ii. के लिए – संबंधसूचक अव्यय

प्रश्न 2.
कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए।

  1. मैं तुम्हारी तनख्वाह का हिसाब करता हूँ। (पूर्ण भूतकाल)
  2. मैं खुद ही तुम्हें पैसे दूंगा। (सामान्य वर्तमानकाल)
  3. आप सही कह रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. मैं तीस रूबल ही देता था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  5. तुमने चाय की प्लेट तोड़ी थी। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. मैं प्याली के दो रूबल काढूँगा।(अपूर्ण भूतकाल)
  7. मारिया वान्या के जूते चुराई। (सामान्य भविष्यकाल)
  8. मैं झूठ बोल रहा हूँ। (सामान्य भूतकाल)
  9. तुम मुझे धन्यवाद दे रही हो। (सामान्य भविष्यकाल)
  10. मैंने तुम्हे ठगा है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  11. मैंने तुम्हारे साथ मजाक किया। (पूर्ण भूतकाल)
  12. तुम इस संसार से लड़ोगी। (सामान्य भूतकाल)

उत्तर:

  1. मैंने तुम्हारी तनख्वाह का हिसाब किया था।
  2. मैं खुद ही तुम्हें पैसे देता हूँ।
  3. आप सही कहेंगे।
  4. मैं तीस रूबल ही दे रहा हूँ।
  5. तुमने चाय की प्लेट तोड़ी है।
  6. मैं प्याली के दो रूबल काट रहा था।
  7. मारिया वान्या के जूते चुराएगी।
  8. मैंने झूठ बोला।
  9. तुम मुझे धन्यवाद दोगी।
  10. मैं तुम्हे ठग रहा हूँ।
  11. मैंने तुम्हारे साथ मजाक किया था।
  12. तुम इस संसार से लड़ी।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्य शुद्ध करके लिखिए।

  1. मैंने इसमें नोट कर रखे हूँ।
  2. मेरे ख्याल पर तुम्हें पैसों में जरूरत होगी।
  3. तुमने चाय का प्लेट और प्याली तोड़ी थी।
  4. इसे भी डायरी पर नोट कर लेता हैं।

उत्तर:

  1. मैंने इसमें नोट कर रखा है।
  2. मेरे ख्याल से तुम्हें पैसों की जरूरत होगी।
  3. तुमने चाय की प्लेट और प्याली तोड़ी थी।
  4. इसे भी डायरी में नोट कर लेता हूँ।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. और
ii. कि
उत्तर:
i. इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
ii. तुम जानती हो कि मैंने तुम्हें ठग लिया है।

जूलिया Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अंतोन पाव्लाविच चेखव का जन्म दक्षिण रूस के तगानरोग नामक स्थान में हुआ था। ये रूसी कथाकार और नाटककार थे। उन्होंने रूसी भाषा में चार कालजयी नाटक दिए। उनकी साहित्यिक रचनाएँ सारे विश्व में सराही जाती हैं। उनकी कहानियों में सामाजिक कुरीतियों का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। ये कुशल साहित्यक होने के साथ-साथ एक सफल चिकित्सक भी रहे।
प्रमुख कृतियाँ : नाटक – ‘तीन बहने’, ‘द चैरी आर्चर्ड’, ‘इवानोव’ आदि।
कहानी संग्रह – ‘अन्ना ऑन नेक’, ‘अबैड बिजनेस’, ‘द वर्ड मार्केट’, ‘ओल्ड एज’, ‘ग्रीषा’ आदि। लघु
उपन्यास – ‘ए ड्रीरी स्टोरी’, ‘द वाइफ’ आदि।

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गद्य-परिचय :

एकांकी : एकांकी का आकार छोटा होने के कारण इसमें एक अंक की ही कथा होती है। इसकी कथा व संवाद आदि से अंत तक रोचक और आकर्षक होते हैं।
प्रस्तावना : प्रस्तुत एकांकी ‘जूलिया’ के माध्यम से लेखक अंतोन चेखव ने समाज के ऐसे लोगों पर कुठाराघात किया है जो डरपोक और दब्बू हैं तथा स्वयं पर होनेवाले अन्याय का भी प्रतिरोध नहीं करते हैं।

सारांश :

जूलिया वासिल्देवना बच्चों की देखभाल करने वाली एक गवर्नेस है। एक बार उसके मालिक उसे घर पर बुलाते हैं और अन्यायपूर्वक उसका वेतन काट लेते हैं, लेकिन डरपोक और दब्बू स्वभाव की होने के कारण जूलिया उनका विरोध नहीं कर पाती है। तब उसके मालिक उसे समझाते हुए कहते हैं कि उन्होंने तो वेतन काटने का सिर्फ नाटक किया था। उसे यह समझाने के लिए कि यह समाज अत्यंत निर्दयी है।

