Class 9 Hindi Chapter 4 Maan Ja Mere Man Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 मान जा मेरे मन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 4 Maan Ja Mere Man Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 4 मान जा मेरे मन Questions And Answers

1. भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
रेखांकित शब्द से उपसर्ग और प्रत्यय अलग करके भाषा बिंद लिखिए।
उत्तर:
उदा. मन बड़ा दुस्साहसी था।
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2. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘मानवीय भावनाएँ मन से जुड़ी होती हैं,’ इस पर गुट में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
मन से ही भावनाओं की उत्पत्ति होती है। मनुष्य का मन जैसा होता है, उसकी भावनाएँ भी वैसी ही होती हैं। मन से ही अच्छी तथा बुरी भावनाएँ जुड़ी होती हैं। जिनका मन अच्छा होता है, उनकी भावनाएँ अच्छी होती हैं। जिनका मन बुरा होता है, उनकी भावनाएँ बुरी होती हैं। मन बड़ा ही चंचल होता है, जो प्रति पल बदलता रहता है। परंतु मन को अपनी बुद्धि से नियंत्रित किया जा सकता है। मन घोड़े के भाँति भागता है, तो बुद्धि उसे लगाम की तरह नियंत्रित करती है।

जब मनुष्य अपनी बुद्धि से अपने मन को वश में करता है और अच्छे कार्यों में लगाता है, तो उसकी भावनाएँ और विचार दोनों अच्छे हो जाते हैं, पर जब वह अपने मन को अनियंत्रित छोड़ देता है, तो उसका मन बुरे कार्यों में डूब जाता है। मनुष्य की भावना अच्छी है तो उसे चारों तरफ अच्छाई दिखती है और भावना बुरी है उसे चारों तरफ बुराई ही बुराई दिखाई पड़ती है। क्योंकि उसका मन ही बुराइयों से भरा होता है।

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3. लेखनीय :

प्रश्न 1.
मन और लेखक के बीच हुए किसी एक संवाद को संक्षिप्त में लिखिए।
उत्तर :
मन को अपनी बुद्धि के द्वारा नियंत्रित करना चाहिए। मन को मनमाना छोड़ देने से अपना बड़ा नुकसान होता है। फिर वह किसी अच्छी बात को मानने के बजाय हजारों तर्क देता है। एक दिन की बात है। आधी रात का वक़्त था। लेखक चारपाई पर उदास बैठा अपने मन को समझाने का प्रयास कर रहा था। उसका मन रूठा-सा कमरे में इधर-उधर घूम रहा था। लेखक ने कहा-‘मन भाई, डॉक्टर कह रहा था कि तुम्हारा वजन बहुत अधिक बढ़ गया है। मैं स्टेशनवाली मशीन पर अपने को वन करने चढ़ा तो उसने भी मना कर दिया। फिर बाज़ार गया तो वहाँ की मशीन ने मेरा वजन बताया। सोचो, जब मेरे वजन से मशीन को इतना कष्ट हो रहा है तो….

मन ने बात काटते हुए उदाहरण देकर समझाया, तुमने बचपन में बाइस्कोप में एक भारी-भरकम महिला देखा था, उससे तुम अभी काफी दुबले पतले हो। लेखक ने कहा, “मेरी तकलीफ पर गौर करो। रिक्शेवाले मुझे रिक्शे पर नहीं बिठाते। दर्जी अकेले मुझे नाप नहीं सकता।” ये सारी घटना शाम को ही घट चुकी थी।

व्यक्तिगत आक्षेप सुनकर लेखक चिढ़कर अपने मन से बोला ‘इतने वर्षों से तुम्हें पालता रहा, यही गलती की। विद्वानों ने कहा है कि ‘मन को मारना चाहिए’, यह सुनकर लेखक का मन अप्रत्याशित ढंग से चिंतित होने लगा और वह बोला- ‘इतने दिनों की सेवाओं का यही फल ! मैं जानता हूँ, तुम डॉक्टर और दुबले आदमियों के साथ मिलकर मेरे खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हो। तुम विश्वासघाती हो, मैं तुमसे बोलूंगा नहीं। व्यक्ति को हमेशा उपकारी वृत्ति रखनी चाहिए। लेखक का मन मुँह मोड़कर सिसकने लगा। बहुत तरह से मनाने पर लेखक का मन नहीं माना तो संगीत सुनाकर किसी तरह उन्होंने अपने मन को मनाया।

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4. रचनात्मकता की ओर मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ इस उक्ति पर कविता / विचार लिखिए।
उत्तर:
‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ यह उक्ति संत कवि रैदास जी के लिए प्रचालित है। जिसका अर्थ है यदि अपना मन पवित्र है तो घर की कठौती (काठ का बना पात्र) में रखा पानी भी अपने लिए गंगाजल के समान पवित्र है। आप को उस जल में स्नान करने से ही गंगा स्नान का पुण्य मिल जाएगा। आपका मन ही गंदा है तो आप कितने ही बार गंगा स्नान क्यूँ न कर लें आप के पाप धुलने वाले नहीं हैं। मंदिर के अंदर जाकर लाखों रूपए चढ़ाते हैं, मिठाइयाँ और दूध चढ़ाते हैं। इससे पुण्य नहीं मिलेगा। आप भूखे को भोजन, नंगे को कपड़ा और लाचार को सहारा दो और मंदिर में जाकर उनके कल्याण के लिए प्रार्थना करो तो पुण्य मिलेगा। हमेशा अपने मन को पवित्र रखो, लोगों का उपकार करो, बुराइयों से बचो, तो सारे तीर्थ आपके घर में होंगे। ईश्वर आपके हृदय में निवास करेंगे और आपको पुण्य मिलेगा।

5. पाठ के आँगन में :

प्रश्न 1.
‘मन की एकाग्रता’ के लिए आप क्या करते हैं, बताइए।
उत्तरः
मन इतना चंचल है कि इसको वश में रखना वास्तविक रूप से बहुत कठिन है। हमें खुद को भी यह ज्ञान नहीं होता कि मन कितनी जल्दी भटक जाता है। जब तक हम अपनी इंद्रियों को वश में नहीं करते तब तक हम अपने मन को स्थिर नहीं कर सकते। मैं अपने मन की एकाग्रता के लिए अपनी दिनचर्या का विशेष ध्यान देता हूँ। हर कार्य को समय पर करता हूँ। योगा भी नियमित रूप से करता हूँ। विषय-वासना से दूर रहता हूँ। किसी चौज के लिए अपने मन को विचलित नहीं होने देता। अपने चारों तरफ बिछे हुए मायाजाल से मैं अपने आप को बचाता हूँ।

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प्रश्न 2.
‘मान जा मेरे मन’ निबंध का आशय अपने शब्दों में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
‘मान जा मेरे मन’ निबंध के माध्यम से लेखक रामेश्वर सिंह कश्यप ने मन पर नियंत्रण रखने की बात बताई हैं। इस निबंध के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि आज मन पर नियंत्रण न रख पाना प्रत्येक की कमजोरी बन गई है। मन की चपलता, चंचलता मन को नियंत्रित करने में बाधक होती है। किंतु हमें बुरी चीजों से दूर रहने के लिए मन पर नियंत्रण करना ही चाहिए।

प्रश्न 3.
सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 4.
सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:
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Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 4 मान जा मेरे मन Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. सुने कमरे में यह चहलकदमी कर रहा था –
उत्तर :
लेखक का मन ।

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प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।

  1. मामला बड़ा ………………… था।
  2. आप ……………… हैं लेकिन गलत दिशा में।
  3. आदमी का …………. तीन मन से ज्यादा नहीं होता।

उत्तर:

  1. संगीन
  2. प्रगतिशील
  3. वजन

कृति क (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द गद्यांश से ढूँड़कर लिखिए।
i. मौत ………
ii. कम ………..
उत्तर :
i. जिंदगी
ii. ज्यादा

प्रश्न 2.
लिंग पहचानकर लिखिए।
i. आदमी
i. महिला
उत्तर :
i. पुल्लिंग
ii. स्त्रीलिंग

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प्रश्न 3.
उचित शब्द तैयार कीजिए।
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उत्तर:

  1. स्वयंचलित
  2. संगीन
  3. प्रगतिशील

कृति क (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मन पर नियंत्रण रखना आवश्यक है।’ इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
मन पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। यदि मन को छूट दे देते हैं तो वह बेलगाम घोड़े की तरह दौड़ने लगता है। फिर इस पर काबू पाना कठिन हो जाता है। मनुष्य के मन की शक्ति उसके उन्नति के लिए अनेक द्वार खोलती है। किसी वस्तु को पाने की प्रबल इच्छा हो और उसे प्राप्त करने का प्रयत्न पूरे मन से किया जाए तो उस वस्तु को हासिल करना असंभव नहीं हैं। मन को सदैव स्थिर रखना चाहिए क्योंकि चंचल मन कभी-भी संतुष्ट नहीं होता। जिसने अपने मन को जीत लिया, सफलता उसी के कदम चूमती है।

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(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. व्यक्तिगत आक्षेप सुनकर लेखक तिलमिला उठा।
ii. लेखक के पास कसरत का सब सामान तो है ही नहीं।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति ख (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जिसकी आशा न की गई हो –
ii. विश्वास घात करने वाला –
उत्तर:
i. अप्रत्याशित
ii. विश्वासघाती

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए ।
i. अपकारी
ii. सफल
उत्तर :
i. उपकारी
ii. विफल

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कृति ख (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मन और भावनाएँ एक ही सिक्के के दो पहलू’, इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
मन और भावनाएँ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। मनुष्य का मन जैसा होगा वैसे ही विचार उसके मन में आएंगे। मन के द्वारा ही भावनाओं का संचालन होता है। सुख और दुख दोनों ही मन के भावनाओं की अभिव्यक्ति है। इसी विषय पर महाकवि तुलसीदास जी ने लिखा है, ‘जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी’ अर्थात जिसके मन में जैसी भावना होती है ईश्वर उसे उसी रूप में दिखाई देते हैं। भावनाएँ सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की होती हैं।

सकारात्मक भावनाएँ मनुष्य को विकास के रास्ते पर ले जाती हैं और नकारात्मक भावनाएँ उसे विनाश के गर्त में पहुँचा देती हैं। दोनों ही प्रकार की भावनाओं का संचालन हमारे मन द्वारा ही होता है। विद्वानों का मत है कि सकारात्मक भावनाएँ हमें मोक्ष की ओर आगे बढ़ाती है इसलिए मन को ऐसा रखना चाहिए कि वह हमेशा सकारात्मक विचार करे और नकारात्मकता को अपने पास फटकने न दे।

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(ग) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।
i. ओस से भीगा मैदान दौड़ता हुआ मैं…
(क) डूबता हुआ सूरज।
(ख) उगता हुआ सूरज।
(ग) प्रकृति का दृश्य।
उत्तर:
(ख) उगता हुआ सूरज।

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ii. व्यायाम करने वालों के लिए……
(क) गहरी नींद जरूरी है।
(ख) जगे रहना जरूरी है।
(ग) दौड़ना और चलना जरूरी है।
उत्तर:
(क) गहरी नींद जरूरी है।।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्व लिखिए।

  1. दोपहर को उठकर सभी को दौड़ना चाहिए।
  2. व्यायाम करनेवालों के लिए गहरी नींद बहुत जरूरी है।
  3. मन बड़ा साहसी था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य

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कृति ग (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
शुद्ध शब्द पहचानकर लिखिए।

  1. भुक्खड़ों / भुक्वड़ों / भुख्खड़ों
  2. व्यायम / व्यायाम / ब्यायाम
  3. दुस्ससी / दुसाहसी / दुस्साहसी
  4. चिड़ियाँ / चौड़िया / चिड़ीयाँ

उत्तर :

  1. भुक्खड़ों
  2. व्यायाम
  3. दुस्साहसी
  4. चिड़ियाँ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. दिनकर
  2. चिंता
  3. विदेशी

उत्तर:

  1. सूरज
  2. फिक्र
  3. विलायती

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कृति ग (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यायाम करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है। इसलिए व्यायाम हमारे लिए बहुत आवश्यक है। यह शरीर के साथ-साथ मन को भी स्वस्थ रखता है। स्वस्थ मस्तिष्क में ही किसी कार्य को करने की एकाग्रता बढ़ती है। आधुनिक युग में जब इंसान तनावभरी जिंदगी जीता है और वह अपने मन को एकाग्र करने में असमर्थ होता है; उस समय व्यायाम द्वारा ही वह मन को एकान कर पाता है। इसके द्वारा इंसान तनाव मुक्त हो जाता है और उसका मन शांत हो जाता है तथा शांत मन ही उसे सही दिशा में संचालित करता है और वह सही निर्णय लेने में सक्षम हो पाता है। व्यायाम शरीर तथा मस्तिष्क दोनों को स्फूर्ति तथा ताजगी प्रदान करता है। अत: यह कथन सही है कि व्यायाम करने से मन के एकाग्रता में वृद्धि होती है।

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(घ) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. लेखक ने यह संकल्प किया –
ii. लेखक रिक्शे पर यहाँ जा रहा था –
उत्तर :
i. जिस तरह ऋषि सिर्फ हवा-पानी से रहते हैं उसी तरह लेखक भी रहेंगे।
ii. बाजार

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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कृति घ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से शब्द-युग्म छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
i. हवा – पानी
ii. चलने – फिरने

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. अनाकृष्ट
  2. सम्मानित
  3. निराशा
  4. अनिच्छा

उत्तर:

  1. आकृष्ट
  2. अपमानित
  3. आशा
  4. इच्छा

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कृति ग (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘दृढ निश्चय हो, तो सफलता अवश्य मिलेगी’, इस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर :
जीवन में सफलता पाने का मूलमंत्र है दृढ़संकल्प और एकनिष्ठ प्रयास। जिस व्यक्ति की इच्छा शक्ति प्रबल होती है, सफलता उसी के कदम चूमती है। संसार में ऐसे बहुत से मनुष्य हुए जिनमें बहुत सारी दुर्बलताएँ थीं, लेकिन अपनी अटूट इच्छाशक्ति से उन्होंने उन दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त की और सफलता के शिखर पर आरुढ़ हुए। यह सत्य है कि हम जिस वस्तु की इच्छा अपने मन से करते हैं उसे पाने के लिए हमारी शारीरिक तथा मानसिक शक्तियाँ लग जाती हैं और अपनी इच्छाशक्ति की बदौलत हम उस वस्तु को हासिल भी कर लेते हैं।

इतिहास गवाह है कि जितने भी व्यक्ति सफल हुए और दुनिया में अपना नाम कमाया, उन सारे व्यक्तियों ने अपने इच्छाशक्ती और कठिन परिश्रम से दुर्बलताओं पर विजय प्राप्त की और अपने प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी। इसलिए दृढ़ संकल्प तथा अटूट इच्छाशक्ति हो तो सफलता अवश्य मिलती है।

मान जा मेरे मन Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : रामेश्वर सिंह कश्यप का जन्म बिहार के रोहतास जिले के सेमरा गाँव में हुआ था। सन 1950 में पटना के बीषन कालेज से उन्होंने एम.ए. किया तथा उसी साल ये पटना विश्वविद्यालय में हिंदी के व्याख्याता पद पर नियुक्त हुए। बाद में एस.पी.जैन कालेज सासाराम के प्राचार्य हुए। रामेश्वर सिंह कश्यप का रेडियो नाटक ‘लोझ सिंह’ भोजपुरी का पहला सोप ओपेरा है।
प्रमुख कृतियाँ : नाटक – ‘रोबोट’, ‘किराए का मकान’, ‘पंचर’, ‘आखिरी रात’, ‘लोहा सिंह’ आदि।

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गद्य-परिचय :

हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध : कल्पना व विज्ञान इन दोनों का समन्वय कर पाठकों के मन में जिज्ञासा निर्माण करने का कार्य साहित्य की जो विधा करती है, उसे “विज्ञान कथा’ कहते हैं। इसमें जीवन की किसी घटना का रोचक और प्रवाही वर्णन किया जाता है।
प्रस्तावना : प्रस्ततु निबंध में लेखक ने मन पर नियंत्रण न रख पाने की कमजोरी पर करारा व्यंग्य किया है तथा वास्तविकता की पहचान कराई है। लेखक ने इस निबंध के माध्यम से हमें संदेश भी दिया है कि मन पर नियंत्रण रखना आवश्यक होता है।

सारांश :

प्रस्तुत निबंध में लेखक ने मन पर नियंत्रण न रख पाने की कमजोरी पर हास्य व्यंग्य किया है। लेखक बताते हैं कि उनका मन कभी उनकी बात नहीं सुनता था जिसके कारण लेखक और उनके मन में अनबन रहती थी। अनबन का मूल कारण यह था कि पूरे जीवन लेखक ने मन को छूट दे रखी थी जिसके कारण वह बुढ़ापे में उनकी बात सुनता ही नहें था। लेखक ने अपने मन को बहुत समझाया पर मन ने उनकी एक बात नहीं सुनी। लेखक चाहता था कि उसका मोटापा दूर हो जिसके लिए उसने व्यायाम करने की योजना बनाई। उसने मन को समझाया कि वह रोज सुबह उठकर दौड़ने जाएगा तथा खाना भी कम खाएगा और व्यायाम करेगा।

यह सब सोचकर वह सो गया और सपने में भी वही दृश्य देखने लगा। अचानक उसने अपने पैरों को जोर से झटका दिया, जिससे उसकी आँख खुल गई तो पता चला कि वह टेबल के नीचे दबा पड़ा है और घर के सदस्य उसे खींचकर निकाल रहे हैं। किसी तरह वह लंगडाता हुआ चारपाई पर गया। मन ने उसे समझाया, तुम्हें चोट काफी आ गई है। सो जाओ और वह सो गया।

सुबह साढ़े नौ बजे नींद खुलने पर उसने नाश्ता करते समय कहा कि पैर की चोट समाप्त होते ही वह फिर व्यायाम करना शुरू कर देगा तो उसकी पत्नी ने कहा कि तब तक खूब खा लो। अंततः पूरी कोशिश करने के बाद भी लेखक का मन उसकी बात नहीं सुना और वह मोटापे के रोग से ग्रसित ही रहा। इसलिए लेखक बताना चाहता है कि हमें अपने मन पर नियंत्रण अवश्य रखना चाहिए जिससे की हम बुरी चीजों से दूर रहें।

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शब्दार्थ :

  1. लापता – गायब, जिसका पता न लगे
  2. अनबन – मन-मुटाव
  3. मनमानी – अपने मन की करना
  4. देहरी – दहलीज
  5. बेलगाम – जिस पर नियंत्रण न हो
  6. संगीन – गंभीर
  7. चहल-कदमी – टहलना
  8. लिहाज – आदर, शर्म, लज्जा
  9. दृष्टांत – उदाहरण
  10. बाइस्कोप – फ़िल्म, चलचित्र
  11. विफल – व्यर्थ, असफल
  12. आक्षेप – आरोप
  13. बिसूरना – चिंतित होना
  14. मुग्दर – कसरत का एक साधन
  15. षडयंत्र – साजिश
  16. काट – तरह
  17. रुआँसा – रोते हुए
  18. भुक्खड़ – हमेशा खानेवाला
  19. विलायती – विदेशी
  20. ऐलान किया – घोषणा करना
  21. संकल्प – प्रतिज्ञा
  22. ऋषि – साधु
  23. आकृष्ट – आकर्षित
  24. राहगीर – आने-जाने वाले

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मुहावरे :

  1. कन्नी काटना – बचकर निकलना।
  2. गौर करना – ध्यान देना।
  3. नाक-भौं सिकौड़ना – अप्रसन्नता प्रकट करना।
  4. तिलमिला उठना – क्रोधित होना।
  5. लेने के देने पड़ना – लाभ के बदले हानि होना।
  6. सुर्थी कूटना टीस उठना – अपना महत्त्व बढ़ाना।
  7. टीसी उठना – दर्द का अनुभव होना।

कहावतें :

  • आस्तीन के साँप – अपनों में छिपा शत्रु
  • एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है – एक दुर्गुणी व्यक्ति पूरे वातावरण को दूषित करता है

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 6 Ae Sakhi Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 6 Ae Sakhi Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 ऐ सखि ! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 6 ऐ सखि ! (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 ऐ सखि ! Textbook Questions and Answers

संम्भाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जीवन में हास्य का महत्त्व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
रवि – अरे, रेखा क्या उदास बैठी हो, जब देखो उदास रहती हो। रेखा – तो क्या करूँ? तुम्हारे जैसा हीही-हीही करती रहूँ। रवि – हाँ, हमारे जैसा तुम भी हँसो। हास्य, मुस्कान और विनोद में कितना सुख है, कितना आनंद है? बड़ेबड़े चिकित्सालयों में रोगियों को हंसाने तथा प्रसन्न करने के लिए हास्य-विनोद की व्यवस्था रखी जाती है। रेखा – नहीं। अपनी हँसी अपने पास रखो। हँसने से गंभीरता समाप्त हो जाती है। गंभीरता जीवन में एक वांछित गुण है।

धीर-गंभीर और उत्तरदायी व्यक्ति समझकर लोग आदर करते हैं। रवि – यह बात सही है कि गंभीरता जीवन में वांछित गुण है। किंतु यह ठीक तभी है, जब आवश्यकतानुसार हो। गंभीरता के नाम पर हर समय मुँह लटकाए, गाल फुलाए, माथे में बल और आँखों में भारीपन भरे रहने वाले व्यक्तियों को समाज में बहुत कम पसंद किया जाता है। रेखा – हास्य-मुस्कान ठीक नहीं। कभी-कभार हँसी हो गई ठीक है। रोज-रोज हंसना ठीक नहीं। इसे लोग बुरा मानते हैं।

रवि – यह तुम्हारी सोच है रेखा। कोई बुरा नहीं मानता। जीवन में जब अवसर मिले हैंसना चाहिए। राजा-महाराजा स्वाँग और नाटकों के रूप में अपने प्रति व्यंग्य विनोद देखसुनकर प्रसन्न ही नहीं होते बल्कि सफल अभिनेता को पुरस्कार भी दिया करते थे। आज टेलीविज़न पर विविध प्रसिद्ध व्यक्तियों पर हास्य-व्यंग्य दिखाए जाते हैं जिसे देखकर संबंधित व्यक्ति भी हास्य-विनोद के नाम पर हँस पड़ते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखनीय लेखन करके चार्ट बनाइए। विद्यालय की दीवारों को सजाइए।
उत्तर:

  1. पैसा आपका सेवक है, यदि आप उसका उपयोग जानते हैं। वह आपका स्वामी है यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस
  2. जिसे धीरज है और जो मेहनत से नहीं घबराता, कामयाबी उसकी दासी है। – स्वामी दयानंद सरस्वती।
  3. अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति, जो भगवान ने तुम्हें दी है उसमें लगा दो। – कार्लाइल
  4. हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए, न कि सुख। – सुकरात
  5. अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है। – भगवान गौतम बुद्ध
  6. निराशा निर्बलता का चिह्न है। – स्वामी रामतीर्थ
  7. पाप एक प्रकार का अंधेरा है, जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है। – कालिदास
  8. पुस्तकें मन के लिए साबुन का काम करती हैं। – महात्मा गाँधी
  9. सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो। – नाइजिरियन कहावत

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पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी महिला साहित्यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
पहेलियों का संकलन कीजिए ।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
“पुस्तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं। उसमें विद्वानों के विचार, ज्ञान और अनुभव के साथ ही बहुत सारी रोचक बातें भरी रहती हैं। ऐतिहासिक घटनाओं, मनोरंजक कहानियों, चुटकुलों का समावेश इन पुस्तकों में होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत सारी पौराणिक कथाओं, मनोरंजक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं। खाली समय बिताने के लिए सबसे अच्छा और आसान उपाय है मनोरंजक किताबें पढ़ना। पुस्तकें सदियों से संजोए हुए ज्ञान से हमें अवगत कराती हैं। सचमुच पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न क.
मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों की विशेषताएँ लिखिए :
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उत्तरः

शब्द विशेषता
1. तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला
2. नीर क्षण में हृदय की पीड़ा को हरने वाला
3. अंजन आठ पहर तक मनरंजन करने वाला
4. डोल मीठे बोल बोलने वाला

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प्रश्न ख.
भावार्थ लिखिए : मुकरियाँ – 1, 5 और 9
उत्तरः
1. रात समय वह ……………………. ना सखि तारा।।
भावार्थः
प्रस्तुत कविता में नायिका अपने सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते) हुए कहती है, रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह सबसे अनोखा आश्चर्य है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह तारा है।

2. अति सुरंग है ………………….. ना सखि तोता।।
भावार्थः
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

3. बिन आए सबहीं ………….. ना सखि पाती।।
भावार्थ:
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग-अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जबाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए।

