Std 9 Hindi Chapter 10 Aprajay Question Answer Maharashtra Board
Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 अपराजेय Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.
Hindi Lokbharti 9th Digest Chapter 10 अपराजेय (पूरक पठन) Questions And Answers
Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 10 अपराजेय Textbook Questions and Answers
श्रवणीय:
प्रश्न 1.
हेलन केलर की जीवनी का अंश सुनिए और मुख्य मुद्दे सुनाइए।
लेखनीय:
प्रश्न 1.
कला की साधना जीवन के दुखमय क्षणों को भुला देती है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
कृति (ग) की स्वमत अभिव्यक्ति देखिए।
पठनीय:
प्रश्न 1.
सुदर्शन की ‘हार की जीत’ कहानी पढ़िए।
1. सुचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
प्रश्न 3.
परिच्छेद से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जिनका वचन परिवर्तन नहीं होता।
उत्तर:
1. घर
2. पेड़
प्रश्न 4.
‘कला में अभिरूचि होने से जीवन का आनंद बढ़ता है।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
कला जीवन का प्रतिरूप है। वह जीवन का आनंद है। प्रत्येक व्यक्ति को कला का शौक होता है। कला में अभिरूचि होने से व्यक्ति उसकी साधना में लगा रहता है। ऐसे में वह स्वयं को भी भूल जाता है। सिर्फ कला के अलावा उसे अन्य चीज़ की याद नहीं आती है। वह अपनी मनचाही कला के सौंदर्य एवं माधुर्य में मशगुल हो जाता है। कला का लुत्फ़ उठाते समय उसका चित्त आनंदविभोर हो जाता है।
वह कला को ही अपने जीवन का आधार मानकर स्वयं के जीवन को सुंदर बनाता है। निरंतर कला के सान्निध्य में रहने के कारण वह मन से तरोताजा रहता है। ऐसे व्यक्ति को फिर संपूर्ण विश्व सुंदर एवं खिला हुआ दिखाई देता है। इस प्रकार कला में अभिरूचि होने से जीवन का आनंद बढ़ता है।
आसपास:
प्रश्न 1.
कलाक्षेत्र में ‘भारतरत्न’ उपाधि से अलंकृत महान विभूतियों के नाम, क्षेत्र, वर्षानुसार सूची बनाइए।
मौलिक सृजन:
प्रश्न 1.
‘समाज के जरूरतमंद लोगों की मैं सहायता करूँगा।’ इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तरः
मानव होने का सही अर्थ यही है कि मनुष्य को अपने जीवन में दूसरों की सेवा करनी चाहिए। मानव का जन्म लोगों की सेवा करने के लिए हुआ है। सेवा ऐसा भाव है जिससे सेवा करने वाला भी सुख पाता है और जिसकी सेवा की जाती है वह भी सुख पाता है। जो मनुष्य दूसरों के दुख दूर करने के लिए प्रयास करता है, ऐसा ही मनुष्य सच्चा मनुष्य कहलाने का अधिकारी होता है। कवि गुप्त जी ने लिखा ही है
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
मैं भी समाज के जरुरतमंदों की सहायता करना चाहता हूँ। समाज में सर्वत्र दीन-दुखी, पीड़ित एवं व्यथित लोग हैं। उनकी सहायता करने से मुझे आत्मिक तृप्ति मिलेगी। आखिर मानव सेवा ही ईश्वर की पूजा के समान होती है।
आज हमारे समाज में ऊँच-नीच का भेदभाव दिखाई दे रहा है। कई ऐसे गरीब बच्चे हैं जो फुटपाथ पर ही रहते हैं। वे स्कूल नहीं जाते हैं। मैं ऐसे बच्चों को पढ़ाने के लिए आगे आऊँगा। उन्हें सही राह दिखाने का प्रयास करूंगा। मैं अनाथ आश्रम में जाकर वहाँ रहने वाले बच्चों के लिए खेल एवं शैक्षिक गतिविधियों का आयोजन करूंगा; ताकि उन्हें आनंद की प्राप्ति हो।
समाजसेवा के इस पुनीत कार्य में मैं अपने मित्रों को भी सम्मिलित करवाऊँगा क्योंकि मिल-जुलकर अच्छा काम करने में जो मजा है वह अन्य किसी काम में नहीं। अपने मित्रों के साथ मिलकर मैं गरीब बच्चों एवं लोगों के लिए चंदा इकट्ठा करूँगा। उनके लिए कपड़े व अनाज आदि सामग्री का संग्रह करूँगा। मुझे आशा है कि मेरे इन कार्यों से प्रेरणा लेकर अन्य लोग मेरा अनुकरण करेंगे। उस वक्त मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। अंत में सिर्फ इतना ही कहूँगा:
चाह यही, आस यही, कामना यही, भावना यही; कर सकूँ अपनी जिंदगी में जरूरतमंदों की सेवा यही।
पाठ से आगे:
प्रश्न 1.
