Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 सिंधु का जल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 4 सिंधु का जल Textbook Questions and Answers

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जल ही जीवन है’ विषय पर कक्षा में गुट बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक (निर्देश): बच्चों आज हम ‘जल ही जीवन है।’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा करेंगे।

  • नरेशः जल ही जीवन है। यदि जल नहीं तो कल नहीं।
  • रमेश: ‘जल’ इस शब्द के पहले अक्षर ‘ज’ का अर्थ है – जीवन और दूसरे अक्षर ‘ल’ का अर्थ है ‘लकीर’। इसका मतलब जीवनरूपी लकीर यानी ‘जल’।
  • ताराः जल इंसान के लिए बहुत उपयोगी है। जल के बिना मानव जीवन संभव नहीं।
  • सीता: जल के कारण ही यह धरती सुजलाम् सुफलाम् बन गई है।
  • विजय: जल मानव जीवन का प्रमुख आधार है। इसलिए हमें जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए।
  • राधाः हमें जल को भविष्य के लिए बचाकर रखना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आगे चलकर हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा।
  • दीपक: आज ग्लोबल वार्मिग के कारण ठीक से वर्षा नहीं हो रही है। इस कारण सभी परेशान हैं। हमारे देश के कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं। इसलिए सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए और जल का कम-से-कम अपव्यय करें।
  • नंदाः कम से कम अपव्यय नहीं। बिल्कुल भी अपव्यय नहीं करना चाहिए।
  • सुरेशः इसके लिए सभी लोगों की मानसिकता में बदलाव आना चाहिए। अन्यथा सब कुछ व्यर्थ है।

सभीः इसीलिए हम सभी मिलकर शपथ लेते हैं कि हम जल का व्यर्थ में दुरूपयोग नहीं करेंगे और ना किसी को करने देंगे। आखिर जल ही जीवन है। वह ही हमारा तन मन धन है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
रवींद्रनाथ टैगोर की कोई कविता पढ़कर ताल और लय के साथ उसका गायन कीजिए।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
अंतरजाल/यू ट्यूब से ‘जल संधारण’ संबंधी जानकारी सुनकर उसका संकलन कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘मैं हूँ नदी’ इस विषय पर कविता कीजिए।
उत्तरः
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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
आकृति पूर्ण कीजिए।
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उत्तरः
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प्रश्न ख.
पूर्ण कीजिए।
पावन जल स्नान करने वालों से नहीं पूछता –
उत्तरः
कृति ख (1) की आकलन कृति देखिए।

2. भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।

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प्रश्न 1.
भारत के मानचित्र में अलग-अलग राज्यों में बहने वाली नदियों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर तालिका में लिखिए।
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उत्तरः

नदी का नाम उद्गम स्थल राज्य बाँध का नाम
1. गंगा गंगोत्री उत्तरांचल फरक्का बाँध
2. यमुना यमुनोत्री उत्तरांचल ओखला बाँध
3. कोयना महाबलेश्वर महाराष्ट्र कोयना बाँध

3. पाठ से ढूँढकर लिखिए।

प्रश्न च.
संगीत-लय निर्माण करने वाले शब्द।
उत्तरः
प्रत्येक पद्यांश की कृति देखिए।

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प्रश्न छ.
भिन्नार्थक शब्दों के अर्थ लिखिए और ऐसे अन्य दस शब्द ढूंढिए।
उत्तरः

  • अलि : भौंरा अली : सखी
  • तुरंग : घोड़ा तरंग : लहर
  • नीड़ : घोंसला नीर : पानी
  • ओर : दिशा और : तथा
  • प्रसाद : कृपा प्रासाद : महल
  • चपल : चंचल चपला : बिजली
  • बदन : शरीर वदन : मुख
  • भवन : धर भुवन : संसार
  • धान : चावल धान्य : कोई भी अनाज
  • दीन : गरीब दिन : दिवस
  • द्रव : वस्तु द्रव्य : तरल पदार्थ

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
‘नदी जल मार्ग योजना’ के संदर्भ में अपने विचार लिखिए ।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
प्रेरणार्थक क्रिया का रूप पहचानकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

क. जिसे वहाँ से जबरन हटाना पड़ता था।
उत्तर:
हटाना पड़ता: प्रेरणार्थक क्रिया रूप वाक्य: उस झोपड़ी को वहाँ से जबरन हटाना पड़ेगा।

ख. महाराज उम्मेद सिंह द्वारा निर्मित होने से ‘उम्मेद भवन’ कहलवाया जाता है।
उत्तर:
कहलवाया: प्रेरणार्थक किया रूप वाक्य: ‘अब मैं गलती नहीं करूंगा” यह वाक्य उससे हजार बार कहलवाया गया।

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प्रश्न 2.
सहायक क्रिया पहचानिए।

च. हम मेहरान गढ़ किले की ओर बढ़ने लगे।
उत्तरः
लगे : लगना : सहायक क्रिया

छ. काँच का कार्य पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है।
उत्तरः
देता : देना : सहायक क्रिया

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प्रश्न 3.
सहायक क्रिया का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
(त) होना : ………………………..
(थ) पड़ना : ………………………..
(द) रहना : ………………………..
(ध) करना : ………………………..
उत्तरः
(त) होना : वहाँ पर एक सुंदर कुटी बनी हुई है।
(थ) पड़ना : वह जमीन पर गिर पड़ा।
(द) रहना : वह अपना कार्य कर रहा था।
(ध) करना : तुम सुबह-शाम टहला करो।

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(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. नदियों के तटों पर संस्कृतियाँ जन्म लेती हैं।
ii. नदी का पानी निरंतर गतिशील नहीं होता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
i. नदी का जल पावन / अपावन होता है।
उत्तरः
नदी का जल पावन होता है।

ii. नदी का जल गीली हलचल / कल-कल होता है।
उत्तर:
नदी का जल गीली हलचल होता है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“सतत प्रवाहमान …………… आदि बिंदु।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थः
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है; “मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ है। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था; उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. जीवन (क) लहरें
2. सांस्कृतिक (ख) मर्म
3. उछलती (ग) नदियाँ

उत्तर:

(अ) (ब)
1. जीवन (ख) मर्म
2. सांस्कृतिक (ग) नदियाँ
3. उछलती (क) लहरें

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पावन जल प्यास बुझाने वाले से पहले पूछता है कि वह व्यक्ति उसका दोस्त है या दुश्मन।
ii. . पावन जल पर सभी का अधिकार होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“मैं नहाने वाले. ………… मचलती है।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफ़िर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है लेकिन मैं उनसे उनकी जाति, मज़हब या धर्म नहीं पूछता हूँ। इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भाँति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिंधु का पावन जल विधवा के दुख-दर्द को समझता है।
ii. सिंधु के किनारे तलवारें गरजती हैं।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ऐसे बहूँ. ………… इंदु हूँ।’ इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे । मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूंद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और लहराता-लहराता वह झिलमिलाता भी रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

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पद्य-विश्लेषण :

  • कविता का नाम – सिंधु का जल
  • कविता की विधा – नई कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – प्यास बुझाने से पहले मैं नहीं पूछता दोस्त है या दुश्मन

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है। इस पंक्ति के माध्यम से बताया गया है कि सिंधु का जल पर प्यास बुझाने के लिए आने वाले व्यक्ति से यह नहीं पूछता कि दोस्त है या दुश्मन। अर्थात बिना भेदभाव के वह परोपकार करता है।

कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को अपने जीवन में इंसानियत को अपनाना चाहिए। सर्वधर्म समभाव के तत्त्व का पालन करना चाहिए व दूसरों की पीड़ा दूर करने के लिए प्रयास करना चाहिए। व्यक्ति को अपनी संस्कृति एवं सभ्यता के विकास के लिए सतत प्रयास करना चाहिए।

सिंधु का जल Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : चक्रधर जी का जन्म 8 फरवरी 1951 को खुर्जा, उत्तर प्रदेश में हुआ। हिंदी साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान के कारण उन्हें ‘पद्म श्री’ व ‘यश भारती पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कवि हास्य व्यंग्यकार, निबंधकार, नाटककार एवं पटकथाकार रूप में श्रीमान अशोक चक्रधर जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए कहानी एवं हास्य व्यंग्य लिखना आपका प्रिय शौक हैं।
प्रमुख कृतियाँ : ‘बूढ़े’, ‘बच्चे’, ‘तमाशा’, ‘खिड़कियाँ’, ‘बोल-गप्पे’, ‘जो करे सो जोकर’ आदि कविता संग्रह।

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पद्य-परिचय :

नई कविता : आधुनिक हिंदी साहित्य में नई कविता का प्रवाह गतिशील है। नई कविता मानवीय संवेदनाओं का चित्रण करती है और साथ में वह मानव को परिवेश के प्रति सचेत करती है। अनुभूति की सच्चाई व यथार्थ बोध, दृष्टि की उन्मुक्तता तथा मानवतावाद नई कविता की प्रमुख विशेषताएँ हैं।
प्रस्तावना : “सिंधु का जल’ इस कविता में नदी के जल के माध्यम से कवि अशोक चक्रधर जी ने हमारी सभ्यता, संस्कृति, मानवता, सर्वधर्म समभाव एवं दूसरों के दुख को दूर करने के भाव का वर्णन किया है। कवि ने हमें मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है।

सारांश :

प्रस्तुत कविता में भले ही एक नदी का वर्णन आया हो लेकिन उसके माध्यम से लेखक ने हमें हमारी सभ्यता, संस्कृति, इंसानियत सर्वधर्म समभाव व परदुखकातरता आदि मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। नदी के किनारे पर सभ्यता एवं संस्कृति का विकास होता है। उसी के कगार पर इनसानियत के यज्ञ किए जाते हैं। नदी में बहने वाला जल पवित्र होता है। वह अपने पास आने वाले किसी व्यक्ति से उसका मजहब व धर्म नहीं पूछता है।

युद्ध में मारे गए वीर पुरुषों का लहू उसी के पास बहते हुए आता है। वह सबके घाव धोता है। उससे दूसरों का दुख देखा नहीं जाता। जिस प्रकार नदी के जल के पास गुण होते हैं; वैसे गुण मनुष्य में भी होने चाहिए। मनुष्य को मानवीय गुणों को स्वीकार करना चाहिए। इस कविता के द्वारा कवि ने परोपकार का संदेश दिया है।

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भावार्थ :

सतत प्रवाहमान …… आदि बिंदु।
सिंधु नदी का जल हमसे कह रहा है, मैं सिंधु नदी का पावन जल हूँ। मैं निरंतर गतिशील रहता हूँ। मैं आपके जीवन की पहचान हूँ। मैं एक गीली हलचल हूँ यानी मुझमें भी आपके भाँति संवेदनाएँ हैं। मेरे स्वर में कल-कल है। मैं सिंधु नदी का जल हूँ। आप जानते हैं कि सिंधु नदी भारत की एक पुरातन नदी है और धरती पर जब सभ्यताओं का जन्म होने लगा था उसकी साक्षी सिंधु नदी रही है। इसीलिए मैं सिंधु नदी का जल होने के कारण धरती पर निर्माण हुए सभ्यताओं का आदि बिंदु हूँ।

मेरे ही किनारे ………………. पावन जल हूँ।
सिंधु नदी का जल होने के कारण मैं निरंतर प्रवाहमान हूँ। मेरे ही किनारे पर कई संस्कृतियाँ निर्माण हुई हैं। मेरे ही तटों पर इंसानियत के यज्ञ हुए हैं यानी संस्कृतियों की निर्मिती होने के पश्चात लोगों ने मानवता को अपना ध्येय बनाया था और मेरे ही तटों पर एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहना सीख लिया था। मेरी गति कभी-भी कम नहीं हुई है। मेरी गति में चंचलता है। आगे-ही-आगे बढ़ने की होड़ है। फिर भी मेरी भावनाएँ अचल है। एक ही जगह पर स्थिर हैं। आखिर मैं सिंधु नदी का पवित्र जल हूँ।

मैं नहाने ……………….. मचलती हैं।
मेरे पास आकर नहाने वाले मुसाफिर से मैं उसकी जाति, मजहब या धर्म के बारे में नहीं पूछता हूँ। कोई भी मेरे पास बेरोक टोक आकर नहा सकता है क्योंकि इंसानियत से बढ़कर कोई धर्म नहीं होता है और जीवन के इस मर्म से मैं भली भांति परिचित हूँ। सिंधु नदी में अचानक उत्पन्न होने वाली लहरें सदा उछलती रहती है मानो वह नित्य जीवन की ओर बढ़ने का प्रयास करती रहती हैं।

प्यास बुझाने ………………. घुल-मिल जाती है।
मेरे पास प्यास बुझाने हेतु आने वाले मुसाफिर से मैं नहीं पूछता कि वह मेरा दोस्त है या दुश्मन। किसी को अपने शरीर का मैल हटाने अर्थात नहाने से पहले मैं उसे नहीं पूछता कि वह हिंदू है या मुसलमान। यानी भले ही उस इंसान के मन में दूसरों के प्रति द्वेषभाव हो फिर भी मैं उसे अपना पानी पिलाता हूँ। मैं तो सभी के लिए हूँ और जो जितना चाहे जी भर के मेरा जल पिए। मैं विशाल नदी हूँ और मुझमें कई छोटी-छोटी सांस्कृतिक नदियाँ आकर समा जाती हैं। मानो वे अपने साथ अपनी सभ्यताएँ लेकर आती है और मुझमें समा जाती है यानी मैं उनकी सभ्यताओं से परिचित हो जाता हूँ।

लेकिन क्या ………………. तो रोता हूँ।
सिंधु नदी का पावन जल होने के बावजूद भी मैं हृदय से दुखी हूँ। मेरे घाटों पर रक्तपात होता है। लोगों का लहू बहता हुआ आता है। लोग एक-दूसरे को मारने के लिए तैयार हो जाते हैं। तलवारें खनकने लगती हैं। तोपें गरजने लगती हैं। घोड़ों के टापों की आवाज गूंजने लगती है। भयंकर युद्ध छिड़ जाता है। कई वीर शहीद हो जाते हैं। उस वक्त घायल हुए बहादुरों से मैं नहीं पूछता कि वे कौन-से प्रांत से हैं। वे किसी भी प्रांत से हो, मुझे इससे कुछ सरोकार नहीं होता। मैं तो उनके घाव दूर करने के लिए तत्पर हो जाता हूँ और अपने पानी से मैं उनके घाव धोता हूँ। वह मैं ही हूँ जो विधवा के दुख-दर्द को जानता हूँ। वास्तव में मैं ही उसके आँखों में आँसू बनकर रोता रहता हूँ यानी उसके दुख की अनुभूति को मैं अपने हृदय में महसूस करता हूँ।

ऐसे बहूँ ………………. इंदु हूँ।
मैं सिंधु का जल हूँ। निरंतर बहना मेरा कार्य है। लेकिन अब मैं कैसे बहूँ? ऐसे या वैसे। मेरी कुछ समझ में नहीं आता है। हे मनुष्य! तुम तो समझदार हो। इसलिए तुम ही मुझे बताओ कि मैं कैसे बहूँ ? आखिर मैं सिंधु में जल की बूंद हूँ और एक-एक बूँद से ही सिंधु तैयार हो गई है। मैं हमेशा लहराता रहता हूँ। मुझमें चंद्र का प्रतिबिंब गिरता है। मेरे लहराने के कारण वह भी लहराता रहता है और झिलमिलाता रहता है। मानो मैं ही लहराते बिंबों में चमकता हुआ चंद्रमा हूँ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 सिंधु का जल

शब्दार्थ :

  1. प्रवाहमान – गतिशील, निरंतर, प्रवाहित
  2. मजहब – धर्म मर्म
  3. सार टा . घोड़ों के पैरों के जमीन पर पड़ने का शब्द
  4. रणबांकुरे – बहादुर, वीर, योद्धा
  5. बिंब – छाया, आभास
  6. इंद्रु – चंद्रमा
  7. घाव धोना – मरहमपट्टी करना, घाव साफ करना
  8. स्वर – ध्वनि
  9. गति – वेग
  10. अचल – स्थिर

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

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Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 8 उड़ान Textbook Questions and Answers

पठनीय:

प्रश्न 1.
‘दहेज’ जैसी सामाजिक समस्याओं को समझते हुए इसके संदर्भ में जनजागृति करने हेतु घोषवाक्यों का वाचन कीजिए।

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श्रवणीय:

प्रश्न 1.
हिंदी-मराठी भाषा के प्रमुख गजलकारों की गजल रचना सुनिए और सुनाइए।

कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
‘मैं चिड़िया बोल रही हूँ इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।

आसपास:

प्रश्न 1.
अंतरजाल की सहायता लेकर कोई कविता पढ़िए और निम्न मुद्दों के आधार पर आशय स्पष्ट कीजिए:
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पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न 1.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
परों में शक्ति हो तो ………..
उत्तर:
(क) उपलब्ध नभ को नापना है।
(ख) उपलब्ध जल को नापना है।
(ग) भू को नापना है।

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प्रश्न 2.
सुलगते आप, बाहर से …………
(क) तपन नहीं माँगा करते।
(ख) अगन नहीं माँगा करते।
(ग) बुझन नहीं माँगा करते।
उत्तर:
1. परों में शक्ति हो तो उपलब्ध नभ को नापना है।
2. सुलगते आप, बाहर से अगन नहीं माँगा करते।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों का सरल भावार्थ लिखिए। अँधेरे के इलाके में ………….. नमन माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाएँ; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं मांगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का बन होता है; वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।”

“जो व्यक्ति सचमुच आदर का अधिकारी है उसके सामने दुसरे लोगों के मस्तक अपने आप झुक जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को किसी से नमन या आदर मांगने की जरूरत नहीं होती बल्कि उसे तो अपने आप आदर मिल जाता है। व्यक्ति के पास विनम्रता होनी चाहिए।”

प्रश्न 4.
कविता द्वारा दिया गया संदेश अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने व्यक्ति को मानवीय गुणों को स्वीकार करने के लिए कहा है। स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि, बुलंद हौसले आदि गुणों को स्वीकार करने से व्यक्ति प्रगति की ऊंची उड़ान भर सकता है। फिर उसके लिए कुछ भी असंभव नहीं होगा। जिस व्यक्ति के पास मानवीय गुण होते हैं उन्हें किसी के भी पास हाथ फैलाने की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान कीर्ति व यश अपने आप मिल जाता है। अत: व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना जरूरी होता है।

प्रश्न 5.
कविता में प्रयुक्त विरामचिह्नों के नाम लिखकर उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तरः
(,) – अल्पविराम
बाक्य: राम ने दुकान से शक्कर, मिठाई व खजूर लाए।
(|) – पूर्णविराम
वाक्य: अजय शहर गया है।

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प्रश्न 6.
संजाल
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उत्तरः
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कल्पना पल्लवन:

प्रश्न 1.
“”मैं चिड़िया बोल रही हूँ।” इस विषय पर स्वयंप्रेरणा से लेखन कीजिए।
उत्तरः
“पंछी बनू उड़ती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आजाद हूँ दुनिया के चमन में।”

मुझे आज भी याद है पुरानी फिल्म का यह गीत । सचमुच पंछी बनकर खुले आसमान में विचरण करना सभी को अच्छा लगेगा। किसी की कुछ भी रोक-टोक नहीं और नहीं किसी-का कुछ झंझट । बस सिर्फ आसमान में स्वच्छंद होकर उड़ना। बताओ किसे अच्छा नहीं लगेगा? संध्या समय पीपल के नीचे बैठकर मेरे मन में ये विचार आ ही रहे थे तभी अचानक पीपल के पेड़ पर बैठी एक चिड़िया ने ची-चीं करते हुए मुझे आवाज दी और वह मेरे समक्ष आकर बैठ गई। फिर अपने बारे में कहने लगी।

“मैं हूँ नन्ही-सी, प्यारी-सी चिड़िया। इस पेड़ पर ही मेरा निवास है। देख रही हो वह घोंसला? कितने प्यार से मैंने बनाया है! उसका निर्माण करने के लिए मुझे तकरीबन एक महीना लगा है। न जाने मैंने कहाँ-कहाँ से उसे तैयार करने के लिए सामग्री इकट्ठा की है? बस ईश्वर ही इस बात का साक्षी है। मैंने अपनी चोंच में तिनका-तिनका लाकर स्वयं के लिए सुंदर भवन का निर्माण किया है। उस घोंसले में मेरे दो अंडे हैं। अब जल्द ही दो नन्हे-मुन्ने बच्चे मेरे घर आएँगे। अब मैं उन्हीं का इंतजार कर रही हूँ।

पीपल के इस पेड़ पर पहले मेरे कई भाई-बहन रहा करते थे। तोता, मैना आदि मेरे भाई बहन मनुष्य द्वारा निर्मित प्रदूषण के शिकार हो गए। अब न इस पेड़ पर कोई तोता आकर बैठता है और न कोई मैना। कौओं की भी काँव-काँव अब पहले जैसे सुनाई नहीं दे रही है। मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की। इसका परिणाम यह हुआ कि पक्षियों की संख्या कम होती गई। अब तो शहरों से पक्षी नदारद हो गए हैं।

मैंने सुना है कि कुछ संस्थाएँ पक्षी-दर्शन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती हैं और कर्नाला पक्षी अभयारण्य जैसे स्थलों पर जाती रहती है। लेकिन मेरी प्यारी बहना, सच कहूँ तो वहाँ पर भी अब पहले जैसे पंछी नहीं रहें। पहले जैसे पंछियों का कलरव अब सुनाई नहीं देता है। इसके लिए इंसान ही जिम्मेदार है। यह सब उसी के कार्य का परिणाम है। यदि इंसान अपने किए कराए से बाज नहीं आएगा; तो भविष्य में अपने लिए गड्ढा स्वयं ही खोद लेगा।

हम ही इस सुंदर धरती का अंश हैं। हमें भी जीवन जीने का अधिकार है। आखिर हम भी एक जीव हैं। इंसान को कोई अधिकार नहीं है कि वह हमारे अधिकार को छीन लें। उसे प्राकृतिक संतुलन के बारे में सोचना चाहिए। जब इंसान “जिओ और जीने दो” इस सूत्र को अपनाएगा तब उसका जीवन भी खुशहाल हो जाएगा और यह प्यारी धरती फिर से ‘सुजलाम् सुफलाम्’ बन जाएगी।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 8 उड़ान Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 4

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 5

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। परों में शक्ति …………….. गगन माँगा नहीं करते।
भावार्थः
प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “जिनके पंखों में शक्ति होती है वे संपूर्ण आसमान को नाप लेते हैं। यानी जिनके पास साहस व वीरता होती है या जिनके हौसले बुलंद होते हैं; वे असंभव कार्य को संभव करते हैं। जैसे कि आसमान में विचरण करना या उड़ना तो पंछियों का काम होता है और वे तो गगन में नित्य संचार करते रहते हैं। उन्हें उड़ने के लिए किसी से गगन माँगने की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात जहाँ चाह, वहाँ राह अपने आप निर्माण हो जाती है।’

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

1. सही विकल्प चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं ……………
उत्तर:
(क) जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
(ख) जिससे वह नफरत करता है।
(ग) जिससे वह सहायता की अपेक्षा करता है।

प्रश्न 2.
ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं …….
(क) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।
(ख) जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना अस्वीकार किया है।
(ग) जन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में दूसरों को जलाना तय किया
उत्तर:
1. व्यक्ति को इसके सपने अपने आप आते हैं जिससे वह मन व प्राण से प्यार करता है।
2. ये अग्नि की माँग नहीं करते हैं जिन्होंने पश्चात्ताप की अग्नि में जलना स्वीकार किया है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर
निम्न शब्द हों।
1. निमंत्रण
2. पश्चात्ताप
उत्तर:
1. किसके बिना सपने अपने आप आते हैं?
2. पद्यांश में किस अग्नि में जलने की बात हो रही है?

