Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 1 कह कविराय Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 1 कह कविराय Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

1. संजाल :

प्रश्न 1.
संजाल :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 1 कह कविराय 1
उत्तर:
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2. उत्तर लिखिए :

प्रश्न क.
अपना शीश इसके लिए आगे करने पर इसकी प्राप्ति होगी?
उत्तरः
अपना शीश दूसरों की भलाई के लिए (परोपकार के लिए) आगे करने पर मोक्ष की प्राप्ति होगी।

प्रश्न ख.
बड़ों के द्वारा दी गई सीख –
उत्तरः
व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलते समय अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखनी चाहिए।

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3. ‘हाथ’ शब्द पर प्रयुक्त कोई एक मुहावरा लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
‘हाथ’ शब्द पर प्रयुक्त कोई एक मुहावरा लिखकर उसका वाक्य में प्रयोग कीजिए।

4. ‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है।’ इस पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 1.
‘खुशियाँ बाँटने से बढ़ती है।’ इस पंक्ति का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सच ही कहा गया है कि खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं। खुशियाँ संपत्ति की भाँति होती है। जिस प्रकार हम अपनी संपत्ति का जितना दान करते हैं उतनी वह बढ़ती रहती है । ठीक उसी प्रकार हम जितनी खुशियाँ लोगों में बाँटेंगे, उतनी ही मात्रा में वह बढ़ती है। अगर आप किसी की आँखों में दर्द देखते हो, तो उसके साथ अपने आँसुओं को बाँटो। अगर आप किसी की आँखों में मुस्कान देखते हो, तो उसके साथ अपनी खुशियों को बाँटो। आपको परमसुख की अनुभूति होगी।

आपका मन प्रसन्न एवं प्रफुल्लित हो जाएगा जिस कारण आपकी खुशियाँ दुगुनी हो जाएगी। मदर टेरेसा जी ने सभी दीन दुखी अनाथ बालकों के जीवन में खुशियाँ भर दी तो संसार ने उन्हें ‘नोबेल पुरस्कार’ देकर उनकी खुशियों को दुगुना कर दिया। अतः स्पष्ट है कि खुशियाँ बाँटने से बढ़ती हैं।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
संत कबीर तथा कवि बिहारी के नीतिपरक दोहे सुनिए और सुनाइए।

पठनीय :

प्रश्न 1.
मीरा का कोई पद पढ़िए ।

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आसपास :

प्रश्न 1.
भक्तिकालीन, रीतिकालीन कवियों के नाम और उनकी रचनाओं की सूची तैयार कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘गुन के गाहक सहस नर’ इस विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
गुणी व्यक्ति की सर्वत्र पूजा होती है। ठीक ही कहा गया है ‘विद्वान सर्वत्र पूज्यते’ गुणी व्यक्ति को हमेशा सम्मान मिलता है और हजारों व्यक्ति उसकी चर्चा करते हैं। उसकी सर्वत्र चर्चा होती है। सभी गुणी व्यक्ति का साथ चाहते हैं क्योंकि उसके साथ रहने से गुणहीन व्यक्ति भी गुणी बन जाता है। गुणी व्यक्ति लोगों को संकट की घड़ी से बाहर निकालते हैं। समय-समय पर उनका मार्गदर्शन करते हैं। जीवन में सही क्या और गलत क्या इसका एहसास कराते हैं। गुणी व्यक्ति अपने महकते चरित्र से सभी के जीवन को सुगंधित कर देते हैं। वह दूसरों के व्यक्तित्त्व में निखार लाते हैं। गुणी व्यक्ति से प्रेरणा पाकर सामान्य लोग अपना विकास कर लेते हैं। अत: गुणी व्यक्ति के सहस्र ग्राहक होते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
सामाजिक मूल्यों पर आधारित पद, दोहे, सुवचन आदि का सजावटी सुवाच्य लेखन कीजिए।

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
कौआ और कोकिल में समानता तथा अंतर :
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उत्तर:
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प्रश्न ख.
कवि की दृष्टि से मित्र की परिभाषा
उत्तर:
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प्रश्न ग.
आकृति
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उत्तर:
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2. कविता में प्रयुक्त तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों का चयन करके उनका वर्गीकरण कीजिए तथा पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
कविता में प्रयुक्त तत्सम, तद्भव, देशज शब्दों का चयन करके उनका वर्गीकरण कीजिए तथा पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
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निर्देश: छात्र स्वयं किन्हीं पाँच शब्दों का वाक्य में प्रयोग करेंगे।

3. कवि के मतानुसार मनुष्य की विचारधारा निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

प्रश्न 1.
कवि के मतानुसार मनुष्य की विचारधारा निम्न मुद्दों के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
च . ऋण लेते समय ……………….
छ. ऋण लौटाते समय ……………..
उत्तर:
च. नम्रता से मीठी वाणी का प्रयोग करना।
छ. कठोरता से कड़वी वाणी का प्रयोग करना।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 1 कह कविराय Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कौआ और कोकिल में समानता तथा अंतर :
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझाकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“गुन के गाहक ……………… गाहक गुन के।।”
इस कुंडली का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति को पूछने वाले या जानने वाले हजारों लोग होते हैं लेकिन जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उस व्यक्ति को कोई नहीं पूछता, लोग उसका सम्मान भी नहीं करते। जिस प्रकार कौए और कोयल दोनों की आवाज सुनते तो सभी हैं लेकिन कोयल अपनी मधुर और सुरीली आवाज के कारण सभी को अच्छी लगती है, परन्तु कौआ किसी को अच्छा नहीं लगता। कोयल और कौए का रंग तो एक समान होता है, परन्तु कौआ अपनी तेज (कर्कश) आवाज के कारण सभी के द्वारा अपमानित किया जाता है और कोयल को उसकी मधुर आवाज के कारण सम्मान मिलता है। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि हे मन के ठाकुर! जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उसे कोई नहीं पूछता और गुणवान व्यक्ति को हजारों लोग उसके गुणों के कारण पूछते हैं।

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(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए ।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
सत्य – असत्य लिखिए।
i. दुनिया में सर्वत्र सदाचारी व्यक्ति पाए जाते हैं।
ii. दुनिया में सर्वत्र स्वार्थभाव पनप रहा है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘देखा सब संसार में ………… कोई बिरला देखा।।’
इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि हे ईश्वर ! इस धरती पर और इस पूरे संसार में मनुष्य एक-दूसरे से स्वार्थ वश प्रेम करते हैं अर्थात सभी लोग अपने लाभ या फायदे के बारे में ही सोचते हैं। जब तक किसी व्यक्ति के पास पैसा होता है, तब तक लोग उसके मित्र रहते हैं। जब किसी व्यक्ति के पास धन या पैसा नहीं होता, तब उसके मित्र उसकी उपेक्षा करते हैं अर्थात गरीब मित्र से बात करना भी पसंद नहीं करते हैं। कवि गिरिधर जी कहते हैं, इस संसार का यही नियम है कि बिना स्वार्थ के किसी से मित्रता करने वाले लोग कम ही मिलते हैं अर्थात बिना स्वार्थ के प्रेम करने वाला कोई नहीं मिलता।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
‘उधार देने वाले व्यक्ति को उधार लेने वाला झूठा कहता है।’ इस अर्थ की पद्यांश में प्रयुक्त पंक्ति –
उत्तर:
बहुत दिना हो जाय, कहै तेरो कागज झूठा।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति ग (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘झूठ मीठे वचन कहि ………….. माँगने मारन धावै।’
इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तरः
हमें एक-दूसरे की सहायता जरूर करनी चाहिए। जब कोई मुसीबत में फंस जाता है; तब हमें उस व्यक्ति की मदद करनी चाहिए। व्यक्ति की मदद करने से पहले हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जिसकी हम मदद करने जा रहे हैं, उसे सचमुच सहायता की जरूरत है या वह सिर्फ मीठी-मीठी बातें कर हमसे रुपए उगलवा रहा है। इसे जाने बिना यदि हम ऐसे झूठे व्यक्ति की आर्थिक सहायता करते हैं, तो बाद में हमें जरूर पछताना पड़ेगा। कुछ समय के पश्चात जब हम अपना उधार दिया हुआ पैसा उससे मांगने के लिए जाते हैं। तब वह हमारे साथ बहुत बुरा व्यवहार करता है। उस समय वह इतना कठोर एवं निष्ठुर हो जाता है कि बिना अपशब्द कहे चुप नहीं रहता है और सभी के सामने हमें ही झूठा साबित कर देता है।

(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
उत्तर:
व्यक्ति कोई भी कार्य यदि बिना विचार करता है, तो उसे बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति अपना काम भी बिगाड़ता है और समाज में वह हँसी का पात्र भी बन जाता है। जिसके कारण उसका मन निराश रहता है। उसके मन को शांति नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति में खान-पान-सम्मान आदि किसी भी चीज में उसका मन नहीं लगता अर्थात उसे कछ भी अच्छा नहीं लगता है। गिरिधर कवि कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन उसके मन से दुख दूर नहीं होता है और न वह उसे टाल सकता है। बार-बार उसके मन में वही बात खटकती रहती है कि उसने बिना विचार किए काम क्यों किया था। उसे अपने अनजाने में ही की गई गलती पर पछतावा भी होता है।

(ड़) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
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कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
“बीती ताहि बिसारि ………….. बीती सो बीती।” इस पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर:
जो बात बीत जाती है उसके बारे में व्यक्ति को सोचना नहीं चाहिए। जो छूट गया उसे भूल जाने में ही जीवन की सार्थकता होती है। अत: बीते हुए समय की अपेक्षा भविष्य को महत्त्व देना चाहिए। बीती हुई बातों के बारे में सोचकर व्यक्ति को सिर्फ दुख ही मिलेगा और फिर उसका मन अन्य कामों में नहीं लगेगा। महाकवि वाल्मीकि ने भी अपने जीवन के बुरे पलों को भूलकर रामायण की रचना की थी। अत: व्यक्ति को बीती हुई सारी घटनाओं को भूलकर आगे आने वाले समय के बारे में सोचना चाहिए। भविष्य में अपना जीवन सुखमय एवं समृद्ध बनाने हेतु उसे अथक प्रयास करने चाहिए। ध्यान रहे कि बीते हुए पलों के बारे में सोचना केवल मूर्खता है और आगे आनेवाले उज्ज्वल भविष्य का स्वागत करने के लिए तत्पर हो जाना चतुरता है।

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रचनात्मकता की ओर संभाषणीय :

प्रश्न 1.
‘विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है। स्पष्ट
उत्तर:

  • अध्यापक: (सभी छात्रों से): अपने अपने मित्रों के नाम बताइए। (सभी छात्र अपने अपने मित्र के नाम बताते हैं।)
  • अध्यापक: आप किसे अपना सच्चा मित्र मानते हैं?
  • विजयः सच्चा मित्र वह होता है, जो मुसीबत आने पर अपनी मदद करता है।
  • संजयः सच्चा मित्र वह होता है, जो ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ होता है।
  • राधाः सच्चा मित्र वह होता है, जो नि:स्वार्थ भाव से अपनी सहायता करता है।
  • मंदाः सच्चा मित्र वह होता है, जो संकट की घड़ी में अपनी सहा यता के लिए दौड़कर आता है।
  • अध्यापक: आप अपने मित्रों का सच्चा मित्र बनने के लिए क्या करेंगे?
  • विजयः मैं अपने मित्रों का सच्चा मित्र बनने के लिए मानवीय गुणों का पालन करूंगा।
  • संजयः मैं सब्बा मित्र बनने के लिए ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा का पालन करूंगा।
  • राधाः मैं अपनी सहेलियों की सच्ची सहेली बनने के लिए नि:स्वार्थ भाव को अपनाऊँगी।
  • मंदाः मैं सच्ची सहेली बनने के लिए मुसीबत की घड़ी में उनकी सहायता के लिए तत्पर रहूँगी।
  • अध्यापकः सच ही कहा गया है कि विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है। बच्चों हमें अपना तन-मन-धन न्योछावर करके अपने मित्रों की संकट की घड़ी में सहायता करनी चाहिए और यही सच्चे मित्र का लक्षण हैं।

पद्य-विश्लेषण

कविता का नाम – कह कविराय कविता की विधा – कुंडली
पसंदीदा पंक्ति – बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछताय।
काम बिगारै आपनो, जग में होत हसाय।।

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्तियों में समय की महत्ता का प्रतिपादन किया गया है। यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को प्रत्येक काम सोच-विचारकर ही करना चाहिए। अत: यह मेरी पसंदीदा काव्य पंक्ति है।
कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा यह मिलती है कि व्यक्ति को सामाजिक गुणों को अपनाना चाहिए। हमें दूसरों से सच्ची मित्रता करनी चाहिए। यदि किसी ने हम पर उपकार किए हैं तो हमें उसके प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए। कोई भी कार्य विचारपूर्वक करना चाहिए। व्यक्ति को अपनी संपत्ति का दान करना चाहिए।

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पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ इसका पाठ से आगे भावार्थ अपने शब्दों मे लिखिए।
उत्तर:
जो व्यक्ति बिना विचार किए काम करता है, उसे बाद में पछताना पड़ता है; क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। संसार में हमें ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे कि जिन्होंने बिना विचारे काम किए और चौपट हो गए। भारत के कई शासक ऐसे थे, जिनमें बिल्कुल विचार करने की शक्ति नहीं थी। वे आपस में ही एक-दूसरे से लड़ते रहे। इसी कारण अंग्रेजों ने उन्हें कुचल दिया।

यदि कोई छात्र पूरे वर्ष में किताबों को नहीं छूता, उसे बाद में पछताना ही पड़ता है। बिना विचार किए काम करने वालों की स्थिति उस शेखचिल्ली की भाँति हो जाती है, जो टहनी पर बैठकर उसी को पेड़ से अलग कर रहा था। व्यक्ति को कोई भी कार्य करने से पहले जल्दबाजी में निर्णय नहीं लेना चाहिए। जल्दबाजी में लिया गया निर्णय गलत साबित हो सकता है। अत: इसे ठीक से सोच कर ही सही निर्णय लेना चाहिए, नहीं तो व्यक्ति को बाद में पछताना पड़ेगा।

कह कविराय Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय: गिरिधर कविराय हिंदी के प्रख्यात कवि थे। इनके जन्म के संबंध में मतभेद है। कहा जाता है कि इनका जन्म अवध में सन 1713 में हुआ था। भाषा का सरलीकरण इनके कुंडलियों की विशेषता है। इन्होंने नीति, वैराग्य और अध्यात्म को ही अपनी रचनाओं का विषय बनाया है। सामान्य जन के दैनिक जीवन को ध्यान में रखकर इन्होंने कुंडलियाँ लिखी है।

प्रमुख कृतियाँ: ‘गिरिधर कविराय ग्रंथावली’ में 500 से अधिक दोहे और कुंडलियाँ संकलित हैं।

पद्य-परिचय कुंडली: यह काव्य विधा का एक प्रकार है। यह छंद दोहा और रोला के मेल से बनता है। कुंडलियाँ छ: पंक्तियों की होती हैं। इनमें दूसरी पंक्ति के अंतिम भाग का प्रयोग तीसरी पंक्ति के शुरू में दिखाई देता है। इनकी एक विशेषता होती है कि यह जिस शब्द से शुरू होती है, उसी शब्द से इसका समापन भी होता है।

प्रस्तावना : प्रस्तुत कुंडलियों में कविराय गिरिधर जी ने आम लोगों को नैतिक जीवन से संबंधित शिक्षा दी है। उन्होंने अपने कुंडलियों के माध्यम से सामाजिक गुणों को अपनाने की बात कही है। इनकी कुडलियाँ नीतिपरक हैं। इनमें अनुभव व परंपरा का पुट भी दिखाई देता है।

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सारांश:

कविराय गिरिधर जी ने अपनी कुंडलियों से सर्व साधारण लोगों को उपदेश प्रदान किया है। उन्होंने अपनी कुंडलियों के माध्यम से व्यक्ति के पास गुण होने चाहिए; विपत्ति में ही सच्चे मित्र की पहचान होती है; व्यक्ति को कोई भी काम हो वह विचारपूर्वक करना चाहिए; व्यक्ति को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए आदि के बारे में मनुष्य को सतर्क करते हुए उसे नैतिकता का पाठ पढ़ाया है।

भावार्थ:

गुन के गाहक ……………… गाहक गुन के।।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि गुणवान व्यक्ति को पूछने वाले या जानने वाले हजारों लोग होते हैं लेकिन जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उस व्यक्ति को कोई नहीं पूछता, लोग उसका सम्मान भी नहीं करते। जिस प्रकार कौए और कोयल दोनों की आवाज सुनते तो सभी हैं लेकिन कोयल अपनी मधुर और सुरीली आवाज के कारण सभी को अच्छी लगती है, परन्तु कौआ किसी को अच्छा नहीं लगता।

कोयल और कौए का रंग तो एक समान होता है, परन्तु कौआ अपनी तेज (कर्कश) आवाज के कारण सभी के द्वारा अपमानित किया जाता है और कोयल को उसकी मधुर आवाज के कारण सम्मान मिलता है। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि हे मन के ठाकुर ! जिस व्यक्ति में गुण नहीं होते, उसे कोई नहीं पूछता और गुणवान व्यक्ति को हजारों लोग उसके गुणों के कारण पूछते हैं।

देखा सब संसार में ……………… कोई बिरला देखा।।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि हे ईश्वर! इस धरती पर और इस पूरे संसार में मनुष्य एक-दूसरे से स्वार्थ वश प्रेम करते हैं अर्थात सभी लोग अपने लाभ या फायदे के बारे में ही सोचते हैं। जब तक किसी व्यक्ति के पास पैसा होता है, तब तक लोग उसके मित्र रहते हैं। जब किसी व्यक्ति के पास धन या पैसा नहीं होता, तब उसके मित्र उसकी उपेक्षा करते हैं अर्थात गरीब मित्र से बात करना भी पसंद नहीं करते हैं। कवि गिरिधर जी कहते हैं, इस संसार का यही नियम है कि बिना स्वार्थ के किसी से मित्रता करने वाले लोग कम ही मिलते हैं अर्थात बिना स्वार्थ के प्रेम करने वाला कोई नहीं मिलता।

अठा मीठे बचन …………………………… तेरो कागज झूठा।।
झूठा व्यक्ति हमेशा मीठे वचन बोलता है। मीठी-मीठी बातें करके वह दूसरों से रुपए भी उधार ले जाता है। रुपए उधार लेते समय तो उसे बहुत सुख मिलता है और अच्छा लगता है; परंतु वह जिस व्यक्ति से उधार लेता है, उसे उसके पैसे वापस देने का नाम भी नहीं लेता है। पैसा मांगने पर वह अपना दुखड़ा सुनाने लगता है।

गिरिधर कवि कहते हैं कि कर्ज का यह नियम है कि पैसा वापस मांगने पर कर्जदार उधार देने वाले को मारने दौड़ता है, और मन-ही-मन उससे नाराज भी रहता है। ज्यादा दिन बीत जाने पर वह उधार देने वाले को झूठा भी साबित कर देता है और उधार कब दिया था, इसका प्रमाण माँगता है। कर्ज देने वाला जब कर्ज के लेन-देन का लिखा कागज देता है, तो कर्जदार उसे झूठा सिद्ध कर देता है।

बिना विचारे जो ……………………………. कियो जो बिना विचारे।।
व्यक्ति कोई भी कार्य यदि बिना विचार करता है, तो उसे बाद में पछताना पड़ता है क्योंकि बिना विचारपूर्वक किया गया कोई भी काम ठीक से पूर्ण नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति अपना काम भी बिगाड़ता है और समाज में वह हँसी का पात्र भी बन जाता है। जिसके कारण उसका मन निराश रहता है। उसके मन को शांति नहीं मिलती है। ऐसी स्थिति में खान-पान-सम्मान आदि किसी भी चीज में उसका मन नहीं लगता अर्थात उसे कुछ भी अच्छा नहीं लगता है।

गिरिधर कवि कहते हैं कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन उसके मन से दुख दूर नहीं होता है और न वह उसे टाल सकता है। बार-बार उसके मन में वही बात खटकती रहती है कि उसने बिना विचार किए काम क्यों किया था। उसे अपने अनजाने में ही की गई गलती पर पछतावा भी होता है।

बीती ताहि बिसारि …………….. बीती सो बीती।।
व्यक्ति को जो बात बीत गई है उसे भूल जाना चाहिए और आगे के बारे में सोचना चाहिए। अर्थात व्यक्ति को बीते हुए समय की अपेक्षा आनेवाले भविष्य को महत्व देना चाहिए। व्यक्ति के सामर्थ्य के अनुसार उससे जो हो सकता है उसी काम में अपना मन लगाना चाहिए। यदि व्यक्ति ऐसा करेगा, तो वह अपने लक्ष्य में जरूर सफल हो जाएगा। उस समय कोई भी दुर्जन व्यक्ति उस पर हंसेगा नहीं और किसी गलती के लिए मन में पछतावा भी नहीं होगा। गिरिधर कवि कहते हैं, व्यक्ति को हमेशा अपने मन की सुननी चाहिए। उसे सिर्फ आगे के बारे में ही सोचना चाहिए। जो बीत गया सो बीत गया। अत: उसे भूलना ही बेहतर है। बीते हुए पलों के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

पानी बाड़ो नाव में ……………….. राखिए अपनो पानी।
कवि गिरिधर जी कहते हैं कि यदि नौका में पानी भरने लगे, तो दोनों हाथों से पानी को बाहर निकालते रहना चाहिए, इससे नौका डूबने से बची रहेगी। यदि घर में अधिक पैसा या धन हो, तो निर्धनों या गरीबों में दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपको यश और सम्मान मिलेगा और ईश्वर भी आप पर कृपा करेंगे।

समझदार लोगों का यही कर्तव्य है। समझदार व्यक्तियों को भगवान का स्मरण करते हुए, परोपकार या दूसरों की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर देना चाहिए अर्थात दूसरों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहना चाहिए। इस प्रकार गिरिधर कविराय जी कहते हैं कि विद्वानों का ऐसा ही कहना है कि अच्छा काम करते हुए आगे बढ़ना चाहिए और अपना सम्मान बनाए रखना चाहिए अर्थात जो लोग अच्छे कर्म करते हैं उनका सम्मान एवं यश सदैव बना रहता है।

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शब्दार्थ:

  1. गाहक – ग्राहक
  2. सहस – सहस्त्र
  3. नर – पुरुष
  4. काग – कौआ
  5. अपावन – अपवित्र
  6. दोऊ – दोनों
  7. ताको – उसको
  8. लेखा – व्यवहार
  9. बेगरजी – निस्वार्थ
  10. विरला – निराला
  11. लैके – लेकर
  12. अरु – और
  13. तैरना – टालना
  14. दुर्जन – बुरा आदमी
  15. परतीती – प्रतीति, विश्वास

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

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संभाषणीय

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 1
उत्तरः
आजादी के बाद का भारत अपनी आर्थिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए बहुत ही संघर्षरत और उत्साह से भरा था। कृषि, शिक्षाउद्योग आदि के क्षेत्र में वह दिनोंदिन प्रगति के राह पर आगे बढ़ रहा था। अक्टूबर 1952 में चीन ने भारत के ऊपर हमला कर दिया। भारत इस लड़ाई से उबर ही पाया था कि 1935 में दूसरे पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत के ऊपर हमला किया, भारत ने इसका मुँहतोड़ जवाब दिया। 1971 में पुन: पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया परंतु इस बार पाकिस्तान की करारी हार हुई और बांग्लादेश का उदय हुआ। 1955 में भारत की बागडोर प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के हाँथ में आ गई।

उन्होंने हरित क्रांति की शुरूआत की। भारत ने कृषि के क्षेत्र में संतोषजनक प्रगति की । बैंको का राष्ट्रीकरण किया गया। 1974 को पोखरन में परमाणु परीक्षण कर भारत विश्व का छठवाँ परमाणु ताकत बन गया। प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने 1975 में अपातकाल की घोषणा कर दी। देश के बड़े-बड़े विपक्षी नेता गिरफ्तार कर लिए गए। प्रेस की आज़ादी पर प्रतिबंध लगा दिया गया।

खेल के क्षेत्र में भी भारत प्रगति कर रहा था। 1882 में भारत ने नवें एशियाई खेलों का सफल आयोजन किया। भारतीय क्रिकेट टीम ने वेस्ट इंडीज को हराकर पहली बार विश्व कप जीता। विज्ञान के क्षेत्र में 1982 में रंगीन टेलीविज़न की शुरूआत हुई। भारत का अपना बहुउद्देशीय संचार और मौसम उपग्रह इंसेट-1बी प्रक्षेपित किया गया। 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। 31 अक्टूबर 1984 को राजीव गांधी भारत के प्रधान मंत्री बने।

उनके कार्यकाल में सतह से सतह पर मार करनेवाले पृथ्वी प्रक्षेपास्त का सफल परीक्षण हुआ। 1992 में धार्मिक राजनीति चरण सीमा पर थी। जिसके चलते अयोध्या में विवादित बाबरी मस्जिद का ढाँचा ध्वस्त कर दिया गया जिससे भारत में हिंसा भड़क गई और मुंबई में श्रृंखलाबद्ध विस्फोट किए गए। इस विस्फोट में सैकड़ों लोग मारे गए। 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध लड़ा गया। इस बार भी पाकिस्तान को मुँह की खानी पड़ी।

2001 में संसद भवन पर आतंकी हमला हुआ इस हमले में सम्मिलित आतंकवादी मारे गए। यह देश की सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी सेंध थी। 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री बने। वह एक बड़े अर्थशास्त्री भी थे। उन्होंने देश के गरीबों के लिए फूड्स बिल संसद में लाया। अब गरीबों को 2 रुपए प्रति किलो गेंहू तथा 3 रुपए प्रति किलो चावल उपलब्ध होने लगा। 2014 में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हुआ। इस बार व्यक्ति विशेष के नाम पर जनता ने मतदान किया और नरेंद्र मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनाया इनसे भारत के लोगों को बड़ी उम्मीद है।

उन्होंने कई नई योजना की शुरूवात की। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए नोटबंदी किया, सफाई अभियान की शुरूआत की, देश के हर व्यक्ति को बैंक से जोड़ने का कार्य किया। इस समय भारत अपने विदेश नीति में भी महत्त्वपूर्ण स्थान पर पहुँच गया है। विदेश के बहुत सारे देशों से भारत इनके मधुर संबंध हो गए हैं। व्यापारिक समझौते हुए हैं। इस समय भारत को विश्व की महाशक्तियों में गिना जाने लगा है। सामाजिक दृष्टि से भी वह शक्तिशाली देशों की श्रेणी में पहुँच गया है। इस समय शिक्षा, व्यापार उद्योग आदि क्षेत्र में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पठनीय:

‘पर्यावरण और मानव’ पर आधारित पथनाट्य (नुक्कड़ नाट्य) पढ़कर प्रस्तुत कीजिए।

लेखनीय:

प्रश्न 1.
देश हित के लिए आप क्या करते हैं? अपने विचार स्पष्ट व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
देशहित एक पवित्र कार्य है। प्रत्येक व्यक्ति को स्वहित की अपेक्षा देशहित के बारे में सोचना चाहिए।
‘जो भरा नहीं है भावों से, बहती जिसमें रसधार नहीं।
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।

यदि मैं स्वयं का विचार करूँ तो मेरे लिए निजी हित की अपेक्षा देशहित सर्वोपरि है। देशहित के लिए मैं सभी नियमों का पालन करने के साथ ही विनम्र और देश के प्रति जिम्मेदारियों के लिए वफादार हूँ। मैं अपने चारों ओर साफ-सफाई रखने के लिए स्वच्छता अभियान में भाग लेता हूँ। सभी को बेकार वस्तुओं को कड़ेदान में डालना और सार्वजनिक वस्तुओं की देखभाल करना सिखाता हूँ।

मैं एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना रखता हूँ। देश के कल्याण के लिए बनाई गई सामाजिक व आर्थिक नीतियों का भी सम्मान करता हूँ। मैं अपने देश को दुनिया में सबसे अच्छा देश बनाने के लिए प्रयास करता रहता हूँ।

आसपास:

प्रश्न 1.
अपने आसपास/परिवेश में घटित होने वाली समाज आसपास विघातक घटनाओं की रोकथाम से संबंधित अपना मत प्रस्तुत कीजिए।
उत्तरः
भ्रष्टाचार, आरक्षण, भ्रूण-हत्या, दहेज प्रथा, आदि समाज विघातक घटनाएँ हैं। भ्रष्टाचार भारतीय समाज में सबसे तेजी से उभरने वाला मुद्दा है। मनुष्य अपने निजी स्वार्थों की खातिर देश को खोखला कर रहा है। अतः मनुष्य को सदाचार को अपनाना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार अपने-आप समाप्त हो जाएगा। भ्रूण हत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस विषय पर स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। लोग कन्या जन्म चाहते ही नहीं है। सबको पुत्र चाहिए। इस पर रोक लगाने के लिए चिकित्सा के लिए मजबूत नीति सबंधी नियमावली होनी चाहिए। सभी महिलाओं के लिए तुरंत शिकायत रजिस्ट्रेशन प्रणाली होनी चाहिए।