  1. तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी, पकड़ न मुझको तुम पाओगे, मेरे बिन तुम न रह पाओगे, बताओ मैं कौन हूँ?
  2. गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हो, पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।
  3. मुझमें भार सदा ही रहता, जगह घेरना मुझको आता, हर वस्तु से गहरा रिश्ता, हर जगह में पाया जाता।
  4. ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ, देखो मुझको गिरा न देना वरना कठिन हो जाएगा भरना
  5. लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है, खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है।

उत्तरः

  1. हवा
  2. पानी
  3. गैस
  4. द्रव्य
  5. चुंबक

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 ऐ सखि ! Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 2

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. तारों के आने का समय-
  2. तारों के जाने का समय
  3. मीठे बोल वाला-
  4. इसके आने पर शादी होती है

उत्तर:

  1. रात
  2. भोर
  3. ढोल
  4. ढोल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. तारा दिन को आता है, रात को जाता है।
ii. ढोल के बोल मोठे होते हैं।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. सूर्य : दिन :: तारा : …..
ii. प्रात : भोर :: विवाह : …..
उत्तर:
i. रात
ii. शादी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 5.
समझकर लिखिए।
चमड़े से बने चार वाद्य यंत्रों के नाम ।
उत्तर:
ढोलक, मृदंग, तबला, नगाड़ा

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ढोल के बोल सुहावने’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ढोल प्राचीन काल से एक सुहावना वाद्य यंत्र रहा है। ढोल के दोनों सिरे पर चमड़े मढ़े रहते हैं। जिन्हें बजाने से मीठी आवाज निकलती है। शादी-ब्याह तथा सभी शुभ अवसरों पर ढोल बजाने की परंपरा बड़ी पुरानी रही है। ढोल गीत, संगीत तथा भजन गायकों के सुर में सुर मिलाकर उनके आवाज में चार चाँद लगा देता है। होली के गीतों में ढोलक का जमकर प्रयोग होता है। इसे ताल वाद्य यंत्रों की श्रेणी में प्रमुख स्थान पर रखा जाता है।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 3

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 4

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. मन की तपन बुझाने वाला
  2. न जागने पर काट कर जगानेवाली
  3. सोते को बार-बार जगाने वाला
  4. राम भजन के बिना न सोने वाला

उत्तर:

  1. लोटा
  2. मक्खी
  3. मक्खी
  4. तोता

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प्रश्न 4.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. लोटा तन का भारी मन का छोटा होता है।
ii. तोता कुरंग पक्षी होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 5.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 5
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 6

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिखिए।
i. चटनी : चम्मच :: पानी : ….
ii. कोयल : कूकना :: तोता : ….
उत्तर:
i. लोटा
ii. रामभजन

प्रश्न 7.
पद्यांश में प्रयुक्त एक पक्षी का नाम लिखिए।
उत्तरः
तोता

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘प्रिय पक्षी तोता’ के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
तोता हमारे देश में प्राचीनकाल से ही एक लोकप्रिय पक्षी रहा है। यह बहुत समझदार होता है। तोते का हरा रंग, लाल चोंच, कंठ की काली पट्टी और कोमल पंख लोगों को मुग्ध कर देते हैं। चिड़ियाघर में तोते की कई जातियाँ पाई जाती हैं। तोते को पालना बहुत आसान है। यह अमरूद, अन्य फल तथा मिर्च बड़े चाव से खाता है और यह परिवार में सभी के साथ हिल-मिल जाता है। यह प्राणी अनुकरणप्रिय माना जाता है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 7

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 8

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. अर्धरात्रि को घर आने वाला
  2. कवि जिसकी सुंदरता का वर्णन नहीं कर सकता
  3. आँखों से एक क्षण के लिए भी अलग न होने वाला
  4. आठ पहर तक मनरंजन करने वाला

उत्तर:

  1. चाँद
  2. चाँद
  3. अंजन
  4. अंजन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. दिवस : सूर्य :: रात्रि :-
ii. कान : कुंडल :: आँख : ………
उत्तर:
i. चंद्रमा
ii. अंजन

प्रश्न 5.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. चाँद की सुंदरता का वर्णन हो सकता है।
  2. चाँद को देखते ही मन उदास हो जाता है।
  3. आँखों से अंजन एक क्षण के लिए भी अलग नहीं होता।
  4. अंजन आँखों की शोभा बढ़ाता है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

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प्रश्न 6.
पद्यांश में प्रयुक्त एक सौंदर्य प्रसाधन का नाम लिखिए।
उत्तर:
अंजन

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
चाँदनी रात का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चाँदनी रात का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। धरती से आकाश तक फैली हुई चाँदनी अनायास ही मन को मोह लेती है। वह जीवन में उल्लास भरती है, जीवन को शक्ति और आनंद प्रदान करती है। चाँदनी रात में सागर भी उल्लास से भर जाता है और उसमें ज्वार उठने लगता है। कभी-कभी चाँद बादल में लुका-छिपी खेलता है जो हमारे मन को अपनी ओर खींच लेता है। ऐसे समय में कुछ लोग नौका विहार का भी लुफ्त उठाते हैं। इस प्रकार चाँदनी रात का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

i. अर्धनिशा वह आयो ……………….. ना सखि चंद ।।
भावार्थ:
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

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(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 9

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. सारा संसार जिसको जीवन कहता है –
  2. जो क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है –
  3. जिसके न आने से सारा सुख भूल जाता है –
  4. जिसको सीने से लगाते ही छाती शीतल हो जाती है –

उत्तर:

  1. नीर
  2. नीर
  3. पत्र
  4. पत्र

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. जल के बिना नेक व्यक्ति को भी धीरज नहीं रहता है।
ii. पत्र आने से सारा सुख भूल जाता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 4.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. पत्र के अभाव से …………..
ii. पत्र के प्रभाव से ………….
उत्तर:
i. पत्र के अभाव से सब सुख भूल जाता है।
ii. पत्र के प्रभाव से अंग-अंग फूल जाता है।

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प्रश्न 5.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।
i. संसार के लोग जल को कहते हैं
(क) धारा
(ख) धीरज
(ग) जीवन
उत्तरः
(ग) जीवन

ii. इसको दिल से लगाते ही छाती ठंडी हो जाती है
(क) पानी
(ख) सखी
(ग) पत्र
उत्तरः
(ग) पत्र

कृति घ (2): स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
आज प्रदूषण जल, थल तथा वायु हर जगह फैला हुआ है। देश में जल प्रदूषण का खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा, कूड़ा-करकट, मल-मूत्र आदि नदियों और समुद्र में डाल दिया जाता है। झीलें भी इस गंदगी से बची नहीं हैं। इसी कारण जलीय वनस्पतियाँ, मछलियाँ और अन्य जीव-जंतु बड़ी संख्या में मरने लगे हैं। प्रदूषित जल से सिंचाई के कारण पैदावार भी नष्ट हो रही है। जल-प्रदूषण के अतिरिक्त वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण भी मानव जीवन के लिए खतरनाक है। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें प्रदूषण के सभी कारणों को दूर करना होगा।

ऐ सखि ! Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। उनका मूल नाम अबुल हसन यमीनुदीन खुसरो है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिंदवी और फ़ारसी में एक साथ लिखा। वे एक श्रेष्ठ शायर, गायक और संगीतकार थे। अमीर खुसरो अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी मृत्यु 1325 में हुई।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तुहफा-तुस-सिगर’, ‘वसतुल-हयात’, ‘गुर्रातुल-कमा’, ‘नेहायतुल-कमाल’, ‘दोहे-घरेलू नुस्खे’, ‘कह मुकरियाँ’, ‘दुसु खने’, ‘ढकोसले’, ‘अनमेलियाँ/उलटबाँसियाँ’, ‘हालात-ए-कन्हैया’, ‘नजराना-ए-हिंद’ आदि।

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पद्य-परिचय :

मुकरियाँ : यह पहेलियों (बुझौवल) का ही एक रूप है, जो लोक प्रचलित है, जिसका लक्ष्य मनोरंजन के साथ-साथ बुद्धिचातुर्य की परीक्षा लेना होता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘ऐ सखि’ के कवि अमीर खुसरो ने इन मुकरियों के माध्यम से अपनी विशेष शैली में पहेलियाँ बुझाईं हैं और स्वयं उनके उत्तर दिए हैं।

सारांश :

कवि अपनी पहेलियों के माध्यम से बताते हैं कि रात के समय आने वाला और सुबह घर चले जाने वाला तारा है। सबकी शादी कराने वाला और मीठे बोल वाला ढोल है। जल पिला कर प्यास बुझाने वाला लोटा है। सोते समय काट कर जगाने वाली मक्खी है। सुंदर रंगवाला, गुणवान और राम भजन किए बिना न सोने वाला तोता है। अर्धरात्रि को घर आने वाला और सुंदरता का भंडार चाँद है। आँखों की शोभा बढ़ाने वाला और आँखों से एक क्षण भी दूर न होने वाला काजल है। ‘जीवन’ नाम से प्रसिद्ध और क्षण में हृदय की पीड़ा दूर करने वाला जल है। आते ही प्रसन्नता लानेवाला और छाती को शीतल करने वाला पत्र है।

भावार्थ :

रात समय वह ………………… ना सखि तारा।।
प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बझाते (पुछते) हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्यं सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

वह आवे तब …………………. ना सखि डोल।।
नायिका आगे की पहेली बुझाते हुए कहती है कि वह आता है तब शादी होती है। शादी के दिन उसके सिवा कोई और नहीं होता है। उसके बोल बड़े मीठे लगते हैं। सखी पूछती है कि क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नही सखी, वह ढोल है।

जब माँगू तब …………… ना सखि लोटा।।
नायिका कहती है कि जब मैं उससे माँगती हूँ, तो वह मेरे लिए जल भर के लाता है और मेरे मन की गर्मी को बुझाता है अर्थात मेरी प्यास बुझाता है। भले वह शरीर का छोटा है लेकिन उसका हृदय विशाल है। उसकी सखी पूछती है, सखी क्या यह साजन है? फिर नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह तो लोटा है।

बेर-बेर सोबतहि ……………. ना सखि मक्खी ।।
नायिका कहती है कि वह बार-बार मुझे सोते हुए जगा देता है, अगर मैं नहीं जागती हूँ, तो मुझे काटता है और परेशान करता है। इससे मैं परेशान हो गई हैं और कुछ कर नहीं पा रही हूँ। नायिका की सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह मक्खी है।

अति सुरंग है ………… ना सखि तोता।।
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

अर्धनिशा वह आयो …………… ना सखि चंद।।
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

शोभा सदा बड़ावन ………………. ना सखि अंजन।।
नायिका कहती है, वह हमेशा आँखों की सुंदरता को बढ़ाता है । आँखों से क्षण भर के लिए अलग नहीं होता है। आठों पहर वह मेरे मन को भाता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह काजल है।

जीवन सब जग …………………………… ना सखि नीर।।
नायिका कहती है, जिसे सारा संसार ‘जीवन’ कहता है । जिसके बिना सज्जन धैर्य नहीं रख सकता। वह एक क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है ? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह साजन नहीं, पानी है।

बिन आए सबहीं …………….. ना सखि पाती।।
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंगअंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

शब्दार्थ :

  1. मेरे आवे – मेरे पास आते हैं
  2. भोर – प्रात:काल
  3. उठि – उठकर
  4. जावे – जाते है
  5. अचरज – आश्चर्य
  6. न्यारा – अनोखा
  7. सखि – सहेली
  8. दूजा – दूसरा
  9. वाके – उसके
  10. तपन – गरमी
  11. बेर-बेर – बार-बार
  12. सोवतहि – सोते हुए
  13. जगावे – जगाती
  14. व्याकुल – परेशान
  15. रंग रंगीलो – खुशमिज़ाज़
  16. सुरंग – सुंदर रंग
  17. गुणवंत – सभी गुणों से संपन्न
  18. अर्धनिशा – आधी रात
  19. चटकीलो – चमकदार रंग का
  20. भौन – भवन (घर)
  21. बरनै – वर्णन करना
  22. निरखत – देखकर
  23. मनरंजन – दिल को अच्छा लगने वाला
  24. छिनक – क्षणभर
  25. हिय – हृदय
  26. पीर – व्यथा, पीड़ा
  27. नीर – जल
  28. जासों – जिसको
  29. हरे – दूर करता है
  30. सिरा – शीतल

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संभाषणीय:

प्रश्न 1.
‘प्राकृतिक सौंदर्य का सच्चा आनंद आँचलिक (ग्रामीण) क्षेत्र में ही मिलता है’, चर्चा कीजिए।
उत्तर:
भारत गाँवों का देश है। आज भी भारत की अधिकतम जनसंख्या गाँवों में निवास करती है। महात्मा गाँधी कहते थे कि, “वास्तविक भारत का दर्शन गाँवों में ही संभव है जहाँ भारत की आत्मा बसी भारत के गाँव उन्नत और समृद्ध थे। ग्रामीण कृषक कृषि पर गर्व अनुभव करते थे, संतुष्ट थे। गाँवों में कुटीर उद्योग फलतेफूलते थे। लोग सुखी थे। भारत के गाँवों में स्वर्ग बसता था, किंतु समय बीतने के साथ शहरों का विकास होता गया और गाँव पिछड़ते गए।

परंतु आज भी जो बात गाँव में है वह शहर में कहाँ? आज हममें से कितने लोगों ने गाँव देखे हैं? गाँव जिन्हें ईश्वर ने बनाया, जहाँ प्रकृति का सौंदर्य बिखरा पड़ा है – हरे-भरे खेत, लहलहाती फसलें, कल-कल करती नदियाँ, नदियों में मछलियाँ पकड़ते मछुवारे, उनके जल में स्नान करते ग्रामवासी, कुएँ की रहट पर सजी-धजी औरतों की खिलखिलाहट, कहीं-कहीं पर पंम्पिंग सेट से सिंचाई करते कंधे पर फावड़ा लिए किसान तो कहीं पर कजरी गाते हुए धान की रोपाई करती महिलाएँ, हुक्का पीते किसान, गाय के पीछे दौड़ते बच्चे, पेड़ों से आम तोड़कर खट्टे आम खाती किशोरियाँ, रंग-बिरंगी तितलियाँ पकड़ते नन्हें-नन्हें बच्चे। गाँव की ये प्राकृतिक छटा तो निराली है। सत्य ही है कि प्राकृतिक सौंदर्य का सच्चा आनंद आँचलिक क्षेत्र में ही मिलता है।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
“किसी ऐतिहासिक स्थल की सुरक्षा हेतु आपके दवारा किए जाने वाले प्रयत्नों के बारे में लिखिए।
उत्तर:
ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति, संस्था या सरकार की नहीं है। हम भी अपने स्तर पर इनके रक्षक बन सकते हैं। हमारी एक बहुत बड़ी समस्या प्राचीन धरोहर को सुरक्षित रखने की भी है। पूरे देश में ऐसी अनगिनत प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतें हैं जिनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही है। कुछ इमारतें तो पूरी तरह उपेक्षित हैं और अगर उन पर ध्यान न दिया गया तो वे गिर जाएंगी।

सरकारी विभाग अपनी सीमा और साधनों की कमी के कारण केवल उन्हीं इमारतों की देखभाल करते हैं जो उनकी सूची में शामिल है पर यह काफ़ी नहीं है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के कोड़ा, जहानाबाद कस्बे को लिया जा सकता है। यह कस्बा मध्यकाल में बहुत प्रसिद्ध और महत्त्वपूर्ण केंद्र था। यहाँ मुगल सम्राटों तथा अन्य के द्वारा निर्मित भव्य ऐतिहासिक इमारतें हैं। यहाँ की ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण कैसे होगा। यह चिंता का विषय था।

मैंने जहानाबाद की इन इमारतों की सुरक्षा के लिए आस-पास के गाँव के लोगों को जागरूक किया उन्हें समझाया कि खाने-पीने का समान इधर-उधर न फेंककर कूड़ेदान में डालें। दीवारों पर कुछ न लिखें। लावारिस वस्तुओं के मिलने पर प्रशासन या पुलिस विभाग को सूचित करें। पार्किंग स्थल पर ही वाहन को खड़ा करें। फैलता है जिससे इमारतों को क्षति पहुँचती है।

अब तो हमारे गाँव के नवयुवक सप्ताह में एक दिन श्रमदान करके इमारतों के अंदर तथा बाहर साफ-सफाई का काम भी करते हैं। हम लोगों ने मिलकर ‘ऐतिहासिक धरोहर सुरक्षा फंड’ के नाम से एक संस्था बना ली है। जिसमें हर महीने पैसा जमा करते हैं और उस पैसे से टूटे-फूटे हिस्से की मरम्मत करवाते रहते हैं।

आसपास:

प्रश्न 1.
किसी कृषक से प्रत्यक्ष वार्तालाप करते हुए उसका महत्त्व बताइए।
उत्तर:
मोहन –  नमस्कार ! काका आप कैसे हैं?

किसान – नमस्कार ! नमस्कार ! मैं ठीक हूँ, सब प्रभु की कृपा है। आप तो शहरी जान पड़ते हैं?

मोहन – हाँ, आपने सही पहचाना। मैं शहरी हूँ, आपसे कुछ वार्तालाप करने यहाँ आया हूँ।

किसान – कहिए. आप को क्या कहना है?

मोहन – सबसे पहले आप हमें बताइए कि आपकी दिनचर्या क्या हैं?

किसान – हमारी दिनचयाँ रोजाना एक-सी ही रहती है। सबेरे उठते ही अपने पशुओं की सेवा करना उनको चारा डालना, गोबर की सफाई करने के बाद दूधारू पशुओं के दूध निकालना।

फिर हल और बैल लेकर खेत की ओर चल देते हैं। वहाँ पूरे दिन खेती के काम में जुटे रहते हैं। स्नान और दोपहर का भोजन हम अधिकतर खेत पर ही कर लेते हैं। शाम इलते ही हम घर लौटते हैं। घर आकर बैलों को घास, भूसा, खली आदि डालते हैं। फिर कहीं जाकर हमें आराम मिलता है।

मोहन – आप हर मौसम में ऐसे ही मेहनत करते हैं?

किसान- हाँ, हर मौसम में हमारा काम चलते रहता है। पूस-माघ की कड़कड़ाती ठंड, बैशाख-जेठ को चिलचिलाती धूप व सावन-भादों की तेज वर्षा के बीच भी हम काम में जुटे रहते हैं।

कृषक का महत्त्व:

कृषक कठिन परिश्रम करके खाद्यान्न पैदा करता है। इसी खाद्यान्न से देशवासियों का पेट भरता है। कृषक न हों तो हम भूखों मरने लगे। यही हमें अनाज, सब्जियाँ, फल, दूध आदि मुहैया कराते हैं। त्याग और तपस्या का दूसरा नाम है ‘किसान’। वह जीवन भर मिट्टी से सोना उत्पन्न करने की तपस्या करता रहता है। तपती धूप, कड़ाके की ठंड तथा मुसलधार बारिश भी उसकी इस साधना को तोड़ नहीं पाते। हमारे देश की लगभग 70% प्रतिशत आबादी आज भी गाँवों में निवास करती है। जिनका मुख्य व्यवसाय कृषि है। एक सत्य यह भी है कि भारत की मूल आत्मा वे किसान है, जो गाँवों में निवास करते हैं। किसान हमें खाद्यान्न देने के अलावा भारतीय संस्कृति और सभ्यता को भी सहेजकर रखे हुए हैं। यही कारण है कि शहरों की अपेक्षा गाँवों में भारतीय संस्कृति और सभ्यता अधिक देखने को मिलती है। किसान की शक्ति और भक्ति कृषि ही है। ऐसे ग्राम देवता को शत-शत् नमन् !

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘सबकी प्यारी, सबसे न्यारी मेरे देश की धरती’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे-मोती’

हम इस देश की धरती पर पैदा हुए हैं। इसका अनाज खाकर इसकी गोदी में खेल कर हम पले बढ़े हैं। हमारे लिए यह इतनी महत्त्वपूर्ण है जितने की हमारे माता-पिता। भारत एक भू-भाग का नाम नहीं है अपितु उस भू-भाग में बसे लोगों की संस्कृति सभ्यताएँ, उसके रीति-रिवाजों, उसके अमूल्य इतिहास और उसके भौतिक स्वरूप का नाम भारत है। भारत की धरती पर जगह-जगह स्थित पहाड़ी स्थल, जंगल हरेभरे मैदान, रमणीय स्थल, मुंदर समट तट, देवालय आदि उसकी शोभा बढ़ा रहे हैं।

जहाँ एक ओर स्वर्ग के रूप में कश्मीर है। तो दूसरी ओर सागर की सुंदरता लिए दक्षिण भारत। यहाँ अनगिनत नदियाँ बहती हैं जो अपने स्वरूप द्वाराइसको दिव्यता प्रदान करती हैं। ये नादियाँ प्रत्येक भारतीय के लिए माँ के समान है। संसार की सबसे ऊँची चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ भी इसी धरती पर स्थित है। इन सभी कारणों से यह धरती रमणीय और रोमांचकारी बन जाती है।

भारत की सभ्यता समस्त संसार में सबसे प्राचीनतम है। इसकी भूमि ने अनेकों सभ्यताओं और संस्कृतियों को जन्म दिया है। इसने एक संस्कृति का पोषण नहीं किया अपितु अनेकों संस्कृतियों को अपनी मातृत्व को छाया में पाल-पोषकर मल्लन संस्कृतियों के रूप में उभारा है। इस भारत वर्ष की भूमि ने राम और श्री कृष्ण को ही जन्म नहीं दिया; बल्कि पृथ्वीराज चौहान, महाराणा प्रताप, शिवाजी महाराज, महात्मा गाँधी, लाल बहादुर शास्त्री, पंडित जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह जैसे महापुरुषों को भी जन्म दिया है जिन्होंने अमिट अक्षरों में अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा दिया है।

उस धरती ने जहाँ एक ओर गुलामी को सहा है, वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता संग्राम की भी गवाह रही है। हमारे देश की धरती रत्नगर्भा कही जाती है। इसमें विभिन्न खनिज पदार्थ विद्यमान हैं। हर प्रकार के मौसम से परिपूर्ण इस धरती पर हर तरह की फसलें उगती हैं। यह प्राचीन समय से ही कृषि प्रधान देश रहा है। इसे आध्यात्मिकता, दर्शन-विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमि कहा जाता है। यह पर्यटन का स्वर्ग है जो पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
‘ऑरगैनिक’ (सेंद्रिय) खेती की जानकारी प्राप्त’ कीजिए और अपनी कक्षा में सुनाइए।
उत्तर:
ऑरगैनिक खेती (जैविक खेती) कृषि की वह विधि है जो संश्लेषित उर्वरकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों के अप्रयोग या न्यूनतम प्रयोग पर आधारित है तथा जो भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल चक्र, हरी खाद, कंपोस्ट खाद आदि का प्रयोग करती है। तरह-तरह की रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग, प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान के चक्र को प्रभावित करता है, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति खराब हो जाती है, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती है।

ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए पिछले कई वर्षों से निरंतर टिकाऊ खेती की योजनाएँ बनाई जा रही हैं। भारत सरकार भी इस खेती को अपनाने के लिए प्रचार-प्रसार कर रही है, जिसे हम जैविक खेती के नाम से जानते हैं। इस प्रकार की खेती से उत्पन्न अनाज ज्यादा स्वास्थ्य वर्धक होता है। जैविक खेती के लिए कंपोस्ट ही एकमात्र सबसे महत्त्वपूर्ण पूरक पोषण है; जो आप अपने खेत की मिट्टी को दे सकते हैं। कंपोस्ट तैयार करने में घर से निकलने वाले कूड़ों का कमसे-कम तीस फीसदी हिस्सा दुबारा उपयोग में आ जाता है। जैसे – फलों के छिलके, हरी सब्जियों के छिलके, अंडे के छिलके, राख आदि।

पेड़ के पत्तों, हरी घासों, खर-पतवार, गोबर, पशुओं के मुत्र, लकड़ी के बुरादे, अखबार, कटे हुए कागज और फसलों के तने से भी भारी मात्रा में कंम्पोस्ट तैयार करते हैं। वनस्पतियों की वृद्धि को तेज करने और मिट्टी की जीवन शक्ति को पुर्नस्थापित करने के लिए पोषक तत्त्वों से भरपूर वनस्पति से निर्मित खाद को सरल तरीके से मिट्टी में डालना ही कंपोस्टिंग कहलाता है। इसको बनाने में कोई खर्च नहीं आता है, इसे आसानी से बनाया जा सकता है और यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा है।

कंपोस्ट खाद के फायदे:

मिट्टी अनुकूलक: कंपोस्ट से आप लॉन और बगीचे के लिए पोषण से भरपूर मिट्टी तैयार करते हैं; जिससे आपके पौधों को पोषण मिलता है और मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद मिलती है। इसमें सिंचाई अंतराल में वृद्धि होती है। फसलों की उत्पादकता में भी वृद्धि होती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता 1

कृति क (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
ऊपर दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि राजकुमार वर्मा जी ग्रामदेवता यानी किसानो को नमस्कार करते हैं और कहते हैं कि तुम महान हो। तुमने सोने-चाँदी से प्यार नहीं किया बल्कि मिट्टी से प्यार किया है। हे ग्राम देवता तुम्हें नमस्कार है! कवि कहते हैं किसान शोरगुल से दूर कहीं अकेले में तुम्हारा एक छोटा-सा निवास है। सूर्य और चाँद में भी उतना प्रकाश नहीं है जितना तुम्हारे प्राणों का (शक्ति) प्रकाश होता है। हे ग्राम देवता तुम्हें नमस्कार है!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए ।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता 2

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. जड़ में चेतन का विकास इस बल पर होता है।
2. पसीने की धारा को कवि ने उपमा दी है।
उत्तर:
1. श्रमवैभव के बल पर।
2. गंगा की धवल धार की।

कृति ख (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
ऊपर दी गई कविता की पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि किसानों से कहता है कि तुम परिश्रम की शक्ति के बल पर बंजर जमीन को भी उपजाऊ कर उसमें हरी-भरी फसलों का विकास करते हो जिसमें एक-एक दाने के बीज से सौ-सौ दानों की हँसी फूट पड़ती है अर्थात तुम्हारे परिश्रम से बंजर जमीन भी लहलहा उठती है। हे किसान! तुम्हारे शरीर से निकलनेवाली पसीने की धारा सिर्फ पसीने की धारा नहीं है बल्कि गंगा की स्वच्छ धार के समान है। हे ग्रामदेवता, तुम्हें नमस्कार है! कवि कहते हैं, हे किसान तुम चिलचिलाती गर्मी, मूसलाधार वर्षा और कड़ाके की ठंड में भी बिना रुके परिश्रम करते रहते हो। स्वयं को कष्ट देकर संसार को अनाज का पुरस्कार देते हो।।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
एक से दो शब्दों में उत्तर लिखिए।
1. यह जन-गन-मन का अधिनायक है –
2. कवि ने इसे सिंहासन पर बैठने के लिए कहा है –
उत्तर:
1. किसान
2. किसान को

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. किसान राजद्वार को झुकाकर अपनी झोपड़ी ऊँची करता है।
2. किसान जन-गन-मन अधिनायक है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

कृति ग (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
उपर्युक्त पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं, हे किसान तुम लोगों के मन के शासक हो तुम हमेशा प्रसन्नचित्त रहो, जिससे कि हमारा देश फूलता-फलता रहे। आओ, इस सिंहासन पर बैठो जिससे यह राज्य-सिंहासन अशेष न हो अर्थात खाली न हो। टूटी-फूटी झोपड़ी में रहकर भी देश का मान-सम्मान बढ़ाते हो, हे ग्रामदेवता तुम्हे मेरा नमस्कार है।

(घ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
1. उर्वरा भूमि के नए खेत के नए धान्य से …………….. । (सजे देश, सजे वेश, बड़े क्लेश)
2. अपनी कविता से आज तुम्हारी ……………. लू उतार। (रीति, नीति, विमल आरती)
उत्तर:
1. उर्वरा भूमि के नए खेत के नए धान्य से सजे वेश।
2. अपनी कविता से आज तुम्हारी विमल आरती लूँ उतार।

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए।
1. इससे वेश सजे –
2. इससे विमल आरती उतारूँ
उत्तर:
1. उपजाऊ भूमि के नए खेत के नए अनाज से।
2. अपनी कविता से।

कृति (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
ऊपर दी गई कविता की पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं, हे किसान उपजाऊ भूमि के नए खेत के नए फसलों से सजे हुए वेश में तुम, इस धरती पर रहकर धरती के सभी प्राणियों और शेष मनुष्यों की जिम्मेदारी को वहन करते हो। इसलिए मैं अपनी कविता से आज तुम्हारा स्वागत करता हूँ। हे ग्राम देवता, तुम्हें मेरा नमस्कार है!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता

ग्रामदेवता Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: डॉ. रामकुमार वर्मा आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘एकांकी सम्राट’ के रूप में जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध कवि, नाटककार, लेखक और आलोचक भी रहे। साहित्य में इनकी उत्तरोत्तर प्रगति के आधार पर इन्हें 1963 में पद्मभूषण की उपाधि प्रदान की गई।

प्रमुख कृतियाँ: काव्य संग्रह – ‘चित्तौड़ की चिंता’, ‘निशीथ’, ‘चित्ररेखा’, ‘वीर हमीर’ एकांकी संग्रह – ‘रेशमी टाई’, ‘रूपरंग’, ‘चार ऐतिहासिक एकांकी,’ आदि नाटक – ‘एकलव्य’, ‘उत्तरायण’ आदि।

पद्य-परिचय:

कविता: कविता समाज को नई चेतना प्रदान करती हैं। मानवीय गुणों की प्रतिष्ठा का सशक्त माध्यम कविता है। रस, छंद, अलंकार से परिपूर्ण, सुंदर अर्थ प्रकट करने वाली, हृदय की कोमल अनुभूतियों का साकार रूप कविता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत कविता ‘ग्रामदेवता’ में कवि डॉ. रामकुमार वर्मा जी ने किसानों को ग्राम देवता बताते हुए उनके परिश्रमी, त्यागी एवं
परोपकारी किंतु संघर्षपूर्ण जीवन को रेखांकित किया है।

सारांश:

प्रस्तुत कविता में कवि ने बताया है कि गाँव का किसान सोने-चाँदी से नहीं बल्कि गाँव की मिट्टी से प्यार करता है। वह एकांत में एक छोटे से घर में निवास करता है। वह अपने परिश्रम के बल पर बंजर मिट्टी से भी हरी-भरी फसलें उगाता है। गर्मी, ठंडी और बरसात के मौसम की परवाह किए बिना वह खेत में अपने पसीने बहाता है और लोगों के लिए अनाज पैदा करता है। इस किसान को कवि ने लोगों के मन में निवास करनेवाला शासक कहकर उसे हमेशा मुस्कराते रहने की उम्मीद की है तथा उसे ग्रामदेवता कहकर नमस्कार किया है।

सरल अर्थ:

1. हे ग्रामदेवता ………. नमस्कार!

कवि राजकुमार वर्मा जी ग्रामदेवता यानी किसानो को नमस्कार करते हैं और कहते हैं कि तुम महान हो। तुमने सोने-चाँदी से प्यार नहीं किया बल्कि मिट्टी से प्यार किया है। हे ग्राम देवता तुम्हें नमस्कार है!

2. जन कोलाहल ……….. होता प्रकाश।

कवि कहते हैं किसान शोरगुल से दूर कहीं अकेले में तुम्हारा एक छोटा-सा निवास है। सूर्य और चाँद में भी उतना प्रकाश नहीं है जितना तुम्हारे प्राणों का (शक्ति) प्रकाश होता है। हे ग्राम देवता तुम्हें नमस्कार है!

3. श्रमवैभव ………………… नमस्कार!

कवि किसानों से कहता है कि तुम परिश्रम की शक्ति के बल पर बंजर जमीन को भी उपजाऊ कर उसमें हरी-भरी फसलों का विकास करते हो जिसमें एक-एक दाने के बीज से सौ-सौ दानों की हँसी फूट पड़ती है अर्थात तुम्हारे परिश्रम से बंजर जमीन भी लहलहा उठती है। हे किसान! तुम्हारे शरीर से निकलनेवाली पसीने की धारा सिर्फ पसीने की धारा नहीं है बल्कि गंगा की स्वच्छ धार के समान है। हे ग्रामदेवता, तुम्हें नमस्कार है!

4. जो है गतिशील ………………. नमस्कार!

कवि कहते हैं, हे किसान तुम चिलचिलाती गर्मी, मूसलाधार वर्षा और कड़ाके की ठंड में भी बिना रुके परिश्रम करते रहते हो। स्वयं को कष्ट देकर संसार को अनाज का पुरस्कार देते हो। टूटी-फूटी झोपड़ी में रहकर भी देश का मान-सम्मान बढ़ाते हो, हे ग्रामदेवता तुम्हे मेरा नमस्कार है!

5. तुम जन-गन-मन ………………………… है अशेष।

कवि कहते हैं, हे किसान तुम लोगों के मन के शासक हो तुम हमेशा प्रसन्नचित्त रहो, जिससे कि हमारा देश फूलता-फलता रहे। आओ, इस सिंहासन पर बैठो जिससे यह राज्य-सिंहासन अशेष न हो अर्थात खाली न हो।

6. उर्वरा भूमि के ………………………… नमस्कार!

कवि कहते हैं, हे किसान उपजाऊ भूमि के नए खेत के नए फसलों से सजे हुए वेश में तुम, इस धरती पर रहकर धरती के सभी प्राणियों और शेष मनुष्यों की जिम्मेदारी को वहन करते हो। इसलिए मैं अपनी कविता से आज तुम्हारा स्वागत करता हूँ। हे ग्राम देवता, तुम्हें मेरा नमस्कार है!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 ग्रामदेवता

शब्दार्थ:

  1. ग्रामदेवता – किसान
  2. कोलाहल – शोरगुल
  3. सिमटा-सा – छोटा-सा
  4. निवास – घर
  5. रवि-शशि – सूर्य-चाँद
  6. श्रमवैभव – मेहनत का खजाना, अत्यधिक मेहनत
  7. जड़ – निर्जीव (बंजर)
  8. चेतन – जीव (उपजाऊ)
  9. फूटना – अंकुरित होना
  10. हास – हँसी
  11. धवल – स्वच्छ, शुभ्र
  12. गतिशील – पारश्रमा
  13. दंड – सजा
  14. अधिनायक – शासक
  15. अशेष – बाकी न हो
  16. उर्वरा – उपजाऊ
  17. धान्य – अनाज
  18. वेश – पहनावा
  19. धारण करना – वहन करना
  20. मनुजशेष – शेष मनुष्य
  21. विमल – धवल

मुहावरा:

आरती उतारना – आदर करना, स्वागत करना।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 6 Nisarg Vaibhav Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 6 Nisarg Vaibhav Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 निसर्ग वैभव Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 6 निसर्ग वैभव Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 निसर्ग वैभव Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
निम्न शब्द पढ़िए। शब्द पढ़ने के बाद जो भाव आपके मन में आते हैं वे कक्षा में सुनाइए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
किसी कार्यालय में नौकरी पाने हेतु साक्षात्कार देने वाले और लेने वाले व्यक्तियों के बीच होने वाला संवाद लिखिए।
उत्तर:

  • उम्मीदवार – नमस्ते श्रीमान।
  • अधिकारी – नमस्ते। आइए बैठिए।
  • उम्मीदवार – जो शुक्रिया।
  • अधिकारी – आपका नाम?
  • उम्मीदवार – श्री राजेश तिवारी
  • अधिकारी – आप अपने कार्य अनुभव के बारे में बताइए।
  • उम्मीदवार – इस समय मैं वेद कंपनी में क्लर्क के पद पर काम कर रह्य हूँ। इस पद पर काम करते हुए मुझे तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस प्रकार मेरे पास तीन वर्ष का अनुभव है।
  • अधिकारी – क्या आप बता सकते हैं कि एक आदर्श कर्मचारी की कौन-कौन-सी विशेषताएँ होती हैं?
  • उम्मीदवार – एक आदर्श कर्मचारी के पास अपने काम के प्रति निष्ठा लगन एवं मेहनत से काम करने का जज्बा होता है।
  • अधिकारी – यदि हम आपको कंपनी में क्लर्क के पद पर नियुक्त करेंगे तो आप किस प्रकार स्वयं को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित कर सकेंगे?
  • उम्मीदवार – मैं अपनी पूरी लगन एवं ईमानदारी से अपने कार्य को पूर्ण करूंगा। कंपनी के प्रत्येक कार्य को मैं बड़े चाव के साथ पूरा करने का प्रयास करूंगा। इस प्रकार मैं अपनी मेहनत से अपने आप को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास करूंगा।
  • अधिकारी – ठीक है। धन्यवाद!
  • उम्मीदवार – धन्यबाद ! श्रीमान महोदय।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 2

प्रश्न ख.
कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तत्जा पूर्ण कीजिए।
1. परिचित मरकत आँगन में
2. अभिशापित हो उसका जीवन?
3. अनिल स्पर्श से पुलकित तृणदल
4. निश्चल तरंग-सी स्तंभित
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 3
उत्तर:

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 4

2. कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने मनुष्य के हृदय में प्रकृति प्रेम उत्पन्न करने का प्रयास किया है। प्रकृति में चारों ओर सौंदर्य भरा पड़ा है और उस सौंदर्य की अनुभूति कराने के लिए मनुष्य को प्रकृति की ओर जाना चाहिए। मनुष्य को प्रकृति से हमेशा खुश एवं प्रसन्न रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए। मनुष्य को एक-दूसरे से नफरत नहीं करनी चाहिए। उसे अपने मन से क्षुद्र भावों को त्यागकर प्रकृति की भाँति विशाल हृदय रखना चाहिए। मानव के मन से वैश्विक प्रेम व परोपकार की भावना साकार करना ही इस कविता का उद्देश्य है।

3. कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए।
उत्तर:
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लूटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अत: कवि मनुष्य को कहता है कि, उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। उसे मानव प्रकृति का पुन: संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुज ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
नीरज जी द्वारा लिखित कोई कविता यू ट्यूब पर सुनिए और उसके केंद्रीय भाव पर चर्चा कीजिए।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरे या कहावतों में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 5
उत्तर:

  1. टोपी पहनाना।
  2. नजर बंद करना।
  3. आटा गीला होना।
  4. आँख की किरकिरी होना।
  5. आसमान सर पर उठाना।
  6. आग-पानी का बैर।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 निसर्ग वैभव Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 7
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 8

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 9

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 10

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आपका देखा हुआ प्राकृतिक स्थल’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
प्राकृतिक स्थल पर घूमने जाने का मला ही कुछ और है। मैंने कौसानी की यात्रा की थी। कौसानी उत्तराखंड में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है। चारों ओर हरियाली व सघन वृक्षों को देखकर मानव मन प्रफुल्लित हो जाता है। रंग-बिरंगे फूल और आस-पास मैंडराने वाले भौरे देखकर बहुत प्रसन्नता होती है। कोहरा हट जाने पर कौसानी से हिमालय के दर्शन होते हैं। श्वेत बर्फ की राशि देखकर मानव मन बाग-बाग हो जाता है। सचमुच धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो बस वह कौसानी में ही है।

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 11

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 12

प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
i. साँझ
ii. नीले
उत्तर:
i. पर्वतों की घाटियों में कौन छिप जाती है?
ii. छाया कौन-से रंग की है?

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रकृति अपने अनंत हाथों से मनुष्य पर उपार करती आ रही है।’ इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रकृति साक्षात ईश्वर का दूसरा रूप है। प्रकृति मानव पर उपकार करती आ रही है। नदी, तालाब, सागर, पेड, फूल-फल, जंगल, पहाड़, पवन, सूर्य की किरण ये सब प्रकृति के अंश हैं। इनके माध्यम से प्रकृति ने मनुष्य को बहुत कुछ दिया है और दे रही है। मनुष्य को जीवन जीने के लिए अन्न, पानी एवं अन्य मूलभूत वस्तुएँ प्रकृति से ही मिलती है। मनुष्य को साँस लेने के लिए जिस प्राणवायु की जरूरत होती है वह भी प्रकृति से ही प्राप्त होती है। आयुर्वेदिक दवाएँ प्रकृति से मिलती हैं। अतः प्रकृति अपने अनंत ह्यथों से मनुष्य पर उपकार करती आ रही है। यह विधान पूर्णत: सत्य है।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 13

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 14

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं।
ii. गिलहरियाँ फूलों को कुतरना शुरू कर देती है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पर्वतीय जीवन में अनोखा व अद्भुत आनंद भरा होता है।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
पर्वतीय प्रदेश सभी को अच्छे लगते हैं। सभी पर्वतीय प्रदेशों की यात्रा करना पसंद करते हैं। पर्वतीय प्रदेशों का आरोह व अवरोहण करना सभी को भाता है। पर्वतीय प्रदेश में चारों ओर हरियाली होती है। बड़े-बड़े वृक्ष एवं उन पर कलरव करने वाले पक्षियों को देखकर हमारे आँखों की तृप्ति हो जाती है। पर्वतीय प्रदेशों में बहने वाली हवा शीतल होती है। वह मानव के मन में अद्भुत प्रेरणा निर्माण करती है। पर्वतीय प्रदेश मानव हृदय को उमंग, ताजगी व उल्लास से भर देते हैं। अत: पर्वतीय जीवन में अनोखा व अदभुत आनंद भरा होता है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 15

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 16

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 17
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 18

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, आज मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है। विज्ञान एवं तकनीकी के इस युग में मानव ने भले ही आसमान को छू लिया है। फिर भी प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर उसने धरती को सौदर्यहीन कर दिया है। मानव ईया, दवेष, जलन, नफरत एवं अहंकार के कारण इतना स्वार्थी हो गया है कि वह प्रकृति के एहसान को भी भूल गया है। अपना स्वार्थ पूर्ण करने के लिए मानव एक-दूसरे का लहू बहाने से भी पीछे नहीं हटता है। अपनी इच्छाएं पूर्ण न होने के कारण वह हृदय से विषण्ण एवं दुखी हो जाता है। प्रकृति में सर्वत्र सौदर्य बिखरा हुआ है। इस तथ्य को भी वह भूल जाता है। अत: स्पष्ट है कि मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।

निसर्ग वैभव Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सुमित्रानंदन पंत का जन्म २0 मई 1900 को कौसानी उत्तराखंड में हुआ था। आप प्रकृति के सुकुमार कवि थे। आप छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। आपको प्रकृति ने ही कविता लिखने की प्रेरणा दी थी। आपको साहित्य के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख कृतियाँ : काव्य संग्रह – ‘वीणा’, ‘गुंजन’, ‘पल्लव’, ‘ग्राम्या’, ‘चिदंबरा’, ‘कला और बूढ़ा चाँद’ आदि, उपन्यास – ‘हार’.
आत्मकथात्मक संस्मरण – ‘साठ वर्ष : एक रेखांकन’

पद्य-परिचय :

कविता : भावों का आविष्कार कराने वाली, हृदय में आनंद की अनुभूति निर्माण कराने वाली एवं रस का साक्षात्कार कराने वाली साहित्य की विधा ‘कविता’ कहलाती है। कविता मनुष्य के भावों की सहज अभिव्यक्ति है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता में महाकवि पंत जी ने प्राकृतिक सुषमा का बड़ा ही मनोहारी एवं अद्भुत वर्णन किया है। प्रकृति के प्रत्येक अंश में सौंदर्य भरा पड़ा है। उस अनुभूति का एहसास मनुष्य को तभी होगा जब वह प्रकृति की ओर आकर्षित होगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

सारांश :

प्रस्तुत कविता प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति मनुष्य के मन में आकर्षण निर्माण करती है। प्रकृति में ही ईश्वर का अंश विराजमान है, इस तथ्य को साकार करने वाली यह रचना है। महाकवि पंत जी प्रकृति के पुजारी थे। उन्होंने इस कविता के द्वारा प्रकृतिरम्य अनुभूति का साक्षात्कार तो करवाया ही है साथ में प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते समय आध्यात्मिकता की ओर पाठकों का ध्यान खींचकर उन्हें दुख, दर्द, व्यथा, नैराश्य एवं विषण्णता आदि पर विचार करने के लिए भी विवश कर दिया है।

प्रकृति के कण-कण में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है। देखा जाए तो प्रकृति जड जग का अंश है और मानव जीवन तो चेतन जग का रूप है। फिर भी मानव जीवन में सर्वत्र विषण्णता छायी हुई है। ऐसा क्यों? मनुज को ही स्वयं इसका उत्तर ढूँढ़ने के लिए कवि ने विवश कर दिया है। इसीलिए यह कविता छायावाद का एक अनुपम उदाहरण है।

भावार्थ :

कितनी सुंदरता बिखरी ………………. वन प्रिय कोयल!
पंत जी प्रकृति के सुकुमार कवि थे। वे जानते हैं कि प्रकृति जगत में सौंदर्य बिखेरने वाला ईश्वर ही है। अतः कवि ईश्वर को संबोधित करते हुए कहते हैं, “हे ईश्वर ! प्राकृतिक जगत में सुंदरता बिखरी हुई है। पहाड़ों की चोटियों पर फैली सूरज की धूप घाटी की ओर लोट रही है और उसके डाँव में स्वयं को चुपचाप लिपटाए हुई है। धूप और छाँव का मानो मिलन हो रहा है। “हवा सर्वत्र बह रही है। उसके स्पर्श से हरी घास पुलकित यानी रोमांचित हो गई है। नदी मधुर संगीत का गान करती हुई स्वच्छंद बह रही है। प्रतिदिन प्रकृति की अनुपम शोभा का आनंद वन-भू उठा रही है।”

“चारों ओर लाल रंग के फूल खिले हुए हैं। फूलों का लाल रंग ज्वालाओं का निर्माण कर रहा है। उन्हें देखकर मनुष्य के आँखों की तृप्ति होती है यानी मनुष्य के आँखों को ठंडक मिलती है। भौरे भी अपने दल के साथ आकर गुंजन कर रहे हैं। वे फूलों की कलियों पर बैठकर अपने होंठों से मधु पान कर रहे हैं। लाल रंग के फूलों ने तितलियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। वे भी फूलों पर मंडरा रही हैं। ऐसे में दूर किसी पेड़ की पत्तियों की छाँव में बैठकर वन प्रिय कोयल रुक-रुककर अपना गीत गा रही है।”

लेटी नीली ………………. कर संध्यावंदन!
कवि पंत प्रकृति की सुषमा का वर्णन करते हुए कहते हैं, “आसमान में सर्वत्र नीले रंग के बादल दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण नीले रंग की छाया दिखलाई पड़ती है। इस नीले रंग की छाया ने सूर्य के किरणों को अपने आप में समा लिया है। सूर्य के किरणों का सुनहरा रंग नीली छाया के साथ एकाकार हो गया है। इस विहंगम दृश्य को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि नीले व सुनहरे रंग का आवरण निश्चल तरंग की तरह आसमान में निर्माण हुआ है।

ऐसे में सवेरा होने से पहले सर्वप्रथम सुनहरी किरण सर्वत्र छा जाती है। मानो उसका अभिनंदन करने के लिए ऊषा तैयार हो जाती है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए साँझ भी उत्सुक रहती है। इसीलिए वह वहीं आकर छिप जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि ऊषा निर्जन वन में संध्या को भी वंदन करती है।”

अपलक तारापथ ………………. मरकत आँगन में!
कवि पंत कहते हैं, “संध्या के बाद रात्रि का समय शुरू हो जाता है। आसमान में बिना पलक झपकाए असंख्य तारे दिखाई देने लगते हैं। उनके साथ चंद्रमा भी आसमान में आ जाता है। उस पूर्ण रूप में आसमान में बहुत की सुंदर तारे दिखलाई देने लगते हैं। ऐसा लगता है मानो वह एक दर्पण ही हो जिसमें असंख्य तारे अपने आप को निहार रहे हों। रात्रि के समय पर्वतों पर बहने वाली हवा भी पर्वतों के कंधों पर सो जाती है। पर्वतों पर दिखाई देने वाली यह प्राकृतिक सुषमा सभी को सम्मोहित कर देती है।

सचमुच पर्वत जीवन में अद्भुत एवं अनोखा विस्मय भरा पड़ा हुआ है। रात्रि के पश्चात फिर से सवेरा हो जाता है। पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं। गिलहरियाँ नए पत्तों को कुतरना शुरू कर देती हैं। धरती रूपी रत्न पर सभी वन-पशु प्रसन्न दिखाई देने लगते हैं।”

स्वाभाविक ………………. मानव मन निश्चित!
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लुटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अतः कवि मनुष्य से कहते हैं कि उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। मनुष्य को प्रकृति का संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुष्य ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

शब्दार्थ :

  1. श्लक्ष्ण – मधुर
  2. अनिल – पवन
  3. अहरह – प्रतिदिन
  4. मुकुल – कली
  5. मँझधार – बीचोबीच, लहरों के बीच
  6. शैल – पर्वत
  7. समीरण – पवन
  8. मरकत – पन्ना (एक रत्न)
  9. निर्जन – वीरान
  10. अपलक – बिना पलक झपकाए
  11. वैचित्र्य – अनोखापन
  12. गिरि शिखर – पहाड़ों की चोटियाँ
  13. वन-भू – जंगल या कानन
  14. शीतल – ठंड
  15. ऊषा – सुबह होने से पूर्व आसमान में सूर्य की लाल आभा फैल जाती है वह समय
  16. खग – पक्षी
  17. जड़ जग – सृष्टि
  18. चेतन जग – संसार
  19. विषण्ण – व्यथित या निराश

