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Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 9 मुझे पहचानो Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो

5th Standard Hindi Digest Chapter 9 मुझे पहचानो Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नांकित आकारों को उनसे मिलते – जुलते आकारों के साथ (जोडे) मिलादाः
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो 1
उत्तर:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चित्रों के आकारों को पहचानिए और नाम लिखिए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो 2
उत्तर:

  1. वर्ग
  2. वृत्त
  3. शंकु
  4. आयत
  5. अष्टभुज
  6. बहुभुज
  7. षट्कोण
  8. बेलनाकार
  9. त्रिभुज
  10. त्रिभुज
  11. आयताकार
  12. आयताकार

प्रश्न 2.
निम्नांकित चित्रों को देखकर आकारों के नाम लिखिएः
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो 3
उत्तर:

  1. षट्कोण
  2. वृत्त
  3. वर्ग
  4. आयत
  5. बेलनाकार
  6. आयत
  7. वर्ग
  8. त्रिकोण
  9. आयत
  10. वर्ग
  11. त्रिकोण
  12. बेलनाकार

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो

प्रश्न 3.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. लड्डू (अ) वर्ग
2. जोकर की टोपी (आ) आयत
3. कंदील (इ) बेलनाकार
4. सैंडविच (ई) त्रिकोण
5. पेंसिल (उ) षट्कोण
6. मोबाइल (ऊ) शंकु
7. कॉपी (ए) वृत्त

उत्तर:

(अ) (ब)
1. लड्डू (ए) वृत्त
2. जोकर की टोपी (ऊ) शंकु
3. कंदील (उ) षट्कोण
4. सैंडविच (ई) त्रिकोण
5. पेंसिल (इ) बेलनाकार
6. मोबाइल (आ) आयत
7. कॉपी (अ) वर्ग

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 9 मुझे पहचानो

मुझे पहचानो Summary in Hindi

शब्दार्थ:

  1. वर्ग – चतुर्भुज (square)
  2. आयत – समकोण चतुर्भुज (rectangle)
  3. त्रिकोण – त्रिभुज (triangle)
  4. षट्कोण – छहभुजा (hexagon)
  5. शंकु – शुण्डाकार वस्तु (cone)
  6. वृत्त – गोलाकार (circle)
  7. बेलनाकार – बेलन के आकार का (cylindrical)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 6 जुड़े हम

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 6 जुड़े हम Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 6 जुड़े हम

5th Standard Hindi Digest Chapter 6 जुड़े हम Textbook Questions and Answers

1. पढो:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 6 जुड़े हम 1

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 6 जुड़े हम

2. मुखर वाचन करो और अनुलेखन करो:
सोआ, मेथी, पालक, चौलाई; हरी सब्जियाँ मन को भाएँ ।
बैंगन, कुम्हड़ा, लहसुन, प्याज; गाजर, मूली बहुत लुभाएँ ।
ककड़ी, मटर, आलू लाओ; लाल टमाटर को मित्र बनाओ।
चुकंदर, भुटा, कद्दू खाओ; हर बीमारी को दर भगाओ ।।

3. मौन वाचन करो और आपस में श्रुतलेखन करो:

  1. सेवा डॉक्टर का कर्तव्य है ।
  2. पौधे लगाओ, प्रदूषण हटाओ ।
  3. राष्ट्रीय संपदा, स्वच्छ रखें सर्वदा ।
  4. मक्खी, मच्छर भगाओ, रोग मिटाओ।
  5. रक्तदान-जीवनदान, नेत्रदान-श्रेष्ठ दान ।
  6. विश्वास रखो, अंधविश्वास नहीं ।
  7. बेईमानी ठुकराओ, ईमानदारी अपनाओ ।
  8. इंद्रधनुष के रंगों की तरह मिलकर रहो।

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 6 जुड़े हम Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
शब्द चुनकर खाली जगह भरिए:
(मुक्का, सिद्धू, युद्ध, लड्डू, गुच्छा, धक्का, दिल्ली, प्यास, डिब्बे, पत्ता, बच्चा, पुष्पों)

  1. भगवान पर …………. की माला चढ़ाते हैं।
  2. वहाँ एक ……………. खड़ा है।
  3. पेड़ से …………… गिरा।
  4. …………… में क्या है।
  5. मुझे ……………. लगी है।
  6. मुझे ……………. जाना है।
  7. उसने मुझे ……………. दिया।
  8. वहाँ चाबियों का …………… है।
  9. मुझे …………… पसंद है।
  10. राजा …………… में जीत गया।
  11. …………… बहुत हँसता है।
  12. उसने मुझे ……………. मारा।

उत्तर:

  1. पुष्पों
  2. बच्चा
  3. पत्ता
  4. डिब्बे
  5. प्यास
  6. दिल्ली
  7. धक्का
  8. गुच्छा
  9. लड्डू
  10. युद्ध
  11. सिद्धू
  12. मुक्का

प्रश्न 2.
‘र’ के विभिन्न रूपों से खाली जगह भरिए:

  1. …………. कपड़े सिलता है।
  2. ………….. पूर्व से निकलता है।
  3. तुम …………… हो।
  4. तुम्हें ………….. आनी चाहिए।
  5. …………..में सप्त रंग होते हैं।
  6. ………….. रात में निकलता है।
  7. मेरी ……………. सुंदर है।
  8. मेरा नाम …………….. है।
  9. मैंने …………… में सफर किया है।
  10. उस …………… में कौन था?
  11. उस बस का …………… अच्छा है।
  12. रीमा की ………….. सुंदर है।

उत्तर:

  1. दर्जी
  2. सूर्य
  3. मूर्ख
  4. शर्म
  5. इंद्रधनुष
  6. चंद्रमा
  7. फ्रॉक
  8. प्रकाश
  9. मेट्रो रेल
  10. ट्रक
  11. ड्राइवर
  12. ड्रेस

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों को हलंत लगाकर लिखिए:

  1. गिदध
  2. सिदध
  3. बुदध
  4. बाहय
  5. गददा
  6. खटटा
  7. दवार
  8. गटठर
  9. पटटा
  10. प्रसिद्ध
  11. मिटटी
  12. चिटठी
  13. तिलचटटा
  14. चिहन
  15. बुडढा

उत्तर:

  1. गिद्ध
  2. सिद्ध
  3. बुद्ध
  4. बाह्य
  5. गद्दा
  6. खट्टा
  7. द्वार
  8. गट्ठर
  9. पट्टा
  10. प्रसिद्ध
  11. मिट्टी
  12. चिट्ठी
  13. तिलचट्टा
  14. चिह्न
  15. बुड्ढा

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को पाई (1) हटाकर लिखिए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 6 जुड़े हम 2
उत्तर:

  1. गुच्छा
  2. चप्पल
  3. पुष्प
  4. डिब्बा
  5. पत्थर
  6. बच्चा
  7. ध्यान
  8. न्यारा
  9. पप्पू
  10. उत्तम

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्दों में से जुड़े शब्दों को छाँटकर लिखिए:
(स्वच्छ, समाज, दिल्ली, डिब्बा, रंग, श्याम, डॉक्टर, रोग, बच्चा)
उत्तर:

  1. स्वच्छ
  2. दिल्ली
  3. डिब्बा
  4. श्याम
  5. डॉक्टर
  6. बच्चा

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प्रश्न 6.
(अग्रसर, चंद्रमा, ट्रक, मृग, राष्ट्रगीत, स्वर्ग, कृष्ण, गर्व, इंद्रधनुष, प्रेम, शर्म, कृपा, दृढ़, कर्तव्य, पृष्ठ, राष्ट्रीय, पर्व, मेट्रोरेल, महाराष्ट्र, मुद्रा) कोष्ठक के इन शब्दों को ‘र’ के अलग – अलग रूपों में लिखिए?
उत्तर:

अग्रसर ट्रक स्वर्ग कृष्ण
1. चंद्रमा राष्ट्रगीत गर्व मृग
2. इंद्रधनुष राष्ट्रीय शर्म कृपा
3. प्रेम मेट्रोरेल कर्तव्य पृष्ठ
4. मुद्रा महाराष्ट्र पर्व दृढ़

प्रश्न 7.
निम्नलिखित शब्दों को हलंत चिह्न लगाकर पुन: लिखिए :
उदा. सिदध – सिद्ध
उत्तर:

  1. गडढा – गड्ढा
  2. वृदध – वृद्ध
  3. गिदध – गिद्ध
  4. लटटू – लटू
  5. दवार – द्वार
  6. विदवान – विद्वान
  7. गुडडी – गुड्डी
  8. मिटटी – मिट्टी
  9. खटटा – खट्टा
  10. मिटठू – मिठू
  11. चिटठी – चिट्ठी
  12. छुटटी – छुट्टी

जुड़े हम Summary in Hindi

पाठ का परिचयः

प्रस्तुत पाठ में संयुक्ताक्षर की जानकारी दी गई है। हिन्दी के वर्गों को कभी-कभी उच्चारण की दृष्टि से आधा लिखा जाता है। इसके तीन नियम हैं –
1. जिन व्यंजनों में खड़ी पाई (standing line) होती है, उसे हटा दिया जाता है।
2. जिन व्यंजनों में गोलाकार लाइन होती है, उसे आधा कर दिया जाता है।
3. कुछ व्यंजनों में हलन्त लगाकर उन्हें आधा लिखा जाता है।
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खड़ी पाई हटाकर बने हम
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  • हरे पत्तेवाली सब्जियों के नाम: मेथी, पालक, साग, सोया।
  • ज़मीन के नीचे मिलनेवाली सब्ज़ियाँ: आलू, चुकंदर, शलजम, मूली, गाजर, प्याज, शकरकंद।
  • पौधे की डाल पर मिलनेवाली सब्जियाँ: मटर, टमाटर, शिमला मिर्ची, बैंगन, ब्रॉकोली।
  • बेल पर लगनेवाली सब्जियाँ: करेला, मिर्ची, ककड़ी, कद्दू, मटर।
  • दैनिक उपयोग की वस्तुएँ: स्कूल बैग, पेन्सिल, रबर, किताबें, कॉपियाँ, पेस्ट, साबुन, ब्रश, साइकिल, खिलौने, बॉल

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‘र’ के तीन विभिन्न रूप

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सुविचार: अर्थात अच्छे विचार । ऐसे विचार, जो हमारी जिंदगी का हिस्सा हैं, जिनसे हमें सीख मिलती है।

  1. सादा जीवन, उच्च विचार।
  2. ‘सेवा’ डॉक्टर का कर्तव्य है।
  3. मेरा भारत महान।
  4. जैसी करनी, वैसी भरनी।
  5. परोपकार ही जीवन है।
  6. जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।

इंद्रधनुष के रंगों के नाम:

लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला, बैंगनी Red, orange, yellow, green, blue, indigo, violet

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

श्लोकः 1

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
विपर्ययः कस्मिन् शब्दे दृश्यते ?
उत्तरम् :
विपर्ययः ‘साक्षराः’ इति पदे दृश्यते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न आ.
विपर्यय: कस्मिन् शब्दे न दृश्यते ?
उत्तरम् :
विपर्ययः ‘सरस’ इति पदे न दृश्यते।

प्रश्न इ.
मानवाः कीदृशाः भवेयुः?
उत्तरम् :
मानवा: साक्षराः भवेयुः।

प्रश्न ई.
मानवाः कीदृशाः न भवेयु:?
उत्तरम् :
मानवा: राक्षसाः न भवेयुः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

2. समानार्थकशब्द लिखत ।
राक्षसः, सरसः

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्द लिखत ।
राक्षसः, सरसः
उत्तरम् :

  • राक्षस: – असुरः।
  • सरस: – रसपूर्णः।

3. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.
अ) विपरीतोऽपि = …………..
आ) विपरीताश्चेत् = प्रलोकः
उत्तरम् :
अ) विपरीतोऽपि – विपरीतः + अपि।
आ) विपरीताश्चेत् – विपरीताः + चेत्।

श्लोक: 2.

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
वृक्षाग्रवासी कः?
उत्तरम् :
पक्षिराजः वृक्षाग्रवासी।नारिकेलं वृक्षाग्रवासी।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न आ.
कः पक्षिराजः?
उत्तरम् :
गरुडः पक्षिराजः अस्ति ।

प्रश्न इ.
क: त्रिनेत्रधारी?
उत्तरम् :
शङ्करः त्रिनेत्रधारी। नारिकेलं त्रिनेत्रधारी।

प्रश्न ई.
कः शूलपाणिः ?
उत्तरम् :
शङ्करः शूलपाणिः।

प्रश्न उ.
क: जलं बिभर्ति ?
उत्तरम् :
घट: मेघः च जलं बिभर्तः। नारिकेलं जलं बिभर्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न ऊ.
कः त्वम्वस्त्रं धारयति ?
उत्तरम् :
सिद्धयोगी त्वम्वस्त्र धारयति। नारिकेलं त्वग्वस्वं धारयति।

2. शब्दसमूहस्य कृते एकं संक्षेपशब्द लिखत ।

प्रश्न 1.
अ) यः वृक्षस्य अग्रभागे निवसति – ……………
आ) पक्षिणां राजा – ……………
इ) यस्य त्रीणि नेत्राणि – …………..
ई) शूलं पाणौ यस्य सः – ……………
उ) यः त्वग्वस्त्रं धारयति – …………….
उत्तरम् :
अ) यः वृक्षस्य अग्रभागे निवसति – वृक्षाग्रवासी।
आ) पक्षिणां राजा – पक्षिराजः।
इ) यस्य त्रीणि नेत्राणि – त्रिनेत्रधारी।
ई) शूलं पाणौ यस्य सः – शूलपाणिः।
उ) य: त्वग्वस्त्रं धारयति . त्वग्वस्त्रधारी।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

3. योग्यं पर्यायं चिनुत –

प्रश्न 1.
अ. पक्षिराजः वृक्षाग्रे (वसति/न वसति)।
आ. घटः त्रीणि नेत्राणि (धारयति/न धारयति)।
इ. शूलपाणिः जलं (बिभर्ति न बिभर्ति)।
ई. नारिकेलं त्वग्वस्त्रं (धारयति/न धारयति)।
उत्तरम् :
अ. पक्षिराज: वृक्षाग्रे वसति।
आ. घट: त्रीणि नेत्राणि न धारयति।
इ. शूलपाणि: जलं न बिभर्ति।
ई. नारिकेलं त्वग्वस्वं धारयति।

4. समानार्थकशब्दयुग्मं चिनुत लिखत च।
पक्षिराजः, शूलपाणिः, जलम्, मेघः, शङ्करः, वृक्षः, सिद्धयोगी, गरुडः, तरुः, तोयम्, जलदः, तपस्वी।

प्रश्न 1.
पक्षिराजः, शूलपाणिः, जलम्, मेघः, शङ्करः, वृक्षः, सिद्धयोगी, गरुडः, तरुः, तोयम्, जलदः, तपस्वी।
उत्तरम् :

  • पक्षिराज: – गरुडः।
  • शूलपाणिः – शङ्करः।
  • जलम् – तोयम्।
  • मेष: – जलदः।
  • वृक्षः – तरुः।
  • सिद्धयोगी – तपस्वी।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

श्लोकः 3.

1. कः कं वदति? ‘पत्रं लिख।’

प्रश्न 1.
कः कं वदति? ‘पत्रं लिख।’
उत्तरम् :
पिता पुत्रं वदति।

2. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
केन आज्ञा दत्ता?
उत्तरम् :
तातेन आज्ञा दत्ता।

प्रश्न आ.
केन आज्ञा न लजिता ।
उत्तरम् :
पुत्रेण आज्ञा न लङ्घिता।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न इ.
पत्रं केन लिखितम् ?
उत्तरम् :
पुत्रेण पत्रं लिखितम्।

3. विशेषण-विशेष्य-अन्वितिं पूरयत ।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः 1
उत्तरम् :
1. कथितः
2. पत्रम्

4. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.
ममाज्ञया, पितुराज्ञा
उत्तरम् :

  • ममाज्ञया – मम + आज्ञया।
  • पितुराज्ञा – पितुः + आज्ञा।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

5. श्लोकात् ‘क्त’ प्रत्ययान्तरूपाणि (क.भू.धा.वि.)
चिनुत लिखत च।

प्रश्न 1.
श्लोकात् ‘क्त’ प्रत्ययान्तरूपाणि (क.भू.धा.वि.)
चिनुत लिखत च।
उत्तरम् :

  1. कथितम्
  2. लिखितम्
  3. लक्षिता

श्लोकः 4.

1. क्रमानुसारं रचयत।

प्रश्न 1.
अ. त्रि-अक्षरयुक्ते शब्दे ‘य’ मध्ये तिष्ठति ।
आ. शब्दस्य आरम्भे ‘न’ विद्यते।
इ. शब्दस्य अन्ते अपि ‘न’ विद्यते।
उत्तरम् :
आ. शब्दस्य आरम्भे ‘न’ विद्यते,
अ. त्रि-अक्षरयुक्ते शब्दे ‘य’ मध्ये तिष्ठति।
इ. शब्दस्य अन्ते अपि ‘न’ विद्यते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

2. प्राप्तम् उत्तरम्  – [ ] [ ] [ ]

प्रश्न 1.
प्राप्तम् उत्तरम्  – [ ] [ ] [ ]

3. सन्धिं कुरुत।

प्रश्न 1.
अ. तस्य + आदिः (अ + आ) ………….
आ. तस्य + अन्तः (अ + अ) ………..
इ. तव + अपि (अ + अ) ………..
ई. अपि + अस्ति (इ + अ) ……….
उत्तरम् :
अ. तस्यादिर्न – तस्य + आदि: + न।
आ. तस्यान्तः – तस्य + अन्तः।
इ. तवाप्यस्ति – तव + अपि + अस्ति।
ई. ममाप्यस्ति – मम + अपि + अस्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

4. श्लोकात् षष्ठ्यन्तपदानि चिनुत लिखत च।

प्रश्न 1.
श्लोकात् षष्ठ्यन्तपदानि चिनुत लिखत च।

श्लोकः 5.

