Class 9 Hindi Chapter 4 Sindhu Ka Jal Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 4 Sindhu Ka Jal Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 सिंधु का जल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 4 सिंधु का जल Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 4 सिंधु का जल Textbook Questions and Answers

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जल ही जीवन है’ विषय पर कक्षा में गुट बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक (निर्देश): बच्चों आज हम ‘जल ही जीवन है।’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा करेंगे।

  • नरेशः जल ही जीवन है। यदि जल नहीं तो कल नहीं।
  • रमेश: ‘जल’ इस शब्द के पहले अक्षर ‘ज’ का अर्थ है – जीवन और दूसरे अक्षर ‘ल’ का अर्थ है ‘लकीर’। इसका मतलब जीवनरूपी लकीर यानी ‘जल’।
  • ताराः जल इंसान के लिए बहुत उपयोगी है। जल के बिना मानव जीवन संभव नहीं।
  • सीता: जल के कारण ही यह धरती सुजलाम् सुफलाम् बन गई है।
  • विजय: जल मानव जीवन का प्रमुख आधार है। इसलिए हमें जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • राधाः हमें जल को भविष्य के लिए बचाकर रखना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आगे चलकर हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
  • दीपक: आज ग्लोबल वार्मिग के कारण ठीक से वर्षा नहीं हो रही है। इस कारण सभी परेशान हैं। हमारे देश के कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसलिए सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और जल का कम-से-कम अपव्यय करें।
  • नंदाः कम से कम अपव्यय नहीं। बिल्कुल भी अपव्यय नहीं करना चाहिए।
  • सुरेशः इसके लिए सभी लोगों की मानसिकता में बदलाव आना चाहिए। अन्यथा सब कुछ व्यर्थ है।

सभीः इसीलिए हम सभी मिलकर शपथ लेते हैं कि हम जल का व्यर्थ में दुरूपयोग नहीं करेंगे और ना किसी को करने देंगे। आखिर जल ही जीवन है। वह ही हमारा तन मन धन है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
रवींद्रनाथ टैगोर की कोई कविता पढ़कर ताल और लय के साथ उसका गायन कीजिए।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
अंतरजाल/यू ट्यूब से ‘जल संधारण’ संबंधी जानकारी सुनकर उसका संकलन कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘मैं हूँ नदी’ इस विषय पर कविता कीजिए।
उत्तरः
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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
आकृति पूर्ण कीजिए।
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उत्तरः
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प्रश्न ख.
पूर्ण कीजिए।
पावन जल स्नान करने वालों से नहीं पूछता –
उत्तरः
कृति ख (1) की आकलन कृति देखिए।

2. भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।

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प्रश्न 1.
भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल 4
उत्तरः

नदी का नाम उद्गम स्थल राज्य बाँध का नाम
1. गंगा गंगोत्री उत्तरांचल फरक्का बाँध
2. यमुना यमुनोत्री उत्तरांचल ओखला बाँध
3. कोयना महाबलेश्वर महाराष्ट्र कोयना बाँध

3. पाठ से ढूँढकर लिखिए।

प्रश्न च.
संगीत-लय निर्माण करने वाले शब्द।
उत्तरः
प्रत्येक पद्यांश की कृति देखिए।

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प्रश्न छ.
भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए और ऐसे अन्य दस शब्द ढूंढिए।
उत्तरः

  • अलि : भौंरा अली : सखी
  • तुरंग : घोड़ा तरंग : लहर
  • नीड़ : घोंसला नीर : पानी
  • ओर : दिशा और : तथा
  • प्रसाद : कृपा प्रासाद : महल
  • चपल : चंचल चपला : बिजली
  • बदन : शरीर वदन : मुख
  • भवन : धर भुवन : संसार
  • धान : चावल धान्य : कोई भी अनाज
  • दीन : गरीब दिन : दिवस
  • द्रव : वस्तु द्रव्य : तरल पदार्थ

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
‘नदी जल मार्ग योजना’ के संदर्भ में अपने विचार लिखिए ।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
प्रेरणार्थक क्रिया का रूप पहचानकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

क. जिसे वहाँ से जबरन हटाना पड़ता था।
उत्तर:
हटाना पड़ता: प्रेरणार्थक क्रिया रूप वाक्य: उस झोपड़ी को वहाँ से जबरन हटाना पड़ेगा।

ख. महाराज उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित होने से ‘उम्मेद भवन’ कहलवाया जाता है।
उत्तर:
कहलवाया: प्रेरणार्थक किया रूप वाक्य: ‘अब मैं गलती नहीं करूंगा” यह वाक्य उससे हजार बार कहलवाया गया।

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प्रश्न 2.
सहायक क्रिया पहचानिए।

च. हम मेहरान गढ़ किले की ओर बढ़ने लगे।
उत्तरः
लगे : लगना : सहायक क्रिया

छ. काँच का कार्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है।
उत्तरः
देता : देना : सहायक क्रिया

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प्रश्न 3.
सहायक क्रिया का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
(त) होना : ………………………..
(थ) पड़ना : ………………………..
(द) रहना : ………………………..
(ध) करना : ………………………..
उत्तरः
(त) होना : वहाँ पर एक सुंदर कुटी बनी हुई है।
(थ) पड़ना : वह जमीन पर गिर पड़ा।
(द) रहना : वह अपना कार्य कर रहा था।
(ध) करना : तुम सुबह-शाम टहला करो।

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 4 सिंधु का जल Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. नदियों के तटों पर संस्कृतियाँ जन्म लेती हैं।
ii. नदी का पानी निरंतर गतिशील नहीं होता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
i. नदी का जल पावन / अपावन होता है।
उत्तरः
नदी का जल पावन होता है।

ii. नदी का जल गीली हलचल / कल-कल होता है।
उत्तर:
नदी का जल गीली हलचल होता है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“सतत प्रवाहमान …………… आदि बिंदु।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थः
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है; “मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ है। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था; उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. जीवन (क) लहरें
2. सांस्कृतिक (ख) मर्म
3. उछलती (ग) नदियाँ

उत्तर:

(अ) (ब)
1. जीवन (ख) मर्म
2. सांस्कृतिक (ग) नदियाँ
3. उछलती (क) लहरें

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पावन जल प्यास बुझाने वाले से पहले पूछता है कि वह व्यक्ति उसका दोस्त है या दुश्मन।
ii. . पावन जल पर सभी का अधिकार होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“मैं नहाने वाले. ………… मचलती है।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफ़िर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है लेकिन मैं उनसे उनकी जाति, मज़हब या धर्म नहीं पूछता हूँ। इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भाँति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिंधु का पावन जल विधवा के दुख-दर्द को समझता है।
ii. सिंधु के किनारे तलवारें गरजती हैं।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ऐसे बहूँ. ………… इंदु हूँ।’ इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे । मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूंद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और लहराता-लहराता वह झिलमिलाता भी रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

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पद्य-विश्लेषण :

  • कविता का नाम – सिंधु का जल
  • कविता की विधा – नई कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – प्यास बुझाने से पहले मैं नहीं पूछता दोस्त है या दुश्मन

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है। इस पंक्ति के माध्यम से बताया गया है कि सिंधु का जल पर प्यास बुझाने के लिए आने वाले व्यक्ति से यह नहीं पूछता कि दोस्त है या दुश्मन। अर्थात बिना भेदभाव के वह परोपकार करता है।

कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को अपने जीवन में इंसानियत को अपनाना चाहिए। सर्वधर्म समभाव के तत्त्व का पालन करना चाहिए व दूसरों की पीड़ा दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति को अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के विकास के लिए सतत प्रयास करना चाहिए।

सिंधु का जल Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : चक्रधर जी का जन्म 8 फरवरी 1951 को खुर्जा, उत्तर प्रदेश में हुआ। हिंदी साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के कारण उन्हें ‘पद्म श्री’ व ‘यश भारती पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कवि हास्य व्यंग्यकार, निबंधकार, नाटककार एवं पटकथाकार रूप में श्रीमान अशोक चक्रधर जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए कहानी एवं हास्य व्यंग्य लिखना आपका प्रिय शौक हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘बूढ़े’, ‘बच्चे’, ‘तमाशा’, ‘खिड़कियाँ’, ‘बोल-गप्पे’, ‘जो करे सो जोकर’ आदि कविता संग्रह।

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पद्य-परिचय :

नई कविता : आधुनिक हिंदी साहित्य में नई कविता का प्रवाह गतिशील है। नई कविता मानवीय संवेदनाओं का चित्रण करती है और साथ में वह मानव को परिवेश के प्रति सचेत करती है। अनुभूति की सच्चाई व यथार्थ बोध, दृष्टि की उन्मुक्तता तथा मानवतावाद नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
प्रस्तावना : “सिंधु का जल’ इस कविता में नदी के जल के माध्यम से कवि अशोक चक्रधर जी ने हमारी सभ्यता, संस्कृति, मानवता, सर्वधर्म समभाव एवं दूसरों के दुख को दूर करने के भाव का वर्णन किया है। कवि ने हमें मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है।

सारांश :

प्रस्तुत कविता में भले ही एक नदी का वर्णन आया हो लेकिन उसके माध्यम से लेखक ने हमें हमारी सभ्यता, संस्कृति, इंसानियत सर्वधर्म समभाव व परदुखकातरता आदि मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। नदी के किनारे पर सभ्यता एवं संस्कृति का विकास होता है। उसी के कगार पर इनसानियत के यज्ञ किए जाते हैं। नदी में बहने वाला जल पवित्र होता है। वह अपने पास आने वाले किसी व्यक्ति से उसका मजहब व धर्म नहीं पूछता है।

युद्ध में मारे गए वीर पुरुषों का लहू उसी के पास बहते हुए आता है। वह सबके घाव धोता है। उससे दूसरों का दुख देखा नहीं जाता। जिस प्रकार नदी के जल के पास गुण होते हैं; वैसे गुण मनुष्य में भी होने चाहिए। मनुष्य को मानवीय गुणों को स्वीकार करना चाहिए। इस कविता के द्वारा कवि ने परोपकार का संदेश दिया है।

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भावार्थ :

सतत प्रवाहमान …… आदि बिंदु।
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है, मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ हैं। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु हूँ।

मेरे ही किनारे ………………. पावन जल हूँ।
सिंधु नदी का जल होने के कारण मैं निरंतर प्रवाहमान हूँ। मेरे ही किनारे पर कई संस्कृतियाँ निर्माण हुई हैं। मेरे ही तटों पर इंसानियत के यज्ञ हुए हैं यानी संस्कृतियों की निर्मिती होने के पश्चात लोगों ने मानवता को अपना ध्येय बनाया था और मेरे ही तटों पर एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहना सीख लिया था। मेरी गति कभी-भी कम नहीं हुई है। मेरी गति में चंचलता है। आगे-ही-आगे बढ़ने की होड़ है। फिर भी मेरी भावनाएँ अचल है। एक ही जगह पर स्थिर हैं। आखिर मैं सिंधु नदी का पवित्र जल हूँ।

मैं नहाने ……………….. मचलती हैं।
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफिर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है क्योंकि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भांति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

प्यास बुझाने ………………. घुल-मिल जाती है।
मेरे पास प्यास बुझाने हेतु आने वाले मुसाफिर से मैं नहीं पूछता कि वह मेरा दोस्त है या दुश्मन। किसी को अपने शरीर का मैल हटाने अर्थात नहाने से पहले मैं उसे नहीं पूछता कि वह हिंदू है या मुसलमान। यानी भले ही उस इंसान के मन में दूसरों के प्रति द्वेषभाव हो फिर भी मैं उसे अपना पानी पिलाता हूँ। मैं तो सभी के लिए हूँ और जो जितना चाहे जी भर के मेरा जल पिए। मैं विशाल नदी हूँ और मुझमें कई छोटी-छोटी सांस्कृतिक नदियाँ आकर समा जाती हैं। मानो वे अपने साथ अपनी सभ्यताएँ लेकर आती है और मुझमें समा जाती है यानी मैं उनकी सभ्यताओं से परिचित हो जाता हूँ।

लेकिन क्या ………………. तो रोता हूँ।
सिंधु नदी का पावन जल होने के बावजूद भी मैं हृदय से दुखी हूँ। मेरे घाटों पर रक्तपात होता है। लोगों का लहू बहता हुआ आता है। लोग एक-दूसरे को मारने के लिए तैयार हो जाते हैं। तलवारें खनकने लगती हैं। तोपें गरजने लगती हैं। घोड़ों के टापों की आवाज गूंजने लगती है। भयंकर युद्ध छिड़ जाता है। कई वीर शहीद हो जाते हैं। उस वक्त घायल हुए बहादुरों से मैं नहीं पूछता कि वे कौन-से प्रांत से हैं। वे किसी भी प्रांत से हो, मुझे इससे कुछ सरोकार नहीं होता। मैं तो उनके घाव दूर करने के लिए तत्पर हो जाता हूँ और अपने पानी से मैं उनके घाव धोता हूँ। वह मैं ही हूँ जो विधवा के दुख-दर्द को जानता हूँ। वास्तव में मैं ही उसके आँखों में आँसू बनकर रोता रहता हूँ यानी उसके दुख की अनुभूति को मैं अपने हृदय में महसूस करता हूँ।

ऐसे बहूँ ………………. इंदु हूँ।
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे। मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूँद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और झिलमिलाता रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

शब्दार्थ :

  1. प्रवाहमान – गतिशील, निरंतर, प्रवाहित
  2. मजहब – धर्म मर्म
  3. सार टा . घोड़ों के पैरों के जमीन पर पड़ने का शब्द
  4. रणबांकुरे – बहादुर, वीर, योद्धा
  5. बिंब – छाया, आभास
  6. इंद्रु – चंद्रमा
  7. घाव धोना – मरहमपट्टी करना, घाव साफ करना
  8. स्वर – ध्वनि
  9. गति – वेग
  10. अचल – स्थिर

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 8 Veer Bhumi Par Kuch Din Question Answer Maharashtra Board

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Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Textbook Questions and Answers

पठनीय

प्रश्न 1.
हिंदवी स्वराज्य निर्माता छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी का अंश पढ़कर प्रेरणा प्राप्त कीजिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

संभाषणीय

प्रश्न 1.
स्वयं देखे हुए महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों के बारे में अपने मित्रों को बताइए।
उत्तर:

  • स्वयं: क्या आप सब जानते हैं महाराष्ट्र की यात्रा किसी भी सैलानी को भारत के पश्चिमी भाग की खूबसूरती को जानने का मौका देती है।
  • राहुल: नहीं जानता हूँ। मैं महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों पर अब तक नहीं गया हूँ।
  • भूषण: मैं भी कुछ नहीं जानता हूँ।
  • नंदा: मैं भी जानने के लिए उत्सुक हूँ।
  • स्वयः तो सुनो, मैं बताता हूँ। महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ पर्यटन स्थलों के रूप में बहुत बड़ा खज़ाना है। .

कई गुफाएँ, आकर्षक हिल स्टेशन, समुद्र तट, बड़ी संख्या में वन्य जीव, भक्ति के पवित्र स्थल आदि, महाराष्ट्र में सब कुछ है। हालांकि बॉलीवुड एक ऐसी चीज़ है; जो इस राज्य को दूसरे राज्यों के मुकाबले बढ़त देता है। घूमने के शौकीनों के लिए महाराष्ट्र अपने आप में एक पूरा पर्यटन स्थल है। अपने सभी आकर्षणों के साथ महाराष्ट्र का एक ऐसा आभा मंडल है जिसे अनदेखा करना मुश्किल है। महाराष्ट्र राज्य में अजंता और एलोरा ऐसे दो विश्व विरासत स्थल हैं जो हमेशा से पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। अगर आप तीन हज़ार साल पहले धर्म और इंसानी कल्पना को चित्रों और मूर्तियों के रूप में देखना चाहते हैं तो आपको अजंता की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

  • राहुल: बहुत खूब, और बताओ, महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों के बारे में।
  • स्वयं: मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है। यहाँ देखने लायक जगहों में गेट वे ऑफ इंडिया, हैगिंग गार्डन, महालक्ष्मी मंदिर, हाजी अली दरगाह, मरीन ड्राइव, जुहू बीच और चौपाटी शामिल हैं। मुंबई शहर बॉलीवुड का गढ़ भी है। एस्सेल वर्ल्ड देश में बच्चों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जानेवाली जगह है।
  • नंदा: मैं तो बहुत प्रसन्न हो रही हूँ क्योंकि मुझे यहीं बैठे-बैठे सारी जानकारी मिल रही है।
  • स्वयं: महाबलेश्वर, लोनावाला और खंडाला की साफ हवा, शांत वातावरण, सुंदर और शांत झील और शानदार झरने आपको शहर की हलचल से दूर आनंद की अनुभूति देते हैं।
  • भूषण: मैं भी अपने माता-पिता के साथ इन स्थलों की यात्रा करूँगा।
  • स्वयं: हरिहरेश्वर, गणपतिपुले, जेजुरी, पंढरपुर, सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी आदि यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
  • सभी एक साथः धन्यवाद, तुमने तो अपने वक्तव्य से समूचे महाराष्ट्र की झाँकी हमारे सामने प्रस्तुत कर दी।

आसपास

प्रश्न 1.
ऐतिहासिक स्थलों के चित्रों का कोलाज तैयार कीजिए

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

पाठ के आँगन में…

सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए

1. उत्तर लिखिए:

(क) ऊँट की सवारी करने के बाद लेखिका की स्थिति

(ख) ऊँट की सवारी का अनुभव रोमांचकारी और मनोरंजक था, यह दर्शाने वाला वाक्य

प्रश्न 2.
जोड़ियाँ मिलाइए:

1. रेगिस्तान का जहाज (क) सूर्यास्त
2. मखमली गददे (ख) ऊँट
3. रंग-बिरंगी पोशाक (ग) होटल
4. पर्यटकों की मंजिल (घ) रेत
(ड़) पर्यटक

उत्तरः

  1. ऊँट
  2. रेत
  3. पर्यटक
  4. सूर्यास्त

प्रश्न 3.
परिच्छेद में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
1. नर × ……………
2. बाल × ………….
उत्तर:
1. नारी
2. वृद्ध

प्रश्न 4.
‘मेरी यात्रानुभव’ पर आपके विचार लिखिए।
उत्तर:
अपने जीवन काल में मनुष्य को अनेक यात्राओं का अनुभव होता है। कुछ यात्राएँ लोग सुख व मनोरंजन के लिए करते हैं तो कुछ आवश्यकतापरक होती हैं। पिछली दिवाली की छुट्टियों में हम कुछ सहपाठी माथेरान गए थे। मुंबई के सी. एस. टी. स्टेशन से रेलगाड़ी में बैठकर हम नेरल पहुँचे। वहाँ जलपान करके हम खिलौने जैसी ‘मिनी’ रेलगाड़ी में सवार हुए। मखमल-सी मुलायम हरे वृक्ष और सघन घाटियों की शोभा देखते हुए हम माथेरान पहुँचे। माथेरान का वातावरण मोहक और स्फूर्तिदायक था। लाल-लाल मटियाले रास्ते और घनी हरियाली।

भरी दोपहर में भी वहाँ ठंडी हवा चलती है। सुबह और शाम को घूम कर हमने अनेक प्राकृतिक दृश्य देखें। प्राकृतिक दृश्य की सुंदरता अनोखी थी। इनमें से कुछ दृश्य हमें बहुत ही अच्छे लगे। ‘एको पॉइंट’ (प्रतिध्वनि बिंदु) पर हमने जोर-जोर से चिल्लाकर अपनी अनेक प्रतिध्वनि सुनी। एक दिन शाम को हमने सूर्यास्त बिंदु (सनसेट पॉईंट) पर डूबते हुए सूर्य का अद्भुत दृश्य देखा। हमने शारलोट तालाब की सुंदरता भी देखी। हमने घुड़सवारी और रिक्शा में बैठने का मज़ा भी लिया। हमने अपने कैमरों से कई तस्वीरें भी खीचीं। हम दिनभर घूमते रहे पर हमें थकान का अनुभव नहीं हुआ। माथेरान में चार दिन, चार पल की तरह बीत गए। हम वहाँ से लौट आए पर वहाँ के मनोहर दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने घूम रहे हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

लेखनीय

प्रश्न 1.
‘चित्तौड़गढ़ बोलने लगा तो…..’ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
चित्तौड़गढ़ एक ऐतिहासिक वास्तु है । यह त्याग, बलिदान एवं वीरता की पहचान है। इसका निर्माण 7 वीं शताब्दी में मौर्य के शासन काल में किया गया था और इसका नाम भी मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी के बाद ही रखा गया था। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार चित्तौड़गढ़ किला 934 सालों तक मेवाड़ की राजधानी रह चुका था। इसकी स्थापना 734 में मेवाड़ के सिसोदिया वंश के शासक बाप्पा रावल ने की थी। आज भी यह किला बड़े शान से मेवाड़ की धरती पर खड़ा है। इसे देखने के बाद मेरे मन में विचार आया कि यदि चित्तौड़गढ़ बोलने लगा तो…’ चित्तौड़गढ़ बोलने लगा, तो वह अपनी सारी ऐतिहासिक गाथा हमारे सामने प्रस्तुत करेगा। वह अपनी कहानी इस प्रकार कहेगा “मैं भारत के विशालतम किलों में से एक हैं। मैं एक वर्ल्ड हेरिटेज दुर्ग भी हूँ। मैं विशेषत: मेवाड़ की राजधानी के नाम से जाना जाता हूँ।

पहले मेरे ऊपर गहलौत का शासन था और बाद में सिसोदिया का शासनकाल था। चित्तौड़ी राजपूत के सूर्यवंशी वंश ने 7 वीं शताब्दी से 1567 तक परित्याग करने तक शासन किया और १५६७ में अकबर ने मेरी घेराबंदी की थी। मैं 190 मीटर पहाड़ी की ऊँचाई पर बना हुआ हूँ और 391.9 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हूँ। मुझसे जुड़ी बहुत-सी ऐतिहासिक घटनाएँ हैं। आज मैं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हूँ। 15 से १६ वीं शताब्दी के बाद मुझे तीन बार लुटा गया था। 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने राणा रतन सिंह को पराजित किया था। 1535 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने विक्रमजीत सिंह को पराजित किया था और १५६७ में अकबर ने महाराणा उदय सिंह द्वितीय को पराजित किया था। लेकिन तीनों समय राजपूत सैनिकों ने जी-जान से लड़ाई की थीं।

उन्होंने महल को एवं राज्य को बचाने की हर संभव कोशिश की थी लेकिन हर बार उन्हें हार का ही सामना करना पड़ रहा था। सैनिकों के पराजित होने के बाद राजपूत सैनिकों की तकरीबन 13,000 से भी ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने जौहर कर लिया था और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। सबसे पहले जौहर राणा रतन सिंह की पत्नी रानी पद्मिनी ने किया था। उनके पति 1303 के युद्ध में मारे गए थे और बाद में 1537 में रानी कर्णावती ने भी जौहर किया था। जी हाँ, मैं इन सभी महिलाओं के जौहर का साक्षी हूँ। इसीलिए मैं राष्ट्रप्रेम, हिम्मत, मध्यकालीन वीरता और मेवाड़ के सिसोदिया और बच्चों का राज्य के प्रति बलिदान देने का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हूँ।

उस समय राजपूत शासक, सैनिक, महिलाएँ और स्थानिक लोग मुगल सेना के समक्ष समस्त समर्पण करने के बजाय लड़ते – लड़ते प्राणों की आहुति देना ठीक समझते थे। २०१३ में कोलंबिया के फ्लोम पेन्ह (Phonm Penh) में वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के ३७ वें सेशन में मेरे साथ ही राजस्थान के पाँच और किलो को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया था।”

अंत में मैं इतना ही कहूँगा
“अमर त्याग और बलिदान की कहानी हूँ मैं,…
स्वत्व व सतीत्व की रक्षा का आदर्श हूँ मैं।
आज भी शत्रु को परास्त करने का जज्बा रखता हूँ मैं।
भारतीय संस्कृति का धनी हूँ मैं।”

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा एवं उनका संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है, इसके आधार पर चर्चा कीजिए और दिए गए मुद्दों से सूचना फलक तैयार कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 1
बहुत बड़े और बहुत पुराने देशों की कुछ पुरानी और बड़ी समस्याएँ भी होती हैं। हमारी एक बहुत बड़ी समस्या प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित रखने की भी है । पूरे देश में ऐसी अनगिनत प्राचीन और ऐतिहासिक महत्त्व की इमारतें हैं जिनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही हैं। पिछले एक दशक से भारत में बदलाव की जो हवा चल रही है। उसके अंतर्गत अब यह माना जा रहा है कि देश की धरोहर के संरक्षण की ज़िम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों ने भी इस ज़िम्मेदारी को स्वीकार किया है। ‘सेल’ ने दिल्ली के लोदी गार्डन की इमारतों की मरम्मत तथा साज सज्जा के लिए बनाई गई एक योजना में 10 करोड़ रुपए लगाए हैं।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने कान्हेरी की गुफाओं तथा कोणार्क मंदिर के – रिनोवेशन’ के लिए २५ करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। इन दोनों प्रयासों से उत्साहित होकर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अब व्यापक स्तर पर बड़े औद्योगिक घरानों तथा व्यापार संगठनों को इस काम में शामिल करना चाहता है। अभी हाल में ही मंत्रालय ने ‘रिलायंस’, ‘हीरो होंडा’, ‘सैमसंग’, ‘एमआरएफ’, ‘एवीवा’, ‘विप्रो’, ‘एलजी’, जैसी कंपनियों को एक पत्र लिखकर ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षा एवं उनका संवर्धन देने की अपील की है। यह निश्चित रूप से एक सार्थक प्रयास है और आशा की जाती है कि बड़े औद्योगिक और व्यापारी घराने अपनी ‘पब्लिक इमेज’ बनाने के लिए इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के लिए सरकार एक बड़ी व्यापक और कारगर नीति बनाएँ। छोटे शहरों में ऐसी तमाम इमारतें हैं जो उपेक्षित पड़ी हैं। इन इमारतों पर अवैध कब्जे हैं तथा कुछ लोगों ने उन्हें अपनी निजी संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसी इमारतों की एक बड़ी सूची बनाना ज़रूरी है ताकि यह पता चल सके कि वे कहाँ है, किस स्थिति में हैं और उनका संरक्षण कैसे किया जा सकता है। ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में आम आदमी की भागीदारी बहुत आवश्यक है। ऐतिहासिक स्थलों और सैर करने जाने वाले पर्यटक वहाँ पर कूड़ा, कचरा व प्लास्टिक आदि फेंककर प्रदूषण फैलाते हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है। ऐतिहासिक स्थलों की हिफाजत करना सभी का कर्तव्य हैं। उन्हें साफ़-सुथरा रखने के लिए सभी लोगों को अपनी ओर से प्रयास करना चाहिए। हमें अपने देश के ऐतिहासिक स्थलों के प्रति आस्था का भाव रखना चाहिए।

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विषय से…..