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 7 Shishtachar Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 7 Shishtachar Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 7 शिष्‍टाचार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 7 शिष्‍टाचार (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 7 शिष्‍टाचार Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

1. गद्यांश में ‘हेतू’ की बताई गई विशेषताएँ:

प्रश्न 1.
गद्यांश में ‘हेतू’ की बताई गई विशेषताएँ:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 2

2. ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।

प्रश्न 1
ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. बरखास्त
2. हेतू
उत्तरः
1. श्रीमती दिन में दस बार हेतू को नौकरी से क्या करतीं?
2. उजड्ड गँवार और अरूप कौन था?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

3. कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
रामगोपाल जी की नौकरों की खोज शिथिल हुई।
उत्तरः
हेतू के आ जाने से रामगोपाल जी के दिन कटने लगे। अत: उनकी नौकरों की खोज शिथिल हुई।

प्रश्न 2.
हेतू की तनख्वाह से कटौती होती ……………………
उत्तरः
हेतू के हाथों से कभी-कभी चीजें टूट जाती और उसके नुकसान की भरपाई स्वरूप हेतू की तनख्वाह से कटौती होती।

4. ‘नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
नौकर और मालिक के बीच अपनापन एवं विनम्र व्यवहार होना चाहिए। मालिक का कर्तव्य है कि वह अपने नौकरों पर पुत्रवत प्रेम करें। उनके साथ मित्रता का व्यवहार करें। यदि काम करते समय उनसे कोई गलती हो जाए, तो उन पर न चिल्लाए या उनकी तनख्वाह न काटें। जरा-जरा-सी बात पर उन पर चिढ़ना नहीं चाहिए।

उन्हें ठीक से खाना-पीना देना चाहिए। यदि नौकर के परिवार पर कोई संकट आ जाए, तो मालिक को तुरंत उसके परिवार की हिफाजत हेतु कदम उठाना चाहिए या अपने नौकर को पैसे देकर गाँव भेज देना चाहिए; ताकि वह अपने परिवार की हिफाजत कर सकें। इस प्रकार नौकर और मालिक के बीच सौहार्दपूर्ण व्यवहार होने से दो परिवार बड़ी खुशी से रह सकते हैं।

अत: स्पष्ट है कि नौकर व मालिक का व्यवहार परस्पर प्रेम व सद्भावनापरक होना चाहिए। वे एक-दूसरे के विकास में सहायक होने चाहिए। उनमें विश्वास व सम्मान का बीजारोपण होना चाहिए। उनके बीच एकता, अपनत्व, ईमानदारी व सौहार्दपूर्ण व्यवहार होना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

पठनीय

प्रश्न 1.
‘व्यक्तित्व विकास संबंधी कोई लेखापदिए।

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
अपने गांव/शहर में आए हए किसी अपरिचित व्यकि की मदद के बारे में किसी बुजुर्ग से सुनिए और अपने विचार सुनाइए

आसपास

प्रश्न 1.
बैंक/छकयर में जाकर यहाँ के कर्मचारी एवं प्रकों के बीच होने वाले व्यवहारों स निरीक्षण कीजिए तथा न व्यवहारों के संबंध में अपनी उचित सहमति या असहमति प्रकत किजिए|

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 4

प्रश्न (ख)
विधानों के सामने दी हुई चौखट में सत्य/असत्य लिखिए।
उत्तर:
1. अगले दिन श्रीमती ने अपना ट्रंक खोलकर चीज़ों। सत्य की पड़ताल शुरू कर दी। – [सत्य]
2. सहसा हेतू की आँखों में आँसू आ गए। – [सत्य]

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न (ग)
श्रीमती के नौकरों के बारे में विचार-
उत्तरः

  1. नौकर झूठे गलीज और लंपट होते हैं।
  2. नौकर पैसे काटते हैं।
  3. हर वक्त नौकरी की तलाश में रहते हैं।
  4. नौकरी मिल जाए तो उसी वक्त घर से बीमारी की चिट्ठी मँगवा लेते हैं।

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुद्दों का उचित क्रम लगाकर उनके आधार पर कहानी लेखन कीजिए। (मददों का उचित कम लगाना आवश्यक है।)
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 5
उत्तर:
उचित क्रम: एक लड़का — शहर के महाविद्यालय में पढ़ना – छुट्टियों में गाँव आना — प्रति वर्ष सूखे की समस्या का सामना — मन में निश्चय — कुआँ खोदने का प्रारंभ — लोगों का हँसना — एक मित्र का साथ देना — लोगों का जुड़ना — कुआँ तैयार होना — कुआँ पानी से भरना लोगों का खुश होना — सीख व शीर्षक।

एकता में शक्ति

रामपुर गाँव में रहने वाला तेनाली पढ़ाई में बहुत ही होशियार था। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वह शहर के एक नामी विद्यालय में प्रवेश ले लिया । पढ़-लिखकर वह अभियंता बनना चाहता था। हर छुट्टियों में वह अपने गाँव जरूर आता था। बरसात कम होने के कारण हर साल उसके गाँव में सूखा पड़ जाता था जिससे गाँव वासियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता था। गाँववाले पानी के लिए तरसते रहते थे। उन्हें दूसरे गाँव से पानी लाना पड़ता था।

प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी तेनाली जब गाँव आया तो उसने निश्चय कर लिया कि गाँव में कुआँ खुदवाया जाए। उसने अपनी योजना के बारे में सभी गाँववालों को बताया लेकिन गाँववाले ठहरे अनपढ़ और गँवार। सभी उस पर हँसने लगे। आखिर कोई भी उसका साथ देने के लिए तैयार नहीं हुआ।

तेनाली हार मानने वालों में से नहीं था। वह बहुत ही दृढ़ निश्चयी स्वभाववाला लड़का था। उसने अकेले ही गाँव में कुआँ खोदना प्रारंभ कर दिया। सभी लोग उसे मूर्ख समझकर उस पर हँस रहे थे। तेनाली का एक मित्र था गोपाल। उसने अपने मित्र का साथ देना स्वीकार कर लिया और वह भी उसके साथ कुआँ खोदने के काम में जुड़ गया। गाँव वालों ने देखा कि गोपाल कुआँ खुदवाने में तेनाली का साथ दे रहा है। सभी गाँव वाले इस बात पर सोचने लगे। आखिर एक-एक करके सभी ने तेनाली का साथ देना शुरू कर दिया।

सभी की मेहनत रंग लाई। आखिर कुआँ खुदकर तैयार हो गया। जून का महीना आया। आसमान में काले बादल छा गए और रामपुर गाँव पर बरसात की कृपा हुई। आहिस्ता-आहिस्ता कुए में पानी इकट्ठा हो गया और वह लबालब भर गया। गाँव वाले खुश हो गए। यह तो सभी के परिश्रम का फल था। सभी ने मिल-जुलकर जो कार्य किया था आखिर उसका पारिश्रमिक उन्हें आज मिल रहा है। सीखः एकता में बल होता है। अगर हम साथ मिलकर काम करेंगे तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

भाषा बिंद:

प्रश्न 1.
दिए गए अव्यय भेदों के वाक्य पाठ्यपुस्तक से ढूँढ़कर लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 6
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 7

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 7 शिष्‍टाचार Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 8

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 9

कृति (2) आकलन कृति

निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।

प्रश्न 1.
1. नौकर हेतू के आने पर श्रीमती जी हर्षित हो गईं।
2. नौकर शिमला के नजदीक किसी गाँव में रहता था।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. हवालात
2. पलंग
उत्तर:
1. यदि नौकर चोरी करेगा तो उसे कहाँ भेज दिया जाएगा?
2. जब रामगोपाल नौकर को लेकर घर आए थे तब उनकी पत्नी कहाँ बैठी थी?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. तलाश
  2. पत्नी
  3. कर्ण
  4. दंत

उत्तर:

  1. खोज
  2. श्रीमती
  3. कान
  4. दाँत

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. सस्ता × ……………
2. दाएँ × ……………..
उत्तर:
1. महँगा
2. बाएँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 3.
मानक वर्तनी के अनुसार दिए गए शब्द लिखिए।
1. कुर्दध
2. बनमानस
उत्तर:
1. क्रुद्ध
2. बनमानुष

प्रश्न 4.
निम्नलिखित एक शब्द के लिए अनेक अर्थ वाले शब्द लिखिए।
1. उत्तर
2. खोज
उत्तरः
1. एक दिशा, जवाब
2. तलाश, छानबीन, अन्वेषण

प्रश्न 5.
निम्नलिखित रेखांकित विकारी शब्दों के भेद पहचानिए।
1. दूसरे नौकर की खोज में रहो।
2. वह अपने गाँव से आया।
उत्तरः
1. भाववाचक संज्ञा
2. अकर्मक क्रिया

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अर्थ के गद्यांश में आए हुए मुहावरे ढूँढ़कर लिखिए।
1. ध्यान न देना
2. हालचाल पूछना
उत्तर:
1. मुँह फेरना।
2. कुशल क्षेम पूछना।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘क्या घर पर आए नए नौकरों को धमकाना अच्छी बात होती है?’ स्वमत लिखिए।
उत्तरः
घर पर आए नए नौकरों को धमकाना बुरी बात होती है। नौकर नया हो या पुराना आखिर वह भी इंसान ही होता है। उसकी अपनी कोई-न-कोई मजबूरी होती है। इसलिए वह किसी के घर पर नौकरी करने के लिए आता है। उसके घर पर आते ही उस पर रोब जताना या उसे डराना धमकाना अच्छा नहीं है। यदि हम उनके साथ आत्मीयता से व्यवहार करेंगे तो वे भी हमें अपना मानने लगेंगे। उन्हें हमारे परिवार के प्रति प्रेम हो जाएगा। फिर वे कभी हमारे साथ बुरा सलूक नहीं कर सकते हैं। यदि हम उन्हें नौकरी पर रखते ही डराएँगे तो वे मन से क्रुद्ध हो जाएँगे और जरूर एक दिन मौका मिलते ही सब कुछ लूटकर नौ दो ग्यारह हो जाएँगे।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।
1. घर में बाबू रामगोपाल की हुकूमत थी।
2. श्रीमती बड़ी ही गुस्सैल स्वभाव की थीं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 3.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 11

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
1. श्रीमती
2. नौकर
उत्तर:
1. श्रीमान
2. नौकरानी

प्रश्न 2.
वचन बदलिए।
1. नजर
2. क्रिया
उत्तर:
1. नजरें
2. क्रियाएँ

प्रश्न 3.
गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तरः
1. अस्त – व्यस्त
2. दस – दस

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानिए।
1. अरूप
2. विवाद
उत्तरः
1. ‘अ’ उपसर्ग
2. “वि’ उपसर्ग

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. कोई पर विश्वास नहीं किए जा सकता।
2. सभी पैसे काटता है।
उत्तर:
1. किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता।
2. सभी पैसे काटते हैं।

(ग) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
चाबियों का गुच्छा नौकर के हाथों में रहने लगा।
उत्तरः
श्रीमती जी के बेटे के मुंडन संस्कार के दिन नजदीक आ रहे थे। अत: वह मित्र एवं सगे-संबंधियों को निमंत्रण पत्र लिखने और, शामियाने तथा बाजे का प्रबंध करने में व्यस्त हो गई थीं। इसलिए चाबियों का गुच्छा नौकर के हाथों मे रहने लगा।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. बेटे के मुंडन संस्कार के कारण श्रीमती जी ने नौकर पर ध्यान रखना कम कर दिया था।
2. मुंडन संस्कार के दिन घर का सारा वातावरण गंभीर हो गया था।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. उपहार
2. हेतू
उत्तर:
1. मित्र एवं सगे संबंधी बच्चे के लिए क्या लेकर आए?
2. मुंडन संस्कार के दिन श्रीमान काम में व्यस्त थे, ऐसे में उनके सामने कौन आकर खड़ा हो गया?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
‘प्रबंध’ शब्द में से उपसर्ग अलग कीजिए और अलग किए गए उपसर्ग से अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
‘प्र’ उपसर्ग से बने दो नए शब्द: प्रक्रिया, प्रकृति, प्रगति

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय शब्दों का प्रयोग करके शब्द तैयार कीजिए।
1. तैयार
2. नजदीक
उत्तर:
1. तैयार + ई = तैयारी
2. नजदीक + ई = नजदीकी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
प्रबंध
उत्तरः
व्यवस्था, अनुसंधान हेतु लिखा गया निबंध।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या पुरानी प्रथाओं का आज भी पालन करना उचित है? अपना मत लिखिए।
उत्तरः
किसी ने ठीक ही कहा है; ‘छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी।’ आज जमाना बदल गया है। हम विज्ञान एवं तकनीकी युग में अपना जीवनयापन कर रहे हैं। पुरानी प्रथाएँ, हमारी मान्यताएँ एवं पुरानी विचारधारा पर आधारित हैं। अत: आज का शिक्षित समाज उनका पालन करने से पूर्व सौ बार सोचता है। उन पुरानी प्रथाओं का जरूर पालन होना चाहिए जिनमें कुछ तथ्य हो।

अन्यथा उनका पालन नहीं करना चाहिए। बच्चों का नामकरण विधि, विवाह संस्कार आदि प्रथाओं का आज हम पालन कर रहे हैं। यह उचित भी है; परंतु जिन प्रथाओं से अंधविश्वास की बू आती है उनका पालन हमें नहीं करना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
जब हेतू ने श्रीमान से गाँव जाने के लिए छुट्टी माँगी तब ……..
उत्तरः
(क) वे अतिथियों को खाना परोस रहे थे।
(ख) वे अतिथियों से बातें कर रहे थे।
(ग) वे दरवाजे पर खड़े रहकर अतिथियों का स्वागत कर रहे थे।

प्रश्न 2.
मित्र संबंधियों ने चाँटे की आवाज सुनकर आँखें फेर ली क्योंकि ..
(क) नौकर को चाँटा पड़ा है।
(ख) श्रीमती जी को चाँटा पड़ा है।
(ग) पुलिस ने आकर नौकर को चाँटा मारा है।
उत्तरः
1. जब हेतू ने श्रीमान से गाँव जाने के लिए छुट्टी माँगी तब वे दरवाजे पर खड़े रहकर अतिथियों का स्वागत कर रहे थे।
2. मित्र संबंधियों ने चाँटे की आवाज सुनकर आँखें फेर ली क्योंकि नौकर को चाँटा पड़ा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
1. छुट्टी नहीं मिलेगी।
2. मुझे घर जाना है।
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू से कहा।
2. हेतू ने श्रीमान से कहा

प्रश्न 2.
कारण लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 13

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।

  1. हैरान
  2. क्रोध
  3. मेहमान
  4. आवाज

उत्तर:

  1. परेशान
  2. गुस्सा
  3. अतिथि
  4. ध्वनि

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. बेकाबू × …………..
2. खड़ा × ……………
उत्तरः
1. काबू
2. बैठा

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
1. चाँटा
2. अतिथि
उत्तर:
1. चाँटें
2. अतिथिगण

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

निम्नलिखित वाक्य में विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
एक बार कहा ना कि तुम्हें छुट्टी नहीं मिल सकती जाते क्यों नहीं
उत्तरः
“एक बार कहा ना कि तुम्हें छुट्टी नहीं मिल सकती। जाते क्यों नहीं?”

प्रश्न 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
1. छुट्टी – वुट्टी
2. मित्र – संबंधियों

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के लिए अनेकार्थी शब्द लिखिए।
मित्र
उत्तर:
सखा, सूर्य

प्रश्न 4.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
टस से मस न होना
उत्तर:

  • अर्थ: दृढ़ रहना।
  • वाक्यः जीवन में विपरीत परिस्थितियाँ आने के बावजूद भी वीर पुरूष टस से मस नहीं होते हैं।

प्रश्न 5.
बेकाबू होना
उत्तरः

  • अर्थ: अनियंत्रित होना।
  • वाक्यः परिस्थितियाँ बेकाबू हो जाने पर सभी निष्क्रिय हो जाते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
बात को सोचे समझे बिना गुस्सा हो जाना कितना उचित होता है? अपना मत लिखिए।
उत्तर:
बात को सोचे समझे बिना गुस्सा हो जाना अनुचित होता है। व्यक्ति को समझदारी से काम लेना चाहिए। जीवन में ऐसे कई प्रसंग आते हैं; जब व्यक्ति अपना आपा खो बैठता है और क्रोध से बेकाबू होकर बिना सोचे समझे निर्णय लेता है। ऐसी स्थिति में सामने वाला व्यक्ति अपमान ही नहीं बल्कि उसे शारीरिक हानि भी पहुँचाता है।

ऐसा करना सर्वथा अनुचित है। व्यक्ति को सामने वाले की मजबूरी को समझने का प्रयास करना चाहिए। उस पर जो परेशानी आई है उसके बारे में सोचना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए। ऐसा करने से ही उसके अन्य लोगों के साथ अच्छे संबंध निर्माण हो सकते हैं। ध्यान रखिए, क्रोध अपराध को जन्म देता है।

(ङ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 14

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. मुंडन संस्कार में आए हुए अतिथियों ने श्रीमान-श्रीमती को समझाने का प्रयास किया।
2. लोगों द्वारा दूर किए जाने पर भी हेतू ने अपना काम करना शुरू कर दिया।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
1. मुझे काम है।
2. क्यों, घर क्यों जाना चाहते हो?
उत्तर:
1. हेतू ने अपने साहब से कहा।
2. मुंडन संस्कार में आए एक संबंधी ने हेतू से पूछा।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।
1. साम्य × …………….
2. होशियार × ………….
उत्तरः
1. भेद
2. मूर्ख

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. छुट्टी
2. विघ्न
उत्तर:
1. अवकाश
2. संकट

प्रश्न 3.
‘परामर्श’ शब्द में प्रयुक्त उपसर्ग पहचानकर लिखिए।
उत्तर:
‘परा’ उपसर्ग

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानिए।
1. श्रीमान
2. कड़ककर
उत्तर:
1. ‘मान’ प्रत्यय
2. ‘कर’ प्रत्यय

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या किसी गरीब की कमजोरी का फायदा उठाकर उसके साथ बुरा सलूक करना अच्छा व्यवहार कहलाता है? अपना मत स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
किसी गरीब की कमजोरी का फायदा उठाकर उसके साथ बुरा सलूक करना ठीक नहीं। वास्तव में देखा जाए तो कोई गरीब हो या रईस; सभी इंसान हैं। हमें किसी की कमजोरी का फायदा नहीं उठाना चाहिए। यदि हम किसी की कमजोरी का फायदा उठाकर किसी के साथ बुरा सलूक करते हैं तो यह बहुत ही बड़ा अपराध है।

किसी को बिना वजह सताना या किसी से कुछ छीन लेना या किसी को प्रताड़ित करना दुर्व्यवहार है। ऐसा करते समय भले ही किसी को अच्छा लगता हो लेकिन बाद में उसे अपने किए गए व्यवहार पर अफसोस होने लगता है। हम भले ही लोगों को फँसा सकते हैं; लेकिन हमारा हृदय तो हमें कोसता रहता है। इसीलिए सभी के साथ अच्छा व्यवहार रखना नैतिकता का लक्षण होता है।

(च) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. ट्रंक
2. चाँदी
उत्तर:
1. श्रीमती ने जेवर और सूट किसमें रखे थे?
2. बटन किस धातू के थे?

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 15

कृति (2) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
श्रीमान ने हेतू को घर से तब जाने दिया …………….
उत्तर:
(क) जब हेतू ने गाँव से लौट आने का वादा किया।
(ख) जब वह जोर-जोर से रोने चिल्लाने लगा।
(ग) जब श्रीमान ने उसका पूरा पता अपनी डायरी में लिख लिया।

प्रश्न 2.
श्रीमान के घर का काम पहले की तरह चलने लगा …….
(क) क्योंकि बहुत समय बीत गया।
(ख) क्योंकि श्रीमान ने दूसरा नौकर रख लिया।
(ग) क्योंकि श्रीमती सब कुछ भूल गई।
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू को घर से तब जाने दिया जब श्रीमान ने उसका पूरा पता अपनी डायरी में लिख लिया।
2. श्रीमान के घर का काम पहले की तरह चलने लगा क्योंकि श्रीमान ने दूसरा नौकर रख लिया।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए।
1. ट्रंक में जेवर चाँदी के बटन सिल्क के सूट और रूपए थे
2. क्या उसकी तीन महीने की तनख्वाह आपके पास है
उत्तर:
1. ट्रंक में जेवर, चाँदी के बटन, सिल्क के सूट और रूपए थे।
2. क्या उसकी तीन महीने की तनख्वाह आपके पास है?

प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश में से शब्द-युग्म छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

  1. पता – वता
  2. एक – एक
  3. सौ – पचास
  4. नाम – पता

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची गद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. नदारद
  2. रजत
  3. गहने
  4. भय

उत्तर:

  1. गायब
  2. चाँदी
  3. जेवर
  4. डर

प्रश्न 4.
‘संदेश’ शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
उत्तरः
खबर, शक

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बड़े घरों में चीज़ों की सूची कहाँ होती है?’ इस कथन पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
बड़ा घर यानी जिनके पास ढेर सारा रूपया पैसा है उनका घर। बड़े घर में ऐश्वर्य के सारे साधन विपुल मात्रा में होते हैं। वहाँ पर धन-धान्य की कमी नहीं होती है। घर में भौतिक साधन भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध होते हैं। सोने-चाँदी व हीरे-जेवरातों की वहाँ कमी नहीं होती है। रूपए पैसे तो पूरे घर में यत्र-तत्र पड़े हुए होते हैं। आवश्यक चीज़ों के साथ अनावश्यक चीज़ों की भी भरमार होती है। ऐसे घरों में कोई भी चीज़ एक निश्चित जगह पर पाई नहीं जाती है। अगर कभी कोई चीज़ गुम भी हो जाए, तो भी किसी को उसका पता नहीं चल पाता है।

(छ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
श्रीमान सड़क पार करके हेतू के सामने जाकर खड़े हो गए।
उत्तरः
श्रीमान ने बहुत दिनों के बाद हेतू को देखा जो फटे कपड़ों में धर्मशाला के पास खड़ा था। इसलिए श्रीमान सड़क पार करके हेतू के सामने जाकर खड़े हो गए।

प्रश्न 2.
श्रीमान स्तब्ध और हैरान हो गए।
उत्तर:
हेतू ने खुशीवाले घर में अपने बेटे की मौत की खबर छिपाकर रखी थी। अत: उसका यह शिष्टाचार देखकर श्रीमान स्तब्ध और हैरान हो गए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
1. “काम कर आया है अपना।”
2. “जी मेरा बच्चा मर गया था।”
उत्तर:
1. श्रीमान ने हेतू से पूछा।
2. हेतू ने श्रीमान से कहा।

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार 16

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।
1. कंधा
2. कलाई
उत्तर:
1. कंधे
2. कलाइयाँ

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. सच × ………….
2. संभव × ……….
उत्तर:
1. झूठ
2. असंभव

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।
1. स्तब्ध
2. दफ्तर
उत्तर:
1. स्तब्ध + ता = स्तब्धता
2. दफ्तर + ई = दफ्तरी

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिए।
1. उसका कंधा सहलाते हुए श्रीमान बोले।
2. वही फटे हुए कपड़े वही शिथिल अरूप चेहरा।
उत्तर:
1. पुरूषवाचक सर्वनाम
2. गुणवाचक विशेषण

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘व्यक्ति के व्यवहार में शिष्टाचार झलकना चाहिए।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
शिष्टाचार एक महत्त्वपूर्ण गुण है। व्यक्ति के पास यदि शिष्टाचार है तो वह ‘शिष्टाचारी’ कहलाता है। ‘शिष्टाचार’ का अर्थ है; सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना। सभी के हृदय में अपने अच्छे कार्य द्वारा प्रेम निर्माण करना। अपने कर्तव्यों को कभी न भूलना। व्यक्ति के व्यवहार में शिष्टाचार है; तो वह समाज में प्रशंसा का अधिकारी बन जाता है।

ऐसा व्यक्ति अपने शिष्ट आचरण से दूसरों को प्रेरणा देता है और उन्हें भी शिष्टाचार का पालन करने के लिए अपने आप प्रवृत्त करता है। श्रीराम के शिष्टाचार रूपी व्यवहार को कोई नहीं भूल सकता है। आखिर शिष्टाचार ही व्यक्तित्व-विकास का महत्त्वपूर्ण पहलू होता है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों के काल परिवर्तन कीजिए।