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कस्याः नद्याः वर्णनं सुभाषिते वर्तते?
उत्तरम् :
गङ्गानद्या: वर्णनं सुभषिते वर्तते।

प्रश्न आ.
शतचन्द्रं नभस्तलं कुत्र शोभते ?
उत्तरम् :
गढ़ानद्या: चञ्चलतरे वारिणि शतचन्द्रं नभस्तलं शोभते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

2. विशेषणैः जालरेखाचित्रं पूरयत ।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः 2

उत्तरम् :

  1. प्रतिबिम्बितम्
  2. शतचन्द्रम्
  3. तारकायुक्तम्

3. विशेषणं लिखत।

प्रश्न 1.
विशेषणं लिखत।
1. …………. वारिणि।
2. ……………नभस्तलम्।
उत्तरम् :
1. चञ्जलतरे वारिणि।
2. तारकायुक्तम् नभस्तलम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

4. गङ्गा इति शब्दस्य अमरपङ्क्तिं लिखत।

प्रश्न 1.
गङ्गा इति शब्दस्य अमरपङ्क्तिं लिखत।
उत्तरम् :
गङ्गा – जाह्नवी, भागीरथी जहुतनया, विष्णुपदी।

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः Additional Important Questions and Answers

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
सरसत्वं कदा न मुञ्चति?
उत्तरम् :
‘सरस’ इति पदस्य अक्षराणां क्रम: विपरीतं क्रियते चेत् अपि तस्य सरसत्वं न मुञ्चति।

प्रश्न 2.
‘साक्षरा’ इति पदं विपरीतं क्रियते चेत् किं भवति?
उत्तरम् :
‘साक्षरा’ इति पदं विपरीतं क्रियते चेत् ‘राक्षसा’ इति भवति।

प्रश्न 3.
गङ्गायाः वारिणि किं शोभते?
उत्तरम् :
गङ्गायाः वारिणि तारकायुक्तं शतचन्द्रं नभस्तलं शोभते।

प्रश्न 4.
मृगाः किं खादन्ति?
उत्तरम् :
मृगाः तृणानि खादन्ति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न 5.
मीनाः कुत्र विहरन्ति?
उत्तरम् :
मीनाः जले विहरन्ति।

प्रश्न 6.
सज्जनानां का वृत्तिः?
उत्तरम् :
सन्तोषः इति सज्जनानां वत्तिः।

प्रश्न 7.
अस्याः प्रहेलिकाया: उत्तरं किम् ?
उत्तरम् :
‘नयन’ इति अस्याः प्रहेलिकायाः

प्रश्न 8.
पुत्रेण कस्य आज्ञा न लचिता?
उत्तरम् :
पुत्रेण पितु: आज्ञा न लड़िता।

प्रश्न 9.
कुरङ्गः किं न ईक्षते?
उत्तरम् :
कुरङ्गः धनिनां वक्त्रं न ईक्षते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्न 10.
कुरङ्गः किं न शृणोति?
उत्तरम् :
कुरङ्ग: गर्ववचः न शृणोति।

प्रश्न 11.
कुरङ्गः किं खादति?
उत्तरम् :
कुरङ्गः बालतृणानि खादति।

प्रश्न 12.
कुरङ्गः किं न बूते?
उत्तरम् :
कुरङ्गः मृषा चाटून् न बूते।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

लकारं लिखत।

  • मुशति – मुच्-मुक् धातुः षष्ठगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार : प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • ईक्षसे – ईक्ष् धातुः प्रथमगण; आत्मनेपदं लट्लकार: मध्यमपुरुषः एकवचनम्।
  • खादसि – खाद् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लट्लकार: मध्यमपुरुष: एकवचनम्।
  • पे – दूधातुः द्वितीयगण: उभयपदम् अत्र आत्मनेपदं लट्लकार: मध्यमपुरुष: एकवचनम्।
  • शृणोषि – शु धातुः पञ्चमगणः परस्मैपदं लट्लकार: मध्यमपुरुष: एकवचनम्।
  • धावसि – धाव् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लट्लकार: मध्यमपुरुषः एकवचनम्।
  • शोभते – शुभ् धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुषः एकवचनम्
  • तिष्ठति – ‘स्था-तिष्ठ्’ धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुषः एकवचनम्।
  • जानाति – ‘ज्ञा’ धातुः नवमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • लिख – लिख् धातुः षष्ठगणः परस्मैपद लोट्लकार: मध्यमपुरुष: एकवचनम्

विभक्त्यन्तपदानि।

  • प्रथमा – वृक्षाप्रवासी, पक्षिराजः, त्रिनेत्रधारी, त्वग्वसधारी, सिद्धयोगी, घटः, मेघः, वैरिणः, पिशुनाः, तृणम्, जलम्, सन्तोषः, प्रतिबिम्बितम्, तारकायुक्तम्, शतचन्द्रम्, नभस्तलम्।
  • द्वितीया – वक्त्रम्, चाटून, तान, बालतृणानि।
  • तृतीया – आशया, भवता।
  • षष्ठी – सज्जनानाम्, वृत्तीनाम्, धनिनाम्, एषाम्।
  • सप्तमी – जगति, चञ्चलतरे, वारिणि।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. पितुः आज्ञा न लाविता।
  2. पत्रं लिख।
  3. बालतृणानि खादसि।
  4. त्वं मृषा चाटून् न बूषे।
  5. तारकायुक्तं शतचन्द्रं नभस्तलं शोभते।
  6. गङ्गायाः वारिणि नभस्तलं प्रतिबिम्बितम्।

उत्तरम् :

  1. कस्य आज्ञा न लविता?
  2. किं लिख?
  3. त्वं किं खादसि?
  4. त्वं किं न बूषे?
  5. कीदृशं नभस्तलं शोभते?
  6. नभस्तलं कुत्र प्रतिबिम्बितम्?

पद्यांशं पठित्वा जालरेखाचित्रं पूरयत।

प्रश्न 1.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः 3
उत्तरम् :
1. राक्षसाः
2. सरस

प्रश्न 2.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः 4
उत्तरम् :

  1. वक्षाग्रवासी
  2. जलं बिभ्रन्
  3. त्वग्वस्त्रधारी
  4. त्रिनेत्रधारी

प्रश्न 3.
Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः 5.1
उत्तरम् :

  1. प्रतिबिम्बितम्
  2. शतचन्द्रम्
  3. तारकायुक्तम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

समानार्थकशब्दं योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

  1. पुत्र – पत्रं लिख। तनय, पत्रं लिख।
  2. नभस् – नभः शोभते। गगनं शोभते।
  3. वैरिन – जगति वैरी निष्कारणम् अस्ति। जगति शत्रुः निष्कारणम् अस्ति।

व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नाम सर्वनाम क्रियापदम् विशेषणम्
पक्षिराजः, मेघः तेन, यः मुञ्चति साक्षराः, त्रिनेत्रधारी
शूलपाणिः, तातेन तस्य तिष्ठति सरसः, कथितः
सिद्धयोगी, पितुः सः अस्ति वृक्षाग्रवासी, लिखितम्
जलम्, वारिणि तव – ते जानाति बिभ्रन्, प्रतिबिम्बितम्
घटः, नभः, गङ्गायाः मम – मे शोभते त्वग्वस्त्रधारी, शतचन्द्रम्
लिख तारकायुक्तम्, चञ्चलतरे

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

काव्यशास्त्रविनोदः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

काव्यशास्त्रविनोद म्हणजे काव्य आणि शास्त्र यांच्याद्वारे केलेले मनोरंजन.
हा शब्द –
‘काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम्।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।।’
या श्लोकात आला आहे. याचा अर्थ असा – बुद्धिमान लोक काव्य आणि शास्त्र यांद्वारे मनोरंजन करण्यात वेळ वापरतात. तर मूर्ख लोक व्यसन, झोप, भांडण यांत वेळ घालवतात. संस्कृत भाषा सुभाषितांनी नटलेली आहे. काही सुभाषिते इतकी चमत्कृतीपूर्ण असतात की ती समजण्यासाठी आपल्या बुद्धीला ताण द्यावा लागतो. ती सुभाषिते समजायला अवघड असली तरी मनोरंजकसुद्धा असतात.
टीप : – या पद्यातील श्लोक हे माध्यमभाषेत भाषांतरासाठी आहेत आणि त्यांचे स्पष्टीकरणसुद्धा अपेक्षित आहे.

काव्यशास्त्रविनोद means amusement derived from poetry and science. This phrase is a part of the shlok
‘काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम्।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा।।’
This means wise people spend their time in deriving amusment through poetry and scriptures but foolish spend their time in addiction, sleep or quarrel. We know that Sanskrit abounds in subhashitas.

Some Subhashitas are so marvellous that understanding them requires us to tickle over brain cells. These are not only challenging but also amusing at times. Note:- These shlokas are for writing the meaning in medium of answer and explanation to them is also expected.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

श्लोकः – 1

साक्षरा …………….. मुञ्चति ।।1।।
श्लोकः : साक्षरा विपरीताश्चेद् राक्षसा एव केवलम्।
सरसो विपरीतोऽपि सरसत्वं न मुञ्चति ।।1।।
स्पष्टीकरणम् : साक्षरा: इति पदं विपरीतक्रमेण पठितं चेत् ‘राक्षसाः’ इति भवति। परं ‘सरसः’ इति पदं यथानुक्रमं वा विपरीतक्रमेण पठितं चेत् ‘सरसः’ इत्येव भवति। अत्र कविकल्पना एवं कविकौशलं विभाति।

अनुवादः

‘साक्षर’ हा शब्द उलट केला तर ‘राक्षस’ असा होतो. पण ‘सरस’ हा शब्द उलट केला तरी तो त्याचा सरसपणा सोडत नाही.
स्पष्टीकरण – ‘साक्षर’ मनुष्य जर विपरीत असेल तर तो राक्षसाप्रमाणे वागतो. म्हणजे तो त्याच्या ज्ञानाचा विपरीत वापर करून विघातक कृत्य करतो. पण ‘सरस’ म्हणजे उत्तम प्रवृत्तीचा मनुष्य संवेदनशील असतो. त्याचे वर्तन सरळ अथवा विपरीत परिस्थितीमध्ये सुद्धा बदलणार नाही.

The word ‘साक्षराः’ (literate) if reversed, becomes ‘राक्षसा:’ that is demons. But the word ‘सरस’ which means sensitive or filled with emotion doesn’t leave its sensitivity though reversed.

Explanation – This is poetic imagination which itself is the creativity of the poet. The poet says those who have only bookish knowledge whom we refer to as ‘pothi pandits’ if he is rubbed the wrong way will become evil like demons. Just as intelligent man has created weapons using science which is the wrong usage of knowledge.

On the other hand, a connoisseur is sensitive and even in difficult conditions, he still remains happy, because the word Rasa means आनंद i.e happiness, Rasika is always happy and also makes others happy.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

श्लोकः – 2

वृक्षाग्रवासी ………….. न मेघः।
श्लोकः : वृक्षानवासी न च पक्षिराज:
त्रिनेत्रधारी न च शूलपाणिः।
त्वग्वत्रधारी न च सिद्धयोगी
जलं च विभन्न घटोन मेघः।।

स्पष्टीकरणम् : सः वृक्षस्य अग्रे वसति किन्तु पक्षिराजः गरुडः न। तस्य त्रीणि नेत्राणि सन्ति किन्तु सः शूलपाणिः शङ्कर: न। सः वल्कलसदृशं वस्त्रं धारयति किन्तु स: सिद्धयोगी न। सः जलं धारयति किन्तु सः न घटः न च मेषः। अस्य उत्तरं वर्तते नारिकेलफलम्।

अनुवादः

तो वृक्षाच्या टोकावर राहतो पण पक्षीराज (गरुड) नाही. तीन डोळे आहेत पण शंकर नाही. वल्कले धारण करतो पण योगी नाही. पाणी धारण करतो पण घडा नाही व ढगही नाही.

स्पष्टीकरण – हे सुभाषित प्रहेलिका प्रकारातील आहे. प्रहेलिका म्हणजे कोडे. या कोड्याचे उत्तर आहे नारळ, नारळ झाडाच्या टोकावर असतो. त्याला तीन डोळे असतात, त्याला शेंडी असते आणि आत पाणी असते.

It lives on the top of the tree but is not the king of birds (garuda/eagle). It has three eyes but is not the one who holds the Trident (Shiva). It wears barkgarments but is not an accomplished ascetic (yogi), and it holds water but is neither a pot nor a cloud.

Explanation – This is a riddle or prahelika the answer to which is a coconut. A coconut grows on the top of the tree, it has three eyes below the tuft of coir on top, it has bark garments which is the coin and it has water in it.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 10 काव्यशास्त्रविनोदः

श्लोकः – 3

तातेन ……………… लड़िता।।3।।
श्लोकः : तातेन कथितं पुत्र पत्रं लिख ममाज्ञया।
न तेन लिखित पत्रं पितुराज्ञा न लड्डिता ।।3।।
स्पष्टीकरणम् : तातेन कथितं, “हे पुत्र, मम आज्ञया पत्रं लिख।” तेन पुत्रेण पत्रं न लिखितम्। तथापि पितुः आशा न लकिता। अर्थसङ्गतिः न दृश्यते। यदि ‘न तेन’ इति एकपदं क्रियते ‘नतेन’ इति पदेन अर्थबोधः भवति। नतेन नाम नमस्वभावेन पुत्रेण पत्रं लिखितम्। अपि च पितुः आज्ञा न लविता।

अनुवादः

वडिलांनी मुलाला सांगितले ‘माझ्या आज्ञेने पत्र लिही!’ त्याने पत्र लिहिले नाही आणि वडिलांची आज्ञा मोडली नाही. स्पष्टीकरण – हा श्लोक ‘कूटश्लोक’ या सुभाषितप्रकाराचे उदाहरण आहे. ‘न तेन’ हा शब्द एकत्र ‘नतेन’ असा वाचला तर ‘त्या नम्र मुलाने’ असा अर्थ होतो. संस्कृत भाषेमधील विभक्तिप्रत्यय व शब्द चमत्कृती येथे दिसून येते.

The father said, “O son, write a letter by my order. He did not write the letter nor did he disobey the father’s order.
Explanation – In this shloka the word has to be read as one word ‘1’ which means ‘by the modest one.’ So, the son who was modest wrote the letter and therefore did not disobey the father’s order. This is an example of a कूटश्लोक.

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श्लोकः – 4

न तस्यादिर्न ……………. स पण्डितः।
श्लोकः : न तस्यादिर्न तस्यान्त; यो मध्ये तस्य तिष्ठति।
तवाप्यस्ति ममाप्यस्ति यो जानाति स पण्डितः ।।4।।
स्पष्टीकरणम् : कूटप्रश्न: अयम्।
अस्य उत्तरम् – तस्य आदिः न , तस्य अन्त:न, तस्य मध्ये यः तिष्ठति (तत्) तव अपि अस्ति, मम अपि अस्ति।

अनुवादः

त्याच्या सुरुवातीला ‘न’, त्याच्या शेवटी ‘न’ वमध्ये ‘य’ आहे. तुझ्याकडेही आहे. माझ्याकडेही आहे. जो जाणतो तो पंडित आहे.
स्पष्टीकरण – हा सुभाषिताचा ‘कूटप्रश्न’ प्रकार आहे. ‘नयन’ हे त्याचे उत्तर आहे. कारण यात ‘न’ हे अक्षर सुरुवातीला आणि शेवटी येते तसेच ‘य’ हे अक्षर मध्ये येते.

It doesn’t have a beginning nor does it have an end and it stays in the middle. You too have it and I too have it, the one who knows this is a scholar. Explanation – This is an example of prahelika where the answer is ‘नयन’ means eye’. ‘न’ is at the beginning ‘न’ is at the end and ‘य’ is in the middle which is ‘नयन’.

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श्लोक: – 5

गङ्गायाश्चञ्चलतरे ………………. नभस्तलम्।।6।।
श्लोकः : गङ्गायाश्चलतरे वारिणि प्रतिबिम्बितम्।
शोभते तारकायुक्तं शतचन्द्रं नभस्तलम् ।।6।।
स्पष्टीकरणम् । गङ्गायाशजलतरे वारिणि प्रतिबिम्बितम् तारकायुक्तं शतचन्द्र नभस्तलम् शोभते। शतचन्द्र नभस्तलम्। इति काचन समस्या वर्तते। आकाशे चन्द्राणां शतं कथं शक्यते? इत्येषा समस्या।
समस्यापूर्तिः- गङ्गानद्याः जलं कल्लोलयुक्त विद्यते। यदा गगने तारकाः चन्द्रमा: च विलसन्ति तदा चन्द्रमसः शतं प्रतिबिम्बानि गङ्गानद्याः जले दृश्यन्ते । तदा कवि: कल्पनां करोति, ‘नभः शतचन्द्रम्’ इव दृश्यते।

अनुवादः

गंगेच्या चंचल पाण्यामध्ये प्रतिबिंबित झालेले आकाश जणू काही चांदण्यांनी व शेकडो चंद्रांनी युक्त असल्याप्रमाणे शोभून दिसत आहे.
स्पष्टीकरण – ही समस्यापूर्ती आहे. ‘शतचन्द्रं नभस्तलम्’ ही समस्या म्हणजे कोडे आहे. त्याचे उत्तर कवी असे देतो, आकाशात तर शंभर चंद्र असणे शक्य नाही, पण गंगेच्या लाटांवर जेव्हा चांदण्या व चंद्राने भरलेल्या आकाशाचे प्रतिबिंब पडते तेव्हा एकाचवेळी पाण्यात असंख्य चंद्र असल्याचे (पडल्याचे) भासते.

Hundred moons look beautiful along with stars in the sky reflected in the trembling waters of the Ganga.

Explanation – This shloka is an example of समस्यापूर्त where the last part ‘शतचन्द्रं नभस्तलम्’ is given and poets have to compose a shloka to make it meaningful. Now, this is really not possible.

So, to justify this sentence, the poet very beautifully says that the reflection of the moon is seen in the shaking waters of Ganga and this appears as if there are hundreds of moons. The reflection of the moon in the sky with many stars when seen in the trembling river water makes one see hundred moons.