प्रश्न 1.
राष्ट्र का गौरव बनाए रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा किए सराहनीय कार्यों की सूची बनाइए। नौवीं कक्षा पाठ-२ इतिहास और राजनीति शास्त्र

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
संजाल
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 3

प्रश्न (ख)
संजरा पूणच कीतजए:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 5

2. दिए गए शब्दों के वर्गों का उपयोग करके चार पाँच अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए।

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों के वर्गों का उपयोग करके चार पाँच अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 7

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
स्वयं पढ़े हुए यात्रा वर्णन:
उत्तर:
1. कितनी नावों में कितनी बार: अज्ञेय
2. स्मरण यात्रा: काका कालेलकर

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केवल एक शब्द में उत्तर लिखिए।

प्रश्न (त)
वीर जवानों का वह देश जो धरती का गहना:
उत्तरः
भारत देश

प्रश्न (थ)
महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम:
उत्तरः
चेतक

स्वमत अभिव्यक्ति:

प्रश्न 1.
मैं पाठशाला जा रहा था। रास्ते में एक युवक अपनी मोटरसाइकिल आधी-टेढ़ी चलाते, कलाबाजियाँ दिखाते हुए तथा जोर-जोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान कर रहा था। उसे देखकर मेरे मन में विचार आए।
उत्तरः
स्टंट दिखाने के लिए वे रत्तीभर भी कसर नहीं छोड़ते हैं। जब मौका मिले, तब शुरू हो जाते हैं। अपनी खोखली कलाबाजियों से लोगों पर क्या गुजरती होगी, इसका तनिक भी असर उन पर नहीं पड़ता है। आखिर वे अपनी मस्ती एवं धुन में मशगूल जो होते हैं । आज के युवक फैशन एवं अपनी कलाबाजियाँ दिखाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल आधी-टेढ़ी चलाते हैं तथा जोरजोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान करते हैं। यह तो उनके लिए एक खेल हो जाता है, पर रास्ते पर चलते समय लोगों को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं, उनसे तो वे युवक अनभिज्ञ होते हैं। वे तो बस फैशन एवं स्टंट दिखाने के आदी हो गए हैं।

आधुनिक युग में ध्वनि-प्रदूषण समय की एक बड़ी समस्या बन गई है। पिछले कुछ वर्षों से इस समस्या ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है। इस समस्या के पीछे औद्योगीकरण, यातायात के आधुनिक साधनों तथा बढ़ती मानवीय गतिविधियों का बहुत बड़ा हाथ है। मोटरसाइकिल, ट्रेन, वायुयान आदि वातावरण में तरह-तरह की ध्वनियाँ छोड़ते हैं। ये ध्वनियाँ हमारे कानों से टकराकर हमारे चित्त को अशांत कर देती हैं, जिससे मानसिक तनाव बहरापन आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए, खासतौर पर युवा लोगों को जो महत्त्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। युवकों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं।

जैसे-सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क-सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखो, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक करना यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिहनों को समझना, सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन आदि। सरकार द्वारा भी इसके लिए सख्त कानून बनाना चाहिए । जैसे हॉर्न पर प्रतिबंध लगाना। मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना आदि। अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ

“हे युवक, तू पहचान ले, अपनी अस्मिता को
न बिखरने दे अपनी क्षमता को
छोड़ दे व्यर्थ कि कलाबाजियाँ
स्वीकार कर अब सड़क-नीतियाँ।”

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निबंध लेखन:

प्रश्न 1.
‘हमारी सैर’ पर निबंध लिखिए।
उत्तर:
कवि हरिवंशराय बच्चन कहते हैं:
“साँस चलती है –
तुझे चलना पड़ेगा ही मुसाफिर!”

सचमुच, सैर या यात्रा करना व्यक्ति का पसंदीदा शौक होता है। सैर पर जाना सभी को अच्छा लगता है। सैर शिक्षा का एक सफल साधन है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र निर्माण होता है। जब हम सैर पर निकलते हैं, हमें अपनी चीजें संभालनी पड़ती हैं। यात्रा में हमें अपना टिकट खरीदना पड़ता है और ठीक समय पर गाड़ी पकड़नी पड़ती है। धनी व्यक्ति अपने नौकर से यह सब करा लेते हैं, किंतु भारत में अधिकांश व्यक्ति स्वयं ही यह कार्य करते हैं। छुट्टी में हम सब घूमने जाते हैं। हम हर बार नाना-नानी के घर पर जाते हैं। लेकिन इस बार हम हरिद्वार को तीर्थ यात्रा पर गए थे। यह यात्रा हमने ट्रेन से की। हमने वहाँ पर खूब मस्ती की। मेरे परिवार में पापा-मम्मी, दादा-दादी और बड़ी दीदी हैं। हरिद्वार में हमारे गुरुजी का आश्रम है। हरिद्वार में हम सबने गंगाजी में स्नान कर आरती का आनंद लिया।

हरिद्वार बहुत ही सुंदर स्थल है। सबसे पहले हम गुरुजी के आश्रम गए। फिर हमने मंदिरों के दर्शन किए । वहाँ ‘हरि की पौड़ी के सामने मनसा देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ पहाडी पर चंडी देवी का मंदिर है। हरिद्वार में बहुत सुंदर मंदिर बने हैं। दर्शनों के बाद हम हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश गए। वहाँ राम व लक्ष्मण झूला नामक पुल है। यह पुल गंगा नदी पर बने हैं। पहाड़ों के बीच बहती गंगा नदी का दर्शन बड़ा मनोरम प्रतीत होता है। यहाँ से खूब बड़े-बड़े पहाड़ दिखते हैं। हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी पर हमने मस्ती की।

मुझे वहाँ नईनई जानकारी मिली। हरिद्वार में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ पर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है। कुंभ के मेले में बहुत से साधु-संत आते हैं। हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही। हमने घूमने का मजा भी लिया और हमारी तीर्थ यात्रा भी हो गई। यहाँ हमें प्रकृति की सुंदरता देखने को मिली। अब अगली गर्मियों में हम चारधाम की सैर करेंगे।

पाठ से आगे:

ऐतिहासिक वस्तु संग्रहालय देखने का आयोजन करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
सन्दि पढिए और समझिए
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 8

प्रश्न 2.
निम्न संधि का विग्रह कर उसके प्रकार बताइए।

  1. थोड़ी ही देर में हॉटेल के स्वागत में आसीन थे।
  2. हमारी मंजिल भी सूर्यास्त केंद्र बिंदु।
  3. सब कुछ इतना सुंदर सजीव और मनोहर था।
  4. रेखांकित प्रत्येक लोकोक्ति को सोदाहरण लिखो।
  5. उपर्युक्त वाङ्मय दुष्कर एवं अत्यधिक दुर्लभ है।
  6. भारतीय कलाकारों का सम्मान तथा उन्हें नमन करने का मन करता है।

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उत्तर:

शब्द विग्रह संधि प्रकार
1. रेखांकित रेख + अंकित अ + अ स्वर संधि
2. स्वागत सु + आगत उ+ आ स्वर संधि
3. सूर्यास्त सूर्य + अस्त अ + अ स्वर संधि
4. मनोहर मन: + हर अ:+ ह विसर्ग संधि
5. वाङ्मय वाक् + मय क् + म व्यंजन संधि
6. सम्मान सत् + मान म् + म व्यंजन संधि

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
इन स्थानों से आगे बढ़ते हुए लेखिका जोधपुर पहुँची –
उत्तर:
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समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
मेड़ता पहुँचते ही लेखिका को ऐसा क्यों लगा कि वह पंजाब के आसपास आ गई है?
उत्तर:
क्योंकि कुछ खेत, हरियाली और पशुधन भी दिखाई देने लगे।

संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. महल के आधे भाग में शाही परिवार रहता है।
2. उम्मेद भवन देखने के बाद लेखिका मंडोर गार्डन की ओर बढ़ी।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो
1. द्वार पाल
2. म्यूजियम
उत्तर:
1. महल के प्रवेश द्वार पर किसे नियुक्त किया गया था?
2. भूतल पर क्या था?

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 12

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखिका की दृष्टि किसी भी चित्र पर चिपक-सी जाती थी।
उत्तर:
लेखिका की दृष्टि किसी भी चित्र पर चिपक-सी जाती थी क्योंकि सभी चित्र सुंदर, सजीव, भव्य और मनोहर थे।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. भवन
  2. राजा
  3. परिवार
  4. युद्ध

उत्तर:

  1. प्रासाद, महल
  2. नृप
  3. कुटुंब
  4. संग्राम

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प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. निर्जीव × ……………….
  2. दूर × ………………….
  3. असमय × …………….
  4. जमा × ………………..

उत्तर:

  1. सजीव
  2. पास
  3. समय
  4. खर्च

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

  1. सज्जासे
  2. मॉडलभी
  3. गन्तव्य
  4. प्रदरशित

उत्तर:

  1. सज्जा से
  2. मॉडल भी
  3. गंतव्य
  4. प्रदर्शित

शुद्ध शब्द पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
जानकारीयाँ, जानकारियाँ, जानरकारियाँ
उत्तरः
जानकारियाँ

शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
1. द्वार पर नियुक्त व्यक्ति –
2. अलग-अलग स्थलों की सैर करने वाला –
उत्तर:
1. द्वारपाल
2. पर्यटक

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग करके लिखिए।
उत्तर:

शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1. सज्जित सज्जा इत
2. विशालतम विशाल तम

प्रश्न 3.
लिंग बदलिए।
महाराजा
उत्तरः
महारानी

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प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. जानकारियाँ
2. कमरा
उत्तर:
1. जानकारी
2. कमरे

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 13

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. प्रहरी जान पड़ती है
2. मार्ग के दोनों ओर निर्माण हुआ है
उत्तर:
1. तीन तलोंवाली एक इमारत
2. जलाशयों का

प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
लोकगीत गायक अपने-अपने वाद्यों पर गीत की धुन छेड़ते हैं।
उत्तरः
लोकगीत गायक अपने-अपने वाद्यों पर गीत की धुन छेड़ते हैं क्योंकि वे शायद वहाँ आने वाले पर्यटकों को प्रसन्न कर उनसे कुछ दक्षिणा पाना चाहते हैं।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए। जैसे – विशाल – मूर्तियाँ

  1. ऊँची: …………..
  2. चमकती: …………
  3. रेगिस्तानी: ……….
  4. मनोरम: ……………

उत्तरः

  1. पहाड़ी
  2. चाँदनी
  3. धूप
  4. दृश्य

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
दुर्ग के अंदर मौजूद विशाल भवनों के नाम बताइए।
उत्तरः
मोतीमहल, फूलमहल, शीशमहल, दौलतखाना, फतहमहल, रानी सागर।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. दुर्ग के अंदर भवनों में कहीं बैठकखाना, तो कहीं दीवाने खास,दीवाने आम हैं।
2. जयपोल तक आते-आते ही शहर ऊपर रह जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों के समानार्थी शब्द पहेली में से ढूँढ़कर लिखिए।
नरेश, द्वार, मूर्ति, भव्य, देवता
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 16
उत्तरः
राजा, दरवाजा, प्रतिमा, विशाल, ईश्वर

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. ऊपर × …………
  2. समीप × ……….
  3. विजय × ………
  4. शहर × ………..

उत्तर:

  1. नीचे
  2. दूर
  3. पराजय
  4. गाँव

प्रश्न 3.
लिंग बदलिए।

  1. वीर
  2. रानी
  3. भगवान
  4. देवता

उत्तरः

  1. वीरांगना
  2. राजा
  3. भगवती
  4. देवी

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. मूर्ति
2. वीरांगना
उत्तर:
1. मूर्तियाँ
2. वीरांगनाएँ

प्रश्न 5.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यय युक्त शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
दौलतखाना, बैठकखाना, देवता, दर्शनीय

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शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
जो स्थल देखने लायक हो –
उत्तरः
दर्शनीय

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्ग युक्त शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तरः
विभिन्न

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना एक सुखद अनुभूति के समान होता है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भारत एक प्राचीन देश है। प्राचीनता के साथ इसका गौरवशाली इतिहास है। भारत के इतिहास की अनेक हैरतअंगेज़ घटनाएँ हैं, जिनका वर्णन भारत के ऐतिहासिक स्थल आज भी कर रहे हैं। भारत में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं। इन ऐतिहासिक स्थलों की गाथाएँ सुनकर देश-विदेश के पर्यटक आज भी रोमांच का अनुभव करते हैं। भारत के लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल वीरता, देशभक्ति, मानवता, प्रेम एवं त्याग आदि की कहानी कहते हैं।

इनमें ज्यादातर स्थल दर्शनीय हैं। भारत के अनेक ऐतिहासिक स्थलों से मैं प्रभावित हुआ हूँ। ताजमहल की सुंदरता मुझे बार-बार अपनी ओर आकर्षित करती है। वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से ताजमहल इतिहास का सुंदर नमूना है। पत्थरों का कलात्मक निर्माण, वास्तुकला और शिल्पकला की दृष्टि से साँची का स्तूप बहुत अनुपम है। अद्भुत और भव्य मंदिर को प्राचीन वास्तुकला का चमत्कार भी कहा जा सकता है। विजय मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर को भारत का दूसरा सूर्य मंदिर भी कहते हैं। ऐतिहासिक स्थल की सैर करने से हमें अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होती हैं। यहाँ आकर लोग शांति की भाषा सुन और समझ पाते हैं।

(ग) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 18

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
‘जसवंत थंडा स्मारक देखते-देखते शाम हो गई थी, इसके लिए गद्यांश में प्रयुक्त वाक्य है
उत्तरः
अब सूर्य भी अपनी किरणों को समेट अस्ताचलगामी हो गया था।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का घटनाक्रमानुसार लेखन कीजिए।

  1. लेखिका पटवा की हवेलियाँ देखने के लिए गई।
  2. अगली प्रात: को लेखिका जैसलमेर स्टेशन पर उतरी।
  3. लेखिका होटल के स्वागत कक्ष में आसीन थी।
  4. लेखिका होटल की वैन में बैठ गई।

उत्तर:

  1. अगली प्रात: को लेखिका जैसलमेर स्टेशन पर उतरी।
  2. लेखिका होटल की वैन में बैठ गई।
  3. लेखिका होटल के स्वागत कक्ष में आसीन थी।
  4. लेखिका पटवा की हवेलियाँ देखने के लिए गई।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. लेखिका स्वयं अपना सामान होटल के कक्ष में लेकर गई।
2. जैसलेमर से जोधपुर रात्रि की गाड़ी थी।
उत्तरः
1. असत्य
2. असत्य

प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।

प्रश्न 1.
1. शिल्पकार
2. बारह
उत्तर:
1. धन्य कौन है?
2. एक हवेली के निर्माण में कितने वर्ष का समय लगा?

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सहसंबंध लिखिए।

प्रश्न 1.
1. खूबसूरत : पत्थर :: पारदर्शक : ……..
2. पाँच : हवेलियाँ :: कलात्मक : ………
उत्तर:
1. झरोखे
2. वास्तुशिल्प

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में इन शब्दों के अर्थ हैं

  1. दिनकर
  2. प्रसिद्ध
  3. तुरंत
  4. सिर

उत्तर:

  1. सूर्य
  2. विख्यात
  3. शीघ्र
  4. मस्तिष्क

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
1. व्यवस्था × …………….
2. खूबसूरत × ……………
उत्तरः
1. अव्यवस्था
2. बदसूरत

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के कोई भी चार अनेकार्थी शब्द लिखिए।
1. काम
2. और
उत्तर:
1. इच्छा, कार्य, कामदेव, रोज़गार
2. दूसरा, तथा, खोजक शब्द, अधिक

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
जिसकी आने की तिथि निश्चित न हो-
उत्तरः
अतिथि

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग करके लिखिए।

    1. भारतीय
    2. प्रसन्नता
    3. शिल्पकार
    4. व्यापारी

उत्तरः

शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1.  भारतीय भारत ईय
2. प्रसन्नता प्रसन्न ता
3. शिल्पकार शिल्प कार
4. व्यापारी व्यापार

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
1. मालिक
2. पुत्र
उत्तर:
1. मालकिन
2. पुत्री

वचन बदलिए।

प्रश्न 1.
1. स्मृति
2. हवेलियाँ
उत्तरः
1. स्मृतियाँ
2. हवेली

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प्रश्न 2.
तालिका पूर्ण कीजिए।
(स्मारक, विख्यात, मूर्तिकला, हमें, हो गई, चल पड़े, हमारा, अद्भुत)
उत्तरः

संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया
स्मारक हमें विख्यात हो गई
मूर्तिकला हमारा अद्भुत चल पडे

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प के प्रति हमारे मन में आकर्षण होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प हमारी ऐतिहासिक परंपरा एवं पुरातन कला के निदर्शक होते है। पुराने समय में भारतीय शिल्पकारों ने अपनी संस्कृति एवं कला को वास्तुशिल्प के माध्यम से समूचे संसार के सामने रखा। ये बहुत बड़ी बात है। इस कारण सम्पूर्ण संसार को भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी मिली।

आज हमारे देश में जगह-जगह ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प मौजूद हैं। देश-विदेश के पर्यटक भारत आकर यहाँ की ऐतिहासिक कला एवं संस्कृति का आस्वाद लेते हैं। ये ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प हमारे देश की धरोहर हैं। उनके प्रति आदर एवं सम्मान की भावना रखना हमारा परम कर्तव्य है। अत: ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प के प्रति हमारे मन में आकर्षण होना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. रेगिस्तानी जहाज पर सवार लेखिका की स्थिति
2. उँट की सवारी का अनुभव रोमांचकारी और मनोरंजक था, यह दर्शानेवाला वाक्य
उत्तर:
1. लेखिका को डर भी लग रहा था, प्रसन्नता भी हो रही थी, उत्सुकता भी थी।
2. ऊँटों की कतारें ही कतारें, सभी पर नर-नारी और बाल वृद्ध सवार थे, शायद सभी की हृदय गति वैसे ही धड़क रही थी, जैसी हमारी।

कृति (2)आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. इसे कहा गया है रेगिस्तानी जहाज –
2. विक्रेता इन वस्तुओं को बेच रहे थे –
उत्तर:
1. ऊँट
2. खिलौने, दूरबीन, चिप्स, कुरकुरे, खाखड़ा, चाट – पकोड़े

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
जैसे – चमकता: सूर्य
1. अस्ता चलगामी: …..
2. राजस्थानी: …..
उत्तर:
1. भास्कर
2. कन्याएँ

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 21

कृति (3) शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

प्रश्न 1.

  1. गन्तव्य
  2. यहां
  3. प्रयटक
  4. सूरयास्त

उत्तरः

  1. गंतव्य
  2. यहाँ
  3. पर्यटक
  4. सूर्यास्त

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. ग्राम
  2. भय
  3. प्रतीक्षा
  4. भास्कर

उत्तर:

  1. गाँव
  2. डर
  3. इंतजार
  4. सूर्य

प्रश्न 3.
शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।
1. जहाँ पहुँचना है, वह स्थान
2. जहाँ आसमान ने भूमि को स्पर्श किया है, वह स्थान
उत्तरः
1. गंतव्य
2. क्षितिज

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प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यय युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।

  1. रेगिस्तानी
  2. चमकता
  3. राजस्थानी

उत्तर:

  1. रेगिस्तान + ई
  2. चमक + ता
  3. राजस्थान + ई

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
ऊँट
उत्तरः
ऊँटनी

वचन बदलिए।

प्रश्न 1.

  1. खिलौने
  2. याद
  3. नारी
  4. कतार

उत्तर:

  1. खिलौना
  2. यादें
  3. नारियाँ
  4. कतारें

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ कहा जाता है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
रेगिस्तान में जब रेतीली हवाएँ चलती हैं, तब ऊँट अपने नथुनों को बंद कर लेता है। जिससे रेत उसकी नाक में नहीं जा पाती। ऊँट के घुटने और गरदन में कठोरता होती है; जो उसे उठतेबैठते समय रगड़ से बचाती है। यह रेगिस्तान में आसानी से चल एवं दौड़ सकता है। यह अपने शरीर के उभार में अधिक मात्रा में पानी एकत्र कर सकता है। यह गाड़ी खींचने एवं बोझा उठाने के काम आता है। ऊँट का उपयोग कृषि कार्य एवं पानी खींचने में भी किया जाता है। इसलिए ऊँट रेगिस्तान के लिए सर्वाधिक उपयुक्त वाहन है।

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
दर्शक भाव विभोर हो गए थे-
उत्तरः
दर्शक भाव विभोर हो गए क्योंकि राजस्थान के जाने-माने कलाकारों ने वहाँ की लोक-संस्कृति को नृत्य-नाटिका और गायन के माध्यम से अद्भुत प्रस्तुति दी थी।

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. इस दिन पहुँची लेखिका चित्तौड़गढ़ –
2. ‘भोजन का लुत्फ सभी ने उठाया।’
(यह भाव व्यक्त करने वाला वाक्य है)
उत्तर:
1. 24 दिसंबर के सायंकाल।
2. सेल्फ सर्विस-जैसा रुचे, जितना रुचे, लीजिए, खाइए, आनंद उठाइए की तर्ज पर सब भोजन कर रहे थे।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।

  1. गद्यांश में प्रयुक्त स्वाभिमानी देशभक्त –
  2. गद्यांश में प्रयुक्त कृष्ण भक्त –
  3. गद्यांश में प्रयुक्त एक घोड़ा –

उत्तर:

  1. महाराणा प्रताप, भामाशाह
  2. मीरा
  3. चेतक

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समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
गद्यांश में महाराणा प्रताप की विशेषता बताने वाले शब्द।
उत्तर:
वीर, साहसी, स्वाभिमानी, देशभक्त

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. भामाशाह स्वामिभक्त थे।
2. प्रतिकूल परिस्थितियों में भी महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
परिच्छेद में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
उत्तरः
देश – विदेश

प्रश्न 2.
इनके लिए गद्यांश में समानार्थी शब्द है।

  1. आग
  2. हर्ष
  3. निशा
  4. पृथ्वी

उत्तर:

  1. अग्नि
  2. आनंद
  3. रात्रि
  4. धरती

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
कृष्ण
उत्तर:
काला, भगवान श्री कृष्ण।

शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
1. संस्कृति से संबंधित
2. स्थान, जहाँ दो या तीन नदियाँ आकर आपस में मिलती हैं
उत्तर:
1. सांस्कृतिक
2. संगम

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
1. सम्राट
2. वीर
उत्तर:
1. सम्राज्ञी
2. वीरांगना

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निम्नलिखित शब्दों के उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

प्रश्न 1.