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कृति (4) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। जिसे मन प्राण …………….. माँगा नहीं करते।
भावार्थ:
जिन लोगों ने अपने आप को पश्चात्ताप की आग में जलना स्वीकार कर लिया है, उन्हें कैसे कोई रोक सकता है? ऐसे लोग पश्चात्ताप की अग्नि में अंदर से सुलगते रहते हैं; लेकिन वे बाहर से अग्नि की माँग नहीं करते हैं। पश्चात्ताप की अग्नि से बढ़कर कोई दूसरी अग्नि नहीं हो सकती।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 6

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान 7

कृति (3): भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पंक्तियों का भावार्थ अपने शब्दों में लिखिए। खुशबू देती है …………….. धूपदान होती है।
भावार्थ:
प्रस्तुत पंक्ति ‘उड़ान’ इस गजल से ली गई है और इसके कवि चंद्रसेन विराट जी हैं। धूप जब जलता है; तब वह सभी को खुशबू देता है। शायर की जिंदगी भी धूपदान की तरह होती है। वह अपनी शायरी से लोगों के जीवन में खुशबू भर देता है।”

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पद्य-विश्लेषण:

  • कविता का नाम – उड़ान
  • कविता की विधा – गजल
  • पसंदीदा पंक्ति – एक बहरे को एक गूंगा दे, जिंदगी वो बयान होती है।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें एकदूसरे की सहायता करने से जिंदगी बड़े आराम से कटती है।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को स्वाभिमानी व विनम्र होना चाहिए। उसके हौसले बुलंद होने चाहिए। उसे मानवीय गुणों को अपनाकर स्वयं का जीवन सुंदर बनाना चाहिए।

उड़ान Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: कवि चंद्रसेन विराट जी हिंदी साहित्य के आधुनिक रचनाकारों में से एक हैं। इनका जन्म ३ दिसंबर १९३६ को इंदौर मध्य
प्रदेश में हुआ। ये हिंदी साहित्य जगत में गजलकार के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन्होंने अपनी गजलों में आम आदमी के जीवन
को अभिव्यक्त करने का सफल प्रयास किया है। इन्होंने गजल के साथ-साथ गीतों का भी लेखन किया है।

प्रमुख कृतियाँ: गीत संग्रह – ‘मेंहदी रची हथेली’, ‘स्वर के सोपान’, ‘मिट्टी मेरे देश की’, ‘धार के विपरीत’ आदि; गजल संग्रह – ‘आस्था
के अमलतास’, ‘कचनार की टहनी’, ‘न्याय कर मेरे समय’ आदि; मुक्तक संग्रह – कुछ पलाश कुछ पाटल, ‘कुछ सपने’, ‘कुछ सच’ आदि।

पदय-परिचय:

गजल: गजल काव्य विधा का एक प्रकार है। एक ही बहर और वजन के अनुसार लिखे गए शेरों के समूह को ‘गजल’ कहते हैं। गजल
के पहले शेर को ‘मतला’ और अंतिम शेर को ‘मकता’ कहते हैं।

प्रस्तावना: ‘उड़ान’ इस गजल में गजलकार चंद्रसेन विराट जी ने मानवीय मूल्यों के दर्शन करवाए हैं। व्यक्ति के पास स्वाभिमान, विनम्रता, दूरदृष्टि व बुलंद हौसले होने चाहिए। इन गुणों से ही जीवन में व्यक्ति ऊँचा उठता है।

सारांश:

प्रस्तुत कविता गजल विधा में लिखी गई है। व्यक्ति के पास मानवीय गुणों का होना बहुत जरूरी होता है। मानवीय गुणों के कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व विकसित होता है। व्यक्ति के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। स्वाभिमान के कारण व्यक्ति ऊँचा उठता है। जिसके पास विनम्रता होती है; उसे समाज में आदर अपने आप मिलता है। जिनके हौसले बुलंद होते हैं; उनके लिए असंभव कुछ भी नहीं होता। जीवन में व्यक्ति को एक-दूसरे की सहायता करनी चाहिए। जीवन में सभी को खुशी देने का प्रयास करना चाहिए। आखिर चार दिन की जिंदगी होती है। उसी में स्वयं खुश रहकर दूसरों के भी जीवन में खुशियाँ भर देनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 उड़ान

शब्दार्थ:

  1. अगन – अग्नि, आग
  2. सायबान – छाया देने वाला
  3. बयान – वक्तव्य
  4. तीर – बाण
  5. कमान – धनुष
  6. इलाका – क्षेत्र
  7. कंटक – काँटा
  8. आदर – सम्मान
  9. पर – पंख
  10. थकान – थकावट
  11. शायर – शायरी लिखने वाला

भावार्थ:

अँधेरे के इलाके में ………………. सुमन माँगा नहीं करते।

प्रस्तुत गजल में कवि कहते हैं, “इंसान के पास स्वाभिमान का होना बेहद जरूरी होता है। उसे अँधेरे के इलाके में किरण नहीं माँगनी चाहिए। यानी जब संकट की स्थिति आ जाए; तब इंसान को स्वयं ही उसके साथ संघर्ष करना चाहिए। किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए। जहाँ पर कंटकों का यानी काँटों का वन होता है वहाँ पर काँटों के अलावा कुछ नहीं होता है। वहाँ पर सुमन नहीं हो सकते हैं। अर्थात संकट की परिस्थितियों में सर्वत्र काँटे-ही-काँटे होते हैं। वहाँ पर दुख-दर्द व पीड़ा ही होती है। वहाँ पर हम सुख की अपेक्षा नहीं कर सकते।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है

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Maharashtra State Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है (पठनार्थ)

Hindi Lokvani 10th Std Digest Chapter 6 ऐसा भी होता है Textbook Questions and Answers

स्वाध्याय :

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 2

2. उचित शब्द लिखिए। 

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए।

  1. सहमकर काँपने वाली –
  2. घोंसला उजड़ने पर रोने वाला –
  3. सुख-दुख बाँटने वाला –
  4. वृद्धाश्रम से चिट्ठी भेजने वाली –

उत्तर :

  1. कच्ची दीवार
  2. पखेरू या पंछी
  3. डाकिया
  4. बूढी माँ

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3. किरण शब्द की विशेषताएँ : 

प्रश्न 1.
किरण शब्द की विशेषताएँ :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 3
उत्तर :
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 4

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
आकृति में दिए गए वाक्य का काल पहचानकर निर्देशानुसार काल परिवर्तन कीजिए।
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 6.1

उपयोजित लेखन :

प्रश्न 1.
‘मेरा प्रिय त्योहार’ विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए।
उत्तरः
मेरा प्रिय त्योहार हमारा भारत देश त्योहारों का देश है। भारत में दीपावली, होली, नवरात्रि, गणेशचतुर्थी आदि तरह-तरह के त्योहार मनाए जाते हैं। प्रत्येक त्योहार की अपनी सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विशेषता होती है। इस प्रकार प्रत्येक त्योहार का अपना महत्त्व होता है। सभी को त्योहार अच्छे लगते हैं। मैं भी इसका अपवाद नहीं हूँ। मेरा प्रिय त्योहार दीपावली है। इसे दीवाली भी कहते हैं। दीपावली दीपों का त्योहार है।

यह त्योहार पाँच दिनों तक मनाया जाता है। धन त्रयोदशी, नरक चतुर्दशी, दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज ये पाँच पर्व पाँच दिन मनाए जाते है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग दीपों से जममगाने लगती है। यह दृश्य बहुत ही मनोरम व अद्भुत होता है। इस दिन भगवान श्रीराम, माता सीता व भाई लक्ष्मण के साथ चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस पधारे थे। इसी कारण लोगों ने खुश होकर अपने घरों के द्वार पर भगवान के स्वागत हेतु दीप जलाए थे।

तब से यह शुभ दिन दीपावली के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दीपावली की शाम को लोग देवी लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं। बच्चे पटाखे छोड़ते हैं। इस दिन लोग अपने परिवार वालों के पास जाकर उनसे मिलते हैं और खुशियाँ बाँटते हैं, एकदूसरे को मिठाइयाँ बाँटते हैं। यह त्योहार शांति, भाईचारा व एकता का संदेश देता है। हमें एक-दूसरे के साथ प्रेम से रहना और एक-दूसरे के जीवन में खुशियाँ निर्माण करने का संदेश दीपावली से मिलता है। इसलिए हर्षित होकर मैं कहता हूँ –

“त्योहार है दीपावली का
सुख-समृद्धि और खुशहाली का।
बुराई के राक्षस को मन से भगाएँ
हृदय में शांति का दीपक जलाएँ।”

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Hindi Lokvani 10th Std Textbook Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है Additional Important Questions and Answers

(अ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति अ (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए।
i. थकी हारी
उत्तर :
i. सूरज की किरण

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. कच्ची दीवार सहमी क्योंकि –
उत्तरः
मेघ गरजने लगे।

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ii. किरण ने धरती की गोद का सहारा लिया क्योंकि –
उत्तर:
सुबह से शाम तक प्रकाश देने की कार्य करने के बाद शाम को वह थक गई।

कृति अ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ पद्यांश में से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. बादल
  2. सूर्य
  3. पवित्र
  4. धरती

उत्तर :

  1. मेघ
  2. रवि
  3. निर्मल
  4. धरा

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
i. कच्ची × …….
ii. निर्मल × …….
उत्तर:
i. पक्की
i. मलिन

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
i. गोद
उत्तर:
i. पहलू, आँचल

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्द के वचन बदलिए।
i. दीवार
ii. किरण
उत्तर:
i. दीवारें
ii. किरणें

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द के श्रुतिसम भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. काँपी
उत्तर:
i. कॉपी

कृति अ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उनकी प्रगति हेतु आप क्या कर सकते हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान और उनकी प्रगति हेतु हम विशिष्ट अभियान चला सकते हैं। उस अभियान के अंतर्गत हम दुर्बल घटकों में जागरूकता निर्माण करने का प्रयास करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में इनकी संख्या अधिक होती है। अत: ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने हेतु हम अभियान चलाएंगे; ताकि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने हेतु ठोस कदम उठाए। आज हमारे समाज में वंचित वर्गों को अच्छी शिक्षा नहीं मिल पा रही है। अत: उन्हें शिक्षा मिले इसके लिए हम प्रशासन का ध्यान उनकी ओर आकर्षित करने हेतु अभियान चलाएँगे। समाज में सामाजिक न्याय प्रस्थापित हो इसलिए व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर हम आपसी प्रेम, भाईचारा, मानवता आदि नौतियों का पालन करेंगे।

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(आ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति आ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही विकल्प चुनकर लिखिए।
i. खुली आँखों ने जीवन भर देखे –
(अ) खुले सपने
(आ) बंद सपने
(इ) मनचाहे सपने
उत्तर:
(आ) बंद सपने

ii.बच्चों की जीवनरूपी पतंग माँ-बाप ने थाम ली इसलिए –
(अ) उन्होंने आसमान को छू लिया।
(आ) उन्होंने स्वर्ग को छू लिया।
(इ) उन्होंने अंतरिक्ष को छू लिया।
उत्तर:
(अ) उन्होंने आसमान को छू लिया।

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. वृक्षों के कटने का परिणाम –
उत्तर:
पंछियों का आशियाना उजड़ गया और वे रोने लगे।

प्रश्न 3.
उचित जोड़ियाँ लगाइए।

‘अ’ ‘ब’
1. तन (क) बंद
2. कद (ख) माटी
3. आशियाना (ग) काठी
4. सपने (घ) उजड़ा

उत्तर:

‘अ’ ‘ब’
1. तन (ख) माटी
2. कद (ग) काठी
3. आशियाना (घ) उजड़ा
4. सपने (क) बंद

प्रश्न 4.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है 7

प्रश्न 5.
उचित शब्द लिखिए।
i. स्वयं पर गुमान करने वाला –
उत्तर:
i. इंसान

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कृति आ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

  1. पतंग
  2. जीवन
  3. गुमान

उत्तर:

  1. फतिका, सूर्य
  2. पानी, जिंदगी
  3. अभिमान, अनुमान

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम शब्द लिखिए।
i. माटी
ii. सपना
उत्तर:
i. मृदा
ii. स्वप्न

प्रश्न 3.
उपसर्ग व प्रत्यय लगाकर शब्द लिखिए।
i. जीवन
उत्तरः
उपसर्गयुक्त शब्द – आजीवन, प्रत्यय
युक्त शब्द – जीवनभर

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प्रश्न 4.
पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. पखेरू
  2. तन
  3. आशियाना
  4. डोर

उत्तर:

  1. पक्षी
  2. शरीर
  3. घोंसला
  4. रस्सी

कृति आ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
वक्षों के कटने के दुष्परिणाम अपने शब्दों बताइए।
उत्तरः
आजकल शहरों को बसाने के लिए बड़े स्तर पर वृक्षों की कटाई हो रही है। इसके कई दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। अंधाधुंध पेड़ काटे जाने के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम हो रही है तथा हवा प्रदूषित होती जा रही है। शहरों में वायु-प्रदूषण की समस्या सबसे ज्यादा बढ़ गई है। लोगों को अस्थमा जैसी साँस लेने की समस्या, हृदय रोग आदि हो रहे हैं। पेड़ों की कटाई करने के कारण वन्यजीवों का अस्तित्व भी खतरे में पड़ गया है। कई प्रजातियाँ विलुप्त हो गई हैं और कुछ विलुप्त होने के कगार पर हैं।

पेड़ों की कटाई का प्राकृतिक जलवायु परिवर्तन पर प्रभाव पड़ रहा है। जिस कारण ग्लोबल वार्मिग जैसी समस्या उत्पन्न हो रही है। तापमान में वृद्धि हो रही है। पेड़ों की कटाई की वजह से भूमि का क्षरण हो रहा है। इंसान हरी-भरी जिंदगी से वंचित हो गया है। उसका जीवन परेशानी से भर रहा है।

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(इ) निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति इ (1) : आकलन कृति

प्रश्न 1.
उचित शब्द लिखिए –
i. ठसा-सा रहने वाला –
ii. आसमान में उड़ने वाला –
उत्तर:
i.तरू
ii. पखेरू

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए –
उत्तर:
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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. वृद्धाश्रम
ii. संस्कारों
उत्तर:
i. मैया कहाँ रहती है?
ii. तिजोरी किससे भरी थी?

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कृति इ (2) : शब्द संपदा

प्रश्न 1.
पद्यांश में से देशज शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
i. देशज शब्द : मैया, पखेरू, चिट्ठी
ii. तत्सम शब्द : तरू, वृद्ध

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प्रश्न 2.
निम्नलिखित तद्भव शब्द का तत्सम रूप लिखिए।
i. दुख
उत्तर:
i. दुःख

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
i. चिट्ठी
i. झोला
उत्तर:
i. खत
ii. थैला

प्रश्न 4.
पद्यांश में से विलोम शब्द की जोड़ी ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
i. सुख × दुख

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है

कृति इ (3) : स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बढ़ती संस्कारहीनता’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
समाज की सबसे छोटी इकाई परिवार होती है। परिवार में बच्चों को अच्छे संस्कार में डालकर सभ्य मनुष्य बनाया जाता है और इसी से सभ्य समाज का निर्माण होता है; परंतु संस्काररहित व्यक्तियों के कारण समाज में कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं। संस्कारहीनता के प्रभाव से परिवार भी एक-दूसरे से अलग हो रहे है। एकाकी परिवार में बच्चे अपना समय कंप्यूटर या टी. वी. के साथ बिताते हैं।

टेलीविजन व वीडियो गेम ने पाश्चात्य संस्कृति को जन्म दिया है; जो सिर्फ उपभोक्तावाद को बढ़ावा दे रही है। इस कारण आज की पीढ़ी का जीवन मूल्यहीन हो गया है। आज की पीढ़ी धीरे-धीरे स्वार्थ के दलदल में फंसती जा रही है। कुछ लोग बुड़े माता-पिता को बोझ मानकर उन्हें वृद्धाश्रम भेज देते हैं। उन्हें उपेक्षित किया जाता हैं। आज व्यक्तिगत और सामाजिक सरोकार अलग-अलग हो गए है। समाज में चोरी, डकैती, लूटमार, दंगे-फसाद आदि कुरीतियों का बोलबाला है। संस्कारहीनता के कारण समाज की दुर्गति होती जा रही है। समाज में अनुशासनहीनता व अराजकता बढ़ रही है।’

ऐसा भी होता है Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अभिषेक जैन जी आधुनिक साहित्यकार के रूप में हिंदी जगत में प्रसिद्ध हैं। कविता, कहानी, निबंध आदि विधाओं में इन्होंने लेखन किया है। जीवन के अनुभवों पर आधारित इनकी विविध रचनाएँ हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने हाइकु काव्य विधा में भी लेखन किया है। इनकी हाइकु रचनाएँ जीवन के समृद्ध अनुभवों का भंडार है।
प्रमुख कृतियाँ : अभिषेक जैन जी ने कविता, कहानी, निबंध आदि विविध विधाओं में लेखन किया है। अनुभवों पर आधारित इनकी रचनाएँ विविध पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती हैं।

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पद्य-परिचय :

हाइकु काव्य : हाइकु एक जापानी काव्य विधा है। हाइकु यानी तीन पंक्तियों की कविता। यह विश्व की एक सबसे लघु कविता कही जाती है। हाइकु कविता 5 + 7 + 5 = 17 वर्ण के ढाँचे में लिखी जाती है। यह कविता आज भारत में सिर्फ हिंदी में ही नहीं, बल्कि मराठी, गुजराती, बंगाली, मलयालम आदि भाषाओं में भी लिखी जाती है।
प्रस्तावना : ‘ऐस भी होता है’ इस हाइकु में कवि अभिषेक जैन जी ने समाज में सबल घटकों द्वारा दुर्बलों पर होने वाले अत्याचार, गरीबी, थकान, वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम, अनावश्यक अहं, वृद्धाश्रम के दर्द, संस्कारहीनता आदि विविध विषयों पर प्रकाश डाला है।

सारांश :

‘ऐसा भी होता है’ यह हाइकु काव्य है। कवि ने इस हाइकु के द्वारा विविध विषयों को अभिव्यक्त करने की कोशिश की है। समाज के सबल वर्ग दुर्बलों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता रहता है। इसके बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता।

ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखी लोगों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर विश्राम करती है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; फिर भी उसके सपने पूर्ण नहीं होते। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोसला उजड़ जाता है। उनके आशियाने उजड़ने पर पक्षी रोने लगते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं। व्यक्ति को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए।

संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग से बसेरा बना लेते हैं। डाकिए की तरह सभी को जीवन में आने वाली सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए। अनेक तिरस्कारों के बावजूद माँ की ममता अपने बच्चों के लिए कम नहीं होती। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है

भावार्थ :

गरजे मेघ ………………………………………. कच्ची दीवार।
प्रस्तुत हाइकु में कवि ने बताया है कि आसमान में मेघों के गरजने पर एक कच्ची दीवार सहमकर काँपने लगी; वह बहुत डर गई। यहाँ गरजने वाले मेघ समाज के सबल वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और कच्ची दीवार समाज के दुर्बल वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अर्थ यह है कि समाज के सबल वर्ग दुर्बल वर्गों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं।