सन्धिविग्रहः

  • घटोन – घट: + न।
  • यो मध्ये – यः + मध्ये।
  • गङ्गायाश्चञ्चलतरे – गङ्गायाः + चलतरे।
  • नभस्तलम् – नभः + तलम्।
  • मुहुरीक्षसे – मुहुः + ईक्षसे।
  • तन्मे – तद् + मे।
  • नैषाम् – न + एषाम्।
  • यद्वक्त्रम् – यत् + वक्वम्।

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समानार्थकशब्दाः

  1. तपः – तपस्या।
  2. दानव: – दैत्यः ।
  3. धनी – धनिक्, श्रीमत्, बहुधनः ।
  4. वच: – वाणी, भाषा।
  5. वारि – जलम, तोयम, आपः।
  6. तारका – नक्षत्रम्, तारा, ज्योतिः।
  7. चन्द्रः – हिमांशुः, इन्दुः, विधुः, सुधांशुः, सोमः ।
  8. तृणानि – शष्याणि।
  9. संतोषः – तुष्टिः।
  10. मीन: – मत्स्यः ।
  11. पिशुन: – दुर्जनः।
  12. लुब्धक: – व्याधः।
  13. सज्जनः – सुजनः, सत्पुरुष।
  14. वैरिणः – शत्रवः, रिपवः।
  15. कुरङ्ग – मृगः, हरिणः, सारङ्गः।
  16. पण्डितः – ज्ञानी, विद्वान्।
  17. तातः – पिता, जनक:
  18. पुत्रः – तनयः, सूनुः आत्मजः

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • चञ्चलम् × स्थिरम्।
  • आदिः × अन्तः
  • पण्डित: × मूढः।
  • नतः × गर्विष्ठः, उध्दतः।
  • विपरीत: × सरलः।
  • सरस: × नीरसः।

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शब्दार्थाः

  1. विपरीत – reverse order – उलट क्रमाने
  2. मुञ्चति – does not leave – सोडत नाही
  3. सरसत्वम् – best qualities – रसिकता, रसाळपणा
  4. साक्षरा: – literate – साक्षर
  5. राक्षसा: – demons – दानव
  6. चेत् – if – जर
  7. वृक्षाग्रवासी – one who resides on top of the tree – वृक्षाच्या टोकावर राहणारा
  8. पक्षिराज: – king of birds, eagle – पक्ष्यांचा राजा, गरुड
  9. त्रिनेत्रधारी: – I having three eyes, Shiva – तीन डोळे असणारा, शंकर
  10. सिद्धयोगी – ascetic – योगी
  11. शूलपाणि: – the one who holds त्रिशूल in hand – त्रिशूलधारी (शंकर)
  12. त्वग्वस्त्रम् – clothes of bark – वल्कल
  13. घट: – pot – घडा
  14. मेघः – cloud – ढग
  15. बिभ्रत् – holds – धारण करणारा
  16. तात: – father – वडील
  17. आज्ञया – by order – आज्ञेवरून
  18. पत्रम् – letter – पत्र
  19. लहिता – crossed – मोडली
  20. आदिः – beginning – सुरुवात
  21. अन्त – end – शेवट
  22. मध्ये – in the middle – मध्ये
  23. जानाति – knows – जाणतो
  24. पण्डित: – intelligent, scholar – हुशार
  25. तिष्ठति – stands – राहते
  26. मृगः – deer – हरीण
  27. सज्जनः – good person – सज्जन
  28. मीन: – fish – मासा
  29. लुब्धकः – hunter – शिकारी
  30. ग्धीवरः – fisherman – कोळी
  31. पिशुन: – wicked – दुर्जन
  32. निष्कारण – without reason – निष्कारण
  33. जगति – in the world – ह्या जगात
  34. वैरिणः – foes, enemies – शत्रु
  35. चञ्चल – unsteady – चंचल, हलणारे
  36. प्रतिबिम्बित – reflected – प्रतिबिंबित झालेले
  37. तारकायुक्त – full of stars – चांदण्यानी युक्त
  38. नभः – sky – आकाश

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 बीज

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 8 बीज Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 8 बीज

5th Standard Hindi Digest Chapter 8 बीज Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.
निम्नलिखित वाक्यों को क्रमबद्ध करके पुनः लिखिए:
(क) पानी और धूप पाकर बीज में अंकुर फूटा।
(ख) किसी नदी किनारे एक बीज पड़ा था।
(ग) अब मैं तुम सबके काम आ सकता हूँ।
(घ) उसकी डालें बड़ी-बड़ी हो गईं।
उत्तर:
(क) वहाँ एक चिड़िया आई।
(ख) पानी और धूप पाकर बीज में अंकुर फूटा।
(ग) उसकी डालें बड़ी-बड़ी हो गईं।
(घ) अब मैं तुम सबके काम आ सकता हूँ।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 बीज

प्रश्न 2.
चने को गीली मिट्टी में बोओ और अंकुरित होकर पोधा होने तक उसका निरीक्षण करो |

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 8 बीज Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:

प्रश्न 1.
क्या आपके घर के आस-पास पेड़-पौधे हैं? किन्हीं दो के नाम बताइए।
उत्तर:
हाँ, मेरे घर के आस-पास पेड़-पौधे हैं। वे आम और नीम के हैं।

प्रश्न 2.
क्या आपके विद्यालय परिसर में पेड़-पौधे हैं ? किन्हीं दो के नाम बताइए।
उत्तर:
हाँ, अशोक-वृक्ष एवं नीम के पेड़ हैं।

प्रश्न 3.
पेड़-पौधों से हमें क्या-क्या मिलता है?
उत्तर:
पेड़-पौधों से हमें छाया, फल-फूल इत्यादि मिलते हैं।

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प्रश्न 4.
आप पेड़-पौधों की सुरक्षा किस प्रकार करेंगे?
उत्तर:
पौधों को पानी देकर, समय-समय पर कटाई-छंटाई करके हम पेड़-पौधों की सुरक्षा करेंगे।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
बीज कहाँ पड़ा था?
उत्तर:
बीज नदी के किनारे पड़ा था।

प्रश्न 2.
चोंच मारकर बीज को कौन खाने लगा?
उत्तर:
चोंच मारकर बीज को चिड़िया खाने लगी।

प्रश्न 3.
क्या देखकर बकरी के मुँह में पानी भर आया?
उत्तर:
कोंपलें देखकर बकरी के मुँह में पानी भर आया।

प्रश्न 4.
गाय क्या करते हुए चली गई?
उत्तर:
गाय रँभाती हुई चली गई।

प्रश्न 5.
बीज कैसा था?
उत्तर:
बीज छोटा था।

प्रश्न 6.
नदी के किनारे कौन आई?
उत्तर:
नदी के किनारे चिड़िया आई।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 बीज

प्रश्न 7.
बीज में से अंकुर कैसे फूटा?
उत्तर:
पानी और धूप पाकर बीज में से अंकुर फूटा।

प्रश्न 8.
कुछ दिन बाद कौन आई?
उत्तर:
कुछ दिन बाद बकरी आई।

प्रश्न 9.
बीज क्या बना?
उत्तर:
बीज एक छोटा-सा पौधा बना।

सही शब्द चुनकर लिखिए:

प्रश्न 1.
सही शब्द चुनकर लिखिए:

  1. नदी के …….. एक बीज पड़ा था। (किनारे /पास)
  2. वह …….मारकर बीज को खाने लगी। (पंजा/चोंच)
  3. कोंपलें देखकर उसके ………. में पानी भर आया। (आँख / मुँह)
  4. यह सुनकर गाय ……हुई चली गई। (रंभाती / चिल्लाती)
  5. यह सुनकर सब ………. हो गए। (खुश/अचंभित)
  6. ……… होने दो, तब मुझे खाना। (दाल-भात/ डाल-पात)
  7. कुछ दिन बाद ………. बरसा। (पानी /चाय)
  8. ……… खाने दो, तब मुझे खाना। (खाद – पानी/जड़ – पौधा)
  9. गाय ने ………. को खाने के लिए मुँह खोला। (पेड़ / पौधे)
  10. एक दिन फिर वही …….., …….. और …….. वहाँ आई। (चिड़िया, बकरी, गाय / चिड़िया, बंदरिया, गाय)

उत्तर:

  1. किनारे
  2. चोंच
  3. मुँह
  4. रँभाती
  5. खुश
  6. डाल-पात
  7. पानी
  8. खाद-पानी
  9. पौधे
  10. चिड़िया, बकरी, गाय

प्रश्न 4.
निम्नलिखित वाक्यों को क्रमबद्ध करके पुनः लिखिए:
1. वहाँ एक चिड़िया आई।
2. वह चोंच मारकर बीज को खाने लगी।
उत्तर:
1. किसी नदी – किनारे एक बीज पड़ा था।
2. वह चोंच मारकर बीज को खाने लगी।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 बीज

प्रश्न 5.
वर्ण जोड़कर शब्द बनाना:
उदाहरण: मार + कर = मारकर

  1. दबा + कर = ……………….
  2. समझ + कर = ……………..
  3. देख + कर = ………………
  4. सुन + कर = ……………….
  5. रो + कर = ………………
  6. भाग + कर = ………………
  7. खा + कर = ………………
  8. उठ + कर = ………………
  9. बैठ + कर = ………………
  10. धो + कर = ………………
  11. लेट + कर = ………………
  12. जा + कर = ………………
  13. लौट + कर = ………………
  14. पीस + कर = ……………….
  15. छिपा + कर = ……………….

उत्तर:

  1. दबाकर
  2. समझकर
  3. देखकर
  4. सुनकर
  5. रोकर
  6. भागकर
  7. खाकर
  8. उठकर
  9. बैठकर
  10. धोकर
  11. लेटकर
  12. जाकर
  13. लौटकर
  14. पीसकर
  15. छिपाकर

प्रश्न 6.
पाठ के आधार पर निम्नलिखित वाक्यों के सामने सही ✓ या गलत × का निशान लगाइए:
उत्तर:

  1. वह चोंच मारकर बीज खा गई।  (×)
  2. एक दिन बकरा आया। (×)
  3. बकरी यह सुनकर में – में करती चली गई। (✓)
  4. उसकी डालें बड़ी-बड़ी हो गईं। (✓)
  5. यह सुनकर सब खुश हो गए। (✓)
  6. बीज तालाब के किनारे पड़ा था। (×)
  7. बीज ने कहा डाल-पात होने के बाद मुझे खाना। (✓)
  8. एक दिन वहाँ भेड़ आई। (×)
  9. बकरी ने कोंपल को खा लिया। (×)
  10. पेड़ ने कहा, “अब मैं सबके काम आ सकता हूँ।” (✓)

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प्रश्न 7.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. चिड़िया (अ) में – में
2. गाय (आ) ची – ची
3. बकरी (इ) रँभाना
4. कौआ (ई) कुहू – कुहू
5. कोयल (उ) काँव – काँव
6. पपीहा (ऊ) पीहू – पीहू
7. बंदर (ए) दहाड़ना
8. घोड़ा (ऐ) भौं – भौं
9. कुत्ता (ओ) हिनहिनाना
10. शेर (औ) खीं – खीं

उत्तरः

(अ) (ब)
1. चिड़िया (आ) ची – ची
2. गाय (इ) रँभाना
3. बकरी (अ) में – में
4. कौआ (उ) काँव – काँव
5. कोयल (ई) कुहू – कुहू
6. पपीहा (ऊ) पीहू – पीहू
7. बंदर (औ) खीं – खीं
8. घोड़ा (ओ) हिनहिनाना
9. कुत्ता (ऐ) भौं – भौं
10. शेर (ए) दहाड़ना

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. ज़मीन
  2. पानी
  3. नदी

उत्तर:

  1. धरती
  2. जल
  3. सरिता

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प्रश्न 2.
विपरीत अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. एक
  2. बहुत
  3. छोटा
  4. ज़मीन
  5. खुश

उत्तर:

  1. अनेक
  2. कम
  3. बड़ा
  4. आसमान
  5. उदास

प्रश्न 10.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन – रूप लिखिए:

  1. नदी
  2. चिड़िया
  3. चोंच
  4. बकरी
  5. कोंपल
  6. जड़
  7. पौधा
  8. गाय
  9. डाल

उत्तर:

  1. नदियाँ
  2. चिड़ियाँ
  3. चोंचें
  4. बकरियाँ
  5. कोंपलें
  6. जड़ें
  7. पौधे
  8. गायें
  9. डालें

प्रश्न 11.
निम्नलिखित विराम – चिहनों के नाम लिखिए:

  1. ,
  2. ?
  3. ” “
  4. ;

उत्तर:

  1. अल्पविराम
  2. पूर्णविराम
  3. प्रश्नवाचक चिह्न
  4. योजक चिह्न
  5. उद्धरण चिह्न
  6. अर्ध विराम

बीज Summary in Hindi

पाठ का सारांश:

प्रस्तुत कहानी के माध्यम से पेड़ के महत्त्व के बारे में बताया गया है। बीज से पौधा, पौधे से पेड़ बनने की प्रक्रिया इस पाठ के द्वारा बताई गई है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 8 बीज

शब्दार्थ:

  1. प्रगति – तरक्की (progress)
  2. बीज – दाना (seed)
  3. अंकुर – अंकुरित बीज (sprout)
  4. किनारा – तट (bank)
  5. कोंपल – पुष्पपुंज, मंजरी (bloom)
  6. गाड़ना – दबाना (to sow)

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 5 रोबोट Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 5 रोबोट

5th Standard Hindi Digest Chapter 5 रोबोट Textbook Questions and Answers

जुड़ें हम:

अध्यापन संकेत: पृष्ठ 33 और 34 पर दी गई संपूर्ण पाठ्यसामग्री का उद्देश्य संयुक्ताक्षरों की पहचान करवाकर वाचन और लेखन कराना है । वर्णों को संयुक्त बनाने के लिए रूप के आधार पर इन्हें तीन भागों तथा ‘र’ को तीन प्रकारों में बाँटा गया है । इन्हें अलग-अलग दिया गया है । शिरोरेखा के नीचे र पूरा होता है।
1. सर्वप्रथम पाठ में आए चित्र के शब्द सुनाकर दोहरवाएँ । मोटे अक्षर के संयुक्ताक्षर को श्यामपट्ट पर लिखकर समझाएँ । सभी संयुक्ताक्षर की पहचान होने तक अभ्यास करवाएँ ।

2. पाठ्यांश पढ़वाकर संयुक्ताक्षरों को रेखांकित करने के लिए कहें । तत्पश्चात विद्यार्थियों से संपूर्ण पाठ्यांश का अनुलेखन करने के लिए कहें । देखें कि विद्यार्थी विरामचिह्नों सहित शुद्ध लेखन करते हैं । विरामचिह्नों-पूर्णविराम, प्रश्नचिह्न, अल्पविराम, विस्मयादिबोधक और अर्धविराम को समझाकर इनके उचित प्रयोग पर बल दें।

3. चित्र दिखाकर और दिए गए शब्दों का प्रयोग कराके एक-एक वाक्य लिखवाएँ ।

4. संयुक्ताक्षर का अभ्यास होने के पश्चात इन पाठ्यांशों का श्रुतलेखन करवाएँ । विरामचिह्नों सहित शुद्ध लेखन पर

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 5 रोबोट Additional Important Questions and Answers

प्रश्न 1.
पहले और बाद में आनेवाले वर्ण लिखिए:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 1
उत्तर:

  1. अ, र
  2. औ, र
  3. र, ना
  4. ड, रू

प्रश्न 2.
वर्ण जोड़कर शब्द बनाना:
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 2
उत्तर:

  1. झर
  2. घर
  3. डर
  4. चर
  5. मर
  6. पर
  7. कर
  8. भर

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

प्रश्न 3.
वर्ण जोड़कर शब्द बनाना:

  1. अ + ज + ग + र = ………………………..
  2. आ + म = ………………………….
  3. ई + ख = ………………………
  4. उ + ध + र = ……………………
  5. ऊ + न = ……………………….
  6. ए + क = ……………………….
  7. ऐ + न + क = …………………
  8. ओ + स = ………………………
  9. औ + ष + ध = …………………..
  10. ट + म + ट + म = …………………..
  11. म + ट + र = ………………………..
  12. क + र + व + ट = …………………..
  13. थ + र + म + स = …………………..
  14. फ + ल = ……………………..
  15. क + ल + र + व = …………………..