आम लोगों को जागरुक करने के लिए कन्या भ्रूण हत्या जागरुकता कार्यक्रम होना चाहिए। दहेज जैसी कुप्रथा के प्रति लोगों की मानसिकता में बदलाव लाया जाना चाहिए। अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन देना चाहिए। आरक्षण वास्तव में समाज के उन्हीं लोगों के लिए हितकर हो सकता है जो अपंग हैं, शिक्षा और गुण होते हुए भी अन्य लोगों से जीवन में पीछे रह जाते हैं। उन गरीब लोगों के लिए भी आरक्षण आवश्यक है, जो गुणी होते हुए भी गरीबी में जीवन बिता रहे हैं। आज यदि हम देश को उन्नति की ओर ले जाना चाहते हैं और देश की एकता बनाए रखना चाहते हैं. तो जरूरी है कि आरक्षण को हटाकर हम सबको समान रूप से शिक्षा दे और उन्नति का अवसर पाने का मौका दें।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 2
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 3

2. कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न (ख)
कृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 5

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
स्वामी विवेकानंद जी की जीवनी का अंश पढ़कर टिप्पणी लिखिए।

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न शब्दों के अर्थ शब्दकोश की सहायता से ढूंढ़िए तथा उचित शब्द रिक्त स्थानों में लिखिए।

  1. आर्यभट्ट ने शून्य की …………….. की। (खोज, अनुसंधान, आविष्कार)
  2. प्रगति के लिए आपसी ……………….. आवश्यक है। (ईर्ष्या, भागदौड़, स्पर्धा)
  3. कार्यक्रम को शुरू करने के लिए अध्यक्ष महोदय की ………… चाहिए। (अनुमति, आज्ञा, आदेश)
  4. काले बादलों को देखकर बारिश की …………. है। (आशंका, संभावना, अवसर)
  5. सड़क-योजना में सैकड़ों मजदूरों को …………. रोजगार मिला। (निर्माण, निर्मिति, सृजन)

उत्तरः

  1. खोज
  2. स्पर्धा
  3. अनुमति
  4. संभावना
  5. निर्माण

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 6

सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि
(क) नए-नए अविष्कार करना।
(ख) महापुरुषों के चरित्र (जीवनियाँ) पढ़ना।
(ग) स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।
उत्तर:
चरित्र निर्माण से आप समझते हैं कि स्वयं के चरित्र को उज्ज्वल बनाना।

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उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
साहस को क्या स्वीकार नहीं है?
उत्तर:
मँझधारों में डूबना साहस को स्वीकार नहीं है।

कृति (2) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
काव्य-पंक्तियों में प्रयुक्त आँधी शब्द का कविता से संबंधित अर्थ है।
(क) मुसलाधार बारिश के कारण आनेवाला तूफान।
(ख) प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।
उत्तरः
प्रत्येक व्यक्ति के निजी स्वार्थ के कारण आनेवाला तूफान।

प्रश्न 2.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. पावन (क) सिंधु
2.  स्वार्थ (ख) समस्या
3. अगम (ग) युग
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ङ) साधना

उत्तरः

(अ) (ब)
1. पावन (ग) युग
2.  स्वार्थ (ङ) साधना
3. अगम (क) सिंधु
4.  नूतन (घ) अनुसंधान
5. जटिल (ख) समस्या

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. डूबना/मरना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. मानो अगम अगाध सिंधु/ बिंदु में संघर्षों का पार नहीं है।
उत्तर:
1. डूबना मँझधारों में साहस को स्वीकार नहीं है।
2. माना अगम अगाध सिंधु में संघर्षों का पार नहीं है।

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।
निर्माणों के पावन युग …………….. कल्याण न भूलें!
भावार्थ:
कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे अपने व्यक्तिगत स्वार्थ का त्याग कर मानव जाति के कल्याण के लिए आगे बढ़ना चाहिए।

(ख) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में 7

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य लिखिए।

प्रश्न 1.
1. नैतिक आधार के बिना शिक्षा व्यर्थ है।
2. शील, विनय, आदर्श, श्रेष्ठता चरित्र निर्माण के साधन नहीं है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (2) आकलन कृति

एक वाक्य में उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में क्या नहीं भूलना चाहिए?
उत्तरः
हमें कीर्ति कौमुदी की गरिमा में संस्कृति का सम्मान नहीं भूलना चाहिए।

सही शब्द चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
तार बिना झंकार/ श्रृंगार नहीं है।
उत्तरः
तार बिना झंकार नहीं है।

प्रस्तुत पद्यांश को पढ़कर एक ऐसा प्रश्न बनाइए कि जिसका उत्तर निम्न शब्द हो।

प्रश्न 1.
शिक्षा
उत्तर:
नैतिक आधार के बिना कौन स्वर साध नहीं सकेगी?

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
शील, विनय,…………………. न भूलें!!
भावार्थ:
जिस प्रकार तार के बिना झंकार सुनाई नहीं देती। उसी प्रकार शील, विनय, आदर्श व श्रेष्ठता के बिना मनुष्य का चरित्र उज्ज्वल नहीं बन सकता। सच्ची शिक्षा वही होती है, जिसका आधार नैतिकता हो। मनुष्य को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसे यश, ख्याति, प्रसिद्धि रूपी उज्ज्वल चाँदनी के गौरवमय प्रकाश में अपनी संस्कृति का सम्मान करना नहीं भूलना चाहिए।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए।
जैसे – मानव : प्यार
1. प्राणी: …….
2. जीवन: ……
उत्तर:
1. उपकार
2. उत्थान

कृति (2) आकलन कृति

1. समझकर लिए

प्रश्न 1.
‘जीवन-उत्थान’ से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
जीवन की चारित्रक उन्नति

प्रश्न 2.
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सही पर्याय चुनकर लिखिए।

प्रश्न 1.
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य ………. है।
(क) आध्यात्मिक उन्नति
(ख) सांसारिक उन्नति
(ग) मानव की उन्नति
उत्तरः
कवि का ‘भौतिक उत्थान’ से तात्पर्य सांसारिक उन्नति है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

कृति (3): भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
“अविष्कारों की ……………….जीवन का उत्थान।”
भावार्थः
निर्माण के इस पावन युग में मनुष्य नए-नए आविष्कार कर रहा है। भले ही मनुष्य आविष्कार कर रहा है, पर यदि उस में आविष्कार के प्रति प्रेम नहीं है, मानवता की भावना नहीं है; शांति की कामना नहीं है। प्राणी मात्र पर उपकार करने का भाव नहीं है, तो उसके द्वारा किए गए विज्ञानरूपी आविष्कार व्यर्थ हैं। ऐसे आविष्कार आविष्कृत होने के बावजूद भी सृजनहीन है। भले ही मनुष्य सांसारिक उन्नति कर रहा है। फिर भी उसे अपने जीवन की उन्नति के बारे में नहीं भूलना चाहिए। जीवन की उन्नति तभी संभव है, जब मनुष्य के हृदय में प्रेम, मानवता, सहृदयता, नैतिकता व शांति का सृजन होगा।

पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – निर्माणों के पावन युग
  • कविता की विधा – आधुनिक कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – निर्माणों के पावन युग में हम चरित्र निर्माण न भूलें। स्वार्थ साधना की आँधी में हम वसुधा का कल्याण न भूलें।
  • पसंदीदा होने का कारण – उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें चरित्र निर्माण की बात कही गई है। व्यक्ति के पास उज्ज्वल चरित्र होना चाहिए। उसे अपने चरित्र से दूसरों पर प्रभाव निर्माण करना चाहिए।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति का चरित्र संपन्न एवं समृद्ध होना चाहिए।

स्वयं का चरित्र उज्ज्वल बनाने के लिए व्यक्ति को मानवीय गुणों का अपनाना चाहिए। स्वार्थ भाव का त्याग कर व्यक्ति को नि:स्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करनी चाहिए। व्यक्ति को ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ का पालन करना चाहिए। नए-नए अनुसंधान में व्यस्त रहकर व्यक्ति को अपनी संस्कृति का भी सम्मान करना चाहिए।

निर्माणों के पावन युग में Summary in English

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्म मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में हुआ था। अटल बिहारी वाजपेयी जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ-साथ एक प्रबुद्ध कवि, प्रखर वक्ता व पत्रकार के रूप में कार्यरत रहे हैं। राष्ट्रीय-भावना से ओत-प्रोत कई पत्रिकाओं का इन्होंने संपादन भी किया है। ब्रजभाषा व खड़ी बोली में काव्य रचना इनकी प्रमुख विशेषता रही है। ‘पद्मविभूषण’, ‘लोकमान्य तिलक पुरस्कार’ व ‘भारत रत्न पुरस्कार’ से उन्हें पुरस्कृत किया गया है।

प्रमुख कृतियाँ: कविता संग्रह – मेरी इक्यावन कविताएँ’, गद्य रचनाएँ – ‘कुछ लेख: कुछ भाषण’, ‘बिंदु-बिंदु विचार’, ‘मृत्यु या हत्या’, ‘संसद में तीन दशक’, ‘सेक्युलरवाद’ आदि।

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पद्य-परिचय:

कविता: रस और अलंकार से परिपूर्ण, सुंदर अर्थ प्रकट करने वाली, हृदय की मुक्ति की साधना के लिए मनुष्य की वाणी से निकली
शब्द रचना कविता कहलाती है। कविता मनुष्य को स्वार्थ संबंधों के संकुचित घेरे से ऊपर उठाती है और शेष सृष्टि से सुरीला संबंध जोड़ने में सहायक होती है।

प्रस्तावना: कविता में कवि वाजपेयी जी ने वसुधैव कुटुंबकम् के नूतन अनुसंधान, संस्कृति के सम्मान, जगत का कल्याण-उत्थान करने के साथ-ही-साथ चरित्र निर्माण एवं मानवीय गुणों के महत्त्व को समग्र रूप में प्रतिपादित किया है।

सारांश:

कवि कहते हैं कि आज का युग निर्माण का पावन युग है। जीवन के हर एक क्षेत्र में प्रगति हो रही है, नव-निर्माण हो रहा है । ऐसे में क्या व्यक्तिविकास हो रहा है? व्यक्ति-विकास के लिए चरित्र का उज्ज्वल होना आवश्यक है। अत: व्यक्ति को चरित्र-निर्माण पर बल देना चाहिए। उसे व्यक्तिगत स्वार्थ से बाहर निकलकर मानवजाति के कल्याण के लिए अग्रसर होना चाहिए।

शब्दार्थ:

  1. निर्माण – सृजन
  2. पावन – पवित्र
  3. युग – समय
  4. आँधी – तूफान
  5. वसुधा – पृथ्वी
  6. अगम – अपार
  7. अगाध – अथाह
  8. सिंधु – सागर
  9. मँझधार – लहरों के बीचोंबीच
  10. जटिल – कठिन
  11. अनुसंधान – खोज, अन्वेषण
  12. कीर्ति – ख्याति, प्रसिद्धि
  13. कौमुदी – चाँदनी
  14. गरिमा – महत्त्व, गौरव
  15. सृजनहीन – निर्माण हीन
  16. भौतिकता – सांसारिकता
  17. उत्थान – उन्नति

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 11 निर्माणों के पावन युग में

भावार्थ:

निर्माणों के पावन युग …………………….. अनुसंधान न भूलें !!

कवि कहते हैं कि आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है। विज्ञान और तकनीकी के इस युग में नई-नई चीजों की खोज हो रही है। नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। व्यक्ति का भौतिक विकास हो रहा है। ऐसे में, व्यक्ति को अपने चरित्र-निर्माण पर भी बल देना चाहिए। उसे

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 6 ऐ सखि ! Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि ! (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 6 ऐ सखि ! Textbook Questions and Answers

संम्भाषणीय :

प्रश्न 1.
‘जीवन में हास्य का महत्त्व’ पक्ष-विपक्ष में चर्चा कीजिए।
उत्तर:
रवि – अरे, रेखा क्या उदास बैठी हो, जब देखो उदास रहती हो। रेखा – तो क्या करूँ? तुम्हारे जैसा हीही-हीही करती रहूँ। रवि – हाँ, हमारे जैसा तुम भी हँसो। हास्य, मुस्कान और विनोद में कितना सुख है, कितना आनंद है? बड़ेबड़े चिकित्सालयों में रोगियों को हंसाने तथा प्रसन्न करने के लिए हास्य-विनोद की व्यवस्था रखी जाती है। रेखा – नहीं। अपनी हँसी अपने पास रखो। हँसने से गंभीरता समाप्त हो जाती है। गंभीरता जीवन में एक वांछित गुण है।

धीर-गंभीर और उत्तरदायी व्यक्ति समझकर लोग आदर करते हैं। रवि – यह बात सही है कि गंभीरता जीवन में वांछित गुण है। किंतु यह ठीक तभी है, जब आवश्यकतानुसार हो। गंभीरता के नाम पर हर समय मुँह लटकाए, गाल फुलाए, माथे में बल और आँखों में भारीपन भरे रहने वाले व्यक्तियों को समाज में बहुत कम पसंद किया जाता है। रेखा – हास्य-मुस्कान ठीक नहीं। कभी-कभार हँसी हो गई ठीक है। रोज-रोज हंसना ठीक नहीं। इसे लोग बुरा मानते हैं।

रवि – यह तुम्हारी सोच है रेखा। कोई बुरा नहीं मानता। जीवन में जब अवसर मिले हैंसना चाहिए। राजा-महाराजा स्वाँग और नाटकों के रूप में अपने प्रति व्यंग्य विनोद देखसुनकर प्रसन्न ही नहीं होते बल्कि सफल अभिनेता को पुरस्कार भी दिया करते थे। आज टेलीविज़न पर विविध प्रसिद्ध व्यक्तियों पर हास्य-व्यंग्य दिखाए जाते हैं जिसे देखकर संबंधित व्यक्ति भी हास्य-विनोद के नाम पर हँस पड़ते हैं।

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लेखनीय :

प्रश्न 1.
सुवचनों का संकलन कीजिए तथा सुंदर, सजावटी लेखनीय लेखन करके चार्ट बनाइए। विद्यालय की दीवारों को सजाइए।
उत्तर:

  1. पैसा आपका सेवक है, यदि आप उसका उपयोग जानते हैं। वह आपका स्वामी है यदि आप उसका उपयोग नहीं जानते। – होरेस
  2. जिसे धीरज है और जो मेहनत से नहीं घबराता, कामयाबी उसकी दासी है। – स्वामी दयानंद सरस्वती।
  3. अपने जीवन का लक्ष्य बनाओ और इसके बाद अपनी सारी शारीरिक और मानसिक शक्ति, जो भगवान ने तुम्हें दी है उसमें लगा दो। – कार्लाइल
  4. हमारा ध्येय सत्य होना चाहिए, न कि सुख। – सुकरात
  5. अभिमान की अपेक्षा नम्रता से अधिक लाभ होता है। – भगवान गौतम बुद्ध
  6. निराशा निर्बलता का चिह्न है। – स्वामी रामतीर्थ
  7. पाप एक प्रकार का अंधेरा है, जो ज्ञान का प्रकाश होते ही मिट जाता है। – कालिदास
  8. पुस्तकें मन के लिए साबुन का काम करती हैं। – महात्मा गाँधी
  9. सच्चे मित्र को दोनों हाथों से पकड़कर रखो। – नाइजिरियन कहावत

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पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी महिला साहित्यिक की जीवनी का अंश पढ़िए, और उनकी प्रमुख कृतियों के नाम बताइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
पहेलियों का संकलन कीजिए ।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
“पुस्तकों का संसार, ज्ञान-मनोरंजन का भंडार’ इस संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
पुस्तके ज्ञान का भंडार होती हैं। उसमें विद्वानों के विचार, ज्ञान और अनुभव के साथ ही बहुत सारी रोचक बातें भरी रहती हैं। ऐतिहासिक घटनाओं, मनोरंजक कहानियों, चुटकुलों का समावेश इन पुस्तकों में होता है। किताबों के माध्यम से हम बहुत सारी पौराणिक कथाओं, मनोरंजक घटनाओं का ज्ञान प्राप्त करते हैं। खाली समय बिताने के लिए सबसे अच्छा और आसान उपाय है मनोरंजक किताबें पढ़ना। पुस्तकें सदियों से संजोए हुए ज्ञान से हमें अवगत कराती हैं। सचमुच पुस्तकें ज्ञान और मनोरंजन का भंडार होती हैं।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

प्रश्न क.
मुकरियों के आधार पर निम्नलिखित शब्दों की विशेषताएँ लिखिए :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 1
उत्तरः

शब्द विशेषता
1. तोता राम भजन किए बिना कभी न सोने वाला
2. नीर क्षण में हृदय की पीड़ा को हरने वाला
3. अंजन आठ पहर तक मनरंजन करने वाला
4. डोल मीठे बोल बोलने वाला

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प्रश्न ख.
भावार्थ लिखिए : मुकरियाँ – 1, 5 और 9
उत्तरः
1. रात समय वह ……………………. ना सखि तारा।।
भावार्थः
प्रस्तुत कविता में नायिका अपने सखी से पहेलियाँ बुझाते (पूछते) हुए कहती है, रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह सबसे अनोखा आश्चर्य है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह तारा है।

2. अति सुरंग है ………………….. ना सखि तोता।।
भावार्थः
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

3. बिन आए सबहीं ………….. ना सखि पाती।।
भावार्थ:
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंग-अंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका जबाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

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पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
प्राकृतिक घटकों पर आधारित पहेलियाँ बनाइए और संकलन कीजिए।

  1. तुम न बुलाओ मैं आ जाऊँगी, न भाड़ा न किराया दूँगी, घर के हर कमरे में रहूँगी, पकड़ न मुझको तुम पाओगे, मेरे बिन तुम न रह पाओगे, बताओ मैं कौन हूँ?
  2. गर्मी में तुम मुझको खाते, मुझको पीना हरदम चाहते, मुझसे प्यार बहुत करते हो, पर भाप बनूँ तो डरते भी हो।
  3. मुझमें भार सदा ही रहता, जगह घेरना मुझको आता, हर वस्तु से गहरा रिश्ता, हर जगह में पाया जाता।
  4. ऊपर से नीचे बहता हूँ, हर बर्तन को अपनाता हूँ, देखो मुझको गिरा न देना वरना कठिन हो जाएगा भरना
  5. लोहा खींचू ऐसी ताकत है, पर रबड़ मुझे हराता है, खोई सूई मैं पा लेता हूँ, मेरा खेल निराला है।

उत्तरः

  1. हवा
  2. पानी
  3. गैस
  4. द्रव्य
  5. चुंबक

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 6 ऐ सखि ! Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 2

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. तारों के आने का समय-
  2. तारों के जाने का समय
  3. मीठे बोल वाला-
  4. इसके आने पर शादी होती है

उत्तर:

  1. रात
  2. भोर
  3. ढोल
  4. ढोल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. तारा दिन को आता है, रात को जाता है।
ii. ढोल के बोल मोठे होते हैं।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. सूर्य : दिन :: तारा : …..
ii. प्रात : भोर :: विवाह : …..
उत्तर:
i. रात
ii. शादी

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 5.
समझकर लिखिए।
चमड़े से बने चार वाद्य यंत्रों के नाम ।
उत्तर:
ढोलक, मृदंग, तबला, नगाड़ा

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘ढोल के बोल सुहावने’ पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ढोल प्राचीन काल से एक सुहावना वाद्य यंत्र रहा है। ढोल के दोनों सिरे पर चमड़े मढ़े रहते हैं। जिन्हें बजाने से मीठी आवाज निकलती है। शादी-ब्याह तथा सभी शुभ अवसरों पर ढोल बजाने की परंपरा बड़ी पुरानी रही है। ढोल गीत, संगीत तथा भजन गायकों के सुर में सुर मिलाकर उनके आवाज में चार चाँद लगा देता है। होली के गीतों में ढोलक का जमकर प्रयोग होता है। इसे ताल वाद्य यंत्रों की श्रेणी में प्रमुख स्थान पर रखा जाता है।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 3

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 4

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. मन की तपन बुझाने वाला
  2. न जागने पर काट कर जगानेवाली
  3. सोते को बार-बार जगाने वाला
  4. राम भजन के बिना न सोने वाला

उत्तर:

  1. लोटा
  2. मक्खी
  3. मक्खी
  4. तोता

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 4.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. लोटा तन का भारी मन का छोटा होता है।
ii. तोता कुरंग पक्षी होता है।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 5.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 5
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 6

प्रश्न 6.
सहसंबंध लिखिए।
i. चटनी : चम्मच :: पानी : ….
ii. कोयल : कूकना :: तोता : ….
उत्तर:
i. लोटा
ii. रामभजन

प्रश्न 7.
पद्यांश में प्रयुक्त एक पक्षी का नाम लिखिए।
उत्तरः
तोता

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
‘प्रिय पक्षी तोता’ के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
तोता हमारे देश में प्राचीनकाल से ही एक लोकप्रिय पक्षी रहा है। यह बहुत समझदार होता है। तोते का हरा रंग, लाल चोंच, कंठ की काली पट्टी और कोमल पंख लोगों को मुग्ध कर देते हैं। चिड़ियाघर में तोते की कई जातियाँ पाई जाती हैं। तोते को पालना बहुत आसान है। यह अमरूद, अन्य फल तथा मिर्च बड़े चाव से खाता है और यह परिवार में सभी के साथ हिल-मिल जाता है। यह प्राणी अनुकरणप्रिय माना जाता है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
चौखट पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 7

प्रश्न 2.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 8

प्रश्न 3.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. अर्धरात्रि को घर आने वाला
  2. कवि जिसकी सुंदरता का वर्णन नहीं कर सकता
  3. आँखों से एक क्षण के लिए भी अलग न होने वाला
  4. आठ पहर तक मनरंजन करने वाला

उत्तर:

  1. चाँद
  2. चाँद
  3. अंजन
  4. अंजन

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. दिवस : सूर्य :: रात्रि :-
ii. कान : कुंडल :: आँख : ………
उत्तर:
i. चंद्रमा
ii. अंजन

प्रश्न 5.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. चाँद की सुंदरता का वर्णन हो सकता है।
  2. चाँद को देखते ही मन उदास हो जाता है।
  3. आँखों से अंजन एक क्षण के लिए भी अलग नहीं होता।
  4. अंजन आँखों की शोभा बढ़ाता है।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

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प्रश्न 6.
पद्यांश में प्रयुक्त एक सौंदर्य प्रसाधन का नाम लिखिए।
उत्तर:
अंजन

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
चाँदनी रात का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
चाँदनी रात का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। धरती से आकाश तक फैली हुई चाँदनी अनायास ही मन को मोह लेती है। वह जीवन में उल्लास भरती है, जीवन को शक्ति और आनंद प्रदान करती है। चाँदनी रात में सागर भी उल्लास से भर जाता है और उसमें ज्वार उठने लगता है। कभी-कभी चाँद बादल में लुका-छिपी खेलता है जो हमारे मन को अपनी ओर खींच लेता है। ऐसे समय में कुछ लोग नौका विहार का भी लुफ्त उठाते हैं। इस प्रकार चाँदनी रात का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

i. अर्धनिशा वह आयो ……………….. ना सखि चंद ।।
भावार्थ:
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

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(घ) पद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि 9

प्रश्न 2.
एक-एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. सारा संसार जिसको जीवन कहता है –
  2. जो क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है –
  3. जिसके न आने से सारा सुख भूल जाता है –
  4. जिसको सीने से लगाते ही छाती शीतल हो जाती है –

उत्तर:

  1. नीर
  2. नीर
  3. पत्र
  4. पत्र

प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. जल के बिना नेक व्यक्ति को भी धीरज नहीं रहता है।
ii. पत्र आने से सारा सुख भूल जाता है।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 4.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. पत्र के अभाव से …………..
ii. पत्र के प्रभाव से ………….
उत्तर:
i. पत्र के अभाव से सब सुख भूल जाता है।
ii. पत्र के प्रभाव से अंग-अंग फूल जाता है।

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प्रश्न 5.
उचित पर्याय चुनकर लिखिए।
i. संसार के लोग जल को कहते हैं
(क) धारा
(ख) धीरज
(ग) जीवन
उत्तरः
(ग) जीवन

ii. इसको दिल से लगाते ही छाती ठंडी हो जाती है
(क) पानी
(ख) सखी
(ग) पत्र
उत्तरः
(ग) पत्र

कृति घ (2): स्वमत अभिव्यक्ति / भावार्थ

प्रश्न 1.
जल प्रदूषण पर अपने विचार 6 से 8 वाक्यों में लिखिए।
उत्तर:
आज प्रदूषण जल, थल तथा वायु हर जगह फैला हुआ है। देश में जल प्रदूषण का खतरा दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। भारी मात्रा में औद्योगिक कचरा, कूड़ा-करकट, मल-मूत्र आदि नदियों और समुद्र में डाल दिया जाता है। झीलें भी इस गंदगी से बची नहीं हैं। इसी कारण जलीय वनस्पतियाँ, मछलियाँ और अन्य जीव-जंतु बड़ी संख्या में मरने लगे हैं। प्रदूषित जल से सिंचाई के कारण पैदावार भी नष्ट हो रही है। जल-प्रदूषण के अतिरिक्त वायु प्रदूषण तथा ध्वनि प्रदूषण भी मानव जीवन के लिए खतरनाक है। पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए हमें प्रदूषण के सभी कारणों को दूर करना होगा।

ऐ सखि ! Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : अमीर खुसरो का जन्म 1253 ई. में उत्तर प्रदेश के एटा जिले के पटियाली नामक कस्बे में हुआ था। उनका मूल नाम अबुल हसन यमीनुदीन खुसरो है। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने हिंदी, हिंदवी और फ़ारसी में एक साथ लिखा। वे एक श्रेष्ठ शायर, गायक और संगीतकार थे। अमीर खुसरो अपनी पहेलियों और मुकरियों के लिए जाने जाते हैं। उनकी मृत्यु 1325 में हुई।
प्रमुख कृतियाँ : ‘तुहफा-तुस-सिगर’, ‘वसतुल-हयात’, ‘गुर्रातुल-कमा’, ‘नेहायतुल-कमाल’, ‘दोहे-घरेलू नुस्खे’, ‘कह मुकरियाँ’, ‘दुसु खने’, ‘ढकोसले’, ‘अनमेलियाँ/उलटबाँसियाँ’, ‘हालात-ए-कन्हैया’, ‘नजराना-ए-हिंद’ आदि।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

पद्य-परिचय :

मुकरियाँ : यह पहेलियों (बुझौवल) का ही एक रूप है, जो लोक प्रचलित है, जिसका लक्ष्य मनोरंजन के साथ-साथ बुद्धिचातुर्य की परीक्षा लेना होता है।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘ऐ सखि’ के कवि अमीर खुसरो ने इन मुकरियों के माध्यम से अपनी विशेष शैली में पहेलियाँ बुझाईं हैं और स्वयं उनके उत्तर दिए हैं।

सारांश :

कवि अपनी पहेलियों के माध्यम से बताते हैं कि रात के समय आने वाला और सुबह घर चले जाने वाला तारा है। सबकी शादी कराने वाला और मीठे बोल वाला ढोल है। जल पिला कर प्यास बुझाने वाला लोटा है। सोते समय काट कर जगाने वाली मक्खी है। सुंदर रंगवाला, गुणवान और राम भजन किए बिना न सोने वाला तोता है। अर्धरात्रि को घर आने वाला और सुंदरता का भंडार चाँद है। आँखों की शोभा बढ़ाने वाला और आँखों से एक क्षण भी दूर न होने वाला काजल है। ‘जीवन’ नाम से प्रसिद्ध और क्षण में हृदय की पीड़ा दूर करने वाला जल है। आते ही प्रसन्नता लानेवाला और छाती को शीतल करने वाला पत्र है।

भावार्थ :

रात समय वह ………………… ना सखि तारा।।
प्रस्तुत कविता में नायिका अपनी सखी से पहेलियाँ बझाते (पुछते) हुए कहती है कि रात के समय वह मेरे पास आते हैं। सुबह होते ही वह उठकर घर चले जाते हैं, यह आश्चर्यं सबसे न्यारा है। उसकी सखी पूछती है कि क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह तारा है।

वह आवे तब …………………. ना सखि डोल।।
नायिका आगे की पहेली बुझाते हुए कहती है कि वह आता है तब शादी होती है। शादी के दिन उसके सिवा कोई और नहीं होता है। उसके बोल बड़े मीठे लगते हैं। सखी पूछती है कि क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नही सखी, वह ढोल है।

जब माँगू तब …………… ना सखि लोटा।।
नायिका कहती है कि जब मैं उससे माँगती हूँ, तो वह मेरे लिए जल भर के लाता है और मेरे मन की गर्मी को बुझाता है अर्थात मेरी प्यास बुझाता है। भले वह शरीर का छोटा है लेकिन उसका हृदय विशाल है। उसकी सखी पूछती है, सखी क्या यह साजन है? फिर नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह तो लोटा है।

बेर-बेर सोबतहि ……………. ना सखि मक्खी ।।
नायिका कहती है कि वह बार-बार मुझे सोते हुए जगा देता है, अगर मैं नहीं जागती हूँ, तो मुझे काटता है और परेशान करता है। इससे मैं परेशान हो गई हैं और कुछ कर नहीं पा रही हूँ। नायिका की सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी, वह मक्खी है।

अति सुरंग है ………… ना सखि तोता।।
नायिका कहती है कि वह बहुत ही सुंदर रंग वाला और खुशमिजाज है। उसके साथ ही वह गुणवान और चमकीले रंग का भी है। वह राम का भजन किए बिना कभी नहीं सोता है। उसकी सखी पूछती है- सखी, क्या वह साजन है ? नायिका उत्तर देती है-नहीं सखी वह साजन नहीं, तोता है।

अर्धनिशा वह आयो …………… ना सखि चंद।।
नायिका कहती है कि, वह आधी रात को मेरे भवन (घर) में आता है। वह इतना सुंदर है कि उसकी सुंदरता का वर्णन कोई भी कवि नहीं कर सकता है। उसे देखते ही मन आनंद से भर उठता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देती है- नहीं सखी, साजन नहीं वह तो चन्द्रमा है।

शोभा सदा बड़ावन ………………. ना सखि अंजन।।
नायिका कहती है, वह हमेशा आँखों की सुंदरता को बढ़ाता है । आँखों से क्षण भर के लिए अलग नहीं होता है। आठों पहर वह मेरे मन को भाता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका उत्तर देते हुए कहती है- नहीं सखी, वह काजल है।

जीवन सब जग …………………………… ना सखि नीर।।
नायिका कहती है, जिसे सारा संसार ‘जीवन’ कहता है । जिसके बिना सज्जन धैर्य नहीं रख सकता। वह एक क्षण में हृदय की पीड़ा को हर लेता है। उसकी सखी पूछती है सखी, क्या वह साजन है ? नायिका जवाब देती है- नहीं सखी, वह साजन नहीं, पानी है।

बिन आए सबहीं …………….. ना सखि पाती।।
नायिका पहेली बुझाते हुए कहती है कि उसके न आने पर कुछ भी अच्छा नहीं लगता । सारा सुख भूल जाता है और जब वह आता है तो अंगअंग में प्रसन्नता छा जाती है। उसे छाती से लगाते ही हृदय शीतल हो जाता है। उसकी सखी उससे पूछती है सखी, क्या वह साजन है? नायिका जवाब देती है-नहीं सखी, वह तो पत्र है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 6 ऐ सखि !

