Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो:

कृति पूर्ण करो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 13
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 4

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

Question 2.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 14
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 15

कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. दीपक
  2. पुष्प
  3. वाटिका
  4. भारत
  5. प्रेम
  6. ईश्वर
  7. अल्लाह
  8. तिरस्कार

Answer:

  1. दीप
  2. फूल
  3. बगिया
  4. हिंदुस्तान
  5. प्यार
  6. भगवान
  7. खुदा
  8. नफरत

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

भाषा बिंदु

पाठों में आए अव्ययों को पहचानो और उनके भेद बताकर उनका अलग-अलग वाक्यों में प्रयोग करो।
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 12

कविता में प्रयुक्त विलोम शब्दों की जोड़ियाँ लिखिए।
Answer:

  1. छोटा x बड़ा
  2. एक x अनेक
  3. नकद x उधार
  4. प्यार x नफरत

उपयोजित लेखन

शालेय बैंड पथक के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु अपने विद्यालय के प्राचार्य से विद्यार्थी प्रतिनिधि के नाते अनुमति माँगते हुए निम्न प्रारूप में पत्र लिखिए।
Answer:
१३ दिसंबर, २०१८.
प्रति,
माननीय प्राचार्य, डॉन बास्को विद्यालय, भाईंदर (प.) ठाणे – ४०१ १०५ विषय : शालेय बैंड पथक के लिए आवश्यक सामग्री खरीदने हेतु अनुमति पत्र।
माननीय महोदय,
सादर प्रणाम।
मैं कुमारी सपना पांडे आपके विद्यालय की कक्षा आठवीं ‘अ’ की विद्यार्थी-प्रतिनिधि हूँ। आपको पता है कि इस वर्ष हमारा स्कूल ‘राज्य बैंड प्रतियोगिता’ में हिस्सा लेने वाला है। इसलिए प्रतियोगिता की तैयारी करने के लिए हमें कुछ बैंड सामग्री की जरूरत है। अपने स्कूल के पास जो बैंड सामग्री है वह बहुत ही दयनीय स्थिति में है। अत: इस पत्र के द्वारा मैं आपसे अनुरोध करना चाहती हूँ कि अपने विद्यालय के बैंड पथक के लिए सामग्री खरीदने के लिए मुझे अनुमति दे दीजिए। मुझे आशा है कि हमारी विनती पर अवश्य विचार करेंगे और हमें सामग्री खरीदने के लिए शीघ्र अनुमति प्रदान करेंगे।
कष्टार्थ क्षमा!
आपकी आज्ञाकारी,
सपना पांडे
विद्यार्थी प्रतिनिधि
कक्षा – आठवीं ‘अ’

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कल्पना पल्लवन

‘भारत की विविधता में एकता है।’ इसे स्पष्ट कीजिए।
Answer:
भारत एक विशाल देश है। इस देश में विविध राज्य हैं। प्रत्येक राज्य की अपनी-अपनी भाषा खान-पान वेशभूषा एवं संस्कृति हैं। प्रत्येक राज्य के पास अपनी-अपनी कला, नृत्य एवं संगीत की धरोहर हैं। फिर भी हमारे भारतीय शास्त्रीय संगीत ने सभी को एकता के सूत्र में बांध रखा है। हमारे देश में हिंदु-मुस्लिम, सीख व ईसाई ये प्रमुख धर्म हैं। इनके अलावा प्रत्येक धर्म में कई जातियाँ हैं। सभी के अपने-अपने धर्म के अनुसार त्योहार हैं। सभी एक-दूसरे के त्योहारों में बड़े प्यार से शरीक होते हैं। ऐसा होने के बावजूद भी हम सब एक हैं। हम भारतीय हैं।

भारतीयता की भावना ने हमें आपस में बनाया है। भारत में देर सारी भाषाएँ होने के बावजूद भी हिंदी भारतीय एकता की कड़ी बनी हुई है। सभी भाषाओं में लिखा गया साहित्य हमारे देश की संस्कृति को दर्शाता है। भारत के किसी एक राज्य में अकाल या कुछ हादसा हो जाए तो दूसरे राज्यों से तुरंत सहायता के लिए आगे आ जाते हैं। यदि देश पर किसी भी प्रकार का आक्रमण या अतिक्रमण होने की स्थिति निर्माण हो जाती है, तो तुरंत सभी राज्य एकसंघ में बैंधकर देश की हिफाजत करने के लिए तत्पर हो जाते हैं। इस प्रकार हमारे देश में विविधता होने के बावजूद भी एकता है।

स्वयं अध्ययन

‘नफरत से नफरत बड़ती है और स्नेह से स्नेह बढ़ता है। इस तथ्य से संबंधित अपने विचार लिखिए।
Answer:
नफरत मनुष्य के हृदय को जलाने का काम करती है और साथ ही वह मनुष्य के मन-मस्तिष्क पर भी हावी हो जाती है। इस कारण मनुष्य दूसरे व्यक्ति से नित जलता रहता है और दूसरे के प्रति ईर्ष्या और द्वेष की भावना रखता है। ऐसा करने से व्यक्ति को कुछ भी हासिल नहीं होता। वह स्वयं के लिए गड्ढा खोदने का काम करता है। यदि हम किसी से नफरत करेंगे, तो दूसरे भी हमसे नफरत करते रहेंगे।

इसलिए हमें एक-दूसरे के साथ स्नेह से आचरण करना चाहिए। स्नेह यानी प्यार की भावना। स्नेह में एक-दूसरे को आपस में बाँधने की शक्ति होती है। इससे भाईचारा व शांति प्रस्थापित होती है। समाज में प्रेम का प्रचार एवं प्रसार करने से व्यक्ति पूजनीय बन जाता है और उसे प्रेम के बदले में प्रेम ही मिलता है।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य Additional Important Questions and Answers

कृति पूर्ण करो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 6
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 16

समझकर लिखिए।

  1. पद्यांश में प्रयुक्त शरीर के अवयवों के नाम
  2. इसे ठंडी आग कहा गया है

Answer:

  1. सिर व पैर
  2. नफरत को

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कविता में इस अर्थ में आए शब्द लिखिए।

  1. निरर्थक
  2. रज
  3. अग्नि
  4. सुमन

Answer:

  1. निर्मूल .
  2. धूल
  3. आग
  4. फूल

तुलना कीजिए।

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Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य 7

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समझकर लिखिए।

पौधे का कार्य
Answer:
सभी के साथ एक समान व्यवहार करता है। वह अपने फूल सभी को देता है।

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पद्यांश के आधार पर सही या गलत पहचानकर लिखिए।

Question 1.
अनेकता में एकता हमारी विशेषता है।
Answer:
सही

Question 2.
इंसान पैरों की धूल को सिर पर लगा लेता है।
Answer:
गलत

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
वो छोटा ……….. पैरों की धूल।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। कवि कहते हैं कि दुनिया में कोई भी छोटा या बड़ा नहीं होता। व्यक्ति को छोटे-बड़े में कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। छोटे-बड़े की बातें निरर्थक होती हैं। जो धूल अपने पैरों के नीचे होती है, वह हवा से उड़कर अपने सिर पर बैठ जाती है। यानी दुनिया में हम जिसे छोटा कहते हैं; वह कभी-कभी अवसर पाकर बड़ा हो जाता है। इसलिए हमें छोटे-बड़े का भेदभाव नहीं करना चाहिए।

Question 2.
नफरत ठंडी ………. तो जोड़।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। कवि के मतानुसार ठंडी आग ऊपर से भले ही लगे कि वह बुझ गई है, लेकिन अंदर ही अंदर वह जलती रहती है। नफरत भी उसी ठंडी आग के समान है। मनुष्य को इसमें जलना नहीं चाहिए। मनुष्य को अपने मन में किसी के प्रति ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। यदि मनुष्य से हो सके, तो टूटे हुए दिलों को प्यार से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।

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निम्नलिखित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (१) आकलन कृति

‘प्यार का महत्त्व’ टिप्पणी लिखिए।
Answer:
प्यार का महत्व- दुनिया में यदि व्यक्ति किसी से प्यार करेगा तो उसे प्यार के बदले में प्यार ही मिलेगा। वह अपने आप वहीं मिलता। प्यार तो नकद का काम है वह कभी उधार नहीं रहता। एक हाथ से दो और दूसरे हाथ से लो।

कृति ख (२) आकलन कृति

निम्नलिखित गलत वाक्य सही करके फिर से लिखिए।

Question 1.
जर को कण से अलग मान लेना चाहिए।
Answer:
जर्रे को कण से अलग नहीं मानना चाहिए।

Question 2.
दुनिया में प्यार के बदले में नफरत मिलती है।
Answer:
दुनिया में प्यार के बदले में प्यार मिलता है।

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समझकर लिखिए।

Question 1.
इंसान प्रेम की भावना को साज-सँवारकर रखता है।
Answer:
क्योंकि उसे पता है कि नफरत से नफरत मिलती है और प्यार से प्यार मिलता है।

Question 2.
कण-कण में इनका वास होता है।
Answer:
भगवान का।

कृति ख (३) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
जो भी करता ……………………. नहीं उधार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। दुनिया में यदि व्यक्ति किसी से प्यार करेगा तो उसे प्यार के बदले में प्यार ही मिलेगा। किसी को भी समाज में सम्मान व प्यार अपने आप नहीं मिलता। प्यार तो नकद का काम है, वह कभी उधार नहीं रहता।

Question 2.
इसलिए हम ……………………. प्यार से प्यार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। तो उसे प्यार के बदले में प्यार ही मिलेगा। वह अपने आप वहीं मिलता। प्यार तो नकद का काम है वह कभी उधार नहीं रहता।

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कृति ख (२) आकलन कृति

निम्नलिखित गलत वाक्य सही करके फिर से लिखिए।

Question 1.
जर को कण से अलग मान लेना चाहिए।
Answer:
जर्रे को कण से अलग नहीं मानना चाहिए।

Question 2.
दुनिया में प्यार के बदले में नफरत मिलती है।
Answer:
दुनिया में प्यार के बदले में प्यार मिलता है।

समझकर लिखिए।

Question 1.
इंसान प्रेम की भावना को साज-सँवारकर रखता है।
Answer:
क्योंकि उसे पता है कि नफरत से नफरत मिलती है और प्यार से प्यार मिलता है।

Question 2.
कण-कण में इनका वास होता है।
Answer:
भगवान का।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

कृति ख (३) भावार्थ

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
जो भी करता ……………………. नहीं उधार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। दुनिया में यदि व्यक्ति किसी से प्यार करेगा तो उसे प्यार के बदले में प्यार ही मिलेगा। किसी को भी समाज में सम्मान व प्यार अपने आप नहीं मिलता। प्यार तो नकद का काम है, वह कभी उधार नहीं रहता।

Question 2.
इसलिए हम ……………………. प्यार से प्यार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। प्रत्येक व्यक्ति को प्यार की भावना को अपने हृदय में साजसँवारकर रखना चाहिए क्योंकि नफरत से नफरत बढ़ती है और प्यार लुटाने से प्यार बढ़ता है।

समझकर लिखिए।

Question 1.
फूल बगिया की इसके साथ तुलना की गई है।
Answer:
हिंदुस्तान के साथ।

Question 2.
इसके नाम पर हम आपस में लड़ते-झगड़ते हैं।
Answer:
धर्म व ईश्वर के नाम।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

तात्पर्य लिखिए।

Question 1.
‘जले दीप से दीप’ से तात्पर्य यह है कि
Answer:
सभी भारतवासी आपस में मिल-जुलकर रहें।

Question 2.
‘फल बगिया लगती रही मुझको हिंदुस्तान’ इससे तात्पर्य है कि –
Answer:
भारत देश एक संपन्न व समृद्ध देश है।

समझकर लिखिए।

Question 1.
इस संभावना की बात की गई है।
Answer:
सभी लोग आपस में मिल-जुलकर चैन व शांति से रहेंगे।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 4 सौहार्द -सौमनस्‍य

निम्नलिखित पद्यांशों का भावार्थ लिखिए।

Question 1.
हम ……………. सब बेकार।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ कविता से ली गई हैं। ईश्वर के नाम पर सभी लोग आपस में धर्म, वंश, जाति, भाषा व संप्रदाय के मुद्दे पर लड़ते-झगड़ते हैं। उस ईश्वर ने ही कवि के सपने में आकर कहा कि उसके लिए इस प्रकार लोगों का लड़ना-झगड़ना उन्हें अच्छा नहीं लगता। यह सब व्यर्थ अर्थात मानवता के खिलाफ व अमानवीय हैं।

Question 2.
कितना अच्छा ………. दीप समीप।
Answer:
प्रस्तुत पंक्तियाँ कवि कुरैशी लिखित ‘सौहार्द-सौमनस्य’ इस कविता से ली गई हैं। कवि चाहते हैं कि सभी भारतवासी आपस में मिल-जुलकर रहें। अत: वह कहते हैं कि उस वक्त कितना अच्छा होगा; जब सभी भारतीय एक-दूसरे की भावनाओं का आदर करना सीख जाएँ। यह तभी संभव हो सकता है; जब सभी लोग आपस में एकमत होकर एकता स्थापित करें।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 3 लकड़हारा और वन Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :

संजाल पूर्ण करो :

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 1
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 4

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

संक्षेप में उत्तर लिखो:

Question 1.
पेड़ द्वारा दिया गया संदेश
Answer:
कभी हरा-भरा पेड़ मत काटो। उन्हें अपने बच्चों के समान पालो।

Question 2.
भगवान की शर्त
Answer:
लकड़हरा हरे-भरे पेड़ नहीं काटेगा व लालच में पड़कर जरूरत से अधिक सूखी लकड़ी नहीं काटेगा।

Question 3.
पेड़ों के उपयोग
Answer:
शुद्ध हवा, पानी व भोजन प्रदान करना

Question 4.
पेड़ों की कटाई के दुष्परिणाम
Answer:
पेड़ों की कटाई करने से वर्षा नहीं आएगी। वन्य जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। मनुष्य को शुद्ध हवा नहीं मिलेगी। मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएगा।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति पूर्ण करो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 2
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 5.

भाषा बिंदु

Question 1.
निम्न वृत्त में दिए संज्ञा तथा विशेषण शब्दों को छाँटकर तालिका में उचित स्थानों पर उनके भेद सहित लिखो:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 3
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 6
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 7

Question 2.
पाठ में प्रयुक्त कारक विभक्तियाँ ढूँढकर उनका वाक्यों में प्रयोग करो ।
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 8

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

स्वयं अध्ययन

किसानों के सामने आने वाली समस्याओं की जानकारी प्राप्त करके उन समस्याओं को दूर करने हेतु चर्चा करो।

उपयोजित लेखन

Question 1.
‘प्रकृति हमारी गुरु’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
प्रकृति में जल, जंगल, जमीन, नदी, सागर, पहाड़ आदि का अंतर्भाव होता हैं। प्रकृति अपने अनंत हाथों से मनुष्य को अपना सर्वस्व देती रहती है। प्रकृति माता की तरह मनुष्य का ख्याल रखती है। वह मनुष्य की सहचरी-सहगामिनी है। प्रकृति मनुष्य के दिमाग शरीर व आत्मा को ऊर्जायुक्त बनाती है। प्रकृति की गोद में विचरण करने से हमारा मन स्वस्थ हो जाता है। प्रकृति हमें प्रेरणा देती है। प्रकृति के सान्निध्य में रहने के कारण तपस्वी वेदों की रचना कर सकें। रामायण जैसे महाकाव्य का जन्म भी प्रकृति के सान्ध्यि में ही हुआ था।

प्रकृति ने ही महान शास्त्रज्ञ न्यूटन को गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत की खोज करने के लिए प्रेरणा दी थी। महाकवि रवींद्रनाथ टैगोर को काव्य रचना करने की प्रेरणा प्रकृति ने ही की थी। प्रकृति के सान्निध्य में रहने के कारण तपस्वी वेदों की रचना कर सकें। मानव को प्रकृति के माध्यम से ही ‘सत्यं शिवम् संदरम्’ का एहसास होता है। प्रकृति मनुष्य का मार्गदर्शन करती है। इसलिए प्रकृति को हमारी गुरु कहा जाता है।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (१) आकलन कृति

कारण लिखिए।

Question 1.
लकड़हारा पेड़ को काटना चाहता है।
Answer:
क्योंकि पेड़ को काटने से उसकी आज की रोटी का इंतजाम हो जाएगा।

Question 2.
लकड़हारा चिंतित एवं दुखी हो जाता है।
Answer:
क्योंकि उसके हाथ से कुल्हाड़ी छूटकर नदी में गिर जाती है।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति क (२) आकलन कृति

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

  1. भगवान
  2. गहरा

Answer:

  1. ग्रामीण व्यक्ति कौन था?
  2. पानी कैसा था?

निम्नलिखित कथन सही है या गलत पहचान कर लिखिए।

Question 1.
ग्रामीण व्यक्ति पहली बार सोने की कुल्हाड़ी लेकर नदी के बाहर आया।
Answer:
गलत

Question 2.
लकड़हारे की आर्थिक स्थिती अच्छी नहीं थी।
Answer:
सही

एक शब्द में उत्तर लिखिए।

  1. इसने कोशिश की।
  2. यह दुखी हो गया था।

Answer:

  1. ग्रामीण व्यक्ति
  2. लकड़हारा

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति क (३) शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए।

  1. दुख
  2. गाँव

Answer:

  1. दुःख
  2. ग्राम

निम्नलिखित शब्दों में उचित प्रत्यय का प्रयोग कीजिए।

  1. उपकार
  2. ग्राम
  3. भाग्य

Answer:

  1. उपकार : उपकारी : प्रत्यय : ई
  2. ग्राम : ग्रामीण : प्रत्यय : ईण
  3. भाग्य : भाग्यवान : प्रत्यय : वान

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

वचन बदलिए।

  1. कुल्हाड़ी
  2. रोटी

Answer:

  1. कुल्हाड़ियाँ
  2. रोटियाँ

नीचे दिए हुए शब्दों के पर्यायवादी शब्द लिखिए।

  1. चाँदी
  2. ग्रामीण
  3. अचानक
  4. मदद

Answer:

  1. रजत
  2. देहाती
  3. सहसा
  4. सहायता

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति क (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘पेड़ की कटाई करना कानूनन अपराध है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
पेड़ की कटाई करना कानूनन अपराध है। पेड़ हमें फल, फूल, छौंव, लकड़ी शुद्ध हवा व वर्षा भी देते हैं। यदि हम पेड़ों की कटाई करेंगे, तो आने वाले दिनों में हमारी पृथ्वी बंजर बन जाएगी। इससे तापमान में बढ़ोत्तरी होगी और हिमालय की बर्फ तेजी से पिघलने लगेगी। इससे पर्यावरणीय समस्या निर्माण हो जाएगी। सूर्य की पराबैंगनी किरणें धरती पर आ जाएगी; हमें कई बीमारियों का सामना करना पड़ेगा। अत: पेड़ों का संरक्षण करने के लिए कानून बनाया गया है। इसलिए यदि कोई पेड़ की कटाई करता है तो उसे कानून के तहत सजा देने का भी विधान है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ख (१) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Question 1.
किसने, किसके लिए कष्ट उठाए?
Answer:
ग्रामीण व्यक्ति ने लकड़हारे के लिए कष्ट उठाए।

Question 2.
ग्रामीण व्यक्ति इस क्रम में ले आया कुल्हाड़ियाँ
Answer:
चाँदी की कुल्हाड़ी, सोने की कुल्हाड़ी व लोहे की कुल्हाड़ी।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 10
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 9

कृति ख (२) आकलन कृति

किसने, किससे कहा?

Question 1.
दूसरे की चीज को अपनी कहना ठीक नहीं है।
Answer:
लकड़हारे ने ग्रामीण व्यक्ति से कहा।

Question 2.
लो भाई, इस बार तो यह लोहा ही हाथ लगा है।
Answer:
ग्रामीण व्यक्ति ने लकड़हारे से कहा।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

उत्तर लिखिए।

Question 1.
लकड़हारे के अनुसार यही है उसका धन।
Answer:
मेहनत और ईमानदारी से जो भी मिलता है वहीं उसका धन है।

Question 2.
भगवान लकड़हारे पर प्रसन्न हो गए।
Answer:
क्योंकि वे लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित हो गए थे।

Question 3.
भगवान ने लकड़हारे को इन्हें काटने के लिए मना किया।
Answer:
हरे-भरे पेड़ों को।

Question 4.
यह होना चाहिए इंसान का धर्म।
Answer:
मुसीबत के समय एक-दूसरे के काम आना।

कृति ख (३) शब्द संपदा

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. चकित
  2. सुवर्ण
  3. दीन
  4. हस्त

Answer:

  1. हैरान, आश्चर्य
  2. सोना
  3. गरीब
  4. हाथ, कर

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए।

  1. हाथ
  2. सोना

Answer:

  1. हस्त
  2. स्वर्ण

विलोम शब्द लिखिए।

  1. ईमानदारी
  2. उपकार

Answer:

  1. बेइमानी
  2. अपकार

निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग लगाइए।

  1. मंजूर
  2. धर्म

Answer:

  1. मंजूर : उपसर्ग : नामंजूर
  2. धर्म : उपसर्ग : अधर्म

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कृति ख (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
जो व्यक्ति स्वयं के साथ वफादार रहे, वह ईमानदार होता है। ऐसा व्यक्ति हिसाब के मामले में हेरा-फेरी नहीं करता है। ईमानदारी का संबंध सिर्फ व्यवहार में ही नहीं होता; बल्कि वह रिश्तों के प्रति भी दिखलाई देता है। अपने दोस्तों सगे एवं संबंधियों से बातचीत करते समय भी ईमानदारी रखनी चाहिए। व्यक्ति को किसी के अन्याय में भागीदार नहीं बनना चाहिए।

जो व्यक्ति ईमानदारी का ठीक से पालन करता है; वह जीवन में सफल हो जाता है। वह अपने कार्य एवं व्यवहार से समाज के सामने एक मिसाल खड़ी कर देता है। लालबहादुर शास्त्री जी की ईमानदारी से सभी भली भाँति परिचित हैं। इसलिए आज भी उनका नाम सम्मान से लिया जाता है। प्रश्न ३ (ग) निम्नलिखित गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (१) आकलन कृति

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 12
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 11

Question 2.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 14
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 13

Question 3.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 16
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 15

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

कारण लिखिए।

Question 1.
लकड़हारे की सारी थकान दूर हो गई।
Answer:
क्योंकि वह एक पेड़ की ठंडी छाया में बैठ गया था।

Question 2.
लकड़हारा जंगल में लकड़ी काटने जाता है।
Answer:
क्योंकि उसकी पत्नी ने उसे लकड़ी काटने के लिए जंगल में जाने के लिए का।

कृति ग (२) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Question 1.
लकड़हारा इसलिए डर गया
Answer:
उसने आवाज सुनी और उस समय जंगल में कोई नहीं था। अत: भूत होने के एहसास के कारण वह डर गया।

Question 2.
यह कारण बताया लकड़हारे ने पेड़ की कटाई करने का
Answer:
लकड़ियाँ काटना यही लकड़हारे की रोजी-रोटी का रास्ता था और उसे अपने चार-चार बच्चों का पेट पालना था।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

Question 1.
अधिक बच्चे होने के कारण, _______ में दुख तो आएगा ही। (कुटुंब, परिवार, खानदान)
Answer:
अधिक बच्चे होने के कारण, परिवार में दुख तो आएगा ही।

Question 2.
______ बच्चों को पालना पड़ता है। (बच्चों, परिवार वालों, रिश्तेदारों)
Answer:
चार चार बच्चों को पालना पड़ता है।

संक्षेप में उत्तर लिखिए।

Question 1.
पेड़ों के उपयोग
Answer:
शुद्ध हवा, पानी व भोजन प्रदान करना कृति ग

शब्द संपदा

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. प्राण
  2. जंगल
  3. चीख
  4. छाया

Answer:

  1. जान
  2. वन
  3. चिल्लाहट
  4. सँव

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

वचन बदलिए।

  1. नजरें
  2. लकड़हारा

Answer:

  1. नजर
  2. लकड़हारे

विलोम शब्द लिखिए।

  1. बेकसूर
  2. सोना

Answer:

  1. कसूरवार
  2. जागना

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

Question 1.
कसूर शब्द में उचित उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाइए व संबंधित उपसर्ग से अन्य दो शब्द बनाइए।
Answer:
कसूर : उपसर्ग : बे; नया शब्द : बेकसूर

Question 2.
परिवार शब्द में उचित प्रत्यय लगाइए।
Answer:
परिवार : प्रत्यय : इक : पारिवारिक

कृति ग (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ पर अपने विचार लिखिए।
Answer:
छोटे परिवार में पति-पत्नी तथा एक या दो बच्चे होते हैं। छोटा परिवार, सुखी परिवार कहलाता है। छोटे परिवार में माता-पिता अपने एक या दो बच्चों पर ठीक से ध्यान देने में समर्थ होते हैं। उनकी शिक्षा एवं उनके लिए अन्य सामग्री का जुटाव करने में उन्हें दिक्कत नहीं आती। यदि परिवार बड़ा है यानी तीन या चार बच्चे परिवार में हैं, तो माता-पिता को सभी की पढ़ाई का खर्चा एवं खाने-पीने का खर्चा करने में कठिनाई महसूस होती है। इसलिए परिवार छोटा होना चाहिए। छोटा परिवार होने से देश की जनसंख्या भी बढ़ती नहीं है। यह राष्ट्रहित के लिए आवश्यक है। यदि देश खुश रहेगा, तो देश में रहने वाली प्रजा भी खुश रहेगी। इसलिए ‘छोटा परिवार, सुखी परिवार’ यह विधान सर्वथा उचित है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (१) आकलन कति

निम्नलिखित गलत बाक्य सही करके फिर से लिखिए।

Question 1.
बिना हवा के मनुष्य जीवित रह सकता है।
Answer:
बिना हवा के मनुष्य जीवित नहीं रह सकता है।

Question 2.
पेड़ों के कटने से वन्य पशु शहर में आकर रहेंगे।
Answer:
पेड़ों के काटने से वन्य पशु नष्ट हो जाएँगे।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

  1. हरा-भरा
  2. शुद्ध हवा

Answer:

  1. कौन-सा पेड़ नहीं काटना चाहिए?
  2. मनुष्य को साँस लेने के लिए क्या चाहिए?

कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 17
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन 18

कृति घ (३) शब्द संपदा

विलोम शब्द लिखिए।

  1. अच्छी
  2. समस्या

Answer:

  1. बुरी
  2. समाधान

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. मतलब
  2. शुद्ध

Answer:

  1. स्वार्थ
  2. पवित्र

Question 1.
गदयांश में से शब्द-युग्म ढूँढकर लिखिए।
Answer:
हरा-भरा, कम-से-कम

स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘वृक्ष हमारे मित्र हैं। अपने विचार लिखिए।
Answer:
‘वृक्षों से ही जीवन बन सका। इनसे सृष्टि सारी। सत्यं, शिवम्, सुंदरम् इनसे। धरती लगती प्यारी।’ सचमुच वृक्ष हमारे मित्र हैं। वृक्ष हम पर अनंत हाथों से उपकार करते रहते हैं। वे हमें प्राणवायु, फल, फूल, लकड़ी व वर्षा देते हैं। वृक्षों से हमें आयुर्वेद की विविध दवाइयाँ भी मिलती हैं। वृक्षों के कारण जंगलों का अस्तित्व बना रहता हैं। वृक्षों के कारण ही पर्यावरण संतुलन अबाधित है। इस पृथ्वी का अस्तित्व भी वृक्षों के कारण ही टीका हुआ है। इसलिए वृक्ष सर्वथा हमारे मित्र हैं।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 3 लकड़हारा और वन

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन) Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
नम्रता, अंबर, आलोक, वरद, वनिता, समीर, शर्वरी, शेखर, समिरा, मानसी, माधवी हे शब्द अकारविल्हे प्रमाणे लावा.
उत्तरः
अंबर, आलोक, नम्रता, माधवी, मानसी, वनिता, वरद, शर्वरी, शेखर, समिरा, समीर.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)

प्रश्न 2.
तुम्हांला पाठातील एखादया शब्दाचा अर्थ शोधायचा असेल तर यापुढे तुम्ही तो कसा शोधाल? सोदाहरण सांगा.
उत्तरः
अकारविल्हे म्हणजे ‘अ’ या अक्षरापासून लावलेला क्रम होय. उदाहरणार्थः ‘झुळूक’ हा दामोदर कारे यांच्या कवितेतील शब्द शोधायचा असेल तर शब्दांना लागलेले प्रत्यय वगळून मूळचा शब्द शोधू. क्रियापदाचा मूळ धातू कोणता ते पाहू. च, छ, ज, झ या क्रमाने ‘झ’ ने सुरू होणारे शब्द काढून झ च्या बाराखडीत झ, झा, झि, झी, झु पर्यंत येऊन शब्दातील दुसरे अक्षर ‘ळ’ अकारविल्हेनुसार पाहू. अशा त-हेने सरावाने शब्द पहाणे सोपे होईल.

प्रश्न 3.
शब्दकोशाचा तुम्हांला कळलेला उपयोग तुमच्या शब्दांत सांगा.
उत्तरः
शब्दकोशात आपण नवीन शब्दांचे अर्थ पाहू शकतो. त्यात प्रमाण उच्चार असतात. तेही आपणास कळतात. एकाच शब्दाचे अनेक अर्थ असतात. संदर्भानुसार कोणता अर्थ घेणे उचित आहे ते कळू शकते. काही शब्दांचे अर्थ लिहून ही संकल्पना स्पष्ट होत नाही. त्याकरिता अर्थाचे स्पष्टीकरण करणारी चित्रेही दिलेली असतात. त्यावरून त्या शब्दाचा अर्थ कळतो. अशा प्रकारे शब्दकोश समर्पक अर्थ सांगतात.

प्रश्न 4.
शब्दकोशासंबंधी खालील मुद्द्यांना धरून परिच्छेद तयार करा.
उत्तरः
(अ) शब्दकोशाचा उपयोग:

शब्दकोशात आपण नवीन शब्दांचे अर्थ पाहू शकतो. त्यात प्रमाण उच्चार असतात. तेही आपणास कळतात. एकाच शब्दाचे अनेक अर्थ असतात. संदर्भानुसार कोणता अर्थ घेणे उचित आहे ते कळू शकते. काही शब्दांचे अर्थ लिहूनही संकल्पना स्पष्ट होत नाही. त्याकरिता अर्थाचे स्पष्टीकरण करणारी चित्रेही दिलेली असतात. त्यावरून त्या शब्दाचा अर्थ कळतो. अशा प्रकारे शब्दकोश समर्पक अर्थ सांगतात.

(आ) शब्दकोश पाहण्याची उद्दिष्टे:

भाषिक समृद्धीसाठी प्रत्येक शब्दाचा योग्य अर्थ माहित करून घ्यावा लागतो. त्यासाठी शब्दकोश पहाणे गरजेचे असते. प्रत्येक शब्दाचा अर्थ कळणे, त्या अर्थाच्या छटा समजणे ही प्रमुख उद्दिष्टे आहेत. शब्दकोश म्हणजे काय हे कळण्यासाठी तो प्रत्यक्ष पाहणे, शब्दकोश हाताळता येणे आवश्यक असते. शब्दकोशाची गरज व महत्त्व लक्षात घेणे हे शब्दकोश पाहण्याचे उद्दिष्ट आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)

Class 8 Marathi Chapter 11 जीवन गाणे Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
शाळेत येताना दोन मित्रांमधील शब्दकोशासंबंधी संवाद लिहा.
उत्तरः
दोन मित्रांमधील शब्दकोशासंबंधीचा संवाद खालीलप्रमाणे:

  1. विनय: अरे विशाल, ‘गुण’ या शब्दाचा अर्थ तुला माहीत आहे?
  2. विशाल: हो! अरे परीक्षेत आपणास ‘गुण’ मिळतात ना.
  3. विनय: तू शब्दकोशात याचा अर्थ पहा. शब्द एक पण अर्थ अनेक असतात.
  4. विशाल: खरंच रे! आई नेहमी म्हणते दुसऱ्याचे चांगले ‘गुण’ घे.
  5. विनय: होय. संदर्भानुसार अर्थ बदलतात. म्हणून शब्दकोश हाताळण्याची सवय असावी. मग अडचण येत नाही.
  6. विशाल: चल आपण असे नवीन शब्द व त्याचे विविध अर्थ समजून घेऊ या.
  7. विनय: मी तर म्हणतो आपण शब्द बँकच तयार करू. तुला काय वाटते?
  8. विशाल: हो नक्कीच!

शब्दकोश (स्थूलवाचन) Summary in Marathi

पाठपरिचय:

दैनंदिन जीवनात आपण अनेक शब्द वापरतो. पण प्रसंगानुरूप त्यांचे अर्थ विविध असतात. ते समजून घेणे आवश्यक असते. त्याकरिता शब्दकोश अत्यंत उपयोगी पडतो. हे शब्द शब्दकोशातून कसे शोधता येतात त्याचे मार्गदर्शन या पाठातून मिळते.

We use many words in our day to day life. Words have different meanings according to their context. It is necessary to us understand the correct meaning of the term. In that case dictionary is very helpful to us. This lesson guides to understand how to search the words in the dictionary.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 12 शब्दकोश (स्थूलवाचन)

शब्दार्थ:

  1. दिन – दिवस – day
  2. दीन – गरीब – poor
  3. धडा – पाठ – lesson
  4. साम्य – सारखेपणा – similarity
  5. शब्दकोश – शब्दसंग्रह – dictionary
  6. उद्दिष्टे – प्रयोजन – aim
  7. सहजतेने – सोपेपणा – easily
  8. वर्णक्रम – अकारविल्हे – alphabetically
  9. आदय – प्रथम – first
  10. चटकन – त्वरीत – soon
  11. व्युत्पत्ती – शब्दांचा उगम सांगणारे शास्त्र – etymology
  12. समानार्थी प्रतिशब्द – पर्यायवाची – synonyms
  13. धातू – मुळ क्रियापदाचे रूप – the root (of a verb)
  14. क्रियापद – क्रियादर्शक शब्द – verb
  15. जोडाक्षरे – संयुक्त वर्ण – a compound letter
  16. समर्पक – योग्य – suitable
  17. शब्दमांडणी – शब्दरचना – word formation

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 11 जीवन गाणे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे (कविता)

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 11 जीवन गाणे Textbook Questions and Answers

1. आकृत्या पूर्ण करा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे 1

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

2. कवितेच्या आधारे खालील तक्ता पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
कवितेच्या आधारे खालील तक्ता पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे 2
उत्तरः

कवीला जगणे शिकवणारे घटक या घटकांपासून कवी काय शिकल
(अ) चंद्र, चांदणे (अ) जगणे
(आ) पणती (आ) जळणे
(इ) नदी (इ) जगणे
(ई) पक्षी (ई) सोसणे
(उ) सागर, वृक्ष (उ) अथांगता, स्थितप्रज्ञता

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

3. स्वमत

प्रश्न अ.
‘बिनभिंतीची शाळा, लाखो इथले गुरु’ हा विचार स्पष्ट करा.
उत्तरः
निसर्ग ही एक मोठी शाळा आहे. त्याला भिंती नाहीत. बसायला बाक नाही की शाळेची घंटा ही येथे नाही. शिक्षक म्हणजे निसर्ग व निसर्गातील प्रत्येक घटक. तेच माणसाला अनेक गोष्टी शिकवून जातात. निसर्गातील लहानशा अशा मुंगीकडून एकाच रांगेने शिस्तीने जाण्याचे धडे घेता येतात. मधमाशीकडून सतत कार्यशील राहण्याचा धडा गिरवता येतो.

झाडाकडून स्थितप्रज्ञता शिकता येते. कोणत्याही कठीण काळात नेटाने उभे राहणारे झाड आपले ‘गुरु’ होतात. नदीकडून अव्याहतपणे काम करण्याची प्रेरणा मिळते. नदी कधी थांबत नाही. प्रवाहशील असते. फुलांकडून सुगंध देणे म्हणजेच इतरांना सुखी कसे करावे, हे शिकता येते. पाण्याकडून निर्मळता शिकता येते. खरोखरच निसर्ग आपला गुरु आहे आणि असे हे बिनभिंतीच्या शाळेतले गुरु आपल्याला खूप गोष्टी शिकवतात.

प्रश्न आ.
‘दुसऱ्यासाठी घाव सोसणे’ या ओळीतील तुम्हांला कळलेला अर्थ तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
घाव सोसणे म्हणजे अतिशय वेदना सहन करणे. वृक्ष याचे उत्तम उदाहरण आहे. वृक्ष थंडी, ऊन, वारा, पाऊस यांच्याशी सामना करून प्रतिकूल परिस्थितीतही नेटाने उभे असतात. वाटसरूंना सावली देतात. स्वत: मात्र उन्हात तापत असतात. कोणी झाडावर दगड मारले, फांदया छाटल्या, घाव घातले तरी मुकाट्याने सहन करतात व आपली रसाळ फळेही देतात. माणसाने झाडाच्या लाकडाचा बांधकाम, फर्निचरसाठी उपयोग करून घेताना त्याच्यावर निर्दयीपणे करवत चालविली तरी ते झाड दुसऱ्यासाठी घाव सोसते, त्याला मदतच करते. स्वतः त्रास सहन करून दुसऱ्याला मदत करणारे झाड खऱ्या अर्थाने ऋषीमुनींसारखे स्थितप्रज्ञ आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

चर्चा करूया.

प्रश्न 1.
निसर्गातील कोणत्याही पाच गोष्टींपासून तुम्हांला काय काय शिकता येईल, याविषयी मित्रांशी चर्चा करा व वर्गात सांगा.

Class 8 Marathi Chapter 11 जीवन गाणे Additional Important Questions and Answers

पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे 3

चौकट पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
भरकटलेल्या जगात याची जाण नाही – [ ]
उत्तरः
संस्कारांची

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

प्रश्न 2.
पणत्या येथे आहेत – [ ]
उत्तरः
तुळशीवर

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
स्वैर होऊन नदी का पळते?
उत्तरः
सागराला भेटण्यासाठी स्वैर होऊन नदी पळते.

प्रश्न 2.
भरकटलेल्या जगात कुणाला कशाची जाण नाही?
उत्तरः
भरकटलेल्या जगात संस्कारांची कुणाला जाण नाही.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

प्रश्न 3.
दुसऱ्यांसाठी घाव कोण सोसतात?
उत्तरः
वृक्ष दुसऱ्यांसाठी घाव सोसतात.

कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे 4

प्रश्न 2.
कोणापासून काय शिकावे – चौकट पूर्ण करा.
उत्तरः
मंजुळ गाणे – [जगणे]

प्रश्न 3.
रिकामी जागा भरून खालील काव्यपंक्ती पूर्ण करा.

  1. ……………….. चंद्र चांदणे, जगणे मजला शिकवून गेले!
  2. ………………… त्या पणतीचे, जळणे मजला शिकवून गेले!
  3. प्रेम काय ते कुणा न ठावे नदी ……………….. जीव का लावे?

उत्तरः

  1. झिलमिलणारे
  2. तुळशीवरल्या
  3. सागरा

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

कृती 3: काव्यसौंदर्य.

खालील काव्यपंक्तींचा आशय स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
‘भरकटलेल्या जगात नाही, संस्कारांची जाण कुणाला’
उत्तरः
उपरोक्त पंक्ती ‘जीवन गाणे’ या कवितेतून घेतली असून कवी ‘नितीन देशमुख’ निसर्गातील प्रत्येक घटक आपणांस काही मूल्ये व संस्कार शिकवित असतात हे सोदाहरण पटवून देत आहेत. आजच्या धावपळीच्या युगात संस्कारांची वानवा आहे. प्रसिद्धी आणि पैसा मुख्य ध्येय मानून मूल्ये गुंडाळून ठेवली जात आहेत.

जग भरकटलेले आहे. चांगल्या गोष्टींची घसरण होत चालली आहे. पण याही काळात तुळशीपुढे तेवत असलेल्या पणतीने मला शिकवले, तू असाच जळत रहा. प्रकाश देत रहा. अंधार, अज्ञान दूर सारत रहा. आजुबाजूला असलेल्या अनेक घटकांमधून बोध घेण्यासारखा आहे. मातीच्या पणतीने मला जळत रहायला, पेटत रहायला शिकवले. पणतीचे रुपक प्रस्तुत कवितेत वापरले असल्याने आशयसौंदर्य निर्माण झाले आहे.

प्रश्न 2.
‘बुलंद तरीही असे हौसले, पिल्लासाठी किती सोसले’
उत्तरः
‘जीवन गाणे’ कवितेत ‘नितीन देशमुख’ यांनी जगण्याची कलाच शिकविली आहे. पक्षी झाडावर आपले घरटे बांधतो. एक एक काडी गोळा करून अत्यंत मेहनतीने छोटेसे घरटे साकारतो. त्यात तो आपला संसार उभारतो. पिल्लांना जन्म देतो. त्यांच्या दाणापाण्यासाठी तो दूर दूर भटकतो. दाणे गोळा करून इवल्याशा चोचीने पिल्लांना भरवतो. थंडी, ऊन, वारा, पाऊस यांचा सामना करतो. छोट्याशा पंखात बळ आणून उंच उंच उडतो. पिल्लांना मोठे करण्याचा निर्धार करून आकाशात झेप घेतो. त्यांच्याकरिता अपार झटतो. कष्ट सोसतो. या उदाहरणातून कष्टाला पर्याय नाही याची जाणीव होऊन ध्येय निश्चित करून, भक्कमपणे संकटांशी सामना करण्यास कवी शिकतो. या कवितेमध्ये हौसले-सोसले, चोचीमधले-गेले यांचे यमक साधले आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

प्रश्न 3.
दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
उत्तरः
1. कवी / कवयित्री – नितीन देशमुख
2. कवितेचा रचना प्रकार – निसर्ग कविता.
3. कवितेचा काव्यसंग्रह – किशोर मासिक, सप्टेंबर 1009
4. कवितेचा विषय – निसर्ग आपला गुरु असतो. त्याच्यापासून काही ना काही शिकता येते.
5. कवितेतून व्यक्त होणरा भाव (स्थायी भाव) – ही प्रेरणागीत, प्रेरणादायी कविता असून निसर्गाद्वारे जीवन जगण्याची प्रेरणा मिळते.
6. कवी/कवयित्रीची लेखन वैशिष्ट्ये – मार्मिक शब्दांचा उपयोग कवीने केला आहे. उदा. सोसले गेले

7. मध्यवर्ती कल्पना – निसर्ग आपणास अनेक गोष्टी फक्त नकळत शिकवित असते. तंत्रयुगातील जग आनंदापासून वंचित होत आहे. निसर्गाशी नाते जोडून निसर्गाकडून बन्याच गोष्टी शिकता येतील व जगण्याची प्रेरणा मिळेल.

8. कवितेतून व्यक्त होणार विचार – निसर्गातील सृष्टीचे मंजुळ गाणे कवीला शीतलता शिकवते. पणतीचे जळणे संस्कारांची जाण देते. नदी, पक्षी, सागर या गोष्टींकडून स्वैरता, आनंद, कष्ट, परिश्रम, गंभीरता इत्यादी गुणांचे दर्शन होते. जीवन जगण्यासाठी हे प्रेरणादायी ठरतात.

9. कवितेतील आवडलेली ओळ – सागराची अथांगता अन् वृक्षाची स्थितप्रज्ञता दुसऱ्यासाठी घाव सोसणे जगणे मजला शिकवून गेले.

10. कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे – मला ही कविता आवडली; कारण या कवितेतून मला निसर्गाकडे बघण्याचा सकारात्मक दृष्टीकोन मिळाला. निसर्गातून आपण अनेक गोष्टी शिकून आपले जीवन आनंददायी बनवू शकतो हा विश्वास निर्माण झाला.

11. कवितेतून मिळणारा संदेश – निसर्ग आपला गुरु असतो. निसर्गातील प्रत्येक घटकापासून आपण काही ना काही शिकत असतो. निसर्गाशी गाते जोडावे, त्याच्याकडून शिकावे व आपले जीवन समृद्ध करावे. तंत्रयुगात यंत्रजालातून आनंद देण्यासाठी निसर्गच आपणास सहाय्य करतो. निसर्गामुळे जगण्याची उमेद येते व ताण हलका होतो.

पुढील काव्यपंक्तींचे रसग्रहण करा.

प्रश्न 1.
‘या सृष्टीचे मंजुळ गाणे, जगणे मजला शिकवून गेले, झिलमिलणारे चंद्र चांदणे, जगणे मजला शिकवून गेले!
उत्तरः
नितीन देशमुख यांनी ‘जीवन गाणे’ कवितेत निसर्ग आपणास अनेक गोष्टी कळत नकळत शिकवून जातो असे सोदाहरण स्पष्ट केले आहे. सृष्टीतील मंजुळ गाण्याने मला जगण्याची प्रेरणा मिळते. झिलमिलणारे चंद्र व चांदणे मला प्रसन्न करतात. उत्साह निर्माण करतात. जगण्याची उमेद देताना कसे जगावे याचे भान देतात. चंद्र चांदण्यांची शीतलता मन शांत ठेवून कसे जगावे याचे धडे देते. गाणे-चांदणे याचे यमक साधले आहे. ‘झिलमिलणारे चंद्र चांदणे’ यात अनुप्रास साधल्याने काव्यसौंदर्य वाढले आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

प्रश्न 2.
भरकटलेल्या जगात नाही, संस्कारांची जाण कुणाला, तुळशीवरल्या त्या पणतीचे, जळणे मजला शिकवून गेले!
उत्तरः
तंत्रयुगात जग ‘आनंदा’पासून भरकटत चालले आहे. स्वैराचाराने मूल्ये हरवताना दिसत आहेत. संस्कार लोपले आहेत. स्वतः जळून दुसऱ्याला प्रकाश देणारी पणती कवीपुढे आदर्श आहे. सायंकाळी तुळशीपुढे तेवणारी पणती, तेवत राहून अंधाराचा नाश करते. प्रकाश देते. माणसानेही दुसऱ्यांना प्रकाश देण्यासाठी, मदत करण्यासाठी असेच कष्टाने तेवत राहिले पाहिजे. पणतीचे रुपक, भरकटलेले जग या संकल्पनांनी कवितेचे आशयसौंदर्य खुलले आहे. तुळशीची पवित्रता अर्थसौंदर्य निर्माण करते.

प्रश्न 3.
प्रेम काय ते कुणा न ठावे, नदी सागरा जीव का लावे? स्वैर होऊनी नदीचे पळणे, जगणे मजला शिकवून गेले!
उत्तरः
धावपळीच्या सदय युगात जो तो आपापल्या व्यापात गुंतला आहे. स्वार्थी झाला आहे. प्रेम करणे, समर्पण करणे, त्याग वगैरे तो विसरून गेला आहे. प्रेम म्हणजे जणू त्याला माहितच नाही, अशी स्थिती झाली आहे. पण निसर्ग प्रेम करायला शिकवतो. त्याग शिकवतो. समर्पणाची भावना शिकवतो. नदी सागराला जीव लावते. त्याच्या भेटीसाठी उत्सुकतेने स्वैर होऊन पळते, धावते व सागरात स्वत:ला समर्पण करते. स्वत:च सागर होऊन जाते. असे निखळ प्रेम नदीवाचून कुठे मिळेल?

नदी व सागराचे उत्तम उदाहरण त्याग, प्रेम व समर्पण ही मूल्ये शिकविते. मूल्यसहित जगणेच ‘जगणे’ असते हा अर्थ स्पष्ट करून कवितेस अर्थसौंदर्य प्राप्त करून दिले आहे. ठावे-लावे या शब्दांचे यमक आहे.

प्रश्न 4.
बुलंद तरीही असे हौसले, पिल्लासाठी किती सोसले, चिवचिवणाऱ्या चोचीमधले, दाणे मजला शिकवून गेले!
उत्तरः
ध्येय निश्चित करून ते साध्य करण्यासाठी अथक परिश्रम करणे गरजेचे असते, हे पक्षी व पिल्लू या उदाहरणाद्वारे दर्शविले आहे. एवढासा लहान पक्षी काडीकाडी जमवून घरटे बांधतो. पिल्ले जन्मास घालतो. त्याला दाणा-पाणी देण्यासाठी उंच उंच भराऱ्या घेतो. त्याच्या चोचीत दाणे घालतो. पिल्लाच्या पंखात बळ येईपर्यंत त्याच्यासाठी कष्ट सोसतो. निसर्गातील या उदाहरणाद्वारे परिश्रम करणे, कष्ट सोसणे याचा अर्थ कवीला उलगडतो व जीवन जगण्याची कला शिकवितो. हौसले-सोसले, मधले-गेले या शब्दांचे यमक असून ‘ध्येयपूर्तीसाठी झटणे’ या प्रेरणेने कवितेस आशयसौंदर्य प्राप्त झाले आहे.

प्रश्न 5.
सागराची अथांगता अन् ही, वृक्षाची स्थितप्रज्ञता, दुसऱ्यासाठी घाव सोसणे, जगणे मजला शिकवून गेले!
उत्तरः
सागर व वृक्ष हे निसर्गाचे घटक अत्यंत महत्त्वाचे आहेत. माणसाने उथळ विचार न करता समुद्राची गंभीरता व अथांगता आत्मसात केली पाहिजे. सागर सर्वसमावेशक आहे. तरीही खोल व शांत आहे. वृक्ष कोणत्याही हवामानात अचल, स्थिर उभे असतात. संकटांशी सामना करतात. प्रसंगी त्यांच्यावर घाव पडले तरी सहन करून मानवाला लाकूड, फळे, फुले, औषधे देतात. सावली देतात. मदतीचा हात देतात. दुसऱ्यासाठी घाव सोसूनही परोपकार करणारे वृक्ष खऱ्या अर्थी स्थितप्रज्ञ असतात. सागर व वृक्षाचे समर्पक उदाहरण देऊन कवितेस अर्थसौंदर्य प्राप्त झाले आहे. अथांगता, स्थितप्रज्ञता ही मूल्ये उद्धृत केली आहेत.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

व्याकरण व भाषाभ्यास

प्रश्न 1.
कवितेतील यमक जुळणारे शब्द लिहा.
उत्र:
गाणे – चांदणे, ठावे – लावे, सोसले – गेले, सागराची – वृक्षाची

प्रश्न 2.
पुढील शब्दांचे समान अर्थ असलेले शब्द कवितेतून शोधून लिहा.

  1. दिवा
  2. सुधाकर
  3. गोड
  4. कुमुद
  5. समुद्र
  6. सरिता
  7. झाड
  8. जखम

उत्तरः

  1. पणती
  2. चंद्र
  3. मंजुळ
  4. चांदणे
  5. सागर
  6. नदी
  7. वृक्ष
  8. घाव

जीवन गाणे Summary in Marathi

काव्यपरिचय:

निसर्ग आपला गुरू असतो. निसर्गातील प्रत्येक गोष्टीपासून काही ना काही शिकता येते. या कवितेत कवी नितीन देशमुख यांनी अनेक उदाहरणांद्वारे हे पटवून दिले आहे.

Nature is our guide. We can learn so many things from nature. The Poet Nitin Deshmukh has explained this by giving many examples in this poem.

भावार्थ:

या सृष्टीचे मंजुळ गाणे, जगणे मजला शिकवून गेले, झिलमिलणारे चंद्र चांदणे, जगणे मजला शिकवून गेले!

सृष्टीचा एक असीम आनंद असतो. सृष्टीचे मंजुळ गाणे कवीला जगण्याची प्रेरणा देते. आकाशातील झगमगणारे चंद्र तारे कवीला कसे जगावे ते शिकवून गेले. गाण्याची मधुरता, चांदण्यांची शीतलता जीवनात उतरावी असा कवीचा भाव आहे.