उत्तर:

  1. अजगर
  2. आम
  3. ईख
  4. उधर
  5. ऊन
  6. एक
  7. ऐनक
  8. ओस
  9. औषध
  10. टमटम
  11. मटर
  12. करवट
  13. थरमस
  14. फल
  15. कलरव

प्रश्न 4.
सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए: (गरम, टब, बतख, नल)

  1. रवि …………. बंद कर।
  2. …………. खाना मत खा।
  3. …………….. में पानी भर।
  4. तालाब में ……………. है।

उत्तर:

  1. नल
  2. गरम
  3. टब
  4. बतख

रोबोट Summary in Hindi

पाठ का परिचयः

प्रस्तुत पाठ में रोबोट के चित्र से वर्णमाला की जानकारी दी गई है। साथ ही अनुरेखन द्वारा लेखन का तरीका बताया गया है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट

वर्णमाला:

स्वर:

अ आ इ ई उ ऊ ऋ ए ऐ ओ औ अं अः

व्यंजन:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 3
क ख ग घ ङ च छ ज झ ब ट ठ ड ढ ण ड़ ढ़ त थ द ध न । प फ ब भ म । य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ श्र
(-) – इसे अनुस्वार कहते हैं।
(-) – यह चंद्र बिन्दु है।
(:) – यह विसर्ग है।
क्ष, त्र, ज्ञ, श्र संयुक्त व्यंजन हैं। ये दो व्यंजनों से मिलकर बने हैं।
Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 5 रोबोट 4

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध

5th Standard Hindi Digest Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध Textbook Questions and Answers

(अ) बोध

1. पढो, समझो और बताओ

(ब) समान – विरुद्ध

1. पढो, और समझो

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध Additional Important Questions and Answers

(अ) बोध

प्रश्न 1.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. गायक (अ) दुल्हन
2. हाथी (आ) चाची
3. अध्यापक (इ) नागिन
4. भाई (ई) हिरनी
5. लेखक (उ) गाय
6. बिलाव (ऊ) सिंहनी
7. सिंह (ए) बिल्ली
8. बैल (ऐ) लेखिका
9. हिरन (ओ) बहन
10. नाग (औ) अध्यापिका
11. चाचा (अं) हथिनी
12. दूल्हा (अ:) गायिका

उत्तर:

(अ) (ब)
1. गायक (अ:) गायिका
2. हाथी (अं) हथिनी
3. अध्यापक (औ) अध्यापिका
4. भाई (ओ) बहन
5. लेखक (ऐ) लेखिका
6. बिलाव (ए) बिल्ली
7. सिंह (ऊ) सिंहनी
8. बैल (उ) गाय
9. हिरन (ई) हिरनी
10. नाग (इ) नागिन
11. चाचा (आ) चाची
12. दूल्हा (अ) दुल्हन

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन कीजिए:

  1. दादा
  2. बकरा
  3. शेर
  4. लड़का
  5. छात्र
  6. मोर
  7. मामा
  8. धोबी
  9. राजा
  10. घोड़ा
  11. मुर्गा
  12. बेटा
  13. बूढ़ा
  14. गुड्डा
  15. हंस
  16. ऊँट

उत्तर:

  1. दादी
  2. बकरी
  3. शेरनी
  4. लड़की
  5. छात्रा
  6. मोरनी
  7. मामी
  8. धोबिन
  9. रानी
  10. घोड़ी
  11. मुर्गी
  12. बेटी
  13. बुढ़िया
  14. गुड़िया
  15. हंसिनी
  16. ऊँटनी

प्रश्न 3.
निम्नलिखित शब्दों में से स्त्रीलिंग व पुल्लिंग शब्द छाँटकर लिखिए।
उत्तर:

शब्द स्त्रीलिंग पुल्लिंग
1. पत्रिका, अखबार पत्रिका अखबार
2. डॉक्टर, सेविका सेविका डॉक्टर
3. धोबिन, रसोइया धोबिन रसोइया
4. पिताजी, तितली तितली पिताजी
5. बालक, अध्यापिका अध्यापिका बालक
6. बकरी, कुत्ता बकरी कुत्ता
7. माली, पत्नी पत्नी माली
8. नौकर, राजकुमारी राजकुमारी नौकर
9. सेठानी, गायक सेठानी गायक
10. नायिका पुरुष नायिका पुरुष

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों के बहुवचन – रूप लिखिए:

  1. पत्ता
  2. लड़का
  3. पैसा
  4. पुस्तक
  5. कुर्सी
  6. थाली
  7. वस्तु
  8. चिड़िया
  9. चिट्ठी
  10. बोतल
  11. आँख
  12. गेंद
  13. रात
  14. मेज
  15. गाय
  16. नाव
  17. पतंग
  18. बहन
  19. बात
  20. दुकान

उत्तर:

  1. पत्ते
  2. लड़के
  3. पैसे
  4. पुस्तकें
  5. कुर्सियाँ
  6. थालियाँ
  7. वस्तुएँ
  8. चिड़ियाँ
  9. चिट्ठियाँ
  10. बोतलें
  11. आँखें
  12. गेंदें
  13. रातें
  14. मेजें
  15. गायें
  16. नावें
  17. पतंगें
  18. बहनें
  19. बातें
  20. दुकानें

प्रश्न 5.
निम्नलिखित शब्द एकवचन हैं या बहुवचन? लिखिए:

  1. चुहिया
  2. फल
  3. माला
  4. मूर्तियाँ
  5. घंटा
  6. दीवारें
  7. सब्जी
  8. सड़कें
  9. घोड़ा
  10. ताला
  11. चूहे
  12. बेटा
  13. माताएँ
  14. सभा
  15. गुड़ियाँ
  16. तोता
  17. लताएँ
  18. कन्या
  19. महिलाएँ
  20. बाधा

उत्तर:

  1. एकवचन
  2. एकवचन
  3. एकवचन
  4. बहुवचन
  5. एकवचन
  6. बहुवचन
  7. एकवचन
  8. बहुवचन
  9. एकवचन
  10. एकवचन
  11. बहुवचन
  12. एकवचन
  13. बहुवचन
  14. एकवचन
  15. बहुवचन
  16. एकवचन
  17. बहुवचन
  18. एकवचन
  19. बहुवचन
  20. एकवचन

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

प्रश्न 6.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. राखी (अ) पपीते
2. मिठाई (आ) औषधियाँ
3. रोटी (इ) पेटियाँ
4. टोपी (ई) झाड़ियाँ
5. मछली (उ) डालियाँ
6. डाली (ऊ) मछलियाँ
7. झाड़ी (ए) टोपियाँ
8. पेटी (ऐ) रोटियाँ
9. औषधि (ओ) मिठाइयाँ
10. पपीता (औ) राखियाँ

उत्तर:

(अ) (ब)
1. राखी (औ) राखियाँ
2. मिठाई (ओ) मिठाइयाँ
3. रोटी (ऐ) रोटियाँ
4. टोपी (ए) टोपियाँ
5. मछली (ऊ) मछलियाँ
6. डाली (उ) डालियाँ
7. झाड़ी (ई) झाड़ियाँ
8. पेटी (इ) पेटियाँ
9. औषधि (आ) औषधियाँ
10. पपीता (अ) पपीते

प्रश्न 7.
सही शब्द चुनकर लिखिए:

  1. सोनू निगम प्रसिद्ध ………. है। (गायक / गायिका)
  2. …………… गहने पहनती है। (स्त्री / पुरुष)
  3. कक्षा में ………….. पढ़ा रही है। (अध्यापिका / अध्यापक)
  4. मेरा ………….. पढ़ाई कर रहा है। (बेटी / बेटा)
  5. ………….. खाना खा रहे हैं। (दादाजी / दादीजी)
  6. …………… सारा दूध पी गया। (बिल्ली / बिलाव)
  7. ………….. दूध देती है। (बैल / गाय)
  8. …………… दौड़ा। (हिरन / हिरनी)
  9. मेरे ………….. आए हैं। (चाची / चाचा)
  10. ………….. कपड़े धोता है। (धोबी / धोबिन)

उत्तर:

  1. गायक
  2. स्त्री
  3. अध्यापिका
  4. बेटा
  5. दादाजी
  6. बिलाव
  7. गाय
  8. हिरन
  9. चाचा
  10. धोबी

प्रश्न 8.
सही शब्द चुनकर लिखिए:

  1. वहाँ कई …………. रखी हैं। (मेजें / मेज़)
  2. सभी …………… बंद हैं। (दुकान / दुकानें )
  3. बाहर ………….. खड़ा है। (बच्चा /बच्चे)
  4. मेरे …………गंदे हो गए। (कपड़ा / कपड़े)
  5. वहाँ …………… खड़ी हैं। (बालिकाएँ / बालिका)
  6. ………….. दौड़ रहा है। (घोड़ा / घोड़े)
  7. …………… बहती हैं। (नदियाँ / नदी )
  8. ………….. उड़ रहा है। (तोता / तोते)
  9. ………….. में दाल रखी है। (कटोरी / कटोरियाँ)
  10. …………… जा रही है। (बुढ़िया / बुढ़ियाँ)

उत्तर:

  1. मेजें
  2. दुकानें
  3. बच्चा
  4. कपड़े
  5. बालिकाएँ
  6. घोड़ा
  7. नदियाँ
  8. तोता
  9. कटोरी
  10. बुढ़िया

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित शब्दों के वचन/ लिंग बदलकर वाक्य पुन: लिखिए:
1. घोड़ा दौड़ रहा है।
घोड़े दौड़ रहे हैं।
2. वहाँ थाली रखी है।
वहाँ थालियाँ रखी हैं।
3. मामाजी आए हैं।
मामीजी आई हैं।
4. राम अच्छा गायक है।
सीता अच्छी गायिका है।

(ब) समान – विरुद्ध

प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दों के समानार्थी शब्द लिखिए:

  1. केश
  2. मयूर
  3. पेड़
  4. सूर्य
  5. कृपा
  6. ध्वज
  7. खटिया
  8. गृह
  9. दर्द
  10. आँख
  11. पंछी
  12. पुष्प
  13. द्वार
  14. सवेरा
  15. अँधेरा
  16. शरीर
  17. आकाश
  18. पर्वत
  19. ईश्वर
  20. इच्छा

उत्तर:

  1. बाल
  2. मोर
  3. वक्ष
  4. सरज
  5. मेहरबानी
  6. झंडा
  7. चारपाई
  8. घर
  9. तकलीफ
  10. नयन
  11. पक्षी
  12. फूल
  13. दरवाज़ा
  14. सुबह
  15. अंधकार
  16. बदन
  17. गगन
  18. पहाड़
  19. भगवान
  20. चाह

प्रश्न 2.
निम्नलिखित शब्दों के विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:

  1. आगे
  2. ऊपर
  3. सोना
  4. गुण
  5. जन्म
  6. भारी
  7. गरम
  8. सुखी
  9. बंद
  10. छोटा
  11. दिन
  12. कम
  13. आदान
  14. उदय
  15. परदेश

उत्तर:

  1. पीछे
  2. नीचे
  3. जागना
  4. दोष
  5. मृत्यु
  6. हल्का
  7. ठंडा
  8. दुखी
  9. खुला
  10. बड़ा
  11. रात
  12. ज्यादा
  13. प्रदान
  14. अस्त
  15. स्वदेश

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

प्रश्न 3.
रिक्त स्थानों में सही विरुद्धार्थी शब्द लिखिए:

  1. मेरे कपड़े गीले नहीं,………….. हैं।
  2. मेरा घर नया नहीं, ………….. है।
  3. हलवा तीखा नहीं, ………….. होता है।
  4. वह स्वदेश में नहीं, …………… में काम करता है।
  5. यह सच नहीं, …………… है।

उत्तर:

  1. सूखे
  2. पुराना
  3. मीठा
  4. विदेश
  5. झूठ

प्रश्न 4.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. बाग (अ) प्यार
2. चतुर (आ) जल
3. चमक (इ) स्वच्छ
4. तालाब (ई) दिवस
5. दिन (उ) सरोवर
6. निर्मल (ऊ) ज्योति
7. पानी (ए) चालाक
8. प्रेम (ऐ) बगीचा

उत्तरः

(अ) (ब)
1. बाग (ऐ) बगीचा
2. चतुर (ए) चालाक
3. चमक (ऊ) ज्योति
4. तालाब (उ) सरोवर
5. दिन (ई) दिवस
6. निर्मल (इ) स्वच्छ
7. पानी (आ) जल
8. प्रेम (अ) प्यार

(अ) बोध, (ब) समान – विरुद्ध Summary in Hindi

पाठ का परिचयः

प्रस्तुत पाठ का उद्देश्य विद्यार्थियों को वचन एवं लिंग बोधक शब्दों से परिचित कराना है । जिस शब्द से किसी एक व्यक्ति, एक वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं। जैसे – बिल्ली, लड़की, लड़का। जिस शब्द से एक से अधिक व्यक्ति तथा वस्तु का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं। जैसे – बिल्लियाँ, लड़कियाँ, लड़के।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 7 (अ) बोध, (ब) समान - विरुद्ध

शब्दार्थ:

1. समानार्थी – similar, synonyms
2. विरुद्धार्थी – opposites, antonyms

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

English Balbharati Std 5 Digest Chapter 1 What a Bird Thought Textbook Questions and Answers

1. Find and list the rhyming words from the poem.

Question 1.
Find and list the rhyming words from the poem.
Answer:
well-shell, other-mother, find-blind, blue – you

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

2. Learn and recite the poem.

Question 1.
Learn and recite the poem.
Answer:
I am a parrot. I am green in colour and have a bright red beak. I was enjoying my life in the forest with my relatives. One day, a hunter came to the forest, caught me and some of my relatives. We were sold in the city market. I was taken home by my master and locked up in a beautiful cage. The cage was hung near a window.

Through the cage, I could see the vast sky and the trees, and the birds flying freely. Though my master treated me well, I was unhappy. I wanted to be with my relatives in the forest which was my home. One day, my master forgot to lock the cage.

I flew out of the cage and was back into the forest. Alas! My freedom was short-lived. I was caught again and sold. This time to someone else. Here too, I am looked after well, but once again I am in a cage, looking out at the trees and the sky and longing to get my freedom soon.

3. Describe the following in one or two lines.

Question 1.
The first little house of the bird.
Answer:
The first little house of the bird was small and round. It was made of a pale-blue shell.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Question 2.
The nest.
Answer:
The nest was a little one made up of straw. The bird thought that the nest was covered by its mother.

Question 3.
The world around the bird’s nest.
Answer:
The world around the bird’s nest were the trees filled with leaves and the vast blue sky.

4. Imagine the following and write about each in your own words:

Question 1.
What the world looks like to a baby.
Answer:
Everything in the world is new and strange for a new born baby. They have a puzzled look at anything and everything. They are curious about everything they see and hear around them. The world of the baby revolves around its mother.

Question 2.
What the world looks like to a fish.
Answer:
For a fish, its world is the blue water around it. Its world also revolves around the aquatic flora and fauna.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

English Balbharati Std 5 Answers Chapter 1 What a Bird Thought Additional Important Questions and Answers

Answer the following:

Question 1.
What was the bird’s first house?
Answer:
The bird’s first house was a small, round, pale-blue shell.

Question 2.
What according to the bird was its nest made up of?
Answer:
According to the bird, its nest was made up of straw, and covered by its mother.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Question 3.
When did the bird feel that the world was made of leaves?
Answer:
The bird felt that the world was made of leaves when it fluttered out of its nest.

Question 4.
What did the bird see when it flew beyond the tree?
Answer:
The bird saw the vast blue sky when it flew beyond the tree.

Activities

Complete the web diagram with nature related nouns from the poem.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought 1

Language Study

Question 1.
Add three rhyming words to the ones given below:
(a) nest
(b) sky
(c) pale
Answer:
(a) best, rest, crest
(b) buy, high, fly
(c) hail, sail, tail

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Reading Skills, Vocabulary and Grammar

Read the following extract and answer the questions given below.

Question 1.
Fill in the words that describe nature
Answer:
Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought 2

Question 2.
Name the bird’s second house.
Answer:
The bird’s second house is a little nest.

Question 3.
At first, where did the bird find itself in?
Answer:
At first the bird found itself in a small, round, pale-blue shell.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Question 4.
Pick out a pair of rhyming words from the last four lines.
Answer:
blue-you

Question 5.
Pick the odd man out:
small, round, straw, pale – blue
Answer:
straw

Question 6.
Write whether true or false:
(a) I lived in a little nest made of pale – blue shell.
(b) I lived in a little house which was small and round.
Answer:
(a) False
(b) True

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Question 7.
Which is your favourite bird? Why?
Answer:
My favourite bird is peacock. It is a very beautiful bird and has multi-coloured feathers. It dances gracefully and spreads its attractive feathers when it feels it is going to rain. It is the pride of our country. It is also our national bird.

Writing Skills

Imagine and write about each in your own words:

Question 1.
What the world looks like to a fly.
Answer:
The fly being very small, everything it sees around is giant size. Even the smallest things look like monsters to the fly.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Question 2.
What the world looks like to a deer.
Answer:
For a deer, it’s world is the forest. The trees, plants, flora and fauna in the forest are its world.

What a Bird Thought Summary in English

Summary :

The poem ‘What A Bird Thought’ tells us how a bird perceives its world. When it is in its shell, it perceives (understands, becomes aware) the world to be small and round, and made of a pale-blue shell. When it comes out of its shell into its nest, it perceives the world to be made up of straw. When it grows a little and learns to fly, it perceives the world to be made up of leaves. Now that it has grown up and can fly extremely well, it has left its little home, the nest and the tree and flies wherever it wants to. And when it sees the vast blue sky, the bird is unsure what the world is really made up of. Hence, the bird wants to find out from us what the world is really like.

Maharashtra Board Class 5 English Solutions Chapter 1 What a Bird Thought

Meanings :

  1. flutter (0) – to fly unsteadily
  2. straw (n) – dried, thin stalks of threshed grain
  3. beyond (adv) – far from

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 9 अमरकोषः Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 9 अमरकोषः Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न अ.
कोषा: किमर्थम् आवश्यकाः?
उत्तरम् :
कोषाः शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् आवश्यकाः।

प्रश्न आ.
कोष: नाम किम् ?
उत्तरम् :
कोष: नाम सङ्ग्रहः ।

प्रश्न इ.
क: अमरकोषस्य रचयिता ?
उत्तरम् :
अमरसिंह : नाम पण्डित: अमरकोषस्य रचयिता ।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

प्रश्न ई.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कस्मात् सुलभम् ?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमय: गेय: च अतः तस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्।

प्रश्न उ.
अमरकोषे कति श्लोकाः सन्ति ?
उत्तरम् :
अमरकोषे उपसार्धसहसं (1500) श्लोकाः सन्ति ।

प्रश्न ऊ.
अमरकोषस्य किम् अन्यत् नामद्वयम् ?
उत्तरम् :
त्रिकाण्डकोष: नामलिङ्गानुशासनम् च इति अमरकोषस्य अन्यत् नामद्वयम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

2. माध्यमभाषया लिखत।

प्रश्न 1.
‘अमरकोष’- कण्ठस्थीकरणेन के लाभाः भवन्ति ?
उत्तरम् :
‘अमरकोष’ या संवादात्मक पाठात शिक्षिका व विद्यार्थी यांच्यातील संवादातून ‘अमरकोष’ या संस्कृत कोषाबद्दल माहिती मिळते व त्याचे महत्व कळते. ग्रंथालयातील विविध कोष बघून विद्यार्थी शिक्षिकेला त्यांची माहिती विचारतात. शिक्षिका त्यांना कोष म्हणजे काय, त्यांचे भाषा, शास्त्र हयांच्या अभ्यासातील महत्त्व सांगतात, ‘अमरकोष’ ह्य संस्कृत भाषेतील महत्त्वपूर्ण कोष असून पूर्वीच्या काळात विद्यार्थी विद्यारंभाच्या वेळी तो तोंडपाठ करीत असत. अमरकोषाच्या पाठांतरामुळे शब्दसंपत्ती वाढते. शिवाय स्मरणशक्ती व धारणशक्ती सुद्धा वाढते. अमरकोष तोंडपाठ असेल तर संस्कृत भाषेचे आकलन आणि शब्दांचे उपयोजन सहजपणे करता येते. संस्कृत नाटकांचा, काव्यांचा आस्वाद घेण्यास सुद्धा मदत होते.

The lesson अमरकोषः is dialogue between students and their teacher. Importance of learning 3HC is emphasised in this dialogne. The students ask teacher about various thesauruses which they find in the library. Teacher tells them about various thesaruses and their importance. She tells them about very important thesurus of Sanskrit language. i.e. Amarakosha. If one learns the Amarakosha by heart, his vocabulary increases.