शब्दार्थ :

  1. मेरे आवे – मेरे पास आते हैं
  2. भोर – प्रात:काल
  3. उठि – उठकर
  4. जावे – जाते है
  5. अचरज – आश्चर्य
  6. न्यारा – अनोखा
  7. सखि – सहेली
  8. दूजा – दूसरा
  9. वाके – उसके
  10. तपन – गरमी
  11. बेर-बेर – बार-बार
  12. सोवतहि – सोते हुए
  13. जगावे – जगाती
  14. व्याकुल – परेशान
  15. रंग रंगीलो – खुशमिज़ाज़
  16. सुरंग – सुंदर रंग
  17. गुणवंत – सभी गुणों से संपन्न
  18. अर्धनिशा – आधी रात
  19. चटकीलो – चमकदार रंग का
  20. भौन – भवन (घर)
  21. बरनै – वर्णन करना
  22. निरखत – देखकर
  23. मनरंजन – दिल को अच्छा लगने वाला
  24. छिनक – क्षणभर
  25. हिय – हृदय
  26. पीर – व्यथा, पीड़ा
  27. नीर – जल
  28. जासों – जिसको
  29. हरे – दूर करता है
  30. सिरा – शीतल

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 2 जंगल Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 2 जंगल Textbook Questions and Answers

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
जंगल ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले स्रोत मौलिक सृजन है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
प्राचीन काल से ही जंगल मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखते हैं। यह मानव जीवन के लिए प्रकृति का अनुपम उपहार है। हमारे जंगल पेड़-पौधे ही नहीं अपितु अनेकों उपयोगी जीव-जंतुओं व औषधियों का भंडार हैं। जंगल में प्रचुर मात्रा में पेड़ होते हैं। वे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देकर मानव मात्र का कल्याण करते हैं। वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं; जो जीवन के लिए आवश्यक तत्त्व है परंतु पीपल के वृक्ष में ऑक्सीजन प्रदान करने का अनुपात उन वृक्षों की तुलना में अधिक होता है। इसके अतिरिक्त नीम, बबूल, तुलसी, आँवला व शमी आदि वृक्ष भी हमें ऑक्सीज़न देते हैं। यदि जंगल नहीं होते, तो इंसान को जीवन जीने के लिए ऑक्सीज़न पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होता; ऐसे में जीवन की कल्पना करना असंभव हो जाता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल

पठनीय :

प्रश्न 1.
जंगलों से प्राप्त होने वाले संसाधनों की जानकारी का वाचन कीजिए।

लेखनीय :

प्रश्न 1.
महाराष्ट्र के प्रमुख अभयारण्यों की जानकारी निम्न मुद्दों के आधार पर लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 1
उत्तर:

नाम स्थान विशेषताएँ
कर्नाला अभयारण्य कर्नाला तरह तरह के पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध
संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान मुंबई वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध एवं बाघों की सफारी देखने लायक
ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान जिला: चंद्रपुर बाधों के लिए प्रसिद्ध
नागझिरा अभयारण्य जिला: भंडारा व गोंदिया वन्य जीव एवं पक्षियों के लिए प्रसिद्ध
पेच राष्ट्रीय उद्यान नागपुर वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल

आसपास :

प्रश्न 1.
अपने गाँव/शहर के वन विभाग अधिकारी से उनके कार्यसंबंधी जानकारी प्राप्त कीजिए।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
‘मानो सूखा वृक्ष बोल रहा है’, उसकी बातें निम्न मुद्दो के आधार पर ध्यान से सुनिए :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 2

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
प्रवाह तालिका: कहानी के पात्र तथा उनके स्वभाव की विशेषताएँ।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 3
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 4

प्रश्न ख.
पहचानिए रिश्ते।
1. दादी – तविषा – ………….
2. पीयूष – शैलेश – …………
3. तविषा – शैलेश – …………
4. शैलेश – दादी – …………..
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 5

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2. पत्र लेखन

प्रश्न 1.
गरमी की छुट्टियों में नगरपरिषद/ ग्राम पंचायत द्वारा पक्षियों के लिए बनाए घोंसले तथा चुग्गा दाना पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण संबंधित विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र लिखिए।
उत्तर:
रामरतन कुमार गुप्ता
राधा बंगला,
कृष्ण नगर,
मुंबई: 400 098
दिनांक: 10 मई, 2017

सेवा में,
पर्यावरण विभाग अधिकारी,
महानगरपालिका,
मुंबई: 400 034

विषयः पक्षियों के लिए घोंसले तथा दाना-पानी की व्यवस्था किए जाने के कारण विभाग की प्रशंसा करते हुए पत्र ।
महोदय,
मैं रामरतन कुमार गुप्ता कृष्ण नगर, मुंबई का निवासी हूँ। मैं इस पत्र के द्वारा आपके विभाग की प्रशंसा करना चाहता हूँ; क्योंकि आपके विभाग के महानगरपालिका के कर्मचारियों ने दादर चौक पर पक्षियों के लिए घोंसले तथा चुग्गा, दाना-पानी की व्यवस्था की है। यह बहुत ही पवित्र कार्य है। पक्षियों के प्रति दयाभाव रखने की प्रेरणा आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से मिल रही है। इस भयंकर गरमी के दिनों में कई पक्षी बिना जल के अपने प्राण त्याग देते हैं लेकिन अब जो कार्य आपके विभाग द्वारा किया गया है; वह प्रशंसनीय एवं काबिल-ए. तारीफ है।

मुझे आशा है कि आपके विभाग द्वारा किए गए कार्य से कई सामाजिक संस्थाएँ एवं महानगरपालिका की अन्य शाखाएँ प्रेरणा लेकर इस प्रकार के कार्य के लिए आगे आएँगी। आपके विभाग की जितनी भी तारीफ की जाए वह कम ही है। हमारे इलाके के सभी लोग आपके विभाग की भूरि-भूरि प्रशंसा कर रहे हैं। सचमुच आपके विभाग के सभी कर्मचारी प्रशंसा के पात्र हैं। सभी को मैं धन्यवाद देना चाहता है। धन्यवाद!

आपका विश्वासी,
रामरतन कुमार गुप्ता

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3. कहानी लेखन

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों की सहायता से कहानी लेखन कीजिए। उचित शीर्षक दीजिए और सीख भी लिखिए।
शब्द : अकाल – तालाब – जनसहायता – परिणाम
मानवता: सबसे बड़ा धर्म
उत्तर:
अलकापुरी गाँव धन-धान्य से संपन्न था। गाँव में रहने वाले सभी किसान मेहनती थे। पूरे दिन खेत में परिश्रम करने के बाद भी उनके चेहरे पर रौनक दिखाई देती थी। किसी को किसी बात की कमी नहीं थी। आखिर सभी मेहनत जो करते थे।

कहते हैं ना कि समय एक-सा नहीं रहता है। वह तो बदलता ही रहता है। सुख के बाद दुख आता है। आखिर जीवनचक्र के फेरों से कौन बचा है? अलकापुरी गाँव पर पिछले तीन साल से वर्षा रूठ गई थी। पिछले तीन साल से बरसात की एक बूंद ने भी गाँव की भूमि को छुआ तक नहीं। अलकापुरी पर अकाल का साया मैंडरा रहा था। लोगों के पास जो कुछ था उसका पिछले तीन साल से उन्होंने उपयोग कर लिया था। अब तो सभी के घर में खाने के लाले पड़ गए।

गाँव में एक तालाब था। उसमें भरपूर पानी हुआ करता था लेकिन पिछले तीन साल से वर्षा न होने के कारण वह भी सूख गया। अब तो लोगों को पीने के लिए भी पानी नहीं था। लोग निराश एवं दुखी हो गए। अपने परिवार को लेकर वे दूसरे नगर में जाने लगे। वे गाँव की

सीमा के पास पहुंचे थे। उसी समय सामने से एक साधु पुरुष को आते हुए उन्होंने देखा। साधु के चेहरे पर दिव्य तेज था। उन्हें देखकर ही लगता कि वे कोई पहुँचे हुए साधु हैं। सभी ने साधु को प्रणाम किया व अपना दुख-दर्द उन्हें बताया।

साधु पुरुष कुछ पल के लिए मौन रहे। तत्पश्चात उन्होंने लोगों से पूछा कि आपके गाँव का जमींदार नहीं दिखाई दे रहा है। तब एक किसान ने कहा कि “जमींदार तो गाँव में ही रहेंगे क्योंकि उनके पास हजारों मन अनाज है और कई नौकर-चाकर व घोड़ा-गाड़ियाँ हैं। अतः वे दूसरे नगर से आराम से पानी ला सकते हैं। इसी कारण वे इसी गाँव में रहेंगे।”

साधु गाँववासियों को लेकर जमींदार के घर पहुंचे। जमींदार ने साधु को आदर के साथ प्रणाम किया। साधु के चेहरे पर छाया हुआ दिव्य तेज देखकर जमींदार उनके सामने विनम्र होकर खड़े रहे। साधु ने अपनी दिव्य दृष्टि से जमींदार द्वारा लोगों पर किए गए अपराधों की सूची प्रस्तुत की। जमींदार के अपराधों को गाँव का कोई भी व्यक्ति नहीं जानता था। वे सारी बातें साधु जानते थे।

जमींदार साधु पुरुष के चरणों पर गिर पड़े। उन्होंने अपने अपराधों के लिए क्षमायाचना की। साधु ने हँसते-हँसते कहा कि मानवता सबसे बड़ा धर्म होता है। अत: जनसहायता हेतु तुम्हारे पास जो हजारों मन अनाज हैं वह इन लोगों में बाँट दो। तुम्हारे द्वारा किए गए कार्य का अच्छा परिणाम निकलेगा और इस गाँव पर बरसात की कृपा होगी। इधर जमींदार अनाज का दान कर रहे थे और उसी वक्त वर्षा का आरंभ हुआ। सभी लोगों की नजरें साधु पुरुष को ढूँढ रही थी; पर वे तो लुप्त हो चुके थे।
सीख: इंसान को संकट की घड़ी में दूसरों की मदद करनी चाहिए। वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिए मरता है।

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
पालतू प्राणियों के लिए आप क्या करते हैं?’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
हमारे परिवेश में कुत्ता, गाय, बिल्ली, घोड़ा, तोता आदि कई प्रकार के पालतू जानवर होते हैं। मानव का कर्तव्य है कि वह पालतू जानवरों के प्रति स्नेह रखें। उनकी सेवा करें। मैं पालतू जानवरों के प्रति अपार प्रेम एवं ममत्व की भावना रखता हूँ। मैं कुत्ते को खाने के लिए रोटी देता हूँ। बिल्ली को पीने के लिए दूध देता हूँ। गाय को खाने के लिए हरी घास देता हूँ। चिड़ियों के लिए दाना व पानी की व्यवस्था करता हूँ। मैंने अपने सभी मित्रों को भी पालतू जानवरों की सेवा करने के लिए प्रेरित किया है। मैंने उन्हें अहिंसा एवं जीवों पर दया के व्रत का पाठ पढ़ाया है। इस तरह मैं पालतू जानवरों की हर प्रकार से हिफाजत एवं उनकी रक्षा करने के लिए प्रतिपल तत्पर रहता हूँ।

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 2 जंगल Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 6

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मा से बात हो जाए तो
उत्तरः
तविषा ने आंटी अणिमा जोशी से कहा।

ii. “मुझे बताने में झिझक कैसी!”
उत्तर:
अणिमा जोशी ने तविषा से कहा।

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 7

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
i. रेशम-सी : देह :: जुड़वाँ :
ii. रीडर : अणिमा जोशी :: कामवाली :
उत्तरः
i. खरगोश
ii. कमला

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प्रश्न 5.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 8

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘हमें पालतू जानवरों के प्रति प्रेम रखना चाहिए।’ इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
मानव आदि काल से कुछ पशुओं को पालता आ रहा है। जिन पशुओं को वह पालता है उसे ‘पालतू पशु’ कहा जाता है। पालतू पशु हमारे लिए श्रम करते हैं। वे हमें भोजन एवं जीवन-यापन की अन्य सामग्रियाँ प्रदान करते हैं। वे जन-समुदाय के लिए अनेक प्रकार से उपयोगी होते हैं। पालतू पशु मनुष्यों की अनेक प्रकार से सहायता करते हैं। बदले में ये मनुष्यों से अच्छे व्यवहार और खान-पान की अच्छी व्यवस्था की अपेक्षा रखते है। धर्म और नीति के भी यह अनुकूल है कि पशुओं के साथ मानव अच्छा व्यवहार करें। उसे अच्छा भोजन दे एवं उसके लिए साफ-सुधरे एवं हवादार आवास का प्रबंध करें।

(ख) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष मोनू के निकट गुमसुम बैठा हुआ था।
ii. पीयूष की स्तब्धता तोड़ना दादी ने जरूरी समझा।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 9

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 10

प्रश्न 4.
किसने, किससे कहा?
i. “अम्मी अच्छी नहीं है न!”
उत्तरः
पीयूष ने अपनी दादी से कहा।

ii. “सोनू तुम्हें हमेशा हँसते देखना चाहता था न!”
उत्तरः
दादी ने पीयूष से कहा।

प्रश्न 5.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 11

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
बच्चे मन से अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्हें ईश्वर प्रदत्त अनमोल वरदान एवं अनुपम कृति कहा जाता है। वे निष्पाप होते हैं। वे हमारे दिए गए संस्कारों तथा परिवेश के बीच बड़े होते हैं। उनकी मुस्कान निर्मल व सभी को प्रसन्न करने वाली होती है। वे दूसरों के दुख को नहीं सह सकते हैं। दूसरों की पीड़ा एवं वेदना से वे अत्यधिक दुखी एवं उदास हो जाते हैं। जब उनका प्रिय खिलौना टूट जाता है; उस वक्त भी वे रोने लगते हैं। वे गुमसुम होकर हृदय से रोते रहते हैं। वे अपनी मन की बात को किसी भी तरह नहीं छुपा पाते हैं। जो मन में आता है; वे बोलते हैं। वे हमेशा दूसरों को खुशियाँ देना चाहते हैं। जब सभी हँसते हैं; तब वे भी प्रसन्न होकर हँसते हैं।

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकतीं।
उत्तर:
दादी माँ सोनू को नाले में हरगिज नहीं फिकवा सकती क्योंकि पीयूष सोनू से बहुत प्यार करता है।

ii. दादी माँ की इच्छा क्या थी?
उत्तरः
घर के बच्चे की तरह सोनू का अंतिम संस्कार किया जाए।

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 12

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 13

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘स्थिति से भागने की बजाय उसका सामना करना बेहतर है।’ इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
व्यक्ति को अपने स्थिति से भागना नहीं चाहिए। उसे उसका सामना करना चाहिए। स्थिति से भागने से व्यक्ति को अपनी मंजिल नहीं मिल पाती है। वह अपनी मंजिल से दूर चला जाता है। फिर दर-दर की ठोकरे खाने के अलावा उसे कुछ भी नहीं प्राप्त होता। वास्तव में जब व्यक्ति अपनी स्थिति से दोस्ती कर लेता है, प्रसन्नता के साथ उसे अपनाता है, उत्साह के साथ चलता है तो संघर्ष का सफर उसका साथ देता है और उसे कठिन-से-कठिन डगर को पार करने में मदद करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में आने वाली स्थिति का सामना करना चाहिए। जब ऐसा होगा तब ही वो जीवन में आने वाले संघर्षों का सामना कर सकेगा और अपने मनचाहे मुकाम पर पहुंच सकेगा।

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(घ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए कि जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों।
i. कॉलेज
ii. बांकड़े
उत्तर:
i. दादी पढ़ाने के लिए कहाँ जाती है?
ii. पूरे दिन खरगोश किसमें नहीं बंद रह सकते?

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 14

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 15

प्रश्न 4.
सहसंबंध लिखिए।
निरुत्तर : दादी :: जालीदार : ……..
उत्तर:
बांकड़ा

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प्रश्न 5.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. पीयूष के मित्र खरगोश को देखने आए थे।
ii. सोनू की मृत्यु के बाद मोनू बड़े आराम से रहने लगा।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 6.
कारण लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 16

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं। यदि हाँ, तो अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘जानवरों के पास भी भावना होती है। इस कथन से मैं सहमत हूँ। उनमें भी जान होती है। वे भी जीव होते हैं। उनकी अपनी दुनिया होती है। उनकी दुनिया में जंगल, उनके बच्चे तथा अन्य प्राणी आदि सभी होते हैं। वे अपने परिवार के साथ रहना पसंद करते हैं। परिवार से बिछड़ जाने का दुख उन्हें होता है। यदि उन्हें उनके परिवार से अलग कर दिया जाए तो चिल्लाते हैं।

चिल्ला-चिल्लाकर अपना दुख वे व्यक्त करते हैं। कई जानवरों को जंगल से शहर में लाया जाता है और लोग उन्हें शौक के तौर पर पालते हैं। उन्हें खाने के लिए तरह-तरह के व्यंजन देते हैं। फिर भी वे खुश नहीं रह पाते। उन्हें अपने माता-पिता की याद सताती रहती है। आखिर वे उनके साथ रहना चाहते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि प्राणियों के पास भी भावना होती है। उनमें भी संवेदना होती है।

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(ङ) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 2 जंगल 17

प्रश्न 2.
सत्य-असत्य लिखिए।
i. जंगल जानवरों का घर है।
ii. दादी और शैलेश ने निर्णय लिया कि मोनू को जंगल में ले
जाकर उसके माता-पिता के पास छोड़ देंगे।
उत्तर:
i. सत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
सही पर्याय चुनकर पूर्ण वाक्य लिखिए।
i. दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं ……………
(च) अब उसे खरगोश नहीं चाहिए था।
(छ) अब उसे तोता नहीं चाहिए था।
(ज) अब उसे उपहार नहीं चाहिए था।
उत्तर :
दादी पीयूष का मुँह चूमने लगीं अब उसे तोता नहीं चाहिए था।

ii. मोनू के दुखी होने का कारण ……………
(च) वह सोनू से बिछड़ गया था।
(छ) वह अपने माता-पिता से बिछड़ गया था।
(ज) वह जंगलों से दूर शहर में आ गया था।
उत्तर :
मोनू के दुखी होने का कारण वह सोनू से बिछड़ गया था।

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संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“जंगल में रहने वाले पक्षियों के मनोगत’ इस विषय पर कक्षा में चर्चा का आयोजन कीजिए।
उत्तरः
अध्यापक निर्देश: (कुछ छात्रों को जंगल में रहने वाले पक्षियों की भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करते हैं।)
संभाषण :

  • मैनाः हम कितने खुशनसीब हैं। इस जंगल में बड़े आनंद से विचरण कर रहे हैं।
  • कौआः हाँ, चिड़ियाँ बहन। एकदम सही कहा तुमने।
  • तोताः हम जब चाहे तब उड़ सकते हैं, यहाँ-वहाँ आ-जा सकते हैं हम पर किसी की रोक-टोक नहीं है।
  • कोयल: आप सबकी बात वैसे ठीक ही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने कई भाई-बहन पिंजड़ें में बंद है। निर्दयी इंसान ने उन्हें अपने शौक के लिए पिंजड़ें में बंद करके रखा है।
  • तोताः हाँ, कोयल बहन । तुम सच कह रही हो। मेरे कई साथियों को इंसान ने पकड़कर पिंजड़े में बंद कर रखा है। मुझे उनकी बेहद याद आती है; पर मैं कुछ कर भी नहीं सकता हूँ।
  • मैनाः सचमुच इंसान बहुत ही निर्दयी प्राणी है। उसके पास हृदय नहीं है। वह कठोर हो गया है।
  • कौआ: इंसान अपने अस्तित्व के अलावा अन्य किसी प्राणियों का अस्तित्व स्वीकार ही नहीं करता है। वह इस धरती पर अपना ही अधिकार समझता है। सच बात तो यह है कि हमें भी ईश्वर ने इस धरती पर विचरण करने का अधिकार दे दिया है। पर इंसान इसे समझता नहीं है।

सभी एक साथ : सच है। सच है। सच है। हम सभी को मिलकर इंसान के पास जाना चाहिए और उसे अपनी समस्या से रूबरू कराना चाहिए। चलिए फिर हम अभी चलते हैं। अच्छे कार्य के लिए देरी क्यों करनी है!

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जंगल Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : चित्रा मुद्गल का जन्म चेन्नई में १० सितंबर १९४३ को हुआ था। हिंदी साहित्य में आधुनिक लेखिका के रूप में श्रीमती चित्रा मुद्गल जी का नाम उल्लेखनीय है। बच्चों के लिए उपन्यास लिखना आपका प्रिय शौक है। आपने अपने साहित्य के माध्यम से मानवीय संवेदनाओं तथा नए जमाने की गतिशीलता और उसमें जिंदगी की मजबूरियों का चित्रण किया है।
प्रमुख कृतियाँ : उपन्यास – ‘एक जमीन अपनी’, ‘आवां’ आदि, कहानी संग्रह – ‘भूख’, ‘लाक्षागृह लपटें’, ‘मामला आगे बढ़ेगा अभी’, ‘आदि-अनादि’, बाल उपन्यास – ‘जीवक मणिमेख’, बालकथा संग्रह – ‘दूर के ढोल’, ‘सूझ-बूझ’ आदि।

गद्य-परिचय :

संवादात्मक कहानी : ‘संवादात्मक कहानी’ कहानी विधा का एक प्रकार है। इसमें किसी विशेष घटना या विशेष विषय को रोचक ढंग से संवाद रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
प्रस्तावना : ‘जंगल’ इस कहानी में लेखिका ने बच्चों के अबोध एवं संवेदनशील मन का अंकन किया है और साथ में जानवरों के प्रति दयाभाव रखने के लिए भी पाठकों को प्रेरित किया है।

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सारांश :

‘जंगल’ यह कहानी एक संवादात्मक कहानी है। इस कहानी के माध्यम से लेखिका ने बताया है कि बच्चे संवेदनशील होते हैं। वे मन के सच्चे होते हैं तथा उनका मन निष्पाप होता है। पीयूष के घर पर दो खरगोश थे। एक का नाम था सोनू और दूसरे का नाम था मोनू। पीयूष की माँ द्वारा नीचे फर्श पर गिरी डाबर की पारे की गोली खाने के कारण सोनू की मृत्यु हो जाती है। जिससे पीयूष का मन बहुत व्यथित एवं दुखी हो जाता है। उस अबोध बालक को इस बात का पता भी नहीं है कि उसकी माँ द्वारा गलती होने के कारण सोनू उसे छोड़कर दूसरी दुनिया में चला गया है।

पीयूष को लगता है कि सोनू को उसके माता-पिता द्वारा अलग कर देने के कारण उसकी मृत्यु हो गई है। सोनू की मौत का प्रभाव मोनू पर भी पड़ता है। वह अन्न का त्याग कर देता है। अत: घरवाले पीयूष को समझाते हैं कि वे मोनू को जंगल में छोड़ आएँगे; ताकि वह अपने माता-पिता के साथ खुशी से रह सके। पीयूष इस बात को मान लेता है और निर्णय कर लेता है कि वह आज से किसी भी प्राणी को अपने घर पर नहीं रखेगा।

शब्दार्थ :

  1. अनुशासन – नियम
  2. झिझक – लज्जा, संकोच
  3. बुहारना – झाडू लगाना
  4. बुदबुदाना – अस्फुट स्वर में बोलना
  5. कोंपल – नई पत्तियाँ
  6. धमाचौकड़ी – उछलकूद, उपद्रव
  7. बिटर दृष्टि – नजर गड़ाए देखना
  8. कीच – कीचड़, दलदल
  9. चितकबरी – रंग-बिरंगी
  10. पोखर – जलाशय, तालाब
  11. हमजोली – साथी, संगी
  12. निस्पंद – निश्चल, स्तब्ध
  13. प्रतिवाद – खंडन, विरोध
  14. असमर्थता – अक्षमता या दुर्बलता
  15. निश्चेष्ट – चेष्टा न करने वाला
  16. अंतिम संस्कार – मरने के बाद किया जाने वाला क्रिया-कर्म

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मुहावरे :

  1. घोड़े बेचकर सोना – निश्चिंत होकर सोना।
  2. घात लगाना – किसी को हानि पहुँचाने के अवसर ढूँढ़ना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 10 रात का चौकीदार Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार (पूरक पठन)

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 10 रात का चौकीदार Textbook Questions and Answers

श्रवणीय

प्रश्न 1.
हिंदी तथा मराठी भाषा में लिखी हुई किसी एक लापुकथा का आकलन करते हुए सुनिए और सुनाइए।

पठनीय

प्रश्न 1.
“परिपाठ’ में सप्ताह भर के समाचारपत्रों के मुख्य मुद्दों का चयन करके वाचन कीजिए।

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आसपास

प्रश्न 1.
किसी परिचित सुरक्ष से वार्तालाप कीजिए

संभाषणीय

प्रश्न 1.
‘ट्रैफिक पुलिस’ से बातचीत करके उनकी दिनचर्या संबंधी जानकारी लीजिए।
उत्तर:
मैं: नमस्ते, पुलिस अंकल! आप कैसे हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मैं ठीक हूँ और इस वक्त मैं अपना काम कर रहा हूँ।

मैं: आप लगातार आठ घंटों तक सड़क पर खड़े रहते हैं। इसे आप कैसा महसूस करते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: मुझे अपना काम करने में बड़ा आनंद मिलता है। चाहे हाड़ कँपाती ठंड हो, झ माझम बरसती वर्षा हो या उमस भरी गरमी हो, हर हाल में मुझे अपना काम करना पड़ता है और सड़क यातायात पर नियंत्रण रखना पड़ता है।

मैं: अक्सर बरसात के दिनों में सड़कों पर आवागमन संभव नहीं हो पाता है। जल का जमाव होता है। ऐसे में, लोगों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
ट्रैफिक पुलिस: मनुष्य सड़कों का लंबे समय से उपयोग करता रहा है। पुरानी सड़कें अच्छी नहीं होती थीं। आधुनिक काल की सड़कें अच्छी होती हैं और हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। नए-नए पुलों का निर्माण हो रहा है। पक्की सड़कें बनाई जा रही हैं। आनेवाले समय में लोगों को कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मैं: क्या आप मुझे सड़क यातायात के नियमों से परिचित करा सकते हैं?
ट्रैफिक पुलिस: क्यों नहीं? यह तो मेरा कर्तव्य है। सड़क यातायात सुचारु रूप से हो, इसके लिए कानून बनाए गए हैं। अपने देश में सड़क की बाईं ओर चलने का नियम है। सड़कों पर भारी वाहनों को एक निर्धारित गति सीमा तक ही चलाया जाता है। चौराहों पर संकेतक बत्तियाँ लगाई जाती हैं ताकि सड़क जाम तथा दुर्घटना जैसी स्थितियों का कम से कम सामना करना पड़े। जहाँ टैफिक लाईटें नहीं होती है, वहाँ हम हाथ के इशारे से यात्रियों को रुकने या जाने का संकेत करते हैं।

मैं: आपके द्वारा दी गई जानकारी के लिए मैं आपका शुक्रिया अदा करता हूँ।

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लेखनीय

प्रश्न 1.
अपने परिसर के चौकीदार द्वारा अच्छा कार्य करने लेखनीय हेतु अभिनंदन करने वाला पत्र लिखिए।
उत्तर:

राम चौधरी,
कीर्ति कॉलोनी,
गुलमोहर, दादर,
मुंबई (प.) – 400 019
दिनांक – 4 मार्च, 2018

श्रीमान बहादुर सिंह जी,
सादर प्रणाम।

मैं राम चौधरी कीर्ति कॉलोनी का निवासी हूँ। पत्र पढ़ते हुए आपको अचरज जरूर हो रहा होगा क्योंकि जिस कॉलोनी की आप रखवाली करते हैं, उसी कॉलोनी का एक चौदह वर्षीय बालक पत्र के माध्यम से आप से बात कर रहा है।

मेरे पत्र लिखने का कारण बहुत ही सरल है। पिछले सप्ताह रात के समय रखवाली करते हुए आपने जो बहादुरी दिखाई वह सचमुच काबिले तारीफ है। इसके लिए आपकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। आपने अपनी जान पर खेलकर दो चोरों को छठी का दूध याद दिलाया, यह सचमुच ही बहादुरी का कार्य है। आपकी बहादुरी व वीरता का सम्मान करते हुए मैं इस पत्र के माध्यम से आपका अभिनंदन करता हूँ। मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि आप जैसे बहादुर व्यक्ति हमारी कॉलोनी के रक्षक हैं। आपके कारण ही हम सभी कॉलोनी के लोग रात में चैन की नींद सो सकते हैं।

अत: एक बार फिर मैं आपका अभिनंदन करता हूँ। धन्यवाद!