भरकटलेल्या जगात नाही, संस्कारांची जाण कुणाला, तुळशीवरल्या त्या पणतीचे, जळणे मजला शिकवून गेले!

आजच्या तंत्रयुगात मूल्य व संस्कारांचा बहुतेकांना विसर पडला आहे. भरकटलेल्या जगात संस्कारक्षम जगणे फारच कमी जणांना ठाऊक आहे. संध्याकाळी प्रार्थनेच्या वेळी तुळशीपुढे पणती लावली जाते. त्या पणतीनेही कवीला जळणे अर्थात अव्याहत कष्ट करणे शिकवले आहे.

प्रेम काय ते कुणा न ठावे, नदी सागरा जीव का लावे? स्वैर होऊनी नदीचे पळणे, जगणे मजला शिकवून गेले!

धावपळीच्या युगात कोणालाही कोणासाठी वेळ नाही. प्रेम काय असते कुणास ठाऊक नाही. ही हरवलेली प्रेमाची भावना व्यक्त करण्यासाठी कवीने नदी व सागराचे समर्पक उदाहरण दिले आहे. नदी सागराच्या प्रेमाच्या ओढीने स्वैरपणे वाहत सागरास जाऊन भेटते व त्यातच एकरूप होते. प्रेमासाठी जगण्याचा आदर्श कवी नदीकडून घेतो.

बुलंद तरीही असे हौसले, पिल्लासाठी किती सोसले, चिवचिवणाऱ्या चोचीमधले, दाणे मजला शिकवून गेले!

पक्षी आपल्या पिल्लांसाठी अपार कष्ट करतात. हौसले भक्कम ठेवतात. नेटाने कष्ट करून घरटे बांधतात. उंच उंच आकाशात चिमुकल्या पंखांनी झेप घेतात. चोचीत पिलांसाठी दाणे घेऊन येऊन त्यांना भरवतात. त्यांच्या पंखात बळ येईपर्यंत कष्टाने त्यांना वाढवतात. चोचीतील दाणे सहजासहजी मिळत नाही. त्यासाठी मेहनत करावी लागते. चिकाटीने प्रयत्न करावे लागतात. कष्टाचे, निर्धाराचे धडे कवीला पक्ष्यांकडून मिळतात.

सागराची अथांगता अन्, ही वृक्षाची स्थितप्रज्ञता, दुसऱ्यासाठी घाव सोसणे, जगणे मजला शिकवून गेले!

निसर्गातील विविध घटक आपल्याला काही ना काही मूल्ये व संस्कार शिकवत असतात. सागर अथांग पसरला आहे. त्याचा विस्तार खूप मोठा आहे. त्याची गंभीरता, खोली माणसाने शिकण्यासारखी आहे. वृक्ष स्वत:वरचे कु-हाडीचे घाव सहन करतो पण दुसऱ्याला लाकूड, फळे, फुले, सावली देतो. दुसऱ्यासाठी घाव सोसून परोपकार करणाऱ्या वृक्षांचा माणसाने आदर्श ठेवावा. जगायचे कसे हे समुद्र व वृक्ष शिकवतात.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 11 जीवन गाणे

शब्दार्थ:

  1. सृष्टी – निसर्ग – nature
  2. मंजुळ – गोड – sweet
  3. मजला – मला – me
  4. शिकवणे – धडे देणे – to teach
  5. भरकटणे – भटकणे – to go aimlessly
  6. जग – दुनिया – world
  7. संस्कार – चांगले विचार – virtue
  8. जाण – ओळख – acquaintance _
  9. तुळस – एक औषधी वनस्पती – holy basil plant
  10. पणती – दिवा – oil lamp
  11. स्वैर – मुक्त – free
  12. बुलंद – मजबूत, भक्कम – strong
  13. हौसले – निश्चय, निर्धार – determination
  14. पिल्लू – पक्ष्यांचे बाळ – chick
  15. सोसणे – सहन करणे – to bear
  16. चिवचिव – पक्ष्यांचा आवाज – chirping
  17. चोच – चंचू – beak
  18. दाणे – बी – grain of food
  19. सागर – समुद्र – sea
  20. अथांगता – खोली – depth
  21. वृक्ष – झाड – tree
  22. स्थितप्रज्ञता – स्थिर बुद्धी – tranquillity

वाक्प्रचार:

  1. जीव लावणे – प्रेम करणे
  2. घाव सोसणे – दुःख सोसणे

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 2 दो लघुकथाएँ Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ Textbook Questions and Answers

सूचना के अनुसार कृतियाँ करो :

संजाल पूर्ण करो:

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 1
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 6

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

उत्तर लिखो:

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 10
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 8

Question 2.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 11
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 7

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

विधानों के सामने चौखट में सही (✓) अथवा गलत (✗) चिह्न लगाओ:

Question 1.
जिह्वा ने अविवेक पूर्ण उत्तर दिया।
Answer:
(✗) गलत

Question 2.
दाँत घमंडी थे।
Answer:
(✓) सही

Question 3.
सभी अपराधियों को नियमानुसार सजा नहीं हुई।
Answer:
(✗) गलत

Question 4.
ठेकेदार पुराना था।
Answer:
(✗) गलत

Question 5.
उच्च अधिकारी ईमानदार थे।
Answer:
(✓) सही

उचित जोड़ियाँ मिलाओ:

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 3
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 12

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

स्वयं अध्ययन

किसी ग्रामीण और शहरी व्यक्ति की दिनचर्या की तुलनात्मक जानकारी प्राप्त करके आपस में चर्चा करो।

भाषाबिंदु

निम्नलिखित शब्दों के आधार पर मुहावरे लिखकर उनका अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए।

(नाक, दाँत, गला, मुँह)

(१) नाकः
Answer:

  • नाक रगड़ना – गिड़गिड़ाना : अपनी इस अकड़ के कारण तुम्हें सभी के सामने एक दिन अपनी नाक रगड़नी पड़ेगी।
  • नाक में दम करना – बहुत परेशान करना : इन बच्चों ने सभी के नाक में दम कर दिया है।
  • नाक – भौं सिकुड़ना – घृणा करना : अच्छा हो या बुरा… उसकी तो आदत ही है, नाक – भौं सिकोड़ने की।

(२) दाँतः
Answer:

  • दाँत खट्टे करना – हरा देना : युदध में भारतीय सेना ने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिए हैं।
  • दाँत पीसना – गुस्सा होना : तुम अपनी यह दाँत पीसने की आदत छोड़ दो।
  • दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्य चकित होना : जादूगर का खेल देखकर सभी ने दाँतों तले उँगलियाँ दबा लीं।

(३) गला:
Answer:

  • गला फाड़ना – जोर से चिल्लाना : वह गला फाड़कर अपनी दवा का विज्ञापन कर रहा था।
  • गला काटना – हानि पहुँचाना : इस तरह का दुर्व्यवहार कर तुम दूसरों का गला काट रहे हो। यह उचित नहीं है।
  • गले का हार होना – बहुत प्रिय होना : हर बेटा अपनी माँ के गले का हार होता है।

(४) मुँह:
Answer:

  • अपना-सा मुँह लेकर रह जाना – अपमानित होने के बाद हताश होना : परीक्षा में फेल हो जाने पर वह अपना-सा मुँह लेकर रह गया।
  • मुँह बनाना – चेहरे पर अप्रसन्नता का भाव प्रकट करना : पिता जी ने मनचाही वस्तु नहीं लाई। इसलिए राहुल ने तुरंत अपना मुँह बना लिया।
  • मुँह बंद कर देना – चुप कर देना : पिता जी ने गुस्से में घर आकर सभी का मुँह बंद कर दिया था।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

उपयोजित लेखन

‘जल के अपव्यय की रोकथाम’ संबंधी चित्रकला प्रदर्शनी का आकर्षक विज्ञापन तैयार कीजिए।
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 9

पठनीय

‘श्रमप्रतिष्ठा का महत्त्व’ इस विषय पर निबंध लिखिए।
Answer:
श्रम यानी ‘मेहनत करना।’ श्रम ही जीवन है। श्रम ही संपत्ति है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को श्रम करना चाहिए। श्रम की पूजा करनी चाहिए; तब जाकर श्रमिक को समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। श्रम के बिना व्यक्ति सफल नहीं हो सकता। श्रम करने से ही कार्य सिद्ध होता है। परिश्रम मानवीय गुण है। श्रम करने से व्यक्ति का मन प्रसन्न रहता है। श्रम करने वाले व्यक्ति को समाज में सम्मान मिलता है। मजदूर दिनभर पुल या सड़क बनाने का काम करता है। वह सूरज की कड़ी धूप व बारिश में भी काम करता है। तब जाकर सड़क, पुल का निर्माण होता है।

किसान खेती करता है। वह दिन-रात मेहनत करता है। इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज उपलब्ध होता है। ताजमहल का निर्माण करने में कारीगरों को कई वर्ष लगे। तब जाकर उनकी मेहनत रंग लाई व भव्य वास्तु – शिल्पकला का निर्माण किया। देश को आजादी दिलाने के लिए कई वीरों ने दिन-रात संघर्ष किया। आज विज्ञान के क्षेत्र में जो चतुर्दिक प्रगति हुई है। इसके पीछे कई वैज्ञानिकों का अथक श्रम है। यह सब उनके श्रम का ही फल है कि हम आजाद भारत में विज्ञान का सुख भोग रहे हैं। अत: स्पष्ट है कि श्रम मनुष्य जाति व राष्ट्र की उन्नति के लिए नितांत आवश्यक है।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ Additional Important Questions and Answers

प्रश्न १ (क) निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (१) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 19
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 13

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

कारण लिखिए।

Question 1.
अधिकारी महोदय ने ठेकेदार को कहीं और जाने के लिए कहा।
Answer:
क्योंकि उसके काम के प्रति वे संतुष्ट नहीं थे।

Question 2.
अधिकारी ने ठेकेदार का काम बंद करवाने की बात की।
Answer:
क्योंकि उसके काम में पर्याप्त सुधार नहीं आया था।

कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 20
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 14

कृति क (२) आकलन कृति

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

  1. ठेकेदार
  2. अधिकारी

Answer:

  1. कौन नया था?
  2. नींव की दीवार पर किसने निगाह डाली?

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

समझकर लिखिए।

Question 1.
किसने किसको पाठ पढ़ाने का निश्चय किया?
Answer:
नए ठेकेदार ने संबंधित अधिकारी को।

Question 2.
अधिकारी किसलिए गुस्सा होते थे?
Answer:
क्योंकि वे नए ठेकेदार से रिश्वत चाहते थे।

कृति क (३) शब्द संपदा

मानक वर्तनी के अनुसार शब्द शुद्ध लिखिए।

  1. ईण्ट
  2. सम्बधित
  3. बन्द
  4. परयाप्त

Answer:

  1. इंट
  2. संबंधित
  3. बंद
  4. पर्याप्त

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

लिंग बदलिए।

  1. ठेकेदार
  2. अधिकार

Answer:

  1. ठेकेदारनी
  2. अधिकारिनी

विलोम शब्द लिखिए।

  1. नया
  2. गरम
  3. असंतोष
  4. व्यक्त

Answer:

  1. पुराना
  2. ठंडा
  3. संतोष
  4. अव्यक्त

निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. दिन
  2. गरम

Answer:

  1. दिवस
  2. उष्ण

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कृति क (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
क्या रिश्वत देना व रिश्वत लेना दोनों ही कानूनन अपराध हैं? अपने विचार लिखिए।
Answer:
जी हों, रिश्वत देना व लेना दोनों ही कानूनन अपराध हैं। इसके लिए कानून द्वारा सख्त नियम तैयार किए गए हैं। जो व्यक्ति रिश्वत लेता है उसे पकड़ने जाने पर सजा तो होती ही है, साथ ही जो रिश्वत देता है वह भी कानून की नजर में अपराधी होता है। रिश्वत के लेन-देन के कारण देश का विकास नहीं होता है और सर्वसाधारण लोगों को कई कष्ट झेलने पड़ते हैं। रिश्वत के दम पर ही कई अवैधानिक कामों को अंजाम दिया जाता है। इसलिए रिश्वत लेना व रिश्वत देना दोनों ही कानूनन अपराध हैं।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कति ख (१) आकलन कृति

किसने, किससे कहा?

Question 1.
कुछ एक भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ही पूरा प्रशासन बदनाम होता है।
Answer:
यह वाक्य उच्च अधिकारी ने नए ठेकेदार से कहा।

गलत वाक्य सही करके लिखिए।

Question 1.
अधिकारी महोदय व उच्च अधिकारी का सार्वजनिक समारोह में सम्मान किया गया।
Answer:
ठेकेदार व उच्च अधिकारी का सार्वजनिक समारोह में सम्मान किया गया।

Question 2.
ठेकेदार ने उच्च अधिकारी महोदय को रिश्वत दे दी।
Answer:
ठेकेदार ने अधिकारी महोदय को रिश्वत दे दी।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

कृति ख (२) आकलन कृति

उत्तर लिखिए।

Question 1.
इसने शिकायत की।
Answer:
नए ठेकेदार ने।

Question 2.
इसके खिलाफ शिकायत की।
Answer:
अधिकारी महोदय के खिलाफ।

Question 3.
शिकायत का नतीजा।
Answer:
अधिकारी महोदय को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।

Question 4.
इसके पास शिकायत दर्ज हुई।
Answer:
उच्च अधिकारी के पास।

उचित घटनाक्रम लगाकर वाक्य फिर से लिखिए।

Question 1.
उच्च अधिकारी महोदय का आगमन हुआ।
Answer:
अधिकारी महोदय निरीक्षण करने आए।

Question 2.
ठेकेदार और उच्च अधिकारी की ईमानदारी का समाचार चारों तरफ फैल गया।
Answer:
अधिकारी प्रसन्न होकर जाने लगा।

Question 3.
अधिकारी प्रसन्न होकर जाने लगा।
Answer:
उच्च अधिकारी महोदय का आगमन हुआ।

Question 4.
अधिकारी महोदय निरीक्षण करने आए।
Answer:
ठेकेदार और उच्च अधिकारी की ईमानदारी का समाचार चारों तरफ फैल गया।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

उचित जोड़ियाँ लगाइए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 24
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 15

विलोम शब्द लिखिए।

  1. बुरा
  2. उच्च
  3. एक
  4. प्रसन्न

Answer:

  1. अच्छा
  2. निम्न
  3. अनेक
  4. अप्रसन्न

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए।

  1. ठेका लेने वाला।
  2. नगर, संस्था आदि के अधिकारों, कर्तव्यों को कार्य रूप देना।

Answer:

  1. ठेकेदार
  2. प्रशासन

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निम्नलिखित शब्दों के अर्थ गद्यांश के आधार पर लिखिए।

  1. परिणाम
  2. सजा

Answer:

  1. नतीजा
  2. दंड

निम्नलिखित शब्द से उपसर्ग अलग कीजिए और संबंधित उपसर्ग से अन्य दो शब्द बनाइए।

Question 1.
अधिकारी
Answer:
अधिकारी : उपसर्ग : अधि अन्य दो शब्द : अधिकरण, अधिकार

Question 2.
बदनाम
Answer:
बदनाम : उपसर्ग बद अन्य दो शब्द : बदसूरत, बदमाश

कृति ख (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘बुरे काम का बुरा नतीजा’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
हिंदी में कहा गया है कि बुरे काम का नतीजा बुरा होता है। यदि हम दूसरों के लिए गड्ढा खोदने का काम करेंगे, तो हम स्वयं ही उसमें जाकर गिरेंगे। आखिर, जैसा करोगे; वैसा भरोगे। गीता में भगवान कृष्ण ने स्वयं बताया है कि मानव को उसके कर्म का फल यही पर रहकर ही भुगतान पड़ता है। जो जैसा करता है; वैसा ही फल पाता है। यदि एक छात्र पूरे वर्ष कुछ भी पढ़ाई न करेगा, तो वह अंतिम परीक्षा में असफल हो जाएगा। अंत में उसे अपने लापरवाही का परिणाम भुगतना ही पड़ेगा। अत: स्पष्ट है कि किसी भी बुरे काम का परिणाम सदैव बुरा ही होता है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (१) आकलन कृति

समझकर लिखिए।

  1. इसलिए दाँत दुस्साहसी हो गए थे।
  2. ये हो गए थे गर्व में चूर।

Answer:

  1. पंक्तिबद्ध व एकजुट रहने के कारण
  2. दाँत

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कृति पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 21
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 16

Question 2.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 22
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 17

Question 3.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 23
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ 18

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

कृति ग (३) शब्द संपदा

नीचे लिखे शब्दों में उचित प्रत्यय लगाइए।

  1. जवान
  2. कृपा

Answer:

  1. जवान + ई – जवानी
  2. कृपा + लु – कृपालु

लिंग पहचानिए।

  1. नम्रता
  2. दाँत

Answer:

  1. स्त्रीलिंग
  2. पुल्लिंग

वचन बदलिए।

  1. मित्र
  2. मैं

Answer:

  1. मित्रगण
  2. हम

गोश में आए विलोम शब्द की जोड़ी ढूँढकर लिखिए।

  1. जवान

Answer:

  1. बद्ध

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कृति ग (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘घमंड मनुष्य के विनाश का कारण बन जाता है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
घमंड ऐसी स्वाभाविक कुवृत्ति है जो मनुष्य का नाश कर डालती है। जिसके हृदय में घमंड होता है; वह जिंदगी में कुछ भी नहीं कर सकता है। घमंड मनुष्य का शव होता है। घमंड करने के कारण व्यक्ति को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। रावण वेदों का ज्ञाता था फिर भी घमंड करने के कारण उसका विनाश हो गया। दुर्योधन वीर था, फिर भी घमंड करने के कारण उसका विनाश हो गया। घमंड के कारण व्यक्ति अपने अंदर के ज्ञान को भूल जाता है और वह पतन की ओर बढ़ने लगता है। कहा भी गया है कि घमंडी का सिर नीचा होता है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (१) आकलन कृति

कारण लिखिए।

Question 1.
सभी दाँतों से थर्राते हैं।
Answer:
दाँतों के कड़े और नुकीलेपन के कारण सभी उनसे धरतेि हैं।

Question 2.
सभी दाँत निरूत्तर हो गए।
Answer:
जीभ ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि दंत चिकित्सक एक एक को बाहर कर देगा। यह सुनकर सभी दाँत निरूत्तर हो गए।

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

  1. गहरी
  2. दंत चिकित्सक

Answer:

  1. दाँतों की जड़े कैसी हैं?
  2. दाँतों को बाहर कौन कर देता है?

किसने, किससे कहा?

Question 1.
हम सब मिलकर तुझे घेरे खड़े हैं।
Answer:
यह वाक्य दाँतों ने जीभ से कहा।

Question 2.
मुझमें पूरी दुनिया को प्रभावित करने और झुकाने की क्षमता है।
Answer:
यह वाक्य दाँतों ने जीभ से कहा।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 2 दो लघुकथाएँ

समझकर लिखिए।

Question 1.
गद्यांश में प्रयुक्त एक काव्य पंक्ति लिखिए।
Answer:
किसी को पसंद नहीं सख्ती बयान में तभी तो दी नहीं हड्डी जबान में।

कृति घ (३) शब्द संपदा

Question 1.
निम्नलिखित गद्यांश से उपसर्ग व प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
उपसर्गयुक्त शब्द : निरूत्तर : उपसर्ग : निर
प्रत्यययुक्त शब्द : विवेकपूर्ण : प्रत्यय : पूर्ण शक्तिशाली : प्रत्यय : शाली

विलोम शब्द लिखिए।

  1. विवेक
  2. विनम्रता

Answer:

  1. अविवेक
  2. कठोरता

वचन बदलिए।

  1. जड़ें
  2. हड्डी

Answer:

  1. जड़
  2. हड्डियाँ

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कृति घ (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘विनम्रता सारे सदगुणों की नींव है’ पर आधारित अपने विचार लिखिए।
Answer:
विनम्रता मनुष्य को मिला प्रकृतिप्रदत्त एक खूबसूरत उपहार है। इसके द्वारा हम स्वयं पर ही नहीं, बल्कि दूसरों पर भी सकारात्मक प्रभाव निर्माण कर सकते हैं। विनम्रता में शांति की स्थापना करने की शक्ति होती है। वह कठोर से कठोर व्यक्ति को मृदु बनाने की क्षमता रखती है। विनम्रता के कारण मनुष्य का व्यक्तित्व ऊँचा उठता है। व्यक्ति विनम्र होकर ही योग्य पात्रता हासिल कर सकता है। विनम्र होकर समग्रता से ग्रहण करना सीखते हैं। विनम्रता के कारण हम दूसरों से जुड़ जाते हैं। जो व्यक्ति अपने जीवन में विनम्र रहता है। उसका समाज में अस्तित्व हमेशा बना रहता है। विनम्रता को स्वीकार करने के कारण ही सिद्धार्थ गौतम ‘बुद्ध’ बन गए। विनम्रता मनुष्य को महान बनाती है। अत: स्पष्ट है कि विनम्रता ही सारे सद्गुणों की नींव है।

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का? Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का? Textbook Questions and Answers

1. पुढील वाक्ये कोणत्या प्राण्यासंदर्भात आहेत त्या प्राण्याचे नाव लिहा.

प्रश्न अ.
“जन्मापासून आंधळी आहे ती!” [ ]
उत्तरः
मांजरी

प्रश्न आ.
“सावरीच्या कापसाचे जणू मऊमऊ गोळेच!” [ ] पिलं
उत्तरः
कुत्रीची
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

2. आकृत्या पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 1
उत्तरः
अ.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 2
आ.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 3
इ.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 4

ई.
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3. ‘सर्वच प्राणी माणसाच्या प्रेमासाठी भुकेलेले असतात’ हे विधान पाठाच्या आधारे पटवून दया. 

प्रश्न 1.
‘सर्वच प्राणी माणसाच्या प्रेमासाठी भुकेलेले असतात’ हे विधान पाठाच्या आधारे पटवून दया.
उत्तरः
मुके प्राणी हे माणसाच्या प्रेमासाठी नेहमीच भुकेलेले असतात. माणसांनी गोंजारलेले, मिशा, डोक्यावरुन फिरवलेला मायेचा हात त्यांना नेहमीच हवा असतो. त्या क्रियेतून, भावनेतून प्रकट झालेली माया, आर्जवता, प्रेम हे प्राण्यांना कळत असते. लेखिकेचे मांजरांना खाजवणे, कुरवाळणे या ममतेच्या स्पर्शानी मांजरे खूश होऊन पोटातून ‘गुर्रगुर्र’ असा आवाज काढून समाधानाची पावती देतात.

प्राण्यांना प्रेमाने जवळ घेतले की ती आपली होतात. माणसांपेक्षाही अधिक लळा लावतात. प्राण्यांमध्येही एक लहान मूल, बालकत्व असते. ती प्रेमाची, मायेची भूकलेली असतात. त्यांच्या डोळ्यातही एक अफाट कारुण्य असतं. त्याची जाणीव माणसाला व्हायला पाहिजे व मुक्या प्राण्यांवर प्रेम केले पाहिजे.

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व्याकरण व भाषाभ्यास

(अ) कंसातील शब्दसमूहांचा वाक्यातील रिकाम्या जागी वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा. (लक्ष वेधून घेणे, आवाहन करणे, निभाव लागणे)

प्रश्न अ.
सुधाकरचा कबड्डीच्या सामन्यात आपल्या मित्रासमोर काहीच ………………………………
उत्तरः
सुधाकरचा कबड्डीच्या सामन्यात आपल्या मित्रासमोर काहीच निभाव लागला नाही.

प्रश्न आ.
चिमुकली मिताली आपल्या आवाजाने सगळ्यांचे ………………………….
उत्तरः
चिमुकली मिताली आपल्या आवाजाने सगळ्यांचे लक्ष वेधून घेते.

प्रश्न इ.
पोलिसांनी गावकऱ्यांना मदतीसाठी ………………………….
उत्तरः
पोलिसांनी गावकऱ्यांना मदतीसाठी आवाहन केले.

(आ) दिलेल्या शब्दांपुढे कंसातील विरुद्धार्थी शब्द लिहा. (इवले, शांत, खरखरीत)

प्रश्न (आ)
दिलेल्या शब्दांपुढे कंसातील विरुद्धार्थी शब्द लिहा. (इवले, शांत, खरखरीत)
(अ) रागीट
(आ) मोठे
(इ) मऊमऊ
उत्तरः
(अ) शांत
(आ) इवले
(इ) खरखरीत

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(इ) जोडशब्द लिहा.

प्रश्न (इ)
जोडशब्द लिहा.
(अ) चढ
(आ) अंथरुण
(इ) इकडून
(ई) आले
उत्तरः
(अ) उतार
(आ) पांघरूण
(इ) तिकडून
(ई) गेले

विचार करा. सांगा.

प्रश्न 1.
आम्हांला तुमची गरज आहे; तुम्हांला आम्ही हवे आहोत का? या वाक्यातून तुम्हांला प्राण्याबाबतची जाणवणारी संवेदनशीलता तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
हे वाक्य प्राण्यांच्या तोंडचे आहे. इस्पितळातील असहाय्य प्राणी आपल्याला सूचवित आहेत की आम्ही समाजाचेच घटक आहोत. जैव विविधतेचे सभासद आहोत. पर्यावरणासाठी उपयुक्त आहोत. तेव्हा आम्हांला तुम्ही सांभाळले तर पर्यावरण संतुलन राहील. मानवाला लाभच होईल. आम्हांला तुम्ही हवे आहात पण तुम्ही आमच्यावर प्रेम कराल नं? आम्ही तुम्हांला हवे आहोत का? असा मार्मिक सवाल प्राणी करीत आहेत व आपल्याला विचार करण्यास प्रवृत्त करीत आहेत.