  1. परिवार
  2. स्वाभिमान
  3. साहस

उत्तर:

  1. पारिवारिक
  2. स्वाभिमानी
  3. साहसी

निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. इन सब स्मृति की साथ होटल वापस आए।
2. लेखिका जीप में सवार हुआ।
उत्तरः
1. इन सब स्मृतियों के साथ होटल वापस आए।
2. लेखिका जीप पर सवार हुई।

विराम चिह्न का प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
कितने साहसी वीर और स्वाभिमानी देशभक्त थे महाराणा प्रताप
उत्तर:
कितने साहसी, वीर और स्वाभिमानी देशभक्त थे, महाराणा प्रताप।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘राजस्थानी संस्कृति की अपनी विशेषता है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान का विशिष्ट नृत्य घूमर है । विविध उत्सवों के अवसर पर केवल महिलाओं द्वारा यह नृत्य किया जाता है। घेर नृत्य, पनिहारी नृत्य व कच्ची घोड़ी (जिसमें पुरुष नर्तक बनावटी घोड़ी पर बैठे होते हैं) भी लोकप्रिय है। राजस्थान में मुश्किल से कोई महीना ऐसा जाता होगा, जिसमें धार्मिक उत्सव न हो। सबसे उल्लेखनीय व विशिष्ट उत्सव गणगौर है, जिसमें महादेव व पार्वती की मिट्टी की मूर्तियों की पूजा 15 दिन तक सभी जातियों की स्त्रियों के द्वारा की जाती है और बाद में उन्हें जल में विसर्जित कर दिया जाता है।

विसर्जन की शोभायात्रा में पुरोहित व अधिकारी भी शामिल होते हैं व बाजे-गाजे के साथ शोभा यात्रा निकलती है। हिन्दू और मुसलमान, दोनों एकदूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। इन अवसरों पर उत्साह व उल्लास का बोलबाला रहता है। अमलाना, अरबी का साग, आटे का मालपुवा, आम और चने का अचार, आम की लौजी, आलू पेठे का साग, कांजी वड़ा व तरला दलाल ये राजस्थान के खास व्यंजन हैं।

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(च) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
इन गुणों से परिपूर्ण हैं चित्तौड़ के बाशिंदे
उत्तरः
सहजता, सरलता, भाईचारा

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त राजस्थान की प्रसिद्ध रानी
उत्तरः
रानी पद्मिनी

प्रश्न 3.
इसका प्रतीक है ‘विजय स्तंभ’
उत्तरः
मालवा के सुल्तान और गुजरात के सुल्तान के संयुक्त आक्रमण की साहसिक विजय गाथा का प्रतीक है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ बाकी सब गलैया।
2. पूर्व की ओर बना रामपोल ही किले का मुख्य प्रवेश द्वार है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. दुर्ग
  2. प्रतिमा
  3. मंदिर
  4. बाशिंदा

उत्तर:

  1. किला
  2. मूर्ति
  3. देवालय
  4. निवासी

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. शत्रु × ……………….
2. वीरता × …………….
उत्तर:
1. मित्र
2. कायरता

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।

  1. यात्रा
  2. प्रतिमा
  3. संस्कृति
  4. रानी

उत्तर:

  1. यात्राएँ
  2. प्रतिमाएँ
  3. संस्कृतियाँ
  4. रानियाँ

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. विजय
  2. निर्मित
  3. वीर
  4. दर्शन
  5. सहज
  6. सरल

उत्तर:

  1. विजयी
  2. निर्मिती
  3. वीरता
  4. दर्शनीय
  5. सहजता
  6. सरलता

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘राजस्थान त्याग व बलिदान की भूमि है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान त्याग व बलिदान की भूमि है। इस विचार से मैं पूर्णत:
सहमत हूँ। राजस्थान की रक्षा करने के लिए कई वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया हैं। सिर्फ वीर ही नहीं बल्कि कई स्त्रियों ने अपने प्राणों की कुरबानी दे दी है। इतना ही नहीं, अपनी भूमि की रक्षा करने के लिए एवं अपनी देशभक्ति निभाने के लिए पन्ना धाय ने कुँवर के प्राणों की रक्षा हेतु अपने पुत्र की बलि दे दी थी। वीर महाराणा प्रताप अपनी भूमि की रक्षा हेतु प्रतिकूल परिस्थितियों में जंगल में रहे। इतना ही नहीं, दुश्मनों के हाथों से अपनी प्रतिष्ठा एवं लाज रखने हेतु कई स्त्रियों ने आत्मदहन भी किया था। रानी पद्मिनी के जौहर को हम भारतवासी कैसे भूल सकते हैं।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु –

प्रश्न 1.
अव्यय पहचानकर लिखिए।

  1. सामान वहाँ रखकर थोड़ा तरोताजा हुए।
  2. हम ‘उम्मेद भवन’ की ओर चल पड़े।
  3. रानी उद्यान के बाईं ओर पहाड़ी की एक चट्टान है।
  4. दुर्ग के अंदर कई भव्य और विशाल भवन हैं।
  5. यहाँ जौहर कुंड में कई वीरांगनाओं ने अपने आप को समर्पित कर दिया था।
  6. इस भूमि पर त्याग भी है और बलिदान भी।
  7. पर्यटक भास्कर को कैमरे में बंद करने के लिए सन्नद्ध थे।
  8. आज ही ‘सम’ का कार्यक्रम भी था।

उत्तर:

  1. वहाँ – क्रियाविशेषण अव्यय
  2. की ओर – संबंधसूचक अव्यय
  3. ओर – संबंधसूचक अव्यय
  4. और – समुच्चयबोधक अव्यय
  5. यहाँ – क्रियाविशेषण अव्यय
  6. और – समुच्चय बोधक अव्यय
  7. (के) लिए – संबंधसूचक अव्यय
  8. आज – क्रिया विशेषण अव्यय

प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. एक भाग में शाही परिवार रहता है। (अपूर्ण भूतकाल)
  2. ‘भवन’ का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  3. हम काफी ऊपर आ जाते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
  4. उन्होंने देवताओं की विशाल मूर्तियाँ बनवाई। (सामान्य भविष्यकाल)
  5. हम जैसलमेर स्टेशन पर उतरे। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. इसी शहर से मीरा जैसी कृष्ण भक्त की यादें भी जुड़ी हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
  7. हम ‘चित्तौड़गढ़’ पहुँच गए। (सामान्य वर्तमानकाल)

उत्तर:

  1. एक भाग में शाही परिवार रह रहा था।
  2. ‘भवन’ का मॉडल भी प्रदर्शित किया जा रहा है।
  3. हम काफी ऊपर आ रहे थे।
  4. वे देवताओं की विशाल मूर्तियाँ बनवाएँगे।
  5. हम जैसलमेर स्टेशन पर उतरे हैं।
  6. इसी शहर से मीरा जैसी कृष्ण भक्त की यादें भी जुड़ रही थीं। .
  7. हम ‘चित्तौड़गढ़’ पहुँच जाते हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए।
1. इसमें ऐश्वर्य विलास और आमोद प्रमोद के सभी साधन उपलब्ध हैं
2. आज का हमारा पड़ाव जोधपुर था
उत्तर:
1. इसमें ऐश्वर्य, विलास और आमोद-प्रमोद के सभी साधन उपलब्ध हैं।
2. आज का हमारा पड़ाव ‘जोधपुर’ था।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।

  1. इसका निर्माण पर बीस वर्ष का समय लगा।
  2. अभी हम अपना दूसरे गंतव्य की ओर बढ़ना था।
  3. जयपोल तक आते-आते ही शहर नीचा रह जाता हैं।
  4. यह प्रवेश द्वार विजय की प्रतीक रूप में बनवाए गए हैं।

उत्तरः

  1. इसके निर्माण में बीस वर्ष का समय लगा।
  2. अभी हमें अपने दूसरे गंतव्य की ओर बढ़ना था।
  3. जयपोल तक आते-आते ही शहर नीचे रह जाता है।
  4. ये प्रवेश द्वार विजय के प्रतीक रूप में बनवाए गए हैं।

सर्वनाम पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
उसके परकोटे में बुर्जियाँ बनाई गई हैं।
उत्तरः
उसके – सर्वनाम

विशेषण पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
मेहरान गढ़ किला ऊँची दीवार के परकोटे से घिरा है।
उत्तरः
ऊँची – विशेषण

प्रश्न 2.
वाक्य के प्रकार पहचानकर लिखिए।

  1. कहीं बैठकखाना तो कहीं दीवानेखास हैं तो कहीं पेंटिंग्स एवं दरियाँ भी प्रदर्शित की गई हैं।
  2. चट्टानों को काटकर मूर्तियों को दर्शाया गया है।
  3. सभी की हृदयगति धड़क रही थी।
  4. ‘सम’ एक ग्राम है, जो होटल से ११-१२ कि. मी. दूर रेत की चादर पर बसा है।
  5. र्शनीय स्थलों में एक विशाल दुर्ग है, जिसके विषय में कहा जाता है कि गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढ़ेया।
  6. इस भूमि पर त्याग भी है और बलिदान भी।

उत्तरः

  1. मिश्र वाक्य
  2. सरल वाक्य
  3. सरल वाक्य
  4. मिश्र वाक्य
  5. मिश्र वाक्य
  6. संयुक्त वाक्य

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिए और उनके भेद पहचानिए।

  1. वह ऊँची दीवार के परकोटे से घिरा है।
  2. उसके परकोटे में जगह-जगह बुर्जियाँ बनाई गई हैं।
  3. द्वारों की दीवारों पर जौहर करनेवाली वीरांगनाओं के हस्तचिह्न भी बने हैं।
  4. विक्रेता बच्चों के खिलौने बेच रहे थे।
  5. हम सब अपने गंतव्य पर पहुंच गए।
  6. रानी पद्मिनी ने जौहर कुंड में अपने प्राण समर्पित कर दिए थे।
  7. महाराणा प्रताप ने देश के लिए अपने प्राण अर्पण किए।

उत्तर:

  1. से – करण कारक
  2. में – अधिकरण कारक
  3. पर – अधिकरण कारक
  4. के – संबंध कारक
  5. पर – अधिकरण कारक
  6. ने – कर्ता कारक
  7. के – संप्रदान कारक

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. नरेश
  2. गायक
  3. जलाशय
  4. मनोरम
  5. तत्काल
  6. स्वागत
  7. मनोरंजक

उत्तर:

  1. नर + ईश
  2. गै + अक
  3. जल + आशय
  4. मनः + रम
  5. तत् + काल
  6. सु + आगत
  7. मनः + रंजक

प्रश्न 5.
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए।
1. दिखना
2. करना
उत्तर:
1. दिखाना – दिखवाना
2. कराना – करवाना

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित क्रिया शब्द के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया रूप लिखिए।
उत्तर:

मूल क्रिया प्रथम प्रेरणार्थक द्वितीय प्रेरणार्थक
1. सुनना सुनाना उतारना
2. उतरना सुनवाना उतरवाना

वीरभूमि पर कुछ दिन Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: रुक्मणी संगल का जन्म 1 सितंबर 1945 को बुढ़ाना (उत्तर प्रदेश) में हुआ। वह एक आधुनिक लेखिका हैं। इनके द्वारा लिखे गए यात्रा वर्णनपरक लेख प्रसिद्ध हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन करने का कार्य रुक्मणी जी कर रही हैं। प्रमुख कृतियाँ: ‘दिनकर के काव्य में जीवन मूल्य’ विषय पर शोध प्रबंध।

गद्य-परिचय:

यात्रा वर्णन: यात्रा वर्णन में अपने द्वारा किए गए किसी पर्यटन की अपनी अनुभूतियों, प्रकृति कला का पर्यवेक्षण, स्थान की विशेषताओं
आदि का लगावपूर्ण वर्णन किया जाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ यात्रा वर्णनपरक है। इस पाठ में लेखिका ने वीरभूमि राजस्थान की यात्रा का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया है। वहाँ के गढ़, किले, महल एवं वहाँ की कला-संस्कृति का सुंदर वर्णन किया है।

सारांश:

रुक्मणी जी को ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। लेखिका ने वीरभूमि राजस्थान की यात्रा का वर्णन इस पाठ में किया है। वहाँ के शाही महल एवं उनकी कलात्मकता का चित्रमय वर्णन पाठ में हुआ है। मेहरान गढ़ किला राजस्थान की कला का एक सुंदर उदाहरण है। पटवा की हवेलियाँ कलात्मक वास्तु शिल्प का अद्भुत नमूना है। चित्तौड़गढ़ के दर्शनीय स्थल सभी पर्यटकों के आकर्षक केंद्र हैं। सचमुच राजस्थान सिर्फ एक वीरभूमि ही नहीं बल्कि कला संस्कृति की अनुपम भूमि भी है।

शब्दार्थ:

  1. गति – वेग
  2. अल्पाहार – नाश्ता
  3. भवन – महल या प्रासाद
  4. आमोद-प्रमोद – मनोरंजन
  5. शाही – राजवंशी
  6. मनोहर – सुंदर
  7. समीप – पास
  8. अपभ्रंश – शब्द का बिगड़ा हुआ रूप
  9. आकांक्षा – इच्छा
  10. लौहपथगामिनी – रेल
  11. भाँति-भाँति – तरह-तरह की
  12. पंक्तिबद्ध – क्रमबद्ध, एक के बाद एक
  13. सन्नद्ध – एकाग्र या व्यस्त
  14. परकोटा – गढ़ या किले की रक्षा के लिए बनाया गया घेरा जिसके ऊपर टहलने के लिए जगह होती है।
  15. मनभावन – मन को आकर्षित करनेवाली
  16. जौहर – वीर राजपूत स्त्रियों ने दुश्मनों से अपनी लाज एवं प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए अपने आप को अग्निकुंड में समर्पित कर दिया था।
  17. उनके इस कार्य को जौहर कहा जाता है।
  18. सैलाब – पानी की बाढ़

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मुहावरे:

1. दृष्टिगोचर होना – दिखाई देना।
2. दस्तक देना – दरवाजा खटखटाना।

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Class 9 Hindi Chapter 8 Udann Question Answer Maharashtra Board

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पठनीय:

प्रश्न 1.
‘दहेज’ जैसी सामाजिक समस्याओं को समझते हुए इसके संदर्भ में जनजागृति करने हेतु घोषवाक्यों का वाचन कीजिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
हिंदी-मराठी भाषा के प्रमुख गजलकारों की गजल रचना सुनिए और सुनाइए।

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘मैं चिड़िया बोल रही हूँ इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।

आसपास:

प्रश्न 1.
अंतरजाल की सहायता लेकर कोई कविता पढ़िए और निम्न मुद्दों के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 1

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न 1.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
परों में शक्ति हो तो ………..
उत्तर:
(क) उपलब्ध नभ को नापना है।
(ख) उपलब्ध जल को नापना है।
(ग) भू को नापना है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

प्रश्न 2.
सुलगते आप, बाहर से …………
(क) तपन नहीं माँगा करते।
(ख) अगन नहीं माँगा करते।
(ग) बुझन नहीं माँगा करते।
उत्तर:
1. परों में शक्ति हो तो उपलब्ध नभ को नापना है।
2. सुलगते आप, बाहर से अगन नहीं माँगा करते।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का सरल भावार्थ लिखिए। अँधेरे के इलाके में ………….. नमन माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाएँ; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं मांगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का बन होता है; वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।”

“जो व्यक्ति सचमुच आदर का अधिकारी है उसके सामने दुसरे लोगों के मस्तक अपने आप झुक जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को किसी से नमन या आदर मांगने की जरूरत नहीं होती बल्कि उसे तो अपने आप आदर मिल जाता है। व्यक्ति के पास विनम्रता होनी चाहिए।”

प्रश्न 4.
कविता द्वारा दिया गया संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने व्यक्ति को मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि, बुलंद हौसले आदि गुणों को स्वीकार करने से व्यक्ति प्रगति की ऊंची उड़ान भर सकता है। फिर उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा। जिस व्यक्ति के पास मानवीय गुण होते हैं उन्हें किसी के भी पास हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान कीर्ति व यश अपने आप मिल जाता है। अत: व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना जरूरी होता है।

प्रश्न 5.
कविता में प्रयुक्त विरामचिह्नों के नाम लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तरः
(,) – अल्पविराम
बाक्य: राम ने दुकान से शक्कर, मिठाई व खजूर लाए।
(|) – पूर्णविराम
वाक्य: अजय शहर गया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

प्रश्न 6.
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 2
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 3

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
“”मैं चिड़िया बोल रही हूँ।” इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।
उत्तरः
“पंछी बनू उड़ती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में।”

मुझे आज भी याद है पुरानी फिल्म का यह गीत । सचमुच पंछी बनकर खुले आसमान में विचरण करना सभी को अच्छा लगेगा। किसी की कुछ भी रोक-टोक नहीं और नहीं किसी-का कुछ झंझट । बस सिर्फ आसमान में स्वच्छंद होकर उड़ना। बताओ किसे अच्छा नहीं लगेगा? संध्या समय पीपल के नीचे बैठकर मेरे मन में ये विचार आ ही रहे थे तभी अचानक पीपल के पेड़ पर बैठी एक चिड़िया ने ची-चीं करते हुए मुझे आवाज दी और वह मेरे समक्ष आकर बैठ गई। फिर अपने बारे में कहने लगी।

“मैं हूँ नन्ही-सी, प्यारी-सी चिड़िया। इस पेड़ पर ही मेरा निवास है। देख रही हो वह घोंसला? कितने प्यार से मैंने बनाया है! उसका निर्माण करने के लिए मुझे तकरीबन एक महीना लगा है। न जाने मैंने कहाँ-कहाँ से उसे तैयार करने के लिए सामग्री इकट्ठा की है? बस ईश्वर ही इस बात का साक्षी है। मैंने अपनी चोंच में तिनका-तिनका लाकर स्वयं के लिए सुंदर भवन का निर्माण किया है। उस घोंसले में मेरे दो अंडे हैं। अब जल्द ही दो नन्हे-मुन्ने बच्चे मेरे घर आएँगे। अब मैं उन्हीं का इंतजार कर रही हूँ।

पीपल के इस पेड़ पर पहले मेरे कई भाई-बहन रहा करते थे। तोता, मैना आदि मेरे भाई बहन मनुष्य द्वारा निर्मित प्रदूषण के शिकार हो गए। अब न इस पेड़ पर कोई तोता आकर बैठता है और न कोई मैना। कौओं की भी काँव-काँव अब पहले जैसे सुनाई नहीं दे रही है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की। इसका परिणाम यह हुआ कि पक्षियों की संख्या कम होती गई। अब तो शहरों से पक्षी नदारद हो गए हैं।

मैंने सुना है कि कुछ संस्थाएँ पक्षी-दर्शन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती हैं और कर्नाला पक्षी अभयारण्य जैसे स्थलों पर जाती रहती है। लेकिन मेरी प्यारी बहना, सच कहूँ तो वहाँ पर भी अब पहले जैसे पंछी नहीं रहें। पहले जैसे पंछियों का कलरव अब सुनाई नहीं देता है। इसके लिए इंसान ही जिम्मेदार है। यह सब उसी के कार्य का परिणाम है। यदि इंसान अपने किए कराए से बाज नहीं आएगा; तो भविष्य में अपने लिए गड्ढा स्वयं ही खोद लेगा।

हम ही इस सुंदर धरती का अंश हैं। हमें भी जीवन जीने का अधिकार है। आखिर हम भी एक जीव हैं। इंसान को कोई अधिकार नहीं है कि वह हमारे अधिकार को छीन लें। उसे प्राकृतिक संतुलन के बारे में सोचना चाहिए। जब इंसान “जिओ और जीने दो” इस सूत्र को अपनाएगा तब उसका जीवन भी खुशहाल हो जाएगा और यह प्यारी धरती फिर से ‘सुजलाम् सुफलाम्’ बन जाएगी।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 8 उड़ान Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 4

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 5

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। परों में शक्ति …………….. गगन माँगा नहीं करते।
भावार्थः
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “जिनके पंखों में शक्ति होती है वे संपूर्ण आसमान को नाप लेते हैं। यानी जिनके पास साहस व वीरता होती है या जिनके हौसले बुलंद होते हैं; वे असंभव कार्य को संभव करते हैं। जैसे कि आसमान में विचरण करना या उड़ना तो पंछियों का काम होता है और वे तो गगन में नित्य संचार करते रहते हैं। उन्हें उड़ने के लिए किसी से गगन माँगने की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात जहाँ चाह, वहाँ राह अपने आप निर्माण हो जाती है।’

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

1. सही विकल्प चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं ……………
उत्तर:
(क) जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
(ख) जिससे वह नफरत करता है।
(ग) जिससे वह सहायता की अपेक्षा करता है।

प्रश्न 2.
ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं …….
(क) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।
(ख) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना अस्वीकार किया है।
(ग) जन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में दूसरों को जलाना तय किया
उत्तर:
1. व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
2. ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर
निम्न शब्द हों।
1. निमंत्रण
2. पश्चात्ताप
उत्तर:
1. किसके बिना सपने अपने आप आते हैं?
2. पद्यांश में किस अग्नि में जलने की बात हो रही है?

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कृति (4) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। जिसे मन प्राण …………….. माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
जिन लोगों ने अपने आप को पश्चात्ताप की आग में जलना स्वीकार कर लिया है, उन्हें कैसे कोई रोक सकता है? ऐसे लोग पश्चात्ताप की अग्नि में अंदर से सुलगते रहते हैं; लेकिन वे बाहर से अग्नि की माँग नहीं करते हैं। पश्चात्ताप की अग्नि से बढ़कर कोई दूसरी अग्नि नहीं हो सकती।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 6

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 7

कृति (3): भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। खुशबू देती है …………….. धूपदान होती है।
भावार्थ:
प्रस्तुत पंक्ति ‘उड़ान’ इस गजल से ली गई है और इसके कवि चंद्रसेन विराट जी हैं। धूप जब जलता है; तब वह सभी को खुशबू देता है। शायर की जिंदगी भी धूपदान की तरह होती है। वह अपनी शायरी से लोगों के जीवन में खुशबू भर देता है।”

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पद्य-विश्लेषण:

  • कविता का नाम – उड़ान
  • कविता की विधा – गजल
  • पसंदीदा पंक्ति – एक बहरे को एक गूंगा दे, जिंदगी वो बयान होती है।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें एकदूसरे की सहायता करने से जिंदगी बड़े आराम से कटती है।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को स्वाभिमानी व विनम्र होना चाहिए। उसके हौसले बुलंद होने चाहिए। उसे मानवीय गुणों को अपनाकर स्वयं का जीवन सुंदर बनाना चाहिए।

उड़ान Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: कवि चंद्रसेन विराट जी हिंदी साहित्य के आधुनिक रचनाकारों में से एक हैं। इनका जन्म ३ दिसंबर १९३६ को इंदौर मध्य
प्रदेश में हुआ। ये हिंदी साहित्य जगत में गजलकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन्होंने अपनी गजलों में आम आदमी के जीवन
को अभिव्यक्त करने का सफल प्रयास किया है। इन्होंने गजल के साथ-साथ गीतों का भी लेखन किया है।

प्रमुख कृतियाँ: गीत संग्रह – ‘मेंहदी रची हथेली’, ‘स्वर के सोपान’, ‘मिट्टी मेरे देश की’, ‘धार के विपरीत’ आदि; गजल संग्रह – ‘आस्था
के अमलतास’, ‘कचनार की टहनी’, ‘न्याय कर मेरे समय’ आदि; मुक्तक संग्रह – कुछ पलाश कुछ पाटल, ‘कुछ सपने’, ‘कुछ सच’ आदि।

पदय-परिचय:

गजल: गजल काव्य विधा का एक प्रकार है। एक ही बहर और वजन के अनुसार लिखे गए शेरों के समूह को ‘गजल’ कहते हैं। गजल
के पहले शेर को ‘मतला’ और अंतिम शेर को ‘मकता’ कहते हैं।

प्रस्तावना: ‘उड़ान’ इस गजल में गजलकार चंद्रसेन विराट जी ने मानवीय मूल्यों के दर्शन करवाए हैं। व्यक्ति के पास स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि व बुलंद हौसले होने चाहिए। इन गुणों से ही जीवन में व्यक्ति ऊँचा उठता है।

सारांश:

प्रस्तुत कविता गजल विधा में लिखी गई है। व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना बहुत जरूरी होता है। मानवीय गुणों के कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है। व्यक्ति के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। स्वाभिमान के कारण व्यक्ति ऊँचा उठता है। जिसके पास विनम्रता होती है; उसे समाज में आदर अपने आप मिलता है। जिनके हौसले बुलंद होते हैं; उनके लिए असंभव कुछ भी नहीं होता। जीवन में व्यक्ति को एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। जीवन में सभी को खुशी देने का प्रयास करना चाहिए। आखिर चार दिन की जिंदगी होती है। उसी में स्वयं खुश रहकर दूसरों के भी जीवन में खुशियाँ भर देनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

शब्दार्थ:

  1. अगन – अग्नि, आग
  2. सायबान – छाया देने वाला
  3. बयान – वक्तव्य
  4. तीर – बाण
  5. कमान – धनुष
  6. इलाका – क्षेत्र
  7. कंटक – काँटा
  8. आदर – सम्मान
  9. पर – पंख
  10. थकान – थकावट
  11. शायर – शायरी लिखने वाला

भावार्थ:

अँधेरे के इलाके में ………………. सुमन माँगा नहीं करते।

प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाए; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का वन होता है वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 11 Nirmano Ke Pawan Yug Mein Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 11 Nirmano Ke Pawan Yug Mein Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Textbook Questions and Answers

संभाषणीय

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 1
उत्तरः
आजादी के बाद का भारत अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुत ही संघर्षरत और उत्साह से भरा था। कृषि, शिक्षाउद्योग आदि के क्षेत्र में वह दिनोंदिन प्रगति के राह पर आगे बढ़ रहा था। अक्टूबर 1952 में चीन ने भारत के ऊपर हमला कर दिया। भारत इस लड़ाई से उबर ही पाया था कि 1935 में दूसरे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत के ऊपर हमला किया, भारत ने इसका मुँहतोड़ जवाब दिया। 1971 में पुन: पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया परंतु इस बार पाकिस्तान की करारी हार हुई और बांग्लादेश का उदय हुआ। 1955 में भारत की बागडोर प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के हाँथ में आ गई।

उन्होंने हरित क्रांति की शुरूआत की। भारत ने कृषि के क्षेत्र में संतोषजनक प्रगति की । बैंको का राष्ट्रीकरण किया गया। 1974 को पोखरन में परमाणु परीक्षण कर भारत विश्व का छठवाँ परमाणु ताकत बन गया। प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 1975 में अपातकाल की घोषणा कर दी। देश के बड़े-बड़े विपक्षी नेता गिरफ्तार कर लिए गए। प्रेस की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

खेल के क्षेत्र में भी भारत प्रगति कर रहा था। 1882 में भारत ने नवें एशियाई खेलों का सफल आयोजन किया। भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्ट इंडीज को हराकर पहली बार विश्व कप जीता। विज्ञान के क्षेत्र में 1982 में रंगीन टेलीविज़न की शुरूआत हुई। भारत का अपना बहुउद्देशीय संचार और मौसम उपग्रह इंसेट-1बी प्रक्षेपित किया गया। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। 31 अक्टूबर 1984 को राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री बने।

उनके कार्यकाल में सतह से सतह पर मार करनेवाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त का सफल परीक्षण हुआ। 1992 में धार्मिक राजनीति चरण सीमा पर थी। जिसके चलते अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढाँचा ध्वस्त कर दिया गया जिससे भारत में हिंसा भड़क गई और मुंबई में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट किए गए। इस विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध लड़ा गया। इस बार भी पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी।

2001 में संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ इस हमले में सम्मिलित आतंकवादी मारे गए। यह देश की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी सेंध थी। 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने। वह एक बड़े अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने देश के गरीबों के लिए फूड्स बिल संसद में लाया। अब गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो गेंहू तथा 3 रुपए प्रति किलो चावल उपलब्ध होने लगा। 2014 में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ। इस बार व्यक्ति विशेष के नाम पर जनता ने मतदान किया और नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया इनसे भारत के लोगों को बड़ी उम्मीद है।

उन्होंने कई नई योजना की शुरूवात की। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नोटबंदी किया, सफाई अभियान की शुरूआत की, देश के हर व्यक्ति को बैंक से जोड़ने का कार्य किया। इस समय भारत अपने विदेश नीति में भी महत्त्वपूर्ण स्थान पर पहुँच गया है। विदेश के बहुत सारे देशों से भारत इनके मधुर संबंध हो गए हैं। व्यापारिक समझौते हुए हैं। इस समय भारत को विश्व की महाशक्तियों में गिना जाने लगा है। सामाजिक दृष्टि से भी वह शक्तिशाली देशों की श्रेणी में पहुँच गया है। इस समय शिक्षा, व्यापार उद्योग आदि क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पठनीय:

‘पर्यावरण और मानव’ पर आधारित पथनाट्य (नुक्कड़ नाट्य) पढ़कर प्रस्तुत कीजिए।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
देश हित के लिए आप क्या करते हैं? अपने विचार स्पष्ट व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
देशहित एक पवित्र कार्य है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वहित की अपेक्षा देशहित के बारे में सोचना चाहिए।
‘जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