आपका विनीत,
राम चौधरी।

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
‘पुलिस समाज के रक्षक’ इस बारे में अपना मत लिखिए।
उत्तर:
जिस प्रकार सैनिक विदेशी शत्रुओं से देश की रक्षा करते हैं, उसी प्रकार राष्ट्र-विरोधी तत्त्वों से पुलिस हमारी रक्षा करती है। प्रत्येक राष्ट्र के अपने कानून होते हैं। देश के नागरिक उन कानूनों का पालन करते हैं। परंतु कुछ लोग देश के कानून की अवहेलना कर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं, पुलिस विभिन्न अपराधों में उनका चालान कर न्यायालय में प्रस्तुत करती है। पुलिस की अनेक श्रेणियाँ होती हैं। हमारे देश में केंद्रिय रिजर्व पुलिस, यातायात पुलिस, सामान्य पुलिस, सशस्त्र पुलिस और गुप्तचर पुलिस आदि अनेक प्रकार की पुलिस हैं। प्रत्येक राज्य में अपनी अलग-अलग पुलिस हैं।

पुलिस अपराधियों की खोजबीन में हमेशा तत्पर रहती है। पुलिस का कार्य बड़ा कठिन है। राजनेताओं की विभिन्न रैलियों के दौरान सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था बनाए रखना, जुलूसों को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करना, हड़ताल, धरनों और बंद के दौरान असामाजिक तत्त्वों से राष्ट्र की सम्पत्ति की रक्षा करना, राजनेताओं की व्यक्तिगत सुरक्षा करना, चोर, डकैतों और लुटेरों से आम नागरिक की रक्षा करना पुलिस का दायित्व है।

पुलिस कर्मचारी चौबीस घंटे खतरों से जूझते हैं। चोर-डकैतों से मुठभेड़ के दौरान घायल हो जाते हैं। भीड़ के द्वारा पथराव की स्थिति में चोट खाते हैं। सर्दी, गर्मी, बरसात में ड्यूटी देनी पड़ती है। विभिन्न प्रकार के अपराधियों को पकड़ना और न्यायालय में प्रस्तुत करना पुलिस का कार्य है। व्यक्तिगत झगड़ों में हस्तक्षेप कर समझौता कराना, चोरी हुए माल को बरामद कराना भी पुलिस के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस प्रकार पुलिस अपने विविधतापूर्ण कार्यों से समाज की रक्षा करने का कार्य करती हैं।

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पाठ के आँगन में…

1. कृतियाँ पूर्ण कीजिए।

(क) संजाल:

प्रश्न 1.
संजाल:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 1
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 2

(ख) लिखिए:

प्रश्न 1.
चौकीदार द्वारा पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करने का कारण।
उत्तरः
यदि पैसे न देने वाले के घर चोरी-वोरी की घटना हो जाए तो पुलिस चौकीदार को ही पूछेगी और उस पर झूठा आरोप लग सकता है। ऐसा उसके साथ पहले भी हो चुका था। इसलिए वह पैसे न देने वाले घरों की भी रखवाली करता था।

प्रश्न 2.
चौकीदार की असुरक्षा का कारण –
उत्तरः
गुंडे बदमाशों से चौकीदार की मारपीट हो जाती है। शरीफ दिखनेवाले लोग उस पर रोब जताते हैं। इसलिए चौकीदार स्वयं को असुरक्षित महसूस करता है।

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2. नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न (च)
रातों में सड़क पर लाठी ठोंकते, सीटी बजाकर पहरा देनेवाला
उत्तर:
चौकीदार

प्रश्न (छ)
अपनी जिम्मेदारियाँ तथा कर्तव्य निभाने वाला
उत्तर:
कर्तव्यनिष्ठ

3. घटना के अनुसार वाक्यों का उचित क्रम लगाकर लिखिए:

प्रश्न (त)
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।
उत्तर:
ऐसा पहले मेरे साथ हो चुका है साब जी।

प्रश्न (थ)
जैसी आपकी इच्छा साब जी।
उत्तर:
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।

प्रश्न (द)
रात में अकेले घूमते तुम्हें डर नहीं लगता।
उत्तर:
जैसी आपकी इच्छा साब जी।

4. ‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।

प्रश्न 1.
‘लूट-डकैती करने वालों ने चौकीदार से मारपीट की’ यह समाचार पढ़कर मन में आए विचार लिखिए।
उत्तरः
चौकीदार ठंड, वर्षा व गरमी में दिन-रात अपना कर्तव्य निभाकर सबकी सुरक्षा की चिंता करता है। परंतु एक दिन लूट-डकैती करनेवालों ने एक चौकीदार से मारपीट की, यह समाचार पढ़कर मुझे बहुत बुरा लगा। जो निष्कपट भाव से रात के समय सबकी रखवाली करता है, वह स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला होता है, इसका अहसास मुझे हुआ। सचमुच, हमारे देश में चौकीदार असुरक्षित होते हैं। उनके पास लाठी और टार्च के अलावा अन्य साधन नहीं होते हैं।

एक लाठी के सहारे वे गुंडे-बदमाश लोगों का सामना नहीं कर सकते हैं। गुंडेबदमाश अपनी टोली के साथ आकर उन्हें मारते-पीटते हैं। अकेले होने के कारण वे उनका सामना नहीं कर पाते हैं। हमारी सरकार को चौकीदारों की सुरक्षा से संबंधित ठोस कानून बनाना चाहिए और उन्हें आवश्यक्तानुसार योग्य शस्त्र इस्तेमाल करने की अनुमति देनी चाहिए।भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

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भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्न वाक्यों में से सर्वनाम एवं क्रिया छाँटकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 3
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 4

प्रश्न 2.
निम्न में से संज्ञा तथा विशेषण पहचानकर भेदों सहित लिखिए तथा अन्य पाठ्यपुस्तक से खोजकर नए वाक्य बनाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 5
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 6

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 10 रात का चौकीदार Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 7

प्रश्न 2.
किसने, किससे कहा?
1. साब, जी पैसे?
2. अच्छा एक बात बताओ बहादुर, महीने में तुम्हें कितने घरों से पैसे मिल जाते हैं?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।

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प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 8

प्रश्न 4.
समझकर लिखिए।
1. चौकीदार की जिम्मेदारी
2. चौकीदार द्वारा पैसे माँगने की तारीख
उत्तरः
1. चौकसी रखना।
2. हर महीने की पहली तारीख को।

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
परिच्छेद में आए हुए अंग्रेजी महीनों के नाम।
उत्तर:
1. दिसंबर
2. जनवरी

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचान कर लिखिए।
1. चौकीदार केवल पैसे के लिए ही काम करता है।
2. चौकीदार झूठे आरोपों से डरता है।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 3.
प्रस्तुत गद्यांश को पढ़कर ऐसे प्रश्न बनाइए कि जिनका उत्तर निम्न शब्द हों।
1. तीज
2. चौकीदार
उत्तरः
1. प्रस्तुत गद्यांश में किस त्योहार का नाम आया है?
2. कॉलोनी में रातभर कौन चक्कर लगाता है?

कृति (2) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘कर्म ही पूजा है।’ इस विषय पर अपने विचारों को अभिव्यक्त कीजिए।
उत्तर:
कर्म मनुष्य के जीवन का आधार है। कर्म का अर्थ है, हमारे द्वारा किए जाने वाले कार्य। कर्म से ही मनुष्य पहचाना जाता है। कर्म ही उसकी छवि समाज के सम्मुख बनाए रखते हैं। यदि मनुष्य के कर्म बुरे हैं, तो समाज द्वारा उसे नकारा जाता है। अच्छे कर्म उसे आदर व सम्मान का पात्र बनाते हैं। कर्म मनुष्य जीवन को सार्थक करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कर्मप्रधान मनुष्य मानवता का कल्याण करने में समर्थ होता है। गांधी जी के अच्छे कर्मो के कारण ही भारत आज़ाद हुआ। नेल्सन मंडेला ने अफ्रीका को आज़ाद कराया। इनके कर्म ही तो थे, जो आज भी लोगों द्वारा पूजे जाते हैं।

(ख) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन

प्रश्न 1.
किसने, किससे कहा लिखिए।
1. बड़े आदमी को डर लगता है तो फिर हम तो बहुत छोटे आदमी हैं।
2. सोते कब हो तुम?
उत्तर:
1. चौकीदार ने लेखक से कहा।
2. लेखक ने चौकीदार से कहा।

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार 9

पाठ्यांश के आधार पर निम्न वाक्य अपने शब्दों में पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है
उत्तरः
चौकीदार तब अपनी नींद पूरी करता है जब रोज सुबह आठ नौ बजे कॉलोनी में चक्कर लगाकर सब कुछ ठीक है इसकी तसल्ली कर लेता है।

प्रश्न 2.
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि
उत्तरः
लेखक को ठीक से नींद नहीं आई क्योंकि वह चौकीदार के बारे में रातभर सोच रहा था कि वह सबकी सुरक्षा की चिंता करता है; पर स्वयं कितना असुरक्षित और अकेला है ।

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
सबेरे उठकर लेखक ने यह निर्णय लिया
उत्तरः
वह चौकीदार को उसके चौकसी करने का पूरा मेहनताना देगा।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

प्रश्न 2.
इसके प्रति लेखक की श्रद्धा बढ़ गई थी
उत्तरः
चौकीदार के प्रति।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
चौकीदार असुरक्षित एवं अकेला था।
चौकीदार के माँगने पर तुरंत लेखक ने उसे पैसे दे दिए।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

पाठ के आँगन से

नीचे दिए गए अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए। इसी प्रकार के अन्य पाँच शब्द बनाकर अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
जो ईश्वर में विश्वास रखता हो
उत्तर:
आस्तिक

प्रश्न 2.
जो कभी न मरे
उत्तर:
अमर

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

प्रश्न 3.
जो पहले कभी न हुआ हो
उत्तर:
अभूतपूर्व

प्रश्न 4.
जिस जमीन में कुछ पैदा न हो
उत्तर:
बंजर

प्रश्न 5.
जिसके हृदय में दया न हो
उत्तर:
निर्दय

रात का चौकीदार (पूरक पठन) Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: सुरेश कुशवाहा ‘तन्मय’ जी आधुनिक युग के लेखक एवं कवि हैं। वर्तमान समस्याएँ एवं घटनाओं को अपने लेखन में प्रमुख स्थान देना इनके लेखन की विशेषता है। इन्होंने अपने लेखन के माध्यम से बाल साहित्य को समृद्ध किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ छपती रहती है। कहानी विधा पर भी इनकी लेखनी ने अधिकार जमाया हुआ है।

प्रमुख कृतियाँ: बाल कविता संग्रह – ‘अक्षरदीप जलाएँ’, कहानी – ‘छोटू का दर्द’, काव्य संग्रह – ‘शेष कुशल है ‘ आदि।

गद्य-परिचय:

लघुकथा: हिंदी में लघुकथा नवीनतम् विधा है। लघुकथा का मतलब है एक छोटी कहानी जिसका विषय पूरी तरह से विकसित हो, पर जो किसी उपन्यास से कम विस्तृत हो। हिंदी के अन्य सभी विधाओं की तुलना में अधिक लघु आकार होने के कारण यह समकालीन पाठकों के ज्यादा करीब है।
प्रस्तावना: ‘रात का चौकीदार’ इस पाठ के माध्यम से लेखक ‘तन्मय’ जी ने चौकीदार के माध्यम से कर्म ही पूजा है तथा कर्तव्यनिष्ठा से बढ़कर दूसरा कोई धर्म नहीं है, इस तथ्य को उजागर किया है।

सारांश:

प्रस्तुत पाठ एक लघुकथा है। इस लघुकथा में वर्षा, ठंड व गरमी में कॉलोनी में चक्कर लगाकर रखवाली करने वाले कर्तव्यनिष्ठ चौकीदार का वर्णन किया गया है। कॉलोनी में सौ-सवा सौ से भी अधिक घर होने के बावजूद चौकीदार को कभी साठ घर से पैसे मिलते हैं या कभी पचास घर से। फिर भी वह सभी के घरों की रखवाली करता है। पूरी ईमानदारी व लगन से काम करना ही उसकी कर्मनिष्ठा है। इस पाठ द्वारा लेखक ने कुछ लोगों की मुफ्तखोरी को दर्शाते हुए जन-जागृति की प्रेरणा प्रदान की है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 10 रात का चौकीदार

शब्दार्थ:

  1. उमस – उष्णता
  2. निरीह – उदासीन, बेचारा
  3. ऊहापोह – उधेड़बुन
  4. पक्का – निश्चित
  5. चौकसी – रखवाली
  6. झिड़कियाँ – डाँट-फटकार
  7. धौंस – धमकी, रोब
  8. गुजारा – निर्वाह

मुहावरे:

1. तसल्ली करना – समाधान करना।
2. चैन की साँस लेना – आश्वस्त होना।

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Class 9 Geography Chapter 7 International Date Line Textbook Questions and Answers

1. Two boxes in different hemispheres are given in the following diagram. The IDL passes through both the boxes. In one box, the meridian, day and date is given. Find the day and date for the other box.
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 1
Answer:
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 2

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

2. Select the correct option :

Class 9 Geography Chapter 7 International Date Line Question 1.
While crossing the IDL, a person will have to add one day when traveling from
(a) East to West
(b) West to East
(c) South to North
(d) North to South
Answer:
(a) East to West

International Date Line Class 9 Question 2.
If it is Wednesday 10 a.m. at 150 E meridian, then what will be the time at IDL?
(a) Wednesday at 6 a.m.
(b) Wednesday 9 p.m.
(c) Thursday 2 p.m.
(d) Thursday at 6 p.m.
Answer:
(b) Wednesday 9 p.m.

International Date Line Questions And Answers Question 3.
According to the international convention, at which meridian does the day and date change occurs?
(a) 0°
(b) 90° E
(c) 90° W
(d) 180°
Answer:
(d) 180°

International Date Line 9th Std Geography Question 4.
At which direction of the IDL does a new day start immediately?
(a) East
(b) West
(c) North
(d) South
Answer:
(b) West

9 Std Geography International Date Line Question 5.
IDL brings coordination in which of the following?
(a) GPS system
(b) Defence departments
(c) Transportation schedules
(d) Determining the hemisphere
Answer:
(c) Transportation schedules

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

3. Give geographical reasons

Std 9 Geography Chapter 7 International Date Line Question 1.
IDL is proving to be very useful in today’s times
Answer:
IDL is proving to be very useful in today’s times because:

  • The IDL brings coordination between international airlines, transportation services, economic and trade activities.
  • The IDL has been carved out of the necessity of coordinating time and date.
  • It is also important in today’s modern era and rapidly happening global developments.
  • We can keep a track of all the calculations of a day and time accurately with the help of IDL in case of global transportation especially, with respect to airways.
  • It is only because of the IDL that the schedules of the traffic worldwide are organised properly.

Class 9th Geography Chapter 7 Question Answer Question 2.
The day starts in the Pacific Ocean on the earth
Answer:

  • The IDL passes through the Pacific Ocean.
  • With reference to the IDL, the day on Earth starts in the West and ends in the East.
  • It is one and the same day only at 12 o’clock midnight at the 180° meridian.
  • For the countries lying to the east of it i.e. the USA, Chile, etc., it is the end of the day while for the countries lying to the west of it i.e. Japan, Australia, etc. it is the start of a new day.

Thus, a new day starts in the Pacific Ocean on Earth.

4. Write in brief:

International Date Line Std 9 Question 1.
What considerations have been made while deciding the IDL?
Answer:
The following points were taken into consideration while drawing the International Date Line. (IDL):

1. The direction of travel
2. The current day and date

    • Accordingly, while traveling from East to West of IDL, a day is added. For example, while travelling from America to Japan, if it is Thursday 25th December, then it will be Friday 26th December in Japan.
    • While from West to East of IDL, the day remains the same. For example, while travelling from Japan to America, if it is Thursday 25th December, then Thursday 25th December, only should be considered.

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Question 2.
While crossing the IDL, what changes will you make?
Answer:

  • When you cross the 180° meridian, some precautions need to be taken.
  • There is a difference of 12 hours from Prime Meridian, if you go from East or West.
  • According to the convention, the start (and end) of a date is considered to be at 180° Meridian.
  • Accordingly, an adjustment or change in day and time is made. Thus, while travelling from east to west of IDL , a day is added whereas while travelling from west to east of IDL, the day remains the same.

Question 3.
Why is the IDL not a straight line like the 1800 meridian?
Answer:

  • Attempt has been made to make the IDL pass through the Pacific Ocean completely.
  • Had it passed through a land or some islands, the people there would have had to follow different dates and timings because dates would have been different on their Eastern and Western parts.
  • Also, it would have been difficult to know when one crosses the IDL on land, and when the date changes on the calendar.
  • Therefore, the IDL is not a straight line like the 1 180° Meridian. At places, it turns East while at other places, it turns West.

Question 4.
Why doesn’t the IDL pass through land?
Answer:

  • If the IDL had passed through a land or some islands, the people there would have had to follow different dates and timings because dates would have been different on their Eastern and Western parts.
  • Also, it would have been difficult to know when one crosses the IDL on land and when the date changes on the calendar.
  • Hence, the IDL does not pass through land

Question 5.
Why is the IDL considered with respect to the 1800 meridian only?
Answer:

  • Our 24-hour day starts at 12 midnight. Because of the earth’s rotation, the midnight occurs at different times, at different places.
  • As the Earth is spherical in shape, every place has a place to its East.
  • So, it was necessary to determine at what location to the East does the day start on Earth.
  • Hence, representatives of many nations got together, under the leadership of an American Professor, Davidson, in the year 1884 and decided the International Date Line. Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line
  • The line was drawn opposite to the Greenwich Prime Meridian i.e. with reference to the 180° Meridian.

5. Using an atlas, tell in which of the following routes the IDL will be crossed and show them on the map.

(1) Mumbai- London- New York- Los Angeles- Tokyo
(2) Delhi- Kolkata- Singapore- Melbourne
(3) Kolkata- Hong Kong- Tokyo- San Francisco
(4) Chennai-Singapore- Tokyo- Sydney-Santiago
(5) Delhi-London-New York
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 3
Answer:
(1) Mumbai – London – New York – Los Angeles – Tokyo – IDL will be crossed.
(2) Delhi – Kolkata – Singapore – Melbourne – IDL will not be crossed
(3) Kolkata – Hong Kong – Tokyo – San Fransico – IDL will be crossed.
(4) Chennai – Singapore – Tokyo – Sydney – Santiago – IDL will be crossed
(5) Delhi – London – New York – IDL will not be crossed.

Class 9 Geography Chapter 7 International Date Line Intext Questions and Answers

Use your Brain Power:

Question 1.
You are traveling from the Kamchatka Peninsula (in the northern hemisphere) to New Zealand (in the southern hemisphere) along the IDL. It is Monday, 22nd June in the northern hemisphere. What will the day and date in the southern hemisphere?
Answer:
The day will be Monday, 22nd June as we are not crossing the IDL.

Examine a ticket of UA 876 Boeing 787-9 Dreamliner closely and find the answers to the following questions:
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 4

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Question 1.
From which country will the plane take off and where will it go?
Answer:
The plane will take off from Tokyo (Japan) and will go to San Francisco, California (USA)

Question 2.
What is the duration of the flight?
Answer:
The duration of the flight is 9hrs and 15 min.

Question 3.
What is the day, date and time given at the starting point and destination of the flight?
Answer:
At the starting point of Tokyo (Japan) it is Friday, 1st April 12.30 am and at the destination of San Francisco California (USA) it will arrive on Thursday March 31st at 5.45 pm.

Question 4.
What special note is given on the air ticket?
Answer:
A special note on the ticket states that the flight involves a date change.

Question 5.
What could be the reason behind giving such a note?
Answer:
The reason behind giving such a note is to make us understand that the flight will cross the IDL

Question 6.
During this flight, will the plane cross the IDL? If yes, then from which direction to which direction?
Answer:
During this flight, the plane will cross the IDL from west to east.

Question 7.
What did you understand by reading the ticket?
Answer:
We understand that a day is deducted and the time is fixed backward by 1 day while crossing the IDL from west to east.

Try this:

Question 1.
Complete the following table to understand the time at different meridians: (In this activity we are not taking into consideration the rotation of the earth.)
Answer:

  • All places to east of Prime Meridian are ahead of GMT and all places to west of Prime Meridian are behind GMT.
  • Earth rotates on its axis and covers 1° longitude in 4 minutes. Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line
  • As Sunil is moving 30° east, time will move ahead by 120 min, i.e. 2 hours (30° x 4 min.) and as Minal is moving 30° west, time will move backwards by 120 min. i.e. 2 hours.

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 5
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 6

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Question 1.
What is the day at 00 meridians at Greenwich after completing the table ‘A’?
Answer:
The day at 0° meridian at Greenwich after completing the table ‘A’ is Wednesday.

Question 2.
What is the day at 00 meridians at Greenwich after completing the table ‘B’?
Answer:
The day at 0° meridian at Greenwich after completing the table B is Friday.

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 7

Question 3.
Though both were at the same place, why were they experiencing different days? How did this happen?
Answer:
Because Sunil was moving eastward, so time will move ahead whereas Meenal was moving westward, so time is moving backward.

Question 4.
How many days occurred while doing this activity? Name them.
Answer:
While doing this activity, 3 days came in reference as Wednesday, Thurday and Friday.

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Question 5.
Which day is correct: Wednesday in Table ‘A’ or Friday in Table ‘B’? Why?
Answer:
None of the given days are correct. The correct day is Thursday after considering IDL.
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 8
Explanation:
(i) When Sunil reached 180° meridian i.e. IDL, according to him it is Thursday midnight (24.00). When IDL is crossed from west to east we need to deduct a day (24 hrs.). Thus when 24 hrs are deducted from Thursday 24.00 (midnight) we get Thursday 00.00. So after crossing the IDL the day to be considered is Thursday i.e. the same day.

(ii) When Minal reached 180° meridian i.e. IDL, according to her it is Wednesday midnight (24.00). When IDL is crossed from east to west we need to add a day (24 hrs.). Thus when 24 hrs are added to Wednesday 24.00 (midnight) we get Thursday 24.00 (midnight). So after crossing the IDL the day to be considered is Thursday.

Give it a try:

Your are now aware of the changes required to be made while crossing the ¡DL. Now redo the activity given on Page 59. Tell us the changes that you will have to make while crossing the IDL i.e. 1800 meridian. Your travel will start on Sunday, 21st May 2016 at 10 a.m.
Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line 9

Maharashtra Board Class 9 Geography Solutions Chapter 7 International Date Line

Let’s Recall:

Question 1.
Which meridian is used to determine world standard Time (GMT)?
Answer:
World Standard Time (GMT) is determined using Prime Meridian at 0° longitude.

Question 2.
Which meridian determines Indian Standard Time (1ST)?
Answer:
82°30′ E is the standard meridian of India.

Question 3.
What is the time difference between the GMT and the IST?
Answer:
IST is 5hrs and 30 min ahead of GMT.

Class 9 Geography Chapter 7 International Date Line Additional Important Questions and Answers

Complete the Statements choosing correct option:

Question 1.
Man has studied the rotation speed, direction and shape of the earth and prepared the system.
(a) monometric
(b) chronometric
(c) topographic
(d) GIS
Answer:
(b) Chronometric

Question 2.
Earth rotates from
(a) north to south
(b) south to north
(c) east to west
(d) west to east
Answer:
(d) west to east

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Question 3.
In terms of time the part of the earth is ahead of the part.
(a) northern, southern
(b) southern, northern
(c) eastern, western
(d) western, eastern
Answer:
(c) eastern, western

Question 4.
is reached after 12 hours from Prime Meridian
(a) 90° W
(b) 90° E
(c) 180°
(d)120°W
Answer:
(c) 180°

Question 5.
According to IDL, while traveling from east to west
(a) a day is added
(b) a day is deducted
(c) keep the same day
(d) None of these
Answer:
(a) a day is added

Question 6.
Many nations got together under the leadership of in 1884 and decided on International Date Line.
(a) Professor Davidson
(b) Professor Samuelson
(c) Professor Adam Smith
(d) Professor Richardson
Answer:
(a) Professor Davidson

Answer in one sentence:

Question 1.
If it is 12noon at the Prime Meridian then what will be the time at 60°E longitude?
Answer:
If its is 12noon at the Prime Meridian, then it will be 16.00hrs (4pm) at 60°E longitude.

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Question 2.
Which part of the earth is ahead in terms of time?
Answer:
In terms of time the eastern part of the earth is ahead of the western part.

Question 3.
When was it decided to draw the International Date line?
Answer:
When representatives of many nations got together under the leadership of American professor Davidson in the year of 1884 they decided on the International Date line.

Question 4.
A new day starts on the earth in which Ocean?
Answer:
A new day starts in the Pacific Ocean on the earth.

The following table shows the days and time to welcome New Year in different countries and cities according to 1ST. Observe the table and answer the questions gives below:

Country-city Day Indian Time
England – London Sunday 05.30
Japan – Tokyo Saturday 20.30
USA-New York Sunday 10.30
USA – Baker Island Sunday 17.30
Australia – Sydney Saturday 18.30
New Zealand – Auckland Saturday 16.30
Samoa Island – Apia Saturday 15.30
Tuvalu – Funafuti Island Saturday 17.30

Question 1.
Which location was the first to welcome the New Year in the World? What day was it then?
Answer:
Samoa islands in Apia was the first to welcome the New Year in the world on Saturday.

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Question 2.
Which location bid farewell to the year 2016, the last of all?
Answer:
Baker islands in USA was last to bid farewell to the year 2016.

Question 3.
On which day did that location welcome 2017?
Answer:
Baker islands in USA welcomed 2017 on Sunday.

Question 4.
What could be the reason behind the change in the day of Sydney and London?
Answer:
According to 1ST, India welcomed the New Year at 12 midnight on Saturday. Sydney being 5 hours and 30 minutes ahead of IST and has already welcomed the New year before India on Saturday itself. But London is 5 hours and 30 minutes behind IST will welcome the New Year the next day i.e. on Sunday.