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प्रश्न 2.
लेखिकेने अनुभवलेली इस्पितळातील प्राण्यांची दुनिया तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
लेखिकेने प्राण्यांच्या इस्पितळाला भेट दिली. कुत्र्यांचे, मांजराचे विविध भाग न्याहाळले. त्यातील सोयी कशा आहेत ते पाहिले. प्राण्यांना हवे असलेले प्रेम तिला जाणवले. प्रत्येक प्राणी प्रेमाकरिता आसुसला होता. आम्हांला घरी जायचेच आम्हांला कुरवाळा, आम्ही तुम्हांला हवे आहोत का? जणू असे आपल्या डोळ्यांनी बोलत होता. कोणी चिडून तर कोणी शांतपणे पेशंटच्या भूमिकेत बसले होते. भरतने सर्व इस्पितळ दाखविले. छानशी माहिती दिली. तेथून बाहेर पडतांना लेखिकेला वाटले आज आपण एक वेगळेच जग पाहिले.

लिहिते होऊया.

प्रश्न 1.
पाऊस कोसळत असताना एक कुत्र्याचे छोटे पिल्लू दाराशी येऊन बसले आहे, अशावेळी तुम्ही काय कराल ते लिहा. किंवा कुत्र्याचे पिल्लू भर पावसात दारात आले तर तुम्ही कोणती काळजी घ्याल?
उत्तरः
भर पावसात कुत्र्याचे पिल्लू दारात आले तर मी प्रेमाने स्वागतच करीन, त्याचे ओले अंग मऊ कापडाने पुसून घेईन. त्याला मऊ सुती कापडाचे अंथरुण तयार करून देईन. एक वाटी दूधाची व एक वाटी खाऊची त्याच्याजवळ ठेवीन. त्याच्या पाठीवरुन प्रेमाने हात फिरवून त्याला आपलेसे करीन. पावसात जाऊ देणार नाही. त्याला कुशीत घेऊन मायेची ऊबही देईन.

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प्रश्न 2.
मित्रमैत्रिणींमध्ये चर्चा करून ‘जैव विविधतेची गरज’ या विषयावर आठ ते दहा ओळी लिहा.
उत्तरः
जैव विविधता म्हणजे पृथ्वीवरील निरनिराळे सजीव. सामान्यपणे जैव विविधता म्हणजे जातिमधील विविधता व जीवशास्त्रीय संपन्नता. जैव विविधता परिसंस्था टिकवते. निसर्गातील कार्बनडायऑक्साईडचे चक्र सुरळीत ठेवते. सर्व घटक संतुलित ठेवते. म्हणून जलचक्र ही सुरक्षित राहते. पाणी शुद्ध ठेवते. जमिनीची धूप थांबवते. जैव विविधतेच्या नाशामुळे मानवी आरोग्य धोक्यात येईल. वेगवेगळे आजार होतील. बर्ड फ्ल्यू, स्वाईन फ्ल्यू चे विषाणू पसरतील. अगदी कीटकही आपणास उपयुक्त आहेत. परागकण पसरवून ते झाडांची निर्मिती करतात. त्यामुळे परिसंस्था टिकते. पर्यावरण संरक्षण आणि जैव विविधता संवर्धन कायदा 1999 चा अभ्यास करून जैव विविधता संपन्न करू या.

उपक्रम:

तुमच्या परिसरातील ज्या घरी पाळीव प्राणी आहेत अशा पाच घरांना भेटी दया. त्या घरातील लोक पाळीव
प्राण्यांची काळजी कशी घेतात याची खालील मुद्द्यांच्या आधारे माहिती मिळवा व वर्गात सांगा.
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सूचनाफलक

प्रश्न 1.
सूचनाफलक तयार करणे.

एखाद्या गोष्टीची माहिती दुसऱ्यांपर्यंत पोहोचवण्याचे सूचना हे एक माध्यम आहे. दैनंदिन व्यवहारात अनेक ठिकाणी आपल्याला सूचना याव्या लागतात. दुसऱ्याने दिलेल्या सूचना वाचून त्याचा अर्थ समजून घ्यायचा असतो. अपेक्षित कृती योग्य तव्हेने होण्यासाठी दिलेल्या सूचनांचे आकलन होण्याचे कौशल्य निर्माण व्हायला हवे. यापूर्वी तुम्ही सूचनाफलक या घटकाचा अभ्यास केलेला आहे. या इयत्तेत तुम्ही स्वतः सूचनाफलक तयार करायला शिकणार आहात.

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प्रश्न 2.
सूचनाफलकाचे विषय

  1. शाळेतील सुट्टीच्या संदर्भात सूचना.
  2. सहलीसंदर्भात सूचना.
  3. रहदारीसंबंधी सूचना.
  4. दैनंदिन व्यवहारातील सूचना.

प्रश्न 3.
सूचना तयार करताना लक्षात घ्यायच्या गोष्टी

  1. सूचना कमीत कमी शब्दांत असावी.
  2. सूचेनेचे लेखन स्पष्ट शब्दांत, नेमके व विषयानुसार असावे.
  3. सूचनेतील शब्द सर्वांना अर्थ समजण्यास सोपे असावेत.
  4. सूचनेचे लेखन शुद्ध असावे.

प्रश्न 4.
सूचनाफलक तयार करा. त्यासाठी खालील नमुना कृतींचा अभ्यास करा.
विषय- ‘उदया शहरातील पाणीपुरवठा बंद राहील.’
नमुना कृती 1
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विषय- ‘कणखर’ गिर्यारोहण संस्थेतर्फे कॅम्पचे आयोजन.
नमुना कृती 2
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प्रश्न 5.
तुमच्या शाळेत सांस्कृतिक कार्यक्रमाचे आयोजन करण्यात आले आहे. हा कार्यक्रम पाहण्यासाठी पालकांना आवाहन
करणारा सूचनाफलक तयार करा.

भाषासौंदर्य

प्रश्न 1.
खालील म्हणी पूर्ण करा.

  1. मूर्ती लहान पण ………………. .
  2. शितावरून …………………….. .
  3. सुंठीवाचून …………………….. .
  4. …………………. सोंगे फार.
  5. …………… खळखळाट फार.
  6. दोघांचे भांडण ……………… .
  7. ………………… सव्वालाखाची.
  8. ………………… चुली.
  9. ……………….. आंबट.
  10. अंथरूण पाहून…………… .
  11. इकडे आड…………………. .
  12. ………………… गावाला वळसा.

Class 8 Marathi Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का? Additional Important Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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2. वाक्यपूर्ती करा.

प्रश्न 1.
1. ‘आम्हांला तुमची गरज आहे;
2. माणसाच्या दयाबुद्धीला, करुणेला ………..
उत्तरः
1. ‘आम्हांला तुमची गरज आहे; तुम्हांला आम्ही हवे आहोत का?
2. माणसाच्या दयाबुद्धीला, करुणेला मुक्या प्राण्यांना केलेलं ते आवाहन होतं.

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कृती 2: आकलन कृती

खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
जनावरांचे इस्पितळ कुठे आहे?
उत्तरः
मुंबईच्या परळ भागात जनावरांचे इस्पितळ आहे.

प्रश्न 2.
गलेलठ्ठ बोका काय करत होता?
उत्तरः
गलेलठ्ठ बोका आपल्या मिशा साफ करत बसला होता.

प्रश्न 3.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 4.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः
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कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
विशेषण व विशेष्य यांच्या जोड्या लावा.

विशेषण विशेष्य
1.  छोटीशी अ. तसबीर
2. गलेलठ्ठ आ. रंग
3. उदी इ. बोका
4. मोठी ई. इमारत

उत्तर:

विशेषण विशेष्य
1. छोटीशी ई. इमारत
2. गलेलठ्ठ इ. बोका
3. उदी आ. रंग
4. मोठी अ. तसबीर

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प्रश्न 2.
खालील शब्दांचा, शब्दसमूहांचा वाक्यात उपयोग करा.
उत्तर:
1. योग येणे – वाक्य: आज ताजमहालचा ‘लाईट शो’ पाहण्याचा योग आला.
2. कार्यालय – वाक्यः सरकारी कार्यालय कागदपत्रांनी भरलेले असते.

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
अफाट आणि निरपेक्ष प्राणी प्रेमाचे तुम्ही अनुभवलेले वा वाचलेले एखादे उदाहरण तुमच्या शब्दांत थोडक्यात मांडा.
उत्तर:
निरपेक्ष प्राणीप्रेम म्हणजे डॉ. प्रकाश आमटे. जणू प्राणी आणि डॉ.प्रकाश हे समीकरणच जुळले आहे. त्यांनी आदिवासींच्या सेवेसह हेमलकसा येथे अनाथ प्राण्यांचाही सांभाळ केला आहे. ज्यांची आई मेली, अशा प्राण्यांना भक्ष्य न होऊ देता त्यांनी प्राणी अनाथालयात आणले. त्यांना हवा असलेला आहार, औषध-पाणी या गोष्टींची सोय केली. सर्वांत महत्त्वाचे म्हणजे त्यांच्यावर पोटच्या मुलासारखे ते प्रेम करतात.

त्यांच्या संग्रहालयात कोल्हे, चित्ते, जंगली मांजरी, सांबर, हरिण, रानडुकरे, ससे, साप, अजगर, मगरी, सुसरी, नीलगाई आणि अन्य बरेच प्राणी आहेत. त्यांच्याशी ते गळाभेट करतात, त्यांच्याशी बोलतात, त्यांना गोंजारतात. हे सर्व प्राणी म्हणजेच त्यांचा परिवार आहे, इतक्या आपुलकीने व दयाबुद्धीने ते वागतात. www. anandwan.in या आंतरजालावर भेट देऊन त्यांचे कार्य पाहून आपण सारेच भूतदया शिकूया.

प्रश्न 2.
पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
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प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
1. बोक्याचे डोके कुरवाळले – [साहेबांनी]
2. इस्पितळ पाहण्याची परवानगी मागितली – [लेखिका]

कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
कोण कोणास म्हणाले?
“बाई, हा मांजराचा विभाग बघायचाय?”
उत्तरः
भरत लेखिकेस म्हणाले.

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2. खालील प्रश्नांची उत्तरे एका वाक्यात लिहा.

प्रश्न 1.
प्रत्येक खोलीत कोण होते?
उत्तरः
प्रत्येक खोलीत एक एक पेशंट होता.

प्रश्न 2.
लेखिकेने उत्सुकतेने कोठे पाऊल टाकले?
उत्तरः
लेखिकेने उत्सुकतेने मांजरांच्या विभागात पाऊल टाकले.

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. मोठे
  2. अस्वच्छ
  3. डावीकडे
  4. बाहेर

उत्तरः

  1. छोटे
  2. स्वच्छ
  3. उजवीकडे
  4. आत

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प्रश्न 2.
वचन बदलाः

  1. कट्टा
  2. जाळी
  3. पेशंट
  4. ओटा
  5. विभाग
  6. खण

उत्तरः

  1. कट्टे
  2. जाळ्या
  3. पेशंट
  4. ओटे
  5. विभाग
  6. खण

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
तुम्ही प्राण्यांचा डॉक्टर (व्हेटरनरी) झालात तर प्राण्यांवर कसे उपचार कराल? तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
डॉक्टर सदैव पेशंटला मानसिक आधार देतात. त्यानेच त्यांचा अर्धा रोग बरा होतो. मी प्रेमाने प्राण्यांना कुरवाळेन. त्यांना गोंजारून त्यांच्याशी बोलेन. स्पर्शाची भाषा त्यांना लवकर कळते. मग योग्य ते औषधोपचार करून त्यांना बरे करीन.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 13

प्रश्न 2.
कोण ते लिहा.
उत्तरः

  1. हिरव्या डोळ्यांनी, व्याकुळ नजरेने बघणारा – [काळाभोर बोका]
  2. कावरंबावरं झालेलं – [कबरं पिलू]
  3. चिडलेल्या वाघिणीसारखी – [एक मांजरी]
  4. आपल्या पंजानं तोंड, मिशा, ठिपक्याचं डोळे पुसून साफ करणारे – [ठिपक्याचं मांजर]

प्रश्न 3.
सकारण लिहा. एक मांजर खूप आजारी असावं –
उत्तरः
कारण ते डोळे मिटून पुढल्या दोन पंजांवर तोंड ठेवून गप पडलं आहे.

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
एक ते दोन शब्दांत उत्तर लिहून चौकट पूर्ण करा.
उत्तरः
1. प्रकृतीचे चढउतार दाखवतो – [तक्ता]
2. प्रत्येक पेशंटला बसायला हे आहे – [मऊ अंथरुण]

प्रश्न 3.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा. प्रत्येकजण काय म्हणत आहे, असे लेखिकेस वाटते?
उत्तरः
प्रत्येकजण जणू म्हणते आहे, मला इथं फार एकट वाटतंय. जरा माझ्याकडे याहो, मला कुरवाळा.

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प्रश्न 4.
घटना व परिणाम लिहा.
उत्तरः

घटना परिणाम
लेखिका व
भरत खोलीत
पाऊल
टाकतात.
1. सारी मांजरं चमकतात,
2. त्यांच्या डोळ्यात आतुरता भरली होती.
3. काही मांजर जाळीवर नाक घासतात.
4. काही नखांनी जाळ्या खरवडू लागतात.

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
वचन बदला

  1. बशी
  2. तक्ता
  3. मांजर
  4. खोली
  5. भिंत
  6. पिलू
  7. डोळा
  8. ठिपका

उत्तरः

  1. बश्या
  2. तक्ते
  3. मांजरी
  4. खोल्या
  5. भिंती
  6. ठिपके
  7. पिल्ले
  8. डोळे
  9. ठिपके

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प्रश्न 2.
खालील शब्दांचा / वाक्प्रचारांचा वाक्यात उपयोग करा.
उत्तरः

  1. कावरंबावरं होणे – गावाहून आलेला मुलगा शाळेच्या पहिल्या दिवशी वर्गात कावराबावरा झाला होता.
  2. व्याकूळ होणे – हरवलेल्या मुलाला शोधण्यासाठी आई व्याकूळ झाली होती.
  3. लक्ष वेधून घेणे – जादुगाराने आपल्या जादूने सर्वांचे लक्ष वेधून घेतले.
  4. कलकलाट होणे – मधल्या सुट्टीत मुलांचा कलकलाट होतो.

प्रश्न 3.
‘कलकलाट’ या शब्दासारखे ४ शब्द लिहा.
उत्तरः

  1. चिवचिवाट
  2. घमघमाट
  3. थरथराट
  4. झगमगाट

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
तुम्ही आपल्या आजोबांबरोबर वसतिगृहाला भेट दिली तेव्हाचा अनुभव तुमच्या शब्दात लिहा.
उत्तरः
मला आजोबांनी मुद्दाम वसतिगृह कसे असते ते दाखविण्यासाठी नेले होते. आम्ही जाताच मुलांचा एकच किलकिलाट सुरू झाला. आजोबांनी त्यांच्याशी गप्पा मारल्या. छोटीशी गोष्ट सांगितली. त्यांची राहण्याची, झोपण्याची जागा सुव्यवस्थित होती. गाडीच्या बर्थ सारखे झोपण्यासाठी बर्थ होते. मला खूप आश्चर्य वाटले. मुले स्वत:च स्वत:ची कामे करत होती.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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प्रश्न 2.
घटना व परिणाम लिहा.
उत्तरः

घटना परिणाम
लेखिका जाळीच्या छिद्रातून
बोट घालून कुणाचं डोक  खाजवते
कुणा गळा खाजवते.
1.  मांजर खूश होतात.
2. पोटांतून गुर्रगुर्र आवाज काढून समाधानाची पावती देतात.

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
लेखिकेला निरोप देताना कोणता गजर झाला?
उत्तरः
लेखिकेला निरोप देताना ‘मियाँव’ चा गजर झाला.

प्रश्न 2.
माजरांना एकटं का वाटत असलं पाहिजे?
उत्तरः
घरी लाड करून घ्यायची सवय असल्याने मांजरांना एकटं वाटत असल पाहिजे.

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प्रश्न 3.
परत जाताना लेखिकेला मांजराच्या चेहऱ्यावर काय दिसले?
उत्तरः
परत जाताना लेखिकेला मांजराच्या चेहऱ्यावर खिन्नता दिसली.

कृती 2: आकलन कृती

कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.

प्रश्न 1.
“या मांजरांना औषधपाणी माणसांसारखं करतात का रे?”
उत्तरः
लेखिका भरतला म्हणाल्या.

प्रश्न 2.
“त्याचं खाणंपिणं पथ्याचं असतं, बाई.”
उत्तरः
भरत लेखिकेला म्हणाल्या.

प्रश्न 3.
“शेजारी कुत्र्यांचा विभाग आहे, तिथ जाऊ या जरा”
उत्तरः
भरत लेखिकेला म्हणाला.

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प्रश्न 4.
उत्तरे लिहा.
उत्तरः

  1. हे टोपलीत होते – पिलं
  2. पिलं या रंगाची होती. – पांढरी
  3. कुत्रीचा रंग – तपकिरी
  4. पिलं हा आवाज करीत होते – कुई कुई

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील शब्दांचा, वाक्प्रचारांचा वाक्यात उपयोग करा.
उत्तरः

  1. निरोप देणे – इयत्ता 10 वी च्या विद्यार्थ्यांना आम्ही वर्षा अखेर निरोप देतो.
  2. विलक्षण – पाच वर्षांचा मुलगा एकटा विमान प्रवास करतो हे ऐकून मला विलक्षण आश्चर्य वाटले.
  3. खिन्न – क्रिकेट मॅचमध्ये भारत हरला, तेव्हा सगळे खिन्न झाले.

2. खालील अधोरेखित शब्दांसाठी उताऱ्यात आलेला समानार्थी शब्द लिहा.

प्रश्न 1.
एक भली दांडगी अतिशय सुंदर कुत्री तिथं निजलेली दिसली.
उत्तरः
एक भली दांडगी अतिशय देखणी कुत्री तिथं निजलेली दिसली.

खालील अधोरेखित शब्दांचे लिंग बदलून पुन्हा लिहा.

प्रश्न 1.
त्यांची आई तपकिरी रंगाची आहे.
उत्तरः
त्यांचे बाबा तपकिरी रंगाचे आहेत.

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पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
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‘का?’ ते लिहा.

प्रश्न 1.
एक कुत्रा सारखा झेप घेऊ लागतो.
उत्तरः
पुढचे दोन्ही पंजे जुळवून नमस्कार करण्यासाठी.

प्रश्न 2.
साखळीला सारखे हिसके देणारे कुत्रे.
उत्तरः
सुटण्याचा प्रयत्न करण्यासाठी.

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कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः
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कोण कोणास म्हणाले ते लिहा.

प्रश्न 1.
‘इथं आणखी कोणते प्राणी येतात रे?’
उत्तरः
लेखिका भरतला म्हणाल्या.

प्रश्न 2.
‘पुष्कळ येतात बाई,
उत्तरः
भरत लेखिकेला म्हणाला.

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वाक्य पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
आम्ही बोलतो आहोत, एवढ्यात …………………..
उत्तरः
आम्ही बोलतो आहोत, एवढ्यात माझ्या पायांजवळून एक मांजरी चाललेली दिसते.

प्रश्न 2.
भरत मला म्हणतो, …………………
उत्तरः
भरत मला म्हणतो, ‘हात लावा बाई तिला.’

उचित पर्याय निवडून खालील रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. एका कुत्र्याच्या ……………… मोठं गळू झालं आहे. (कानामागं, पाठीवर, मानेवर)
2. एकाचा मोडलेला पाय …………….. घालून ठेवला आहे. (टबमध्ये, प्लॅस्टरमध्ये, वाळूमध्ये)
उत्तरः
1. कानामागं
2. प्लॅस्टरमध्ये

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थी शब्दांच्या जोड्या लावा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 18
उत्तरेः

  1. लठ्ठ × रोड
  2. चिडकी × शांत
  3. स्वस्थ × अस्वस्थ
  4. आल्या × गेल्या

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

प्रश्न 2.
वचन बदला.

  1. शेळी
  2. मेंढी
  3. ससा
  4. माकड
  5. कुत्रा
  6. मांजर

उत्तर:

  1. शेळ्या
  2. मेंढ्या
  3. ससे
  4. माकडं
  5. कुत्रे
  6. मांजरी

लिंग बदला.

प्रश्न 3.

  1. पाहुणा
  2. मेंढी
  3. कुत्री
  4. बैल

उत्तर:

  1. पाहुणी
  2. मेंढा
  3. कुत्रा
  4. गाय

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 19

प्रश्न 2.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 20

कृती 2: आकलन कृती

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न 1.
आंधळ्या मांजरीला बाहेर का सोडत नाही?
उत्तरः
तिचा बाहेर निभाव लागणार नाही म्हणून तिला बाहेर सोडत नाही.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

प्रश्न 2.
लेखिकेला इस्पितळातून बाहेर आल्यावर काय वाटले?
उत्तरः
एक वेगळच जग पाहिलं असं तिला वाटलं.

रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.
1. जन्मापासून ……… आहे ती.
2. आता मोठी …………………. झाली आहे.
उत्तर:
1. आंधळी
2. मांजरी

कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

  1. विश्वास
  2. आंधळे
  3. आत
  4. मोठी

उत्तरेः

  1. अविश्वास
  2. डोळस
  3. बाहेर
  4. लहान, छोटी

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

प्रश्न 2.
खालील आकृतीत नाम, सर्वनाम, विशेषण व क्रियापद यांची उदाहरणे दिली आहेत. त्या शब्दांचा उपयोग करून अर्थपूर्ण वाक्ये तयार करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का 21
उत्तरः

  1. ती मांजर आंधळी आहे.
  2. ते पिल्लू दचकले.
  3. कुत्रा इमानदार आहे.
  4. बिचारी मांजर दचकली.
  5. पिलू घाबरले.
  6. आम्ही कुत्र्याला घेऊन फिरून आलो.
  7. मांजरीचा विश्वासाने वावर आहे.
  8. ती आंधळी असली तरी आम्हांला आवडते.

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
आम्हांला तुमची गरज आहे; तुम्हांला आम्ही हवे आहोत कां? या ओळीचा तुम्हांला समजलेला अर्थ तुमच्य शब्दांत मांडा.
उत्तरः
हे वाक्य प्राण्यांच्या तोंडचे आहे. इस्पितळातील असहाय्य प्राणी आपल्याला सूचवित आहेत की आम्ही समाजाचेच घटक आहोत. जैव विविधतेचे सभासद आहोत. पर्यावरणासाठी उपयुक्त आहोत. तेव्हा आम्हांला तुम्ही सांभाळले तर पर्यावरण संतुलन राहील. मानवाला लाभच होईल. आम्हांला तुम्ही हवे आहात पण तुम्ही आमच्यावर प्रेम कराल नं? आम्ही तुम्हांला हवे आहोत का? असा मार्मिक सवाल प्राणी करीत आहेत व आपल्याला विचार करण्यास प्रवृत्त करीत आहेत.

आम्ही हवे आहोत का? Summary in Marathi

पाठपरिचय:

लेखिका ‘शांता शेळके यांनी प्राण्यांच्या इस्पितळाला भेट दिली तेव्हा तेथे त्यांना माणसांच्या प्रेमासाठी आसुसलेले प्राणी दिसले. प्रस्तुत पाठात त्यांनी या प्राण्यांच्या भावभावनांचे हुबेहुब चित्रण करून वाचकांना विचारप्रवृत्त केले आहे.

The writer Shanta Shelke visited veterinary hospital where she met animals who awaited for the love of human beings. In this lesson she has also depicted all emotions so perfectly that it induce us to think for their protection.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 10 आम्ही हवे आहोत का?

शब्दार्थ:

  1. इस्पितळ – दवाखाना – hospital
  2. जनावर – प्राणी – animal
  3. योग – वेळ – chance
  4. इमारत – इमला – building
  5. बहुधा – कदाचित – probably
  6. कार्यालय – कचेरी – office
  7. तसबीर – चित्र – picture
  8. बैल – वृषभ – ox
  9. शेळी – बकरी – goat
  10. दयाबुद्धी – कणव – kind heartedness
  11. करुणा – दया – pity
  12. आवाहन – विनंती – request
  13. गलेलठ्ठ – जाडजूड – fat
  14. बोका – मांजराची नर जात – male cat
  15. मिशा – moustache
  16. कुरवाळणे – माया करणे, गोंजारणे- to fondle
  17. परवानगी – होकार – permission
  18. चुणचुणीत – चपळ – active and smart
  19. विभाग – कक्ष – ward
  20. जाळी – जाळीची चौकट – grille
  21. व्याकुळ – कासावीस – distressed
  22. कबरं – विविधरंगी – variegated colours
  23. कावरंबावरं – गोंधळलेला – bewildered through
  24. चिडणे – रागवणे – to get irritated
  25. ठिपक्या ठिपक्यांचे – गोलसर गोळे – dotted
  26. पंजा – paw
  27. बशा – बशी – saucer
  28. प्रकृती – तब्येत – health
  29. चढउतार – कमीजास्त – rise & fall
  30. तक्ता – chart
  31. अंथरुण – बिछाना – bed
  32. चमकणे – आश्चर्यचकित होतात – to suprise
  33. सावरी – झुडूप – a plant
  34. कापूस – रुई – cotton
  35. मऊमऊ – तलम – soft
  36. शेपट्या – शेपूट – tails
  37. इवल्या – लहान – tiny
  38. लालसर – तांबूस – reddish
  39. पोट – उदर – stomach
  40. त-हेत-हेची – वेगवेगळी – different
  41. लठ्ठ – जाड – fat
  42. रोड – बारीक – thin
  43. चिडकी – रागीट – angry
  44. शांत – संयमी – silent
  45. साखळी – कडी – chain
  46. स्वस्थ – अचल – quiet
  47. सालस – सुशील – decent
  48. सर्वांग – संपूर्ण शरीर – full body
  49. शहारणे – काटा येणे – to quack
  50. सावरणे – मूळ स्थितीत येणे – to recover
  51. थोपटणे – पाठीवरून हात फिरवणे – patting
  52. दचकणे – घाबरणे – to be taken aback
  53. ठार आंधळी – काहीच न दिसणे – total blind
  54. जन्मापासून – जन्मतः – by birth
  55. विश्वासाने – आत्मविश्वास – confidently
  56. वावरणे – भटकणे – to wander
  57. निभाव – टिकणे – survive
  58. गरज – जरुर – need

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 13 संतवाणी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 13 संतवाणी Textbook Questions and Answers

(अ)

ऐका. वाचा. म्हणा.

