Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष पारिभाषिक शब्दावली

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष पारिभाषिक शब्दावली Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष पारिभाषिक शब्दावली

1. बैंक तथा वाणिज्य से संबंधित शब्द

  • Account = लेखा
  • Accountant = लेखापाल
  • Act = अधिनियम Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष पारिभाषिक शब्दावली
  • Affidavit = शपथपत्र
  • Agreement = अनुबंध/करार
  • Annexure = परिशिष्ट
  • Audit = लेखा परीक्षण
  • Average = औसत
  • Session = सत्र
  • Advocate General = महाधिवक्ता
  • Foreign Exchange = विदेशी विनिमय
  • Fund Sinking = निक्षेप निधि
  • Finance Commissioner = वित्त आयुक्त
  • Deduction = कटौती
  • Dividend = लाभांश
  • Domicile Certificate = अधिवास प्रमाणपत्र
  • Draft = मसौदा/प्रारूप
  • Gazette = राजपत्र
  • Investment = निवेश
  • Management = प्रबंधन
  • Revenue = राजस्व
  • Clearing = समाशोधन
  • Attestation = साक्ष्यांकन
  • Cheque = धनादेश (चैक)
  • Advance = अग्रिम
  • Capital = पूँजी Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष पारिभाषिक शब्दावली
  • Cashier = रोकड़िया/कोषाध्यक्ष
  • Amount = धनराशि, रकम
  • Custom Duty = सीमा शुल्क
  • Credit Amount = जमा रक्कम
  • Finance Bill = वित्त विधेयक
  • Finance Statement = वित्तीय विवरण
  • Pension = निवृत्ति वेतन
  • Service Charges = सेवा भार
  • Corporation-Tax = नगर निगम कर
  • Trade Mark = व्यापार चिह्न
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2. विधि से संबंधित शब्द

  • Bailable Offence = जमानती अपराध
  • Defendent = ufdact
  • Accused = अभियुक्त
  • Bench = न्यायपीठ
  • Show Cause = कारण बताओ
  • Custody (Police) = पुलिस हिरासत
  • Formal Investigation = औपचारिक जाँच
  • Validity = वैधता
  • Advocate General = Halfeta chall
  • Judicial Power = न्यायालयीन अधिकार
  • Ordinance = अध्यादेश

3. प्रशासनिक

  • Chancellor = कुलाधिपति
  • Deputation = प्रतिनियुक्ति
  • Director = निदेशक
  • Surveyor = सर्वेक्षक
  • Supervisor = पर्यवेक्षक
  • Governor = राज्यपाल
  • Secretary = सचिव
  • Eligibility = अर्हता
  • Memorandum = ज्ञापन
  • Notification = अधिसूचना
  • Registrar = कुलसचिव
  • Administration = प्रशासन
  • Commission = आयोग
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4. वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली

  • Mechanics = यांत्रिक
  • Gravitation = गुरुत्वाकर्षण
  • Orbit = कक्षा
  • Satellite = उपग्रह
  • Nerve = तंत्रिका
  • Nutrition = पोषण
  • Radiation = विकिरण
  • Tissue = ऊतक
  • Fertility = उर्वरता
  • Genetics = अनुवांशिकी

5. कंप्यूटर (संगणक) विषयक

  • Internet = अंतरजाल
  • Control Section = नियंत्रण अनुभाग
  • Hard Copy = मुद्रित प्रति
  • Storage = भंडार
  • Data = आँकड़ा
  • Software = प्रक्रिया सामग्री
  • Output = निर्गम
  • Screen = प्रपट्ट Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष पारिभाषिक शब्दावली
  • Network = संजाल
  • Command = समादेश

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

रेडियो जॉकी

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता 1

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

रेडियो संहिता

रेडियो श्राव्य माध्यम है। इसलिए श्राव्य माध्यम के अनुकूल संहिता होती है। इसमें शब्दों के साथ ध्वनि संकेत, ठहराव, मौन, अंतराल आदि के संकेत भी होने चाहिए। गीत– संगीत के बीच में चलनेवाली आर.जे. की बातचीत कम शब्दों में रोचक, चटपटी और मिठास भरी होनी चाहिए।

भाषा प्रवाहमयी हो। शब्द सरल हों। संहिता लयात्मकता के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में सहायक होनी चाहिए। रेडियो संहिता के तीन हिस्से होते हैं। आरंभ, मध्य और अंत। आरंभ जितना आकर्षक, उतना ही अंत भी आकर्षक होना चाहिए। मध्य में विषयवस्तु कार्यक्रम की लंबाई पर निर्भर है।

हिंदी में रेडियो चैनल के लिए जो संहिता होती है, वह बहुत ही सधी हुई होती है। रेडियो की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण है – कार्यक्रमों की प्रस्तुति, संयोजन और भाषा का नयापन। संहिता की भाषा गतिशील और अनौपचारिक होनी चाहिए।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष रेडियो जॉकी और रेडियो संहिता

कुछ चैनलों पर जिस हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाता है वह ‘प्रोमो’ हिंदी है। ‘प्रोमो’। अर्थात ‘पोस्ट मॉडर्न’ – उत्तर आधुनिक हिंदी। इस हिंदी भाषा में चुलबुलापन, मसखरापन, मस्ती और लय होती है। इसकी अपनी एक अलग पहचान है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

भावार्थ : पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २० : पाठ – भक्ति महिमा – संत दादू दयाल

जो माया–मोह का रस पीते रहे, उनका मक्खन–सा हृदय सूखकर पत्थर हो गया किंतु जिन्होंने भक्ति रस का पान किया, उनका पत्थर हृदय गलकर मक्खन हो गया। उनका हृदय प्रेम से भर गया।

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

अहंकारी व्यक्ति से प्रभु दूर रहता है। जो व्यक्ति प्रभुमय हो जाता है, फिर उसमें अहंकार नहीं होता। मनुष्य का हृदय एक ऐसा सँकरा महल है, जिसमें प्रभु और अहंकार दोनों साथ–साथ नहीं रह सकते। अहंकार का त्याग करना अनिवार्य है।

दादू मगन होकर प्रभु का कीर्तन कर रहे हैं। उनकी वाणी ऐसे मुखरित हो रही है जैसे ताल बज रहा हो। यह मन प्रेमोन्माद में नाच रहा है। दादू के सम्मुख दीन–दुखियों पर विशेष कृपा करने वाला प्रभु खड़ा है।

जिन लोगों ने भक्ति के सहारे भवसागर पार कर लिया, उन सभी की एक ही बात है कि भक्ति का संबल लेकर ही सागर को पार किया जा सकता है। सभी संतजन भी यही बात कहते हैं। अन्य मार्गदर्शक, जीवन के उद्धार के लिए जो दूसरे अनेक मार्ग बताते हैं, वे भ्रम में डालने वाले हैं। प्रभु स्मरण के सिवा अन्य सभी मार्ग दुर्गम हैं।

प्रेम की पाती (पत्री) कोई विरला ही पढ़ पाता है। वही पढ़ पाता है, जिसका हृदय प्रेम से भरा हुआ है। यदि हृदय में जीवन और जगत के लिए प्रेम भाव नहीं है तो वेद–पुराण की पुस्तकें पढ़ने से क्या लाभ ?

कितने ही लोगों ने वेद–पुराणों का गहन अध्ययन किया और उसकी व्याख्या करने में लिख–लिखकर कागज काले कर दिए लेकिन उन्हें जीवन का सच्चा मार्ग नहीं मिला। वे भटकते ही रहे, जिसने प्रिय प्रभु का एक अक्षर पढ़ लिया, वह सुजान–पंडित हो गया।

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

मेरा अहंकार – “मैं’ ही मेरा शत्रु निकला, जिसने मुझे मार डाला, जिसने मुझे पराजित कर दिया। मेरा अहंकार ही मुझे मारने वाला निकला, दूसरा कोई और नहीं।

अब मैं स्वयं इस ‘मैं’ (अहंकार) को मारने जा रहा हूँ। इसके मरते ही मैं मरजीवा हो जाऊँगा। मरा हुआ था फिर से जी उठूगा। एक विजेता बन जाऊँगा।

हे सृष्टिकर्ता ! जिनकी रक्षा तू करता है, वे संसार सागर से पार हो जाते हैं।

और जिनका तू हाथ छोड़ देता है, वे भवसागर में डूब जाते हैं। तेरी कृपा सज्जनों पर ही होती है।

रे नासमझ ! तू क्यों किसी को दुख देता है। प्रभु तो सभी के भीतर हैं। क्यों तू अपने स्वामी का अपमान करता है? सब की आत्मा एक है। आत्मा ही परमात्मा है। परमात्मा के अलावा वहाँ दूसरा कोई नहीं।

इस संसार में केवल ऐसे दो रत्न हैं, जो अनमोल हैं। एक है सबका स्वामी–प्रभु। दूसरा स्वामी का संकीर्तन करने वाला संतजन, जो जीवन और जगत को सुंदर बनाता है।

इन दो रत्नों का न कोई मोल है, न कोई तोल ! न इनका मूल्यांकन हो सकता है, न इन्हें खरीदा जा सकता है, न तौला जा सकता है।

भावार्थ : पाठ्यपुस्तक पृष्ठ क्रमांक २४ : पाठ – बाल लीला – संत सूरदास

1. यशोदा अपने पुत्र को चुप करने के लिए बार–बार समझाती है। वह कहती है – “चंदा आओ ! तुम्हें मेरा लाल बुला रहा है। यह मधु मेवा, पकवान, मिठाई स्वयं खाएगा और तुम्हें भी खिलाएगा। (मेरा लाल) तुम्हें हाथ में रखकर खेलेगा; तुम्हें जरा भी भूमि पर नहीं बिठाएगा।”

Maharashtra Board Class 12 Hindi परिशिष भावार्थ : भक्ति महिमा और बाल लीला

यशोदा हाथ में पानी का बर्तन उठाकर कहती है – “चंद्रमा ! तुम शरीर धारण कर आ जाओ।’ फिर उन्होंने जल का पात्र भूमि पर रख दिया और उसे दिखाने लगी – ‘बेटा देखो ! मैं वह चंद्रमा पकड़ लाई हूँ।’ अब सूरदास के प्रभु श्रीकृष्ण हँस पड़े और मुस्कुराते हुए उस पात्र में बार–बार दोनों हाथ डालने लगे।