दिव्यांग महिला खिलाड़ियों के बारे में जानकारी प्राप्त करके टिपणी तैयार कीजिए।
पाठ के आँगन में……..
1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
प्रश्न (क)
केवल एक शब्द में उत्तर लिखिए।
- जिनमें चलने-फिरने की क्षमता का अभाव हो:
- जिनमें सुनने की क्षमता का अभाव हो:
- जिनमें बोलने की क्षमता का अभाव हो:
- स्वस्थ शरीर में किसी भी एक क्षमता का अभाव होना:
उत्तरः
- अपाहिज, अपंग
- बधिर
- गूंगा
- दिव्यांग
प्रश्न 2.
‘हीन’ शब्द का प्रयोग करके कोई तीन अर्थपूर्ण शब्द तैयार करके लिखिए।
उत्तरः
जैसे: आत्म + हीन = आत्महीन
- संवेदन + हीन = संवेदनहीन
- चरित्र + हीन = चरित्रहीन
- स्नेह + हीन = स्नेहहीन
प्रश्न 3.
परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करने में ही जीवन की सार्थकता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
कृति (ख) की स्वमत अभिव्यक्ति देखिए।
प्रश्न (ख)
पाठ में प्रयुक्त वाक्य पढ़कर व्यक्ति में निहित भाव लिखिए।
1. ‘टाँग ही तो काटनी है, तो काट दो।’
2. ‘मैं जानता हूँ कि जीवन का विकास पुरुषार्थ में है, आत्महीनता में नहीं।’
उत्तर:
1. हास्य व सहज भाव, निडरता, सकारात्मकता, दृढ़ निश्चय
2. शांत भाव, संघर्ष शीलता, दृढ़ निश्चय
Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 10 अपराजेय Additional Important Questions and Answers
(क) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
कारण लिखिए।
प्रश्न 1.
सभी के चेहरे पर अकुलाहट थीं।
उत्तरः
दुर्घटना में अमरनाथ घायल हो गए थे। उनके बचने की कोई उम्मीद नहीं थी। इसीलिए सभी के चेहरे पर अकुलाहट थीं।
प्रश्न 2.
अमरनाथ के परिवार वाले रात को एक बजे पुलिस स्टेशन गए थे।
उत्तरः
अमरनाथ शाम तक घर पहुँचने वाले थे लेकिन रात के नौ बज गए फिर भी वे घर नहीं पहुंचे। उनके मोबाइल की घंटी बज रही थी लेकिन वे मोबाइल उठा नहीं रहे थे। इसीलिए अमरनाथ के परिवार वाले रात को एक बजे पुलिस स्टेशन गए थे।
कृति (2) आकलन कृति
किसने, किससे कहा?
प्रश्न 1.
‘पर हुआ कैसे?’
उत्तरः
यह वाक्य चोपड़ा ने अनिल से पूछा।
प्रश्न 2.
‘ट्रकवाला जरूर पिया होगा।’
उत्तर:
यह वाक्य अनिल ने चोपड़ा से कहा।
प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।
- सर्जरी
- डरावना
- निशा
- संध्या
उत्तर:
- ऑपरेशन
- भयावह
- रात
- शाम
प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त ऐसे अंग्रेजी शब्द लिखिए जिनका हिंदी में प्रयोग होने लगा है।
उत्तर:
- ऑपरेशन
- मोबाइल
- स्ट्रेचर
- नर्स
प्रश्न 3.
गद्यांश से ऐसे दो शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते हैं।
उत्तर:
1. फोन
2. पुलिस
प्रश्न 4.