रवि चढ़ाए ………………………………………. धरा को अर्ध्व !
प्रस्तुत हाइकु में रवि यानी सूरज एक सज्जन व्यक्ति का प्रतीक है। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता है। बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता। उसका कार्य निःस्वार्थ एवं मानवता के लिए होता है। ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। इसके बदले में वे किसी भी प्रकार की चाह नहीं रखते हैं।

आ के पसरी ………………………………………. धरा की गोद।
प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर । विश्राम करती है। प्रकृति का यही नियम है। जो श्रम करता है; वह दिन ढलने के उपरांत थक जाता है। व्यक्ति दिनभर मेहनत करता है और फिर शाम होते ही वह थककर अपने घर आकर आराम करने लगता है।

खुली आँखो ने ………………………………………. बंद सपने।
प्रस्तुत हाइकु द्वारा समाज में व्याप्त गरीबों की स्थिति का चित्रण किया गया है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं । होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; परंतु उसके सपने कभी भी पूर्ण नहीं होते।

कटते तरु ………………………………………. रोए पखेरू।
प्रस्तुत हाइकु में वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोंसला उजड़ जाता है। वे । बेघर हो जाते हैं; जिस कारण वे दुखी होकर रोने लगते हैं।

बच्चे पतंग ………………………………………. छ्ते गगन।
बच्चों के जीवनरूपी पतंग की डोर माँ-बाप के हाथ में होती है। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर उनका जीवन संवारने की कोशिश करते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं यानी जीवन में ऊँचा उठकर सफलता की मंजिल हासिल करते हैं।

तन माटी का ………………………………………. कद काठी का।
प्रस्तुत हाइकु में कवि अनावश्यक अहं पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। व्यक्ति का शरीर मिट्टी से बना है; जो एक दिन नष्ट होने वाला है। फिर भी व्यक्ति को अपनी इस छोटी-सी जिंदगी पर बहुत बड़ा अभिमान होता है। मनुष्य को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। उसे अनावश्यक अहं नहीं करना चाहिए।

उड़ा पखेरू ………………………………………. ठगा-सा तम्।
प्रस्तुत हाइकु मनुष्य की कृतघ्नता पर करारा व्यंग्य करती है। पक्षी का बच्चा जब तक छोटा होता है यानी उसके पंखों में जब तक उड़ने की शक्ति नहीं आती है, तब तक वह वृक्ष पर ही रहता है। लेकिन जब उसके पंखों में उड़ने की शक्ति आ जाती है; तब वह उस वृक्ष को छोड़कर अनंत आकाश में विचरण करने के लिए उड़ जाता है। उसे जाते देखकर पेड़ विस्मित, सा रह जाता है। उसी प्रकार संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग बसेरा बना लेते हैं। इससे माता-पिता किंकर्तव्यविमूढ हो जाते हैं।

हाकिया चला ………………………………………. भर के झोला।
प्रस्तुत हायक में लोगों के आने वाले खत बाँटने वाला डाकिया के बारे में है। कुछ पत्रों से खशी झलकती है तो कछ पत्र दुखद गहराई का अहसास दिलाते हैं। फिर भी किसी की भी भावना से सरोकार न रखते हुए डाकिया अपनी झोली भरकर पत्र बाँटने का काम करता रहता है। डाकिए की तरह हमें भी जीवन में आने वाले सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए।

मैया की आई ………………………………………. कैसे हो बेटा।
माता-पिता अपनी संतान पर अपना सर्वस्व लुटाकर उसका लालन-पोषण करके उसे कामयाब इंसान बनाते हैं। वही संतान बाद में अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेज देते हैं। फिर भी उसकी इस निर्दयता को माँ भूल जाती है और वह उसे वृद्धाश्रम से खत लिखकर उसका हाल जानना चाहती है। माँ आखिर माँ ही होती है। वह अपने बेटे द्वारा किए गए अत्याचारों को भूलकर मन ही मन में याद करती रहती है।

हो गई चोरी ………………………………………. लुट गया मैं।
प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि आज हमारे समाज में संस्कारों का अभाव है। समाज से जीवन-मूल्यों का पतन हो रहा है। संस्काररूपी तिजोरी का समाज से हनन हो गया है। आज समाज में संस्कारों का धीरे-धीरे लोप होता आ रहा है। इस कारण समाज में समस्याएँ उभरकर सामने आ रही हैं। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

Maharashtra Board Class 10 Hindi Lokvani Solutions Chapter 6 ऐसा भी होता है

शब्दार्थ :

  1. डाकिया – चिट्ठी बाँटनेवाला
  2. तरू – वृक्ष, पेड़
  3. पखेरू – पंछी, पक्षी
  4. गुमान – अभिमान, गर्व, घमंड
  5. कद – काठी, शरीर की बनावट
  6. रवि – सूर्य
  7. निर्मल – पवित्र
  8. धरा – धरती
  9. तन – शरीर
  10. आशियाना – घोंसला
  11. डोर – रस्सी
  12. चिट्ठी – खत
  13. झोला – थैला

मुहावरे :

ठगा-सा रह जाना – किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना या विस्मित हो जाना।

ऐसा भी होता है Summary in Hindi

ऐसा भी होता है कवि-परिचय

जीवन-परिचय : अभिषेक जैन जी आधुनिक साहित्यकार के रूप में हिंदी जगत में प्रसिद्ध हैं। कविता, कहानी, निबंध आदि विधाओं में इन्होंने लेखन किया है। जीवन के अनुभवों पर आधारित इनकी विविध रचनाएँ हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। इन्होंने हाइकु काव्य विधा में भी लेखन किया है। इनकी हाइकु रचनाएँ जीवन के समृद्ध अनुभवों का भंडार है।

प्रमुख कृतियाँ : अभिषेक जैन जी ने कविता, कहानी, निबंध आदि विविध विधाओं में लेखन किया है। अनुभवों पर आधारित इनकी रचनाएँ विविध पत्र-पत्रिकाओं में नियमित प्रकाशित होती हैं।

ऐसा भी होता है पद्य-परिचय

हाइकु काव्य : हाइकु एक जापानी काव्य विधा है। हाइकु यानी तीन पंक्तियों की कविता। यह विश्व की एक सबसे लघु कविता कही जाती है। हाइकु कविता ५ + ७ + ५ = १७ वर्ण के ढाँचे में लिखी जाती है। यह कविता आज भारत में सिर्फ हिंदी में ही नहीं, बल्कि मराठी, गुजराती, बंगाली, मलयालम आदि भाषाओं में भी लिखी जाती है।

प्रस्तावना : ‘ऐस भी होता है’ इस हाइकु में कवि अभिषेक जैन जी ने समाज में सबल घटकों द्वारा दुर्बलों पर होने वाले अत्याचार, गरीबी, थकान, वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम, अनावश्यक अहं, वृद्धाश्रम के दर्द, संस्कारहीनता आदि विविध विषयों पर प्रकाश डाला है।

ऐसा भी होता है सारांश

‘ऐसा भी होता है’ यह हाइकु काव्य है। कवि ने इस हाइकु के द्वारा विविध विषयों को अभिव्यक्त करने की कोशिश की है। समाज के सबल वर्ग दुर्बलों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता रहता है। इसके बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता।

ठीक उसी प्रकार सज्जन व्यक्ति दीन-दुखी लोगों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर विश्राम करती है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; फिर भी उसके सपने पूर्ण नहीं होते। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोसला उजड़ जाता है।

उनके आशियाने उजड़ने पर पक्षी रोने लगते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं। व्यक्ति को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग से बसेरा बना लेते हैं।

डाकिए की तरह सभी को जीवन में आने वाली सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए। अनेक तिरस्कारों के बावजूद माँ की ममता अपने बच्चों के लिए कम नहीं होती। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है। जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

ऐसा भी होता है शब्दार्थ

  • डाकिया – चिट्ठी बाँटनेवाला
  • तरू – वृक्ष, पेड़
  • पखेरू – पंछी, पक्षी
  • गुमान – अभिमान, गर्व, घमंड
  • कद – काठी, शरीर की बनावट
  • निर्मल – पवित्र
  • धरा – धरती
  • तन – शरीर
  • आशियाना – घोंसला
  • डोर – रस्सी
  • चिट्ठी – खत
  • झोला – थैला

ऐसा भी होता है मुहावरे

  • ठगा-सा रह जाना – किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाना या विस्मित हो जाना।

ऐसा भी होता है भावार्थ

गरजे मेघ ……………………. कच्ची दीवार।

प्रस्तुत हाइकु में कवि ने बताया है कि आसमान में मेघों के गरजने पर एक कच्ची दीवार सहमकर काँपने लगीं; वह बहुत डर गई। यहाँ । गरजने वाले मेघ समाज के सबल वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और कच्ची दीवार समाज के दुर्बल वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। इसका अर्थ यह है कि समाज के सबल वर्ग दुर्बल वर्गों पर अपना रोब या अधिकार जमाते रहते हैं। उनके द्वारा किए गए अन्याय एवं शोषण से समाज के दुर्बल घटक सहम जाते हैं।

रवि चढ़ाए ……………………. धरा को अर्य।

प्रस्तुत हाइकु में रवि यानी सूरज एक सज्जन व्यक्ति का प्रतीक है। सूरज प्रतिदिन अपने निर्मल किरणों से धरती को प्रकाशित करता है। बदले में वह धरती से किसी भी चीज की अपेक्षा नहीं करता। उसका कार्य निःस्वार्थ एवं मानवता के लिए होता है। ठीक उसी प्रकार सज्जन। व्यक्ति दीन-दुखियों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देते हैं। इसके बदले में वे किसी भी प्रकार की चाह नहीं रखते हैं।

आ के पसरी ……………………. धरा की गोद।

प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि दिनभर सभी को रोशनी देने वाली किरण शाम होते ही थक जाती है और वह धरा की गोद में आकर। विश्राम करती है। प्रकृति का यही नियम है। जो श्रम करता है; वह दिन ढलने के उपरांत थक जाता है। व्यक्ति दिनभर मेहनत करता है और फिर शाम होते ही वह थककर अपने घर आकर आराम करने लगता है।

खुली आँखो ने ……………………. बंद सपने।

प्रस्तुत हाइकु द्वारा समाज में व्याप्त गरीबों की स्थिति का चित्रण किया गया है। गरीब व्यक्ति की आशा-आकांक्षाएँ कभी भी पूर्ण नहीं। होती। वह जीवनभर सपने देखते रहता है; परंतु उसके सपने कभी भी पूर्ण नहीं होते।

कटते तरु ……………………. रोए पखेरू।

प्रस्तुत हाइकु में वृक्षों के कटने के दुष्परिणाम दिखाए गए हैं। वृक्षों को काटने से पंछियों का आशियाना यानी घोंसला उजड़ जाता है। वे बेघर हो जाते हैं; जिस कारण वे दुखी होकर रोने लगते हैं।

बच्चे पतंग ……………………. छूते गगन।

बच्चों के जीवनरूपी पतंग की डोर माँ-बाप के हाथ में होती है। वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देकर उनका जीवन सँवारने की कोशिश करते हैं। माँ-बाप के अथक परिश्रम और सुसंस्कारों के कारण ही बच्चे आसमान को छूते हैं यानी जीवन में ऊँचा उठकर सफलता की मंजिल हासिल करते हैं।

तन माटी का ……………………. कद काठी का।

प्रस्तुत हाइकु में कवि अनावश्यक अहं पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। व्यक्ति का शरीर मिट्टी से बना है; जो एक दिन नष्ट होने । वाला है। फिर भी व्यक्ति को अपनी इस छोटी-सी जिंदगी पर बहुत बड़ा अभिमान होता है। मनुष्य को अपने जीवन से अभिमान का त्याग कर अपने जीवन को सुंदर बनाना चाहिए। उसे अनावश्यक अहं नहीं करना चाहिए।

उड़ा पखेरू ……………………. ठगा – सा तरू

प्रस्तुत हाइकु मनुष्य की कृतघ्नता पर करारा व्यंग्य करती है। पक्षी का बच्चा जब तक छोटा होता है यानी उसके पंखों में जब तक उड़ने की शक्ति नहीं आती है, तब तक वह वृक्ष पर ही रहता है। लेकिन जब उसके पंखों में उड़ने की शक्ति आ जाती है; तब वह उस वृक्ष को छोड़कर अनंत आकाश में विचरण करने के लिए उड़ जाता है। उसे जाते देखकर पेड़ विस्मित, सा रह जाता है। उसी प्रकार संस्कारहीनता के कारण कई बच्चे बड़े हो जाने के बाद अपने माता-पिता को छोड़कर दूर जाकर अपने लिए अलग बसेरा बना लेते हैं। इससे माता-पिता किंकर्तव्यविमूढ हो जाते हैं।

डाकिया चला ……………………. भर के झोला।

प्रस्तुत हायकु में लोगों के आने वाले खत बाँटने वाला डाकिया के बारे में है। कुछ पत्रों से खुशी झलकती है तो कुछ पत्र दुखद गहराई । का अहसास दिलाते हैं। फिर भी किसी की भी भावना से सरोकार न रखते हुए डाकिया अपनी झोली भरकर पत्र बॉटने का काम करता रहता है। डाकिए की तरह हमें भी जीवन में आने वाले सुख-दुख की भावनाओं से प्रभावित न होकर अपना कार्य करते रहना चाहिए।

मैया की आई ……………………. कैसे हो बेटा।

माता-पिता अपनी संतान पर अपना सर्वस्व लुटाकर उसका लालन-पोषण करके उसे कामयाब इंसान बनाते हैं; वही संतान बाद में अपने माता-पिता को वृद्धाश्रम में भेज देते हैं। फिर भी उसकी इस निर्दयता को माँ भूल जाती है और वह उसे वृद्धाश्रम से खत लिखकर उसका हाल जानना चाहती है। माँ आखिर माँ ही होती है। वह अपने बेटे द्वारा किए गए अत्याचारों को भूलकर मन ही मन में याद करती रहती है।

हो गई चोरी ……………………. लुट गया मैं।

प्रस्तुत हाइकु में बताया गया है कि आज हमारे समाज में संस्कारों का अभाव है। समाज से जीवन-मूल्यों का पतन हो रहा है। संस्काररूपी तिजोरी का समाज से हनन हो गया है। आज समाज में संस्कारों का धीरे-धीरे लोप होता जा रहा है। इस कारण समाज में समस्याएँ उभरकर सामने आ रही हैं। संस्कारहीनता के कारण सामाजिक पतन हो रहा है; जिस कारण चारों ओर लूटमार और भगदड़ मची हुई है।

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Balbharti Maharashtra State Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Class 6 English Chapter 1.6 The Peacock and the Crane Textbook Questions and Answers

1. Read the following sentences carefully and choose the correct meanings.

Question a.
The peacock had gorgeous tail like no other bird.
1. No other bird had a tail. [ ]
2. The Peacock’s tail was more beautiful than any other bird’s. [ ]
3. All birds had gorgeous tails. [ ]
Answer:
2. The Peacock’s tail was more beautiful than any other bird’s. [✓]

Question b.
Fine feathers don’t make fine birds.
1. You cannot use feathers to make birds. [ ]
2. You can judge something by its outward beauty. [ ]
3. Something that looks beautiful may not really be useful. [ ]
Answer:
3. Something that looks beautiful may not really be useful. [✓]

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

2. Read the story aloud (or present it) in groups of three – the narrator, the peacock and the crane.

The Peacock And The Crane Questions And Answers Question 1.
Read the story aloud (or present it) in groups of three – the narrator, the peacock and the crane.

3. Imagine you are the Crane. What actions and words of the Peacock would you not like’? Write about it in short.

The Peacock And The Crane Story Question 1.
Imagine you are the Crane. What actions and words of the Peacock would you not like’? Write about it in short.
Answer:
I didn’t like the way the peacock scoffed at my colourless and dull feathers, calling it pale, and the way he flaunted his colourful tail to make me feel inferior.
I also did not like the way he boasted about his colourful feathers and the remark that he was dressed like a king.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

4. Discuss what a friendly and good- natured peacock would say to a crane. Write his speech. (5-8 lines)

Peacock And Crane Story Question 1.
Discuss what a friendly and good- natured peacock would say to a crane. Write his speech. (5-8 lines)
Answer:
Hello dear friend crane, people call me gorgeous and praise my colourful feathers. But I understand that it is not our outward appearance which matters. What matters are our innate abilities and our inner beauty. I am proud of the fact that you, my friend crane, can fly and scale such great heights and enjoy the beauty of the earth in all its magnificence. Go bird! Explore the world.

5. Find one more example which shows that a beautiful appearance is not enough.

Peacock Questions Answers Question 1.
Find one more example which shows that a beautiful appearance is not enough.
Answer:
We as individuals may have extremely beautiful appearance. But if we don’t have a heart to reach out and make a difference in the lives of others, how can we call ourselves beautiful? Inner beauty too is important.

6. List five adjectives and five nouns from the story.

Question 1.
List five adjectives and five nouns from the story.
Answer:

Adjectives Nouns
conceited peacock
gorgeous tail
colourless bird
dull crane
own day

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

7. Find five adjectives that end with (a) – ‘ful’ and (b) – “less’ then write the antonym of each.

Question 1.
Find five adjectives that end with (a) – ‘ful’ and (b) – “less’ then write the antonym of each.
Answer:

Adjectives with ‘ful’ Words Antonyms
careful careless
beautiful ugly
cheerful grumpy
faithful unfaithful
harmful harmless
Adjectives with ‘less’ thoughtless thoughtful
colourless colourful
merciless merciful
useless useful
hopeless hopeful

8. Start a collection of proverbs. A proverb is a short, well-known sentence or phrase that gives advice or tells you what is generally true. For example, ‘A stitch in time saves nine’ means ‘If one does something in time or immediately, it saves a lot of work later’. A proverb is also known as a saying. Here are some proverbs for your collection.

  1. Appearances can be deceptive.
  2. Do not judge by appearance; a rich heurt may be under a poor coat.
  3. All that glitters is not gold.
  4. You can’t tell a book by its cover.
  5. Clothes do not make the man.

Answer:

  1. Try, try till you succeed.
  2. Slow and steady wins the race.
  3. Still waters run deep.
  4. Make hay while the sun shines.
  5. Pride goes before a fall.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

9. Visit a library. This story is a fable. Find two more fables. Share them with your friends.

Question 1.
Visit a library. This story is a fable. Find two more fables. Share them with your friends.

Class 6 English Chapter 1.6 The Peacock and the Crane Additional Important Questions and Answers

Answer the following questions in one or two sentences.

Question 1.
How was the peacock in the story unique?
Answer:
The peacock in the story was unique as he had a gorgeous tail like no other bird.

Question 2.
Why did the peacock spread his own colourful tail?
Answer:
The peacock spread his own colourful tail to show off and for the crane to see and admire.

Question 3.
Which line in the extract tells us that the peacock was extremely pompous?
Answer:
The line: ‘I am dressed like a king!’ tells us that the peacock was extremely pompous.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Question 4.
What did the crane compare the peacock to?
Answer:
The crane compared the peacock to any other cock.

Question 5.
What did you learn from this fable?
Answer:
I learnt from this fable that our physical appearance has very little significance as compared to our capacities, capabilities, abilities and our inner strength.

Reading Skills, Vocabulary and Grammar

Read the following extract and answer the questions given below.

Question 1.
State whether the following statements are true or false:
a. The peacock was extremely humble and polite.
b. The crane’s feathers shone in all colours of the rainbow.
Answer:
a. False
b. False

Question 2.
Who does the fable deal with?
Answer:
The fable deals with the conceited peacock and the crane.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Question 3.
What tells us that the peacock was extremely boastful?
Answer:
The peacock spread its shiny feathers in all colours of the rainbow for crane to see and admire. He also compared it to the crane’s pale feathers. He added that he was dressed like a king. This tells us that he was extremely boastful.

Question 4.
How did the crane react to the peacock’s criticism?
Answer:
The crane agreed with the peacock that his feathers were pale but added that he could fly high above, among the clouds and stars. He could see the beauty of the earth in all its glory, while the peacock lived down there just like any other cock.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Question 5.

Question a.
What did the peacock scoff at?
Answer:
The peacock scoffed at the crane’s colourless and dull feathers.

Question b.
Fine feathers don’t make fine birds. (Separate the subject and predicate)
Answer:
Subject:
Fine feathers Predicate: don’t make fine birds

Question c.
Find the odd word: other, own, my, so
Answer:
so: The rest are used as adjectives.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Question 6.
Complete the list of adjective words associated with nature:
Answer:
a. bird               Bird
b. ……………………. Rainbow
c. …………………….. Clouds
d. …………………….. Stars

Language Study

Do as directed:

Question 1.
There was once a very conceited peacock who had a gorgeous tail like no other bird.
(State the parts of speech of the underlined words.)
Answer:
once, very: Adverbs conceited, gorgeous: Adjectives

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Question 2.
Look at my feather. (State the type of sentence)
Answer:
Imperative sentence.

Question 3.
I am dressed like a king! (Pick out the article)
Answer:
a

Question 4.
That’s true. (Pick out the contraction and state what it stands for.)
Answer:
that’s : that is

Question 5.
Fine feathers don’t make fine birds. (Add a question tag)
Answer:
Fine feathers don’t make fine birds, do they?

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Make sentences using the following phrases.

  1. to be conceited: We should not be conceited as it mars our beauty, our personality.
  2. to admire: I admire our freedom fighters who sacrificed their lives for the sake of our motherland.
  3. to boast: India can boast of the progress it made in the last few years in the field of science and technology.