2. हे श्याम ! उठो, कलेवा (नाश्ता) कर लो। मैं मनमोहन के मुख को देख–देखकर जीती हूँ। हे लाल ! मैं तुम्हारे लिए छुहारा, दाख, खोपरा, खीरा, केला, आम, ईख का रस, शीरा, मधुर श्रीफल और चिरौंजी लाई हूँ। अमरूद, चिउरा, लाल खुबानी, घेवर–फेनी और सादी पूड़ी खोवा के साथ खाओ।

मैं बलिहारी जाऊँ। गुझिया, लड्डू बनाकर और दही लाई हूँ। तुम्हें पूड़ी और अचार बहुत प्रिय हैं। इसके बाद पान बनाकर खिलाऊँगी। सूरदास कहते हैं कि मुझे पानखिलाई मिले।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest परिशिष मुहावरे Notes, Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi परिशिष मुहावरे

मुहावरा वह वाक्यांश जो सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में प्रयुक्त होता है; मुहावरे में उसके लाक्षणिक और व्यंजनात्मक अर्थ को ही स्वीकार किया जाता है। वाक्य में प्रयुक्त किए जाने पर ही मुहावरा सार्थक प्रतीत होता है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे

  • अंकुर जमाना – प्रारंभ करना।
  • अपने पैरों पर खड़ा होना – आत्मनिर्भर होना।
  • आँच न आने देना – संकट न आने देना।
  • आँखों में सैलाब उमड़ना – फूट–फूटकर रोना।
  • आँखें फटी रहना – आश्चर्यचकित रह जाना।
  • आईने में मुँह देखना – अपनी योग्यता जाँचना।
  • आसमान के तारे तोड़ना – असंभव कार्य करना।
  • ईंट का जवाब पत्थर से देना – कड़ा जवाब देना
  • उधेड़ बुन में लगना – सोच–विचार करना।
  • एक आँख से देखना – समान रूप से देखना।
  • एक और एक ग्यारह होना – एकता में बल होना।
  • कदम बढ़ाना – प्रगति करना।
  • कमर कसना – प्रगति करना।
  • कमर सीधी करना – आराम करना, सुस्ताना।
  • कलई खुलना – भेद प्रकट होना।
  • कान देना – ध्यान से सुनना।
  • किस्मत खुलना – भाग्य चमकना।
  • गले का हार होना – अत्यंत प्रिय होना।
  • गागर में सागर भरना – थोड़े में बहुत कहना।
  • घी के दीये जलाना – खुशी मनाना।
  • चिकना घड़ा होना – निर्लज्ज होना।
  • चुटकी लेना – व्यंग्य करना।
  • जबान देना – वचन देना। Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे
  • झंडे गाड़ना – पूर्ण रूप से प्रभाव जमाना।
  • डंका पीटना – प्रचार करना।
  • तितर–बितर होना – बिखर जाना।
  • हजारों दीप जल उठना – आनंदित हो उठना।
  • रुपये दाँत से पकड़ना – कंजूसी करना।
  • दूध का दूध, पानी का पानी करना – इनसाफ करना, न्याय करना।
  • नाम कमाना – यश प्राप्त करना।
  • पाँचों उंगलियाँ घी में होना – हर तरफ से लाभ होना।
  • फूला न समाना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
  • बीड़ा उठाना – किसी काम को करने की ठान लेना।
  • बाँछे खिलना – अत्यधिक प्रसन्न होना।
  • मरजीवा होना – कठोर साधना से लक्ष्य तक पहुँचने वाला होना।
  • मल्हार गाना – आनंद मनाना।
  • राई का पहाड़ बनाना – बात को बढ़ा–चढ़ाकर कहना।
  • लोहा मानना – श्रेष्ठता स्वीकार करना।
  • सफेद झूठ बोलना – पूरी तरह से झूठ बोलना।
  • सिर खपाना – ऐसे काम में समय लगाना जिसमें कोई लाभ नहीं।
  • सिर पर सेहरा बाँधना – अधिक यश प्राप्त करना।
  • सोना उगलना – बहुत अधिक लाभ होना।
  • सौ बात की एक बात – असली बात, निचोड़।
  • हाथ–पैर मारना – बहुत प्रयत्न करना।
  • हौसला बुलंद होना – उत्साह बना रहना।
  • श्रीगणेश करना – कार्य आरंभ करना।
  • दाँतों तले उँगली दबाना – आश्चर्यचकित होना।
  • अंधे की लाठी होना – निराधार का सहारा बनना।
  • आग से खेलना – मुसीबत मोल लेना।
  • मुट्ठी गर्म करना – रिश्वत देना।
  • इतिश्री होना – समाप्त होना। Maharashtra Board Class 11 Hindi परिशिष मुहावरे
  • उड़ती चिड़िया पहचानना – तीक्ष्ण बुद्धि वाला होना।
  • हथेली पर सरसों जमाना – कठिन कार्य करना।
  • कंचन बरसना – धन–दौलत से परिपूर्ण होना।
  • कानों कान खबर न होना – बिल्कुल पता न चलना।
  • गाल बजाना – अपनी प्रशंसा आप करना।
  • घड़ों पानी पड़ना – बहुत लज्जित होना।
  • चिकनी–चुपड़ी बातें करना – चापलूसी करना, मीठी-मीठी बातें बोलना।
  • छाती पर साँप लोटना – ईर्ष्या होना।
  • तूती बोलना – प्रभाव होना।
  • दो टूक जवाब देना – स्पष्ट बोलना।
  • नुक्ताचीनी करना – आलोचना करना।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि

11th Hindi Digest Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि Textbook Questions and Answers

पाठ पर आधारित

प्रश्न 1.
विद्यार्थी जीवन में ई-अध्ययन का महत्त्व स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
आज तक विद्यार्थी केवल हाथ में पुस्तक लेकर ही ज्ञान प्राप्त कर सकते थे परंतु ई-अध्ययन शिक्षा-क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आज इंटरनेट पर कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं। एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार छात्र के सामने बैठे-बिठाए प्रस्तुत हो जाता है।

कंप्यूटर विद्यार्थी के लिए ज्ञान का स्त्रोत है जिसके सहारे पढ़ाई हो सकती है। दृक्-श्राव्य माध्यम से उसकी पढ़ाई रोचक बन जाती है। मनोरंजन और ज्ञान का सुंदर समन्वय ई-अध्ययन में होता है।

आज का युग प्रतियोगिता का युग है। विद्यार्थियों को कई सारी प्रतियोगिताएँ, परीक्षा की तैयारियाँ करनी होती हैं और इनके लिए ई-अध्ययन एक वरदान है। हर विषय का ज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल-कूद, संगीत, राजनीति आदि की जानकारी भी छात्र ई-अध्ययन द्वारा प्राप्त कर स्वयं को अद्यतन रख सकता है।

समय, श्रम और अर्थिक बचत भी बड़े पैमाने पर होती है। ज्ञान के साथ-साथ करियर का अवसर भी प्राप्त हो सकता है। सचमुच ई-अध्ययन का विद्यार्थी जीवन में बड़ा महत्त्व है।

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प्रश्न 2.
ई-ग्रंथालय की जानकारी लिखिए।
उत्तर :
आज इंटरनेट पर ई-ग्रंथालय वेबसाइट उपलब्ध है। यह ग्रंथालय शुल्क सहित तथा नि:शुल्क दोनों तरीके से उपलब्ध है। ऐसे ग्रंथालयों में ई-पुस्तकें, ई-वीडियो, वार्तापट आदि द्वारा ज्ञान उपलब्ध होता है। यह सुविधा हर दिन, हर समय उपलब्ध होती है यानि समय का बंधन नहीं होता।

सबसे बड़ी बात यह है कि यहाँ केवल हमारे देश के लेखकों का ही साहित्य नहीं तो विदेशी लेखकों के साहित्य को पढ़ने का लाभ उठा सकते हैं।

आज कई सारे प्रकाशक पुस्तक बनते ही वेबसाइट पर ई-पुस्तक द्वारा उपलब्ध करवाते हैं। ई-पुस्तक वापस लौटाने की जरूरत नहीं होती। पुस्तक को संभालकर रखने, गुम हो जाने या फट जाने की संभावना भी नहीं होती है।

मनचाहे पुस्तक को अपने कंप्यूटर में, मोबाइल में या टैब में संकलित कर सुरक्षित रख सकते हैं।

प्रश्न 3.
‘आज के विद्यार्थी अध्ययन के लिए कंप्यूटर पर निर्भर हैं –
पाठ के आधार पर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर :
वर्तमानकालीन विद्यार्थी मोबाइल, इंटरनेट आदि आधुनिक तकनीक के अधीन हो गए हैं। हर क्षेत्र में तंत्रज्ञान के माध्यम से क्रांति हुई है। सूचना एवं तकनीकी क्रांति से शिक्षा क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है। अध्ययन-अध्यापन में ई-अध्ययन ने नई दृष्टि प्रदान की है।

आज से पहले विद्यार्थी केवल हाथ में पुस्तक लेकर ज्ञान प्राप्त कर सकते थे, परंतु आज एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार उसके सामने बैठे-बिठाए प्रस्तुत होता है। आज इंटरनेट की कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं। कंप्यूटर हमारे जीवन का एक हिस्सा बन गया है।

आज के विद्यार्थी इस ज्ञान देने वाले कंप्यूटर को ज्ञान के स्त्रोत के रूप में देख रहे हैं। उसके सहारे उनकी बहुत सारी पढ़ाई आसानी से हो जाती है।

कठिन से कठिन जानकारी कंप्यूटर द्वारा विद्यार्थी तक पहुंच रही है। परीक्षा की तैयारी करनी हो या प्रतियोगिता के लिए तैयार होना हो कंप्यूटर पर उपलब्ध ज्ञान विद्यार्थी के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है।

समय, श्रम और धन की बड़े पैमाने पर बचत होना भी अन्य लाभ है जो विद्यार्थी बखूबी उठाते हैं इसीलिए अपने अध्ययन के लिए कंप्यूटर पर निर्भर होते हैं।