यहाँ पर अपना हक छीनकर लेना पड़ता है। अगर व्यक्ति संघर्ष नहीं करेगा तथा अपने अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाएगा तो यह समाज उसे जीने नहीं देगा। उस पर अन्याय करता ही रहेगा। इसलिए समाज में रहना है, तो अपने अधिकारों के लिए पूरी शक्ति के साथ लड़ना होगा। क्योंकि डरपोक लोगों के लिए इस समाज में कोई स्थान नहीं है। .

शब्दार्थ :

  1. गवर्नेस – छोटे बच्चों की देखभाल करनेवाली
  2. तनख्वाह – वेतन
  3. रूबल – रूस की मुद्रा
  4. नागा – वह जिस दिन काम न किया हो
  5. रुआँसी – रोने जैसी
  6. कसर – कमी
  7. टहनी – डाली
  8. खरोंच – रगड़
  9. यकीन – विश्वास
  10. अनर्थ – सर्वनाश, बुरा, अनिष्ठ
  11. कूर – कठोर, निर्दय
  12. दब्बू – भोंदू, कमजोर
  13. भीरु – डरपोक
  14. बोदा – मूर्ख, सुस्त
  15. ज्यादतियाँ – अन्याय
  16. खामोश – शांत, चुप
  17. निर्मम – निर्दयी
  18. हृदयहीन – दूसरों की भावनाओं की परवाह न करने वाला
  19. रीढ़रहित – अति दुर्बल, कमजोर
  20. पंजा – नाखून
  21. सहना – बर्दाश करना
  22. अन्याय – अत्याचार

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मुहावरे :

  1. हड़प लेना – बेईमानी से अधिकार कर लेना/दूसरे की वस्तु हजम कर जाना।
  2. सबक सिखाना – दंड देना।
  3. आसमान से गिरना – आश्चर्यचकित होना।
  4. ठग लेना – धोखा देना।
  5. तंग आना – परेशान होना।

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 7 Laghu Katha Lekhan Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 7 लघुकथाएँ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 7 Laghu Katha Lekhan Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 7 लघुकथाएँ Questions And Answers

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

संभाषणीय:

प्रश्न 1.
‘पर्यावरण संवर्धन’ संबंधी कोई पथ नाट्य प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः

  • सीमा: अरे देवेश, तुम कैसे हो? आज तुम इतने चिंतित क्यों दिख रहे हो?
  • देवेश: हाँ, मैं पर्यावरण-प्रदूषण को लेकर में थोड़ा चिंतित हूँ।
  • सीमा: मुझे पता है, पृथ्वी प्रदूषण से पीड़ित है और यह प्रदूषण भी दिनोंदिन खतरनाक होता जा रहा है।
  • देवेश: पर्यावरण-प्रदूषण न केवल प्रकृति के लिए खतरनाक है, बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणियों एवं पेड़-पौधों के लिए भी खतरनाक है।
  • सीमा: तुम्हें क्या लगता है कि आगे क्या होने जा रहा है?
  • देवेश: पर्यावरण-प्रदूषण एक गंभीर समस्या है। यह विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों में असंतुलन का कारण बनता है।
  • सीमा: हाँ, हमें हर किसी को इसके हानिकारक प्रभावों से अवगत कराना चाहिए तथा इसके संवर्धन के लिए सबको जागरूक करना चाहिए।
  • देवेश: हमें ‘पर्यावरण-संवर्धन’ के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
  • सीमा: लेकिन ये पर्यावरण-संवर्धन कैसे होगा?
  • देवेश: सीमा, प्रदूषण
  • मुख्यत: तीन प्रकार के होते हैं। वायु प्रदूषण, मृदा-प्रदूषण और जल प्रदूषण। जल प्रदूषण को रोकने के लिए हमें नदियों के पानी को गंदा नहीं
  • करना चाहिए। साफ पानी में कचरा नहीं फेकना चाहिए।
  • सीमा: वायु प्रदूषण और मृदा प्रदूषण को कैसे रोका जा सकता है?
  • देवेश: कल कारखानों से उठने वाली जहरीली गैसों से वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ती है इस समस्या को दूर करने के लिए कलकारखानों को शहरों से दूर बनाना चाहिए, तथा मृदा प्रदूषण अत्यधिक मात्रा में कीटनाशक तथा औद्योगिक कचरा फेंकने के कारण होता है। इसे हमें रोकना चाहिए।
  • सीमा: यह तो बड़ी खतरनाक स्थिति है!
  • देवेश: हाँ बहुत खतरनाक! अगर हम इन प्रदूषणों को शीघ्र दूर नहीं करेगें तो यह पर्यावरण की समस्या और बढ़ती ही जाएगी।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