Question 7.
Give the noun forms of:
Answer:
a. conceited : conceit
b. dull : dullness
c. see : sight
d. admire : admiration
e. pale : paleness
f. true : truth
g. high : height

Question 8.
Give the adjective forms of:
Answer:
a. beauty : beautiful
b. glory : glorious

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Letter writing:

Write a letter to your friend who is friendless and all alone because your classmates consider her to be arrogant and proud.

A/1934 Prakruti Sadan,
Sahara Road,
Andheri (East),
Mumbai – 400 099
20th June, 2016.

Dear Rita,
I know it is funny writing to you! After all we meet in school everyday.
I am writing this letter as a continuation of the conversation we had yesterday, wherein you said you were depressed because not many in the class are friendly to you.
Dear friend, remember the real reason lies in your nature. Not to me, but to many, you appear as a person filled with excessive pride. I know they are wrong, but at the same time it is important to come across as a friendly and approachable person.
The way we deal with people and our choice of words, all contribute towards our acceptance by others.
Please don’t misunderstand me, but your words and your actions sometimes forces others to conclude that you are an extremely arrogant and proud girl. So, one way to make more friends is to change your nature.
Remember, I am and will always be your friend.
With love.

Your friend,
XYZ

The Peacock and the Crane Summary in English

The peacock boasted of having the most gorgeous tail, which shine in all colours of the rainbow, but that too has its own limitations.
The crane possessed colourless and dull feathers, but he was not affected by the peacock’s display of its colourful tail. He was fully aware of its inner potential and what he was capable of. Unlike the peacock, he could fly high above, among the clouds and stars and witness the beauty of the earth in all its splendour.

Introduction:

“The Peacock and the Crane’ through the character of a proud peacock conveys the moral: ‘Fine feathers don’t make fine birds’. In other words, our external appearance has no value if we lack beauty and strength within.

Aware of his blessings, he could happily take the peacock’s criticism in his stride.
Let us remember to develop our self-esteem and self-confidence by understanding that it is not how we look, but what we are capable of, which makes all the difference.

Maharashtra Board Class 6 English Solutions Chapter 1.6 The Peacock and the Crane

Glossary:

  1. conceited (adj) – very proud, vain, arrogant
  2. gorgeous (adj) – beautiful, magnificent, stunning
  3. scoffed (v) – laughed at rudely and scornfully
  4. dull, pale (adj) – not bright
  5. glory (n) – beauty and splendour
  6. fine feathers don’t make fine birds (phr) – good looks or flashy clothes may not be very important after all.
  7. pompous (adj) – exhibiting self-importance

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा

Balbharti Maharashtra State Board Class 6 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 4 साेना और लोहा Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा

Hindi Sulabhbharti Class 6 Solutions Chapter 4 साेना और लोहा Textbook Questions and Answers

अध्ययन कौशल:

विभिन्न धातुओं के नाम और उनसे बनने वाली वस्तुएँ लिखो।
Answer:
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 1

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

विचार मंथन:

आराम हराम है
Answer:
‘आराम हराम है।’ यह नारा देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने दिया था। नेहरू जी ने यह नारा उस समय दिया था, जब देश स्वतंत्र हुआ था। आलस करना या अत्यधिक आराम करना हमारे लिए नुकसानदेह हो सकता है। परीक्षा का समय हो, तो डटकर पढ़ाई करनी चाहिए। किसी प्रकार की प्रतियोगिता हो, तो उसकी तैयारी करनी चाहिए। सोचो यदि हम परीक्षा की तैयारी करने के बजाय आराम करते हैं, तो परीक्षा में असफल भी हो सकते हैं। हम छोटे से जीव चींटी से भी परिश्रम की सीख ले सकते हैं। वह दिन-रात मेहनत कर अपना भोजन इकट्ठा करती है और बरसात के वक्त आराम से अपनी मेहनत का लाभ उठाती है।

भाषा की ओर:

निम्नलिखित शब्दों में प्रत्यय लगाकर लिखो।
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 2
Answer:

  1. सुंदरता
  2. गुणवान
  3. डरावना
  4. उपयोगी
  5. घबराहट
  6. दैनिक

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

सुनो तो जरा |

बस/रेल स्थानक की सूचनाएँ ध्यानपूर्वक सुनकर सुनाओ।
Answer:
१. बस स्थानक की सूचना:

स्थान: माथेरान एस टी बस स्टैंड।
यात्रीगण कृपया ध्यान दें। माथेरान से मुंबई जाने वाली दो बसों के समय में परिवर्तन किया गया है। सुबह ९ बजकर ३० मिनट पर रवाना होने वाली बस अब १० बजकर ११ मिनट पर रवाना होगी तथा सुबह ११ बजे रवाना होने वाली बस दोपहर १२ बजे रवाना होगी। यात्रियों को होने वाली | असुविधा के लिए हमें खेद है। धन्यवाद!

२. रेल स्थानक की सूचना:

स्थान: दादर रेलवे कार्यालय।
नमस्कार! हम दादर के केंद्रीय कार्यालय से बोल रहे हैं। ट्रैक नंबर दो पर मरम्मत-कार्य चालू होने के कारण आज दोपहर चार बजे तक सी. एस. टी. से माटुंगा की दिशा में जाने वाली सभी डाउन गिाड़याँ ट्रैक नंबर एक से चलाई जाएँगी। यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए हमें खेद है। धन्यवाद!

बताओ तो सही।

थर्मामीटर में किस धातु का प्रयोग होता है, बताओ।
Answer:
पारा

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

मेरी कलम से

अंकुरित अनाजों की सूची बनाओ और उपयोग लिखो।
Answer:
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 3

सदैव ध्यान में रखो।

प्रत्येक का अपना-अपना महत्त्व होता है।
Answer:
प्रत्येक वस्तु का अपना-अपना महत्त्व होता है। कोई भी छोटा अथवा बड़ा नहीं होता। बड़ी चीज जितनी उपयोगी है, छोटी चीज भी उतने ही काम की है। बड़ी-बड़ी मशीनों के कल-पूजों को जोड़नेवाले नट-बोल्ट छोटे-छोटे ही होते हैं। सोना अगर कीमती धातु है, तो लोहा मजबूत और रोजाना काम आने वाली धातु है।

जरा सोचो ….. चर्चा करो

यदि खनिज तेल का खजाना समाप्त हो जाए तो…
Answer:
यदि खनिज तेल का खजाना समाप्त हो जाए, तो यातायात व्यवस्था ठप हो जाएगी। खनिज तेल से पेट्रोल, डीजल, मिट्टी का तेल, कुकिंग गैस, वैसलीन आदि बनते हैं। खनिज तेल के समाप्त होने से सड़कों पर गिाड़याँ नहीं दौड़ पाएँगी। हम यात्रा नहीं कर पाएँगे। रोज-रोज पैदल चलना कठिन काम होगा। ट्रक न चलने से घरों, दूकानों, बाजारों तक सामान नहीं पहुँच पाएगा। हम भूखे-प्यासे रह जाएँगे। एलपीजी गैस जिससे खाना बनाया जाता है, उसके बिना घरों में खाना नहीं बन पाएगा। खनिज तेल कई दवाइयों के निर्माण में काम आते हैं। इनके बिना दवाइयाँ भी नहीं बन पाएँगी। इस तरह खनिज तेल समाप्त हो जाने पर पूरी दुनिया का काम-काज रुक जाएगा।

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

अध्याय

सही या गलत बताओ।

सोना और लोहा प्रश्न उत्तर Question 1.
युद्ध में लोहे के अस्त्र – शस्त्र काम देते हैं।
Answer:
सही

Sona Aur Loha Question Answer Question 2.
रोटियाँ भी सोने के तवे पर सेंकी जाती हैं। ङ्के
Answer:
गलत

Class 6th Hindi Sona Aur Loha Question 3.
श्रम में ही जीवन की सफलता है।
Answer:
सही

Sona Aur Loha 6 Standard Question 4.
जो काम करेंगे, उन्हीं का अब सम्मान नहीं होगा।
Answer:
गलत

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

Sona Aur Loha Hindi Question 5.
आराम हराम है।
Answer:
सही

सोना और लोहा हिंदी पाठ Question 6.
हमें घमंड करना चाहिए।
Answer:
गलत

खोजबीन:

रुपयों (नोट) पर लिखी कीमत कितनी और किन भाषाओं में अंकित है, बताओ।
Answer:
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 4

स्वयं अध्ययन:

सदगुणों को आत्मसात करने के लिए क्या करोगे, इसपर आपस में चर्चा करो।
Answer:
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 5

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

व्याकरण

निम्नलिखित शब्दों का रोमन लिपि में लिप्यंतरण करो।
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 6
Answer:
i. Dhanush
ii. Mahal
iii. Kursi
iv. Barish
v. Katahal
vi. Khidki
vii. Hathi
viii. Nevala

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

निम्नलिखित कारकों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो।

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 7
Answer:
Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 साेना और लोहा 8

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

Hindi Sulabhbharti Class 6 Solutions Chapter 4 साेना और लोहा Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित शब्दों में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

(रक्षा, मूल्य, सेवा, आराम, लद)

6th Standard Hindi Lesson Sona Aur Loha  Question 1.
राजाओं के दिन ……………… गए।
Answer:
लद

Sona Or Loha 6 Standard Question 2.
तेरी ……………… का भार मुझ पर है।
Answer:
रक्षा

Question 3.
मैं तो ……………… से रहना चाहता हूँ।
Answer:
आराम

Question 4.
रुपयों में किसी वस्तु का ……………… लगाना व्यर्थ
Answer:
मूल्य

Question 5.
गरीबों की ……………… करने में मुझे सुख मिलता है।
Answer:
सेवा

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

निम्नलिखित बाक्य सही हैं या गलत लिखिए:

Question 1.
युद्ध में लोहे के अस्त्र – शस्त्र काम देते हैं।
Answer:
सही

Question 2.
रोटियाँ भी सोने के तवे पर सेंकी जाती हैं।
Answer:
गलत

Question 3.
श्रम में ही जीवन की सफलता है।
Answer:
सही

Question 4.
जो काम करेंगे, उन्हीं का अब सम्मान नहीं होगा।
Answer:
गलत

Question 5.
आराम हराम है।
Answer:
सही

Question 6.
हमें घमंड करना चाहिए।
Answer:
गलत

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में लिखिए:

Question 1.
सोना किन लोगों का लाड़ला है?
Answer:
राजाओं और धनिकों का।

Question 2.
अब किन लोगों के दिन आए हैं?
Answer:
श्रमिकों के।

Question 3.
लोहा किन लोगों का प्यारा है?
Answer:
किसानों और मजदूरों का।

Question 4.
लोहा किसकी रक्षा करता है?
Answer:
सोने की।

Question 5.
सोने का रंग कैसा है?
Answer:
पीला।

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

निम्नलिखित वाक्य किसने, किससे कहे?

Question 1.
संसार में मैं सबसे सुंदर हूँ।
Answer:
सोने ने लोहे से कहा।

Question 2.
अच्छा, तू राजा और मैं नौकर?
Answer:
लोहे ने सोने से कहा।

Question 3.
अरे, लोहे से कैसे पेट भरता है।
Answer:
सोने ने लोहे से कहा।

Question 4.
मुझसे तो मेहनत नहीं होती।
Answer:
सोने ने लोहे से का।

Question 5.
छोड़ दूँगा भैया, मगर मेरी रक्षा करना।
Answer:
सोने ने लोहे से कहा।

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक वाक्य में लिखिए:

Question 1.
सबको किसकी चाह होती है।
Answer:
सबको सोने की चाह होती है।

Question 2.
राजा की रक्षा कौन करते हैं?
Answer:
राजा की रक्षा उसके नौकर – चाकर करते हैं

Question 3.
रोटियाँ किस पर सेकी जाती है।
Answer:
रोटियाँ लोहे के तवे पर सेंकी जाती है।

Question 4.
जीवन की सफलता किसमें होती है?
Answer:
जीवन की सफलता श्रम करने में होती है।
Question 5.
लोहे ने सोने को कौन-सा वचन दिया?
Answer:
लोहे ने सोने को उसकी रक्षा करने का वचन दिया।

Maharashtra Board Class 6 Hindi Solutions Chapter 4 सोना और लोहा

व्याकरण और भाषाभ्यास

निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए:

  1. राजा
  2. रात
  3. श्रम
  4. नौकर
  5. मकान

Answer:

  1. नृप, नरेश
  2. रात्रि, निशा
  3. कष्ट, मेहनत
  4. सेवक, चाकर
  5. घर, गृह

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निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी लिखिए:

  1. राजा
  2. दिन
  3. भीतर
  4. गुण
  5. भला

Answer:

  1. रंक
  2. रात
  3. बाहर
  4. दोष
  5. बुरा

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निम्नलिखित वाक्यों में कारक को रेखांकित करके उनके भेद लिखिए:

Question 1.
मेरे एक चाँटे से तेरा रूप बदल जाएगा।
Answer:
से – करण कारक

Question 2.
राजा की रक्षा उसके नौकर – चाकर करते हैं।
Answer:
की – संबंध कारक

Question 3.
तू तिजोरी से बाहर क्यों आया?
Answer:
से – अपादान कारक

Question 4.
कोई बड़ा काम करना हो, लोहे के बिना हो ही नहीं सकता।
Answer:
के – संबंध कारक

Question 5.
श्रम में ही जीवन की सफलता है।
Answer:
Answer:
में – अधिकरण

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 निसर्ग वैभव Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 निसर्ग वैभव Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
निम्न शब्द पढ़िए। शब्द पढ़ने के बाद जो भाव आपके मन में आते हैं वे कक्षा में सुनाइए।

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कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
किसी कार्यालय में नौकरी पाने हेतु साक्षात्कार देने वाले और लेने वाले व्यक्तियों के बीच होने वाला संवाद लिखिए।
उत्तर:

  • उम्मीदवार – नमस्ते श्रीमान।
  • अधिकारी – नमस्ते। आइए बैठिए।
  • उम्मीदवार – जो शुक्रिया।
  • अधिकारी – आपका नाम?
  • उम्मीदवार – श्री राजेश तिवारी
  • अधिकारी – आप अपने कार्य अनुभव के बारे में बताइए।
  • उम्मीदवार – इस समय मैं वेद कंपनी में क्लर्क के पद पर काम कर रह्य हूँ। इस पद पर काम करते हुए मुझे तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं। इस प्रकार मेरे पास तीन वर्ष का अनुभव है।
  • अधिकारी – क्या आप बता सकते हैं कि एक आदर्श कर्मचारी की कौन-कौन-सी विशेषताएँ होती हैं?
  • उम्मीदवार – एक आदर्श कर्मचारी के पास अपने काम के प्रति निष्ठा लगन एवं मेहनत से काम करने का जज्बा होता है।
  • अधिकारी – यदि हम आपको कंपनी में क्लर्क के पद पर नियुक्त करेंगे तो आप किस प्रकार स्वयं को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित कर सकेंगे?
  • उम्मीदवार – मैं अपनी पूरी लगन एवं ईमानदारी से अपने कार्य को पूर्ण करूंगा। कंपनी के प्रत्येक कार्य को मैं बड़े चाव के साथ पूरा करने का प्रयास करूंगा। इस प्रकार मैं अपनी मेहनत से अपने आप को अन्य कर्मचारियों से श्रेष्ठ साबित करने का प्रयास करूंगा।
  • अधिकारी – ठीक है। धन्यवाद!
  • उम्मीदवार – धन्यबाद ! श्रीमान महोदय।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
संजाल
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 1
उत्तर:
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प्रश्न ख.
कविता की पंक्तियों को उचित क्रमानुसार लिखकर प्रवाह तत्जा पूर्ण कीजिए।
1. परिचित मरकत आँगन में
2. अभिशापित हो उसका जीवन?
3. अनिल स्पर्श से पुलकित तृणदल
4. निश्चल तरंग-सी स्तंभित
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 3
उत्तर:

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 4

2. कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता द्वारा प्राप्त संदेश लिखिए।
उत्तरः
प्रस्तुत कविता के माध्यम से कवि ने मनुष्य के हृदय में प्रकृति प्रेम उत्पन्न करने का प्रयास किया है। प्रकृति में चारों ओर सौंदर्य भरा पड़ा है और उस सौंदर्य की अनुभूति कराने के लिए मनुष्य को प्रकृति की ओर जाना चाहिए। मनुष्य को प्रकृति से हमेशा खुश एवं प्रसन्न रहने की प्रेरणा लेनी चाहिए। मनुष्य को एक-दूसरे से नफरत नहीं करनी चाहिए। उसे अपने मन से क्षुद्र भावों को त्यागकर प्रकृति की भाँति विशाल हृदय रखना चाहिए। मानव के मन से वैश्विक प्रेम व परोपकार की भावना साकार करना ही इस कविता का उद्देश्य है।

3. कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए। 

प्रश्न 1.
कविता के तृतीय चरण का भावार्थ सरल हिंदी में लिखिए।
उत्तर:
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लूटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अत: कवि मनुष्य को कहता है कि, उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। उसे मानव प्रकृति का पुन: संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुज ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

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श्रवणीय :

प्रश्न 1.
नीरज जी द्वारा लिखित कोई कविता यू ट्यूब पर सुनिए और उसके केंद्रीय भाव पर चर्चा कीजिए।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
निम्नलिखित मुहावरे या कहावतों में से अनुपयुक्त शब्द काटकर उपयुक्त शब्द लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 5
उत्तर:

  1. टोपी पहनाना।
  2. नजर बंद करना।
  3. आटा गीला होना।
  4. आँख की किरकिरी होना।
  5. आसमान सर पर उठाना।
  6. आग-पानी का बैर।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 निसर्ग वैभव Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव 9

प्रश्न 3.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आपका देखा हुआ प्राकृतिक स्थल’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
प्राकृतिक स्थल पर घूमने जाने का मला ही कुछ और है। मैंने कौसानी की यात्रा की थी। कौसानी उत्तराखंड में स्थित एक प्राकृतिक स्थल है। चारों ओर हरियाली व सघन वृक्षों को देखकर मानव मन प्रफुल्लित हो जाता है। रंग-बिरंगे फूल और आस-पास मैंडराने वाले भौरे देखकर बहुत प्रसन्नता होती है। कोहरा हट जाने पर कौसानी से हिमालय के दर्शन होते हैं। श्वेत बर्फ की राशि देखकर मानव मन बाग-बाग हो जाता है। सचमुच धरती पर अगर कहीं स्वर्ग है तो बस वह कौसानी में ही है।

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
प्रस्तुत पद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि
जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
i. साँझ
ii. नीले
उत्तर:
i. पर्वतों की घाटियों में कौन छिप जाती है?
ii. छाया कौन-से रंग की है?