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 5 जूलिया Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 5 जूलिया Textbook Questions and Answers

लेखनीय :

प्रश्न 1.
छोटे व्यवसायियों के साथ दिए गए मुद्दों के आधार पर वार्तालाप कीजिए और संवाद के रूप में लिखिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 1
उत्तरः

  • रमेश – नमस्कार ! मोहनलाल जी कैसे हैं? बड़े दिनों बाद मुलाकात हुईं। अभी आप कौन-सा व्यवसाय कर रहे हैं?
  • मोहनलाल – नमस्कार रमेश! मैं अच्छा हूँ। अभी कुछ दिनों पहले ही मैंने अगरबत्ती-उद्योग की शुरुआत की है।
  • रमेश – मोहनलाल जी! इतने सारे व्यवसाय के होते आपने इस व्यवसाय का चुनाव क्यों किया?
  • मोहनलाल – रमेश, इस व्यवसाय को चुनने का मुख्य कारण है इसमें लागत कम लगती है और लाभ ज्यादा होता है। इसके लिए ज्यादा जगह की भी आवश्यकता नहीं होती है तथा सरकार की तरफ से आसान शर्तों में कर्ज मिलने की भी सुविधा है। अगर आप छोटे स्तर पर शुरूआत करना चाहते हैं तो आप अपने घर से भी इस व्यापार की शुरूआत कर सकते है। सिर्फ व्यापार की शुरूआत करने से पहले आपको व्यापार का रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।
  • रमेश – इसके लिए आपको दिन में कितना समय देना पड़ता है?
  • मोहनलाल – रमेश इसके लिए मुझे ज्यादा समय की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि मैंने अपने घर से इसकी शुरूआत की है। इससे मुझे दो फायदे हुए कि मैं अपने परिवार के साथ भी समय बिता सकता हूँ और साथ-ही-साथ मेरा व्यापार भी चलता रहता है।
  • रमेश – मोहनलाल जी, क्या आपको इस व्यापार से आनंद मिल रहा है?
  • मोहनलाल – बिल्कुल रमेश, मुझे बहुत खुशी है कि मैंने इस उद्योग को अपनाया। कमाई के साथ-ही-साथ मुझे इस बात की भी प्रसन्नता है कि मेरे कारण कुछ लोगों को रोजगार मिला। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अगरबत्ती की भारी माँग है। इसलिए मुझे इस कार्य से बहुत ही आनंद का अनुभव हो रहा है।
  • रमेश – मोहनलाल जी, इतनी सारी महत्वपूर्ण जानकारी देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! अच्छा चलता हूँ नमस्कार।
  • मोहनलाल – नमस्कार रमेश।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले ‘हास्य कवि सम्मेलन’ की कविताएँ सुनिए और किसी एक कविता का आशय अपने मित्रों को सुनाइए।

आसपास :

प्रश्न 1.
घरेलू काम करने वाले लोगों की समस्याओं की सूची बनाइए।

पठनीय :

प्रश्न 1.
किसी अन्य पाठ्यपुस्तक से एकांकी पढ़िए ।

मौलिक सृजन :

प्रश्न 1.
जूलिया की जगह आप होते तो …….. विषय पर अपने विचार स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः
प्रस्तुत पाठ में लेखक ने जूलिया की पात्रता को जिस प्रकार दर्शाया है, उससे यह ज्ञात होता है कि वह एक सीधी-साधी और डरपोक महिला है; जो अन्याय को भी सहन कर लेती है। अगर उसकी जगह मैं होता, तो यह अन्याय कभी-भी सहन नहीं करता। क्योंकि अन्याय को सहन करना भी एक प्रकार का अपराध है। अगर मैंने परिश्रम किया है, तो उसका उचित पारिश्रमिक मुझे मिलना ही चाहिए।

कार्य को शुरू करने से पहले ही मैं अपने कार्य और वेतन संबंधी सारी चर्चा कर लेता। कार्य की समाप्ति पर अगर मालिक पक्ष वेतन देने में आनाकानी करता या झूठे कारण दिखाकर वेतन कम करने का प्रयास करता, तो उसके खिलाफ आवाज उठाता। इसके बाद भी मालिक मेरा पूरा पारिश्रमिक नहीं देता, तो मैं प्रशासन की मदद लेने में भी हिचकता नहीं और अपना पूरा मेहनताना लेकर ही रहता। मैं कायर और डरपोक बनकर अत्याचार नहीं सहता।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

पठित गद्यांश पर आधारित कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 2
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 3

प्रश्न 2.
कारण लिखिए :
(क) गृहस्वामी द्वारा जूलिया से माफी माँगना
(ख) गृहस्वामी से जूलिया को संसार के साथ लड़ने के लिए कहना
उत्तरः
(क) गृहस्वामी ने जूलिया के साथ एक छोटा-सा कूर मजाक किया।
(ख) इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।

प्रश्न 3(क).
परिच्छेद में प्रयुक्त कोई एक मुहावरा ढूँढ़कर उसका सार्थक वाक्य में प्रयोग कीजिए :
उत्तरः
ठग लेना – धोखा देना
वाक्यः गृहस्वामी ने जूलिया के पूरे पैसे न देकर उसे ठग लिया।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

प्रश्न ख.
‘पर’ शब्द के दो अर्थ लिखिए।
उत्तरः
i. किंतु
ii. पंख

प्रश्न 4.
संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है’, इसपर लगभग आठ से दस वाक्यों में अपने विचार लिखिए ।
उत्तरः
इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है क्योंकि हमारी सामाजिक परिस्थिति ऐसी बन चुकी है कि खामोश रहनेवाले या भयभीत रहनेवाले लोगों के साथ और अधिक अन्याय होता है। डरने के कारण उनका सही हक भी मार लिया जाता है। हमारा किसान सालभर मेहनत करता है लेकिन कुछ लोग उनका अधिकार मार लेते हैं और किसान खामोशी के साथ यह अन्याय सहन करता रहता है।

गरीब मजदूर पूरा दिन मेहनत करता है। लेकिन कुछ बोल नहीं पाने के कारण लोग उसके अधिकारों का हनन करते हैं और उसे उचित मेहनताना नहीं मिल पाता है। इसलिए यह समाज ऐसे लोगों के लिए नहीं है जो खामोशी से सारे ज्यादतियों को बर्दाश्त करते हैं। लोग ईमानदारी के साथ अपना कार्य संपन्न करने के बावजूद भी अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं सिर्फ दब्बू और रीढ़रहित होने के कारण। अतः इस समाज में डरपोक लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए :

प्रश्न क.
संजाल :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 4
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 5

प्रश्न ख.
ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो :
1. वान्या
2. रुबल
उत्तरः
1. कोल्या के बीमार होने पर जूलिया ने किसे पढ़ाया था?
2. रूस की मुद्रा को क्या कहते हैं?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

2. पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए।

प्रश्न 1.
पाठ में प्रयुक्त अंकों का उपयोग करके मुहावरे लिखिए।
उत्तरः

  1. दो – नौ दो ग्यारह होना।
  2. एक – एक और एक ग्यारह होना।
  3. उन्नीस – उन्नीस-बीस का फर्क होना।
  4. चार – चार चाँद लगाना।
  5. पाँचों – पाँचों उँगलियाँ घी में होना।

3. ‘कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ……………… 

प्रश्न 1.
‘कई बार अज्ञान के कारण गरीबों को ठगा जाता है यह देखकर मेरे मन में विचार आए ………………
उत्तर:
कई बार जीवन में ऐसी घटनाएँ देखने को मिलती है जिसका प्रभाव बड़े लंबे समय तक रहता है। मैं एक बार एक दवाखाने में बैठा था। मेरे अगल-बगल कई मरीज बैठे थे । उनमें से एक मरीज था जो लगातार खाँस रहा था। उसकी स्थिति देखकर ही मालूम हो रहा था कि वह एक बहुत ही गरीब इंसान है। काफी देर बाद उसका नंबर आया और मेरा नंबर ठीक उसके बाद था इसलिए मैं भी उसके साथ डॉक्टर के चेम्बर के अंदर गया।

डॉक्टर ने परीक्षण करने के बाद उसको बहुत सारे टेस्ट लिख दिए और कहा पहले टेस्ट कराकर ले आओ फिर दवाई दूंगा। अज्ञानता के कारण वह डॉक्टर से यह भी नहीं पूछ पाया कि यह टेस्ट उसे क्यों दिए गए हैं? वह गरीब बेचारा चुपचाप अपना सिर झुकाए कमरे से बाहर निकल गया।

जो टेस्ट उस डॉक्टर ने दिए थे वो काफी महंगे थे और एक गरीब व्यक्ति के लिए वो सारे टेस्ट एक साथ करवाना मुश्किल का काम था। उस समय मेरे मन में यह विचार आया कि बड़ा होकर मैं भी डॉक्टर बनूंगा और गरीबों को नि:शुल्क सेवा करूंगा। गाँव के लोग सीधेसाधे होते हैं और ज्यादा पढ़े-लिखे भी नहीं होते हैं। इसी का फायदा उठाकर लोग मनचाहे ढंग से उन्हें ठगते हैं।

विशेषकर डॉक्टर जिन्हें भगवान के बाद सबसे ज्यादा सम्मान की नजरों से देखा जाता है। कुछ लोग इस पवित्र पेशे को बदनाम कर रहे हैं। मैं आगे चलकर एक डाक्टर के रूप में सिर्फ मरीजों की सेवा करूँगा। यही मेरी इच्छा है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया

पाठ से आगे :

प्रश्न 1.
परिचारिका पाठ्यक्रम नर्सिंग कोर्स संबंधी जानकारी अंतरजाल से प्राप्त कीजिए और आवश्यक अर्हता संबंधी चर्चा करें।

भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चिहनों के सामने उनके नाम लिखिए तथा वाक्यों में उचित विरामचिहून लगाइए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 6.1
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 7Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 5 जूलिया Additional Important Questions and Answers

(क) सूचना के अनुसार निम्नलिखित कृतियाँ परिच्छेद के आधार पर पूर्ण कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 5 जूलिया 8

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
i. गृहस्वामी द्वारा खुद ही जूलिया को पैसे देना –
ii. गृहस्वामी की पत्नी द्वारा जूलिया को तीन दिन की छुट्टी देना –
उत्तर :
i. क्योंकि जूलिया अपने आप गृहस्वामी से पैसे नहीं माँगती।
ii. क्योंकि तीन दिन से जूलिया के दाँतों में दर्द हो रहा था।

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
i. इतवार को जूलिया ने यह काम किया
ii. चार दिन यह बीमार रहा
उत्तर:
i. सिर्फ कोल्या को घूमाने ले गई थी।
ii. कोल्या

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प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. गृहस्वामी कोल्या के स्कूल का हिसाब करना चाहता था।
  2. गृहस्वामी के अनुसार जूलिया की तनख्वाह तीस रूबल वार्षिक तय हुई थी।
  3. गृहस्वामी ने जूलिया का हिसाब डायरी में नोट कर रखा था।
  4. जूलिया से पहले की गवर्नेस को गृहस्वामी तीस रूबल महीना ही देता था।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. असत्य
  3. सत्य
  4. सत्य

प्रश्न 4.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।
i. मेरे ख्याल से तुम्हें …………
(क) घर की जरूरत होगी।
(ख) पैसों की जरूरत होगी।
(ग) कपड़ों की जरूरत होगी।
उत्तर:
(ख) पैसों की जरूरत होगी।

ii. तुम्हें हमारे यहाँ काम करते हुए ………..
(क) तीन महीने हुए हैं।
(ख) दो वर्ष हुए हैं।
(ग) दो महीने हुए हैं।
उत्तर:
(ग) दो महीने हुए हैं।

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन परिवर्तन कीजिए।
i. छुट्टी
ii. दाँत
उत्तर:
i. छुट्टियाँ
ii. दाँत

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. स्वर
  2. तनख्वाह
  3. महीना
  4. छुट्टी

उत्तर:

  1. आवाज
  2. वेतन
  3. माह
  4. अवकाश

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द परिच्छेद से ढूंढकर लिखिए।

  1. नौकर × ………
  2. गैरजरूरत × ………
  3. बाद में × ……..
  4. सही × ……..

उत्तर:

  1. मालिक
  2. जरूरत
  3. पहले
  4. गलत

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘मजदूरों के साथ होता अन्याय’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
मजदूर हमारे समाज का वह तबका है जिस पर समस्त आर्थिक उन्नति टिकी होती है। वह मानवीय श्रम का सबसे आदर्श उदाहरण है किंतु उनकी स्थिति दयनीय है। उन्हें हर दिन काम नहीं मिल पाता है। उनसे श्रम अधिक लिया जाता है तथा पारिश्रमिक कम दिया जाता है। अत: मजदूरों के कल्याण की दिशा में सरकार को कठोर कदम उठाने चाहिए। मजदूरों के श्रम का सम्मान करना चाहिए तथा उनकी जीवन-दशा में सुधार की प्रक्रिया तेज की जानी चाहिए।

(ख) परिच्छेद पड़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. यह बहुत कीमती थी
ii. इनके भाग्य में हमेशा नुकसान उठाना बदा है
उत्तर:
i. प्याली
ii. गृहस्वामी के

प्रश्न 2.
उपर्युक्त गद्यांश से दो ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो।
i. टहनी
ii. डायरी
उत्तर:
i. किसकी खरोंच लगने से बच्चे की जैकेट फट गई?
ii. गृहस्वामी हर एक चीज किसमें नोट करता है?

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प्रश्न 3.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

  1. गृहस्वामी के भाग्य में हमेशा फायदा उठाना बदा है।
  2. गृहस्वामी प्याली का दो रूबल ही काटेगा।
  3. जूलिया अपने काम में ढील देगी तो उनके पैसे नहीं करेंगे।
  4. दस जनवरी को गृहस्वामी ने जूलिया को दस रूबल दिए थे।

उत्तर:

  1. असत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य

प्रश्न 4.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

i. इतनी बड़ी बात तुम्हारी मालकिन ने …………..
(क) मुझे बताई तक नहीं।
(ख) किसी से छुपाया नहीं।
(ग) तुम्हें क्यों बताया।
उत्तर:
(क) मुझे बताई तक नहीं।

ii. चौदह में से तीन और घटा तो बचते हैं ………….
(क) दस रूबल
(ख) पाँच रूबल
(ग) ग्यारह रूबल
उत्तर:
(ग) ग्यारह रूबल

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
लिंग परिवर्तन कीजिए।
i. नौकरानी – नौकर
ii. मालकिन – मालिक
उत्तर:
i. प्याली
ii. गृहस्वामी के

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द परिच्छेद से ढूंढकर लिखिए।

  1. किस्मत
  2. मूल्यवान
  3. हानि
  4. कारण

उत्तर:

  1. भाग्य
  2. कीमती
  3. नुकसान
  4. वजह

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प्रश्न 3.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
i. झूठ × ………
ii. ज्यादा × ………..
उत्तर:
i. सच
ii. कम

(ग) परिच्छेद पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. जूलिया इसके बावजूद भी गृहस्वामी को धन्यवाद देती है।
ii. गृहस्वामी को यह बात जानकर जरा भी आश्चर्य नहीं होता।
उत्तर:
i. जबकि गृहस्वामी ने उसे ठगा, धोखा दिया और उसके पैसे हड़प लिए।
ii. जूलिया ने जहाँ-जहाँ काम किया उन लोगों ने उसे एक पैसा तक नहीं दिया।

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
वचन परिवर्तन कीजिए।

  1. पंजों
  2. बात
  3. रुबल
  4. पैसा

उत्तर:

  1. पंजा
  2. बातें
  3. रूबल
  4. पैसे

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प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. ऊँच × …
  2. धीमा × …..
  3. भला × ……
  4. अन्याय × ……..

उत्तर:

  1. नीच
  2. तेज
  3. बुरा
  4. न्याय

प्रश्न 3.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. भौरु
  2. बोदा
  3. आश्चर्य
  4. निर्मम

उत्तर:

  1. डरपोक
  2. मूर्ख
  3. अचरज
  4. निर्दयी

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भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों में से अव्यय शब्द पहचानकर लिखिए।
i. मुझे लगता है कि तुम अपने आप पैसे भी नहीं माँगोगी।
ii. कोल्या को घुमाने के लिए ले गई हो।
उत्तर:
i. कि – समुच्चबोधक अव्यय
ii. के लिए – संबंधसूचक अव्यय

प्रश्न 2.
कोष्ठक में दी गई सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए।

  1. मैं तुम्हारी तनख्वाह का हिसाब करता हूँ। (पूर्ण भूतकाल)
  2. मैं खुद ही तुम्हें पैसे दूंगा। (सामान्य वर्तमानकाल)
  3. आप सही कह रहे हैं। (सामान्य भविष्यकाल)
  4. मैं तीस रूबल ही देता था। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  5. तुमने चाय की प्लेट तोड़ी थी। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. मैं प्याली के दो रूबल काढूँगा।(अपूर्ण भूतकाल)
  7. मारिया वान्या के जूते चुराई। (सामान्य भविष्यकाल)
  8. मैं झूठ बोल रहा हूँ। (सामान्य भूतकाल)
  9. तुम मुझे धन्यवाद दे रही हो। (सामान्य भविष्यकाल)
  10. मैंने तुम्हे ठगा है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  11. मैंने तुम्हारे साथ मजाक किया। (पूर्ण भूतकाल)
  12. तुम इस संसार से लड़ोगी। (सामान्य भूतकाल)

उत्तर:

  1. मैंने तुम्हारी तनख्वाह का हिसाब किया था।
  2. मैं खुद ही तुम्हें पैसे देता हूँ।
  3. आप सही कहेंगे।
  4. मैं तीस रूबल ही दे रहा हूँ।
  5. तुमने चाय की प्लेट तोड़ी है।
  6. मैं प्याली के दो रूबल काट रहा था।
  7. मारिया वान्या के जूते चुराएगी।
  8. मैंने झूठ बोला।
  9. तुम मुझे धन्यवाद दोगी।
  10. मैं तुम्हे ठग रहा हूँ।
  11. मैंने तुम्हारे साथ मजाक किया था।
  12. तुम इस संसार से लड़ी।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्य शुद्ध करके लिखिए।

  1. मैंने इसमें नोट कर रखे हूँ।
  2. मेरे ख्याल पर तुम्हें पैसों में जरूरत होगी।
  3. तुमने चाय का प्लेट और प्याली तोड़ी थी।
  4. इसे भी डायरी पर नोट कर लेता हैं।

उत्तर:

  1. मैंने इसमें नोट कर रखा है।
  2. मेरे ख्याल से तुम्हें पैसों की जरूरत होगी।
  3. तुमने चाय की प्लेट और प्याली तोड़ी थी।
  4. इसे भी डायरी में नोट कर लेता हूँ।

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प्रश्न 4.
निम्नलिखित अव्यय शब्दों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
i. और
ii. कि
उत्तर:
i. इस संसार में दब्बू और रीढ़रहित लोगों के लिए कोई स्थान नहीं है।
ii. तुम जानती हो कि मैंने तुम्हें ठग लिया है।

जूलिया Summary in Hindi

लेखक-परिचय :

जीवन-परिचय : अंतोन पाव्लाविच चेखव का जन्म दक्षिण रूस के तगानरोग नामक स्थान में हुआ था। ये रूसी कथाकार और नाटककार थे। उन्होंने रूसी भाषा में चार कालजयी नाटक दिए। उनकी साहित्यिक रचनाएँ सारे विश्व में सराही जाती हैं। उनकी कहानियों में सामाजिक कुरीतियों का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। ये कुशल साहित्यक होने के साथ-साथ एक सफल चिकित्सक भी रहे।
प्रमुख कृतियाँ : नाटक – ‘तीन बहने’, ‘द चैरी आर्चर्ड’, ‘इवानोव’ आदि।
कहानी संग्रह – ‘अन्ना ऑन नेक’, ‘अबैड बिजनेस’, ‘द वर्ड मार्केट’, ‘ओल्ड एज’, ‘ग्रीषा’ आदि। लघु
उपन्यास – ‘ए ड्रीरी स्टोरी’, ‘द वाइफ’ आदि।

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गद्य-परिचय :

एकांकी : एकांकी का आकार छोटा होने के कारण इसमें एक अंक की ही कथा होती है। इसकी कथा व संवाद आदि से अंत तक रोचक और आकर्षक होते हैं।
प्रस्तावना : प्रस्तुत एकांकी ‘जूलिया’ के माध्यम से लेखक अंतोन चेखव ने समाज के ऐसे लोगों पर कुठाराघात किया है जो डरपोक और दब्बू हैं तथा स्वयं पर होनेवाले अन्याय का भी प्रतिरोध नहीं करते हैं।

सारांश :

जूलिया वासिल्देवना बच्चों की देखभाल करने वाली एक गवर्नेस है। एक बार उसके मालिक उसे घर पर बुलाते हैं और अन्यायपूर्वक उसका वेतन काट लेते हैं, लेकिन डरपोक और दब्बू स्वभाव की होने के कारण जूलिया उनका विरोध नहीं कर पाती है। तब उसके मालिक उसे समझाते हुए कहते हैं कि उन्होंने तो वेतन काटने का सिर्फ नाटक किया था। उसे यह समझाने के लिए कि यह समाज अत्यंत निर्दयी है।

यहाँ पर अपना हक छीनकर लेना पड़ता है। अगर व्यक्ति संघर्ष नहीं करेगा तथा अपने अधिकार के लिए आवाज नहीं उठाएगा तो यह समाज उसे जीने नहीं देगा। उस पर अन्याय करता ही रहेगा। इसलिए समाज में रहना है, तो अपने अधिकारों के लिए पूरी शक्ति के साथ लड़ना होगा। क्योंकि डरपोक लोगों के लिए इस समाज में कोई स्थान नहीं है। .

शब्दार्थ :

  1. गवर्नेस – छोटे बच्चों की देखभाल करनेवाली
  2. तनख्वाह – वेतन
  3. रूबल – रूस की मुद्रा
  4. नागा – वह जिस दिन काम न किया हो
  5. रुआँसी – रोने जैसी
  6. कसर – कमी
  7. टहनी – डाली
  8. खरोंच – रगड़
  9. यकीन – विश्वास
  10. अनर्थ – सर्वनाश, बुरा, अनिष्ठ
  11. कूर – कठोर, निर्दय
  12. दब्बू – भोंदू, कमजोर
  13. भीरु – डरपोक
  14. बोदा – मूर्ख, सुस्त
  15. ज्यादतियाँ – अन्याय
  16. खामोश – शांत, चुप
  17. निर्मम – निर्दयी
  18. हृदयहीन – दूसरों की भावनाओं की परवाह न करने वाला
  19. रीढ़रहित – अति दुर्बल, कमजोर
  20. पंजा – नाखून
  21. सहना – बर्दाश करना
  22. अन्याय – अत्याचार

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मुहावरे :

  1. हड़प लेना – बेईमानी से अधिकार कर लेना/दूसरे की वस्तु हजम कर जाना।
  2. सबक सिखाना – दंड देना।
  3. आसमान से गिरना – आश्चर्यचकित होना।
  4. ठग लेना – धोखा देना।
  5. तंग आना – परेशान होना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Textbook Questions and Answers

संभाषणीय

प्रश्न 1.
गणतंत्र-दिवस’ के अवसर पर जनतांत्रिक शासन प्रणाली पर अपना मंतव्य प्रकट कीजिए।
उत्तर:
मान्यवर अतिथिगण, प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएँ, और मेरे सभी सहपाठियों को मेरा नमस्कार। गणतंत्र दिवस पर अपने विचार व्यक्त करने का एक महान अवसर देने के लिए मैं सर्वप्रथम आपको धन्यवाद देता हूँ।

आज गणतंत्र दिवस को मनाने के लिए हम यहाँ एकत्रित हए हैं। हम सभी के लिए यह एक महान और शुभ अवसर है। हमें एक-दूसरे को बधाई देनी चाहिए और अपने राष्ट्र के विकास और समृद्धि के लिए भगवान से दुआ करनी चाहिए। हम लोग 1950 से ही हर वर्ष 25 जनवरी को भारत का गणतंत्र दिवस मनाते आ रहे हैं। इसी दिन २६ जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था।

भारत एक लोकतांत्रिक देश है। अत: यहाँ पर शासन करने के लिए कोई राजा या रानी नहीं है। यहाँ की जनता ही यहाँ की शासक है। इस देश में रहने वाले हर एक नागरिक के पास बराबर का अधिकार है । बिना हमारे वोट के कोई भी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। देश को सही दिशा में नेतृत्व प्रदान करने के लिए हमें अपना सबसे अच्छा प्रधानमंत्री या कोई भी दूसरा नेता चुनने का हक है।

लोकतंत्र अर्थात् जन-प्रतिनिधि एक ऐसा तंत्र है, जिसमें जनकल्याण की भावना से सभी कार्य संपन्न किए जाते हैं। जनकल्याण की भावना एक-एक करके इस शासन तंत्र के द्वारा हमारे सामने कार्य रूप में दिखाई पड़ने लगती है। लोकतंत्र का महत्त्व इस दृष्टि से भी होता है कि लोकतंत्र में सबकी भावनाओं का सम्मान होता है और सबको अपनी भावनाओं को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने का पूरा अवसर मिलता है। इसी प्रकार किसी भी तानाशाही का लोकतंत्र करारा जवाब देता है।

हमारे देश ने बहुत विकास किया है और विश्व के शक्तिशाली देशों में गिना जाने लगा है। विकास के साथ कुछ कमियाँ भी खड़ी हुई हैं; जैसे-असमानता, गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अशिक्षा आदि। अपने देश को विश्व का एक बेहतरीन देश बनाने के लिए समाज की समस्याओं को सुलझाने के लिए हमें आज प्रतिज्ञा लेने की जरूरत है। धन्यवाद, जय हिन्द!

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आसपास

प्रश्न 1.
‘जीत के लिए संघर्ष जरूरी है।’ विषय पर प्रतियोगिता में सहभागी टीम के साथ चर्चा कीजिए।
उत्तरः
किसी ने क्या खूब कहा है:

किश्ती तूफ़ान से निकल सकती है,
बुझता हुआ चिराग़ फिर से जल सकता है।
उम्मीद न हार, न अपने इरादे बदल,
ये तक़दीर है, तक़दीर किसी भी वक्त बदल सकती है।

मनुष्य के जीवन में पल-पल परिस्थितियाँ बदलती रहती हैं। जीवन में सफलता-असफलता, हानि-लाभ, जय-पराजय के अवसर मौसम के समान हैं, कभी कुछ स्थिर नहीं रहता। हमारे जीवन में सुख भी है, दुख भी है, अच्छाई भी है, बुराई भी है। जहाँ अच्छा वक्त हमें खुशी देता है, वहीं बुरा वक्त हमें मजबूत बनाता है। हम अपनी जिंदगी की सभी घटनाओं पर नियंत्रण नहीं रख सकते, पर उनसे निपटने के लिए सकारात्मक सोच के साथ सही तरीका तो अपना ही सकते हैं।

कई लोग अपनी पहली असफलता से इतना परेशान हो जाते हैं कि अपने लक्ष्य को ही छोड़ देते हैं। कभी-कभी तो अवसाद में चले जाते हैं। अब्राहम लिंकन भी अपने जीवन में कई बार असफल हुए और अवसाद में भी गए किन्तु उनके साहस और सहनशीलता के गुण ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ सफलता दिलाई। अनेकों चुनाव हारने के बाद 52 वर्ष की उम्र में अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए।

संघर्ष ही जीवन है। जीवन संघर्ष का ही दूसरा नाम है। इस सष्टि में छोटे-से-छोटे प्राणी से लेकर बड़े-से-बड़े प्राणी तक, सभी किसी-न-किसी रूप में संघर्षरत हैं। जिसने संघर्ष करना छोड़ दिया, वह मृतप्राय हो गया। जीवन में संघर्ष है प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ। जो तरह-तरह के संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं, वे जीवन से भी हार जाते हैं, जीवन भी उनका साथ नहीं देता। जब हम संघर्ष करते हैं, तभी हमें अपने बल व सामर्थ्य का पता चलता है। संघर्ष करने से ही आगे बढ़ने का हौसला मिलता है और अंतत: हम अपनी मंजिल को हासिल कर लेते हैं।

लेखनीय

प्रश्न 1.
‘जीवन में परिश्रम का महत्त्व पर’, अपने विचार व्यक्त
उत्तरः
जीवन में सफलता कौन नहीं चाहता। हर व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की ऊँचाई प्राप्त करना चाहता है। ये संसार भी ऐसे लोगों को ही याद रखता है जो इस दुनिया में सफल हुए हैं, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में विजय पताका फहराई है। एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट है, संसार में हर व्यक्ति की जीतने की इच्छा होती है, लेकिन जीतना इतना आसान नहीं है। जीतने के लिए कीमत होती है। अपने जीवन का एक लम्बा समय और उस लम्बे समय में किया हुआ अथाह परिश्रम।

परिश्रम वह मूलमंत्र है जो खजानों को खोल देता है. पर्वतों को चीर देता है, सारी दुनिया को मुट्ठी में कर लेता है और असफलता को फूंक मार कर उड़ा देता है। जरूरत है लगन, आस्था और अथक प्रयास की। जिस प्रकार कुएँ के पत्थर पर रस्सी के बार-बार आने-जाने से निशान पड़ जाते हैं उसी तरह परिश्रम द्वारा कठिन से कठिन कार्यों को भी सरल बनाया जा सकता है। कहा भी गया है

‘करत-करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान।’

एक चीज़ को लक्ष्य बनाकर उस दिशा में प्रयत्न करना होता है। नियमित रूप से लगातार परिश्रम करना पड़ता है। हमारा मन भटकाने के लिए बहुत सारी चीजें सामने आएँगी पर उन पर ध्यान न देते हुए पूरी एकाग्रता से किया हुआ परिश्रम ही मनुष्य को सफलता दिला सकता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि मनुष्य ने कठोर परिश्रम द्वारा असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है। परिश्रम मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। शारीरिक और मानसिक परिश्रम के उचित तालमेल से व्यक्ति का तन और मन दोनों स्वस्थ रह सकता है। इसलिए परिश्रम से भागना बिल्कुल मूर्खता है।

विद्यार्थी को विद्यार्जन में, खिलाड़ी को अपने खेल में, कलाकार को अपनी कला में, गायक को अपने गीत में, एक सामान्य व्यक्ति को अपने पेशे में निरंतरता लानी है, तो परिश्रम ही एकमात्र रास्ता है। परिश्रम से बचकर कोई और रास्ता ढूँढ़ना समय की बरबादी है। जीवन में सफलता और परिश्रम एक-दूसरे से सिक्के के दो पहलू की तरह जुड़े हुए हैं। इसलिए जीत की इच्छा रखने वाले को कठोर परिश्रम के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।