लेखनीय:

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की जानकारी प्राप्त करके लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश की ‘राष्ट्रीय रक्षा अकादमी’ भारतीय सशस्त्र सेना की एक संयुक्त अकादमी है। जहाँ तीनों सेनाओं थलसेना, नौसेना और वायुसेना को एक साथ प्रशिक्षित किया जाता है। यह महाराष्ट्र के पुणे के करीब खड़कवासला में स्थित है। यहाँ के छात्रों ने अपनी वीरता से पूरे देश के सम्मान में चार चाँद लगाया है। इस अकादमी की शुरूआत 1 जनवरी 1949 को देहरादून में ‘आर्मड फोर्सेस अकादमी’ के नाम से किया गया। 6 अक्टूबर 1949 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा रक्षा अकादमी की नींव रखी गई। औपचारिक रूप से 7 दिसम्बर 1954 को इसे प्रारंभ किया गया। 16 जनवरी 1955 को वायु सेना अकादमी को भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल किया गया। इस अकादमी में लिखित परीक्षा द्वारा आवेदकों का चयन किया जाता है तथा चिकित्सा परीक्षण के साथ-साथ विस्तृत साक्षात्कार का सामना करना पड़ता है।

वे कैडेट जिन्हें स्वीकार किया जाता है और जो सफलतापूर्वक इस कार्यक्रम को पूरा करते हैं उन्हें उनके संबंधित सेवा में अधिकारियों के रूप में कमीशन किया जाता है। कैडेट अपने तीन वर्ष के अध्ययन के बाद डिग्री प्राप्त करता है। कैडेटों के पास अध्ययन की दो-धाराओं का विकल्प होता है -विज्ञान संकाय और कला संकाय। इसके अलावा कैडेटों को एक विदेशी भाषा लेनी होती है। यह विशेष बात है कि कैडेटों को विदेशी भाषा के अलावा इन सभी विषयों में बुनियादी शिक्षा लेनी पड़ती हैं। सभी कैडेट जो सफलतापूर्वक इस कार्यक्रम को पूरा करते हैं उन्हें सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में कमीशन किया जाता है।

इसलिए सैन्य नेतृत्व और प्रशिक्षण, पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा है। इसके अलावा कैडेटों को बाहरी गतिविधियों का चुनाव करना होता है। जिसमें पैरा-ग्लाइडिंग, नौकायन, तलवारबाजी, घुड़सवारी आदि। इस अकादमी के कई छात्रों ने महत्वपूर्ण संघर्षों में देश का नेतृत्व किया है। इसलिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी हमारे देश की सुरक्षा प्रणाली का आधार स्तंभ है।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

कृति क (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
1. शिक्षक
2. बेटी
उत्तर:
1. शिक्षिका
2. बेटा

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
वचन परिवर्तन कीजिए।
1. शिक्षक
2. मैं
उत्तर:
1. शिक्षकगण
2. हम

कृति क (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सैनिक हमारे देश की रीढ़’ विषय पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
“मातृभूमि का मान बढ़ाए जो, होता सैनिक वह सच्चा है, जिसको स्वदेश से प्यार नहीं, उस नर से पशु ही अच्छा है।” सैनिक एक सच्चा देशभक्त होता है। वह पूरे तन-मन से देश के प्रति समर्पित रहता है। हमें भारतीय सैनिकों का सम्मान करना चाहिए। उनकी भावनाओं का आदर करना चाहिए। सैनिक ही वह शक्ति है, जिसके बल पर हम चैन की नींद सोते हैं। देश की सुरक्षा के लिए हमारे भारतीय सैनिक अपनी जान की बाजी लगा देते हैं और हम उनका सम्मान करना ही भूल जाते हैं। आजकल तो भारतीय सैनिक पर भी राजनेता राजनीति करते हैं, यह शर्म का विषय है। हमें अपने सैनिकों का आदर हृदय से करना चाहिए।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. राजेश काका साब को यह समझा रहा था –
2. सबको घर में यह खटक रहा था –
उत्तर:
1. कार रखने में दिक्कत आएगी, पेड़ तो कटवाना ही पडेगा न!
2. बाउंड्रीवाल में बाधक बन रहा नीम का पेड़।

सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
काका साब की चुप्पी राजेश को……
(क) अच्छी लग रही थी।
(ख) बुरी लग रही थी।
(ग) खल रही थी।
उत्तर:
काका साब की चुप्पी राजेश को खल रही थी।

प्रश्न 2.
राजेश ने कनखियों से…….
(क) प्रतीक को देखा।
(ख) काका को देखा।
(ग) नीम के पेड़ को देखा।
उत्तर:
राजेश ने कनखियों से काका को देखा।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से शब्द युग्मों की जोड़ियाँ लिखिए।
उत्तर:
1. देखते-देखते
2. कहते-कहते

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

प्रश्न 2.
गद्यांश से विरुद्धार्थी शब्द ढूँढकर लिखिए।
1. कभी-कभी x …….
2. अव्यवस्था x …….
उत्तर:
1. हमेशा
2. व्यवस्था

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘वृक्षों को काटकर हम अपनी जीवनडोर काटते हैं।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
वृक्ष हमारी प्राकृतिक संपदा है। लेकिन मानव इतना स्वार्थी बन गया है कि उसने खुद के फायदे के लिए जंगलों की अंधाधुंध कटाई करनी शुरू कर दी है। उन्हें काटकर हम अपनी जीवनडोर काट रहे हैं। यदि हम वृक्षों को काटेंगे तो नुकसान हमारा ही होने वाला है। वृक्षों की कटाई करने से प्रदूषण बढ़ रहा है। वैश्विक तापमान में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण वर्षा अनियमित रूप से हो रही है। प्राणियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। आज कई जीव नष्ट हो गए हैं और कई नष्ट होने की कगार पर हैं। इससे पर्यावरण-संतुलन भी खतरे में पड़ गया है।

लघुकथाएँ Summary in Hindi

लेखिका-परिचय:

जीवन-परिचय: लेखिका ज्योति जैन का जन्म मध्य प्रदेश के मंदसौर शहर में हुआ था। इन्होंने विशेषतः कथा साहित्य एवं समीक्षा के क्षेत्र में लेखन किया है। इनकी रचनाएँ प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुई हैं।

प्रमुख कृतियाँ: लघुकथा संग्रह – ‘जल तरंग’, ‘कहानी संग्रह’, ‘भोरवेला’

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

गद्य-परिचय:

लघुकथा: हिंदी साहित्य में लघुकथा एक नवीनतम विधा है। यह किसी बहुत बड़े परिदृश्य में से एक विशेष क्षण/प्रसंग को प्रस्तुत करने का चातुर्य है। इसका विषय पूरी तरह से विकसित होता है; किंतु किसी उपन्यास से कम विस्तृत होता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत लघुकथा ‘दावा’ में लेखिका ने अप्रत्यक्ष रूप से सैनिकों के योगदान को देश के लिए सर्वोपरि बताया है। नीम का
पेड़’ लघुकथा में लेखिका ने यह सीख दी है कि पर्यावरण के साथ-साथ हमें बड़ों की भावनाओं का आदर करना चाहिए।

सारांश:

दावा: देशभक्ति के दावे की बहस में समाज का हर वर्ग (शिक्षक, चिकित्सक, इंजीनियर, बिजनेसमैन, किसान, नेता इत्यादि स्वयं को बड़े त्यागी होने का दावा पेश कर रहा था। जब रिटायर्ड फौजी से पूछा गया तो उसने सिर्फ यही कहा कि ‘किस बिना पर कुछ कहूँ। मेरे पास तो कुछ नहीं, तीनों बेटे पहले ही फौज में शहीद हो गए हैं।’

नीम का पेड़: राजेश के घर में गैरेज बनाने के लिए उसके काका के मना करने के बाद भी नीम का पेड़ काटे जाने की बात की जाती है। उसी समय उसका बेटा प्रतीक अपने पिता को एक पौधा भेंट करते हुए कहता है कि पापा आज मैं ‘फादर्स डे’ के दिन आपके लिए ये गिफ्ट लाया हूँ। इसे ऐसी जगह लगाएँ जहाँ भविष्य में इसे कोई काटे नहीं। राजेश को अपनी गलती का अहसास होता है और वह नीम के पेड़ को कटवाने का विचार छोड़ देता है।

शब्दार्थ:

  1. नौनिहाल – होनहार बच्चे
  2. चिकित्सक – चिकित्सा करने वाला वैद्य
  3. खादीधारी – खादी पहनने वाले
  4. योगदान – किसी काम में साथ देना
  5. शहीद – शहादत देने वाला
  6. बाउंड्रीवाल – चहारदीवारी
  7. खटकना – मन में किसी अनहोनी का डर होना
  8. दिक्कत – तकलीफ, परेशानी
  9. खलना – चुभना, बुरा लगना

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 7 लघुकथाएँ

मुहावरे:

  1. धीरे-धीरे खिसकना – चुपके से दूसरे की नजर बचाकर निकल जाना।
  2. पेश करना – प्रस्तुत करना।
  3. दावा जताना – अधिकार जताना।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 9 Vardan Mangunga Nahi Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 9 Vardan Mangunga Nahi Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Textbook Questions and Answers

संभाषणीय

प्रश्न 1.
गणतंत्र-दिवस’ के अवसर पर जनतांत्रिक शासन प्रणाली पर अपना मंतव्य प्रकट कीजिए।
उत्तर:
मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएँ, और मेरे सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। गणतंत्र दिवस पर अपने विचार व्यक्त करने का एक महान अवसर देने के लिए मैं सर्वप्रथम आपको धन्यवाद देता हूँ।

आज गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए हम यहाँ एकत्रित हए हैं। हम सभी के लिए यह एक महान और शुभ अवसर है। हमें एक-दूसरे को बधाई देनी चाहिए और अपने राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए भगवान से दुआ करनी चाहिए। हम लोग 1950 से ही हर वर्ष 25 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। इसी दिन २६ जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। अत: यहाँ पर शासन करने के लिए कोई राजा या रानी नहीं है। यहाँ की जनता ही यहाँ की शासक है। इस देश में रहने वाले हर एक नागरिक के पास बराबर का अधिकार है । बिना हमारे वोट के कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिए हमें अपना सबसे अच्छा प्रधानमंत्री या कोई भी दूसरा नेता चुनने का हक है।

लोकतंत्र अर्थात् जन-प्रतिनिधि एक ऐसा तंत्र है, जिसमें जनकल्याण की भावना से सभी कार्य संपन्न किए जाते हैं। जनकल्याण की भावना एक-एक करके इस शासन तंत्र के द्वारा हमारे सामने कार्य रूप में दिखाई पड़ने लगती है। लोकतंत्र का महत्त्व इस दृष्टि से भी होता है कि लोकतंत्र में सबकी भावनाओं का सम्मान होता है और सबको अपनी भावनाओं को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने का पूरा अवसर मिलता है। इसी प्रकार किसी भी तानाशाही का लोकतंत्र करारा जवाब देता है।

हमारे देश ने बहुत विकास किया है और विश्व के शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा है। विकास के साथ कुछ कमियाँ भी खड़ी हुई हैं; जैसे-असमानता, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा आदि। अपने देश को विश्व का एक बेहतरीन देश बनाने के लिए समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए हमें आज प्रतिज्ञा लेने की जरूरत है। धन्यवाद, जय हिन्द!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

आसपास

प्रश्न 1.
‘जीत के लिए संघर्ष जरूरी है।’ विषय पर प्रतियोगिता में सहभागी टीम के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तरः
किसी ने क्या खूब कहा है:

किश्ती तूफ़ान से निकल सकती है,
बुझता हुआ चिराग़ फिर से जल सकता है।
उम्मीद न हार, न अपने इरादे बदल,
ये तक़दीर है, तक़दीर किसी भी वक्त बदल सकती है।

मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं। जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान हैं, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। हमारे जीवन में सुख भी है, दुख भी है, अच्छाई भी है, बुराई भी है। जहाँ अच्छा वक्त हमें खुशी देता है, वहीं बुरा वक्त हमें मजबूत बनाता है। हम अपनी जिंदगी की सभी घटनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकते, पर उनसे निपटने के लिए सकारात्मक सोच के साथ सही तरीका तो अपना ही सकते हैं।

कई लोग अपनी पहली असफलता से इतना परेशान हो जाते हैं कि अपने लक्ष्य को ही छोड़ देते हैं। कभी-कभी तो अवसाद में चले जाते हैं। अब्राहम लिंकन भी अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेकों चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए।

संघर्ष ही जीवन है। जीवन संघर्ष का ही दूसरा नाम है। इस सष्टि में छोटे-से-छोटे प्राणी से लेकर बड़े-से-बड़े प्राणी तक, सभी किसी-न-किसी रूप में संघर्षरत हैं। जिसने संघर्ष करना छोड़ दिया, वह मृतप्राय हो गया। जीवन में संघर्ष है प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ। जो तरह-तरह के संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं, वे जीवन से भी हार जाते हैं, जीवन भी उनका साथ नहीं देता। जब हम संघर्ष करते हैं, तभी हमें अपने बल व सामर्थ्य का पता चलता है। संघर्ष करने से ही आगे बढ़ने का हौसला मिलता है और अंतत: हम अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं।