One’s memory as well as understanding increase and pronunciation also gets pure and better. Due to that, language aquisition and usage become easy. It also helps in studying the Sanskrit poetry and drama. Amarakosha is very significant in studying Sanskrit language.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

3. अ) शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  1. सङ्ग्रहम्
  2. प्रयोगः
  3. वर्तन्ते
  4. क्वचित्

उत्तरम् :

  • सङ्ग्रहम् – स् + अ + ङ् + ग् + र् + अ + ह् + अ + म्।
  • वर्तन्ते – व् + अ + र + त् + अ + न् + त् + ए।

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आ. मेलनं कुरुत।

प्रश्न 1.

विशेष्यम् विशेषणम्
1. कपाटिका 1. सुलभम्
2. कोषग्रन्थः 2. विशाला
3. कण्ठस्थीकरणम् 3. भिन्ना:
4. अर्थाः 4. पद्यमयः

उत्तरम् :

विशेष्यम् विशेषणम्
1. कपाटिका 2. विशाला
2. कोषग्रन्थः 4. पद्यमयः
3. कण्ठस्थीकरणम् 1. सुलभम्
4. अर्थाः 3. भिन्ना:

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4. समानार्थकशब्द लिखत।

प्रश्न 1.
कोषः, अमरकोषः, विख्यातः, सुलभम् ।
उत्तरम् :

  • कोषः – सज्ञयः सङ्ग्रहः, निधिः।
  • अमरकोषः – त्रिकाण्डकोषः, नामलिङ्गानुशासनम्।
  • विख्यातः – प्रसिद्धः, ख्यातः।
  • सुकरम् – सुलभम्।

5. योग्यविशेषणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत ।

प्रश्न 1.

  1. ग्रन्थालये कोषाय कृते एका विशाला कपाटिका विद्यते ।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधं पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे तिस्रः काण्डानि सन्ति ।

उत्तरम् :

  1. ग्रन्थालये कोषाणां कृते एका विशाला कृपाटिका विद्यते।
  2. छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति।
  3. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।

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Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 9 अमरकोषः Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां के वर्तन्ते?
(अ) ग्रन्थाः
(आ) कोषाः
(इ) चषकाः
(ई) पुत्तलिकाः
उत्तरम् :
(आ) कोषाः

प्रश्न 2.
कोषा: किमर्थम् आवश्यका:?
(अ) पूजार्थम्
(आ) मनोरञ्जनार्थम्
(इ) वाचनार्थम्
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्
उत्तरम् :
(ई) शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम्

प्रश्न 3.
छात्रा: ग्रन्थालये किं पश्यन्ति?
(अ) पुस्तकानि
(आ) सन्दुक:
(इ) आसन्दः
(ई) कृष्णफलक:
उत्तरम् :
(अ) पुस्तकानि

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प्रश्न 4.
वित्तकोषे किं भवति?
(अ) धनसङ्ग्रहणम्
(आ) ऊर्जासङ्ग्रहणम्
(इ) पुस्तकसङ्ग्रहणम्
(ई) वस्वसङ्ग्रहणम्
उत्तरम् :
(अ) धनसङ्ग्रहणम्

प्रश्न 5.

  1. अमरकोषः ……………… (पद्यमयः/ गद्यमय:)
  2. तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके ………………… शब्दाः वर्तन्ते। (समानार्थकाः / विरुद्धार्थकाः)
  3. अमरकोषस्य पठनेन ……………… वर्धते। (स्मरणशक्तिः/ पठनशक्तिः)

उत्तरम् :

  1. पद्यमयः
  2. समानार्थकाः
  3. स्मरणशक्तिः

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प्रश्न 6.

  1. अमरकोषे ………… श्लोकाः सन्ति। (उपसार्धसहस्रम् /सहस्रम्/ शतम्)
  2. अमरकोषे …………. काण्डानि सन्ति। (द्वे / त्रीणि/ चत्वारि)
  3. अमरकोषस्य अपरं नाम ………….. । (त्रिकाण्डकोषः / शब्दकोष:)
  4. अमरकोषस्य पठनेन भाषायाः ………… सुकरं भवति। (आकलनं / लेखनं / श्रवणं)

उत्तरम् :

  1. उपसार्धसहस्रम्
  2. त्रीणि
  3. त्रिकाण्डकोषः
  4. आकलनम्

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

प्रश्न 1.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुलभम्, यतः ……….
a. अमरकोषः गेयः अस्ति।
b. अमरकोषः अतीव लघुः अस्ति।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणमं सुलभम्, यतः अमरकोषः गेयः अस्ति ।

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प्रश्न 2.
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्तिः वर्धते, यतः …………….
a. तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दाः सन्ति।
b. अमरकोषः सुलभः।
उत्तरम् :
अमरकोषस्य पठनेन शब्दसम्पत्ति: वर्धते, यतः तस्मिन् नैके समानार्थकाः शब्दा: सन्ति।

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
कपाटिकायां छात्राः किं पश्यन्ति?
उत्तरम् :
कपाटिकायां छात्राः विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति ।

प्रश्न 2.
वित्तकोषे कस्य सङ्ग्रहं कुर्मः?
उत्तरम् :
वित्तकोषे धनस्य सङ्गहं कुर्मः।

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प्रश्न 3.
भाषाकोषे किं भवति?
उत्तरम् :
भाषाको शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।

प्रश्न 4.
अमरकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यं किम्?
उत्तरम् :
शब्दानां लिङ्गनिर्देश: इति अमकोषस्य अन्यत् वैशिष्ट्यम्।

प्रश्न 5.
लिङ्गनिर्देशेन किं भवति?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन भाषाया: आकलनं प्रयोग: च सुकर : भवति।

प्रश्न 6.
लिङ्गनिर्देशेन किं विनायासं पठितुं शक्नुमः?
उत्तरम् :
लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः।

प्रश्न 7.
कोषस्य क: उपयोग:?
उत्तरम् :
सम्भाषणे, लेखने च भाषाप्रभुत्वं-प्राप्त्यर्थ , ज्ञानप्राप्यर्थ शब्दसंपत्ति-वर्धनम् इति कोषस्य उपयोगः ।

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प्रश्न 8.
ग्रन्थालये के के कोषाः वर्तन्ते?
उत्तरम् :
ग्रन्थालये विश्वकोषाः, सुभाषितकोषाः, संस्कृतिकोषा: चरित्रकोषा: च वर्तन्ते ।

प्रश्न 9.
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्राः किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
उत्तरम् :
पुरातनकाले अध्ययनारम्भे छात्रा: अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।

प्रश्न 10.
अमरकोषः कीदृशः ग्रन्थः?
उत्तरम् :
अमरकोषः पद्यमयः ग्रन्थः ।

प्रश्न 11.
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं कीदृशम्?
उत्तरम् :
अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणं सुभाषितानां पठनम् इव अतीव सुलभम्।

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सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषाणां न आवश्यकता।
  2. वित्तकोषे ऊर्जासज्ञयः भवति ।
  3. भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति।
  4. कोषः नाम सङ्ग्रहः।
  5. अमरकोषः पद्यमयः।
  6. अमरकोषस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव दुष्करम्।
  7. अमरकोषस्य पठनेन स्मरणशक्ति: वर्धते।
  8. ज्ञानप्राप्त्यर्थ शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् आवश्यकम्।
  9. कोषपठनेन भाषाप्रभुत्वं प्राप्तुं शक्यते।
  10. अमरकोष: हिन्दीशब्दानां सङ्ग्रहग्रन्थः।
  11. अध्ययनारम्भे अमरकोषः पठनीयः।
  12. अमरकोषः त्रिकाण्डात्मकः।
  13. अमरकोषे केवलं समानार्थकशब्दाः सन्ति।
  14. अमरकोषे लिङ्गनिर्देशः कृतः।
  15. लिङ्गनिर्देशेन संस्कृतकाव्यानां पठनं दुष्करं भवति।

उत्तरम् :

  1. असत्यम्
  2. असत्यम्
  3. सत्यम्
  4. सत्यम्
  5. सत्यम्
  6. असत्यम्
  7. सत्यम्
  8. सत्यम्
  9. सत्यम्
  10. असत्यम्
  11. सत्यम्
  12. सत्यम्
  13. असत्यम्
  14. सत्यम्
  15. असत्यम्

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कः कं वदति।

प्रश्न 1.

  1. कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते।
  2. कोषः नाम किम् ?
  3. क: तस्य उपयोग:? किं
  4. विद्यते अस्मिन् कोथे?
  5. अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता।
  6. वयमपि अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्याम्।
  7. त्रिकाण्डकोष: इति अस्य अपरं नाम।
  8. नामलिङ्गानुशासनम् इति शब्दस्य क: अर्थः?

उत्तरम् :

  1. नयन: आचार्या वदति।
  2. सुमेधा आचार्या वदति।
  3. श्रेया अध्यपिकां वदति।
  4. स्वप्नील: अध्यापिकां वदति।
  5. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  6. नयनः अध्यापिकां वदति।
  7. अध्यापिका छात्रान् वदति।
  8. सुमेधा अध्यापिकां वदति।

प्रश्न 2.
एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते ।
उत्तरम् :
अध्यापिका छात्रान् वदति।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • छात्राः – छ् + आ + त् + र् + आः।
  • भिन्ना – भ् + इ + न + न् + आ।
  • सर्वेषाम् – स् + अ + र + व् + ए + ष + आ + म्।
  • शास्त्राणाम् – श् + आ + स् + त् + र + आ + ण् + आ + म्।
  • कुर्मः – कु + उ + र + म् + अः।
  • सुयोग्यः – स् + उ + य् + ओ + ग् + य् + अः।
  • प्रश्न: – प् + र + अ + श् + न् + अः।
  • भाषाप्रभुत्व – भ् + आ + ष + आ + प् + र + अ + भ + उ + त् + व + अ।
  • ज्ञानप्राप्त्य र्थम् – ज् + ञ् + आ + न् + अ + + र + आ + प् + त् + य् + अ + र + थ् + अ + मा
  • संस्कृतिकोष: – स् + अ् + म् + स् + क् + ऋ + त् + इ + क् + ओ + ष + अः।
  • चरित्र – च् + अ + र् + इ + त् + र + अ।
  • ग्रन्थः – ग् + र + अ + न् + थ् + अः।
  • कण्ठस्थम् – क् + अ + ण् + ल् + अ + स् + थ् + अ + म्।
  • पद्यमयः – प् + अ + द् + य् + अ + म् + अ + य् + अः।
  • श्लोकानाम् – श् + ल् + ओ + क् + आ + न् + आ + म्।
  • शुद्धम् – श् + उ + द् + ध् + अ + म्।
  • शब्दस्य – श् + अ + ब् + द् + अ + स् + य् + अ।
  • क्वचित् – क् + व् + अ + च् + इ + त्।
  • सार्चयम् – स् + आ + श् + च् + अ + र + य + अ + म्।
  • वृद्धिम् – व् + ऋ + द् + ध् + इ + म्।
  • कुयोम – क् + उ + र + य् + आ + म् + अ।
  • तस्मिन् – त् + अ + स् + म् + इ + न्।
  • काण्डानि – क् + आ + ण् + ड् + आ + न् + इ।
  • लिमनिर्देश: – ल् + इ + इ + ग् + अ + न + इ + र + द् + ए + श् + अः।
  • सर्वः – स् + अ + र + व् + ऐः।
  • कर्तव्यम् – क् + अ + र् + त् + अ + व् + य् + अ + म्।

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प्रश्ननिर्माणं कुरुत।

  1. कोष: नाम सङ्ग्रहः।
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ कोषा: आवश्यकाः।
  3. अमरसिंहः अमरकोषस्य रचयिता।
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म।
  5. छात्राः अध्ययनारम्भे अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म।
  6. अमरकोषे त्रीणि काण्डानि सन्ति।
  7. त्रिकाण्डकोषः इति अमरकोषस्य अपरं नाम।

उत्तरम् :

  1. कोषः नाम किम्?
  2. शास्त्राणाम् अध्ययनार्थ के आवश्यका:?
  3. कः अमरकोषस्य रचयिता?
  4. पुरातनकाले छात्रा: अध्ययनार्थ कुत्र प्रविशन्ति स्म?
  5. छात्रा: अध्ययनारम्भे किं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म?
  6. अमरकोषे कति काण्डानि सन्ति?
  7. अमरकोषस्य अपरं नाम किम्?

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विशेषण-विशेष्य-सम्बन्धः।

प्रश्न 1.

विशेष्यम् विशेषणम्
………..… कोषा:
…………… पुस्तकानि
सुयोग्यः प्रश्न:
बहवः विविधाः
विशेष: कोषः
उच्चारणम् शुद्धम्

उत्तरम् :

विशेष्यम् विशेषणम्
विविधाः कोषा:
विविधानि पुस्तकानि
सुयोग्यः प्रश्न:
बहवः कोषा:
विशेष: कोषः
उच्चारणम् शुद्धम्

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – छात्रा:, कियन्तः, कोषाः, कपाटिका, वयम्, सङ्ग्रहः, एते, प्रश्नः, संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा:,अमरकोषः, सङ्ग्रहान्धः, अमरसिंहः, पण्डितः, रचयिता, छात्राः, लाभः, पद्यमयः, गेयः, समानार्थकशब्दाः, भिन्नाः, स्मरणशक्तिः, धारणाशक्तिः, ग्रन्थः, नैके।
  • द्वितीया – प्रश्नान, अध्यापिकाम्, गुरुकुलम्, अमरकोषम्, वृद्धिम्, अमरकोषम्।
  • तृतीया – तेन, पठनेन।
  • षष्ठी – सर्वेषाम्, शास्त्राणाम्, शब्दानाम्, धनस्य, शब्दसम्पत्तेः, अस्माकम्, एतस्य, कोषस्य, अस्माकम्, एकस्य,शब्दस्य, श्लोकानाम्, सुभाषितानाम् तस्य।
  • सप्तमी – ग्रन्थालये, वित्तकोषे, भाषाकोषे, सम्भाषणे, लेखने, ग्रन्थालये, तेषु, अस्मिन्, कोषे,पुरातनकाले, अध्ययनारम्भे, तस्मिन्।

लकारं लिखत।

  • पृच्छन्ति – ‘प्रच्छ-पृच्छ्’ धातुः षष्ठगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • कुर्मः – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: उत्तमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्तन्ते – ‘वृत्-वत्’ धातुः प्रथमगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • विद्यते – ‘विद्’ धातुः चतुर्थगण: आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • कुर्वन्ति – ‘कृ’ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • वर्धते – ‘वृध्-वर्ष’ धातुः प्रथमगण:आत्मनेपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: द्विवचनम्।

त्वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वा ल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्य तुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
कण्ठस्थीकर्तुम्
पठितुम्

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व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नाम सर्वनाम क्रियापदम् विशेषणम्
छात्राः, सुभाषितानाम् सर्वेषाम्, एतस्य पश्यन्ति, गच्छति विविधाः
ग्रन्थालये, वृद्धिम् ते, अस्माकम् – नः वर्तन्ते, कुर्याम भिन्नाः
शास्त्राणाम्, काण्डानि एषा, अस्मिन् कुर्मः, शक्नुमः विविधानि
वित्तकोषे, नाम्ना कः, तेषु भवति सुयोग्य:
कोषस्य, प्रयोगः एतस्याम्, वयम् विद्यते बहवः
शब्दस्य कियन्तः, तेन प्रविशन्ति विशेषः
अमरकोषम् एषः, किम् कुर्वन्ति पद्यमय:
रचयिता एते सन्ति सुलभम्
गुरुकुलम् तस्य वर्धते शुद्धम्

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अमरकोषः Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

कोणतीही भाषा नव्याने शिकताना त्या भाषेतील शब्दसंपत्ती ग्रहण करण्याकरिता शब्दकोष महत्त्वपूर्ण असतोच. इतर भाषांप्रमाणेच संस्कृतातही अनेक शब्दकोष उपलब्ध आहेत. अमरकोष हा संस्कृतभाषेचा प्रसिद्ध शब्दकोष, संस्कृतविद्वान अमरसिंह यांनी रचला. अमरकोष प्रसिद्ध आहे तो त्याच्या वैशिष्ट्यपूर्ण रचनेमुळे, अमरसिंह यांनी एका शब्दाचे इतर समानार्थ पद्यमय रचनेत मांडल्यामुळे कंठस्थीकरण सहज शक्य होते. चार विद्यार्थी आणि शिक्षिका यांच्या संवादातून प्रस्तुत पाठात अमरकोषाचे महत्त्व प्रतिपादित केले आहे.

Lexicons, dictionaries thesaureses are an important part of learning any language. Just like English, German, French, Marathi or any other language there are many Sanskrit dictionaries which are popular. Amarakosha is one of those celebrated lexicons in Sanskrit. It was composed by an ancient scholar Amarasimha.

Where he tried to enlist synonyms for almost all Sanskrit words. Learning the Amarakosha by heart is the best way to increase vocabulary. It is composed in such a simple way that even a beginner can easily learn it. This lesson talks about importance and significance of Amarakosha through a discussion between four students and their teachers.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 1

छात्रा: ग्रन्थालये ………….. सग्रहः भवति।
(छात्रा: ग्रन्थालये विविधानि पुस्तकानि पश्यन्ति अध्यापिका प्रश्नान् च पृच्छन्ति ।)
नयनः – आचार्य, का एषा भिन्ना विशाला कपाटिका ? अहो ! कियन्तः विविधाः कोषाः एतस्यां वर्तन्ते !
अध्यापिका – आम्, सर्वेषां शास्त्राणाम् अध्ययनार्थम् एते कोषा: आवश्यकाः।
सुमेधा – कोष: नाम किम् ?
अध्यापिका – कोष: नाम सङ्ग्रहः। यथा वयं वित्तकोषे धनस्य सङ्ग्रहणं कुर्मः तथैव भाषाकोषे शब्दानां सङ्ग्रहः भवति ।

अनुवादः

(विद्यार्थी ग्रंथालयात विविध पुस्तके बघतात आणि शिक्षिकेला प्रश्न विचारतात.)
नयनः – बाई ! हे वेगळे मोठे कपाट कोणते ? अरे वा ! यात किती वेगवेगळे कोष आहेत !
शिक्षिका – हो, सर्वशास्वांच्या अभ्यासासाठी कोष आवश्यक असतात.
सुमेधा – कोष म्हणजे काय ?
शिक्षिका – कोष म्हणजे संग्रह. ज्याप्रमाणे आपण बँकेमध्ये पैसे साठवतो तसाच भाषाकोषामध्ये शब्दांचा संग्रह असतो.