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श्रवणीय:

प्रश्न 1.
किसी अवकाश प्राप्त सैनिक से उनके अनुभव सुनिए और उनसे प्रेरणा लीजिए ।

पाठ से आगे:

प्रश्न 1.
कविवर्य रवींद्रनाथ टैगोर की कविता पढ़िए।

पाठ के आँगन में…

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए:

प्रश्न (क)
कवि इन परिस्थितियों में वरदान नहीं माँगना चाहते –
उत्तर:
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प्रश्न (ख)
आकृति पूर्ण कीजिए।
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उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 3

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 4
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 5

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2. पदूय में पुनरावर्तन हुईं पक्ति लिखिरा

प्रश्न 1.
पदूय में पुनरावर्तन हुईं पक्ति लिखिरा

3. रेखांकित वाक्यांशों के स्थान पर उचित मुहावरा लिखिए।

प्रश्न 1.
रुग्ण शय्या पर पड़ी माता जी को देखकर मोहन का धीरज धीरे-धीरे समाप्त हो रहा था। (तिल-तिल मिटना, जिस्म टूटना)
उत्तरः
रुग्ण शय्या पर पड़ी माता जी को देखकर मोहन का धीरज तिल-तिल मिट रहा था।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
निम्नलिखित अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करके फिर से लिखिए।

  1. लता कितनी मधुर गाती है।
  2. तितली के पास सुंदर पंख होते हैं।
  3. यह भोजन दस आदमी के लिए है।
  4. कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल देखने योग्य है।
  5. उसने प्राण की बाजी लगा दी।
  6. तुमने मीट्टी से कीया प्यार।
  7. यह है न पसीने का धारा।
  8. आओ सिंहासन में बैठो।
  9. तुम हँसो कि फूले-फले देश।
  10. यह गंगा का है नवल धार।

उत्तरः

  1. शुदध वाक्य
  2. लता कितना मधुर गाती है।
  3. तितली के पंख सुंदर होते हैं।
  4. यह भोजन दस आदमियों के लिए है।
  5. कश्मीर में कई दर्शनीय स्थल हैं।
  6. उसने प्राणों की बाजी लगा दी।
  7. तुमने मिट्टी से किया प्यार।
  8. यह है न पसीने की धारा।
  9. आओ, सिंहासन पर बैठो।
  10. तुम हँसो ताकि फूले-फले देश।
  11. गंगा की यह नवल धार है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 6

प्रश्न 2.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 7

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 8

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
‘जीवन-महा-संग्राम है।’ इस का अर्थ है-
उत्तरः
जीवनपथ पर चारों ओर दुख एवं संकट-ही-संकट है। अत: जीवन रूपी पथ पर चलते समय उनके साथ संघर्ष करना पड़ता है। यही जीवन का महासंग्राम है।

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
यह हार एक ……………….. वरदान माँगूंगा नहीं।
भावार्थ:
कवि स्वाभिमानी हैं अत: वह ईश्वर से दया की भीख नहीं माँगना चाहते। वे कहते हैं यह जीवन एक बड़ा युद्ध है। इस युद्ध में हार भी हो सकती है और जीत भी हो सकती है । यदि जीवन में हार का सामना करना पड़ेगा तो भी वह घबराएँगे नहीं। वे कहते हैं कि जीवन में मिली हार बहुत दिन नहीं ठहरती । अत: जीवनरूपी महासंग्राम में आने वाले दुख एवं संघर्षों से वह भयभीत नहीं होंगे, वह तिल-तिल मिटेंगे यानी जब तक शरीर में प्राण है तब तक वह सघर्षों का सामना करेंगे परंतु संघर्षों से बाहर निकलने के लिए वह ईश्वर से दया की भीख कदापि नहीं माँगेंगे। वे कहते हैं कि मैं ईश्वर से कभी वरदान नहीं माँगूंगा।

(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 9

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
1.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 10
2.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 11
3.
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 12

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
लघुता न ………………….. वरदान माँगूंगा नहीं।
भावार्थः
कवि अपने आप को बहुत ही लघु यानी छोटा मानते हैं। आखिर ईश्वर के सामने सभी लघु ही होते हैं। ईश्वर महान होता है। इस तथ्य को स्वीकार कर कवि कहते हैं, “मेरी लघुता को छूने का प्रयास मत करो यानी मेरे दुख-दर्द दूर करने का विचार तू त्याग दे; इस संसार में तुम सबसे श्रेष्ठ हो। अत: तुम महान बने रहो। मैं अपने हृदय में निर्मित वेदना को व्यर्थ त्यागूंगा नहीं और उसे मेरे हृदय से निकालने के लिए मैं तुमसे वरदान नहीं माँगूंगा।’

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

मौलिक सजन

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे शीर्षक दीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही 13
स्मृतियों के साथ अंतरिक्ष की ओर
खुशी के मारे उसके पाँव जमीन पर नहीं पड़ रहे थे। नासा से बाहर आते ही उसने घर का नंबर मिलाया।

“पापा!” उससे बोला नहीं गया।
“हमारी बेटी ने किला फतह कर लिया! है न?”
‘हाँ, पापा!” वह चहकी, ‘मैंने नासा में प्रवेश पानेवाली परीक्षा
पास कर ली है। मेरिट में पहले नंबर पर हैं।”
‘शाबाश! मुझे पता था हमारी बेटी लाखों में एक है!”
“पापा, पंद्रह मिनट के ब्रेक के बाद एक औपचारिक इंटरव्यू और होना है। उसके फौरन बाद मुझे ‘नासा अंतरिक्ष प्रवेश कार्ड’ दिया जाएगा। मम्मी को फोन देना”

“तुम्हारी मम्मी सब्जी लेने गई है। आते ही बात कराता हूँ। आल द बेस्ट, बेटा!” उसकी आँखें भर आई। पापा की छोटी-सी नौकरी थी, लेकिन उन्होंने बैंक से कर्जा लेकर अपनी दोनों बेटियों को उच्च शिक्षा दिलवाई थी। मम्मी-पापा की आँखों में तैरते सपनों को हकीकत में बदलने का अवसर आ गया था। उसे याद आए अपने वह बचपन के दिन, वह बरगद का वृक्ष, जिसके नीचे बैठकर वह लगातार अंतरिक्ष की ओर देखा करती थी।

उसी वृक्ष के नीचे बैठकर वह अंतरिक्ष संबंधी पुस्तकें पढ़ा करती थी। उसे याद आया, वह कैमरा, जो उसके पापा ले आए थे। उसी कैमरे को आँखों के सामने पकड़कर वह अंतरिक्ष की ओर देखती थी। बचपन की वह यादें, वह वृक्ष, पुस्तक और कैमरा मानो उसे पुकार-पुकार कर कहे रहे थे – दिव्या तुम सचमुच दिव्य हो, अब तुम अंतरिक्ष का भ्रमण करने निकलोगी। क्या हमें साथ लेकर नहीं चलोगी?

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – वरदान माँगूंगा नहीं
  • कविता की विधा – गीत
  • पसंदीदा पंक्ति – चाहे हृदय को ताप दो। चाहे मुझे अभिशाप दो। कुछ भी करो कर्तव्य पथ से किंतु भागूंगा नहीं। वरदान माँगूंगा नहीं।
  • पसंदीदा होने का कारण – प्रस्तुत पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि उसमें प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की बात की गई है।
  • कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा – प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती है कि व्यक्ति को अपने कर्तव्य पथ पर अटल रहना चाहिए।

आने वाले संकटों का हँसते हए सामना करने की भावना रखनी चाहिए। व्यक्ति के हौसलें बुलंद होने चाहिए। व्यक्ति में आत्मविश्वास होना चाहिए कि वह आने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों का अकेले सामना कर सके और अपने कर्तव्य पथ से कदापि पीछे नहीं हटे। व्यक्ति को तूफानों का सामना करने का साहस स्वयं रखना चाहिए।

वरदान माँगूँगा नही Summary in Hindi

कवि-परिचय:

जीवन-परिचय: जनकवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी, प्रगतिवादी कविता के स्तंभ कवि थे। उनकी कविताओं में जनकल्याण, प्रेम, रचनात्मक विद्रोह के स्वर मुख्य रूप से मुखरित हुए हैं। वे अपने समय के सामूहिक चेतना के संरक्षक के रूप में कार्यरत रहे।

प्रमुख कृतियाँ: काव्य संग्रह – हिल्लोल, जीवन के गान, युग का मेल, मिट्टी की बारात, विश्वास बढ़ता ही गया, वाणी की व्यथा आदि।
गद्य रचनाएँ – महादेवी की काव्य साधना, गीतिकाव्य उद्भव और विकास’ ।

पद्य-परिचय:

गीत: स्वर, पद और ताल से युक्त गीत हिंदी साहित्य की महत्त्वपूर्ण विधाओं में से एक है। इसमें गेयता होती है। गीत मनुष्य मात्र की भाषा है। गीतों के माध्यम से मानव जीवन में ऊर्जा एवं ताजगी का संचार होता है।
प्रस्तावना: प्रस्तुत गीत के माध्यम से कवि ने स्वाभिमान के बल पर सुख-दुख में समभाव रखकर कर्तव्य पथ पर सतत बढते रहने की प्रेरणा प्रदान की है।

सारांश:

‘वरदान माँगूंगा नहीं’ इस कविता में कवि कहते हैं कि जीवन एक महासंग्राम है। हमें इस जीवनरूपी महासंग्राम का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। कवि विपरीत परिस्थितियों में भी कर्तव्य पथ पर अडिग रहने की सलाह देते हैं। कवि जीवन में आनेवाले संघर्षों को अपने आत्मविश्वास, प्रयास व परिश्रम द्वारा दूर करने की सलाह देते हैं।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 9 वरदान माँगूँगा नही

शब्दार्थ:

  1. विराम – ठहराव
  2. महा-संग्राम – बड़ा युद्ध |
  3. स्मृति – यादें
  4. खंडहर – (यहाँ) खंडित आकांक्षा
  5. लघुता – छोटापन
  6. वेदना – व्यथा, पीड़ा
  7. ताप – गर्मी
  8. अभिशाप – श्राप

मुहावरे:

तिल-तिल मिटना – धीरे धीरे समाप्त होना।

भावार्थ:

यह हार एक ………….. वरदान माँगूंगा नहीं।

कवि स्वाभिमानी हैं अत: वह ईश्वर से दया की भीख नहीं माँगना चाहते। वे कहते हैं यह जीवन एक बड़ा युद्ध है। इस युद्ध में हार भी हो सकती है और जीत भी हो सकती है । यदि जीवन में हार का सामना करना पड़ेगा तो भी वह घबराएँगे नहीं । वे कहते हैं कि जीवन में मिली हार बहुत दिन नहीं ठहरती । अत: जीवनरूपी महासंग्राम में आने वाले दुख एवं संघर्षों से वह भयभीत नहीं होंगे, वह तिल-तिल मिटेंगे यानी जब तक शरीर में प्राण है तब तक वह सघर्षों का सामना करेंगे परंतु संघर्षों से बाहर निकलने के लिए वह ईश्वर से दया की भीख कदापि नहीं माँगेंगे। वे कहते हैं कि मैं ईश्वर से कभी वरदान नहीं माँगूंगा ।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Textbook Questions and Answers

पठनीय

प्रश्न 1.
हिंदवी स्वराज्य निर्माता छत्रपति शिवाजी महाराज की जीवनी का अंश पढ़कर प्रेरणा प्राप्त कीजिए।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन

संभाषणीय

प्रश्न 1.
स्वयं देखे हुए महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों के बारे में अपने मित्रों को बताइए।
उत्तर:

  • स्वयं: क्या आप सब जानते हैं महाराष्ट्र की यात्रा किसी भी सैलानी को भारत के पश्चिमी भाग की खूबसूरती को जानने का मौका देती है।
  • राहुल: नहीं जानता हूँ। मैं महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों पर अब तक नहीं गया हूँ।
  • भूषण: मैं भी कुछ नहीं जानता हूँ।
  • नंदा: मैं भी जानने के लिए उत्सुक हूँ।
  • स्वयः तो सुनो, मैं बताता हूँ। महाराष्ट्र भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है और यहाँ पर्यटन स्थलों के रूप में बहुत बड़ा खज़ाना है। .

कई गुफाएँ, आकर्षक हिल स्टेशन, समुद्र तट, बड़ी संख्या में वन्य जीव, भक्ति के पवित्र स्थल आदि, महाराष्ट्र में सब कुछ है। हालांकि बॉलीवुड एक ऐसी चीज़ है; जो इस राज्य को दूसरे राज्यों के मुकाबले बढ़त देता है। घूमने के शौकीनों के लिए महाराष्ट्र अपने आप में एक पूरा पर्यटन स्थल है। अपने सभी आकर्षणों के साथ महाराष्ट्र का एक ऐसा आभा मंडल है जिसे अनदेखा करना मुश्किल है। महाराष्ट्र राज्य में अजंता और एलोरा ऐसे दो विश्व विरासत स्थल हैं जो हमेशा से पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। अगर आप तीन हज़ार साल पहले धर्म और इंसानी कल्पना को चित्रों और मूर्तियों के रूप में देखना चाहते हैं तो आपको अजंता की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

  • राहुल: बहुत खूब, और बताओ, महाराष्ट्र के दर्शनीय स्थलों के बारे में।
  • स्वयं: मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है। यहाँ देखने लायक जगहों में गेट वे ऑफ इंडिया, हैगिंग गार्डन, महालक्ष्मी मंदिर, हाजी अली दरगाह, मरीन ड्राइव, जुहू बीच और चौपाटी शामिल हैं। मुंबई शहर बॉलीवुड का गढ़ भी है। एस्सेल वर्ल्ड देश में बच्चों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जानेवाली जगह है।
  • नंदा: मैं तो बहुत प्रसन्न हो रही हूँ क्योंकि मुझे यहीं बैठे-बैठे सारी जानकारी मिल रही है।
  • स्वयं: महाबलेश्वर, लोनावाला और खंडाला की साफ हवा, शांत वातावरण, सुंदर और शांत झील और शानदार झरने आपको शहर की हलचल से दूर आनंद की अनुभूति देते हैं।
  • भूषण: मैं भी अपने माता-पिता के साथ इन स्थलों की यात्रा करूँगा।
  • स्वयं: हरिहरेश्वर, गणपतिपुले, जेजुरी, पंढरपुर, सिद्धिविनायक मंदिर, शिरडी आदि यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं।
  • सभी एक साथः धन्यवाद, तुमने तो अपने वक्तव्य से समूचे महाराष्ट्र की झाँकी हमारे सामने प्रस्तुत कर दी।

आसपास

प्रश्न 1.
ऐतिहासिक स्थलों के चित्रों का कोलाज तैयार कीजिए

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पाठ के आँगन में…

सूचना के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए

1. उत्तर लिखिए:

(क) ऊँट की सवारी करने के बाद लेखिका की स्थिति

(ख) ऊँट की सवारी का अनुभव रोमांचकारी और मनोरंजक था, यह दर्शाने वाला वाक्य

प्रश्न 2.
जोड़ियाँ मिलाइए:

1. रेगिस्तान का जहाज (क) सूर्यास्त
2. मखमली गददे (ख) ऊँट
3. रंग-बिरंगी पोशाक (ग) होटल
4. पर्यटकों की मंजिल (घ) रेत
(ड़) पर्यटक

उत्तरः

  1. ऊँट
  2. रेत
  3. पर्यटक
  4. सूर्यास्त

प्रश्न 3.
परिच्छेद में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
1. नर × ……………
2. बाल × ………….
उत्तर:
1. नारी
2. वृद्ध

प्रश्न 4.
‘मेरी यात्रानुभव’ पर आपके विचार लिखिए।
उत्तर:
अपने जीवन काल में मनुष्य को अनेक यात्राओं का अनुभव होता है। कुछ यात्राएँ लोग सुख व मनोरंजन के लिए करते हैं तो कुछ आवश्यकतापरक होती हैं। पिछली दिवाली की छुट्टियों में हम कुछ सहपाठी माथेरान गए थे। मुंबई के सी. एस. टी. स्टेशन से रेलगाड़ी में बैठकर हम नेरल पहुँचे। वहाँ जलपान करके हम खिलौने जैसी ‘मिनी’ रेलगाड़ी में सवार हुए। मखमल-सी मुलायम हरे वृक्ष और सघन घाटियों की शोभा देखते हुए हम माथेरान पहुँचे। माथेरान का वातावरण मोहक और स्फूर्तिदायक था। लाल-लाल मटियाले रास्ते और घनी हरियाली।

भरी दोपहर में भी वहाँ ठंडी हवा चलती है। सुबह और शाम को घूम कर हमने अनेक प्राकृतिक दृश्य देखें। प्राकृतिक दृश्य की सुंदरता अनोखी थी। इनमें से कुछ दृश्य हमें बहुत ही अच्छे लगे। ‘एको पॉइंट’ (प्रतिध्वनि बिंदु) पर हमने जोर-जोर से चिल्लाकर अपनी अनेक प्रतिध्वनि सुनी। एक दिन शाम को हमने सूर्यास्त बिंदु (सनसेट पॉईंट) पर डूबते हुए सूर्य का अद्भुत दृश्य देखा। हमने शारलोट तालाब की सुंदरता भी देखी। हमने घुड़सवारी और रिक्शा में बैठने का मज़ा भी लिया। हमने अपने कैमरों से कई तस्वीरें भी खीचीं। हम दिनभर घूमते रहे पर हमें थकान का अनुभव नहीं हुआ। माथेरान में चार दिन, चार पल की तरह बीत गए। हम वहाँ से लौट आए पर वहाँ के मनोहर दृश्य आज भी मेरी आँखों के सामने घूम रहे हैं।

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लेखनीय

प्रश्न 1.
‘चित्तौड़गढ़ बोलने लगा तो…..’ अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
चित्तौड़गढ़ एक ऐतिहासिक वास्तु है । यह त्याग, बलिदान एवं वीरता की पहचान है। इसका निर्माण 7 वीं शताब्दी में मौर्य के शासन काल में किया गया था और इसका नाम भी मौर्य शासक चित्रांगदा मोरी के बाद ही रखा गया था। ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार चित्तौड़गढ़ किला 934 सालों तक मेवाड़ की राजधानी रह चुका था। इसकी स्थापना 734 में मेवाड़ के सिसोदिया वंश के शासक बाप्पा रावल ने की थी। आज भी यह किला बड़े शान से मेवाड़ की धरती पर खड़ा है। इसे देखने के बाद मेरे मन में विचार आया कि यदि चित्तौड़गढ़ बोलने लगा तो…’ चित्तौड़गढ़ बोलने लगा, तो वह अपनी सारी ऐतिहासिक गाथा हमारे सामने प्रस्तुत करेगा। वह अपनी कहानी इस प्रकार कहेगा “मैं भारत के विशालतम किलों में से एक हैं। मैं एक वर्ल्ड हेरिटेज दुर्ग भी हूँ। मैं विशेषत: मेवाड़ की राजधानी के नाम से जाना जाता हूँ।

पहले मेरे ऊपर गहलौत का शासन था और बाद में सिसोदिया का शासनकाल था। चित्तौड़ी राजपूत के सूर्यवंशी वंश ने 7 वीं शताब्दी से 1567 तक परित्याग करने तक शासन किया और १५६७ में अकबर ने मेरी घेराबंदी की थी। मैं 190 मीटर पहाड़ी की ऊँचाई पर बना हुआ हूँ और 391.9 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ हूँ। मुझसे जुड़ी बहुत-सी ऐतिहासिक घटनाएँ हैं। आज मैं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ हूँ। 15 से १६ वीं शताब्दी के बाद मुझे तीन बार लुटा गया था। 1303 में अलाउद्दीन खिलजी ने राणा रतन सिंह को पराजित किया था। 1535 में गुजरात के सुल्तान बहादुर शाह ने विक्रमजीत सिंह को पराजित किया था और १५६७ में अकबर ने महाराणा उदय सिंह द्वितीय को पराजित किया था। लेकिन तीनों समय राजपूत सैनिकों ने जी-जान से लड़ाई की थीं।

उन्होंने महल को एवं राज्य को बचाने की हर संभव कोशिश की थी लेकिन हर बार उन्हें हार का ही सामना करना पड़ रहा था। सैनिकों के पराजित होने के बाद राजपूत सैनिकों की तकरीबन 13,000 से भी ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने जौहर कर लिया था और अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था। सबसे पहले जौहर राणा रतन सिंह की पत्नी रानी पद्मिनी ने किया था। उनके पति 1303 के युद्ध में मारे गए थे और बाद में 1537 में रानी कर्णावती ने भी जौहर किया था। जी हाँ, मैं इन सभी महिलाओं के जौहर का साक्षी हूँ। इसीलिए मैं राष्ट्रप्रेम, हिम्मत, मध्यकालीन वीरता और मेवाड़ के सिसोदिया और बच्चों का राज्य के प्रति बलिदान देने का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण हूँ।

उस समय राजपूत शासक, सैनिक, महिलाएँ और स्थानिक लोग मुगल सेना के समक्ष समस्त समर्पण करने के बजाय लड़ते – लड़ते प्राणों की आहुति देना ठीक समझते थे। २०१३ में कोलंबिया के फ्लोम पेन्ह (Phonm Penh) में वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी के ३७ वें सेशन में मेरे साथ ही राजस्थान के पाँच और किलो को यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साईट में शामिल किया गया था।”

अंत में मैं इतना ही कहूँगा
“अमर त्याग और बलिदान की कहानी हूँ मैं,…
स्वत्व व सतीत्व की रक्षा का आदर्श हूँ मैं।
आज भी शत्रु को परास्त करने का जज्बा रखता हूँ मैं।
भारतीय संस्कृति का धनी हूँ मैं।”

मौलिक सृजन

प्रश्न 1.
ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा एवं उनका संवर्धन करना हमारा कर्तव्य है, इसके आधार पर चर्चा कीजिए और दिए गए मुद्दों से सूचना फलक तैयार कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 1
बहुत बड़े और बहुत पुराने देशों की कुछ पुरानी और बड़ी समस्याएँ भी होती हैं। हमारी एक बहुत बड़ी समस्या प्राचीन ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षित रखने की भी है । पूरे देश में ऐसी अनगिनत प्राचीन और ऐतिहासिक महत्त्व की इमारतें हैं जिनकी देखभाल ठीक से नहीं हो रही हैं। पिछले एक दशक से भारत में बदलाव की जो हवा चल रही है। उसके अंतर्गत अब यह माना जा रहा है कि देश की धरोहर के संरक्षण की ज़िम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र की दो बड़ी कंपनियों ने भी इस ज़िम्मेदारी को स्वीकार किया है। ‘सेल’ ने दिल्ली के लोदी गार्डन की इमारतों की मरम्मत तथा साज सज्जा के लिए बनाई गई एक योजना में 10 करोड़ रुपए लगाए हैं।

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने कान्हेरी की गुफाओं तथा कोणार्क मंदिर के – रिनोवेशन’ के लिए २५ करोड़ रुपए खर्च करने का निर्णय लिया है। इन दोनों प्रयासों से उत्साहित होकर भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अब व्यापक स्तर पर बड़े औद्योगिक घरानों तथा व्यापार संगठनों को इस काम में शामिल करना चाहता है। अभी हाल में ही मंत्रालय ने ‘रिलायंस’, ‘हीरो होंडा’, ‘सैमसंग’, ‘एमआरएफ’, ‘एवीवा’, ‘विप्रो’, ‘एलजी’, जैसी कंपनियों को एक पत्र लिखकर ऐतिहासिक स्थलों को सुरक्षा एवं उनका संवर्धन देने की अपील की है। यह निश्चित रूप से एक सार्थक प्रयास है और आशा की जाती है कि बड़े औद्योगिक और व्यापारी घराने अपनी ‘पब्लिक इमेज’ बनाने के लिए इस दिशा में आगे बढ़ेंगे।

ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण के लिए सरकार एक बड़ी व्यापक और कारगर नीति बनाएँ। छोटे शहरों में ऐसी तमाम इमारतें हैं जो उपेक्षित पड़ी हैं। इन इमारतों पर अवैध कब्जे हैं तथा कुछ लोगों ने उन्हें अपनी निजी संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। ऐसी इमारतों की एक बड़ी सूची बनाना ज़रूरी है ताकि यह पता चल सके कि वे कहाँ है, किस स्थिति में हैं और उनका संरक्षण कैसे किया जा सकता है। ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण में आम आदमी की भागीदारी बहुत आवश्यक है। ऐतिहासिक स्थलों और सैर करने जाने वाले पर्यटक वहाँ पर कूड़ा, कचरा व प्लास्टिक आदि फेंककर प्रदूषण फैलाते हैं। यह बहुत ही चिंता का विषय है। ऐतिहासिक स्थलों की हिफाजत करना सभी का कर्तव्य हैं। उन्हें साफ़-सुथरा रखने के लिए सभी लोगों को अपनी ओर से प्रयास करना चाहिए। हमें अपने देश के ऐतिहासिक स्थलों के प्रति आस्था का भाव रखना चाहिए।

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विषय से…..

प्रश्न 1.
राष्ट्र का गौरव बनाए रखने के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा किए सराहनीय कार्यों की सूची बनाइए। नौवीं कक्षा पाठ-२ इतिहास और राजनीति शास्त्र

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

प्रश्न (क)
संजाल
उत्तर:
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प्रश्न (ख)
संजरा पूणच कीतजए:
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उत्तर:
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2. दिए गए शब्दों के वर्गों का उपयोग करके चार पाँच अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए।

प्रश्न 1.
दिए गए शब्दों के वर्गों का उपयोग करके चार पाँच अर्थपूर्ण शब्द तैयार कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 6
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 7

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
स्वयं पढ़े हुए यात्रा वर्णन:
उत्तर:
1. कितनी नावों में कितनी बार: अज्ञेय
2. स्मरण यात्रा: काका कालेलकर

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केवल एक शब्द में उत्तर लिखिए।

प्रश्न (त)
वीर जवानों का वह देश जो धरती का गहना:
उत्तरः
भारत देश

प्रश्न (थ)
महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम:
उत्तरः
चेतक

स्वमत अभिव्यक्ति:

प्रश्न 1.
मैं पाठशाला जा रहा था। रास्ते में एक युवक अपनी मोटरसाइकिल आधी-टेढ़ी चलाते, कलाबाजियाँ दिखाते हुए तथा जोर-जोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान कर रहा था। उसे देखकर मेरे मन में विचार आए।
उत्तरः
स्टंट दिखाने के लिए वे रत्तीभर भी कसर नहीं छोड़ते हैं। जब मौका मिले, तब शुरू हो जाते हैं। अपनी खोखली कलाबाजियों से लोगों पर क्या गुजरती होगी, इसका तनिक भी असर उन पर नहीं पड़ता है। आखिर वे अपनी मस्ती एवं धुन में मशगूल जो होते हैं । आज के युवक फैशन एवं अपनी कलाबाजियाँ दिखाने के लिए अपनी मोटरसाइकिल आधी-टेढ़ी चलाते हैं तथा जोरजोर से हॉर्न बजाकर लोगों को परेशान करते हैं। यह तो उनके लिए एक खेल हो जाता है, पर रास्ते पर चलते समय लोगों को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ता हैं, उनसे तो वे युवक अनभिज्ञ होते हैं। वे तो बस फैशन एवं स्टंट दिखाने के आदी हो गए हैं।

आधुनिक युग में ध्वनि-प्रदूषण समय की एक बड़ी समस्या बन गई है। पिछले कुछ वर्षों से इस समस्या ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है। इस समस्या के पीछे औद्योगीकरण, यातायात के आधुनिक साधनों तथा बढ़ती मानवीय गतिविधियों का बहुत बड़ा हाथ है। मोटरसाइकिल, ट्रेन, वायुयान आदि वातावरण में तरह-तरह की ध्वनियाँ छोड़ते हैं। ये ध्वनियाँ हमारे कानों से टकराकर हमारे चित्त को अशांत कर देती हैं, जिससे मानसिक तनाव बहरापन आदि स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। सभी को सड़क यातायात नियमों की अच्छे से जानकारी होनी चाहिए, खासतौर पर युवा लोगों को जो महत्त्वपूर्ण सड़क दुर्घटना के खतरे पर रहते हैं। युवकों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के कई सारे तरीके हैं।

जैसे-सेमिनार, कार्यशाला, पाठ्यक्रम में मूल सड़क-सुरक्षा पाठ जोड़ने के द्वारा विद्यार्थी शिक्षा, रुको, देखो, सुनो, सोचो और फिर पार करो अर्थात् ग्रीन क्रॉस कोड के बारे में लोगों को जागरुक करना यातायात लाईटों को सीखना, रोड चिहनों को समझना, सड़क के हालात के अनुसार रक्षात्मक चालन आदि। सरकार द्वारा भी इसके लिए सख्त कानून बनाना चाहिए । जैसे हॉर्न पर प्रतिबंध लगाना। मोटरसाइकिल चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करना आदि। अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहता हूँ

“हे युवक, तू पहचान ले, अपनी अस्मिता को
न बिखरने दे अपनी क्षमता को
छोड़ दे व्यर्थ कि कलाबाजियाँ
स्वीकार कर अब सड़क-नीतियाँ।”

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निबंध लेखन:

प्रश्न 1.
‘हमारी सैर’ पर निबंध लिखिए।
उत्तर:
कवि हरिवंशराय बच्चन कहते हैं:
“साँस चलती है –
तुझे चलना पड़ेगा ही मुसाफिर!”