लेखनीय

प्रश्न 1.
‘जीवन में परिश्रम का महत्त्व पर’, अपने विचार व्यक्त
उत्तरः
जीवन में सफलता कौन नहीं चाहता। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई प्राप्त करना चाहता है। ये संसार भी ऐसे लोगों को ही याद रखता है जो इस दुनिया में सफल हुए हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विजय पताका फहराई है। एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट है, संसार में हर व्यक्ति की जीतने की इच्छा होती है, लेकिन जीतना इतना आसान नहीं है। जीतने के लिए कीमत होती है। अपने जीवन का एक लम्बा समय और उस लम्बे समय में किया हुआ अथाह परिश्रम।

परिश्रम वह मूलमंत्र है जो खजानों को खोल देता है. पर्वतों को चीर देता है, सारी दुनिया को मुट्ठी में कर लेता है और असफलता को फूंक मार कर उड़ा देता है। जरूरत है लगन, आस्था और अथक प्रयास की। जिस प्रकार कुएँ के पत्थर पर रस्सी के बार-बार आने-जाने से निशान पड़ जाते हैं उसी तरह परिश्रम द्वारा कठिन से कठिन कार्यों को भी सरल बनाया जा सकता है। कहा भी गया है

‘करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान।’

एक चीज़ को लक्ष्य बनाकर उस दिशा में प्रयत्न करना होता है। नियमित रूप से लगातार परिश्रम करना पड़ता है। हमारा मन भटकाने के लिए बहुत सारी चीजें सामने आएँगी पर उन पर ध्यान न देते हुए पूरी एकाग्रता से किया हुआ परिश्रम ही मनुष्य को सफलता दिला सकता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि मनुष्य ने कठोर परिश्रम द्वारा असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है। परिश्रम मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। शारीरिक और मानसिक परिश्रम के उचित तालमेल से व्यक्ति का तन और मन दोनों स्वस्थ रह सकता है। इसलिए परिश्रम से भागना बिल्कुल मूर्खता है।

विद्यार्थी को विद्यार्जन में, खिलाड़ी को अपने खेल में, कलाकार को अपनी कला में, गायक को अपने गीत में, एक सामान्य व्यक्ति को अपने पेशे में निरंतरता लानी है, तो परिश्रम ही एकमात्र रास्ता है। परिश्रम से बचकर कोई और रास्ता ढूँढ़ना समय की बरबादी है। जीवन में सफलता और परिश्रम एक-दूसरे से सिक्के के दो पहलू की तरह जुड़े हुए हैं। इसलिए जीत की इच्छा रखने वाले को कठोर परिश्रम के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
किसी अवकाश प्राप्त सैनिक से उनके अनुभव सुनिए और उनसे प्रेरणा लीजिए ।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
कविवर्य रवींद्रनाथ टैगोर की कविता पढ़िए।

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

प्रश्न (क)
कवि इन परिस्थितियों में वरदान नहीं माँगना चाहते –
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 1

प्रश्न (ख)
आकृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 3

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 5

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

2. पदूय में पुनरावर्तन हुईं पक्ति लिखिरा

प्रश्न 1.
पदूय में पुनरावर्तन हुईं पक्ति लिखिरा

3. रेखांकित वाक्यांशों के स्थान पर उचित मुहावरा लिखिए।

प्रश्न 1.
रुग्ण शय्या पर पड़ी माता जी को देखकर मोहन का धीरज धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। (तिल-तिल मिटना, जिस्म टूटना)
उत्तरः
रुग्ण शय्या पर पड़ी माता जी को देखकर मोहन का धीरज तिल-तिल मिट रहा था।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए।

  1. लता कितनी मधुर गाती है।
  2. तितली के पास सुंदर पंख होते हैं।
  3. यह भोजन दस आदमी के लिए है।
  4. कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य है।
  5. उसने प्राण की बाजी लगा दी।
  6. तुमने मीट्टी से कीया प्यार।
  7. यह है न पसीने का धारा।
  8. आओ सिंहासन में बैठो।
  9. तुम हँसो कि फूले-फले देश।
  10. यह गंगा का है नवल धार।