‘अकुलाहट’ इस शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय पहचानकर लिखिए और उस संबंधित प्रत्यय से अन्य दो शब्द तैयार कीजिए।
उत्तर:
‘आहट’ प्रत्यय; अन्य शब्द:
1. कड़वाहट
2. घबराहट
कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘अपनी देखी हुई एक दुर्घटना।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ग्रीष्मावकाश में हम सब नैनिताल जा रहे थे। दोनों ओर पहाड़ियाँ ही पहाड़ियाँ थीं। रास्ते के दोनों ओर से गाडियाँ आ-जा रही थीं। अचानक सामने से एक बड़ा ट्रक आया और उसने हमारी गाड़ी के आगे जो एक गाड़ी थी उसे जोर से धक्का दे दिया। जिस कारण आगे वाली गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हमारे ड्राइवर ने तुरंत गाड़ी को ब्रेक लगा दिया। हम तुरंत अपनी गाड़ी से बाहर आकर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी के पास पहुँचे।
ट्रकवाले के पास भी इंसानियत थी। उसने भी बाहर आकर घायल लोगों की सेवा करना अपना धर्म समझा। गाड़ी में दो लोग थे जिनमें से एक को हल्की चोट आई थी परंतु दूसरे के सिर से रक्तस्राव हो रहा था। हमने आव देखा न ताव, उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर नज़दीकी अस्पताल लेकर गए। तुरंत किए गए उपचारों के कारण वह स्वस्थ हो गया। उसकी जान बचाकर हमें बहुत खुशी हुई।
(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
प्रश्न 1.
अगर अमरनाथ बेहोश न हुए होते तो …………….
उत्तरः
(क) अपनी टाँग को कटने से जरूर बचा लेते।
(ख) ड्राइवर को जरूर बचा लेते।
(ग) ट्रक वाले को भागने नहीं देते।
प्रश्न 2.
यदि अमरनाथ की टाँग काटी न गई तो ……………
(क) उनके शरीर में जहर फैल जाएगा।
(ख) उनकी मृत्यु हो जाएगी।
(ग) उनके लिए चलना मुश्किल हो जाएगा।
उत्तर:
1. अगर अमरनाथ बेहोश न हुए होते तो ड्राइवर को जरूर बचा लेते।
2. यदि अमरनाथ की टाँग काँटी न गई तो उनके शरीर में जहर फैल जाएगा।
प्रश्न 3.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. ड्राइवर
2. अमरनाथ
उत्तर:
1. दुर्घटना में किसकी मृत्यु हो गई थी?
2. दुर्घटना में कौन बच गए थे?
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।
- जहर
- हिम्मत
- परिवार
- समझ
उत्तर:
- जहर + ईला = जहरीला
- हिम्मत + वान = हिम्मतवान
- परिवार + इक = पारिवारिक
- समझ + दार = समझदार
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।
1. जहर × …………
2. भाग्यशाली × …………..
उत्तर:
1. अमृत
2. दुर्भाग्यशाली
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में विरामचिह्नों का उचित प्रयोग कीजिए।
1. डॉक्टर ने कहा अमरनाथ जी आप दुर्घटना से बच गए हैं यह एक चमत्कार है
2. कितना भाग्यशाली हूँ मैं आखिर दुर्घटना से बच गया
उत्तरः
1. डॉक्टर ने कहा, “अमरनाथ जी, आप दुर्घटना से बच गए हैं, यह एक चमत्कार है।”
2. ‘कितना भाग्यशाली हूँ मैं! आखिर दुर्घटना से बच गया।’
कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करने में ही जीवन की सार्थकता है।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
इंसान के जीवन में परिस्थितियाँ आती ही रहती हैं। उसे जीवन में आने वाली प्रत्येक परिस्थिति का सामना करना चाहिए। उनसे डरना नहीं चाहिए। जब व्यक्ति परिस्थितियों को सहर्ष स्वीकार कर लेगा; तब उसका हौंसला दुगुना हो जाएगा और इससे परिस्थितियों से लड़ने की ताकत उसमें अपने आप निर्माण हो जाएगी। यदि व्यक्ति परिस्थितियों के सामने अपनी हार स्वीकार कर लेगा; तो परिस्थितियाँ उस पर हावी हो जाएगी, जिससे इंसान का जीवन नरक-सा बन जाएगा। अत: जीवन को सुंदर एवं जिंदादिल बनाए रखने के लिए व्यक्ति को परिस्थिति के सामने हार न मानकर उसे सहर्ष स्वीकार करना चाहिए। आखिर इसी में जीवन की सार्थकता है।
(ग) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्य गद्यांश के क्रम के अनुसार लिखिए।
- घर में कैनवस, रंग, ब्रश और ईजल, सब सामान आ गया था।
- अनिल पिता के गले लग गया।
- अमरनाथ के लिए एक स्वचालित व्हीलचेयर आ गई थी।
- डॉक्टर ने चैन की साँस ली।
उत्तरः
- डॉक्टर ने चैन की साँस ली।
- अनिल पिता के गले लग गया।
- अमरनाथ के लिए एक स्वचालित व्हीलचेयर आ गई थी।
- घर में कैनवस, रंग, ब्रश और ईजल, सब सामान आ गया था।
प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. अमरनाथ के लिए उनका जीवन तीन फीट की टाँग से छोटा न था।
2. अमरनाथ के अनुसार जीवन जीने के लिए टाँगों की जरूरत होती है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य
प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. साठ
2. मूर्तिशिल्प
उत्तर:
1. अमरनाथ अपने जीवन के कितने वर्षों तक टाँगों के साथ जिए हैं?