यदि मैं स्वयं का विचार करूँ तो मेरे लिए निजी हित की अपेक्षा देशहित सर्वोपरि है। देशहित के लिए मैं सभी नियमों का पालन करने के साथ ही विनम्र और देश के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार हूँ। मैं अपने चारों ओर साफ-सफाई रखने के लिए स्वच्छता अभियान में भाग लेता हूँ। सभी को बेकार वस्तुओं को कड़ेदान में डालना और सार्वजनिक वस्तुओं की देखभाल करना सिखाता हूँ।

मैं एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रखता हूँ। देश के कल्याण के लिए बनाई गई सामाजिक व आर्थिक नीतियों का भी सम्मान करता हूँ। मैं अपने देश को दुनिया में सबसे अच्छा देश बनाने के लिए प्रयास करता रहता हूँ।

आसपास:

प्रश्न 1.
अपने आसपास/परिवेश में घटित होने वाली समाज आसपास विघातक घटनाओं की रोकथाम से संबंधित अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः
भ्रष्टाचार, आरक्षण, भ्रूण-हत्या, दहेज प्रथा, आदि समाज विघातक घटनाएँ हैं। भ्रष्टाचार भारतीय समाज में सबसे तेजी से उभरने वाला मुद्दा है। मनुष्य अपने निजी स्वार्थों की खातिर देश को खोखला कर रहा है। अतः मनुष्य को सदाचार को अपनाना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार अपने-आप समाप्त हो जाएगा। भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस विषय पर स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। लोग कन्या जन्म चाहते ही नहीं है। सबको पुत्र चाहिए। इस पर रोक लगाने के लिए चिकित्सा के लिए मजबूत नीति सबंधी नियमावली होनी चाहिए। सभी महिलाओं के लिए तुरंत शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रणाली होनी चाहिए।

आम लोगों को जागरुक करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या जागरुकता कार्यक्रम होना चाहिए। दहेज जैसी कुप्रथा के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जाना चाहिए। अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन देना चाहिए। आरक्षण वास्तव में समाज के उन्हीं लोगों के लिए हितकर हो सकता है जो अपंग हैं, शिक्षा और गुण होते हुए भी अन्य लोगों से जीवन में पीछे रह जाते हैं। उन गरीब लोगों के लिए भी आरक्षण आवश्यक है, जो गुणी होते हुए भी गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। आज यदि हम देश को उन्नति की ओर ले जाना चाहते हैं और देश की एकता बनाए रखना चाहते हैं. तो जरूरी है कि आरक्षण को हटाकर हम सबको समान रूप से शिक्षा दे और उन्नति का अवसर पाने का मौका दें।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 3

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न (ख)
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 5

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी का अंश पढ़कर टिप्पणी लिखिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के अर्थ शब्दकोश की सहायता से ढूंढ़िए तथा उचित शब्द रिक्त स्थानों में लिखिए।

  1. आर्यभट्ट ने शून्य की …………….. की। (खोज, अनुसंधान, आविष्कार)
  2. प्रगति के लिए आपसी ……………….. आवश्यक है। (ईर्ष्या, भागदौड़, स्पर्धा)
  3. कार्यक्रम को शुरू करने के लिए अध्यक्ष महोदय की ………… चाहिए। (अनुमति, आज्ञा, आदेश)
  4. काले बादलों को देखकर बारिश की …………. है। (आशंका, संभावना, अवसर)
  5. सड़क-योजना में सैकड़ों मजदूरों को …………. रोजगार मिला। (निर्माण, निर्मिति, सृजन)

उत्तरः

  1. खोज
  2. स्पर्धा
  3. अनुमति
  4. संभावना
  5. निर्माण

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 6

सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि
(क) नए-नए अविष्कार करना।
(ख) महापुरुषों के चरित्र (जीवनियाँ) पढ़ना।
(ग) स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।
उत्तर:
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
साहस को क्या स्वीकार नहीं है?
उत्तर:
मँझधारों में डूबना साहस को स्वीकार नहीं है।

कृति (2) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त आँधी शब्द का कविता से संबंधित अर्थ है।
(क) मुसलाधार बारिश के कारण आनेवाला तूफान।
(ख) प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।
उत्तरः
प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. पावन (क) सिंधु
2.  स्वार्थ (ख) समस्या
3. अगम (ग) युग
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ङ) साधना

उत्तरः

(अ) (ब)
1. पावन (ग) युग
2.  स्वार्थ (ङ) साधना
3. अगम (क) सिंधु
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ख) समस्या

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. डूबना/मरना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. मानो अगम अगाध सिंधु/ बिंदु में संघर्षों का पार नहीं है।
उत्तर:
1. डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. माना अगम अगाध सिंधु में संघर्षों का पार नहीं है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
निर्माणों के पावन युग …………….. कल्याण न भूलें!
भावार्थ:
कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का त्याग कर मानव जाति के कल्याण के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 7

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।

प्रश्न 1.
1. नैतिक आधार के बिना शिक्षा व्यर्थ है।
2. शील, विनय, आदर्श, श्रेष्ठता चरित्र निर्माण के साधन नहीं है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (2) आकलन कृति

एक वाक्य में उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में क्या नहीं भूलना चाहिए?
उत्तरः
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान नहीं भूलना चाहिए।

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
तार बिना झंकार/ श्रृंगार नहीं है।
उत्तरः
तार बिना झंकार नहीं है।

प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर एक ऐसा प्रश्न बनाइए कि जिसका उत्तर निम्न शब्द हो।

प्रश्न 1.
शिक्षा
उत्तर:
नैतिक आधार के बिना कौन स्वर साध नहीं सकेगी?

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
शील, विनय,…………………. न भूलें!!
भावार्थ:
जिस प्रकार तार के बिना झंकार सुनाई नहीं देती। उसी प्रकार शील, विनय, आदर्श व श्रेष्ठता के बिना मनुष्य का चरित्र उज्ज्वल नहीं बन सकता। सच्ची शिक्षा वही होती है, जिसका आधार नैतिकता हो। मनुष्य को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे यश, ख्याति, प्रसिद्धि रूपी उज्ज्वल चाँदनी के गौरवमय प्रकाश में अपनी संस्कृति का सम्मान करना नहीं भूलना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए।
जैसे – मानव : प्यार
1. प्राणी: …….
2. जीवन: ……
उत्तर:
1. उपकार
2. उत्थान

कृति (2) आकलन कृति

1. समझकर लिए

प्रश्न 1.
‘जीवन-उत्थान’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जीवन की चारित्रक उन्नति

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 8

सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य ………. है।
(क) आध्यात्मिक उन्नति
(ख) सांसारिक उन्नति
(ग) मानव की उन्नति
उत्तरः
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य सांसारिक उन्नति है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (3): भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
“अविष्कारों की ……………….जीवन का उत्थान।”
भावार्थः
निर्माण के इस पावन युग में मनुष्य नए-नए आविष्कार कर रहा है। भले ही मनुष्य आविष्कार कर रहा है, पर यदि उस में आविष्कार के प्रति प्रेम नहीं है, मानवता की भावना नहीं है; शांति की कामना नहीं है। प्राणी मात्र पर उपकार करने का भाव नहीं है, तो उसके द्वारा किए गए विज्ञानरूपी आविष्कार व्यर्थ हैं। ऐसे आविष्कार आविष्कृत होने के बावजूद भी सृजनहीन है। भले ही मनुष्य सांसारिक उन्नति कर रहा है। फिर भी उसे अपने जीवन की उन्नति के बारे में नहीं भूलना चाहिए। जीवन की उन्नति तभी संभव है, जब मनुष्य के हृदय में प्रेम, मानवता, सहृदयता, नैतिकता व शांति का सृजन होगा।

पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – निर्माणों के पावन युग
  • कविता की विधा – आधुनिक कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें। स्वार्थ साधना की आँधी में हम वसुधा का कल्याण न भूलें।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें चरित्र निर्माण की बात कही गई है। व्यक्ति के पास उज्ज्वल चरित्र होना चाहिए। उसे अपने चरित्र से दूसरों पर प्रभाव निर्माण करना चाहिए।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति का चरित्र संपन्न एवं समृद्ध होना चाहिए।

स्वयं का चरित्र उज्ज्वल बनाने के लिए व्यक्ति को मानवीय गुणों का अपनाना चाहिए। स्वार्थ भाव का त्याग कर व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करनी चाहिए। व्यक्ति को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का पालन करना चाहिए। नए-नए अनुसंधान में व्यस्त रहकर व्यक्ति को अपनी संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए।

निर्माणों के पावन युग में Summary in English

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक प्रबुद्ध कवि, प्रखर वक्ता व पत्रकार के रूप में कार्यरत रहे हैं। राष्ट्रीय-भावना से ओत-प्रोत कई पत्रिकाओं का इन्होंने संपादन भी किया है। ब्रजभाषा व खड़ी बोली में काव्य रचना इनकी प्रमुख विशेषता रही है। ‘पद्मविभूषण’, ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ व ‘भारत रत्न पुरस्कार’ से उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – मेरी इक्यावन कविताएँ’, गद्य रचनाएँ – ‘कुछ लेख: कुछ भाषण’, ‘बिंदु-बिंदु विचार’, ‘मृत्यु या हत्या’, ‘संसद में तीन दशक’, ‘सेक्युलरवाद’ आदि।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पद्य-परिचय:

कविता: रस और अलंकार से परिपूर्ण, सुंदर अर्थ प्रकट करने वाली, हृदय की मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी से निकली
शब्द रचना कविता कहलाती है। कविता मनुष्य को स्वार्थ संबंधों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से सुरीला संबंध जोड़ने में सहायक होती है।

प्रस्तावना: कविता में कवि वाजपेयी जी ने वसुधैव कुटुंबकम् के नूतन अनुसंधान, संस्कृति के सम्मान, जगत का कल्याण-उत्थान करने के साथ-ही-साथ चरित्र निर्माण एवं मानवीय गुणों के महत्त्व को समग्र रूप में प्रतिपादित किया है।

सारांश:

कवि कहते हैं कि आज का युग निर्माण का पावन युग है। जीवन के हर एक क्षेत्र में प्रगति हो रही है, नव-निर्माण हो रहा है । ऐसे में क्या व्यक्तिविकास हो रहा है? व्यक्ति-विकास के लिए चरित्र का उज्ज्वल होना आवश्यक है। अत: व्यक्ति को चरित्र-निर्माण पर बल देना चाहिए। उसे व्यक्तिगत स्वार्थ से बाहर निकलकर मानवजाति के कल्याण के लिए अग्रसर होना चाहिए।

शब्दार्थ:

  1. निर्माण – सृजन
  2. पावन – पवित्र
  3. युग – समय
  4. आँधी – तूफान
  5. वसुधा – पृथ्वी
  6. अगम – अपार
  7. अगाध – अथाह
  8. सिंधु – सागर
  9. मँझधार – लहरों के बीचोंबीच
  10. जटिल – कठिन
  11. अनुसंधान – खोज, अन्वेषण
  12. कीर्ति – ख्याति, प्रसिद्धि
  13. कौमुदी – चाँदनी
  14. गरिमा – महत्त्व, गौरव
  15. सृजनहीन – निर्माण हीन
  16. भौतिकता – सांसारिकता
  17. उत्थान – उन्नति

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

भावार्थ:

निर्माणों के पावन युग …………………….. अनुसंधान न भूलें !!

कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे

Hindi Lokbharti 9th Digest Answers Pdf पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 1 Nadi Ki Pukar Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 1 नदी की पुकार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 1 Nadi Ki Pukar Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 1 नदी की पुकार Questions And Answers

1. आकृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 1

2. संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 2

3. भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 3

4. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जलयुक्त शिवार’ पर चर्चा करें।
उत्तर:
मुंबई : महाराष्ट्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए जलयुक्त शिवार योजना को लाया गया है। इस योजना को देश के प्रसिद्ध उद्योगपति, बैंकर्स, एनजीओ और कई सारे धार्मिक ट्रस्ट भी समर्थन देने लगे हैं। योजना के तहत हर साल राज्य के 5,000 गाँवों को पानी की समस्या से छुटकारा दिलाया जाएगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के अनुसार 2019 तक राज्य के एक बड़े हिस्से को जल संकट से मुक्ति दिला देंगे, इसलिए योजना का नाम ही जलयुक्त शिवार योजना (खेती के लिए जल प्रदान करने की योजना) रखा गया है। महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि किसानों को आत्महत्या करने से रोकने हेतु उन्हें खेती के लिए पानी मुहैया कराना जरूरी है।

बरसाती पानी जमा करने के लिए महाराष्ट्र में कई सारे पैटर्न अपना रखे हैं। अन्ना हजारे का रालेगाँव पैटर्न, शिरपुर पैटर्न, हिरवे बाजार पैटर्न सहित कुल 28 अलग-अलग योजनाओं के बाद जलयुक्त शिवार योजना की बुनियाद रखी गई है, जिसकी शुरुआत 26 जनवरी को की गई है। इस योजना की निगरानी सैटलाइट के माध्यम से रखी जा रही है। इस योजना पर निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर पालक मंत्रियों की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है।

जिसमें जिले के कलेक्टर को विशेष अधिकार भी दिए गए हैं ताकि योजना में किसी तरह की धांधली न हो सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस खुद इस योजना पर निगरानी रख रहे हैं और कार्य स्थल जाकर मुआयना कर रहे हैं। जल प्रदूषण शिवार योजना लागू करने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के उन क्षेत्रों का चयन किया है, जहाँ पानी की भारी समस्या है और जहाँ किसान सबसे ज्यादा आत्महत्या कर रहे हैं।

गाँवों का चयन करने के बाद वहाँ पर योजना की बुनियाद रखी गई। योजना के तहत गाँव के निचले क्षेत्र में गहराई तक खुदाई की जाती है या वहाँ के तालाबों को और गहरा किया जाता है जिससे बरसात का पानी जमा किया जा सकें। खुदाई स्थल के चारों ओर गहराई बढ़ाई जाती है और ऐसी व्यवस्था की जाती है, जिससे आस-पास के क्षेत्रों का पानी उसमें भर सकें। बरसात शुरू होने से पहले ही यह काम पूरा करना निश्चित हुआ है ताकि बरसाती पानी को जमा किया जा सकें।

पानी जमा होने से उस क्षेत्र के आस-पास का भूजल स्तर बढ़ जाएगा। जल स्तर ऊँचा उठने से बोरवेल और पानी के पंपों में भी पानी मिलने लगेगा। योजना के माध्यम से गाँवों को सीमेंट के नाले और नहरों से जोड़ने के अलावा अन्य उपाय किए जाएंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस कहते हैं कि जलयुक्त शिवार योजना से किसानों के खेतों को पानी मिलने लगेगा।

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5. कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘नदी के मन के भाव’ इस विषय पर भाषण तैयार करके प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
नदी के मन के भाव – जैसे-जैसे व्यक्ति की आयु बढ़ती है वह बूढ़ा होता जाता है। पर मेरे जीवन पर समय का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। आज भी मैं दौड़ते हुए आगे बढ़ती हूँ। दिन-रात ‘कलकल’ का संगीत सुनाती हूँ, वृक्षों के साथ लुका-छिपी खेलती हूँ, चट्टानों पर से कूदती हूँ और अपनी मंजिल की तरफ बढ़ती जाती हूँ। रास्ते में आने वाले हर प्राणी की प्यास बुझाती हूँ। धरती को हरी-भरी कर देती हूँ।

एक दिन मनुष्य अपनी असंस्कृत अवस्था में मेरी शरण में आया था, आज वह संस्कृति और सभ्यता के क्षेत्र में कितना आगे बढ़ गया है। मेरे तट पर न जाने कितने उत्सवों और मेलों की धूम मची रहती है। मेरे तट पर आकर कवि कविताएँ रचते हैं, बच्चे खेलते हैं, दुखी लोग अपना दुख भूल जाते हैं। ये दृश्य देखकर मैं आनंद विभोर हो जाती हूँ।

पर मानव ने आज मेरे जल में जहर घोलना प्रारंभ कर दिया है। मेरे जल को प्रदूषित कर दिया है। मेरी अविरल धारा को जगह-जगह बाँध बनाकर रोक दिया है। उसमें आए दिन कचरे बहाए जा रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों से निकले रासायनिक पदार्थ और मरे हुए पशुओं तक को बहाया जा रहा है। यदि आप मुझे

ऐसे ही प्रदूषित करते रहेंगे तो आपको पीने के लिए स्वच्छ और निःशुल्क जल कौन देगा? हमें आप केवल पैसे के बल पर प्रदूषण मुक्त नहीं कर सकते, बड़ी-बड़ी योजनाएँ बनाकर, बड़ी-बड़ी मशीनें लगाकर आप हमें कब तक स्वच्छ करेंगे? हमें प्रदूषण मुक्त करना है तो आप अपनी मानसिकता (सोच) बदलिए। हमारे जल में गंदगी मत फैलाइए, लोगों को जागरूक कीजिए। उनके अंदर अच्छी सोच जगाइए कि वे हमें गंदा न करें। हमें अविरल बहने दे, हमारे तटों पर किए अतिक्रमण को हटाएँ। मैं स्वयं अपना प्रदूषण दूर कर

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6. पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
पानी की समस्या समझाते हुए ‘होली उत्सव का बदलता रूप’ पर अपना मत लिखिए।
उत्तर:
हमारे देश में बहुत सारे क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ हर वर्ष औसत से कम वर्षा हो रही है। जिसके कारण वहाँ के लोगों खासकर किसानों को सूखे की मार झेलनी पड़ रही है। आए दिन किसान आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में समाज के पढ़े-लिखें लोगों द्वारा पानी संग्रह की योजना बनाई जा रही है। लोगों को पानी की बचत करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है। जिसके कारण अब लोग होली के त्यौहार पर होली खेलने के लिए, एक-दूसरे पर हजारों लीटर पानी नहीं फेंकते। पानी बर्बाद न हो इसके लिए अबीर, गुलाल या सूखे रंग से होली खेलते हैं। अब तो लोग एक-दूसरे को अबीर और गुलाल का टीका लगाकर ही होली मना लेते हैं।

7. पाठ के आँगन में :

उत्तर लिखिए।

प्रश्न क.
अपने शब्दों में नदी की स्वाभाविक विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
नदी सतत बहती रहती है। वह सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। नदी सदैव परोपकार का कार्य करती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

प्रश्न ख.
किसी एक चरण का भावार्थ लिखिए।
भर्यादा में बहने वाली, ……….. मुझे बचा लो भाई रे।।
भावार्थ :
जो नदी सदैव अपनी सीमा में रहकर अमृत समान स्वच्छ पल धारा से सबकी प्यास बुझाती है। वही नदी हमसे कहती है कि जिसने भी मुझे बुलाया मैं उसके भलाई के लिए सदा तैयार रही। हे मनुष्य! तुम पागल मत बनो, उसी नदी के दुश्मन मत बनो, जो हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ का कार्य करती आई है उसके प्रदूषित होने पर तुम्हारी प्यास कौन बुझाएगा। कल-कल की आवाज करते हुए नदी मनुष्य से स्वयं (नदी) को बचाने का आवाहन करती है।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 1 नदी की पुकार Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।
i. नदियों का जीवन किस प्रकार का है?
ii. नदियाँ किसमें बहती है?
उत्तर :
i. परहित का
ii. मर्यादा में

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 4

कृति क (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
पहली दो पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
सबको जीवन देने ………….. मुझे बचा लो भाई रे।।
उत्तर:
कवि नदी की संवेदनाओं को प्रकट करते हुए कहते हैं कि नदी सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। वह हमेशा दूसरों की भलाई का ही कार्य करती है। नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से अपने अस्तित्व को बचाने का आवाहन करती है।

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(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. नदी ने गिरिवन से निकलते समय मन में पाल रखा था –
  2. लोगों ने नदी में डाल मिलाई –
  3. नदी अपने तट पर हरदम सुनाती है –
  4. नदी हमें नि:शुल्क देती है –

उत्तर :

  1. सपना
  2. मलिनता
  3. गीत
  4. जल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

कृति ख (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
प्रथम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
नदी कहती है कि जब मैं पर्वत और जंगल से होकर गुजरी तब मैंने अपने मन में एक सपना पाल रखा था कि रास्ते में जो भी जरूरतमंद (प्यासा) मिले उसे अपना बनाते हुए अर्थात उसकी मदद करते हुए आगे बढ़ते जाए लेकिन मानव जाति ने ही मुझे प्रदूषित कर दिया। इस प्रकार कल-कल करती नदी प्रदूषण से खुद को बचाने का मानव से आवाहन करती है।

(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. नदी के न रहने पर कौन मुरझा जाएगा?
  2. नदी ने क्या बनकर नयनों की खुशहाली बाँटी?
  3. नदी ने खेतों में क्या फैलाया?
  4. खारे सागर में मिलकर नदी ने उसे क्या दिया?

उत्तर:

  1. सागर
  2. झरना
  3. हरियाली
  4. मिठाई

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

कृति ग (2): सरल अर्थ

प्रश्न 1.
अंतिम चार पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि मिश्र कहते हैं कि नदी मानव से कह रही है कि जब मैं झरने के रूप में झर-झर कर बह रही थी, तब मेरी सुंदरता ने कितने ही इंसानों के नेत्रों को प्राकृतिक आनंद दिया और जब नदी के रूप में आगे बढ़ी तो किसानों के खेतों में हरियाली आ गई। यहाँ तक कि अपने जीवन के अंत में जब मैं खारे समुद्र में जा मिली तो भी मैंने उस खारे जल को मिठास ही दिया। कल-कल कर बहती हुई नदी मानव से कहती है कि हे मनुष्य! मैं तुम्हारे जीवन के लिए कितनी आवश्यक हूँ इस बात को समझो और मेरा अस्तित्व बना रहने दो। मुझे इस तरह मैला न करो कि मैं समाप्त हो जाऊँ।

नदी की पुकार Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सुरेशचंद्र मिश्र जी का जन्म उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के धनऊपुर गाँव में हुआ था। आप आधुनिक हिंदी कविता क्षेत्र के जाने-माने गीतकार हैं।
प्रमुख कृतियाँ : काव्यसंग्रह -‘संकल्प’, ‘जय गणेश’, ‘वीर शिवाजी’, ‘पत्नी पूजा’।

पद्य-परिचय :

गीत : स्वर, पद और ताल से युक्त गीत हिंदी साहित्य की महत्त्वपूर्ण विधा है। इसमें गेयता होती है। गीत मनुष्य मात्र की भाषा है।
इसके माध्यम से मानव जीवन में ऊर्जा एवं ताजगी का संचार होता है।
प्रस्तावना : कवि सुरेशचंद्र मिश्र जी ने नदी की पुकार कविता के माध्यम से हमारे जीवन में नदी के योगदान को दर्शाया है तथा इसे प्रदूषण मुक्त रखने के लिए हमें प्रेरित किया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

सारांश :

इस कविता के माध्यम से नदी की संवेदनाओं को प्रकट किया गया है। नदी सभी प्राणियों की भलाई करती है। उन्हें अपने जल से तृप्त करती है। मनुष्य के जीवन में कितनी भी महँगाई आ जाए पर नदी तो अपना जल नि:शुल्क देती है। वह खेतों को भी हरियाली प्रदान करती है। परंतु मनुष्य नदी को आए दिन प्रदूषित करता जा रहा है। नदी इस प्रदूषण से खुद को बचाने का आवाहन मनुष्य से करती है।

सरल अर्थ :

सबको जीवन देने ……………………………. मुझे बचा लो भाई रे।।
कवि नदी की संवेदनाओं को प्रकट करते हुए कहते हैं कि नदी सभी प्राणियों को अपने जल से जीवन प्रदान करती है। वह हमेशा दूसरों की भलाई का ही कार्य करती है। नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से अपने अस्तित्व को बचाने का आवाहन करती है।

मर्यादा में बहने वाली, …………………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
जो नदी सदैव अपनी सीमा में रहकर अमृत समान स्वच्छ जल धारा से सबकी प्यास बुझाती है। वही नदी हमसे कहती है कि जिसने भी मुझे बुलाया मैं उसके भलाई के लिए सदा तैयार रही। हे मनुष्य! तुम पागल मत बनो, उसी नदी के दुश्मन मत बनो, जो हमेशा दूसरों की भलाई और परमार्थ का कार्य करती आई है। उसके प्रदूषित होने पर तुम्हारी प्यास कौन बुझाएगा? कल-कल की आवाज करते हुए नदी मनुष्य से स्वयं (नदी) को बचाने का आवाहन करती है।

गिरिवन से निकली थी, ………………………….. मुझे बचा लो भाई रे।।
नदी कहती है कि जब मैं पर्वत और जंगल से होकर गुजरी तब मैंने अपने मन में एक सपना पाल रखा था कि रास्ते में जो भी जरूरतमंद (प्यासा) मिले उसे अपना बनाते हुए अर्थात उसकी मदद करते हुए आगे बढ़ते जाए लेकिन मानव जाति ने ही मुझे प्रदूषित कर दिया। इस प्रकार कल-कल करती नदी प्रदूषण से खुद को बचाने का मानव से आवाहन करती है।

नदिया के तट पर बैठो, …………………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
यदि नदी के किनारे बैठ जाओ तो नदी कल-कल की आवाज में हमेशा गीत सुनाती है। कवि कहते हैं अगर धरती पर सूखा पड़ जाए तो भी नदी अपने बचे हुए थोड़े से जल से ही लोगों की प्यास बुझाती है। इंसान के जीवन में कितनी भी महँगाई क्यों न आ जाए लेकिन नदी हमें निःशुल्क जल देती है। इस प्रकार नदी कल-कल की आवाज करते हुए मनुष्य से यही आवाहन करती है कि तुम मुझे बचा लो अर्थात मुझे स्वच्छ रखो।