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व्यावहारिक प्रयोग

प्रश्न 1.
अपने महाविद्यालय में मनाए गए हिंदी दिवस का वृत्तांत लेख समाचार पत्र के संपादक को मेल कीजिए।
उत्तर :
प्रति : ggnnbt@gmail.com
विषय : हिंदी दिवस वृत्तांत
श्री. संपादक (editor) महोदय, हमारे महाविद्यालय में मनाए गए हिंदी दिवस का वृत्तांत लेख समाचार पत्र में पब्लिश करने हेतु साथ में भेजा है। कृपया आवश्यक कार्रवाई करें और समाचार पत्र में पब्लिश करके हमें उपकृत (obliged) करें।

धन्यवाद !
भवदीय,
अनघा कुलकर्णी।
(विद्यार्थी प्रतिनिधि, युनिक महाविद्यालय, श्रीवर्धन।)
anghakulkarni2000@gmail.com

युनिक महाविद्यालय में हिंदी दिवस धूमधाम से संपन्न
‘हिंदी है जन-जन की भाषा,
हिंदी हमारे हृदय की भाषा,
हिंदी विश्व की सबसे बड़ी भाषा।’

युनिक महाविद्यालय के सभागार में हिंदी दिवस बड़े उत्साह के साथ प्रधानाचार्य श्री. शिवकुमार की अध्यक्षता में मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन 12वीं कक्षा की छात्रा शुभा ने किया। इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा के महत्त्व पर अध्यापक तथा छात्रों ने अपने विचार प्रकट किए।

इस अवसर पर दोहों की प्रतियोगिता रखी गई थी जिसकी वजह से कार्यक्रम जोश और उल्लास से सराबोर हो गया। विजेता संघ को सर्टिफिकेट दिए गए। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य जी ने उन छात्रों की भूरी-भूरी प्रशंसा की और हिंदी को देश को जोड़ने वाली कड़ी के रूप में गौरवान्वित किया।

उनका मानना है कि हिंदी राष्ट्र भाषा की गंगा से विश्व भाषा का महासागर बन रही है। हिंदी अति उदार, समझ में आने जैसी सरल, सहिष्णु (tolerant) है, साथ ही भारत की राष्ट्रीय चेतना की संवाहिका भी है। प्राचार्य जी के इस उद्बोधन (message) पर तालियों की गूंज आसमान तक पहुँची।

अध्यापक वृंद, कर्मचारी वर्ग तथा विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। इस दिन महाविद्यालय का कामकाज भी हिंदी भाषा में किया गया जिसके कारण महाविद्यालय ‘हिंदीमय’ बन गया था। (विद्यार्थी प्रतिनिधि द्वारा)

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प्रश्न 2.
पर्यावरण दिन’ पर प्रकल्प के लिए नेट से जानकारी प्राप्त करके उसका पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन कक्षा में प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
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  • पर्यावरण परि + आवरण शब्दों के मेल से बना है जिसका अर्थ है आस-पास का वातावरण।
  • पर्यावरण और मानव का बड़ा गहरा नाता है। इसे स्वच्छ और सुंदर रखना हमारा कर्तव्य है।
  • हमारा कर्तव्य है कि हम वन, झील, नदी, वन्य जीव, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी आदि का संरक्षण करें।
  • हम अपने आस-पास के वातावरण को जितना सहेजकर रखेंगे हमारा जीवन उतना ही उत्कृष्ट, आनंदमय एवं सुखमय होगा।
  • प्रकृति के विभिन्न अंग नदी, पर्वत, वृक्ष, जीव, प्राणी, भूमि आदि की पूजा हमारी प्राचीन परंपरा रही है।
  • पर्यावरण का अपमान बाढ़, भूकंप, त्सुनामी, अतिवृष्टि या सूखा जैसे अभिशापों को दावत देना है।
  • प्रदूषण के दुष्परिणाम, ग्लोबल वॉर्मिंग, जलवायु बदलाव के खतरे लगातार दस्तक दे रहे हैं।
  • बेतहर कल के लिए पर्यावरण संरक्षण एक ही विकल्प है।
  • आओ वन-उपवन विकसित करें और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।

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Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि

ई-अध्ययन : नई दृष्टि Summary in Hindi

ई-अध्ययन : नई दृष्टि पाठ परिचय :

प्रस्तुत पाठ एक आलेख है। जिसमें ई-अध्ययन की संकल्पना, संसाधन, उसके प्रयोग की विधियाँ, प्रयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियाँ आदि के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है। साथ ही भविष्य में ई-अध्ययन की आवश्यकता को भी स्पष्ट किया है।

आज ई-संसाधनों का उपयोग हर-जगह, हर क्षेत्र में हो रहा है। शिक्षा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। इंटरनेट, मोबाइल, टैब, कंप्यूटर आदि का प्रयोग कर विद्यार्थी ज्ञान अर्जित कर रहे हैं और स्मार्ट बन रहे हैं यही बात स्पष्ट करने की कोशिश पाठ में की गई है।

ई-अध्ययन : नई दृष्टि पाठ का सारांश :

हर चीज के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। मोबाइल तथा आधुनिक तकनीक भी इससे अछूती नहीं है। विद्यार्थी को उसके सकारात्मक पहलू का सदुपयोग करके ज्ञानार्जन का लाभ उठाना चाहिए। एक बटन दबाते ही ज्ञान का भंडार उसके सामने प्रस्तुत हो जाता है।

आज इंटरनेट की कई सारी वेबसाइट्स से ज्ञान के दरवाजे खुले हैं।

‘कम समय में बहुत सारा काम’ यह कंप्यूटर की विशेषता है। विद्यार्थी को इसे ज्ञान के स्त्रोत के रूप में देखकर पढ़ाई के लिए उपयोग में लाना चाहिए।

इंटरनेट (अंतरजाल) एक ऐसी व्यवस्था है जो सारे संसार के सरकारी, निजी, व्यावसायिक संस्था, विश्वविद्यालय के लाखों कंप्यूटर को व्यक्तिगत कंप्यूटर से जोड़ती है। डाटा और सूचनाओं का आदान-प्रदान तुरंत करती है।

भारत में अनेक राज्य और अनेक भाषाएँ है इसीलिए इंटरनेट संचालन के लिए अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी तथा अन्य प्रादेशिक भाषाओं के सॉफ्टवेअर तैयार किए गए हैं। ‘डिजिटल इंडिया’ के लिए वाकई में सुखद स्थिति है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि

ई-लर्निंग तथा ई-अध्ययन में विद्यार्थी रुचि रखते हैं। दृक्-श्राव्य माध्यम से पढ़ाई रोचक बनती है। मनोरंजन और ज्ञान का सुंदर समन्वय देखने मिलता है। ई-बुक, ई-मैगजिन की सहायता से जहाँ चाहे, जब चाहे वहाँ पढ़ना संभव हो जाता है।

पुस्तक सँभालना नहीं पड़ता, फटने या गुम होने की संभावना नहीं रहती। ई-अध्ययन से शिक्षा की तरफ देखने की नई दृष्टि मिल गई है। आज ई-ग्रंथालय भी इंटरनेट पर उपलब्ध हैं जहाँ नि:शुल्क या शुल्क देकर देश-विदेश के लेखकों का साहित्य पढ़ा जा सकता है।

ई-ग्रंथालयों में ई-पुस्तकें, ई-वीडियो, वार्तापट आदि द्वारा ज्ञान उपलब्ध होता है।

आज का युग प्रतियोगिता का युग है और इसमें टिके रहने के लिए ई-अध्ययन एक वरदान है। हर विषय का ज्ञान, सामान्य ज्ञान, खेल-कूद पर्यावरण आदि की जानकारी ई-अध्ययन से हम ले सकते हैं। ऐसा एक भी क्षेत्र नहीं जिसकी जानकारी हमें ना मिलती हो।

कभी-कभी कुछ वेबसाइट में हमें अकाउंट खोलना पड़ता है और लॉग इन करके अध्ययन करना पड़ता है। ज्ञानमनोरंजन-करियर का त्रिवेणी संगम ई-अध्ययन है जो हमारा ज्ञान अद्यतन रखता है। समय, श्रम और आर्थिक बचत भी बड़े पैमाने पर होती है। बस निम्न सावधानियाँ हमें बरतनी चाहिए :

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन नई दृष्टि 1

ई-अध्ययन : नई दृष्टि शब्दार्थ :

  • तंत्रज्ञान = तकनिकी (technical knowledge),
  • अंतर जाल = (internet),
  • प्रतिष्ठान = संस्था (foundation),
  • दृक-श्राव्य = एक साथ देखा और सुना जा सकने वाला (audio-visual),
  • वार्तापट = बातचीत (chat),
  • विवरण = विस्तृत जानकारी (description),
  • पंजीकरण = शासन या सरकार द्वारा किया जाने वाला प्रमाणीकरण, मान्यीकरण (Registration),
  • अद्यतन = नवीनतम विचारों और मान्यताओं के अनुकूल (up to date),
  • प्रतियोगिता = होड़ (competition), Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 17 ई-अध्ययन : नई दृष्टि
  • पर्यावरण = जैव मंडल, वातावरण (environment),
  • विवादास्पद = विवादग्रस्त (controversial),
  • प्रतिबंधित = जिसपर प्रतिबंध लगा हो (restricted),
  • संबोधन = पुकारना, बोध कराना (exhortation),
  • गौरवान्वित = सम्मानित, महिमायुक्त (glorified),
  • स्त्रोत = उद्गम स्थान, उत्पत्ति स्थान, आगार (source)

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 16 रेडियो जॉकी

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest Chapter 16 रेडियो जॉकी Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 16 रेडियो जॉकी

11th Hindi Digest Chapter 16 रेडियो जॉकी Textbook Questions and Answers

पाठ पर आधारित

प्रश्न 1.
आर.जे. के लिए आवश्यक गुण लिखिए।
उत्तर :
स्नातक पदवी प्राप्त होने पर वह स्टाफ सिलेक्शन कमिशन तथा ऑल इंडिया रेडियो द्वारा ली जाने वाली परीक्षा दे सकता है।