(Students see various books in the library and ask questions to the teacher.)
Nayan: Teacher, what is this separate huge cupboard? Oh! So many dictionaries/ thesauruses are here!
Teacher: Yes, to study all sciences/scriptures these dictionaries/thesauruses are necessary.
Sumedha: What is a thesaurus?
Teacher: Thesaurus is a collection. Just like, we deposit money in the bank likewise, there is collection of words in the thesaurus.

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परिच्छेद : 2

श्रेया: – क: तस्य ……………… तथैव प्रवर्तते।
श्रेया – क : तस्य उपयोग:?
अध्यापिका – सुयोग्यः प्रश्नः। सम्भाषणे लेखने च भाषाप्रभुत्व-प्राप्त्यर्थ तथैव नैकेषां विषयाणां ज्ञानप्राप्त्यर्थं शब्दसम्पत्तेः सङ्ग्रहणम् अतीव आवश्यकम्। अस्माकं ग्रन्थालये संस्कृतिकोषाः, चरित्रकोषाः, विश्वकोषाः, सुभाषितकोषा: च इत्यादयः बहवः कोषा: वर्तन्ते। तेषु ‘अमरकोषः’ नाम कञ्चन विशेष: कोषः।
स्वप्नीलः – अमरकोषः? ‘अमरकोषः’ इति नाम किमर्थम् ? किं विद्यते अस्मिन् को?
अध्यापिका – एष: संस्कृतशब्दानां सङग्रहग्रन्थः। अमरसिंहः नाम पण्डित: एतस्य रचयिता। अत: कोषस्य नाम अमरकोषः’ इति। परातनकाले यदा छात्रा: अध्ययनाचे गुरुकुलं प्रविशन्ति स्म तदा अध्ययनारम्भे ते अमरकोषं कण्ठस्थं कुर्वन्ति स्म। अधुना अपि तथैव प्रवर्तते।

अनुवादः

श्रेया शिक्षिका – त्याचा उपयोग काय?
शिक्षिका – अगदी योग्य प्रश्न आहे ! बोलताना, लिहिताना भाषेवर आहे. आपल्या ग्रंथालयात संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषित कोष असे अनेक कोष आहेत. त्यापैकी ‘अमरकोष’ नावाचा एक विशेष कोष आहे.
स्वफ्नील – अमरकोष? अमरकोष हे नाव का? या कोषात काय आहे?
शिक्षिका – हा संस्कृतशब्दांचा संग्रह आहे. अमरसिंह नावाचा विद्वान याचा रचनाकार आहे. म्हणून या कोषाचे नाव ‘अमरकोष’ आहे. पूर्वीच्या काळी जेव्हा विद्यार्थी शिक्षणासाठी गुरुकुलात जात असत तेव्हा ते अमरकोष तोंडपाठ करत असत. अजूनही तशी प्रथा आहे.

Shreya: What is its use?
Teacher: Very apt question ! While speaking and so many subjects we need vocabulary, In our library there are so many thesauruses like संस्कृतिकोष, चरित्रकोष, विश्वकोष, सुभाषितकोष etc. Among these Amarakosha is one distinct kind of a thesaurus.
Swapnil: Amarakosha? Why its name is Amarakosha? What is there in this thesaurus?
Teacher: This is collection of Sanskrit words. A scholar named Amarsinha is the composet of this thesaurus. Hence, this thesaurus is named as Amarakosha. In Ancient times, when students used to go to teacher’s home to study, they used to learn by heart Amarakosha. Even this prevails in current time.

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परिच्छेद : 3

आर्या (साश्चर्यम्) किं कोष: ……………. उच्चारणमपि शुद्धं भवति?
आर्या – (साश्चर्यम्) किं कोषः कण्ठस्थीकर्तुं शक्यः? तेन क; लाभ; भवति?
अध्यापिका – अथ किम् । पद्यमयः एषः ग्रन्थः गेयः । अतः श्लोकानां, सुभाषितानां पठनम् इव तस्य कण्ठस्थीकरणम् अतीव सुलभम् । तत्र एकस्य शब्दस्य कृते नैके समानार्थकशब्दाः वर्तन्ते । क्वचित् एकस्य शब्दस्य नैके भिन्ना: अर्थाः अपि वर्तन्ते । अतः तस्य पठनेन अस्माकं शब्दसम्पत्ति: वद्धिं गच्छति । अस्माकं स्मरणशक्ति: धारणाशक्तिः च वर्धेते, उच्चारणमपि शुद्धं भवति ।

अनुवादः

आर्या – (आश्चर्यचकित होऊन) कोष तोंडपाठ करणे शक्य आहे? त्याने काय फायदा होतो?
शिक्षिका – होय तर ! हा ग्रंथ पद्यमय आहे आणि म्हणूनच गेयसुद्धा. त्यामुळे श्लोक. सुभाषित यांच्यासारखेच अमरकोष पाठ करणे सुद्धा सोपे आहे. त्यात एका शब्दासाठी अनेक समानार्थी शब्द आहेत. काही ठिकाणी एका शब्दाचे अनेक भिन्न अर्थसुद्धा दिले आहेत. त्यामुळे अमरकोषाच्या पाठांतराने आपली शब्दसंपत्ती वृद्धिंगत होते. आपली स्मरणशक्ती, धारणाशक्ती वाढते आणि उच्चारणसुद्धा शुद्ध होते.

Arya : (Surprisingly) Is it possible to learn a thesaurus by heart? What’s the benefit of that?
Teacher: Of course! This book is in the verse form, which is fit to sing. Hence, just like other verses, learning this thesaurus is also very easy. There, for a single word, numerous sysnonyms are given. Sometimes even different meaning of a single word are there. Hence, learing by heart this thesaurus increases our vocabulary. Our memory, retention also increases, Pronunciation also gets better. (pure)

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

परिच्छेद : 4

नयन: – वयमपि ………………. अवश्यं कर्तव्यमेव।
नयनः – वयमपि अमरकोषं कठस्थं कुर्याम। तस्मिन् कति श्लोकाः सन्ति?
अध्यापिका – उपसार्धसहस्र (1500) श्लोकाः सन्ति। तत्र त्रीणि काण्डानि सन्ति। अत:’त्रिकाण्डकोषः’ इति एतस्य अपरं नाम। तथा ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति नाम्ना अपि विख्यात: एषः कोषः।
सुमेधा – ‘नामलिङ्गानुशासनम्’ इति शब्दस्य क: अर्थ:?
अध्यापिका – तदपि अस्य ग्रन्थस्य अपरं वैशिष्ट्यम्। अत्र न केवलं समानार्थकशब्दाः अपि तु तेषां लिङ्गनिर्देशः कृतः। तेन भाषायाः आकलनं प्रयोगः च सुकर: भवति।
स्वप्नीलः – आचार्ये, तेन वयं संस्कृतकाव्यानि नाटकानि च विनायासं पठितुं शक्नुमः खलु।
अध्यापिका – निश्चयेन! तर्हि इत:परं सर्वैः अमरकोषस्य पठनम् अवश्यं कर्तव्यमेव।

अनुवादः

नयन – आपणसुद्धा अमरकोष तोंडपाठ करूया. त्यात किती श्लोक आहेत?
शिक्षिका – जवळपास दीड हजार (1500) श्लोक आहेत. त्यात तीन काण्डे विभाग आहेत. म्हणूनच त्याचे दुसरे नाव त्रिकाण्डकोष असे आहे. शिवाय ‘नामलिङ्गानुशासन’ या नावाने सुद्धा हा कोष प्रसिद्ध आहे.
सुमेधा – ‘नामलिङ्गनुशासन’ या शब्दाचा अर्थ काय?
शिक्षिका – तेसुद्धा या ग्रंथाचे दुसरे वैशिष्ट्य आहे. यात फक्त समानार्थी शब्दच नाहीत पण त्यांचा लिंगनिर्देश सुद्धा केला आहे. त्यामुळे भाषा समजणे आणि प्रयोग करणे सोपे होते.
स्वप्नील – बाई! त्यामुळे आपण संस्कृत काव्य आणि नाटक यांचा अगदी सहज करू शकतो.
शिक्षिका – निश्चितच! तर इथूनपुढे आपण सर्वांनी अमरकोषाचा अभ्यास केला पाहिजे.

Nayan: We too shall learn Amarakosha by heart. How many verses are there?
Teacher: There are one thousand and five hundred verses. There are three chapters. Hence its other name is त्रिकाण्डकोष. Apart from this thesaurus is also popularly known as नामलिङ्गानुशासनम्.
Sumedha: What’s the meaning of नामलिङ्गानुशासनम्?
Teacher: That’s the another frature of this thesaurus. It doesn’t have just synonyms for the words but gender specification is also mode. Because of that understanding and use of language gets easy.
Swapnil: Teacher, then we can study the Sanskrit poetry as well as drama without much efforts!
Teacher: Definitely ! so now onwards we all should learn Amarakosha.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

सन्धिविग्रहः

  • तथैव- तथा + एव।
  • तथैव – तथा + एव ।
  • उच्चारणमपि – उच्चारणम् + अपि।
  • वयमपि – वयम् + अपि ।
  • तदपि – तत् + अपि।
  • कर्तव्यमेव – कर्तव्यम् + एव।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

समानार्थकशब्दाः

  • आचार्या – अध्यापिका, शिक्षिका।
  • भाषा – वाक्, वाणी, भारती।
  • उपयोगः – उपयोजनम्।
  • पण्डितः – विद्वान्, धीमान्।
  • छात्राः – विद्यार्थिनः।
  • लाभः – उपयोगः।
  • ग्रन्थः – पुस्तकम्।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • भिन्ना × समाना।
  • विशाला × लघु।
  • आवश्यक: × अनावश्यकः।
  • सुयोग्य: × अयोग्यः।
  • पण्डित: × मूढः ।
  • सुलभम् × कठिनम्, दुष्करम्।
  • शुद्धम् × अशुद्धम्।
  • विख्यातः × कुख्यातः।
  • सुकरः × दुष्करः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 9 अमरकोषः

शब्दार्थाः

  1. ग्रन्थालयः – library – ग्रंथालय, वाचनालय
  2. आचार्या – teacher – शिक्षिका
  3. शास्त्रम् – science, scripture – विज्ञान, शास्त्र
  4. कोषः – dictionary – कोष
  5. सङ्ग्रह: – collection – साठा / संग्रह
  6. वित्तकोष – bank – बैंक
  7. उपयोग: – usage – उपयोग
  8. सुयोग्य: – apt – बरोबर
  9. संभाषण – conversation – संभाषण
  10. भाषाप्रभुत्वम् – command on language – भाषेवरील प्रभुत्व, पकड
  11. ज्ञानप्राप्त्यर्थम् – to aquire knowledge – ज्ञान मिळवण्यासाठी
  12. विशेषः – special, distinct – विशेष
  13. शब्दसंपत्तिः – vocabulary – शब्दसंपत्ती
  14. पण्डितः – scholar – विद्वान
  15. रचयिता – composer – रचणारा
  16. पुरातनकाले – in ancient times – पुरातन काळात
  17. गुरुकुल – abode of Guru – गुरुकुल
  18. कण्ठस्थम् – learn by heart – पाठांतर
  19. पद्यमयः – in verse form – पद्य
  20. गेयः – fit to sing / melodious – गाण्यायोग्य
  21. वृध्दिं गच्छति – increases – वाढते
  22. स्मरणशक्तिः – memory – स्मरणशक्ती
  23. उच्चारणम् – pronunciation – उच्चार
  24. धारणाशक्ति: – retention power – धारणक्षमता
  25. श्लोकाः – verses – श्लोक
  26. काण्डानि – sections – विभाग, खंड
  27. लिङ्गनिर्देश: – gender – शब्दाच्या लिंगाविषयी
  28. specification – सूचना / उल्लेख
  29. आकलनम् – understanding – आकलन
  30. सुंकारः – easy – सोपा
  31. विनायासम् – easily – सोप्या रीतीने सहजपणे
  32. विख्यातः – famous, known – प्रसिद्ध

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

Balbharti Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Solutions Anand Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

Sanskrit Anand Std 9 Digest Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Textbook Questions and Answers

भाषाभ्यास:

1. एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
भिक्षुकस्य नाम किम् ?
उत्तरम् :
भिक्षुकस्य नाम स्वभावकृपणः।

प्रश्न 2.
स्वभावकृपणेन घट: कुत्र बद्धः?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणेन घटः नागदन्ते बद्धः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

प्रश्न 3.
सोमशर्मा कस्मात् भीतः भविष्यति ?
उत्तरम् :
सोमशर्मा कुक्कुरात् भीतः भविष्यति।

प्रश्न 4.
सक्तुपिष्टेन पूर्णः घट: कस्मात् कारणात् भग्नः ?
उत्तरम् :
‘स्वप्नमग्न: ध्यानस्थित : भिक्षुकः लगुडप्रहारम् अकरोत्।’ तस्मात् घट: भग्नः।

प्रश्न 5.
सोमशर्मपितुः नाम किम् ?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः इति सोमशर्मपितुः नाम।

प्रश्न 6.
स्वभावकृपणेन कटः कुत्र प्रसारित: ?
उत्तरम् :
स्वभावकृपणेन कटः कलशस्य अधस्तात् प्रसारितः।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

2. माध्यमभाषया उत्तरत।

प्रश्न 1.
स्वभावकृपणः किमर्थं पाण्डुरताम् अगच्छत्?
उत्तरम् :
विष्णुशर्मा विरचित ‘पञ्चतन्त्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ या तंत्रावर आधारित ‘मनोराज्यस्य फलम्’ ही कथा आहे. स्वभावकृपण नावाच्या भिक्षुकाच्या दिवास्वप्न पाहणाच्या स्वैर वृत्तीमुळे अंती त्याला नुकसान सोसावे लागते हे या कथेत मांडले आहे.

स्वभावकृपण नावाचा भिक्षुक भिक्षेतून मिळालेल्या सातूच्या पिठाने भरलेला घड़ा दोरीने खुंटीला अडकवून त्या खाली झोपला. तेव्हाच तो भविष्यात काय काय होईल याचा विचार करू लागला, ते पीठ विकून आपल्याला पैसे मिळतील त्यातून आपण दोन बकऱ्या विकत घेऊ पुढे आधिक श्रीमंत झाल्यावर, गायी त्यानतर म्हैस असे करत करत अनेक घोडेही विकत घेऊ असे दिवास्वप्नच जणू तो पाहू लागला.

त्यातही पुढे सोने मिळवून आपले रूपवती कन्येबरोबर लग्न होईल व आपल्याला सोमशर्मा नावाचा मुलगा असेल एवढे भविष्यातील सर्व विचार करत असताना त्याचा मुलगा सोमशर्मा कुत्र्याला घाबरतो म्हणून स्वभावकृपण कुत्र्याला काठीने मारतो हे सर्व स्वप्नात पाहत असताना, तंद्रीत असल्याने प्रत्यक्षातही स्वभावकृपणाने तीच कृती केली व त्यामुळे वर बांधून ठेवलेला पीठाचा घडा फुटला.

त्यातील पीठ स्वभावकृपणावर सांडल्यामुळे तो पांढरा झाला. जे घडलेलेच नाही त्या भविष्यातील गोष्टींचा सतत विचार करणे या अविवेकी वर्तनामुळे वर्तमानातील गोष्टीही भिक्षुक गमावून बसला.

The story ‘मनोराज्यस्य फलम् is based on the principle of ‘अपरीक्षितकारकम्’ from ‘पञ्चतन्त्र’ composed by विष्णुशर्मा, Amonk named स्वभावकृपण slept under a pot in which he had kept the flour of sattu. He started dreaming about his future.

He thought that he would sell the flour in the time of famine and earn hundred rupees. With those hundred rupees he would buy two goats. With those goats he would buy cows and with cows buffaloes. With them he would buy mares.

This is how he would earn a lot of gold with which he would build a mansion and get married to a beautiful girl. They would have a son whom he would name as सोमशर्मा, Once adog would come near his sons and he would hit that dog with wooden rod. Thinking this he actually hit and shattered the pot and got whitened. Day-dreaming always leads to losing what we actually have.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

प्रश्न 2.
‘अपि दिवास्वप्नदर्शनं योग्यम् ?” इति कथायाः आधारेण लिखत ।
उत्तरम् :
विष्णुशर्मा विरचित ‘पञ्चतन्त्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ या तंत्रावर आधारित ‘मनोराज्यस्य फलम्’ ही कथा आहे भिक्षुकाच्या दिवास्वप्न पाहण्याच्या वृत्तीचे कथेच्या अंती त्याला मिळालेले फळ अविवेकी वृत्तीने वर्तन केल्यास नुकसानच पदरी पडते हा उपदेश नकळतपणे मनावर बिंबवणारेच ठरते.

भिक्षेतून मिळालेले सातूचे पीठ एका घड्यात ठेवून तो घडा दोरीने खुंटीला अडकवून स्वभावकूपण त्या खालीच झोपला व तो भविष्यातील गोष्टींची दिवास्वप्ने रंगवू लागला. पीठ विकून पैसे मिळवेन इथपासून ते पुढे पशुपालनाचा व्यवसाय व त्यातून सोने प्राप्त करेन अशी गुंफण स्वभावकृपण स्वप्नात करू लागला, त्याही पुढे लग्नाचे, संसाराचे, अपत्याचे दिवास्वप्न तो रंगवू लागला.

त्याच स्वप्नात मग्न होऊन गेलेले असताना भानावर नसल्यामुळे स्वप्नातील कृती तो प्रत्यक्षातही केली व सातूच्या पिठाचा घडा काठीच्या प्रहाराने फुटला. यावरून हाच उपदेश मिळतो की, दिवास्वप्न पाहणे अयोग्य आहे. स्वप्न पूर्ण करण्यासाठी कार्य न करताच असलेल्या गोष्टीही हातातून निसटून जातात. त्यामुळे भविष्यात प्रगती साधायची असेल तर त्या ध्येयावर लक्ष केंद्रित करुन सतत त्यादृष्टीने कृती करणे आवश्यक आहे. ‘Preperation is a key to success’ म्हणूनच दिवास्वप्न न पाहता सतत प्रयत्न करत राहिल्यास वर्तमान व भविष्यकाळातही यश संपादन करता येते.