नदिया नहीं रहेगी तो, …………………………. मुझे बचा लो भाई रे।।
नदी अपना महत्त्व बताते हुए कहती है कि हे मनुष्य यदि मैं (नदी) नहीं रहूँगी तो समुद्र भी एक दिन सूख जाएगा। आगे वह प्रश्न करती है कि गाँवों से निकल कर मुझमें मिल जाने वाले नाले कहाँ जाएँगे, किससे मिलेंगे ? जो नाविक नाव को नदी में चलाते समय हो हैया-हो हैया की ललकार लगाते हैं वह फिर कभी सुनाई नहीं देगी यदि तुम मनुष्य मुझे स्वच्छ और सुरक्षित नहीं रखोगे। कल-कल करती नदी मनुष्य से अपनी सुरक्षा का निवेदन कर रही है।

झरना बनकर मैंने, ……………………… मुझे बचा लो भाई रे।।
कवि मिश्र कहते हैं कि नदी मानव से कह रही है कि जब मैं झरने के रूप में झर-झर कर बह रही थी, तब मेरी सुंदरता ने कितने ही इंसानों के नेत्रों को प्राकृतिक आनंद दिया और जब नदी के रूप में आगे बढ़ी तो किसानों के खेतों में हरियाली आ गई। यहाँ तक कि अपने जीवन के अंत में जब मैं खारे समुद्र में जा मिली तो भी मैंने उस खारे जल को मिठास ही दिया। कल-कल कर बहती हुई नदी मानव से कहती है कि हे मनुष्य! मैं तुम्हारे जीवन के लिए कितनी आवश्यक हूँ इस बात को समझो और मेरा अस्तित्व बना रहने दो। मुझे इस तरह मैला न करो कि मैं समाप्त हो जाऊँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 1 नदी की पुकार

शब्दार्थ :

  1. मर्यादा – सीमा
  2. परहित – दूसरे की भलाई
  3. सौदाई – पागल
  4. गिरिवन – पर्वतीय जंगल
  5. पाला – सँजोया
  6. मलिनता – गंदगी
  7. तट – किनारा
  8. हरदम – हमेशा
  9. शुल्क – पैसा
  10. मुरझाएगा – सूख जाएगा
  11. सरिता – नदी

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 10 Aprajay Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 10 Aprajay Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 अपराजेय Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 10 अपराजेय (पूरक पठन) Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 10 अपराजेय Textbook Questions and Answers

श्रवणीय:

प्रश्न 1.
हेलन केलर की जीवनी का अंश सुनिए और मुख्य मुद्दे सुनाइए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

लेखनीय:

प्रश्न 1.
कला की साधना जीवन के दुखमय क्षणों को भुला देती है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
कृति (ग) की स्वमत अभिव्यक्ति देखिए।

पठनीय:

प्रश्न 1.
सुदर्शन की ‘हार की जीत’ कहानी पढ़िए।

1. सुचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 अपराजेय 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 अपराजेय 2

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 अपराजेय 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 अपराजेय 4

प्रश्न 3.
परिच्छेद से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
उत्तर:
1. घर
2. पेड़

प्रश्न 4.
‘कला में अभिरूचि होने से जीवन का आनंद बढ़ता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कला जीवन का प्रतिरूप है। वह जीवन का आनंद है। प्रत्येक व्यक्ति को कला का शौक होता है। कला में अभिरूचि होने से व्यक्ति उसकी साधना में लगा रहता है। ऐसे में वह स्वयं को भी भूल जाता है। सिर्फ कला के अलावा उसे अन्य चीज़ की याद नहीं आती है। वह अपनी मनचाही कला के सौंदर्य एवं माधुर्य में मशगुल हो जाता है। कला का लुत्फ़ उठाते समय उसका चित्त आनंदविभोर हो जाता है।

वह कला को ही अपने जीवन का आधार मानकर स्वयं के जीवन को सुंदर बनाता है। निरंतर कला के सान्निध्य में रहने के कारण वह मन से तरोताजा रहता है। ऐसे व्यक्ति को फिर संपूर्ण विश्व सुंदर एवं खिला हुआ दिखाई देता है। इस प्रकार कला में अभिरूचि होने से जीवन का आनंद बढ़ता है।

आसपास:

प्रश्न 1.
कलाक्षेत्र में ‘भारतरत्न’ उपाधि से अलंकृत महान विभूतियों के नाम, क्षेत्र, वर्षानुसार सूची बनाइए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
‘समाज के जरूरतमंद लोगों की मैं सहायता करूँगा।’ इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तरः
मानव होने का सही अर्थ यही है कि मनुष्य को अपने जीवन में दूसरों की सेवा करनी चाहिए। मानव का जन्म लोगों की सेवा करने के लिए हुआ है। सेवा ऐसा भाव है जिससे सेवा करने वाला भी सुख पाता है और जिसकी सेवा की जाती है वह भी सुख पाता है। जो मनुष्य दूसरों के दुख दूर करने के लिए प्रयास करता है, ऐसा ही मनुष्य सच्चा मनुष्य कहलाने का अधिकारी होता है। कवि गुप्त जी ने लिखा ही है

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।

मैं भी समाज के जरुरतमंदों की सहायता करना चाहता हूँ। समाज में सर्वत्र दीन-दुखी, पीड़ित एवं व्यथित लोग हैं। उनकी सहायता करने से मुझे आत्मिक तृप्ति मिलेगी। आखिर मानव सेवा ही ईश्वर की पूजा के समान होती है।

आज हमारे समाज में ऊँच-नीच का भेदभाव दिखाई दे रहा है। कई ऐसे गरीब बच्चे हैं जो फुटपाथ पर ही रहते हैं। वे स्कूल नहीं जाते हैं। मैं ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आऊँगा। उन्हें सही राह दिखाने का प्रयास करूंगा। मैं अनाथ आश्रम में जाकर वहाँ रहने वाले बच्चों के लिए खेल एवं शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन करूंगा; ताकि उन्हें आनंद की प्राप्ति हो।

समाजसेवा के इस पुनीत कार्य में मैं अपने मित्रों को भी सम्मिलित करवाऊँगा क्योंकि मिल-जुलकर अच्छा काम करने में जो मजा है वह अन्य किसी काम में नहीं। अपने मित्रों के साथ मिलकर मैं गरीब बच्चों एवं लोगों के लिए चंदा इकट्ठा करूँगा। उनके लिए कपड़े व अनाज आदि सामग्री का संग्रह करूँगा। मुझे आशा है कि मेरे इन कार्यों से प्रेरणा लेकर अन्य लोग मेरा अनुकरण करेंगे। उस वक्त मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। अंत में सिर्फ इतना ही कहूँगा:

चाह यही, आस यही, कामना यही, भावना यही; कर सकूँ अपनी जिंदगी में जरूरतमंदों की सेवा यही।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
दिव्यांग महिला खिलाड़ियों के बारे में जानकारी प्राप्त करके टिपणी तैयार कीजिए।

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पाठ के आँगन में……..

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
केवल एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. जिनमें चलने-फिरने की क्षमता का अभाव हो:
  2. जिनमें सुनने की क्षमता का अभाव हो:
  3. जिनमें बोलने की क्षमता का अभाव हो:
  4. स्वस्थ शरीर में किसी भी एक क्षमता का अभाव होना:

उत्तरः

  1. अपाहिज, अपंग
  2. बधिर
  3. गूंगा
  4. दिव्यांग

प्रश्न 2.
‘हीन’ शब्द का प्रयोग करके कोई तीन अर्थपूर्ण शब्द तैयार करके लिखिए।
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उत्तरः
जैसे: आत्म + हीन = आत्महीन

  1. संवेदन + हीन = संवेदनहीन
  2. चरित्र + हीन = चरित्रहीन
  3. स्नेह + हीन = स्नेहहीन

प्रश्न 3.
परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करने में ही जीवन की सार्थकता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
कृति (ख) की स्वमत अभिव्यक्ति देखिए।

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प्रश्न (ख)
पाठ में प्रयुक्त वाक्य पढ़कर व्यक्ति में निहित भाव लिखिए।
1. ‘टाँग ही तो काटनी है, तो काट दो।’
2. ‘मैं जानता हूँ कि जीवन का विकास पुरुषार्थ में है, आत्महीनता में नहीं।’
उत्तर:
1. हास्य व सहज भाव, निडरता, सकारात्मकता, दृढ़ निश्चय
2. शांत भाव, संघर्ष शीलता, दृढ़ निश्चय

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 10 अपराजेय Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
सभी के चेहरे पर अकुलाहट थीं।
उत्तरः
दुर्घटना में अमरनाथ घायल हो गए थे। उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। इसीलिए सभी के चेहरे पर अकुलाहट थीं।

प्रश्न 2.
अमरनाथ के परिवार वाले रात को एक बजे पुलिस स्टेशन गए थे।
उत्तरः
अमरनाथ शाम तक घर पहुँचने वाले थे लेकिन रात के नौ बज गए फिर भी वे घर नहीं पहुंचे। उनके मोबाइल की घंटी बज रही थी लेकिन वे मोबाइल उठा नहीं रहे थे। इसीलिए अमरनाथ के परिवार वाले रात को एक बजे पुलिस स्टेशन गए थे।

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कृति (2) आकलन कृति

किसने, किससे कहा?

प्रश्न 1.
‘पर हुआ कैसे?’
उत्तरः
यह वाक्य चोपड़ा ने अनिल से पूछा।

प्रश्न 2.
‘ट्रकवाला जरूर पिया होगा।’
उत्तर:
यह वाक्य अनिल ने चोपड़ा से कहा।

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. सर्जरी
  2. डरावना
  3. निशा
  4. संध्या

उत्तर:

  1. ऑपरेशन
  2. भयावह
  3. रात
  4. शाम

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प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त ऐसे अंग्रेजी शब्द लिखिए जिनका हिंदी में प्रयोग होने लगा है।
उत्तर:

  1. ऑपरेशन
  2. मोबाइल
  3. स्ट्रेचर
  4. नर्स

प्रश्न 3.
गद्यांश से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते हैं।
उत्तर:
1. फोन
2. पुलिस

प्रश्न 4.
‘अकुलाहट’ इस शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानकर लिखिए और उस संबंधित प्रत्यय से अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
‘आहट’ प्रत्यय; अन्य शब्द:
1. कड़वाहट
2. घबराहट

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘अपनी देखी हुई एक दुर्घटना।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ग्रीष्मावकाश में हम सब नैनिताल जा रहे थे। दोनों ओर पहाड़ियाँ ही पहाड़ियाँ थीं। रास्ते के दोनों ओर से गाडियाँ आ-जा रही थीं। अचानक सामने से एक बड़ा ट्रक आया और उसने हमारी गाड़ी के आगे जो एक गाड़ी थी उसे जोर से धक्का दे दिया। जिस कारण आगे वाली गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हमारे ड्राइवर ने तुरंत गाड़ी को ब्रेक लगा दिया। हम तुरंत अपनी गाड़ी से बाहर आकर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के पास पहुँचे।

ट्रकवाले के पास भी इंसानियत थी। उसने भी बाहर आकर घायल लोगों की सेवा करना अपना धर्म समझा। गाड़ी में दो लोग थे जिनमें से एक को हल्की चोट आई थी परंतु दूसरे के सिर से रक्तस्राव हो रहा था। हमने आव देखा न ताव, उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर नज़दीकी अस्पताल लेकर गए। तुरंत किए गए उपचारों के कारण वह स्वस्थ हो गया। उसकी जान बचाकर हमें बहुत खुशी हुई।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
अगर अमरनाथ बेहोश न हुए होते तो …………….
उत्तरः
(क) अपनी टाँग को कटने से जरूर बचा लेते।
(ख) ड्राइवर को जरूर बचा लेते।
(ग) ट्रक वाले को भागने नहीं देते।

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प्रश्न 2.
यदि अमरनाथ की टाँग काटी न गई तो ……………
(क) उनके शरीर में जहर फैल जाएगा।
(ख) उनकी मृत्यु हो जाएगी।
(ग) उनके लिए चलना मुश्किल हो जाएगा।
उत्तर:
1. अगर अमरनाथ बेहोश न हुए होते तो ड्राइवर को जरूर बचा लेते।
2. यदि अमरनाथ की टाँग काँटी न गई तो उनके शरीर में जहर फैल जाएगा।

प्रश्न 3.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. ड्राइवर
2. अमरनाथ
उत्तर:
1. दुर्घटना में किसकी मृत्यु हो गई थी?
2. दुर्घटना में कौन बच गए थे?

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. जहर
  2. हिम्मत
  3. परिवार
  4. समझ

उत्तर:

  1. जहर + ईला = जहरीला
  2. हिम्मत + वान = हिम्मतवान
  3. परिवार + इक = पारिवारिक
  4. समझ + दार = समझदार

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. जहर × …………
2. भाग्यशाली × …………..
उत्तर:
1. अमृत
2. दुर्भाग्यशाली

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में विरामचिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
1. डॉक्टर ने कहा अमरनाथ जी आप दुर्घटना से बच गए हैं यह एक चमत्कार है
2. कितना भाग्यशाली हूँ मैं आखिर दुर्घटना से बच गया
उत्तरः
1. डॉक्टर ने कहा, “अमरनाथ जी, आप दुर्घटना से बच गए हैं, यह एक चमत्कार है।”
2. ‘कितना भाग्यशाली हूँ मैं! आखिर दुर्घटना से बच गया।’

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करने में ही जीवन की सार्थकता है।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
इंसान के जीवन में परिस्थितियाँ आती ही रहती हैं। उसे जीवन में आने वाली प्रत्येक परिस्थिति का सामना करना चाहिए। उनसे डरना नहीं चाहिए। जब व्यक्ति परिस्थितियों को सहर्ष स्वीकार कर लेगा; तब उसका हौंसला दुगुना हो जाएगा और इससे परिस्थितियों से लड़ने की ताकत उसमें अपने आप निर्माण हो जाएगी। यदि व्यक्ति परिस्थितियों के सामने अपनी हार स्वीकार कर लेगा; तो परिस्थितियाँ उस पर हावी हो जाएगी, जिससे इंसान का जीवन नरक-सा बन जाएगा। अत: जीवन को सुंदर एवं जिंदादिल बनाए रखने के लिए व्यक्ति को परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। आखिर इसी में जीवन की सार्थकता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य गद्यांश के क्रम के अनुसार लिखिए।

  1. घर में कैनवस, रंग, ब्रश और ईजल, सब सामान आ गया था।
  2. अनिल पिता के गले लग गया।
  3. अमरनाथ के लिए एक स्वचालित व्हीलचेयर आ गई थी।
  4. डॉक्टर ने चैन की साँस ली।

उत्तरः

  1. डॉक्टर ने चैन की साँस ली।
  2. अनिल पिता के गले लग गया।
  3. अमरनाथ के लिए एक स्वचालित व्हीलचेयर आ गई थी।
  4. घर में कैनवस, रंग, ब्रश और ईजल, सब सामान आ गया था।

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प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. अमरनाथ के लिए उनका जीवन तीन फीट की टाँग से छोटा न था।
2. अमरनाथ के अनुसार जीवन जीने के लिए टाँगों की जरूरत होती है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. साठ
2. मूर्तिशिल्प
उत्तर:
1. अमरनाथ अपने जीवन के कितने वर्षों तक टाँगों के साथ जिए हैं?
2. मानव आकृतियों के चित्रों में किसका समन्वय था?

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।

  1. अस्थियाँ
  2. मूर्ति
  3. रेखा
  4. साँस

उत्तर:

  1. अस्थि
  2. मूर्तियाँ
  3. रेखाएँ
  4. साँसें

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प्रश्न 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. चुस्ती-फुर्ती
2. रंग-रेखा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. विश्व
2. शरीर
उत्तर:
1. संसार
2. देह, तन

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त एक उपसर्ग युक्त शब्द व एक प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. उपसर्गयुक्त शब्दः परिदृश्य – ‘परि’ उपसर्ग
2. प्रत्यय युक्त शब्दः जीवंतता – ‘ता’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
‘राहत मिलना।’ इस अर्थ के लिए गद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा लिखिए।
उत्तरः
चैन की साँस लेना।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
1. व्हीलचेअर
2. रेगिस्थान
उत्तर:
1. व्हीलचेयर
2. रेगिस्तान

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कला की साधना जीवन के दुखमय क्षणों को भुला देती है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
कला मनुष्य जीवन का आधार है। व्यक्ति को जिस कला में रूचि होती है; उस कला में व्यस्त हो जाना उसे अच्छा लगता है। व्यक्ति अपनी कला की साधना के लिए अपने जीवन के दुखमय क्षणों को भूल जाता है। अपनी सारी यातना एवं पीड़ा सब कुछ भूल जाता है। यहाँ तक कि उसे खाने-पीने का भी होश नहीं रहता। कब उठना है या कब सोना है, इसके बारे में भी उसे पता नहीं रहता।

वह सिर्फ अपनी कला के बारे में ही सोचता रहता है। अपनी मनचाही कला में निपुण होने के लिए वह दिन रात एक कर देता है। उसके जीवन का सिर्फ एक ही लक्ष्य बन जाता है। वह है कला की साधना। इसके आगे उसे किसी से भी किसी भी प्रकार का सरोकार नहीं रहता। सिर्फ जीवन जीने के लिए कला और उसका आनंद लेना यही उसके जीवन का ध्येय हो जाता है।

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(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. बगीचा
2. क्यारियों
उत्तर:
1. घर के सामने की जमीन में क्या बनाया था?
2. रंग-बिरंगे मौसम के फूल किसमें लगाए थे?

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
1. माली
2. घर
उत्तरः
1. मालिन
2. घर

प्रश्न 2.
परिच्छेद से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
भीतर × बाहर

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
डॉक्टर परेशान हो गया।
उत्तरः
डॉक्टर ने खून की जाँच फिर से करवाई तो उसे पता चला कि अमरनाथ जी के शरीर में बीमारी दुबारा फैल रही है। इसलिए वह परेशान हो गया।

प्रश्न 2.
घर के लोग सन्न हो गए।
उत्तर:
अमरनाथ जी के शरीर में जहर फैल जाने के कारण उनकी बाँह काटनी पड़ेगी ऐसा डॉक्टर के कहने पर घर के लोग सन्न हो गए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. अमरनाथ के बाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो गई थी।
2. अमरनाथ के लिए खुले कमीज सिलवाए गए।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. शास्त्री जी
2. काठ-सी
उत्तर:
1. अमरनाथ जी किससे शास्त्रीय संगीत सीखना चाहते थे?
2. बाँह निर्जीव होकर कैसी हो गई थी?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. सात दिनों का समूह
2. ऐसा संगीत जो भाव व रागों का खूबसूरत सरगम हो
उत्तर:
1. सप्ताह
2. शास्त्रीय संगीत

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. बचपन
2. नर्स
उत्तर:
1. बाल्यकाल
2. परिचारिका

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य सूचना के आधार पर परिवर्तित कीजिए।
1. खून की जाँच की रिपोर्ट आई तो वह परेशान हो गया।
2. दाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो जाने पर उसे हिलाना भी मुश्किल हो गया। (मिश्र वाक्य)
उत्तर:
1. खून की जाँच की रिपोर्ट आने पर वह परेशान हो गया।
2. जैसे ही दाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो गई; वैसे ही उसे हिलाना भी मुश्किल हो गया।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित रेखांकित शब्दों के भेद लिखिए।
1. बीमारी फिर से पसर रही है।
2. उनकी दाईं बाँह काट दी गई थी।
उत्तर:
1. अकर्मक क्रिया
2. गुणवाचक विशेषण

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जिंदादिल रहने वाले कभी दुखी नहीं होते।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
“जिंदगी जिंदादिली का नाम है। मुर्दादिल क्या खाक जिया करते है?” ऐसा ही कहा गया है। यह सत प्रतिशत सच है। चार दिन की जिंदगी होती है। इस छोटी-सी जिंदगी में इंसान को हर पल खुश रहना चाहिए। परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल उसे हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए। जो व्यक्ति इस तथ्य को जान लेता है; वह अपने जीवन में कभी-भी दुखी नहीं होता। वह प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना दैनिक जीवन सुचारू रूप से शुरू रखता है। उसे खंडित नहीं होने देता। वह अपने मनचाहे कार्य एवं शौक में मशगुल हो जाता है। यदि वह किसी कला का उपासक है तो वह अपना समय उसकी साधना में लगा देता है। अपने सारे दुख-दर्द एवं प्रतिकूल परिस्थितियों को भूलकर वह अपने जीवन में हमेशा प्रसन्न रहता है।

(च) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
घर के लोग दुख से व्याकुल हो गए थे, क्योंकि ……….
(क) अमरनाथ फिर से बीमार पड़े थे और फिर से तेज बुखार आ गया था।
(ख) अमरनाथ अब कोई नई कला सीखना चाहते थे।
(ग) अमरनाथ दुख एवं दर्द के कारण व्यथित हो गए थे।
उत्तर:
घर के लोग दुख से व्याकुल हो गए थे क्योंकि अमरनाथ फिर से बीमार पड़े थे और फिर से तेज बुखार आ गया था।

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
लौकिक × अलौकिक

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
1. रियाज
2. आँख
उत्तर:
1. अभ्यास
2. नयन

प्रश्न 3.
गद्यांश में से कोई भी दो ऐसे शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जो बहुवचन में प्रयुक्त हुए हों।
उत्तरः
1. रेखाएँ
2. लहरियाँ

प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. आत्मा से संबंधित
2. सांसारिक पदार्थों एवं वस्तुओं से संबंधित
उत्तर:
1. आत्मिक
2. भौतिक

प्रश्न 5.
गद्यांश में से ‘इक’ प्रत्यय वाले शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:

  1. लौकिक
  2. अलौकिक
  3. भौतिक
  4. आत्मिक

प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. वे अस्पताल ले जाया गए।
2. उनकी आँख हँस रही थी।
उत्तर:
1. उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
2. उनकी आँखें हँस रही थीं।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘शास्त्रीय संगीत इंसान के जीवन में आनंद की अनुभूति कराने में प्रभावी साधन होता है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
शास्त्रीय संगीत भावों और रागों का खूबसूरत सरगम होता है। कहा जाता है कि ध्वनि ही ईश्वर का दूसरा रूप है और इसी ध्वनि से शास्त्रीय संगीत का जन्म हुआ है। मानव शरीर और मन को शास्त्रीय संगीत प्रभावित करता है। शास्त्रीय संगीत सुनते समय अगर आप अपने भीतर-ही-भीतर एक खास अवस्था में पहुँच जाए तो पूरा जगत आपके लिए ध्वनि हो जाता है। शास्त्रीय संगीत एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रक्रिया है और आध्यात्मिक प्रक्रिया से मनुष्य को आनंद एवं सुख की प्राप्ति होती है। इसीलिए शास्त्रीय संगीत इंसान के जीवन में आनंद की अनुभूति कराने में प्रभावी साधन होता है।

(छ) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. कालिगुला
2. कजरी
उत्तर:
1. गद्यांश में कौन से नाटक का जिक्र किया गया है?
2. अमरनाथ आँखें बंद करके किसकी तान सुनते थे?

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3): शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
उत्तरः
जीवन – पानी, जिंदगी

प्रश्न 2.
गद्यांश में से उपसर्गयुक्त व प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए और उनके उपसर्ग व प्रत्यय भी अलग करके लिखिए।
उत्तरः

शब्द उपसर्ग प्रत्यय
अनुकूलता ता
आत्महीनता ता
अद्वितीय
अपराजेय

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. जिसे संगीत की जानकारी हो:
  2. जिसकी कभी पराजय नहीं होती:
  3. जिसके समान अन्य कोई न हो:

उत्तरः

  1. संगीतज्ञ
  2. अपराजेय
  3. अद्वितीय

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
1. कॅसेट
2. अन्तिम
उत्तरः
1. कैसेट
2. अंतिम

कृति (4): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जीवन का विकास पुरुषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
पुरुषार्थ का तात्पर्य मनुष्य के लक्ष्य या उद्देश्य को प्राप्त करने से है और आत्महीनता का तात्पर्य मनुष्य की मानसिक कमज़ोरी से है। यदि मनुष्य अपने जीवन में अपना विकास करना चाहता है तो उसे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। उसे अपने मन में आने वाले विकार एवं मानसिक दुर्बल भावों को दूर भगाना होगा।

भले ही जीवन में कितनी भी बड़ी संकट की स्थिति निर्माण हो जाए फिर भी मनुष्य को अपनी आत्मिक शक्ति को नहीं खोना चाहिए। उसकी आत्मिक शक्तियाँ इतनी सशक्त होनी चाहिए कि वह जीवन में निर्माण होने वाली स्थितियों का सामना कर सके। यदि व्यक्ति के मन में दृढ़ संकल्प एवं दैदीप्यमान इच्छाशक्ति है, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। इससे व्यक्ति का विकास होता है। इसीलिए कहा गया है कि जीवन का विकास पुरुषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।

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भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ।

भाषा बिंदू

प्रश्न 1.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. आसपास कई जगह फोन किया। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  2. सुबह पाँच बजे फोन आया था। (सामान्य भविष्यकाल)
  3. शास्त्री जी आ गए थे। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. दिन में शास्त्री जी आते थे। (सामान्य वर्तमानकाल)
  5. मैं जीवन का व्याकरण बना रहा हूँ। (पूर्ण भूतकाल)
  6. उन्होंने सामने की जमीन में बगीचा बनाया था। (सामान्य वर्तमानकाल)

उत्तर:

  1. आसपास कई जगह फोन कर रहे हैं।
  2. सुबह पाँच बजे फोन आएगा।
  3. शास्त्री जी आएँगे।
  4. दिन में शास्त्री जी आते हैं।
  5. मैंने जीवन का व्याकरण बनाया था।
  6. वे सामने की जमीन में बगीचा बनवाते हैं।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेखांकित विकारी शब्दों के भेद पहचानिए।
1. दुर्घटनास्थल पर भयावह दृश्य था।
2. रात के एक बजे हम पुलिस स्टेशन पहुंचे।
उत्तर:
1. गुणवाचक विशेषण
2. उत्तम पुरूषवाचक सर्वनाम

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित अव्ययों के भेद पहचानिए।
1. मुझे अभी मरना ही नहीं था।
2. अनिल ने डॉक्टर की तरफ देखकर कहा था।
उत्तर:
1. क्रियाविशेषण अव्यय
2. संबंधसूचक अव्यय

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से प्रकार पहचनाकर लिखिए।
1. आपकी टाँग काटनी पड़ेगी।
2. अगर मैं उस वक्त बेहोश न हुआ होता तो उसे बचा लेता कभी भी मरने न देता।
उत्तर:
1. साधारण वाक्य
2. मिश्र वाक्य

प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों के अर्थ की दृष्टि से प्रकार पहचानकर लिखिए।

  1. इसमें ऐसा क्या है?
  2. चित्र निकालने की मुझे फुरसत ही नहीं मिली।
  3. आपको अस्पताल में जाना ही पड़ेगा।
  4. ‘अब क्या होगा डॉक्टर?’