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘प्रकृति अपने अनंत हाथों से मनुष्य पर उपार करती आ रही है।’ इस कथन की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रकृति साक्षात ईश्वर का दूसरा रूप है। प्रकृति मानव पर उपकार करती आ रही है। नदी, तालाब, सागर, पेड, फूल-फल, जंगल, पहाड़, पवन, सूर्य की किरण ये सब प्रकृति के अंश हैं। इनके माध्यम से प्रकृति ने मनुष्य को बहुत कुछ दिया है और दे रही है। मनुष्य को जीवन जीने के लिए अन्न, पानी एवं अन्य मूलभूत वस्तुएँ प्रकृति से ही मिलती है। मनुष्य को साँस लेने के लिए जिस प्राणवायु की जरूरत होती है वह भी प्रकृति से ही प्राप्त होती है। आयुर्वेदिक दवाएँ प्रकृति से मिलती हैं। अतः प्रकृति अपने अनंत ह्यथों से मनुष्य पर उपकार करती आ रही है। यह विधान पूर्णत: सत्य है।

(ग) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं।
ii. गिलहरियाँ फूलों को कुतरना शुरू कर देती है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पर्वतीय जीवन में अनोखा व अद्भुत आनंद भरा होता है।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
पर्वतीय प्रदेश सभी को अच्छे लगते हैं। सभी पर्वतीय प्रदेशों की यात्रा करना पसंद करते हैं। पर्वतीय प्रदेशों का आरोह व अवरोहण करना सभी को भाता है। पर्वतीय प्रदेश में चारों ओर हरियाली होती है। बड़े-बड़े वृक्ष एवं उन पर कलरव करने वाले पक्षियों को देखकर हमारे आँखों की तृप्ति हो जाती है। पर्वतीय प्रदेशों में बहने वाली हवा शीतल होती है। वह मानव के मन में अद्भुत प्रेरणा निर्माण करती है। पर्वतीय प्रदेश मानव हृदय को उमंग, ताजगी व उल्लास से भर देते हैं। अत: पर्वतीय जीवन में अनोखा व अदभुत आनंद भरा होता है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, आज मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है। विज्ञान एवं तकनीकी के इस युग में मानव ने भले ही आसमान को छू लिया है। फिर भी प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर उसने धरती को सौदर्यहीन कर दिया है। मानव ईया, दवेष, जलन, नफरत एवं अहंकार के कारण इतना स्वार्थी हो गया है कि वह प्रकृति के एहसान को भी भूल गया है। अपना स्वार्थ पूर्ण करने के लिए मानव एक-दूसरे का लहू बहाने से भी पीछे नहीं हटता है। अपनी इच्छाएं पूर्ण न होने के कारण वह हृदय से विषण्ण एवं दुखी हो जाता है। प्रकृति में सर्वत्र सौदर्य बिखरा हुआ है। इस तथ्य को भी वह भूल जाता है। अत: स्पष्ट है कि मानव प्रकृति से दूर चला जा रहा है।

निसर्ग वैभव Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : सुमित्रानंदन पंत का जन्म २0 मई 1900 को कौसानी उत्तराखंड में हुआ था। आप प्रकृति के सुकुमार कवि थे। आप छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। आपको प्रकृति ने ही कविता लिखने की प्रेरणा दी थी। आपको साहित्य के सर्वश्रेष्ठ ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रमुख कृतियाँ : काव्य संग्रह – ‘वीणा’, ‘गुंजन’, ‘पल्लव’, ‘ग्राम्या’, ‘चिदंबरा’, ‘कला और बूढ़ा चाँद’ आदि, उपन्यास – ‘हार’.
आत्मकथात्मक संस्मरण – ‘साठ वर्ष : एक रेखांकन’

पद्य-परिचय :

कविता : भावों का आविष्कार कराने वाली, हृदय में आनंद की अनुभूति निर्माण कराने वाली एवं रस का साक्षात्कार कराने वाली साहित्य की विधा ‘कविता’ कहलाती है। कविता मनुष्य के भावों की सहज अभिव्यक्ति है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता में महाकवि पंत जी ने प्राकृतिक सुषमा का बड़ा ही मनोहारी एवं अद्भुत वर्णन किया है। प्रकृति के प्रत्येक अंश में सौंदर्य भरा पड़ा है। उस अनुभूति का एहसास मनुष्य को तभी होगा जब वह प्रकृति की ओर आकर्षित होगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

सारांश :

प्रस्तुत कविता प्राकृतिक सौंदर्य के प्रति मनुष्य के मन में आकर्षण निर्माण करती है। प्रकृति में ही ईश्वर का अंश विराजमान है, इस तथ्य को साकार करने वाली यह रचना है। महाकवि पंत जी प्रकृति के पुजारी थे। उन्होंने इस कविता के द्वारा प्रकृतिरम्य अनुभूति का साक्षात्कार तो करवाया ही है साथ में प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते समय आध्यात्मिकता की ओर पाठकों का ध्यान खींचकर उन्हें दुख, दर्द, व्यथा, नैराश्य एवं विषण्णता आदि पर विचार करने के लिए भी विवश कर दिया है।

प्रकृति के कण-कण में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है। देखा जाए तो प्रकृति जड जग का अंश है और मानव जीवन तो चेतन जग का रूप है। फिर भी मानव जीवन में सर्वत्र विषण्णता छायी हुई है। ऐसा क्यों? मनुज को ही स्वयं इसका उत्तर ढूँढ़ने के लिए कवि ने विवश कर दिया है। इसीलिए यह कविता छायावाद का एक अनुपम उदाहरण है।

भावार्थ :

कितनी सुंदरता बिखरी ………………. वन प्रिय कोयल!
पंत जी प्रकृति के सुकुमार कवि थे। वे जानते हैं कि प्रकृति जगत में सौंदर्य बिखेरने वाला ईश्वर ही है। अतः कवि ईश्वर को संबोधित करते हुए कहते हैं, “हे ईश्वर ! प्राकृतिक जगत में सुंदरता बिखरी हुई है। पहाड़ों की चोटियों पर फैली सूरज की धूप घाटी की ओर लोट रही है और उसके डाँव में स्वयं को चुपचाप लिपटाए हुई है। धूप और छाँव का मानो मिलन हो रहा है। “हवा सर्वत्र बह रही है। उसके स्पर्श से हरी घास पुलकित यानी रोमांचित हो गई है। नदी मधुर संगीत का गान करती हुई स्वच्छंद बह रही है। प्रतिदिन प्रकृति की अनुपम शोभा का आनंद वन-भू उठा रही है।”

“चारों ओर लाल रंग के फूल खिले हुए हैं। फूलों का लाल रंग ज्वालाओं का निर्माण कर रहा है। उन्हें देखकर मनुष्य के आँखों की तृप्ति होती है यानी मनुष्य के आँखों को ठंडक मिलती है। भौरे भी अपने दल के साथ आकर गुंजन कर रहे हैं। वे फूलों की कलियों पर बैठकर अपने होंठों से मधु पान कर रहे हैं। लाल रंग के फूलों ने तितलियों को भी अपनी ओर आकर्षित कर लिया है। वे भी फूलों पर मंडरा रही हैं। ऐसे में दूर किसी पेड़ की पत्तियों की छाँव में बैठकर वन प्रिय कोयल रुक-रुककर अपना गीत गा रही है।”

लेटी नीली ………………. कर संध्यावंदन!
कवि पंत प्रकृति की सुषमा का वर्णन करते हुए कहते हैं, “आसमान में सर्वत्र नीले रंग के बादल दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण नीले रंग की छाया दिखलाई पड़ती है। इस नीले रंग की छाया ने सूर्य के किरणों को अपने आप में समा लिया है। सूर्य के किरणों का सुनहरा रंग नीली छाया के साथ एकाकार हो गया है। इस विहंगम दृश्य को देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि नीले व सुनहरे रंग का आवरण निश्चल तरंग की तरह आसमान में निर्माण हुआ है।

ऐसे में सवेरा होने से पहले सर्वप्रथम सुनहरी किरण सर्वत्र छा जाती है। मानो उसका अभिनंदन करने के लिए ऊषा तैयार हो जाती है। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए साँझ भी उत्सुक रहती है। इसीलिए वह वहीं आकर छिप जाती है। ऐसा प्रतीत होता है कि ऊषा निर्जन वन में संध्या को भी वंदन करती है।”

अपलक तारापथ ………………. मरकत आँगन में!
कवि पंत कहते हैं, “संध्या के बाद रात्रि का समय शुरू हो जाता है। आसमान में बिना पलक झपकाए असंख्य तारे दिखाई देने लगते हैं। उनके साथ चंद्रमा भी आसमान में आ जाता है। उस पूर्ण रूप में आसमान में बहुत की सुंदर तारे दिखलाई देने लगते हैं। ऐसा लगता है मानो वह एक दर्पण ही हो जिसमें असंख्य तारे अपने आप को निहार रहे हों। रात्रि के समय पर्वतों पर बहने वाली हवा भी पर्वतों के कंधों पर सो जाती है। पर्वतों पर दिखाई देने वाली यह प्राकृतिक सुषमा सभी को सम्मोहित कर देती है।

सचमुच पर्वत जीवन में अद्भुत एवं अनोखा विस्मय भरा पड़ा हुआ है। रात्रि के पश्चात फिर से सवेरा हो जाता है। पक्षी फल चखना शुरू कर देते हैं। गिलहरियाँ नए पत्तों को कुतरना शुरू कर देती हैं। धरती रूपी रत्न पर सभी वन-पशु प्रसन्न दिखाई देने लगते हैं।”

स्वाभाविक ………………. मानव मन निश्चित!
पर्वत जीवन पर बिखरी हुई प्राकृतिक सुषमा का आनंद लुटते समय कवि को सहज ही एक बात याद आ जाती है। वह यह कि जड़ जीवन में यानी प्रकृति में अपार सौंदर्य भरा पड़ा है पर मानव जीवन में दुख का भाव क्यों है? उसका मन विषण्णता से भरा क्यों पड़ा है? अतः कवि मनुष्य से कहते हैं कि उसे प्रकृति से सीख लेनी चाहिए। मनुष्य को प्रकृति का संश्लेषण-विश्लेषण करना चाहिए। देखा जाए तो मनुष्य ईश्वर का प्रतिनिधि है फिर भी उसका जीवन अभिशापित है। शायद इसलिए कि उसे क्षुद्र अहंकार रूपी भावना ने दिन-रात घेरा हुआ है। इसी कारण वह विश्व चेतना से दूर चला गया है और वह अकेला पड़ गया है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 निसर्ग वैभव

शब्दार्थ :

  1. श्लक्ष्ण – मधुर
  2. अनिल – पवन
  3. अहरह – प्रतिदिन
  4. मुकुल – कली
  5. मँझधार – बीचोबीच, लहरों के बीच
  6. शैल – पर्वत
  7. समीरण – पवन
  8. मरकत – पन्ना (एक रत्न)
  9. निर्जन – वीरान
  10. अपलक – बिना पलक झपकाए
  11. वैचित्र्य – अनोखापन
  12. गिरि शिखर – पहाड़ों की चोटियाँ
  13. वन-भू – जंगल या कानन
  14. शीतल – ठंड
  15. ऊषा – सुबह होने से पूर्व आसमान में सूर्य की लाल आभा फैल जाती है वह समय
  16. खग – पक्षी
  17. जड़ जग – सृष्टि
  18. चेतन जग – संसार
  19. विषण्ण – व्यथित या निराश

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Balbharti Maharashtra State Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Class 7 English Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree Textbook Questions and Answers

1. From the poem, find the old word used for each of the following.

Question a.
towards, here, does
Answer:
hither, hither, doth

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

2. Write in your own words.

Question a.
Who does the poet invite to join him?
Answer:
The poet invites all those people who love nature and are ready to shun their ambitions and appreciate life in nature, to join him.

Question b.
How should that person sing?
Answer:
That person should sing happily just like a free bird.

Question c.
What message does the poem convey?
Answer:
The message conveyed through this poem is that if one wants to live a peaceful life without tensions, enemies and problems, he should spend his life in nature, wherein he would be happy and relaxed. He should forget all his desires and rejoice in the glory of nature like a free bird.

3. Pick out the lines that mean.

Question a.
Sing in such a manner
Answer:
turn his merry note

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Question b.
One who wishes to join me
Answer:
who loves to lie with me

Question c.
Who gives up his desire for wealth, power, fame, etc.
Answer:
who doth ambition shun

Question d.
Life in the forest is free from ill-wishers.
Answer:
here shall he see no enemy

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Question e.
Happy to eat whatever he can get.
Answer:
seeking the food he eats, and pleased with what he gets

4. Find from the Internet and write down.

Question a.
In which century did William Shakespeare write his famous plays ?
Answer:
William Shakespeare wrote his plays in the late sixteenth and early seventeenth century.

Question b.
From which play is this song extracted ?
Answer:
This song is extracted from William Shakespeare’s comedy play ‘As You Like It’.

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Question c.
Which character from the play sings this song?
Answer:
The song is sung by ‘Amiens’, a loyal courtier of Duke Senior.

5. Be a poet. Try to complete the following poem with words that rhyme with each other.

Question a.
Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree
Answer:
I’d love to live a life that’s free,
Relax under a shady tree,
And fall into a dreamy sleep,
With no strict hours, forced to keep And sing aloud a merry song,
Untrodden paths, as I walk along.
You ask me what I’d get to eat?
Fruits and nuts and berries sweet You ask me with whom I’d get to play Birds and animals, happy and gay And if a woodcutter put a chop Firmly, I would put a stop So that’s the life I’d like too to lead Free from worries, free from greed

Class 7 English Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree Additional Important Questions and Answers

Reading Skills and Poetic Device.

Simple Factual Questions:

Under The Greenwood Tree Poem Questions Answers  Question 1.
State whether the following statement true or false.
1. The only enemy in the forest would be the winter and rough weather.
2. People who do not persue their ambition would be happy to live in nature.
Answer:
1. True
2. True.

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Poetic Device.

Under The Greenwood Tree Poem Question Answers Class 7 Question 1.
Pick out the rhyming words from the poem.
Answer:

  1. tree – me
  2. note – throat
  3. see – enemy
  4. hither – weather

Under The Greenwood Tree Question Answers Question 2.
Give the rhyme scheme for the 1st four lines.
Answer:
Tire rhyme scheme for the 1st four lines is aabb.

Under The Greenwood Tree Poem Question Answers Question 3.
Come hither, come hither. (Name the figure of speech of the above line)
Answer:
Tire figure of speech is Repetition. The words ‘come hither’ has been repeated for better poetic effect.

Do as directed.

4.1 Under The Greenwood Tree Question 1.
Give the rhyme scheme for the last four lines.
Answer:
The rhyme scheme for the last four lines is abba.

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Under The Greenwood Tree Question Answer Question 2.
Who doth ambition shun. (Name the figure of speech)
Answer:
Inversion – The words are not in proper order for better poetic effect. The proper order is ‘Who doth shun ambition’.

Under The Greenwood Tree Poem Question 3.
Here shall he see No enemy. (Figure of speech)
Answer:
Inversion – The words are not in proper order. The proper order is ‘Here he shall see no enemy’.

Under the Greenwood Tree Summary in English

Through the poem Shakespeare invites people to join him in enjoying the merry singing of the birds in the trees. There are no enemies there to be disturbed about except the vagaries of extreme cold and rough weather. They can be happy eating what they get enjoying the sunshine and giving up lofty ambitions.

Introduction:

This poem has been taken from William Shakespeare’s play ‘As you like it.’ Amiens, a courtier sings the song ‘under the Greenwood Tree’ in the play.

Maharashtra Board Class 7 English Solutions Chapter 4.1 Under the Greenwood Tree

Glossary:

  1. greenwood (n) – forest filled with trees full of green leaves
  2. merry (adj) – jolly and full of high spirits
  3. note (n) – a musical sound; a tone (musical)
  4. hither (adv) – come here; over here
  5. ambition (n) – desire to achieve something
  6. shun (v) – to avoid
  7. seeking (v) – searching; looking for
  8. pleased (adj) – happy; content

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 मेरे पिता जी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 9 मेरे पिता जी Textbook Questions and Answers

1. निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कारण लिखिए।

प्रश्न (क)
विमान के प्रति लेखक का आकर्षित होना-
उत्तर:
दो विमान लेखक को अपनी ओर बार-बार खींच रहे थे। मानो वे उसे सीमाओं के परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी दे रहे थे और मानो वे उसके सपनों को पंख लगा रहे थे।

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प्रश्न (ख)
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना –
उत्तर:
लेखक का एयरोनॉटिकल इंजिनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुनना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति वे आकर्षित थे।

पहली बार मैंने एम. आई. टी. में निकट से विमान देखा था, जहाँ विद्यार्थियों को विभिन्न सब- सिस्टम दिखाने के लिए दो विमान रखे थे। उनके प्रति मेरे मन में विशेष आकर्षण था। वे मुझे बार – बार अपनी ओर खींचते थे। मुझे वे सीमाओं से परे मनुष्य की सोचने की शक्ति की जानकारी देते थे तथा मेरे सपनों को पंख लगाते थे। मैंने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को अपना अध्ययन क्षेत्र चुना क्योंकि उड़ान भरने के प्रति मैं आकर्षित था। वर्षों से उड़ने की अभिलाषा मेरे मन में पलती रही। मेरा सबसे प्यारा सपना यही था कि सुदूर आकाश में ऊँची और ऊँची उड़ान भरती मशीन को हैंडल किया जाए।

2. स्वमत –

3. ‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।

प्रश्न 1.
‘मेरी अभिलाषा’ विषय पर छह से आठ पंक्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
जिंदगी सिर्फ चार दिन की होती है। छोटी-सी इस जिंदगी में सभी को आसमान में उड़ाने की चाह होती है। यानी सभी को अपनी-अपनी अभिलाषा होती है। मेरी भी अपनी एक अभिलाषा है। वह है वैज्ञानिक बनने की। मैं वैज्ञानिक बनकर भारत में अनुसंधान का कार्य करना चाहता हूँ। विज्ञान के क्षेत्र में भारत का नाम गर्व से ऊँचा करना चाहता हूँ।

नए-नए अन्वेषण करके मैं सभी का जीवन सुखकर करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर सभी बच्चों के मन में विज्ञान के प्रति प्रेम-आकर्षण निर्माण करना चाहता हूँ। वैज्ञानिक बनकर मानवता के लिए कार्य करने के लिए मैं सदैव तत्पर हूँ। मैं मेरी यह अभिलाषा पूर्ण करने के लिए अथक प्रयास व परिश्रम कर रहा हूँ। मुझे आशा है कि मेरी यह अभिलाषा जरूर पूरी हो जाएगी।

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए

प्रश्न 1.
संजाल:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 2

2. ‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भाषा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है। भाषा से ही व्यक्ति का विकास होता है। बिना भाषिक ज्ञान से व्यक्ति जीवन में आगे नहीं बढ़ सकता है। बहुभाषी होना तो सोने पे सुहागा जैसी ही बात है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति के ज्ञान की कक्षाएँ फैल जाती हैं। वह एक भाषा के साथ दूसरी भाषा के भाव व विचार संकलित करता है।

अन्य भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति को अन्य प्रांतों में भी सम्मान की भावना मिल जाती है। अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान होने से व्यक्ति की विचार करने की क्षमता में भी वृद्धि होती है। ऐसा व्यक्ति भाषण या लेखन करते समय अन्य भाषाओं में प्रचलित संदर्भ या उदाहरणों को आसानी से प्रयोग कर सकता है। इसीलिए अपना व्यक्तित्व समृद्ध करने के लिए अलग-अलग भाषाओं का ज्ञान उपयुक्त होता है।

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पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।

  1. जूता
  2. पाजामा
  3. अचकन
  4. टोपी

उत्तरः

  1. काला
  2. ढीला
  3. लंबी व इकहरी
  4. दुपल्ली

प्रश्न (ख)
‘संयुक्त परिवार’ संबंधी अपने विचार लगभग छह से आठ पंक्तियों में लिखिए।
उत्तरः
संयुक्त परिवार प्रणाली भारतीय संस्कृति का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र है। आज के इस परिवर्तनशील युग में संयुक्त परिवार प्रणाली विभक्त होती जा रही है। संयुक्त प्रणाली में सभी मिल-जुलकर रहते थे। संयुक्त परिवार प्रणाली व्यापक एवं विशाल स्वरूप की थी। उसका दृष्टिकोण भी व्यापक था। सदस्यों की संख्या भी अधिक होती थी।

परिवार का मुखिया परिवार का संचालन करता था। चाचा-चाची, माँ-बाप, दादादादी, चचेरे भाई-बहन सभी संयुक्त परिवार में मेल-मिलाप से रहते थे। आज भले ही संयुक्त प्रणाली की जगह विभक्त परिवार प्रणाली आ गई है; फिर भी आज कई परिवार ऐसे हैं जो संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार प्रणाली प्रेम व सहयोग से एक-दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहना सिखाती है।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
विरामचिह्न पढ़िए, समझिए।
उत्तर:
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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 9 मेरे पिता जी Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 5

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर उनके लिए पाठ में प्रयुक्त विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. गुलूबंद
2. लाठी
उत्तर:
1. जाड़ों में लेखक के पिता के गले में क्या पड़ा रहता था?
2. लेखक के पिता ने किसकी तालीम ली थी?

प्रश्न 5.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के गाँव में किसी कारण हिंदू-मुस्लिम दंगा हो गया था।
2. लेखक के पिता दफ्तर से बाहर निकलते समय धोती पर बंद गले का कोट पहनते थे।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 6.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें क्या करना चाहिए? अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
सभी का प्रिय बनने के लिए हमें सभी के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए। अपनी वाणी एवं अपने कर्म से सभी को अपनी ओर आकर्षित करना चाहिए। हमें संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। अपने अच्छे व्यवहार से सभी का दिल जीत लेना चाहिए। हमें मानवीय गुणों का पालन करना चाहिए और अपने प्रत्येक कार्य से दूसरों को प्रेरणा देनी चाहिए।

(ख) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1):आकलन कृति

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी हाथ में डंडा लिए थे।
उत्तर:
आत्मरक्षा के लिए पिता जी हाथ में डंडा रखते थे।

प्रश्न 2.
हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।
उत्तरः
साथ में भाईचारे से रहने के उद्देश्य से हिंदू-मुसलमान को मेल से रहना चाहिए।

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कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से…………….
उत्तर:
(क) न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
(ख) न बंधुत्व समाप्त होगा न भाईचारा खत्म होगा।
(ग) न प्रेम समाप्त होगा न अमन खत्म होगा।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और
(क) उनके मुहल्ले में अशांति बनी रही।
(ख) उनके मुहल्ले में वैमनस्य बढ़ने लगा।
(ग) उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।
उत्तर:
1. हिंदू-मुसलमानों के कटने मरने से न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम खत्म होगा।
2. लेखक के पिता जी का लोगों पर असर हुआ और उनके मुहल्ले में शांति बनी रही।

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘इंसान मेल से रहने के लिए बना है।’ इस कथन से संबंधित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
इंसान ईश्वर की सबसे सुंदर कृति है। इंसानियत इंसान का सबसे बड़ा धर्म है। इस धर्म से बढ़कर अन्य धर्म नहीं है। अतः धर्म के नाम पर एक-दूसरे के साथ लड़ना-झगड़ना उचित नहीं है। मानव जीवन अत्यंत मूल्यवान है। अत: इस जीवन में हमें एक-दूसरे के साथ अच्छे संबंध निर्माण करने चाहिए। जब व्यक्ति एक-दूसरे के साथ मेल से रहेगा तब समाज में शांति, प्रेमभाव, अमन का राज्य निर्माण हो जाएगा। चार दिन की इस जिंदगी में खुश रहने के लिए व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ मेल से रहना चाहिए।

(ग) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य गद्यांश के क्रम के अनुसार लिखिए।

  1. पैदल आते।
  2. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।
  3. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  4. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।

उत्तर:

  1. वे सवेरे तीन बजे उठते।
  2. पैदल आते।
  3. वे ठीक साढ़े छह बजे नहाकर लौटते।
  4. साथ में एक सुराही गंगाजल भी लाते।

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 9

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. मूर्ति
2. मानस
उत्तर:
1. पूजा की कोठरी में क्या नहीं थी?
2. लेखक के पिता किसका नवाहिक पाठ करते थे?