In the lesson ‘मनोराज्यस्य फलम्’ a message about day-dreaming is conveyed through a very interesting story. This story is based on one of the five principles of ‘पञ्चतन्त्र’ i.e ‘अपरीक्षितकारकम्’. A monk had a pot full of flour of sattu. He slept under that pot. He started dreaming how he would get rich after selling that flour in famine. Actually, there was no such situation of famine. He thought that he would sell flour of sattu and earn hundred rupees.

With that money, he would buy many animals and start a poultry business. In this way he would earn a lot of gold and build a mansion. He would get married to a beautiful girl and have a child whose name would beसोमशर्मा. Once when hthyref would be playing, a dog would come there and I would hit him with wooden rod.

While dreaming this he actually hit the pot and the pot got shattered. The flour on the basis of which the beggar was dreaming big things itself was vanished. The story tells us that a man should certainly dream big, but his dreams should be based on the reality.

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3. अ. सन्धिविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. तस्याधस्तात्
  2. सोमशर्मेति
  3. ततोऽहम् ।

उत्तरम् :

  1. तस्याधस्तात् – तस्य + अध: + तात्।
  2. सोमशमति – सोमशर्मा + इति।
  3. ततोऽहम् – तत: + अहम्।

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आ. वर्णविग्रहं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. दुर्भिक्षम्
  2. रूपाढ्याम्
  3. ध्यानस्थितः
  4. स्वभावकृपणः

उत्तरम् :

  1. दुर्भिक्षम् – द् + उ + र + भ् + इ + क् + ष् + अ + म्।
  2. रूपाढ्याम् – र + ऊ + प् + आ + ढ् + य् + आ + म्।
  3. ध्यानस्थितः – ध् + य् + आ + न् + अ + स् + थ् + इ + त् + अः।
  4. स्वभावकृपणः – स् + व् + अ + भ + आ + व् + अ + क् + ऋ + प् + अ + ग् + अः।

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4. समानार्थकशब्द लिखत।
कृपणः, दुर्भिक्षम्, अश्वः, धेनुः, सुवर्णम्, कुक्कुरः ।

प्रश्न 1.
समानार्थकशब्द लिखत।
कृपणः, दुर्भिक्षम्, अश्वः, धेनुः, सुवर्णम्, कुक्कुरः ।
उत्तरम् :

  • कृपणः – कदर्यः, क्षुद्रः, किम्पचानः।
  • दुर्भिक्षम् – वर्षाभावः।
  • अश्वः – हयः, तुरगः, वाजी, घोटकः।
  • धेनुः – गौः।
  • सुवर्णम् – कनकम्, हेम, काञ्चनम्, हिरण्यम्।
  • कुक्कुरः – सारमेयः, शुनकः, कौलेयकः।

Sanskrit Anand Class 9 Textbook Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम् Additional Important Questions and Answers

उचितं पर्यायं चिनुत ।

प्रश्न 1.
कोऽपि भिक्षुकः ………… स्म।
(अ) प्रतिवसामि
(आ) प्रतिवसति
(इ) प्रत्यवसत्
(ई) प्रत्यवसन्
उत्तरम् :
(आ) प्रतिवसति।

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प्रश्न 2.
कलशः ………… सम्पूरितः?
(अ) जलेन
(आ) धनेन
(इ) सक्तुपिष्टेन
(ई) रूप्यकेण
उत्तरम् :
(इ) सक्तुपिष्टेन।

प्रश्न 3.
भिक्षुक: अजाभिः प्रभूताः ………… ग्रहीष्यति।
(अ) अश्वाः
(आ) धेनूः
(इ) अश्वान्
(ई) महिषी:
उत्तरम् :
(आ) धेनूः

प्रश्न 4.
स्वभावकृपणस्य पुत्रस्य नाम …………।
(अ) सोमदेवः
(आ) विष्णुशर्मा
(इ) सोमशर्मा
(ई) देवदत्तः
उत्तरम् :
(इ) सोमशर्मा

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प्रश्न 5.
कोपाविष्ट: भिक्षुकः काम् अभिधास्यति ?
(अ) सोमशर्माणम्
(आ) अजाम्
(इ) भार्याम्
(ई) बालकम्
उत्तरम् :
(इ) भार्याम्

प्रश्न 6.
स्वप्ने भिक्षुक: कं ताडयिष्यति?
(अ) महिषीम्
(आ) अश्वम्
(इ) अजाम्
(ई) कुक्कुरम्
उत्तरम् :
(ई) कुक्कुरम्

एकवाक्येन उत्तरत।

प्रश्न 1.
यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि कस्य विक्रयणेन भिक्षुक: रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यति?
उत्तरम् :
यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि सक्तुपिष्टेन परिपूर्णघटस्य विक्रयेण रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यति।

प्रश्न 2.
स्वप्ने भिक्षुक: कति अजा: केष्यति?
उत्तरम् :
स्वप्ने भिक्षुक; अजाद्वयं क्रेष्य

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प्रश्न 3.
वडवापसवत: किं भविष्यति?
उत्तरम् :
वडवाप्रसवतः प्रभूताः अश्वाः भविष्यन्ति ।

प्रश्न 4.
भिक्षुकः कीदृशीं कन्याम् इच्छति?
उत्तरम् :
भिक्षुकः प्राप्तवयस्का रूपाझ्या कन्याम् इच्छति।

सत्यं वा असत्यं लिखत।

प्रश्न 1.

  1. भिक्षुकेन भिक्षया प्राप्तेन सक्तुपिष्टेन कलश: सम्पूरितः।
  2. भिक्षुकः भूमौ सुप्तः।
  3. भिक्षुकस्य नाम स्वभावकृपणः आसीत्।
  4. सोमशर्मा अन्धकारात् भीत: भविष्यति।
  5. लगुडप्रहारेण जलेन पूर्णः घट: भग्नः अभवत्।
  6. स्वभावकृपणः स्वप्नमग्नः आसीत् ।
  7. अश्वानां विक्रयणात्पभूतं सुवर्ण प्राप्स्यामि।
  8. स्वभावकृपणस्य पिता सोमशर्मा ।
  9. सुवर्णेन चतुःशालं गृहं सम्पत्स्यते।

उत्तरम् :

  1. सत्यम्
  2. असत्यम्
  3. सत्यम्
  4. असत्यम्
  5. असत्यम्
  6. सत्यम्
  7. सत्यम्
  8. असत्यम्
  9. सत्यम्

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शब्दस्य वर्णविग्रहं कुरुत।

  • कस्मिंश्चित् – क् + अ + स् + म् + इ + न् + श् + च् + ई + त्।
  • सम्पूरितः – स् + अ + म् + प् + ऊ + र + इ + त् + अः।
  • रज्ज्वा – र + अ + ज् + ज् + व् + आ।
  • बद्ध्वा – ब + अ + द् + ध् + व् + आ।
  • प्रसार्य – प् + र + अ + स् + आ + र + य् + अ।
  • मत्समीपम् – म् + अ + त् + स् + अ + म् + ई + प् + अ + म्।
  • कोपाविष्टः – क् + ओ + प् + आ + व् + ई + ष् + ट् + अः।
  • स्वप्नमग्नः – स् + व् + अ + प् + न् + अ + म् + अ + ग् + न् + अः।
  • षाण्मासिक – ष् + आ + ण + म् + आ + स् + इ + क + अ।
  • ग्रहीष्यामि – ग् + र् + अ + ह् + ई + ष् + य् + आ + म् + इ।

प्रवनिर्माणं कुरुत।

प्रश्न 1.

  1. लगुडप्रहारेण: घट: भग्नः अभवत्।
  2. सोमशर्मा कुक्कुरात् भीत: भविष्यति।
  3. अश्वानां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्णं प्राप्स्यामि।

उत्तरम् :

  1. केन घट: भग्नः अभवत्?
  2. सोमशर्मा कस्मात् भीतः भविष्यति?
  3. केषां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्ण प्रास्यामि?

त्वान्त/ल्यबन्त/तुमन्त अव्ययानि।

त्वान्त अव्यय धातु + त्वा / ध्वा / ट्वा / ढ्वा / इत्वा अयित्वा ल्यबन्त अव्यय उपसर्ग + धातु + य / त्य तुमन्त अव्यय   थातु + तुम् / धुम् / टुम् / ढुम् / इतुम् / अयितुम्
बद्ध्वा प्रसार्य
दृष्ट्वा समुत्थाय

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

विभक्त्यन्तरूपाणि।

  • प्रथमा – भिक्षुकः, कलश:, अयम्, परिपूर्णः, घटः, नाम, अहम्, अजा, वडवाः, अश्वाः, धनिकः, पुत्र:, सः, सोमशर्मा, अहम्, कुक्कुरः,सः, घटः, पाण्डुरः, सोमशमपिता, ध्यानस्थितः।
  • द्वितीया – तम्, घटम्, कटम्, धेनूः, महिषी:, सुवर्णम्, गृहम, कन्याम, रूपाढ्याम्, बालकम, भार्याम्, कुक्कुरम्, लगुडप्रहारम्, चिन्ताम्, माम्।
  • तृतीया – तेन, भिक्षया, सक्तुपिष्टेन, विक्रयणेन, रज्ज्वा, अजाभिः, धेनुभिः, महिषीभिः, सुवर्णेन, लगुडेन, प्रहारेण।
  • चतुर्थी – महाम् पझमी – ताभ्याम्
  • पञ्चमी – तस्मात्।
  • षष्ठी – अस्य, तेषाम् , आवयोः, तस्य, मम।
  • सप्तमी – नगरे, नागदन्ते, विषये।

लकारं लिखत।

  • प्रतिवसति – प्रति + वस् धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लट्लकार प्रथमपुरुष: बहुवचनम्।
  • अचिन्तयत् – चिन्त् धातुः दशमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लङ्लकारः प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • प्राप्स्यामि – प्र + आप् धातुः पञ्चमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • वेष्यामि – की धातुः नवमगणः परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • भविष्यति – भू धातुः प्रथमगणः परस्मैपदं लूट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • ग्रहीष्यामि – गृह धातुः नवमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपद लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • दास्यामि – दा धातः प्रथमगण:/तृतीयगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • करिष्यामि – कृ धातुः अष्टमगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • आगमिष्यति – आ + गम् धातुः प्रथमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • अभिधास्यामि – अभि + धा धातु: तृतीयगणः परस्मैपदं लट्ल कार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • श्रोष्यति – शृ धातुः पञ्चमगण: परस्मैपदं लट्लकार: प्रथमपुरुष: एकवचनम्।
  • ताडयिष्यामि – ताधातुः दशमगण: परस्मैपदं लुट्लकार: उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • ब्रवीमि – ब्रूधातुः द्वितीयगण: उभयपदम् अत्र परस्मैपदं लट्लकारः उत्तमपुरुष: एकवचनम्।
  • शेते – शी धातु: द्वितीयगण: आत्मनेपदं लट्लकारः प्रथमपुरुष: एकवचनम्।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

विशेषण-विशेष्य-सम्बन्ध: (स्तम्भमेलनं कुरुत)।

प्रश्न 1.

विशेष्यम् विशेषणम्
1. जानुचलनयोग्यः कन्या
2. चतुःशालम् सोमशर्मा
3. प्राप्तवयस्का गृहम्
4. स्वप्नमग्नः घट:
5. भग्नः चिन्ता
6. अनागतवती भिक्षुकः

उत्तरम् :

विशेष्यम् विशेषणम्
1. जानुचलनयोग्यः सोमशर्मा
2. चतुःशालम् गृहम्
3. प्राप्तवयस्का कन्या
4.  स्वप्नमग्नः भिक्षुकः
5. भग्नः घट:
6. अनागतवती चिन्ता

कः कं वदति।

प्रश्न 1.
“गृह्मण बालकम्”।
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः/ भिक्षुकः भार्या वदति।

उचितं कारणं चित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

प्रश्न 1.
सक्तुपिष्टेन पूर्ण: घट: भग्नः अभवत् यतः……….।
a. स्वप्नमग्न; ध्यानस्थितः भिक्षुक: लगुडप्रहारम् अकरोत्।
b. घट: भूमौ अपतत्।
उत्तरम् :
सक्तुपिष्टेन पूर्ण: घटः भग्नः अभवत् यतः स्वप्नमग्नः ध्यानस्थित : भिक्षुकः लगुडप्रहारम् अकरोत्।

सूचनानुसारं वाक्यपरिवर्तनं कुरुत।

प्रश्न 1.
स: अचिन्तयत्।
(लट्लकारं योजयत।)
उत्तरम् :
स: चिन्तयति।

प्रश्न 2.
घटस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यामि।
(लङ्लकारे परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
घटस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्नवम्।

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प्रश्न 3.
अजाभिः प्रभूताः धेनू: ग्रहीष्यामि।
(बहुवचने परिवर्तयत।)
उत्तरम् :
अजाभिः प्रभूताः धेनूः ग्रहीष्यामः।

प्रश्न 4.
एकदा सोमशर्मा मां दृष्ट्वा मत्समीपम् आगमिष्यति।
(‘त्वान्त’ निष्कासयत।)
उत्तरम् :
एकदा सोमशर्मा मां दर्शविष्यति मत्समीपम् आगमिष्यति च।

प्रश्न 5.
स्वभावकृपणः सः पाण्डुरताम् अगच्छत्।
(‘स्म’ योजयत।)
उत्तरम् :
स्वभावकृपणः सः पाण्डुरतां गच्छति स्म।

समानार्थकशब्द योजयित्वा वाक्यं पुनर्लिखत।

  1. प्रभूता: – वडवाप्रसवतः प्रभूता: अश्वाः भविष्यन्ति। वडवाप्रसवत: बहवः/प्रचुराः अश्वा: भविष्यन्ति।
  2. पूर्णम् – यत्परिपूर्णोऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते। यत्परिसमग्र:/सकल:/अखण्डे ऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते।
  3. शोभनम् – बालस्य रूपं शोभनम् अस्ति। बालस्य रूपं सुन्दरं/रुचिरं/साधु अस्ति।
  4. कृपणः – कस्मिंश्चित् नगरे कश्चित् स्वभावकृपणो नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म ।
    कस्मिंशित् नगरे कश्चित् स्वभावकदर्य:/क्षुद्रः/किंपचान: नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म।

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व्याकरणम् :

शब्दानां पृथक्करणम्

नाम सर्वनाम क्रियापदम् विशेषणम्
स्वभावकृपणः, नगरे, भिक्षया, रज्ज्वा, नागदन्ते, कटम्, सक्तुपिष्टेन, अजा, धेनूः, धेनुभिः, महिषीभिः, वडवाः, भार्याम्, कुक्कुरम्, लगुडेन तेन, तम्, तत्, सः, अयम् अस्यः, अहम्, ताभ्याम्, तेषाम् माम्-मा प्रतिवसति, वर्तते, भवति, अचिन्तयत्, प्राप्स्यामि, भविष्यति, ग्रहीष्यामि, सम्पत्स्यते, दास्यति, करिष्यामि आगमिष्यति, अभिधास्यामि, श्रोष्यति, ताडयिष्यामि, क्रेष्यामि सम्पूरित:, परिपूर्णः, प्रभूताः, प्रभूतम्, रूपाढ्याम्, पाण्डुर:

समासाः।

समस्तपदम् अर्थ: समासविग्रहः समासनाम
स्वभावकृपणः miser by nature स्वभावेन कृपणः। तृतीया तत्पुरुष समास।
कोपाविष्टः overcome by anger कोपेन आविष्टः। तृतीया तत्पुरुष समास।
लगुडप्रहार: blow of a stick लगुडस्य प्रहारः। षष्ठी तत्पुरुष समास।
जानुचलनम् walking by the knees जानुभ्याम् चलनम्। तृतीया तत्पुरुष समास।
सक्तुपिष्टेन with flour of sattu सक्तो : पिष्टं, तेन। षष्ठी तत्पुरुष समास।

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मनोराज्यस्य फलम् Summary in Marathi and English

प्रस्तावना :

भारतात कथाकथनाची परंपरा फार पूर्वीपासून आहे. शर्करावगुण्ठित उपदेश करून सहजपणे एखादे मूल्य पटविण्यासाठी गोष्ट हे प्रभावी माध्यम ठरते. विष्णुशर्मारचित पंचतंत्र या कथा संग्रहात पुढील 5 तंत्रे गोष्टीरूपाने मांडली आहेत.1) मित्रभेदः 2) मित्रसम्प्राप्तिः 3)काकोलुकीयम् 4)लब्धपणरा: 5) अपरीक्षितकारकम्. राजा अमरशक्तीच्या तीन मुलांना नीती व राज्यशास्त्राचे शिक्षण देण्यासाठी, व्यवहारज्ञानात चतुर बनविण्यासाठी विष्णुशर्माने हा ग्रंथ रचला.

विष्णुशर्मा विरचित ‘पंचतंत्र’ या जगप्रसिद्ध कथासंग्रहातील ‘अपरीक्षितकारकम्’ (अविचाराने केलेले काम) या तंत्रावर आधारित प्रस्तुत कथा आहे. आपल्या स्वप्नांच्या पूर्तीसाठी जिद्दीने झटणे आवश्यक असते. केवळ दिवास्वप्न पाहून, न घडलेल्या गोष्टींबद्दल विचार करत राहिल्यास वर्तमानात असलेल्या गोष्टीही हातातून निघून जातात, हा बोध भिक्षुकाच्या या कथेतून मिळतो.

India has a wide history of story literature. Stories have been a very strong and effective method of inculcating moral and ethical things since time immemorial A classical example of this is king Amarshakti whose sons could not be taught by any traditional means.

It uses only when the scholar Vishnusharma took them into this fold and narrated to them stories that could make them proficient in administration. It is these stories which form the basis of the five principles of पञ्चतन्त्र – 1) मित्रभेद: 2) मित्रसम्प्राप्ति: 3) काकोलूकीयम् 4) लब्धप्रणाश: 5) अपरीक्षितकारकम् The present story is taken from the अपरीक्षितकारकम् which deals with the effect of actions done without proper thinking. This story presents to us the ill-effects of daydreaming and building castles in air without proper action to follow it.