2. मानव आकृतियों के चित्रों में किसका समन्वय था?
प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
वचन बदलिए।
- अस्थियाँ
- मूर्ति
- रेखा
- साँस
उत्तर:
- अस्थि
- मूर्तियाँ
- रेखाएँ
- साँसें
प्रश्न 2.
गद्यांश में से शब्द-युग्म ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. चुस्ती-फुर्ती
2. रंग-रेखा
प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. विश्व
2. शरीर
उत्तर:
1. संसार
2. देह, तन
प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त एक उपसर्ग युक्त शब्द व एक प्रत्यय युक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
1. उपसर्गयुक्त शब्दः परिदृश्य – ‘परि’ उपसर्ग
2. प्रत्यय युक्त शब्दः जीवंतता – ‘ता’ प्रत्यय
प्रश्न 5.
‘राहत मिलना।’ इस अर्थ के लिए गद्यांश में प्रयुक्त मुहावरा लिखिए।
उत्तरः
चैन की साँस लेना।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
1. व्हीलचेअर
2. रेगिस्थान
उत्तर:
1. व्हीलचेयर
2. रेगिस्तान
कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘कला की साधना जीवन के दुखमय क्षणों को भुला देती है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
कला मनुष्य जीवन का आधार है। व्यक्ति को जिस कला में रूचि होती है; उस कला में व्यस्त हो जाना उसे अच्छा लगता है। व्यक्ति अपनी कला की साधना के लिए अपने जीवन के दुखमय क्षणों को भूल जाता है। अपनी सारी यातना एवं पीड़ा सब कुछ भूल जाता है। यहाँ तक कि उसे खाने-पीने का भी होश नहीं रहता। कब उठना है या कब सोना है, इसके बारे में भी उसे पता नहीं रहता।
वह सिर्फ अपनी कला के बारे में ही सोचता रहता है। अपनी मनचाही कला में निपुण होने के लिए वह दिन रात एक कर देता है। उसके जीवन का सिर्फ एक ही लक्ष्य बन जाता है। वह है कला की साधना। इसके आगे उसे किसी से भी किसी भी प्रकार का सरोकार नहीं रहता। सिर्फ जीवन जीने के लिए कला और उसका आनंद लेना यही उसके जीवन का ध्येय हो जाता है।
(घ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. बगीचा
2. क्यारियों
उत्तर:
1. घर के सामने की जमीन में क्या बनाया था?
2. रंग-बिरंगे मौसम के फूल किसमें लगाए थे?
प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
लिंग बदलिए।
1. माली
2. घर
उत्तरः
1. मालिन
2. घर
प्रश्न 2.
परिच्छेद से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
भीतर × बाहर
(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
कारण लिखिए।
प्रश्न 1.
डॉक्टर परेशान हो गया।
उत्तरः
डॉक्टर ने खून की जाँच फिर से करवाई तो उसे पता चला कि अमरनाथ जी के शरीर में बीमारी दुबारा फैल रही है। इसलिए वह परेशान हो गया।
प्रश्न 2.
घर के लोग सन्न हो गए।
उत्तर:
अमरनाथ जी के शरीर में जहर फैल जाने के कारण उनकी बाँह काटनी पड़ेगी ऐसा डॉक्टर के कहने पर घर के लोग सन्न हो गए।
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
निम्नलिखित विधान सत्य है या असत्य लिखिए।
1. अमरनाथ के बाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो गई थी।
2. अमरनाथ के लिए खुले कमीज सिलवाए गए।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश को पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. शास्त्री जी
2. काठ-सी
उत्तर:
1. अमरनाथ जी किससे शास्त्रीय संगीत सीखना चाहते थे?
2. बाँह निर्जीव होकर कैसी हो गई थी?