उत्तर:

  1. प्रश्नार्थक वाक्य
  2. निषेधार्थक वाक्य
  3. आज्ञार्थक वाक्य
  4. प्रश्नार्थक वाक्य

प्रश्न 6.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

  1. साथ
  2. और
  3. तो
  4. के बिना

उत्तर:

  1. मैं राम के साथ घूमने जाऊँगा।
  2. राधा और मीना बाज़ार जा रही हैं।
  3. तुम मेरे साथ चलो नहीं तो मैं अकेला नहीं जाऊँगा।
  4. ईश्वर के बिना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

संभाषणीय:

प्रश्न 1.
विद्यालय में आते समय आपको रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त महिला दिखी। आपने उसकी सहायता की। इस घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:

  1. अध्यापक – विजय, आज स्कूल आने में तुम्हें देर हो गई। क्या कारण है?
  2. विजय – जी हाँ, अध्यापक महोदय। मैं जब स्कूल आ रहा था तब गांधी रोड हाइवे पर एक दुर्घटना हुई। एक महिला दुर्घटना में घायल हो गई।
  3. अध्यापक – क्या कह रहे हो तुम? दुर्घटना हुई! महिला कैसे घायल हुई?
  4. विजय – हमारी गाड़ी महिला की गाड़ी से बिल्कुल पीछे थी। सामने से एक बड़ा ट्रक आ गया और वह महिला की गाड़ी से टकरा गया। जिस कारण महिला घायल हो गई। मैंने अपने माता-पिता के साथ मिलकर उस महिला को गाड़ी से बाहर निकाला और उसे तुरंत अस्पताल की ओर लेकर चले गए। ट्रक वाले ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। वह भी हमारे साथ अस्पताल पहुंचा।
  5. अध्यापक – पर तुमने अब तक यह नहीं बताया कि अब उस महिला की हालत कैसी है और उसे कहाँ चोट आई?
  6. विजय – महिला के दाहिने हाथ को चोट आई है। डॉक्टर ने उसके घावों पर मरहम पट्टी लगा दी। उसके बाद हमने उस महिला से उसके घर वालों का फोन नंबर लेकर उन्हें सूचित भी कर दिया। उसके घर वाले अब उसके पास अस्पताल में हैं। परिस्थिति अनुकूल होने के पश्चात ही हम वहाँ से निकले और मेरे माता-पिता मुझे सीधे स्कूल लेकर आए। इसी कारण मुझे स्कूल आने में लगभग एक घंटे की देरी हो गई है।
  7. अध्यापक – विजय तुमने बहुत ही बड़ा मानवता का कार्य किया है। इसके लिए मैं तुम्हें धन्यवाद देता हूँ।

अपराजेय Summary in Hindi

लेखिका-परिचय:

जीवन-परिचय: लेखिका कमल कुमार आधुनिक युग की प्रमुख कहानीकार हैं। इनका जन्म हरियाणा के अंबाला जिले में हुआ था। उपन्यास के क्षेत्र में इन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया है। इन्होंने व्यक्ति के जीवन अनुभवों को अपनी कहानी के द्वारा अभिव्यक्त करने का कार्य किया है। इन्होंने आसक्ति, आशा, आस्था एवं जीवन के स्पंदन को अपनी कहानियों के द्वारा चित्रित किया है।

प्रमुख कृतियाँ: कहानी संग्रह – ‘पहचान’, ‘क्रमशः’, ‘फिर से शुरू’ आदि उपन्यास – ‘अपार्थ’, ‘आवर्तन’, ‘हैमबरगर’, ‘पासवर्ड’ आदि।

गद्य-परिचय:

वर्णनात्मक कहानी: वर्णनात्मक कहानी हिंदी साहित्य विधा का एक प्रमुख अंग है। जीवन की किसी घटना का रोचक़, सुंदर एवं प्रवाही वर्णन ही ‘वर्णनात्मक कहानी’ कहलाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत कहानी के माध्यम से लेखिका कहना चाहती हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन में प्रत्येक परिस्थितियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए क्योंकि परिस्थितियाँ निमंत्रण देकर नहीं आती हैं। वे कभी-भी व्यक्ति के जीवन में निर्माण हो सकती हैं। व्यक्ति को सिर्फ उनसे लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 10 अपराजेय

सारांश:

अमरनाथ कहानी के प्रमुख पात्र हैं। वे दूसरे शहर में कुछ काम के सिलसिले में गए थे। वहाँ से लौटते समय अलवर के रास्ते में उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। जिस कारण उनके ड्राइवर की मृत्यु हो जाती है। चार घंटे तक वे बेहोशी के हालत में दुर्घटनास्थल पर घायल होकर पड़े रहते है। इस कारण उनके शरीर में जहर फैल जाता है और डॉक्टर को उनकी एक टाँग काटनी पड़ती है। वे सहर्ष अपनी टाँग कटवाने के लिए तैयार हो जाते हैं। टाँग कट जाने का उन्हें तनिक भी दुख नहीं होता है। इसके बाद वह स्वचालित व्हीलचेयर पर विराजमान हो जाते हैं और अपनी चित्रकारी को पूरा कराने के लिए कैनवस रंग, ब्रश और ईजल मँगवाते हैं। कुछ दिनों के पश्चात डॉक्टर फिर से उनके खून की जाँच करते हैं।

तब उन्हें पता चलता है कि बीमारी फिर से फैल रही है। जिस कारण उनकी दाईं बाँह डॉक्टर को काटनी पड़ती है। फिर भी अमरनाथ प्रसन्न रहते हैं। उन्हें अपनी बाँह कटने का रत्ती भर भी दुख नहीं होता है। अस्पताल से घर आने के पश्चात वह शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर देते हैं। वे दिन-रात संगीत साधना में व्यस्त रहते हैं। वे स्वयं दिव्यांग हैं; इस बात को भी वे भूल जाते हैं। फिर से डॉक्टर उनके खून की जाँच करते हैं। अबकी बार उनकी आवाज चली जाती है। फिर भी अमरनाथ परिस्थितियों से हार मानने वाले नहीं थे।

अस्पताल से घर आकर संगीतज्ञों की कैसेट डिस्क म्यूजिक सिस्टम उनके कमरे में साइन बोर्ड पर रख दिया जाता है। संगीत सुनना पक्षियों का कलरव सुनना, सूखे पत्ते व कलियों की आवाज सुनने का उनका शौक बढ़ता ही जाता है। वे जानते हैं कि ईश्वर उनके एक-एक अंग को उनसे अलग कर रहा है। फिर भी वे टससे-मस नहीं होते हैं। वे ईश्वर के विरुद्ध शांत संघर्ष करते हैं। वे हार मानने वालों में से नहीं हैं। वे हमेशा अपराजेय ही रहेंगे। जीवन के हर पल, हर स्थिति एवं हर वस्तु में अद्वितीय ही रहेंगे। आखिर वे मानते हैं कि मनुष्य के जीवन का विकास पुरूषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।

शब्दार्थ:

  1. अकुलाहट – व्याकुलता, बेचैनी
  2. घुमक्कड़ी – घूमने की क्रिया
  3. परिदृश्य – चारों ओर के दृश्य
  4. उजास – प्रकाश, उजाला
  5. दुर्घटना – हादसा
  6. रक्तस्राव – रक्त का शरीर से बहना।
  7. स्वचालित – स्वयं चलने वाली
  8. अलवैर काम् – एक पाश्चात्य नाटककार
  9. अद्वितीय – जिसके समान कोई न हो।
  10. अपराजेय – जिसकी कभी पराजय न हो।

Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 4 Sahitya Ki Nishkapat Vidha Hai Diary Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 4 Sahitya Ki Nishkapat Vidha Hai Diary Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Questions And Answers

1. शब्द – संपदा:

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
1. लेखक
2. विद्वान
उत्तर:
1. लेखिका
2. विदुषी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1. अवसाद
2. बेलाग
उत्तर:
1. दुख
2. बिना आधार का

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखिए।
1. दस्तावेज
2. उत्कृष्ट
उत्तर:
1. प्रलेख
2. सर्वोत्तम

2. उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
1. ‘क्रोनोलॉजिकल आर्डर’ इसे कहा जाता है –
2. महात्मा गांधी द्वारा अपने अनुयायियों एवं कार्यकर्ताओं को दिया गया सुझाव –
उत्तर:
1. डायरी की दैनिक कालानुक्रम योजना को।
2. नियमित दैनंदिन लिखने का सुझाव।

भाषा बिंदु:

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से कारक पहचानकर तालिका में लिखिए।
उत्तर:

    1. किसी ने आज तक तेरे जीवन की कहानी नहीं लिखी।
    2. मेरी माता का नाम इति और पिता का नाम आदि है।
    3. वे सदा स्वाधीनता से विचरते आए हैं।
    4. अवसर हाथ से निकल जाता है।
    5. अरे भाई! मैं जाने के लिए तैयार हूँ।
    6. अपने समाज में यह सबका प्यारा बनेगा।
    7. उन्होंने पुस्तक को ध्यान से देखा।
    8. वक्ता महाशय वक्तृत्व देने को उठ खड़े हुए।
चिहन नाम
ने कर्ता कारक
का संबंध कारक
से करण कारक
से अपादान कारक
अरे ! संबोधन कारक
में अधिकरण कारक
को कर्म कारक
को संप्रदान कारक

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

लेखनीय:

प्रश्न 1.
किसी पठित गद्य/पद्य के आशय को स्पष्ट करने के लिए पी.पी.टी. (P. P. T) के मुद्दे बनाइए।
उत्तर:
कविता का नाम – नदी की पुकार
कवि का नाम – सुरेशचंद्र मिश्र

जीवन परिचय – सुरेशचंद्र मिश्र जी का जन्म उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ जिले के धनऊपुर गाँव में हुआ था। आप आधुनिक हिंदी कविता क्षेत्र के जाने-माने गीतकार हैं।

नदी के कार्य – नदी हमेशा सभी प्राणियों को अपने जल द्वारा जीवन देती है। वह खेतों को हरियाली प्रदान करती है। सूखा पड़ जाने पर अपने थोड़े जल से भी लोगों की प्यास बुझाती है। कल-कल करती धारा के साथ वो हमें निरंतर गीत सुनाती है और खुशियाँ प्रदान करती है।

नदी का महत्त्व – नदी हमें अमृतधारा के समान पानी देती है। जिससे हमारी प्यास बुझती है। किसानों को फसलों की सिंचाई में मदद करती है; जिससे अन्न का उत्पादन होता है और हमारी भूख मिटती है। नदी नाविकों तथा मछुआरों को रोजगार भी देती है। अगर नदी नहीं रहेगी, तो सागर भी मुरझा जाएगा।

परोपकारी स्वभाव – नदी का स्वभाव परोपकारी है। वह सभी को निःशुल्क जल देती है। जो भी उसे पुकारता है वह उसकी प्यास बुझाती है और सभी प्राणियों को अपना बनाती है। वह किसी के साथ भेदभाव की भावना नहीं रखती है।

नदी का जीवन – नदी सभी मुश्किलों से लड़कर आगे बढ़ती रहती है। वह झरने से नीचे गिरती है। रास्ते के पत्थरों को तोड़ती हुई, बीहड़ जंगलों को पार करती हुई, ऊँचे-नीचे स्थानों से होती हुई अंत में सागर में जाकर मिल जाती है। नदी जन्म से मृत्यु पर्यंत संघर्ष करती जाती है।

नदी की वर्तमान स्थिति – नदी हमारे लिए सबसे महत्त्वपूर्ण है। अगर नदी नहीं रहेगी, तो संसार में जीवन ही संभव नहीं होगा; लेकिन इसके बावजूद हम नदी की उपेक्षा कर रहे हैं। हम उसके द्वारा किए जाने वाले उपकारों को भूलते जा रहे हैं। हमारे द्वारा लगातार नदियों में कचरा, घातक रासायनिक पदार्थ, गंदगी आदि बहाई जा रही है जिससे प्रदूषण का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर ऐसी स्थिति रही तो नदी का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगी।

नदी की पुकार – लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण नदी परेशान हो गई है। वह मनुष्य से अपने को प्रदूषण मुक्त करने के लिए बार-बार निवेदन करती है।

आसपास:

प्रश्न 1.
‘अंतरजाल से कोई अनुदित कहानी ढूँढ़कर रसास्वादन करते हुए वाचन कीजिए।
उत्तर:
बहुत समय पहले की बात है किसी गाँव में एक किसान रहता था। वह बहुत ही अच्छा किसान था और खेतों से ही अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। एक दिन की बात है कि तूफान जोर से आया और उसकी सारी फसल को नष्ट कर दिया। वह बहुत ही दुखी हुआ और मन ही मन सोचने लगा कि मेरा और मेरे परिवार का क्या होगा? कुछ दिन मौन रहने के बाद उसको एक उपाय सुझा, उसने मन बनाया कि भगवान को एक पत्र लिखेगा और अपनी फसल की दुर्दशा उसमें लिखेगा। पूरा दिन सोचने के बाद उसने भगवान को एक पत्र लिखा। पत्र लिखने के बाद वह पास ही एक डाकखाने में उस पत्र को पोस्ट करके आ गया।

जब उसका पत्र डाकखाने में पहुँचा तो सब लोग हँसने लगे और बोले पहली बार भगवान के नाम का पत्र आया है, लेकिन कुछ टाइम बाद जब एक क्लर्क ने उस पत्र को पढ़ना आरंभ किया तो उसमें किसान ने अपनी पूरी मनोदशा का वर्णन किया था। पत्र पढ़ने के बाद सभी की आँखो में आँसू आ गए और सब लोग अपने वेतन का कुछ हिस्सा किसान को देने के लिए राजी हो गए। किसान ने भगवान से 3000 रुपया माँगा था, लेकिन सब मिलाकर पोस्ट ऑफिस वालों ने 2000 ही उसको भेजा। सारे पोस्ट ऑफिस वाले बहुत ही खुश थे कि उन लोगों ने उस किसान की मदद की।

कुछ समय बाद किसान को वह पत्र मिला जिसमें 2000 रुपया था। वह बहुत ही खुश हुआ और भगवान को धन्यवाद दिया साथ में यह भी कहा – हे भगवान, अगली बार आप पोस्ट ऑफिस से सीधे पैसा मत देना ये पोस्ट ऑफिस वाले चोर होते हैं। मुझको पता है कि आप ने मुझको पूरा पैसा दिया था, लेकिन ये पोस्ट ऑफिस वालों ने चुरा लिया होगा, क्योंकि ये हैं ही बेईमानों की झुण्ड।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

मौलिक सृजन:

प्रश्न 1.
डायरी लेखन में व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है।
उत्तरः
डायरी लेखन हिंदी साहित्य की सबसे प्राचीन विधा है। इसमें लिखने वाले व्यक्ति का व्यक्तित्व झलकता है क्योंकि लेखक इसमें अपने मन की बातों का अंकन करता है। डायरी लेखक के मन का केंद्रबिंदु होता है, जिसमें वह खुशी-गम, अच्छे-बुरे का लेखन करता है। किसी भी महान व्यक्ति की डायरी पढ़ने से हमें यह ज्ञात होता है कि उस महान व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा था। इसमें हमें उस व्यक्ति की ताकत तथा कमजोरियों के बारें में पता चलता है।

डायरी डायरीकार का एक सच्चा मित्र होता है। जो गलत करने पर आत्मग्लानि तथा सही काम करने पर आत्म सम्मान रूपी पुरस्कार देता है। डायरी सही मायनों में उस व्यक्ति की आत्मकथा बन जाती है, क्योंकि उस डायरी में उसके जीवन से जुड़ी हर छोटी-बड़ी घटना का उल्लेख होता है और उसे पढ़ने से उस लेखक के अनुभवों का निचोड़ हमारे सामने आता है इन अनुभवों से लाभान्वित होकर हम अपने व्यक्तित्व को उन्नत बना सकते हैं।

पाठ के आँगन में:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 1

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
हिंदी में अनुवादित उल्लेखनीय डायरी लेखकों के नामों की सूची तैयार कीजिए।
उत्तरः
डायरी लेखकों का नाम:

  1. मनुबहन गांधी
  2. महादेव देसाई
  3. सीताराम सेकसरिया
  4. सुशीला नैयर
  5. जमनालाल बजाज
  6. घनश्याम बिड़ला
  7. श्रीराम शर्मा
  8. हीरालाल जी शास्त्री

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 2

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. डायरी विधा इस अर्थ में नई है –
2. डायरी का मतलब –
उत्तर:
1. डायरी का संबंध मनुष्य के दैनंदिन जीवनक्रम के साथ घनिष्ठता से जुड़ा हुआ है।
2. जिसमें तारीखवार हिसाब-किताब, लेन-देन के ब्यौरे आदि दर्ज किए जाते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
उत्तर:
1. घनिष्ठता
2. मानवीय

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी विधा का बढ़ता प्रचलन’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लेखन अब भारत में भी एक जानी-पहचानी विधा है। इसे घर-घर में लिखा जा रहा है। अब इस पर चर्चा भी होती है। इसे हमारे साहित्य जगत ने भी स्वीकार कर लिया है। व्यक्तिगत और प्रकाशित न होने के कारण इसकी संख्या के बारे में सही अनुमान लगाना संभव नहीं है। इसके बावजूद यह कहा जा सकता है कि अभी भी यह अन्य देशों की तुलना में हमारे देश में कम ही लिखी जाती है और जो थोड़ी-बहुत लिखी भी जाती है उसमें नियमितता व निरंतरता का अभाव देखने को मिलता है।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. डायरी में मनुष्य इन स्थितियों को अंकित करता है –
2. डायरी विधा की विशेषता –
उत्तरः
1. डायरी में मनुष्य अपने अंतर्जीवन एवं बाह्यजीवन की लगभग सभी स्थितियों को यथास्थिति अंकित करता है।
2. डायरी साहित्य की सबसे अधिक स्वाभाविक सरल एवं आत्मप्रकटीकरण की सादगी से युक्त विधा है।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. डायरी के लिए विषयवस्तु का बंधन होता है।
2. डायरी में जो जीवन है वह सावधानीपूर्वक रचा हुआ जीवन नहीं है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (2):शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश से विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
1. अस्वस्थ × ………….
2. कठिन × …………..
उत्तर:
1. स्वस्थ
2. सरल

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लेखन में लेखकीय महत्वाकांक्षा की आवश्यकता नहीं’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लेखन के लिए लेखक होना जरूरी नहीं होता है। इसमें व्याकरण, वर्तनी और वर्ण विन्यास का शुद्ध और सही होना आवश्यक नहीं होता है। विश्व में उनकी डायरी सर्वाधिक सफल, लोकप्रिय व सशक्त मानी जाती है; जिन्हें भाषा का ज्ञान नहीं था। जब सामान्य आदमी भी अपने विचारों, मतों व भावनाओं को सहज और स्वाभाविक रूप से प्रस्तुत करता है; तो पाठक और समाज को एक नया दृष्टिकोण मिलता है। इस तरह का मौलिक लेखन धरातल से जुड़ा होता है जिसमें खरेपन के साथ सहज संवेदनाएं संचारित होती हैं। डायरी लेखन में लेखकों का विभिन्न कार्यक्षेत्र व पृष्ठभूमि से आना रचना में विविधता व नवीनता पैदा करता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 3

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द बताइए।
1. मात्र
2. अवस्था
उत्तर:
1. केवल
2. स्थिति

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

प्रश्न 2.
निम्न शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. अनैतिक × ………….
2. नीरस × ……………
उत्तर:
1. नैतिक
2. सरस

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लेखन के महत्त्वपूर्ण मुद्दे’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लिखने की शुरूवात मन की बातों को अभिव्यक्ति देने की जरूरत से जन्म ले सकती है। डायरी लिखना रोज के अनुभवों को लिपिबद्ध करने का एक बहाना भी हो सकता है। डायरी लिखते समय हमें भाषा की गलतियों की परवाह किए बिना सीधेसपाट शब्दों में अपनी बात लिखनी चाहिए। डायरी लिखते समय मन में आने वाले सवालों, उलझनों, भावनाओं, हलचलों को ज्यों-का-त्यों व्यक्त करने की कोशिश करनी चाहिए। डायरी में निजता का भाव होता है। यह हमारे लिए वह स्थान होता है, जहाँ हम खुद का सामना बिना किसी मुखौटे के करते हैं। डायरी लेखन के दौरान हम खद को अपने ज्यादा करीब होने का मौका देते हैं। डायरी लेखन में जहाँ तक संभव हो अपनी मातृभाषा में लिखने की कोशिश करनी चाहिए। बाकी किसी नई भाषा में भी डायरी लिखी जा सकती है।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी 4

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. इस छवि को रखने में डायरी साहित्य का उत्कृष्ट माध्यम है –
2. डायरी इनका दस्तावेज है –
उत्तर:
1. अपने जीवन की सच्ची, निष्काय, पारदर्शी छवि को रखने में।
2. डायरीकार की निजी भावनाओं, विचारों एवं प्रतिक्रियाओं के द्वारा अंकित उसके अपने जीवन एवं परिवेश का।

कृति (2): शब्द-संपदा

प्रश्न 1.
प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए।
1. अंतरंग
2. ईमानदार
उत्तर:
1. अंतरंग + ता = अंतरंगता
2. ईमानदार + ई = ईमानदारी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

कृति (3): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘डायरी लिखने के फायदे’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
डायरी लिखने के भी अनेक फायदे होते हैं। डायरी लिखने से हम अपने लक्ष्यों को पूरा करने में सफल होते हैं क्योंकि जब हम डायरी में अपने लक्ष्यों को लिखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में उनका मनोवैज्ञानिक ब्लू प्रिंट बनता है। जिसे सफलतापूर्वक पूरा करने की संभावना बनी रहती है। जब हम अपनी भावनाओं को लिखते हैं तो अन्य बुरे विचारों के उलझन से भी मुक्त हो जाते हैं। डायरी लिखने से नए विचार और भावनाएँ बाहर आती हैं। सोच का दायरा बढ़ाने में मदद मिलती है। डायरी लिखने का महत्त्वपूर्ण फायदा यह भी है कि हम अपनी चीजों के बारे में इससे जानकारी ले सकते हैं क्योंकि सब कुछ याद रखना दिमाग के लिए आसान काम नहीं होता है।

साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: कुबेर कुमावत आधुनिक साहित्यकारों में अति परिचित नाम है। विशेषतः इनके विचारात्मक तथा वर्णनात्मक निबंध बहुत लोकप्रिय हैं। पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ नियमित रूप से प्रकाशित होती हैं।

प्रमुख कृतियाँ: पत्र-पत्रिकाओं में आपकी कहानियाँ नियमित रूप से प्रकाशित होती है।

गद्य-परिचय:

डायरी: किसी भी व्यक्ति द्वारा अपने अनुभवों, सोच और भावनाओं को लिखित रूप में अंकित कर बनाया गया संग्रह डायरी लेखन कहलाता है। यह रोज लिखा जाने वाला लेखन है। इसमें प्रतिदिन अनुभव की गई भावनाओं तथा घटने वाली घटनाओं को समय, दिन एवं स्थान आदि विवरण के साथ लिखा जाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ ‘साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी’ में लेखक कुबेर कुमावत जी ने ‘डायरी’ विधा के लेखन की प्रक्रिया,
उसके महत्त्व आदि को स्पष्ट किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ में लेखक ने बताया है कि डायरी गद्य साहित्य की सबसे प्राचीन विधा है। जिसमें तारीखवार हिसाब-किताब, लेन-देन के ब्यौरे आदि दर्ज किए जाते हैं। डायरी में मनुष्य अपने अंतर्जीवन एवं बाह्य जीवन के बारे में लिख सकता है। विरोधाभासों के बीच अपने को स्वस्थ एवं प्रसन्न रखने का माध्यम है डायरी। गुजराती में लिखी बहुत-सी डायरियाँ हिंदी में अनुवादित हैं जिसमें महादेव देसाई, मनु बहन गाँधी की डायरी मुख्य है। आधुनिक समय में भी बहुत-सी डायरियाँ प्रकाशित हैं, जिनमें शिवपूजन, सहाय, गणेश शंकर विद्यार्थी, रामधारी सिंह ‘दिनकर’ आदि की डायरियाँ प्रमुख हैं।

अपने जीवन की सच्ची निष्काय पारदर्शी छवि को याद रखने में डायरी साहित्य का उत्कृष्ट माध्यम है। डायरी जीवन का अंतरदर्शन है। एक अच्छी, सच्ची एवं सादगीयुक्त डायरी के लिए लेखक का साहसी और ईमानदार होना आवश्यक है। दैनंदिन जीवन के अनेक प्रसंग भाव, भावनाएँ, विचार आदि डायरीकार अपनी डायरी में लिखता है, परंतु इसके पीछे लेखक की निष्कपट स्वीकारोक्तियों का स्थान सर्वाधिक है। हिंदी में अनेक डायरियाँ ऐसी हैं जो प्रायः यथावत अवस्था में प्रकाशित हुई हैं। डायरी को बेलाग आत्मप्रकाशन की विधा बनाने में महात्मा गाँधी का योगदान सर्वोपरि है। उन्होंने अपने अनुयायियों को दैनंदिन लिखने का सुझाव दिया। डायरी अपनी रचना द्वारा मनुष्य के जीवन में जहाँ आतंरिक अनुशासन बनाए रखती है; वही मनोवैज्ञानिक संतुलन का कार्य भी करती है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 4 साहित्य की निष्कपट विधा है-डायरी

शब्दार्थ:

  1. विधा – प्रकार
  2. दैनंदिनी – दैनिकी
  3. मनोवैज्ञानिक – मन में उठनेवाले विचारों का विवेचन करने वाला
  4. अतुल्य – अनुपम, अद्वितीय
  5. श्लाघ्यनीय – प्रशंसनीय
  6. संतुलन – दो पक्षों का बल बराबर रखना
  7. कायरता – भीरुता, डरपोकपन
  8. गरिमा – गौरव, प्रशंसनीय
  9. वर्जना – रोक लगाना
  10. मंशा – इच्छा
  11. बेलाग – बिना आधार का
  12. फर्जी – नकली
  13. कसाव – भाव, कसा हुआ
  14. विवेच्य – जिसकी विवेचना की जाती है
  15. सर्वोपरि – सबसे ऊपर
  16. अंतद्वंद्व – किसी बात पर मन के अंदर चलने वाला विरोधाभास
  17. अवसाद – दुख
  18. निष्कपट – छलरहित, सीधा

मुहावरे:

1. दूर-दूर तक संबंध न होना – कुछ भी संबंध न होना।

Hindi Lokvani 9th Std Textbook Solutions दूसरी इकाई

Class 9 Hindi Chapter 4 Kitabe Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 4 Kitabe Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 किताबें Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 4 किताबें Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 4 किताबें Textbook Questions and Answers

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“सुप्रसिद्ध कवि गुलजार की अन्य किसी कविता का मौन वाचन करते हुए आनंदपूर्वक रसास्वादन कीजिए तथा निम्न मुद्दों के आधार पर केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
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हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें
भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सकें
दोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सकें
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें
मुश्किलें पड़े तो हम पे इतना कर्म कर
साथ दे तो धर्म का.चले तो धर्म कर
खुद पे हौसला रहे, बदी से ना डरे
दूसरों की जय से पहले,खुद को जय करे
उत्तर:
केंद्रीय भावः इस कविता का मल संदेश है अपने मन को शक्तिशाली बनाना और उस पर विजय प्राप्त करना। इसका उद्देश्य है कि हम दूसरों पर विजय प्राप्त करने से पहले खुद पर विजय प्राप्त करें अर्थात अपने अंदर की सारी बुराइयों को दूर करें। इससे यह भाव स्पष्ट होता है कि ईश्वर हमारे मन को इतनी शक्ति दे कि हम अपने मन की बुराइयों पर विजय प्राप्त कर सकें। बिना भेदभाव किए अपने मित्रों के भूल को माफ कर सकें। झूठ से बचें और सत्य का हमेशा साथ दें। मुश्किलें आने पर भी धर्म का साथ न छोड़े। खुद का हौसला बढ़ाएँ तथा बुरे लोगों से कभी न डरें।

पठनीय :

प्रश्न 1.
पाठ्यपुस्तक की किसी एक कविता का मुखर एवं मौन वाचन कीजिए।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
सफदर हाश्मी रचित ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं’ कविता सुनिए।

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आसपास :

प्रश्न 1.
‘पुस्तकांचे गाव- भिलार’ संबंधी जानकारी समाचार पत्र/अंतरजाल आदि से प्राप्त कीजिए और उसे देखने का नियोजन कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘ग्रंथ हमारे गुरु’ चर्चा कीजिए तथा अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:

  • रमेश – प्रणाम गुरु जी।
  • शिक्षक – चिरायु हो, यशस्वी बनो। तुम कैसे हो?
  • रमेश – आपका आशीर्वाद है गुरु जी, मै ठीक हूँ। गुरु जी सुना है ग्रंथों में बहुत सारी ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्म की बातें लिखी हुई हैं।
  • शिक्षक – हाँ, रमेश। ग्रंथ हमारे गुरु होते हैं। यह सदियों से हमें पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान देते आए हैं।
  • संजय – यह ग्रंथ तो विद्वानों ने ही लिखा होगा।
  • शिक्षक – हाँ, इन ग्रंथों को बड़े-बड़े विद्वानों तथा धर्म के जानकारों ने लिखा है।
  • मधु – इन ग्रंथों में क्या लिखा है?
  • शिक्षक – इन ग्रंथों में मनुष्य जीवन के हर पहलू का वर्णन मिलता है। ये ग्रंथ हमें अपना जीवन अच्छी तरह से जीना सिखाते हैं। ग्रंथ हमें बताते हैं कि कैसे प्राणियों के बीच सद्भाव बना कर आनंदपूर्वक रहना चाहिए।
  • रमेश – धन्यवाद गुरुजी! आपने हम लोगों को ग्रंथों के बारे में बताया। अच्छा अब हमें अनुमति दीजिए।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए  :

प्रश्न क.
पाठ के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए :
1. किताबों की अब बनी आदत …………….
2. किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं ……………
उत्तर:
1. किताबों की अब बनी आदत नींद में चलने की
2. किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं घर में वो कदरें अब नजर नहीं आती

प्रश्न ख.
लिखिए :
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उत्तर:

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प्रश्न ग.
आकृति
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 4
उत्तर:
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2. प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तरः
किताबें मनुष्य की साथी हैं। किंतु कंप्यूटर के अधिकाधिक प्रयोग के कारण इनमें लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब स्थिति यह है कि ये किताबें बंद अलमारी के शीशों से झाँकती हैं। बड़ी उम्मीद से शीशों के बाहर ताकती हैं। एक समय था जब मनुष्यों की शामें किताबों के संगत में व्यतीत होती थीं और अब स्थिति यह है कि महीनों तक मनुष्य और किताबों की मुलाकात नहीं होती।

पाठ से आगे :

अपने तहसील/जिले के शासकीय ग्रंथालय संबंधी जानकारी निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर प्राप्त कीजिए :
स्थापना-तिथि/वर्ष, संस्थापक का नाम, पुस्तकों की संख्या, विषयों के अनुसार वर्गीकरण

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
शब्द-युग्म पूरे करते हुए वाक्यों में प्रयोग भाषा बिंदु कीजिए।
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उत्तरः

  • घर-द्वार – पिता के डाँटने पर रमेश अपना घर-द्वार छोड़कर शहर चला गया।
  • उधड़े-उधड़े – पुस्तकालय में सही रख-रखाव न होने के कारण पुस्तकें उधड़ी-उधड़ी थीं।
  • भला-बुरा – नौकर से गमला टूट जाने के कारण मालिक उसे भला-बुरा कहने लगा।
  • प्रचार-प्रसार – आजकल हमारे देश में सफाई अभियान का प्रचार प्रसार बहुत ज़ोरों से चल रहा है।
  • भूख-प्यास – लंबी यात्रा के कारण यात्री भूख-प्यास से व्याकुल थे।
  • भोला-भाला – रामू बहुत ही भोला-भाला लड़का है।

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 4 किताबें Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. अब मनुष्य की शामें अक्सर यहाँ बीतती हैं
ii. मनुष्य से बढ़ती दूरी के कारण किताबों की स्थिति
उत्तर:
i. कंप्यूटर के पर्यों पर।
ii. बेचैन रहती हैं।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

i. किताबें झाँकती हैं …………….।
(क) कंप्यूटर के पर्यों पर
(ख) नींद में
(ग) बंद आलमारी के शीशों से।
उत्तर:
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से

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ii. मनुष्य की शामें गुजरती हैं ……………
(क) किताबें पढ़ने में।
(ख) कंप्यूटर के पर्दो पर।
(ग) लोगों के बीच।
उत्तर:
मनुष्य की शामें गुजरती हैं कंप्यूटर के पर्दो पर

प्रश्न 3.
पद्यांश के आधार पर सही जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आलमारी (क) नींद में चलने की आदत।
2. कंप्यूटर (ख) मुलाकातें
3. किताबें (ग) शीशा
4. महीनों (घ) पर्दा

उत्तर:

(अ) (ब)
1. आलमारी (ग) शीशा
2. कंप्यूटर (घ) पर्दा
3. किताबें (क) नींद में चलने की आदत।
4. महीनों (ख) मुलाकातें

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(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. कंप्यूटर की विशेषता
ii. कंप्यूटर आने से किताबों की स्थिति
उत्तर:
i. क्लिक करने पर पलक झपकते ही डिजिटल पर्दे पर बहुत कुछ एक-एक करके शीघ्रता से खुल जाता है।
ii. किताबों का जो जाती राब्ता (संपर्क) था, वह कट गया।

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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. कंप्यूटर आने से पुस्तकों का सम्मान बढ़ गया।
ii. कंप्यूटर के कारण पुस्तकों से हमारा संपर्क बढ़ गया।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. कोई सफा पलटता है तो ……………. |
ii. बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है ………….. |
उत्तर:
i. कोई सफा पलटता है तो इक सिसकी निकलती है,
ii. बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है परदे पर,

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।

प्रश्न 1.
वह सारे …………. नहीं उगते।।
भावार्थः
कवि कंप्यूटर युग में पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती हुई दूरी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, एक समय था जब ये किताबें हमारे साथ रहकर हमें हमारे रिश्तों-संबंधों के बारे में बताती थीं। वे सारे संबंध अब उधड़ गए हैं, टूट गए हैं। अब पन्ने पलटने पर हमारे गले से करुण सिसकी निकलती है।आँखों में आँसू आ जाता है। इतना ही नहीं आज व्यक्ति और किताबों के बीच संपर्क का दायरा इतना सिमट गया है कि उनके शब्दों के मान-सम्मान गिर चुके हैं। उनके शब्द अब बिन पत्तों के सूखे-दूंठ से जीर्ण-शीर्ण लगते हैं। जिनका अब कोई मतलब (अर्थ) नहीं है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. इस बहाने से रिश्ते बनते थे –
ii. इनको रिहल की सूरत बनाकर नीम सजदे पढ़ा करते थे
उत्तर:
i. किताबें गिरने उठाने के बहाने
ii. घुटनों को।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. किताबे गोदी में रखकर लेट जाते थे।
ii. किताबों में सूखे फूल और महके हुए चिट्ठी के पन्ने मिलते थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
कवि गुलजार मनुष्य और किताबों के परस्पर अपनत्व व साथ का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, किताबें हमारी सहचरी-सहगामिनी थी। जिन्हें हम सीने पर रखकर लेट जाते थे। कभी गोदी में लेते थे। कभी-कभी घुटनों को अपने रिहल (ठावनी) की सूरत बनाकर किताबें पढ़ने का आनंद लेते थे। कभी सजदें में पढ़ा करते थे, तो कभी माथे लगाकर उसे छूते थे, ताकि किताबों का सारा ज्ञान आगे भी मिलता रहे, कभी बंद न हो।

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पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – किताबें
  • कविता की विधा – नई कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – किताबें गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा? वो शायद अब नहीं होंगे!!

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने मानवीय रिश्तों की ओर संकेत किया है। आज हमारे समाज में रिश्ते बिखरते हुए प्रतीत हो रहे हैं। लोगों के दिल से रिश्तों की अहमियत कम होती दिखलाई दे रही है। किताबों के माध्यम से लोग एक-दूसरे से जुड़ जाते थे। उनमें आपसी रिश्ते पनपने लगते थे। लेकिन अब लोग किताबें पढ़ना ही नहीं चाहते। इसी आपसी बंधन को भी बरकरार रखने की यहाँ पर बात की है।

कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती हैं कि व्यक्ति को किताबों का पठन करना चाहिए। भले ही आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है फिर भी मानव को किताबों का वाचन करना चाहिए। किताबों के जरिए ही मानवीय गुणों में वृद्धि हो सकती है। किताबों का वाचन न करने के कारण व्यक्ति में दुर्गण निर्माण हो रहे हैं। साहित्य के वाचन से ही व्यक्ति में संस्कार पनप सकते हैं इसलिए सभी को साहित्य का वाचन करना चाहिए।

किताबें Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : गुलजार जी का जन्म पंजाब प्रांत में झेलम जिले के दीना गाँव में हुआ जो अब पाकिस्तान में है। उनका मूल नाम संपूरन सिंह कालरा है। वे एक कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक, नाटककार होने के साथ-साथ हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार भी हैं।
प्रमुख कृतियाँ : लघुकथाएँ – ‘चौरस रात’, कथा संग्रह – ‘रावीपार’, कविता संग्रह – ‘रात, चाँद और मैं,’ ‘एक बूंद चाँद’, ‘रात पश्मीने की’ और ‘खराशें’ (कविता, कहानी का कोलाज)।

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पद्य-परिचय :

नई कहानी : भारतीय स्वतंत्रता के बाद लिखी गई उन कविताओं को कहा गया जिनमें परंपरागत से आगे नए भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नए मूल्यों और नए शिल्प विधान का अन्वेषण (खोज) किया गया।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘किताबें’ के माध्यम से गुलजार जी ने पुस्तकें पढ़ने का आनंद, कम्प्यूटर के कारण पुस्तकों के प्रति अरुचि, पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती दूरी और उससे उत्पन्न दुख को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।

सारांश :

आज के समय में कंप्यूटर के अत्याधिक प्रयोग के कारण किताबों के प्रति लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब किताबें अलमारी में पड़ी रहती हैं, महीनों तक मनुष्य से उनकी मुलाकात नहीं होती। वे किताबें उधड़ी हुई होती हैं। पन्ने पलटने पर उनकी करुण सिसकी निकलती है। किताबों की निरंतर उपेक्षा हो रही है। कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही बहुत कुछ एक-एक कर शीघ्रता से खुल जाता है। यही कारण है कि किताबों से हमारे संपर्क का दायरा कम हो गया है।

एक समय था, हम सीने पर किताबें रखकर लेट जाते थे तो कभी उन्हें माथे लगाकर प्रसन्न होते थे। एक दौर था जब किताबों के बहाने से कई रिश्तों की डोर बन जाती थी। किंतु अब किताबों के प्रति अरुचि के कारण यह रिश्ते नष्ट हो जाएँगे। उनका संपर्क टूट जाएगा और वे अपना अस्तित्व खो देंगे।

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भावार्थ :

किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी …………….. अब अक्सर।।
किताबें मनुष्य की साथी हैं। किंतु कंप्यूटर के अधिकाधिक प्रयोग के कारण इनमें लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब स्थिति यह है कि ये किताबें बंद अलमारी के शीशों से झाँकती हैं। बड़ी उम्मीद से शीशों के बाहर ताकती हैं। एक समय था जब मनुष्यों की शामें किताबों के संगत में व्यतीत होती थीं और अब स्थिति यह है कि महीनों तक मनुष्य और किताबों की मुलाकात नहीं होती।

गुजर जाती हैं …………. वो सुनाती थीं।।
कवि कहते हैं कि अब अक्सर मनुष्य की शामें कंप्यूटर के पर्दो पर ही बीत जाती है और उनकी साथी किताबें इस बढ़ती दूरी के कारण बड़ी ही बेचैन रहती हैं। उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है अर्थात किताबें लोगों को अब सपनें में देखती हैं। किताबें अपने ज्ञानगंगा के स्वर्णाक्षरों द्वारा मनुष्य को नैतिकता का पाठ पढ़ाती थीं। वे रिश्तों-संबंधों के मधुर गीत सुनाती थीं। किंतु जिनके मूल्य कभी नहीं मरते थे, जिनके सेल कभी खत्म नहीं होते थे, और अब कंप्यूटर के बढ़ते प्रभाव का परिणाम यह है हमें घरों में अब वह मानवीय मूल्य नहीं दिखाई देते हैं।

वह सारे ………….. मानी नहीं उगते।।
कवि कंप्यूटर युग में पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती हुई दूरी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, एक समय था जब ये किताबें हमारे साथ रहकर हमें हमारे रिश्तों-संबंधों के बारे में बताती थीं। वे सारे संबंध अब उधड़ गए हैं, टूट गए हैं। अब पन्ने पलटने पर हमारे गले से करुण सिसकी निकलती है। आँखों में आँसू आ जाता है। इतना ही नहीं आज व्यक्ति और किताबों के बीच संपर्क का दायरा इतना सिमट गया है कि उनके शब्दों के मान-सम्मान गिर चुके हैं। उनके शब्द अब बिन पत्तों के सूखे-ढूँठ से जीर्ण-शीर्ण लगते हैं। जिनका अब कोई मतलब (अर्थ) नहीं है।

जुबां पर जो …………….. कट गया है।। कवि कंप्यूटर की गति व किताबों की निरंतर होती उपेक्षा व दुर्गति के संबंध में कहते हैं कि अब एक क्लिक करने पर बस पलक झपकते ही कंप्यूटर के डिजीटल परदे पर बहुत कुछ एक-एक करके शीघ्रता से खुलता चला जाता है। इसी का परिणाम है कि किताबों के पन्ने पलटने का जो स्वाद जिहवा पर आता था, वह भी हमसे ओझल हो गया है अर्थात पन्ने पलटते समय बार-बार जीभ पर अँगली रखने का आनंद समाप्त हो गया। किताबों में रचा-बसा हमारा संपर्क व हमारे संपर्क सूत्र का दायरा भी अब बहुत कुछ सिमट गया है।

कभी सीने पे …………………… आइंदा भी।।
कवि गुलजार मनुष्य और किताबों के परस्पर अपनत्व व साथ का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, किताबें हमारी सहचरी-सहगामिनी थी। जिन्हें हम सीने पर रखकर लेट जाते थे। कभी गोदी में लेते थे। कभी-कभी अपने घुटनों को रिहल (ठावनी) की सूरत बनाकर किताबें पढ़ने का आनंद लेते थे। कभी सजदें (प्रार्थना)में इन्हें पढ़ा करते थे, तो कभी माथे लगाकर उसे छूते थे, ताकि किताबों का सारा ज्ञान आगे भी मिलता रहे, कभी बंद न हो।

मगर वो जो ………… वह शायद अब वही होंगें !! कवि कहते हैं कि किताबों के साथ कुछ यादगार बातें भी जुड़ी हुई होती थीं। कभी-कभी लोग इन किताबों में किसी के लिए फूल या संदेश-पत्र रख दिया करते थे, किंतु किताबों में जो रखे हुए सूखे फूल और महके हुए चिट्ठी के पन्ने मिला करते थे उनका क्या होगा। कवि गुलजार जी कहते है कि एक दौर था जब किताबों के गिरने-उठाने के बहाने से कई रिश्तों की डोर बन जाती थी। किंतु अब जिस तरह से किताबों में लोगों की अरुचि उत्पन्न हुई है, उससे यह रिश्ते नष्ट होते जाएँगे । उनका संपर्क सूत्र टूट जाएगा और वे अपना अस्तित्व खोकर काल के ग्रास की भाँति खत्म हो जाएँगे।

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शब्दार्थ :

  1. झाँकती – देखती
  2. हसरत – उम्मीद
  3. मुलाकातें – मिलन
  4. सोहबत – संगत
  5. गुजरना – बीतना
  6. कदरें – मूल्य, मायने
  7. उधड़े-उधड़े – बिखरा हुआ
  8. सफा – पन्ना
  9. इक – एक
  10. लफ्जों – शब्दों
  11. मानी – मान-सम्मान, प्रतिष्ठा
  12. अल्फाज – शब्द
  13. मानी – अर्थ, मतलब
  14. जुबा – जीभ, जिह्वा
  15. जायका – स्वाद
  16. झपकी गुजरती – पलक झपकते ही
  17. राब्ता – संपर्क
  18. रिहल – ठावनी, जिस पर धर्मग्रंथ रखकर पढ़ा जाता है।
  19. सजदा – सिर झुकाना, प्रार्थना करना।
  20. जबी – माथा
  21. इल्म – ज्ञान
  22. रुक्के – चिट्ठी, संदेशपत्र
  23. रिश्ते – संबंध

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Class 9 Hindi Chapter 5 Kitabe Kuch Kehna Chahti Hai Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Hindi Lokvani Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Std 9 Hindi Chapter 5 Kitabe Kuch Kehna Chahti Hai Question Answer Maharashtra Board

Hindi Lokvani 9th Digest Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं Questions And Answers

1. भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
“निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए।
उत्तर :
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2. संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“वाचन प्रेरणा दिवस’ के अवसर पर पड़ी हुई किसी पुस्तक का आशय प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर :
पुस्तकें हमारी मित्र हैं। अच्छी पुस्तकें हमें रास्ता दिखाने के साथ साथ हमारा मनोरंजन भी करती हैं। मैंने पिछले दिन रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पुस्तक ‘कुरुक्षेत्र’ पढ़ी। यह युद्ध और शांति की समस्या पर आधारित है। भीष्म महाभारत का युद्ध समाप्त होने पर शर-शय्या पर लेटे हुए हैं। उधर पांडव अपनी जीत पर प्रसन्न हैं। परंतु युधिष्ठिर इतने लोगों की मृत्यु से दुखी हैं। वे पश्चाताप करते हुए भीष्म के पास जाते हैं और रोते हुए कहते हैं कि, उन्होंने युद्ध करके पाप किया है।

भीष्म कहते हैं महाभारत के युद्ध में युधिष्ठिर का कोई दोष नहीं है। पापी दुर्योधन है, शकुनी है, जिसके कारण युद्ध हुआ। अन्याय का विरोध करने वाला पापी नहीं है, बल्कि अन्याय करने वाला पापी है। भीष्म कहते हैं, अन्याय का विरोध करना तो पुण्य है, पाप नहीं है। दिनकर का यह ग्रंथ प्रेरणा, ओज, वीरता साहस और हिम्मत का भंडार है। इनकी भाषा आग उगलती है। इस काव्य को पढ़कर मुर्दे में भी जान आ सकती है। इसके वीरता भरे शब्द मुझे बार-बार इसे पढ़ने की प्रेरणा देते हैं।

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3. रचनात्मकता की ओर कल्पना पल्लवन

प्रश्न 1.
‘ग्रंथ हमारे गुरु’ इस विषय के संदर्भ में स्वमत बताइए।
उत्तर :
ग्रंथ हमें वर्षों से अपनी ज्ञान की गंगा में नहलाते आए हैं। ये ग्रंथ सदियों से संचित अपने अनुभवों को हमें बताते हैं। इनका ज्ञान पाकर हम अपने जीवन को अच्छी तरह जीने में सक्षम होते हैं। जीवन में आने वाले सुख-दुख में हम कैसे संघर्ष करें और अपने जीवन को कैसे सरल बनाएँ, यह हमें ग्रंथ ही सिखाते है। सत्य, सदाचार, धैर्य और अच्छे कर्म का मार्ग भी हमें गंथ द्वारा ही प्राप्त होता है। सच में ये ज्ञान और अनुभव के भंडार ग्रंथ हमारे सच्चे गुरु होते हैं।

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4. पाठ के आँगन में

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 2.
उचित शब्द तैयार कीजिए।
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उत्तर :
i. खुशियाँ
ii. जमाना

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कृति क (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
ऊपर दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि ये किताबें हमसे बातें करती हैं। किताबें हमें एक-एक पल की, आज की, कल की और बीते हुए जमाने की बातें बताती हैं। पुराने समय से लेकर आज तक की खुशियों और दुखों की कहानी भी ये किताबें ही हमें बताती हैं। ये किताबें हमें फूलों जैसे व्यक्तित्व की कहानी बताती हैं। जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुगंध को चारों तरफ फैला देता है, उसे तोड़ने वाले हाथ को भी वह अपनी खुशबू से महका देता है, उसी प्रकार इस संसार में ऐसे लोगों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने महान कृत्यों से इस संसार को सुगंधित कर दिया।

ऐसे लोगों की कहानी भी हमें पुस्तकें बताती हैं। इस दुनिया में आज तक जितने भी छोटेबड़े युद्ध हुए उसमें प्रयोग किए गए बमों आदि की कहानी भी ये पुस्तकें बताती हैं। इस धरती पर आज तक बहुत सारे योद्धा पैदा हुए उनके बीच अनगिनत लड़ाइयाँ भी लड़ी गई। उनके जीत और हार की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। देश, समाज और परिवार के बीच पनपे प्यार और मार-काट की बातें भी हमें पुस्तकें बताती हैं।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकति पर्ण कीजिए।
उत्तर :
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प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

‘अ’ ‘ब’
1. खेतियाँ (क) कहना चाहती हैं।
2. चिड़ियाँ (ख) लहलहाती हैं।
3. झरने (ग) सुनाते हैं।
4. किस्से (घ) गुनगुनाते हैं।
(ङ) चहचहाती हैं।

उत्तर :

‘अ’ ‘ब’
1. खेतियाँ (ख) लहलहाती हैं।
2. चिड़ियाँ (ङ) चहचहाती हैं।
3. झरने (घ) गुनगुनाते हैं।
4. किस्से (ग) सुनाते हैं।

कृति ख (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
ऊपर दी गई पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि कहते हैं कि क्या तुम इन किताबों की बातें नहीं सुनोगे। ये कितावें तुम्हारे पास रहना चाहती हैं और तुमसे कुछ कहना चाहती हैं। इन किताबों में चिड़ियों के चहचहाने का मनोझरी वर्णन मिलता है। किसानों के खेतों में लहलहाती हुई हरी-भरी फसलों का वर्णन भी इन किताबों में मिलता है। किताबों में झरते हुए झरने का चित्रण और परियों की कहानियाँ भी विस्तार से मिलती है। जो हमें ये पुस्तकें सुनाती हैं।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं 9

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों के एक शब्द में उत्तर लिखिए।
i. ये कुछ कहना चाहती हैं।
ii. ये तुम्हारे पास रहना चाहती हैं।
उत्तर :
i. किताबें
ii. किताबें

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं

कति ग (2) : सरल अर्थ

प्रश्न 1.
उपर्युक्त पंक्तियों का सरल अर्थ लिखिए।
उत्तर :
यह युग विज्ञान का युग है। आए दिन वैज्ञानिक उपकरण आविष्कार किए जा रहे हैं। रॉकटों की भरमार हो गई है, जिसे अन्य देशों द्वारा आए दिन अंतरिक्ष में स्थापित किया जा रहा है। इनका वर्णन भी किताबों में विस्तार से मिलता है। किताबें ज्ञान का भंडार हैं। क्या तुम ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबों के संसार में नहीं जाना चाहोगे? ये किताबें तुम्हें कुछ बताना चाहती हैं, तुम्हारे ही पास रहना चाहती हैं। तुमसे दूर नहीं जाना चाहती।

किताबें कुछ कहना चाहती हैं Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सफदर हाश्मी का जन्म 12 अप्रैल 1954 को दिल्ली में हुआ था। वे एक नाटककार, कलाकार, निर्देशक, गीतकार और कलाविद थे। नुक्कड़ नाटकों के लिए इन्हें विशेष ख्याति प्राप्त है। भारतीय जन नाट्य संघ से भी इनका जुड़ाव रहा।
प्रमुख कृतियाँ : किताबें, मच्छर पहलवान, पिल्ला, राजू और काजू आदि प्रसिद्ध बाल कविताएँ हैं। ‘दुनिया सबकी’ पुस्तक में इनकी कविताएँ संकलित हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं