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परिच्छेद : 1

कस्मिंश्चित् ………………. शतं प्राप्स्यामि।
कस्मिंश्चित् नगरे कश्चित् स्वभावकृपणो नाम कोऽपि भिक्षुकः प्रतिवसति स्म । तेन भिक्षया प्राप्तेन सक्तुपिष्टेन कलश: सम्पूरितः । तं च घट नागदन्ते रज्ज्वा बद्ध्वा तस्याधस्तात् कटं प्रसार्य सततं तद्विषये चिन्तयन् सः सुप्तः । स: अचिन्तयत् – “यत्परिपूर्णोऽयं घटस्तावत् सक्तुपिष्टेन वर्तते । यदि दुर्भिक्षं भवति तर्हि अस्य विक्रयणेन रूप्यकाणां शतं प्राप्स्यामि ।

अनुवादः

कोण्या एका नगरात कोणी एक स्वभावकृपण नावाचा भिक्षुक राहात असे. त्याने भिक्षा मागून मिळालेल्या सातूच्या पिठाने घडा पूर्ण भरला, आणि (त्याने) त्या घड्याला दोरीने खुंटीवर बांधून त्याच्या खालीच चटई पसरून सतत त्या विषयीच विचार करत तो (तिथे) झोपला. त्याने विचार केला – “हा घडा सातूच्या पिठाने पूर्ण भरलेला आहे. जर दुष्काळ पडला तर याच्या (सातूच्या पीठाच्या) विक्रीतून शंभर रूपये मिळवेन.

In certain city there lived a certain monk named स्वभावकृपण. He filled a pot with the flour of sattu which he obtained as alms. After hanging that pot with a rope to the nail, spreading a mat exactly below it, he fell asleep constantly thinking about it. He thought this pot is filled with sattu flour. If there is a famine, (scarcity of food) I’ll get hundred rupees by selling it.

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परिच्छेद : 2

ततस्तेन ………….. जानुचलनयोग्यः भविष्यति।
ततस्तेन अहम् अजाद्वयं क्रेष्यामि। तत: पाण्मासिक-प्रसववशात् ताभ्यां यूथः भविष्यति। ततोऽजाभिः धेनू: ग्रहीष्यामि, धेनुभिः महिषी:, महिषीभिः वडवाः, वडवाप्रसवतः प्रभूता: अश्वाः भविष्यन्ति । तेषां विक्रयणात्प्रभूतं सुवर्ण प्राप्स्यमि। सुवर्णेन चतु:शालं गृहं सम्पत्स्यते। ततः कश्चित् धनिकः प्राप्तवयस्कां रूपाढ्यां कन्यां मां दास्यति । आवयोः पुत्रः भविष्यति । तस्याहं सोमशमति नाम करिष्यामि । तत: स: जानुचलनयोग्यः भविष्यति।

अनुवादः

त्यानंतर त्यातून मी दोन बकऱ्या विकत घेईन. त्यानंतर सहा महिन्यांनी त्यांच्या प्रजननातून त्यांचा कळप तयार होईल. त्यानंतर पुष्कळ बकऱ्या झाल्यावर गायी विकत घेईन. गाईंनंतर म्हशी, म्हशींनंतर घोड्या, घोड्यांच्या प्रजननातून पुष्कळ घोडे जन्माला येतील. त्यांच्या विक्रीतून पुष्कळ सोने मिळवेन.

त्या सोन्यामुळे चौसोपी घर होईल. तेव्हा कोणी एक धनिक वयात आलेली रूपवती कन्या मला देईल. आम्हां दोघांना मुलगा होईल. त्याचे मी सोमशर्मा असे नाव ठेवेन त्यानंतर तो रांगू लागेल.

Then, with that, I shall buy two goats. Then, after six month of their pro-creation, there will be a flock of them. Then with the goats, I shall get cows, with the cows buffaloes, with the buffaloes, many mares, from many mares there will be many horses.

I shall obtain lots of gold by selling them. With the gold there will be a mansion (four buildings enclosing a quadrangle). Then some rich man will give me his beautiful daughter of marriageable age. Then we will have a son. I will name him as Somasharma. Then he’ll be able crawl on knees.

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परिच्छेद : 3

एकदा सोमशर्मा ………… यया ।।
एकदा सोमशर्मा मां दृष्ट्वा मत्समीपम् आगमिष्यति । ततोऽहं कोपाविष्टः अभिधास्यामि भार्याम्, “गृहाण बालकम्’ इति । साऽपि मम वचनं न श्रोष्यति । तावत्काले कश्चन कुक्कुरं तत्र आगमिष्यति । सोमशर्मा तस्मात् भीतः भविष्यति। ततोऽहं समुत्थाय लगुडेन तं कुक्कुर ताडयिष्यामि।” एवं स्वनमग्नः ध्यानस्थितः सः तथैव लगुडप्रहारम् अकरोत् । तेन लगुडपारेण सक्तुपिष्टेन पूर्णः सः घट: भग्नः अभवत् । स्वभावकृपणः सः पाण्डुरताम् अगच्छत् । अत: ब्रवीमि – अनागतवती चिन्तामसम्भाव्यां करोति यः । स एव पाण्डुर: शेते सोमशर्मपिता यथा ।।

अनुवादः

एकदा सोमशर्मा मला पाहून माझ्याजवळ येईल. तेव्हा रागावलेला मी पत्नीला म्हणेन, “मुलाला घे.” ती सुद्धा माझे बोलणे ऐकणार नाही. त्याचवेळी कोणी एक कुत्रा तेथे येईल. सोमशर्मा त्याला घाबरेल. तेव्हा मी उठून काठीने त्या कुत्र्याला मारेन, अशा प्रकारे स्वप्नात गढून गेल्याने विचारमग्न झालेल्या त्याने तशाच प्रकारे काठीचा प्रहार केला. त्या काठीच्या प्रहाराने सातूच्या पिठाने भरलेला तो घडा फुटला. तो स्वभावकृपण पांढरा झाला.

म्हणून म्हणतो – अद्याप न घडलेल्या गोष्टींची आणि अशक्य गोष्टींची जो उगाचच चिंता करतो (विचार करतो), तो झोपलेल्या सोमशाच्या पित्याप्रमाणेच पांढरा होतो.

Once after seeing me Heref will come to me. Then, I will angrily say to my wife ” Take the boy”. She too will not hear my words. By that time, a certain dog will come there. Somasharma will get scared of it. Then after getting up, I shall hit that dog with a stick.

Thus engrossed in the dream he who was thinking, struck a blow with the stick. Due to the blow of the stick, the pot filled with sattu flour was shattered (broke) and that स्वभावकृपण got all whitened. Hence I tell you, he who sleeps over (worries over) something yet to come, or something impossible, gets whitened (pale) just like Somasharma’s father who was sleeping.

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

सन्धिविग्रहः

  • कश्चित् – क: + चित्।
  • ततस्तेन – ततः + तेन। ततोऽजाभिः – ततः + अजाभिः।
  • तस्याहम् – तस्य + अहम्।
  • विक्रयणात्प्रभूतम् – विक्रयणात् + प्रभूतम्।
  • तावत्काले – तावत् + काले।
  • चिन्तामसम्भाव्याम् – चिन्ताम् + असम्भाव्याम्।
  • साऽपि – सा + अपि।
  • तथैव – तथा + एव।
  • स्वभावकृपणो नाम – स्वभावकृपणः + नाम।
  • कोऽपि – क: + अपि।
  • तद्विषये – तत् + विषये।
  • यत्परिपूर्णोऽयम् – यत् – परिपूर्ण: + अयम्।
  • घटस्तावत् – घटः + तावत् ।
  • कस्मिंचित् – कस्मिन् + चित् ।

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समानार्थकशब्दाः

  • भिक्षुकः – भिक्षुः, परिव्राजकः, परिव्राट्।
  • रज्जुः – गुणः, सूत्रम्।
  • नगरम् – पत्तनम्, पुरी।
  • कलशः – घटः, कुम्भः ।
  • वडवा – अश्वा, वामी।
  • कन्या – तनया, पुत्री, दुहिता।
  • पुत्रः – आत्मजः, सुतः, सुनः।
  • प्रभूताः – बहुलाः, बहवः।

विरुद्धार्थकशब्दाः

  • सुप्तः × जागरितः।
  • पूर्णः × अपूर्णः ।
  • प्रभूताः × स्तोकाः।
  • समीपे × दूरे।

Maharashtra Board Class 9 Sanskrit Anand Solutions Chapter 11 मनोराज्यस्य फलम्

शब्दार्थाः

  1. स्वभावकृपणः – miserly by nature – स्वभावाने कंजूष
  2. सक्तुपिष्टम् – saktu flour – सातूचे पीठ
  3. नागदन्तः – bracket on the wall – खुंटी
  4. दुर्भिक्षम् – famine – दुष्काळ
  5. विक्रयणेन – by selling – विकून
  6. बद्ध्वा – having tied – बांधून
  7. प्रसार्य – having spread – पसरून
  8. अजा – goat – बकरी, शेळी
  9. महिषी – buffalo – म्हैस
  10. वडवा – mare – घोड़ी
  11. अश्वः – horse – घोडा
  12. प्रभूतम् – a lot – पुष्कळ
  13. प्राप्तवयस्का – of proper age – वयात आलेली
  14. जानुचलनयोग्य: – able to crawlon knees – रांगण्यायोग्य
  15. भ्यूथः – flock / shed – समूह, कळप
  16. ‘चतुःशालम् – quadrangle with four building (mansion) – वाडा
  17. मत्समीपम् – near me – माझ्याजवळ
  18. कोपाविष्टः – angry – अतिशय रागावलेला
  19. अभिधास्यामि – I will say – मी बोलेन
  20. गुहाण – you take – तू घे
  21. कुक्कुरः – dog – कुत्रा
  22. समुत्थाय – after getting up – उठून
  23. लगुडेन – with a stick – काठीने
  24. पाण्डुरः – white – पांढरा
  25. अनागतवती – not arrived – न आलेली
  26. असम्भाव्यम् – impossible – अशक्य
  27. शेते – sleeps – झोपतो

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Balbharti Maharashtra State Board Class 5 Hindi Solutions Sulabhbharati Chapter 4 बालिका दिवस Notes, Textbook Exercise Important Questions and Answers.

Maharashtra State Board Class 5 Hindi Sulabhbharati Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

5th Standard Hindi Digest Chapter 4 बालिका दिवस Textbook Questions and Answers

1. पढो, समझो और लिखो:

प्रश्न 1.
पढो, समझो और लिखो:

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

Hindi Sulabhbharati Class 5 Solutions Chapter 4 बालिका दिवस Additional Important Questions and Answers

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

प्रश्न 1.
14 नवम्बर को किस नेता का जन्मदिन मनाया जाता है?
उत्तर:
14 नवम्बर को जवाहरलाल नेहरूजी का जन्मदिन मनाया जाता है।

प्रश्न 2.
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम किस रूप में मनाते हैं?
उत्तर:
जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन को हम बालदिवस के रूप में मनाते हैं।

प्रश्न 3.
शिक्षक दिवस कब आता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस पाँच सितम्बर के दिन आता है।

प्रश्न 4.
‘शिक्षक दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
शिक्षक दिवस’ भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

प्रश्न 5.
आपके आस-पड़ोस में कितने परिवार रहते हैं?
उत्तर:
हमारे आस-पड़ोस में कुल दस परिवार रहते हैं।

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प्रश्न 6.
आपकी कक्षा में कुल कितने विद्यार्थी हैं? उनमें से कितने लड़के और कितनी लड़कियाँ हैं?
उत्तर:
हमारी कक्षा में कुल 30 विद्यार्थी हैं। उनमें से 15 लड़के और 15 लड़कियाँ हैं।

प्रश्न 7.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
एक लड़की के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। (छात्रों के अनुसार प्र. 5 और प्र. 6 के उत्तर अलग – अलग हो सकते हैं।)

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए:

प्रश्न 1.
कक्षा में कौन बहुत तैयार होकर आया है?
उत्तर:
कक्षा में सृष्टि बहुत तैयार होकर आई है।

प्रश्न 2.
‘बालिका दिवस’ किसके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है?
उत्तर:
‘बालिका दिवस’ सावित्री बाई फुले के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।

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प्रश्न 3.
महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका कौन मानी जाती हैं?
उत्तर:
‘सावित्रीबाई फुले’ महाराष्ट्र की प्रथम शिक्षिका मानी जाती हैं।

प्रश्न 4.
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला कहाँ खोली गई?
उत्तर:
लड़कियों के लिए पहली पाठशाला पुणे में खोली गई।

प्रश्न 5.
इस पाठ में किस दिवस की जानकारी है?
उत्तर:
इस पाठ में ‘बालिका दिवस’ की जानकारी है।

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प्रश्न 6.
दूर्वा के घर और कौन-कौन है?
उत्तर:
दूर्वा के घर चाचाजी और बड़े भैया भी हैं।

प्रश्न 7.
सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन बालिका दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है?
उत्तर:
क्योंकि उन्होंने लड़कियों के लिए पहली पाठशाला शुरू की थी।

प्रश्न 8.
किन क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है?
उत्तर:
समाजसेवा, शिक्षा, विज्ञान, संगीत, प्रशासन, शोधकार्य और खेलकूद आदि क्षेत्रों में लड़कियों का योगदान है।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक शब्द में लिखिए:

प्रश्न 1.
तीन जनवरी को कौन – सा दिवस मनाया जाता है?
उत्तर:
बालिका दिवस।

प्रश्न 2.
सावित्रीबाई फुले के पति का नाम बताइए?
उत्तर:
महात्मा ज्योतिबा फुले।

प्रश्न 3.
सभी लड़कियाँ कहाँ जाती हैं?
उत्तर:
पाठशाला।

प्रश्न 4.
हमें स्वावलंबी और सजग कौन बनाती है?
उत्तर:
शिक्षा।

प्रश्न 5.
किसके शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है?
उत्तर:
लड़की।

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प्रश्न 6.
निम्नलिखित दिवस कब मनाए जाते हैं ? लिखिए:

  1. स्वतंत्रता दिवस
  2. गणतंत्र दिवस
  3. बाल दिवस
  4. शिक्षक दिवस
  5. गाँधी जयंती
  6. महिला दिवस
  7. बालिका दिवस
  8. महाराष्ट्र दिवस

उत्तर:

  1. 15 अगस्त
  2. 26 जनवरी
  3. 14 नवम्बर
  4. 5 सितंबर
  5. 2 अक्टूबर
  6. 8 मार्च
  7. 3 जनवरी
  8. 1 मई

किसने किससे कहाः

प्रश्न 1.
आज तो तुम तैयार होकर आई हो।
उत्तर:
दूर्वा ने सृष्टि से कहा।

प्रश्न 2.
“आज तीन जनवरी बालिका दिवस है ना!”
उत्तर:
सृष्टि ने दूर्वा से कहा।

व्याकरण:

प्रश्न 1.
समान अर्थवाले शब्द लिखिए:

  1. दिवस
  2. प्रथम
  3. पाठशाला

उत्तर:

  1. दिन
  2. पहला
  3. विद्यालय

प्रश्न 2.
लिंग बदलिए:

  1. बालक
  2. बहन
  3. पति
  4. शिक्षक
  5. लड़का
  6. माता

उत्तर:

  1. बालिका
  2. भाई
  3. पत्नी
  4. शिक्षिका
  5. लड़की
  6. पिता

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प्रश्न 3.
वचन बदलिए:
1. लड़की
2. बहन
उत्तरः
1. लड़कियाँ
2. बहनें

प्रश्न 4.
विरुद्धार्थी शब्दों की जोड़ियाँ मिलाइए।

(अ) (ब)
1. आज अंत
2. प्रथम दूसरी
3. आगे रात्रि
4. स्वावलंबी कम
5. सजग अशिक्षित
6. शिक्षित निष्क्रिय
7. बहुत परावलंबी
8. दिवस पीछे
9. पहली अंतिम
10. शुरू कल

उत्तरः

(अ) (ब)
1. आज कल
2. प्रथम अंतिम
3. आगे पीछे
4. स्वावलंबी परावलंबी
5. सजग निष्क्रिय
6. शिक्षित अशिक्षित
7. बहुत कम
8. दिवस रात्रि
9. पहली दूसरी
10. शुरू अंत

प्रश्न 10.
उचित जोड़ियाँ मिलाइए:

(अ) (ब)
1. साइना नहवाल (अ) राजनीति
2. इंदिरा गाँधी (आ) नासा वैज्ञानिक
3. कल्पना चावला (इ) महिला राष्ट्रपति
4. प्रतिभा पाटील (उ) राजनीति
5. सोनिया गाँधी (ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी

उत्तरः

(अ) (ब)
1. साइना नहवाल (ऊ) बैडमिन्टन खिलाड़ी
2. इंदिरा गाँधी (उ) राजनीति
3. कल्पना चावला (आ) नासा वैज्ञानिक
4. प्रतिभा पाटील (इ) महिला राष्ट्रपति
5. सोनिया गाँधी (उ) राजनीति

बालिका दिवस Summary in Hindi

पाठ का सारांशः

प्रस्तुत पाठ में लड़कियों की पढ़ाई – लिखाई का महत्त्व बताया गया है। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति के साथ मिलकर लड़कियों की पहली पाठशाला पुणे में शुरू की थी। सावित्रीबाई फुले का जन्मदिन ‘बालिका दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आजकल लड़कियाँ भी पढ़-लिखकर हर क्षेत्र में नाम कमा रही हैं। इसलिए लड़कियों को पढ़ाना चाहिए। लड़का-लड़की दोनों को समान अधिकार मिलने चाहिए। एक लड़की के शिक्षित होने पर पूरा परिवार शिक्षित होता है। इस प्रकार पाठ में शिक्षा का महत्त्व बताया गया है।

Maharashtra Board Class 5 Hindi Solutions Chapter 4 बालिका दिवस

शब्दार्थ:

  1. समाजसेवा – लोगों की सेवा (social work)
  2. शिक्षा – पढ़ाई (education)
  3. प्रशासन – हुकूमत (administration)
  4. शोधकार्य – खोजकार्य (research)
  5. स्वावलंबी – स्वतंत्र (self dependent)
  6. सजग – जागृत, सावधान (alert)
  7. क्षेत्र – विभाग (field)
  8. विज्ञान – (science)