और उसमें उत्तीर्ण होने पर प्रत्यक्ष साक्षात्कार द्वारा उम्मीद्वार का चयन होता है। उसका भाषा पर प्रभुत्व होना चाहिए। उसे देश-विदेश की जानकारी रखनी चाहिए। उसमें नित नई रची जाने वाली रचनाओं को पढ़ने की ललक होनी चाहिए। आवाज में उतार-चढ़ाव, वाणी में नम्रता तथा समय की पाबंदी आदि गुण उसमें होने चाहिए। उसे अनुवाद करने का ज्ञान भी होना चाहिए। उसे अपने कान और आँखें निरंतर खुली रखनी चाहिए।

उसे अपने उच्चारण पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपने क्षेत्र का सांस्कृतिक, भौगोलिक तथा ऐतिहासिक ज्ञान भी उसे अवश्य होना चाहिए। साक्षात्कार लेने की कुशलता भी उसमें अवश्य होनी चाहिए। श्रोता द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के उत्तर उसके पास होने चाहिए।

निराश श्रोता का मनोबल बढ़ाने की कला उसे अवगत होनी चाहिए। उसकी भाषा सहज, सरल, संतुलित, रोचक तथा प्रवाहमयी होनी चाहिए जो श्रोताओं की समझ में सानी से आए और श्रोताओं को ज्ञान भी मिले और श्रोताओं का मनोरंजन भी हो।

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प्रश्न 2.
सामाजिक सजगता निर्माण करने में आर.जे. का योगदान अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर :
सामाजिक जागरूकता फैलाने में आर. जे. महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। क्योंकि आर. जे. का काम समाज के हर घटक से जुड़ा हुआ है। कार्यक्रम के दौरान वह पर्यावरण दिवस, पोलियो अभियान, जल साक्षरता, बाल मजदूरी, दहेज समस्या, कन्या साक्षरता, विश्व पुस्तक दिवस, किसान और खेती का महत्त्व, व्यसन से मुक्ति, मतदान जनजागृति आदि विषयों पर चर्चा करते हुए मनोरंजनात्मक ढंग से लोगों के बीच में जागरूकता फैलाने का काम करता है।

उदाहरण के लिए आर. जे. अनुराग पांडेय जी की बातों को सुनकर कितने ही युवाओं ने उत्साह से मतदान किया था और कितने ही लोग व्यसनमुक्त भी हुए। इस प्रकार आर. जे. समाज में परिवर्तन लाने की क्षमता रखता है।

प्रश्न 3.
आर.जे. के महत्त्वपूर्ण कार्य पर प्रकाश डालिए।
उत्तर :
रेडियो जन-जन का माध्यम है जो लोगों के मन को छूता है। आर. जे. अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति द्वारा जनमानस को हौसला देता है, नई-नई बातें बताता है। वह टेलीफोन के माध्यम से श्रोताओं से बातचीत करता है। श्रोताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देता है तो कभी निराश श्रोता का मनोबल बढ़ाने का कार्य करता है। कभी मेहमानों या अतिथियों का परिचय कराता है, किसी परिचर्चा में हिस्सा लेता है।

खास लोगों का विशेष अवसर पर साक्षात्कार लेते हुए कार्यक्रम की प्रस्तुति करता है। अपने कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण दिवस, पोलियो अभियान, जल साक्षरता जैसे कई विषयों पर चर्चा करते हुए मनोरंजनात्मक ढंग से जनजागृति लाता है।

अपने कार्यक्रम के दौरान दो गीतों के बीच कड़ी बनाने का कार्य करता है। वह श्रोताओं से संवाद करता है। समाज में जागरूकता फैलाता है और परिवर्तन लाता है।

व्यावहारिक प्रयोग

प्रश्न 1.
‘जलसंवर्धन’ के किसी कार्यकर्ता के साक्षात्कार हेतु संहिता तैयार कीजिए।
उत्तर :
नमस्कार! दोस्तो मैं हूँ आर. जे. रवि शर्मा और आज की इस मुलाकात में हमारे स्टुडियो में पधारे विशेष अतिथि हैं जलपुरुष डॉ. राजेंद्र सिंह जी। उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में जन्मे राजेंद्र जी को 2001 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया क्योंकि उनके भगीरथ प्रयत्नों से राजस्थान के अलवर में सात नदियाँ फिर से जीवित हुईं और बहने लगी हैं। 2009 में आप नेशनल गंगा रिवर बेसिन एथॉरिटी के मुख्य सदस्य भी रहे हैं।

रवि शर्मा : बहुत बहुत स्वागत है आपका।

राजेंद्र सिंह : धन्यवाद !

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रवि शर्मा : सबसे पहले हम जानना चाहेंगे राजेंद्र जी कि देश में पानी की स्थिति कैसी है?

राजेंद्र सिंह : देखिए, इस वक्त भारत बेपानी हो रहा है। हमारी धरती के गर्भ में जो वॉटर टैंक थे वे खाली हो गए हैं। धरती के ऊपर बुंदेल खंड हो, मराठवाडा हो या विदर्भ हो, लोग बेपानी होकर आत्महत्याएँ कर रहे हैं। धरती को बुखार चढ़ रहा है। मौसम का मिजाज बदल चुका है। बिगड़े मौसम ने भारत को बेपानी कर दिया है। धरती को कहीं बाढ़ तो कहीं सूखे की चपेट में ला रहा है।

रवि शर्मा : राजेंद्र सिंह जी आप एक आयुर्वेदिक डॉक्टर थे।

राजेंद्र सिंह : जी।

रवि शर्मा : उस काम को आपने छोड़ दिया और इस काम में लग गए?

राजेंद्र सिंह : पेड़ों और प्रकृति से तो मुझे बचपन से ही प्यार था। 1980 में राजस्थान के जयपुर में नौकरी करने लगा। परंतु चार साल बाद त्यागपत्र देकर समाजसेवा करने अलवर चला आया और बीमार लोगों का इलाज करने लगा। तब एक बूढ़े ने कहा डॉक्टर तो बहुत हैं जो इलाज करने आ जाएँगे।

हमें पानी चाहिए। पानी का काम करने वाला कोई नहीं है। मेरे लिए यह बहुत चुनौतिपूर्ण था। परंतु उस बूढ़े ने मुझे रियलाइज कराया कि मैं वह काम कर सकता हूँ और उचित समय पर मैंने पानी संरक्षण का निर्णय ले लिया जो मेरे जीवन का सबसे अच्छा निर्णय था और मैं पानी के काम में लग गया।

रवि शर्मा : राजेंद्र जी आपने यह करिश्मा कैसे किया?

राजेंद्र सिंह : उस बूढ़े किसान ने मुझे कहा हमारे यहाँ हर साल बादल पानी लेके आता है और उसको सूरज चोरी कर लेता है। हमारे लिए पानी बचता ही नहीं। तू सूरज की चोरी रोक दें। तब मैंने समझा कि, ‘पानी जहाँ दौड़ता है वहाँ उसे चलना सिखाना है।

जब वह चलने लगे तो उसे रेंगना और धरती माँ के पेट में बिठाना है। तब सूरज उसको चुरा नहीं सकेगा और उससे जीवन चलेगा।’ काम 1985 में शुरू हुआ और उसके अच्छे नतीजे सामने आए।

रवि शर्मा : बहुत बढ़िया। महाराष्ट्र में पानी की किल्लत पर आप क्या मशवरा दे सकते हैं?

राजेंद्र सिंह : देखा जाए तो महाराष्ट्र में पानी की कमी होनी ही नहीं चाहिए। पानी प्रबंधन के काम की आवश्यकता है। समाज और सरकार दोनों संकल्प करें तो महाराष्ट्र पानीदार बन सकता है।

रवि शर्मा : अच्छा, कैसे?

राजेंद्र सिंह : यहाँ का फसल चक्र वर्षा चक्र को जोड़कर तैयार करना चाहिए।

रवि शर्मा : बराबर।

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राजेंद्र सिंह : महाराष्ट्र में जल साक्षरता अभियान शुरू करके पानी का सदुपयोग किया जा सकता है। जल नायक, जल योद्धा, जल प्रेमी, जल दूत और जल सेवकों की सहायता से यह अभियान आगे बढ़ेगा। समाज में लोग जल का सम्मान करें ताकि पानी व्यर्थ भी नहीं जाएगा और प्रदूषण से भी बचेगा। महाराष्ट्र में जलयुक्त शिवार बनेंगे।

रवि शर्मा : बिलकुल और महाराष्ट्र हरा-भरा हो जाएगा। इस बात पर एक गीत याद आ गया। हरी-हरी वसुंधरा है, नीला-नीला ये गगन.. (गीत का मुखडा और दो अंतरे बजाए जाएँगे।)

राजेंद्र सिंह : सच, अगर जज़्बा हो तो महाराष्ट्र सूखा मुक्त हो सकता है। बस अनुशासन और मिलजुलकर सही दिशा में काम करने की आवश्यकता है।

रवि शर्मा : बहुत बहुत धन्यवाद राजेंद्र जी। आज आपने हमारे श्रोताओं को जल संरक्षण संबंध में बहुत ही बढ़िया जानकारी दी है और आपकी बातें सुनकर जल प्रेमी, जल दूत सामने आने की संभावना बढ़ गई है।

राजेंद्र सिंह : तब तो मैं कहूँगा मेरा यहाँ आना सार्थक हो गया।

प्रश्न 2.
रेडियो जॉकी के रूप में ‘होली’ के अवसर पर काव्य वाचन प्रस्तुति के लिए कार्यक्रम तैयार कीजिए।
उत्तर :
नमस्कार! मैं हूँ आर. जे. सीमा राय और 93.65 रेडियो धमाचौकड़ी पर आप सबके लिए ले आई हूँ होली धमाका! सर्वप्रथम आप सबको होली की बहुत, बहुत, बहुत शुभकामनाएँ। आपकी होली सुरक्षित रहे, रंगों से और खुशियों से सराबोर रहे। इस होली को और भी खास बनाएँगे धमाकेदार, जोरदार सुप्रसिद्ध कवियों के काव्य गायन से।

होली है, होली है, बुरा न मानो, होली है।

इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मैं कवि जगत के प्रसिद्ध कवियों से परिचय कराती हूँ। हमारे साथ स्टुडियो में प्रसिद्ध कवि सुनील जोगी जी मौजूद हैं जिनका परिचय देने की जरूरत ही नहीं है। देश के जाने-माने कवि का परिचय देना सूरज को दीए की रोशनी दिखाने जैसा होगा। कविवर्य सुनील जी आपका हमारे चैनल पर स्वागत है।

सुनील : आप सबको और पूरे देश वासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएँ। होली रंगों का त्योहार है, उमंगो का त्योहार है, खुशियों का त्योहार है।
हमारे देश की होली ऐसी मनाई जाए,
होली हमारे देश की पहचान बन जाए,
आन, बान और शान बन जाए,
भरे पिचकारियाँ ऐसे तीन रंगों की
जो कपड़ों पर गिरे तो पूरा देश बन जाए।

सभी दाद देते हैं : वाह! वाह!