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘छात्र का दैनिक जीवन किस प्रकार का होना चाहिए?’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
छात्र का दैनिक जीवन सुव्यवस्थित होना चाहिए ताकि वह संपूर्ण दिन में अपना प्रत्येक कार्य सुचारू रूप से कर सकें। छात्र को सुबह जल्दी उठकर, नहा-धोकर ईश्वर चिंतन में थोड़ा समय देना चाहिए। पश्चात स्कूल में समय पर पहुँचना चाहिए। स्कूल की पढ़ाई-लिखाई में पूरा ध्यान देकर गृहकार्य भी समय पर करना चाहिए। स्कूल से घर आने के पश्चात कुछ समय खेलकूद के लिए भी देना चाहिए। अपने परिवार एवं मित्र के साथ टहलने के लिए भी समय देना चाहिए। साथ ही अपने निजी शौक के लिए भी छात्र को समय देना चाहिए। रात में सोते समय ईश्वर का ध्यान करना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. लेखक के पिता का स्वर साफ, सप्राण व लयपूर्ण था।
2. लेखक के पिता की आवाज सुरीली थी।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।
उत्तरः
बचपन में लेखक जब रोने लगते थे तब उन्हें खटोले सहित पूजा की कोठरी के सामने रख दिया जाता। वहाँ आने के बाद लेखक का रोना बंद हो जाता था। इसलिए परिवार के अन्य लोग लेखक के पूर्व जन्म के धार्मिक संस्कार की कल्पना करते थे।

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कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘घर व परिवार संस्कार के प्रमुख केंद्र होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
संस्कार पढ़ाए नहीं जाते हैं। वे अपने आप आ जाते हैं। घर व परिवार ही एक ऐसा माहौल है; जिसमें बच्चों का संस्कार निर्माण होता है। यदि घर व परिवार में धार्मिक माहौल है तो बच्चों पर अपने आप धार्मिक संस्कार का निर्माण हो जाता हैं। कोई भी पाठशाला संस्कार नहीं प्रदान कर सकती। वह सिर्फ शिक्षा दे सकती है। सिर्फ घर-परिवार में अच्छा माहौल हो, तो बच्चों में नैतिक संस्कार एवं मानवीय गुण अपने आप आ जाते हैं। बच्चे जन्म से अपने परिवार के संग होते हैं। घर पर मिलने वाली शिक्षादीक्षा एवं घर-परिवार के लोगों के अच्छे आचरण का बच्चों पर प्रभाव पड़ता है। इससे बच्चों में संस्कार पनपने लगते हैं।

(ङ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखक के पिता जी मौन रहकर गीता पढ़ते थे।
उत्तरः
लेखक के पिता जी गीता पर चिंतन करना चाहते थे। इसलिए वे मौन रहकर गीता पढ़ते थे।

प्रश्न 2.
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था।
उत्तर:
लेखक के पिता को संस्कृत उच्चारण से सुख न मिलता था। क्योंकि उन्हें संस्कृत का साधारण ज्ञान था।

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प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
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(च) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को गद्यांश के अनुसार सही क्रम में लिखिए।

  1. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।
  4. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।

उत्तर:

  1. पिता जी रसोई में बैठकर भोजन करते।
  2. पिता जी नौ बजते-बजते दफ्तर के लिए रवाना हो जाते।
  3. भोजन समय पर तैयार न होने पर पिता जी को बहुत गुस्सा आता था।
  4. पिता जी के गुस्सा हो जाने पर माँ काँपने लगती थी।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. पैंतीस
2. पूरियाँ
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी ने कितने वर्षों तक नौकरी की?
2. लेखक की माँ जल्दी-जल्दी क्या बनाती?

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कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं –
उत्तरः
लेखक के पिता के लिए भोजन ले जाने के लिए कोई आदमी न मिलने पर उन्हें दफ्तर में पूरा दिन उपवास करना पड़ता था।
अत: घर की तीनों बूढ़ियाँ लेखक की माँ पर चिल्लाती थीं।

प्रश्न 2.
घर की तीनों बूढ़ियों को भूखा रहना पड़ता था –
उत्तर:
लेखक के पिता को पूरा दिन भूखा रहने के कारण लेखक की माँ भी भूखी ही रह जाती थी। अत: माँ के भूखे रहने के कारण घर की तीनों बूढ़ियाँ भी भूखी ही रह जाती थीं।

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें समय का पालन करना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
समय का पालन करना, समय के अनुसार काम करना एवं समय पर चलना जीवन में अत्यावश्यक है। यदि हम अपने जीवन में समय का पालन करेंगे तो हमारा सारा काम समय पर पूरा हो जाएगा। समय का पालन करने से हम अपने गंतव्य स्थान पर ठीक समय से पहुँच जाएँगे। हमें देरी नहीं होगी। समय का पालन करने से हमारे अंदर अनुशासन बढ़ेगा। समाज में हमें अपने आप प्रतिष्ठा एवं सम्मान प्राप्त हो जाएगा। समय का पालन करने से व्यक्ति स्वावलंबी बनेगा। इसीलिए हमें समय का पालन करना चाहिए।

(छ) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. पिता जी का दफ्तर से लौटने का कोई निश्चित समय नहीं था।
2. पिता जी पूरे दिन में लगभग चालीस मील चला करते थे।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीन
2. गंगा
उत्तर:
1. लेखक के पिता जी सुबह कितने बजे उठते थे?
2. लेखक के पिता सुबह स्नान करने के लिए कहाँ जाते थे?

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2): स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।’ इस कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
गंगा नदी भारत की प्रमुख एवं पुरातन नदी है। इस नदी से भारतीयों की श्रद्धा एवं आस्था जुड़ी हुई है। पुराणों में गंगा नदी का वर्णन आया हुआ है। भगीरथ ने अथक परिश्रम कर गंगा को धरती पर लाया था। लोगों के पापों का नाश करने वाली व सभी के दुखों का हरण करने वाली गंगा नदी भारतीय संस्कृति की शान है। हमारी धार्मिक एवं सांस्कृतिक आस्थाएँ गंगा नदी से जुड़ी हुई हैं। गंगा नदी के किनारे कई संस्कृतियाँ विकसित हुई हैं। इसीलिए गंगा नदी भारत के धार्मिक एवं सांस्कृतिक विशेषताओं का भंडार है।

(ज) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1): आकलन कृति

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 15

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।
उत्तरः
घर के लोगों को सेंस ऑफ टाइम वक्त का अंदाज देने के लिए पिता जी ने आराम घड़ी खरीदी।

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प्रश्न 2.
लेखक की बड़ी बहन का लड़का घड़ी अपने घर ले गया।
उत्तरः
वह घड़ी उसके नाना लाए थे। इसीलिए नाना की एक निशानी के रूप में वह घड़ी अपने घर ले गया।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी 16

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
आप अपने पिता जी की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मेरे पिता मेरे लिए आदर्श हैं। उनमें वे सारी योग्यताएँ मौजूद हैं जो एक आदर्श पिता के पास होती हैं। पिता जी हमें अनुशासन के प्रति सचेत करते हैं। क्या सही और क्या बुरा इसके बारे में भी सचेत करते हैं। मेरे लिए मेरे पिता जी एक सच्चे दोस्त की तरह हैं। वे प्रेम, दया एवं सहनशीलता के भंडार हैं। उनके पास ज्ञान का अनमोल भंडार है। उनकी बोली में माधुर्य टपकता है। जीवन में आने वाली परिस्थितियों का सामना करने की प्रेरणा मुझे उनसे ही प्राप्त हुई है। जीवन में हर पल यानी सुख-दुख में हमेशा खुश रहना चाहिए यह भी मैंने उनसे ही सीखा है।

मेरे पिता जी (पूरक पठन) Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: हरिवंशराय बच्चन जी का जन्म 27 अगस्त 1907 प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में हुआ था। बच्चन जी हालावाद के प्रवर्तक थे। ये मूलत: कवि के रूप में जाने जाते हैं। इन्होंने आत्मकथा के माध्यम से गद्य की जो एक नई धारा निर्माण की वह प्रशंसनीय है। ‘मधुशाला’ इनकी प्रसिद्ध रचना है जो हर एक आम आदमी के हृदय में विराजमान है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – ‘मधुशाला’, ‘मधुकलश’, ‘निशा निमंत्रण’, ‘एकांत संगीत’, ‘आकुल अंतर’, ‘खादी के फूल’, ‘हलाहल’, ‘धार के इधर उधर’; आत्मकथा के चार खंड – ‘क्या भूलूँ क्या याद करूँ’, ‘नीड़ का निर्माण फिर फिर’, ‘बसेरे से दूर’, ‘दशद्वार से सोपान तक’।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 मेरे पिता जी

गद्य-परिचय:

आत्मकथा: आत्मकथा हिंदी साहित्य में गद्य की एक महत्त्वपूर्ण विधा है। इसमें व्यक्ति अपने जीवन काल में घटी घटनाओं और अपनी
कथा स्मृतियों का वर्णन करता है। आत्मकथा सामान्यत: व्यक्ति अपने जीवन के उत्तर काल में लिखता है। इसमें रोचकता व निष्पक्षता होती है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत आत्मकथा के अंश में लेखक बच्चन जी ने अपने पिता के व्यक्तित्व एवं चरित्र का वर्णन किया है। इसके साथ ही देश काल की परिस्थितियों का भी जिक्र किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ ‘मेरे पिता जी’ आत्मकथा का एक अंश है। प्रस्तुत पाठ में लेखक हरिवंशराय बच्चन जी ने अपने पिता का चित्रण किया है और साथ में यह भी बताया है कि पिता जी द्वारा किए गए संस्कारों का उन पर गहरा प्रभाव पड़ा। लेखक के पिता जी समय के बड़े पाबंद थे। अपनी पैंतीस वर्ष की नौकरी में वे कभी भी दफ्तर देरी से नहीं गए थे। जब लेखक की माँ उनके लिए भोजन देरी से बनाती थीं तो वे गुस्सा हो जाते थे। लेखक की माँ आस-पास में रहने वाले किसी भी आदमी के हाथों से उनके लिए भोजन दफ्तर में भेज देती थीं। जिस दिन भोजन ले जाने के लिए कोई भी नहीं मिलता; उस दिन लेखक के पिता भूखे रह जाते थे।

इसी कारण लेखक की माँ भी भूखी रहती थीं। लेखक के पिता जी को धर्म के नाम पर दंगा फसाद करने वालों के खिलाफ बहुत नफरत थी। उनका कहना था कि इंसान मेल से रहने के लिए बना है। हिंदू या मुसलमानों के मरने से; न हिंदुत्व समाप्त होगा न इस्लाम। लेखक के पिता बहुत धार्मिक थे। वे सुबह जल्दी उठकर गंगा में स्नान करने जाते थे। पूजा-पाठ में विश्वास रखते थे और मानस का नवाहिक पाठ करते थे। लेखक पर अपने पिता जी के रहन-सहन, व्यक्तित्त्व एवं उनके गुणों का बहुत असर हुआ। उन्हीं के आदर्श विचारों के कारण लेखक के व्यक्तित्व को एक नया आयाम प्राप्त हुआ। इसीलिए लेखक ने अपनी आत्मकथा के इस अंश में अपने पिता जी की खूबियों को दर्शाया है।

शब्दार्थ:

  1. नैमित्तिक – निमित्यसंबंधी
  2. विलायत – विदेश
  3. वाकचातुर्य – वाकपटुता, बोलने में चतुराई
  4. अचेतन – चेतनारहित
  5. चलास – चलने का शौक
  6. सहकर्मी – दफ्तर में साथ में काम करने वाला
  7. आत्मरक्षा – स्वयं की रक्षा
  8. सिरफिरा – पागल
  9. वारदात – घटना
  10. नियमबद्ध – नियम के अनुसार
  11. अचरज – आश्चर्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 5 अतीत के पत्र Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 5 अतीत के पत्र Textbook Questions and Answers

पठनीय :

प्रश्न 1.
गांधीजी द्वारा लिखित ‘मेरे सत्य के प्रयोग’ (आत्मकथा)पुस्तक का कोई अंश पढ़िए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
किसी महान विभूति के जीवन संबंधी कोई प्रेरक प्रसंग बताइए।
उत्तर:
(अध्यापक निर्देश : अध्यापक कक्षा में छात्रों को किसी महान विभूति के जीवन संबंधी प्रेरक प्रसंग बताने के लिए छात्रों को प्रेरित करते हैं।)
एक छात्र: मैं बाल गंगाधर तिलक के जीवन से संबंधित एक प्रेरक प्रसंग बताना चाहता हूँ।

अध्यापक: जरूर बताओ। हम सभी सुनने के लिए आतुर हैं।

छात्र: सभी जानते हैं कि बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे। बात उन दिनों की है जब वे स्कूल जाया करते थे। एक दिन की बात है। मध्याह्न खत्म होने के बाद बाल गंगाधर तिलक के शिक्षक कक्षा में आए। उन्होंने कक्षा में देखा कि सर्वत्र मँगफलियों के छिलके फैले हुए हैं। वे विद्यार्थियों पर नाराज हो गए। उनके पूछने पर भी किसी ने भी किसी का नाम नहीं बताया। पश्चात उनका क्रोध बढ़ गया।

उन्होंने सभी विद्यार्थियों को खड़ा कर दिया और सभी को हाथ पर बेत की लकड़ी से मारना शुरू कर दिया। जैसे ही वे बाल के पास आए तब उन्होंने बाल से हाथ आगे करने के लिए कहा। लेकिन बाल ने हाथ आगे नहीं किया। उसने बड़े स्वाभिमान से कहा कि उसने मूंगफलियाँ नहीं खाई हैं। इसलिए वह मार भी नहीं खाएगा। ऐसा कहकर वे कक्षा के बाहर चले गए। ऐसे थे बाल गंगाधर तिलक। अन्याय सहन करना उनके स्वभाव में नहीं था।

अध्यापक: बहुत बढ़िया। बच्चों स्वाभिमान का होना बहुत बड़ी बात है। हमें अपने स्वाभिमान की रक्षा करनी चाहिए।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
गांधी जयंती के अवसर पर एक आकर्षक कार्यक्रम पत्रिका तैयार कीजिए।
उत्तर:
सर्वोदय विद्यालय द्वारा आयोजित

गांधी जयंती

तिथि: 2 अक्टूबर 2017
कार्यक्रम स्थल: सर्वोदय विद्यालय सभागार

कार्यक्रम – सूची

प्रात: 8.00 बजे प्रार्थना
प्रात : 8.30 बजे भाषण : गांधी और आज का भारत
प्रात : 9.00 बजे संगीत गीत गांधी जी के प्रिय भजन
प्रात: 10.00 बजे सूतकताई
प्रात : 11.00 बजे प्रदर्शनी : खादी के वस्त्र एवं स्वदेशी वस्तुएँ
दोपहर: 12.00 बजे स्कूल के छात्रों द्वारा गांधी जी के निकाले गए चित्रों की प्रदर्शनी
दोपहर 12.30 बजे राष्ट्रगान

आशा है कि आप सभी सपरिवार एवं मित्र जनों के साथ कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार
(कार्यक्रम प्रमुख)

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मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
‘मेरे सपनों का भारत’ विषय पर अपने विचार सृजन लिखिए।
उत्तर:
जिस देश में मानवीय गुणों का भंडार है, जिस देश में संस्कृति की पूजा की जाती है; वह है भारत। ऐसे भारत में जन्म लेना किसी भाग्यवान के ही नसीब में होता है। मैं भारतीय हूँ। भारत देश की सेवा एवं उसकी हिफाजत करना मेरा परम कर्तव्य है। साथ ही भारत को प्रगति की ओर ले जाना भी मेरा कर्तव्य है। मैं बड़ा होकर भारत की सेवा करूँगा एवं उसकी प्रगति के लिए भगीरथ प्रयास भी करूंगा। मैंने भारत की प्रगति का सपना देखा है। ऐसे भारत का जिसमें सिर्फ मानवता, दया, प्रेम, शांति, करुणा, वीरता, देशप्रेम ऐसे मानवीय गुणों का खजाना हो। सचमुच मेरे सपनों का भारत आदर्शबादी होगा।

वह सत्य व अहिंसा का पूर्णतः पालन करेगा। मेरे सपनों के देश में सभी ईमानदार होंगे। सर्वत्र शिक्षा का बोलबाला होगा। सभी को समान न्याय एवं अधिकार प्राप्त होगा। मेरे सपनों के भारत में सभी शिक्षा प्राप्त कर भारत के विकास के लिए जुटेंगे। कोई भी अधिक धन पाने हेतु विलायत नहीं जाएगा। मेरे सपनों के भारत में सभी खुशहाल एवं संपन्न होंगे। किसी पर कोई भी अन्याय नहीं करेगा। स्त्रियों को पुरूषों के समान अधिकार मिलेगा। बाल शोषण, स्त्री अत्याचार आदि सभी समस्याएँ नहीं होगी।

मेरे सपनों के भारत में न्याय, समता व बंधुत्व की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मस्तिष्क पर विराजमान होगी। मेरे सपनों का भारत आर्थिक विकास में स्वयंपूर्ण होगा। सभी को रोजगार मिलेगा। मेरे सपनों का भारत भ्रष्टाचार मुक्त होगा। काले धन का नामोनिशान मिट जाएगा। मेरे सपनों के भारत में महंगाई नहीं होगी और आबादी पर नियंत्रण रखने के लिए लोगों की मानसिकता भी तैयार हो जाएगी।

सचमुच मेरे सपनों का भारत महात्मा गांधी जी के द्वारा बताए गए सत्य व अहिंसा के मार्ग पर चलकर विश्व में अपनी पहचान बनाएगा।

मैं हूँ यहाँ :

1 https://hi.wikipedia.org/wiki/ विनोबा भावे
2 https://hi.wikipedia.org/wiki/ महात्मा गांधी

आसपास :

प्रश्न 1.
हमारी ऐतिहासिक स्मृतियाँ जगाने वाले स्थलों की जानकारी प्राप्त कीजिए और उनपर टिप्पणी बनाइए। जैसे – आगाखान पैलेस, पुणे।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
कार्य
स्वास्थ्य सुधार के लिए विनोबा जी द्वारा किए गए कार्य
उत्तरः
कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

प्रश्न ख.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (क) योजना
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) व्रत
3. विनोबा जी का साध्य (ग) संस्था
4. ब्रह्मचर्य (ङ) आश्रम
(च) सत्याग्रह

उत्तरः

(अ) (ब)
1. विद्यार्थी मंडल (ग) संस्था
2. राष्ट्रीय शिक्षा (क) योजना
3. विनोबा जी का साध्य (ङ) आश्रम
4. ब्रह्मचर्य (ख) व्रत

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प्रश्न ग.
अर्थ लिखिए।
i. ‘अपरिग्रह’ शब्द से तात्पर्य है कि …………
ii. ‘रमता राम’ शब्द से तात्पर्य है कि ……….
उत्तर:
i. संग्रह न करना।
ii. एक स्थान पर न टिकने वाला व्यक्ति।

2. ‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। इस पर स्वमत लिखिए।

प्रश्न 1.
प्रत्यय पहचानिए।
i. पारिश्रमिक
ii. ज्ञानेश्वरी
उत्तरः
i. ‘इक’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. व्रत
ii. दूध
उत्तर:
i. संकल्प
ii. क्षौर, दुग्ध

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. पूर्ण दिवस काम करने के बाद पैसों के रूप में मिलने वाला मुआवजा –
ii. आध्यात्मिक विषय पर व्याख्यान –
उत्तर:
i. पारिश्रामिक
ii. प्रवचन

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्गयुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
प्रवचन, प्रवास, प्रयोग

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प्रश्न 5.
शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
i. पहुंचूंगा
ii. नीम्बू
उत्तर:
i. पहुँचूँगा
ii. नींबू

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
अर्थ की दृष्टि से वाक्य परिवर्तित करके लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 2.1

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 5 अतीत के पत्र Additional Important Questions and Answers

(क) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 3

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त एक स्थान
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 4

प्रश्न 3.
सही विकल्प चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए।
i. विनोबा जी आश्रम से बाहर गए थे क्योंकि
(क) उन्हें घूमने का शौक था।
(ख) वे नौकरी करते थे।
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।
उत्तरः
(ग) उनका स्वास्थ्य खराब हो गया था।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 5

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने स्वयं फ्रेंच भाषा का चयन किया था।
ii. हाईस्कूल में पढ़ते समय विनोबा जी को भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
विनोबा जी ने खुद-ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था
उत्तरः
विनोबा जी को गीता से अत्यधिक प्रेम था इसलिए उन्होंने खुद ब-खुद संस्कृत का अभ्यास शुरू कर दिया था।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. घर
ii. पत्र
उत्तर:
i. ठिकाना, घराना, मकान, गृहस्थी
ii. शंख, पत्ता, चिट्ठी, पक्षी के पर

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. विद्वान
ii. पूज्य
उत्तर:
i. विदुषी
ii. पूज्य

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. आज्ञा × ………..
ii. खास × ………..
उत्तर:
i. अवज्ञा
ii. साधारण

प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जीवन भर
ii. ऋषियों के रहने का स्थान
उत्तर:
i. आजन्म
ii. आश्रम

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

प्रश्न 5.
उपसर्ग पहचानिए।
i. उपनिषद
ii. अस्वास्थ्य
उत्तर:
i. ‘उप’ उपसर्ग
ii. ‘अ’ उपसर्ग

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।’ इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
वेदांत, उपनिषद व गीता भारत के प्राचीन एवं धार्मिक ग्रंथ हैं। ये संस्कृत में लिखे गए हैं। ये हिंदू धर्म के सर्वोच्च व सर्वोपरि ग्रंथ हैं। इनमें सभी प्रकार का ज्ञान समाहित है। जिनमें ज्योतिष, गणित, विज्ञान, धर्म, औषधि, प्रकृति, खगोलशास्त्र आदि से संबंधित ज्ञान का भंडार भरा हुआ है। इनमें परमेश्वर, परमात्मा, ब्रह्म व आत्मा से संबंधित वर्णन है। ये ग्रंथ आध्यात्मिक चिंतन से परिपूर्ण हैं। दरअसल ये ग्रंथ हमारी संस्कृति की रीढ़ हैं। इनके बिना भारतीय संस्कृति की व्याख्या नहीं की जा सकती। इसलिए वेदांत, उपनिषद व गीता भारतीय संस्कृति के मूलाधार हैं।

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों –
i. छह
ii. पचास
उत्तर:
i. विनोबा जी ने कितने विद्यार्थियों को अर्थसहित गीता सिखाई?
ii. आज तक विनोबा जी ने गीता पर कितने प्रवचन किए?