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. सात दिनों का समूह
2. ऐसा संगीत जो भाव व रागों का खूबसूरत सरगम हो
उत्तर:
1. सप्ताह
2. शास्त्रीय संगीत
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।
1. बचपन
2. नर्स
उत्तर:
1. बाल्यकाल
2. परिचारिका
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्य सूचना के आधार पर परिवर्तित कीजिए।
1. खून की जाँच की रिपोर्ट आई तो वह परेशान हो गया।
2. दाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो जाने पर उसे हिलाना भी मुश्किल हो गया। (मिश्र वाक्य)
उत्तर:
1. खून की जाँच की रिपोर्ट आने पर वह परेशान हो गया।
2. जैसे ही दाईं बाँह में खून की गर्दिश बंद हो गई; वैसे ही उसे हिलाना भी मुश्किल हो गया।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित रेखांकित शब्दों के भेद लिखिए।
1. बीमारी फिर से पसर रही है।
2. उनकी दाईं बाँह काट दी गई थी।
उत्तर:
1. अकर्मक क्रिया
2. गुणवाचक विशेषण
कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जिंदादिल रहने वाले कभी दुखी नहीं होते।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
“जिंदगी जिंदादिली का नाम है। मुर्दादिल क्या खाक जिया करते है?” ऐसा ही कहा गया है। यह सत प्रतिशत सच है। चार दिन की जिंदगी होती है। इस छोटी-सी जिंदगी में इंसान को हर पल खुश रहना चाहिए। परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल उसे हमेशा प्रसन्न रहना चाहिए। जो व्यक्ति इस तथ्य को जान लेता है; वह अपने जीवन में कभी-भी दुखी नहीं होता। वह प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना दैनिक जीवन सुचारू रूप से शुरू रखता है। उसे खंडित नहीं होने देता। वह अपने मनचाहे कार्य एवं शौक में मशगुल हो जाता है। यदि वह किसी कला का उपासक है तो वह अपना समय उसकी साधना में लगा देता है। अपने सारे दुख-दर्द एवं प्रतिकूल परिस्थितियों को भूलकर वह अपने जीवन में हमेशा प्रसन्न रहता है।
(च) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।
प्रश्न 1.
घर के लोग दुख से व्याकुल हो गए थे, क्योंकि ……….
(क) अमरनाथ फिर से बीमार पड़े थे और फिर से तेज बुखार आ गया था।
(ख) अमरनाथ अब कोई नई कला सीखना चाहते थे।
(ग) अमरनाथ दुख एवं दर्द के कारण व्यथित हो गए थे।
उत्तर:
घर के लोग दुख से व्याकुल हो गए थे क्योंकि अमरनाथ फिर से बीमार पड़े थे और फिर से तेज बुखार आ गया था।
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति (3) शब्द संपदा
प्रश्न 1.
गद्यांश से विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
लौकिक × अलौकिक
प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची लिखिए।
1. रियाज
2. आँख
उत्तर:
1. अभ्यास
2. नयन
प्रश्न 3.
गद्यांश में से कोई भी दो ऐसे शब्द ढूँढ़कर लिखिए कि जो बहुवचन में प्रयुक्त हुए हों।
उत्तरः
1. रेखाएँ
2. लहरियाँ
प्रश्न 4.
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
1. आत्मा से संबंधित
2. सांसारिक पदार्थों एवं वस्तुओं से संबंधित
उत्तर:
1. आत्मिक
2. भौतिक
प्रश्न 5.
गद्यांश में से ‘इक’ प्रत्यय वाले शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
उत्तर:
- लौकिक
- अलौकिक
- भौतिक
- आत्मिक
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।
1. वे अस्पताल ले जाया गए।
2. उनकी आँख हँस रही थी।
उत्तर:
1. उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
2. उनकी आँखें हँस रही थीं।
कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘शास्त्रीय संगीत इंसान के जीवन में आनंद की अनुभूति कराने में प्रभावी साधन होता है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
शास्त्रीय संगीत भावों और रागों का खूबसूरत सरगम होता है। कहा जाता है कि ध्वनि ही ईश्वर का दूसरा रूप है और इसी ध्वनि से शास्त्रीय संगीत का जन्म हुआ है। मानव शरीर और मन को शास्त्रीय संगीत प्रभावित करता है। शास्त्रीय संगीत सुनते समय अगर आप अपने भीतर-ही-भीतर एक खास अवस्था में पहुँच जाए तो पूरा जगत आपके लिए ध्वनि हो जाता है। शास्त्रीय संगीत एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रक्रिया है और आध्यात्मिक प्रक्रिया से मनुष्य को आनंद एवं सुख की प्राप्ति होती है। इसीलिए शास्त्रीय संगीत इंसान के जीवन में आनंद की अनुभूति कराने में प्रभावी साधन होता है।
(छ) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
कृति (1) आकलन कृति
प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
कृति (2) आकलन कृति
प्रश्न 1.