उत्तरः

  1. शुदध वाक्य
  2. लता कितना मधुर गाती है।
  3. तितली के पंख सुंदर होते हैं।
  4. यह भोजन दस आदमियों के लिए है।
  5. कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल हैं।
  6. उसने प्राणों की बाजी लगा दी।
  7. तुमने मिट्टी से किया प्यार।
  8. यह है न पसीने की धारा।
  9. आओ, सिंहासन पर बैठो।
  10. तुम हँसो ताकि फूले-फले देश।
  11. गंगा की यह नवल धार है।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 6

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 7

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 8

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
‘जीवन-महा-संग्राम है।’ इस का अर्थ है-
उत्तरः
जीवनपथ पर चारों ओर दुख एवं संकट-ही-संकट है। अत: जीवन रूपी पथ पर चलते समय उनके साथ संघर्ष करना पड़ता है। यही जीवन का महासंग्राम है।

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
यह हार एक ……………….. वरदान माँगूंगा नहीं।
भावार्थ:
कवि स्वाभिमानी हैं अत: वह ईश्वर से दया की भीख नहीं माँगना चाहते। वे कहते हैं यह जीवन एक बड़ा युद्ध है। इस युद्ध में हार भी हो सकती है और जीत भी हो सकती है । यदि जीवन में हार का सामना करना पड़ेगा तो भी वह घबराएँगे नहीं। वे कहते हैं कि जीवन में मिली हार बहुत दिन नहीं ठहरती । अत: जीवनरूपी महासंग्राम में आने वाले दुख एवं संघर्षों से वह भयभीत नहीं होंगे, वह तिल-तिल मिटेंगे यानी जब तक शरीर में प्राण है तब तक वह सघर्षों का सामना करेंगे परंतु संघर्षों से बाहर निकलने के लिए वह ईश्वर से दया की भीख कदापि नहीं माँगेंगे। वे कहते हैं कि मैं ईश्वर से कभी वरदान नहीं माँगूंगा।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 9

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
1.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 10
2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 11
3.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 12

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
लघुता न ………………….. वरदान माँगूंगा नहीं।
भावार्थः
कवि अपने आप को बहुत ही लघु यानी छोटा मानते हैं। आखिर ईश्वर के सामने सभी लघु ही होते हैं। ईश्वर महान होता है। इस तथ्य को स्वीकार कर कवि कहते हैं, “मेरी लघुता को छूने का प्रयास मत करो यानी मेरे दुख-दर्द दूर करने का विचार तू त्याग दे; इस संसार में तुम सबसे श्रेष्ठ हो। अत: तुम महान बने रहो। मैं अपने हृदय में निर्मित वेदना को व्यर्थ त्यागूंगा नहीं और उसे मेरे हृदय से निकालने के लिए मैं तुमसे वरदान नहीं माँगूंगा।’

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मौलिक सजन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे शीर्षक दीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 13
स्मृतियों के साथ अंतरिक्ष की ओर
खुशी के मारे उसके पाँव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। नासा से बाहर आते ही उसने घर का नंबर मिलाया।

“पापा!” उससे बोला नहीं गया।
“हमारी बेटी ने किला फतह कर लिया! है न?”
‘हाँ, पापा!” वह चहकी, ‘मैंने नासा में प्रवेश पानेवाली परीक्षा
पास कर ली है। मेरिट में पहले नंबर पर हैं।”
‘शाबाश! मुझे पता था हमारी बेटी लाखों में एक है!”
“पापा, पंद्रह मिनट के ब्रेक के बाद एक औपचारिक इंटरव्यू और होना है। उसके फौरन बाद मुझे ‘नासा अंतरिक्ष प्रवेश कार्ड’ दिया जाएगा। मम्मी को फोन देना”

“तुम्हारी मम्मी सब्जी लेने गई है। आते ही बात कराता हूँ। आल द बेस्ट, बेटा!” उसकी आँखें भर आई। पापा की छोटी-सी नौकरी थी, लेकिन उन्होंने बैंक से कर्जा लेकर अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाई थी। मम्मी-पापा की आँखों में तैरते सपनों को हकीकत में बदलने का अवसर आ गया था। उसे याद आए अपने वह बचपन के दिन, वह बरगद का वृक्ष, जिसके नीचे बैठकर वह लगातार अंतरिक्ष की ओर देखा करती थी।

उसी वृक्ष के नीचे बैठकर वह अंतरिक्ष संबंधी पुस्तकें पढ़ा करती थी। उसे याद आया, वह कैमरा, जो उसके पापा ले आए थे। उसी कैमरे को आँखों के सामने पकड़कर वह अंतरिक्ष की ओर देखती थी। बचपन की वह यादें, वह वृक्ष, पुस्तक और कैमरा मानो उसे पुकार-पुकार कर कहे रहे थे – दिव्या तुम सचमुच दिव्य हो, अब तुम अंतरिक्ष का भ्रमण करने निकलोगी। क्या हमें साथ लेकर नहीं चलोगी?