  1. श्रीमती ने गलत नहीं कहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  2. श्रीमती जी की भौंवे चढ़ गईं हैं। (सामान्य भूतकाल)
  3. मैं जल्दी लौट आऊँगा। (सामान्य वर्तमानकाल)
  4. हेतू ने फिर धीरे से कह दिया। (सामान्य भविष्यकाल)

उत्तर:

  1. श्रीमती गलत नहीं कह रही हैं।
  2. श्रीमती जी की भौंवे चढ़ीं।
  3. मैं जल्दी लौट आता हूँ।
  4. हेतू फिर धीरे से कहेगा।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों के अव्यय पहचानिए।
1. नौकर उजड्ड और अरूप था।
2. धीरे-धीरे वह शहरी नौकर में तब्दील होने लगा।
उत्तर:
1. समुच्चबोधक अव्यय
2. क्रियाविशेषण अव्यय

प्रश्न 3.
रचना की दृष्टि से वाक्य भेद पहचानिए।
1. इसी तरह तीन महीने बीत गए।
2. हेतू अरूप तो था ही, उस पर उजड्ड और गँवार भी निकला।
उत्तर:
1. सरल या साधारण वाक्य
2. मिश्र वाक्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. उत्सुक
  2. वातावरण
  3. स्वागत

उत्तर:

  1. उत् + सुक
  2. वात + आवरण
  3. सु + आगत

प्रश्न 5.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित कीजिए।
1. वह दिन शुभ था। (निषेधार्थक)
2. मित्र मंडली के हास्य विनोद से घर का सारा वातावरण खिल उठा। (आज्ञार्थक)
उत्तर:
1. वह दिन अशुभ नहीं था।
2. मित्र मंडली के हास्य विनोद से घर का सारा वातावरण खिल उठना चाहिए।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्य में सूचना के अनुसार परिवर्तन कीजिए।
1. श्रीमती को जब सूचना मिली तो वह तंद्रा से जागी। (साधारण वाक्य)
2. वह आकर चुपचाप इधर-ऊधर ताकने लगा। (संयुक्त वाक्य)
उत्तर:
1. श्रीमती सूचना मिलते ही तंद्रा से जागी।
2. वह आया और चुपचाप इधर-ऊधर ताकने लगा।

प्रश्न 7.
निर्देशानुसार अव्यय शब्दों का अपने वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1. कि
2. वाह
उत्तर:
1. उसने कहा कि वह घर चला गया है।
2. वाह! क्या बात है।

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प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. तुमने अपनी चीज़ों को अच्छा तरह देख लो।
2. मैंने उसकी पता बता सब लिख ली है।
उत्तर:
1. तुम अपनी चीज़ों को अच्छी तरह देख लो।
2. मैंने उसका पता-वता सब लिख लिया है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित वाक्यों के भेद अर्थ की दृष्टि से पहचानिए।
1. जी मेरा बच्चा मर गया था।
2. उसके लिए आँसुओं को रोकना संभव नहीं था।
उत्तर:
1. विधानार्थक वाक्य
2. निषेधार्थक वाक्य

संभाषणीय

प्रश्न 1.
‘आपके व्यवहार में शिष्टाचार झलकता है।’ इस विषय पर चर्चा कीजिए।
उत्तर:

  • अध्यापक – छात्रों क्या आप सभी शिष्टाचार से परिचित हैं? आपके मतानुसार शिष्टाचार किसे कहते हैं?
  • पहला छात्र – जी हाँ। मैं शिष्टाचार से परिचित हूँ।
  • दूसरा छात्र – ‘शिष्टाचार’ यानी अच्छा आचरण करना। सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना। ऐसा व्यवहार रखना कि कभी किसी को अपने व्यवहार से ठेस न पहुंचे।
  • तीसरा छात्र – ‘शिष्टाचार’ यानी सार्वजनिक जगहों या किसी सम्मेलन सभाओं में सभी के साथ अच्छाई से पेश आना।
  • अध्यापक – अब आप मुझे बताइए कि आप अपने मित्र व शिक्षकों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं?
  • चौथा छात्र – मैं अपने मित्र के साथ अच्छा व्यवहार रखता हूँ। जैसे कि जरूरत पड़ने पर मैं उसकी मदद करता हूँ।
  • पाँचवा छात्र – मैं अपने शिक्षकों के साथ विनम्रता से पेश आता हूँ। उनका कहना मानता हूँ। उनकी हर एक बात का सम्मान करता हूँ।
  • अध्यापक – अब आप मुझे बताइए कि शिष्टाचार के कौन-कौन-से लाभ होते हैं?
  • सभी छात्र – (एक साथ) शिष्टाचार से व्यक्ति की पहचान होती है। उसके अच्छे गुणों का पता चलता है। उसके संस्कारों की झलक सभी पर
  • पड़ती है। शिष्टाचारी व्यक्ति की समाज में पूजा होती है। सभी उसकी तारीफ करते हैं। शिष्टाचार व्यक्ति के व्यक्तित्व विकास में सहायता प्रदान
  • करता है। इसलिए कहा भी गया है कि, ‘विवेकी पुरूष की समाज में पूजा की जाती है।’

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
‘मानवता ही श्रेष्ठ धर्म है।’ इस विचार को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
“विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी
मरो परंतु यो मरो कि याद जो करे सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा जिए वृथा मरे
मरा नहीं वही कि जो जिया न आप के लिए।
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।”

राष्ट्रकवि गुप्त जी ने सच ही कहा है कि मानवता से बढ़कर अन्य धर्म नहीं है। मानवता ही सभी धर्मों का आधार है। जो व्यक्ति मानवता के मार्ग पर चलता है उसे सभी याद करते हैं। ऐसा व्यक्ति मरने के बाद भी अमर हो जाता है। दुनिया उसके जाने के बाद भी उसे याद करती रहती है। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, मदर टेरेसा व डॉ. कलाम आदि महापुरूषों को आज भी हम याद करते हैं। सभी अपने कार्य के कारण समाज में पूजनीय हो गए हैं। व्यक्ति का अच्छा कार्य ही उसकी पहचान होती है। इसीलिए तो कवि बच्चन जी कहते हैं – ‘मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षणभर जीवन मेरा परिचय।’

आईस्टाइन व न्यूटन जैसे वैज्ञानिकों ने अपना संपूर्ण जीवन विज्ञान के प्रति समर्पित कर मानवता की जो मिसाल खड़ी कर दी है वह अद्भुत एवं काबिले तारीफ है। अफ्रीका में स्थित काले-गोरे का भेदभाव मिटाने के लिए नेल्सन मंडेला जी ने जो कार्य किया उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी ही कम होगी।

मानवता सभी धर्म समाए हुए हैं। दरअसल मानवता सभी धर्मों का सार है। मानवता यानी बिना स्वार्थ भाव रखे हुए दूसरों की मदद करना। दूसरों की पीड़ा हरना। दूसरों को मुसीबत से बाहर निकालना। दूसरों के जीवन में प्रकाश बनकर जाना। हमें भी अपने जीवन में मानवता के मार्ग पर चलना सिखना चाहिए।

बिना स्वार्थ भाव रखें एक दूसरे की मदद करनी चाहिए। जब हम ऐसा करेंगे; तब हमारा जीवन अपने आप सच्चाई के मार्ग पर चलने लगेगा। आखिर इसी से ही समाज में सत्य व अहिंसा का प्रसार होगा। मानवता भारतीय संस्कृति का मूलाधार है। हमारी संस्कृति जो आज संपूर्ण विश्व में दैदीप्यमान है उसका श्रेय मानवता को ही जाता है। आखिर भारतवासी मानवता में विश्वास रखते हैं।

शिष्‍टाचार Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: भीष्म साहनी का जन्म 8 अगस्त 1915 रावलपिंडी, अविभाजित भारत में हुआ था। इनकी मृत्यु 11 जुलाई 2003 में हुई। साहनी जी बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्होंने उपन्यास, नाटक, आत्मकथा एवं कहानी विधाओं को समृद्ध किया। इन्होंने मानवीय मूल्य, नैतिकता, मानवीय करुणा, सामाजिक विषमता एवं संघर्ष आदि विषयों को अपने लेखन में स्वतंत्र स्थान दिया था। आजीवन इन्होंने हिंदी भाषा की सेवा की।

प्रमुख कृतियाँ: कहानी संग्रह – ‘भाग्य-रेखा’, ‘पहला पाठ’, ‘भटकती राख’, ‘निशाचर’; उपन्यास – ‘झरोखे’, ‘तमस’, ‘कुंतो’, ‘नीलू नीलिमा नीलोफर’; नाटक – ‘कबिरा खड़ा बाजार में’, ‘माधवी’; आत्मकथा – ‘आज के अतीत’।

गद्य-परिचय:

चरित्रात्मक कहानी: चरित्रात्मक कहानी वह होती है जिसमें किसी चरित्र या घटना का रोचक व मनोरंजक वर्णन हो।
प्रस्तावना: प्रस्तुत कहानी में लेखक ने एक नौकर के माध्यम से शिष्टाचार के महत्त्व को दर्शाने का प्रयास किया है और साथ में यह भी बतलाया है कि भले ही व्यक्ति गँवार या अनपढ़ हो फिर भी उसके पास शिष्टाचार होने से वह श्रेष्ठ बन जाता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 7 शिष्‍टाचार

सारांश:

प्रस्तुत पाठ एक चरित्रात्मक कहानी है। कहानी के एक पात्र बाबू रामगोपाल अथक प्रयास के बाद एक नौकर ढूँढ़कर लाते हैं लेकिन उसका गँवार रूप देखकर उनकी पत्नी गुस्सा हो जाती हैं। उन्हें उस नौकर पर चिढ़ आती है। कभी-कभी नौकर के हाथों से घर की चीज़ों का नुकसान हो जाता था तो वह उसकी तनख्वाह काट लेती हैं। इस तरह उनके घर पर काम करते हुए उसे तीन महीने हो जाते हैं। बाबू रामगोपाल के बच्चे के मुंडन संस्कार के दिन पास आ जाते हैं।

उनकी श्रीमती जी मुंडन संस्कार का प्रबंध करने में व्यस्त हो जाती हैं। अत: घर की सारी चाबियाँ नौकर के हाथों में सौंप देती हैं। जिस दिन मुंडन संस्कार था; उसी दिन नौकर गाँव जाने के लिए बाबू रामगोपाल के पास छुट्टी माँगता है। वे आगबबूला हो जाते हैं। उनकी पत्नी भी उस पर गुस्सा हो जाती हैं। फिर भी नौकर अपनी जिद पर अड़ा रहता है। बाबू रामगोपाल आवेश में आकर उसे चाँटा मारते हैं। उससे घर जाने का कारण पूछते हैं लेकिन वह कुछ भी नहीं कहता है।

सिर्फ गाँव जाने की रट लगाता है। आखिर मेहमानों के सामने बात को बढ़ाने से रोकने के लिए वे उसका नाम, पता लिखवा कर उसके दस्तखत ले लेते हैं और उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल देते हैं। उनकी श्रीमती को लगता है कि वह जरूर कुछ न कुछ जेवर या पैसे चुराकर ले गया होगा। इसी कारण बाबू रामगोपाल उसकी तनख्वाह उसके द्वारा बताए गए पते पर नहीं भेजते हैं। कुछ दिनों के पश्चात सड़क के किनारे पर उन्हें वह नौकर दिखाई देता है।

वे उसके पास जाकर उससे पूछते हैं कि वह अचानक गाँव क्यों चला गया था। तब वह कहता है कि उसके बेटे की मृत्यु हो गई थी और खुशीवाले घर में यह दुखद समाचार देना उसके गाँव में बुरा मानते हैं। सचमुच एक गँवार आदमी के पास भी शिष्टाचार होता है। कब और कहाँ क्या कहना चाहिए इस बात का उसे ठीक से ज्ञान था। उसका यह व्यवहार ही उसे शिष्टाचारियों की श्रेणी में ले जाता है। इसी पाठ के जरिए लेखक ने प्रत्येक व्यक्ति के पास शिष्टाचार का होना जरूरी होता है यह दर्शाने का प्रयास किया है।

शब्दार्थ:

  1. अनथक – जो थके नहीं, बिना थके
  2. षड्यंत्र – कपटपूर्ण योजना
  3. तब्दील – बदलना, परिवर्तन
  4. अफसोस – पश्चात्ताप
  5. पसीजना – पिघलना
  6. बनमानस – वनमनुष्य या जंगली मनुष्य

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श्रवणीय

प्रश्न 1.
हिंदी तथा मराठी भाषा में लिखी हुई किसी एक लापुकथा का आकलन करते हुए सुनिए और सुनाइए।

पठनीय

प्रश्न 1.
“परिपाठ’ में सप्ताह भर के समाचारपत्रों के मुख्य मुद्दों का चयन करके वाचन कीजिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

आसपास

प्रश्न 1.
किसी परिचित सुरक्ष से वार्तालाप कीजिए

संभाषणीय

प्रश्न 1.
‘ट्रैफिक पुलिस’ से बातचीत करके उनकी दिनचर्या संबंधी जानकारी लीजिए।
उत्तर:
मैं: नमस्ते, पुलिस अंकल! आप कैसे हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मैं ठीक हूँ और इस वक्त मैं अपना काम कर रहा हूँ।

मैं: आप लगातार आठ घंटों तक सड़क पर खड़े रहते हैं। इसे आप कैसा महसूस करते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मुझे अपना काम करने में बड़ा आनंद मिलता है। चाहे हाड़ कँपाती ठंड हो, झ माझम बरसती वर्षा हो या उमस भरी गरमी हो, हर हाल में मुझे अपना काम करना पड़ता है और सड़क यातायात पर नियंत्रण रखना पड़ता है।

मैं: अक्सर बरसात के दिनों में सड़कों पर आवागमन संभव नहीं हो पाता है। जल का जमाव होता है। ऐसे में, लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
ट्रैफिक पुलिस: मनुष्य सड़कों का लंबे समय से उपयोग करता रहा है। पुरानी सड़कें अच्छी नहीं होती थीं। आधुनिक काल की सड़कें अच्छी होती हैं और हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। नए-नए पुलों का निर्माण हो रहा है। पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। आनेवाले समय में लोगों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मैं: क्या आप मुझे सड़क यातायात के नियमों से परिचित करा सकते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: क्यों नहीं? यह तो मेरा कर्तव्य है। सड़क यातायात सुचारु रूप से हो, इसके लिए कानून बनाए गए हैं। अपने देश में सड़क की बाईं ओर चलने का नियम है। सड़कों पर भारी वाहनों को एक निर्धारित गति सीमा तक ही चलाया जाता है। चौराहों पर संकेतक बत्तियाँ लगाई जाती हैं ताकि सड़क जाम तथा दुर्घटना जैसी स्थितियों का कम से कम सामना करना पड़े। जहाँ टैफिक लाईटें नहीं होती है, वहाँ हम हाथ के इशारे से यात्रियों को रुकने या जाने का संकेत करते हैं।

मैं: आपके द्वारा दी गई जानकारी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

लेखनीय

प्रश्न 1.
अपने परिसर के चौकीदार द्वारा अच्छा कार्य करने लेखनीय हेतु अभिनंदन करने वाला पत्र लिखिए।
उत्तर:

राम चौधरी,
कीर्ति कॉलोनी,
गुलमोहर, दादर,
मुंबई (प.) – 400 019
दिनांक – 4 मार्च, 2018

श्रीमान बहादुर सिंह जी,
सादर प्रणाम।

मैं राम चौधरी कीर्ति कॉलोनी का निवासी हूँ। पत्र पढ़ते हुए आपको अचरज जरूर हो रहा होगा क्योंकि जिस कॉलोनी की आप रखवाली करते हैं, उसी कॉलोनी का एक चौदह वर्षीय बालक पत्र के माध्यम से आप से बात कर रहा है।

मेरे पत्र लिखने का कारण बहुत ही सरल है। पिछले सप्ताह रात के समय रखवाली करते हुए आपने जो बहादुरी दिखाई वह सचमुच काबिले तारीफ है। इसके लिए आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। आपने अपनी जान पर खेलकर दो चोरों को छठी का दूध याद दिलाया, यह सचमुच ही बहादुरी का कार्य है। आपकी बहादुरी व वीरता का सम्मान करते हुए मैं इस पत्र के माध्यम से आपका अभिनंदन करता हूँ। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आप जैसे बहादुर व्यक्ति हमारी कॉलोनी के रक्षक हैं। आपके कारण ही हम सभी कॉलोनी के लोग रात में चैन की नींद सो सकते हैं।

अत: एक बार फिर मैं आपका अभिनंदन करता हूँ। धन्यवाद!

आपका विनीत,
राम चौधरी।

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
‘पुलिस समाज के रक्षक’ इस बारे में अपना मत लिखिए।
उत्तर:
जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है। प्रत्येक राष्ट्र के अपने कानून होते हैं। देश के नागरिक उन कानूनों का पालन करते हैं। परंतु कुछ लोग देश के कानून की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, पुलिस विभिन्न अपराधों में उनका चालान कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है। पुलिस की अनेक श्रेणियाँ होती हैं। हमारे देश में केंद्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस आदि अनेक प्रकार की पुलिस हैं। प्रत्येक राज्य में अपनी अलग-अलग पुलिस हैं।

पुलिस अपराधियों की खोजबीन में हमेशा तत्पर रहती है। पुलिस का कार्य बड़ा कठिन है। राजनेताओं की विभिन्न रैलियों के दौरान सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था बनाए रखना, जुलूसों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना, हड़ताल, धरनों और बंद के दौरान असामाजिक तत्त्वों से राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना, राजनेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा करना, चोर, डकैतों और लुटेरों से आम नागरिक की रक्षा करना पुलिस का दायित्व है।

पुलिस कर्मचारी चौबीस घंटे खतरों से जूझते हैं। चोर-डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो जाते हैं। भीड़ के द्वारा पथराव की स्थिति में चोट खाते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात में ड्यूटी देनी पड़ती है। विभिन्न प्रकार के अपराधियों को पकड़ना और न्यायालय में प्रस्तुत करना पुलिस का कार्य है। व्यक्तिगत झगड़ों में हस्तक्षेप कर समझौता कराना, चोरी हुए माल को बरामद कराना भी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस प्रकार पुलिस अपने विविधतापूर्ण कार्यों से समाज की रक्षा करने का कार्य करती हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

पाठ के आँगन में…

1. कृतियाँ पूर्ण कीजिए।

(क) संजाल:

प्रश्न 1.
संजाल:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 2

(ख) लिखिए:

प्रश्न 1.
चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने का कारण।
उत्तरः
यदि पैसे न देने वाले के घर चोरी-वोरी की घटना हो जाए तो पुलिस चौकीदार को ही पूछेगी और उस पर झूठा आरोप लग सकता है। ऐसा उसके साथ पहले भी हो चुका था। इसलिए वह पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करता था।

प्रश्न 2.
चौकीदार की असुरक्षा का कारण –
उत्तरः
गुंडे बदमाशों से चौकीदार की मारपीट हो जाती है। शरीफ दिखनेवाले लोग उस पर रोब जताते हैं। इसलिए चौकीदार स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है।

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2. नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न (च)
रातों में सड़क पर लाठी ठोंकते, सीटी बजाकर पहरा देनेवाला
उत्तर:
चौकीदार

प्रश्न (छ)
अपनी जिम्मेदारियाँ तथा कर्तव्य निभाने वाला
उत्तर:
कर्तव्यनिष्ठ

3. घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:

प्रश्न (त)
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।
उत्तर:
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।

प्रश्न (थ)
जैसी आपकी इच्छा साब जी।
उत्तर:
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।

प्रश्न (द)
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।
उत्तर:
जैसी आपकी इच्छा साब जी।

4. ‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।
उत्तरः
चौकीदार ठंड, वर्षा व गरमी में दिन-रात अपना कर्तव्य निभाकर सबकी सुरक्षा की चिंता करता है। परंतु एक दिन लूट-डकैती करनेवालों ने एक चौकीदार से मारपीट की, यह समाचार पढ़कर मुझे बहुत बुरा लगा। जो निष्कपट भाव से रात के समय सबकी रखवाली करता है, वह स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला होता है, इसका अहसास मुझे हुआ। सचमुच, हमारे देश में चौकीदार असुरक्षित होते हैं। उनके पास लाठी और टार्च के अलावा अन्य साधन नहीं होते हैं।

एक लाठी के सहारे वे गुंडे-बदमाश लोगों का सामना नहीं कर सकते हैं। गुंडेबदमाश अपनी टोली के साथ आकर उन्हें मारते-पीटते हैं। अकेले होने के कारण वे उनका सामना नहीं कर पाते हैं। हमारी सरकार को चौकीदारों की सुरक्षा से संबंधित ठोस कानून बनाना चाहिए और उन्हें आवश्यक्तानुसार योग्य शस्त्र इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए।भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से सर्वनाम एवं क्रिया छाँटकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 4

प्रश्न 2.
निम्न में से संज्ञा तथा विशेषण पहचानकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 6

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 10 रात का चौकीदार Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 7

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
1. साब, जी पैसे?
2. अच्छा एक बात बताओ बहादुर, महीने में तुम्हें कितने घरों से पैसे मिल जाते हैं?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।

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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 8

प्रश्न 4.
समझकर लिखिए।
1. चौकीदार की जिम्मेदारी
2. चौकीदार द्वारा पैसे माँगने की तारीख
उत्तरः
1. चौकसी रखना।
2. हर महीने की पहली तारीख को।

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
परिच्छेद में आए हुए अंग्रेजी महीनों के नाम।
उत्तर:
1. दिसंबर
2. जनवरी

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचान कर लिखिए।
1. चौकीदार केवल पैसे के लिए ही काम करता है।
2. चौकीदार झूठे आरोपों से डरता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 3.
प्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनका उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीज
2. चौकीदार
उत्तरः
1. प्रस्तुत गद्यांश में किस त्योहार का नाम आया है?
2. कॉलोनी में रातभर कौन चक्कर लगाता है?