उपर्युक्त गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।
1. कालिगुला
2. कजरी
उत्तर:
1. गद्यांश में कौन से नाटक का जिक्र किया गया है?
2. अमरनाथ आँखें बंद करके किसकी तान सुनते थे?
प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
कृति (3): शब्द संपदा
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।
उत्तरः
जीवन – पानी, जिंदगी
प्रश्न 2.
गद्यांश में से उपसर्गयुक्त व प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए और उनके उपसर्ग व प्रत्यय भी अलग करके लिखिए।
उत्तरः
शब्द | उपसर्ग | प्रत्यय |
अनुकूलता | – | ता |
आत्महीनता | – | ता |
अद्वितीय | अ | – |
अपराजेय | अ | – |
प्रश्न 3.
निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।
- जिसे संगीत की जानकारी हो:
- जिसकी कभी पराजय नहीं होती:
- जिसके समान अन्य कोई न हो:
उत्तरः
- संगीतज्ञ
- अपराजेय
- अद्वितीय
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के शुद्ध रूप लिखिए।
1. कॅसेट
2. अन्तिम
उत्तरः
1. कैसेट
2. अंतिम
कृति (4): स्वमत अभिव्यक्ति
प्रश्न 1.
‘जीवन का विकास पुरुषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
पुरुषार्थ का तात्पर्य मनुष्य के लक्ष्य या उद्देश्य को प्राप्त करने से है और आत्महीनता का तात्पर्य मनुष्य की मानसिक कमज़ोरी से है। यदि मनुष्य अपने जीवन में अपना विकास करना चाहता है तो उसे अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। उसे अपने मन में आने वाले विकार एवं मानसिक दुर्बल भावों को दूर भगाना होगा।
भले ही जीवन में कितनी भी बड़ी संकट की स्थिति निर्माण हो जाए फिर भी मनुष्य को अपनी आत्मिक शक्ति को नहीं खोना चाहिए। उसकी आत्मिक शक्तियाँ इतनी सशक्त होनी चाहिए कि वह जीवन में निर्माण होने वाली स्थितियों का सामना कर सके। यदि व्यक्ति के मन में दृढ़ संकल्प एवं दैदीप्यमान इच्छाशक्ति है, तो वह असंभव को भी संभव बना सकता है। इससे व्यक्ति का विकास होता है। इसीलिए कहा गया है कि जीवन का विकास पुरुषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।
भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ।
भाषा बिंदू
प्रश्न 1.
काल परिवर्तन कीजिए।
- आसपास कई जगह फोन किया। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
- सुबह पाँच बजे फोन आया था। (सामान्य भविष्यकाल)
- शास्त्री जी आ गए थे। (सामान्य भविष्यकाल)
- दिन में शास्त्री जी आते थे। (सामान्य वर्तमानकाल)
- मैं जीवन का व्याकरण बना रहा हूँ। (पूर्ण भूतकाल)
- उन्होंने सामने की जमीन में बगीचा बनाया था। (सामान्य वर्तमानकाल)
उत्तर:
- आसपास कई जगह फोन कर रहे हैं।
- सुबह पाँच बजे फोन आएगा।
- शास्त्री जी आएँगे।
- दिन में शास्त्री जी आते हैं।
- मैंने जीवन का व्याकरण बनाया था।
- वे सामने की जमीन में बगीचा बनवाते हैं।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित रेखांकित विकारी शब्दों के भेद पहचानिए।
1. दुर्घटनास्थल पर भयावह दृश्य था।
2. रात के एक बजे हम पुलिस स्टेशन पहुंचे।
उत्तर:
1. गुणवाचक विशेषण
2. उत्तम पुरूषवाचक सर्वनाम
प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित अव्ययों के भेद पहचानिए।
1. मुझे अभी मरना ही नहीं था।
2. अनिल ने डॉक्टर की तरफ देखकर कहा था।
उत्तर:
1. क्रियाविशेषण अव्यय
2. संबंधसूचक अव्यय
प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों के रचना की दृष्टि से प्रकार पहचनाकर लिखिए।
1. आपकी टाँग काटनी पड़ेगी।
2. अगर मैं उस वक्त बेहोश न हुआ होता तो उसे बचा लेता कभी भी मरने न देता।
उत्तर:
1. साधारण वाक्य
2. मिश्र वाक्य
प्रश्न 5.