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 7

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई।
ii. शुरू-शुरू से ही विनोबा जी का हिंदी पर अधिकार था।
उत्तर :
i. सत्य
ii. असत्य

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प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 8

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है। अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि स्वास्थ्य ही संपत्ति है। यदि शरीर स्वस्थ होगा, तो व्यक्ति का मन भी स्वस्थ रहेगा। तन और मन में गहरा संबंध होता है। आखिर स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का वास होता है। शरीर के स्वस्थ रहने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बीमारी छूती नहीं है। जिस कारण उसे किसी भी प्रकार का कष्ट भी नहीं पहुंचता है। वह हमेशा प्रसन्न रहता है। इस कारण उसका मन भी प्रसन्न रहता है। ऐसे व्यक्ति की शारीरिक एवं मानसिक क्रियाएँ संतुलित रहती हैं और वह अपने शारीरिक एवं मानसिक क्रियाओं को भी अपने वश में रखता है। स्वस्थ शरीर के माध्यम से ही मानसिक विचार एवं भावनाओं में संतुलन निर्माण किया जा सकता है।

(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 9

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी ने अपने मित्रों के साथ बड़ौदा में मातृभाषा के प्रसार के लिए एक संस्था स्थापित की।
ii. विनोबा जी ने बंडी, कोट, टोपी वगैरह पहनने का व्रत लिया।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 10

प्रश्न 2.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. सत्य-अहिंसा-ब्रह्मचर्य
ii. धोती
उत्तर:
i. विनोबा जी ने किस व्रत का पालन किया?
ii. विनोबा जी शरीर पर क्या ओढ़ लेते थे?

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।
i. महीना
ii. प्रयास
उत्तर:
i. मास
ii. प्रयत्न

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प्रश्न 2.
वचन बदलिए।

  1. कटोरी
  2. थाली
  3. कपड़ा
  4. पुस्तकें

उत्तर:

  1. कटोरियाँ
  2. थालियाँ
  3. कपड़े
  4. पुस्तक

प्रश्न 3.
गद्यांश से प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तरः
स्वदेशी × परदेशी

प्रश्न 4.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. वर्ग
उत्तरः
श्रेणी, अध्याय, जाति

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।’ अपना मत व्यक्त कीजिए।
उत्तरः
सत्य व अहिंसा जीवन के तत्त्व हैं। सत्य व अहिंसा की धार तलवार की धार से भी अधिक तेज होती है। सत्य भगवान है और अहिंसा उसे पाने का साधन है। जहाँ सत्य होता है वहीं पर ज्ञान होता है और जहाँ पर अहिंसा होती है; वहाँ पर शांति का साम्राज्य होता है। सत्य सर्वशक्तिमान होता है और अहिंसा अजेय शक्ति होती है।

महात्मा गांधी स्वयं सत्य व अहिंसा के पुजारी थे। उन्होंने सत्य व अहिंसा के माध्यम से ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ एवं ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ किए। इन्हीं तत्त्वों को आधार बनाकर उन्होंने मानव को नव निर्माण की नई राह दिखाई। भारत को आजाद कराने के लिए उन्होंने इन्हीं तत्त्वों की सहायता ली थी। उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि सत्य व अहिंसा की महिमा अपार है।

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(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 11

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आश्रम (क) सत्याग्रह
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ख) साध्य
3. रेल (ग) योजना

उत्तर:

(अ) (ब)
1. आश्रम (ख) साध्य
2. राष्ट्रीय शिक्षा (ग) योजना
3. रेल (क) सत्याग्रह

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. आश्रम
ii. भाकरी
उत्तरः
i. विनोबा जी का साध्य क्या था?
ii. विनोबा जी प्रवास में क्या नहीं बना सकते थे?

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. विनोबा जी गांधी जी को पितृतुल्य मानते थे।
ii. विनोबा जी अन्य किसी सत्याग्रह में सम्मिलित होना नहीं चाहते थे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
उपसर्ग पहचानिए।
i. परिवर्तन
i. आचरण
उत्तर:
i. परि’ उपसर्ग
ii. ‘आ’ उपसर्ग

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. सत्याग्रह
ii. शिक्षा
उत्तर:
i. सत्याग्रह + ई = सत्याग्रही
ii. शिक्षा + इक = शैक्षिक

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प्रश्न 3.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. मेरी इच्छा है आप मुझे पत्र लिखिए
उत्तरः
मेरी इच्छा है, ‘आप, मुझे पत्र लिखिए।’

प्रश्न 4.
विलोम शब्द लिखिए।
i. साध्य × …………….
ii. सवाल × ………….
उत्तर:
i. असाध्य
ii. जबाब

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का प्रमुख आधार था।’ इस पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘सत्याग्रह’ का अर्थ है- सत्य के लिए आग्रह यानी सत्य को सदैव पकड़े रहना या उसके मार्ग पर चलना। हिंसा के बदले में अहिंसा से पेश आना। अन्यायी के प्रति बैर भाव न रखना या कभी क्रोध नहीं करना-ये सत्याग्रह के प्रमुख तत्त्व हैं। सत्याग्रह एक अहिंसक प्रतिकार है परंतु वह निष्क्रिय नहीं। इसी सत्याग्रह को गांधी जी ने अपनाया था।

उन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए समस्त भारतवासियों को सत्याग्रह का मार्ग बतलाया। सभी भारतीयों ने सत्याग्रह का पालन कर स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया। सत्याग्रह ने सभी लोगों में जोश, देशप्रेम, उमंग, उत्साह व उल्लास का वातावरण निर्माण किया था। सत्याग्रह करने वाले सत्याग्रहियों के सामने अंग्रेजों की एक न चली। आखिर उन्हें हार माननी पड़ी।

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 12

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 13

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 14

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 15

प्रश्न 3.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी को पिता का पद प्रेमपूर्वक भेंट के रूप में दिया था।
ii. गांधी जी ने स्वयं को ‘भीम’ कहा है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. पद
ii. भेंट
उत्तर:
i. ओहदा, पैर, शब्द, कविता का चरण
ii. उपहार, मिलन

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. मुंह
ii. उद्गार
उत्तर:
i. मुख
ii. कथन

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प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. जो सत्य के मार्ग पर चलता है –
ii. जो चरित्र से पूर्ण हो –
उत्तर:
i. सत्यवादी
ii. चरित्रवान

प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्ग व प्रत्यय युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।
उत्तरः
उपसर्ग युक्त शब्द – असमर्थ
प्रत्यय युक्त शब्द – चरित्रवान, विशेषता, मान्यता

प्रश्न 5.
‘अपमान करना’ इसके लिए परिच्छेद में प्रयुक्त मुहावरा है।
उत्तर:
निरादार करना।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें।’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
जी हाँ, मै उपर्युक्त कथन से सहमत है। सच्चे पुत्र के पास धैर्य, सहनशीलता, प्रेम, मेहनत करने की लगन आदि मानवीय गुण होते हैं। सच्चा पुत्र अपने पिता से प्राप्त विरासत एवं संपत्ति में वृद्धि करता है। वह अपने कर्तव्य से उसमें चार चाँद लगा देता है। दरअसल उसे स्वयं से कमाए हुए नाम, शोहरत, यश, प्रसिद्धि एवं कीर्ति पर नाज होता है। जैसे कि हरिवंशराय बच्चन जी ने साहित्य के द्वारा संपूर्ण देश में नाम कमाया। लेकिन उनके पुत्र अभिताभ जी ने अपने पिता द्वारा अर्जित श्रेय में वृद्धि कर दिखाई। उन्होंने अपने अभिनय के बल पर संपूर्ण विश्व को आकर्षित कर दिया। आखिर वही सच्चा पुत्र होता है जो पिता के नाम, शोहरत, यश एवं सम्मान को आगे तक बढ़ाएँ।

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(च ) गद्यांश पड़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
i. दिल्ली
ii. खेड़ा
उत्तर:
i. दो-एक दिन में गांधी जी कहाँ जाने वाले थे?
ii. गांधी जी के अनुसार कौन-से जिले में सत्याग्रह शुरू करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 16

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र 17

प्रश्न 2.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
i. गांधी जी ने मामा फड़के को दूध पीने की सलाह दी।
ii. गांधी जी के अनुसार विनोबा ‘बहुत बड़े मनुष्य’ थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
विरामचिह्न का उचित प्रयोग कीजिए।
i. बहुत बड़ा मनुष्य है वह
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो यही मेरी कामना है
उत्तर:
i. “बहुत बड़ा मनुष्य है वह!”
ii. ईश्वर तुम्हें दीर्घायु करें। जीवन में तुम्हारी प्रगति हो और तुम्हारा उपयोग हिंद की उन्नति के लिए हो, यही मेरी कामना है।

प्रश्न 2.
उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. उत्सुक
ii. उपयोग
उत्तर:
i. उत्सुकता
ii. उपयोगी

प्रश्न 3.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
i. एक स्थान पर न टिकने वाला –
उत्तर :
रमता राम

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 अतीत के पत्र

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बापू सभी भारवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
बापू स्वयं एक संस्कृति थे। वे दया, प्रेम, करूणा, मानवता, शांति, सत्य, अहिंसा, सहनशीलता, शालीनता आदि गुणों के भंडार थे। ‘सादा जीवन व उच्च विचार’ यही उनकी जीवन प्रणाली थी। बापू नव संस्कृति के दूत थे। धरती पर मानवीय गुणों की स्थापना करने हेतु ही वे यहाँ पधारे थे। उन्हीं के विचारों एवं कार्यों को अपनाकर समस्त भारतवासियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया था। वे बापू ही थे जिनकी एक आवाज पर लाखों लोग सत्याग्रह करने के लिए निकल पड़ते थे। उन्हीं के मार्ग का अवलंबन करते हुए आज भारत प्रगति कर रहा है। आज भी बापू द्वारा बताए गए मार्ग पर भारत चल रहा है। सचमुच आज भी बापू सभी भारतवासियों के लिए एक प्रेरणास्रोत हैं।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु :

प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा। (पूर्ण भूतकाल)
ii. मैने देशसेवा करने का व्रत लिया था। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
i. उस समय मुझे भागवत गीता के अध्ययन का शौक लगा था।
ii. मैं देशसेवा करने का व्रत लेता हूँ।

प्रश्न 3.
अधोरेखित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. विनोबा जी ने परम पूज्य बापू जी को पत्र लिखा।
ii. वैसे मामा को मैंने एक-दो पत्र लिखे थे।
उत्तर:
i. परम पूज्य – विशेषण – गुणवाचक
ii. मैंने – सर्वनाम – उत्तम पुरुषवाचक

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प्रश्न 4.
संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. नमस्कार
  2. विद्यार्थी
  3. सत्याग्रह
  4. वाचनालय
  5. वार्षिकोत्सव
  6. निरादार
  7. दीर्घायु

उत्तर:

  1. नमः + कार
  2. विद्या + अर्थी
  3. सत्य + आग्रह
  4. वाचन + आलय
  5. वार्षिक + उत्सव
  6. निः + आदर
  7. दीर्ध + आयु

प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. आज तक ऐसे कोई पचास प्रवचन किए।
ii. एक महीना केले, दूध और नींबू पर बिताया।
उत्तर :
i. आज तक – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

प्रश्न 6.
रचना की दृष्टि से वाक्यों के प्रकार पहचानिए।

  1. अंग्रेजी दो विद्यार्थियों को सिखाई और ज्ञानेश्वरी चार विद्यार्थियों को सिखाई।
  2. फिर भी अगर इसे छोड़ा जा सकता हो तो छोड़ देने की मेरी इच्छा है।
  3. राष्ट्रीय शिक्षा की योजना क्या है?
  4. मैं आश्रम का ही हूँ।
  5. जब आप मुझे पत्र लिखेंगे तब मुझे बेहद खुशी होगी।

उत्तर:

  1. संयुक्त वाक्य
  2. मिश्र वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. विधानार्थक वाक्य
  5. संदेशसूचक वाक्य

प्रश्न 7.
काल के प्रकार पहचानिए।
i. मैं तुरंत ही पहुँच जाऊँगा।
ii. आश्रम के नियमों के अनुसार मैं अपना आचरण रखता हूँ।
उत्तर:
i. सामान्य भविष्यकाल
ii. सामान्य वर्तमानकाल

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प्रश्न 8.
अव्ययों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

  1. पास
  2. कि
  3. वाह

उत्तर:

  1. उसके पास मेरे सौ रूपए हैं।
  2. मैंने कहा कि वे अपने घर चले गए।
  3. वाह! क्या बात है।

प्रश्न 9.
निम्नलिखित बाक्य में प्रयुक्त क्रियाओं के भेद पहचानिए।
i. दो-एक दिन में मैं दिल्ली जाऊँगा।
ii. अब मुझे आप लोगों से सत्याग्रह करवाना पड़ेगा।
उत्तर:
i. जाऊँगा – अकर्मक क्रिया
ii. करवाना – प्रेरणार्थक क्रिया

अतीत के पत्र Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : विनोबा भावे (1895 – 1982)
विनोबा भावे का पूरा नाम विनायक नरहरी भावे है। आप गांधी जी के सहयोगी थे। गांधीवादी विचारधारा को समाज में मान्यता दिलवाने के लिए आपने अथक प्रयास किया। विनोबा जी मराठी व हिंदी भाषा के ज्ञाता थे। इन्होंने गीता का मराठी में अनुवाद किया। इन्हें भारत का राष्ट्रीय अध्यापक और महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी समझा जाता है। प्रमुख कृतियाँ : गीताई (गीता का मराठी में अनुवाद) गीता पर वार्ता, शिक्षा पर विचार आदि कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं।

जीवन-परिचय : महात्मा गांधी (1869 – 1948)
गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। गांधी जी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख प्रेरणा थे। गांधी जी एक दार्शनिक, विचारक, शिक्षाशास्त्री एवं लेखक थे। भारत देश को आजाद कराने के लिए इन्होंने भगीरथ प्रयत्न किए थे।
प्रमख कतियाँ : ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ (आत्मकथा), ‘हिंद स्वराज्य या इंडियन होमरूल’ इनके अतिरिक्त लगभग प्रत्येक दिन अनेक व्यक्तियों और समाचार पत्रों के लिए लेखन करते थे।

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गद्य-परिचय :

पत्र : पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। पत्र के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपने विचार, अपनी भावना, अपना जीवनविषयक दृष्टिकोण एवं अपने मूल्यों को पहुँचाने का कार्य करता है।

प्रस्तावना : ‘अतीत के पत्र’ में विनोबा जी एवं गांधी जी के पत्रों को समाहित किया गया है। इन पत्रों के माध्यम से पाठकों को देशसेवा व्रत, अनुशासन, दृढ़ निश्चय, विश्वास, समर्पण एवं श्रद्धा जैसे मानवीय गुणों के दर्शन होते हैं।

सारांश :

हिंदी साहित्य में पत्र लेखन’ गद्य की विधा है। प्रस्तुत पाठ पत्र गद्य विधा का एक प्रकार है। इसमें दो पत्र हैं। पहला पत्र आचार्य विनोबा भावे जी ने गांधी जी को लिखा है, जिसमें प्रकृति, स्वास्थ्य, ब्रह्मचर्य व्रत, देशसेवा व्रत, गीता अध्ययन, संस्कृत भाषा के प्रति रूचि, उपनिषदों का अध्ययन, परिश्रम, अनुशासन, सत्याग्रहाश्रम के तत्त्वों का प्रचार, मातृभाषा प्रसार कार्य, सत्य-अहिंसा व गांधी जी के प्रति समर्पण व श्रद्धा आदि बिंदुओं का वर्णन किया गया है। दूसरा पत्र महात्मा गांधी जी ने आचार्य विनोबा भावे जी को लिखा है। वास्तव में विनोबा जी का पत्र पढ़कर गांधी जी फूले नहीं समाए थे और विनोबा जी का वर्णन करते हुए ‘भीम है भीम’ यह उद्गार निकाले थे।

गांधी जी के लिए विनोबा उनके पुत्र से भी बढ़कर थे। इसीलिए गांधी जी ने पत्र में ‘सच्चा पुत्र वह है; जो पिता ने जो कुछ किया है उसमें वृद्धि करें। वे विनोबा जी द्वारा दिया गया पिता का पद बड़े आनंद से स्वीकार करते हैं। इस प्रकार प्रस्तुत दोनों पत्र उच्चतम मानवीय गुणों के अनमोल उपहार हैं। इनका पठन एवं मनन मानवीय गुणों को अपनाने के समान है।

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शब्दार्थ :

  1. अस्वादव्रत – फीका भोजन करने का व्रत
  2. अपरिग्रह – संग्रह न करना
  3. करघा – कपड़ा बुनने का यंत्र
  4. रमता राम – फक्कड़, एक स्थान पर न टिकनेवाला
  5. वाकचातुर्य – बोलने में चतुर
  6. अचेतन – चेतनारहित
  7. ब्रह्मचारी – संन्यासी
  8. वेदांत व उपनिषद – भारतीय प्राचीन धार्मिक ग्रंथ
  9. सत्याग्रह – सत्य का आग्रह
  10. गोरख व मछंदर – नवनाथों में से दो नाथ। एक गोरखनाथ व दूसरे मछिंदर नाथ।
  11. सत्यवादी – सत्य की राह पर चलने वाला।

मुहावरे :

  • हाथ लगना – प्राप्त होना।
  • हृदय में स्थान बनाना – किसी का प्रिय बनना।
  • निरादर करना – अपमान करना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 3 इनाम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 3 इनाम Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
“प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान।’ इस विषय पर स्वमत लिखिए।
उत्तरः
सच ही कहा गया है कि प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान होता है। सूर्य की रोशनी, हवा, मिट्टी, पानी, लकड़ी, तेल, कोयला, जीवश्म, ईधन, खनिज, वनस्पति और अन्य पदार्थ प्राकृतिक संसाधन होते हैं क्योंकि ये सन्न प्रकृति द्वारा इसान को उपहार के रूप में मिले हैं। ये प्रकृति में प्राकृतिक रूप में पाए जाते हैं। इन्हें मनुष्य द्वारा निर्मित नहीं किया जा सकता। मानव सभ्यता, शहरीकरण, तकनीकीकरण, औद्योगिकीकरण के लिए इन संसाधनों का इस्तेमाल करता है।

इंसान की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य प्राकृतिक संसाधन करते हैं। इनके कारण ही आज मनुष्य प्रगति कर सका है। इंसान के जीवन को खुशहाल एवं समृद्ध करने में प्राकृतिक संसाधन सहायता करते हैं। इनके कारण ही इस धरती पर जीवन संभव हुआ है। अत: प्राकृतिक संसाधन मानव के लिए वरदान हैं।

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आसपास :

प्रश्न 1.
आपके गाँव-शहर को जहाँ से बिजली आपूर्ति होती है, उस केंद्र के बारे में जानकारी प्राप्त करके टिप्पणी तैयार कीजिए।

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘ईधन की बचत, समय की माँग है।’ इस विषय पर अपना मत व्यक्त कीजिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 1
उत्तरः
सचमुच आज के इस तकनीकी युग में ईधन की बचत समय की माँग हो गई है। यदि हमने आने वाले समय में ईंधन की बचत नहीं की तो हमें बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ेगा। हमारे देश में ईंधन की सौमित मात्रा ही उपलब्ध है। अत: मानव का दायित्व है कि वह उसकी बचत करे। ईंधन की बचत करने के लिए हमें पब्लिक बस या रेल से सफर करना चाहिए। अपनी गाड़ियों को व्यर्थ में चालू करके नहीं छोड़ना चाहिए। हमें छोटी दूरी के लिए साइकिल का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर हम ईंधन की बचत करेंगे; तो वह आगे आने वाले पीढ़ी को उपलब्ध हो सकेगा। ईधन की बचत करने से हम पर्यावरण को भी दूषित होने से बचा सकते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
समुद्री लहरों से विद्युत निर्मिति के बारे में टिप्पणी तैयार कीजिए। संदर्भ यू ट्यूब से लीजिए।
उत्तरः
समुद्री लहरों से विद्युत की निर्मिति की जाती है। इसे ‘जलविद्युत ऊर्जा’ कहते हैं। समुद्र की लहरें ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश है। इसी कारण सतह के पानी व गहरे समुद्र के बीच तापमान में लगातार भिन्नता रहती है। इसका फायदा ऊर्जा निर्माण करने के लिए किया जाता है। समुद्री धाराओं में बड़े पैमाने पर फ्लोटिंग विलवणीकरण संयंत्र का कार्यान्वयन किया जा रहा है जिस कारण जलविद्युत ऊर्जा की निर्मिती हो रही है।