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कर्म ही पूजा है।’ इस विषय पर अपने विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर:
कर्म मनुष्य के जीवन का आधार है। कर्म का अर्थ है, हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्य। कर्म से ही मनुष्य पहचाना जाता है। कर्म ही उसकी छवि समाज के सम्मुख बनाए रखते हैं। यदि मनुष्य के कर्म बुरे हैं, तो समाज द्वारा उसे नकारा जाता है। अच्छे कर्म उसे आदर व सम्मान का पात्र बनाते हैं। कर्म मनुष्य जीवन को सार्थक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कर्मप्रधान मनुष्य मानवता का कल्याण करने में समर्थ होता है। गांधी जी के अच्छे कर्मो के कारण ही भारत आज़ाद हुआ। नेल्सन मंडेला ने अफ्रीका को आज़ाद कराया। इनके कर्म ही तो थे, जो आज भी लोगों द्वारा पूजे जाते हैं।

(ख) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा लिखिए।
1. बड़े आदमी को डर लगता है तो फिर हम तो बहुत छोटे आदमी हैं।
2. सोते कब हो तुम?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 9

पाठ्यांश के आधार पर निम्न वाक्य अपने शब्दों में पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है
उत्तरः
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है जब रोज सुबह आठ नौ बजे कॉलोनी में चक्कर लगाकर सब कुछ ठीक है इसकी तसल्ली कर लेता है।

प्रश्न 2.
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि
उत्तरः
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि वह चौकीदार के बारे में रातभर सोच रहा था कि वह सबकी सुरक्षा की चिंता करता है; पर स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला है ।

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
सबेरे उठकर लेखक ने यह निर्णय लिया
उत्तरः
वह चौकीदार को उसके चौकसी करने का पूरा मेहनताना देगा।

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प्रश्न 2.
इसके प्रति लेखक की श्रद्धा बढ़ गई थी
उत्तरः
चौकीदार के प्रति।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
चौकीदार असुरक्षित एवं अकेला था।
चौकीदार के माँगने पर तुरंत लेखक ने उसे पैसे दे दिए।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

पाठ के आँगन से

नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
जो ईश्वर में विश्वास रखता हो
उत्तर:
आस्तिक

प्रश्न 2.
जो कभी न मरे
उत्तर:
अमर

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प्रश्न 3.
जो पहले कभी न हुआ हो
उत्तर:
अभूतपूर्व

प्रश्न 4.
जिस जमीन में कुछ पैदा न हो
उत्तर:
बंजर

प्रश्न 5.
जिसके हृदय में दया न हो
उत्तर:
निर्दय

रात का चौकीदार (पूरक पठन) Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी आधुनिक युग के लेखक एवं कवि हैं। वर्तमान समस्याएँ एवं घटनाओं को अपने लेखन में प्रमुख स्थान देना इनके लेखन की विशेषता है। इन्होंने अपने लेखन के माध्यम से बाल साहित्य को समृद्ध किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ छपती रहती है। कहानी विधा पर भी इनकी लेखनी ने अधिकार जमाया हुआ है।

प्रमुख कृतियाँ: बाल कविता संग्रह – ‘अक्षरदीप जलाएँ’, कहानी – ‘छोटू का दर्द’, काव्य संग्रह – ‘शेष कुशल है ‘ आदि।

गद्य-परिचय:

लघुकथा: हिंदी में लघुकथा नवीनतम् विधा है। लघुकथा का मतलब है एक छोटी कहानी जिसका विषय पूरी तरह से विकसित हो, पर जो किसी उपन्यास से कम विस्तृत हो। हिंदी के अन्य सभी विधाओं की तुलना में अधिक लघु आकार होने के कारण यह समकालीन पाठकों के ज्यादा करीब है।
प्रस्तावना: ‘रात का चौकीदार’ इस पाठ के माध्यम से लेखक ‘तन्मय’ जी ने चौकीदार के माध्यम से कर्म ही पूजा है तथा कर्तव्यनिष्ठा से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं है, इस तथ्य को उजागर किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ एक लघुकथा है। इस लघुकथा में वर्षा, ठंड व गरमी में कॉलोनी में चक्कर लगाकर रखवाली करने वाले कर्तव्यनिष्ठ चौकीदार का वर्णन किया गया है। कॉलोनी में सौ-सवा सौ से भी अधिक घर होने के बावजूद चौकीदार को कभी साठ घर से पैसे मिलते हैं या कभी पचास घर से। फिर भी वह सभी के घरों की रखवाली करता है। पूरी ईमानदारी व लगन से काम करना ही उसकी कर्मनिष्ठा है। इस पाठ द्वारा लेखक ने कुछ लोगों की मुफ्तखोरी को दर्शाते हुए जन-जागृति की प्रेरणा प्रदान की है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

शब्दार्थ:

  1. उमस – उष्णता
  2. निरीह – उदासीन, बेचारा
  3. ऊहापोह – उधेड़बुन
  4. पक्का – निश्चित
  5. चौकसी – रखवाली
  6. झिड़कियाँ – डाँट-फटकार
  7. धौंस – धमकी, रोब
  8. गुजारा – निर्वाह

मुहावरे:

1. तसल्ली करना – समाधान करना।
2. चैन की साँस लेना – आश्वस्त होना।

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 3 Nij Bhasha Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 3 निज भाषा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 3 Nij Bhasha Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 3 निज भाषा Questions And Answers

1. भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
शब्द-युग्म पूरे करते हुए वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तरः

  • घर-घर – स्वतंत्रता सेनानी घर-घर जाकर लोगों को देश के प्रति जागरूक करते थे।
  • ज्ञान-विज्ञान – हमें अपनी भाषा में ज्ञान-विज्ञान का प्रचार करनाचाहिए।
  • भला-बुरा – इतनी-सी बात के लिए किसी को भला बुरा कहना ठीक नहीं।
  • प्रचार-प्रसार – हमें अपनी भाषा का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
  • भूख-प्यास – लंबी यात्रा में यात्री भूख-प्यास से परेशान
  • भोला-भाला – मोहन भोला-भाला व्यक्ति है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

2. मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल’ इस कश्चन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
i. निज भाषा ……………………….. हिय को सूल।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि अपनी भाषा अर्थात मातृभाषा की उन्नति के द्वारा ही प्रगति संभव है, क्योंकि सारी उन्नतियों का आधार यही है। अपनी भाषा के ज्ञान बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं हैं।

ii. अंग्रेजी पढ़ि………………….. हीन के हीन।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि यद्यपि अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त करने से व्यक्ति सभी गुणों में कुशल हो जाता है। परंतु मातृभाषा के ज्ञान के बिना उसकी अज्ञानता नहीं मिट पाती और वह हीन ही रह जाता

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3. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
हिंदी दिवस’ समारोह के अवसर पर अपने वक्तृत्व में हिंदी भाषा का महत्त्व प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
मानवीय सभापति महोदय, प्रधानाचार्य जी, मंच उपस्थित अतिथि गण, गुरुजन व मेरे प्यारे साथियों, आज हम सभी यहाँ हिंदी समारोह मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इस शुभ अवसर पर मैं हिंदी भाषा के महत्त्व के विषय में कुछ कहना चाहूँगा। हिंदी हमारी राजभाषा है। स्वतंत्र भारत के संविधान में हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिया गया है। हिंदी बहुत पहले से देश की संपर्क भाषा रही है। प्रत्येक राष्ट्र अपनी राष्ट्रभाषा के विषय में सजग, सतर्क और संवेदनशील होते हैं, क्योंकि राष्ट्रभाषा देश की एकता, अखंडता उसकी संस्कृति की पहचान होती है।

देश की आजादी की लड़ाई में हिंदी भी एक हथियार बन गई थी। देश के नेता हिंदी में भाषण देते थे और लोगों में अद्भुत जागृति पैदा करते थे। महात्मा गांधी देश के गाँव-गाँव में जाकर हिंदी में ही जनता को संबोधित करते थे। आज देश के हर भाग में हिंदी बोली जाती है। हिंदी अखबार और पत्र-पत्रिकाओं का भी देश में चारों तरफ बहुत प्रचार-प्रसार है। हिंदी एक समृद्ध भाषा है। इस भाषा में देश की मिट्टी की महक है। इसका साहित्य बहुत ऊँचे दर्जे का है।

हिंदी आज विश्व के लगभग ७५ देशों के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई जाती है। हिंदी को विश्व में सर्वाधिक फिल्में बनती हैं। सैटलाईट के विदेशी चैनल भी हिंदी माध्यम को अनवरत अपनाते चले जा रहे हैं। हमारे अहिंदी भाषी प्रांतों में भी हिंदी द्वितीय भाषा के रूप में पढ़ाई जा रही है। प्रथम भाषा के रूप में जब उसे संपूर्ण देश में मान्यता प्राप्त होगी, तभी हमारी हिंदी के प्रति सच्ची श्रद्धा मानी जाएगी।

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4. लेखनीय :

प्रश्न 1.
‘अपने विद्यालय में मनाए गए ‘बाल दिवस’ का वर्णन लिखिए।
उत्तर:
चाचा नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला ‘बाल-दिवस’ समारोह आज प्रात: ठीक 9 बजे हमारे विद्यालय में मनाया गया। इस समारोह में कक्षा 10 तक के छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अध्यक्ष थे, सुप्रसिद्ध भजन गायक ‘अनूप जलोटाजी’। उनके आते ही विद्यार्थियों की करतल ध्वनि से सारा हाल गूंज उठा। अध्यक्ष ने मंच पर आते ही सरस्वती जी के फोटो को हार पहनाया व तत्पश्चात पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा को हार पहनाया।

विद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. विजय-प्रताप सिंह ने मुख्य अतिथी का स्वागत किया एवं उपस्थित लोगों से उनका परिचय कराया। छात्र-छात्राओं ने इस शुभ अवसर पर चाचा नेहरू के जीवन की प्रमुख घटनाओं पर एक लघु नाटक प्रस्तुत किया। बाद में मुख्य अतिथि का भाषण हुआ। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने विद्यार्थियों को उच्च लक्ष्य की ओर प्रेरित किया। अंततोगत्वा प्रधानाचार्य डॉ. विजय-प्रताप सिंह ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। राष्ट्रगीत के समूहगान के साथ ही सगरोह की समाप्ति हुई।

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Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 3 निज भाषा Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए ।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 1

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए ।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 2

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए।
i. निज भाषा “अहै, सब उन्नति को मूल।
ii. पै निज भाषा ….बिन, रहत हीन के हीन ।।
उत्तर:
i. उन्नति
ii. ज्ञान

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

(ख) पद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 3 Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 4

प्रश्न 2.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. लाख उपाय अनेक यो,
ii. इक भाषा हक जीव, इक मति
उत्तर:
i. लाख उपाय अनेक यों, भले करे किन कोय।
ii. इक भाषा इक जीव, इक मति सब घर के लोग।

कृति ख (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
नीचे दी हुई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
i. उन्नति पूरी है ………….. मूढ़ सब कोय।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि किसी देश या समाज की संपूर्ण प्रगति तभी होती जब उसके घर की प्रगति होती है अर्थात घर की भाषा (मातृभाषा) की उन्नति होती है। सिर्फ अपने शरीर की अर्थात स्वयं की उन्नति करने से सब लोग अज्ञानी ही बने रहते हैं।

ii. निज भाषा ………………… करे किन कोय।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि अपनी भाषा की उन्नति के बिना कभी भी उन्नति नहीं हो सकती। भले ही कोई लाख उपाय करें अथवा अनेकों प्रकार से प्रयास करें लेकिन उसकी प्रगति संभव नहीं है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए ।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 5

प्रश्न 2.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. निजभाषा में कीजिए,
ii. यह गुन भाषा और मह, ……….
उत्तर:
i. निजभाषा में कीजिए, जो विद्या की बात।
ii. यह गुन भाषा और मह, कबहूँ नाहीं होय।

कृति ग (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
नीचे दी हुई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
i. और एक ………………………. कबहूँ नाहीं होय ।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि यदि ज्ञान की बात अपनी भाषा में करते हैं तो एक और भी लाभ स्पष्ट दिखाई देता है जो भी कोई अपनी भाषा की बात को सुनता है, वह लाभान्वित होता है। यह गुण अर्थात यह विशेषता किसी अन्य भाषा में कभी भी नहीं हो सकती। अन्य भाषा में की गई बात को हम पूरी तरह नहीं समझ पाते इसलिए उसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

(घ) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा 6

प्रश्न 2.
उचित पर्याय चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. विविध कला शिक्षा अमित
(क) भाषा विविध लखात
(ख) ज्ञान अनेक प्रकार
उत्तर :
(ख) ज्ञान अनेक प्रकार

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

ii. भारत में सब भिन्न अति ………..
(क) भाषा माँहि प्रचार
(ख) ताही सों उत्पात
उत्तर :
(ख) ताही सों उत्पात

कृति घ (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
नीचे दी हुई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
i. विविध कला …………………… भाषा माँहि प्रचार।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि अनेक प्रकार की कलाएं, असीमित शिक्षा तथा विभिन्न प्रकार का ज्ञान सभी देशों से अवश्य लेना चाहिए। लेकिन उस कला, शिक्षा तथा ज्ञान का प्रचार-प्रसार अपनी मातृभाषा में ही करना चाहिए क्योंकि इसके फलस्वरूप अधिक से-अधिक लोग इन विषयों द्वारा लाभ उठा सकेंगे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

ii. भारत में सब ……………….. भाषा विविध लखात।।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि भारत के सभी लोगों में विविधतापूर्ण भिन्नता है यहाँ अनेक देश, अनेक विचार और अनेक भाषाएँ दिखाई देती हैं। जिसके कारण यहाँ उपद्रव भी अधिक होते हैं और समाज में शांति नहीं रह पाती है। अर्थात कवि इस कविता से यह संदेश देते हैं कि अपनी मातृ भाषा की उन्नति करो जिससे देश में एकता स्थापित हो और देश उन्नति करें।

निज भाषा Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : भारतेंदु हरिश्चंद्र साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। इनका जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। इन्हें ‘खड़ी बोली का जनक’ कहा जाता है। इन्होंने कविता, नाटक, निबंध, व्याख्यान आदि का लेखन किया।
प्रमुख कृतियाँ : काव्य संग्रहः ‘भारत वीरत्व’, “विजय वैजयंती’, ‘सुमनांजलि’, ‘मधुमकुल’, ‘वर्षा-विनोद’, ‘राग-संग्रह’, हास्य काव्य कतियाँ : ‘बंदर-सभा’, ‘बकरी का विलाप’, हास्य-व्यंग्यप्रधान नाटक ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’

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पद्य-परिचय :

गीत : यह अर्थ सम मात्रिक छंद है। इसमें चार चरण होते है। सम चरणों के अंत में एक गुरू और एक लघु मात्रा होती है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता निज भाषा के माध्यम से कवि भारतेंदु हरिश्चंद्र ने अपनी भाषा के प्रति गौरव अनुभव करने, उससे प्रेम करने तथा मिल-जुलकर उन्नति करने का संदेश दिया है।

सारांश :

कवि कहते है कि अपनी भाषा की उन्नति से ही सभी प्रकार की उन्नति संभव है। अपनी भाषा के संपूर्ण ज्ञान के अभाव में व्यक्ति हीन हो जाता है। अपनी भाषा के उन्नति के बिना लाख उपाय करने पर भी व्यक्ति उन्नति नहीं कर पाता। जिस घर में सबकी भाषा एक हो, सबके विचार एक हो तथा आपस में कोई भेदभाव न हो उस घर से दुःख हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। हमें विभिन्न देशों से उनकी कला, शिक्षा तथा ज्ञान अवश्य लेना चाहिए परंतु उसका प्रचार-प्रसार अपनी भाषा में करना चाहिए। क्योंकि इससे अधिक से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। देश में भाषा की भिन्नता के कारण ही आपसी दंगे-फसाद होते हैं। अतः हमें अपनी भाषा की उन्नति करनी चाहिए।

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सरल अर्थ :

निज भाषा …………………. हिय को सूल।।
कवि कहते हैं कि अपनी भाषा अर्थात मातृभाषा की उन्नति के द्वारा ही प्रगति संभव है, क्योंकि सारी उन्नतियों का आधार यही है। अपनी भाषा के ज्ञान बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं हैं।

अंग्रेजी पढ़ि ………………………हीन के हीन।।
कवि कहते है कि यद्यपि अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त करने से व्यक्ति सभी गुणों में कुशल हो जाता है। परंतु मातृभाषा के ज्ञान के बिना उसकी अज्ञानता नहीं मिट पाती और वह हीन ही रह जाता है।

उन्नति पूरी है ……………………….. मूढ सब कोय।।
कवि कहते हैं कि किसी देश या समाज की संपूर्ण प्रगति तभी होती जब उसके घर की प्रगति होती है अर्थात पर की भाषा (मातृभाषा) की उन्नति होती है। सिर्फ अपने शरीर की अर्थात स्वयं की उन्नति करने से सब लोग अज्ञानी ही बने रहते हैं।

निज भाषा …………………………… करे किन कोय।।।
कवि कहते हैं कि अपनी भाषा की उन्नति के बिना कभी भी उन्नति नहीं हो सकती। भले ही कोई लाख उपाय करें अथवा अनेक प्रकार से प्रयास करें लेकिन उसकी प्रगति संभव नहीं है।

इक भाषा ………………………… मूड़ता सोग।।
कवि कहते है कि जब घर में सबकी भाषा एक हो, सब एक भाषा में बातचीत करते हों, सब एक प्राण हों यानि कोई किसी से भेदभाव न करता हो तथा सब एक मत हो अर्थात सभी के विचार एक जैसे हो तभी उस घर में सभी लोगों की एक दूसरे से बनती है तथा आपसी संबंध मधुर होते हैं। ऐसे घर से अज्ञानता और दुख हमेशा के लिए मिट जाता है।

और एक …………………………….. कबहूँ नाहीं होय।।
कवि कहते है कि यदि ज्ञान की बात अपनी भाषा में करते हैं तो एक और भी लाभ स्पष्ट दिखाई देता है जो भी कोई अपनी भाषा की बात को सुनता है, वह लाभान्वित होता है। यह गुण अर्थात यह विशेषता किसी अन्य भाषा में कभी भी नहीं हो सकती। अन्य भाषा में की गई बात को हम पूरी तरह नहीं समझ पाते इसलिए उसका लाभ नहीं उठा पाते हैं।

विविध कला …………………………… भाषा माहि प्रचार।।
कवि कहते हैं कि अनेक प्रकार की कलाएँ, असीमित शिक्षा तथा विभिन्न प्रकार का ज्ञान सभी देशों से अवश्य लेना चाहिए। लेकिन उस कला, शिक्षा तथा ज्ञान का प्रचार-प्रसार अपनी मातृभाषा में ही करना चाहिए क्योंकि इसके फलस्वरूप अधिक-से-अधिक लोग इन विषयों द्वारा लाभ उठा सकेंगे।

भारत में सब ………………….. भाषा विविध लखात।।
कवि कहते हैं कि भारत के सभी लोगों में विविधतापूर्ण भिन्नता है यहाँ अनेक देश, अनेक विचार और अनेक भाषाएं दिखाई देती है। जिसके कारण यहाँ उपद्रव भी अधिक होते हैं और समाज में शांति नहीं रह पाती है। अर्थात कवि इस कविता से यह संदेश देते हैं कि अपनी मातृभाषा की उन्नति करो जिससे देश में एकता स्थापित हे और देश उन्नति करें।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 3 निज भाषा

शब्दार्थ :

  1. निज – अपनी
  2. अहै – है
  3. मूल – जड़ (आधार)
  4. मिटत न – नहीं मिटती
  5. सूल – शूल (पीड़ा)
  6. जदपि – यद्यपि
  7. प्रवीन – कुशल
  8. पै – परंतु
  9. बिन – बिना
  10. हीन – तुच्छ
  11. उन्नति – प्रगति
  12. पूरी – संपूर्ण
  13. मूढ़ – मूर्ख
  14. कोय – कोई
  15. सोय – वह (उन्नति)
  16. इक – एक
  17. जीव – प्राण/आत्मा
  18. इक मति – एक बुद्धि
  19. तबै – तभी
  20. सबन सौ – सबके साथ
  21. मूढ़ता – अज्ञानता
  22. सोग – दुख
  23. प्रगट – स्पष्ट
  24. लखात – विद्या
  25. तेहि – उसे
  26. सुनी – सुनकर
  27. पावे – पाता है
  28. जो कोय – जो कोई
  29. और – दूसरे
  30. कबहूँ – कभी-भी
  31. होय – होता है
  32. विविध – अनेक
  33. अमित – असीमित
  34. देसन – देश
  35. लै – लेकर
  36. करहू – कीजिए
  37. दिखाई – अनेक
  38. माँहि – में
  39. विविध – अनेक
  40. देस – देश
  41. मतहू – विचार

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 8 Jhanda Uncha Sada Rahega Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 8 Jhanda Uncha Sada Rahega Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा Questions And Answers

1. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा 1.1

2. निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
हम कितने सुख सपने लेकर, इसको (ठहराते, फहराते, लहराते) हैं।
इस झंडे पर मर मिटने की, कसम सभी खाते हैं।
हिंद देश का है ये झंडा, घर-घर में लहरेगा।
झंडा ऊँचा सदा रहेगा।।
उत्तर:
कवि कहते हैं, हम कितने सुख तथा सपने लेकर इस झंडे को गाड़ते, फहराते और लहराते हैं। हम सब इस झंडे पर मर मिटने की सौगंध खाते हैं। यह हिंदुस्तान का झंडा है, यह घर-घर में लहराएगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चिह्नों के सामने उनके नाम लिखिए तथा वाक्यों में उचित विरामचिह्न लगाइए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा 2.1

संभाषणीय:

प्रश्न 1.
क्रांतिकारियों के जीवन से संबंधित कोई प्रेरणादायी प्रसंग / घटना पर आधारित संवाद बनाकर प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
(चौरीचौरा कांड के विषय में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का संवाद प्रस्तुत करते हुए तीन छात्र)

  • भगत सिंह: मित्रों, आज समय आ गया है कि हम अंग्रेज सरकार का पुरज़ोर तरीके से विरोध करें क्योंकि उनके अत्याचार से हमारी भारत माँ आहत हैं, दुखी हैं।
  • सुखदेव: भारत माँ के लिए तो हम अपनी जान भी दे सकते हैं बताओ मित्र हमें क्या करना है?
  • राजगुरु: हमने तो अपने सर पर कफन बाँध लिया है बताओ दोस्त हमें किस घटना को अंजाम देना है?
  • भगत सिंह: मित्रों, आने वाली 4 फरवरी को हमें चौरीचौरा कस्बे के पुलिस चौकी पर हमला करना है तथा उस चौकी को नष्ट करना है क्योंकि यही वह चौकी है, जो गोरखपुर शहर जाने के मार्ग पर स्थित है बिना इसे नष्ट किए हमारे साथी क्रांतिकारी शहर में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं।
  • सुखदेव: मित्र, हम अंग्रेज सरकार की ईंट से ईंट बजा देगें तथा ऐसा हमला करेगें कि उनके पास बचने के कोई उपाय नहीं होंगे।
  • राजगुरु: वह सब तो ठीक है दोस्तों लेकिन हमें गुप्त रूप से अपनी योजना की जानकारी दूसरे क्रांतिकारी मित्रों तक पहुँचानी होगी। इस काम में हमारी मदद करेगें बाबू रामप्रसाद बिस्मिल। योजना के अनुसार 3 फरवरी से ही हमारे क्रांतिकारी मित्र चौरीचौरा कस्बे में जमा होना शुरू हो जाएँगे और ठीक 4 तारीख को आधी रात के समय चौकी पर हमला किया जाएगा।
  • भगत सिंह: दोस्तों, यही जालियावाला बाग कांड के शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मित्रों एक बार साथ में बोलो-भारत माता की जय!
  • सुखदेव: भारत माता की जय!
  • राजगुरु: मातृभूमि की जय!
  • सब साथ में: भारत माता की जय ! मातृभूमि की जय!