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 1
सकलसंतगाथा खंड पहिला: संत सेना अभंग
अभंग क्रमांक 15
संपादक : प्रा. डॉ. र. रा. गोसावी
उत्तरः
आजि सोनियाचा दिवस।
दृष्टी देखिलें संतांस।।1।।

उपरोक्त पंक्ती संत सेना महाराजांच्या ‘संतवाणी’ अभंगातील आहे. संतांच्या दर्शनाने त्यांना खूप आनंद झाला आहे. त्यांचा दिवस सोन्यासारखा झाल्याप्रमाणे त्यांना वाटत आहे. मौल्यवान अशा सोन्याप्रमाणे संतांच्या दर्शनाने दिवसही मौल्यवान झाल्याचा त्यांचा भाव आहे. ‘सोन्याचे’ रुपक देऊन कवितेत सौंदर्य निर्माण झाले आहे.

जीवा सुख झालें।
माझें माहेर भेटलें।।2।।

संत सेना महाराज आपल्या अभंगात सुखाची भावना व्यक्त करताना माहेरची उपमा देतात. संत दर्शनाने त्यांना माहेर भेटल्याचा आनंद होत आहे. सासरी गेलेली मुलगी माहेरी जशी अतिशय आनंदी असते तसेच संत भेटल्याने माहेर भेटले असा भाव त्यांनी व्यक्त केला आहे. सुखाला माहेरची उपमा देऊन काव्यसौंदर्य खुलवले आहे.

अवघा निरसला शीण।
देखतां संतचरण।।3।।

संसारातील कामांमध्ये विविध अडचणी, थकवा, चिंता काळजी असते. पण सेना महाराजांना जेव्हा संत चरण दिसले तेव्हा त्यांच्या सर्व काळज्या, शीण निघून गेला. त्यांना सुख प्राप्त झाले. संतांच्या सहवासात त्यांना
समाधान मिळाले.

आजि दिवाळी दसरा।
सेना म्हणे आले घरा।।4।।

संत सेना महाराजांचा भाव उत्कट आहे. त्यांना कदाचित खऱ्या दिवाळी व दसऱ्याबद्दल विशेष कौतुक नसेल ही पण जेव्हा संत आपल्या घरी येतात, त्यांचे चरण आपल्या घरी लागतात, तेव्हाच खऱ्या अर्थी त्यांच्यासाठी दसरा किंवा दिवाळी असते. तो दिवस त्यांच्यासाठी अतिशय आनंदाचा असतो. त्यांच्या सान्निध्यात सेना महाराजांचा उत्साह ओसंडून वाहत असतो. दसरा व दिवाळीचे रुपक घेऊन अभंगाला काव्यसौंदर्य प्राप्त झाले आहे. ‘दसरा – घरा’ या शब्दांचे सुंदर यमक कवीने साधले आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

भावार्थ:

संत सेना महाराज संतभेटीने झालेल्या आनंदाचे वर्णन करताना म्हणतात, “संतांच्या दर्शनाने आजचा दिवस सोनियाचा झाला असून ज्याप्रमाणे सासरी गेलेल्या मुलीला माहेरी आल्याने आनंद होतो तसा आनंद मला झाला आहे. या आनंदाचे वर्णन करताना पुढे ते म्हणतात, संतचरण दृष्टीला पडल्याने माझा सगळा शीण नाहीसा झाला असून घरी दिवाळी, दसरा या सणांसारखा उत्साह ओसंडून वाहू लागला आहे.”

(आ)

ऐका. वाचा. म्हणा.

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 2
सकलसंतगाथा खंड पहिला: संत चोखामेळा अभंग
अभंग क्रमांक 37
संपादक : प्रा. डॉ. र. रा. गोसावी
उत्तरः
चंदनाच्या संगे बोरीया बाभळी।
हेकळी टाकळी चंदनाची।।1।।

संत चोखामेळा यांच्या ‘संतवाणी (आ)’ या अभंगात, चंदनाच्या झाडाची संगत लाभली तर बोरी, बाभळीसारखी सामान्य झाडेही सुगंधित होतात. लहान-सहान झुडुपांनाही चंदनाचा सुगंध प्राप्त होतो. तसेच संतांच्या सहवासाने सामान्य जनांनाही लाभ होतो. असा आशय नमूद करून कवितेचे काव्यसौंदर्य खुलविले आहे. संतांना चंदनाची उपमा दिली आहे.

संतांचिया संगें अभाविक जन।
तयाच्या दर्शनें तेचि होती।।2।।

चोखामेळा यांनी आपल्या अभंगात खात्रीने पटवून दिले आहे की, अभाविक जनांना संत सहवास लाभला की ते संतच होऊन जातात एवढी संतांची महती आहे. ते त्यांना आपल्यासारखेच करतात. त्यांच्यातील दुर्गुण काढून टाकतात. अत्यंत मोजक्या शब्दांत संत चोखामेळा यांनी मोठा आशय स्पष्ट केला आहे. कवितेचे भावसौंदर्य या उदाहरणाने आणखी खुलले आहे.

चोखा म्हणे ऐसा परमार्थ साधावा। नाहीं तरी भार वाहावा खरा ऐसा।।3।।

संत चोखामेळा आपल्या अभंगात म्हणतात, जन्मास येऊन प्रत्येकाने खरा परमार्थ साधावा. संतांचा, गुणिजनांचा सहवास घ्यावा. आपल्या वृत्तीत पालट करावा. संतांच्या सहवासाने हे शक्य होते. पण असे न केल्यास आपला जन्म वाया जातो व भूमीस भार झाल्यासारखे होते. म्हणून मानव जन्माचे सार्थक करून घेणे योग्य. चोखामेळांनी संत सहवासाची महानता स्पष्ट करून कवितेचे आशयसौंदर्य खुलविले आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

भावार्थ:

संत चोखामेळा म्हणतात, “ज्याप्रमाणे चंदनाच्या सहवासात बोरी, बाभळी, अन्य झाडे व झुडपे आली तर ती चंदनाप्रमाणे सुगंधी होतात त्याप्रमाणे संतांच्या सहवासातही आलेले सर्वजण भाविक बनतात. मनुष्य जन्माला येऊन परमार्थ साधावा नाहीतर आपले जीवन भूमीला भारभूत ठरेल.”

प्रश्न 2.
खालील आकृतीत नाम, सर्वनाम, विशेषण व क्रियापद यांची उदाहरणे दिली आहेत. आकृतीतील शब्दांचा उपयोग करुन अर्थपूर्ण वाक्ये तयार करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 3
उत्तरः

  1. तुषार गुणी आहे.
  2. तो पिवळा चेंडू खेळतो.
  3. तुषारला मिठाई आवडते.
  4. मेथीची भाजी ताजी आहे.
  5. तो मोठा व्यक्ती आहे.
  6. तुषारला लाडू आवडतात.
  7. ताजी भाजी घे.
  8. तो खेळकर आहे.
  9. ती वस्तू सुंदर आहे.
  10. तो ताजी भाजी खातो.
  11. तो मोठा चेंडू रंगीत आहे.
  12. हिरवी, ताजी मेथी खावी.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

हे नेहमी लक्षत ठेवा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 4

जीव धोक्यात घालू नका,
दरीत डोकावून पाहू नका.

भर रस्त्यात गाडी थांबवू नका,
इतरांना जाण्यासाठी व्यत्यय आणू नका.

प्रश्न 1.
घाटातून जाताना घ्यायची काळजी याविषयीचे सूचनाफलक तयार करा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 5

Class 8 Marathi Chapter 13 संतवाणी Additional Important Questions and Answers

पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 6

प्रश्न 2.
चौकट पूर्ण करा.
उत्तरः

  1. असा दिवस आहे – [सोनियाचा]
  2. दृष्टीस दिसले – [संत]
  3. सुख झाले – [जीवा]

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

प्रश्न 3.
एका वाक्यात उत्तर लिहा.
संत सेना महाराजांचा शीण कशामुळे गेला?
उत्तरः
संतचरण पाहून संत सेना महाराजांचा शीण गेला.

कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृती पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 7

प्रश्न 2.
जोया जुळवा.

1. सोनियाचा (अ) संतांस
2. देखिलें (आ) माहेर
3. भेटले (इ) दिवस
4. निरसला (ई) सुख
5. जीवा (उ) शीण

उत्तरः

1. सोनियाचा (इ) दिवस
2. देखिलें (अ) संतांस
3. भेटले (आ) माहेर
4. निरसला (उ) शीण
5. जीवा (ई) सुख

प्रश्न 2.
रिकाम्या जागा पूर्ण करा.

  1. दृष्टी देखिलें ……………..
  2. माझे …………….. भेटले.
  3. ………..”म्हणे आले घरा.

उत्तर:

  1. संतास
  2. माहेर
  3. सेना.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

कृती 3: काव्यसौंदर्य.

खालील पंक्तींचा आशय स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
जीवा सुख झालें।
माझें माहेर भेटलें।।
उत्तरः
संत सेना महाराज आपल्या अभंगात आपल्या सुखाची
तुलना माहेराशी करतात. संतांना माहेर हेरुपक देऊन संत हेच माहेरम्हणूनआनंददायीभावतेव्यक्तकरतात.सासरीगेलेल्या मुलीला माहेरी किती सुख वाटते हे सांगून सुखाची भावना सेना महाराजांनी व्यक्त केली आहे व संतांना भेटून माहेर भेटल्याप्रमाणे आनंद झाला आहे, असे सांगितले आहे.
माहेर भेटले या रुपकाने काव्यसौंदर्य खुलवले आहे. झाले-भेटले या शब्दांचे यमक साधले गेले आहे.

प्रश्न 2.
आजि दिवाळी दसरा।
सेना म्हणे आले घरा।।
उत्तर:
संत सेना महाराजांचा भाव उत्कट आहे. त्यांना खऱ्या दिवाळी व दसरा सणांबद्दल विशेष उत्सुकता नाही. पप संत आपल्या घरी येतात तोच दिवस त्यांना विशेष आनंदाचा म्हणजे दिवाळी व दसऱ्यासारखा वाटतो. त्या दिवशी त्यांचा उत्साह ओसंडून वाहतो. दसरा व घरा या शब्दांचे यमक साधले आहे. संतांचे आगमन हाच दिवाळी दसरा असा उच्च भावार्थ सांगून कवितेचे भावसौंदर्य खुलवले आहे.

प्रश्न 3.
तुम्हांला माहीत असलेल्या संतांविषयी तुमच्या शब्दांत विचार मांडा.
उत्तरः
मी सुट्टीत संतश्रीरामदास’ यांचे छोटेसे चरित्रवाचले. लहानपणी पोहण्यात पटाईत असलेला, झाडावरून उड्या मारणारा नारायण, मठिपणी तपश्चर्या करून सत रामदास होतात. समाजाला प्रयत्नांची कास धरायला शिकवतात. अक्षर कसे काढावे?, विदयार्थ्यांनी पाठांतर कसे करावे? हेही सांगतात. आळस करू नये असे बजावतात.

नारायण सूर्याजीपंत ठोसर हे त्यांचे पूर्ण नाव पण त्यांनी ‘दास’ किंवा ‘रामदास’ या नावाने उदंड लेखन केले आहे. मनाचे श्लोक, दासबोध, आत्माराम या त्यांच्या मुख्य रचना. विदयार्थ्यांनी मनाच्या श्लोकाचे पाठांतर केल्यास त्यांच्यावर सुविचारांचा प्रभाव राहील यात शंका नाही.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

प्रश्न 4.
दिलेल्या मुद्द्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
उत्तरः
1. कवी/कवयित्री – संत सेना महाराज
2. कवितेचा रचनाप्रकार – अभंग
3. कवितेचा काव्यसंग्रह – प्रा. डॉ. र. रा. गोसावी संपादीत सकलसंतगाथा खंड पहिला संतसेना अभंग क्र. 14
4. कवितेचा विषय – संतांच्या सान्निध्यान मिळणाऱ्या आनंदाचे वर्णन केले आहे.
5. कवितेतून व्यक्त होणारा भाव (स्थायी भाव) – शांत रसाचा भाव कवितेतून व्यक्त होतो.

6. कवी/कवयित्राची लेखन वैशिष्ट्ये – अतिशय साध्या, सोप्या शब्दांद्वारे मोठा आशय व्यक्त करण्याचे कसब सुंदर आहे. ‘दसरा-घरा, शीण-चरण’ यांचे यमक साधलल्याने नादमयता निर्माण झाली आहे.

7. मध्यवर्ती कल्पना – संतसेना महाराज संतांच्या सान्निध्यात मिळणाऱ्या आनंदाचे वर्णन करतात. दिवाळी-दसरा प्रत्यक्ष नसला तरी संतांची जेव्हा भेंट होते ते क्षणच दिवाळी दसऱ्या समान आनंददायी असतात. कवितेतून व्यक्त होणारा विचार – माहेर भेटणे वा दिवाळी दसरा साजरा करणे या जशा आनंदाच्या गोष्टी आहेत तशाच संत सज्जनांचा सहवास मिळणे हाही तेवढाच आनंददायी प्रवास आहे असा विचार कवितेतून व्यक्त होतो.

8. कवितेतील आवडलेली ओळ – आजि सोनियाचा दिवस दृष्टीं देखिलें संतांस. (१०) कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे –
मला ही कविता आवडली; कारण शांतरसाची निर्मिती झाल्याचे कवितेतून जाणवते. या कवितेतून संत सज्जनांच्या सहवासाची महती कळते.

9. कवितेतून मिळणारा संदेश – संत सज्जनांच्या सहवासाने अवर्णनीय आनंद मिळतो. सर्व शीण, थकवा निघून जातो. म्हणून संत-सज्जनांची संगत धरावी व चांगल्या गोष्टी त्यांच्याकडून शिकून घ्याव्यात.

पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तरः
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी 8

प्रश्न 2.
एक/दोन शब्दात उत्तरे दया.

  1. चंदनाच्या स्पर्शाने सुगंधित होते – [………….] [……………]
  2. हे जन संत दर्शनाने पावन होतात – [……………]

उत्तर:

  1. हेकळी, टाकळी
  2. अभाविक

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

कृती 2: आकलन कृती

एका वाक्यात उत्तर लिहा.

प्रश्न 1.
कोणाच्या सहवासात परमार्थ साधावा?
उत्तरः
संतांच्या सहवासात परमार्थ साधावा.

प्रश्न 2.
अभंगात कोणत्या सुगंधी झाडाचा उल्लेख आला आहे?
उत्तरः
अभंगात ‘चंदन’ या सुगंधी झाडाचा उल्लेख आला आहे.

प्रश्न 3.
खालील पंक्ती पूर्ण करा.

  1. ……….. संगे बोरीया बाभळी।
  2. तयाच्या ………………… तेचि होती।
  3. नाही तरी ……………….. वाहावा खरा ऐसा।

उत्तरः

  1. चंदनाच्या
  2. दर्शने
  3. भार

कृती 3: काव्यसौंदर्य

खालील पंक्तींचा आशय स्पष्ट करा.

प्रश्न 1.
चंदनाच्या संगें बोरीया बाभळी।
हेकळी टाकळी चंदनाची।।1।।
उत्तरः
उपरोक्त पंक्ती संत चोखामेळा यांच्या ‘संतवाणी (आ)’ मधून घेतली आहे. संतांच्या सान्निध्याने सामान्य जनांमध्ये कसे असामान्यत्व येते हे चोखामेळा यांनी उदाहरणाद्वारे पटवून दिले आहे.

चंदनाच्या झाडाजवळ बोरी, बाभळीची काटेरी झाडे असतात. लहान-सहान झुडपेही असतात, पण चंदनाच्या सुगंधाने तीही प्रभावित होतात. त्यांनाही तोच सुगंध प्राप्त होतो. संतांना चंदनाची उपमा दिल्याने कवितेस काव्यसौंदर्य प्राप्त झाले आहे. सत्संगतीने सामान्यांना ही लाभ होतो व त्यांच्यात चांगला बदल होतो हे सांगितले आहे. ‘बाभळी, हेकळी, टाकळी’ या शब्दांनी अभंगात अनुप्रास साधला गेला आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

प्रश्न 2.
चोखा म्हणे ऐसा परमार्थ साधावा |
नाहीं तरी भार वाहावा खरा ऐसा।।३।।
उत्तरः
संत चोखामेळा यांनी ‘संतवाणी (आ)’ या अभंगात संत सान्निध्याचा सुपरिणाम विविध उदाहरणांनी दर्शवला आहे. जसे चंदनाच्या झाडाजवळची लहान मोठी झाडे सुगंधित होतात तसेच संतांच्या सहवासाने अभाविक जन संतांच्या समानच होतात. म्हणून प्रत्येकाने जन्माला येऊन खरा परमार्थ जाणला पाहिजे नाहितर भूमीला भार झाल्यासारखे होईल. आपले जीवन भूमीला भारभूत ठरू नये. संत सहवासाने जीवन पावन करावे असा आशय चोखामेळा यांनी प्रदर्शित केला आहे.

प्रश्न 3.
‘मैत्री कशी असावी?’ या विषयीचे विचार तुमच्या शब्दांत मांडा.
उत्तरः
मैत्रीशिवाय आनंद मिळत नाही. पण मैत्रीत भांडणे, द्वेष, मारामाऱ्या होऊ नयेत. चातक जसे पावसाच्या पाण्यासाठी वाट पहात असतो त्याशिवाय तो दुसरे पाणी पीतच नाही तशीच मैत्री हवी. चकोर फक्त चंद्राचे किरण पितो. मग चंद्र वेळेवर उगवला नाही तरी तो रागवत नाही. मैत्री तोडत नाही. मैत्री गुणीजनांशी करावी. चंदनाच्या झाडाने बाकीची झाडेही सुगंधीत होतात तशीच मैत्री करावी. मैत्रीने गुण जोडता यायला हवे.

प्रश्न 4.
दिलेल्या मुद्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
उत्तरः
1. कवी/कवयित्री – संत चोखामळा
2. कवितेचा रचनाप्रकार – अभंग
3. कवितेचा काव्यसंग्रह – प्रा. डॉ. र. रा. गोसावी संपादीत सकलसंतगाथा खंड पहिलाः संत चोखामेळा अभंग क्र. ६७
4. कवितेचा विषय – संत सहवासाने आपले जीवन त्यांच्याप्रमाणेच होते हे चंदन, बोरी व बाभळी यांच्या उदाहणांद्वारे पटवून दिले आहे.

5. कवी/कवयित्रीची लेखन वैशिष्ट्ये – अतिशय साधी, सोपी, सरळ शब्दरचना. कवीतेत हेकळी, टाकळी, बाभळी या शब्दांची पुनुरुक्ती असल्याने नादमयता आली आहे. अत्यंत कमी शब्दात मोठा अर्थ सांगण्याचे कौशल्य जाणवते.

6. मध्यवर्ती कल्पना – संत चोखामळा यांनी संत सहवासाची महानता स्पष्ट करून खात्रीने पटवून दिले आहे की जशा सहवाससात आपण राहतो तसेच आपण होतो. संत सहवासाने आपले दुर्गुण कमी होतात. सुसंगती ने समान्यांना लाभ होऊन त्यांच्यात चांगला बदल होतो.

7. कवितेतून व्यक्त होणारा विचार – जन्मास येऊन प्रत्येकाने खरा परमार्थ साधावा. संतांचा, गुणिजनांचा सहवास ध्यावा. आपल्या वृत्तीत बदल करावा. मानव जन्माचे सार्थक करून ध्यावे.

8. कवितेतील आवडेळली ओळ – चंदनाच्या संगे बोरीया बाभळी।
हेकळी टाकळी चंदनाची।।

9. कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे – मला ही कविता खूप आवडली; कारण ती तर्कदृष्ट्या पटणारी आहे. चंदनाची संगत लाभली तर त्याचा सुवास लागतोच. बाभळी ही सुगंधित होते. यावरून आपल्याला सत्संगाची महती कळते.

10. कवितेतून मिळणारा संदेश – गुणिजनांच्या सहवासात रहावे. आपल्या दुर्गुणांना दूर करावे. त्यांच्याकडून चांगल्या गोष्टी शिकाव्यात. आपले जीवन भूमीला भारभूत ठरू नये.

संतवाणी Summary in Marathi

काव्यपरिचय:

संत सेना महाराजांनी प्रस्तुत अभंगात संतांच्या सान्निध्यात मिळणाऱ्या अवर्णनीय आनंदाचे वर्णन केले आहे. Saint Sena Maharaj elaborated a joy of having the company of Saints this poem.

प्रस्तुत अभंगात संत चोखामेळा यांनी संत सहवासाने आपले जीवन त्यांच्याप्रमाणेच होते असे सोदाहरण पटवून दिले आहे. तसेच संत सहवासात राहून मिळणाऱ्या आनंदाचे वर्णन त्यांनी या अभंगात केले आहे.

In this abhang Saint Chokhamela a describes with many examples that living in the company of saints, one can be virtuous and can attain happiness.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

भावार्थ:

आजि सोनियाचा दिवस।
दृष्टी देखिलें संतांस।।1॥

संत सेना महाराजांनी या अभंगात संतांच्या दर्शनाने आजचा दिवस सोन्यासारखा झाला असे वर्णन केले आहे. त्यांच्या दर्शनाने त्यांना अपार आनंद झाला आहे.

जीवा सुख झालें।
माझें माहेर भेटलें।॥2॥

सासरी गेलेल्या मुलीला माहेरी जसा आनंद होतो. माहेरची माणसं पाहून ती अत्यंत प्रसन्न होते तसेच सेना महाराजांना संतांना पाहून झाले आहे. जणू काही आपले माहेरच आपल्याला भेटले आहे असे त्यांना वाटत आहे, तितकाच आनंद त्यांना झाला आहे.

अवघा निरसला शीण।
देखतां संतचरण।।3।।

संतांचे दर्शन घेऊन संसारातील सगळा थकवा, दु:ख, काळजी निघून गेली. संतांच्या चरणाचे दर्शन झाल्यावर सगळा शीण नाहीसा झाला, असे संत सेना महाराज म्हणतात.

आजि दिवाळी दसरा।
सेना म्हणे आले घरा।।4।।

दिवाळी आणि दसरा हे आनंदाचे सण. तेथे कशाची कमतरता नसते. सर्व आनंदी असतात. सगळं वातावरणच प्रसन्न, उत्साहाचे असते. जेव्हा संत माझ्या घरी येतात तेव्हा माझ्या घरी जणू दिवाळी आणि दसरा असतो. मला अपार सुख मिळते. सर्वत्र चैतन्य पसरते, असे संत सेना महाराज सांगतात.

चंदनाच्या संगें बोरीया बाभळी।
हेकळी टाकळी चंदनाची।।१।।

संत चोखामेळा यांनी या अभंगात संतांच्या सान्निध्यात राहिल्यास सामान्यांमध्येही असामान्य फरक होऊ शकतो हे उदाहरणाद्वारे पटवून दिले आहे. चंदनाच्या झाडाजवळ असणाऱ्या बोरी बाभळीच्या झाडांना, वाकड्या तिकड्या किंवा लहानश्या झुडूपांनाही चंदनाचा सुगंध प्राप्त होतो.

संतांचिया संमें अभाविक जन।
तयाच्या दर्शनें तेचि होती।।२।।

संतांच्या सहवासात जर अभाविक, नास्तिक लोक राहिले | तर त्यांच्या दर्शनानेही ते सज्जन, आस्तिक व भाविक होतात.

चोखा म्हणे ऐसा परमार्थ साधावा।
नाहीं तरी भार वाहावा खरा ऐसा।।३।।

चोखामेळा म्हणतात, जन्मास येऊन खरा परमार्थ साधला पाहिजे नाहीतर मनुष्य जन्म मिळून भूमीस भार झाला असे होईल. संतांच्या सान्निध्याने आपले जीवन पावन करून घेतले पाहिजे.

शब्दार्थ:

  1. आजि – आज – today
  2. सोनियाचा – सोन्यासारखा, सोन्याचा – like a gold, golden
  3. दृष्टी – डोळे – eyes
  4. देखिले – पाहिले – seen
  5. अवघा – संपूर्ण – all
  6. निरसला – दूर होणे, नाहीसे होणे – to put away
  7. माहेर – विवाह झालेल्या मुलीच्या आईवडीलांचे घर – the place of the parents of a married girl
  8. शीण – थकवा – fatigue
  9. संग – सोबत – in company, of
  10. बाभळी – काटेरी झाड – babul tree
  11. हेकळी – वाकडी – crooked
  12. टाकळी – झुडुप – shrub
  13. चंदन – चंदनाचे सुगंधी झाड- sandalwood
  14. अभाविक – नास्तिक – atheist
  15. जन – लोक – people
  16. भार – ओझे – burden

टिपा:

1. संत: संत म्हणजे महात्मा. प्रपंचात राहूनही संतांनी परमार्थ साधला. महाराष्ट्राला संतांची मोठी परंपरा आहे. संतांनी मराठी भाषेला वाड्:मयाचा मोठा वारसा दिला आहे. महाराष्ट्रात अनेक थोर संत होऊन गेले.

2. संत सेना महाराज: संत सेना महाराज यांचा जन्म मध्यप्रदेशातील बांधवगड येथे झाला. त्यांच्या अभंगात देव आणि भक्ती यांचे नाते दिसून येते. सेना महाराजांनी अभंगातून भाक्तिरसाची उपासना केलेली आढळते.