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सीमा : सुनील जी आप होली के रंग को देश का रंग बनाना चाहते हो। बहुत खूब।

सुनील : जी, जी, मेरी कविता मैंने देश की अखंडता, एकता, भाईचारा और मोहब्बत को व्यक्त करते हुए लिखी है। पेश है वह कविता –
हमारे मोहल्ले में हम इस तरह होली मनाते हैं –
जुम्मन चाचा हरा, राधेश्याम जी नारंगी और करतार जोसेफ सफेद रंग लाते हैं।
सब मिलकर एक दूसरे को खूब रंग लगाते हैं। थोड़ी ही देर में माहोल बदल जाता है..
सबके चेहरे पर सिर्फ तिरंगा नजर आता है।

तब लगता है होली सार्थक हुई क्योंकि इन रंगों में राधेश्याम जी के साथ, जुम्मन चाचा और करतार जोसेफ के रंगों की महक मिली हुई है।

सीमा : बहुत खूब सुनील जी। आपने और आपकी कविता ने सचमुच देश प्रेम में श्रोताओं को भिगो दिया है। अब जरा हँसी ठिठोली भी हो जाए।

दीपक : मैं हूँ दीपक गुप्ता और मेरा तो यही मानना है कि होली हँसी-खुशी, ठिठोली और सद्भावना का त्योहार है। होली की शुभकामनाएँ देते हुए एक ठिठोली सुनाता हूँ।
मुफ्त पिचकारी का ऑफर पाकर
बच्चे और माँ-बाप दौड़े चले आए
विक्रेता ने दी मुफ्त पिचकारी और कहा
कृपया इसमें भरे पानी की कीमत चुकाएँ

सभी : क्या बात है।

सीमा : सही बात है दीपक जी। आज पानी महँगा हो गया है, मुफ्त में बरबाद नहीं किया जा सकता। वेद प्रकाश जी आप भी सुनाइए और इस माहोल को रंगीन बना दीजिए।

वेद प्रकाश : जी बिलकुल अभी-अभी यहाँ ही स्टुडियो में बैठे-बैठे एक कविता जहन में आई जो सुनाता हूँ –
होली के दिन भाई
दीपक दीपक नहीं रहते,
सुनील सुनील नहीं रहते,
वेद वेद नहीं रहता,
कम-से-कम होली के दिन
ये भेद नहीं रहता कि,
इनकी कमीज से मेरी कमीज का रंग
ज्यादा सफेद नहीं है।

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सीमा : बहुत बढ़िया, वेद प्रकाश जी होली भेदभाव को मिटा देती है। यह एकता और अखंडता का प्रतीक है।

सीमा : सुनील जी, दीपक जी और वेद प्रकाश जी हमारे साथ जुड़कर होली को खास और खुशनुमा बनाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया। श्रोताओं को जरूर मजा आया होगा। किसी की भावनाओं को अनजाने में ठेस पहुँची हो तो कह देती हूँ, ‘बुरा न मानो होली है, भाई होली है।’

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रेडियो जॉकी Summary in Hindi

रेडियो जॉकी लेखक परिचय :

आवाज की दुनिया के बेताज बादशाह अनुराग पांडेय जी ने रेडियो के लिए पच्चीस से अधिक नाटकों का लेखन कार्य किया है। पिक्चर पांडेय शो से वे घर-घर में लोकप्रिय हो गए। रेडियो की दुनिया में पिछले 26 साल से सक्रिय है। अद्भुत और कलात्मक रेडियो जॉकिंग करने के कारण श्रोता वर्ग इनकी ओर आकर्षित होता है। मूलत: इंदौर के रहने वाले अनुराग पांडेय जी के रोजाना साढ़े पाँच करोड़ श्रोता है।

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रेडियो जॉकी पाठ परिचय :

प्रस्तुत पाठ एक साक्षात्कार है जिसमें आर. जे. अनुराग पांडेय जी ने रेडियो जॉकी के क्षेत्र में रोजगार के विपुल अवसरों की जानकारी दी है। इस क्षेत्र में करिअर बनाने के लिए आवश्यक योग्यताएँ तथा सामजिक जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला

रेडियो जॉकी पाठ का सारांश :

‘रेडियो जॉकी’ शब्द ‘रेडियो’ और ‘जॉकी’ इन दो शब्दों के मेल से बना है जिसका अर्थ है ऐसा कार्यक्रम संचालक जो कुशलतापूर्वक अपने चैनल को और प्रसारित कार्यक्रम को सबसे आगे रखे। एक जमाने में रेडियो जॉकी केवल उद्घोषक (अनाउंसर) होते थे परंतु अब रेडियो इन्फर्मेशन विथ एंटरटेनमेंट हो गया है।

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रेडियो जॉकी बनने के लिए स्टाफ सिलेक्शन कमिशन तथा ऑल इंडिया रेडियो द्वारा ली जाने वाली परीक्षा उत्तीर्ण होनी पड़ती है और इस परीक्षा के लिए स्नातक की उपाधि आवश्यक है। उसके बाद साक्षात्कार करके उम्मीदवार का चयन होता है। आज इस क्षेत्र में रोजगार के विपुल अवसर उपलब्ध हैं।

योग्यता, भाषा पर प्रभुत्व, देश-विदेश की जानकारी, आवाज में उतारचढ़ाव, वाणी में नम्रता आदि गुण, क्षेत्रीय रेडियो स्टेशन पर अनुभव लेकर बड़े रेडियो स्टेशन पर काम करने का अवसर मिल जाता है। रेडियो स्टेशन सिर्फ कला, ज्ञान और प्रस्तुतीकरण की शैली देखकर चयन करते हैं।

रेडियो जॉकी को अपने कान, आँखें निरंतर खुली रखने की जरूरत है। साहित्य और सचामार पत्र पढ़ने चाहिए; सांस्कृतिक, भौगोलिक तथा ऐतिहासिक ज्ञान चाहिए, साक्षात्कार लेने की कुशलता चाहिए। श्रोता द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तरों का ज्ञान उसके पास चाहिए। किसी निराश श्रोता को प्रोत्साहित करने के लिए मनोविश्लेषणात्मक ज्ञान चाहिए जिससे श्रोता का मनोबल वह बढ़ा सके।

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रेडियो जॉकी की भाषा सहज, सरल, संतुलित, रोचक तथा प्रवाहमयी होनी चाहिए। उसमें वाक्पटुता का गुण हो। उसे तकनीकी चीजों की जानकारी होनी चाहिए। मनोरंजनात्मक ढंग से लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम भी उसे करना चाहिए क्योंकि प्रसारण के माध्यमों में रेडियो सबसे तेज प्रसारित और प्रेषित करने का सशक्त माध्यम है।

रेडियो का भविष्य उज्ज्वल है और युवा वर्ग को मनोरंजन, जोश से भरपूर इसके विस्तृत क्षेत्र में अपना उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए अपने कदम अवश्य बढ़ाने चाहिए।

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Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 16 रेडियो जॉकी

रेडियो जॉकी शब्दार्थ :

  • संचालक = परिचालक, निदेशक, गति देनेवाला (director),
  • इंफोटेनमेंट = मनोरंजन और सूचनाओं का साथ-साथ संप्रेषण (information with entertainment),
  • साक्षात्कार = भेंटवार्ता (interview),
  • क्षेत्रीय = जनपदीय (Regional),
  • आजीविका = रोजगार, रोजी-रोटी (job, income source),
  • मापदंड = मानक, मापने का पैमाना (criteria),
  • निकष = कसौटी (criteria),
  • निराकरण = निवारण, समाधान (solution),
  • स्वाभाविक = प्राकृतिक (Natural),
  • विचलित = अस्थिर, चंचल, व्याकुल (distracted, restless),
  • वाक्पटुता = बातें करने में चतुर होना (Eloquence oratory),
  • सुदृढ = मजबूत (very strong),
  • शालीन = नम्र (decent),
  • कीर्तिमान = सफलता, यश का सूचक (Record),
  • ध्वनिमुद्रित = अभिलेखन बद्ध, सी.डी., टेप आदि तैयार करना (recording),
  • चुनिंदा = चुना हुआ, श्रेष्ठ, उत्तम, बढ़िया (selected),
  • आयाम = विस्तार (dimension),
  • प्रेरक = प्रेरित करने वाल (motivator)

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक

Balbharti Maharashtra State Board Hindi Yuvakbharati 11th Digest Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board 11th Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक

11th Hindi Digest Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक Textbook Questions and Answers

पाठ पर आधारित

प्रश्न 1.
टेलीविजन के लिए समाचार वाचन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर :
टेलीविजन के लिए समाचार वाचन की विशेषताएँ : टेलीविजन दृश्य मिडिया है। समाचार वाचक के लिए टेलीप्राम्प्टर की सुविधा होती है। इसीलिए हमें ऐसा आभास होता है कि समाचार वाचक हमसे बातचीत कर रहा है। समाचार को प्रस्तुति में प्रोड्यूसर, इंजीनियर, कैमरामैन, फ्लोर मैनेजर, वीडियो संपादक, ग्राफिक आर्टिस्ट, मेकअप आर्टिस्ट आदि टीम की तरह मिलकर काम करते हैं।

