Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 12th Digest परिशिष मुहावरे Notes, Questions and Answers.
Maharashtra State Board 12th Hindi परिशिष मुहावरे
मुहावरा वह वाक्यांश जो सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है; मुहावरे में उसके लाक्षणिक और व्यंजनात्मक अर्थ को ही स्वीकार किया जाता है। वाक्य में प्रयुक्त किए जाने पर ही मुहावरा सार्थक प्रतीत होता है।
- अपना उल्लू सीधा करना – अपना स्वार्थ सिद्ध करना।
- दिन दूना रात चौगुना बढ़ना – दिन–प्रतिदिन अधिक उन्नति करना।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना – बुद्धि काम न करना।
- आँखों में धूल झोंकना – धोखा देना।
- आँखें बिछाना – अति उत्साह से स्वागत करना।
- कान में कौड़ी डालना – गुलाम बनाना।
- कंगाली में आटा गीला होना – विपत्ति में और अधिक विपत्ति आना।
- कुएँ में बाँस डालना – जगह–जगह खोज करना।
- गुड़ गोबर करना – बने काम को बिगाड़ देना।
- गड़े मुर्दे उखाड़ना – पुरानी कटु बातों को याद करना।
- कटे पर नमक छिड़कना – दुखी को और दुखी बनाना।
- एक और एक ग्यारह – एकता में शक्ति होना
- घर फूंक तमाशा देखना – अपनी ही हानि करके प्रसन्न होना।
- घाट-घाट का पानी पिया होना – हर प्रकार के अनुभव से परिपूर्ण होना।
- चाँदी काटना – बहुत लाभ कमाना।
- जहर का चूंट पीना – अपमान को चुपचाप सह लेना।
- जी-जान से काम करना – पूरी क्षमता के साथ काम करना।
- तिल का ताड़ बनाना – छोटी बात को बढ़ा–चढ़ाकर कहना।
- पत्थर की लकीर होना – पक्की बात।
- पेट में दाढ़ी होना – छोटी आयु में बुद्धिमान होना।
- फूंक-फूंककर पाँव रखना – अति सावधानी बरतना।
- मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।
- रंग में भंग होना – प्रसन्नता के वातावरण में विघ्न पड़ना।
- शक्ल पर बारह बजना – बड़ा उदास रहना।
- सितारा चमकना – भाग्योदय होना
- आठ-आठ आँसू रोना – बहुत अधिक रोना।
- आँखें चार होना – प्रेम होना।
- अगर-मगर करना – टाल–मटोल करना।
- अपना ही राग अलापना – अपनी ही बातें करते रहना।
- आसमान पर थूकना – अशोभनीय कार्य करना।
- उल्टी गंगा बहाना – उल्टा काम करना।
- उगल देना – भेद बता देना।
- ओखली में सिर देना – जान–बूझकर जोखिम उठाना।
- एक लाठी से हाँकना – सबके साथ समान व्यवहार करना।
- चार चाँद लगाना – शोभा बढ़ाना।
- पापड़ बेलना – कड़ी मेहनत करना।
- कान भरना – चुगली करना।
- कोल्हू का बैल – लगातार काम में लगे रहने वाला। बहुत परिश्रम करने वाला।
- कब्र में पैर लटकना – मरने के समीप होना।
- कागजी घोड़े दौड़ाना – लिखा–पढ़ी करना।
- कौड़ी-कौड़ी का मोहताज – अत्यंत निर्धन होना।
- खाला का घर – आसान काम।
- खाल मोटी होना – बेशर्म होना।
- गिरगिट की तरह रंग बदलना – अवसरवादी होना।
- घोड़े बेचकर सोना – गहरी नींद सोना।
- हाथ खींचना – निश्चिंत होकर सोना।
- चोली-दामन का साथ होना – साथ न देना।
- चोर की दाढ़ी में तिनका – घनिष्ठ संबंध होना।
- जली-कटी सुनाना – अपराधी का भयभीत और सशंकित रहना।
- डकार तक न लेना – कटु–चुभती बातें करना।
- डूबती नाव पार लगाना – सब कुछ हजम कर लेना।
- तलवे चाटना – कष्टों से छुटकारा देना।
- दाल न गलना – खुशामद करना।
- पेट काटना – काम न बनना।
- पाँचों उँगलियाँ घी में होना – चतुराई काम न आना।
- पोंगा होना – भूखा रहना।
- बात का धनी – चहुँ तरफ लाभ होना।
- मरने की फुरसत न होना – नासमझ होना।
- मूंछ उखाड़ना – वचन का पक्का कामों में बहुत व्यस्त होना।
- रोटियाँ तोड़ना – घमंड चूर-चूर कर देना।
- वीरगति को प्राप्त होना-मुफ्त में खाना।
- स्वांग भरना – युद्ध में वीरतापूर्वक मृत्यु पाना।
- हवा लगना – विचित्र वेश बनाना, किसी की नकल उतारना।
- हवाई किले बनाना – असर पड़ना/होना।
- दाई से पेट छिपाना – बहुत अधिक कल्पना करना।
- सिर खपाना – भेद जानने वाले से सच्ची बात छिपाना।
- खबर गरम होना – कठोर परिश्रम करना। चर्चा-ही-चर्चा होना।
- चिराग तले अँधेरा – गुणवान व्यक्ति में भी दोष होना।