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

लेखनीय:

प्रश्न 1.
राष्ट्र का गौरव बनाए रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा किए सराहनीय कार्यों की सूची बनाइए।
उत्तर:

प्रधानमंत्री का नाम राष्ट्र गौरव के कार्य
1. पं. जवाहर लाल नेहरू 1. गुट निरपेक्ष आंदोलन की रचना
2. इंदिरा गांधी 1. परमाणु कार्यक्रम की शुरूआत
2. बैंकों का राष्ट्रीकरण करना
3. राजीव गाँधी 1. गुट निरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व।
2. भारत को कम्प्यूटर से जोड़ना।
4. पी. वी. नरसिम्हा राव 1. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष नीति का प्रारंभ।
2. परमाणु कार्यक्रमों की शुरूआत करना।
5. इन्द्र कुमार गुजराल 1. श्रीलंका में शांति सेना भेजना।
6. अटल बिहारी वाजपेयी 1. कारगिल युद्ध में विजय
2. पोखरण में परमाणु परीक्षण।
3. संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण।
7. डा. मनमोहन सिंह 1. भारतीय अर्थ व्यवस्था को विश्व अर्थ व्यवस्था के साथ जोड़ देना।

आसपास:

प्रश्न 1.
अपने जिले में सामाजिक कार्य करने वाली किसी संस्था का परिचय निम्न मुददों के आधार पर प्राप्त करके टिप्पणी बनाइए।
उत्तर:
मेरे अमरावती जिले में एक गैर सरकारी संस्था (हुद) कार्य कर रही है। ये संस्था बिना किसी सरकारी भागीदारी के समाज में अपना कार्य करती है। जिले में गैर सरकारी संगठन का कार्य अच्छे से चल रहा है। ये संस्था लोगों की सहायता के साथ-साथ स्वशिक्षा, शिक्षा के लिए अनुदान की व्यवस्था, गरीब लोगों को आर्थिक मदद की जरूरत भी पूरी करती है। जिले में इस संस्था के द्वारा गरीबों के भोजन व स्वच्छ पेय जल का पता लगाने एवं जरूरतमंद की मदद करने का कार्य अच्छी तरह से किया जा रहा है। उत्पीड़न के शिकार लोगों की मदद करना इस संस्था का मुख्य कार्य है। ये समुदाय धर्म विशेष पर ध्यान नहीं देती। ये तो सभी धर्मों का समान सम्मान करती है। मेरे जिले में इस संगठन का कार्य बहुत ही सराहनीय है। इस संगठन में ‘द चिल्ड्रेस लीगल सेंटर’ के द्वारा बच्चों के अधिकारों का पूर्ण रूप से ध्यान दिया जाता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘मेरे सपनों का भारत’ इस कल्पना का विस्तार अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
‘मेरे सपनों का भारत कैसा हो?’ इस पर मेरे मन में कई तरह के विचार उत्पन्न होते हैं। लेकिन मैं चाहता हूँ कि मेरे सपनों का भारत सुखी और संपन्न हो, सभी देशवासी शिक्षित हों, बेरोजगारी की समस्या दूर हो और भारत एक कर्मनिष्ठ तथा आत्मनिर्भर देश बनें। मेरे सपनों का भारत ऐसा हो जहाँ लोग मर्यादाओं का पालन करें तथा सभी देशवासियों में विश्व बंधुत्व की भावना हो। लोग सभी धर्मों का आदर करें तथा जातिगत का बंधन न हो। समाज मुक्त हो, सभी को एक जैसा अधिकार मिले। समाज में शोषण और अत्याचार न रहे। ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा’ यह प्रेरणादायी पंक्तियाँ एक हकीकत बने और जब यह संभव होगा तभी हम देश पर गर्व कर पाएँगे। विश्व की प्राचीनतम सभ्यता इसी पावन धरती पर फली थी।

न जाने कितने ही महापुरुषों ने इस पवित्र धरती पर जन्म लिया है। इसी देश ने विश्व को वेद-पुराणों तथा गीता का संदेश सुनाया था। इसी भारतवर्ष ने संसार को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का पाठ पढ़ाया था। मैं चाहता हूँ कि मेरे सपनों का भारत एक परिवार के समान हो। जहाँ कोई भेदभाव न हो। लोगों में परोपकार की भावना हो। भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है; इसलिए किसान हमारे लिए देवता के समान हैं। जो हमारे लिए अन्न का उत्पादन करते हैं। इसलिए गाँव में सिंचाई की सुविधा होनी चाहिए ताकि किसान वर्षा की अनिश्चिता से मुक्त हो सके। हमारा देश जो गाँवों में बसता है; वहाँ हर प्रकार की बुनियादी सुविधा हो जिससे गाँव के लोगों को शहर की तरफ जाने की जरूरत न पड़े।

किसी भी देश के विकास के लिए आवश्यक है शिक्षा और चिकित्सा। इसलिए गाँवों में स्कूल तथा स्वास्थ्य सेवा का ऐसा प्रावधान होना चाहिए जिससे लोगों को अपने बच्चों की शिक्षा तथा सबके स्वास्थ्य को लेकर निश्चिंतता हो। हमारे देश में व्यवसायी वर्ग उपेक्षित है। किसान और मजदूर अपने खून को पसीना बनाने में नहीं हिचकते लेकिन लोग उन्हें आदर की दृष्टि से नहीं देखते हैं। मेरे सपनों के भारत में व्यापारी वर्ग, किसान व मजदूर खुशहाल होने चाहिए। इस प्रकार ‘मेरे सपनों का भारत’ ऐसा होना चाहिए कि हम सारे विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करें।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम छह पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि देश के तिरंगे झंडे का गौरव-गान करते हुए कहते हैं कि यह सर्वदा ऊँचा रहेगा, सदा ऊँचा रहेगा। भारत देश का प्यारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा। कवि कहते हैं हमारे देश का झंडा तूफानों और बादलों से भी नहीं झुकेगा, अर्थात बड़े से बड़े शत्रुओं के आक्रमण से भी नहीं झुकेगा। कभी नहीं झुकेगा यह झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा 3

कृति ख (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
शान हमारी ये झंडा है, ये अरमान हमारा,
ये बल पौरुष है सदियों का, ये बलिदान हमारा।
जीवन-दीप बनेगा, ये अंधियारा दूर करेगा।
झंडा ऊँचा सदा रहेगा।।
उत्तर:
कवि कहते हैं, ये तिरंगा झंडा हमारी शान और हमारा अरमान है। यह झंडा सदियों के शक्ति-पराक्रम और हमारे बलिदान की निशानी है। यह तिरंगा हमारे जीवन का दीपक बनेगा तथा अंधकार को दूर करेगा, अर्थात कठिनाइयों और बुराइयों को दूर करेगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा 4

प्रश्न 2.
उत्तर लिखिए।
1. हम यह कसम खाते हैं –
2. झंडा यहाँ लहरेगा –
उत्तर:
1. झंडे पर मर मिटने की।
2. घर-घर में।

झंडा ऊँचा सदा रहेगा Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: रामदयाल पांडेय जी का जन्म बिहार में हुआ था। वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राष्ट्रभाव के महान कवि थे। साहित्य को जीने वाले, अपने धुन के पक्के, आदर्श कवि और विद्वान संपादक के रूप में प्रसिद्ध रहे तथा उनके संस्थाओं से जुड़े रहे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

पद्य-परिचय:

प्रेरणा गीत: प्रेरणागीत हिंदी साहित्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। यह हमारे दिलों में उतर कर हमारी जिंदगी को संघर्ष करने की शक्ति और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

प्रस्तावना: प्रस्तुत कविता ‘झंडा ऊँचा रहेगा’ में कवि पांडेय जी ने अपने देश के झंडे का गौरवगान विभिन्न स्वरूपों में किया है।

सारांश:

कवि कहते हैं, हमारे देश का झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा। यह विकट से विकट परिस्थिति में भी नहीं झुकेगा। इस झंडे में तीन रंग की पट्टियाँ हैं और बीच में एक चक्र है। केसरिया रंग शक्ति का प्रतीक है। यह हमारे अंदर शक्ति भरने वाला है, सफेद रंग सच्चाई का प्रतीक है, हरा रंग हमारी धरती की हरियाली का प्रतीक है और चक्र गतिशीलता का प्रतीक है। यह झंडा हमारी शान, अरमान, बल पौरुष तथा बलिदान है। यह झंडा हर घर में लहराएगा। यह झंडा दुनिया के कोने-कोने में अपना संदेश सुनाएगा। हम इस झंडे पर मर मिटने की कसम खाते हैं।

सरल अर्थ:

ऊँचा सदा ………………… ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि देश के तिरंगे झंडे का गौरव-गान करते हुए कहते हैं कि यह सर्वदा ऊँचा रहेगा, सदा ऊँचा रहेगा। भारत देश का प्यारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

टूफानों से ……………….. ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि कहते हैं हमारे देश का झंडा तूफानों और बादलों से भी नहीं झुकेगा, अर्थात बड़े से बड़े शत्रुओं के आक्रमण से भी नहीं झुकेगा। कभी नहीं झुकेगा यह झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

केसरिया बल ……………. ऊँचा रहेगा।।
कवि कहते हैं, तिरंगे झंडे का केसरिया रंग देश की शक्ति का प्रतीक है, यह हमारे अंदर शक्ति भरता है, सफेद रंग शांति और सत्य का प्रतीक है, यह हमें सच्चाई का मार्ग दिखाता है, हरा रंग भूमि की पवित्रता, उर्वरता और वृद्धि को दर्शाता है और चक्र यह हमें उन्नति के मार्ग पर हमेशा कदम बढ़ाते रहने का संदेश देता है। हमारा यह झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

शान हमारी ……………………… ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि कहते हैं, ये तिरंगा झंडा हमारी शान और हमारा अरमान है। यह झंडा सदियों के शक्ति-पराक्रम और हमारे बलिदान की निशानी है। यह तिरंगा हमारे जीवन का दीपक बनेगा तथा अंधकार को दूर करेगा, अर्थात कठिनाइयों और बुराइयों को दूर करेगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

आसमान में …………………….. ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि कहते हैं, तिरंगा झंडा आसमान और बादल में हमेशा लहराता रहे। यह झंडा जहाँ-जहाँ जाए अपनी बात, अपना संदेश और अपना संवाद लोगों को सुनाए, अर्थात लोगों को सत्य-अहिंसा और भाईचारे का संदेश दे। आज हिंदुस्तान ही ऐसा देश है जो पूरे संसार को भेद-भाव और हिंसा जैसी बुराइयों से आजाद करेगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

नहीं चाहते …………………. ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि कहते हैं, हम दुनिया को अपना दास नहीं बनाना चाहते, दूसरों की बात और फटकार नहीं सुनना चाहते तथा हम दूसरों के मुँह का निवाला भी छीन कर नहीं खाना चाहते। हमारा खून हमेशा सत्य और न्याय के लिए बहेगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

हम कितने ………………………. ऊँचा सदा रहेगा।।
कवि कहते हैं, हम कितने सुख तथा सपने लेकर इस झंडे को गाड़ते, फहराते और लहराते हैं। हम सब इस झंडे पर मर मिटने की सौगंध खाते हैं। यह हिंदुस्तान का झंडा है, यह घर-घर में लहराएगा। हमारा झंडा हमेशा ऊँचा रहेगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 8 झंडा ऊँचा सदा रहेगा

शब्दार्थ:

  1. सदा – हमेशा
  2. बल – शक्ति
  3. शान – गरिमा, मर्यादा
  4. अरमान – इच्छा
  5. पौरुष – पुरुषार्थ, पराक्रम, साहस
  6. दास – सेवक, गुलाम
  7. फटकार – डाँट
  8. लहू – खून, रक्त
  9. लहराना – फहराना
  10. कसम – सौगंध

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 9 Mere Pita Ji Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 9 Mere Pita Ji Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 मेरे पिता जी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 9 मेरे पिता जी (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 9 मेरे पिता जी Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कारण लिखिए।

प्रश्न (क)
विमान के प्रति लेखक का आकर्षित होना-
उत्तर:
दो विमान लेखक को अपनी ओर बार-बार खींच रहे थे। मानो वे उसे सीमाओं के परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी दे रहे थे और मानो वे उसके सपनों को पंख लगा रहे थे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न (ख)
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना –
उत्तर:
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति वे आकर्षित थे।

पहली बार मैंने एम. आई. टी. में निकट से विमान देखा था, जहाँ विद्यार्थियों को विभिन्न सब- सिस्टम दिखाने के लिए दो विमान रखे थे। उनके प्रति मेरे मन में विशेष आकर्षण था। वे मुझे बार – बार अपनी ओर खींचते थे। मुझे वे सीमाओं से परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी देते थे तथा मेरे सपनों को पंख लगाते थे। मैंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति मैं आकर्षित था। वर्षों से उड़ने की अभिलाषा मेरे मन में पलती रही। मेरा सबसे प्यारा सपना यही था कि सुदूर आकाश में ऊँची और ऊँची उड़ान भरती मशीन को हैंडल किया जाए।

2. स्वमत –

3. ‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।

प्रश्न 1.
‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
जिंदगी सिर्फ चार दिन की होती है। छोटी-सी इस जिंदगी में सभी को आसमान में उड़ाने की चाह होती है। यानी सभी को अपनी-अपनी अभिलाषा होती है। मेरी भी अपनी एक अभिलाषा है। वह है वैज्ञानिक बनने की। मैं वैज्ञानिक बनकर भारत में अनुसंधान का कार्य करना चाहता हूँ। विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम गर्व से ऊँचा करना चाहता हूँ।

नए-नए अन्वेषण करके मैं सभी का जीवन सुखकर करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर सभी बच्चों के मन में विज्ञान के प्रति प्रेम-आकर्षण निर्माण करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर मानवता के लिए कार्य करने के लिए मैं सदैव तत्पर हूँ। मैं मेरी यह अभिलाषा पूर्ण करने के लिए अथक प्रयास व परिश्रम कर रहा हूँ। मुझे आशा है कि मेरी यह अभिलाषा जरूर पूरी हो जाएगी।

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

प्रश्न 1.
संजाल:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 2

2. ‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भाषा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है। भाषा से ही व्यक्ति का विकास होता है। बिना भाषिक ज्ञान से व्यक्ति जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता है। बहुभाषी होना तो सोने पे सुहागा जैसी ही बात है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति के ज्ञान की कक्षाएँ फैल जाती हैं। वह एक भाषा के साथ दूसरी भाषा के भाव व विचार संकलित करता है।

अन्य भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति को अन्य प्रांतों में भी सम्मान की भावना मिल जाती है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति की विचार करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। ऐसा व्यक्ति भाषण या लेखन करते समय अन्य भाषाओं में प्रचलित संदर्भ या उदाहरणों को आसानी से प्रयोग कर सकता है। इसीलिए अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।

  1. जूता
  2. पाजामा
  3. अचकन
  4. टोपी

उत्तरः

  1. काला
  2. ढीला
  3. लंबी व इकहरी
  4. दुपल्ली

प्रश्न (ख)
‘संयुक्त परिवार’ संबंधी अपने विचार लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए।
उत्तरः
संयुक्त परिवार प्रणाली भारतीय संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है। आज के इस परिवर्तनशील युग में संयुक्त परिवार प्रणाली विभक्त होती जा रही है। संयुक्त प्रणाली में सभी मिल-जुलकर रहते थे। संयुक्त परिवार प्रणाली व्यापक एवं विशाल स्वरूप की थी। उसका दृष्टिकोण भी व्यापक था। सदस्यों की संख्या भी अधिक होती थी।

परिवार का मुखिया परिवार का संचालन करता था। चाचा-चाची, माँ-बाप, दादादादी, चचेरे भाई-बहन सभी संयुक्त परिवार में मेल-मिलाप से रहते थे। आज भले ही संयुक्त प्रणाली की जगह विभक्त परिवार प्रणाली आ गई है; फिर भी आज कई परिवार ऐसे हैं जो संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार प्रणाली प्रेम व सहयोग से एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहना सिखाती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
विरामचिह्न पढ़िए, समझिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 3

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 9 मेरे पिता जी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 4

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 5

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 6

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. गुलूबंद
2. लाठी
उत्तर:
1. जाड़ों में लेखक के पिता के गले में क्या पड़ा रहता था?
2. लेखक के पिता ने किसकी तालीम ली थी?

प्रश्न 5.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के गाँव में किसी कारण हिंदू-मुस्लिम दंगा हो गया था।
2. लेखक के पिता दफ्तर से बाहर निकलते समय धोती पर बंद गले का कोट पहनते थे।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 6.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 7

कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अपनी वाणी एवं अपने कर्म से सभी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। हमें संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। अपने अच्छे व्यवहार से सभी का दिल जीत लेना चाहिए। हमें मानवीय गुणों का पालन करना चाहिए और अपने प्रत्येक कार्य से दूसरों को प्रेरणा देनी चाहिए।

(ख) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1):आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी हाथ में डंडा लिए थे।
उत्तर:
आत्मरक्षा के लिए पिता जी हाथ में डंडा रखते थे।

प्रश्न 2.
हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।
उत्तरः
साथ में भाईचारे से रहने के उद्देश्य से हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 8

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से…………….
उत्तर:
(क) न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
(ख) न बंधुत्व समाप्त होगा न भाईचारा खत्म होगा।
(ग) न प्रेम समाप्त होगा न अमन खत्म होगा।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और
(क) उनके मुहल्ले में अशांति बनी रही।
(ख) उनके मुहल्ले में वैमनस्य बढ़ने लगा।
(ग) उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।
उत्तर:
1. हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
2. लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘इंसान मेल से रहने के लिए बना है।’ इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
इंसान ईश्वर की सबसे सुंदर कृति है। इंसानियत इंसान का सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म से बढ़कर अन्य धर्म नहीं है। अतः धर्म के नाम पर एक-दूसरे के साथ लड़ना-झगड़ना उचित नहीं है। मानव जीवन अत्यंत मूल्यवान है। अत: इस जीवन में हमें एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध निर्माण करने चाहिए। जब व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मेल से रहेगा तब समाज में शांति, प्रेमभाव, अमन का राज्य निर्माण हो जाएगा। चार दिन की इस जिंदगी में खुश रहने के लिए व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ मेल से रहना चाहिए।

(ग) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य गद्यांश के क्रम के अनुसार लिखिए।

  1. पैदल आते।
  2. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।
  3. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  4. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।

उत्तर:

  1. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  2. पैदल आते।
  3. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।
  4. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 9

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. मूर्ति
2. मानस
उत्तर:
1. पूजा की कोठरी में क्या नहीं थी?
2. लेखक के पिता किसका नवाहिक पाठ करते थे?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘छात्र का दैनिक जीवन किस प्रकार का होना चाहिए?’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
छात्र का दैनिक जीवन सुव्यवस्थित होना चाहिए ताकि वह संपूर्ण दिन में अपना प्रत्येक कार्य सुचारू रूप से कर सकें। छात्र को सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर ईश्वर चिंतन में थोड़ा समय देना चाहिए। पश्चात स्कूल में समय पर पहुँचना चाहिए। स्कूल की पढ़ाई-लिखाई में पूरा ध्यान देकर गृहकार्य भी समय पर करना चाहिए। स्कूल से घर आने के पश्चात कुछ समय खेलकूद के लिए भी देना चाहिए। अपने परिवार एवं मित्र के साथ टहलने के लिए भी समय देना चाहिए। साथ ही अपने निजी शौक के लिए भी छात्र को समय देना चाहिए। रात में सोते समय ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के पिता का स्वर साफ, सप्राण व लयपूर्ण था।
2. लेखक के पिता की आवाज सुरीली थी।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 10

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 11

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।
उत्तरः
बचपन में लेखक जब रोने लगते थे तब उन्हें खटोले सहित पूजा की कोठरी के सामने रख दिया जाता। वहाँ आने के बाद लेखक का रोना बंद हो जाता था। इसलिए परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘घर व परिवार संस्कार के प्रमुख केंद्र होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
संस्कार पढ़ाए नहीं जाते हैं। वे अपने आप आ जाते हैं। घर व परिवार ही एक ऐसा माहौल है; जिसमें बच्चों का संस्कार निर्माण होता है। यदि घर व परिवार में धार्मिक माहौल है तो बच्चों पर अपने आप धार्मिक संस्कार का निर्माण हो जाता हैं। कोई भी पाठशाला संस्कार नहीं प्रदान कर सकती। वह सिर्फ शिक्षा दे सकती है। सिर्फ घर-परिवार में अच्छा माहौल हो, तो बच्चों में नैतिक संस्कार एवं मानवीय गुण अपने आप आ जाते हैं। बच्चे जन्म से अपने परिवार के संग होते हैं। घर पर मिलने वाली शिक्षादीक्षा एवं घर-परिवार के लोगों के अच्छे आचरण का बच्चों पर प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों में संस्कार पनपने लगते हैं।

(ङ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 12

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक के पिता जी मौन रहकर गीता पढ़ते थे।
उत्तरः
लेखक के पिता जी गीता पर चिंतन करना चाहते थे। इसलिए वे मौन रहकर गीता पढ़ते थे।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था।
उत्तर:
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था। क्योंकि उन्हें संस्कृत का साधारण ज्ञान था।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 13

(च) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को गद्यांश के अनुसार सही क्रम में लिखिए।

  1. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।
  4. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।

उत्तर:

  1. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  4. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. पैंतीस
2. पूरियाँ
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी ने कितने वर्षों तक नौकरी की?
2. लेखक की माँ जल्दी-जल्दी क्या बनाती?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं –
उत्तरः
लेखक के पिता के लिए भोजन ले जाने के लिए कोई आदमी न मिलने पर उन्हें दफ्तर में पूरा दिन उपवास करना पड़ता था।
अत: घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं।

प्रश्न 2.
घर की तीनों बूढ़ियों को भूखा रहना पड़ता था –
उत्तर:
लेखक के पिता को पूरा दिन भूखा रहने के कारण लेखक की माँ भी भूखी ही रह जाती थी। अत: माँ के भूखे रहने के कारण घर की तीनों बूढ़ियाँ भी भूखी ही रह जाती थीं।

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें समय का पालन करना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
समय का पालन करना, समय के अनुसार काम करना एवं समय पर चलना जीवन में अत्यावश्यक है। यदि हम अपने जीवन में समय का पालन करेंगे तो हमारा सारा काम समय पर पूरा हो जाएगा। समय का पालन करने से हम अपने गंतव्य स्थान पर ठीक समय से पहुँच जाएँगे। हमें देरी नहीं होगी। समय का पालन करने से हमारे अंदर अनुशासन बढ़ेगा। समाज में हमें अपने आप प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त हो जाएगा। समय का पालन करने से व्यक्ति स्वावलंबी बनेगा। इसीलिए हमें समय का पालन करना चाहिए।

(छ) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. पिता जी का दफ्तर से लौटने का कोई निश्चित समय नहीं था।
2. पिता जी पूरे दिन में लगभग चालीस मील चला करते थे।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीन
2. गंगा
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी सुबह कितने बजे उठते थे?
2. लेखक के पिता सुबह स्नान करने के लिए कहाँ जाते थे?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 14

कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।’ इस कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गंगा नदी भारत की प्रमुख एवं पुरातन नदी है। इस नदी से भारतीयों की श्रद्धा एवं आस्था जुड़ी हुई है। पुराणों में गंगा नदी का वर्णन आया हुआ है। भगीरथ ने अथक परिश्रम कर गंगा को धरती पर लाया था। लोगों के पापों का नाश करने वाली व सभी के दुखों का हरण करने वाली गंगा नदी भारतीय संस्कृति की शान है। हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्थाएँ गंगा नदी से जुड़ी हुई हैं। गंगा नदी के किनारे कई संस्कृतियाँ विकसित हुई हैं। इसीलिए गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।

(ज) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 15

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।
उत्तरः
घर के लोगों को सेंस ऑफ टाइम वक्त का अंदाज देने के लिए पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न 2.
लेखक की बड़ी बहन का लड़का घड़ी अपने घर ले गया।
उत्तरः
वह घड़ी उसके नाना लाए थे। इसीलिए नाना की एक निशानी के रूप में वह घड़ी अपने घर ले गया।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 16

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आप अपने पिता जी की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मेरे पिता मेरे लिए आदर्श हैं। उनमें वे सारी योग्यताएँ मौजूद हैं जो एक आदर्श पिता के पास होती हैं। पिता जी हमें अनुशासन के प्रति सचेत करते हैं। क्या सही और क्या बुरा इसके बारे में भी सचेत करते हैं। मेरे लिए मेरे पिता जी एक सच्चे दोस्त की तरह हैं। वे प्रेम, दया एवं सहनशीलता के भंडार हैं। उनके पास ज्ञान का अनमोल भंडार है। उनकी बोली में माधुर्य टपकता है। जीवन में आने वाली परिस्थितियों का सामना करने की प्रेरणा मुझे उनसे ही प्राप्त हुई है। जीवन में हर पल यानी सुख-दुख में हमेशा खुश रहना चाहिए यह भी मैंने उनसे ही सीखा है।

मेरे पिता जी (पूरक पठन) Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: हरिवंशराय बच्चन जी का जन्म 27 अगस्त 1907 प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बच्चन जी हालावाद के प्रवर्तक थे। ये मूलत: कवि के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने आत्मकथा के माध्यम से गद्य की जो एक नई धारा निर्माण की वह प्रशंसनीय है। ‘मधुशाला’ इनकी प्रसिद्ध रचना है जो हर एक आम आदमी के हृदय में विराजमान है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’, ‘निशा निमंत्रण’, ‘एकांत संगीत’, ‘आकुल अंतर’, ‘खादी के फूल’, ‘हलाहल’, ‘धार के इधर उधर’; आत्मकथा के चार खंड – ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, ‘नीड़ का निर्माण फिर फिर’, ‘बसेरे से दूर’, ‘दशद्वार से सोपान तक’।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

गद्य-परिचय:

आत्मकथा: आत्मकथा हिंदी साहित्य में गद्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। इसमें व्यक्ति अपने जीवन काल में घटी घटनाओं और अपनी
कथा स्मृतियों का वर्णन करता है। आत्मकथा सामान्यत: व्यक्ति अपने जीवन के उत्तर काल में लिखता है। इसमें रोचकता व निष्पक्षता होती है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत आत्मकथा के अंश में लेखक बच्चन जी ने अपने पिता के व्यक्तित्व एवं चरित्र का वर्णन किया है। इसके साथ ही देश काल की परिस्थितियों का भी जिक्र किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ ‘मेरे पिता जी’ आत्मकथा का एक अंश है। प्रस्तुत पाठ में लेखक हरिवंशराय बच्चन जी ने अपने पिता का चित्रण किया है और साथ में यह भी बताया है कि पिता जी द्वारा किए गए संस्कारों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। लेखक के पिता जी समय के बड़े पाबंद थे। अपनी पैंतीस वर्ष की नौकरी में वे कभी भी दफ्तर देरी से नहीं गए थे। जब लेखक की माँ उनके लिए भोजन देरी से बनाती थीं तो वे गुस्सा हो जाते थे। लेखक की माँ आस-पास में रहने वाले किसी भी आदमी के हाथों से उनके लिए भोजन दफ्तर में भेज देती थीं। जिस दिन भोजन ले जाने के लिए कोई भी नहीं मिलता; उस दिन लेखक के पिता भूखे रह जाते थे।

इसी कारण लेखक की माँ भी भूखी रहती थीं। लेखक के पिता जी को धर्म के नाम पर दंगा फसाद करने वालों के खिलाफ बहुत नफरत थी। उनका कहना था कि इंसान मेल से रहने के लिए बना है। हिंदू या मुसलमानों के मरने से; न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम। लेखक के पिता बहुत धार्मिक थे। वे सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करने जाते थे। पूजा-पाठ में विश्वास रखते थे और मानस का नवाहिक पाठ करते थे। लेखक पर अपने पिता जी के रहन-सहन, व्यक्तित्त्व एवं उनके गुणों का बहुत असर हुआ। उन्हीं के आदर्श विचारों के कारण लेखक के व्यक्तित्व को एक नया आयाम प्राप्त हुआ। इसीलिए लेखक ने अपनी आत्मकथा के इस अंश में अपने पिता जी की खूबियों को दर्शाया है।

शब्दार्थ:

  1. नैमित्तिक – निमित्यसंबंधी
  2. विलायत – विदेश
  3. वाकचातुर्य – वाकपटुता, बोलने में चतुराई
  4. अचेतन – चेतनारहित
  5. चलास – चलने का शौक
  6. सहकर्मी – दफ्तर में साथ में काम करने वाला
  7. आत्मरक्षा – स्वयं की रक्षा
  8. सिरफिरा – पागल
  9. वारदात – घटना
  10. नियमबद्ध – नियम के अनुसार
  11. अचरज – आश्चर्य

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 2 Billi Ka Bilanguda Question Answer Maharashtra Board

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Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा Textbook Questions and Answers

1. सूचनानुसार कृतियाँ कीजिए :

(क) संजाल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 1

(ख) कहानी के प्रमुख पत्र

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 2

प्रश्न क.
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 3

प्रश्न ख.
कहानी के प्रमुख पत्र
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 4

2. उत्तर लिखिए :

बिल्ली के रवैये में आया परिवर्तन।
1. ………………………
2. …………………….