3. अभंग: अभंग हा प्राचीन मराठी साहित्यातील एक काव्यप्रकार आहे. संतमेळ्यांचे विठ्ठलभक्तीपर काव्य अभंग स्वरूपात आहे. आध्यात्मिक आशयाच्या अभिव्यक्तीसाठी वारकरी स ंप्रदायातील संतांनी या काव्यप्रकाराचा व छंदाचा उपयोग केला.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 13 संतवाणी

म्हण:

संत येती घरा। तोचि दिवाळी दसरा।

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 7 नातवंडांस पत्र Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र Textbook Questions and Answers

1. आकृत्या पूर्ण करा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 1

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 4

प्रश्न 1.
आकृत्या पूर्ण करा.
उत्तरः

(अ)
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 2

आ.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 3

इ.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 5

2. एका शब्दांत उत्तरे लिहा. 

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 6

प्रश्न 1.
एका शब्दांत उत्तरे लिहा.
उत्तरः
(अ) लेखक जेथे शिकले ते गाव – [सांगली]
(आ) लेखकाला मिळालेला पुरस्कार – [अर्जुन पुरस्कार]
(इ) खास व्यायामासाठीच असलेले ठिकाण – [जिम]
(ई) लेखकाचा आवडता खेळ – [बॅडमिंटन]

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

3. तुमच्या शब्दांत उत्तरे लिहा.

प्रश्न अ.
लेखकाने सांगितलेले व्यायामाचे महत्त्व.
उत्तरः
लेखकाच्या आयुष्यात व्यायामाचे खूप महत्व आहे. त्यांच्या मते, प्रत्येकाने दररोज काहीतरी व्यायाम केला पाहिजे. ज्याप्रमाणे आपण न चुकता दोन वेळेस जेवतो. त्याप्रमाणे व्यायामही आपण न चुकता केला पाहिजे. वेळ नाही ही सबब सांगू नये. खुल्या मैदानावरील व्यायाम, क्लबमधील व्यायाम अथवा जिममधील व्यायाम कोणत्याही प्रकारचा व्यायाम दिवसांतून किमान तास – दोन तास करावा असे लेखक आवर्जून सांगतात लेखक वयाच्या 66 व्या वर्षी सुद्धा न चुकता व्यायाम करतात.

प्रश्न आ.
खेळ आपल्याला स्वावलंबी बनवतो व निर्णय क्षमता वाढवतो.
उत्तरः
खेळामुळे आपल्या आयुष्याला शिस्त येते. प्रसगांचा सामना कसा करावा हे कळते. खेळ आपल्याला कसे हरायचे हे तर शिकवतातच व जिंकण्याचा आनंदही मिळवून देतात. कोणीही न शिकवता आपण टेनिसमध्ये प्रतिस्पर्ध्यानं टोलवलेला चेंडू रेषेच्या आत आहे की बाहर, हे स्वत:चा पडताळतो व त्याप्रमाणे तो खेळायचा का सोडून दयायचा हे ठरवतो, त्याप्रमाणे आपल्यासाठी चांगले काय व वाईट काय हे ही आपणच ठरवायला शिकू लागतो. खेळामुळे निर्णय क्षमता वाढते व आपण स्वावलंबी होतो.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

4. गमतीचा नजराणा आणणारे निसर्गातील घटक व त्या संदर्भातील तुम्ही अनुभवलेली एखादी घटना, याविषयीची माहिती सांगा.

प्रश्न 1.
गमतीचा नजराणा आणणारे निसर्गातील घटक व त्या संदर्भातील तुम्ही अनुभवलेली एखादी घटना, याविषयीची माहिती सांगा.
उत्तरः
दरवर्षी गणपतीसाठी गावाला जाणे हा आमचा नेम आहे. मागील वर्षीदेखील या निमित्ताने कोकणात जाण्याची वेळ आली. पाऊस चांगलाच झाला असल्यामुळे डोंगर हिरवा शालू परिधान करून दिमाखात उभा होता. कोकणात सूर्योदय पाहण्याची मज्जा काही औरच. पूर्व दिशेला पसरणारा लाल गुलाबी रंग मन मोहून टाकतो. शेतांच्या कामांची लगबग सुरू असते. काका व भावंडांसोबत नदीवर जाण्याचा कार्यक्रम ठरलेला, नदीचे थंड पाणी व वर मोकळे निरभ्र आकाश हा योग म्हणजे दुधात साखरच, एकूणच गणपतीच्या निमित्ताने पाहायला मिळणारे निसर्गसौंदर्य नजरसुखच म्हणता येईल.

खेळ्या शब्दांशी.

(अ) खालील तक्ता पूर्ण करा.
(आ) खालील वाक्ये वाचा व त्याआधारे तक्ता पूर्ण करा.

प्रश्न अ.
खालील तक्ता पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 7
उत्तरः

एकवचन अनेकवचन
पुस्तक पुस्तके
गाव गावे
मैदाने मैदान
नदी नदया

आ.
खालील वाक्ये वाचा व त्याआधारे तक्ता पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 8
उत्तरः

नाम सर्वनाम विशेषण क्रियापद
सांगली हे महाराष्ट्रातले आहे
गाव तुमचे कळते
तुम्हाला

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

चर्चा करूया :

‘वनडे क्रिकेटची मॅच बघत असताना प्रेक्षकांनी व्यक्त केलेल्या प्रतिक्रियांबाबत मित्रांशी चर्चा करून यादी तयार करा.

लिहिते होऊया :

खालील मुद्यांच्या आधारे ‘माझा आवडता खेळ’ या विषयावर आठ ते दहा ओळी निबंध लिहा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 11
खालील उतारा वाचा व त्यास योग्य शीर्षक दया.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

वाचा :

खालील उतारा वाचा व त्यास योग्य शीर्षक दया.

प्रत्येक व्यक्तीच्या आयुष्यात सुखदुःखाचे क्षण नेहमीच येत असतात. दुःखाच्या व अडचणीच्या प्रसंगांना जे खिलाडू वृत्तीने सामोरे जातात, जे जिंकण्याच्या उर्मीने हाती घेतलेले काम पूर्ण करण्यासाठी स्वयंप्रेरणेने काम करतात, तेच आयुष्यात यश मिळवतात. कोणतीही वाईट परिस्थिती तुम्हाला अडवू किंवा हरवू शकत नाही. वेळप्रसंगी तुम्हाला दोन पावले मागेही टाकावी लागतात; परंतु जर आपण मनानेच हरलो, तर पुढील कार्य पूर्ण करण्यासाठी आपण तयार होऊ शकत नाही.

अशा परिस्थितीत कायम आपले आपल्या मनावर नियंत्रण असणे आवश्यक असते. नकारात्मक विचार करण्यापासून आपण स्वत:ला थांबवणे आवश्यक आहे. त्याचबरोबर आपल्या मनाला चांगल्या सवयी लावणेही आवश्यक आहे. आपल्या मनाला चांगली सवय लावणे हे कठीण असले, तरी अशक्य मात्र नक्कीच नाही! आपल्या अंगी असणाऱ्या चांगल्या सवयी, वाईट सवयींना जवळ येऊ देत नाहीत. मनाला चांगल्या विचारांची सवय लावली, तर ती सवय वाईट विचारांपासून तुम्हाला नक्कीच दूर ठेवील.

यासाठी तुम्हाला काही गोष्टी लक्षात ठेवाव्या लागतील. उदा., चांगले वाचन, चांगल्या मित्रमैत्रिणींची संगत, घरातील ज्येष्ठ व्यक्तींशी असणारे जिव्हाळ्याचे व आपुलकीचे संबंध इत्यादी. जो दुसऱ्याच्या दुःखात नेहमी सहभागी होतो त्यालाच जीवनाचा खरा अर्थ कळतो. मानसिक आधार देऊन, विचारांच्या देवाणघेवाणीतून आपण एकमेकांचे दुःख सहज हलके करू शकतो. असे सुखदुःखाचे प्रसंग प्रत्येकाच्या आयुष्यात सतत येत असतात मात्र या प्रसंगांना जो धीराने सामोरा जातो, तोच जीवनात यशस्वी होतो.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

पत्रलेखन :

पत्र हे आपल्या मनातले भाव/विचार दुसऱ्यापर्यंत लिखित स्वरूपात पोहोचवायचे उत्तम साधन आहे. पत्रलेखनाच्या विषयानुसार पत्राचे दोन प्रमुख प्रकार पडतात.

  1. औपचारिक पत्र
  2. अनौपचारिक पत्र

यापूर्वीच्या इयत्तांमध्ये तुम्हांला ‘अनौपचारिक’ या पत्र प्रकारांची ओळख झालेली आहे. आता आपण ‘औपचारिक’ __ पत्रप्रकाराची ओळख करून घेणार आहोत.
लक्षात घ्या- आजच्या तंत्रज्ञान युगात फोनचा वापर वाढल्यामुळे पत्र लिहिणे कमी झाले आहे. तरीही आपल्याला अर्ज करणे, मागणी करणे, विनंती करणे अशा काही कारणांसाठी पत्र लिहिणे आवश्यक असते व पत्रलेखन कौशल्य प्राप्त होण्यासाठी या इयत्तेत तुम्हांला औपचारिक पत्रलेखनाचा अभ्यास करायचा आहे. आता आपण औपचारिक पत्रलेखनाचे स्वरूप समजून घेऊया.
औपचारिक पत्रलेखनासाठी आवश्यक गोष्टी :

  1. ज्यांना पत्र लिहायचे आहे त्यांच्या पदाचा शिष्टाचारपूर्वक उल्लेख करावा.
  2. भाषा सरळ, सुगम, सुस्पष्ट व विषयानुरूप असावी.
  3. पत्रात केवळ मुख्य विषयाबाबतच लिहावे.
  4. ज्यांना पत्र पाठवायचे आहे त्यांचे पद, वय, योग्यता, शिक्षण इत्यादी सर्व गोष्टी लक्षात घेऊन योग्य भाषेचा वापर करावा.
  5. पत्राची भाषा लेखननियमांनुसार असावी.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

औपचारिक पत्र लिहिण्यासाठी खाली दिलेल्या प्रारूपाचा अभ्यास करा.

औपचारिक पत्र प्रारूप :

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 9
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 10

कृती- वरील प्रारूपाचा अभ्यास करून खालील विषयावर पत्रलेखन करा.
तुमच्या शाळेमध्ये उन्हाळी सुट्टीत ‘हस्ताक्षर सुंदर करूया!’ हे 10 दिवसांचे शिबिर आयोजित केले आहे. त्यात तुम्हांला सहभागी करून घेण्याची विनंती करणारे पत्र वर्गशिक्षकांना लिहा.

टीप : औपचारिक व अनौपचारिक दोन्ही प्रकारची पत्रे आज तंत्रज्ञानाच्या साहाय्याने म्हणजे ईमेलद्वारा पाठवली जातात. ईमेल पाठवण्याचे पत्राचे प्रारूप व तंत्र जाणून घेण्याचा प्रयत्न करा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

भाषासौंदर्य :

आलंकारिक शब्दांची रचना करून भाषेचे सौंदर्य वाढवता येते. आपले विचार अधिक परिणामकारक, अधिक आकर्षक होण्यासाठी आलंकारिक शब्दांचा उपयोग केला जातो. खाली काही आलंकारिक शब्द दिलेले आहेत. त्यांचा अभ्यास करा व लेखनात उपयोग करा. या शब्दांप्रमाणे इतर काही आलंकारिक शब्दांची यादी तयार करा.

  • गळ्यातला ताईत – अत्यंत प्रिय व्यक्ती
  • बाळकडू – लहानपणीचे संस्कार
  • काथ्याकूट – निष्फळ चर्चा अष्टपैलू – अनेक बाबींमध्ये प्रवीण
  • अळवावरचे पाणी – अल्प काळ टिकणारे
  • अजातशत्रू – ज्याला कोणी शत्रू नाही असा
  • झाकले माणिक – गुणांचे प्रदर्शन न करणारा गुणी मनुष्य
  • इतिश्री – शेवट
  • अक्षरशत्रू – निरक्षर, अशिक्षित

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Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र Important Additional Questions and Answers

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती

करा. कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.

i.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 12

ii.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 13

iii.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 14

प्रश्न 2.
कंसातील योग्य पर्याय वापरून रिकाम्या जागा भरा.

  1. मी माझे ……………. कसे घालवले ते तुम्हाला सांगावे. (लहानपण, म्हातारपण, तरुणपण, बालपण)
  2. मी शिकायला ……………. होतो. (मिरजेला, सांगलीला, पुण्याला, कोल्हापुरला)
  3. सांगली हे ……………. तले एक गाव आहे. (तमिळनाडू, महाराष्ट्र, केरळ, बंगाल)

उत्तर:

  1. बालपण
  2. सांगलीला
  3. महाराष्ट्र

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

प्रश्न 3.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न i.
लेखकाच्या शाळेची वैशिष्ट्ये काय होती?
उत्तर:
लेखकाच्या शाळेला खूप मोठे मैदान होते आणि त्याजवळ एक बाग होती.

प्रश्न ii.
लेखक बागेत काय काय करायचे ?
उत्तर:
लेखक बागेत मनसोक्त खेळायचे, हुंदडायचे, झाडांवर चढायचे, पाऊस आला की त्यात चिंब भिजायचे.

प्रश्न iii.
सुट्टीमध्ये नातवंडांनी काय करावे असे लेखकाला वाटते?
उत्तर:
सुट्टीमध्ये नातवंडांनी मोठ्या शहरांमधून बाहेर पडून थंड हवेच्या गिरीस्थानांवर किंवा छोट्या गावी जावे असे लेखकाला वाटते.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

प्रश्न iv.
शाळेच्या मैदानाजवळ काय होते?
उत्तर:
शाळेच्या मैदानाजवळ बाग होती.

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.

i.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 15

ii.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 16

कारणे क्या.

प्रश्न 1.
लेखकाला पत्र लिहावे वाटले, कारण….
उत्तर:
लेखकाला नातवंडांशी प्रत्यक्षात बोलताना मोकळेपणाने, मनासारखे बोलता येईलच असे वाटत नव्हते. म्हणूनच त्यांना नातवंडांना उद्देशून पत्र लिहावे वाटले.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

कृती 3 : व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील वाक्यातील अधोरेखित शब्दांच्या जाती ओळखा. प्रत्यक्षात तुमच्याशी बोलताना मोकळेपणाने, मनासारखे बोलता येतेच असे नाही. म्हणून वाटले, की तुम्हाला हे पत्र लिहावे.
उत्तर:

  • सारखे – शब्दयोगी अव्यय
  • म्हणून – उभयान्वयी अव्यय
  • हे – सर्वनाम
  • लिहावे – क्रियापद

प्रश्न 2.
जंगलातील विविध पशुंचे आवाज ऐकणे हा मोठा मजेशीर अनुभव असतो.
उत्तर:

  • आवाज – नाम
  • हा – सर्वनाम
  • मजेशीर – विशेषण

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प्रश्न 3.
खालील विशेषण व विशेष्यांच्या जोड्या जुळवा.

विशेषण विशेष्य
1.  मनसोक्त (अ) आकाश
2.  मोठे (आ) नदी
3.  मोकळे (इ) मैदान
4.  वाहती (ई) गप्पा

उत्तर:

विशेषण विशेष्य
1.  मनसोक्त (ई) गप्पा
2.  मोठे (इ) मैदान
3.  मोकळे (अ) आकाश
4.  वाहती (आ) नदी

प्रश्न 3.
खालील शब्दांचे लिंग बदला.

  1. मित्र – [ ]
  2. शिक्षिका – [ ]
  3. आई – [ ]
  4. पणजोबा – [ ]

उत्तर:

  1. मित्र – [मैत्रिणी]
  2. शिक्षिका – [शिक्षक]
  3. आई – [वडील]
  4. पणजोबा – [पणजी]

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प्रश्न 4.
खालील शब्दांना समानार्थी शब्द लिहा.

  1. बालपण – [ ]
  2. बाग – [ ]
  3. पक्षी – [ ]
  4. नदी – [ ]

उत्तर:

  1. लहानपण
  2. बगीचा
  3. खग
  4. सरिता

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
थंड हवेच्या ठिकाणी तुम्ही कधी गेला आहात का? तुमचा अनुभव सांगा.
उत्तर:
गेल्या वर्षीच्या मे महिन्याच्या सुट्टीत आम्ही सहकुटुंब महाबळेश्वराला गेलो होतो. सातारा जिल्ह्यातील हे गिरीस्थान महाराष्ट्राचे नंदनवन म्हणून ओळखले जाते. महाबळेश्वरच्या स्ट्रॉबेरी, रासबेरी यांचा आस्वाद घेताना खूप मज्जा आली. विल्सन पॉइंट, आर्थर सीट पॉइंट, लॉडनिंग पॉइंट या महाबळेश्वरमधील प्रसिद्ध ठिकाणी भेट देऊन खूप प्रसन्न वाटले. पंचगंगा मंदिर, कृष्णाबाई मंदिर ही मंदिरे फक्त देवांचेच दर्शन घडवत नाही तर सृष्टीचा सुंदर देखावाही इथून पाहता आला. एकंदरीत महाबळेश्वर भेटीचा अनुभव अविस्मरणीय होता.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

पुढील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.

कृती 1: आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 17

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न i.
लेखकाला बॅडमिंटनची आवड कधी लागली होती?
उत्तर:
लेखकाला बॅडमिंटनची आवड त्यांच्या लहान वयातच लागली होती.

प्रश्न ii.
लेखक विजेते खेळाडू कसे होऊ शकले ?
उत्तरः
सातत्यपूर्ण परिश्रम करून लेखक विजेते खेळाडू होऊ शकले.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

कंसातील योग्य पर्याय वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.

  1. …………सामन्यात आपल्या देशाचे मी प्रतिनिधित्व केले. (राष्ट्रीय, तालुका स्तरीय, जिल्हा स्तरीय, आंतरराष्ट्रीय)
  2. मला …………….. पुरस्कार मिळाला. (खेलरत्न, अर्जुन, ध्यानचंद, द्रोणाचार्य)
  3. खेळ खेळल्यामुळे आपल्या आयुष्यात …………… येते. (शिस्त, समृद्धी, एकाग्रता, कुशलता)
  4. ………………….. आवड मला लहान वयातच लागली होती. (बॅडमिंटनची, क्रिकेटची, हॉकीची, कबड्डीची)

उत्तर:

  1. आंतरराष्ट्रीय
  2. अर्जुन
  3. शिस्त
  4. बॅडमिंटनची

कृती 2: आकलन कृती

प्रश्न 1.
ओघतक्ता पूर्ण करा.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 18

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

प्रश्न 2.
उत्तरे क्या.
उत्तर:

  1. लेखकाच्या फोटोत लेखकाच्या – [निरनिराळे चषक हाती असणाऱ्या गोष्टी वढाली]
  2. लेखकाच्या मते दररोज हे – [व्यायाम केले पाहिजे.]
  3. पत्र लिहिताना लेखकाचे वय – [66 वर्षे]

काय घडले ते सांगा.

प्रश्न 1.
लेखकाचा व्यायाम झाला नसेल, तर……
उत्तर:
लेखकाचा व्यायाम झाला नसेल तर त्यांना जेवावेसे वाटत

कारणे क्या.

प्रश्न  1.
‘मला वेळ नाही, ही सबब सांगू नका’ असे लेखक म्हणतात.
उत्तर:
प्रत्येकाने दररोज व्यायाम करावा ही लेखकाची इच्छा आहे. व्यायामासाठी वेळ नाही हे म्हणणे त्यांना पटत नाही. आपण वेळ नाही म्हणून जेवण करायचे थांबत नाही. जेवणासाठी बरोबर वेळ काढतो. असे असताना व्यायामही वेळातवेळ काढून करावा ही इच्छा असल्याने मला वेळ नाही, ही सबब सांगू नका असे लेखक म्हणतात.

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कृती 3: व्याकरण कृती

खालील वाक्यातील अव्यये ओळखून प्रकार लिहा.

प्रश्न i.
माझ्यापुरते बोलायचे तर मी अभ्यासामध्ये काही फारसा चांगला नव्हतो.
उत्तरः

  • पुरते : शब्दयोगी अव्यय
  • मध्ये : शब्दयोगी अव्यय
  • फारसा : क्रियाविशेषण अव्यय
  • तर : उभयान्वयी अव्यय

प्रश्न ii.
प्रत्येकाने दररोज काहीतरी व्यायाम केलाच पाहिजे.
उत्तर:
दररोज – क्रियाविशेषण अव्यय.

खालील वाक्यांत विरामचिन्हांचा योग्य वापर करून वाक्ये पुन्हा लिहा.

प्रश्न i.
वेळ नाही म्हणून जेवण करायचे राहते का दोन्ही जेवणांसाठी कसा बरोबर वेळ मिळतो
उत्तर:
वेळ नाही म्हणून जेवण करायचे राहते का? दोन्ही जेवणांसाठी कसा बरोबर वेळ मिळतो?

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

प्रश्न ii.
मग तो क्रिकेट टेनिस बॅडमिंटन असा तुम्हाला जो कोणता आवडत असेल तो खेळ असू दे
उत्तरः
मग तो क्रिकेट, टेनिस, बॅडमिंटन असा तुम्हांला जो कोणता आवडत असेल तो असू दे.

तक्ता पूर्ण करा.

प्रश्न 1.
तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्द विभक्ती प्रत्यय विभक्ती
1. खेळायला ला चतुर्थी एकवचन
2. सातत्याने ने तृतीया एकवचन
3. आयुष्यात सप्तमी एकवचन
4. वयाच्या च्या षष्ठी अनेकवचन

प्रश्न 2.
खालील शब्दांचे वचन बदला.

  1. ढाली – [ ]
  2. खेळ – [ ]
  3. सबब – [ ]
  4. वर्ष – [ ]

उत्तरः

  1. ढाली – [ढाल]
  2. खेळ – [खेळ]
  3. सबब – [सबबी]
  4. वर्ष – [वर्ष]

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कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
व्यायामाचे महत्व व त्याचे फायदे तुमच्या शब्दांत लिहा.
उत्तरः
आजच्या धकाधकीच्या आयुष्यात आरोग्याच्या तक्रारी वाढल्याचे दिसून येते. सतत काम, अवेळी जेवण, ताणतणावपूर्ण आयुष्य यांवर मनाला तजेला देणारा व शरीर निरोगी ठेवणारा उपाय म्हणजे व्यायाम, व्यायाम करणाऱ्या व्यक्तींना दीर्घ जीवनाचे वरदान मिळते त्यांची कार्यक्षमता वाढते. हाडांची मजबुती, शरीराच्या अवयवांचा समन्वय, नितळ त्वचा यांसारखे अनेक फायदे व्यायामामुळे होतात, व्यायाम करणाऱ्याचे शरीर सुडौल राहते. माणसाची रोग प्रतिकारक शक्ती वाढते. व्यायामाचे अगणित फायदे आहेत, असे म्हणता येईल.

खालील उताऱ्याच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती करा.
कृती 1: आकलन कृती

1. आकृतिबंध पूर्ण करा.

i.
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 19

ii
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र 20

एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न i.
लेखकाच्या मते, व्यायामासाठी किती तास काढले पाहिजेत?
उत्तर:
लेखकाच्या मते व्यायामासाठी तास – दोन तास काढले पाहिजेत.

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प्रश्न i..
ई-मेल, इंटरनेटचा काय फायदा होतो?
उत्तरः
ई-मेल, इंटरनेटमुळे आपल्याला घरबसल्या, हवी ती माहिती मिळू शकते.

प्रश्न iii.
लेखक आपल्या नातवंडांना काय सल्ला देतात?
उत्तरः
लेखक आपल्या नातवंडांना मित्रांशी व कुटुंबियांशी असलेला आपला व्यक्तिगत संपर्क तुटू न देण्याचा सल्ला देतात.

खालील इंग्रजी शब्दांना उताऱ्यात आलेले मराठी शब्द शोधा.

प्रश्न  1.

  1. ग्राऊंड
  2. सेल्फडिपेंडन्ट
  3. मिडियम ऑफ कॉन्टॅक्ट
  4. बॉल

उत्तर:

  1. मैदान
  2. स्वावलंबी
  3. संपर्कमाध्यमे
  4. चेंडू

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कृती 2: आकलन कृती

कंसातील योग्य पर्याय वापरून रिकाम्या जागा भरा.

प्रश्न 1.

  1. तुम्ही जसे मोठे व्हाल तसे तुम्ही आपले स्वत:चे ……………………….. व्हा. (पालक, शिक्षक, मार्गदर्शक, उद्धारक)
  2. येत्या ……………. तुम्हांला माझ्या शुभेच्छा ! (सहस्रकासाठी, नववर्षासाठी, दशकासाठी, शतकासाठी)

उत्तर:

  1. शिक्षक
  2. सहस्त्रकासाठी

खालील विधानांमागील कारणे शोधा.

प्रश्न 1.
तुम्ही जसे मोठे व्हाल तसे तुम्ही आपले स्वत:चे शिक्षक व्हा.
उत्तरः
लेखकाच्या मते, आयुष्यातील प्रत्येक गोष्ट शाळा कॉलेजांमध्ये शिकवून येत नसते. आयुष्यात येणारे प्रत्यक्ष अनुभव खूप काही शिकवून जात असतात. त्याकरता स्वत:बरोबरच आजूबाजूलाही लक्ष देणे गरजेचे असते. म्हणूनच तुम्ही जसे मोठे व्हाल तसे तुम्ही आपले स्वत: चे शिक्षक व्हा, असे लेखक म्हणतात.

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प्रश्न 2.
तुम्ही स्वत:वर अवलंबून राहायला शिकले पाहिजे. स्वावलंबी झाले पाहिजे.
उत्तर:
आयुष्यात शाळा कॉलेजात जे शिकवले जात नाही ते सगळे प्रत्यक्ष अनुभव शिकवत असतात. आपण स्वत:च आपल्याकरिता चांगले काय आणि वाईट काय ते ओळखायला शिकायचे असते. म्हणजे थोडक्यात स्वत: वर अवलंबून राहायला शिकले पाहिजे, स्वावलंबी झाले पाहिजे.