समाचार वाचक समाचार वाचन करते समय ऐंकर की भूमिका भी निभाता है, किसी का साक्षात्कार भी लेता है, चैनल की परिचर्चा में सवाल भी करता है। इसके बीच में वह तत्काल घटी घटनाओं को ‘बेक्रींग न्यूज’ के रूप में शामिल कर लेता है।

समाचार वाचन में समाचार वाचक के प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ सुयोग्य आवाज, उच्चारण की शुद्धता, भाषा का ज्ञान, शब्दों का उतार-चढ़ाव एवं भाषा का प्रवाहमयी होना भी जरूरी है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के पद की गरिमा का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। ऐसी कोई बात न पढ़ी जाए जो किसी धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचाए।

समाचार वाचन राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होना चाहिए।

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प्रश्न 2.
रेडियो और टेलीविजन के लिए समाचार प्राप्त करने के साधन लिखिए।
उत्तर :
रेडियो और टेलीविजन के लिए समाचार प्राप्त करने के साधन : समाचार एजेंसियाँ, संवाददाता, प्रेस विज्ञप्तियाँ, भेंटवार्ताएँ, साक्षात्कार, क्षेत्रीय जनसंपर्क अधिकारी, राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ता, मोबाइल पर रिकॉर्ड की गई जानकारी आदि साधनों द्वारा समाचार प्राप्त होते हैं।

सारे विश्व में समाचारों का संकलन और प्रेषित करने का काम मुख्यत: समाचार एजेंसियाँ करती हैं। समाचार एजेंसियाँ के क्षेत्रीय ब्यूरो समाचार को टेलीप्रिंटर द्वारा कार्यालय तक पहुंचाते हैं। उन्हें पुनर्संपादित कर समाचार रेडियो और टेलीविजन कक्ष में टेलीप्रिंटर द्वारा भेजते हैं।

भारत में मुख्यत: विदेशी और भारतीय समाचार एजेंसियों में रायटर, प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पी.टी.आई), यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यू.एन.आई), यूनिवार्ता एजेंसियाँ समाचार उपलब्ध कराती हैं। केंद्र सरकार की खबरें, पत्र, सूचना कार्यालय द्वारा और राज्य सरकार की खबरों की सूचनाएँ जन संपर्क विभाग की प्रेस विज्ञप्तियों से मिलती हैं।

इनके अलावा सार्वजनिक प्रतिष्ठान, शोध और निजी संस्थानों के जनसंपर्क अधिकारी और प्रेस के संवाददाता भी समाचार उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्न 3.
समाचार के महत्त्वपूर्ण पक्ष स्पष्ट कीजिए।
उत्तर :
समाचार के महत्त्वपूर्ण पक्ष : समाचार की भाषा सरल और सहज होनी चाहिए। समाचार के वाक्य छोटे-छोटे हों। प्रदेश और क्षेत्र की भाषा की गरिमा के अनुकूल वाक्य हों। समाचार में ऐसी बात न हो जिससे धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचे। समाचार की प्रस्तुति राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होनी चाहिए।

समाचार के क्षेत्र में जनहित एक मशाल है और पत्रकार उसकी किरण जिसके सहारे राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सद्भाव और भाइचारे को प्रकाशमान करना चाहिए। समाचार का दायरा बहुत बड़ा है। राजनीतिक, संसद, खेल, विकास, व्यापार, विज्ञान, कृषि, रोजगार, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समाचार प्रस्तुत होते हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आदि के पदों की गरिमा को ध्यान में रखकर ही समाचार प्रस्तुत करने चाहिए।

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व्यावहारिक प्रयोग

निम्नलिखित विषयों पर आकाशवाणी/दूरदर्शन/समाचारपत्र के लिए समाचार लेखन कीजिए।

प्रश्न 1.
अकाल से उपजी गंभीर स्थितियाँ।
उत्तर :
बिहार में अकाल की छाया :
सूखने लगे है जलाशय, बारिश नहीं होने से स्थिति गंभीर होती जा रही है। राज्य के 23 जलाशयों में से 10 तो पूरी तरह से सूख गए हैं। 15 जलाशयों में पिछले वर्ष से भी कम पानी बचा है और उनमें से दो जलाशयों में तो 11 से 12 फिसदी ही पानी बचा है। केवल दो जलाशय ऐसे हैं जिनमें 50 फिसदी पानी बचा है।

जलाशयों के सूखने का सबसे प्रतिकूल प्रभाव नहरों पर पड़ा है। दूर के खेतों की कौन कहे, नजदीक के खेतों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। यदि शीघ्र बारिश नहीं हुई तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। सिंचाई के लिए पानी लगातार कम पड़ रहा है। निकट भविष्य में पेय जल की भी समस्या होने की संभावना को झुठला नहीं सकते।

जालकुंड, अमृति, श्रीखंडी, कैलाशघाटी, कोहिरा, फुलवरिया, पुरैनी, ताराकोल जलाशय सूख गए हैं। सिर्फ चंदन, औढ़नी, बदुआ जलाशयों में पानी शेष है। इसकी वजह से मुंगेर, लखीसराय, जमुई नवादा, औरंगाबाद में स्थिति अधिक खराब देखी गई हैं।

प्रश्न 2.
विश्वभर में बढ़ती हुई खादी की माँग।
उत्तर :
खादी बिक्री में जबरदस्त उछाल :
खादी फॉर नेशन और खादी फॉर फॅशन के बाद खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन बन रहा है। 13 फरवरी 2019 को खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड ने अमेजॉन इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन कर हस्ताक्षर किए। इसके तहत अमेजॉन इंडिया ग्रामीण खादी बुनकरों के उत्पाद देश-विदेश में उपलब्ध कराएगी।

पिछले कुछ वर्षों में ग्राहकों के बीच खादी की बढ़ती माँग की एक लहर सी देखी गई है। अमेजॉन इंडिया के कारण खादी की डिजिटल यात्रा आरंभ हो गई है। फाइन खादी अब तेजी से अमीरों का परिधान बन रही है। खादी वस्त्रों की एक विशेषता है कि ये शरीर को गर्मी में ठंडा और सर्दी में गरम रखते हैं।

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महात्मा गांधी जी ने खादी का आरंभ किया। वही खादी आज भारत के साथ-साथ विदेशों में भी अपनी पैठ बना रही है। खादी का रिश्ता हमारे इतिहास और परंपरा से है जो आज विदेशों में भारत की पहचान बनाने के लिए उभर आया है।

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समाचार लेखन के सोपान

  • समग्र तथ्यों को एकत्रित करना।
  • समाचार लेखन का प्रारूप तैयार करना।
  • दिनांक, स्थान तथा वृत्तसंस्था का उल्लेख करना।
  • परिच्छेदों का निर्धारण करते हुए समाचार लेखन करना।
  • शीर्षक तैयार करना।

समाचार लेखन के लिए आवश्यक गुण

  • लेखन कौशल
  • भाषाई ज्ञान
  • मानक वर्तनी
  • व्याकरण

समाचार लेखन के मुख्य अंग

  • शीर्षक – शीर्षक में समाचार का मूलभाव होना चाहिए। शीर्षक छोटा और आकर्षक होना चाहिए।
  • आमुख – समाचार के मुख्य तत्त्वों को सरल, स्पष्ट रूप से लिखा जाए। घटना के संदर्भ में कब, कहाँ, कैसे, कौन, क्यों आदि जानकारी हो।

समाचार के कुछ विषय

प्रश्न 1.
अपने कनिष्ठ महाविद्यालय में मनाए गए विज्ञान दिवस’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
28 फरवरी, 2019 को अगस्ती कनिष्ठ महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रा. वाकडे और प्रा. शर्माजी के मार्गदर्शन से विज्ञान और गणित के मॉडलों की, एक प्रदर्शनी भी लगाई थी। इनमें प्रकाश का परावर्तन, कंकाल तंत्र, मानव शरीर के आंतरिक भाग, सूर्यग्रहण, चंद्रगहण आदि के मॉडेल सबकी प्रशंसा के पात्र बने।

प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री.शेटे जी के करकमलों से हुआ। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों की सराहना की। इस अवसर पर चित्रकला और निबंध लेखन प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की गई थी। विजेता विद्यार्थियों को श्री. शेटे जी के हाथों पुरस्कृत किया गया।

उन्होंने अपने भाषण में विज्ञान के निरंतर उन्नति के लिए विद्यार्थियों का आह्वान किया और विज्ञान के विकास द्वारा लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने का संदेश दिया। धन्यवाद यापन के बाद राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ।

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प्रश्न 2.
‘शिक्षा के क्षेत्र में ई-तकनीक का प्रयोग’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
इक्कीसवीं सदी में ई-शिक्षा : एक क्रांति :
डिजिटल साक्षरता आज समय की माँग है। ई-शिक्षा सेवाओं का विकास उस समय हुआ जब पहली बार शिक्षा में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया। आज के इस निजीकरण के युग में शिक्षा का भी निजीकरण हो गया है और इंटरनेट ने पूरी दुनिया का ज्ञान सबके लिए खुला करके शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाई है।

यह नई शिक्षा प्रणाली ई-लर्निंग के नाम से जानी जाती है। इसने शिक्षा को रुचिकर बना दिया है। कम खर्च में ई-शिक्षा द्वारा प्रभावशाली और आकर्षक शिक्षा दी जाती है। इस से विद्यार्थी बिना किसी स्ट्रेस के स्वयं ही आसानी से विषय समझ लेता है।

इंटरनेट पर जानकारियों का खजाना है जो पलक झपकते ही हमारे सामने आ जाता है। जरूरत के मुताबिक विद्यार्थी वहाँ से अपनी जानकारी जुटा सकता है। डिजिटल इंडिया के तहत सभी स्कूलों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की योजना है।

सभी माध्यमिक, उच्चमाध्यमिक स्कूलों में मुक्त वाई-फाई प्रदान किया जाएगा। डिजिटल साक्षरता पर एक राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम लाया जाएगा। ई-शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ओपन पाठ्यक्रम का विकास किया जाएगा। इससे सीखना और सिखाना दोनों आसान हो जाएगा। जन-जन तक ज्ञान का प्रकाश फैलाने और धन और समय की बचत करने में ई-तकनीक उपयोगी सिद्ध होगी।