निम्नलिखित वाक्यों के अर्थ की दृष्टि से प्रकार पहचानकर लिखिए।
- इसमें ऐसा क्या है?
- चित्र निकालने की मुझे फुरसत ही नहीं मिली।
- आपको अस्पताल में जाना ही पड़ेगा।
- ‘अब क्या होगा डॉक्टर?’
उत्तर:
- प्रश्नार्थक वाक्य
- निषेधार्थक वाक्य
- आज्ञार्थक वाक्य
- प्रश्नार्थक वाक्य
प्रश्न 6.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
- साथ
- और
- तो
- के बिना
उत्तर:
- मैं राम के साथ घूमने जाऊँगा।
- राधा और मीना बाज़ार जा रही हैं।
- तुम मेरे साथ चलो नहीं तो मैं अकेला नहीं जाऊँगा।
- ईश्वर के बिना जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है।
संभाषणीय:
प्रश्न 1.
विद्यालय में आते समय आपको रास्ते में दुर्घटनाग्रस्त महिला दिखी। आपने उसकी सहायता की। इस घटना का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
- अध्यापक – विजय, आज स्कूल आने में तुम्हें देर हो गई। क्या कारण है?
- विजय – जी हाँ, अध्यापक महोदय। मैं जब स्कूल आ रहा था तब गांधी रोड हाइवे पर एक दुर्घटना हुई। एक महिला दुर्घटना में घायल हो गई।
- अध्यापक – क्या कह रहे हो तुम? दुर्घटना हुई! महिला कैसे घायल हुई?
- विजय – हमारी गाड़ी महिला की गाड़ी से बिल्कुल पीछे थी। सामने से एक बड़ा ट्रक आ गया और वह महिला की गाड़ी से टकरा गया। जिस कारण महिला घायल हो गई। मैंने अपने माता-पिता के साथ मिलकर उस महिला को गाड़ी से बाहर निकाला और उसे तुरंत अस्पताल की ओर लेकर चले गए। ट्रक वाले ने अपनी गलती स्वीकार कर ली। वह भी हमारे साथ अस्पताल पहुंचा।
- अध्यापक – पर तुमने अब तक यह नहीं बताया कि अब उस महिला की हालत कैसी है और उसे कहाँ चोट आई?
- विजय – महिला के दाहिने हाथ को चोट आई है। डॉक्टर ने उसके घावों पर मरहम पट्टी लगा दी। उसके बाद हमने उस महिला से उसके घर वालों का फोन नंबर लेकर उन्हें सूचित भी कर दिया। उसके घर वाले अब उसके पास अस्पताल में हैं। परिस्थिति अनुकूल होने के पश्चात ही हम वहाँ से निकले और मेरे माता-पिता मुझे सीधे स्कूल लेकर आए। इसी कारण मुझे स्कूल आने में लगभग एक घंटे की देरी हो गई है।
- अध्यापक – विजय तुमने बहुत ही बड़ा मानवता का कार्य किया है। इसके लिए मैं तुम्हें धन्यवाद देता हूँ।
अपराजेय Summary in Hindi
लेखिका-परिचय:
जीवन-परिचय: लेखिका कमल कुमार आधुनिक युग की प्रमुख कहानीकार हैं। इनका जन्म हरियाणा के अंबाला जिले में हुआ था। उपन्यास के क्षेत्र में इन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया है। इन्होंने व्यक्ति के जीवन अनुभवों को अपनी कहानी के द्वारा अभिव्यक्त करने का कार्य किया है। इन्होंने आसक्ति, आशा, आस्था एवं जीवन के स्पंदन को अपनी कहानियों के द्वारा चित्रित किया है।
प्रमुख कृतियाँ: कहानी संग्रह – ‘पहचान’, ‘क्रमशः’, ‘फिर से शुरू’ आदि उपन्यास – ‘अपार्थ’, ‘आवर्तन’, ‘हैमबरगर’, ‘पासवर्ड’ आदि।
गद्य-परिचय:
वर्णनात्मक कहानी: वर्णनात्मक कहानी हिंदी साहित्य विधा का एक प्रमुख अंग है। जीवन की किसी घटना का रोचक़, सुंदर एवं प्रवाही वर्णन ही ‘वर्णनात्मक कहानी’ कहलाता है।