प्रश्न 3.
उत्तर लिहा. तिसऱ्या सहस्त्रकाचे कोणते विशेष लेखकाने सांगितले आहेत.
उत्तरः
तिसऱ्या सहस्त्रकामध्ये संपर्क माध्यमे, दळणवळण आणि संदेशवहनाचा आवाका वाढतो आहे. आता आपल्या घरी, बसल्या जागी, हवी ती माहिती आपल्याला ई-मेल व इंटरनेट द्वारे मिळू शकते. हे तिसऱ्या सहस्त्रकाचे विशेष लेखकाने सांगितले आहेत.

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कृती 3: व्याकरण कृती

प्रश्न 1.
खालील तक्ता पूर्ण करा.
उत्तरः

शब्द मूळ शब्द सामान्यरूप
1. आयुष्यातील आयुष्य आयुष्यात
2. आवाकाही आवाका आवाका
3. मित्रांशी मित्र मित्रां
4. रेषेच्या रेष रेषे

प्रश्न 2.
खालील शब्दांचे त्यांच्या लिंगानुसार वर्गीकरण करा.
व्यायाम, मैदान, शाळा, चेंडू, कुटुंबिय, रेष, ई-मेल
उत्तरः

पुल्लिंग स्त्रीलिंग नपुसकलिंग
1. व्यायाम शाळा मैदान
2. चेंडू रेष कुटुंबिय
3.  ई-मेल    

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खालील शब्दांचे विरुद्धार्थी शब्द लिहा.

प्रश्न 1.

  1. खुला × [ ]
  2. शिक्षक × [ ]
  3. स्वावलंबी × [ ]
  4. मित्र × [ ]

उत्तर:

  1. बंद
  2. विदयार्थी
  3. परावलंबी
  4. शत्रू

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खालील वाक्ये लेखननियमांनुसार शुद्ध करून लिहा.

प्रश्न i.
तुम्हि व्यायामासाठी तास – दोन तास काढलेच पाहीजे.
उत्तर:
तुम्ही व्यायामासाठी तास – दोन तास काढलेच पाहिजे.

प्रश्न ii.
येत्या सहसत्रकासाठी तुम्हांला माझ्या शुभेच्छा!
उत्तर:
येत्या सहस्रकासाठी तुम्हांला माझ्या शुभेच्छा!

कृती 4: स्वमत

प्रश्न 1.
‘तुमच्या मित्रांशी व कुटुंबियांशी असलेला आपला व्यक्तिगत संपर्क तुटू देऊ नका’ या वाक्याचा तुम्हांला कळलेल्या अर्थ लिहा.
उत्तरः
आपण तिसऱ्या सहस्त्रकात प्रवेश केला असून अनेक नवनवीन गोष्टी आपल्याला भुरळ घालत आहेत. प्रगत तंत्रज्ञानाचा वापर करून बनवलेली साधने वापरण्यास सोपी असल्याने अशा गोष्टींचा वापर करून आप्तेष्टांशी संपर्कात राहणे सोपे झाले आहे. व्हॉटस्अप फेसबूक, ट्वीट्, इन्स्टाग्राम यांसारख्या अॅप्समुळे आपण कधीही न पाहिलेल्या नातेवाईकांशीही संपर्कात राहत असलो तरी पूर्वीइतके प्रेम, प्रत्यक्ष व्यक्तिगत भेटितला ओलावा त्यातून जाणवत नाही. ते तोंडदेखले नाते उरते. म्हणूनच आपण मित्रांशी, कुटुंबियांशी व्यक्तिगत संपर्क ठेवणे आवश्यक ठरते.

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नातवंडांस पत्र Summary in Marathi

पाठपरिचय :

लेखक नंदू नाटेकर हे भारताचे माजी बॅडमिंटनपटू राष्ट्रीय विजेते आहेत. आपल्या नातवंडांशी पत्ररूपाने संवाद साधताना लेखक त्यांना निसर्ग सान्निध्यात गेलेले बालपण, आपली बॅडमिंटनची आवड, त्यासाठी लागणारे सातत्यपूर्ण परिश्रम आणि त्यातून संपादित केलेले उज्ज्वल यश यांविषयी मार्गदर्शन करतात.

The writer of this chapter Nandu Natekar is Famous batminton champion. In this letter, writer narrates to his grandchild about his own childhood memories which had been spent in nature, his love towards badminton, continouous dedication towards it and success gained through it.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 7 नातवंडांस पत्र

शब्दार्थ :

  1. माया – प्रेम – love
  2. हुंदडणे – फिरणे – to rome
  3. मनसोक्त – मन भरेपर्यंत – to one’s heart’s content
  4. गिरिस्थान – पर्वतावरील ठिकाण – mountain place
  5. थवा – पक्ष्यांचा समूह – flock of birds
  6. आकाश – आभाळ, गगन – sky
  7. नदी – सरिता – river
  8. नजराणा – मौल्यवान भेट – precious gift
  9. चषक व ढाली – trophy & shield
  10. परिश्रम – कष्ट – hardwork
  11. सबब – कारण – reason
  12. स्वावलंबी – स्वयंपूर्ण, आत्मनिर्भर – self reliant
  13. सहस्त्र – हजार – thousand
  14. दळणवळण – परस्पर संपर्क – inter – अथवा व्यवहार communication
  15. आवाका – विशालता, आकार – magnitude
  16. व्यक्तिगत – स्वत:पुरते – individual
  17. संपर्क – संबंध – contact

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वाक्प्रचार :

  1. मजा लुटणे – आनंद घेणे
  2. सामना करणे – तोंड देणे, परिस्थितीला सामोरे जाणे
  3. पडताळून पाहणे – बरोबर असल्याची खात्री करून घेणे

टिप :

अर्जुन पुरस्कार – राष्ट्रीय खेळातील उल्लेखनीय कामगिरीबद्दल भारत सरकारतर्फे दिला जाणारा महत्त्वपूर्ण पुरस्कार म्हणजे अर्जुन पुरस्कार होय. ही प्रथा 1961 मध्ये सुरू करण्यात आली. 3 लाख रूपये रोख, कांस्य धातूपासून बनवलेला अर्जुनाचा छोटा पुतळा आणि प्रमाणपत्र असे या पुरस्काराचे स्वरूप आहे. भारतातील क्रीडा प्रकार व खेळ यांच्या विकासास उत्तेजन देणे, हा या पुरस्करामागील उद्देश आहे.

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 7 मेरे रजा साहब Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब Textbook Questions and Answers

सूचनानुसार कृतियाँ करो :

संजाल पूर्ण करो :

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 1
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 6

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

कृति पूर्ण करो:

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 2
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 4

सूची तैयार कीजिए।

Question 1.
पाठ में उल्लेखित विविध भाषाएँ।
Answer:
हिंदी, उर्दू, फ्रेंच, अंग्रेजी।

Question 2.
पाठ में उल्लेखित विविध देश के नाम।
Answer:
लंदन, पेरिस, न्यूयार्क।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

कृति पूर्ण करो :

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 3
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 5

स्वाध्याय विषयक कृतियाँ

संजाल पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 1
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 6

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

भाषाबिंदु

Question 1.
पाठ्यपुस्तक से दस वाक्य चुनकर उनमें से उद्देश्य और विधेय अलग करके लिखिए।
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 7
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 8

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

उपयोजित लेखन

Question 1.
जहाँ चाह होती है वहाँ राह निकल आती है, इस सुवचन को आधार बनाकर अस्सी शब्दों तक कहानी लिखिए।
Answer:
विजयपुर नाम के एक छोटे से नगर में अथर्व नाम का होनहार व परिश्रमी लड़का रहता था। इस संसार में उसका कोई नहीं था । वह अनाथ था। दिनभर मेहनत मजदूरी करके वह स्वयं का पेट पालता था। अथर्व को पढ़ाई करने की चाह थी, लेकिन स्कूल जाने के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। इसलिए वह शाम को मजदूरी करके घर आकर अपने आप ही पढ़ाई करता था ।

पढ़ाई करते समय यदि कुछ समझ में नहीं आता था, तो वह अपने आस-पास रहने वाले बच्चों से पूछ लेता था । ऐसा करके वह पढ़ना-लिखना सीख गया। एक दिन नगर के भव्य दिवार पर लगाया विज्ञापन उसने पढ़ा। विज्ञापन में लिखा था कि सरकार होनहार बच्चों को छात्रवृत्ति देना चाहती है और इसके लिए छात्रों को मौखिक साक्षात्कार के लिए सरकारी दफ्तर में आना पड़ेगा।

अथर्व विज्ञापन पड़कर निश्चित समय पर सरकारी दफ्तर में पहुँच गया। लेकिन उसका नाम किसी भी स्कूल में दर्ज न होने के कारण कर्मचारियों ने उसे वहाँ से जाने के लिए कहा। अथर्व के पास पढ़ने की ललक थी। वह वहाँ से जाने के लिए तैयार नहीं हुआ। वहीं पर खड़े रहकर वह विनंती करने लगा। उसी वक्त जिला अधिकारी वहाँ पर आ पहुंचे। उन्हें सारी बातें समझ में आ गई और उन्होंने अथर्व का साक्षात्कार लिया।

मुलाकात में उन्होंने अथर्व को कई प्रश्न पूछे। आश्चर्य की बात यह थी कि किसी स्कूल का छात्र न होने के बावजूद भी उसने सभी प्रश्नों के सही उत्तर दिए। अत: उसकी होशियारी की तारीफ करते हुए जिलाधिकारी ने उसकी छात्रवृत्ति मजूर कर दी। सच ही कहा गया है कि जहाँ चाह होती है, वहाँ राह होती है।

मौलिक सृजन

Question 1.
कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय होता है। अपने विचार लिखिए।
Answer:
मन के अंत:करण की सुंदर प्रस्तुती ‘कला’ कहलाती है। दूसरे शब्दों में अभिव्यक्ति की कुशल शक्ति कला कहलाती है। संगीत, काव्य, रंगमंच, चित्रकला, मूर्तिकला आदि विविध प्रकार की कला हैं। कला के द्वारा मनुष्य को सत्यम्, शिवम् व सुंदरम का एहसास होता है। कला के द्वारा मिलने वाले आनंद की कोई सीमा ही नहीं होती। कला मनुष्य को संकीर्ण भावनाओं से ऊपर उठाती है।

कला मनुष्य के हदय को सौंदर्य, उल्लास व मनोरंजन से भर देती है। ताजमहल अद्वितीय कला का एक रूप है। उसे देखकर मनुष्य का हृदय हर्ष एवं खुशी से झूमने लगता है। ताजमहल को देखकर कवि सुंदर कविता लिखता है, तो चित्रकार अद्भुत चित्र का निर्माण करता है। इसलिए कला से प्राप्त आनंद अवर्णनीय होता है।

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स्वयं अध्ययन

किसी गायक/गायिका की सचित्र जानकारी लिखो।

Hindi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति क (१) आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 10
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 9

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखिका दिल्ली गई थी।
Answer:
अपनी ‘गणपति प्रदर्शनी’ के लिए।

Question 2.
लेखिका अस्पताल जाकर रजा साहब को अलविदा कहकर लौट आई।
Answer:
क्योंकि वे अस्पताल में शून्य की तरह लेटे थे और उनकी सिर्फ साँस चल रही थी।

कृति क (२) आकलन कृति

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों

Question 1.
व्हीलचेअर
Answer:
गद्यांश में प्रयुक्त साधन का नाम जिसका उपयोग विकलांग करते हैं।

Question 2.
रजा साहब
Answer:
लेखिका को सपने में किसने शुभकामना दी?

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य पहचान कर लिखिए।

Question 1.
२३ जुलाई के दिन रजा साहब परलोक सिधारे।
Answer:
सत्य

Question 2.
पिछले फरवरी को लेखिका मुंबई गई थी।
Answer:
असत्य

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कृति क (३) शब्द संपदा

Question 1.
पद्यांश में प्रयुक्त विदेशी शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
व्हीलचेअर

निम्नलिखित शब्द में उचित प्रत्यय का प्रयोग कीजिए।

Question 1.
प्रदर्शन
Answer:
प्रदर्शनी – प्रत्यय – ई

वचन बदलिए।

  1. शुभकामना
  2. सास

Answer:

  1. शुभकामनाएँ
  2. साँसें

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नीचे दिए हुए शब्दों के पर्यायवाची शब्द लिखिए ।

  1. शुभकामना
  2. अवसर

Answer:

  1. बधाई
  2. मौका

Question 1.
‘एक कलाकार के मन में दूसरे कलाकार के प्रति आत्मीयता होती है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
एक कलाकार को दूसरे कलाकार के प्रति आत्मीयता होती है। यह पूर्णत: सत्य है। कलाकार फिर वह अभिनेता हो या चित्रकार। उनमें एक-दूसरे के प्रति सम्मान व आदर की भावना होती है। यदि एक कलाकार उम्र में बड़ा एवं श्रेष्ठ हो, तो दूसरे कलाकार के हृदय में उसके प्रति श्रद्धा और बढ़ जाती है। वह उसमें अपना आदर्श दूबने लगता है और उसकी शैली एवं कला का अनुसरण करने लगता है। आज भी कई वर्तमान चित्रकार स्वर्गीय एम.एफ. हुसैन जी के कायल हैं। यह उनके प्रति, कलाकार के प्रति सहृदयता व आत्मीयता ही है।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

  1. गद्यांश में उल्लेखित धर्म ।
  2. गद्यांश में उल्लेखित धर्मग्रंथ ।

Answer:

  1. हिंदू व ईसाई
  2. बाइबल, गीता, कुरान

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 12
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 11

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

किसने, किससे कहा?

Question 1.
“आपसे बात करनी हैं?”
Answer:
लेखिका ने रजा साहब से कहा

Question 2.
“मैं कलाकार हूँ।”
Answer:
रजा साहब ने लेखिका से कह्य ।

Question 3.
“चलो तुम्हारा काम देखते हैं।”
Answer:
रजा साहब ने लेखिका से कहा ।

उचित जोड़ियाँ मिलाइए

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 13
Answer:
i – ग
ii – घ
iii – ख
iv – क

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

Question 1.
गद्यांश में से विदेशी शब्द ढूँड़कर लिखिए
Answer:
आर्ट, गॅलरी, स्टेडियो, इंटरव्यू

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द लिखिए ।

Question 1.
अपने जीवन की कथा
Answer:
आत्मकथा

Question 2.
कला दिखाने वाला
Answer:
कलाकार

विलोम शब्द लिखिए।

  1. धर्म x
  2. सुबह x

Answer:

  1. धर्म x अधर्म
  2. सुबह x शाम

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

निम्नलिखित शब्द से प्रत्यय अलग कीजिए।

कलाकार
Answer:
प्रत्यय – कार

स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सभी धर्मों के प्रति समभाव रखना कलाकार की विशेष पहचान होती है।’ कथन के संदर्भ में अपने विचार लिखिए।
Answer:
कलाकार वही होता है, जो सिर्फ अपनी कला से ही नहीं, बल्कि अपने व्यक्तित्व व कृतित्व से सभी पर अपनी अमिट छाप निर्माण करता है। कलाकार जीवन का सच्चा उपासक होता है। मानवीय मूल्य एवं संस्कृति के प्रति उसके हृदय में श्रद्धाभाव होता है। अत: वह सभी धर्मों को मानता है। उसके लिए सभी धर्म की किताबें एक समान होता है। वे भी सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखते थे। एक कलाकार के पास जीवन के प्रति उदार दृष्टिकोण होता है।

निम्नलिखित गद्यांश पड़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति ग (१) आकलन कृति

कारण लिखिए।

Question 1.
रजा साहब लेखिका के साथ पुणे गए।
Answer:
क्योंकि वे लेखिका का काम देखना चाहते थे।

Question 2.
रजा साहब ने लेखिका को पेरिस आने का न्यौता दिया।
Answer:
क्योंकि उन्हें लेखिका का काम पसंद आया था।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 15
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 14

समझकर लिखिए।

Question 1.
गद्यांश के आधार पर रजा साहब की विशेषताएँ
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 16

सही विकल्प चुनकर वाक्य फिर से लिखिए।

Question 1.
आपका ……… बहुत उज्ज्वल है। (भूत, भविष्य, वर्तमान)
Answer:
आपका भविष्य बहुत उज्ज्वल है।

Question 2.
ताज होटल के सामने से हमने ……… ली। (रिक्क्षा, टैक्सी, बस)
Answer:
ताज होटल के सामने से हमने टैक्सी ली।

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कृति पूर्ण कीजिए।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 18
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 17

पर्यायवाची शब्द लिखिए।

  1. काम
  2. करीना
  3. धैर्य
  4. मदद

Answer:

  1. कार्य
  2. सलीका
  3. धीरज
  4. सहायता

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

विलोम शब्द लिखिए।

  1. ससुराल x
  2. छोटी x

Answer:

  1. ससुराल x मायका
  2. छोटी x बड़ी कृति ग

स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
व्यक्ति को हर काम तन्मयता व लगन से क्यों करना चाहिए?
Answer:
प्रत्येक काम तन्मयता व लगन से करने से व्यक्ति का पूरा ध्यान काम पर केंद्रित हो जाता है और वह सुचारू रूप से कार्य पूरा करता है। काम करने के लिए अधिक समय की भी आवश्यकता नहीं पड़ती। तन्मयता व लगन से काम करने से काम करने के सही तरीके का हमें पता चल जाता है और काम करने में एक प्रकार का आत्मविश्वास भी निर्माण हो जाता है।अत: व्यक्ति को हर काम तन्मयता व लगन से करना चाहिए।

निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए।

कृति घ (१) आकलन कृति

निम्नलिखित गलत वाक्य सही करके फिर से लिखिए।

Question 1.
रजा साहब पेरिस स्टेशन पर लेखिका का इंतजार कर रहे थे।
Answer:
रजा साहब गारदीनो स्टेशन पर लेखिका का इतंजार कर रहे थे।

Question 2.
दोनों एक-दूसरे के ईमानदार अनुवादक थे।
Answer:
दोनों एक-दूसरे के ईमानदार समालोचक थे।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

उपर्युक्त गद्यांश से ऐसे दो प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों 

Question 1.
ग्यारह
Answer:
कितने बजे रजा साहब लेखिका के लिए दवा लेकर आए

Question 2.
रजा साहब
Answer:
लेखिका के घरवालों को किसने फोन किया था?

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखिका व रजा साहब में कभी विवाद नहीं हुआ।
Answer:
क्योंकि रजा साहब के पास स्नेह व अपनापन था।

कृति घ (३) शब्द संपदा

विलोम शब्द लिखिए।

  1. ईमानदार x
  2. स्नेह x

Answer:

  1. ईमानदार x बेईमान
  2. स्नेह x घृणा

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

समानार्थी शब्द लिखिए।

  1. विवाद
  2. स्नेह

Answer:

  1. झगड़ा
  2. प्यार

अनेक शब्द के लिए एक शब्द लिखिए।

Question 1.
गुण-दोष आदि की आलोचना करने वाला
Answer:
समालोचक

Question 2.
गद्यांश में आए विदेशी शब्द ढूँढकर लिखिए
Answer:
होस्टेल, स्टेशन, रेस्टॉरेंट, ट्रेन।

कृति घ (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
क्या स्नेह व अपनेपन से सभी के हृदय को जीता जा सकता है ? अपने विचार लिखिए।
Answer:
हाँ, स्नेह व अपनेपन से सभी के हृदय को जीता जा सकता है। स्नेह व अपनेपन की भावना ये दोनों मानवीय मूल्य हैं। स्नेह व अपनेपन में असीम शक्ति होती है। व्यक्ति को एक-दूसरे के साथ स्नेहपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। एक-दूसरे के साथ अपनत्व रखने से संबंधों में मधुरता निर्माण होती है। जिस व्यक्ति के पास स्नेह व अपनत्व की भावना होती है, ऐसा व्यक्ति सभी को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। सभी लोग ऐसे व्यक्ति के बातों को महत्त्व देने लगते हैं। नेल्सन मंडेला, बाबा आमटे आदि महापुरुषों के पास स्नेह व अपनेपन की भावना थीं। इसलिए वे सभी को अपना बना सके थे।

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

कारण लिखिए।

Question 1.
लेखिका की लड़की के साथ रजा साहब शुद्ध हिंदी में बातें करते थे।
Answer:
क्योंकि लेखिका की बेटी बहुत खूबसूरत हिंदी बोलती थी।

Question 2.
लेखिका हफ्ते में एक बार रजा साहब के लिए भारतीय शाकाहारी खाना बनाकर भेजती थीं।
Answer:
क्योंकि उन्हें खाने का शौक था और वे दाल, चावल, रोटी व आलू की सब्जी बड़े शौक से खाते थे।

कृति ड (२) आकलन कृति

संजाल पूर्ण कीजिए।

Question 1.
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 20
Answer:
Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब 19

Maharashtra Board Class 8 Hindi Solutions Chapter 7 मेरे रजा साहब

निम्नलिखित कथन सत्य है या असत्य पहचानकर लिखिए।

Question 1.
लेखिका की बड़ी बेटी हेलेना हिंदी बहुत ही खूबसूरत बोलती थी।
Answer:
सत्य

Question 2.
रजा साहब के कुछ फ्रांसीसी दोस्तों ने लेखिका को उनके इस दुनिया में न होने की सूचना दी।
Answer:
असत्य

कृति ङ (३) शब्द संपदा

Question 1.
परिच्छेद में से शब्द-युग्म ढूंडकर लिखिए।
Answer:
रोटी-आलू, अंग्रेजी-फ्रेंच, शेर-गजल, दाल-चावल

Question 2.
गद्यांश में से प्रत्यययुक्त शब्द ढूँढकर लिखिए।
Answer:
भारतीय – प्रत्यय – ईय
शाकाहारी – प्रत्यय – ई

Question 3.
गद्यांश में से ऐसे दो शब्द ढूँढकर लिखिए कि जिनके वचन परिवर्तित नहीं होते।
Answer:
आलू, दोस्त

नीचे दिए हुए शब्दों के विलोम शब्द लिखिए।

  1. शाकाहारी x
  2. सुंदर x

Answer:

  1. शाकाहारी x मांसाहारी
  2. सुंदर x कुरूप

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कृति ङ (४) स्वमत अभिव्यक्ति

Question 1.
‘सिर्फ चित्रकारी करना ही रजा साहब का शौक नहीं था। वे तो बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे।’ स्पष्ट कीजिए।
Answer:
जी हाँ, रजा साहब एक बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। चित्रकारी व पेंटिंग उनका पेशा था। इसके अलावा उन्हें कविताओं से प्रेम था। वे बड़े चाव से पढ़ते थे। शेर, गजल व पुरानी हिंदी फिल्मी गाने सुनते थे। हर सुंदर चीज का लेखन करते थे। हिंदी भाषा बहुत ही खूबसूरती से बोलते थे। उनके मित्र-परिवार में फ्रांसीसी दोस्त भी थे। इस प्रकार रजा साहब बहुआयामी प्रतिभा के धनी व व्यक्तित्व के स्वामी थे।

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

Balbharti Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Sulabhbharati Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे (कविता)

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे Textbook Questions and Answers

1. खालील अर्थाचे कवितेतील शब्द शोधा.
(अ) किनारा –
(आ) इच्छा –
(इ) अखंड –
(ई) आकाशप्र –

प्रश्न 1.
खालील अर्थाचे कवितेतील शब्द शोधा.
(अ) किनारा – [ ]
(आ) इच्छा – [ ]
(इ) अखंड – [ ]
(ई) आकाशप्र – [ ]
उत्तर:
(अ) किनारा – [तीर]
(आ) इच्छा – [आस]
(इ) अखंड – [अभंग]
(ई) आकाश – [आभाळ]

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

2. कवितेतील आत्मविश्वास व्यक्त करणाऱ्या काव्यपंक्ती लिहा. 

प्रश्न 1.
कवितेतील आत्मविश्वास व्यक्त करणाऱ्या काव्यपंक्ती लिहा.
उत्तर:
(i) इमान आम्हा एकच ठावे
घाम गाळुनी काम करावे

(ii) माणुसकीचे अभंग नाते
अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते

(iii) कोटि कोटि हे बळकट बाहू
जगन्नाथ रथ ओढून नेऊ

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

3. कवितेतील ऐक्याचा संदेश देणाऱ्या काव्यपंक्ती लिहा.

प्रश्न 1.
कवितेतील ऐक्याचा संदेश देणाऱ्या काव्यपंक्ती लिहा.
उत्तर:
1. आभाळाची अम्ही लेकरे, काळी माती आई
जात वेगळी नाही आम्हा धर्म वेगळा नाही.
2. नाव वेगळे नाही आम्हा गाव वेगळा नाही।
3. मार्ग वेगळा नाही आम्हा स्वर्ग वेगळा नाही।।
4. माणुसकीचे अभंग नाते
पंथ वेगळा नाही आम्हा संत वेगळा नाही।।
5. आस वेगळी नाही आम्हा ध्यास वेगळा नाही।।

4. ‘माणुसकीचे अभंग नाते अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते’ या काव्यपंक्तीतून कवीने सूचित केलेला विचार तुमच्या शब्दांत मांडा 

प्रश्न 1.
‘माणुसकीचे अभंग नाते अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते’ या काव्यपंक्तीतून कवीने सूचित केलेला विचार तुमच्या शब्दांत मांडा
उत्तर:
कृती 3 : काव्यसौंदर्य मधील (1) चे उत्तर पहा.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

5. कवितेतील यमक जुळणाऱ्या शब्दांच्या जोड्या शोधून लिहा.

प्रश्न 1.
कवितेतील यमक जुळणाऱ्या शब्दांच्या जोड्या शोधून लिहा.
उत्तर:

  1. तीरावरती – बसती
  2. नाव – गाव
  3. ठावे – करावे
  4. मार्ग – स्वर्ग
  5. नाते – भाग्यविधाते
  6. पंथ – संत
  7. बाहू – नेऊ
  8. आस – ध्यास

6. खालील कवितेच्या ओळीतील भाव तुमच्या शब्दांत लिहा. 