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पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – वरदान माँगूंगा नहीं
  • कविता की विधा – गीत
  • पसंदीदा पंक्ति – चाहे हृदय को ताप दो। चाहे मुझे अभिशाप दो। कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूंगा नहीं। वरदान माँगूंगा नहीं।
  • पसंदीदा होने का कारण – प्रस्तुत पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की बात की गई है।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्य पथ पर अटल रहना चाहिए।

आने वाले संकटों का हँसते हए सामना करने की भावना रखनी चाहिए। व्यक्ति के हौसलें बुलंद होने चाहिए। व्यक्ति में आत्मविश्वास होना चाहिए कि वह आने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों का अकेले सामना कर सके और अपने कर्तव्य पथ से कदापि पीछे नहीं हटे। व्यक्ति को तूफानों का सामना करने का साहस स्वयं रखना चाहिए।

वरदान माँगूँगा नही Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: जनकवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी, प्रगतिवादी कविता के स्तंभ कवि थे। उनकी कविताओं में जनकल्याण, प्रेम, रचनात्मक विद्रोह के स्वर मुख्य रूप से मुखरित हुए हैं। वे अपने समय के सामूहिक चेतना के संरक्षक के रूप में कार्यरत रहे।

प्रमुख कृतियाँ: काव्य संग्रह – हिल्लोल, जीवन के गान, युग का मेल, मिट्टी की बारात, विश्वास बढ़ता ही गया, वाणी की व्यथा आदि।
गद्य रचनाएँ – महादेवी की काव्य साधना, गीतिकाव्य उद्भव और विकास’ ।

पद्य-परिचय:

गीत: स्वर, पद और ताल से युक्त गीत हिंदी साहित्य की महत्त्वपूर्ण विधाओं में से एक है। इसमें गेयता होती है। गीत मनुष्य मात्र की भाषा है। गीतों के माध्यम से मानव जीवन में ऊर्जा एवं ताजगी का संचार होता है।
प्रस्तावना: प्रस्तुत गीत के माध्यम से कवि ने स्वाभिमान के बल पर सुख-दुख में समभाव रखकर कर्तव्य पथ पर सतत बढते रहने की प्रेरणा प्रदान की है।

सारांश:

‘वरदान माँगूंगा नहीं’ इस कविता में कवि कहते हैं कि जीवन एक महासंग्राम है। हमें इस जीवनरूपी महासंग्राम का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। कवि विपरीत परिस्थितियों में भी कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की सलाह देते हैं। कवि जीवन में आनेवाले संघर्षों को अपने आत्मविश्वास, प्रयास व परिश्रम द्वारा दूर करने की सलाह देते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

शब्दार्थ:

  1. विराम – ठहराव
  2. महा-संग्राम – बड़ा युद्ध |
  3. स्मृति – यादें
  4. खंडहर – (यहाँ) खंडित आकांक्षा
  5. लघुता – छोटापन
  6. वेदना – व्यथा, पीड़ा
  7. ताप – गर्मी
  8. अभिशाप – श्राप

मुहावरे:

तिल-तिल मिटना – धीरे धीरे समाप्त होना।

भावार्थ:

यह हार एक ………….. वरदान माँगूंगा नहीं।

कवि स्वाभिमानी हैं अत: वह ईश्वर से दया की भीख नहीं माँगना चाहते। वे कहते हैं यह जीवन एक बड़ा युद्ध है। इस युद्ध में हार भी हो सकती है और जीत भी हो सकती है । यदि जीवन में हार का सामना करना पड़ेगा तो भी वह घबराएँगे नहीं । वे कहते हैं कि जीवन में मिली हार बहुत दिन नहीं ठहरती । अत: जीवनरूपी महासंग्राम में आने वाले दुख एवं संघर्षों से वह भयभीत नहीं होंगे, वह तिल-तिल मिटेंगे यानी जब तक शरीर में प्राण है तब तक वह सघर्षों का सामना करेंगे परंतु संघर्षों से बाहर निकलने के लिए वह ईश्वर से दया की भीख कदापि नहीं माँगेंगे। वे कहते हैं कि मैं ईश्वर से कभी वरदान नहीं माँगूंगा ।

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