प्रस्तावना: प्रस्तुत कहानी के माध्यम से लेखिका कहना चाहती हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन में प्रत्येक परिस्थितियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए क्योंकि परिस्थितियाँ निमंत्रण देकर नहीं आती हैं। वे कभी-भी व्यक्ति के जीवन में निर्माण हो सकती हैं। व्यक्ति को सिर्फ उनसे लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
सारांश:
अमरनाथ कहानी के प्रमुख पात्र हैं। वे दूसरे शहर में कुछ काम के सिलसिले में गए थे। वहाँ से लौटते समय अलवर के रास्ते में उनकी गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। जिस कारण उनके ड्राइवर की मृत्यु हो जाती है। चार घंटे तक वे बेहोशी के हालत में दुर्घटनास्थल पर घायल होकर पड़े रहते है। इस कारण उनके शरीर में जहर फैल जाता है और डॉक्टर को उनकी एक टाँग काटनी पड़ती है। वे सहर्ष अपनी टाँग कटवाने के लिए तैयार हो जाते हैं। टाँग कट जाने का उन्हें तनिक भी दुख नहीं होता है। इसके बाद वह स्वचालित व्हीलचेयर पर विराजमान हो जाते हैं और अपनी चित्रकारी को पूरा कराने के लिए कैनवस रंग, ब्रश और ईजल मँगवाते हैं। कुछ दिनों के पश्चात डॉक्टर फिर से उनके खून की जाँच करते हैं।
तब उन्हें पता चलता है कि बीमारी फिर से फैल रही है। जिस कारण उनकी दाईं बाँह डॉक्टर को काटनी पड़ती है। फिर भी अमरनाथ प्रसन्न रहते हैं। उन्हें अपनी बाँह कटने का रत्ती भर भी दुख नहीं होता है। अस्पताल से घर आने के पश्चात वह शास्त्रीय संगीत सीखना शुरू कर देते हैं। वे दिन-रात संगीत साधना में व्यस्त रहते हैं। वे स्वयं दिव्यांग हैं; इस बात को भी वे भूल जाते हैं। फिर से डॉक्टर उनके खून की जाँच करते हैं। अबकी बार उनकी आवाज चली जाती है। फिर भी अमरनाथ परिस्थितियों से हार मानने वाले नहीं थे।
अस्पताल से घर आकर संगीतज्ञों की कैसेट डिस्क म्यूजिक सिस्टम उनके कमरे में साइन बोर्ड पर रख दिया जाता है। संगीत सुनना पक्षियों का कलरव सुनना, सूखे पत्ते व कलियों की आवाज सुनने का उनका शौक बढ़ता ही जाता है। वे जानते हैं कि ईश्वर उनके एक-एक अंग को उनसे अलग कर रहा है। फिर भी वे टससे-मस नहीं होते हैं। वे ईश्वर के विरुद्ध शांत संघर्ष करते हैं। वे हार मानने वालों में से नहीं हैं। वे हमेशा अपराजेय ही रहेंगे। जीवन के हर पल, हर स्थिति एवं हर वस्तु में अद्वितीय ही रहेंगे। आखिर वे मानते हैं कि मनुष्य के जीवन का विकास पुरूषार्थ में हैं, आत्महीनता में नहीं।
शब्दार्थ:
- अकुलाहट – व्याकुलता, बेचैनी
- घुमक्कड़ी – घूमने की क्रिया
- परिदृश्य – चारों ओर के दृश्य
- उजास – प्रकाश, उजाला
- दुर्घटना – हादसा
- रक्तस्राव – रक्त का शरीर से बहना।
- स्वचालित – स्वयं चलने वाली
- अलवैर काम् – एक पाश्चात्य नाटककार
- अद्वितीय – जिसके समान कोई न हो।
- अपराजेय – जिसकी कभी पराजय न हो।
Hindi Lokbharti 9th Std Digest दूसरी इकाई
- कह कविराय Question Answer
- जंगल (पूरक पठन) Question Answer
- इनाम Question Answer
- सिंधु का जल Question Answer
- अतीत के पत्र Question Answer
- निसर्ग वैभव (पूरक पठन) Question Answer
- शिष्टाचार Question Answer
- उड़ान Question Answer
- मेरे पिता जी (पूरक पठन) Question Answer
- अपराजेय Question Answer
- स्वतंत्रता गान Question Answer