(अ) आभाळाची अम्ही लेकरे, काळी माती आई
जात वेगळी नाही आम्हा धर्म वेगळा नाही.

(आ) इमान आम्हा एकच ठावे
घाम गाळुनी काम करावे

प्रश्न अ.
आभाळाची अम्ही लेकरे, काळी माती आई
जात वेगळी नाही आम्हा धर्म वेगळा नाही.
उत्तर:
वसंत बापट यांनी ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून माणुसकीचा, एकीचा उदात्त विचार मांडला आहे. सर्व माणसे निसर्गाची लेकरे असल्याचा सुंदर विचार वरील काव्यपंक्तीतून दिसून येतो. माणूस हा अनेक जाती, धर्मांनी विभागला गेल्यामुळे त्यांमध्ये एकी दिसून येत नाही.

मात्र कष्टकरी स्वत:ला निसर्गाची, आभाळाची लेकरे मानतात व काळ्या मातीला आपल्या आईच्या स्थानी ठेवतात. आपले आई बाप एक असल्यामुळे अर्थातच त्यांच्यासाठी जात, धर्म वेगवेगळा ठरत नाही. आपण सर्व एकाच जातीधर्माचे असल्याचे ते ठासून सांगतात.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

प्रश्न आ.
इमान आम्हा एकच ठावे
घाम गाळुनी काम करावे
उत्तर:
प्रस्तुत काव्यपंक्ती वसंत बापट लिखित ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून घेतल्या आहेत. कष्टकऱ्यांसाठी कष्टाहून श्रेष्ठ काही नाही याचा प्रत्यय वरील काव्यपंक्तीमधून येतो. आपापसात कोणताही भेदभाव न मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी आपले इमानही एकच आहे. त्यांच्यासाठी महत्त्वाचे असणारे काम मनापासून, करुन, स्वकष्टाने ते पूर्णत्वास नेण्याची त्यांची निष्ठा त्यांना एक करते.

कष्टांपुढे, कामापुढे त्यांना दुसरे काही महत्वाचे वाटत नाही. म्हणूनच त्यांचा कष्टाचा मार्ग व त्यातून मिळणारे स्वर्गसुख सगळ्यांना वेगळे नसून एकच आहे. कष्टातून मिळणारे सुख, समाधान त्यांना स्वर्गप्राप्तीच्या सुखासारखे वाटते हे स्पष्ट होते.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

भाषेची गंमत :

भाषेचा वापर करत असताना बोलताना व लिहिताना आपण नैसर्गिकरीत्या थांबतो. आपण आजूबाजूला वावरत असताना, प्रवास करत असताना अनेक पाट्या वाचतो. त्यावर काही सूचना दिलेल्या दिसतात. बऱ्याच वेळा काही शब्द योग्य ठिकाणी न जोडल्यास किंवा न तोडल्यास वाक्याचा अर्थ बदलून जातो व त्यातून गंमत निर्माण होते.
उदा., (1) येथे वाहन लावू नये.
येथे वाहन लावून ये.
(2) बागेत कचरा टाकू नये.
बागेत कचरा टाकून ये.
या प्रकारची तुमच्या वाचनात आलेली वाक्ये लिहा व त्यातील गंमत समजून घ्या.

Marathi Sulabhbharti Class 8 Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे Important Additional Questions and Answers

पुढील कवितेच्या आधारे दिलेल्या सूचनेनुसार कृती

करा. कृती 1 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे 1

प्रश्न 2.
चौकट पूर्ण करा.
उत्तर:

  1. कष्टकऱ्यांची आई – [काळी माती]
  2. अभंग राहणारे नाते – [माणुसकी]
  3. बळकट बाहूंनी हे ओढता येणे शक्य – [जगन्नाथ रथ]

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

प्रश्न 3.
कंसातील योग्य शब्द वापरून रिकाम्या जागा भरा.

  1. आभाळाची अम्ही लेकरे …………….. माती आई। (लाल, काळी, तांबडी, ओली)
  2. माणुसकीचे ……………. नाते, आम्हीच अमुचे भाग्यविधाते। (अभंग, अतूट, अखंड, अबाधित)
  3. कोटि कोटि हे ……………. बाहू। (दणकट, बळकट, बलशाली, सामर्थ्यवान)

उत्तर:

  1. काळी
  2. अभंग
  3. बळकट

प्रश्न 4.
खालील कवितेच्या ओळी पूर्ण करा,

  1. श्रमगंगेच्या तीरावरती ………………..
  2. ………………. घाम गाळुनी काम करावे
  3. ……………. आम्हा ध्यास वेगळा नाही।।
  4. मार्ग वेगळा नाही आम्हा …………………

उत्तर:

  1. श्रमगंगेच्या तीरा वरती कष्टकऱ्यांची अमुची वसती
  2. इमान आम्हा एकच ठावे घाम गाळुनी काम करावे
  3. आस वेगळी नाही आम्हा ध्यास वेगळा नाही।।
  4. मार्ग वेगळा नाही आम्हा स्वर्ग वेगळा नाही।।

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

कृती 2 : आकलन कृती

प्रश्न 1.
आकृतिबंध पूर्ण करा.
उत्तर:
Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे 2

प्रश्न 2.
एका वाक्यात उत्तरे लिहा.

प्रश्न i.
कष्टकऱ्यांची वस्ती कुठे आहे?
उत्तर:
कष्टकऱ्यांची वस्ती श्रमगंगेच्या तीरावरती आहे.

प्रश्न ii.
कष्टकऱ्यांना कोणते इमान ठाऊक आहे?
उत्तरः
कष्टकऱ्यांना घाम गाळून काम करत राहणे हे एकच इमान ठाऊक आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

प्रश्न iii.
कष्टकरी आपण कोणाची लेकरे असल्याचे सांगतात?
उत्तर:
आम्ही सारे कष्टकरी आभाळाची लेकरे असून काळी माती आपली आई असल्याचे कष्टकरी सांगतात.

प्रश्न iv.
कष्टकरी आपल्या बाहूंवरील विश्वास कसा दर्शवतात?
उत्तरः
कष्टकरी आपले बाहू जगन्नाथ रथ ओढून नेण्याइतके बळकट असल्याचे सांगत त्यांवर विश्वास दर्शवतात.

प्रश्न 3.
यमक जुळणाऱ्या शब्दांच्या जोड्या जुळवा.

‘अ’ गट ‘ब’ गट
1. नाव (अ) संत
2. मार्ग (ब) भाग्यविधाते
3. पंथ (क) गाव
4. आस (ड) स्वर्ग
5. नाते (ई) ध्यास

उत्तर:

‘अ’ गट ‘ब’ गट
1. नाव (क) गाव
2. मार्ग (ड) स्वर्ग
3. पंथ (अ) संत
4. आस (ई) ध्यास
5. नाते (ब) भाग्यविधाते

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कृती 3 : काव्यसौंदर्य.

प्रश्न 1.
‘माणुसकीचे अभंग नाते अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते’ या काव्यपंक्तीतून कवीने सूचित केलेला विचार तुमच्या शब्दांत मांडा.
उत्तरः
जात, धर्म, पंथाने विभागल्या गेलेल्या माणसाला स्वत:च्या उद्धारासाठी, प्रगतीसाठी कोणा-ना-कोणाची गरज पडत असते. मात्र निसर्गाची लेकरे असलेल्या कष्टकऱ्यांना मात्र तशी कोणाचीच गरज पडत नाही. सर्व कष्टकरी सगळ्यांनी एकच जात, धर्म, पंथ मानतात व माणुसकीचे कधीही न दुभंगणारे नाते जपतात. म्हणूनच स्वत:ची प्रगती साधण्यासाठी, भाग्य उजळण्यासाठी त्यांना कोणाचीच गरज पडत नाही.

प्रश्न 2.
‘मार्ग वेगळा नाही आम्हा स्वर्ग वेगळा नाही’ या काव्यपंक्तीतील आशयसौंदर्य स्पष्ट करा.
उत्तर:
कष्टकऱ्यांमध्ये असलेले माणुसकीचे अभंग नाते विशद करताना कवी त्यांच्यातील एकजूटही सहज, सोप्या भाषेत नमूद करतात. स्वतःला निसर्गाची लेकरे मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी नाव, गाव, जात, धर्म, पंथ सर्व एकच आहे. त्यांचा मार्गही एकच अर्थात कष्टाचा मार्ग आहे.

स्वर्गप्राप्ती ही अंतिम इच्छा सामान्यतः माणूस ठेवत असताना कष्टकऱ्यांसाठी अंतिम ध्येय, उद्दिष्ट हे एकच आहे. कष्टकऱ्यांच्या उदात्त विचारांचे सहजसुंदर दर्शन प्रस्तुत काव्यपंक्तीतून दिसून येते.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

दिलेल्या मुद्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.

प्रश्न 1.
दिलेल्या मुद्यांच्या आधारे कवितेसंबंधी पुढील कृती सोडवा.
उत्तर:
1. कवी/कवयित्री – वसंत बापट
3. कवितचा रचनाप्रकार – ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ ही कविता यमक या रचनाप्रकारात लिहलिी आहे.
3. कवितेचा काव्यसंग्रह – ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ ही कविता शिंग फुकिले रणी या काव्यसंग्रहातून घेतली आहे.
4. कवितेचा विषय – मानवतावादी उदात्त विचार व कष्टकऱ्यांमधील माणुसकीचे नाते या कवितेतून स्पष्ट केले आहे.
5. कवितेतून व्यक्त होणारा भाव – ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून ‘शांत’ हा स्थायी भाव दिसून येतो.

6. कवी/कवयित्रीची लेखन वैशिष्ट्ये – माणुसकीच्या अभंग नात्याशी सहज जोडणारी कविता म्हणजे ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ ही कविता होय. या कवितेतून शांतरस दिसून येतो. कवीने अतिशय सोप्यासहज भाषाशैलीतून मानवतावादी विचार मांडले आहेत. कष्टकऱ्यांसाठी कष्ट हीच एक जात, पंथ, मार्ग, धर्म, ध्यास असल्याचे सांगून सर्व एकाच निसर्गाची लेकरे असल्याचा उदात्त विचार अधोरेखित केला आहे. यमक

7. साधल्यामुळे शाब्दिक सौंदर्य निर्माण झाले आहे. मध्यवर्ती कल्पना – सर्व कष्टकरी निसर्गाची, आभाळाची लेकरे असून त्यांच्यात कोणत्याही प्रकारचा भेद्रभाव नसतो. स्वकष्टावर विश्वास ठेवणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी जात, धर्म, नाव, गाव हे एकच असते. कष्टाचा मार्ग व अंतिम ध्येय ऐकच असते. आपल्या बाहूंवर, कष्टांवर विश्वास असणाऱ्या कष्टकऱ्यांची इच्छा व ध्यास एकच असतो आणि म्हणूनच कष्टकऱ्यांमधील हे नाते अभंग रहाते.

8. कवितेतून व्यक्त होणारा विचार – वसंत बापट लिखित ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेत मानवतावाद व माणुसकीच्या नात्याचे महत्त्व अधोरेखित केले आहे. स्वत:ला निसर्गाची लेकरे मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी ‘माणुसकी’ हा एकच धर्म आहे. नाव, गाव, पंथ-संत एकच मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांचा स्वत:च्या बाहूंवरील विश्वास त्यांच्यातील अभंग नात्याची ग्वाही देतो. माणुसकीचे अभंग, अतूट नाते व त्यातून निर्माण होणारा विश्वास या कवितेतून दिसून येतो.

9. कवितेतील आवडलेली ओळ –
कोटि कोटि हे बळकट बाहू
जगन्नाथ रथ ओढून नेऊ
आस वेगळी नाही आम्हा ध्यास वेगळा नाही।।

10. कविता आवडण्याची वा न आवडण्याची कारणे –
वसंत बापट यांनी आपल्या कवितेतून समाजात आवश्यक असणाऱ्या माणुसकीच्या कवितेतून समाजात आवश्यक असणाऱ्या माणुसकीच्या नात्याचे अनन्यसाधारण महत्त्व मांडले आहे. जात, धर्म, पंथ, संत वेगवेगळे मानून भेदभाव निर्माण करणाऱ्या माणसांपेक्षा ‘माणुसकी’ हा एकच धर्म मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांचे वेगळेपण कष्टकरी समाजात मानवतावाद पसरवण्याची आस उरी बाळगतात. माणुसकी या अभंग नात्याचा पाया भक्कम करणारी ही कविता मनाला उभारी देते आणि म्हणूनच मनाला भावते.

11. कवितेतून मिळणारा संदेश – ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेत मानवतावादी उदात्त विचार मांडले आहेत. आभाळाची निसर्गाची लेकरे असणाऱ्या कष्टकऱ्यांमध्ये कोणत्याही प्रकारचा भेदभाव राहात नाही. स्वकष्टावर विश्वास ठेवणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी माणुसकीचे नाते अनमोल ठरते. स्वत:च्या कामावर निष्ठा ठेवून अविरत मेहनत घेऊन स्वर्गसुख प्राप्त करण्याचा ध्यास घेतल्यास कोणतीच गोष्ट अशक्य नसल्याचा संदेश आपल्याला प्रस्तुत कवितेतून मिळतो.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

खालील काव्यपंक्तींचे रसग्रहण करा.

प्रश्न 1.
आभाळाची अम्ही लेकरे, काळी माती आई जात वेगळी नाही आम्हा धर्म वेगळा नाही.
उत्तरः
वसंत बापट यांनी ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून माणुसकीचा, एकीचा उदात्त विचार मांडला आहे. सर्व माणसे निसर्गाची लेकरे असल्याचा सुंदर विचार वरील काव्यपंक्तीतून दिसून येतो. माणूस हा अनेक जाती, धर्मांनी विभागला गेल्यामुळे त्यांमध्ये एकी दिसून येत नाही. मात्र कष्टकरी स्वत:ला निसर्गाची, आभाळाची लेकरे मानतात व काळ्या मातीला आपल्या आईच्या स्थानी ठेवतात.

आपले आई बाप एक असल्यामुळे अर्थातच त्यांच्यासाठी जात, धर्म वेगवेगळा ठरत नाही. आपण सर्व एकाच जातीधर्माचे असल्याचे ते ठासून सांगतात. आभाळ, काळी माती अशा शब्दांतून निसर्ग डोळ्यांसमोर उभा करण्याची किमया कवीने साधली आहे. कवीची, भाषाशैली सहजसोपी असून लयबद्ध पंक्तीतून ती वाचकांच्या सहज लक्षात येते.

प्रश्न 2.
श्रमगंगेच्या तीरावरती
कष्टकऱ्यांची अमुची वसती
नाव वेगळे नाही आम्हा गाव वेगळा नाही।
उत्तरः
‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेमधील या पंक्ती असून वसंत बापट यांनी त्यातून कष्टकऱ्यांसाठी श्रमाचे असलेले महत्त्व विशद केले आहे. नाव, गाव एक मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांची एकी यातून पहावयास मिळते. स्वत:ला निसर्गाची लेकरे मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी श्रम हे गंगेसारखे पवित्र व महत्त्वाचे आहे.

कष्ट करून आपले जीवन घडवणारे कष्टकरीश्रमरूपी गंगेच्या तीरावरती कायमस्वरूपी आपली वस्ती असल्याचे सांगतात. त्यामुळे अर्थातच त्यांच्यासाठी गाव वेगवेगळे ठरत नाही. आपण सारे एकच आहोत म्हणूनच त्यांना आपल्या नावातील वेगळेपणही मान्य नाही. कष्टकऱ्यांची एकी स्पष्ट करताना तीरावरती, वसती, नाव, गाव असे शब्द वापरून कवीने यमक साधले आहे. त्यामुळे भाषिक सौंदर्यात भर पडली आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

प्रश्न 3.
इमान आम्हा एकच ठावे
घाम गाळुनी काम करावे
मार्ग वेगळा नाही आम्हा स्वर्ग वेगळा नाही।।
उत्तरः
प्रस्तुत काव्यपंक्ती वसंत बापट लिखित ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून घेतल्या आहेत. कष्टकऱ्यांसाठी कष्टाहून श्रेष्ठ काही नाही याचा प्रत्यय वरील काव्यपंक्तीमधून येतो. आपापसात कोणताही भेदभाव न मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी आपले इमानही एकच आहे. त्यांच्यासाठी महत्त्वाचे असणारे काम मनापासून, करून, स्वकष्टाने ते पूर्णत्वास नेण्याची त्यांची निष्ठा त्यांना एक करते.

कष्टांपुढे, कामापुढे त्यांना दुसरे काही महत्त्वाचे वाटत नाही. म्हणूनच त्यांचा कष्टाचा मार्ग व त्यातून मिळणारे स्वर्गसुख सगळयांना वेगळे नसून एकच आहे. कष्टातून मिळणारे सुख, समाधान त्यांना स्वर्गप्राप्तीच्या सुखासारखे वाटते हे स्पष्ट होते. सतत काम करण्याचे कष्टकऱ्यांचे एक इमान ही कल्पना काव्याला एका वेगळ्या उंचीवर नेऊन ठेवते. शब्दांनी साधलेल्या यमकातून कष्टकऱ्यांचा दृढनिश्चय मनाला भिडतो. ध्येयपूर्तीची संकल्पनाही भाषिक सौंदर्य वाढवते.

प्रश्न 4.
माणुसकीचे अभंग नाते
अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते
पंथ वेगळा नाही आम्हा संत वेगळा नाही।।
उत्तरः
‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या वसंत बापट लिखित कवितेतील वरील ओळी असून कधीही न दुभंगणाऱ्या अशा माणुसकीच्या नात्याचे व त्यामुळे होणाऱ्या फायद्याचे महत्त्व कवीने प्रस्तुत ओळीतून विशद केले आहे. स्वत:ला निसर्गाची लेकरे मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांना आपापसातील नात्याला कोणतेही नाव देणे मान्य नाही. त्या सर्वांना एकच नाते ठाऊक आहे, ते म्हणजे माणुसकीचे नाते. जे सदैव अभंग, अतूट राहणारे आहे. अशा नात्यामुळेच व कष्ट करण्याच्या जिद्दीमुळे त्यांना स्वत:चे भाग्य बदलण्यासाठी कोणाची गरज नाही.

ते स्वत:लाच आपले भाग्यविधाते मानतात. माणुसकीचे नाते श्रेष्ठ मानल्यामुळे ते कोणत्याही पंथाला, संताला, संप्रदायाला वा त्यांच्या विचारांना मानत नाही. त्यांच्यासाठी ‘कष्ट’ हा एकच पंथ आहे तर ‘माणुसकी’ हा एकच संत आहे. कधीही विचार न केलेल्या नात्यातून कवीने अत्यंत खुबीने माणुसकीचे व कष्टाचे समर्थन केले आहे. अत्यंत साध्या पण अर्थपूर्ण भाषाशैलीतून कवीने उत्कृष्ट संदेश दिला आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

प्रश्न 5.
कोटि कोटि हे बळकट बाहू
जगन्नाथ रथ ओढुन नेऊ
आस वेगळी नाही आम्हा ध्यास वेगळा नाही।।
उत्तरः
प्रस्तुत काव्यपंक्ती वसंत बापट लिखित ‘आभाळाची अम्ही लेकरे’ या कवितेतून घेतल्या आहेत. दुर्दम्य इच्छाशक्ती व आपल्या बाजूंवर असणारा दृढ विश्वास हे कष्टकऱ्यांचे गुणविशेष वरील काव्यपंक्तीमधून दिसून येतात. कष्टाला आपले इमान मानणाऱ्या, स्वत:चे भाग्य स्वत: लिहिण्याची हिंमत ठेवणाऱ्या कष्टकऱ्यांना आपल्या बाहूंवर प्रचंड विश्वास आहे.

सगळ्यांना समान मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांचे अनेक हात एकत्र आल्यावर जगन्नाथ रथ ओढून नेण्याची क्षमताही त्यांच्यात असल्याचे ते आत्मविश्वासाने सांगतात. कोणतीही गोष्ट पूर्णत्वास नेण्याची त्यांची आस व ध्येयपूर्तीचा ध्यास त्या सगळ्या कष्टकऱ्यांसाठी एकच आहे.

उपरोक्त पंक्तीतून स्वत:वर असणाऱ्या विश्वासाचे व एकीचे, कार्यपूर्तीसाठी असणारे महत्त्व दाखवून दिल्याने आशय संपन्नता प्राप्त झाली आहे. आस, ध्यास अशा आत्मविश्वासपूर्ण शब्दांतून कवितेत आशयसौंदर्य निर्माण झाले आहे.

आभाळाची अम्ही लेकरे Summary in Marathi

काव्यपरिचय :

वसंत बापट लिखित प्रस्तुत कविता मानवतावादी उदात्त विचारांचे दर्शन घडवते. निसर्गाची लेकरे असणाऱ्या कष्टकऱ्यांमध्ये कोणत्याही प्रकारचा भेदभाव नसतो. आपल्या कष्टांवर विश्वास ठेवणाऱ्या कष्टकऱ्यांमधील माणुसकीचे नाते अभंग राहते.

The poet Vasant Bapat has described humanitarian noble thoughts through his poem ‘Abhalachi Amhi Lekare.’ All labourers are children of nature and they do not discriminate amongst themselves. They believe in hard work and share a common bond of humanity.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

भावार्थ :

आभाळाची अम्ही लेकरे, काळी माती आई
जात वेगळी नाही आम्हा धर्म वेगळा नाही।।

कष्टकऱ्यांमधील नाते स्पष्ट करताना कवी वसंत बापट सांगतात की, आम्ही सर्व निसर्गाची, आभाळाची लेकरे असून काळी माती आमुची आई आहे. म्हणूनच आमची जात अथवा धर्म वेगवेगळा नसून तो एकच आहे.

श्रमगंगेच्या तीरावरती
कष्टकऱ्यांची अमुची वसती
नाव वेगळे नाही आम्हा गाव वेगळा नाही ।।

गंगेइतकीच पवित्रता कष्टकऱ्यांच्या श्रमामध्ये असल्याने कवी कष्टकऱ्यांची वस्ती ही श्रमरूपी गंगेच्या तीरावरती असल्याचे सांगतात. या सर्व कष्टकऱ्यांचे गावच नाही तर नावही | वेगळे नसून एकच असल्याचेही ते नमूद करतात.

इमान आम्हा एकच ठावे
घाम गाळुनी काम करावे
मार्ग वेगळा नाही आम्हा स्वर्ग वेगळा नाही ।।

स्वत:च्या कामावर निष्ठा असणाऱ्या कष्टकऱ्यांनी घाम गाळून, अविरत मेहनत घेऊन काम करत राहणे ही एकच गोष्ट माहीत आहे. त्यांच्यासाठी ते स्वर्गसुख आहे सर्व कष्टकरी आपला मार्ग व आपले ध्येय अर्थात स्वर्ग एकच मानतात.

माणुसकीचे अभंग नाते
अम्हीच अमुचे भाग्यविधाते
पंथ वेगळा नाही आम्हा संत वेगळा नाही ।।

सर्वांना एकसमान मानणाऱ्या सगळ्या कष्टकऱ्यांमध्ये माणुसकीचे अखंड, कधीही न दुभंगणारे नाते आहे. आपल्या कष्टांवर विश्वास असणाऱ्या त्यांना आपणच आपले भाग्यविधाते असल्याची खात्री आहे. ‘माणुसकी’ हा एकच धर्म मानणाऱ्या कष्टकऱ्यांसाठी पंथ वा संत वेगळा नाही.

कोटि कोटि हे बळकट बाहू
जगन्नाथ रथ ओळुन नेऊ
आस वेगळी नाही आम्हा ध्यास वेगळा नाही ।।

कष्टकऱ्यांना स्वत:च्या बाहुंवर विश्वास आहे. त्यांचे खांदे इतके बळकट आहेत की ते जगन्नाथ रथ एकत्र ओढून नेऊ शकतात याची त्यांना खात्री आहे. मानवतावाद पसरवणाऱ्या या कष्टकऱ्यांची इच्छा, आस एक आहे व ध्यासही एक आहे.

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

शब्दार्थ :

  1. आभाळ – आकाश, गगन – sky
  2. लेकरे – मुले – children
  3. आई – माता, जननी – mother
  4. श्रम – कष्ट – hardship
  5. तीर – किनारा – shore, bank
  6. वसती – वस्ती, राहण्याचे ठिकाण – habitation
  7. इमान – निष्ठा – constant, loyalty
  8. ठावे – माहीत असणे – to know
  9. घाम – स्वेद – sweat
  10. मार्ग – दिशा, रस्ता – way, direction
  11. स्वर्ग – heaven
  12. माणुसकी – मानवता, सौजन्य- humanity
  13. अभंग – अखंड – unbroken/unbreakable
  14. संत – साधू – saint
  15. पंथ – संप्रदाय – creed
  16. बाहू – हात – arms
  17. आस – इच्छा – desire, wish

वाक्प्रचार :

  1. घाम गाळणे – कष्ट करणे
  2. ठाव असणे – माहीत असणे

Maharashtra Board Class 8 Marathi Solutions Chapter 6 आभाळाची अम्ही लेकरे

टिप :

जगन्नाथ रथ – ओडिसा येथील पुरी येथे असलेले जगन्नाथ मंदिर हे भगवान कृष्णाच्या वैष्णव पंथाचे मंदिर आहे. भगवान कृष्ण हे विष्णूचे अवतार आहेत. या मंदिराचा वार्षिक रथप्रवास उत्सव प्रसिद्ध आहे. त्यामध्ये देवगिरीच्या तीन मुख्य देवता, भगवान जगन्नाथ, त्यांचे मोठे बंधू बलभद्र व सुभद्रा हे तीन वेगवेगळ्या भव्य व सुसज्ज रथांतून बाहेर पडतात व शहराच्या प्रवासासाठी जातात. ओडिसा येथील सर्वात महत्त्वाचा सणही ‘रथयात्रा’ मानतात.