पठनीय :

प्रश्न 1.
दैनंदिन जीवन में उपयोग में लाए जाने वाले विविध उपकरणों के आविष्कारकों और उनके कार्यो की जानकारी प्राप्त करके पढ़िए ।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
पाठ में आए और हिंदी में प्रयुक्त होने वाले पाँच-पाँच विदेशी एवं संकर शब्दों की सूची।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 2
उत्तर:

विदेशी शब्द संकर शब्द
1. रेफ्रीजरेटर मोहल्लेदार
2. टेलीफोन छायादार
3. एक्सपर्ट लाठीचार्ज
4. क्यूब वर्षगाँठ
5. आइसक्रीम रेलगाडी

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प्रश्न ख.
वाक्य में कि, की के स्थान को स्पष्ट कीजिए।
‘माँ ने कहा कि बच्चों ने आम की आईसक्रीम तैयार की।’
उत्तर:
कि – समुच्चयबोधक अव्यय
की – संबंधकारक
की – क्रिया

प्रश्न ग.
रेफ्रीजरेटर आने के पूर्व घरवालों के विचार।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 3

प्रश्न घ.
रेफ्रीजरेटर आने के बाद घर की स्थिति।
उत्तरः
कृति ग (1) का आकलन देखिए।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्रशंसापत्र/पुरस्कार/इनाम के प्रसंग का कक्षा में वर्णन कीजिए।

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
दिए गए आकृति के अनुसार रचना की दृष्टि से सरल, संयुक्त, मिश्र अन्य वाक्य पाठ से खोजकर तालिका पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 4
उत्तरः
छात्र स्वयं पाठ में से सरल, संयुक्त एवं मिश्र वाक्य ढूँढ़कर लिखेंगे।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 3 इनाम Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 5

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 6

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 7

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो।”
उत्तर:
लेखक ने अपनी पत्नी से कहा।

ii. “हमारे टेलीफोन तो तुम ही हो।”
उत्तरः
लेखक की पत्नी ने लेखक से कहा।

प्रश्न 3.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. लेखक की पत्नी के अनुसार जिसका उत्तर सबसे अच्छा होगा, उसे इनाम मिलेगा।
ii. रेफ्रीजरेटर के लिए घरेलू पावर की जरूरत होती है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. प्रतियोगिता
ii. जुगाड़
iii. पत्नी
iv. रात
उत्तर :
i. स्पर्धा
ii. व्यवस्था
iii. भार्या
iv. निशा

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. दिन × …
ii. देसी × …..
उत्तरः
i. रात
ii. विदेशी

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प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. लॉटरी
ii. दाम
उत्तर:
i. लॉटरियाँ
ii. दाम

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानिए।
i. प्रतियोगिता
ii. विदेशी
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. अच्छा
ii. भारत
उत्तर:
i. अच्छा + आई – अच्छाई
ii. भारत + ईय – भारतीय

प्रश्न 6.
‘कल्पना में खोए रहना।’ इस अर्थ का गद्यांश में प्रयुक्तं मुहावरा है।
उत्तरः
खयाली पुलाव पकाना।

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
क्या खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात होती है ? इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
‘खयाली पुलाव पकाना’ यानी कल्पना में खोए रहना। कल्पना में खोए रहना उचित बात नहीं होती है। कल्पना के सहारे जीने से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होता है। इंसान को कल्पना जरूर करनी चाहिए पर उस कल्पना को यथार्थ में लाने का निश्चय भी करना चाहिए। सिर्फ कल्पना करके खयाली पुलाव पकाना यानी कि जीवन की सच्चाई से दूर भागना होता है। अत: स्पष्ट है कि खयाली पुलाव पकाना अच्छी बात नहीं होती है।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 8

प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
अमिता खिलखिलाई क्योंकि ……………………।
(क) वह रेफ्रीजरेटर में बर्फ जमाएगी।
(ख) वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।
(ग) वह रेफ्रीजरेटर से रोजाना ठंडा पानी पीएगी।
उत्तर:
अमिता खिलखिलाई क्योंकि वह रेफ्रीजरेटर में रोजाना आइसक्रीम जमाएगी।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 9

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
पहले आने वालों के लिए : शिंकजी :: शौकीनों के लिए :
उत्तरः
चाय

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 10

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन बदलिए।

  1. ताली
  2. बोतलें
  3. पत्नी
  4. बहू

उतर:

  1. तालियाँ
  2. बोतल
  3. पत्नियाँ
  4. बहुएँ

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. पड़ोसी
ii. बहू
उत्तर:
i. पड़ोसन
ii. बेटा

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
i. शक
ii. नम
उत्तर:
i. बे + शक – बेशक
ii. वि + नम् = विनम्

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. खिलखिलाई
ii. रोजाना
iii. भाग्यवान
उत्तर:
i. आई
ii. आना
iii. वान

प्रश्न 5.
समानार्थी शब्द लिखिए।
i. किस्मत
ii. शक
उत्तर:
i. भाग्य
ii. संशय

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प्रश्न 6.
मानक वर्तनी के अनुसार शब्द लिखिए।
i. परबंध
ii. ठण्डा
उत्तर:
i. प्रबंध
ii. ठंडा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘यदि रेफ्रीजरेटर न होते …..’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
रेफ्रीजरेटर खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखता है एवं उन्हें खराब होने से बचाता है। यदि रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो खाद्य पदार्थों को ठंडा बनाए रखने में समस्या निर्माण हो जाती और फिर वे खराब हो जाते। रेफ्रीजरेटर के न होने से इंसान को ठंडा पानी भी पीने के लिए उपलब्ध नहीं होता। आज बाजार में आइसक्रीम के जो फैमिली पैक मिल रहे हैं। वे उपलब्ध नहीं होते। रेफ्रीजरेटर के न होने से आइसक्रीम भी तैयार नहीं हो सकती थी। गर्मियों के दिनों में इंसान की हालत बिगड़ जाती। शरबत व फलों के जूस बहुत दिनों तक नहीं रहते। इस प्रकार रेफ्रीजरेटर नहीं होते, तो इंसानों को बहुत तकलीफ होती थी।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 11

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. हेमंत के अनुसार देवी की मानता का आशीर्वाद था रेफ्रीजरेटर।
ii. अरुण का रिश्तेदार रेफ्रीजरेटर कंपनी में नौकरी करता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा?
i. “मैंने फिर दुबारा दिमाग पर जोर नहीं डाला।”
उत्तरः
कुढ़मगज ने लेखक से कहा।

ii. “हमें भी बता दें।”
उत्तर:
पड़ोस की एक महिला ने लेखक से कहा।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 12

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के भिन्नार्थक शब्द लिखिए।
i. अरुण
ii. तिरछा
उत्तर:
i. लाल, सूर्य
ii. टेढा, वक्र, बाँका

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प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. बिजली
  2. बेटा
  3. हाथी

उत्तर:

  1. विदयुत
  2. पुत्र
  3. गज, हस्ती

प्रश्न 3.
प्रत्यय पहचानिए।
i. रिश्तेदार
ii. पूलकर
उत्तर:
i. ‘दार’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

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प्रश्न 4.
‘अनु’ उपसर्ग से निर्मित दो शब्द लिखिए।
उत्तर:
i. अनुबंध
ii. अनुचित

प्रश्न 5.
निम्नलिखित मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. जली-कटी सुनाना
उत्तर:
अर्थ : खरी-खोटी सुनाना।
वाक्यः रामू से गलती क्या हो गई, सभी उसे जली-कटी सुनाने लगे।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

  1. शककी
  2. इन्क
  3. मुफ्त
  4. काण्टा

उत्तर:

  1. शक्की
  2. इंक
  3. मुफ्त
  4. काँटा

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘पड़ोसियों की आदत होती है, निंदा करने की!’ क्या आप इस कथन से सहमत हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
संकट की घड़ी में पड़ोसी अपने रिश्तेदारों की अपेक्षा तुरंत सहायता के लिए उपस्थित हो जाते हैं। भले ही यह बात सच हो लेकिन अपने पास में रहने वालों की निंदा करने से भी वे कभी बाज नहीं आते। आप कितनी भी अच्छी तरह से उनके साथ रहें या उनके साथ अच्छा व्यवहार करें; फिर भी वे आपकी निंदा करना नहीं छोड़ेंगे। निंदा करना उनकी आदत होती है।

अपने पड़ोस में रहने वाले किसी व्यक्ति ने नई गाड़ी खरीदी हो या कुछ अन्य नई वस्तु घर पर लाई हो; तो वे जल-भूनकर राख हो जाते हैं और उस व्यक्ति के बारे में भला-बुरा कहने लगते हैं। इसलिए उपर्युक्त वाक्य से मैं सहमत हूँ। (विद्यार्थी अपने व्यक्तिगत विचार स्वतंत्र रूप से भी लिख सकते हैं।)

(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 14

प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. शांति बुआ : आटा :: लाला दीनदयाल : ……………
उत्तर:
मिठाई का बोइया

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कृति घ (2): आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 3 इनाम 15

प्रश्न 2.
सही पर्याय चुनकर लिखिए।
i. लाला जी ने आइस्क्रीम नहीं खाई क्योंकि ………….।
(क) उन्हें सर्दी हो जाती है।
(ख) उन्हें बुखार चढ़ जाता है।
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।
उत्तर:
(ग) उनके दाँत चीसने लगते हैं।

ii. पत्नी का दिल बाग-बाग हो गया क्योंकि ………….।
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।
(ख) शांति बुआ बिना बुलाए लेखक के घर आई थी।
(ग) शांति बुआ रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पीना चाहती थी।
उत्तर:
(क) शांति बुआ आटे का कटोरा रेफ्रीजरेटर में रखना चाहती थी।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढकर लिखिए।

  1. प्रसन्नता
  2. संध्या
  3. दया

उत्तर:

  1. खुशी
  2. शाम
  3. कृपा

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प्रश्न 2.
लिंग बदलिए।
i. भगवान
ii. लाला
उत्तर:
i. भगवती
ii. ललाइन

प्रश्न 3.
बचन बदलिए।
i. चिंता
ii. तश्तरी
उत्तर:
i. चिंताएँ
ii. तश्तरियाँ

प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. जल्दबाज
उत्तर:
‘बाज’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
उपसर्ग लगाकर नए शब्द लिखिए।
i. कृपा
ii. दुआ
उत्तर:
i. अवकृपा
ii. बदुआ

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प्रश्न 6.
मुहावरे का अर्थ लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
i. मिसरी घोलकर बोलना
उत्तरः
अर्थः मीठी-मीठी बातें करना।
वाक्यः रामलाल अपने स्वार्थ हेतु सभी से मिसरी घोलकर बोलते हैं।

(छ) परिच्छेद पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सहसंबंध लिखिए।
i. लखनऊ : चमनलाल :: कोलकाता : ….
उत्तर:
बनर्जी

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हो।
i. सिंधी आलू
ii. स्कूल
उत्तर:
i. कैलाश को क्या अच्छे लगते हैं?
ii. हेमंत-अमिता कहाँ गए थे?

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प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. सिल्वर क्रीम बनर्जी बाबू ने खाई।
ii. सिंधी आलू लेखक की पत्नी ने बनवाए थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
i. भाभी
ii. पत्ति
उत्तर:
i. भैया
ii. पत्नी

प्रश्न 2.
प्रत्यय पहचानिए।
i. मूर्खता
ii. बिगड़कर
उत्तर:
i. ‘ता’ प्रत्यय
ii. ‘कर’ प्रत्यय

प्रश्न 3.
विलोम शब्द लिखिए।
i. वास्तव × ……….
ii. फायदा × …………
उत्तरः
i. काल्पनिक
ii. नुकसान

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प्रश्न 4.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्कूल
  2. निराश
  3.  आँख
  4. लाचारी

उत्तर:

  1. विद्यालय
  2. उदास
  3. नयन
  4. बेबसी

प्रश्न 5.
गोश में ‘महत्त्वहीन’ इस अर्थ से संबंधित कहावत है।
उत्तरः
ऐरा-गैरा नत्थू खैरा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘आधुनिक युग में समाचार उड़ती बीमारी से भी तेज फैलते हैं।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक युग विज्ञान व तकनीकी का युग है। आज मानव सभ्यता प्रगति की ओर अग्रसर है। इस युग में संचार माध्यमों का अत्यधिक प्रचार-प्रसार हुआ है। संचार माध्यमों ने विश्व की दूरियों को समेटकर बहुत छोटा कर दिया है। जितनी जल्दी से कोई भी संक्रामक बीमारी नहीं फैल सकती है; उतनी जल्दी से समाचार देश के कोने-कोने में फैलते हैं। दूरदर्शन के विविध चैनल, समाचार पत्र, मोबाइल फोन, एस. एम. एस., ट्विटर, ई-मेल आदि के जरिए समाचार तुरंत पलभर में संपूर्ण देश में फैल जाते हैं। आज हम अपने देश में बैठे हुए भी दूसरे देशों में होने वाली घटनाओं से तुरंत अवगत हो जाते हैं।

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(च) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. रमा (क) मिठाई
2. रामानुज (ख) पराठे
3. शांति बुआ (ग) साग
4. चक्रवर्ती (घ) पनीर

उत्तरः

(अ) (ब)
1. रमा (ख) पराठे
2. रामानुज (क) मिठाई
3. शांति बुआ (घ) पनीर
4. चक्रवर्ती (ग) साग

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
घटनाक्रमानुसार वाक्य लिखिए।

  1. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।
  2. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।

उत्तर:

  1. लेखक ने पनीर फेंक दिया था।
  2. लेखक ने मिठाई घर पर पधारे अपने मित्रों को दे दी।
  3. लेखक की पत्नी ने पराठे साधु को दिए थे।
  4. अब लेखक के घर के पास भी कोई नहीं फटकता है।

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प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँड़कर लिखिए।

  1. आशीर्वाद
  2. वर्षा
  3. परेशान
  4. वस्तु

उत्तर:

  1. आशीष
  2. बारिश
  3. तंग
  4. चीज

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प्रश्न 2.
बिलोम लिखिए।
i. कल x ………….
ii. विश्वास x …………
उत्तर:
i. आज
ii. अविश्वास

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।
i. बीमारी
i. शंका
उत्तर:
i. बीमारियाँ
ii. शंकाएँ

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प्रश्न 4.
प्रत्यय पहचानिए।
i. बीमारी
ii. लाचारी
उत्तर:
i. ‘ई’ प्रत्यय
ii. ‘ई’ प्रत्यय

प्रश्न 5.
लिंग बदलिए।

  1. साधु
  2. चाचा
  3. बुआ

उत्तर:

  1. साध्वी
  2. चाची
  3. फूफा

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जैसे के साथ तैसा व्यवहार करना चाहिए।’ इस पर आधारित अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जैसे के साथ तैसा’ यह एक कहावत है। इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति आपके साथ जिस प्रकार का व्यवहार करता हो, ठीक उसी प्रकार आपको भी उसके साथ व्यवहार करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति आपसे आत्मीयता एवं सादगी से पेश आता है, तो आपको भी उसके साथ आत्मीयता एवं सादगी से पेश आना चाहिए। यदि कोई आपको सभी के सामने भला बुरा कहे और आपका अपमान करें, तो आपको भी उसके साथ उसी प्रकार का व्यवहार करना चाहिए और सभी के समक्ष उसे खरी-खोटी सुनानी चाहिए। जब आप ऐसा करेंगे; तब वह व्यक्ति दुबारा आपके साथ दुर्व्यवहार करने की नहीं सोचेगा। कभी-कभी हमें दूसरों की अक्ल ठिकाने लाने के लिए उनके साथ वैसा ही व्यवहार करना पड़ता है।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
अव्ययों का अपने बाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. कि
ii. अब
उत्तर:
i. मैंने कहा कि तुम अपना काम करो।
ii. अब तो मुझे चलना चाहिए।

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प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. भारत में धूम मच गई है। (अपूर्ण भूतकाल)
  2. तुम तो खयाली पुलाव पका रहे हो। (सामान्य भूतकाल)
  3. तुम्हारे पराठे दे दिए। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. मैं जगह कर लूँगा। (पूर्ण भूतकाल)
  7. साधु आशीष देकर चला गया। (संयुक्त वाक्य)
  8. सबेरे एक साधु आ गए। (मिश्र वाक्य)

उत्तर:

  1. भारत में धूम मच रही थी।
  2. तुमने तो खयाली पुलाव पकाया।
  3. तुम्हारे पराठे दे दूंगा।
  4. अब मेरे घर के पास भी कोई नहीं फटक रहा है।
  5. चिंता ने चेतन की चिता सजा दी है।
  6. मैंने जगह कर ली थी।
  7. साधु ने आशीष दिया और चला गया।
  8. जैसे ही सबेरा हुआ वैसे ही एक साधु आ गए।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से भेद लिखिए।

  1. जैसे ही एक जाता था; वैसे ही दो आते थे।
  2. यह सब लॉटरी का प्रताप था।
  3. “सुना है तुम्हारा रेफ्रीजरेटर आ गया है?”
  4. मुझसे नहीं खाई जाएगी।

उत्तर :

  1. मिश्र वाक्य
  2. साधारण वाक्य
  3. प्रश्नार्थक वाक्य
  4. निषेधार्थक वाक्य

प्रश्न 4.
रेखांकित शब्दों के भेद पहचानिए।
i. मैं बर्फ के क्यूब चूसूंगा।
ii. कुछ शौकीनों के लिए चाय बनी।
उत्तर:
i. मैं – सर्वनाम; बर्फ – द्रव्यवाचक संज्ञा
ii. कुछ – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण;
बनी – सकर्मक क्रिया

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प्रश्न 5.
अव्यय पहचानिए।
i. जरा इधर तो सुन।
ii. कटोरा ले लिया गया और रेफ्रीजरेटर में रख दिया गया।
उत्तर:
i. इधर – क्रियाविशेषण अव्यय
ii. और – समुच्चयबोधक अव्यय

इनाम Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अरुण जी का जन्म 3 जनवरी 1928 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। आधुनिक हिंदी लेखकों में इनका महत्त्वपूर्ण स्थान है। हिंदी साहित्य में आधुनिक कहानीकार एवं उपन्यासकार के रूप में श्रीमान अरुण जी का नाम उल्लेखनीय है। कहानियाँ एवं उपन्यास लिखना आपका शौक है। आपके समग्र साहित्य की 14 पुस्तकों का संकलन प्रकाशित हो चुका है। आपकी कलम ने साहित्य के विविध विधाओं को अनुग्रहित किया है।
प्रमुख कृतियाँ : एकांकी संकलन – ‘मेरे नवरस’; कहानी संग्रह – ‘बृहद हास्य संकलन’।

गद्य-परिचय :

हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध : ‘हास्य-व्यंग्य’ का अर्थ ही है उपहास करना। अत: इस प्रकार के निबंध में उपहास को प्रधानता दी जाती है। इसमें किसी विषय का तार्किक एवं बौद्धिक विवेचनापूर्ण लेखन किया जाता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कहानी ‘इनाम’ के माध्यम से लेखक अरुण जी ने रेफ्रीजरेटर को माध्यम बनाकर लोगों के आचरण एवं व्यवहार पर करारा व्यंग्य किया है।

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सारांश :

प्रस्तुत पाठ एक हास्य-व्यंग्यात्मक निबंध है। भारतीय समाज में तरह-तरह की विसंगतियाँ पाई जाती हैं। इस पाठ के द्वारा लेखक ने रेफ्रीजरेटर का आधार लेकर समाज में पाई जाने वाली विसंगतियों पर हास्य के माध्यम से करारा व्यंग्य किया है। एक भारतीय कंपनी रेफ्रीजरेटर की प्रसिद्धि के लिए विदेशी विज्ञापन पद्धति का सहारा लेती है। इसके लिए प्रतियोगिता का आयोजन करती है। लेखक भी इसमें सम्मिलित होते हैं और वे जीत जाते हैं। इसी कारण उन्हें एक रेफ्रीजरेटर मुफ़्त में मिल जाता है।

मुफ़्त में मिले रेफ्रीजरेटर को देखने के लिए उनके घर में पास-पड़ोस एवं सगे-संबंधियों का तांता लग जाता है। घर आए लोगों की आव-भगत एवं उन्हें रेफ्रीजरेटर का ठंडा पानी पिलाते-पिलाते लेखक का परिवार तंग आ जाता है। इतना ही नहीं, आस-पास रहने वाले लोग उनके फ्रीज में ढेर सारी चीजें रखते हैं। अंत में लेखक को एक तरकीब सूझती है और वे लोगों द्वारा रखी गई चीज़ों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं। इस कारण अब लोग उनकी फ्रीज में अपनी चीजें रखना बंद कर देते हैं।

शब्दार्थ :

  1. जुगाड़ – व्यवस्था, प्रबंध
  2. दरख्वास्त – अर्ज, अरजी
  3. भंभड़ – शोरशराबा
  4. अमानत – धरोहर
  5. प्रतियोगिता – स्पर्धा
  6. प्रतियोगी – प्रतिस्पर्धी
  7. बिजली – विद्युत
  8. लाचारी – बेबसी

मुहावरे :

  • जली-कटी सुनाना – खरी-खोटी सुनाना।
  • मिसरी घोलकर बोलना – मीठी-मीठी बातें करना।
  • खयाली पुलाव पकाना – कल्पना में खोए रहना, स्वप्नरंजन करना।

कहावत :

ऐरे गैरे नत्थू खैरे – महत्त्वहीन