प्रश्न 3.
‘पर्यावरण संवर्धन में युवाओं का योगदान’ का समाचार लेखन कीजिए।
उत्तर :
पर्यावरण संवर्धन में युवाओं का योगदान :
आज दुनियाभर में जिस तरह प्रदूषण बढ़ता जा रहा है उसपर नियंत्रण पाने के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सक्रिय भागीदारी निभाना बहुत जरूरी है। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए हर उम्र व हर क्षेत्र के लोगों का आगे आना जरूरी है। इस में कोई दोराय नहीं कि इस में युवाओं की भूमिका बेहद अहम है।

अगस्ती विद्यालय के कुछ छात्र और अध्यापक वैद्य का योगदान इस दृष्टि से प्रशंसनीय ही नहीं अनुकरणीय भी है। इन्होंने पर्यावरण और मिट्टी की महक को पहचाना और पर्यावरण संरक्षण की पहल की। पेड़-पौधों के संरक्षण का बीड़ा उठाया।

अपने हमउम्र छात्रों को कागजों की खपत पर अंकुश लगाने के लिए मनाया क्योंकि कागज बनाने के लिए पेड़ों की कटाई होती है। इसके पर्याय में डिजिटल कार्यप्रणाली को अपनाने का आह्वान किया।

‘वन समृद्धि, जन समृद्धि’ योजना आरंभ की और पेड़-पौधों को संरक्षण दिया। पौंधों को लगाकर उनके रख-रखाव का भी पूर्ण ध्यान रखने की जिम्मेदारी ली।

इन छात्रों ने प्रण लिया कि ‘वृक्ष लगाएँगे और ताउम्र उनकी रक्षा करेंगे।’ साथ ही पॉलिथीन के इस्तेमाल को भी प्रतिबंधित करने का बीड़ा उठाया। इन युवाओं का यह कार्य सराहनीय है। आज इनकी इस मुहिम में अन्य छात्र भी जुड़ रहे हैं। कुछ छात्र पथनाट्य द्वारा जागरूकता फैलाने का कार्य कर रहे हैं।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक

लोग पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर हो रहे हैं अर्थात उनके इस कार्य में सौ प्रतिशत सफलता जन भागिदारी पर निर्भर है।

Yuvakbharati Hindi 11th Textbook Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक Additional Important Questions and Answers

समाचार : जन से जनहित तक लेखक परिचय :

मीडिया में पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त डॉ. अमरनाथ ‘अमर’ लेखक, कवि, आलोचक एवं दूरदर्शन के सैकड़ों सफल कार्यक्रमों के निर्माता, निर्देशक हैं। स्पंदित प्रतिबिंब (काव्य संग्रह), वक्त की परछाइयाँ (निबंध संग्रह), पुष्पगंधा (कहानी संग्रह) इलेक्ट्रानिक मीडिया : बदलते आयाम आदि रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं।

समाचार : जन से जनहित तक पाठ परिचय :

प्रस्तुत पाठ ‘समाचार : जन से जनहित तक’ एक लेख है। अनेक अनुच्छेदों में विभाजित करके लेखक ने विषय से संबंधित जानकारी को रोचक ढंग से समझाने का प्रयास किया है। आज के युग में जनसंपर्क माध्यमों में ‘समाचार’ की अहं भूमिका है।

ये समाचार पाठ्य माध्यम से, रेडियो द्वारा श्राव्य माध्यम से तो दूरदर्शन द्वारा दृक-श्राव्य माध्यम से दिए जाते हैं। इस कार्य में सहज, सरल एवं प्रवाहमयी भाषा की आवश्यकता होती है। प्रस्तुत लेख ने समाचार की आवश्यकता, महत्ता और भविष्य की विविध संभावनाओं को दर्शाया है।

समाचार : जन से जनहित तक पाठ का सारांश :

आज सैटेलाइट के माध्यम से विश्व में घटित घटनाएँ संचार माध्यम की सहायता से हम देख पढ़ या सुन लेते है। तीनों माध्यम मनोरंजन, ज्ञानवर्धन और सूचना प्रसारण करते हैं। इसी सूचना के अंतर्गत समाचार आते हैं।

समाचार पत्र को प्रिंट मिडिया कहा जाता है। इसमें विविध समाचार एजंसियाँ तथा रिपोर्टर समाचार प्राप्त करते हैं। उप संपादक प्राप्त समाचारों का लेखन करता है, मुद्रित सामग्री की त्रुटियाँ मुद्रित शोधक दूर करता है और उसे शुद्ध, समुचित, मानक साहित्यिक भाषाई रूप प्रदान करता है। उसके बाद प्रधान संपादक की ओर से हरी झंडी मिलने पर छपाई शुरू होती है।

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार जन से जनहित तक 1

Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक

दूरदर्शन/टी.वी चैनल्स (विजुअल) दृश्य मीडिया है। इस माध्यम द्वारा समाचार प्रस्तुत करने में प्रोड्युसर इंजीनियर, कैमरामैन, फ्लोर मैनेजर, वीडियो संपादक, ग्राफिक आर्टिस्ट आदि कई लोग शामिल होते हैं। समाचार लेखन, वाचन और प्रसारण का काम पूरी टीम करती है।

समाचार वाचक के लिए टेलीपॉप्टर की सुविधा होती है। समाचार वाचक के लिए प्रभावशाली व्यक्तित्व के साथ-साथ सुयोग्य आवाज, शुद्ध उच्चारण, भाषा का ज्ञान आदि आवश्यक है।

समाचार प्राप्त करने के अनेक साधन हैं समाचार एजेंसियाँ, प्रेस विज्ञप्तियाँ (press release), भेट वार्ताएँ (interview), राजनीतिक पार्टियों के प्रवक्ता, मोबाइल पर रिकॉर्ड की गई कोई जानकारी आदि। समाचार का स्वरूप भी बहुत विस्तृत है। राजनीतिक, खेल, व्यापार, रोजगार, विज्ञान, बजट, चुनाव, कृषि, स्वास्थ्य आदि से संबंधित समाचार प्रसारित होते हैं। समाचार की भाषा सरल और सहज होनी चाहिए।

समाचार में ऐसी बात न हो जिससे किसी धर्म, जाति या वर्ग की भावना को चोट पहुँचे। समाचार प्रस्तुति राष्ट्रहित, एकता और अखंडता को ध्यान में रखकर होनी चाहिए।

आज इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएँ बढ़ गई हैं। यू.पी.एस.सी. की परीक्षाएँ देकर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।

समाचार : जन से जनहित तक शब्दार्थ :

  • वैश्वीकरण = globalization,
  • सैटेलाइट = उपग्रह (satellite),
  • प्रस्तुति = निष्पत्ति (presentation),
  • प्रतिबद्धता = संकल्पबद्धता, वचनबद्धता (commitment),
  • संलग्न = जुड़ा हुआ (attached),
  • ललक = उत्कंठा, चाहत (desire),
  • मुद्रित = छपा हुआ (printed),
  • त्रुटियाँ = भूल-चूक (error), Maharashtra Board Class 11 Hindi Yuvakbharati Solutions Chapter 15 समाचार : जन से जनहित तक
  • संकेत = निशान, चिह्न (sign),
  • साक्षात्कार = मुलाकात, भेंट वार्ता (interview),
  • प्रवक्ता = अधिकारिक रूप से बोलने वाला व्यक्ति (representative),
  • स्त्रोत = उद्गम स्थान, भंडार (source),
  • परिचर्चा = संगोष्टी, गुफ्तगू (discussion),
  • स्वर = आवाज (voice, vocal)

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL)

Balbharati Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Solutions Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL) Textbook Exercise Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL)

SOP 1: Create a database, using Postgres SQL named hospital.

  • In this database, create a table of patients with the following fields
    Patient_ID, Patients_Name, Address, Room_number and Doctor’s_name.
  • Give appropriate data type for each field.
    Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL) SOP 1

Answer:
Step 1: Open Command Terminal. Switch over to the Postgres account on your server by typing.
$ sudo -i -u Postgres

Step 2: You can now access a Postgres prompt immediately by typing.
$ psql

Step 3: To create a database hospital;
create database hospital;

Step 4: Connect to Database using \c
\c hospital;

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL)

Step 5: Create a table in the database. Create Table Command is used.
create table patients(patients_Id Integer,patients_name text,Address text,Room_number integer,Doctor_name text);

Step 6: Let’s see the result of the patient’s table.
select * from patients;
or
\d patients;

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL) SOP 1.1

SOP 2: Create a database using PostgreSQL named Schoolmaster.

  • In this database create a table of students with the following fields
    student_ID, student_name, Address, Phone_number, Date_of_Birth.
  • Give appropriate data types for each field. Enter at least 5 records.

Answer:
Step 1: Create a database School-Master.
create database school_master;

Step 2: Now To connect the database use \c Command.
\c database school_master;

Step 3: Create a table of students with the following fields.Give appropriate data type for each Field.
student_ID, student_name, Address. Phone_number, Date_of_Birth.
create table students(student_ID integer, student_name text,Address_text,Phone_number integer,Date_of_Birth date);

Step 4: Enter at least 5 records.
Insert into students values(001,’ZAHRA LALANIVMAZGAON’,123456789,’20-08-2000’);
Insert into students values(002,’MUHAMMAD LALANI’/BYCULLA’, 987654210,’30-01-2000’);
Insert into students values(003,’KUNAL KAPOOR’,’WALKESHWAR’, 987224210,T5-7-2000’);
Insert into students values(004,’AKSHAY SINGH’,’CHARNI ROAD’. 937224210,’19-6-2000’);
Insert into students values(005,’RUKHSHAR BANU ’,’DIWANPARA’, 937226210,’18-8-2000’);

Step 5: Show all records using select command
seleet*from students:

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL) SOP 2

SOP 3: Given the list of fields: Empld, EmpName, EmpDepartment, Salaryld, Salary Amount, Bonus in the tables Employee and Salary respectively. Define primary key, foreign key and segregate for above fields into employee and salary table. Also create a one-to-one relationship between Employee and Salary Table.
Answer:
Step 1: Create a school database
Create database school;

Step 2: connect to database \c databasename;
\c school;

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL)

Step 3: In this database create two tables Employee and Salary with the following fields. Define primary key, foreign key and segregate for above fields into employee and salary table. Empld, EmpName, EmpDepartment, Salaryld, SalaryAmount, Bonus.
Create table salary(salaryld Integer PRIMARY KEY,Salaryamount integer,Bonus integer);
Create table employeefEmpId integer PRIMARY KEY,EmpName text,EmpDept text,Salaryld integer,FOREIGN KEY(salary ID)”REFERENCES Salaryfsalary id));

Step 4: See both tables
select*from salary;
select*from employee;

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 6 DBMS (PostgreSQL) SOP 3

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape)

Balbharati Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Solutions Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape) Textbook Exercise Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape)

SOP 1: Use of Toolbox and editing an image using GIMP.