सचमुच, सैर या यात्रा करना व्यक्ति का पसंदीदा शौक होता है। सैर पर जाना सभी को अच्छा लगता है। सैर शिक्षा का एक सफल साधन है। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य चरित्र निर्माण होता है। जब हम सैर पर निकलते हैं, हमें अपनी चीजें संभालनी पड़ती हैं। यात्रा में हमें अपना टिकट खरीदना पड़ता है और ठीक समय पर गाड़ी पकड़नी पड़ती है। धनी व्यक्ति अपने नौकर से यह सब करा लेते हैं, किंतु भारत में अधिकांश व्यक्ति स्वयं ही यह कार्य करते हैं। छुट्टी में हम सब घूमने जाते हैं। हम हर बार नाना-नानी के घर पर जाते हैं। लेकिन इस बार हम हरिद्वार को तीर्थ यात्रा पर गए थे। यह यात्रा हमने ट्रेन से की। हमने वहाँ पर खूब मस्ती की। मेरे परिवार में पापा-मम्मी, दादा-दादी और बड़ी दीदी हैं। हरिद्वार में हमारे गुरुजी का आश्रम है। हरिद्वार में हम सबने गंगाजी में स्नान कर आरती का आनंद लिया।

हरिद्वार बहुत ही सुंदर स्थल है। सबसे पहले हम गुरुजी के आश्रम गए। फिर हमने मंदिरों के दर्शन किए । वहाँ ‘हरि की पौड़ी के सामने मनसा देवी का मंदिर है। दूसरी तरफ पहाडी पर चंडी देवी का मंदिर है। हरिद्वार में बहुत सुंदर मंदिर बने हैं। दर्शनों के बाद हम हरिद्वार से कुछ ही दूरी पर ऋषिकेश गए। वहाँ राम व लक्ष्मण झूला नामक पुल है। यह पुल गंगा नदी पर बने हैं। पहाड़ों के बीच बहती गंगा नदी का दर्शन बड़ा मनोरम प्रतीत होता है। यहाँ से खूब बड़े-बड़े पहाड़ दिखते हैं। हरिद्वार में पवित्र गंगा नदी पर हमने मस्ती की।

मुझे वहाँ नईनई जानकारी मिली। हरिद्वार में दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ पर 12 साल में कुंभ का मेला लगता है। कुंभ के मेले में बहुत से साधु-संत आते हैं। हरिद्वार से लगभग कुछ ही दूरी पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के पवित्र धाम भी हैं। हमारी यात्रा बहुत ही रोमांचक व यादगार रही। हमने घूमने का मजा भी लिया और हमारी तीर्थ यात्रा भी हो गई। यहाँ हमें प्रकृति की सुंदरता देखने को मिली। अब अगली गर्मियों में हम चारधाम की सैर करेंगे।

पाठ से आगे:

ऐतिहासिक वस्तु संग्रहालय देखने का आयोजन करते हुए संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

भाषा बिंदु

प्रश्न 1.
सन्दि पढिए और समझिए
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 8

प्रश्न 2.
निम्न संधि का विग्रह कर उसके प्रकार बताइए।

  1. थोड़ी ही देर में हॉटेल के स्वागत में आसीन थे।
  2. हमारी मंजिल भी सूर्यास्त केंद्र बिंदु।
  3. सब कुछ इतना सुंदर सजीव और मनोहर था।
  4. रेखांकित प्रत्येक लोकोक्ति को सोदाहरण लिखो।
  5. उपर्युक्त वाङ्मय दुष्कर एवं अत्यधिक दुर्लभ है।
  6. भारतीय कलाकारों का सम्मान तथा उन्हें नमन करने का मन करता है।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 9
उत्तर:

शब्द विग्रह संधि प्रकार
1. रेखांकित रेख + अंकित अ + अ स्वर संधि
2. स्वागत सु + आगत उ+ आ स्वर संधि
3. सूर्यास्त सूर्य + अस्त अ + अ स्वर संधि
4. मनोहर मन: + हर अ:+ ह विसर्ग संधि
5. वाङ्मय वाक् + मय क् + म व्यंजन संधि
6. सम्मान सत् + मान म् + म व्यंजन संधि

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Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन Additional Important Questions and Answers

(क) परिच्छेद पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
इन स्थानों से आगे बढ़ते हुए लेखिका जोधपुर पहुँची –
उत्तर:
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समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
मेड़ता पहुँचते ही लेखिका को ऐसा क्यों लगा कि वह पंजाब के आसपास आ गई है?
उत्तर:
क्योंकि कुछ खेत, हरियाली और पशुधन भी दिखाई देने लगे।

संजाल पूर्ण कीजिए।

प्रश्न 1.
संजाल पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. महल के आधे भाग में शाही परिवार रहता है।
2. उम्मेद भवन देखने के बाद लेखिका मंडोर गार्डन की ओर बढ़ी।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य

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प्रश्न 2.
प्रस्तुत गद्यांश के आधार पर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हो
1. द्वार पाल
2. म्यूजियम
उत्तर:
1. महल के प्रवेश द्वार पर किसे नियुक्त किया गया था?
2. भूतल पर क्या था?

प्रश्न 3.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 12

कारण लिखिए।

प्रश्न 1.
लेखिका की दृष्टि किसी भी चित्र पर चिपक-सी जाती थी।
उत्तर:
लेखिका की दृष्टि किसी भी चित्र पर चिपक-सी जाती थी क्योंकि सभी चित्र सुंदर, सजीव, भव्य और मनोहर थे।

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. भवन
  2. राजा
  3. परिवार
  4. युद्ध

उत्तर:

  1. प्रासाद, महल
  2. नृप
  3. कुटुंब
  4. संग्राम

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प्रश्न 2.
नीचे दिए हुए शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द गद्यांश से ढूँढ़कर लिखिए।

  1. निर्जीव × ……………….
  2. दूर × ………………….
  3. असमय × …………….
  4. जमा × ………………..

उत्तर:

  1. सजीव
  2. पास
  3. समय
  4. खर्च

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

  1. सज्जासे
  2. मॉडलभी
  3. गन्तव्य
  4. प्रदरशित

उत्तर:

  1. सज्जा से
  2. मॉडल भी
  3. गंतव्य
  4. प्रदर्शित

शुद्ध शब्द पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
जानकारीयाँ, जानकारियाँ, जानरकारियाँ
उत्तरः
जानकारियाँ

शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
1. द्वार पर नियुक्त व्यक्ति –
2. अलग-अलग स्थलों की सैर करने वाला –
उत्तर:
1. द्वारपाल
2. पर्यटक

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग करके लिखिए।
उत्तर:

शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1. सज्जित सज्जा इत
2. विशालतम विशाल तम

प्रश्न 3.
लिंग बदलिए।
महाराजा
उत्तरः
महारानी

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प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. जानकारियाँ
2. कमरा
उत्तर:
1. जानकारी
2. कमरे

(ख) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 13

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
1. प्रहरी जान पड़ती है
2. मार्ग के दोनों ओर निर्माण हुआ है
उत्तर:
1. तीन तलोंवाली एक इमारत
2. जलाशयों का

प्रश्न 3.
कारण लिखिए।
लोकगीत गायक अपने-अपने वाद्यों पर गीत की धुन छेड़ते हैं।
उत्तरः
लोकगीत गायक अपने-अपने वाद्यों पर गीत की धुन छेड़ते हैं क्योंकि वे शायद वहाँ आने वाले पर्यटकों को प्रसन्न कर उनसे कुछ दक्षिणा पाना चाहते हैं।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सहसंबंध लिखिए। जैसे – विशाल – मूर्तियाँ

  1. ऊँची: …………..
  2. चमकती: …………
  3. रेगिस्तानी: ……….
  4. मनोरम: ……………

उत्तरः

  1. पहाड़ी
  2. चाँदनी
  3. धूप
  4. दृश्य

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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 14

प्रश्न 3.
समझकर लिखिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 15

उत्तर लिखिए।

प्रश्न 1.
दुर्ग के अंदर मौजूद विशाल भवनों के नाम बताइए।
उत्तरः
मोतीमहल, फूलमहल, शीशमहल, दौलतखाना, फतहमहल, रानी सागर।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. दुर्ग के अंदर भवनों में कहीं बैठकखाना, तो कहीं दीवाने खास,दीवाने आम हैं।
2. जयपोल तक आते-आते ही शहर ऊपर रह जाता है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए शब्दों के समानार्थी शब्द पहेली में से ढूँढ़कर लिखिए।
नरेश, द्वार, मूर्ति, भव्य, देवता
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 16
उत्तरः
राजा, दरवाजा, प्रतिमा, विशाल, ईश्वर

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।

  1. ऊपर × …………
  2. समीप × ……….
  3. विजय × ………
  4. शहर × ………..

उत्तर:

  1. नीचे
  2. दूर
  3. पराजय
  4. गाँव

प्रश्न 3.
लिंग बदलिए।

  1. वीर
  2. रानी
  3. भगवान
  4. देवता

उत्तरः

  1. वीरांगना
  2. राजा
  3. भगवती
  4. देवी

प्रश्न 4.
वचन बदलिए।
1. मूर्ति
2. वीरांगना
उत्तर:
1. मूर्तियाँ
2. वीरांगनाएँ

प्रश्न 5.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यय युक्त शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तर:
दौलतखाना, बैठकखाना, देवता, दर्शनीय

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शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
जो स्थल देखने लायक हो –
उत्तरः
दर्शनीय

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त उपसर्ग युक्त शब्द ढूंढकर लिखिए।
उत्तरः
विभिन्न

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना एक सुखद अनुभूति के समान होता है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
भारत एक प्राचीन देश है। प्राचीनता के साथ इसका गौरवशाली इतिहास है। भारत के इतिहास की अनेक हैरतअंगेज़ घटनाएँ हैं, जिनका वर्णन भारत के ऐतिहासिक स्थल आज भी कर रहे हैं। भारत में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है। इन दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए हमारे देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी प्रतिवर्ष आते हैं। इन ऐतिहासिक स्थलों की गाथाएँ सुनकर देश-विदेश के पर्यटक आज भी रोमांच का अनुभव करते हैं। भारत के लगभग सभी ऐतिहासिक स्थल वीरता, देशभक्ति, मानवता, प्रेम एवं त्याग आदि की कहानी कहते हैं।

इनमें ज्यादातर स्थल दर्शनीय हैं। भारत के अनेक ऐतिहासिक स्थलों से मैं प्रभावित हुआ हूँ। ताजमहल की सुंदरता मुझे बार-बार अपनी ओर आकर्षित करती है। वास्तुशिल्प के दृष्टिकोण से ताजमहल इतिहास का सुंदर नमूना है। पत्थरों का कलात्मक निर्माण, वास्तुकला और शिल्पकला की दृष्टि से साँची का स्तूप बहुत अनुपम है। अद्भुत और भव्य मंदिर को प्राचीन वास्तुकला का चमत्कार भी कहा जा सकता है। विजय मंदिर एक ऐतिहासिक मंदिर है। इस मंदिर को भारत का दूसरा सूर्य मंदिर भी कहते हैं। ऐतिहासिक स्थल की सैर करने से हमें अनेक प्रकार की जानकारियाँ प्राप्त होती हैं। यहाँ आकर लोग शांति की भाषा सुन और समझ पाते हैं।

(ग) गद्यांश पड़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 18

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
‘जसवंत थंडा स्मारक देखते-देखते शाम हो गई थी, इसके लिए गद्यांश में प्रयुक्त वाक्य है
उत्तरः
अब सूर्य भी अपनी किरणों को समेट अस्ताचलगामी हो गया था।

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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों का घटनाक्रमानुसार लेखन कीजिए।

  1. लेखिका पटवा की हवेलियाँ देखने के लिए गई।
  2. अगली प्रात: को लेखिका जैसलमेर स्टेशन पर उतरी।
  3. लेखिका होटल के स्वागत कक्ष में आसीन थी।
  4. लेखिका होटल की वैन में बैठ गई।

उत्तर:

  1. अगली प्रात: को लेखिका जैसलमेर स्टेशन पर उतरी।
  2. लेखिका होटल की वैन में बैठ गई।
  3. लेखिका होटल के स्वागत कक्ष में आसीन थी।
  4. लेखिका पटवा की हवेलियाँ देखने के लिए गई।

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. लेखिका स्वयं अपना सामान होटल के कक्ष में लेकर गई।
2. जैसलेमर से जोधपुर रात्रि की गाड़ी थी।
उत्तरः
1. असत्य
2. असत्य

प्रस्तुत गद्यांश पढ़कर ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों।

प्रश्न 1.
1. शिल्पकार
2. बारह
उत्तर:
1. धन्य कौन है?
2. एक हवेली के निर्माण में कितने वर्ष का समय लगा?

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सहसंबंध लिखिए।

प्रश्न 1.
1. खूबसूरत : पत्थर :: पारदर्शक : ……..
2. पाँच : हवेलियाँ :: कलात्मक : ………
उत्तर:
1. झरोखे
2. वास्तुशिल्प

प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 8 वीरभूमि पर कुछ दिन 19

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
गद्यांश में इन शब्दों के अर्थ हैं

  1. दिनकर
  2. प्रसिद्ध
  3. तुरंत
  4. सिर

उत्तर:

  1. सूर्य
  2. विख्यात
  3. शीघ्र
  4. मस्तिष्क

प्रश्न 2.
विरुद्धार्थी शब्द लिखिए।
1. व्यवस्था × …………….
2. खूबसूरत × ……………
उत्तरः
1. अव्यवस्था
2. बदसूरत

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों के कोई भी चार अनेकार्थी शब्द लिखिए।
1. काम
2. और
उत्तर:
1. इच्छा, कार्य, कामदेव, रोज़गार
2. दूसरा, तथा, खोजक शब्द, अधिक

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निम्नलिखित अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
जिसकी आने की तिथि निश्चित न हो-
उत्तरः
अतिथि

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों में से मूल शब्द व प्रत्यय अलग करके लिखिए।

    1. भारतीय
    2. प्रसन्नता
    3. शिल्पकार
    4. व्यापारी

उत्तरः

शब्द मूल शब्द प्रत्यय
1.  भारतीय भारत ईय
2. प्रसन्नता प्रसन्न ता
3. शिल्पकार शिल्प कार
4. व्यापारी व्यापार

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
1. मालिक
2. पुत्र
उत्तर:
1. मालकिन
2. पुत्री

वचन बदलिए।

प्रश्न 1.
1. स्मृति
2. हवेलियाँ
उत्तरः
1. स्मृतियाँ
2. हवेली

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प्रश्न 2.
तालिका पूर्ण कीजिए।
(स्मारक, विख्यात, मूर्तिकला, हमें, हो गई, चल पड़े, हमारा, अद्भुत)
उत्तरः

संज्ञा सर्वनाम विशेषण क्रिया
स्मारक हमें विख्यात हो गई
मूर्तिकला हमारा अद्भुत चल पडे

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प के प्रति हमारे मन में आकर्षण होना चाहिए।’ अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प हमारी ऐतिहासिक परंपरा एवं पुरातन कला के निदर्शक होते है। पुराने समय में भारतीय शिल्पकारों ने अपनी संस्कृति एवं कला को वास्तुशिल्प के माध्यम से समूचे संसार के सामने रखा। ये बहुत बड़ी बात है। इस कारण सम्पूर्ण संसार को भारतीय संस्कृति के बारे में जानकारी मिली।

आज हमारे देश में जगह-जगह ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प मौजूद हैं। देश-विदेश के पर्यटक भारत आकर यहाँ की ऐतिहासिक कला एवं संस्कृति का आस्वाद लेते हैं। ये ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प हमारे देश की धरोहर हैं। उनके प्रति आदर एवं सम्मान की भावना रखना हमारा परम कर्तव्य है। अत: ऐतिहासिक कलात्मक वास्तुशिल्प के प्रति हमारे मन में आकर्षण होना चाहिए।

(घ) गद्यांश पढ़कर सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
1. रेगिस्तानी जहाज पर सवार लेखिका की स्थिति
2. उँट की सवारी का अनुभव रोमांचकारी और मनोरंजक था, यह दर्शानेवाला वाक्य
उत्तर:
1. लेखिका को डर भी लग रहा था, प्रसन्नता भी हो रही थी, उत्सुकता भी थी।
2. ऊँटों की कतारें ही कतारें, सभी पर नर-नारी और बाल वृद्ध सवार थे, शायद सभी की हृदय गति वैसे ही धड़क रही थी, जैसी हमारी।

कृति (2)आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
1. इसे कहा गया है रेगिस्तानी जहाज –
2. विक्रेता इन वस्तुओं को बेच रहे थे –
उत्तर:
1. ऊँट
2. खिलौने, दूरबीन, चिप्स, कुरकुरे, खाखड़ा, चाट – पकोड़े

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प्रश्न 2.
समझकर लिखिए।
जैसे – चमकता: सूर्य
1. अस्ता चलगामी: …..
2. राजस्थानी: …..
उत्तर:
1. भास्कर
2. कन्याएँ

प्रश्न 3.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (3) शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्द मानक वर्तनी के अनुसार लिखिए।

प्रश्न 1.

  1. गन्तव्य
  2. यहां
  3. प्रयटक
  4. सूरयास्त

उत्तरः

  1. गंतव्य
  2. यहाँ
  3. पर्यटक
  4. सूर्यास्त

प्रश्न 2.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. ग्राम
  2. भय
  3. प्रतीक्षा
  4. भास्कर

उत्तर:

  1. गाँव
  2. डर
  3. इंतजार
  4. सूर्य

प्रश्न 3.
शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।
1. जहाँ पहुँचना है, वह स्थान
2. जहाँ आसमान ने भूमि को स्पर्श किया है, वह स्थान
उत्तरः
1. गंतव्य
2. क्षितिज

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प्रश्न 4.
गद्यांश में प्रयुक्त प्रत्यय युक्त शब्द पहचानकर लिखिए।

  1. रेगिस्तानी
  2. चमकता
  3. राजस्थानी

उत्तर:

  1. रेगिस्तान + ई
  2. चमक + ता
  3. राजस्थान + ई

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
ऊँट
उत्तरः
ऊँटनी

वचन बदलिए।

प्रश्न 1.

  1. खिलौने
  2. याद
  3. नारी
  4. कतार

उत्तर:

  1. खिलौना
  2. यादें
  3. नारियाँ
  4. कतारें

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
ऊँट को ‘रेगिस्तान का जहाज’ कहा जाता है। इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तरः
रेगिस्तान में जब रेतीली हवाएँ चलती हैं, तब ऊँट अपने नथुनों को बंद कर लेता है। जिससे रेत उसकी नाक में नहीं जा पाती। ऊँट के घुटने और गरदन में कठोरता होती है; जो उसे उठतेबैठते समय रगड़ से बचाती है। यह रेगिस्तान में आसानी से चल एवं दौड़ सकता है। यह अपने शरीर के उभार में अधिक मात्रा में पानी एकत्र कर सकता है। यह गाड़ी खींचने एवं बोझा उठाने के काम आता है। ऊँट का उपयोग कृषि कार्य एवं पानी खींचने में भी किया जाता है। इसलिए ऊँट रेगिस्तान के लिए सर्वाधिक उपयुक्त वाहन है।

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(ङ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कारण लिखिए।
दर्शक भाव विभोर हो गए थे-
उत्तरः
दर्शक भाव विभोर हो गए क्योंकि राजस्थान के जाने-माने कलाकारों ने वहाँ की लोक-संस्कृति को नृत्य-नाटिका और गायन के माध्यम से अद्भुत प्रस्तुति दी थी।

समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. इस दिन पहुँची लेखिका चित्तौड़गढ़ –
2. ‘भोजन का लुत्फ सभी ने उठाया।’
(यह भाव व्यक्त करने वाला वाक्य है)
उत्तर:
1. 24 दिसंबर के सायंकाल।
2. सेल्फ सर्विस-जैसा रुचे, जितना रुचे, लीजिए, खाइए, आनंद उठाइए की तर्ज पर सब भोजन कर रहे थे।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।

  1. गद्यांश में प्रयुक्त स्वाभिमानी देशभक्त –
  2. गद्यांश में प्रयुक्त कृष्ण भक्त –
  3. गद्यांश में प्रयुक्त एक घोड़ा –

उत्तर:

  1. महाराणा प्रताप, भामाशाह
  2. मीरा
  3. चेतक

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समझकर लिखिए।

प्रश्न 1.
गद्यांश में महाराणा प्रताप की विशेषता बताने वाले शब्द।
उत्तर:
वीर, साहसी, स्वाभिमानी, देशभक्त

सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
1. भामाशाह स्वामिभक्त थे।
2. प्रतिकूल परिस्थितियों में भी महाराणा प्रताप ने हार नहीं मानी।
उत्तर:
1. सत्य
2. सत्य

कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
परिच्छेद में प्रयुक्त विलोम शब्द की जोड़ी लिखिए।
उत्तरः
देश – विदेश

प्रश्न 2.
इनके लिए गद्यांश में समानार्थी शब्द है।

  1. आग
  2. हर्ष
  3. निशा
  4. पृथ्वी

उत्तर:

  1. अग्नि
  2. आनंद
  3. रात्रि
  4. धरती

निम्नलिखित शब्द के अनेकार्थी शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
कृष्ण
उत्तर:
काला, भगवान श्री कृष्ण।

शब्द समूह के लिए एक शब्द लिखिए।

प्रश्न 1.
1. संस्कृति से संबंधित
2. स्थान, जहाँ दो या तीन नदियाँ आकर आपस में मिलती हैं
उत्तर:
1. सांस्कृतिक
2. संगम

लिंग बदलिए।

प्रश्न 1.
1. सम्राट
2. वीर
उत्तर:
1. सम्राज्ञी
2. वीरांगना

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निम्नलिखित शब्दों के उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

प्रश्न 1.

  1. परिवार
  2. स्वाभिमान
  3. साहस

उत्तर:

  1. पारिवारिक
  2. स्वाभिमानी
  3. साहसी

निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।

प्रश्न 1.
1. इन सब स्मृति की साथ होटल वापस आए।
2. लेखिका जीप में सवार हुआ।
उत्तरः
1. इन सब स्मृतियों के साथ होटल वापस आए।
2. लेखिका जीप पर सवार हुई।

विराम चिह्न का प्रयोग कीजिए।

प्रश्न 1.
कितने साहसी वीर और स्वाभिमानी देशभक्त थे महाराणा प्रताप
उत्तर:
कितने साहसी, वीर और स्वाभिमानी देशभक्त थे, महाराणा प्रताप।

कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘राजस्थानी संस्कृति की अपनी विशेषता है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान का विशिष्ट नृत्य घूमर है । विविध उत्सवों के अवसर पर केवल महिलाओं द्वारा यह नृत्य किया जाता है। घेर नृत्य, पनिहारी नृत्य व कच्ची घोड़ी (जिसमें पुरुष नर्तक बनावटी घोड़ी पर बैठे होते हैं) भी लोकप्रिय है। राजस्थान में मुश्किल से कोई महीना ऐसा जाता होगा, जिसमें धार्मिक उत्सव न हो। सबसे उल्लेखनीय व विशिष्ट उत्सव गणगौर है, जिसमें महादेव व पार्वती की मिट्टी की मूर्तियों की पूजा 15 दिन तक सभी जातियों की स्त्रियों के द्वारा की जाती है और बाद में उन्हें जल में विसर्जित कर दिया जाता है।

विसर्जन की शोभायात्रा में पुरोहित व अधिकारी भी शामिल होते हैं व बाजे-गाजे के साथ शोभा यात्रा निकलती है। हिन्दू और मुसलमान, दोनों एकदूसरे के त्योहारों में शामिल होते हैं। इन अवसरों पर उत्साह व उल्लास का बोलबाला रहता है। अमलाना, अरबी का साग, आटे का मालपुवा, आम और चने का अचार, आम की लौजी, आलू पेठे का साग, कांजी वड़ा व तरला दलाल ये राजस्थान के खास व्यंजन हैं।

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(च) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
इन गुणों से परिपूर्ण हैं चित्तौड़ के बाशिंदे
उत्तरः
सहजता, सरलता, भाईचारा

प्रश्न 2.
गद्यांश में प्रयुक्त राजस्थान की प्रसिद्ध रानी
उत्तरः
रानी पद्मिनी

प्रश्न 3.
इसका प्रतीक है ‘विजय स्तंभ’
उत्तरः
मालवा के सुल्तान और गुजरात के सुल्तान के संयुक्त आक्रमण की साहसिक विजय गाथा का प्रतीक है।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
कृति पूर्ण कीजिए।
उत्तरः
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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
1. गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ बाकी सब गलैया।
2. पूर्व की ओर बना रामपोल ही किले का मुख्य प्रवेश द्वार है।
उत्तर:
1. सत्य
2. असत्य

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कृति (3) शब्द संपदा

प्रश्न 1.
समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. दुर्ग
  2. प्रतिमा
  3. मंदिर
  4. बाशिंदा

उत्तर:

  1. किला
  2. मूर्ति
  3. देवालय
  4. निवासी

प्रश्न 2.
विलोम शब्द लिखिए।
1. शत्रु × ……………….
2. वीरता × …………….
उत्तर:
1. मित्र
2. कायरता

प्रश्न 3.
वचन बदलिए।

  1. यात्रा
  2. प्रतिमा
  3. संस्कृति
  4. रानी

उत्तर:

  1. यात्राएँ
  2. प्रतिमाएँ
  3. संस्कृतियाँ
  4. रानियाँ

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर नए शब्द तैयार कीजिए।

  1. विजय
  2. निर्मित
  3. वीर
  4. दर्शन
  5. सहज
  6. सरल

उत्तर:

  1. विजयी
  2. निर्मिती
  3. वीरता
  4. दर्शनीय
  5. सहजता
  6. सरलता

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कृति (4) स्वमत अभिव्यक्ति

प्रश्न 1.
‘राजस्थान त्याग व बलिदान की भूमि है।’ इस विषय पर अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
राजस्थान त्याग व बलिदान की भूमि है। इस विचार से मैं पूर्णत:
सहमत हूँ। राजस्थान की रक्षा करने के लिए कई वीरों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया हैं। सिर्फ वीर ही नहीं बल्कि कई स्त्रियों ने अपने प्राणों की कुरबानी दे दी है। इतना ही नहीं, अपनी भूमि की रक्षा करने के लिए एवं अपनी देशभक्ति निभाने के लिए पन्ना धाय ने कुँवर के प्राणों की रक्षा हेतु अपने पुत्र की बलि दे दी थी। वीर महाराणा प्रताप अपनी भूमि की रक्षा हेतु प्रतिकूल परिस्थितियों में जंगल में रहे। इतना ही नहीं, दुश्मनों के हाथों से अपनी प्रतिष्ठा एवं लाज रखने हेतु कई स्त्रियों ने आत्मदहन भी किया था। रानी पद्मिनी के जौहर को हम भारतवासी कैसे भूल सकते हैं।

भाषाई कौशल पर आधारित पाठगत कृतियाँ

भाषा बिंदु –

प्रश्न 1.
अव्यय पहचानकर लिखिए।

  1. सामान वहाँ रखकर थोड़ा तरोताजा हुए।
  2. हम ‘उम्मेद भवन’ की ओर चल पड़े।
  3. रानी उद्यान के बाईं ओर पहाड़ी की एक चट्टान है।
  4. दुर्ग के अंदर कई भव्य और विशाल भवन हैं।
  5. यहाँ जौहर कुंड में कई वीरांगनाओं ने अपने आप को समर्पित कर दिया था।
  6. इस भूमि पर त्याग भी है और बलिदान भी।
  7. पर्यटक भास्कर को कैमरे में बंद करने के लिए सन्नद्ध थे।
  8. आज ही ‘सम’ का कार्यक्रम भी था।

उत्तर:

  1. वहाँ – क्रियाविशेषण अव्यय
  2. की ओर – संबंधसूचक अव्यय
  3. ओर – संबंधसूचक अव्यय
  4. और – समुच्चयबोधक अव्यय
  5. यहाँ – क्रियाविशेषण अव्यय
  6. और – समुच्चय बोधक अव्यय
  7. (के) लिए – संबंधसूचक अव्यय
  8. आज – क्रिया विशेषण अव्यय

प्रश्न 2.
काल परिवर्तन कीजिए।

  1. एक भाग में शाही परिवार रहता है। (अपूर्ण भूतकाल)
  2. ‘भवन’ का मॉडल भी प्रदर्शित किया गया है। (अपूर्ण वर्तमानकाल)
  3. हम काफी ऊपर आ जाते हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
  4. उन्होंने देवताओं की विशाल मूर्तियाँ बनवाई। (सामान्य भविष्यकाल)
  5. हम जैसलमेर स्टेशन पर उतरे। (पूर्ण वर्तमानकाल)
  6. इसी शहर से मीरा जैसी कृष्ण भक्त की यादें भी जुड़ी हैं। (अपूर्ण भूतकाल)
  7. हम ‘चित्तौड़गढ़’ पहुँच गए। (सामान्य वर्तमानकाल)