पद्य-परिचय :

नई कविता : संवेदना के साथ मानवीय परिवेश के संपूर्ण विविधता को नए शिल्प में अभिव्यक्त करने वाली काव्यधारा को नई कविता कहते हैं। नई कविता में समाज के विविध पहलुओं की मार्मिक अभिव्यक्ति की गई हैं।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं’ के माध्यम से कवि हाश्मी जी ने किताबों के द्वारा मन की बातों का मानवीकरण करके प्रस्तुत किया है।

सारांश :

कवि कहते हैं कि किताबें पुराने समय से लेकर आज तक के संसार के सुख और दुख की बातें हमें बताती हैं। महापुरुषों के कृत्यों, आपसी प्रेम, युद्ध, और युद्ध में प्रयोग किए गए भयानक हथियारों की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। प्रकृति का सुंदर वर्णन और विज्ञान का विस्तार भी ये किताबें हमें सुनाती हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं

सरल अर्थ :

किताबें …………………………………………………. मार की।
कवि कहते हैं कि ये किताबें हमसे बातें करती हैं। किताबें हमें एक-एक पल की, आज की, कल की और बीते हुए जमाने की बातें बताती हैं। पुराने समय से लेकर आज तक की खुशियों और दुखों की कहानी भी ये किताबें ही हमें बताती हैं। ये किताबें हमें फूलों जैसे व्यक्तित्व की कहानी बताती हैं। जिस प्रकार फूल खिलकर अपनी सुगंध को चारों तरफ फैला देता है, उसे तोड़ने वाले हाथ को भी वह अपनी खुशबू से महका देता है, उसी प्रकार इस संसार में ऐसे लोगों ने जन्म लिया जिन्होंने अपने महान कृत्यों से इस संसार को सुगंधित कर दिया।

ऐसे लोगों की कहानी भी हमें पुस्तकें बताती हैं। इस दुनिया में आज तक जितने भी छोटे-बड़े युद्ध हुए उसमें प्रयोग किए गए बमों आदि की कहानी भी ये पुस्तकें बताती हैं। इस धरती पर आज तक बहुत सारे योद्धा पैदा हुए उनके बीच अनगिनत लड़ाइयाँ भी लड़ी गईं। उनके जीत और हार की कहानी भी किताबें हमें बताती हैं। देश, समाज और परिवार के बीच पनपे प्यार और मार-काट की बातें भी हमें पुस्तकें बताती हैं।

क्या तुम नहीं …………………………………….. किस्से सुनाते हैं।
कवि कहते हैं कि क्या तुम इन किताबों की बातें नहीं सुनोगे। ये किताबें तुम्हारे पास रहना चाहती हैं और तुमसे कुछ कहना चाहती हैं। इन किताबों में चिड़ियों के चहचहाने का मनोहारी वर्णन मिलता है। किसानों के खेतों में लहलहाती हुई हरी-भरी फसलों का वर्णन भी इन किताबों में मिलता है। किताबों में झरते हुए झरने का चित्रण और परियों की कहानियाँ भी विस्तार से मिलती हैं। जो हमें ये पुस्तकें सुनाती हैं।

किताबों में रॉकेट, ………………………………….. पास रहना चाहती हैं।
यह युग विज्ञान का युग है। आए दिन वैज्ञानिक उपकरण आविष्कार किए जा रहे हैं। रॉकेटों की भरमार हो गई है, जिसे अन्य देशों द्वारा आए दिन अंतरिक्ष में स्थापित किया जा रहा है। इनका वर्णन भी किताबों में विस्तार से मिलता है। किताबें ज्ञान का भंडार हैं। क्या तुम ज्ञान प्राप्त करने के लिए किताबों के संसार में नहीं जाना चाहोगे? ये किताबें तुम्हें कुछ बताना चाहती हैं, तुम्हारे ही पास रहना चाहती हैं। तुमसे दूर नहीं जाना चाहती।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokvani Solutions Chapter 5 किताबें कुछ कहना चाहती हैं

शब्दार्थ :

  1. गम – दुख
  2. खेतियाँ – खेत की फसलें
  3. किस्से – कहानी
  4. रॉकेट – उपग्रह
  5. राज – रहस्य
  6. भरमार – अधिकता

Hindi Lokvani 9th Std Digest पहली इकाई

Class 9 Hindi Chapter 3 Inaam Question Answer Maharashtra Board

Std 9 Hindi Chapter 3 Inaam Question Answer Maharashtra Board

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 इनाम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 3 इनाम Questions And Answers

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 3 इनाम Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
“प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान।’ इस विषय पर स्वमत लिखिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान होता है। सूर्य की रोशनी, हवा, मिट्टी, पानी, लकड़ी, तेल, कोयला, जीवश्म, ईधन, खनिज, वनस्पति और अन्य पदार्थ प्राकृतिक संसाधन होते हैं क्योंकि ये सन्न प्रकृति द्वारा इसान को उपहार के रूप में मिले हैं। ये प्रकृति में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। इन्हें मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं किया जा सकता। मानव सभ्यता, शहरीकरण, तकनीकीकरण, औद्योगिकीकरण के लिए इन संसाधनों का इस्तेमाल करता है।

इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य प्राकृतिक संसाधन करते हैं। इनके कारण ही आज मनुष्य प्रगति कर सका है। इंसान के जीवन को खुशहाल एवं समृद्ध करने में प्राकृतिक संसाधन सहायता करते हैं। इनके कारण ही इस धरती पर जीवन संभव हुआ है। अत: प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान हैं।

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आसपास :

प्रश्न 1.
आपके गाँव-शहर को जहाँ से बिजली आपूर्ति होती है, उस केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करके टिप्पणी तैयार कीजिए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘ईधन की बचत, समय की माँग है।’ इस विषय पर अपना मत व्यक्त कीजिए।

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उत्तरः
सचमुच आज के इस तकनीकी युग में ईधन की बचत समय की माँग हो गई है। यदि हमने आने वाले समय में ईंधन की बचत नहीं की तो हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। हमारे देश में ईंधन की सौमित मात्रा ही उपलब्ध है। अत: मानव का दायित्व है कि वह उसकी बचत करे। ईंधन की बचत करने के लिए हमें पब्लिक बस या रेल से सफर करना चाहिए। अपनी गाड़ियों को व्यर्थ में चालू करके नहीं छोड़ना चाहिए। हमें छोटी दूरी के लिए साइकिल का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर हम ईंधन की बचत करेंगे; तो वह आगे आने वाले पीढ़ी को उपलब्ध हो सकेगा। ईधन की बचत करने से हम पर्यावरण को भी दूषित होने से बचा सकते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
समुद्री लहरों से विद्युत निर्मिति के बारे में टिप्पणी तैयार कीजिए। संदर्भ यू ट्यूब से लीजिए।
उत्तरः
समुद्री लहरों से विद्युत की निर्मिति की जाती है। इसे ‘जलविद्युत ऊर्जा’ कहते हैं। समुद्र की लहरें ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है। इसी कारण सतह के पानी व गहरे समुद्र के बीच तापमान में लगातार भिन्नता रहती है। इसका फायदा ऊर्जा निर्माण करने के लिए किया जाता है। समुद्री धाराओं में बड़े पैमाने पर फ्लोटिंग विलवणीकरण संयंत्र का कार्यान्वयन किया जा रहा है जिस कारण जलविद्युत ऊर्जा की निर्मिती हो रही है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
दैनंदिन जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले विविध उपकरणों के आविष्कारकों और उनके कार्यो की जानकारी प्राप्त करके पढ़िए ।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
पाठ में आए और हिंदी में प्रयुक्त होने वाले पाँच-पाँच विदेशी एवं संकर शब्दों की सूची।
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उत्तर:

विदेशी शब्द संकर शब्द
1. रेफ्रीजरेटर मोहल्लेदार
2. टेलीफोन छायादार
3. एक्सपर्ट लाठीचार्ज
4. क्यूब वर्षगाँठ
5. आइसक्रीम रेलगाडी

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प्रश्न ख.
वाक्य में कि, की के स्थान को स्पष्ट कीजिए।
‘माँ ने कहा कि बच्चों ने आम की आईसक्रीम तैयार की।’
उत्तर:
कि – समुच्चयबोधक अव्यय
की – संबंधकारक
की – क्रिया

प्रश्न ग.
रेफ्रीजरेटर आने के पूर्व घरवालों के विचार।
उत्तर:
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प्रश्न घ.
रेफ्रीजरेटर आने के बाद घर की स्थिति।
उत्तरः
कृति ग (1) का आकलन देखिए।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्रशंसापत्र/पुरस्कार/इनाम के प्रसंग का कक्षा में वर्णन कीजिए।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
दिए गए आकृति के अनुसार रचना की दृष्टि से सरल, संयुक्त, मिश्र अन्य वाक्य पाठ से खोजकर तालिका पूर्ण कीजिए।
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उत्तरः
छात्र स्वयं पाठ में से सरल, संयुक्त एवं मिश्र वाक्य ढूँढ़कर लिखेंगे।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 3 इनाम Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 5

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 7

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो।”
उत्तर:
लेखक ने अपनी पत्नी से कहा।

ii. “हमारे टेलीफोन तो तुम ही हो।”
उत्तरः
लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. लेखक की पत्नी के अनुसार जिसका उत्तर सबसे अच्छा होगा, उसे इनाम मिलेगा।
ii. रेफ्रीजरेटर के लिए घरेलू पावर की जरूरत होती है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. प्रतियोगिता
ii. जुगाड़
iii. पत्नी
iv. रात
उत्तर :
i. स्पर्धा
ii. व्यवस्था
iii. भार्या
iv. निशा

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. दिन × …
ii. देसी × …..
उत्तरः
i. रात
ii. विदेशी

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प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. लॉटरी
ii. दाम
उत्तर:
i. लॉटरियाँ
ii. दाम

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानिए।
i. प्रतियोगिता
ii. विदेशी
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. अच्छा
ii. भारत
उत्तर:
i. अच्छा + आई – अच्छाई
ii. भारत + ईय – भारतीय

प्रश्न 6.
‘कल्पना में खोए रहना।’ इस अर्थ का गद्यांश में प्रयुक्तं मुहावरा है।
उत्तरः
खयाली पुलाव पकाना।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात होती है ? इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
‘खयाली पुलाव पकाना’ यानी कल्पना में खोए रहना। कल्पना में खोए रहना उचित बात नहीं होती है। कल्पना के सहारे जीने से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होता है। इंसान को कल्पना जरूर करनी चाहिए पर उस कल्पना को यथार्थ में लाने का निश्चय भी करना चाहिए। सिर्फ कल्पना करके खयाली पुलाव पकाना यानी कि जीवन की सच्चाई से दूर भागना होता है। अत: स्पष्ट है कि खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात नहीं होती है।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 8

प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
अमिता खिलखिलाई क्योंकि ……………………।
(क) वह रेफ्रीजरेटर में बर्फ जमाएगी।
(ख) वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।
(ग) वह रेफ्रीजरेटर से रोजाना ठंडा पानी पीएगी।
उत्तर:
अमिता खिलखिलाई क्योंकि वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 9

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
पहले आने वालों के लिए : शिंकजी :: शौकीनों के लिए :
उत्तरः
चाय

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 10

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।

  1. ताली
  2. बोतलें
  3. पत्नी
  4. बहू

उतर:

  1. तालियाँ
  2. बोतल
  3. पत्नियाँ
  4. बहुएँ

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. पड़ोसी
ii. बहू
उत्तर:
i. पड़ोसन
ii. बेटा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. शक
ii. नम
उत्तर:
i. बे + शक – बेशक
ii. वि + नम् = विनम्

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. खिलखिलाई
ii. रोजाना
iii. भाग्यवान
उत्तर:
i. आई
ii. आना
iii. वान

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. किस्मत
ii. शक
उत्तर:
i. भाग्य
ii. संशय

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प्रश्न 6.
मानक वर्तनी के अनुसार शब्द लिखिए।
i. परबंध
ii. ठण्डा
उत्तर:
i. प्रबंध
ii. ठंडा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘यदि रेफ्रीजरेटर न होते …..’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
रेफ्रीजरेटर खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखता है एवं उन्हें खराब होने से बचाता है। यदि रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखने में समस्या निर्माण हो जाती और फिर वे खराब हो जाते। रेफ्रीजरेटर के न होने से इंसान को ठंडा पानी भी पीने के लिए उपलब्ध नहीं होता। आज बाजार में आइसक्रीम के जो फैमिली पैक मिल रहे हैं। वे उपलब्ध नहीं होते। रेफ्रीजरेटर के न होने से आइसक्रीम भी तैयार नहीं हो सकती थी। गर्मियों के दिनों में इंसान की हालत बिगड़ जाती। शरबत व फलों के जूस बहुत दिनों तक नहीं रहते। इस प्रकार रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो इंसानों को बहुत तकलीफ होती थी।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 11

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. हेमंत के अनुसार देवी की मानता का आशीर्वाद था रेफ्रीजरेटर।
ii. अरुण का रिश्तेदार रेफ्रीजरेटर कंपनी में नौकरी करता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
i. “मैंने फिर दुबारा दिमाग पर जोर नहीं डाला।”
उत्तरः
कुढ़मगज ने लेखक से कहा।

ii. “हमें भी बता दें।”
उत्तर:
पड़ोस की एक महिला ने लेखक से कहा।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. अरुण
ii. तिरछा
उत्तर:
i. लाल, सूर्य
ii. टेढा, वक्र, बाँका

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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. बिजली
  2. बेटा
  3. हाथी

उत्तर:

  1. विदयुत
  2. पुत्र
  3. गज, हस्ती

प्रश्न 3.
प्रत्यय पहचानिए।
i. रिश्तेदार
ii. पूलकर
उत्तर:
i. ‘दार’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

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प्रश्न 4.
‘अनु’ उपसर्ग से निर्मित दो शब्द लिखिए।
उत्तर:
i. अनुबंध
ii. अनुचित

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. जली-कटी सुनाना
उत्तर:
अर्थ : खरी-खोटी सुनाना।
वाक्यः रामू से गलती क्या हो गई, सभी उसे जली-कटी सुनाने लगे।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

  1. शककी
  2. इन्क
  3. मुफ्त
  4. काण्टा

उत्तर:

  1. शक्की
  2. इंक
  3. मुफ्त
  4. काँटा

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पड़ोसियों की आदत होती है, निंदा करने की!’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
संकट की घड़ी में पड़ोसी अपने रिश्तेदारों की अपेक्षा तुरंत सहायता के लिए उपस्थित हो जाते हैं। भले ही यह बात सच हो लेकिन अपने पास में रहने वालों की निंदा करने से भी वे कभी बाज नहीं आते। आप कितनी भी अच्छी तरह से उनके साथ रहें या उनके साथ अच्छा व्यवहार करें; फिर भी वे आपकी निंदा करना नहीं छोड़ेंगे। निंदा करना उनकी आदत होती है।

अपने पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति ने नई गाड़ी खरीदी हो या कुछ अन्य नई वस्तु घर पर लाई हो; तो वे जल-भूनकर राख हो जाते हैं और उस व्यक्ति के बारे में भला-बुरा कहने लगते हैं। इसलिए उपर्युक्त वाक्य से मैं सहमत हूँ। (विद्यार्थी अपने व्यक्तिगत विचार स्वतंत्र रूप से भी लिख सकते हैं।)

(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 13
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 14

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. शांति बुआ : आटा :: लाला दीनदयाल : ……………
उत्तर:
मिठाई का बोइया

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कृति घ (2): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
i. लाला जी ने आइस्क्रीम नहीं खाई क्योंकि ………….।
(क) उन्हें सर्दी हो जाती है।
(ख) उन्हें बुखार चढ़ जाता है।
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।
उत्तर:
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।

ii. पत्नी का दिल बाग-बाग हो गया क्योंकि ………….।
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।
(ख) शांति बुआ बिना बुलाए लेखक के घर आई थी।
(ग) शांति बुआ रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पीना चाहती थी।
उत्तर:
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढकर लिखिए।

  1. प्रसन्नता
  2. संध्या
  3. दया

उत्तर:

  1. खुशी
  2. शाम
  3. कृपा

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. भगवान
ii. लाला
उत्तर:
i. भगवती
ii. ललाइन

प्रश्न 3.
बचन बदलिए।
i. चिंता
ii. तश्तरी
उत्तर:
i. चिंताएँ
ii. तश्तरियाँ

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. जल्दबाज
उत्तर:
‘बाज’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
उपसर्ग लगाकर नए शब्द लिखिए।
i. कृपा
ii. दुआ
उत्तर:
i. अवकृपा
ii. बदुआ

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प्रश्न 6.
मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. मिसरी घोलकर बोलना
उत्तरः
अर्थः मीठी-मीठी बातें करना।
वाक्यः रामलाल अपने स्वार्थ हेतु सभी से मिसरी घोलकर बोलते हैं।

(छ) परिच्छेद पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. लखनऊ : चमनलाल :: कोलकाता : ….
उत्तर:
बनर्जी

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हो।
i. सिंधी आलू
ii. स्कूल
उत्तर:
i. कैलाश को क्या अच्छे लगते हैं?
ii. हेमंत-अमिता कहाँ गए थे?

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिल्वर क्रीम बनर्जी बाबू ने खाई।
ii. सिंधी आलू लेखक की पत्नी ने बनवाए थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
i. भाभी
ii. पत्ति
उत्तर:
i. भैया
ii. पत्नी

प्रश्न 2.
प्रत्यय पहचानिए।
i. मूर्खता
ii. बिगड़कर
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. वास्तव × ……….
ii. फायदा × …………
उत्तरः
i. काल्पनिक
ii. नुकसान

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्कूल
  2. निराश
  3.  आँख
  4. लाचारी

उत्तर:

  1. विद्यालय
  2. उदास
  3. नयन
  4. बेबसी

प्रश्न 5.
गोश में ‘महत्त्वहीन’ इस अर्थ से संबंधित कहावत है।
उत्तरः
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आधुनिक युग में समाचार उड़ती बीमारी से भी तेज फैलते हैं।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक युग विज्ञान व तकनीकी का युग है। आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है। इस युग में संचार माध्यमों का अत्यधिक प्रचार-प्रसार हुआ है। संचार माध्यमों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है। जितनी जल्दी से कोई भी संक्रामक बीमारी नहीं फैल सकती है; उतनी जल्दी से समाचार देश के कोने-कोने में फैलते हैं। दूरदर्शन के विविध चैनल, समाचार पत्र, मोबाइल फोन, एस. एम. एस., ट्विटर, ई-मेल आदि के जरिए समाचार तुरंत पलभर में संपूर्ण देश में फैल जाते हैं। आज हम अपने देश में बैठे हुए भी दूसरे देशों में होने वाली घटनाओं से तुरंत अवगत हो जाते हैं।

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(च) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. रमा (क) मिठाई
2. रामानुज (ख) पराठे
3. शांति बुआ (ग) साग
4. चक्रवर्ती (घ) पनीर

उत्तरः

(अ) (ब)
1. रमा (ख) पराठे
2. रामानुज (क) मिठाई
3. शांति बुआ (घ) पनीर
4. चक्रवर्ती (ग) साग

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
घटनाक्रमानुसार वाक्य लिखिए।

  1. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।
  2. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।

उत्तर:

  1. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  2. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँड़कर लिखिए।

  1. आशीर्वाद
  2. वर्षा
  3. परेशान
  4. वस्तु

उत्तर:

  1. आशीष
  2. बारिश
  3. तंग
  4. चीज

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम

प्रश्न 2.
बिलोम लिखिए।
i. कल x ………….
ii. विश्वास x …………
उत्तर:
i. आज
ii. अविश्वास

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. बीमारी
i. शंका
उत्तर:
i. बीमारियाँ
ii. शंकाएँ

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प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. बीमारी
ii. लाचारी
उत्तर:
i. ‘ई’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
लिंग बदलिए।

  1. साधु
  2. चाचा
  3. बुआ

उत्तर:

  1. साध्वी
  2. चाची
  3. फूफा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जैसे के साथ तैसा व्यवहार करना चाहिए।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जैसे के साथ तैसा’ यह एक कहावत है। इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति आपके साथ जिस प्रकार का व्यवहार करता हो, ठीक उसी प्रकार आपको भी उसके साथ व्यवहार करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति आपसे आत्मीयता एवं सादगी से पेश आता है, तो आपको भी उसके साथ आत्मीयता एवं सादगी से पेश आना चाहिए। यदि कोई आपको सभी के सामने भला बुरा कहे और आपका अपमान करें, तो आपको भी उसके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करना चाहिए और सभी के समक्ष उसे खरी-खोटी सुनानी चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे; तब वह व्यक्ति दुबारा आपके साथ दुर्व्यवहार करने की नहीं सोचेगा। कभी-कभी हमें दूसरों की अक्ल ठिकाने लाने के लिए उनके साथ वैसा ही व्यवहार करना पड़ता है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
अव्ययों का अपने बाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. कि
ii. अब
उत्तर:
i. मैंने कहा कि तुम अपना काम करो।
ii. अब तो मुझे चलना चाहिए।

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प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. भारत में धूम मच गई है। (अपूर्ण भूतकाल)
  2. तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो। (सामान्य भूतकाल)
  3. तुम्हारे पराठे दे दिए। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. मैं जगह कर लूँगा। (पूर्ण भूतकाल)
  7. साधु आशीष देकर चला गया। (संयुक्त वाक्य)
  8. सबेरे एक साधु आ गए। (मिश्र वाक्य)

उत्तर:

  1. भारत में धूम मच रही थी।
  2. तुमने तो खयाली पुलाव पकाया।
  3. तुम्हारे पराठे दे दूंगा।
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा है।
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी है।
  6. मैंने जगह कर ली थी।
  7. साधु ने आशीष दिया और चला गया।
  8. जैसे ही सबेरा हुआ वैसे ही एक साधु आ गए।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से भेद लिखिए।

  1. जैसे ही एक जाता था; वैसे ही दो आते थे।
  2. यह सब लॉटरी का प्रताप था।
  3. “सुना है तुम्हारा रेफ्रीजरेटर आ गया है?”
  4. मुझसे नहीं खाई जाएगी।

उत्तर :

  1. मिश्र वाक्य
  2. साधारण वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. निषेधार्थक वाक्य

प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. मैं बर्फ के क्यूब चूसूंगा।
ii. कुछ शौकीनों के लिए चाय बनी।
उत्तर:
i. मैं – सर्वनाम; बर्फ – द्रव्यवाचक संज्ञा
ii. कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण;
बनी – सकर्मक क्रिया

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प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. जरा इधर तो सुन।
ii. कटोरा ले लिया गया और रेफ्रीजरेटर में रख दिया गया।
उत्तर:
i. इधर – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

इनाम Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अरुण जी का जन्म 3 जनवरी 1928 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आधुनिक हिंदी लेखकों में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कहानीकार एवं उपन्यासकार के रूप में श्रीमान अरुण जी का नाम उल्लेखनीय है। कहानियाँ एवं उपन्यास लिखना आपका शौक है। आपके समग्र साहित्य की 14 पुस्तकों का संकलन प्रकाशित हो चुका है। आपकी कलम ने साहित्य के विविध विधाओं को अनुग्रहित किया है।
प्रमुख कृतियाँ : एकांकी संकलन – ‘मेरे नवरस’; कहानी संग्रह – ‘बृहद हास्य संकलन’।

गद्य-परिचय :

हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध : ‘हास्य-व्यंग्य’ का अर्थ ही है उपहास करना। अत: इस प्रकार के निबंध में उपहास को प्रधानता दी जाती है। इसमें किसी विषय का तार्किक एवं बौद्धिक विवेचनापूर्ण लेखन किया जाता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कहानी ‘इनाम’ के माध्यम से लेखक अरुण जी ने रेफ्रीजरेटर को माध्यम बनाकर लोगों के आचरण एवं व्यवहार पर करारा व्यंग्य किया है।

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सारांश :

प्रस्तुत पाठ एक हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध है। भारतीय समाज में तरह-तरह की विसंगतियाँ पाई जाती हैं। इस पाठ के द्वारा लेखक ने रेफ्रीजरेटर का आधार लेकर समाज में पाई जाने वाली विसंगतियों पर हास्य के माध्यम से करारा व्यंग्य किया है। एक भारतीय कंपनी रेफ्रीजरेटर की प्रसिद्धि के लिए विदेशी विज्ञापन पद्धति का सहारा लेती है। इसके लिए प्रतियोगिता का आयोजन करती है। लेखक भी इसमें सम्मिलित होते हैं और वे जीत जाते हैं। इसी कारण उन्हें एक रेफ्रीजरेटर मुफ़्त में मिल जाता है।

मुफ़्त में मिले रेफ्रीजरेटर को देखने के लिए उनके घर में पास-पड़ोस एवं सगे-संबंधियों का तांता लग जाता है। घर आए लोगों की आव-भगत एवं उन्हें रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पिलाते-पिलाते लेखक का परिवार तंग आ जाता है। इतना ही नहीं, आस-पास रहने वाले लोग उनके फ्रीज में ढेर सारी चीजें रखते हैं। अंत में लेखक को एक तरकीब सूझती है और वे लोगों द्वारा रखी गई चीज़ों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। इस कारण अब लोग उनकी फ्रीज में अपनी चीजें रखना बंद कर देते हैं।

शब्दार्थ :

  1. जुगाड़ – व्यवस्था, प्रबंध
  2. दरख्वास्त – अर्ज, अरजी
  3. भंभड़ – शोरशराबा
  4. अमानत – धरोहर
  5. प्रतियोगिता – स्पर्धा
  6. प्रतियोगी – प्रतिस्पर्धी
  7. बिजली – विद्युत
  8. लाचारी – बेबसी

मुहावरे :

  • जली-कटी सुनाना – खरी-खोटी सुनाना।
  • मिसरी घोलकर बोलना – मीठी-मीठी बातें करना।
  • खयाली पुलाव पकाना – कल्पना में खोए रहना, स्वप्नरंजन करना।

कहावत :

ऐरे गैरे नत्थू खैरे – महत्त्वहीन

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