  • Create an image by using Toolbox controls from GIMP.
  • Insert the image in an already created image.

Answer:
Step 1: Click GIMP Image Editor

Step 2: Create a blank New image
File → New (Ctrl + N)

Step 3: Change the foreground and background colour uses the Blend Tool.

Step 4: We will create a kid’s cap using toolbox controls.

Step 5: Draw colour oval (Ellipse). Change the background colour and foreground colours with three different Ellipse(oval) . Create a layer for each and every Ellipse.

Step 6: To add text, you’ll need to access your “Text Tool”. You can find your Text Tool in your Toolbox window.

Step 7: To make this image visible to people larger, select your “Scale Tool” from your Toolbox window.

Step 8: To save your image select Export as, select proper type, and click on export.

Step 9: Insert the image in an already created image.
Click on File → Open → Image → As Layer.
Move the image to the desired location and merge to the original image.

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape)

SOP 2: Use GIMP for the following.

  • Create a new image
  • Put your name using the text tool.
  • Use various filters to make a logo of your name.
  • Auto crop image to text size.

Answer:
Use of Toolbox and editing an image using GIMP.
Create an image by using Toolbox controls from GIMP.

Step 1: click on the GIMP image Editor icon

Step 2: Create blank image File → Text document (Ctrl+N)

Step 3: Creates balloon image having very attractive colours using toolbox controls.

Step 4: Now change the foreground and background colour using the Blend tool (shot cut L). Drag the mouse from left to right on your canvas after release the mouse canvas will be filled by the gradient of foreground and background colour.

Step 5: Next click on the Text Tool (Short cut T)

Step 6: Using the Move tool, we can move the text roughly to the center of the image but instead we prefer to put it precisely in the center using the Align tool. Click on align tool (Short cut Q) and then select the text Layer and text.

Step 7: Drawing coloured oval (Ellipse). Change the background and foreground colours again with two different colours. We have to choose red and yellow colour respectively.

Step 8: Using the move tool place these ovals near the text. Select the layers one by one and merge them.
Layer → Merge Down. Now we have colourful single layer. Let us create a ballon from the canvas.

Step 9: Do Filters → Map → Map Object. Check ‘Update preview live’ and uncheck the ‘Transparent Background’.

Step 10: We will tweak the balloon further and give it a more realistic shape. Apply the Distort Filter with curve Bend option, i.e, Filter → Distort → Curve Bend. In the resulting dialog choose automatic preview and Lower curve border. Then drag the Mid Point of the Curve Indicator line using the mouse.

SOP 3: Use Inkscape for the following.

  • Draw a simple landscape using basic geometric shapes.
  • Use gradient tool for the same.

Answer:
Step 1: Select the tool button from the left toolbar showing the circle icon.

Step 2: Drag it with the mouse to any place in the client area. You will get an ellipse. To get the exact shape, press the CTRL key while dragging.

Step 3: After the ellipse is complete choose the selection tool from the left toolbar, then click on the ellipse, it will show 8 size handles. You can resize it by dragging those handles.

Step 4: To fill the ellipse with color, just click on any color given in the bottom color palette. Also, you can click on Menu object → Fill and stroke. It will give RGB color options, you can use any combinations from it.

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape)

SOP 4: Use Inkscape for the following.

  • Load an Id size image,
  • Make 12 copies of it.
  • Arrange in 4 rows × 3 columns on an A4 size page.

Answer:
Step 1: Open Inkscape Vector Graphics Editor.

Step 2: File → New (Ctrl +N). Now Click on Document properties and select paper size A4.

Step 3: Import a bitmap or Svg Image into this document (Ctrl+l)

Step 4: Create 12 copies of it (4 rows and 3 columns) Create duplicate (Ctrl + D) images and set them in the proper grid.

Step 5. Arrange in 4 rows and 3 columns on an A4 size page.

SOP 5: Use Inkscape for the following.

  • You are starting a new business.
  • Create an advertisement to be published in a local newspaper promoting your product or services.
  • Size should be 210 × 210 mm.
  • Create your own visiting card using Inkscape.

Answer:
Steps to create advertisement:

Step 1: Choose a distinctive font and type some articles.

Step 2: Resize the text and press the long CTRL key to preserve the aspect ratio.

Step 3: Then outset it (Path → Outset)

Step 4: Change the color and resize down to the size.

Step 5: Now duplicate the text for the border.

Step 6: Color the duplicate temporarily in any random, non-white color (we need to see it over the white background) and move it under the initial text.

Step 7: Apply the outset effect (no need to resize this time, we are working on a rough border) and make it white.

Step 8: Duplicate the white border and make the duplicate black.

Step 9: Move the black duplicate at the bottom of the stack and shift it one or two pixels down and to the left for a drop shadow effect.

Step 10: Open the “Fill and Stroke” dialog and add a bit of Gaussian Blur and decrease the opacity.

Step 11: Post your finished work.

Steps to Create Visiting Card:

Step 1: To create a new empty document, use File → New → Default or press Ctrl+N.
To use File → New → Templates… or press Ctrl+Alt+N

Step 2: To click on document properties (Shift+Ctrl=D) and select Business card paper size.

Step 3: Click on the text menu and select Align and Distribute to align the card.

Step 4: Use the snap to the page border tool and Drag the Rectangles on the card.

Step 5: Specify the Height and width in inches. Width=3.75 Height=2.25

Step 6: Select the rectangle → Open Fill and stroke Toolbar → select linear gradient tool to show a border. Align the content.

Step 7: Set the ruler position.

Step 8: Create Layers. Now Draw the Circle on the card and set the fill and stroke properties.

Step 9: Change the object colour and create a duplicate object (ctrl+D)

Step 10: Select both objects → to go to the path menu → select difference. Now Select the Second object → to create duplicated object → change the object colour.

Step 11: Select Second duplicate Object → path → select difference → select flip selected object.
Select Edit Text Object Control → Type your Name, your website, Email ID, Phone in one, and Insert Logo.

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape)

SOP 6: Using Inkscape make the following picture.
Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 5 Digital Content Creation (GIMP, Inkscape) SOP 6
Answer:
Step 1: Open Inkscape Vector Graphics Editor File → New

Step 2: Select Circles, Ellipses to create circles.

Step 3: Change the colours of the object. Use Draw freehand line tool.

Step 4: For the middle body, again click on the ellipse, select white color and click and drag on the place you want.

Step 5: For Head again choose ellipse tool ALT + CTRL to create a perfect circle, resize it and drag it on the proper place.

Step 6: For eyes, zoom in and choose the circle tool, select the proper color, press ALT+CTRL to resize it, and choose another circle, set black color, and draw a circle inside it.

Step 7: Press CTRL+D to make a duplicate and place it on another side.

Step 8: Create Hands. Create duplicate images → path → differences.

Step 9: Create legs using star tools → merge all starts → path → union.

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 4 Accounting Package (GNUKhata)

Balbharati Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Solutions Practicals Skill Set 4 Accounting Package (GNUKhata) Textbook Exercise Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 4 Accounting Package (GNUKhata)

SOP 1: Use of Accounting Package to create a company.
Create a company with the following particulars.
Company Name: B.B Enterprises
Case: Upper Case
Company Type: Profit Making
Financial Year: 01-04-2019 to 31-03-2020
Use GNUKhata for: Accounting Only
Create a profile with relevant data for any company. Create an Admin account for the company.
Answer:
Step 1: Open GNUKhata Application. Click on ‘company Setup Wizard’ or (press shift + control + C)

Step 2: While creating a company the following details are to be given.
Company Name: B.B Enterprises
Case: Upper Case
Company Type: Profit Making
Financial Year: 01/04/2019 to 31/03/2020
Use GNUKhata for: Accounting Only
Fill in all the required details and click on proceed button on the right button corner.

Step 3: Enter Appropriate Company Information in the Given Field.
Company Profile window appears, in that window fill in the details and click on proceed button on the right bottom corner.

Step 4: Create Admin Next step is the ‘create Admin’ which is mandatory with proper user name and password. Fill in the fields and click on ‘Create & Login button, the company will be created.
Now your Company is ready.

Step 5: Admin Dashboard After login, the following admin dashboard, appears.

Maharashtra Board Class 11 Information Technology Practicals Skill Set 4 Accounting Package (GNUKhata)

SOP 2: Create ledger accounts using the accounting Package.
Create ledger accounts for the following and allocate proper groups.

  1. Import duty
  2. Insurance
  3. Machinery
  4. Audit Fee
  5. Purchase
  6. Sales
  7. Telephone charges
  8. Interest Received
  9. Salary
  10. Professional fees

Answer:
Step 1: You Can select an already created company using the ‘Select Existing Company ’ Option on Opening Screen.

Step 2: Log in with User Name and Password

Step 3: To create an account (ledger account) click on the Hamburger Menu available at the left top corner of the dashboard.
Click on the Master Account → It allows you to create an account.
The following table shows the group name, sub-group name, and account name which are to be created.

Group Name Sub Group Name Account / Ledger Name
Direct Expenses None Import Duty
Indirect Expenses None Insurance
Fixed Assets Plant & Machinery Machinery
Indirect Expenses None Audit fee
Direct Expense None Purchase
Direct Income None Sales
Indirect Expense None Telephone charges
Indirect Income None Interest received
Indirect Expense None Salary
Direct Income None Professional Fees