उत्तर:

  1. एक भाग में शाही परिवार रह रहा था।
  2. ‘भवन’ का मॉडल भी प्रदर्शित किया जा रहा है।
  3. हम काफी ऊपर आ रहे थे।
  4. वे देवताओं की विशाल मूर्तियाँ बनवाएँगे।
  5. हम जैसलमेर स्टेशन पर उतरे हैं।
  6. इसी शहर से मीरा जैसी कृष्ण भक्त की यादें भी जुड़ रही थीं। .
  7. हम ‘चित्तौड़गढ़’ पहुँच जाते हैं।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए।
1. इसमें ऐश्वर्य विलास और आमोद प्रमोद के सभी साधन उपलब्ध हैं
2. आज का हमारा पड़ाव जोधपुर था
उत्तर:
1. इसमें ऐश्वर्य, विलास और आमोद-प्रमोद के सभी साधन उपलब्ध हैं।
2. आज का हमारा पड़ाव ‘जोधपुर’ था।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्य शुद्ध करके फिर से लिखिए।

  1. इसका निर्माण पर बीस वर्ष का समय लगा।
  2. अभी हम अपना दूसरे गंतव्य की ओर बढ़ना था।
  3. जयपोल तक आते-आते ही शहर नीचा रह जाता हैं।
  4. यह प्रवेश द्वार विजय की प्रतीक रूप में बनवाए गए हैं।

उत्तरः

  1. इसके निर्माण में बीस वर्ष का समय लगा।
  2. अभी हमें अपने दूसरे गंतव्य की ओर बढ़ना था।
  3. जयपोल तक आते-आते ही शहर नीचे रह जाता है।
  4. ये प्रवेश द्वार विजय के प्रतीक रूप में बनवाए गए हैं।

सर्वनाम पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
उसके परकोटे में बुर्जियाँ बनाई गई हैं।
उत्तरः
उसके – सर्वनाम

विशेषण पहचानकर लिखिए।

प्रश्न 1.
मेहरान गढ़ किला ऊँची दीवार के परकोटे से घिरा है।
उत्तरः
ऊँची – विशेषण

प्रश्न 2.
वाक्य के प्रकार पहचानकर लिखिए।

  1. कहीं बैठकखाना तो कहीं दीवानेखास हैं तो कहीं पेंटिंग्स एवं दरियाँ भी प्रदर्शित की गई हैं।
  2. चट्टानों को काटकर मूर्तियों को दर्शाया गया है।
  3. सभी की हृदयगति धड़क रही थी।
  4. ‘सम’ एक ग्राम है, जो होटल से ११-१२ कि. मी. दूर रेत की चादर पर बसा है।
  5. र्शनीय स्थलों में एक विशाल दुर्ग है, जिसके विषय में कहा जाता है कि गढ़ों में गढ़ चित्तौड़गढ़ बाकी सब गढ़ेया।
  6. इस भूमि पर त्याग भी है और बलिदान भी।

उत्तरः

  1. मिश्र वाक्य
  2. सरल वाक्य
  3. सरल वाक्य
  4. मिश्र वाक्य
  5. मिश्र वाक्य
  6. संयुक्त वाक्य

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित वाक्यों में से कारक छाँटिए और उनके भेद पहचानिए।

  1. वह ऊँची दीवार के परकोटे से घिरा है।
  2. उसके परकोटे में जगह-जगह बुर्जियाँ बनाई गई हैं।
  3. द्वारों की दीवारों पर जौहर करनेवाली वीरांगनाओं के हस्तचिह्न भी बने हैं।
  4. विक्रेता बच्चों के खिलौने बेच रहे थे।
  5. हम सब अपने गंतव्य पर पहुंच गए।
  6. रानी पद्मिनी ने जौहर कुंड में अपने प्राण समर्पित कर दिए थे।
  7. महाराणा प्रताप ने देश के लिए अपने प्राण अर्पण किए।

उत्तर:

  1. से – करण कारक
  2. में – अधिकरण कारक
  3. पर – अधिकरण कारक
  4. के – संबंध कारक
  5. पर – अधिकरण कारक
  6. ने – कर्ता कारक
  7. के – संप्रदान कारक

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. नरेश
  2. गायक
  3. जलाशय
  4. मनोरम
  5. तत्काल
  6. स्वागत
  7. मनोरंजक

उत्तर:

  1. नर + ईश
  2. गै + अक
  3. जल + आशय
  4. मनः + रम
  5. तत् + काल
  6. सु + आगत
  7. मनः + रंजक

प्रश्न 5.
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए।
1. दिखना
2. करना
उत्तर:
1. दिखाना – दिखवाना
2. कराना – करवाना

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित क्रिया शब्द के प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक क्रिया रूप लिखिए।
उत्तर:

मूल क्रिया प्रथम प्रेरणार्थक द्वितीय प्रेरणार्थक
1. सुनना सुनाना उतारना
2. उतरना सुनवाना उतरवाना

वीरभूमि पर कुछ दिन Summary in Hindi

लेखक-परिचय:

जीवन-परिचय: रुक्मणी संगल का जन्म 1 सितंबर 1945 को बुढ़ाना (उत्तर प्रदेश) में हुआ। वह एक आधुनिक लेखिका हैं। इनके द्वारा लिखे गए यात्रा वर्णनपरक लेख प्रसिद्ध हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन करने का कार्य रुक्मणी जी कर रही हैं। प्रमुख कृतियाँ: ‘दिनकर के काव्य में जीवन मूल्य’ विषय पर शोध प्रबंध।

गद्य-परिचय:

यात्रा वर्णन: यात्रा वर्णन में अपने द्वारा किए गए किसी पर्यटन की अपनी अनुभूतियों, प्रकृति कला का पर्यवेक्षण, स्थान की विशेषताओं
आदि का लगावपूर्ण वर्णन किया जाता है।

प्रस्तावना: प्रस्तुत पाठ यात्रा वर्णनपरक है। इस पाठ में लेखिका ने वीरभूमि राजस्थान की यात्रा का बड़ा ही मनोहारी वर्णन किया है। वहाँ के गढ़, किले, महल एवं वहाँ की कला-संस्कृति का सुंदर वर्णन किया है।

सारांश:

रुक्मणी जी को ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। लेखिका ने वीरभूमि राजस्थान की यात्रा का वर्णन इस पाठ में किया है। वहाँ के शाही महल एवं उनकी कलात्मकता का चित्रमय वर्णन पाठ में हुआ है। मेहरान गढ़ किला राजस्थान की कला का एक सुंदर उदाहरण है। पटवा की हवेलियाँ कलात्मक वास्तु शिल्प का अद्भुत नमूना है। चित्तौड़गढ़ के दर्शनीय स्थल सभी पर्यटकों के आकर्षक केंद्र हैं। सचमुच राजस्थान सिर्फ एक वीरभूमि ही नहीं बल्कि कला संस्कृति की अनुपम भूमि भी है।

शब्दार्थ:

  1. गति – वेग
  2. अल्पाहार – नाश्ता
  3. भवन – महल या प्रासाद
  4. आमोद-प्रमोद – मनोरंजन
  5. शाही – राजवंशी
  6. मनोहर – सुंदर
  7. समीप – पास
  8. अपभ्रंश – शब्द का बिगड़ा हुआ रूप
  9. आकांक्षा – इच्छा
  10. लौहपथगामिनी – रेल
  11. भाँति-भाँति – तरह-तरह की
  12. पंक्तिबद्ध – क्रमबद्ध, एक के बाद एक
  13. सन्नद्ध – एकाग्र या व्यस्त
  14. परकोटा – गढ़ या किले की रक्षा के लिए बनाया गया घेरा जिसके ऊपर टहलने के लिए जगह होती है।
  15. मनभावन – मन को आकर्षित करनेवाली
  16. जौहर – वीर राजपूत स्त्रियों ने दुश्मनों से अपनी लाज एवं प्रतिष्ठा बरकरार रखने के लिए अपने आप को अग्निकुंड में समर्पित कर दिया था।
  17. उनके इस कार्य को जौहर कहा जाता है।
  18. सैलाब – पानी की बाढ़

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मुहावरे:

1. दृष्टिगोचर होना – दिखाई देना।
2. दस्तक देना – दरवाजा खटखटाना।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Hindi Solutions Lokbharti Chapter 4 किताबें Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें

Hindi Lokbharti 9th Std Digest Chapter 4 किताबें Textbook Questions and Answers

संभाषणीय :

प्रश्न 1.
“सुप्रसिद्ध कवि गुलजार की अन्य किसी कविता का मौन वाचन करते हुए आनंदपूर्वक रसास्वादन कीजिए तथा निम्न मुद्दों के आधार पर केंद्रीय भाव स्पष्ट कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 1
हमको मन की शक्ति देना, मन विजय करें
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें
भेदभाव अपने दिल से साफ़ कर सकें
दोस्तों से भूल हो तो माफ़ कर सकें
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें
मुश्किलें पड़े तो हम पे इतना कर्म कर
साथ दे तो धर्म का.चले तो धर्म कर
खुद पे हौसला रहे, बदी से ना डरे
दूसरों की जय से पहले,खुद को जय करे
उत्तर:
केंद्रीय भावः इस कविता का मल संदेश है अपने मन को शक्तिशाली बनाना और उस पर विजय प्राप्त करना। इसका उद्देश्य है कि हम दूसरों पर विजय प्राप्त करने से पहले खुद पर विजय प्राप्त करें अर्थात अपने अंदर की सारी बुराइयों को दूर करें। इससे यह भाव स्पष्ट होता है कि ईश्वर हमारे मन को इतनी शक्ति दे कि हम अपने मन की बुराइयों पर विजय प्राप्त कर सकें। बिना भेदभाव किए अपने मित्रों के भूल को माफ कर सकें। झूठ से बचें और सत्य का हमेशा साथ दें। मुश्किलें आने पर भी धर्म का साथ न छोड़े। खुद का हौसला बढ़ाएँ तथा बुरे लोगों से कभी न डरें।

पठनीय :

प्रश्न 1.
पाठ्यपुस्तक की किसी एक कविता का मुखर एवं मौन वाचन कीजिए।

श्रवणीय :

प्रश्न 1.
सफदर हाश्मी रचित ‘किताबें कुछ कहना चाहती हैं’ कविता सुनिए।

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आसपास :

प्रश्न 1.
‘पुस्तकांचे गाव- भिलार’ संबंधी जानकारी समाचार पत्र/अंतरजाल आदि से प्राप्त कीजिए और उसे देखने का नियोजन कीजिए।

कल्पना पल्लवन :

प्रश्न 1.
‘ग्रंथ हमारे गुरु’ चर्चा कीजिए तथा अपने विचार लिखिए ।
उत्तर:

  • रमेश – प्रणाम गुरु जी।
  • शिक्षक – चिरायु हो, यशस्वी बनो। तुम कैसे हो?
  • रमेश – आपका आशीर्वाद है गुरु जी, मै ठीक हूँ। गुरु जी सुना है ग्रंथों में बहुत सारी ज्ञान-विज्ञान और आध्यात्म की बातें लिखी हुई हैं।
  • शिक्षक – हाँ, रमेश। ग्रंथ हमारे गुरु होते हैं। यह सदियों से हमें पीढ़ी दर पीढ़ी ज्ञान देते आए हैं।
  • संजय – यह ग्रंथ तो विद्वानों ने ही लिखा होगा।
  • शिक्षक – हाँ, इन ग्रंथों को बड़े-बड़े विद्वानों तथा धर्म के जानकारों ने लिखा है।
  • मधु – इन ग्रंथों में क्या लिखा है?
  • शिक्षक – इन ग्रंथों में मनुष्य जीवन के हर पहलू का वर्णन मिलता है। ये ग्रंथ हमें अपना जीवन अच्छी तरह से जीना सिखाते हैं। ग्रंथ हमें बताते हैं कि कैसे प्राणियों के बीच सद्भाव बना कर आनंदपूर्वक रहना चाहिए।
  • रमेश – धन्यवाद गुरुजी! आपने हम लोगों को ग्रंथों के बारे में बताया। अच्छा अब हमें अनुमति दीजिए।

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पाठ के आँगन में :

1. सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए  :

प्रश्न क.
पाठ के आधार पर वाक्य पूर्ण कीजिए :
1. किताबों की अब बनी आदत …………….
2. किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं ……………
उत्तर:
1. किताबों की अब बनी आदत नींद में चलने की
2. किताबें जो रिश्ते सुनाती थीं घर में वो कदरें अब नजर नहीं आती

प्रश्न ख.
लिखिए :
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 2
उत्तर:

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प्रश्न ग.
आकृति
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 4
उत्तर:
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2. प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।

प्रश्न 1.
प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
उत्तरः
किताबें मनुष्य की साथी हैं। किंतु कंप्यूटर के अधिकाधिक प्रयोग के कारण इनमें लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब स्थिति यह है कि ये किताबें बंद अलमारी के शीशों से झाँकती हैं। बड़ी उम्मीद से शीशों के बाहर ताकती हैं। एक समय था जब मनुष्यों की शामें किताबों के संगत में व्यतीत होती थीं और अब स्थिति यह है कि महीनों तक मनुष्य और किताबों की मुलाकात नहीं होती।

पाठ से आगे :

अपने तहसील/जिले के शासकीय ग्रंथालय संबंधी जानकारी निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर प्राप्त कीजिए :
स्थापना-तिथि/वर्ष, संस्थापक का नाम, पुस्तकों की संख्या, विषयों के अनुसार वर्गीकरण

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भाषा बिंदु :

प्रश्न 1.
शब्द-युग्म पूरे करते हुए वाक्यों में प्रयोग भाषा बिंदु कीजिए।
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 6
उत्तरः

  • घर-द्वार – पिता के डाँटने पर रमेश अपना घर-द्वार छोड़कर शहर चला गया।
  • उधड़े-उधड़े – पुस्तकालय में सही रख-रखाव न होने के कारण पुस्तकें उधड़ी-उधड़ी थीं।
  • भला-बुरा – नौकर से गमला टूट जाने के कारण मालिक उसे भला-बुरा कहने लगा।
  • प्रचार-प्रसार – आजकल हमारे देश में सफाई अभियान का प्रचार प्रसार बहुत ज़ोरों से चल रहा है।
  • भूख-प्यास – लंबी यात्रा के कारण यात्री भूख-प्यास से व्याकुल थे।
  • भोला-भाला – रामू बहुत ही भोला-भाला लड़का है।

Hindi Lokbharti 9th Answers Chapter 4 किताबें Additional Important Questions and Answers

(क) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. अब मनुष्य की शामें अक्सर यहाँ बीतती हैं
ii. मनुष्य से बढ़ती दूरी के कारण किताबों की स्थिति
उत्तर:
i. कंप्यूटर के पर्यों पर।
ii. बेचैन रहती हैं।

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
सही विधान चुनकर पूर्ण वाक्य फिर से लिखिए।

i. किताबें झाँकती हैं …………….।
(क) कंप्यूटर के पर्यों पर
(ख) नींद में
(ग) बंद आलमारी के शीशों से।
उत्तर:
किताबें झाँकती हैं बंद आलमारी के शीशों से

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ii. मनुष्य की शामें गुजरती हैं ……………
(क) किताबें पढ़ने में।
(ख) कंप्यूटर के पर्दो पर।
(ग) लोगों के बीच।
उत्तर:
मनुष्य की शामें गुजरती हैं कंप्यूटर के पर्दो पर

प्रश्न 3.
पद्यांश के आधार पर सही जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आलमारी (क) नींद में चलने की आदत।
2. कंप्यूटर (ख) मुलाकातें
3. किताबें (ग) शीशा
4. महीनों (घ) पर्दा

उत्तर:

(अ) (ब)
1. आलमारी (ग) शीशा
2. कंप्यूटर (घ) पर्दा
3. किताबें (क) नींद में चलने की आदत।
4. महीनों (ख) मुलाकातें

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(ख) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
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कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
उत्तर लिखिए।
i. कंप्यूटर की विशेषता
ii. कंप्यूटर आने से किताबों की स्थिति
उत्तर:
i. क्लिक करने पर पलक झपकते ही डिजिटल पर्दे पर बहुत कुछ एक-एक करके शीघ्रता से खुल जाता है।
ii. किताबों का जो जाती राब्ता (संपर्क) था, वह कट गया।

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प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. कंप्यूटर आने से पुस्तकों का सम्मान बढ़ गया।
ii. कंप्यूटर के कारण पुस्तकों से हमारा संपर्क बढ़ गया।
उत्तर:
i. असत्य
ii. असत्य

प्रश्न 3.
पद्यांश के आधार पर विधान पूर्ण कीजिए।
i. कोई सफा पलटता है तो ……………. |
ii. बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है ………….. |
उत्तर:
i. कोई सफा पलटता है तो इक सिसकी निकलती है,
ii. बहुत कुछ तह-ब-तह खुलता चला जाता है परदे पर,

कृति (3) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांश का भावार्थ लिखिए ।

प्रश्न 1.
वह सारे …………. नहीं उगते।।
भावार्थः
कवि कंप्यूटर युग में पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती हुई दूरी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, एक समय था जब ये किताबें हमारे साथ रहकर हमें हमारे रिश्तों-संबंधों के बारे में बताती थीं। वे सारे संबंध अब उधड़ गए हैं, टूट गए हैं। अब पन्ने पलटने पर हमारे गले से करुण सिसकी निकलती है।आँखों में आँसू आ जाता है। इतना ही नहीं आज व्यक्ति और किताबों के बीच संपर्क का दायरा इतना सिमट गया है कि उनके शब्दों के मान-सम्मान गिर चुके हैं। उनके शब्द अब बिन पत्तों के सूखे-दूंठ से जीर्ण-शीर्ण लगते हैं। जिनका अब कोई मतलब (अर्थ) नहीं है।

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(ग) पद्यांश पढ़कर दी गई सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति (1) आकलन कृति

प्रश्न 1.
आकृति पूर्ण कीजिए।
उत्तर:
Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें 9

कृति (2) आकलन कृति

प्रश्न 1.
समझकर लिखिए।
i. इस बहाने से रिश्ते बनते थे –
ii. इनको रिहल की सूरत बनाकर नीम सजदे पढ़ा करते थे
उत्तर:
i. किताबें गिरने उठाने के बहाने
ii. घुटनों को।

प्रश्न 2.
सत्य या असत्य पहचानकर लिखिए।
i. किताबे गोदी में रखकर लेट जाते थे।
ii. किताबों में सूखे फूल और महके हुए चिट्ठी के पन्ने मिलते थे।
उत्तर:
i. असत्य
ii. सत्य

कृति (3) भावार्थ

प्रश्न 1.
प्रथम पाँच पंक्तियों का भावार्थ लिखिए।
भावार्थ:
कवि गुलजार मनुष्य और किताबों के परस्पर अपनत्व व साथ का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, किताबें हमारी सहचरी-सहगामिनी थी। जिन्हें हम सीने पर रखकर लेट जाते थे। कभी गोदी में लेते थे। कभी-कभी घुटनों को अपने रिहल (ठावनी) की सूरत बनाकर किताबें पढ़ने का आनंद लेते थे। कभी सजदें में पढ़ा करते थे, तो कभी माथे लगाकर उसे छूते थे, ताकि किताबों का सारा ज्ञान आगे भी मिलता रहे, कभी बंद न हो।

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पद्य-विश्लेषण

  • कविता का नाम – किताबें
  • कविता की विधा – नई कविता
  • पसंदीदा पंक्ति – किताबें गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे उनका क्या होगा? वो शायद अब नहीं होंगे!!

पसंदीदा होने का कारण –
उपर्युक्त पंक्ति मुझे बेहद पसंद है क्योंकि इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने मानवीय रिश्तों की ओर संकेत किया है। आज हमारे समाज में रिश्ते बिखरते हुए प्रतीत हो रहे हैं। लोगों के दिल से रिश्तों की अहमियत कम होती दिखलाई दे रही है। किताबों के माध्यम से लोग एक-दूसरे से जुड़ जाते थे। उनमें आपसी रिश्ते पनपने लगते थे। लेकिन अब लोग किताबें पढ़ना ही नहीं चाहते। इसी आपसी बंधन को भी बरकरार रखने की यहाँ पर बात की है।

कविता से प्राप्त संदेश या प्रेरणा –
प्रस्तुत कविता से प्रेरणा मिलती हैं कि व्यक्ति को किताबों का पठन करना चाहिए। भले ही आज का युग विज्ञान एवं तकनीकी का युग है फिर भी मानव को किताबों का वाचन करना चाहिए। किताबों के जरिए ही मानवीय गुणों में वृद्धि हो सकती है। किताबों का वाचन न करने के कारण व्यक्ति में दुर्गण निर्माण हो रहे हैं। साहित्य के वाचन से ही व्यक्ति में संस्कार पनप सकते हैं इसलिए सभी को साहित्य का वाचन करना चाहिए।

किताबें Summary in Hindi

कवि-परिचय :

जीवन-परिचय : गुलजार जी का जन्म पंजाब प्रांत में झेलम जिले के दीना गाँव में हुआ जो अब पाकिस्तान में है। उनका मूल नाम संपूरन सिंह कालरा है। वे एक कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक, नाटककार होने के साथ-साथ हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध गीतकार भी हैं।
प्रमुख कृतियाँ : लघुकथाएँ – ‘चौरस रात’, कथा संग्रह – ‘रावीपार’, कविता संग्रह – ‘रात, चाँद और मैं,’ ‘एक बूंद चाँद’, ‘रात पश्मीने की’ और ‘खराशें’ (कविता, कहानी का कोलाज)।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें

पद्य-परिचय :

नई कहानी : भारतीय स्वतंत्रता के बाद लिखी गई उन कविताओं को कहा गया जिनमें परंपरागत से आगे नए भावबोधों की अभिव्यक्ति के साथ ही नए मूल्यों और नए शिल्प विधान का अन्वेषण (खोज) किया गया।
प्रस्तावना : प्रस्तुत कविता ‘किताबें’ के माध्यम से गुलजार जी ने पुस्तकें पढ़ने का आनंद, कम्प्यूटर के कारण पुस्तकों के प्रति अरुचि, पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती दूरी और उससे उत्पन्न दुख को बड़े ही मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।

सारांश :

आज के समय में कंप्यूटर के अत्याधिक प्रयोग के कारण किताबों के प्रति लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब किताबें अलमारी में पड़ी रहती हैं, महीनों तक मनुष्य से उनकी मुलाकात नहीं होती। वे किताबें उधड़ी हुई होती हैं। पन्ने पलटने पर उनकी करुण सिसकी निकलती है। किताबों की निरंतर उपेक्षा हो रही है। कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही बहुत कुछ एक-एक कर शीघ्रता से खुल जाता है। यही कारण है कि किताबों से हमारे संपर्क का दायरा कम हो गया है।

एक समय था, हम सीने पर किताबें रखकर लेट जाते थे तो कभी उन्हें माथे लगाकर प्रसन्न होते थे। एक दौर था जब किताबों के बहाने से कई रिश्तों की डोर बन जाती थी। किंतु अब किताबों के प्रति अरुचि के कारण यह रिश्ते नष्ट हो जाएँगे। उनका संपर्क टूट जाएगा और वे अपना अस्तित्व खो देंगे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें

भावार्थ :

किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी …………….. अब अक्सर।।
किताबें मनुष्य की साथी हैं। किंतु कंप्यूटर के अधिकाधिक प्रयोग के कारण इनमें लोगों की रुचि कम होने लगी है। अब स्थिति यह है कि ये किताबें बंद अलमारी के शीशों से झाँकती हैं। बड़ी उम्मीद से शीशों के बाहर ताकती हैं। एक समय था जब मनुष्यों की शामें किताबों के संगत में व्यतीत होती थीं और अब स्थिति यह है कि महीनों तक मनुष्य और किताबों की मुलाकात नहीं होती।

गुजर जाती हैं …………. वो सुनाती थीं।।
कवि कहते हैं कि अब अक्सर मनुष्य की शामें कंप्यूटर के पर्दो पर ही बीत जाती है और उनकी साथी किताबें इस बढ़ती दूरी के कारण बड़ी ही बेचैन रहती हैं। उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है अर्थात किताबें लोगों को अब सपनें में देखती हैं। किताबें अपने ज्ञानगंगा के स्वर्णाक्षरों द्वारा मनुष्य को नैतिकता का पाठ पढ़ाती थीं। वे रिश्तों-संबंधों के मधुर गीत सुनाती थीं। किंतु जिनके मूल्य कभी नहीं मरते थे, जिनके सेल कभी खत्म नहीं होते थे, और अब कंप्यूटर के बढ़ते प्रभाव का परिणाम यह है हमें घरों में अब वह मानवीय मूल्य नहीं दिखाई देते हैं।

वह सारे ………….. मानी नहीं उगते।।
कवि कंप्यूटर युग में पुस्तकों और मनुष्यों के बीच बढ़ती हुई दूरी का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, एक समय था जब ये किताबें हमारे साथ रहकर हमें हमारे रिश्तों-संबंधों के बारे में बताती थीं। वे सारे संबंध अब उधड़ गए हैं, टूट गए हैं। अब पन्ने पलटने पर हमारे गले से करुण सिसकी निकलती है। आँखों में आँसू आ जाता है। इतना ही नहीं आज व्यक्ति और किताबों के बीच संपर्क का दायरा इतना सिमट गया है कि उनके शब्दों के मान-सम्मान गिर चुके हैं। उनके शब्द अब बिन पत्तों के सूखे-ढूँठ से जीर्ण-शीर्ण लगते हैं। जिनका अब कोई मतलब (अर्थ) नहीं है।

जुबां पर जो …………….. कट गया है।। कवि कंप्यूटर की गति व किताबों की निरंतर होती उपेक्षा व दुर्गति के संबंध में कहते हैं कि अब एक क्लिक करने पर बस पलक झपकते ही कंप्यूटर के डिजीटल परदे पर बहुत कुछ एक-एक करके शीघ्रता से खुलता चला जाता है। इसी का परिणाम है कि किताबों के पन्ने पलटने का जो स्वाद जिहवा पर आता था, वह भी हमसे ओझल हो गया है अर्थात पन्ने पलटते समय बार-बार जीभ पर अँगली रखने का आनंद समाप्त हो गया। किताबों में रचा-बसा हमारा संपर्क व हमारे संपर्क सूत्र का दायरा भी अब बहुत कुछ सिमट गया है।

कभी सीने पे …………………… आइंदा भी।।
कवि गुलजार मनुष्य और किताबों के परस्पर अपनत्व व साथ का वर्णन करते हुए कहते हैं कि, किताबें हमारी सहचरी-सहगामिनी थी। जिन्हें हम सीने पर रखकर लेट जाते थे। कभी गोदी में लेते थे। कभी-कभी अपने घुटनों को रिहल (ठावनी) की सूरत बनाकर किताबें पढ़ने का आनंद लेते थे। कभी सजदें (प्रार्थना)में इन्हें पढ़ा करते थे, तो कभी माथे लगाकर उसे छूते थे, ताकि किताबों का सारा ज्ञान आगे भी मिलता रहे, कभी बंद न हो।

मगर वो जो ………… वह शायद अब वही होंगें !! कवि कहते हैं कि किताबों के साथ कुछ यादगार बातें भी जुड़ी हुई होती थीं। कभी-कभी लोग इन किताबों में किसी के लिए फूल या संदेश-पत्र रख दिया करते थे, किंतु किताबों में जो रखे हुए सूखे फूल और महके हुए चिट्ठी के पन्ने मिला करते थे उनका क्या होगा। कवि गुलजार जी कहते है कि एक दौर था जब किताबों के गिरने-उठाने के बहाने से कई रिश्तों की डोर बन जाती थी। किंतु अब जिस तरह से किताबों में लोगों की अरुचि उत्पन्न हुई है, उससे यह रिश्ते नष्ट होते जाएँगे । उनका संपर्क सूत्र टूट जाएगा और वे अपना अस्तित्व खोकर काल के ग्रास की भाँति खत्म हो जाएँगे।

Maharashtra Board Class 9 Hindi Lokbharti Solutions Chapter 4 किताबें

शब्दार्थ :

  1. झाँकती – देखती
  2. हसरत – उम्मीद
  3. मुलाकातें – मिलन
  4. सोहबत – संगत
  5. गुजरना – बीतना
  6. कदरें – मूल्य, मायने
  7. उधड़े-उधड़े – बिखरा हुआ
  8. सफा – पन्ना
  9. इक – एक
  10. लफ्जों – शब्दों
  11. मानी – मान-सम्मान, प्रतिष्ठा
  12. अल्फाज – शब्द
  13. मानी – अर्थ, मतलब
  14. जुबा – जीभ, जिह्वा
  15. जायका – स्वाद
  16. झपकी गुजरती – पलक झपकते ही
  17. राब्ता – संपर्क
  18. रिहल – ठावनी, जिस पर धर्मग्रंथ रखकर पढ़ा जाता है।
  19. सजदा – सिर झुकाना, प्रार्थना करना।
  20. जबी – माथा
  21. इल्म – ज्ञान
  22. रुक्के – चिट्ठी, संदेशपत्र
  23. रिश्ते – संबंध