प्रश्न 1.
बिल्ली के रवैये में आया परिवर्तन।
उत्तर:
i. वह घर के सदस्यों के आगे-पीछे फिरने के बजाय रसोई के आसपास कोने में दुबक कर बैठ जाती।
ii. मौका मिलते ही मनचाही चीज खा लेना।

3. स्पष्ट कीजिए :

घर के सदस्यों का बिल्ली के प्रति व्यवहार
पहले और बाद में –

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 5

प्रश्न 1.
घर के सदस्यों का बिल्ली के प्रति व्यवहार
पहले और बाद में –
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा 5
उत्तर:

  • खान – पहले – बच्चे कभी-कभी रोटी देते। थाली का जूठन खिलाते।
  • बाद में – चोरी से मनचाही चीज खाना।
  • पान – पहले – बच्चे कभी-कभी दुध पिलाते।
  • बाद में – चोरी से दूध-दही खाना।

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पाठ से आगे :

‘प्राणी हमसे कहते हैं जियो और जीने दो’, इस विषय पर स्वमत प्रकट कीजिए।

प्रश्न 1.
‘प्राणी हमसे कहते हैं जियो और जीने दो’, इस विषय पर स्वमत प्रकट कीजिए।
उत्तरः
“जियो और जीने दो’ ये दो शब्द हैं, किंतु इन दो शब्दों में जिंदगी का सार भरा है । प्रकृति ने सबको जीने का समान अधिकार दिया है। हम किसी का अनिष्ट करेंगे तो हमारा भी अनिष्ट निश्चित है। इंसान, इंसान के रूप में जन्म तो लेता है किंतु उसके कर्म इंसानों जैसे नहीं होते। वह अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए अन्य प्राणियों का दोहन करता है। जंगलों की कटाई करता है। यदि हम ऐसा करेंगे, तो इससे हमारा ही नुकसान होगा। बारिश नहीं होगी और वन्य प्राणी भी जंगल कट जाने से गाँवों में घुस आएँगे और हम पर हिंसक आक्रमण कर देंगे। भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ |

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भाषा बिंदु :

शब्द कोश की सहायता से रेखांकित शब्दों के विलोम खोजिए तथा उनसे नए वाक्य लिखिए।

प्रश्न 1.
शब्द कोश की सहायता से रेखांकित शब्दों के विलोम खोजिए तथा उनसे नए वाक्य लिखिए।

  1. बिल्ली भी कम समझदार जानवर नहीं है।
  2. अमरू स्वभाव से अल्पभाषी है।
  3. पुरानी विचार धारा और पंरपरा एकदम घपले में पड़ गई है।
  4. अब हम उसे दुत्कार रहे हैं।
  5. दसियों ने इस सुंदर प्रस्ताव का समर्थन किया।
  6. डायनासोर प्राणी अब दुर्लभ हो गए हैं।
  7. वह तटस्थ होकर अपने विचार रखता है।
  8. इस भौतिक जीवन में मनुष्य बहुत खुश है।
  9. गर्मियों में सारी धरती शुष्क हो जाती है।
  10. पैसों का अपव्यय नहीं करना चाहिए।

उत्तरः

  1. गधा नासमझ होता है।
  2. आजकल के नेता बहुत वाचाल होते हैं।
  3. आज की युवा पीढ़ी नई विचार धारा को तेजी से अपना रही है।
  4. हम अपने अतिथियों का बहुत सत्कार करते हैं।
  5. जनता ने सरकार की गलत नीतियों का विरोध किया।
  6. जनता दरबार में मुख्यमंत्री से बात करना सुलभ हो गया है।
  7. मंत्री जी योजनाएं लागू करने में पक्षपात करते हैं।
  8. संत आध्यात्मिक जीवन में खुश रहते हैं।
  9. वर्षा के समय सारी पृथ्वी हरी-भरी हो जाती है।
  10. हमें मैंहगाई को देखते हुए पैसों का मितव्यय करना चाहिए।

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 2 बिल्ली का बिलुंगड़ा Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
परिच्छेद से समानार्थी शब्द ढूँढकर लिखिए।
i. प्रसन्न
ii. कोशिश
उत्तर:
i. खुश
ii. प्रयत्न

प्रश्न 2.
वचन परिवर्तन कीजिए।
i. चूहा
ii. बिल्लियाँ
उत्तर:
i. चूहे
ii. बिल्ली

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. पुरानी × ……..
ii. आपत्ति × …..
उत्तर:
i. नई
ii. सहमति

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘चूहों से हानि’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर :
अक्सर हम अपने घरों में चूहों की वजह से बहुत परेशान रहते हैं, वे घर में अपने पैरों में लगी गंदगी और मल-मूत्र के माध्यम से बीमारी फैलाते हैं। चूहे घर में रखें अनाज, खाद्य सामग्री के साथ ही जूते, कपड़े, किताबें आदि काटकर बहुत नुकसान करते हैं। वास्तुशास्त्र के अनुसार चूहा नकारात्मक और अज्ञानी शक्तियों का प्रतीक भी माना जाता है। चूहों की मौजूदगी से घर में मौजूद लोगों की बुद्धि का भी विनाश होता है।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके
उत्तर
निम्नलिखित शब्द हों –
i. बोरी
ii. अमरू
उत्तर:
i. रस्सी से किसका मुंह बाँध दिया गया?
ii. बोरी कंधे पर लटकाकर कौन चल दिया?

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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. लेखक को बिल्ली से पीछा छुड़ाने की चिंता हुई।
ii. नौकर ने तुरंत बोरी का एक सिरा पकड़कर उसे ऊपर से खोल दिया।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
गद्यांश के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. लेखक ने नौकर को याद दिलाया
ii. लेखक का ध्यान आवाज की तरफ नहीं गया
उत्तर:
i. लेखक ने नौकर को याद दिलाया कि उसे बिल्ली को भूली भटियारिन की तरफ छोड़ कर आना है।
ii. लेखक का ध्यान आवाज की तरफ नहीं गया, क्योंकि वह नहाने में व्यस्त था और कुछ गुनगुना रहा था।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
मानक वर्तनी के अनुसार सही शब्द लिखिए।
i. चिन्ता
ii. अन्दर
उत्तर:
i. चिंता
ii. अंदर

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प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. होशियार × ……….
ii. रात × ………
उत्तर:
i. मूर्ख
ii. दिन

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. दिन
ii. दफ्तर
उत्तर:
i. दिवस
ii. कार्यालय

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
पालतू जानवरों के प्रति हमें सौहार्दपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।’ इस संबंध में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जानवरों का मनुष्य के जीवन में बहुत महत्व है। गाय, बैल, भैंस, कुत्ता, घोड़ा आदि जानवर बहुत उपयोगी हैं। हमें उन्हें प्रेम से पालना चाहिए। ये जानवर हमारे साथ हमारे घर में रहकर परिवार के सदस्य जैसे बन जाते हैं। हमें उनके प्रति सौहार्दपूर्ण व्यवहार रखना चाहिए। उन्हें उचित समय पर अच्छी खुराक देनी चाहिए। उनकी साफसफाई का ध्यान रखना चाहिए। ये जानवर भी हमारे प्रति सद्व्यवहार और स्नेह रखते हैं। उनकी अच्छी देखभाल करना हमारा कर्तव्य है।

(ग) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए। अमरू के स्वभाव की विशेषता –
उत्तर:
i. अल्पभाषी
ii. मसखरा

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।
i. भीड़ ने अमरू पर यह चुराने का आरोप लगाया
ii. यहाँ से तो कई बच्चे उठाए जा चुके हैं
उत्तर:
i. बच्चा
ii. देवनगर

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. अमरू स्वभाव से अल्पभाषी था।
ii. एक आदमी लपककर अस्पताल गया।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 4.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
1. लेखक समझा शायद अमरू किसी की ………..,
(क) कार से टकरा गया होगा।
(ख) साइकिल चुरा लिया होगा।
(ग) साइकिल से टकरा गया होगा।
उत्तर:
(ग) साइकिल से टकरा गया होगा।

2. कुछ लोगों को शक हुआ कि …………….।
(क) बोरी में बच्चा है।
(ख) अमरू चोर है।
(ग) बोरी में बिल्ली है।
उत्तर:
(क) बोरी में बच्चा है।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. मुश्किल
ii. हवालात
उत्तर:
i. कठिन
ii. जेल

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के वचन परिवर्तन कीजिए।
i. आदमियों
ii. बच्चा
उत्तर:
i. आदमी
ii. बच्चे

प्रश्न 3.
मानक वर्तनी के अनुसार सही शब्द लिखिए।
i. अन्दर
ii. सुन्दर
उत्तर:
i. अंदर
ii. सुंदर

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मूक जानवरों की हत्या करना बहुत बड़ा पाप होता है।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जानवर देश की प्राकृतिक संपदा होते हैं। उनके कारण ही जंगलों की शोभा बढ़ती है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए हमें मूक जानवरों की रक्षा करनी चाहिए। यदि हम उनकी हत्या करेंगे, तो उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। प्रत्येक जीव को इस धरती पर जीवन जीने का अधिकार है। हम किसी के भी अधिकार को छीन नहीं सकते हैं। यदि हम उनकी हत्या करते हैं, तो हम धर्म एवं कानून की नज़र में बहुत बड़े अपराधी बन जाते हैं। दूसरों की रक्षा करना हमारा सबसे बड़ा कर्तव्य होना चाहिए।

(घ) परिच्छेद पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
बच्चों का खेलना-कूदना यहाँ बंद हो चुका था –
उत्तरः
i. पार्कों में
ii. बाहर गलियों में

प्रश्न 2.
वातावरण में इसकी कमी न थी –
उत्तर:
i. सनसनी
ii. तनाव

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों –
i. अमरू
ii. थानेदार
उत्तर:
i. थानेदार ने आते ही किसकी कलाई पकड़ ली?
ii. किसने आते ही अमरू की कलाई पकड़ ली?

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प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
1. उन दिनों दिल्ली में बड़ी …………….।
(क) महामारी फैली हुई थी।
(ख) भुखमरी फैली हुई थी।
(ग) सनसनी फैली हुई थी।
उत्तर:
(ग) सनसनी फैली हुई थी।

2. जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए …………….।
(क) जिन्होंने बोरियों में बच्चे बंद किए हुए थे ।
(ख) जिन्होंने मछलियाँ पकड़ी थी ।
(ग) जो चोरी करके भाग रहे थे ।
उत्तर:
(क) जिन्होंने बोरियों में बच्चे बंद किए हुए थे ।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. आदमी
ii. नौकर
उत्तर:
i. औरत
ii. नौकरानी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द परिच्छेद से ढूँढकर लिखिए।
i. सतर्कता
ii. अचरज
उत्तर:
i. सावधानी
ii. आश्चर्य

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. सवाल × …….
ii. संदेह × …….
उत्तर:
i. जवाब
ii. नि:संदेह

प्रश्न 4.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. और
ii. कि
उत्तर:
i. रोटी चौका करता हूँ और अपना पेट पालता हूँ।
ii. एक दो बार समाचार पत्र में छपा कि जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आजकल हो रहे बच्चों के अपहरण के संबंध में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आजकल बच्चों के अपहरण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें छोटे और मासूम बच्चों की संख्या अधिक होती है। इन बच्चों का पैसे के लिए, मानव तस्करी के लिए या बदला लेने के लिए अपहरण किया जाता है। अपहरण करने वाले अपने स्वार्थों के वशीभूत होकर बच्चों को सताने से भी बाज नहीं आते हैं। बच्चों का अपहरण करना सबसे सरल होता है क्योंकि वह छोटे होते हैं और इन पर काबू पाना सरल होता है। माता-पिता को बच्चों की सुरक्षा के लिए हर समय चिंतित रहना पड़ता है। पुलिस और सरकार तो इनके आगे बेबस होते नजर आती है। अत: इसके खिलाफ सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा देनी चाहिए।

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(ङ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
थानेदार को बुलाकर लाने वाला व्यक्ति क्रोध में बोला
उत्तरः
क्यों बकता है, बे! दरोगा जी, ऐसे यह नहीं मानेगा। दो-चार बेंत रसीद कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. अमरू नम्रतापूर्वक दरोगा से बोला।
ii. दरोगा ने अमरू की पीठ पर बेंत मारा।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
1. पहले यह तो देख लें कि .. …………..
(क) मेरा क्या कसूर है।
(ख) इस बोरों में है क्या?
(ग) इस बोरी में बिल्ली हैं।
उत्तर:
पहले यह तो देख लें कि इस बोरी में है क्या?

2. हम सब इस आदमी की …………….।
(क) बदमाशी के गवाह हैं।
(ख) सच्चाई के साथ हैं।
(ग) चोरी के खिलाफ हैं।
उत्तर:
हम सब इस आदमी की बदमाशी के गवाह हैं।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. क्रोध
ii. हुक्म
उत्तर:
i. गुस्सा
ii. आदेश

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. नीचे × ……….
ii. धीरे-से × ………
उत्तर:
i. ऊपर
ii. जोर-से

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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों में उचित विरामचिह्नों का प्रयोग कीजिए।
i. क्रोध में आकर बोला क्यों बकता है बे दरोगा जी ऐसे नहीं यह मानेगा।
ii. उन्होंने अमरू से कहा अच्छा बोरी को नीचे रखो इसका मुँह खोलो।
उत्तर:
i. क्रोध में आकर बोला, “क्यों बकता है, बे! दरोगा जी, ऐसे नहीं यह मानेगा।”
ii. उन्होंने अमरू से कहा, “अच्छा, बोरी को नीचे रखो। इसका मुंह खोलो।”

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों में सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कर फिर से लिखिए।
i. उनकी नीयत पर लोगों को शक हो रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
ii. अमरू शांतिपूर्वक नीचे बैठ गया। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
i. उनकी नीयत पर लोगों को शक होगा।
ii. अमरू शांतिपूर्वक नीचे बैठ जाता है।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में अव्यय पहचानिए और उसका नाम लिखिए।

  1. आटे और अनाज के लिए लोहे के ढोल बनवाए गए।
  2. बिल्ली खूब मजे से खा रही है।
  3. बिल्ली लोगों की थाली से जूठन ही खाती इसलिए हमें इसका कोई खर्च नहीं पड़ा।

उत्तर:

  1. और – समुच्चयबोधक अव्यय के लिए – संबधसूचक अव्यय
  2. मजे से – क्रियाविशेषण अव्यय
  3. इसलिए – समुच्चयबोधक अव्यय

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित वाक्यों को सूचना के अनुसार काल बदलकर फिर से लिखिए।

  1. बिल्ली रोटियों पर झपटी। (सामान्य वर्तमानकाल)
  2. अमरू कंधे पर बोरी लटकाकर चल दिया। (अपूर्ण भूतकाल)
  3. बिल्ली कमरे में आती है। (सामान्य भूतकाल)
  4. उनकी नीयत पर लोगों को शक हो रहा है। (सामान्य भविष्यकाल)
  5. अमरू शांतिपूर्वक नीचे बैठ गया। (सामान्य वर्तमानकाल)

उत्तर:

  1. बिल्ली रोटियों पर झपटती है।
  2. अमरू कंधे पर बोरी लटकाकर चल रहा था।
  3. बिल्ली कमरे में आई।
  4. उनकी नीयत पर लोगों को शक होगा।
  5. अमरू शांतिपूर्वक नीचे बैठ जाता है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए।
i. अमरू के कुछ कहना नहीं पड़ी।
ii. उन्होंने देखा की बोरी अंदर में हिल रही है।
उत्तर:
i. अमरू को कुछ कहना नहीं पड़ा।
ii. उन्होंने देखा कि बोरी अंदर से हिल रही है।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. और
ii. कि
उत्तर:
i. रोटी चौका करता हूँ और अपना पेट पालता हूँ।
ii. एक दो बार समाचार पत्र में छपा कि जमुना के पुल पर कुछ आदमी पकड़े गए।

रचनात्मकता की ओर लेखनीय :

प्रश्न 1.
आपका पालतू कुत्ता दो दिनों से लापता है। उसके लिए समाचार पत्र में देने हेतु विज्ञापन तैयार कीजिए। निम्न मुद्दों का आधार लें।
उत्तर:
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मैलिक सृजन :

प्रश्न 1.
अपने परिसर में लावारिस जानवरों की बढ़ती मौलिक सृजन संख्या एवं उनसे होने वाली परेशानियों के बारे में संबंधित अधिकारी को पत्र लिखकर सूचना दीजिए।
उत्तर:
संतोष वर्मा
5/सी रूप दर्शन, रामपुर थाना।
दिनांक – 20 जून, 2017।
सेवा में,
श्रीमान पशु अधिकारी जी,
नगर परिषद, थाना।
विषयः परिसर में लावारिस जानवरों की बढ़ती संख्या के संबंध में शिकायत-पत्र।
माननीय महोदय,
मैं शहर के रामपुर क्षेत्र का निवासी हूँ। पिछले कुछ दिनों से हमारे परिसर में लावारिस पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है। अब तो दूसरे कस्बों के पशु भी यहाँ आकर रहने लगे हैं। इन जानवरों की वजह से चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। बच्चों को खेलने के लिए परिसर में साफ़ जगह नहीं बची है। महानगर के अधिकारी या कर्मचारी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
अत: आपसे निवेदन है कि नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही उचित कार्यवाही करने की कृपा करें।
कष्ट के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ।
धन्यवाद!
भवदीय,
संतोष वर्मा।
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आसपास :

प्रश्न 1.
किसी पशु चिकित्सक से पालतू प्राणियों की सही देखभाल करने संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
मैं एक दिन अपने पालतू जानवरों के देखभाल से संबंधित जानकारी प्राप्त करने पशु चिकित्सक के पास गया, तो उन्होंने बताया कि हमें अपने पालतू प्राणियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए तथा उनकी सही देखभाल करनी चाहिए। पालतू जानवरों को न तो बहुत कम और न ही बहुत ज्यादा भोजन देना चाहिए। जब उन्हें भूख लगे तभी भोजन देना चाहिए। उनके भोजन और पानी पीने के बर्तन को दिन में कम-से-कम एक बार अवश्य साफ करना चाहिए।

पालतू जानवरों को घुमाने के लिए भी ले जाना चाहिए। बहुत से जानवरों के सामाजीकरण के लिए शारीरिक स्पर्श महत्त्वपूर्ण होता है। अत: उनके साथ खेलना चाहिए तथा उन्हें सहलाना चाहिए। उन्हें चोट नहीं पहुँचानी चाहिए। उन्हें नियमित रूप से पशु-चिकित्सक के पास ले जाना चाहिए।

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बिल्ली का बिलुंगड़ा Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

राजेंद्र लाल हांडा जी एक प्रसिद्ध कथाकार हैं। आपकी रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में हमेशा प्रकाशित होती रहती हैं। सम सामयिक विषयों पर आपकी रचनाएँ सामाजिक समस्याओं को उद्घाटित करती हैं।

गद्य-परिचय :

हास्य कहानी : जीवन की किसी घटना का रोचक, प्रवाही वर्णन कहानी होती है। इसमें किसी सत्य का उद्घाटन होता है। हास्य कहानी में इसे हल्के-फुलके हँसी के अंदाज में प्रस्तुत किया जाता है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत पाठ ‘बिल्ली का बिलंगुड़ा’ में लेखक हांडा जी ने हास्य के माध्यम से गलतफ़हमी के कारण उत्पन्न विशेष स्थितियों का वर्णन किया है।

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सारांश :

पिछले दिनों लेखक के घर में बहुत चूहे हो गए थे। वे घर के सामान का बहुत नुकसान कर रहे थे। अनाज की सुरक्षा के लिए लोहे के ढोल (डिब्बे) बनवाए गए। ये ढोल भी कारगर नहीं हुए। उसमें भी चूहे घुसने लगे। मित्रों ने घर में एक बिल्ली पालने का सुझाव दिया और बिल्ली लाई भी गई। बिल्ली की खूब खातिर होने लगी। बच्चे उसे रोटी और दूध देने लगे। कुछ दिनों में बिल्ली ने पूरी तरह चूहों का सफाया कर दिया। सब लोग बड़े खुश हुए। दो महीने बाद लोग चूहे को भूल गए और बिल्ली से तंग आ गए। क्योंकि अब बिल्ली की आदत बदल गई। अब वह मौका मिलते ही दूध, दही, भोजन आदि सपरचट कर देती।

लेखक को बिल्ली से पीछा छुड़ाने की चिंता होने लगी। उनका नौकर अमरू बड़ा होशियार था। रात को उसने एक खाली बोरी में दो रोटियाँ डालकर रख दी। बिल्ली जैसे ही रोटी की लालच में बोरी के अंदर झपटी, नौकर ने तुरंत बोरी का मुँह पकड़ लिया और रस्सी से मुँह बाँध दिया। लेखक ने अमरू से बिल्ली को कहीं दूर छोड़ने को कहा, जहाँ से वह वापस न आ सके।

दूसरे दिन सुबह अमरू बोरी कंधे पर लटका कर उसे छोड़ने चल दिया। रास्ते में कुछ लोगों को शक हुआ की बोरी में बच्चा है। दो आदमी उसके पीछे हो लिए। उन्होंने देखा कि बोरी अंदर से हिल रही है। उन्हें विश्वास हो गया कि इस बदमाश ने किसी बच्चे को पकड़ा है। देखते-देखते पचासों आदमी इकट्ठा हो गए। सब लोगों ने उसे घेर लिया।

पुलिस थाना भी बहुत दूर नहीं था। एक व्यक्ति दौड़कर पुलिस वाले को भी बुला लाया। शोर होने पर लेखक भी घर से बाहर आया, देखा कि भीड़ ने नौकर को घेर रखा है। थानेदार ने अमरू को मारने की धमकी दी तो उसने बोरी का मुँह खोल दिया और बिल्ली का बिलंगुड़ा छलाँगें मारता हुआ भाग गया। दरोगा जी झेंप गए और अमरू हँसता हुआ घर आ गया।

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शब्दार्थ :

  1. विचारधारा – सोच
  2. परंपरा – प्रथा
  3. घपले – गड़बड़ी
  4. बहुतेरे – बहुत तरह के
  5. ढोल – लोहे का ड्रम
  6. कारगर – उपयोगी
  7. परामर्श – सलाह
  8. आपत्ति – ऐतराज
  9. चुनांचे – इसलिए
  10. विधिपूर्वक – ठीक तरह से
  11. काबू – वश
  12. मात – हार
  13. रवैया – रंग-ढंग, ढंग
  14. जी में – दिल में
  15. कढ़े हुए – निकाले हुए
  16. हजामत – दाढ़ी बनाना
  17. गुसलखाने – स्नानघर
  18. छप्परवाले – जिसके ऊपर छप्पर पड़ा हो
  19. अल्पभाषी – कम बोलने वाला
  20. मसखरा – मज़ाकिया
  21. गिरोह – दल
  22. लपक कर – तेजी से
  23. हवालात – कारागार
  24. दसियों – दसों लोग
  25. हुक्म – आदेश
  26. गवाह – साक्षी
  27. नीयत – इरादा
  28. बेंत – मज़बूत-लचीले डंठलवाली लता
  29. सनसनी – सन्नाटा, खलबली
  30. सुराग – (यहाँ अर्थ) पता, खोज

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मुहावरे :

  1. मौका लगना – अवसर मिलना।
  2. सिर चढ़ जाना – उदंडता के लिए खुली छूट देना।
  3. टूट पड़ना – आक्रमण करना।
  4. व्यस्त होना – तल्लीन होना।
  5. परामर्श करना – राय लेना।
  6. एक न चलना – कुछ न कर सकना।
  7. तंग आना – परेशान होना।

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई